Sex kamukta मस्तानी ताई - Page 2 - SexBaba
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Sex kamukta मस्तानी ताई

खैर में जब स्टोर रूम में आया तो उन्होने कहा के उपर के शेल्फ से बाटी(डाल बाटी ईज़ आ डिश फ्रॉम राजस्थान) का कुक्कर उतार दे, ईवन आइ वाज़ इन हाफ स्लीप सो डिन चेक व्हाट शी वाज़ डूयिंग आंड व्हेरे शी वाज़ स्टॅंडिंग आंड ऑल, आफ्टर गिविंग हर टू कुक्कर आइ वेंट टू गेट फ्रेश, आफ्टर सम टाइम शी सेड तुम क्या कर रहे हो मेने कहा कुछ नही शी सेड मुझे ताउजी को मालिश करने जाना है, खाना चढ़ा दिया है थोड़ी देर में रेडी हो जाएगा, वो मालिश करके नीचे आई और फिर हमने खाना खाया और बातें करने लगे, मेने उन्हे चोदने के लिए बेताब हो रहा था, इतने में लाइट चली गयी, थोड़ी देर बार पता चला के सिर्फ़ हमारी लाइट गयी है, मेने ताइजी से कहा फ्यूज़ कहाँ लगा है ज़रा बताओ तो चेक करे, उन्होने ने टॉर्च उठाई और बोला आजा, वो आगे थी और में पीछे था, अंधेरा काफ़ी होने से कुछ नही दिखाए दे रहा था, फिर हम जहाँ फ्यूज़ चेक करना था उस जगह पे आगाये, ताइजी मेरे आगे खड़ी थी, फिर मेने उन्हे लाइट वहाँ दिखाने को कहा उन्होने फ्यूज़ पे लाइट गिराई, मेने खोल के देखा तो फ्यूज़ उड़ गया था, मेने वहाँ साइड में पड़ी तार से वापस बाँध लिया पर तभी मेने महसूस किया के मेरा लंड खड़ा हो रहा है, देखा तो ताइजी अपनी गांद घिस रही थी उस पर, फिर में उनकी चूत पे सारी के उपर से हाथ घुमाने लगा और ब्लाउस के उपर से चुचियाँ भी दबाने लगा, वो भी बोहत गरम हो चुकी थी, पहली बार ऐसा हुआ के हमने एक दूसरे से कुछ नही बोला काफ़ी देर तक औ रेज़ ही एक दूसरे की बॉडी को फील करते रहे, फिर मेने उनके ब्लाउस के हुक खोल दिए और पीछे से ब्रा का हुक भी खोल दिया और उनकी चुचियों को आज़ाद कर दिया, अब मेने उनकी सारी उपर उठाने लगा और कमर तक उसे चढ़ा दिया और उनकी पॅंटी भी उतार दी, ताइजी भी शायद मेरा ऐसा रूप देख के चौक गयी होंगी, अब में बिना कुछ फोरप्ले किए उन्हे चोदने का मॅन बना चुक्का था, मेने अपनी पॅंट की ज़िप खोली और मेरे तने हुए लंड को बाहर निकाला और ताइजी को हल्का सा झुकाते हुए लंड उनकी चूत के मुँह पे रख दिया, वो कुछ समझ पाती उसका उन्हे समय ही नही मिला, उनकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी, मेने लंड को उनकी चूत में पुश किया और जैसे ही मेरे लंड का सूपड़ा अंदर गया उनके मूह से हल्की सी चीख निकल गयी और मेने अपना हाथ उनके मूह पे रखा और एक ही झटके में पूरा लंड अंडर डाल दिया, वो छटपटाने लगी उन्होने मेरे हाथ को भी काट लिया, जब वो थोड़ी शांत हुई तो मेने लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, वो सिसकिया ले रही थी और बढ़ाए जा रही थी, ऊऊहह माआआआआआआअ मॅर गाइिईईईईईईईईईईईई तेरााआ लुंद्द्द्द्द्द्दद्ड तो बोहतत्तटटटटतत्त बड़ाआाआआआ हाईईईईई मेरी जान निकल दीईईईईईइ, आआआआ ऊऊऊऊऊऊऊहह उउउउउउउउईईईईईइ माआआआआअ चोद बेटा अपनी ताइजी को जम कर चोद, प्यास बुझा दे इस चूत की, तेरे ताउजी के कुछ करते ही नही, तू ही बुझा दे प्यासस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआआअहह, में उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और पीछे से ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था, ठप ठप की आवाज़ आती जब भी में लंड अंडर डालता, वो पागल हुई जा रही थी, में उनके बूब्स को बोहत ज़ोर से दबा रहा था वो कह रही थी, आआआआररररमम्म्ममम सीईए कार्रर्र्र्ररर, पर में सुन ने के मूड में नही था, और में उन्हे ज़ोर ज़ोर से चोद्ता रहा, वो 2 बार झाड़ चुकी थी, और मुझसे मरी आवाज़ में कहने लगी बेटा अब पैरो में जान नही है, मेने उन्हे वहीं लिटा दिया और उनकी दोनो टांगे अपने शोल्डर पे रखके झटके मारने लगा, वो दर्द और मज़े के मारे सिस्केये जा रही थी, ऊऊऊहह आआआआआआआअ और्र्र्र्र्र्र्र्ररर जोर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर से छोद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड आआआआअहह मजाआाआआआ आगय्ाआआआ, फिर मेने उनके लिप्स पे अपने लिप्स रख दिए और उनके शोल्डर्स के नीचे से हाथ ले जाते हुए उन्हे टाइट पकड़ लिया अब में ऑलमोस्ट अपना लंड बाहर निकालता और पूरा का पूरा एक साथ में डाल देता, वो अब ग्रोन कर रही थी, उनके मूह से आवाज़ निकल रही थी, और उस छोटे से कमरे में आवाज़ उनकी गूँज रही थी, में झड़ने वाला था, और मेने बड़े बड़े और लंबे लंबे झटके लगाने शुरू कर दिए और जब में झड़ने वाला था तब मेरे मूह से पहली बार आवाज़ निकली ऊहह ताइजीीइईईईईईईईईई में झड़ने वाला हूँ, वो मुझे बोली अंडर ही निकाल दे बेटा, भर दे मेरी चूत को अपने पानी से, फिर में झाड़ गया, और शायद में जिंदेगी में पहले इतना कभी झाड़ा नही था, में और ताइजी पूरे पसीने में भीग गये थे, में उनके उपर लेट गया हम दोनो में से कोई कुछ नही बोला और ऐसे ही एक दूसरे की बाँहो में पड़े रहे कुछ देर बाद हम उठे और अपने कपड़े ठीक किए और फ्यूज़ लगा के लाइट चालू की और वहाँ से निकल गये,
हम दोनोने हाथ पाँव धोए और अपने अपने कमरो में सोने चले गये,


सुबेह जब उठा तो देखा दीदी(सुजाता) घर का काम कर रही थी, और पूजा अपने दोस्त के यहाँ पढ़ने चली गयी थी, मेने दीदी से पूछा के ताइजी कहाँ है, तो उन्होने बताया के वो खेत में गयी है अभी आती ही होंगी, में फ्रेश हुआ और दीदी ने मुझे नाश्ता दिया, मेरा नाश्ता शुरू ही हुआ था के ताइजी खेतों से लौट आई, वो उस समय मुझसे ना बात कर रही थी ना नज़रे मिला रही थी, में उनके ऐसे व्यवहार से परेशान होगया, उन्होने अपने हाथ पाँव धोए और मेरे पास पड़ी खाट पे आके बैठ गयी, जब दीदी किसी काम से किचन के अंडर गयी, तो ताइजी मुझसे कहने लगी, आछे से खाले बेटा आगे बोहत मेहनत करनी है तुझे, उनके चेहरे पे एक शरारत भरी मुस्कान थी, मेरी जान में जान आई, मेने कहा ताइजी में तो काम करने के लिए हमेशा तैयार हूँ आप बस मौका दीजिए, और उनकी तरफ देख के मुस्कुराने लगा, वो बोली मौका तो देना पड़ेगा तूने कल इतना अछा काम जो किया है, फिर दीदी आई और हमारे पास बैठ के बात करने लगी, दीदी ने ताइजी से पूछा सब ठीक है ना खेतों पे, ताइजी बोली सब ठीक तो है पर भोला मिला नही था अभी शाम में जाउन्गि फिर से, में समझ गया के शाम में शायद मौका मिलेगा ताइजी को चोदने का, फिर वो मुझसे बोली के तू भी चलना मेरे साथ, मेने कहा जी ताइजी, फिर दीदी ने ताइजी को कहा के मा मेरी एक सहेली अभी कुछ देर में आएगी मुझसे मिलने, तो ताइजी ने पूछा क्या हुआ तो वो बोली ऐसी ही मिलने आ रही है, फिर कुछ देर बाद दीदी की दोस्त आ गई, में बाहर ही बैठा था, दीदी उनको लेकर अपने रूम में चली गयी, ताइजी किचन में थी, मेने सोचा ताइजी के साथ थोड़ी मस्ती ही कर लूँ, में किचन में चला गया, ताइजी प्लॅटफॉर्म के पास खड़ी थी और सब्जिया काट रही थी, ताइजी के घर का किचन बोहत बड़ा था और चारों तरफ से प्लॅटफॉर्म था, बस एक साइड से ही खुला था आने जाने के लिए, ताइजी ने मुझे आते हुए नही देखा और मेने उन्हे पीछे से जाके पकड़ लिया, वो एक दम से डर गयी, और मेरी तरफ देख के मुझे मारने लगी(प्यार से) नालयक तूने तो मुझे डरा ही दिया, और तू यह क्या कर रहा है, सुजाता और उसकी सहेली हैं घर में अगर वो देख लेंगी तो अनर्थ हो जाएगा, मेने कहा ताइजी कंट्रोल ही नही हो रहा था क्या करू, में उनकी गांद पे अपना लंड घिस रहा था और बात कर रहा था, वो बोली बेटा कोई देख लेगा, वो भी अपनी गांद मेरे लंड पे घिस रही थी और बात कर रही थी, वो मेरी बाहों से निकल ना तो नही चाहती थी पर किसी के देख लेना का डर खाए जा रहा था, ताइजी अपनी गांद घिसते हुई कहती रही छोड़ दे बेटा कोई आजाएगा, पर में नही मान रहा था, अचानक दीदी की आवाज़ आई शायद वो किचन की तरफ ही आरही थी, और अगर मुझे वो ताइजी के पीछे खड़ा देख लेती तो गजब हो जाता, ताइजी भी घबरा गयी, में नीचे बैठ गया, अब ताइजी प्लॅटफॉर्म पे सपोर्ट लेके खड़ी हुई थी और में नीचे बैठा हुआ था, में बिना आवाज़ किए वहीं बैठा रहा, दीदी और उनकी सहेली आई और ताइजी से कहने लगी के मा में कुछ देर में आती हूँ, ताइजी ने बिना कुछ पूछे कहा ठीक है, मेरे शैतान दिमाग़ में एक ख़याल आया के क्यूँ ना ताइजी को तडपया जाए, और जब ताइजी भी थोड़ी शांत हुई तो में एक हाथ उनकी टांगो पे सारी के उपर से घुमा ने लगा, वो घबरा गयी, और बचने के प्रयास करती रही, पर वो जानती थी के वो कुछ नही बोल सकती थी, मेने अपना हाथ सारी के अंडर डाला और उनकी झंघों पे घुमाने लगा, वो कुछ नही बोल पा रही थी, और अपनी टाँगो के बीच मेरा हाथ दबाने के कोशिश कर रही थी, फिर ताइजी ने मुझे देखा और आँख दिखाते हुआ कहा नहीई बेटा, यहाँ नही कोई देख लेगा, मेने कहा मुझे तुम्हारा रस पीना है, वो बोली धात पागल, मेने कहा मुझे अभी ही चाहिए, फिर मेने हाथ उनकी पॅंटी पे रख दिया उनकी चूत गरम थी और शायद ताइजी भी गरम होगयि थी, उनकी चूत के हिस्से वाला पॅंटी का भाग गीला था, में उनकी पॅंटी के उपर से चूत पे हाथ घुमाने लगा, मेने कहा तुम्हारी पॅंटी गीली हो गयी है, वो धीमी आवाज़ में बोली, अब तेरा जैसा लौंडा मुझे च्छुएगा तो क्या गरम नही होंगी क्या, फिर में दोनो हाथ सारी में डालके उनकी पॅंटी नीचे खिचने लगा, उन्होने मेरा हाथ को रोक दिया, और कहने लगी बेटा मेरे राज यहाँ कोई आजाएगा तो तकलीफ़ हो जाएगी, शाम में खेत मे चलना और जितना मर्ज़ी मेरी चूत का रस पी लेना, अभी छोड़ दे, मेरा राजा बेटा, मेने कहा मुझे तो अभी और यहीं पीना है, फिर वो दूसरी जगह जाके के खड़ी हो गयी, में वहाँ जाके उनके नीचे बैठ गया, जहाँ वो खड़ी थी उस प्लॅटफॉर्म के नीचे शेल्फ नही था, शायद गॅस सिलिंडर रखते होंगे, में समझ गया के ताइजी यहाँ क्यूँ आई है, मेने उनकी सारी और पेटीकोत उठाया और अपना सर अंडर डाल दिया, ओह्ह दोस्तों क्या बताउ उनके पेटीकोत के अंडर ताइजी की चूत रस की सुगंध फैली हुई थी, मेरा लंड एक दम टाइट हो गया, अब अगर कोई आता तो उससे लगता के ताइजी काम कर रही है, और मुझे जल्दी देख भी नही पाता, में ताइजी की चूत पनटी के उपर से चाटने लगा, वो भी मस्त हो गयी थी, और धीरे धीरे बोल रही थी ऊऊऊहह बेटा मात्तत्त करूऊओ मुझसीईई कॉंटरोल्ल्ल्ल नहियिइ होगाआअ, फिर मेने उनकी पॅंटी खिच के उतार दी, और अब उनकी चूत मेरी आँखों के सामने थी,
 
