hotaks444
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साथियो बहुत दिनो बाद आपके लिए एक और मस्त कहानी लेकर आया हूँ ये कहानी आपको ज़रूर पसंद आएगी .
मित्रो कभी कभी जीवन में ऐसी ऐसी घटनाए हो जाती है जिनके बारे में इंसान सोच भी नही सकता . ऐसी ही एक घटना जिसमे इस कहानी के मुख्य किरदार को ऐसा अपनी ईमानदारी का इनाम मिला जो उसने कभी सोचा भी नही था . भाइयो अब कहानी शुरू कर रहा हूँ कहानी ................. एक दिन की बात है, मैं होटल पर कुछ खाने के लिए गया था तभी मेरी नज़र टेबल पर पड़ी.. वहाँ एक औरत का पर्स पड़ा था.. मैंने उसमें देखा तो दो “ए टी म”, 8500 रुपये और एक बिल था.. उस पर एक मोबाइल नंबर था..
मैंने वहाँ फोन मिला कर पता लगाया की वो किसी सोनम जी का है.. वहाँ से उनका नंबर भी मिल गया..
फिर, मैंने फोन मिलाया – हेलो मैडम जी, मैं रोहित बोल रहा हूँ.. मुझे होटल पर आपका पर्स मिला है.. मैं इंडस्ट्रियल एरिया से मेरे रूम से बोल रहा हूँ.. आप आ कर पर्स ले जाओ..
सोनम – आपका धन्यवाद.. आप अपना पूरा पता दे दो.. मैं शाम को आ जाउन्गी..
शाम को, एक नंबर से कॉल आया.. मैंने फिर से अपना पता बताया..
थोड़ी देर बाद, मेरे रूम के आगे एक कार आ कर रुकी.. उसमें से एक बहुत ही खूबसूरत औरत निकली..
वो एकदम गोरी और काफ़ी लंबी थी.. उसका चेहरा तो बहुत ही सुंदर था..
उसकी सारी बॉडी एकदम फिट थी.. उसके गाल और होंठ तो ज़बरमस्त थे..
साड़ी में कयामत ढा रही थी.. उसके बूब तो क्या खूब थे.. गले में एक छोटा सा लॉकेट था.. उसके बूब के बीच की दरार दिख रही थी.. मैं तो बस देखता ही रह गया..
सोनम – हेलो, मैं सोनम हूँ.. आप रोहित हैं ना.. उसकी आवाज़ में तो जादू था.. वो हर वर्ड को बहुत ही सुंदर ढंग से बोल रही थी.. मानो हिन्दी की टीचर हो..
मैंने कहा की मैं ही रोहित हूँ..
फिर मैं उनको कमरे में ले गया.. उनको चाय पिलाई..
फिर मैं उनको अपनी बातों से हँसने लगा..
सोनम – आप क्या करते हैं .?.
रोहित – मैं यहाँ पढ़ाई करता हूँ.. यही रहता हूँ.. पहले उप – डाउन करता था.. अब 3 महीने बाद पेपर है.. अब यहीं रहता हूँ.. मेरा फ्रेंड गाँव गया है.. हम दोनों रहते हैं.. यही बिजली बोर्ड में पार्ट टाइम जॉब भी करते हैं.. हमारे सर ने यहाँ लगाया है.. यहाँ का एक्सपीरियेन्स काम आएगा..
सोनम – तुम यहाँ क्यों रहते हो .?. सिटी से इतनी दूर यहाँ स्मेल नहीं आती .?. सर्दी नहीं लगती .?.
रोहित – यहाँ किराया बहुत कम है.. 800 रुपये और शिमला सिटी में इतना बड़ा मकान तो 4000 में भी नहीं मिलता.. पैसे की भी प्राब्लम है, जी.. ट्यूशन भी करनी पड़ती है.. 4000 – 5000 खर्च हो जाते हैं..
सोनम – आप तो काफ़ी इंटेलिजेंट हो.. मेरे पर्स को वापस दिया है इसलिए आपकी ये प्राब्लम तो अभी दूर कर देते हैं.. मेरे घर में रूम है.. वहाँ सारी सुविधा भी मिल जाएगी.. खाना – पीना और कपड़े धोने की सुविधा एकदम फ्री..
रोहित – लेकिन.. ..
सोनम – ये सब छोड़ो.. .. मैं फोन करती हूँ.. मेरा ड्राइवर तुम्हारा सारा सामान ले जाएगा.. तुम बैठो कार में..
