XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी - Page 4 - SexBaba
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XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी

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राज: पर माँ मेरे पास तो है
मे: ऐसे तो मेरे पास भी है पर तुम ने अपनी पसंद की ली ना मेरे लिए तो मे भी कुछ अपनी पसंद का लेना चाहती हूँ तुम्हारे लिया
बोलो ले लूँ
राज:आप की मर्ज़ी माँ
और मैने राज के लिए फ्रन्चि टाइप और में थिंग्स खरीद लिए
राज: माँ इनको पहनने का क्या फ़ायदा
मे' जो तुम ने लिए है मेरे लिए उनका क्या फ़ायदा
और राज चुप हो गया
और जब बिल दिया उनका तो 7 हज़ार का बिल था
मे: इतने महँगे
राज: आप के लिए कुछ भी
और हम बाहर आ गये
मे: पता नही क्या क्या शौक पाल रखे है तुम ने सिर्फ़ मेरी अंडरगार्मेंट्स पे तुम ने 6500 रुपीज़ खर्च कर दिए
अब कुछ और भी लेना है अपनी माँ के लिया या हो गया
राज: लेना तो है पर आज नही फिर कभी.
और मेरा हाथ पकड़ कर रोड क्रॉस किया और ऑटो पकड़ कर घर की चल दिए.
रास्ते मे
राज: माँ आप को पसंद आए ना अंडरगार्मेंट्स
मे: हाँ जब तुम ने पर्चेस किए है अपनी पसंद के तो पसंद तो आएँगे मुझे क्यूँ कि मेरे बेटे की चाय्स जो है
राज: आज कौन सा ट्राइ करोगी
मे: तुम ने ही तो बोला था कि आज से तुम्हारी पसंद के पहने है तो जो मन करे बता देना पहन लूँगी.
राज मेरी आँखों मे देखने लगा
मे: क्या देख रहे हो
राज: आइ लव यू माँ
मे: उसकी आँखो मे देखते हुए
आइ लव यू टू बेटा
और राज ने मौका देख कर मेरे माथे पे किस कर दिया
मे: छोड़ो पागल ऑटो वाला देख रहा है
राज: देखने दो कौन सा मेरा रिश्तेदार है
और फिर से मेरे माथे पे किस किया और इस बार मैने उसको मना नही किया बल्कि इस बार मैने उसके माथे पे भी किस कर दिया
और दोनो एक दूसरे के आँखों मे देखते हुए बैठे रहे
और घर से थोड़ी पहले राज ने ऑटो रुकवा दिया और उतर गया
मे: यहाँ क्यूँ
राज: ऑटो वाला घर तक आता तो कुछ हो सकता था इस लिए
प्रोक्यूशन लिया.
मे: वाह क्या बात है
और दोनो पैदल चल कर रास्ते मे से कुछ घर का समान ले कर घर पहुँच गये
और राज ने अंडरगार्मेंट्स का पॅकेट अपने पास रख लिया और अपने रूम मे रख आया.
और मे फ्रेश हो कर किचन मे डिन्नर बनाने आ गई क्यूँ कि नेहा के पापा आ गये थे
उसके बाद मेरी और राज की कोई बात नही हुए क्यूँ कि नेहा और राज के पापा थे.
पर जब सब ने डिन्नर कर लिए और नेहा और उसके पापा और राज मॅच देख रहे थे और मे किचन का काम ख़तम कर रही थी
तभी मुझे किसी ने पीछे से हग किया और मे एक दम से डर गई मेरे मूह से चीख निकल ने वाली थी किसी ने मेरे मूह पे हाथ रख कर
मेरे कान मे
माँ मे हूँ
 