मेने अपनी जीभ उनकी चूत पे घुमाई तो उन्होने ज़ोर से सिसकिया लेना शुरू कर दिया, वो अपना बॅलेन्स शायद प्लॅटफॉर्म पे बनाए खड़ी थी, उनकी टांगे थोड़ी चौड़ी होगयि थी, फिर में उनकी चूत चाटने लगा, वो कहने लगी रुक्ककक जाओ बएटााअ इधेर मात्त्ततत्त करूऊ कोइइ आअजेगाआअ, में नही रुका और उनकी चूत में जीभ अंडर बाहर करने लगा, उनकी टांगे पूरी पसीने से गीली हो गई थी, और शायद उन्हे बोहत पसीना भी आरहा होगा, वो सारी के उपर से मेरे सर को पकड़ के उनकी चूत में घुसाने लगी, इतने में दीदी की आवाज़ आई, ताइजी घबरा गयी और कहने लगी सुजाता आराही है, जाओ यहाँ से, मेने सारी के अंडर से ही कह दिया के में कहीं नही जा रहा हूँ, दीदी किचन में आगाई, और ताइजी को देखकर पूछा मा क्या बात है, आपकी तबीयत तो ठीक है ना??, आपको इतना पसीना क्यूँ आरहा है, ताइजी हड़बड़ते हुए बोली स्साब ठीक है बेटा, आज गर्मम्मी बोहत है ना इसलिए, वो वहीं बैठी रही कुछ देर तक, मेने अपना काम चालू रखा, और मेने ताइजी की चूत चाटना जारी रखा, वो पागल हुई जा रही थी, मेरी जीभ उनकी चूत को मज़े दे रही थी, और सामने बेटी होने की वजह से वो खुल के मज़ा भी नही ले पा रही थी, फिर मेने उनकी चूत में उंगली डाली और अंडर बाहर करने लगा, उनके मूह से उउउइइ माआअ निकल गया, दीदी ने पूछा क्या हुआ, वो बोली शायद चीटी ने काटा है, फिर कुछ देर बाद जब दीदी चली गयी तो उन्होने अपनी सारी उठाई, और मेरे कान ज़ोर से पकड़े और कहने लगी एक नंबर का नालयक है तू, में पसीने से भीग गया था और ताइजी की चूत का रस मेरे पूरे मूह पे पड़ा हुआ था, मेने उन्हे नीचे झुकाया और उनके होंठों को किस किया, उन्होने भी भरपूर साथ दिया और अपनी जीभ मेरे मूह में डाल के घुमाने लगी, उनके मूह से म्‍म्म्मम उउम्म्म्म क आवाज़ आराही थी, फिर उन्होने मुझसे अपने आप को छुड़ाया, और किचन से चली गयी, फिर दोपेहेर में खाना खाया, और ताइजी जान बूझकर बाहर ही सोई क्यूँ की वो जानती थी अगर वो कहीं अकेले मिलती तो में उन्हे पक्का परेशान करता और इन सब में पकड़े जाने का ख़तरा भी था, मुझे कब नींद आगाई पता नही चला, शाम में उठा तो दीदी घर का काम कर रही थी, मेने दीदी से पूछा ताइजी कहाँ है तो वो बोली वो तो अभी अभी खेत पे गयी है, और आपको बुलाया है, में तुरंत हाथ मूह धोके खेतों की ओर चल पड़ा, जब में पंप हाउस के उधेर पोह्चा तो देखा ताइजी भोला और पार्वती बैठ के बात कर रहे थे, में भी वहीं जाके बैठ गया, ताइजी ने मुझे देख के एक मस्ती वाली स्माइल दी, में समझ गया वो भी इतनी ही बेताब है, कुछ देर बाद उन्होने मुझसे कहा के चलो घर चलते हैं, में निराश हो गया, ताइजी ने गुलाबी रंग की सारी पहनी हुई थी, और आज उन्होने सारी कुछ ज़्यादा ही नीचे बाँधी हुई थी, वो बोहत सेक्सी लग रही थी, खैर हम घर की ओर चलने लगे, हम दोनो साथ साथ चल रहे थे, जब हम पंप हाउस से थोड़ा दूर आगाए तो मेने ताइजी की गांद पे हाथ रख दिया, उन्होने मेरी तरफ देखा और कहा सबर नही है तुम में, मेने कहा आप के जैसा माल हो तो सबर किसे रहेगा, वो मेरे मूह से माल शब्द सुन के चौक गयी, और कहने लगी नालयक तुझे शरम नही आई मुझे माल कहते हुए, मेने कहा माल को तो माल ही कहेंगे ना ताइजी, और बातें करते हुए भी में उनकी गांद पे हाथ घुमा रहा था, वो बोली छोड़ दे कोई देख लेगा, मेने उनकी गांद ज़ोर से दबाई और कहा ऐसे कैसे छोड़ दूं, वो बोली थोड़ा सबर रखो सब होगा, हम घर आगाये, दीदी खाना बना चुकी थी, हमने हाथ पाँव धोए और खाना खाने बैठ गये, खाना खाने बाद, दीदी अपने रूम में चली गयी, ताइजी ने कहा में भी तेरे ताउजी की मालिश करने जा रही हूँ, मेने कहा में भी चलता हूँ, वो बोली जैसी तेरी मर्ज़ी, अब हम ताउजी के रूम में आ गये, ताउजी जाग रहे थे, मेने उन्हे देख के प्रणाम किया, और वहाँ बैठ गया, ताइजी ने ताउजी को दवाई दी और उनकी मालिश करने लगी,
दोस्तो ताई जी के साथ सुहागरात अब जल्दी ही होने वाली है आगे के पार्ट पढ़ते रहिए आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः................
 
गतान्क से आगे...............