वो बड़ी खुश थी..
उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोली – असल में मुझे तुम जैसे ईमानदार लड़के की तलाश थी..
मैंने तुरंत ही रूम लॉक कर दिया और कार में बैठ गया.. उसका जादू मुझ पर चढ़ गया..
उसने कार का एसी चालू कर दिया.. मुझे ठंड लगने लगी..
थोड़ी देर बाद हम उसके घर पर पहुँच गये..
उसका घर बहुत बड़ा था.. मानो कोई बहुत बड़े आदमी का घर हो..
2 – 3 नौकरानी थी.. एक बड़ा सा पार्क था..
उसने घर पर जाकर अपने नौकर को मेरा सामान लाने को कहा..
मैंने उसे अपना पता बताया..
सच में मैंने ऐसा घर आज तक नहीं देखा.. घर को बस देखता ही रह गया..
फिर सोनम ने पानी दिया और फिर ठंडा पिलाया..
थोड़ी देर बाद वो नहा कर आई.. क्या क्यामत लग रही थी.. उसके पर्फ्यूम की महक लाजवाब थी..
उसने कहा की तुम्हारा सामान आने वाला है.. तुम जल्दी से नहा लो.. मैं नहाने चला गया..
पहली बार शावर के नीचे नाहया.. मज़ा आ गया..
फिर सोनम ने मुझे कपड़े दिए तो वो मुस्कुरा दी..
मैं नाह कर बाहर आया.. अब सोनम मेरे पास बैठ गई..
मैंने काफ़ी देर तक बात की और वो मेरी बात सुनकर बहुत हँसी.. फिर हम दोनों ने खाना खाया..
वो बार – बार खड़ी होकर खाना परोस रही थी.. उसके बूब मुझे दिख रहे थे..
वो ये देख कर मुस्करा रही थी.. मज़ा आ गया..
फिर हम ने काफ़ी बातें की..
इतनी सुंदर औरत क साथ बात करते हुए मज़ा आ रहा था.. फिर हम दोनों टीवी वाले रूम में आ गये.. एक ही बेड पर बैठे थे..
रोहित – आपने अपने बारे में नहीं बताया..
सोनम – मेरे पति चंडीगढ़ में बिज़्नेस करते हैं.. महीने दो महीने बाद आते हैं.. उनके दो भाई और माता – पिताजी गुजरात में रहते हैं.. मैं यहाँ मेरी मौसी जी के साथ रहती हूँ.. हमारी यहाँ दो मिल है.. मैं उनको संभालती हूँ.. थोड़े ही दिनों में मौसी जी की बेटी की डेलिवरी होने वाली है इसलिए वो वहाँ गई हुई है.. मेरी शादी को 5 साल हो गये हैं.. और कहते कहते वो थोड़ी उदास हो गई थी..
रोहित – आपका कोई बेबी.. ..
सोनम – मेरे हज़्बेंड शायद पिता नहीं बन सकते.. वो बेड पर … … ..
रोहित – सॉरी मैडम जी.. ..
सोनम – ना ना कोई बात नहीं.. एक बार मेरे हज़्बेंड ने कोई न्यू सेक्स पाटनेर लेने क लिए भी कहा था.. मैंने सॉफ मना कर दिया..
रोहित – आपने सही किया..
सोनम – जब आपको देखा तो मेरा मन कहने लगा की आप मेरे फ्रेंड बन जाओगे..
रोहित – आप फ़िकर ना करें.. और मैंने उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया.. मुझे ठंड लग रही थी..
मैं रज़ाई के अंदर बैठ गया.. हम आम आदमियों को “ए सी” की इतनी आदत नहीं होती..
वैसे भी मैं आपको बता दूं शिमला में मई में भी काफ़ी सर्द मौसम रहता है पर अमीरों को गर्मी कुछ ज़्यादा ही लगती है..
तब तक 9 बज गये थे..
सोनम – मैं ड्रेस चेंज कर आती हूँ..
रोहित – ये ड्रेस भी बहुत सुंदर है..
वो हँसने लगी..
फिर वो थोड़ी देर बाद आई.. उसे देखते ही मुझे झटका सा लगा..
मेरा लंड तो मुँह उठा कर खड़ा हो गया..
वो सीधे मेरी रज़ाई में आ गई..
सोनम – आज मैं बहुत खुश हूँ.. मुझे तुम बहुत ही खूबसूरत और मस्त दोस्त मिले हो..
उसने मेरे हाथ को किस किया..
