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- Dec 5, 2013
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मार्गरेट ने बिजली का स्विच ऑन कर दिया ।
राज ने लाइटर बुझाकर जेब में रख लिया । उसने देखा वे एक विशाल हॉल में खड़े थे।
उसी क्षण बगल के कमरे के द्वार से उसकी सी धम्म की आवाज आई।
बिजली की फुर्ती से रोशनी ने अपने कोट की जेब से मोजर रिवाल्वर निकाल ली।
"कौन है ?" - वह आतंकित स्वर से बोली ।
"कोई नहीं है, रोशनी ।" - राज तनिक उपहासपूर्ण स्वर से बोला - "केवल एक चूहा है
बगल के द्वार के समीप एक चूहा बैठा था और गोल-गोल आंखों से उनकी ओर देख रहा था । राज ने अपना एक पांव जोर से फर्श पर मारा | चूहा पलक झपकते ही दृष्टि से ओझल हो गया
रोशनी ने रिवाल्वर वापिस जेब में रख ली । "तुम दोनों यहीं ठहरो ।" - राज बोला - "मैं इमारत में देखकर आता हूं।"
"कोई फायदा नहीं ।" - मार्गरेट बोली- "इमारत में कोई नहीं है । इमारत में कोई नहीं हो सकता
"फिर भी देखने में क्या हर्ज है ?" अगले दस मिनटों में राज ने इमारत का चप्पा चप्पा छान मारा।
कहीं कोई नहीं था।
"वह कहीं टापू पर छुपा हो सकता है ।" - रोशनी बोली। "नानसैंस ।" - मार्गरेट मुंह बिचकाकर बोली ।
"तुम अपना थोबड़ा बंद रखो ।" - रोशनी गर्ज कर बोली। मार्गरेट दूसरी ओर देखने लगी।
"लेकिन इतनी रात गये हम टापू पर उसे तलाश नहीं कर सकते ।" - राज अपनी कलाई पर बन्धी घड़ी पर दृष्टिपात करता हुआ बोला -
"ग्यारह बजने वाले हैं । टापू बहुत बड़ा है और इस पर जगह-जगह पलक झपकते ही इन्सान को निगल जाने वाली दलदल हैं और धुंध की वजह से अंधेरे में कुछ देख पाना भी संभव नहीं है । ऐसे वातावरण में किसी को तलाश करने के चकर में हमें अपनी जान खो बैठेंगे।" रोशनी चुप रही । उसके चेहरे पर उलझन के भाव थे।
"मेरी राय में रात हम इस इमारत में गुजारते हैं" - राज बोला - "कल सुबह हम टापू पर जार्ज टेलर को तलाश करेंगे।" |
रोशनी ने बड़ी अनिच्छा से सहमतिसूचक ढंग से सिर हिला दिया।
"यहां सोने का क्या इन्तजाम है सकता है ?" - राज ने मार्गरेट से पूछा । "यहां चार बैडरूम हैं ।" - मार्गरेट ने बताया -
आखिरी शिकार
"दो पहली मंजिल पर और दो नीचे ।"
"मुझे नीचे का बैडरूम दिखाओ।" - रोशनी जल्दी से बोली।
मार्गरेट ने राज की ओर देखा । राज ने सहमतिसूचक ढंग से सिर हिला दिया । हाल के सामने एक दरवाजा था जिसके आगे एक लम्बा गलियारा था | मार्गरेट रोशनी का लेकर उस गलियारे में चली गई।
राज मुख्य द्वार के पास पहुंचा । उसने मुख्य द्वार को मजबूती से भीतर से बंद कर लिया और वापिस हाल में आ खड़ा हुआ । उसने एक सिगरेट सुलगा लिया और मार्गरेट के लौटने की प्रतीक्षा करने लगा।
कुछ देर बाद मारिट वापिस लौटी ।
"वह तो जाते ही बिस्तर में घुस गई।" - मारिट बोली - "मैंने उससे भोजन के लिये बहुत आग्रह किया लेकिन उसने साफ मना कर दिया ।"
"तुम्हारा मतलब है यहां भोजन का इंतजाम है ?" - राज बोला। "क्यों नहीं है ? इस इमारत में दस आदमियों के लिये एक महीने के लिये पर्याप्त रसद मौजूद है
"वैरी गुड ! तुम रोशनी को छोड़ो । वह लन्दन से डेनवर तक बहुत यातनापूर्ण सफर तय करके आई है । उसे सोने दो ।"
"ठीक है फिर । तुम ऊपर चले जाओ ऊपर दो बैडरूम हैं । उसमें से एक तुम्हारे लिये है । मैं भोजन का प्रबन्ध करती हूं।" "मैं कोई मदद कर सकता हूं?"
