hotaks444
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गन्ने की मिठास--34
गतान्क से आगे......................
संगीता- बस भैया ज़रा सा और उपर उठा लो, मैने संगीता की बात सुन कर अपने हाथ का दबाव उसकी चूत और गंद के बीच बढ़ा दिया और उसकी मोटी जाँघो के बीच के हिस्से को अपने हाथो से दबा कर उपर उठा दिया, मेरी इस हरकत से संगीता ने पहले तो आम तोड़ लिया और फिर एक दम से अपनी दोनो मोटी जाँघो के बीच फासे मेरे हाथ को अपनी दोनो जाँघो से खूब कस कर दबा लिया,
राज- तोड़ लिया संगीता
संगीता- हाँ भैया तोड़ लिया
मैने संगीता को धीरे से नीचे सरकाया और उसके मोटे मोटे दूध जो टीशर्ट फाड़ने को बेताब थे एक दम से मेरे मूह से लग गये और मैने अपना मूह संगीता के मोटे मोटे बोबे से कस कर दबा दिया और संगीता के मूह से एक हल्की सी सिसकी कुच्छ इस तरह से निकल गई, उनह ओ भैया और संगीता ने अपने होंठो से मेरे गालो को चूम लिया, मैने जैसे ही संगीता को थोड़ा और नीचे अपने शरीर से रगड़ते हुए उतारा संगीता की फूली हुई चूत सीधे मेरे खड़े लंड पर जाकर रुक गई और मैने उसकी कमर थामे हुए अपने लंड को कस कर संगीता की चूत से दबा दिया और संगीता ओह भैया करके एक दम से मुझसे चिपक गई तभी मैने हाथ छ्चोड़ दिया और संगीता नीचे उतर कर खड़ी हो गई,
संगीता मुस्कुराते हुए कहने लगी वाह भैया क्या आम है मस्त पका हुआ है और फिर संगीता ने आम के उपर के हिस्से को जैसे ही दन्तो से काटना चाहा मैने कहा अरे पगली पके आम को ऐसे काटा नही जाता है बल्कि उसे खूब चूसा जाता है, तू लड़की है ना इसलिए तुझे आम चूसना नही आता है और फिर मैने संगीता के मोटे मोटे बोबो को देखते हुए कहा पगली ऐसे पके आम को कैसे चूस्ते है देख मैं तुझे बताता हू,
संगीता चोर नज़रो से मेरे लंड को देख रही थी और मैं उसकी फूली हुई चूत और जाँघो को देख रहा था, मैने आम के उपर के हिस्से को थोड़ा सा साफ करके संगीता से कहा देख पहले पके हुए आम को कैसे दबा दबा कर उसे खूब रसीला करते है फिर मैं संगीता के सामने उस आम को दबा दबा कर उसे नरम करने लगा उसके बाद मैने उसके टॉप पर हल्का सा छेद करके आम को जैसे ही थोड़ा सा दबाया उसमे से मस्त रस बाहर आने लगा और मैने संगीता की ओर बढ़ा कर उससे कहा ले अब चाट इसे,
संगीता ने अपनी रसीली जीभ निकाल कर आम को चाट लिया और कहने लगी वाह भैया बहुत ही मीठा आम है
राज- पगली जब आम ताज़ा हो और खूब गदराया हो तब उसे चूसने पर खूब रसीला और मीठा ही लगता है और फिर इस बार आम को दबा कर मैने उसका रस चूस लिया और फिर दूसरी बार संगीता की ओर बढ़ाया और उसने रस चूसना शुरू कर दिया, कुच्छ देर मे ही संगीता पूरा आम खा गई और फिर से पेड़ की ओर देखने लगी, तभी उसे दूसरा आम नज़र आ गया और वह उछल कर कहने लगी
संगीता- भैया वो देखो एक और मस्त आम लगा है प्लीज़ उसे भी तोड़ दो ना, मैने देखा वह आम भी उसी हाइट पर था और संगीता को खूब मस्ती चढ़ि हुई थी तभी तो रंडी भरे बगीचे मे पॅंटी मे घूम रही थी, मैं समझ गया था कि अब देर करना बेकार है माल मस्त चोदने लायक है और अभी तो 3 बजा है आज शाम तक इसे यही पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोदुन्गा,