ताइजी की गांद मेरी तरफ थी, पहले उन्होने हाथ और कंधे की मालिश की, तब वो मुझसे थोड़ा दूर थी, पर जब वो ताउजी के पाँव के पास आई तो वो मुझसे कुछ 1-2 फीट की दूरी पे थी, मेरा उनकी गांद देख के लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया, मेने अपनी कुर्सी थोड़ी आगे की, आप सब को बता दूं में बेड के एंड पे जहाँ ताउजी के पाँव थे वहाँ बैठा था, और जब ताइजी उनके पाँव की ओर मालिश करने आई तो ताउजी डाइरेक्ट मुझे नही देख सकते थे क्यूँ कि ताइजी के शरीर बीच में था, खैर मेने उनकी गांद पे हाथ रखा तो वो घबरा गयी और धीमी आवाज़ में कहने लगी, नही बेटा यहाँ नही तेरे ताउजी जाग रहे हैं, मेने भी धीरे से कहा के वो मुझे देख नही पाएँगे क्यूँ के में आपके पीछे हूँ, वो कुछ ना बोली और ताउजी के पाँव पे मालिश करने लगी, और में उनकी गांद पे हाथ घुमा रहा था, तो कभी दबा रहा था, मुझे यह सब ताउजी के मौजूदगी में करने में बड़ा थ्रिल आ रहा था, और ताइजी भी बिना कुछ बोले अपनी गांद के मज़े मुझे दे रही थी, कुछ देर में ताइजी ने मालिश कर ली और ताउजी भी सो चुके थे, जब हम रूम से निकले तो उन्होने मुझे चुटकी काटी और कहा कहीं भी शुरू हो जाता है, मेने कहा तो आप कुछ करने कहाँ देते हो, वो बोली बुद्धू सही मौका तो आने दे, और फिर मुझे कहा जा के सो जा, मेने कहा मुझे नींद नही आएगी, वो बोली आजाएगी, और मुझे अपने रूम में जबर्जस्ति भेज दिया, में अपने रूम में गया और निराश होके सो गया, सुबेह में उठा तो देखा भोला और पार्वती काम कर रहे थे, मेने उनसे पूछा के ताइजी और दीदी कहाँ है, तो उन्होने बताया एक वो दोनो खेत में गयी है, में फॉरन तैयार हुआ और खेतों में पोहच् गया, जब में वहाँ पोह्चा तो देखा के दोनो कपड़े धो रही थी, ताइजी ने मुझे देखा और कहा आज जल्दी उठ गया मेने कहा रात ठीक से नींद नही आई, तब दीदी ने कहा के भाय्या तबीयत तो ठीक है ना, मेने कहा हां ठीक है, ताइजी ने दीदी से कहा तू जाके घर पे खाने की तैयारी कर में बचे हुए कपड़े धो के आती हूँ और अगर मदद की ज़रूरत हुई तो इससे(यानी में) करवा लूँगी, दीदी कहने लगी मा खाने में तो अभी बोहत समय है में कर लूँगी, और वो कपड़े धो ने लगी मेने ताइजी की ओर इशारा किया और कहा इसे यहाँ से भागाओ, तभी ताइजी ने दीदी से कहा के बेटा तू कपड़े धो तब तक में इसके साथ जुआर वाले खेत देख के आती हूँ फिर सब साथ में ही घर चलेंगे, दीदी ने कहा ठीक है मा, में और ताइजी जुआर के खेत की ओर बाद चले और जैसे ही हम जुआर के खेत के थोडा बीच में आए मेने उन्हे पीछे से पकड़ लिया और उनकी गर्देन और कंधो पे किस करने लगा, वो पीछे मूडी और कहने लगी तू बड़ा बेसबरा है, मेने कहा ताइजी कल रात से मेरा बुरा हाल , अब हम बात भी कर रहे थे और में ताइजी की चुचियाँ भी दबा रहा था, पहली बार हम लोग एक दूसरे को देख के यह सब कर रहे थे, वो सिसकिया ले रही थी और कहने लगी के तुझे क्या में इतनी पसंद हूँ,


मेने कहा ताइजी तुमसे सेक्सी औरत मेने आज तक देखी नही, उन्हे यह सुन के बड़ा मज़ा आरहा था, अब उन्होने पॅंट के उपर से मेरे लंड पे हाथ घुमाना शुरू कर दिया और कहने लगी के यह तो तेरी उमर से बोहत बड़ा है, उस रात मेरी जान निकाल दी थी इसने, मेने ताइजी के ब्लाउस के सारे हुक खोल दिए और उनकी नंगी चुचियाँ मेरे सामने थी, उनका कलर गोरा था और चुचि का निपल ब्राउन कलर का था, में उनके दोनो बूब्स को अपने हाथों में मसल रहा था, और ताइजी सिसकिया ले के कह रही थी हां बेटा और दबाओ इससे आह मज़ा आरहा है, ऊओह अयाया और ज़ोर से और ज़ोर से, फिर मेने ताइजी की चुचियों से अपने हाथ हटाए अपनी पॅंट और अंडरवेर निकाल कर खड़ा हो गया, वो मेरा लंड देख के बोली हाई राम तेरा लंड कितना बड़ा है, मेने उनके सर को पकड़ा और नीचे की तरफ जाने का इशारा दिया वो समझ गयी, अब में सिर्फ़ टी शर्ट में था और वो सिर्फ़ पेटिकोट में, उन्होने पहले मेरे लंड को उपर से नीचे तक देखा फिर उसका सूपड़ा अपने मूह में लिया और उसे चूसने लगी, धीरे धीरे वो मेरा पूरा लंड अपने मूह में लेके उसे चूसने लगी और हाथ से उसकी मूठ भी मारने लगी, में सातवे आसमान पर था, मेरा मूह से ऊऊओ ताइजीीीइ अया बड़ा माअजाअ आरहा है क्या खुब्ब्ब्ब चुस्ती हूओ तूमम्म्म आआहह, फिर उन्होने मेरे बॉल्स से खेलना शुरू कर दिया और मेरा लंड भी चूसे जा रही थी, और ताइजी ने मुझे इतनी अछा ब्लोवजोब दिया के बता नही सकता आप लोगों को, फिर वो खड़ी हुई और कहने लगी के चल अब मेरा पेटिकोट खोल, मेने पेटिकोट का नाडा खोला और उसे ढीला किया तो वो नीचे आगेया, मेने भी अपना टी शर्ट निकाला और उसे भी पास पड़े ईक पत्थर पे रख दिया, मेने देखा ताइजी ने पॅंटी नही पहनी हुई थी, मेने पूछा ताइजी क्या बात है आज पॅंटी नही पहनी, तो वो कहने लगी के तुझे तकलीफ़ ना हो इसलिए नही पहनी अब से नही पहनुँगी, तू जब चाहे तब मेरी चूत का रस पी लेना, मेने उनके होंठों पे किस किया, उन्होने भी मेरा भर पूर साथ दिया, उनके होंठ एक दम सॉफ्ट गुलाब की पंखुड़ी जैसे थे और रसीले भी, मेने अपनी जीभ उनके मूह में घुसा दी और उन्होने उसे भी चूसना शुरू कर दिया, उनके मूह का टेस्ट बोहत मजेदार था, किस के दौरान मेरे हाथों की उंगली ताइजी की चूत की सैर कर रही थी, उनकी चूत भट्टी की तरह गरम थी और जैसे ही मेने अपनी उंगली उनकी चूत में डाली वो ग्रावं करने लगी और मेरे किस को और जोरदार तरीके से रेस्पन्द करने लगी, हमम्म्म उउम्म्म्ममम हूऊऊऊ ह्ह्न्न्न्न्न्न, फिर उन्होने अपने मूह से मेरे मूह को अलग किया और कहा बेटा अब और नही सहा जाता प्ल्स मुझे चोद दो, मेने कहा मेरी जान इसीलिए तो आया हूँ ना, ताइजी ज़मीन पे कुछ पत्ते वगेरा बिछा के सो गयी, मेने देखा ताइजी की चूत एक दम गीली हो चुकी थी और ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे लंड को पुकार रही थी, फिर में घुटनो के बल बैठ गया उनकी झंघों के पास, में अपना लंड ताइजी की चूत पे घिस रहा था और वो सिसक रही थी और कहने लगी, ओह मेराअ रजाआ बेटेयाआया, अब और माआत्त तडप्पाआओ, आपनियीयी ताईईइजीीीइ को जल्दी से चोद्द्द्द दे, 2 दिन से तुंईए इस्काआ पनीइ रुकनईए नही दियाअ अपनी हाअररकातों सी, और आब्ब्ब्ब चुदवाने के लिए लेटीइ हुन्न्ञन् तो नाअटक काअरर रहाआ हाई, मुझे ताइजी के मूह से ऐसी बातें सुन के माजा आरहा था, फिर मेने अपने लंड का सूपड़ा उनकी चूत में डाला, ताइजी तो जैसे स्वर्ग में आगयी हो ऐसी भाव दे रही थी, ओह्ह्ह बेयेटया पूराअ दालोन्ना आआहह, तूमम्म्ममहारा लुंदड़ड़ किठनाआ सखत्ट मॉटाा और लंबाआ है, फिर धीरे धीरे मेने अपना लंड उनकी चूत में उतार दिया, ओह्ह्ह क्या बताउ दोस्तों मेरा लंड उनकी गरम चूत के अंडर जाते ही मेरे शरीर में एक अजीब से कपकपि मच गयी, ताइजी इतने ज़्यादा हॉट थी के वो अपनी चूत की दीवारों से मेरे लंड को अंडर दबोचे जा रही थी, अब में धीरे धीरे अंडर बाहर करने लगा, ऑश क्याअ मजाअ आरहाआ था, मेइनी ताइजी से पूछा कैसा लग रहा है, वो बोलीई ओह्ह रजाआ मेरा बेटा कित्न्न्ना अछा चोद्ता हाईईइ, ओह्ह्ह्ह उउउउइम्म्म्मा कितने सालों बाद मेरि चूत को लुंद्ड़द्ड कीइ शांट्त्तिईइ मिल्ल्ल्ल्ल रहियिइ हाीइ, हाआँ बेटा औरर्र अंडर करूऊ, औरर्र ज़ोर सीए चोदो अपणीईिइ ताइजीीइई को, मेने कहाआ आह मेरि जाअँ आब्ब्ब यहह लुंद्ड़द्ड आइससिईईइ शाइयियी तुझीई मजीए देगाआ, ऑश क्य्ाआ मस्त चीकककनिी चुतटत्त हाईईईई तेरीई, आआहह ऐसाआ लग रहा हाईईईई मेराअ लुंद्ड़द्ड टेरिइइ चुतटत्त कििई गर्ममिईिइ पिघल जाएगाआ, आआहह अब में उनकी चुचियाँ चूस भी रहा था, और लगता धीरे धीरे झटके मारे जाअ रहा था, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, और अपनी गांद उठा उठा के चुदवा रही थी, ठप ठप ठप की आवाज़ आअरही थी, फिर वो कहने लगी, बेटा ज़ोर से करो में छूटने वाली हूँ, और मेने स्पीड बढ़ा दी, अब में भी झाड़ने वाला था इसलिए में भी तेज़ी से चोदे जा रहा था, मेने बोहत ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने शुरू कर दिए, ताइजी के मूह सी उूउउइइमाआ आआहह बड़ा माआजाअ आअरहाा हाइईइ औरर्र तेजज़्ज़्ज करूऊ, अब तो में तुम्हाअरए लंड सीए अप्नीइ चुट्त्त की प्याअस बुझाओउननगिइइई आआअहह, और वो नीचे से उछल उछल के मेरे झटको का साथ दे रही थी..में भी झाड़ने वाला था, मेने ताइजी सी कााआहहाअ ताइजीीीइ मेंन्न्न् आअरहहा हूँ, और वो बोली, आअहह मेरे अंडर ही निकलल्ल्ल नाअ और तेज और तेज उमाआ कितना माअजाअ आरहहाअ हाईईइ, ऊओह औरर्र तेजज्ज़ तेजज्ज़, और्र्रर फिर मैं झाड़ गया, मेरे लंड से पिचकारी बंद ही नही हो रही थी .में ऐसे ही ताइजी के उपर लेट गया, वो भी थक गयी थी क्यूँ कि वो भी 2 बार झाड़ चुकी थी . फिर कुछ देर बाद हम खड़े हुए और अपने आप को साफ कर के कपड़े पहने और पंप हाउस की तरफ आ गये, दीदी ने तब तक सारे कपड़े धो लिए थे, और वो हमारा इंतज़ार कर रही थी फिर हम तीनो घर आ गये,
 
