XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी - Page 2 - SexBaba
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XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी

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मुझे थोड़ी राहत मिली कि नेहा की नही समझी उसने
पर मेरे अंदर कुछ अजीब सा हो रहा था
मे: तुम ने क्यूँ रखी
राज : बोला ना माँ ग़लती हो गई अब नही होगी
मे: पर तुम्हे कैसे पता चला कि मेरी है
राज : माँ वो उसपे साइज़ नंबर लिखा था
मे तो उससे क्या फ़र्क पड़ता है
राज चुप हो गया
मे: अपनी प्रॉमिस तोड़ रहे हो
राज : माँ वो गेस किया कि ये नंबर आप का ही हो सकता है
मे: क्यूँ नेहा की भी हो सकती है
मे चुप हो गई मेरे मूह से क्या निकल गया सच सुनने के चक्कर मे .
और राज मेरी तरफ देख रहा था
हिम्मत कर के
मे: बोलो
राज : वित माँ नेहा दी आप से थोड़ी पतली है इस लिए गेस किया
मे: मतलब मे मोटी हूँ
राज मेरी तरफ देख रहा था
अपने आप को संभालते हुए
मे: तो इतने दिनो से क्या कर रहे थे
राज : कुछ नही माँ बस रखी हुई थी
मे: कुछ नही किया तो मुझे वापिस कर देते.
राज : वो माँ समझ नही आया क्या करूँ तो रखी रही
मे: तुम ने जो बोला सच है
राज : हाँ माँ एक दम सच
मे: कि तुम्हे पता था कि मेरी पैंटी है
राज : हाँ माँ आप की कसम
मे कुछ बोलती उससे पहले मे गेट पे नॉक हुआ
मे समझ गई नेहा आ गई
मे: चलो जाओ रूम मे फ्रेश हो जाओ
और हाँ अभी मेरी बात ख़तम नही हुई है. जाओ गेट खोलो
और पैंटी उठा कर मे अपने रूम मे चली गई
 
थोड़ी देर बाद साथ मे लंच करने के बाद नेहा अपने रूम मे चली गई और राज अपने रूम मे
मैं किचन का काम ख़तम कर के अपने रूम मे आ गई.
थोड़ी देर बाद नेहा मेरे रूम मे आई और बोली माँ बाज़ार जाना है
मे: क्यूँ क्या हुआ
नेहा : माँ कुछ पर्चेस करना है
मे: हाँ पर क्या
नेहा : अंडरगार्मेंट्स और कुछ मेक अप का समान
मे: ओके मे रेडी होती हूँ तुम भी हो जाओ
और हम दोनो रेडी हो गये जाने के लिए
तभी राज भी आ गया
राज : आप लोग कहाँ जा रहे हो
मे: कुछ समान लाना है बाज़ार से तुम घर पर रूको
राज : माँ मे भी चलूं मुझे भी कुछ लेना है
मे: नही आज नही फिर कभी चलना
राज : पर माँ
मे: बोला ना आज नही आज दीदी जा रही है तुम और कभी
ओके चलो गेट लगा लो

राज : माँ पर दी ऐसा क्या लेगी कि मे साथ नही चल सकता

मे: राज प्लीज़ ऐसा कुछ नही है अब ज़िद मत करो

और हम दोनो चले गये और ऑटो पकड़ कर मार्केट आ गये
तभी राज का मेसेज आया

राज : माँ आप मुझे लेके नही गये ओके आप की मर्ज़ी

अब क्या करूँ इसका क्या बोलूं इसको

मे: पागल तेरी दीदी को वो खरीदना है जो तेरे रूम से मिला है यानी पैंटी अब बता वो तेरे सामने कैसे ख़रीदती

मैने मेसेज भेज तो दिया पर

तभी राज का मेसेज
राज : सॉरी माँ आप पर्चेस करो मे और कभी चलूँगा

मे: दट'स माइ गुड बॉय चल बाइ

राज : बाइ माँ,
और मे और नेहा शॉपिंग करने लगे.
और करीब 8 बजे हम घर पहुँचे.
 
