XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास - Page 8 - SexBaba
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XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास

गन्ने की मिठास--34

गतान्क से आगे......................

संगीता- बस भैया ज़रा सा और उपर उठा लो, मैने संगीता की बात सुन कर अपने हाथ का दबाव उसकी चूत और गंद के बीच बढ़ा दिया और उसकी मोटी जाँघो के बीच के हिस्से को अपने हाथो से दबा कर उपर उठा दिया, मेरी इस हरकत से संगीता ने पहले तो आम तोड़ लिया और फिर एक दम से अपनी दोनो मोटी जाँघो के बीच फासे मेरे हाथ को अपनी दोनो जाँघो से खूब कस कर दबा लिया,

राज- तोड़ लिया संगीता

संगीता- हाँ भैया तोड़ लिया

मैने संगीता को धीरे से नीचे सरकाया और उसके मोटे मोटे दूध जो टीशर्ट फाड़ने को बेताब थे एक दम से मेरे मूह से लग गये और मैने अपना मूह संगीता के मोटे मोटे बोबे से कस कर दबा दिया और संगीता के मूह से एक हल्की सी सिसकी कुच्छ इस तरह से निकल गई, उनह ओ भैया और संगीता ने अपने होंठो से मेरे गालो को चूम लिया, मैने जैसे ही संगीता को थोड़ा और नीचे अपने शरीर से रगड़ते हुए उतारा संगीता की फूली हुई चूत सीधे मेरे खड़े लंड पर जाकर रुक गई और मैने उसकी कमर थामे हुए अपने लंड को कस कर संगीता की चूत से दबा दिया और संगीता ओह भैया करके एक दम से मुझसे चिपक गई तभी मैने हाथ छ्चोड़ दिया और संगीता नीचे उतर कर खड़ी हो गई,

संगीता मुस्कुराते हुए कहने लगी वाह भैया क्या आम है मस्त पका हुआ है और फिर संगीता ने आम के उपर के हिस्से को जैसे ही दन्तो से काटना चाहा मैने कहा अरे पगली पके आम को ऐसे काटा नही जाता है बल्कि उसे खूब चूसा जाता है, तू लड़की है ना इसलिए तुझे आम चूसना नही आता है और फिर मैने संगीता के मोटे मोटे बोबो को देखते हुए कहा पगली ऐसे पके आम को कैसे चूस्ते है देख मैं तुझे बताता हू,

संगीता चोर नज़रो से मेरे लंड को देख रही थी और मैं उसकी फूली हुई चूत और जाँघो को देख रहा था, मैने आम के उपर के हिस्से को थोड़ा सा साफ करके संगीता से कहा देख पहले पके हुए आम को कैसे दबा दबा कर उसे खूब रसीला करते है फिर मैं संगीता के सामने उस आम को दबा दबा कर उसे नरम करने लगा उसके बाद मैने उसके टॉप पर हल्का सा छेद करके आम को जैसे ही थोड़ा सा दबाया उसमे से मस्त रस बाहर आने लगा और मैने संगीता की ओर बढ़ा कर उससे कहा ले अब चाट इसे,

संगीता ने अपनी रसीली जीभ निकाल कर आम को चाट लिया और कहने लगी वाह भैया बहुत ही मीठा आम है

राज- पगली जब आम ताज़ा हो और खूब गदराया हो तब उसे चूसने पर खूब रसीला और मीठा ही लगता है और फिर इस बार आम को दबा कर मैने उसका रस चूस लिया और फिर दूसरी बार संगीता की ओर बढ़ाया और उसने रस चूसना शुरू कर दिया, कुच्छ देर मे ही संगीता पूरा आम खा गई और फिर से पेड़ की ओर देखने लगी, तभी उसे दूसरा आम नज़र आ गया और वह उछल कर कहने लगी

संगीता- भैया वो देखो एक और मस्त आम लगा है प्लीज़ उसे भी तोड़ दो ना, मैने देखा वह आम भी उसी हाइट पर था और संगीता को खूब मस्ती चढ़ि हुई थी तभी तो रंडी भरे बगीचे मे पॅंटी मे घूम रही थी, मैं समझ गया था कि अब देर करना बेकार है माल मस्त चोदने लायक है और अभी तो 3 बजा है आज शाम तक इसे यही पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोदुन्गा,

संगीता- भैया क्या सोचने लगे उठाओ ना मुझे अपनी गोद मे,

मैने इस बार संगीता को जाकड़ उसके होंठो को चूमते हुए कहा मुझे पता था तू आम के बगीचे मे पके हुए आम देख कर ऐसे ही पागल हो जाएगी,

संगीता- अपनी बाँहे आगे बढ़ा कर मेरी और कातिल निगाहो से देखते मूह बना कर कहने लगी भैया चढ़ाओ ना अपनी बहन को अपने उपर,

मैने जाकर संगीता को पहले अपने सीने से कस कर दबा लिया और उसके गालो को चूमने लगा

संगीता- भैया यह सब आप बाद मे कर लेना और फिर मुस्कुराकर कहने लगी पहले अपनी बहन को अपने उपर तो चढ़ा लो, मैने संगीता की मोटी गंद के बीच इस बार बड़े आराम से हाथ डाल कर उसकी बुर और गंद पर दबाते हुए उसकी चूत को कस कर मुट्ठी मे भर कर उसे अपने उपर उठा कर अपने सीने से दबा लिया, हाय उसकी चूत और गंद का गुदाज एहसास बड़ा मस्त था,

