xxx indian stories आखिरी शिकार - Page 5 - SexBaba
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मार्गरेट ने बिजली का स्विच ऑन कर दिया ।
राज ने लाइटर बुझाकर जेब में रख लिया । उसने देखा वे एक विशाल हॉल में खड़े थे।

उसी क्षण बगल के कमरे के द्वार से उसकी सी धम्म की आवाज आई।

बिजली की फुर्ती से रोशनी ने अपने कोट की जेब से मोजर रिवाल्वर निकाल ली।

"कौन है ?" - वह आतंकित स्वर से बोली ।

"कोई नहीं है, रोशनी ।" - राज तनिक उपहासपूर्ण स्वर से बोला - "केवल एक चूहा है

बगल के द्वार के समीप एक चूहा बैठा था और गोल-गोल आंखों से उनकी ओर देख रहा था । राज ने अपना एक पांव जोर से फर्श पर मारा | चूहा पलक झपकते ही दृष्टि से ओझल हो गया
रोशनी ने रिवाल्वर वापिस जेब में रख ली । "तुम दोनों यहीं ठहरो ।" - राज बोला - "मैं इमारत में देखकर आता हूं।"

"कोई फायदा नहीं ।" - मार्गरेट बोली- "इमारत में कोई नहीं है । इमारत में कोई नहीं हो सकता

"फिर भी देखने में क्या हर्ज है ?" अगले दस मिनटों में राज ने इमारत का चप्पा चप्पा छान मारा।
कहीं कोई नहीं था।

"वह कहीं टापू पर छुपा हो सकता है ।" - रोशनी बोली। "नानसैंस ।" - मार्गरेट मुंह बिचकाकर बोली ।


"तुम अपना थोबड़ा बंद रखो ।" - रोशनी गर्ज कर बोली। मार्गरेट दूसरी ओर देखने लगी।

"लेकिन इतनी रात गये हम टापू पर उसे तलाश नहीं कर सकते ।" - राज अपनी कलाई पर बन्धी घड़ी पर दृष्टिपात करता हुआ बोला -

"ग्यारह बजने वाले हैं । टापू बहुत बड़ा है और इस पर जगह-जगह पलक झपकते ही इन्सान को निगल जाने वाली दलदल हैं और धुंध की वजह से अंधेरे में कुछ देख पाना भी संभव नहीं है । ऐसे वातावरण में किसी को तलाश करने के चकर में हमें अपनी जान खो बैठेंगे।" रोशनी चुप रही । उसके चेहरे पर उलझन के भाव थे।
"मेरी राय में रात हम इस इमारत में गुजारते हैं" - राज बोला - "कल सुबह हम टापू पर जार्ज टेलर को तलाश करेंगे।" |

रोशनी ने बड़ी अनिच्छा से सहमतिसूचक ढंग से सिर हिला दिया।

"यहां सोने का क्या इन्तजाम है सकता है ?" - राज ने मार्गरेट से पूछा । "यहां चार बैडरूम हैं ।" - मार्गरेट ने बताया -

आखिरी शिकार
"दो पहली मंजिल पर और दो नीचे ।"

"मुझे नीचे का बैडरूम दिखाओ।" - रोशनी जल्दी से बोली।

मार्गरेट ने राज की ओर देखा । राज ने सहमतिसूचक ढंग से सिर हिला दिया । हाल के सामने एक दरवाजा था जिसके आगे एक लम्बा गलियारा था | मार्गरेट रोशनी का लेकर उस गलियारे में चली गई।
राज मुख्य द्वार के पास पहुंचा । उसने मुख्य द्वार को मजबूती से भीतर से बंद कर लिया और वापिस हाल में आ खड़ा हुआ । उसने एक सिगरेट सुलगा लिया और मार्गरेट के लौटने की प्रतीक्षा करने लगा।
कुछ देर बाद मारिट वापिस लौटी ।

"वह तो जाते ही बिस्तर में घुस गई।" - मारिट बोली - "मैंने उससे भोजन के लिये बहुत आग्रह किया लेकिन उसने साफ मना कर दिया ।"

"तुम्हारा मतलब है यहां भोजन का इंतजाम है ?" - राज बोला। "क्यों नहीं है ? इस इमारत में दस आदमियों के लिये एक महीने के लिये पर्याप्त रसद मौजूद है

"वैरी गुड ! तुम रोशनी को छोड़ो । वह लन्दन से डेनवर तक बहुत यातनापूर्ण सफर तय करके आई है । उसे सोने दो ।"

"ठीक है फिर । तुम ऊपर चले जाओ ऊपर दो बैडरूम हैं । उसमें से एक तुम्हारे लिये है । मैं भोजन का प्रबन्ध करती हूं।" "मैं कोई मदद कर सकता हूं?"