जब हम घर पोहचे तो भोला और पार्वती ने सारा काम कर रखा था, और पार्वती ने खाना भी बना दिया था, हमने हाथ मूह धोया और खाना खाने बैठ गये, हमारा खाना ख़तम हुआ था के पापा मम्मी आ गये, में उन्हे देख के बड़ा खुश हुआ, वो भी मुझे देख के बोहत खुश हुए, वो कहीं शादी में आए थे और सोचा लौट ते वक़्तहमसे मिल लेंगे, हम लोग सब बैठ के बात कर रहे थे, तभी पापा ने ताइजी से पूछा के यह नालयक आप लोगों का ख़याल तो रखता है ना?????? ताइजी बोली भैया यह बोहत मदद करता है और इसके होते मुझे किसी चीज़ की कोई तकलीफ़ नही है, उन्होने चुपके से मुझे आँख भी मार दी, फिर पापा ने बताया दीदी के लिए एक रिश्ता आया है, फिर उन्होने लड़के और लड़के के खानदान के बारे में बताया, और ताइजी से पूछा अगर आप कहें तो में उन्हे बुला लेता हूँ, ताइजी यह सुन कर बड़ा खुश हुई और पापा का धन्यवाद करने लगी, फिर उन्होने कहा लड़के वाले जब चाहे तब सुजाता को देखने आसाकते हैं, फिर मा और ताइजी अंडर चली गयी और पापा और में इधेर उधेर की बात करने लगे, फिर मेने पूछा पापा से के कितने दिनो की छुट्टी पे आए हो तो वो बोले कल सुबेह हम चले जाएँगे, फिर उन्होने कहा पर शायद तेरी मा कुछ दिन रुके यहाँ पे, में यह सुन कर सोचने लगा के अगले कुछ दिन ताइजी को चोद पाना मुश्किल है, खैर बातें करते करते शाम हो गयी, मेने ताइजी को उपर छत पे जाते देखा, मुझे फिर मस्ती सूझी और में उनके पीछे उपर छत पे चला गया, शाम का टाइम था अंधेरा भी छाने को था, ताइजीने उपर कुछ पापद वगेरा सुखाए थे वो ले रही थी, मेने उन्हे पीछे से पकड़ लिया और उनके नेक पे किस करने लगा, वो बोली नालयक तू सुधरेगा नही कहीं भी शुरू हो जाता है, कहीं तेरे मम्मी पापा ने देख लिया तो तेरे साथ साथ मेरी भी पिटाई और बदनामी हो जाएगी छोड़ मुझे छोड़, मेने कहा में नही छोड़ूँगा, वो बोली छोड़ दे बेटा, अब में उनसे बात भी कर रहा था और उनकी चुचियाँ भी दबा रहा था, वो कसमसा भी रही थी और कहने लगी कोई आजाएगा बेटा छोड़ दे, क्यूँ तंग कर रहा है, मेने कहा कब दोगि, तो वो बोली क्या, मेने कहा चोदने, वो बोले जैसे ही मौका मिलता है वैसे ही, अब छ्चोड़ दे बेटा, फिर मेने उन्हे छोड़ दिया और वहाँ से चला गया, रात को हम सब ने खाना खाया और फिर पापा मेरे रूम में आके सो गये, मा ताइजी के साथ ही सोने चली गयी, मुझे रात भर नींद नही आई और ऐसे ही रात काट गयी जब सुबेह आँख खुली तो देखा के पापा घर जाने को तैयार थे, मा उनके साथ नही जा रही थी, मेरी नज़रे ताइजी को ढूंड रही थी, में फ्रेश होके नीचे आया फिर हमने चाइ पी, चाइ पीने के बाद पापा ने बाइ कहा और चले गये, मा ताइजी और दीदी घर के काम जूट गयी, ताइजी ने फिर मा से कहा तुम ज़रा घर का काम देख लो और में राज के साथ खेत का काम देख के आती हूँ, में बड़ा खुश हुआ और खुशी से मेरा लंड तन गया था, ताइजी ने मेरी तरफ देखा एक नॉटी स्माइल दी और खेतों के लिए चलने के लिए तैयारी करने लगी, मा ने कहा आप चलिए काम ख़तम करके में भी वहीं आती हूँ, मेने सोचा मा क्यूँ आना चाहती है, खैर हम जब घर से थोड़ा दूर पोहचे तो मेने ताइजी से कहा के आज इतना मेहेरबान कैसे हो गयी आप, सामने से खेत चलने की बात की, वो बोली चाहती तो में भी हूँ के हमेशा तेरे साथ ही रहू पर घर का भी तो देखना पड़ता है, उन्होने नीले रंग की सारी पहन रखी थी और वो एक दम सेक्सी लग रही थी, हमलॉग पंप हाउस पे आगाये, वहाँ भोला और पार्वती दोनो ही काम कर रहे थे, हम देख के दोनो ने नमस्ते किया और फिर ताइजी ने भोला से कहा के तुम जाके जो खेत हमने किराए पे दिए हैं उसके पैसे ले आओ, यानी वसूली कर के आओ, और कहने लगी के में आम के बगीचे इसे यानी मुझे दिखा के आती हूँ, पार्वती अपने काम में फिर से लग गयी, और हम आम के बगीचे की तरफ बाद चले कुछ देर चलने के बाद मुझे काफ़ी सारे आम के पेड़ दिखे तो मेने ताइजी से कहा के क्या यही है हमारा आम का बाग वो बोली हां, फिर हम थोड़ा और अंडर आगाए, जब मेने चारों ओर देखा तो कोई भी नही था, मेने तुरंत ताइजी को अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठों को उनके होंठों पे रख दिया, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, और मेरे मूह में अपनी जीभ दे के किस का आनंद ले रही थी, मेरे हाथ सारी के उपर से उनकी गांद दबा रहे थे, वो पागल हुए जा रही थी कहने लगी के तेरे आने से पहले तक मेने अपने आप को समझा लिया था के मेरी सेक्स लाइफ ख़तम होगयि है पर अब देख क्या होगया है मुझे, मुझे तेरे जिस्म की गर्मी और महेक बोहत पसंद है, हम दोनो एक दूसरे के आगोश में खोगये, और एक दूसरे को गर्देन, गाल, माथे और होंठों पे पागलों की तरह किस कर रहे थे, फिर ताइजी ने एक पेड़ दिखाते हुए कहा चलो वहाँ चलते हैं, वो पेड़ काफ़ी बड़ा था, फिर ताइजी ने कहा के देख बेटा आज कपड़े नही उतरना क्यूँ कि यहाँ रखने की कोई जगह नही है, और अगर कहीं कपड़े मिट्टी लगने से खराब होगये तो क्या बताउन्गी, मेने कहा तो फिर आप घोड़ी बन जाओ में पीछे से डालूँगा, वो बोली जैसा तुझे अछा लगे, पर फिर मेने कहा दूध तो पिलाओ पहले, वरना ताक़त कहाँ से आएगी, वो बोली बोहत बदमाश है तू, फिर उन्होने ब्लाउस के नीचे के 3 हुक खोले और अपने दोनो बूब बाहर निकाल लिए और मुझे कहने लगी ले पी ले दूध, और फिर उन्होने मेरा सर पकड़ा और अपने लेफ्ट बूब पे लगा दिया, में उसे चूसने लगा, और दूसरे बूब को दबाने लगा, ताइजी सिसीकिया लेने लगी, और कहने लगी, ऑश बेटा कितना अछा लग रहा है, तेरे हाथों में दंम है और तेरे साथ तो कोई भी औरत खुश रहेगी, हम दोनो यह सब खड़े खड़े ही कर रहे थे, फिर में उनके दूसरे बूब को चूस रहा था, और एक हाथ मेने उनकी सारी उठाते हुए उसके अंडर डाल दिया और पॅंटी के उपर से चूत को सहलाने लगा, ताइजी का हाथ मेरे सर पे था और वो ऊओह आअहह, क्यूँ तडपा रहा है, चल अब्ब जल्दी कर्नाआ, मेने ताइजी के बात मानते हुए उन्हे कहा के तुम पेड़ का सहारा ले लो और थोडा झुक के खड़ी हो जाओ, फिर वो झुक के खड़ी हो गयी मेने उनकी सारी और पेटिकोट को उठाया और कमर के उपर तक रख दिया, अब उनकी काले रंग की पॅंटी मेरी आँखों के सामने थी, में पहले तो अपने घुटनो पे आया और फिर पॅंटी को दोनो हाथों से पकड़ के नीचे उतारने लगा, जब उनकी पॅंटी उतारी तो उनकी चूत से एक प्यारी सी खुश्बू आरहि थी, मेने पहले उनकी पॅंटी निकाल के साइड में रख दी, और फिर में ताइजी की गांद के छेद को देखने लगा, मुझे अचानक उनकी चूत से गांद मारने का मॅन कर रहा था, मेने उसे सूँघा ओह्ह्ह्ह क्या बताउ दोस्तों कितना मज़ा आया,
 