लेकिन मैने देखा कि इस बार संगीता अपनी आँखे बंद किए हुए मेरे सीने से अपने मोटे दूध खूब ज़ोर से रगड़ते हुए खूब कस कर अपनी दोनो जाँघो को लपेट कर किसी बंदरिया की तरह मेरी कमर से लिपटी हुई थी और अपने रसीले होंठो से मेरे गले को चूम रही थी, मैने भी संगीता की दोनो टाँगो को कस कर अपनी कमर से लपेट लिया और अपने दोनो हाथो से संगीता की मोटी गंद को दबाते हुए जैसे ही मैने उसकी पॅंटी के उपर से उसकी गंद के छेद को सहलाया संगीता पागलो की तरह आह भैया करती हुई मेरे होंठो को खूब कस कस कर चूमने लगी, मैने अपनी जीभ निकाल कर संगीता के मूह मे डालने की कोशिश की तो संगीता ने अपनी जीभ निकाल कर मेरे मूह मे डालने लगी और मैने उसकी रसीली जीभ को अपने मूह मे भर कर उसकी मोटी गंद की गुदा को खूब सहलाते हुए उसकी रसीली जीभ को चूसने लगा,
 
संगीता सरक कर कुच्छ नीचे आ गई और मैने एक हाथ से उसकी कमर को पकड़ कर उसकी टाँगो को अच्छे से अपनी कमर से लपेट लिया, मेरा खड़ा लंड पेंट मे तना हुआ ठीक संगीता की चूत के छेद को पॅंटी के उपर से दबा रहा था और संगीता जान बुझ कर मेरे लंड पर अपनी चूत को खूब दबाते हुए मुझे अपनी रसीली जीभ पिला रही थी,

मैने अपने एक हाथ से उसकी कमर को थाम कर दूसरे हाथ से जब संगीता के मोटे मोटे कसे हुए दूध को खूब ज़ोर से उसकी टीशर्ट के उपर से दबाया तो संगीता एक दम से आह सीईईईई ओह भैया करते हुए मुझसे पागलो की तरह चिपक कर मुझे खूब कस कस कर चूमने लगी, संगीता के दूध क्या बताऊ इतने ठोस और कसे हुए थे जैसे किसी औरत की गुदाज गंद का भरा हुआ माँस हो और उसे दबाने मे खूब मज़ा मिलता है,

मैं उसके मोटे मोटे चुचो को खूब कस कस कर मसल रहा था, जब मुझे टीशर्ट के उपर से दबाने मे पूरी सन्तुस्ति नही मिली तब मैने संगीता की टीशर्ट को उसके पेट से उपर चढ़ा कर उसके दोनो मोटे मोटे दूध को कस कर पकड़ कर खींच कर बाहर निकाल लिया,

हाय उसके मोटे दूध का गुलाबी तना हुआ बड़ा सा निप्पल मुझे पगला कर गया और मैने उसके निप्पल को अपने मूह मे भर कर चूस्ते हुए उसके दूसरे दूध को खूब ज़ोर ज़ोर से मसलना चालू कर दिया और संगीता मेरे लंड पर अपनी चूत का दबाव देते हुए आह आह ओह सीईईईईईईईईईईई आह करने लगी, जब मैं संगीता के दूध को दबाता हुआ उसके निप्पल को चूस्ता तो संगीता ओह भैया ओह भैया कहने लगती और जब मैं उसके दूध को खूब ज़ोर से दबाते हुए उसके गुलाबी निप्पल को दन्तो से हल्के हल्के काटने लगता तो संगीता के मूह से सीईईईईईईईईईई आ सीईईईईईईईईई आहह की आवाज़ निकालने लगती,

मैं संगीता को अपने उपर चढ़ाए हुए थक चुका था और मैने उसे उसी पोज़िशन मे लिए हुए नीचे बैठ गया और उसे अपनी गोद मे अच्छे से बैठा कर उसके दूध को दबाते हुए उसका चेहरा पकड़ कर अपनी ओर किया तो संगीता ने एक बार अपनी आँखे खोल कर मुझे देखा और फिर अपनी आँखे बंद कर ली और मैने अपने होंठ उसके लरजते हुए रसीले होंठो पर रख कर उसके होंठो का रस चूस्ते हुए उसके मोटे मोटे आमो को खूब ज़ोर ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया,

संगीता ने अपनी जाँघो को और चौड़ा करके अपनी चूत का दबाव और मेरे लंड पर बढ़ा दिया और मैं उसकी रसीली जवानी को खूब दबोच दबोच कर चूसने लगा,

हम दोनो एक दूसरे को दबा दबा कर चूस चूस कर थक चुके थे, संगीता अपनी जंघे फैलाए मेरी गोद मे चढ़ि हुई अपने मोटे मोटे दूध बड़े प्यार से दब्वा रही थी और मेरे होंठो को चूस रही थी, मैने एक बार इधर उधर नज़र दौड़ाई तो मुझे चारो तरफ सुनसान नज़र आया, मैने संगीता की टीशर्ट पूरी उसके सर से निकाल कर अलग कर दिया और फिर से उसके होंठो को चूसने लगा और उसके मोटे मोटे दूध को बारी बारी से पीने लगा,

संगीता अभी भी अपनी आँखे बंद किए हुए मज़ा ले रही थी,

राज- संगीता

संगीता- हू

राज- आँखे खोल कर मेरी तरफ देख ना

संगीता- नही भैया

राज- क्यो

संगीता- मुझे शरम आती है

राज- अपने भैया से भी कोई शरमाता है क्या चल आँखे खोल और मुझे बता तो ज़रा तुझे कैसा लग रहा है अपने भैया की बाँहो मे नंगी होकर चढ़ने मे,
 
संगीता- मुस्कुराते हुए अपनी आँखे खोल कर, अच्छा लग रहा है, बस इतना कह कर संगीता मेरे मूह को चूम लेती है और मैं उसके मोटे मोटे दूध को कस कर दबाते हुए उसकी मोटी जाँघो को सहला कर जैसे ही अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाता हू संगीता एक दम से मुझसे ज़ोर से चिपक जाती है,