"जरूरत नहीं।"


"ओके देन ।"

राज सीढियां चढकर पहली मंजिल पर पहुंच गया । वहां निचले गलियारे के ऊपर वैसा ही एक गलियारा था । राज ने टटोल कर गलियारे की बत्ती जलाई । उसने दाई ओर का पहला दरवाजा खोला । वह बैडरूम था । उसने उस कमरे की भी बत्ती जला दी । बैडरूम के मध्य में एक विशाल सुसज्जित पलंग था । राज ने जूते उतार दिये और बाकी कपड़ों सहित पलंग पर लेट गया । उसने अपने ऊपर कम्बल खींच लिया
उसने एक नया सिगरेट सुलगा लिया।

बाहर टापू पर सांय-सांय करती हवा चल रही थी और धुंध गहरी होती जा रही थी ।

राज जार्ज टेलर के बारे में सोच रहा था ।

क्या जार्ज टेलर जिन्दा था ? और अगर वह जिन्दा था तो क्या वह टापू पर मौजूद था ?

फिर उसके कोनों में जार्ज टेलर का भर्राया हुआ स्वर गूंजने लगा - वह विशिष्ट स्वर जो उसने मिलर के मकान पर सुना था ।

उसी क्षण कमरे की बत्ती बुझ गई ।

राज तत्काल उठकर बैठ गया ।
कमरे में घुप्प अंधेरा छा गया था ।
 
राज पलंग से उतरा और बिना जूते पहने द्वार की ओर बढा । उसने द्वार खोलकर बाहर झांका गलियारे में भी घुप्प अंधेरा छाया हुआ था । इमारत एकदम अंधकार के गर्त में डूब गयी थी। राज ने अपनी जेब से लाइटर निकाला । अभी

उसने लाइटर जलाने का उपक्रम ही किया था कि...
"रोशनी ! इज दैट यू, रोशनी ?" राज के कानों में भर्राया हुआ, धीमा किन्तु स्पष्ट, विदेशी स्वर पड़ा।

राज के रोंगटे खड़े होने लगे । वह जार्ज टेलर की आवाज थी। आवाज सीढियों की ओर से आ रही थी।

राज ने आगे कदम बढाया ।
उसी क्षण अन्धकार में एक शोला-सा लपका |

किसी अज्ञात भावना से प्रेरित होकर उसी क्षण राज ने स्वयं को फर्श पर गिरा दिया ।

रिवाल्वर की गोली सनसनाती हुई आई और राज के ऊपर से गुजर गई। फिर उसके कानों में रोशनी की चीख की आवाज पड़ी।

साथ ही अन्धकार में भागते कदमों की आवाज सुनाई दी।
फिर एकाएक शान्ति छा गई।

राज सावधानी से अपने स्थान से उठा ।

"रोशनी !" - उसने आवाज दी ।
जवाब नदारद ।

वह टटोलता हुआ आगे बढा । सीढियों के समीप पहुंचकर उसने झिझकते हुये लाइटर जलाया ।

सीढियों के निचले सिरे के समीप भय और आतंक की प्रतिमूर्ति बनी मार्गरेट खड़ी थी।

“मिस्टर राज !" - वह आतंकित स्वर से बोली

“यस !" - राज धीरे से बोला।

"क्या हुआ ?"

"कुछ नहीं । तुम्हें मालूम है मेन स्विच कहां है ?"

"हां । हाल में है।"

"जरा देखो, मेन स्विच ऑफ तो नहीं है ?"

"देखती हूं।"

राज अपने स्थान से नहीं हिला |

लगभग एक मिनट बाद इमारत की सारी बत्तियां जल उठीं।

"मेन स्विच ऑफ था ।" - हॉल की एक दीवार के समीप खडी मार्गरेट बोली ।

"मार्गरेट, ऊपर आओ।" - राज लाइटर बुझाकर जेब में डालता हुआ बोला |

मार्गरेट तेजी से सीढियां तय करके राज के पास पहुंच गई। “मैंने गोली चलने की आवाज और चीख सुनी थी ।" - वह बोली।

"हमने वही गोली तलाश करनी है ।" - राज बोला - "गलियारे की दीवारों को तुम भी देखो, मैं भी देखता हूं।"

दोनों सावधानी से गलियारे की दीवारों का निरीक्षण करने लगे।
गोली पर निगाह मार्गरेट की पड़ी । गोली राज वाले बैडरूम के दरवाजे के चौखट में धंसी हुई थी।


राज के कहने पर मारिट किचन में से एक चाकू ले आई । चाकू की सहायता से राज ने चौखट की लकड़ी गोदकर गोली निकाल ली।

"यह मोजर रिवाल्वर से निकली गोली है ।" - राज गोली को अपनी हथेली पर उलटता पलटता बोला।

"फिर?"

"फिर यह कि अब सारा किस्सा मेरी समझ में आ गया है।"

"कौन-सा किस्सा?"

"नीचे चलो । अभी सब मालूम हुआ जाता है ।"

दोनों नीचे आ गये।
 
राज ने देखा इमारत का मुख्य द्वार खुला था । दोनों रोशनी के बैडरूम में पहुंचे । रोशनी गायब थी।

मार्गरेट के चेहरे पर गहरी उलझन के भाव उभर आये।
राज बेहद शांत था ।

दोनों हाल में वापिस लौट आये ।

"मेरा बैग !" - एकाएक मार्गरेट बोली ।

"क्या हुआ तुम्हारे बैग को ?" - राज ने तीव्र स्वर से पूछा।


"मैंने उस मेज पर" - मारिट हाल में द्वार के समीप रखी एक गोल मेज की ओर संकेत करती हुई बोली - "अपना बैग रखा था । बैग गायब है

"बैग में क्या मोटरबोट के इग्नीशन की चाबी भी थी?"