मेरा लंड पॅंट में तबाही मचा रहा था, ताइजी ने पूछा पीछे मूड के क्या कर रहा है, जल्दी करना कोई आजाएगा, मेने कहा मुझे तुम्हारी गांद और चूत चटनी है, वो बोली अभी नही बेटा अभी कोई भी आसाकता है, अभी तो जल्दी चोद ले में तुझे पक्का गांद और चूत दोनो चाटने दूँगी, ताइजी लंड के लिए फड़फदा रही थी, वो कहने लगी बोहत जल्द मेने कहा आज ही, तो वो बोली तू नही मानेगा आज ही दूँगी, बस अब चल जल्दी कर, फिर में ताइजी के पीछे जाके खड़ा हुआ और फिर मेने अपना लंड पॅंट से निकाला और ताइजी की चूत के द्वार पे रखा, वो मचल रही थी, कहने लगी अब क्यूँ तडपा रहा है डाल देना, मेने लंड का टोपा उनकी चूत में घुसाया, शायद ताइजी मुझसे ज़्यादा गरम थी उस दिन, उन्होने अपने आप को पीछे की तरफ किया और आधे से ज़्यादा लंड अपनी चूत में ले लिया, फिर मेने ताइजी की कमर को कस के पकड़ा और फिर ज़ोर लगाते हुए पूरा लंड अंडर डाल दिया, ताइजी को मज़ा आगेया, कहने लगी आआहह सुबेह से इसके लिए चूत में खुजली हो रही थी, अब जाके शांति मिली है, और खुद अपनी गांद आगे पीछे करने लगी, मेने कहा आज तो आप बोहत गरम हो रही हो, और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा, वो कहने लगी, हां बेटा आज सुबेह से ही मेरा चुदवाने का बड़ा मॅन कर रहा था, और अपनी गांद पीछे की तरफ किया जा रही थी, में थोड़ा झुक के उनकी चुचियों को मसल ने लगा, वो दर्द से कराह रही थी, हाईईइ राम्म्म्म यह ऐसाआ मीठा दर्द हाइईइ, जिसके लिए में कब से तरस रही थी, ओह्ह्ह बेटा और ज़ोर से मस्लो इन्हे और खूब ज़ोर से चोदो मुझे, अहह उ माआ आअहह माजाअ आअरहाा हाइईइ, में भी लंबे लंबे झटके लगा रहा था, वो भी मस्त होके अपनी गांद मेरे लंड पे दे रही थी, ठप ठप की आवाज़ आराही थी, फिर मेने अपने हाथ उनके बूब्स पे से हटाए और उनकी कमर पे रख के ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा, और फिर धीरे धीरे में अपने एक हाथ की उंगली, ताइजी के गांद के छेद के पास ले आया, वो मस्त होके चुदवा रही थी, फिर मैने अपनी उंगली को मूह में डाल के गीला किया और उसे ताइजी की गांद के छेद पे घुमाने लगा, वो मस्ती से कहने लगी, हाइईइ यह क्याअ कर रहाआ हाई, उसके शरीर में जैसे करेंट दौड़ रहा हो, मेने कहा ताइजी आप की गांद के छेद पे बड़ा प्यार आरहा है, वो कहने लगी, मुझे पता था तू, मेरिइइ गाअंड माआरने की बात ज़रुरर्रर करेगाआ, और मेने अपने झटकके तेज कर, दिए, अब मेरी भी साँस फूलने लगी थी, मेने कहा ताइजीीीइ अब तुम्हारी गांड्ड़ड़ है ही इतनी मस्त, में क्या कोई भी माअर्र्र्दद्द इसस्स मारणईए के लिए टाऐियाअर हूओ जाईएगाअ, ऐसा कहते हुए मेने वो उंगली उनकी गांद में डाल दी, ताइजी को कुछ समझ नही आया, कहने लगी बीएशाराअम अभी मारने की बात कर र्राहा था और इत्ट्त्त्नी देर मेंन्न्न् उंगलीइीइ भीईिइ डाअलल्ल्ल दी, ऑश माआ दर्र्द्द्द हो राआहाआ हाीइ जाअराअ धीरे करणाआअ, मेने उंगली उनके छेद से निकाली, और पहले उसे सूँघाआअ, ऊहह क्याअ खुश्ब्ुऊ आरहिी तही, ताइजी यह देखक्ी बोलीइी, हाईईइ तुझीए मेंन्न इतनीी पसंदड़ हुन्न्न क्याअ, मेने झटके लगाते हुए कहा ताइजीी आप तो मेरी रानीइ हो, मेने फिर से वो उंगली उनकी गांद के छेद में डाल दी, और धीरे धीरे अंडर बाहर करने लगा, हालाकी उंगली पूरी नही गयी थी, पर में ताइजी के साथ जबारजस्ति नही करना चाहता था, वो पागलों की तरह अपनी गांद मेरे लंड पे मारे जा रही थी, और कहने लगी,,, हाईईइ बेटाअ मजाआ आगय्ाआ, आअहह ऊओह उूउउइइमाआ किटन्न्न्नाआ आनाँद्दद्ड आअरहहा, ठप्प्प ठप्प ठप्प्प आवाज़ आराही थी, वो कहने लगी, हां बेटा में झड़ने वालिइीई हुन्न्न, औरर्र तेज और्र तेजज्ज़ कारूव, मेने छेद से उंगली निकाल्ल्ल के उनकी कमर को कस के पकड़ा और तेज झटके मारने लगा, वो बेकाबू हुए जा रही थी, और कह रही थी, हाआंणन्न् आआओउउर्र्रर जोर्र्र सीए आआआझहह मज़ाआअ आगय्ाआअ हाां, वाहह क्याअ चोद्ताआ हाईईइ, में भी झाड़ने वाला था,, मेने अपनी स्पीड और बढ़ा दी, और ताइजी झाड़ गयी, उनकी चूत की दीवाल मेरे लंड को दबा रही थी,, वो बस अपनी गांद हिला हिला के मज़े ले रही थी, मेने भी 2-3 लंबे लंबे झटके दिए, और झाड़ गया, उनकी चूत ने मेरे पानी को लंड को दबाकर पूरा निकल लिया, मेने शायद 5 से 6 पिचकारी छोड़ी होगी, वो कहे जा रही थी, हाआँ भर दे अपना सारा पानी मेरी चूत में, हाऐईयइ माअजाअ आगायाअ, में वैसे ही उनपे वजन देके थोड़ी देर खड़ा रहा, फिर जब जान में जान आई तो अपने लंड को साफ किया उनकी सारी के पल्लू से, और कपड़े पहन लिए, ताइजी ने भी सारी ठीक की और मेरे गाल पे प्यार से थप्पड़ मारा उनकी सारी से लंड पोछने के लिए, और कहने लगी तुझे और कुछ नही मिला साफ़ करने क्को, मेने कहा अगर मेरे लंड की याद आए तो इसे देख और सूंघ लेना, वो बोली चल बदमाश, और हम वहाँ से चल पड़े, पंप हाउस पे आए, हाथ मूह धोया, पानी पिया और घर की ओर चले गये

क्रमशः................
 
गतान्क से आगे...............

फिर अपने शरीर की प्यास बुझा के में और ताइजी घर की ओर चल पड़े, घर जा के देखा तो मा और दीदी हमारा खाने के लिए इंतज़ार कर रही थी, हम वहाँ पोहचे हाथ मूह धोया और खाना खाने बैठ गये, खाना खाने के बाद मुझे बड़ी नींद आराही थी, में अपने रूम में सोने चले गया, और बिस्तर पे जाके लेट गया, में ताइजी की गांद मारने के ख़याल से ही बेताब हुआ जा रहा था, मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, में उसे पॅंट के उपर से सहलाने लगा, अब में ताइजी की गांद चाटने के लिए और मारने के लिए तड़प रहा था, मेने अपना लंड बाहर निकाला और उसे सहलाने लगा, मुझे फिर किसी के आने की आवाज़ आई तो मेने तुरंत अपना लंड अंडर किया, और सोने का नाटक करने लगा, देखा तो मा आई थी रूम में, उन्होने मुझे आवाज़ दी बेटा सो गया क्या, मेने नींद में होने का बहाना करते हुआ कहा, कहो मा क्या बात है, वो बोली कुछ नही देख रही थी के सोया के नही, में पलंग पे सोया था, और मा नीचे चटाई बिछा के लेट गयी, वो लेटे लेटे पूछने लगी, के बेटा तुझे यहाँ अछा लगता है के नही, मेने ऐसे दिखाया के में यहाँ उनके और पापा के कहने से रुका हूँ और मुझे यहाँ रुकने में कोई इंटेरेस्ट नही है, में और मा एक दूसरे को देखे बिना ही बात कर रहे थे, तभी मेने साइड की करवट ली और मा की तरफ मुड़ा, और जैसे ही मुड़ा में उन्हे देखता ही रह गया, मा का पल्लू सरक गया था, और उनके बड़े बड़े बूब्स ब्लाउस से बाहर आने के लिए तड़प रहे थे, मुझे एक पल के लिए समझ ही नही आया के क्या हो रहा है, मुझे बड़ा अजीब लगा और अपने आप पे गुस्सा भी आया के में अपनी ही मा के बूब्स देख रहा हूँ, खैर में फिर सीधा होके सो गया और सोचने लगा के किस तरह से मेरी ज़िंदेगी पूरी तरह बदल गयी है गाओं आते ही, और अब मुझे चोदने के सिवाय और कुछ नही सूझ रहा है, पहले तो अपनी ताइजी और आज अपनी मा के बूब्स भी देख लिए, मा इन सब बातों से अंजान थी और वैसे ही लेटे हुए मुझसे बात कर रही थी, मेने बोहत कोशिश की पर अपना ध्यान मा के बूब्स से नही हटा पाया, इसी कशमश में मेरे आँख लग गयी, फिर कुछ देर बाद जब रूम में आवाज़ हुई तो मेरी आँख खुल गयी, मा अपने बॅग में सामान निकल कर कपबोर्ड में रख रही थी, मा की पीठ मेरी तरफ थी, में मा की तरफ गौर से देखा तो पाया के मा का शरीर गथिला था, और वो ताइजी से ज़्यादा फिट भी थी, मा की गांद गोल और भरी हुई थी और चुचियाँ भी बड़ी बड़ी थी, वो अपने काम में लगी हुई थी और में उनकी गांद का नज़ारा कर रहा था, मुझे बोहत अजीब भी लग रहा था और दूसरी तरफ ऐसा करने से मज़ा भी आरहा था, में अपने आप को मा की तरफ देखने से रोक नही पाया इसीलिए में वहाँ से बाहर चले गया, मेने महसूस किया के इन सब ख़यालों से मेरा लंड खड़ा हो रहा था, मेने नीचे आते ही ताइजी को ढूँढा, पर वो कहीं गयी हुई थी, में खेतों की तरफ निकल पड़ा ताकि अपना ध्यान मा की ओर से हटा सकूँ, चलते चलते में पंप हाउस तक पोहच् गया, मेने देखा के पार्वती कपड़े धो रही है, में वहीं खड़ा हो के देखने लगा, उसने अब तक मुझे नही देखा था, में उसे देखने लगा, उसने अपनी सारी घुटनो के उपर तक उठा रखी थी और पल्ला भी ठीक नही था, वो दिखने में इतनी सुंदर नही थी और थोड़ी पतली भी थी, गांद और चुचियाँ भी मा और ताइजी जितनी नही थी, में इतना चूत का पागल हो गया था के मुझे ठीक सी देखने वाली काम वाली की भी चूत चाहिए थी, कुछ दिन पहले मुंबई में अछी अछी लड़कियाँ छोड़ड़ दी थी और अब यहाँ साला गाओं की काम वाली भी मस्त लग रही थी, में कुछ देर खड़ा होके देखने लगा उसका कलर सावला था, वो जब भी कपड़ो पे धोका मारती तो उसकी गांद पीछे से उँची हो जाती, और उसके चुचियाँ घुटनो से दब के बाहर आने की कोशिश करती थी, मेरा बड़ा बुरा हाल था, मुझे चूत किसी भी कीमत पे चाहिए थी, मेने कुछ आवाज़ की, तो उसका ध्यान मेरी तरफ गया, उसने मुझे नमस्ते किया और अपना काम करने लगी, मेरे वहाँ होने पे भी उसने अपने कपड़े ठीक नही किए, वैसे एक बात बताउ दोस्तों गाओं की औरतें बड़ी तेज होती है, में भी बेशरम होके वहीं उसके आगे खड़ा होगया और यहाँ वहाँ देखने लगा, अब में उसके सामने खड़ा हुआ था तो उसकी झांघों के बीच का हिस्सा भी दिख रहा था,
 