राज- संगीता

संगीता- हू

राज- संगीता चल खड़ी होकर अपनी पॅंटी उतार कर बैठ जा,

संगीता- नही भैया

राज- क्यो

संगीता- मुझे शरम आती है

राज- अच्छा तू अपनी आँखे बंद रखना पॅंटी मैं उतार देता हू

संगीता- नही भैया मैं नंगी नही होंगी

राज- संगीता के दूध को पीते हुए, देख संगीता एक बार नंगी हो जा, तू मुझे नंगी बहुत अच्छी लगती है

संगीता- आह भैया धीरे दब्ाओ ना, आप अपनी बहन को नंगी करोगे,

राज- हाँ संगीता तू मुझे नंगी बहुत अच्छी लगती है, मैं तो ग़लत सोच रहा था कि तू एक छ्होटी सी लड़की है पर जब मैने तुझे पॅंटी मे देखा तब मुझे समझ आया कि तू तो बहुत बड़ी हो गई है अब तू पूरी औरत लगने लगी है, सच तुझे साडी पहना कर मम्मी के साथ खड़ा कर दिया जाए तो तू मम्मी की बहन नज़र आएगी,

संगीता- अपनी आँखे खोल कर मुझे देखती हुई, क्यो झूठ बोलते हो भैया, कहाँ मम्मी और कहाँ मैं,

आपने कभी मम्मी को पूरी नंगी देखा है जो ऐसी बात कर रहे हो, क्या मैं मम्मी के बराबर मोटी हू,

राज- क्यो मम्मी जब पूरी नंगी होती है तो बहुत मोटी लगती है क्या,

संगीता- और नही तो क्या, आपने कभी मम्मी की नंगी जंघे देखी है मुझसे तो तीन गुना ज़्यादा मोटी है और उनका पेट देखा है जैसे 6 महीने का बच्चा पेट मे लेकर घूम रही हो, और उनकी गंद कितनी मोटी और चौड़ी है, मैं तो मम्मी के अगल बगल भी नज़र नही आती हू और आप कहते है मैं मम्मी के बराबर मोटी हू,

मेरी बातो से संगीता रंग मे आ चुकी थी और अब अपनी आदत के अनुसार खूब बाते करने लगी थी वो भी बिना किसी शर्म या झिझक के,

राज- अरे मेरा मतलब तुझे मोटी कहने का नही था, मेरा मतलब यह है कि एक जवान मर्द को औरतो का भरा हुआ गुदाज नंगा बदन ही ज़्यादा अच्छा लगता है,

संगीता- तो फिर आपने चंदा को क्यो चोदा

संगीता के मूह से चोदा शब्द सुन कर मैं एक दम से उसे देखने लगा और उसने मुझे देख कर मुस्कुराते हुए मेरे सीने मे अपना मूह च्छूपा लिया,

राज- मैने उसकी चूत को सहलाते हुए कहा संगीता तुझसे किसने कहा कि मैने चंदा को चोदा है

संगीता- अपनी चूत मुझसे सहलवते हुए अपने मूह को मेरे सीने मे छुपाये कहने लगी, मुझे नही मालूम,

राज- अरे बता ना अब शर्मा क्यो रही है देख अब तो मैं तेरी भी चूत को सहला रहा हू चल अब बता मुझे तुझसे चंदा ने कहा है ना यह सब

संगीता- हाँ

राज- और क्या कहा उसने मेरे बारे मे

संगीता- यही कि आप बहुत चुड़क्कड़ हो और दिन भर औरतो को चोदने के चक्कर मे उनके पिछे घूमते हो

राज- तो तुझे बुरा लगा क्या,

संगीता- मेरी ओर जलन भरी नज़रो से देख कर मूह बनाते हुए, मुझे क्यो बुरा लगने लगा,

राज- क्या करू संगीता तेरे भैया का लंड बहुत खड़ा होता है और जहाँ मोटी गंद और बड़े बड़े दूध नज़र आते है मेरा लंड उन्हे देख कर खड़ा हो जाता है, तू देखेगी मेरा लंड,

संगीता- हल्के से मुस्कुराते हुए मेरे सीने से लग कर, मुझे नही देखना

राज- अच्छा मत देख एक बार अपने हाथ से सहला कर तो देख कैसा लगता है तेरे भैया का लंड और उसके बाद मैने अपनी चैन खोल कर अपने लंड को बाहर निकाल कर संगीता के हाथो मे पकड़ा दिया और संगीता मेरे लंड को देख नही रही थी लेकिन वह अपने हाथो से मेरे लंड को छ्चोड़ भी नही रही थी,

वह मेरे लंड को हल्के हल्के टटोल कर महसूस कर रही थी, मैने उसका चेहरा उपर उठाया और उसके रसीले होंठ चूमते हुए कहा

राज- जानती है संगीता अब तेरे भैया का मन तुझ पर फिदा हो गया है और जब से मैने तेरे ये मोटे मोटे दूध और यह मस्त मोटी गंद देखी है तब से मैं तुझे चोदने के लिए तड़प रहा हू, बोल अपने भैया से चुदवायेगि, बोल ना ऐसे चुप रहेगी तो मैं तुझसे कभी बात नही करूगा,

क्रमशः........
 
गन्ने की मिठास--35

गतान्क से आगे......................