"नहीं । बैग में बाकी चाबियां थी लेकिन मोटरबोट की चाबी नहीं थी । वह चाबी मैं बैग में

डालना भूल गयी थी । वह चाबी मैंने अनजाने में अपनी पतलून की जेब में डाल ली थी।"

“वैरी गुड ।" - राज सन्तुष्ट स्वर में बोला । राज मुख्य द्वार की ओर बढा ।

अभी उसने दरवाजा बन्द करने के लिये हाथ बढाया ही था कि उसे बाहर अंधकार में एक साया दिखाई दिया । राज ने जल्दी से द्वार बन्द करने की कोशिश की लेकिन साया उससे ज्यादा फुर्तीला था । साया एक छलांग मारकर दरवाजे
के दोनों पल्लों के बीच पहुंच गया ।

राज दो कदम पीछे हट गया ।

वह साया इन्स्पेक्टर मार्श का था । उसके पीछे दो ब्रेनगनों से लैस पुलिसमैन थे । इन्स्पेक्टर के अपने हाथ में रिवाल्वर थी।

"सो वी मीट अगेन ।" - इन्स्पेक्टर मार्श अन्दर हाल में कदम रखता हुआ बोला ।

"आप यहां कैसे टपक पड़े, इन्स्पेक्टर साहब ?" - राज निराशापूर्ण स्वर से बोला ।

इन्स्पेक्टर ने उसके प्रश्न का उत्तर नहीं दिया ।

"एण्ड हाउ आर यू, मैडम ?" - इन्स्पेक्टर मार्गरेट को सम्बोधित करता हुआ बोला "आपने ट्रेन रोक कर एक अपराधी को भगाने में मदद की थी लेकिन फिर भी मैं आपकी हिम्मत की दाद देता हूं।"
मार्गरेट चुप रही।

"इन्स्पेक्टर साहब" - राज फिर बोला - "लेकिन आप यहां पहुंचे कैसे? बाई गॉड, मैं हैरानी से मरा जा रहा हूं | मेरी निगाह में तो आपके पास यह जानने का कोई साधन ही नहीं था कि हम यहां आये हैं ?"

"लेकिन तुम्हारे अनिल साहनी नाम के लम्बे-चौड़े साथी को मालूम था कि तुम लोग यहां आने वाले थे।"

“अनिल साहनी ! लेकिन वो तो मर चुका है ।" “कब मर चुका है ।" - इन्स्पेक्टर कब शब्द पर विशेष जोर देता हुआ बोला ।

"क्या मतलब ?" - राज ने पूछा |

"तुम्हें कैसे मालूम कि वह मर चुका है?"

"है मालूम मुझे । वह ट्रेन के नीचे आकर मरा है

"तुम्हें यह बात जरूर रोशनी नाम की लड़की ने बताई है।"

राज ने तनिक हिचकिचाते हुये सहमतिसूचक ढंग से हिला दिया ।

"रोशनी कहां है?"

"पहले आप मेरी बात का तो जवाब दीजिये ?"

इन्स्पेक्टर कुछ क्षण चुप रहा और फिर बोला "अनिल साहनी चलती ट्रेन की चपेट में जरूर आ गया था लेकिन फौरन मरा नहीं था । मरने से पहले उसने हमे बताया था कि उसे उसकी सहयोगिनी रोशनी ने मालगाड़ी के डिब्बे में से दूसरी पटरी पर विपरीत दिशा से आती चलती गाड़ी के सामने धक्का दे दिया था ।"
मार्गरेट बुरी तरह चौंकी लेकिन राज के चेहरे पर हल्के से आश्चर्य के भाव भी नहीं उभरे ।

"अनिल साहनी ने ही मरने से पहले हमें यह बताया था कि रोशनी और तुम लोग इस टापू पर जरूर जाओगे ।" - इन्स्पेक्टर फिर बोला ।

"अनिल साहनी ने यह नहीं बताया कि रोशनी ने उसे धक्का क्यों दिया ?" - राज ने पूछा ।

"नहीं ।"

"और क्या कहा था उसने ?"

"कुछ नहीं । और कुछ कह पाने से पहले ही उसके प्राण निकल गये थे । ...

वह लड़की कहां आखिरी शिकार है?"

"कौन-सी लड़की ?"

"रोशनी । मैं उसे अनिल साहनी की हत्या के इल्जाम में गिरफ्तार करना चाहता हूं।"
 
"आप उसे केवल अनिल साहनी की ही नहीं बल्कि तौफीक इस्माइल, जे सिंहाकुल, तांग पेई और मेरी शरमन नाम के चार अन्य प्राणियों की हत्या के इल्जाम में और मेरी दो बार हत्या करने के प्रयत्न के इल्जाम में भी गिरफ्तार कर सकते हैं, बशर्ते कि आपने खुद ही उसके यहां से भाग निकलने का कोई सामान न कर दिया हो ।"

"क्या मतलब?"