वो नाइटी में जादू कर रही थी..
सोनम – आओ.. ..
मैं उसकी पीठ के पीछे था.. मैंने उसे पीछे से पकड़ा..
बिना सेक्स के बारे में एक शब्द बोले, चुदाई शुरू होने वाली थी..
समझ तो मैं पहले ही गया था लेकिन इतना आसान होगा इसका ईलम नहीं था..
खैर, अगले ही पल उसके दोनों बूब मेरे हाथ में थे.. उसके बूब लाजवाब थे..
एकदम रस से भरे.. उसने गर्दन मोडी तो मैंने भी बिना कुछ कहे गाल को चूसना शुरू कर दिया..
यार, बहुत मज़ा आ रहा था..
हर लड़की इतनी बिंदास हो तो मज़ा ही आ जाए..
काफ़ी देर ऐसे ही चलता रहा..
सोनम – रोहित मेरी नाइटी उतारो.. आज बहुत मज़ा आएगा.. मेरे राजा तुम समझ ही गये होगे मैं तुम्हारी हूँ.. मेरे बूब, मेरे गाल, मेरी चूत सब तुम्हारी है.. अब तक तुम समझ गये होगे मैं तुम्हें यहाँ क्यूँ लाई..
रोहित – हाँ डार्लिंग..
अंधे को क्या चाहिए दो आँखें..
एक अमीर लड़की वो भी बिंदास चूत और बूब बोलने वाली..
मैंने तुरंत उसकी नाइटी उतार दी..
अगले ही पल वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी..
उसने बेजीझक मेरे कपड़े भी उतार दिए..
मुझे अमीर लोग काफ़ी पसंद आए..
मेरा लंड अंडरवियर फाड़ रहा था.. मैं अब भी उसके पीछे था.. उसके बूब को पकड़ रखा था..
कभी ज़ोर से कभी धीरे से उसके गाल चूस रहा था..
काफ़ी देर तक मीठा – मीठा मज़ा आता रहा.. वो आगे झुकी तो मैंने ब्रा का हुक खोल दिया..
उसकी नंगी पीठ मेरे सीने से लग चुकी थी.. बहुत मज़ा आने लगा..
असली मज़ा तो अब आने वाला था..
उसके गोल – गोल बूब मेरे हाथ में थे.. गुलाबी रंग की निप्पल हाथ में आ गये..
मित्रो कभी कभी जीवन में ऐसी ऐसी घटनाए हो जाती है जिनके बारे में इंसान सोच भी नही सकता . ऐसी ही एक घटना जिसमे इस कहानी के मुख्य किरदार को ऐसा अपनी ईमानदारी का इनाम मिला जो उसने कभी सोचा भी नही था . भाइयो अब कहानी शुरू कर रहा हूँ कहानी ................. एक दिन की बात है, मैं होटल पर कुछ खाने के लिए गया था तभी मेरी नज़र टेबल पर पड़ी.. वहाँ एक औरत का पर्स पड़ा था.. मैंने उसमें देखा तो दो “ए टी म”, 8500 रुपये और एक बिल था.. उस पर एक मोबाइल नंबर था..
मैंने वहाँ फोन मिला कर पता लगाया की वो किसी सोनम जी का है.. वहाँ से उनका नंबर भी मिल गया..
फिर, मैंने फोन मिलाया – हेलो मैडम जी, मैं रोहित बोल रहा हूँ.. मुझे होटल पर आपका पर्स मिला है.. मैं इंडस्ट्रियल एरिया से मेरे रूम से बोल रहा हूँ.. आप आ कर पर्स ले जाओ..
सोनम – आपका धन्यवाद.. आप अपना पूरा पता दे दो.. मैं शाम को आ जाउन्गी..
शाम को, एक नंबर से कॉल आया.. मैंने फिर से अपना पता बताया..
थोड़ी देर बाद, मेरे रूम के आगे एक कार आ कर रुकी.. उसमें से एक बहुत ही खूबसूरत औरत निकली..
वो एकदम गोरी और काफ़ी लंबी थी.. उसका चेहरा तो बहुत ही सुंदर था..
उसकी सारी बॉडी एकदम फिट थी.. उसके गाल और होंठ तो ज़बरमस्त थे..
साड़ी में कयामत ढा रही थी.. उसके बूब तो क्या खूब थे.. गले में एक छोटा सा लॉकेट था.. उसके बूब के बीच की दरार दिख रही थी.. मैं तो बस देखता ही रह गया..