उसने शायद सफेद रंग की पॅंटी पहनी थी, उसने मुझे अपनी चूत की तरफ देख ते देख लिया था, पर उसने कोई रिक्षन नही दिया और अपना काम करने लगी, मेरा मॅन कर रहा था साली को वहीं कपड़े धोते हुए ही चोद दूं, मेने उसे पूछा के भोला कहाँ है तो वो कहने लगी के वो किसी काम से बाहर गये हैं शाम तक आजाएँगे, उसने कहा साहेब आप दिन में इतनी धूप में बाहर क्यूँ आए, मेने कहा ऐसे ही, वो बोली आप अंडर रूम में जाके बैठिए में पानी लाती हूँ, में अंडर चले गया, और खाट पे बैठ गया, कुछ देर बाद पार्वती अंडर आई और मटके में से ग्लास पानी भर के मुझे दिया, जब वो मेरे सामने ग्लास दे रही थी तो मेने देखा उसके ब्लाउस के बीच के 2 हुक टूटे हुए है और उसकी सफेद रंग की ब्रा भी दिख रही थी और थोड़ा हिस्सा चुचि का भी दिख रहा था, पल्लू ठीक ना होने की वजह से तो पहले ही उसकी चुचि की लकीर दिख रही थी, अब यह देख मेरा लंड पॅंट में उच्छल ने लगा, मेने सोचा क्यूँ ना इसके उपर ही हाथ सॉफ कर लिया जाए, मेने उससे कहा के तुम्हारा काम हो गया वो बोली हाँ साहेब होगया है बस कपड़े सुखाने हैं, उसने पूछा कोई काम है क्या मेने कहा हां, तो वो बोली में कपड़े सूखा के आती हूँ, में खाट पे लेट गया और उसके आने का इंतज़ार करने लगा, वो मुझे उसके मालिक की तरह ही ट्रीट कर रही थी, कुछ देर बाद वो कपड़े सूखा के आई तो उसने पूछा क्या काम है साहेब, मेने उसके तरफ देखा और कहा तुम तो पूरी गीली हो चुकी हो, वो कहने लगी हां साहेब वो धुले हुए कपड़े कंधे पे रखे तो थोड़ा पानी गिर गया, मेने कहा मेरे पाँव बोहत दर्द कर रहे हैं ज़रा दबा दो, वो बोली साहेब आप जवान आदमी हो और भोला भी घर पे नही है, अगर किसी ने देख लिया तो बिना बात के बदनामी हो जाएगी, मेने कहा भोला तुम कह रही हो शाम को आएगा तो किस बात की चिंता है, चलो दबाओ पाँव वो बोली ठीक है, अब वो मेरे पाँव के पास आके नीचे बैठ गयी और मेरे पाँव दबाने लगी, उसके हाथ शायद काम करने की वजह से सख़्त हो गये थे, मुझे उसके हाथ का स्पर्श अछा लग रहा था, मेने बातों बातों में उससे कहा तुम्हारे हाथ में तो बोहत दम है, वो बोली साहेब काम बोहत हो जाता है इसी वजह से ऐसे हो गये हैं, वो मेरे घुटनो के नीचे का हिस्सा ही दबा रही थी, और अब वो जब झुकती तो उसके चुचियाँ मुझे सॉफ नज़र आती, मेने उससे कहा ज़रा उपर भी दबा दो, वो नीचे बैठे ही घुटनो के उपर दबाने लगी मुझे उसमे मज़ा नही आरहा था, मेने उससे कहा तुम खाट पेर बैठ कर दबाओ ऐसे आछे से नही दबा पा रही हो, वो कुछ बोली नही और खाट पे आके बैठ गयी, मेने सोचा क्यूँ ना इससे सिड्यूस किया जाए, मेने उससे पूछा के शादी को कितना समय होगया वो बोली 4 साल, मेने कहा तो तुम्हारे बच्चे कहाँ है, तो उसकी आँखों में आँसू आगाये, में समझ गया के बात क्या है, वो कहने लगी के उससे बच्चा नही हो पा रहा है, और सब लोग उसे बांझ कह के बुलाते हैं, उसे यह नही पता था के किस की वजह से नही होरहा है, मतलब भोला की वजह से या उसकी वजह से, मेने कहा तो क्या तुमने डॉक्टर से जाँच करवाई तो उसने कहा नही, पर उसे लगता था के उसकी वजह से ही बच्चा नही पा रहा है, फिर मेने उससे कहा के तुम डॉक्टर से जाँच कारवओ पता चल जाएगा के तुम सच में बांझ हो के भोला में तकलीफ़ है, वो बोली उसे इस जाँच के बारे में कुछ नही पता, मेने कहा मुझे मालूम है, वो बोली अगर आप मेरी जाँच डॉक्टर से करवा दे तो बोहत मेहेरबानी होगी, मेने कहा उसके लिए शहेर जाना होगा और पैसे भी लगेंगे, वो बोली साहेब मेरे पास पैसे तो नही है, मेने कहा वो में दे दूँगा पर उसके बदले में मुझे क्या मिलेगा, वो बोली साहेब में ग़रीब हूँ आप को पैसे कहाँ से दे सकती हूँ, मेने कहा पैसे कौन माँग रहा है, और मेने हिम्मत कर के कह दिया के मुझे तो तुम में इंटेरेस्ट है, वो सुन के एक दम चौक गयी और मेरी तरफ देखने लगी, मेने कहा क्या हुआ, वो बोली आपको शरम नही आती मुझसे इस तरीके की बातें करते हुए, मेने कहा सोच लो, इलाज के पैसे तो दूँगा उसके इलावा और भी पैसे दूँगा, वो कुछ देर सोचने लगी और कहने लगी, के अपने आप को बांझ ना साबित करने के लिए में किसी भी काम के लिए तैयार हूँ, फिर क्या था मेरी लॉटरी निकल गयी, मेने उसका हाथ पकड़ लिया वो कुछ नही बोली और शरमाने लगी, में खाट पे बैठ गया, और वो मेरे सामने खड़ी हो गयी, मेने उसके हाथ को मसला और फिर अपना एक हाथ उसकी चुचि पे ले गया और उसे सारी के उपर से दबाने लगा, ओह्ह्ह उसके बूब्स बड़े सख़्त थे, और उन्हे अपने हाथों में भरने में बड़ा मज़ा आरहा था, वो भी कसमसा रही थी, और अपने होंठों को दातों तले दबा रही थी, मुझे बड़ा अरमान था के में किसी के साथ रफ चुदाई करू पर आज तक मेरा वो अरमान पूरा नही हुआ था, पर पार्वती के हां कहने पे मेरा वो अरमान पूरा होता दिख रहा था, फिर में अपने दोनो हाथों से उसकी चुचियाँ दबाने लगा और उसका पल्लू हटा के साइड में कर दिया, अब मेने उसके ब्लाउस के हुक खोलना शुरू कर दिया, वो भी मस्त हुए जा रही थी, मेने धीरे धीरे उसके सारे ब्लाउस के हुक खोल दिया और फिर ब्रा के उपर से उसकी चुचि दबाने लगा, वो भी मस्त हो रही थी, ओह्ह सहीएबब्ब क्य्ाआ कार रहहे हूऊ पुउउरी ताअन मेंन्न हुलचूल्ल्ल्ल सी हूओ रहिी हाीइ, अब मेने उसकी ब्रा को उँचा कर दिया और उसके बूब्स नीचे से बाहर आगाये, मेने देखा के उसके बूब्स बड़े तो नही थे पर टाइट थे, और निपल एक दम कड़क हो चुके था, मेने उसका हाथ पकड़ा और उसे नीचे बिठा दिया और अपना लंड अपनी पॅंट से बाहर निकाला और उसके मूह के सामने रख दिया, वो समझ गयी के क्या करना है, उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया और फिर उसका टोपा अपने मूह में लिया और उसे लॉलिपोप की तरह चूसने लगी, मेने उससे पूछा इससे पहले किस का लंड मूह में लिया है, वो बोली भोला को अछा लगता है मेरा लंड चूसना, वो फिर उसे चूसने लगी, मेने एक हाथ से उसका सर अपने लंड पे दबाया हुआ था और दूसरे हाथ से उसकी चुचि ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा, उसे दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आरहा था, उसने मेरा लंड पूरा का पूरा अंडर तक ले लिया था, अब मेने दोनो हाथों से उसका सर पकड़ा और लंड उसके मूह में अंडर तक घुसाने लगा, मुझे बड़ा मज़ा आरहा था, वो भी पूरा साथ दे रही थी, अब मेने उससे हटाया और खड़ा हो गया, और फिर उसके मूह की आगे लंड रख दिया, वो उसे चूसने लगी, और मेरे बॉल्स के साथ खेलने लगी, अब मेने उसका सर पकड़ा और उसका मूह चोदने लगा, वो मेरे बॉल्स को दबा रही थी और मेरा लंड अंडर तक ले रही थी, ओह्ह्ह दोस्तों कितना मज़ा आरहा था, उसके मुहह से ऊऊन्नह ऊओह की आवाज़ आरहि थी, फिर मेने अपनी रफ़्तारर बधाई और तेज़ी से उसके मूह को चोदने लगा, उसने अपना एक हाथ मेरी गांद पे रखा और उसे दबाने लगी, ऑश कितना सही ब्लो जॉब दे रही थी, फिर मेने उससे कहा के में झड़ने वाला हूँ, उसने लंड मूह से निकाला और कहा अंडर ही पानी निकाल दो और फिर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी, और साथ साथ मेरे लंड से मूठ भी मारने लगी, मेरे मूह से आवाज़ निकल गयी, ऑश पार्वती अयाया शाबश ऐसे ही चुस्स्स मेराअ लुंद्द्द्द्ड आआअहह मजाआ आअगेय्ाआ तुउउउ तो मस्सस्त लुंद्द्द्द्ड चुस्स्स्ती है रीई अयाया लीयी मेरिइई राणिीई मेराअ लुंदड़ड़ और अपनीई मुहह मीई लीयी अयाया, ओह्ह्ह में झाड़ने वलाआ हूँ,,, उसने अपनी स्पीड और बढ़ा दी, और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी, मेने उसका सर अपने हाथ में पकड़ा और उसके मूह में अपना पानी छोड़ दिया, ऑश मेरी रनीईइ ले मेराअ पाणिि पििई लीयी आआआः और में उसके सर को टाइट पकड़ के रखा और पिचकारी पे पिचकारी छोड़ता गया, उसका गला चोक हो गया था, फिर भी मेने नही छोड़ा और जब शांत हुआ तब मेने अपनी ग्रिप ढीली की और उसे छोड़ड़ दिया, वो मेरा सारा पानी पी गयी और जो मूह से बाहर आया उसे भी चाट लिया, उसकी शकल देख के लगता नही था के उसने कभी लंड चूसने की बात भी सुनी होगी, फिर भोला की आवाज़ आई, हम दोनो घबरा गये, उसने फॉरन अपने कपड़े पहने और बाहर देखने चली गयी, भोला काफ़ी दूर से ही चिल्लाता हुआ आरहा था, मेने भी अपने कपड़े ठीक किए और दूसरे रास्ते से घर की ओर बढ़ चला, हम दोनो ही निराश हुए के हमे चोदने का मौका नही मिला, और में अपना मॅन मारके घर आगेया, जब में घर पोह्चा देखा मा ताइजी और दीदी बैठ के बातें कर रहें थे, फिर मुझसे ताइजी ने पूछा कहाँ गया था मेने बताया ऐसे ही चक्कर मारने चला गया था, फिर कुछ देर बाद तीनो खाना बनाने में लग गये और में अपने रूम में जाके बैठ गया, जब खाना तैयार हुआ तो मुझे नीचे बुलाया और हम सब ने मिलके खाना खाया, में मा से नज़रे नही मिला पा रहा था, खाना खा के में अपने रूम में आगेया, ताइजी ताउजि की मालिश करने चली गयी, मा और दीदी घर के बाकी काम ख़तम करने में लग गये, कुछ देर बाद जब मा रूम में आई, तो वो पलंग पे आके बैठ गयी और इधेर उधेर की बातें करने लगी, वो बात करते हुए अपने पाँव दबा रही थी, मेने मा से पूछा के क्या बात है क्या पाँव दुख रहा है, वो बोली हां आज पाँव ज़रा दुख रहा है बेटा, मेने आछे मंन से उनसे पूछा के क्या में दबा दूं, वो बोली अगर तू थक ना गया हो तो, मेने कहा इसमे क्या थकने की बात, लाइए में दबा देता हूँ, मा पलंग पे लेट गयी और में उनके पाँव दबाने लगा, उन्हे अछा लग रहा था, में सारी के उपर से ही दबा रहा था, फिर मा सोगयि, और में उनके बगल में सो गया, मुझे नींद जल्दी आगाई,
 