"जरूरत नहीं।"
"ओके देन ।"
राज सीढियां चढकर पहली मंजिल पर पहुंच गया । वहां निचले गलियारे के ऊपर वैसा ही एक गलियारा था । राज ने टटोल कर गलियारे की बत्ती जलाई । उसने दाई ओर का पहला दरवाजा खोला । वह बैडरूम था । उसने उस कमरे की भी बत्ती जला दी । बैडरूम के मध्य में एक विशाल सुसज्जित पलंग था । राज ने जूते उतार दिये और बाकी कपड़ों सहित पलंग पर लेट गया । उसने अपने ऊपर कम्बल खींच लिया
उसने एक नया सिगरेट सुलगा लिया।
बाहर टापू पर सांय-सांय करती हवा चल रही थी और धुंध गहरी होती जा रही थी ।
राज जार्ज टेलर के बारे में सोच रहा था ।
क्या जार्ज टेलर जिन्दा था ? और अगर वह जिन्दा था तो क्या वह टापू पर मौजूद था ?
फिर उसके कोनों में जार्ज टेलर का भर्राया हुआ स्वर गूंजने लगा - वह विशिष्ट स्वर जो उसने मिलर के मकान पर सुना था ।
उसी क्षण कमरे की बत्ती बुझ गई ।
राज तत्काल उठकर बैठ गया ।
कमरे में घुप्प अंधेरा छा गया था ।
राज ने लाइटर बुझाकर जेब में रख लिया । उसने देखा वे एक विशाल हॉल में खड़े थे।
उसी क्षण बगल के कमरे के द्वार से उसकी सी धम्म की आवाज आई।
बिजली की फुर्ती से रोशनी ने अपने कोट की जेब से मोजर रिवाल्वर निकाल ली।
"कौन है ?" - वह आतंकित स्वर से बोली ।
"कोई नहीं है, रोशनी ।" - राज तनिक उपहासपूर्ण स्वर से बोला - "केवल एक चूहा है
बगल के द्वार के समीप एक चूहा बैठा था और गोल-गोल आंखों से उनकी ओर देख रहा था । राज ने अपना एक पांव जोर से फर्श पर मारा | चूहा पलक झपकते ही दृष्टि से ओझल हो गया
रोशनी ने रिवाल्वर वापिस जेब में रख ली । "तुम दोनों यहीं ठहरो ।" - राज बोला - "मैं इमारत में देखकर आता हूं।"
"कोई फायदा नहीं ।" - मार्गरेट बोली- "इमारत में कोई नहीं है । इमारत में कोई नहीं हो सकता
"फिर भी देखने में क्या हर्ज है ?" अगले दस मिनटों में राज ने इमारत का चप्पा चप्पा छान मारा।
कहीं कोई नहीं था।
"वह कहीं टापू पर छुपा हो सकता है ।" - रोशनी बोली। "नानसैंस ।" - मार्गरेट मुंह बिचकाकर बोली ।
"तुम अपना थोबड़ा बंद रखो ।" - रोशनी गर्ज कर बोली। मार्गरेट दूसरी ओर देखने लगी।
"लेकिन इतनी रात गये हम टापू पर उसे तलाश नहीं कर सकते ।" - राज अपनी कलाई पर बन्धी घड़ी पर दृष्टिपात करता हुआ बोला -
"ग्यारह बजने वाले हैं । टापू बहुत बड़ा है और इस पर जगह-जगह पलक झपकते ही इन्सान को निगल जाने वाली दलदल हैं और धुंध की वजह से अंधेरे में कुछ देख पाना भी संभव नहीं है । ऐसे वातावरण में किसी को तलाश करने के चकर में हमें अपनी जान खो बैठेंगे।" रोशनी चुप रही । उसके चेहरे पर उलझन के भाव थे।