"रोशनी यहां नहीं है । वह थोड़ी देर पहले इस इमारत में से निकल भागी है । वह आप की मोटरबोट में टापू से भाग सकता है।"

"नहीं भाग सकती ।" - इन्स्पेक्टर निश्चयात्मक स्वर से बोला - "मेरी मोटरबोट की इग्नीशन की चाबी मेरी जेब में है और मोटरबोट पर एक सशस्त्र सिपाही पहरा दे रहा है।"

"वैरी गुड ।" - राज सन्तुष्ट स्वर से बोला - "फिर आप टापू पर रोशनी को बड़ी आसानी से गिरफ्तार कर सकते हैं क्योंकि मोटरबोट के बिना
वह यहां से भाग नहीं सकती । और जितने ज्यादा आपके पास आदमी होंगे, टापू पर उसको तलाश करना उतना ही आसान होगा।"

"मेरे पास दस सशस्त्र आदमी हैं और सबके पास बड़ी शक्तिशाली टार्च हैं । मेरे आदमी अधिक से अधिक दो घन्टे में उसे तलाश कर लेंगे।"

"रोशनी सशस्त्र है।"

"मेरे आदमी भी सशस्त्र हैं और उस लड़की से ज्यादा होशियार हैं।"

राज चुप रहा।

"पहले इमारत की तलाशी लो ।" - इन्स्पेक्टर पुलिसमैनों से बोला। ब्रेनगनधारी पुलिसमैन आगे बढे ।

दस मिनट बाद इन्स्पेक्टर के पास वापिस आकर उन्होंने सूचना दी कि इमारत में और कोई नहीं है

"अब तुम लोग सारा टापू छान मारो ।" - इन्स्पेक्टर ने आदेश दिया - "दो घण्टे के भीतर रोशनी मेरे हवाले होनी चाहिये।"

पुलिसमैन सैल्यूट मार कर वहां से विदा हो गये ।

“आप दोनों तशरीफ रखिये ।" - इन्स्पेक्टर अपने रिवाल्वर वाले हाथ से कुर्सियों की ओर संकेत करता हुआ बोला - "और मैं आप दोनों को चेतावनी देता हूं कि अगर इस बार आपने कोई होशियारी दिखाने की कोशिश की तो आप अपनी जान से हाथ धो बैठेंगे ।"

राज और मारिट बैठ गये।

इन्स्पेक्टर उनके सामने एक कुर्सी घसीट पर बैठ गया।

रिवाल्चर उसके हाथ में था और वह तत्परता और सावधानी की प्रतिमूर्ति बना बैठा था ।
उसी क्षण भूत की तरह इमारत के मुख्य द्वार पर रोशनी आ खड़ी हुई।

"इन्स्पेक्टर !" - वह धीमे स्वर से बोली । '

इन्स्पेक्टर चिहुंक कर द्वार की ओर घूमा । साथ ही मशीन की तरह उसका रिवाल्वर वाला हाथ ऊपर उठा।

रोशनी के हाथ में थमी रिवाल्वर ने दो बार आग उगली।

एक गोली इन्स्पेक्टर के कन्धे में घुस गई । उस गोली ने इन्स्पेक्टर को फिरकनी की तरह घुमा दिया । इन्स्पेक्टर कुर्सी को लिये-दिये फर्श पर
लोट गया।

"इतना कत्लेआम तुम्हें इसलिये करना पड़ रहा है" - राज शान्ति से बोला - "क्योंकि तुम्हें यह मालूम नहीं है कि जार्ज टेलर मर चुका है।"

"क्या बक रहे हो ?" - रोशनी बोली - "तुम्हें अभी भी इस लड़की की बकवास पर विश्वास है ?"

"जार्ज टेलर वाकई मर चुका है । मुझे इस लड़की की बात पर विश्वास है । जार्ज टेलर आज से छ: महीने पहले हांगकांग में एक मोटर दुर्घटना का शिकार होकर मर चुका है । अगर तुम्हें मालूम होता कि जार्ज टेलर मर चुका है तो