सोनम – हेलो, मैं सोनम हूँ.. आप रोहित हैं ना.. उसकी आवाज़ में तो जादू था.. वो हर वर्ड को बहुत ही सुंदर ढंग से बोल रही थी.. मानो हिन्दी की टीचर हो..
मैंने कहा की मैं ही रोहित हूँ..
फिर मैं उनको कमरे में ले गया.. उनको चाय पिलाई..
फिर मैं उनको अपनी बातों से हँसने लगा..
सोनम – आप क्या करते हैं .?.
रोहित – मैं यहाँ पढ़ाई करता हूँ.. यही रहता हूँ.. पहले उप – डाउन करता था.. अब 3 महीने बाद पेपर है.. अब यहीं रहता हूँ.. मेरा फ्रेंड गाँव गया है.. हम दोनों रहते हैं.. यही बिजली बोर्ड में पार्ट टाइम जॉब भी करते हैं.. हमारे सर ने यहाँ लगाया है.. यहाँ का एक्सपीरियेन्स काम आएगा..
सोनम – तुम यहाँ क्यों रहते हो .?. सिटी से इतनी दूर यहाँ स्मेल नहीं आती .?. सर्दी नहीं लगती .?.
रोहित – यहाँ किराया बहुत कम है.. 800 रुपये और शिमला सिटी में इतना बड़ा मकान तो 4000 में भी नहीं मिलता.. पैसे की भी प्राब्लम है, जी.. ट्यूशन भी करनी पड़ती है.. 4000 – 5000 खर्च हो जाते हैं..
सोनम – आप तो काफ़ी इंटेलिजेंट हो.. मेरे पर्स को वापस दिया है इसलिए आपकी ये प्राब्लम तो अभी दूर कर देते हैं.. मेरे घर में रूम है.. वहाँ सारी सुविधा भी मिल जाएगी.. खाना – पीना और कपड़े धोने की सुविधा एकदम फ्री..
रोहित – लेकिन.. ..
सोनम – ये सब छोड़ो.. .. मैं फोन करती हूँ.. मेरा ड्राइवर तुम्हारा सारा सामान ले जाएगा.. तुम बैठो कार में..
वो बड़ी खुश थी..
उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोली – असल में मुझे तुम जैसे ईमानदार लड़के की तलाश थी..
मैंने तुरंत ही रूम लॉक कर दिया और कार में बैठ गया.. उसका जादू मुझ पर चढ़ गया..
उसने कार का एसी चालू कर दिया.. मुझे ठंड लगने लगी..
थोड़ी देर बाद हम उसके घर पर पहुँच गये..
उसका घर बहुत बड़ा था.. मानो कोई बहुत बड़े आदमी का घर हो..
2 – 3 नौकरानी थी.. एक बड़ा सा पार्क था..
उसने घर पर जाकर अपने नौकर को मेरा सामान लाने को कहा..
मैंने उसे अपना पता बताया..
सच में मैंने ऐसा घर आज तक नहीं देखा.. घर को बस देखता ही रह गया..
फिर सोनम ने पानी दिया और फिर ठंडा पिलाया..
थोड़ी देर बाद वो नहा कर आई.. क्या क्यामत लग रही थी.. उसके पर्फ्यूम की महक लाजवाब थी..
उसने कहा की तुम्हारा सामान आने वाला है.. तुम जल्दी से नहा लो.. मैं नहाने चला गया..
पहली बार शावर के नीचे नाहया.. मज़ा आ गया..
फिर सोनम ने मुझे कपड़े दिए तो वो मुस्कुरा दी..
मैं नाह कर बाहर आया.. अब सोनम मेरे पास बैठ गई..
मैंने काफ़ी देर तक बात की और वो मेरी बात सुनकर बहुत हँसी.. फिर हम दोनों ने खाना खाया..
वो बार – बार खड़ी होकर खाना परोस रही थी.. उसके बूब मुझे दिख रहे थे..
वो ये देख कर मुस्करा रही थी.. मज़ा आ गया..
फिर हम ने काफ़ी बातें की..
इतनी सुंदर औरत क साथ बात करते हुए मज़ा आ रहा था.. फिर हम दोनों टीवी वाले रूम में आ गये.. एक ही बेड पर बैठे थे..
रोहित – आपने अपने बारे में नहीं बताया..