में खुश था के मा के प्रति ग़लत विचार अब मेरे मॅन में नही आरहे थे, रात में अचानक मेरी नींद खुल गयी, मेने देखा मा मेरे पास ही सोई है, मा ने सारी निकाल दी थी और वो सिर्फ़ पेटिकोट ओर ब्लाउस में सो रही थी, और उनका पेटिकोट घुटनो तक आगेया था, में उठा और बाथरूम चले गया, मेरे दिमाग़ में मा को लेके फिर से कामुक विचार आने लगे थे, मेने बोहत कोशिश की पर अपने आप को उनके बारे में सोचने से रोक नही पाया, में फिर से अपने बिस्तर पे आया और सोने का प्रयास करने लगा, पर में अपने मंन पे काबू ना पा सका, फिर मेने मा को छुने का सोचा, मेने अपने काँपते हुए हाथ मा के हाथ पे रखे, मुझे बोहत डर भी लग रहा था और यह सब करने में एक मज़ा भी आरहा था, मा मेरी तरफ पीठ कर के सो रही थी, मा के कोई हरकत ना दिखाने पे मेने मा के हाथ पे अपने हाथ हल्के से घुमाने लगा, ओह्ह कितना मज़ा आरहा था, मेरा लंड पॅंट में टाइट हुआ जा रहा था, फिर मेने अपना हाथ उनके हाथ से हटाके उनकी पीठ पे रख दिया, उनकी पीठ का स्पर्श बड़ा ही सुखदायी था, में अपना हाथ उनकी पीठ पे घुमा रहा था, और उनकी कमर पे भी घुमा रहा था, मेरे अंडर का शैतान सिर्फ़ अपनी वासना की भूक मिटाना जानता था, अब मुझे इस बात की भी परवाह नही थी के वो भूक में अपनी मा को च्छू के बुझा रहा हूँ, मेने धीरे धीरे अपने आप को उनसे सटा दिया, अब मा की गांद मेरे लंड से हल्का हल्का टच हो रही थी, और मेरा हाथ उनकी कोमल पीठ के स्परश का आनंद ले रहा था, मा ने कोई भी हरकत नही की और मेने अपने लंड को मा की गांद से थोड़ा और सटा दिया, अब उनके चूतड़ की गर्मी मुझे अपने लंड पे महसूस हो रही थी, और मेरा लंड उनकी गांद की दरार में फँस रहा था, अब मेने अपना हाथ उनकी कमर और चूतड़ के एरिया पे रख दिया और उनके चूतड़ को हल्के हल्के सहलाने लगा, और साथ साथ कोई हरकत ना होने पे उनकी गांद में अपना लंड भी दबाए जा रहा था, में धीरे धीरे अपना हाथ उनकी झंघों पे घुमाने लगा, मा कोई भी हरकत नही कर रही थी, तो मेने उनका पेटिकोट उपर उठाना शुरू कर दिया, ओह दोस्तों मुझे इतना मज़ा कभी नही आया, मेरा लंड मा की मोटी मुन्सल गांद में फँसा हुआ, मेरे हाथ उनकी झंघों को फील कर रहे थे, और में अपने आप को सातवे आसमान पे पा रहा था, मेने धीरे धीरे मा का पेटिकोट कमर तक उठा दिया था, ऑश कितना मज़ा आरहा था उनकी चिकनी झंघों पे हाथ घुमाने में, मा बिल्कुल नही हिल रही थी और ना ही कोई रिक्षन दे रहे ही, और में इस बात का पूरा फयडा उठा रहा था, मेने धीरे धीरे हाथ मा की पॅंटी तक पोह्चा दिया, और जैसे ही मेरा हाथ उनकी पॅंटी से टच हुआ मेरे शरीर में जैसे बिजली सी दौड़ गयी और मेरा शायद प्रेकुं च्छुत गया, मुझे अपनी पंत में गीला पं महसूस हो रहा था, मेने अपने आप को मया से और चिपका लिया अब मेरे पेट का हिस्सा और मा की पीठ जुड़ चुकी थी, मा की चूत का स्पर्श पॅंटी के उपर से बड़ा मजेदार थी, मा की चूत फूली हुई थी और मोटी थी, में हल्के हल्के मा की चूत भी दबा रहा था, ओह क्या बताउ दोस्तों कितना मज़ा आरहा था, मेने मा की चूत को पॅंटी हटा के महसूस करने का सोचा तभी मा ने करवट बदली, मेरी तो साँसे रुक गयी और में सोने का नाटक करने लगा और मुझे पता ही नही चला के मुझे कब डर के मारे नींद आगाई, सुबेह जब उठा तो देखा मा नही थी, में फॉरन फ्रेश हुआ और नीचे आगेया, मा और ताइजी और दीदी बैठ के बात कर रहे थे, मुझे देख के मा ने कहा उठ गया बेटा, उन्होने दीदी से कहा, सुजाता बेटा इसके लिए चाइ नाश्ता ले आओ, दीदी वहाँ से किचन में चली गयी, और अब में मा और ताइजी बैठे थे, मा के व्यवहार में कोई फरक ना देख के मेरी जान में जान आई, फिर मेरी नज़र ताइजी पे पड़ी, वो उस वक़्त पाँव मोड बैठी हुई थी और उनकी सारी घुटनो तक उँची हो चुकी थी, उनकी गोरी टांगे देख के मुझे उन्हे चोदने का मॅन कर रहा था, उन्होने मुझे उनकी टाँगो की ओर देखते हुए देख लिया था, उन्होने मुझे एक नॉटी स्माइल दी और अपनी टाँग ढकने के बजाय थोड़ी और खोल दी अब ताइजी की जाँघ का नज़ारा सॉफ था, मेरा लंड पॅंट में खड़ा हो रहा था, ताइजी इस स्तिति का भरपूर फयडा उठा रही थी और मुझे और ललचा रही थी, इतने में दीदी चाइ लेके आ गयी, जैसे ही वो मुझे चाइ दे रही थी, और में चाइ का कप उनके हाथ से लेने के लिए जैसे ही अपना सर उठाया में देखता ही रह गया, दीदी के झुकने की वजह से उनकी चुचियाँ सॉफ दिख रही थी, उन्होने काले रंग की ब्रा पहनी थी और उनकी चुचियाँ बड़ी बड़ी थी, में सोच रहा था, के मेरा यहाँ आना ही ग़लत हो गया, क्यूंकी पहले ताइजी फिर मा फिर पार्वती और अब दीदी को भी में वासना भरी नज़र से देखने लगा था, और में अपने आप को चाइ पीते पीते कोस रहा था, तभी ताइजी ने कहा चल बेटा चाइ पी ली हो तो ज़रा खेतों में चक्कर लगा के आजाएँ, मेने कहा ठीक है, इतने में मा ने भी कहा के में भी आती हूँ, ताइजी के चेहरे पे तो मायूसी आगाई और मेरे भी, खैर हम तीनो खेतों की ओर चल दिए,
 