शायद तुम अपने चार साथियों की हत्या उसके सिर पर थोपने की कोशिश नहीं करती ।"
रोशनी चुप रही। "और तुम्हारी जानकारी के लिये अनिल साहनी ट्रेन की चपेट में आ जाने के बाद फौरन नहीं मर गया था । वह इन्स्पेक्टर मार्श को यह बयान देकर मरा था कि उसे मालगाड़ी में से तुमने धक्का दिया था । तुमने खुद अनिल साहनी की हत्या की थी लेकिन मुझे यह विश्वास दिलाने की कोशिश की थी कि जार्ज टेलर ने अनिल साहनी
को मारा था । लेकिन मैडम अनिल साहनी के बयान के बारे में सुनने से पहले ही मुझे मालूम हो चुका था कि मार्गरेट ठीक कहती थी, उसका भाई जार्ज टेलर वाकई मर चुका था और यह कि तुम उसकी भर्राहटभरी विशिष्ट आवाज की नकल करके मुझे मूर्ख बना रही थीं । पहली बार मिलर के फ्लैट में जब मैंने तुम्हारी आवाज सुनी थी तो मैं पूर्णतया धोखा खा गया था लेकिन जार्ज टेलर
की आवाज की नकल करने की ट्रिक तुम्हें मुझ पर दसरी बार नहीं आजमानी चाहिये थी। थोडी देर पहले मुझ पर गोली चलाने से पहले जब तुमने जार्ज टेलर की आवाज की नकल की तो मुझे संदेह हो गया था । और रहा सहा संदेह तब दूर हो गया था जब मैंने दरवाजे के पैनल में से वह गोली गोदकर निकाली थी जो तुमने मुझ पर चलाई थी। वह मोजर रिवाल्वर की गोली थी
और मोजर रिवाल्वर मैंने शुरू से ही तुम्हारे पास देखी थी और वह अभी भी तुम्हारे हाथ में है । और फिर इस इमारत में मेरे, मागररेट के और तुम्हारे सिवाय कोई चौथा आदमी नहीं था। इमारत के तमाम खिड़कियां दरवाजे भीतर से बंद थे और रिवाल्वर केवल तुम्हारे पास थी। इमारत में तुम्हारा नाम लेकर पुकारने वाला और मुझ पर गोली चलाने वाला केवल एक ही आदमी हो सकता था और वह तुम थी।"
रोशनी के होंठों पर एक विषैली मुस्कराहट आई

"बहुत समझदार आदमी हो ।" - वह बोली - "लेकिन मैंने यह सब कुछ क्यों किया?"
 
"क्योंकि तुम्हारे साथी जार्ज टेलर की तलाश में थे ताकि वे उसे तलाश करके उसे मौत की सजा दे सकते जबकि जार्ज टेलर पहले ही मर चुका था । और तुम्हारे सहित यह बात किसी को मालूम नहीं थी । तुम नहीं चाहती थीं कि जान फ्रेडरिक वगैरह जार्ज टेलर को तलाश कर पाते इसलिये तुमने उसकी आवाज नकल की और उसकी ओर संकेत करने वाली अधिक से अधिक हरकतें की ताकि सारे सिलसिले को ज्यदा से ज्यादा उलझा सको।"
"और मैं यह क्यों नहीं चाहती थी कि जान फ्रेडरिक वगैरह जार्ज टेलर को तलाश कर पाते -

"मैं हकीकत का अच्छा खासा अनुमान लगा सकता हूं। मैं जानता हूं कि अपनी पोल खुल जाने के बाद तुम मुझे जीवित नहीं छोड़ोगी लेकिन अगर मेरा अनुमान ठीक हो तो कम-से कम यह बात स्वीकार जरूर लेना ।"

"आल राइट | बोलो।"

"जान फ्रेडरिक की यह धारणा थी कि चीनी सीक्रेट सर्विस को ज्योति विश्वास का पता जार्ज टेलर ने बताया था क्योंकि वह टार्चर से डर गया
था । जान फ्रेडरिक की यह धारणा तुम्हारी वजह से बनी थी । चीनियों ने सबसे पहले उसे टार्चर किया था । बाद में वह बेहोश हो गया था । बाद में क्या हुआ, इसकी खबर उसे तुम्हीं से लगी थी । तुमने उसे बताया था कि पहले चीनियों ने तुम्हें टार्चर किया था और तुम्हारी जुबान खुलवाने में असफल रहने के बाद वे जार्ज टेलर की ओर आकर्षित हुये थे लेकिन जार्ज टेलर ने यातना से बचने के लिये अपनी जुबान खोल दी थी। जबकि मेरे ख्याल से हुआ यह था कि जार्ज टेलर की बारी ही नहीं आई थी । चीनी तुम्हारी ही
जुबान खुलवाने में सफल हो गये थे । चीनियों के टार्चर का मुकाबला न कर पाने की वजह से तुमने अपनी जुबान खोल दी थी । मैडम, चीनियों को ज्योति विश्वास का पता जार्ज टेलर ने नहीं, तुमने बताया था ।"
रोशनी के होंठ भिंच गये । उसके नेत्र राज के चेहरे पर स्थिर हो गये।