जब मैने देखा तो राज था
मुझे अभी भी उसने अपनी बाहों मे ले रखा था पीछे से
मे: क्या करते हो मे डर गई
राज: सॉरी माँ मुझे लगा आप पहचान लोगे
मे: ये तुम ने पहली बार किया है तो पहचान कैसे जाती
रोज थोड़े ना करते हो
राज: ओके बाबा आज से रोज किया करूँगा
मे: मेने ऐसा नही बोला
राज: कोई बात नही
मे: अच्छा छोड़ो अब नेहा और पापा बाहर बैठे है
राज: दोनो मॅच मे बिज़ी है और मज़े ले रहे है मॅच के
मे: तो तुम यहाँ आ गये मज़े लेने
राज: हाँ मेरी प्यारी माँ और राज ने पहली बार मेरे गाल पे किस किया
मे: राज क्या कर रहे हो कोई देख लेगा
मैने ये नही बोला ग़लत है ये बोला कोई देख लेगा
इस से राज की हिम्मत बढ़ गई और उसने फिर से किस किया
मे: राज छोड़ो ना प्लीज़
राज: क्यूँ अच्छा नही लग रहा
मे कुछ नही बोली
मे: पर ये ग़लत है
राज: क्या ग़लत है अपनी माँ को किस करना
मे: राज समझा करो
राज: समझ रहा हूँ तभी तो
और मुझे अपनी तरफ घुमा लिया और मेरे चेहरे को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर मेरे माथे और गाल पे किस करने लगा
और मे कुछ नही बोली.
पता नही मी शरीर मेरा साथ नही दे रहा था कि उसको रोकू
काफ़ी देर तक मेरे पूरे चेहरे को किस करता रहा और थोड़ी देर बाद मेरे काम मे
राज: आइ लव यू माँ सो मच
और कस्के मुझे अपने बाहों मे भर लिया
और मे भी उससे लिपट गई किसी बेल की तरह
काफ़ी देर ऐसे खड़े रहे
और कुछ देर बाद अपने आप को संभालते हुए
मे,: राज छोड़ो मुझे ये ग़लत है
राज मेरी आँखों मे देखते हुए
राज: क्या किया मैने जो ग़लत है
मे: यही जो इस समय तुम कर रहे हो अपनी माँ को अपनी बाहों मे ले कर किस कर रहे हो
राज: ये ग़लत है
मे: हाँ ग़लत है
राज: तो रोको मुझे
और दोबारा मेरे चेहरे पर किस करने लगा
और मैने उसको नही रोका
राज: रुक कर रोको ना माँ
मे: प्लीज़ राज रुक जाओ
राज: आप रोको और किस करता रहा
और मे चुप चाप उसकी बाहों मे खड़ी रही और सो अपने मन की करता रहा.
 