राज ने गेट खोला
और हम अंदर आ गये
नेहा अपने रूम मे चली गई और मे वही सोफे पे बैठ गई
राज ने पानी ला कर दिया
राज : हो गई शॉपिंग
मे: हाँ हो गई नेहा ने करनी थी उसने कर ली
राज मेरी आँखों मे देखते हुए
राज : आप ने नही खरीदा कुछ अपने लिए
मे: उसकी आँखों मे देखते हुए
क्या मतलब
राज : वही जो दीदी ने खरीदा
मे: चुप कर बदमाश
राज : इसमे बदमाश वाली क्या बात है माँ सब पहनते है इसमे क्या छुपाना
मे: मे तेरी माँ हू बीवी नही जो तुम मुझ से पूछ रहे हो
राज : सॉरी आप को बुरा लगा तो
मे: राज बात सॉरी की नही है माँ हूँ तुम्हारी
और माँ से ऐसी बात नही करते
राज : तो आप माँ है
मे: हाँ
राज : तो मेसेज करके क्यूँ बताया कि नेहा दीदी क्या लेने गई है
मे: अच्छा तो मेरी ग़लती है
राज : मैने ऐसे नही कहा मे तो सिर्फ़ पूछ रहा था
मे: अच्छा बाबा ग़लती हो गई और हाँ मुझे आज कुछ नही लेना था इस लिए नही लिया और जब लेना होगा तो आप तो बता दूँगी राज जी
ओके
राज : माँ आप गुस्सा हो गई
मे: नही हुए इट'स ओके आज कल के बच्चे मॉडर्न हो गये है
उनके लिए ये पैंटी और ब्रा की बात करना नॉर्मल है
राज : हाँ सिर्फ़ आप के और मेरे बीच मुझे और किसी का पता नही
मे: अच्छा जी हम दोनो मे क्यूँ
राज : क्यूँ कि आप मेरे अंडरवेर और वेस्ट ले कर आते हो तो मे भी बात कर सकता हूँ
मे: अच्छा जी
तभी नेहा आ गई और हमारी बात अधूरी रह गई
नेहा : क्या बात हो रही है
मे: कुछ नही वही लेके नही गये इस लिए नाराज़ है
नेहा : अच्छा मेरा भाई नाराज़ है
राज : नही ऐसा नही है दी
मे: चल नेहा डिन्नर ज़ल्दी से बनाते है पापा है नही फिर ज़ल्दी से सोते है
नेहा : पापा कहाँ है
और मेने उसको बता दिया
नेहा : ओके तो चलो डिन्नर करते है
और हम तीनो ने डिन्नर किया
पर जितनी देर मे काम करती रही मेरा ध्यान राज पे लगा रहा.
कि मे राज से और राज मुझ से उतना खुल कैसे रहा है.
पर मुझे कोई जवाब नही मिल रहा था
 
रात को सब अपने अपने रूम मे आ गये
और मे सोने लगी पर नींद नही आ रही थी
काफ़ी देर तक दिन भर जो राज से बात हुई उसके बारे मे सोच ती रही और जब काफ़ी देर नींद नही आई तो राज को वॉट'स अप कर दिया
मे: सो गये
थोड़ी देर बाद
राज : नही माँ अभी जाग रहा हूँ
मे: क्यूँ जाग रहे हो
राज : नींद नही आ रही
मे: क्यूँ नही आ रही
किसी गर्लफ्रेंड की याद आ रही है
राज : माँ आप को पता मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है
मे: मे कैसे मानु
राज : ट्रस्ट करना पड़ेगा माँ
मे: ओके ट्रस्ट करती हूँ पर जो तुम ने दिन मे बोला वो झूठ था
राज : माँ सच बोला था
मे: मतलब इतने दिनो तक तुम मेरी पैंटी को रखे रहे उसके साथ कुछ नही किया
राज : माँ बोला था ना
मे: तुम झूठ बोल रहे हो कि इतने दिन से तुम मेरी पैंटी को रखे रहे उसके साथ कुछ नही किया