"बाद में" - राज बोलता रहा - "जब जान फ्रेडरिक ने पूछा तो अपनी कायरता का इल्जाम तुमने जार्ज टेलर पर थोप दिया । तुमने कह दिया कि जार्ज टेलर ने टार्चर से बचने के लिये चीनियों को ज्योति विश्वास का पता बता दिया था । जान फ्रेडरिक ने फौरन तुम्हारी बात पर विश्वास कर लिया । उस स्थिति में उसका तुम्हारी बात पर विश्वास कर लेना स्वाभाविक भी था । वह खुद चीनियों के टार्चर से अधमरा हुआ पड़ा था । तुम घायल थीं लेकिन जार्ज टेलर के जिस्म पर एक
खरोंच भी नहीं थी । इस घटना के और तुम लोगों के वहां से भाग निकलने के बीच के समय में जान फ्रेडरिक हर क्षण बेहोश रहा इसलिये कोई ऐसी नौबत भी नहीं आई कि जार्ज टेलर उस इल्जाम को नकार सकता जो कि तुमने उसकी जानकारी के बिना उस पर लगा दिया था । बाद में तुम्हारे बचे हुये साथियों को भी मालूम हुआ कि ज्योति विश्वास, लैला और ली ता नान की मौत का इकलौता जिम्मेदार जार्ज टेलर था । फिर तौफीक इस्माइल ने कसम खाई कि जब तक वह जार्ज टेलर को तलाश करके उसकी हत्या नहीं कर देगा, चैन से नहीं बैठेगा | बाकी लोगों ने भी तौकीफ इस्माइल की बात का समर्थन किया । तुम अपने साथियों के इस फैसले से भयभीत हो गई । तुम जानती थीं कि अगर तुम्हारे साथी जार्ज टेलर की तलाश करने में सफल हो गये तो तुम्हारी हकीकत खुल जायेगी । सबको मालूम हो जायेगा कि गद्दार जार्ज टेलर नहीं, तुम थीं । इसीलिये जब तुम्हें लगा कि तांग पेई जार्ज टेलर की तलाश करने में सफल होने
वाला है तो तुमने टेम्स नदी में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी । फिर जब जे सिंहाकुल को जार्ज टेलर का सुराग मिल गया तो तुमने उसे अनिल साहनी की तरह चलती ट्रेन के सामने धक्का दे दिया और उसके टुकड़े-टुकड़े हो गये । तौफीक इस्माइल से तुम सबसे ज्यादा भयभीत थी । वह जार्ज टेलर को पाताल से भी खोद निकालने में दृढ प्रतिज्ञ था इसलिये तुमने उसका पहले ही काम तमाम कर दिया । जान फ्रेडरिक वगैरह समझते थे कि ज्योति विश्वास के हैण्ड
राइटिंग की नकल केवल जार्ज टेलर कर सकता था लेकिन वास्तव में ज्योति विश्वास के हैंड राइटिंग की हूबहू नकल तुम भी कर लेती थीं ।"

"मैं ज्योति विश्वास के हैंडराइटिंग की नकल नहीं कर सकती थी ।" - रोशनी बोली ।

"तो फिर तौफीक इस्माइल के नाम वह चिट्ठी किसने लिखी थी जो वह चेचक के दागों भरे चेहरे वाला लम्बा-तडंगा अंग्रेज तौफीक इस्माइल के पास लाया था?"

"वह चिट्ठी उसी ने लिखी थी । वह आदमी किसी भी प्रकार के हैण्ड-राइटिंग की नकल में दक्ष है। मेरे पास ज्योति विश्वास की कुछ पुरानी चिट्ठियां थीं । उन्हीं की सहायता से उसने ज्योति विश्वास के हैण्ड-राइटिंग में तौफीक इस्माइल के नाम चिट्ठी तैयार कर ली थी और तौफीक इस्माइल धोखा खा गया था ।"

"वह आदमी है कौन ?"

"मेरा एक पुराना साथी है।" - रोशनी लापरवाही से बोली - "उसका वास्तविक नाम पीटर ब्रैडमैन है

"और तौफीक इस्माइल की गरदन में छुरा किसने घोंपा था ? तुमने या पीटर ने?" "मैंने । पीटर ने उसकी अपनी गिरफ्त में दबोच लिया था और मैंने उसकी गरदन में छुरा घोंप दिया था । बाद में पीटर उसकी लाश को सड़क
पर फेंक आया था ।"