तभी नेहा की आवाज़ आई पानी लेने गया था या बनाने
राज: लाया दी
और मुझे छोड़ दिया
मे: अब क्या हुआ
क्यूँ छोड़ दिया
राज:जिस काम से आया था वो हो गया
मे: किस काम से
मेरे पास आ कर मेरे कान मे
राज: आप की पैंटी गीली करने और मुझे उम्मीद है वो गीली हो गई होगी और हँसता हुआ फ्रिड्ज से पानी की बोतल निकाल ने लगा
मे: रुक बेशरम रुक अभी और मे उसकी तरफ भागी
और उसके पास जा कर रुक गई
राज: बोलो क्या बोलना है क्या मे झूठ बोल रहा हूँ
और मेरी नज़र झुक गई
मे: सच बोल रहे हो गीली हो गई
राज मेरे चेहरे को ऊपर उठाता है
और अपनी ओर देखने को बोलता है
राज: माँ बुरा की नही लगा आप को
मे चुप रही
क्या जवाब दूं उसे कि कितने दिनो बाद मुझे अब ये एहसास दोबारा होने लगा है कि मे अभी ज़िंदा हूँ और मेरी Bःइ कोई ज़िंदगी है और मेरी सेक्स की भूक दोबारा जाग गई है
मे कुछ नही बोली
राज: तो सॉरी माँ आप को बुरा लगा
मे: मैने ऐसा कब कहा
राज: कुछ कहा भी तो नही
मे उसकी आँखों मे देखते हुए
मे: जो भी तुम करते हो मुझे सब अच्छा लगता है
राज: क्यूँ
मे: क्यूँ कि क्यूँ कि
मे भी तुम से उतना ही प्यार करने लगी हूँ जितना तुम मुझ से करते हो .
राज: सच माँ
मे: हाँ बेटा सच
राज: तो मेरे लिप्स पे किस करो अभी
मे: राज नही ये ग़लत है
राज: अभी तो आप बोल रही थे आप भी प्यार करती हो
मे: करती हूँ इस का सबूत मेरी पैंटी और ब्रा का तुम्हारे पास होना है पर थोड़ा टाइम तो मुझे बेटा क्यूँ कि
मे तुम्हारी माँ के साथ साथ नेहा की माँ और उमेश की बीवी भी हूँ और एक माँ और पत्नी
तो थोड़ा वक़्त तो चाहिए मुझे अपने आप को रेडी करने के लिए
राज: दिया पर ज़्यादा नही है
और हाँ ज़ल्दी से मेरी ब्रा और पैंटी मुझे दो जिस से मे मूठ मार सकूँ
मे: ओके तुम रूम मे चलो मे ला कर देती हूँ
और वो बाहर चला गया
 
उसके बाहर जाने के बाद मे किचन मे खड़ी सोचती रही क्या मुझे सच मे राज से प्यार हो गया है या मेरी
जिस्म की आग ने मुझे राज का दीवाना बना दिया है.
कुछ समझ नही आ रहा था
और जब मे बाहर आई तो देखा मॅच ख़तम हो गया है और सब अपने अपने रूम मे चले गये है मे भी अपने रूम मे आ गई जहाँ मेरे पति वही अपना रोज़ वाला काम कर रहे थे ड्रिंकिंग .
मे: कभी तो छोड़ दिया करो
उमेश: अपने काम से काम रखो तुम समझी
मे कुछ नही बोली और बाथरूम मे चली गई
और वहाँ जा कर अपनी ब्रा और पैंटी जो शाम को पहनी थी उतार कर बाहर आ गई
पर उनके होते हुए कैसे जाती राज को देने के लिए
मे सोच ही रही थी
कि राज दरवाजे पे नॉक हुए
मे: कौन है
आवाज़ आई मे हूँ माँ
ये राज था
उमेश : अब इसको क्या चाहिए
मे: कुछ काम होगा
और मैने दरवाजा खोल दिया
मे: बोलो राज
राज अंदर आ गया
राज: माँ
मे: बोलो
तभी उमेश बोल पड़ा
उमेश: क्या हुआ इतनी रात को
राज: माँ से कुछ काम था
उमेश: क्या काम था
मे: आप अपना काम करो ना मे बात करती हूँ इससे.
बोलो राज
राज: वो मेरा समान दे दो
मे: मे आ रही थी
राज: काफ़ी लेट हो गये और बर्दास्त नही होता
मे: बहुत बेशरम हो गये हो अपने माँ पापा के रूम मे आ गये
राज: क्या करूँ अपनी माँ से प्यार जो करता हूँ
मे: हाँ ये तो है
तभी उमेश
उमेश: क्या हुआ इसे
मे: कुछ नही आप ड्रिंक करो
और मैने बाथरूम मे जा कर उसे आवाज़ दी
राज: आया माँ
और उमेश से नज़र बचा कर उसको अपनी उतारी हुए ब्रा पैंटी दे दी
मे: और जब इनको वापिस दो तो बता देना कल क्या पहनु
राज: नई वाली
मे: वो तो तुम्हारे पास है
राज: जो पहनानी होगी वो दे दूँगा आप को डॉन'ट वरी माँ
ओके कर रहा हूँ बाइ लव यू
मे: अपना काम हो गया तो जा रहा हूँ
राज: बताओ आप का कोई काम है
मे: है
राज: क्या है
मे: मुझे
राज: हाँ मुझे
मे' कुछ नही तुम जाओ बाद मे बताती हूँ
राज: ओके माँ
और वो चला गया
और मे बेड पर लेट गई
 