"मेरी राय में रात हम इस इमारत में गुजारते हैं" - राज बोला - "कल सुबह हम टापू पर जार्ज टेलर को तलाश करेंगे।" |
रोशनी ने बड़ी अनिच्छा से सहमतिसूचक ढंग से सिर हिला दिया।
"यहां सोने का क्या इन्तजाम है सकता है ?" - राज ने मार्गरेट से पूछा । "यहां चार बैडरूम हैं ।" - मार्गरेट ने बताया -
आखिरी शिकार
"दो पहली मंजिल पर और दो नीचे ।"
"मुझे नीचे का बैडरूम दिखाओ।" - रोशनी जल्दी से बोली।
मार्गरेट ने राज की ओर देखा । राज ने सहमतिसूचक ढंग से सिर हिला दिया । हाल के सामने एक दरवाजा था जिसके आगे एक लम्बा गलियारा था | मार्गरेट रोशनी का लेकर उस गलियारे में चली गई।
राज मुख्य द्वार के पास पहुंचा । उसने मुख्य द्वार को मजबूती से भीतर से बंद कर लिया और वापिस हाल में आ खड़ा हुआ । उसने एक सिगरेट सुलगा लिया और मार्गरेट के लौटने की प्रतीक्षा करने लगा।
कुछ देर बाद मारिट वापिस लौटी ।
"वह तो जाते ही बिस्तर में घुस गई।" - मारिट बोली - "मैंने उससे भोजन के लिये बहुत आग्रह किया लेकिन उसने साफ मना कर दिया ।"
"तुम्हारा मतलब है यहां भोजन का इंतजाम है ?" - राज बोला। "क्यों नहीं है ? इस इमारत में दस आदमियों के लिये एक महीने के लिये पर्याप्त रसद मौजूद है
"वैरी गुड ! तुम रोशनी को छोड़ो । वह लन्दन से डेनवर तक बहुत यातनापूर्ण सफर तय करके आई है । उसे सोने दो ।"
"ठीक है फिर । तुम ऊपर चले जाओ ऊपर दो बैडरूम हैं । उसमें से एक तुम्हारे लिये है । मैं भोजन का प्रबन्ध करती हूं।" "मैं कोई मदद कर सकता हूं?"
"जरूरत नहीं।"
"ओके देन ।"
राज सीढियां चढकर पहली मंजिल पर पहुंच गया । वहां निचले गलियारे के ऊपर वैसा ही एक गलियारा था । राज ने टटोल कर गलियारे की बत्ती जलाई । उसने दाई ओर का पहला दरवाजा खोला । वह बैडरूम था । उसने उस कमरे की भी बत्ती जला दी । बैडरूम के मध्य में एक विशाल सुसज्जित पलंग था । राज ने जूते उतार दिये और बाकी कपड़ों सहित पलंग पर लेट गया । उसने अपने ऊपर कम्बल खींच लिया
उसने एक नया सिगरेट सुलगा लिया।
बाहर टापू पर सांय-सांय करती हवा चल रही थी और धुंध गहरी होती जा रही थी ।
राज जार्ज टेलर के बारे में सोच रहा था ।
क्या जार्ज टेलर जिन्दा था ? और अगर वह जिन्दा था तो क्या वह टापू पर मौजूद था ?
फिर उसके कोनों में जार्ज टेलर का भर्राया हुआ स्वर गूंजने लगा - वह विशिष्ट स्वर जो उसने मिलर के मकान पर सुना था ।
उसी क्षण कमरे की बत्ती बुझ गई ।
राज तत्काल उठकर बैठ गया ।
कमरे में घुप्प अंधेरा छा गया था ।