hotaks444
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हरिया तो जैसे मेरी मम्मी की भरी हुई जवानी देख कर पागल हुआ जा रहा था,
मैं पूरा नंगा अपनी मम्मी के गदराए बदन से चिपका हुआ उसके सारे बदन पर हाथ फेर रहा था और
मम्मी मेरे लंड को अपने हाथो मे थामे हुए थी लेकिन मुझसे बहुत शर्मा रही थी और अपनी नज़रे नीचे
किए हुए थी,
तभी हरिया आगे आया और उसने मम्मी के उपर बंदूक तान कर कहा
हरिया- लोंडे बहुत हो गया तेरा नाटक अब जल्दी से ब्लाउज उतार कर इसके दूध को खूब कस कस कर मसल्ते हुए पी
नही तो अभी इसे गोली मार देता हू, हरिया का इतना कहना था कि मैने मम्मी के ब्लौज को खोलना शुरू कर दिया
और मम्मी आह राज मत कर बेटे मुझे शर्म आ रही है,
हरिया- अपना ब्लौज उतारने मे शरम आ रही है और जो दूसरे हाथ मे मस्त लंड सहला रही हो तो शरम नही
आ रही है, हरिया की बात सुन कर मम्मी और भी शर्मा गई और तब तक मैने मम्मी के ब्लौज को खोल दिया,
हाय क्या बताऊ रंडी लाल रंग की ब्रा पहने बड़ी ही मस्त चुदासी लग रही थी और क्या मोटे मोटे दूध अपनी छ्होटी
सी ब्रा मे कसे हुए थी, मैने बिना देरी किए मम्मी के मोटे मोटे दूध को देखते ही खूब दबोच दबोच
कर मसलना शुरू कर दिया और मम्मी एक दम से मुझे देखते हुए मुझसे चिपकने की कोशिश करने लगी और
उसके मूह से आ आ सीईईईई सीईईईईईईईईईईईई ओह बेटे जैसी आवाज़े आने लगी,
लगभग 10 मिनिट तक मे उसके दूध को खूब दबाता रहा और उन्हे अपने होंठो से पीता रहा, अब मम्मी
काफ़ी गरम हो चुकी थी और उसकी चूत से भी पानी आने लगा था तभी तो मम्मी मेरे लंड को खूब ज़ोर ज़ोर से
मुठियाते हुए उसे खा जाने वाली नज़रो से देख रही थी, अब हरिया कुच्छ कहता इससे पहले ही मैने अपने हाथ
पिछे लेजाकार मम्मी के पेटिकोट के उपर से ही उसकी गुदाज भरी हुई मोटी गंद को जब मैने अपने हाथो मे
भर कर दबोचा तो क्या बताऊ कितना मज़ा आया ऐसी मोटी गंद आज तक मैने नही सहलाई थी क्या मस्त गंद थी
मेरी मम्मी की,
मैं तो पागलो की तरह उसकी पूरी गन्ड को अपने हाथो मे भर भर कर मसल्ने लगा और उसकी
गंद की गहरी दरार मे अपना हाथ भर भर कर रंडी की गुदा को खूब दबा दबा कर सहलाने लगा, उसके बाद
जैसे ही मैने अपने हाथ को आगे लाकर मम्मी की चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर दबोचा तो मम्मी के मूह
से एक गहरी सिसकी निकल गई और वह भी मेरे मूह को चूमते हुए मुझसे खड़ी खड़ी ज़ोर से चिपक गई,
मैं पूरा नंगा अपनी मम्मी के गदराए बदन से चिपका हुआ उसके सारे बदन पर हाथ फेर रहा था और
मम्मी मेरे लंड को अपने हाथो मे थामे हुए थी लेकिन मुझसे बहुत शर्मा रही थी और अपनी नज़रे नीचे
किए हुए थी,
तभी हरिया आगे आया और उसने मम्मी के उपर बंदूक तान कर कहा
हरिया- लोंडे बहुत हो गया तेरा नाटक अब जल्दी से ब्लाउज उतार कर इसके दूध को खूब कस कस कर मसल्ते हुए पी
नही तो अभी इसे गोली मार देता हू, हरिया का इतना कहना था कि मैने मम्मी के ब्लौज को खोलना शुरू कर दिया
और मम्मी आह राज मत कर बेटे मुझे शर्म आ रही है,
हरिया- अपना ब्लौज उतारने मे शरम आ रही है और जो दूसरे हाथ मे मस्त लंड सहला रही हो तो शरम नही
आ रही है, हरिया की बात सुन कर मम्मी और भी शर्मा गई और तब तक मैने मम्मी के ब्लौज को खोल दिया,
हाय क्या बताऊ रंडी लाल रंग की ब्रा पहने बड़ी ही मस्त चुदासी लग रही थी और क्या मोटे मोटे दूध अपनी छ्होटी
सी ब्रा मे कसे हुए थी, मैने बिना देरी किए मम्मी के मोटे मोटे दूध को देखते ही खूब दबोच दबोच
कर मसलना शुरू कर दिया और मम्मी एक दम से मुझे देखते हुए मुझसे चिपकने की कोशिश करने लगी और
उसके मूह से आ आ सीईईईई सीईईईईईईईईईईईई ओह बेटे जैसी आवाज़े आने लगी,
लगभग 10 मिनिट तक मे उसके दूध को खूब दबाता रहा और उन्हे अपने होंठो से पीता रहा, अब मम्मी
काफ़ी गरम हो चुकी थी और उसकी चूत से भी पानी आने लगा था तभी तो मम्मी मेरे लंड को खूब ज़ोर ज़ोर से
मुठियाते हुए उसे खा जाने वाली नज़रो से देख रही थी, अब हरिया कुच्छ कहता इससे पहले ही मैने अपने हाथ
पिछे लेजाकार मम्मी के पेटिकोट के उपर से ही उसकी गुदाज भरी हुई मोटी गंद को जब मैने अपने हाथो मे
भर कर दबोचा तो क्या बताऊ कितना मज़ा आया ऐसी मोटी गंद आज तक मैने नही सहलाई थी क्या मस्त गंद थी
मेरी मम्मी की,
मैं तो पागलो की तरह उसकी पूरी गन्ड को अपने हाथो मे भर भर कर मसल्ने लगा और उसकी
गंद की गहरी दरार मे अपना हाथ भर भर कर रंडी की गुदा को खूब दबा दबा कर सहलाने लगा, उसके बाद
जैसे ही मैने अपने हाथ को आगे लाकर मम्मी की चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर दबोचा तो मम्मी के मूह
से एक गहरी सिसकी निकल गई और वह भी मेरे मूह को चूमते हुए मुझसे खड़ी खड़ी ज़ोर से चिपक गई,