तभी मुझे याद आई शाम वाली ब्रा पैंटी जो मैने ड्रॉयर माओं रखी थी
पर इनके सामने कैसे निकालु
और मे चुप चाप बेड पर लेट गई

बेड पर लेटे लेटे सोचती रही थी राज ने मुट्ठी मारी होगी या नही और अपने आप मेरा हाथ मेरी चूत पर चला गया.
और मे कितनी मज़बूर थी कि पति के होते हुए मुझे अपनी चूत सहलानी पड़ रही थी.
क्या किस्मत है पति के बस का नही और बेटा मुट्ठी मार मार कर पानी वेस्ट कर रहा है
पता नही कब उसे अकल आएगी कि जो पानी वो वेस्ट कर रहा है उसका ईस्तमाल अपनी माँ को ठंडी करने मे करे तो ज़्यादा मज़ा आएगा पर पता नही कब समझेगा.
और अपनी चूत को साड़ी और पेटिकोट के ऊपर से मसलने लगी
और जब राज के पापा को देखा तो वही सोफे पे लेट गये थे अपनी पत्नी को प्यासा छोड़ कर
नकारा पति
तभी मे एक दम से उठती और ड्रॉयर से पैंटी और ब्रा निकाल और उनको ले कर बेड पर आ गई
और सूंघने लगी और चूत को मसल्ति रही.
थोड़ी देर ऐसे करती रही तभी मोबाइल ब्लिंक हुआ
राज का मेसेज था
राज: माँ अपनी पैंटी और ब्रा ले जाओ आज मे बहुत थक गया हूँ
मे: क्यूँ ज़्यादा मेहनत कर ली
राज: हाँ माँ तीन बार करा आज
मे: राज ग़लत है ये बेटा कमज़ोरी आ जाएगी.
राज:क्या करू माँ आप हॉट ही इतनी हो कि ब्रा पैंटी देख कर कंट्रोल नही होता.
मे: केवल ब्रा पैंटी से कंट्रोल नही होता कुछ और देख लिया तो क्या होगा
राज: और क्या दिखा रही हो माँ
मे: चुप कर बदमाश
राज: माँ आइ लव यू
मे: मे भी अपने राज से बहुत प्यार करती हूँ तभी तो अपनी यूज़्ड पैंटी और ब्रा देती हूँ उसको
राज: ले जाओ ना माँ
मे: ओके आती हूँ
और मे उठ कर राज के रूम मे आ गई
जहा राज अपने बेड पे लेटा हुआ था अपने आप को चद्दर से ढक कर
वो भी कमर तक
और वही बेड पे मेरी ब्रा और पैंटी भी थी जिस पर राज का पानी गिरा हुआ था और आज तो उसने बेड पर जो नई वाले अंडरगार्मेंट्स थे वो भी रखे हुए थे
मे: इनके साथ क्या कर रहे हो
राज: इमॅजिन कर रहा था कि आप इनको पहन कर कैसी लगोगी
मे: राज चुप करो माँ हूँ तुम्हारी
राज: तो क्या हुआ उससे पहले एक हॉट आंड सेक्सी औरत हो माँ
मे: बेशरम चुप हो जाओ नही तो मे चली जाउन्गि
राज: बोलो ना माँ पहन कर दिखाओगि ना
मे: नही कभी नही और बेड पर झुक कर अपनी ब्रा और पैंटी उठाई और जाने लगी
तभी राज ने ऐसा किया जो मैने सोचा नही था
और वो ये कि उसने अपनी चद्दर एक दम से उठा दी और बिल्कुल नंगा हो गया
और मेरी नज़र सीधी उसके लंड पे पड़ी जो इस वक़्त एक दम तना हुआ खड़ा था और उसको देख कर मेरी आँखे फटी की फटी रह गई
इस लिए नही कि राज ने मुझे अपना लंड दिखाया बल्कि इस लिए क्यूँ कि इनका लंड मेरे पति के लंड से तीन गुना लंबा और ढाई गुना मोटा था
और मे उसी की देखे जा रही थी
तभी राज ने मेरा ध्यान तोड़ा
 