तुम्हे मेरी कसम है राज सच बोलो
राज : माँ प्लीज़
मे: मैने कसम दी है
राज : वित माँ मे उसको
मे: बोलो राज मेरी कसम है तुम्हे
राज : वो माँ मे आप की पैंटी के साथ मास्टरबेशन करता था
मे: क्या बोल रहे हो
मे जानती थी तुम मुझ से कुछ छुपा रहे थे
तुम बहुत गंदे और बेशरम हो गये हो
राज : सॉरी माँ वो ग़लती हो गई
मे: अब सॉरी मत बोलो तुमने जो करना था कर लिया है सोचो जब तुम्हारे पापा को पता चलेगा तो क्या करेंगे
राज : सॉरी माँ पापा से मत कहना प्लीज़ सॉरी वन्स अगेन
मे: ओके प्रॉमिस मे मुझ से कुछ नही छुपाओगे
राज : प्रॉमिस मा नही छुपाउंगा
मे: तो मेरी पैंटी के साथ मास्टरबेशन करने से क्या मिलता था तुम्हे
और मास्टरबेशन कब से कर रहे हो और मेरी पैंटी के साथ मास्टरबेशन करने का ख्याल कब आया
सच सच बोलना
राज : माँ प्लीज़
मे: प्रॉमिस किया है
नाउ कम ऑन
राज : माँ मे पिछले 1 साल से मास्टरबेशन और जब कॉलेज गया तो वहाँ पता चला दोस्तो से कि किसी लड़की की पैंटी के साथ मास्टरबेशन करने से बड़ा मज़ा मिलता है.
तो मेरे मान मे भी ट्राइ करने का ख्याल आया
पर मुझे कोई पैंटी नही मिली क्यूँ कि आप अपने रूम मे और नेहा दी अपने रूम मे नहाती थी
पर उस दिन मामा के यहाँ शादी मे आप की पैंटी मिल गई
और जब उसके साथ मास्टरबेट किया तो एक अलग ही मज़ा आया
मे: तुम्हे शरम नही आई अपनी माँ की पैंटी के साथ ये गंदा काम करते हुए
राज : बोला ना सॉरी माँ
मे: तो तुम ने नेहा की पैंटी के साथ भी किया होगा ये गंदा काम.
राज : वो माँ
मे: बोलो सच सच
राज : नही माँ कभी मन नही किया दीदी की पैंटी के साथ करने का.
वो आप की पैंटी ही मुझे अच्छी लगती है दीदी की नही
उसकी बात सुन कर गुस्सा भी आ रहा था और अच्छा भी लग रहा था कि उसे मेरी पैंटी के साथ मास्टरबेट करना अच्छा लगता था ना की नेहा की पैंटी के साथ
मे: ऐसा क्यूँ
राज : पता नही माँ पर मुझे आप की पैंटी के साथ ही अच्छा लगता है
मे: तो आज क्या कर रहे हो
राज : कुछ नही माँ तभी तो नींद नही आ रही थी
मे: मतलब मेरी पैंटी चाहिए
राज : वो माँ
हााआअ
और काफ़ी देर ना उसका मेसेज आया ना मैने किया.
काफ़ी देर सोचने के बाद
मे: तुम मास्टरबेट कर लो बिना पैंटी के पहले भी तो करते थे पर ये गंदी बात होती है
राज : जानता हूँ माँ पर कंट्रोल नही होता और जब से आप की पैंटी मिली है तब से डेली करता हूँ
मे: पर उसका क्या काम
क्या करते हो उसके साथ मतलब मेरी पैंटी का क्या रोल होता है मास्टरबेशन
पर राज का कोई मेसेज नही आता.
मुझे लगा शायद मेने कुछ ज़्यादा पूछा लिया जो कि माँ की नही पूछना चाहिए
पर थोड़ी देर बाद,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
 
राज : माँ मे पैंटी को अपने उस पर लपेट कर मास्टरबेट करता हूँ
और उसमे डिसचार्ज करता हूँ
और मेसेज पढ़ कर मेरे अंदर कुछ कुछ होने लगा
कि मे अपने बेटे से क्या पूछ रही हूँ पर बड़ा अच्छा लग रहा था उसके साथ बात करके और जान कर कि वो मेरी पैंटी के साथ क्या करता है
पता नही क्या हुआ
मैने मेसेज किया
मे: मेरे बेटे को अपनी माँ की पैंटी चाहिए क्या अभी मास्टरबेशन करने के लिए
तुम अपनी माँ से बोल सकते हो

