Sex kahani किस्मत का फेर - Page 3 - SexBaba
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Sex kahani किस्मत का फेर

धक्के रोक देने से आँचल का मज़ा बिगड़ जा रहा था तो उसने खुद ही अपनी चूत आगे पीछे करते हुए समीर के लंड को चोदना शुरू कर दिया । आँचल की कामुकता देखकर समीर को भी जोश चढ़ गया । उसने पूरी तेजी से जोरदार धक्के लगाने शुरू कर दिए । आँचल की सिसकारियां उसी तेजी से धक्कों के साथ बढ़ती गयीं । सिसकारियों लेते लेते ही वो बोली ,
"समीर मेरे छोटे भाई !!! हाँ ऐसे ही तेज तेज धक्के लगाते रहो .....आह आह .आआ हहहह ..."



और देखते ही देखते अपने बदन में कंपकपी के साथ वो दूसरी बार कामतृप्त हो गयी । इस बार का ओर्गास्म कुछ ज्यादा ही तेज और देर तक आया था ।पर अभी समीर का पानी नहीं निकला था । वो दोनों हाथ से आँचल की गांड पकड़कर उसकी चूत को पेलता रहा ।कुछ देर बाद समीर को भी लगा कि वो अब झड़ने वाला है । उसने आगे झुककर दोनों हाथों में आँचल की चूचियां पकड़ ली और दोनों चूचियों को मसलने लगा । फिर उसका बदन कांपा और उसके लंड से वीर्य निकलकर आँचल की चूत में गिरने लगा । थककर वो आँचल की पीठ में ही पस्त हो गया ।
दोनों भाई बहन जी भरकर कामतृप्त हो चुके थे ।

कुछ पलों बाद जब उसकी सांस लौटी तब वो आँचल के बदन से अलग हुआ । उसका लंड आँचल की चूत से बाहर निकल आया । चूत से वीर्य और चूतरस का मिला जुला जूस बाहर निकलकर आँचल की टांगों में बहने लगा ।



आँचल मुस्कुरायी और समीर की तरफ मुड़कर थोड़ा झुकी फिर दोनों हाथों में समीर का लंड पकड़कर उसको चूमा। फिर खड़े होकर समीर के गले में बाहें डालकर समीर के होठों पर एक जोरदार चुम्बन दिया ।

"थैंक यू मेरे भाई !! तुमने मेरा सपना पूरा कर दिया। "

"थैंक्स मुझे नहीं , रिया को कहना आँचल । उसी की वजह से आज मैं तुम्हारा बॉयफ्रेंड हूँ । "

"मेरा भाई , मेरा बॉयफ्रेंड। " आँचल के दमकते चेहरे पर अब सुख की मुस्कान थी ।

भाई बहन की इस पहली चुदाई के चक्कर में उनके कॉलेज जाने का वक़्त निकल चुका था । पर उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं थी ।

जब घर में इतना सुख मिल रहा हो तो कॉलेज जाके करना भी क्या था ।

शाम को जब समीर मार्केट से घर वापस आया तो आँचल टीवी देख रही थी । समीर भी सोफे पर बैठ गया और आँचल के हाथ से रिमोट लेकर चैनल बदलने लगा। इस वक़्त सारे चूतियापे के प्रोग्राम आ रहे थे इसलिए जल्दी ही वो बोर हो गया ।और आँचल को रिमोट पकड़ा दिया । जितनी देर तक वो चैनल बदलने में लगा था , आँचल TV स्क्रीन की बजाय उसी को देख रही थी । जब समीर ने उसे रिमोट पकड़ा दिया तो उसने रिमोट को टेबल पर रख दिया और खुद समीर से जांघें सटा कर बैठ गयी और उसके कंधे पर अपना सर रख दिया । समीर ने उसके कंधे पर अपनी बांह रख दी ।

कुछ देर बाद आँचल ने अपनी एक टाँग उठाकर समीर की जांघों के ऊपर डाल दी और उसके गले में बाँहें डालकर अपनी आँखें बंद करके होंठ गोल करके आगे को बढ़ाये । समीर ने अपना हाथ उसके सर के पीछे लगाकर अपने होंठ आँचल के होठों पर रख दिये और फिर उन दोनों भाई बहन की चुम्माचाटी शुरू हो गयी ।दोनों एक दूसरे के मुंह में जीभ घुसा घुसाकर , जीभ से ही ब्रश करने लगे ।

आँचल के निप्पल खड़े होकर तन गए । अब वो समीर की गोद में बैठ गयी और अपनी तनी हुई चूचियां समीर की छाती में गड़ा के फिर से चुम्बन चालू कर दिया । अपने शॉर्ट्स के नीचे उसको समीर का खड़ा होता लंड चुभता सा महसूस हुआ । अब उसने अपनी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही समीर के लंड के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया । उसे अपनी पैंटी गीली होती महसूस हुई । दोनों को बहुत मज़ा आरहा था तभी आँचल के फ़ोन की घंटी बज उठी । थोड़ी देर तक तो आँचल नहीं उठी । लेकिन फिर उठना ही पड़ा । दौड़कर अपने कमरे में फ़ोन रिसीव करने चली गयी ।