राज: कैसा है माँ आप के बेटे का लंड
मे: चुप कर कमिने बेशरम पागल शरम नही आती अपनी माँ के सामने नंगे होते हुए
मे जा रही हूँ
राज: माँ बोलो ना कैसा है
मुझे नही पता और मे भाग कर अपने रूम मे आ गई
और दरवाजा बंद कर के लंबी लंबी साँसे लेने लगी और सोचती रही क्या लंड इतना बड़ा हो सकता है
बिल्कुल गधे की तरह
और बेड पे अपनी अभी वाली ब्रा और पैंटी को पागलो की तरह सूंघने लगी क्या महक थी और एक दम गरम गरम था पानी राज का
तभी मोबाइल मे राज का मेसेज आया
राज: पहली बार आप ने मेरी किसी बात का जवाब नही दिया माँ
मे: क्या बोलू
राज: कैसा लगा
मे: क्या सुनना चाहते हो
राज: जो सच है और आप को कैसा लगा
मे,: मेरे राज बेटा का लंड सच मे बहुत बड़ा और मोटा लंबा है और एक दम सेक्सी है जिसको देख कर कोई भी औरत उसकी दीवानी हो जाएगी
राज: आप हो गई उसकी दीवानी
मे: क्या सुनना चाहते हो यही ना
कि हाँ मे हो गई दीवानी अपने बेटे के लंड की सच मे मेरे बेटे का लंड किसी सांड़ का लंड है और इतना बड़ा है कि उसकी माँ
उसकी पैदा करने वाली माँ भी उसकी दीवानी हो गई है एक दम पागल
राज: सच माँ
मे: हाँ मेरे बच्चे सच मे बड़ा प्यारा लंड है मेरे राज का मे तो बारी जाऊ उस पर
राज: लव यू माँ
मे: लव यू बेटा और उम्म्म्मममहााआअ
ये तुम्हारे लिए नही है मेरे उस छोटे बेटे के लिए है जिस की तुम्हारी माँ दीवानी हो गई है
बाइ गुड नाइट बेटा
और मोबाइल रख दिया
और मुझे महसूस हुआ कि मेरी पैंटी गीली हो गई है और आज मे पहली बार बिना चुदे और बिना मुट्ठी मारे झड गई थी.

झड़ने के बाद भी मुझे काफ़ी देर तक नींद नही आई
क्यूँ की मेरी आँखों मे तो राज का लंड समा गया था उससे ध्यान ही नही हट रहा था
इतना बड़ा लंड कैसे हो सकता है बिल्कुल गधे जैसा
मेरे पति का तो छोटा था जब सुहागरात को लिया था तो बहुत दर्द हुआ था और अगर राज का लेना पड़ा तो मेरी चूत का क्या होगा.
मेरी तो फट जाएगी यही सोच सोच कर मेरा बुरा हाल हो रहा था और राज के लंड के बारे मे सोचते सोचते सो गई.
 
अगली सुबह जब उठी तो अपनी पैंटी की गीली पाया
इसका मतलब रात भर मेरी चूत ने पानी छोड़ा था राज के लंड के बारे मे सोचते सोचते.

और फ्रेश होने गई तो मुट्ठी मारनी पड़ी नही तो चूत पानी छोड़ना बंद ही नही कर रही थी.