राज एक क्षण को चुप हो गया ।

मार्गरेट विस्फारित नेत्रों से कभी राज की ओर तो कभी रोशनी की ओर देख रही थी।
 
"फिर तस्वीर में मैं आ गया ।" - राज ने फिर कहना शुरू किया - "तुम और चिन्तित हो उठी । तुम मुझे जानती नहीं थी लेकिन तुम्हें यह मालूम हो चुका था कि मैं स्पेशल इन्टेलीजेन्स का एजेन्ट था । तुम्हें लगा कि मैं जार्ज टेलर को जरूर खोज निकालूंगा । तुमने पीटर को मेरे पीछे लगा दिया | पीटर इन्स्पेक्टर क्राफोर्ड के रूप में मुझ पर चढ दौड़ा । उसने मुझ पर स्मगलिंग का इल्जाम लगाकर मुझे देश से निकालने की कोशिश की। वह मझे धमका कर तो लन्दन से नहीं भगा सका लेकिन बाद में हुआ वही जो तुम चाहती थी। बाद में भारतीय हाई कमीशन के अनुरोध पर मैं स्वदेश के लिये रवाना हो गया । तुम्हें शक था कि कहीं मैं न लौट आऊं, इसलिये तुमने मिलर की हत्या कर दी और उसके मकान पर मेरी प्रतीक्षा करने लगी जहां कि मेरा पहुंचना पहले ही निश्चित हो चुका था । वहां तुमने मेरी हत्या करने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुई लेकिन तुम वहां जार्ज टेलर की आवाज की नकल करके मुझे बेवकूफ बनाने में सफल हो गई । तुम वहां से भागीं । मैं तुम्हें जार्ज टेलर समझ कर तुम्हारे पीछे भागा । गली के मोड़ पर जार्ज टेलर तो गायब हो गया और तुम सामने आ गई । लेकिन उस समय तो मुझे ख्याल भी नहीं था कि जार्ज टेलर वाकई मर चुका था और तुम केवल अपने साथियों को ज्यादा से ज्यादा उलझन में डालने की खातिर यह जाहिर करने की कोशिश कर रही थीं कि तमाम हत्याओं के पीछे जार्ज टेलर का हाथ था । उसके बाद से तुम मेरे पीछे लग गई। मैं मेरी शेरमन के निवास स्थान पर पहुंचा तो तुम वहां पर पहले से ही मौजूद थीं । वहीं कहीं छिपी हुई तुम मेरी और मेरी शेरमन की बातें सुन रही थीं । जब वार्तालाप में जार्ज टेलर की मेरी को डेनवर से लिखी चिट्ठी का जिक्र आया तो तुम बौखला गई। तुम्हारे पास यह जानने का कोई साधन नहीं था कि उस चिट्ठी में क्या था लेकिन इस बात की पूरी संभावना थी कि शायद वह चिट्ठी जार्ज टेलर की तलाश आसान कर देती।

परिणामस्वरूप तुमने फौरन मेरी शेरमन के ऊपर के कमरे में वह चिट्ठी तलाश करनी आरम्भ कर दी । उसी क्षण मेरी शेरमन वहां आ गई । तुमने उसे सीढियों से धक्का दे दिया और चिट्ठी लेकर खिड़की के रास्ते भाग निकलीं।"

राज एक क्षण रुका और फिर बोला - "फिर क्रामवेल रोड वाली इमारत पर छापा भी तुम्हारी ही वजह से पड़ा । जार्ज टेलर अगर जीवित भी होता तो इस बात की संभावना नहीं थी कि उसे तुम्हारे उसे छुपने के स्थान की जानकारी लग पाती । तुम्हीं ने पुलिस को फोन करके उस स्थान का पता बताया था ।"

"क्यों?"

"क्योंकि जान फ्रेडरिक और अनिल साहनी को जार्ज टेलर की तलाश करने से रोकने का यह बड़ा आसान तरीका था । वे दोनों पकड़े जाते तो उन्हें सजा चाहे न होती लेकिन वे इंगलैंड से निकाल जरूर दिये जाते । लेकिन वे किसी प्रकार क्रामवेल रोड पर पुलिस की गिरफ्तार में आने से बच गये । बाद में जान फ्रेडरिक तुम । लोगों की भागने में सहायता करने के सिलसिले में शहीद हो गया और अपने आखिरी साथी अनिल साहनी को तुमने सिंहाकुल की तरह चलती गाड़ी के सामने धकेल दिया । उसके बाद तुम इस टापू तक मेरे पीछे आने की मूर्खता कर बैठीं । तुम्हें चाहिये था कि अपने सारे साथियों को मौत के घाट उतार चुकने के बाद तुम खुद भी कहीं गायब हो जाती लेकिन तुम्हें तो अपने मान सम्मान की चिन्ता पड़ी हुई थी । तुम नहीं चाहती थीं कि मुझे भी यह पता लगता कि चीन में अपने साथियों के साथ गद्दारी तुमने की थी । तुम भयभीत थीं कि कहीं सत्य ही इस टापू पर मेरी जार्ज टेलर से मुलाकात न हो जाये और मुझ पर तुम्हारी गद्दारी का राज खुल जाये हालांकि अगर मुझे यह बात मालूम हो भी जाती तो तुम्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था ।"

"शायद तुम ठीक कह रहे हो।" - रोशनी भावहीन स्वर से बोली।

"इस कहानी में ट्रेजेडी यह है, मैडम" - राज बोला - "कि तुम्हें यह नहीं मालूम था कि जार्ज टेलर पहले ही मर चुका था और उसकी मौत के साथ ही किसी को तुम्हारी गद्दारी का राज मालूम हो पाने की संभावना खत्म हो गयी थी । अगर तुम्हें जार्ज टेलर की मौत की जानकारी होती तो तुम उसकी तलाश में लगे अपने साथियों की राह में रोड़ा अटकाने की कोशिश नहीं करती क्योंकि देर-सवेर उन्होंने अपनी तलाश से यही नतीजा निकालना था कि जार्ज टेलर मर चुका था ।"

"हां ।" - रोशनी उदास स्वर से बोली - "यह मेरा दुर्भाग्य था । अगर मुझे मालूम होता कि जार्ज टेलर मर चुका था तो मुझे अपने इतने अजीज दोस्तों की हत्या नहीं करनी पड़ती ।"
और साथ ही रोशनी का रिवाल्वर वाला हाथ बेहद धीमी रफ्तार से राज की ओर तनने लगा