मेसेज तो भेज दिया पर मेरी हाथ कांप रहे थे कि क्या किया मैने अपने बेटे से पूछ रही हूँ कि मेरी पैंटी चाहिए क्या
मे राज के मेसेज का वेट कर रही थी
थोड़ी देर बाद मेरे मोबाइल ब्लिंक हुआ
और उसमे राज का मेसेज था

राज : हाँ माँ चाहिए आप के बेटे को आप की पैंटी
और हाँ मैने सुना है उसी पैंटी मे ज़्यादा मज़ा आता है फ्रेश पैंटी इतना मज़ा नही आता तो हो सके तो अपने
बेटे के लिए अभी जो पैंटी आप ने पहन रखी है वो वाली दे दो मे आप की पैंटी आप को मॉर्निंग मे वापिस दे दूँगा.

उसके मसेज को पढ़ कर मे अंदर कुछ कुछ होने लगा शायद मेरी पैंटी भी गीली हो गई.
पर अब क्या करूँ

मेरा बेटा मेरी पैंटी माँग रहा है वित भी अभी पहनी हुई जो कि मेरे पानी से अब गीली हो गई है
क्या करेगा वो मेरी पैंटी के साथ

तभी राज का फिर से मेसेज आया

राज : माँ आप के गेट पे वेट कर रहा हूँ आप गेट के नीचे से दे दो

अब क्या करूँ कुछ समझ नही आ रहा था क्या करूँ कैसे दूं
दूं या नही
 
मे सोच सोच कर परेशान हो रही थी अब क्या करूँ
दूं या नही राज दरवाजे पे खड़ा था
तभी मेरे मोबाइल पे राज का दोबारा मेसेज आया
राज : मे बाहर वेट कर रहा हूँ
और मैने एक झटके से अपनी पहनी हुए पैंटी उतारी और दरवाजे मे नीचे सरका दी
और भाग कर बेड पे आ कर लेट गई
तभी राज का मेसेज आया
राज : थॅंक्स माँ
मे मेसेज पढ़ कर मुस्कुरा ने लगी कि क्या हो रहा है ये
और राज अब क्या करेगा मेरी पैंटी के साथ
क्या सोच रहा होगा मेरी गीली पैंटी की बजह से
मे सोच ही रही थी तभी मोबाइल पे बीप हुई
चेक किया तो राज का मेसेज था
राज : माँ आप की पैंटी गीली क्यूँ है
मे: मुझे नही पता
राज : बोलो ना माँ गीली क्यूँ है
कहीं आप ने सूसू तो नही कर दिया
मे: चुप कर बदमाश और जिस काम के लिए पैंटी ली है वो काम करो और सो जाओ काफ़ी रात हो गई है कल कॉलेज भी जाना है
राज : माँ प्लीज़ बताओ ना
मे: अभी तुम क्या कर रहे हो
राज : कुछ नही बस आप की पैंटी छू कर देख रहा हूँ बड़ी ही सॉफ्ट और गीली है और इसमे से बड़ी नशीली खुश्बू आ रही है .
मे: मतलब तुम ने मेरी पैंटी को सूँघा है क्या
राज : हाँ माँ गीली थी ना इस लिए देख रहा था और बड़ी अच्छी खुश्बू है इसकी
मे: चुप कर बेशरम अपनी माँ से बात कर रहा है वो भी उसकी पैंटी के बारे मे
अब चुप चाप अपना काम करो
बाइ गुड नाइट
और मैने मोबाइल रख दिया
पर उससे से ये सारी बात करने के बाद पता नही क्या हुआ मेरा हाथ अपने आप मेरी पुसी पे पहुँच गया
और मेरे मुँह से सिसकारी निकल गई आआआहहुउऊुुुुुुुुुुउउ
और अपनी पुसी पे हाथ फेरने लगी साड़ी के ऊपर से ही
आज पता नही कितने सालो बाद मेने अपनी पुसी इस तरीके से छुई थी
क्यूँ कि राज के पापा ने तो पिछले 8 सालो से फिज़िकल होना छोड़ दिया था.
और बच्चो के बड़े होने पर मैने भी कहना छोड़ दिया.
और वैसे भी हमारी सेक्स लाइफ कुछ खास नही थी क्यूँ कि मे बेड पे उनके हिसाब से ही चलती थी और उन्हे अपनी सेक्स लाइफ से ज़्यादा अपने ड्रिंक की चिंता रहती थी.
मे ये सब सोच ही रही थी
तभी राज का फिर से मेसेज आया.
राज : माँ क्या कर रहे हो.
मैने कोई जवाब नही दिया
फिर से
राज : माँ सो गई क्या
मैने फिर से कोई जवाब नही दिया
अगर जवाब देती तो मे कमज़ोर पड़ जाती और वैसे भी एक माँ हो कर मैने राज से काफ़ी सारी ऐसी बात कर ली थी जो एक माँ को अपने बेटे से नही करनी चाहिए.
राज : ओके माँ गुड नाइट आंड वन्स अगेन थॅंक यू फॉर युवर लव्ली गिफ्ट और हाँ बड़ा मज़ा आया फ्रेश पैंटी के साथ
मास्टरबेशन करके.
पैंटी आप के दरवाजे से अंदर सरका दी है.
उसका मेसेज पढ़ कर अपने रूम के दरवाजे पे गई और देखा सच मे मेरी पैंटी पड़ी थी
और मैने उसको झुक के उठाया तो कुछ भारी से लगी और गीली भी और जब गौर से देखा तो उसपे शायद राज का वीर्य लगा था जो कि
अभी भी गरम था और काफ़ी गाढ़ा भी था
और काफ़ी सारी था मेरे पति से ट्रिपल ज़्यादा.
पता नही क्या हुआ अपनी पैंटी को अपनी नाक के पास ला कर उसे सूंघने लगी
बड़ी अजीब सी खुश्बू थी पता नही क्यूँ मे मेरे लिए ये नया एक्सपीरियेन्स था क्यूँ कि मैने इससे पहले ये सब नही किया था
पर आज जब राज ने बोला कि उसने मेरी पैंटी सूँघी थी तो मेरा भी मन किया सूंघने का
और बड़ी की अजीब खुश्बू थी
 