संगीता मेरे सीने से बुरी तरह चिपक कर मेरे लंड को दबा रही थी और मैने मोका देख कर अपना हाथ उसकी पॅंटी के अंदर डाल कर उसकी चूत की फांको के भीतर अपनी उंगली से जैसे ही सहलाया संगीता एक दम से मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चूत मे दबाते हुए कहने लगी,

संगीता- भैया आह मत करो आह बहुत अच्छा लग रहा है प्लीज़ भैया आह सीईईई आहह

राज- संगीता एक बार देख तो सही अपने भैया का लंड, देख कितना मोटा और मस्त है और फिर मैने संगीता के होंठो को चूमते हुए उसके मूह को अपने लंड की और कर दिया और संगीता ने धीरे से अपनी आँखे खोल कर मेरे लंड को देखा और फिर से अपनी आँखे बंद कर के मेरे लंड को खूब कस कर भींच दिया जैसे वह मेरे लंड को निचोड़ देना चाहती हो,

मुझसे अब सहा नही जा रहा था और मैने संगीता को उसका जीन्स बिछा कर उसे लेटा दिया और खड़ा होकर अपना पेंट उतारने लगा संगीता अपने दोनो हाथो से अपनी आँखे च्छुपाए हुए लेटी हुई थी और मैं जब पूरा नंगा हो गया तब मैने संगीता को आवाज़ दी और संगीता ने जैसे ही मुझे पूरा नंगा खड़ा देखा उसने मुस्कुरकर अपनी आँखे फिर से अपने हाथ से च्छूपा ली,

मैं संगीता के पेरो के बीच बैठ गया और उसकी चूत को जैसे ही अपने हाथ से सहलाया संगीता ने अपनी दोनो जाँघो को बुरी तरह कस लिया और अपना हाथ आँखो से थोड़ा सा हटा कर मुझे देखने लगी, मैने मुस्कुराते हुए उसकी गुदाज जाँघो को सहलाते हुए धीरे से अलग करने की कोशिश की और संगीता ने खुद ही अपनी जाँघो को पूरा खोल दिया मैने उसकी पॅंटी पकड़ कर एक दम से खींच कर उसकी टाँगो से अलग कर दिया और संगीता के पूरे नंगे बदन को ललचाई नज़रो से देखने लगा,

कुच्छ देर बाद मैने संगीता की जाँघो को उपर उठा कर उसके दूध की ओर मोड़ दिया और फिर उसकी फूली चूत की फांको को अपनी जीभ से सहलाते हुए अलग करने की कोशिश करने लगा तब संगीता ने एक दम से अपनी चूत उठा कर मेरे मूह से लगा दिया और मैं उसकी गुलाबी रसीली बुर को खूब ज़ोर से अपनी जीभ निकाल कर चाटने लगा,

ओह भैया सीई सीयी आह आह ओह भैया मैं मर जाउन्गि प्लीज़ मत करो आह आह ओह सीईईईई आह

मैं संगीता की चूत की खुश्बू और उसकी चूत का रस दोनो का मज़ा लेता हुआ उसकी बुर को खूब दबोच दबोच कर चूसने लगा और संगीता बुरी तरह तड़पने लगी, मैने अपनी टाँगो को संगीता के मूह की ओर करके उसकी चूत को चाटने लगा तभी संगीता ने भी मेरे लंड को कस कर पकड़ लिया और मेरे लंड को सहलाते हुए मेरे आंड्को को अपने मूह से चूमते हुए सहलाने लगी, मैं उसकी चूत और गंद के छेद तक अपनी जीभ फेर फेर कर उसकी चूत चाट रहा था और संगीता ने मेरे लंड के टोपे को खोल कर चाटना शुरू कर दिया कभी कभी वह मेरे लंड को मूह मे भर कर अपनी जीभ लंड के चारो ओर घुमाने लगती तब मैं भी उसकी चूत के छेद को अपनी जीभ से दबा दबा कर उसका रस चूसने लगता,

संगीता कभी लंड मूह से बाहर निकालती कभी उसे फिर मूह मे लेकर चूसने लगती, मैं भी उसकी चूत को कभी दन्तो से काटने लगता कभी उसकी चूत मे जीभ डालने लगता और कभी उसकी चूत के तने हुए दाने को अपने होंठो से पकड़ कर चूसने लगता,

संगीता की गंद अब ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी थी और वह पूरी ताक़त लगा लगा कर अपनी चूत को मेरे मूह से रगड़ने लगी थी, मैं उसकी चूत के दाने को चूस्ता तो संगीता अपनी चूत उठा कर मुझे अपनी चूत का छेद चटाने लगती और जब मैं उसकी चूत का छेद चाटने लगता तब वह अपनी चूत उठा कर मुझे उसका दाना चटाने की कोशिश करती,
 
मैं पागलो की तरह अपनी बहन की चूत को खूब चूस चूस कर लाल कर रहा था और संगीता की चूत खूब नमकीन पानी छ्चोड़ रही थी तभी अचानक संगीता की बुर को जब मैने एक दम ज़ोर से चूस लिया तो उसका बदन अकड़ गया और उसकी चूत से खूब चिकनाहट बाहर आने लगी और संगीता अपनी चूत मेरे मूह से खूब ज़ोर ज़ोर से रगड़ते हुए एक दम से सुस्त पड़ गई,

मैं संगीता के मूह के पास जाकर उसके होंठ चूमते हुए कहा, गुड़िया रानी कैसा लगा, मज़ा आया कि नही

संगीता ने मेरी बात सुन कर मेरा मूह पकड़ कर चूमते हुए उसे अपने सीने से लगा लिया और मैं वैसे ही संगीता के नंगे बदन से चिपक कर उसके उपर लेट गया, मैं जैसे ही लेटा संगीता ने खुद मेरे लंड को चूत के छेद से भिड़ा दिया और वह कोई हरकत करती इसके पहले ही मेरी कमर ने एक जबरदस्त धक्का संगीता की चूत मे मार दिया और संगीता के हस्मुख चेहरे पर एक दम से दुनिया भर का दर्द सिमट आया और उसके मूह से एक दर्दनाक चींख निकल गई,

ओह भैया मर गई अहह सीईईईईईईईईईईईई निकाल लो भैया आह आह संगीता अपने हाथ पाँव फेकने लगी और मारे दर्द के उसका बुरा हाल हो गया तभी मैने उसके दूध को अपने हाथो मे पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया, मेरा आधा लंड वैसा का वैसा संगीता की चूत को फाडे हुए फसा था और मैं ना उसे आगे धकेल रहा था और ना ही ज़रा भी ढिलाई करके उसे पिछे ले रहा था, बस एक फिक्स ताक़त लगाए उसकी चूत से लंड भिड़ाए हुए उसके मोटे मोटे आमो को खूब दबा दबा कर मसल रहा था,

