desiaks
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करीब एक घंटे बाद वो लंच से फारिग हुए। लंच के दौरान इधर-उधर की ही बातें होती रहीं, काम की कोई बात नहीं छिड़ी थी उनमें, या फिर डॉक्टर जय अपने मिस्र प्रवास के दौरान घटी कुछ दिलचस्प घटनाओं के बारे में बताता रहा था, जो उसके साथ पेश आई थीं। राज से भी उसने उसके मिस्र के सफर के बारे में दो चार सवाल पूछे थे। लेकिन राज ने उसे यह कहकर टाल दिया था कि उसका मिस्र का सफर ज्यादा दिलचस्प नहीं रहा था। क्योंकि वो एक ऐतिहासिक खोज अभियान दल के साथ गया था और पूरा वक्त अपने काम में व्यस्त रहता था। इस वजह से वो सैर-सपाटा नहीं कर सका था।
खाने के बाद थोड़ा आराम किया गया, उसके बाद डॉक्टर जय वर्मा राज को अपनी लेबॉटरी में ले गया। राज की अपेक्षा अनुसार ही वो काफी अजीब और दिलचस्प थी। खौफनाक, जहरीले सांप, तरह-तरह के बिच्छू-छिपकलियां, काक्रोच और न जाने की शीशियों में रसायनों में डूब, मुर्दा जीव भी।
कीमती और आधुनिक वैज्ञानिक यन्न भी लेब्रॉटरी में बड़े सलीके से फिट किए गए थे। सैंकड़ों छोटी-बड़ी शीशियां और जार विभिन्न प्रकार की दवाईयों और जारों में भारी शीशे लगी अलमारियों हासिल किए हुए जहर भी भरे हुए थे, यह अन्दाजा राज ने शीशियां देख कर ही लगा लिया था। जिसकी बाद में डॉक्टर जय ने पुष्टि की।
सबसे पहले डॉक्टर जय ने राज को अपना जहर का भण्डार ही दिखाया था और उनकी विशेषताओं के बारे में बताया था। उसके बाद डॉक्टर जय उसे लेब्रॉटरी के उस हिस्से में ले गया, जहां जहर निकालने के लिए अजीब-अजीब यन्त्र फिट थे। जहरीले जानवरों से जहर निकालते के कुछ लाइव प्रयोग भी उसने करके राज को दिखाएं और जहरों के असर का प्रैक्टिकल भी दिखाया।
काफी देर तक वो अपनी आर्यजनक और दिलचस्प जानकारियां और आविष्कार राज का दिखाता और समझाता रहा था।
उस दौरान जब राज जहरीले कीड़ों का जायजा ले रहा था,
उसके कदम खुद-ब-खुद शीशे के एक बॉक्स के सामने जाकर ठिठक गए, जिसमें बालिश्त भर का एक सांप रखा हुआ बल खा रहा था। राज के दीमाग में बिजली की तरह ख्याल कौंधा
"कहीं यह वही सांप तो नहीं?"
पर सवाल इतने मजबूत तरीके से उसके दिमाग में उठ खड़ा हुआ था कि वो खुद पर काबू न रख पाया और उसने डॉक्टर जय से पूछा ही लिया
"यह कैसा सांप है डॉक्टर?"
"यह मिस्र का एक सांप है। निहायत ही जहरीला और खतरनाक सांप है यह।" उसने जवाब दिया।
"इसके दांत होते हैं?" राज ने फिर पूछ लिया।
"हां। इसके दांत होते हैं।" डॉक्टर जय ने अजीब तरीके से घूरते हुए राज की तरफ देखा-"आपने ऐसा क्यों पूछा?"