पैंटी को ले कर बेड पर आ गई और समझ नही पा रही थी कि क्या करूँ
और पता नही अपने आप मेरा हाथ मेरी साड़ी और पेटिकोट के अंदर मेरी चूत पे पहुँच गया और उसपर मे अपना हाथ फेरने लगी
उूुुुउऊः आआहह
क्या कर रही है सरोज ये ग़लत है तेरी पैंटी पे तेरे बेटे का वीर्य लगा है जा बाथरूम मे जा कर धो दे इसे
पर मेरा हाथ मेरी पुसी पे चलता रहा और थोड़ी देर बाद मेरी एक उंगली मेरी पुसी के अंदर थी
और अंदर बाहर हो रही थी और पैंटी को अपनी नाक के पास ला कर राज के गंदे वीर्य को सूंघ रही थी और मास्टरबेट कर ने लगी
उूुुुउऊः आआहह माआआ क्या हो रहा है मुझे
एयेएàएयेए माआआ आआआहह
और फिर थोड़ी देर बाद दूसरी उंगली भी अपनी पुसी मे डाल दी और अब अपनी दो उंगलियो से मास्टरबेट कर रही थी
और राज के वीर्य को सूंघ ती जा रही थी
और अपने हाथ की स्पीड बढ़ा दी और सूंघते 2 उसके वीर्य को अपनी जीभ से चाटने लगी और अपने हाथ की स्पीड बढ़ा दी और ये सोच कर कि मे अपने बेटे का वीर्य चाट रही हूँ मेरी पुसी ने पानी छोड़ दिया एक दम फ़ुब्बारे की तरह 8 साल का रुका हुआ पानी बह गया और मेरी
सेक्स की प्यास भुजने की जगह और बढ़ गई पर क्या कर सकती थी फिलहाल तो थोड़ी राहत मिली थी और वही बेड पे पैंटी के साथ आज की घटना को सोचते सोचते मेरी आँख लग गई