जब मैने देखा की संगीता वापस अपने पेरो को इधर उधर करने लगी है और उसे दूध दब्वाने मे मज़ा आने लगा है तभी मैने अपने होंठो को उसके होंठो पर रख कर चूस्ते हुए एक दूसरा धक्का कॅच्च से उसकी चूत मे ऐसा मारा कि मेरा लंड पूरा तो नही लेकिन आधे से ज़्यादा अंदर समा गया और संगीता के मूह से फिर से एक चीख निकल गई और इस बार उसकी आँखो से आँसू आ गये, वह दर्द से चिल्लाते हुए कहने लगी भैया आप तो बाहर निकाल लो मुझे नही चुदवाना है,

राज- अरे गुड़िया अब तो सब हो गया अब तू कुँवारी नही रही बल्कि एक चुदी हुई औरत बन चुकी है अब देख तुझे कितना मज़ा आएगा अपने भैया के लंड से, जितना दर्द इस लंड ने तुझे दिया है अब तुझे उतना ही मज़ा भी देगा अब देखना मैं कुच्छ नही करूँगा और तू खुद कहेगी कि भैया मेरी चूत मे अपना पूरा लंड डाल कर मुझे खूब कस कस कर चोदो,

संगीता- हस्ते हुए मुझे अपनी जीभ दिखा कर कहने लगी मैं ऐसा कुच्छ भी नही कहने वाली हू भैया,

राज- ठीक है देखते है और फिर मैने अपने लंड को उसकी चूत मे फसाए हुए बिना हीले संगीता के मोटे मोटे दूध को दबाते हुए उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया,

कुकछ देर तक तो संगीता ऐसे ही दूध दब्वाति पड़ी रही लेकिन कुच्छ देर बाद उसकी टाँगो मे हरकत शुरू हो गई और फिर जब उसकी चूत मे ज़्यादा चिकनाहट होने लगी तब वह खुद अपनी कमर उठा कर मेरे लंड को आगे पिछे करने की कोशिश करने लगी,

राज- क्या हुआ संगीता चूत मे दर्द हो रहा है ना, ऐसे ही पड़ी रहो नही तो और दर्द होगा

संगीता- मुस्कुराते हुए मेरे सीने पर हाथ मारने लगी, मैने कहा क्या हुआ और उसके दूध कस के दबा दिया

संगीता- मूह बनाते हुए भैया अब ज़्यादा नाटक मत करो, और धक्का मारो,

राज- हस्ते हुए मतलब

संगीता- मतलब कि मुझे अब चोदिये

राज- मैं नही चोदुन्गा तुझे दर्द होता है और फिर मैं उसके दूध पीने लगा

संगीता- उसने मेरा मूह पकड़ कर अपने दूध से हटाते हुए मेरे मूह को अपने हाथ से एक तरफ हटा कर कहा, प्लीज़ भैया अब मुझसे नही सहा जाता है अब मुझे चोद भी दो,

मैने संगीता की बाते सुन कर उसे अपनी बाँहो मे कसते हुए उसकी चूत मे अपने लंड को पहले धीरे धीरे आगे पिछे करना शुरू कर दिया और फिर जब उसकी चूत खूब चिकनी लगने लगी तब मैने संगीता के दूध मसल्ते हुए उसकी चूत मे कस कस कर धक्के मारना शुरू कर दिए और संगीता ओह ओह आह आह सी आह सी अहहह अहह जैसे शब्द निकाल कर अपनी चूत अपने भैया के तगड़े लंड से मरवाने लगी, मेरा लंड खूब कसा हुआ संगीता की मस्तानी चूत मे जा रहा था और मैं उसके दूध को इतना ज़ोर से मसल रहा था कि वह लाल हो चुके थे,
 
संगीता को खूब मज़ा आ रहा था और वह मुझसे चिपकी हुई अपनी गंद अब मेरे लंड पर मारने लगी और मैं डचा डच उसकी बुर को ठोकने लगा,

राज- गुड़िया रानी कैसा लग रहा है

संगीता- ओह भैया आह आह बहुत मज़ा आरहा है ऐसे ही ज़ोर ज़ोर से चोद्ते रहो आ आ सीईईईईईईई आह ओह भैया

संगीता की चूत अब इतनी चिकनी हो चुकी थी कि मेरा लंड सतसट उसकी बुर की चुदाई कर रहा था, आज मैने जितना दूध अपनी बहन के दबाए थे उतने दूध अपनी जिंदगी मे कभी नही मसले थे, संगीता के दूध लाजवाब थे और उन्हे जितना दबाओ उतना ही और कठोर होकर हाथो से बाहर आ जाते और मैं उन्हे फिर से अपने हाथो मे भर कर कस कर दबाने लगता,

हमे यह भी होश नही रहा था कि शाम हो चुकी है और कुच्छ देर मे अंधेरा हो जाएगा, मैं खूब हुमच हुमच कर संगीता को चोद रहा था और संगीता अपनी चूत मेरे लंड पर खूब ज़ोर ज़ोर से मार रही थी तभी संगीता ने मेरे लंड को अपनी चूत मे कस कर जाकड़ लिया और मुझे पागलो की तरह चूमते हुए कहने लगी चोदो और चोदो खूब कस कर चोदो भैया मैं पूरी ताक़त से उसकी चूत मारने लगा और फिर एक दम से संगीता और मैं पूरी ताक़त से च्चिपक गये मेरा लंड उसकी चूत की गहराई मे दबा हुआ था और संगीता की चूत मेरे लंड को निचोड़ निचोड़ कर उसका रस निकालते हुए खुद भी पानी छ्चोड़ने लगी,

हम दोनो गहरी साँसे लेते हुए एक दूसरे के चूत और लंड को एक दूसरे के चूत और लंड से दबाए अपना अपना पानी छ्चोड़ने लगे और एक दूसरे को पागलो की तरह जकड़े हुए चूमने लगे,