"अलविदा, मेरे दोस्त ।" - वह होंठों में बुदबुदाई

राज सांस लेना भूल गया । मौत सामने खड़ी थी । उससे बच पाने का कोई तरीका उसे सम्भव नहीं दिखाई दे रहा था ।

मार्गरेट का चेहरा राख की तरह सफेद हो गया था ।

रोशनी की उंगलियां उसके मोजर रिवाल्वर की ट्रीगर पर कसने लगीं।

“खबरदार !" - एकाएक हाल में एक कर्कश स्वर गूंज उठा - "रिवाल्वर फेंक दो ।"

राज ने देखा, द्वार पर एक ब्रेनगनधारी पुलिसमैन खड़ा था । उसकी ब्रेनगन का निशाना रोशनी की पीठ की ओर था ।

एक क्षण के लिये जैसे रोशनी को सांप सूंघ गया

। फिर एकाएक बिना पीछे घूमकर देखे, बला की फुर्ती से उसने अपनी दायीं ओर छलांग लगा दी।

पुलिसमैन ने फायर किये। गोलियां रोशनी के ऊपर से गुजर गयीं ।

रोशनी ने कलाबाजी खायी और घूमकर पुलिसमैन की ओर फायर झोंक दिये ।

तब तक पुलिसमैन द्वार से हटकर हाल के भीतर कूद गया था । उस नई स्थिति में उसकी ब्रेनगन से निकली पहली ही गोली रोशनी की छाती में घुस गई।
रोशनी को दोबारा फायर करने का अवसर नहीं मिला।

पुलिसमैन की पहली गोली रोशनी को लगते ही राज सरक कर वहां पहुंच गया जहां इन्स्पेक्टर मार्श के हाथ से निकली रिवाल्वर पड़ी थी ।

उसने चुपचाप रिवाल्वर उठा ली । तब तक रोशनी दम तोड़ चुकी थी।

उसी क्षण पुलिसमैन का ध्यान राज की ओर गया । उसने ब्रेनगन राज की ओर तान दी और कर्कश स्वर से बोला - "अब तुम ! रिवाल्वर फेंक दो।"

"तुम ब्रेनगन फेंक दो।" - राज विषैले स्वर से बोला - "तुम्हारा इन्स्पेक्टर सिर्फ बेहोश है, मरा नहीं है । अगर तुमने फौरन ब्रेनगन नहीं फेंकी तो मैं इन्स्पेक्टर को शूट कर दूंगा।"
पुलिसमैन के चेहरे पर उलझन के भाव उभरे ।

उसी क्षण जमीन पर पड़े इन्स्पेक्टर के मुंह से एक हल्की-सी कराह निकली और उसने करवट बदली।

"जल्दी करो ।" - राज रिवाल्वर इन्स्पेक्टर की ओर ताने धमकीभरे स्वर से बोला ।

पुलिसमैन ब्रेनगन अपने हाथ से फिसल जाने दी

"वैरी गुड ।" - राज बोला - "अब इन्स्पेक्टर को होश में लाने की कोशिश करो।"

पुलिसमैन झिझकता हुआ आगे बढा ।

राज रिवाल्वर से इन्स्पेक्टर को कवर किये रहा | उसके संकेत पर मारिट ने द्वार भीतर से बन्द कर दिया।
***
 
बाकी काम आसान था ।

मार्गरेट की मोटरबोट पर राज, मारिट और इन्स्पेक्टर टापू से डेनवर की ओर रवाना हो गये | राज तब तक रिवाल्वर इन्स्पेक्टर की कनपटी से लगाये रहा जब तक वे मोटरबोट पर सवार होकर समुद्र में काफी दूर नहीं निकल गये । किसी पुलिसमैन ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की और क्योंकि पुलिस की मोटरबोट की चाबी इन्स्पेक्टर की जेब में थी इसलिये पुलिस वाले उनका पीछा नहीं कर सकते थे ।

रास्ते में राज ने इन्स्पेक्टर की जेब से अपना प्रेस कार्ड और पासपोर्ट निकाल लिया और बड़ी नम्रता से उसे यह समझा दिया कि मार्गरेट ने जो कुछ किया था अपनी और अपने भाई की जान बचाने की खातिर किया था, बिल्कुल वैसे ही जैसे इन्स्पेक्टर अपनी जान बचाने के लिये राज की भागने में मदद कर रहा था ।

इन्स्पेक्टर ने कोई उत्तर नहीं दिया । वह उत्तर देने की स्थिति में नहीं था । रोशनी की रिवाल्वर से निकली गोलियों से इन्स्पेक्टर की कलाई और
कन्धे में हुए जख्मों की अच्छी तरह ड्रेसिंग कर दी गई थी लेकिन फिर भी इन्स्पेक्टर की हालत ठीक नहीं थी।

डेनवन में ही वह मार्गरेट से अलग हो गया । राज डेनवर से लन्दन पहुंचा । लन्दन से बाहर निकलते है, लिये उसने वही तरीका अपनाया जो उसने लन्दन में प्रविष्ट होने के लिये आपनाया था
वह निर्विघ्न भारत पहुंच गया ।

समाप्त
 
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