मुझे लगा कोई मुझे आवाज़ दे रहा है
जब आवाज़ पास से आने लगी तो ये नेहा की आवाज़ थी
नेहा: माँ उठो 7 बज गये कब तक सोना है आज
तभी मेरी आँख खुली
अरे बाप रे 7 बज गये आज क्या हो गया मुझे इतनी लेट कभी नही उठी
तभी रात की बात याद आई कि रात को क्या हुआ था
और शायद मास्टरबेट की बजह से आज आँख नही खुली
नेहा: मोम उठो
मे: हाँ उठ गई आती हूँ अभी
और उठ कर बाथरूम मे चली गई
और जब नहा रही थी तो मेरा हाथ आज अपने आप मेरी पुसी पे चला गया शायद कल रात इस असर था
तभी ख्याल आया बच्चे बाहर वेट कर रहे है
ब्रेकफास्ट बनाना है और जल्दी से नहा कर किचन मे आ गई जहा नेहा अपने लिए कॉफी बना रही थी
नेहा: मोम गूडमॉर्निंग
मे: गुड मॉर्निंग बेटा
नेहा: क्या हुआ था माँ आज इतनी लेट
मे: वो क्या है ना बेटा आज पापा नही थे सो होते है तो उठा देते है
मे उससे झूठ बोल रही थी नेहा का पापा नही मे उनको रोज उठाती हूँ पर आज बात कुछ और थी क्या कहती नेहा को
पर राज बाहर नही आ रहा था
मे: राज कहाँ है नेहा
नेहा: माँ पता नही आज सुबह सुबह ही चला गया बोलो कुछ मॉर्निंग क्लासस लेनी है
मे: पर कल तो बताया नही था
नेहा: वही तो मोम उसकी माया वो जाने
राज ने आज से पहले तो कभी ऐसा नही किया मुझे बोले बिना चला गया
थोड़ी देर बाद नेहा भी ब्रेकफास्ट करके कॉलेज चली गई
और मे घर कर काम मे बिज़ी हो गई
जब सारा काम ख़तम हो गया तब
अपने रूम मे गई और थोड़ी देर लेटने के लिए बेड पे बैठी तभी मुझे राज के वीर्य से सनी पैंटी नज़र आई
और उसे देख कर रात वाली बात याद आ गई
और उस पैंटी को फिर से अपने हाथ मे ले कर अपनी नोज के पास ले कर सूंघने लगी
पर आब तक राज का वीर्य सुख गया था और पैंटी सफेद सफेद हो गई थी जिसे मे अपने नाख़ून से छूटाने लगी
तभी मुझे राज की याद आई सुबह से गया है कोई मेसेज नही पता नही कुछ खाया है या नही
 
मैने अपना मोबाइल उठाया पर पता नही क्यूँ एक अजीब सी
हलचल हुई कि क्या बोलूँगी राज को कल रात को जो हुआ पता नही राज मेरे बारे मे क्या सोच रहा होगा कि माँ कैसी है जो अपनी पैंटी
अपने बेटे को खुद देती है मास्टरबेशन के लिए
यही सोच कर मोबाइल रख दिया और राज की कॉल या मेसेज का वेट करने लगी.
पर काफ़ी देर तक उसका कोई मेसेज नही आया
मेरा मन नही माना और मैने खुद राज को मेसेज किया
मे: हाई बेटा
पर कोई जवाब नही आया
कुछ देर बाद फिर से मेसेज किया
मे: हेलो बेटा कहाँ हो
तभी मोबाइल रिंग हुआ
राज का मेसेज था
राज: कॉलेज मे
मुझे थोड़ी राहत मिली
मे: आज जल्दी क्यूँ गये
राज: नेहा दी तो बताया तो था
मे: और मुझे
राज: सॉरी माँ आप सो रही थी
मे: रात की भी बता सकते थे
राज: बोला ना सॉरी माँ
मैं : कुछ खाया
राज: नही
मे: क्यूँ
राज: मन नही है
मे: पर क्यू बेटा
राज: पता नही माँ
मे: कुछ कहना है मुझे
राज: हाँ माँ
मे: तो बोलो
राज: माँ वो रात के लिए सॉरी
मे: सॉरी क्यूँ
राज: पता नही रात को क्या हुआ कि आप की पैंटी माँग की
मुझे ऐसा नही करना चाहिए था
मे: राज ओल्ड उस बात तो भूल जाओ और जितनी ग़लती तुम्हारी थी उतनी मेरी भी थी और
शायद मेरी ज़यादा थी क्यूँ कि मे बड़ी ही और तुम्हारी माँ भी तो मुझे अपने आप पर कंट्रोल होना चाहिए था पर नही किया
फिर सॉरी मुझे बोलना चाहिए
सो. सॉरी
राज: नही माँ आप की कोई ग़लती नही थी
मे: तो तुम्हारी भी कोई ग़लती नही थी
राज: ओके माँ
मे: गुड
चलो अब जल्दी से घर आओ मे लंच रेडी करती हूँ
और शायद इसी बात की बजह से तुम जल्दी चले गये थे कि
मुझे फेस ना करना पड़े
राज: हाँ माँ समझ नही आ रहा था कि आप को फेस कैसे करूँगा.
मे: तो अब क्लियर हो गया
राज: हाँ माँ आंड थॅंक्स फॉर अंडरस्टॅंडिंग
मे: इट'स ओके बेटा और जल्दी से आओ
राज: आता हूँ माँ लास्ट पीरियड रह गया है
मे: ओके तो अटेंड करो और जल्दी आओ
और फोन रख दिया
 