करीब 5 मिनिट बाद संगीता ने मुझे अपने उपर से धकेलते हुए कहा

संगीता- भैया अब उठो भी मैं तो बुरी तरह थक गई हू,

राज- अच्छा मेरी गुड़िया रानी मेहनत मैं कर रहा हू और थक तुम गई हो

संगीता- अपनी जीभ निकाल कर मुझे चिढ़ाने लगी तभी मैने लपक कर उसकी जीभ को अपने मूह मे भर कर चूस लिया और उसे फिर से बाँहो मे लेकर उसके दूध दबाने लगा,

राज- संगीता अभी तो 6 बजे है, चल एक बार और तुझे मज़ा देता हू फिर हम घर चलते है, उसके बाद मैने संगीता को उठा कर वही जीन्स के उपर घोड़ी बना दिया और इस बार मैने उसकी गुदा और चूत को फैला कर जब चाटना शुरू किया तो संगीता मस्ती मे अपनी गंद हिलाने लगी,
 
जल्दी ही मैने चूस चूस कर उसकी चूत से फिर से पानी बहना शुरू कर दिया और फिर मैने उसकी चूत को पिछे से लंड डाल कर चोदना शुरू कर दिया, मैं खूब कस कस कर संगीता की गंद सहलाते हुए उसे चोदने लगा और संगीता भी आह आह करती हुई अपनी गंद उठा उठा कर मेरे लंड को अपनी चूत मे लेने लगी, एक बार वीर्य निकल जाने के कारण मैं ज़्यादा जोश मे था और मेरा लंड और भी कड़ा लग रहा था, मेरी रफ़्तार तेज हो गई और मैं संगीता की चूत मे खूब कस कस कर अपनी कमर के धक्के लगा लगा कर उसकी बुर मे अपने लंड को ठोक रहा था,

लगभग 20 मिनिट तक मैने संगीता को पिछे से घोड़ी बना कर चोदा उसके बाद जब मैने उसे उठा कर खड़ी किया तो उसके पेर एक दम से लड़खड़ा गये, मेरा मन तो उस घोड़ी की गंद भी मारने का था लेकिन मैं जानता था कि अगर मैने उसकी गंद मारी तो घर पहुचने पर मम्मी को ज़रूर पता चल जाता इसलिए मैने उसकी गंद नही मारी, जब संगीता एक दम से लड़खड़ा गई तब मैने उसे सहारा देकर उठाया और फिर उसे चूमते हुए अपने हाथो से बैठा कर उसे जीन्स पहनाया और एक बार मे ही उसकी जीन्स की चैन खींच कर उपर चढ़ा दी, फिर मैने संगीता की गंद मे हाथ मारते हुए उससे कहा क्यो रानी देखा तुम्हारा भाई तुमसे कितना प्यार करता है,

संगीता- केवल मुस्कुराकर मुझे देखती है और फिर मुझसे लिपट कर चूमते हुए कहती है अब चलो भी भैया नही तो रात हो जाएगी, 10 मिनिट मे हम दोनो तालाब पर पहुच गये और फिर वहाँ से हम बाइक के पास जाने लगे,

संगीता- भैया हरिया को तो बता देते कि हम लोग जा रहे है

राज- नही रे उसे क्यो डिस्टर्ब करे वह अभी सुधिया को चोदने मे लगा होगा

संगीता- भैया, सुधिया तो उसकी भाभी है ना फिर वह अपनी भाभी को चोद्ता है

राज- अरे तू चंदा से मिली है ना चंदा तो उसकी बेटी है और हरिया उसे दिन भर नंगी करके चोद्ता है,

संगीता- भैया हरिया तो बड़ा चुड़क्कड़ है

राज- हस्ते हुए तेरे भैया से ज़्यादा नही है, चल अब बैठ गाड़ी पर बाकी बाते बाद मे करेगे और फिर मैं अपनी प्यारी बहना को गाड़ी मे दोनो तरफ पेर करके बैठा लेता हू और फर्स्ट गियर लगा कर बाइक को अपने घर की ओर जाने वाले रास्ते पर दौड़ा देता हू,

शाम को हम घर पहुचे तो मम्मी किचन मे कम कर रही थी और संगीता दौड़ कर सीधे मम्मी की मोटी

गंद से चिपक गई,

रति- मुस्कुराते हुए आ गई, दिन भर जान खा गई होगी अपने भैया की, राज तुझे तो बहुत परेशान किया होगा इसने

राज-हस्ते हुए नही मम्मी बेचारी चुपचाप मेरे साथ घूमती रही,

संगीता- मुझे देख कर मुस्कुराते हुए, मम्मी मैं भैया को परेशान करने थोड़े ही गई थी मैं तो खूब

मोटे मोटे गन्ने चूसने गई थी,

क्रमशः........
 
गन्ने की मिठास--36

गतान्क से आगे......................

रति- चूस आई खूब गन्ने, बड़ा मज़ा आया होगा तुझे,

संगीता- सच मम्मी खूब मस्त मीठे गन्ने है आप एक बार चूस लोगि तो आपका बार बार चूसने का मन करेगा

रति- हस्ते हुए चल हट मुझे नही चूसना गन्ना वान्ना

संगीता- मम्मी सीधे रस पीने मे मज़ा नही आता है जब तक कि गन्ने को खूब दबा दबा कर ना चूसो,

रति- अब बाते बंद करो और जाओ हाथ मूह धोकर मेरी हेल्प करो उसके बाद संगीता वहाँ से चली गई और मैं

मम्मी की गुदाज जवानी को देखने लगा, मम्मी ने एक वाइट कलर की पतली सी मॅक्सी पहने हुए थी और उसकी मोटी

गंद खूब चौड़ी होकर मॅक्सी को उपर तक उठाए हुई थी फिर मम्मी जैसे ही थोड़ा आगे झुकी उसकी मॅक्सी मे से