कुछ ही देर में पंप हाउस आगेया, वहाँ पार्वती और भोला दोनो थे, उन्होने हमे देख के प्रणाम किया, फिर ताइजी ने उससे पूछा के सबके पैसे आगाये, उस ने कहा मालिकन सिर्फ़ 2 लोगो के बाकी है, उन्होने आज देने का वादा किया है, फिर ताइजी ने उससे कहा के जाओ अभी लेके आओ, वो ताइजी की बात ख़तम होते ही निकल गया, मा ने ताइजी से कहा के मुझे आप हमारे आम के बाग दिखाओ ना, तो ताइजी ने कहा चलिए, में वहीं बैठा था, तो ताइजी ने कहा तुम नही चलोगे बेटा, मेने कहा नही में यहीं ठीक हूँ आप हो आइए, और फिर वो दोनो आम के बगीचे की तरफ चल दिए, जैसे ही वो थोड़ा दूर पोहच् गये में पंप हाउस के अंडर चला गया, वहाँ पार्वती खाना बना रही थी, वो रोटियाँ सेक रही थी, उसने मुझे देखा नही था, मेने उससे कहा कभी हमे भी रोटियाँ सेकने का मौका दे दो, वो पीछे पलटी और मुझे देख के एक कातिल मुस्कान दी, कहने लगी के सेक लेना साहेब रोका किसने है, मा ताइजी और दीदी को देखने के बाद में चोदाइ के लिए तड़प रहा था, मेने पार्वती का हाथ पकड़कर उसे खड़ा कर दिया, और अपनी बाहों में ले लिया और इससे पहले के वो कुछ बोलती में अपने होंठ उसके होंठ पे रख दिए, वो समझ गयी के आज में बोहत जोश में हूँ, वो देहाती थी पर किस करना उसे अछी तरह आता था, उसने मेरा भरपूर साथ दिया, और अपनी जीभ मेरे मूह में डालके उसे मेरे मूह में घुमाने लगी, में ब्लाउस के उपर से उसकी चुचियों को मसल रहा था, वो भी पागलों की तरह मेरा साथ दे रही थी, फिर मेने बिना देर किए उसे दीवार से सटा दिया और चूमते हुए ही उसकी सारी उपर करने लगा, जैसे ही सारी कमर तक आई, मेने देखा उसने पॅंटी नही पहनी थी और उसकी चूत पे काफ़ी बाल थे, मेने उससे पूछा के पॅंटी क्यूँ नही पहनी वो बोली ऐसे ही अछा लगता है, मेने उससे कहा के चूत के बाल सॉफ रखा करो और मुझे बालों वाली चूत पसंद नही वो बोली अगली बार नही मिलेंगे, फिर में ज़रा सा झुका लंड उसकी चूत के सामने आया, मेने पूरी तेज़ी के साथ लंड उसकी चूत में पेल दिया, आधा ही गया था और मेरी और उसकी जान निकल गयी, उसकी चूत बोहत टाइट थी, और मेरा लंड मुश्किल से आधा अंडर गया, वो कहने लगी साहेब निकाल लो बोहत दर्द हो रहा है, मेने अपना लंड पूरा बाहर निकाला उसकी जान में जान आई, मेने फिर पूरी तेज़ी से लंड उसकी चूत में डाल दिया, उसकी चीख निकल गयी, ओह साआहेबब्ब्ब्ब्बबब क्याआआआ कार्रर्ररर दियाआआआ उउउउउउईईईईई माआआअ मररर्र्र्र्ररर गौईईईई बाहर्र्र्ररर निकाल्लूऊ साहेबब्ब्ब्ब्बबब, मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था, और सच बताउ दोस्तों उसकी चूत किसी कुँवारी लड़की जैसी थी, जिसे कभी किसीने चोदा नही हो, मेने उससे पूछा के भोला का लंड छोटा है क्या, वो बोली हाआनन्न साअह्हीएब्ब, उसस्स्काअ लुंद्ड़द्ड बोहत्त्त्त छोटाआ, वो बुरी तरह हाँफ रही थी और अब धीरे धीरे उसको मज़ा आने लगा था,
क्रमशः................
 
फिर मेने उसके हाथ अपने कंधे पे सेट किए ताकि उसे लटकने में आसानी हो, और तेज तेज झटके मारने लगा, सुबेह के नज़ारे की वजह से में बोहत ज़्यादा उत्तेजित हो चुक्का था, और पार्वती मेरी हवस का शिकार बन रही थी, वो भी अपने आप को मुझसे चिपकाए कह रही थी, अयाया साअहीब्ब्ब्ब आअपकीए लुंद्ड़द्ड मेंन्न्न् जादुउऊ हाइईइ, आइससिईइ चुदाइईइ मेरिइइ आज्ज्जज तक्क्क्क कीसीईईई नीई नहियिइ कििई, आआअहह ऊऊऊओह उूउउइइइम्म्म्ममाआ, आआओउउउर्र्रर जोर्र्र्रर सीईई, हाआनन्न आआओरर्र उंड़रररर डलूऊओ साआहेबब्बबब आआआः, उउउउउइम्म्म्म्माआ, मेने उससे कहा ले मेरी रानी औरर्र ले ली, और तेज तेज झटके मारने लगा, वो भी पूरा साथ दे रही थी, उसकी चूत के दीवाल मेरे लंड को निचोड़ रही थी, फिर मेने अपना हाथ उसकी कमर के नीचे लगाया और उसकी गांद पकड़ के उपर नीचे करने लगे, ऑश दोस्तों में बता नही सकता कितना मज़ा आरहा था, वो भी मेरे साथ उछल रही थी, और चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी, फिर मेने उसके मूह पे अपना मूह रखा और जितनी ताक़त से झटके मार सकता था मारने लगा, वो मेरे मूह से अपना मूह हटा के कुछ बोलने की कोशिश कर रही थी, पर मेने कुछ नही कहने दिया, और अपने होंठ उसके होंठ से चिपकाए रखे, वो ग्रोन और मोन कर रही थी, हमम्म्ममममममम हूऊऊऊऊऊओ आआआआआआअहह अब मेरा पानी छूटने वाला था, मेने अपने होंठ हटाए तो वो कहने लगी के क्याआअ जाआन लूऊगीई मेरिइई, मेरिइई चुतटत्त पुरीई फ़ाआद्दद्ड दीई है,,, मैने कहा मेरी जाआन्न मेंन्न्न् झाआढ़नईए वलाआ हूँ, वोह बोली उंड़रररर नहीइ निकलल्ल्ल ना, फिर मेने उसे बिठाया और अपना लंड उसके मूह में दे दिया, वो भी मस्त होके लंड को लोल्ल्यपोप की तरह चाटने और चूसने लगी, मेने उसका सर पकड़ा और उसके मूह को चोदने लगा, वो भीई रंडड़ीई की तरह पूरा साथ दे रही थी, फिर मेने अपने झटके उसके मूह पे तेज किए और उससे कहा, ओह्ह्ह्ह मेरिइइ रनीईइ मेईन्न्न्न् एयेए रहा हूँ, वो भी और ज़ोर से चूसने लगी, कुछ ही पलों में मेरे लंड से गरम फावरा उसके मूह में छूट गया, मेने उसका सर अपने हाथ से पकड़ रखा था, वो पूरा रस पी गयी और कुछ उसके मूह से बाहर आगेया था, में थक के चूर हो चुक्का था, में वहीं खाट पे लेट गया और पार्वती हाथ मूह धोके अपने काम में लग गयी, कुछ देर बाद जब मेरी आँख खुली तो मेने देखा के पार्वती घर में अकेली है और अभी तक भोला नही आया था, वो घर का काम कर रही थी, वो थोड़ा अपनी टाँगो को चौड़ा कर के चल रही थी, उसने मुझे जगा हुआ देख के कहा, देखा साहेब आपने मेरी चाल बिगाड़ दी अब मुझे घर का काम करने में तकलीफ़ हो रही है, मेने उससे के मुझे बता दो में कर देता हूँ तुम्हारा काम, वो बोली रहने दो, मेने उससे कहा के तुमने आज मुझे खुश कर दिया है बोलो तुम्हे क्या चाहिए, वो कहने लगी के साहेब आप सच में मुझे कुछ तोहफा दोगे, मेने कहा हां बोलो, तो वो कहने लगी के साहेब अबकी आप शहेर जाओ तो मेरे लिए कुछ सारी ले आना, मेने कहा ठीक है, में वहाँ से चलते समय उसे 500 रुपीज़ दिए वो खुश हो गयी और मुझे एक बड़ी से किस की, फिर में जैसे ही घर की तरफ बढ़ रहा था तो मुझे याद आया के मा और ताइजी आम के बाग की तरफ गये हैं तो में भी वहीं जाने लगा, कुछ देर चलने के बाद मेने देखा के मा और ताइजी भी लौट रही थी, उन्होने मुझे देखा और पूछा क्या किया अब तक मेने कहा कुछ नही, और फिर हम तीनो घर के ओर चल दिए, दोपेहेर हो चुकी थी, हम घर पोहचे तो देखा दीदी ने सारा काम कर लिया था और खाना भी तैयार था, अब पहली बार मेने दीदी को ध्यान से देखा, उनका कद करीबन 5,,6 इंच होगा, और उनका शरीर ना मोटा ना पतला एक दम फिट था, और उनकी चुचियाँ भारी भारी थी और उनकी गांद का शेप भी मस्त था, अचानक दीदी मुझे किसी विश्वा सुंदरी जैसी लगने लगी थी, में अपने आप कोस भी रहा था यह सब करने पे, और अंडर ही अंडर मुझे मज़ा भी आरहा था, में जानता था के मेरे अंडर का शैतान जाग चुक्का है, और अब मुझे हर औरत्को वासना की नज़र से देखने की आदत हो चुकी थी, अब वो औरत चाहे मेरी मा हो बेहन हो या ताइजी या कोई और, मतलब तो शरीर की अनंत भूख मिटाने से था, दीदी जब चल ती थी तो उनके चूतड़ देखने लायक होते थे, खैर हम सब ने साथ में खाना खाया और में अपने रूम में जाके लेट गया,
 
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