फ़ोन उठाया तो उस तरफ रिया थी ,
" आज कॉलेज क्यों नहीं आयी ।"

" अरे यार आज कुछ सर दर्द सा था , मूड नहीं हुआ कॉलेज जाने का ।"

रिया ने फ़ोन रखा नहीं अपनी दोस्त से किट - पिट करती रही तब तक समीर का खड़ा होता लंड बैठ गया और आँचल के तने निप्पल मुरझा गये । "






रात में आँचल किचन में डिनर की तैयारी कर रही थी । समीर किचन के दरवाजे पर हाथ बांध के खड़ा हो गया और अपने कंधे दरवाजे पर टिका लिये । खाना बनाती हुई आँचल को निहारने लगा । अपने भाई को अपनी ख़ूबसूरती निहारते देखकर आँचल मन ही मन ख़ुश हुई । फिर समीर की तरफ देखकर बोली ,

"मेरे भाई, मैंने तुम्हारे लिये स्पेशल डिनर बनाया है । जितना ज्यादा खा सकते हो , खा लेना । आज रात तुम्हें बहुत एनर्जी की जरुरत पड़ने वाली है ।"

अपनी बहन की कामुक बातें सुनकर समीर का लंड नींद से उठ गया । वो आँचल के पीछे गांड से चिपक के आलिंगन करते हुए आँचल का चुम्बन लेने लगा ।
" तुम्हारे लिये मेरे पास पहले से ही बहुत एनर्जी है आँचल । अगर तुमने मुझे एक्स्ट्रा एनर्जी दे दी तो फिर तुम मुझे झेल नहीं पाओगी और फिर एक हफ्ते तक बेड से उठ नहीं सकोगी , और अगर उठ भी गयी तो लंगड़ा लंगड़ा के चलोगी ।"
जोर से ठहाका लगाते हुए समीर बोला ।

उसकी इस गुस्ताखी पर , आँचल ने अपने निचले होंठ को दातों में दबाते हुए , समीर के पेट में अपनी कोहनी मार दी ।

30 दिन बाद :

शाम को समीर घर लौटा तो आँचल घर पर नहीं थी वो अपने फ्रेंड्स के साथ शॉपिंग करने गयी थी । जब वो वापिस आयी तो पाया कि समीर टीवी देख रहा था ।
आँचल ने काले रंग की ड्रेस पहनी थी जो उसकी मांसल जांघों के सिर्फ ऊपरी भाग को ढक रही थी । समीर ने उसको देख कर होंठ गोल करके सिटी बजायी ।
“आँचल , इस ड्रेस में तुम कितनी सेक्सी लग रही हो ! ये ड्रेस तुम्हारे बदन से बिलकुल चिपकी हुई है और ढकने के बजाये तुम्हारे खूबसूरत जिस्म के सारे उभारों और कटावों को दिखा रही है । "
अपनी तारीफ सुनकर आँचल ने शरारती मुस्कान के साथ समीर के सामने एक चक्कर गोल घूमकर हर तरफ से उसको ड्रेस में अपना बदन दिखाया । फिर समीर के पास आकर उसको अपने आलिंगन में भर लिया और अपनी बड़ी बड़ी चूचियां समीर की छाती में दबा दी । अपने रसीले कामुक होंठ समीर के होठों पर रख दिये । दोनों भाई बहन एक दूसरे का चुम्बन लेने लगे और एक दूसरे के मुंह में जीभ घुमाने लगे ।
समीर चुम्बन लेते हुए ही अपने हाथ नीचे ले जाकर आँचल की बड़ी लेकिन मक्खन जैसी मुलायम गांड को अपने हाथों में दबाकर मसलने लगा । फिर ड्रेस के अंदर हाथ घुसाकर गांड की दरार के बीच से आँचल की मखमली चूत के होठों को सहलाने लगा । आँचल थोड़ा और समीर से चिपक गयी ।

" तुम्हें मालूम है समीर , आज हमारे इस नए रिश्ते को एक महीना पूरा हो गया है । "

"अच्छा ! तब तो कुछ सेलिब्रेशन होना चाहिए । बताओ आज अपने बॉयफ्रेंड को क्या गिफ्ट देने वाली हो। "
आँचल के खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हाथों के बीच प्यार से पकड़कर समीर बोला ।
आँचल कुछ पल सोचती रही । फिर अचानक वो समीर से अलग होकर उसकी तरफ पीठ करके कुछ दूर खड़ी हो गयी । थोड़ा कमर झुकाकर समीर की तरफ अपनी गांड बाहर को निकालकर धीरे धीरे से अपनी ड्रेस ऊपर को उठाने लगी । अंदर उसने मैचिंग कलर की काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी । जिसमें पीछे से सिर्फ एक पतली डोरी थी और दोनों नितम्ब खुले हुए नग्न थे । फिर मादक मुस्कान बिखेरते हुए बोली ,
“ आज रात ये तोहफा , तुम्हारे लिये समीर !!! “





उस मक्खन जैसी मुलायम , बड़ी गांड को देखकर समीर होठों पर जीभ फिराते हुए मुस्कुराया ,
"आज रात मुझे बहुत मज़ा आने वाला है आँचल, कसम से !!! "




THE END
 
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