सोनम – मेरे पति चंडीगढ़ में बिज़्नेस करते हैं.. महीने दो महीने बाद आते हैं.. उनके दो भाई और माता – पिताजी गुजरात में रहते हैं.. मैं यहाँ मेरी मौसी जी के साथ रहती हूँ.. हमारी यहाँ दो मिल है.. मैं उनको संभालती हूँ.. थोड़े ही दिनों में मौसी जी की बेटी की डेलिवरी होने वाली है इसलिए वो वहाँ गई हुई है.. मेरी शादी को 5 साल हो गये हैं.. और कहते कहते वो थोड़ी उदास हो गई थी..
रोहित – आपका कोई बेबी.. ..
सोनम – मेरे हज़्बेंड शायद पिता नहीं बन सकते.. वो बेड पर … … ..
रोहित – सॉरी मैडम जी.. ..
सोनम – ना ना कोई बात नहीं.. एक बार मेरे हज़्बेंड ने कोई न्यू सेक्स पाटनेर लेने क लिए भी कहा था.. मैंने सॉफ मना कर दिया..
रोहित – आपने सही किया..
सोनम – जब आपको देखा तो मेरा मन कहने लगा की आप मेरे फ्रेंड बन जाओगे..
रोहित – आप फ़िकर ना करें.. और मैंने उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया.. मुझे ठंड लग रही थी..
मैं रज़ाई के अंदर बैठ गया.. हम आम आदमियों को “ए सी” की इतनी आदत नहीं होती..
वैसे भी मैं आपको बता दूं शिमला में मई में भी काफ़ी सर्द मौसम रहता है पर अमीरों को गर्मी कुछ ज़्यादा ही लगती है..
तब तक 9 बज गये थे..
सोनम – मैं ड्रेस चेंज कर आती हूँ..
रोहित – ये ड्रेस भी बहुत सुंदर है..
वो हँसने लगी..
फिर वो थोड़ी देर बाद आई.. उसे देखते ही मुझे झटका सा लगा..
मेरा लंड तो मुँह उठा कर खड़ा हो गया..
वो सीधे मेरी रज़ाई में आ गई..
सोनम – आज मैं बहुत खुश हूँ.. मुझे तुम बहुत ही खूबसूरत और मस्त दोस्त मिले हो..
उसने मेरे हाथ को किस किया..
वो नाइटी में जादू कर रही थी..
सोनम – आओ.. ..
मैं उसकी पीठ के पीछे था.. मैंने उसे पीछे से पकड़ा..
बिना सेक्स के बारे में एक शब्द बोले, चुदाई शुरू होने वाली थी..
समझ तो मैं पहले ही गया था लेकिन इतना आसान होगा इसका ईलम नहीं था..
खैर, अगले ही पल उसके दोनों बूब मेरे हाथ में थे.. उसके बूब लाजवाब थे..
एकदम रस से भरे.. उसने गर्दन मोडी तो मैंने भी बिना कुछ कहे गाल को चूसना शुरू कर दिया..
यार, बहुत मज़ा आ रहा था..
हर लड़की इतनी बिंदास हो तो मज़ा ही आ जाए..
काफ़ी देर ऐसे ही चलता रहा..
सोनम – रोहित मेरी नाइटी उतारो.. आज बहुत मज़ा आएगा.. मेरे राजा तुम समझ ही गये होगे मैं तुम्हारी हूँ.. मेरे बूब, मेरे गाल, मेरी चूत सब तुम्हारी है.. अब तक तुम समझ गये होगे मैं तुम्हें यहाँ क्यूँ लाई..
रोहित – हाँ डार्लिंग..
अंधे को क्या चाहिए दो आँखें..
एक अमीर लड़की वो भी बिंदास चूत और बूब बोलने वाली..
मैंने तुरंत उसकी नाइटी उतार दी..
अगले ही पल वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी..
उसने बेजीझक मेरे कपड़े भी उतार दिए..
मुझे अमीर लोग काफ़ी पसंद आए..
मेरा लंड अंडरवियर फाड़ रहा था.. मैं अब भी उसके पीछे था.. उसके बूब को पकड़ रखा था..
कभी ज़ोर से कभी धीरे से उसके गाल चूस रहा था..
काफ़ी देर तक मीठा – मीठा मज़ा आता रहा.. वो आगे झुकी तो मैंने ब्रा का हुक खोल दिया..
उसकी नंगी पीठ मेरे सीने से लग चुकी थी.. बहुत मज़ा आने लगा..
असली मज़ा तो अब आने वाला था..
उसके गोल – गोल बूब मेरे हाथ में थे.. गुलाबी रंग की निप्पल हाथ में आ गये..