फ्रेश होने के बाद मे किचन मे आ गई और ब्रेकफास्ट की तैयारी करने लगी
थोड़ी देर बाद हम सब ब्रेकफास्ट कर रहे थे
और राज मुझे ही देख रहा था क्यूँ पता नही

ब्रेकफास्ट करने के बाद सब चले गये
और सब के हटते ही मैने राज को मेसेज किया
मे: क्या हुआ ब्रेकफास्ट पे मुझे क्यूँ देख रहे थे तुम
राज: आज क्या पहना है
मे: क्यूँ क्या हुआ
राज: हमारी कोई बात हुई थी कि डेली करने के लिए
मे: ओह सॉरी राज मुझे याद नही रहा और वैसे भी मेरी सारी न्यू अंडरगार्मेंट्स तुम्हारे पास ही तो है
तुम ने दी ही नही.
राज: मतलब अब मुझे याद रखना पड़ेगा आप नही मग़ॉगे
मे: सॉरी बेटा आज माफ़ कर दो कल से नही होगा.
राज: ओके पर मैने उस मे से एक पैयर पसंद करके के मेरी कंप्यूटर टेबल पर रख दिया है जाइए और हाँ कर पहन लो
और बताओ फिटिंग कैसी है
मे' ओके बॉस थोड़ा टाइम दो
राज: ओके मे वेट कर रहा हूँ
और मे मोबाइल रख के राज के रूम मे आई और उसकी कंप्यूटर टेबल पे एक ब्लॅक कलर की ब्रा पैंटी रखी थी
और वो मैने राज के रूम मे ही चेंज की और जो सुबह पैंटी ब्रा पहनी थी वही टेबल पे रख दी
बाकाई मे फिटिंग एक दम मस्त थी पर उसमे से मेरा फिगर 40 % दिख रहा था मतलब आधे से ज़्यादा मेरे बट और बाइयोस ब्रा और. पैंटी मे से दिख रहे थे
पर फिटिंग और सॉफ्टनेस एक दम मस्त थी
 
पर फिटिंग और सॉफ्टनेस एक दम मस्त थी
राज का मेसेज आया
राजा' क्या हुआ
मे: पहन ली है
राज: और फिटिंग
मे: एक दम मस्त है पसंद किसकी है मेरे बेटे की
राज: माँ एक बात बोलूं
मे: हाँ बोलो राज
राज: आप ब्रा पैंटी मे कैसी लग रही हो फोटो क्लिक कर के भेजो ना अपने बेटे को अपनी
मे: मतलब
राज: मे आप को सिर्फ़ ब्रा पैंटी मे देखना चाहता हूँ
मे: पागल हो क्या माँ हूँ तुम्हारी
राज: हाँ हूँ पर मेरी माँ हो अपने राज की इस लिए आप स्पेशल हो
मे: पर राज मे कैसे
राज: क्यूँ जब आप मुझे नंगा देख सकती हो तो क्या मे आप की ब्रा पैंटी मे नही देख सकता.
मे: मैने नही देखा था तुम ने खुद दिखाया था
राज: पर आप को अच्छा लगा था ना मेरा वो
मे: हाँ पर
राज: पर वर कुछ नही अपनी ब्रा पैंटी मे फोटो क्लिक कर के भेजो अभी
मे: पर राज
राज: सिर्फ़ फोटो मे देखने की बोल रहा हूँ रियल फेस टू फेस नही
मे: नही मानोगे
राज: नही आप को पता है
मे: ओके भेज ती हूँ
और मे फोटो क्लिक करने वाली थी तभी राज की कॉल आई
मे: हाँ बोलो कॉल कैसे की
राज: माँ फोटो मत क्लिक करो मे खुद आ रहा हूँ अपनी माँ की ब्रा पैंटी मे देखने कि मेरी माँ कैसी लगती है मॉडर्न ब्रा पैंटी मे
मे: नही राज अभी तो बोल रहे थे की फोटो अब खुद पर कैसे बेटा तुम्हारी माँ को बहुत शरम आएगी
राज: नही आएगी मे आ रहा हूँ
और कॉल कट कर दी
मेरे हाथ पैर फूल गये मे कैसे अपने बेटे के सामने सिर्फ़ ब्रा पैंटी मे वो भी इन मे जिस मे ढक कम रहा है और दिख ज़्यादा रहा है
मे जानती थी राज ज़िद्दी है वो नही मानेगा पर क्या कर सकती थी जब मे उसको नंगा देख सकती हूँ तो वो क्यूँ नही आख़िर मेरे राज बेटा है
और अब मुझ पर सब से ज़यादा उसका हक़ है मेरे पति से भी ज़्यादा.