फोन रखने के बाद मे सोचने लगी कि बात तो हो गई पर जब वो घर आएगा तो उसे फेस कैसे करूँगी
और किचन मे आ कर लंच बनाने लगी
एक घंटे बाद डोर पे बेल बजी मुझे लगा राज आ गया
और अजीब से सिचुएशन मे जा कर डोर खोलने गई पर जब दरवाजा खुला तो नेहा थी राज नही
मे: अरे तुम
नेहा: क्यूँ कोई और आने वाला था
मे: नही वो राज की कॉल आई थी कि खाना बना दो मे आ रहा हँ उसी का वेट कर रही थी
नेहा: हाँ वो मे थोड़ा जल्दी आ गई लास्ट पीरियड खाली था इस लिए
और वो अपने रूम मे चली गई और मे दरवाजा बंद करने वाली थी कि राज आता हुआ दिखाई दे गया
और उसे देख कर मेरी धड़कन बढ़ गई और राज भी मुझ से कुछ बोले बिना अंदर आ गया और अपने रूम मे फ्रेश होने चला गया
और में किचन मे लंच करने चली गई
और थोड़ी देर बाद हम तीनो ने लंच किया और लंच के टाइम पे नेहा ही बोलती रही पर मैने और राज ने कुछ नही बोला.
लंच करने के बाद राज और नेहा अपने अपने रूम मे चले गये और मे किचन मे आ गई
मे समझ नही पा रही थी राज से कैसे बात करूँ
और शायद राज के साथ भी ये ही था
और काम ख़तम करके अपने रूम मे आ गई और बेड पे लेट गई
और वो मेरी पैंटी अभी भी मेरे बेड पे पड़ी थी और उसे देख कर मेरे अंदर कुछ कुछ होने लगा
और उसे उठा कर अपनी नोज के पास ला कर सूँघा फिर अपना मोबाइल उठाया और सोचने लगी क्या करूँ
क्यूँ कि पैंटी देख कर राज की याद आ गई और सोचने लगी कि कैसे उसने मेरी पैंटी का यूज़ किया होगा मास्टरबेट करने मे
और राज को मेसेज कर दिया
मे: क्या कर रहे हो
कुछ देर बाद
राज: कुछ नही माँ बस लेटा था
मे: क्या सोच रहे थे
राज: कुछ नही माँ
मे: बोलो ना क्या सोच रहे थे
राज: वही कल वाली बात
मे: क्या
राज: कि मुझे आप की पैंटी सॉफ करके देनी चाहिए थी पर गंदी दे दी
मे: इट'स ओके बेटा मैने सो सॉफ कर दी है पैंटी धोना तुम्हारा काम नही है
उस बारे मे मत सोचो
राज: पर फिर भी वो गंदी हो गई थी
मे: हाँ देखी मैने बहुत गंदी थी क्या था वो सफेद सफेद
कुछ देर राज का मेसेज नही आया
मे: क्या हुआ राज क्या था बोलो ना
राज: वो माँ मेरा वो
मे: हाँ हाँ कम ऑन बेटा बोलो ना क्या था
राज: वो मेरी वीर्य था
उफफफफफफे क्या बोल दिया मेरे बेटे अपनी माँ से पैंटी पे मेरे बेटे का वीर्य था
राज: क्या हुआ माँ वो कुछ ग़लत बोला हो तो सॉरी
मे: नही नही तुमने सच बोला मुझे अच्छा लगा.
राज: मैने तो बता दिया पर आप ने नही बताया
मे: क्या बेटा पूछो
राज: आप की पैंटी गीली क्यूँ थी रात मे
मे क्या जवाब दूं उसको समझ नही पा रही थी
राज: क्या हुआ माँ रात की तरह नही बताना चाहती
मे: ऐसा नही है राज पर समझो मे तुम्हारी माँ हूँ और तुम मेरे बेटे हो कैसे बताऊ तुम्हे कि वो मेरे पानी था जो कल रात को तुम से बात करने के बाद और तुम्हारे पैंटी माँगने के बाद सोच सोच कर निकल गया था जिस वजह से मेरी पैंटी गीली हो गई थी.
और मेसेज भेज ने के बाद मेरी साँसे भारी हो गई ये क्या लिख दिया मैने
राज क्या सोचेगा मेरे बारे मे अपनी माँ के बारे मे.
तभी राज का मेसेज आया.
 