राज ने उस पर यह जाहिर नहीं किया था कि उसे भी सांपों और जहरों के बारे में काफी कुछ मालूम है या वो भी जहरों पर प्रयोग करने का शौक रखता है। इसलिए राज ने बहुत ही सरसरी ढंग से डॉक्टर जय की बात का जवाब दिया
"कुछ नहीं, यों ही अपनी जानकारी के लिए पूछ लिया था। एक बार मैंने मिस्र में किसी से सुना था कि वहां एक बहुत छोटा सा सांप होता है। जिसके दांत नहीं होते, लेकिन उसका जहर बहुत मारक होता है।"
"और कुछ या इतना ही सुना था?" डॉक्टर जय ने जिज्ञासा के साथ और दिल में उतर जाने वाली निगाहों से राज की तरफ देखते हुए पूछा था।
"बस इतना ही सुना था। वैसे मुझे इन चीजों में कोई खास दिलचस्पी नहीं है।'' राज ने जवाब दिया।
खाने के बाद थोड़ा आराम किया गया, उसके बाद डॉक्टर जय वर्मा राज को अपनी लेबॉटरी में ले गया। राज की अपेक्षा अनुसार ही वो काफी अजीब और दिलचस्प थी। खौफनाक, जहरीले सांप, तरह-तरह के बिच्छू-छिपकलियां, काक्रोच और न जाने की शीशियों में रसायनों में डूब, मुर्दा जीव भी।
कीमती और आधुनिक वैज्ञानिक यन्न भी लेब्रॉटरी में बड़े सलीके से फिट किए गए थे। सैंकड़ों छोटी-बड़ी शीशियां और जार विभिन्न प्रकार की दवाईयों और जारों में भारी शीशे लगी अलमारियों हासिल किए हुए जहर भी भरे हुए थे, यह अन्दाजा राज ने शीशियां देख कर ही लगा लिया था। जिसकी बाद में डॉक्टर जय ने पुष्टि की।
सबसे पहले डॉक्टर जय ने राज को अपना जहर का भण्डार ही दिखाया था और उनकी विशेषताओं के बारे में बताया था। उसके बाद डॉक्टर जय उसे लेब्रॉटरी के उस हिस्से में ले गया, जहां जहर निकालने के लिए अजीब-अजीब यन्त्र फिट थे। जहरीले जानवरों से जहर निकालते के कुछ लाइव प्रयोग भी उसने करके राज को दिखाएं और जहरों के असर का प्रैक्टिकल भी दिखाया।
काफी देर तक वो अपनी आर्यजनक और दिलचस्प जानकारियां और आविष्कार राज का दिखाता और समझाता रहा था।
उस दौरान जब राज जहरीले कीड़ों का जायजा ले रहा था,
उसके कदम खुद-ब-खुद शीशे के एक बॉक्स के सामने जाकर ठिठक गए, जिसमें बालिश्त भर का एक सांप रखा हुआ बल खा रहा था। राज के दीमाग में बिजली की तरह ख्याल कौंधा
"कहीं यह वही सांप तो नहीं?"
पर सवाल इतने मजबूत तरीके से उसके दिमाग में उठ खड़ा हुआ था कि वो खुद पर काबू न रख पाया और उसने डॉक्टर जय से पूछा ही लिया
"यह कैसा सांप है डॉक्टर?"
"यह मिस्र का एक सांप है। निहायत ही जहरीला और खतरनाक सांप है यह।" उसने जवाब दिया।
"इसके दांत होते हैं?" राज ने फिर पूछ लिया।
"हां। इसके दांत होते हैं।" डॉक्टर जय ने अजीब तरीके से घूरते हुए राज की तरफ देखा-"आपने ऐसा क्यों पूछा?"
राज ने उस पर यह जाहिर नहीं किया था कि उसे भी सांपों और जहरों के बारे में काफी कुछ मालूम है या वो भी जहरों पर प्रयोग करने का शौक रखता है। इसलिए राज ने बहुत ही सरसरी ढंग से डॉक्टर जय की बात का जवाब दिया
"कुछ नहीं, यों ही अपनी जानकारी के लिए पूछ लिया था। एक बार मैंने मिस्र में किसी से सुना था कि वहां एक बहुत छोटा सा सांप होता है। जिसके दांत नहीं होते, लेकिन उसका जहर बहुत मारक होता है।"
"और कुछ या इतना ही सुना था?" डॉक्टर जय ने जिज्ञासा के साथ और दिल में उतर जाने वाली निगाहों से राज की तरफ देखते हुए पूछा था।
"बस इतना ही सुना था। वैसे मुझे इन चीजों में कोई खास दिलचस्पी नहीं है।'' राज ने जवाब दिया।