उसकी पॅंटी का पूरा शॅप और यहाँ तक की उसका गुलाबी रंग भी नज़र आने लगा, मेरा तो अपनी मम्मी की मोटी गंद

मे फसि पॅंटी देख कर लंड झटके देने लगा,

रति- मुस्कुराकर, क्या हुआ बेटे भूख लगी है क्या,

राज- नही मम्मी ऐसी कोई बात नही है,

रति- अच्छा जा तू भी मूह हाथ धो ले मैं अभी तेरे लिए चाइ बनाती हू, मेरा मन तो मम्मी की मोटी गंद देख

कर जाने का नही कर रहा था लेकिन फिर मैं वहाँ से आ गया और अपनी पॅंट शर्ट उतार कर जैसे ही बाथ रूम मे

गया वहाँ संगीता केवल टीशर्ट और पॅंटी पहन कर झुकी हुई साबुन से अपना मूह

धो रही थी, मेरा लंड तो

मम्मी की मोटी गंद देख कर वैसे ही खड़ा था और उपर से संगीता की काली कलर की पॅंटी मे कसी उसकी गोरी गोरी

मोटी गंद देख कर मेरा लंड और भी ताव मे आ गया और मैने आगे बढ़ कर संगीता की मोटी गंद को कस कर

दबोचते हुए उसे चूम लिया,

संगीता- भैया क्या कर रहे हो मम्मी देख लेगी,

राज- देख लेने दे, तुझे अपनी गंद चत्वाते देख मम्मी की चूत भी फूल जाएगी,

संगीता- बड़े आए मम्मी की चूत फुलाने वाले अगर देख लिया तो समझ लेना हम दोनो की खेर नही,

तभी मैने संगीता की पॅंटी पकड़ कर उसकी मोटी गुदाज गंद से नीचे सरका दी और अपने लंड को उसकी चूत और

गंद को फैलाते हुए सीधे संगीता की गुलाबी चूत मे कस कर धक्का मार कर फसा दिया और संगीता ने सामने

के पाइप को पकड़ कर एक हल्की सी सिसकारी मारते हुए कहा

संगीता- ओह भैया आप बहुत खराब है, सीधे खड़ा लंड फसा दिया मेरी चूत मे, अभी तो मुझे चोद के आए

हो और कितना चोदोगे,

राज- क्या करू मेरी रानी जब मैने मम्मी की उठी हुई गंद और उसकी पॅंटी जो उसकी मॅक्सी से नज़र आ रही है उसने

मुझे पागल कर दिया है देख तेरे भैया का लंड इस समय कितना सख़्त हो गया है लगता है आज मैं तेरी चूत

और गंद फाड़ कर रख दू,

संगीता- अब बाते करना छ्चोड़ो और जल्दी से कस कस कर धक्के मार दो नही तो मम्मी आ जाएगी

मैने संगीता की चूत मे खूब कस कस कर धक्के मारना शुरू कर दिया और संगीता अपनी आवाज़ को दबाए हुए

मेरे लंड को अपनी चूत मे लेने लगी,

संगीता- आह भैया आप बहुत जालिम हो थोड़ा धीरे मारो बहुत दर्द हो रहा है, संगीता की चूत मे मेरा लंड

खूब कसा हुआ जा रहा था और उसकी चूत मेरे लंड को खूब जकड़े हुए थी
 
राज- मेरी रानी चिंता मत करो जब किसी औरत की ऐसी दर्द भरी चुदाई होती है तब उसे खूब मज़ा आता है, तेरा

भैया तेरी चूत मारते हुए तुझे जितना अपने लंड से दर्द पहुचाएगा देखना तुझे बाद मे उतना ही मज़ा

आएगा और तू कहेगी ओह भैया खूब कस कस कर चोदिये अपनी बहन की चूत को,

मैं आगे हाथ लेजाकार संगीता के दूध को खूब कस कर दबाते हुए उसकी चूत मे सतसट लंड पेलने लगा और

फिर जब संगीता की चूत खूब चिकनी हो गई तब मैने ताबड़तोड़ धक्के मार मार के जल्दी से अपना पानी उसकी गुलाबी

चूत मे छ्चोड़ दिया और फिर कुच्छ देर हाफने के बाद हम दोनो ने हाथ मूह धोया और बाहर आ गये,

थोड़ी देर

बाद मम्मी मेरे लिए चाइ लेकर आई और संगीता किचन मे जाकर काम करने लगी, मम्मी मेरे बगल मे बैठ

गई और मैं चाइ की चुस्किया लेते हुए मम्मी के बदन के उतार चढ़ाव को देखने लगा,

मेरे लंड मे थोड़ा सा ताव आ गया और मैने लूँगी के उपर से अपने लंड को जैसे ही चाइ पीते हुए मसला

मम्मी की नज़र एक दम से मेरे हाथ की ओर चली गई और उन्होने मुझे अपना लंड मसल्ते हुए देख लिया और

जब उनकी नज़रे मुझसे मिली तो उन्होने अपनी नज़रे चुराते हुए दूसरी तरफ नज़र घुमा ली,

मम्मी आज कुछ ज़्यादा

ही खूबसूरत लग रही थी दिल कर रहा था कि रंडी का मूह पकड़ कर चूम लू, मम्मी का गोरा गोरा पेट आज कुछ

ज़्यादा ही उठा हुआ लग रहा था और उसकी गहरी नाभि इतनी बड़ी लग रही थी कि लंड का टोपा उसकी नाभि मे घुसाना

चाहो तो घुस जाए,

कुच्छ देर ऐसे ही बाते करने के बाद मम्मी ने हम लोगो को खाना दिया और फिर जब काफ़ी

रात हो गई तो मम्मी और संगीता दोनो अपने रूम मे चली गई और मैं बैठ कर टीवी देखने लगा, कुच्छ देर बाद