राज: इट'स नॅचुरल मा होता है आप भी तो इंसान हो जब मेरे साथ हो सकता है तो आप के साथ क्यूँ नही

राज के इस मेसेज को पढ़ कर मुझे बड़ा सुकून मिला कि मेरे बेटे ने मुझे ग़लत ना समझ कर मेरी फीलिंग्स को समझा.
मे: थॅंक्स बेटा अपनी माँ को समझ ने के लिए..

मे कुछ और बोलती तभी दरवाजे पे रिंग हुई और बाहर गई तो राज दरवाजा खोल चुका था
और गेट पे राज के पापा थे
उमेश: कैसे हो राज
राज: ठीक हूँ पापा
अंदर आ कर मैने उन्हे पानी दिया तभी नेहा भी आ गई
और फिर इधर उधर की बात होती रही और डिन्नर कर के हम सब अपने अपने रूम मे आ गये.
राज के पापा बेड पे लेती हुए थे और अपनी ब्लॅक लेबल निकाल ने लगे
मे: अभी तो आए हो फिर सुरू हो गये
उमेश: कोई नही जान ये तो चलता है
अच्छा राज से बात हुई कुछ
मे: किस बारे मे
उमेश: वही कच्छी के बारे मे उसके रूम मे क्या कर रही थी
मे: अच्छा वो हाँ
उस से बात करने की ज़रूरत नही पड़ी
आप मे जाने के बाद नेहा मेरे पास आई और पूछने लगी की उसकी पैंटी खो गई है आप ने देखी है क्या और जब
उसको दिखाया तो बोली हाँ मेरी है
उसको बोला कि राज के रूम से मिली है
तो बोली हाँ उसके कपड़े के साथ सुखाई थी हो सकता है उसके कपड़े के साथ चली गई हो और शायद उसने डर से ना बताया हो
उमेश: चलो अच्छा है नही तो उसकी बॅंड बजा देता मे.
मे: हाँ आप को मौका चाहिए उसे मारने का
उमेश ड्रिंक बनाते हुए
उमेश: नही ऐसा नही है पर मे नही चाहता कि उसकी
पढ़ाई पे कोई बुरा असर हो
मे: समझ सकती हूँ
अच्छा आप को कुछ चाहिए मे सोने जा रही हूँ
उमेश: हाँ सो जाओ ज़रूरत होगी तो जगा लूँगा
और मे सोने लगी पर मेरा ध्यान फिर से राज की तरफ चला गया पैंटी की बात करने के बाद.
और काफ़ी देर मे यू ही आँख बंद करे पड़ी रही और पता नही कितनी देर बाद मेरी आँख खुली वो भी मेरे मोबाइल की वाइब्रेशन की वजह से
 
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