संगीता- भैया क्या सोचने लगे उठाओ ना मुझे अपनी गोद मे,
मैने इस बार संगीता को जाकड़ उसके होंठो को चूमते हुए कहा मुझे पता था तू आम के बगीचे मे पके हुए आम देख कर ऐसे ही पागल हो जाएगी,
संगीता- अपनी बाँहे आगे बढ़ा कर मेरी और कातिल निगाहो से देखते मूह बना कर कहने लगी भैया चढ़ाओ ना अपनी बहन को अपने उपर,
मैने जाकर संगीता को पहले अपने सीने से कस कर दबा लिया और उसके गालो को चूमने लगा
संगीता- भैया यह सब आप बाद मे कर लेना और फिर मुस्कुराकर कहने लगी पहले अपनी बहन को अपने उपर तो चढ़ा लो, मैने संगीता की मोटी गंद के बीच इस बार बड़े आराम से हाथ डाल कर उसकी बुर और गंद पर दबाते हुए उसकी चूत को कस कर मुट्ठी मे भर कर उसे अपने उपर उठा कर अपने सीने से दबा लिया, हाय उसकी चूत और गंद का गुदाज एहसास बड़ा मस्त था,
लेकिन मैने देखा कि इस बार संगीता अपनी आँखे बंद किए हुए मेरे सीने से अपने मोटे दूध खूब ज़ोर से रगड़ते हुए खूब कस कर अपनी दोनो जाँघो को लपेट कर किसी बंदरिया की तरह मेरी कमर से लिपटी हुई थी और अपने रसीले होंठो से मेरे गले को चूम रही थी, मैने भी संगीता की दोनो टाँगो को कस कर अपनी कमर से लपेट लिया और अपने दोनो हाथो से संगीता की मोटी गंद को दबाते हुए जैसे ही मैने उसकी पॅंटी के उपर से उसकी गंद के छेद को सहलाया संगीता पागलो की तरह आह भैया करती हुई मेरे होंठो को खूब कस कस कर चूमने लगी, मैने अपनी जीभ निकाल कर संगीता के मूह मे डालने की कोशिश की तो संगीता ने अपनी जीभ निकाल कर मेरे मूह मे डालने लगी और मैने उसकी रसीली जीभ को अपने मूह मे भर कर उसकी मोटी गंद की गुदा को खूब सहलाते हुए उसकी रसीली जीभ को चूसने लगा,
गतान्क से आगे......................
संगीता- बस भैया ज़रा सा और उपर उठा लो, मैने संगीता की बात सुन कर अपने हाथ का दबाव उसकी चूत और गंद के बीच बढ़ा दिया और उसकी मोटी जाँघो के बीच के हिस्से को अपने हाथो से दबा कर उपर उठा दिया, मेरी इस हरकत से संगीता ने पहले तो आम तोड़ लिया और फिर एक दम से अपनी दोनो मोटी जाँघो के बीच फासे मेरे हाथ को अपनी दोनो जाँघो से खूब कस कर दबा लिया,
राज- तोड़ लिया संगीता
संगीता- हाँ भैया तोड़ लिया
मैने संगीता को धीरे से नीचे सरकाया और उसके मोटे मोटे दूध जो टीशर्ट फाड़ने को बेताब थे एक दम से मेरे मूह से लग गये और मैने अपना मूह संगीता के मोटे मोटे बोबे से कस कर दबा दिया और संगीता के मूह से एक हल्की सी सिसकी कुच्छ इस तरह से निकल गई, उनह ओ भैया और संगीता ने अपने होंठो से मेरे गालो को चूम लिया, मैने जैसे ही संगीता को थोड़ा और नीचे अपने शरीर से रगड़ते हुए उतारा संगीता की फूली हुई चूत सीधे मेरे खड़े लंड पर जाकर रुक गई और मैने उसकी कमर थामे हुए अपने लंड को कस कर संगीता की चूत से दबा दिया और संगीता ओह भैया करके एक दम से मुझसे चिपक गई तभी मैने हाथ छ्चोड़ दिया और संगीता नीचे उतर कर खड़ी हो गई,
संगीता मुस्कुराते हुए कहने लगी वाह भैया क्या आम है मस्त पका हुआ है और फिर संगीता ने आम के उपर के हिस्से को जैसे ही दन्तो से काटना चाहा मैने कहा अरे पगली पके आम को ऐसे काटा नही जाता है बल्कि उसे खूब चूसा जाता है, तू लड़की है ना इसलिए तुझे आम चूसना नही आता है और फिर मैने संगीता के मोटे मोटे बोबो को देखते हुए कहा पगली ऐसे पके आम को कैसे चूस्ते है देख मैं तुझे बताता हू,