मुझे पायल की आवाज़ सुनाई दी और मैने पलट कर देखा तो मम्मी मेरी ओर चली आ रही थी,

रति- बेटे आज नींद नही आ रही है क्या

राज- बस मम्मी अब सोने ही वाला था और फिर मैने मम्मी से कहा आओ बैठो ना,

रति- रुक जा ज़रा मैं बाथरूम होकर आती हू और फिर मम्मी बाथरूम मे घुस गई लेकिन दरवाजा थोड़ा सा ही

लगाया,

मैं जल्दी से उठ कर बाथरूम के पास जाकर खड़ा हो गया तभी मेरे कानो मे मम्मी के मूतने की

मस्त आवाज़ सुन कर मेरी आँखो के सामने मम्मी की फूली हुई चूत कैसे मोटी पेशाब की धार मार रही होगी यह

नज़ारा नाचने लगा और मेरा लंड अपनी मम्मी की चूत मारने के लिए तड़पने लगा, कुच्छ देर बाद मैं वापस

आकर बैठ गया और थोड़ी देर बाद मम्मी बाहर आ गई जब मम्मी बाहर आई तो उन्होने अपने हाथो से एक बार

मॅक्सी के उपर से अपनी चूत को दबोचा जैसे पानी पोछ रही हो और फिर मेरे बिल्कुल करीब मुझसे सॅट कर बैठ गई

और मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहने लगी बेटा अब तू जवान हो गया है अब तेरे लिए कोई सुंदर सी लड़की भी

देखनी पड़ेगी,
 
रति- पर कही तेरी शादी कर दी तो तू अपनी मम्मी को ही मत भूल जाना

राज- मैने मम्मी की बात सुन कर सोचा आज मम्मी इतनी रोमांटिक क्यो हो रही है मैं कुच्छ समझ नही पाया

और फिर मैने भी सोचा मैं बेकार इतना डर रहा हू आख़िर है तो मेरी मम्मी अगर मैने थोड़ा बहुत उसे च्छू

भी लिया तो वह कुच्छ नही कहेगी और अगर उसे बुरा लगा तो सॉरी कह दूँगा, मैने मम्मी के गालो को चूमते

हुए कहा,

राज- भला कोई बेटा अपनी मम्मी को भूल सकता है क्या

रति- मूह बनाते हुए रहने दे अभी बीबी नही है तो तेरे यह हाल है की कभी अपनी मम्मी का तुझे ध्यान ही

नही रहता है और कही बीबी आ गई तो क्या याद रखेगा,

मेरा मन मम्मी के गुदाज उठे हुए पेट और उसकी गहरी नाभि छुने का बहुत मन कर रहा था और मैने

बहाने से अपना हाथ मम्मी की चिकनी कमर मे फेर कर सहलाते हुए कहा, आप जैसी सुंदर मम्मी के लिए

तो ऐसी 100 बिबिया भी कुर्बान है मम्मी, और फिर मैने मम्मी की मोटी जाँघो को उसकी मॅक्सी के उपर से सहलाना

शुरू कर दिया,

रति- बहुत बड़ी बड़ी बाते करने लगा है पर कभी यह भी सोचा है तेरी मम्मी का भी मन कभी कभार

घूमने फिरने का होता है लेकिन तुझे मेरी और ध्यान ही कहाँ रहता है, अपनी बहन को तो घुमा फिरा लाता है

पर कभी मम्मी का भी ख्याल आता है,

राज- अच्छा बाबा सॉरी आइ अड्मिट माइ मिस्टेक अब आगे से आपका बेटा आपका पूरा ख्याल रखेगा और आपको कभी

शिकायत का मोका नही देगा, आप की जो भी इच्छाए है वह मुझे आप बता दो मैं आपकी सभी ख्वाहिशे पूरी

करने की कोशिश करूँगा,

रति- राज संगीता गाँव के गन्ने की बड़ी तारीफ कर रही थी क्या सचमुच बहुत मस्त और बड़े बड़े गन्ने है वहाँ

पर,

राज- हाँ मम्मी बहुत मस्त गन्ने है आप जब चुसोगी तो एक दम मस्त हो जाओगी,

रति- मुस्कुराते हुए अच्छा मुझे कब ले चलेगा अपने साथ गन्ने चुसवाने, या अपनी भरी भरकम मम्मी

को अपनी बाइक पर बैठा कर लेजाने मे तुझे शरम आएगी,

मैं मम्मी की जाँघो पर सर रख कर उसकी मोटी जाँघो को अपने हाथो मे भर कर उसकी जाँघो को चूमते

हुए,

मम्मी आप भी ना, आप इतनी सुंदर है और आपको लेकर जाने मे मुझे भला क्यो शरम आएगी मैं एक

दो दिन मे आपको भी ले कर चलता हू,

रति- मेरा मतलब था बेटे कि मैं एक तो इतनी मोटी हो गई हू तो मैने सोचा शायद तुझे अच्छा ना लगे मुझे ले

जाना,

राज- नही मम्मी आप नही जानती मुझे आपके जैसी औरते ही अच्छी लगती है, आप मेरी शादी भी करो तो अपने जैसे

भरे बदन वाली औरत से ही करना,

रति- मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए मेरे सीने के बाल को सहलाते हुए मुस्कुराकर कहने लगी, मैं अपने जैसे

बदन वाली औरत तेरे लिए ला दूँगी तो तू कही मुझे अकेला छ्चोड़ कर उसके साथ ही मत चला जाना,

मैं उठ कर मम्मी के बगल मे बैठ कर उनकी चिकनी कमर मे हाथ डाल कर मैने उनको चूमते हुए कहा,

मम्मी आपको तो मैं जिंदगी भर अपने साथ ही रखूँगा चाहे मेरे लिए आप कितनी भी सुंदर औरत ले आओ,

रति- इतनी अच्छी लगती है क्या तेरी मम्मी तुझे
 
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