संगीता चोर नज़रो से मेरे लंड को देख रही थी और मैं उसकी फूली हुई चूत और जाँघो को देख रहा था, मैने आम के उपर के हिस्से को थोड़ा सा साफ करके संगीता से कहा देख पहले पके हुए आम को कैसे दबा दबा कर उसे खूब रसीला करते है फिर मैं संगीता के सामने उस आम को दबा दबा कर उसे नरम करने लगा उसके बाद मैने उसके टॉप पर हल्का सा छेद करके आम को जैसे ही थोड़ा सा दबाया उसमे से मस्त रस बाहर आने लगा और मैने संगीता की ओर बढ़ा कर उससे कहा ले अब चाट इसे,
संगीता ने अपनी रसीली जीभ निकाल कर आम को चाट लिया और कहने लगी वाह भैया बहुत ही मीठा आम है
राज- पगली जब आम ताज़ा हो और खूब गदराया हो तब उसे चूसने पर खूब रसीला और मीठा ही लगता है और फिर इस बार आम को दबा कर मैने उसका रस चूस लिया और फिर दूसरी बार संगीता की ओर बढ़ाया और उसने रस चूसना शुरू कर दिया, कुच्छ देर मे ही संगीता पूरा आम खा गई और फिर से पेड़ की ओर देखने लगी, तभी उसे दूसरा आम नज़र आ गया और वह उछल कर कहने लगी
संगीता- भैया वो देखो एक और मस्त आम लगा है प्लीज़ उसे भी तोड़ दो ना, मैने देखा वह आम भी उसी हाइट पर था और संगीता को खूब मस्ती चढ़ि हुई थी तभी तो रंडी भरे बगीचे मे पॅंटी मे घूम रही थी, मैं समझ गया था कि अब देर करना बेकार है माल मस्त चोदने लायक है और अभी तो 3 बजा है आज शाम तक इसे यही पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोदुन्गा,
संगीता- भैया क्या सोचने लगे उठाओ ना मुझे अपनी गोद मे,
मैने इस बार संगीता को जाकड़ उसके होंठो को चूमते हुए कहा मुझे पता था तू आम के बगीचे मे पके हुए आम देख कर ऐसे ही पागल हो जाएगी,
संगीता- अपनी बाँहे आगे बढ़ा कर मेरी और कातिल निगाहो से देखते मूह बना कर कहने लगी भैया चढ़ाओ ना अपनी बहन को अपने उपर,
मैने जाकर संगीता को पहले अपने सीने से कस कर दबा लिया और उसके गालो को चूमने लगा
संगीता- भैया यह सब आप बाद मे कर लेना और फिर मुस्कुराकर कहने लगी पहले अपनी बहन को अपने उपर तो चढ़ा लो, मैने संगीता की मोटी गंद के बीच इस बार बड़े आराम से हाथ डाल कर उसकी बुर और गंद पर दबाते हुए उसकी चूत को कस कर मुट्ठी मे भर कर उसे अपने उपर उठा कर अपने सीने से दबा लिया, हाय उसकी चूत और गंद का गुदाज एहसास बड़ा मस्त था,
लेकिन मैने देखा कि इस बार संगीता अपनी आँखे बंद किए हुए मेरे सीने से अपने मोटे दूध खूब ज़ोर से रगड़ते हुए खूब कस कर अपनी दोनो जाँघो को लपेट कर किसी बंदरिया की तरह मेरी कमर से लिपटी हुई थी और अपने रसीले होंठो से मेरे गले को चूम रही थी, मैने भी संगीता की दोनो टाँगो को कस कर अपनी कमर से लपेट लिया और अपने दोनो हाथो से संगीता की मोटी गंद को दबाते हुए जैसे ही मैने उसकी पॅंटी के उपर से उसकी गंद के छेद को सहलाया संगीता पागलो की तरह आह भैया करती हुई मेरे होंठो को खूब कस कस कर चूमने लगी, मैने अपनी जीभ निकाल कर संगीता के मूह मे डालने की कोशिश की तो संगीता ने अपनी जीभ निकाल कर मेरे मूह मे डालने लगी और मैने उसकी रसीली जीभ को अपने मूह मे भर कर उसकी मोटी गंद की गुदा को खूब सहलाते हुए उसकी रसीली जीभ को चूसने लगा,