मे राज के आने का वेट करती रही
और करीब एक घंटे बाद दरवाजे पे नॉक हुई मे समझ गई राज आ गया है
और जब दरवाजा खिला तो राज ही था
उसके चेहरे पे मुस्कान थी और वो अंदर आ गया मैने दरवाजा बंद किया और राज के साथ अंदर आ गई.
राज: तो शुरू करे
मे: क्या
राज: मुझे दिखाओ जो मे देखने आया हूँ
मे: राज प्लीज़ ऐसा मत करो मेरे साथ
हम दोनो एक दूसरे के सामने खड़े थे
राज: मैने कुछ ग़लत डिमॅंड कर दी है क्या माँ
मे: नही ग़लत नही है पर मे अभी उसके लिए रेडी नही हूँ मुझे थोड़ा टाइम दो राज
मे तुम्हारी हर विश पूरी करूँगी पर थोड़ा टाइम दो अपनी माँ को जो भी है आज पर पहले माँ हूँ तुम्हारी बाकी बाद मे.
राज: तो नही दिखाओगी
मे: राज प्लीज़
तभी वो मेरे एक दम पास आ गया और मुझे हग कर लिया
मे: राआआजाआाअ
राज: क्या हुआ ये भी ना करूँ
मे: मे कुछ बोल रही हूँ क्या
राज: राआाजाआअ इतना लंबा क्यूँ
मे: तुम ने ताक़त से भिच लिया इस लिए
राज: अच्छा और कस कर उसने मुझे हग किया
अब बोलो
मे: मे कुछ नही बोल रही नही तो और कस कर करोगे
राज: समझ गई
और थोड़ा अलग होके मेरे चेहरे को चूमने लगा
मे भी उसका साथ देने लगी
और हम काफ़ी देर तक चूमते रहे एक दूसरे को
तभी राज ने मेरे कान मे धीरे से कहा
राज: दिखा दो ना माँ अपने बेटे को जो वो देखने चाहता है.
मे: दिखा दूँगी थोड़ा टाइम दो बेटा अपनी माँ को जो तुम से बहुत प्यार करती है.
राज: ब्रा पैंटी कैसी लगी
मे: बहुत अच्छी बेटा .
राज: मेरा गिफ्ट कहाँ है
मे: वही कंप्यूटर टेबल पे
राज: गीली है या फ्रेश
मे: वो तो फ्रेश है पर जो पहनी है वो गीली ज़रूर हो गई है
ये वाली दे दूं अपने राज को
राज: नेकी और पूछ पूछ दे दो ना
मे: तुम रूको मे लाती हूँ पर उस की जगह दूसरी तो दो पहन ने के लिए
और राज मुझे अपने रूम मे ले गया और इस बार पिंक वाला जोड़ा दिया
राज: इसको पहन लो
मे: उसके हाथ से सेट लेते हुए अभी आई 5 मिनिट मे
राज: माँ
मे: हाँ
राज: पैंटी ज़्यादा गीली हो गई क्या
मे: हाँ बहुत गीली जब से छोटू को देखा है पानी रुक ही नही रहा
ये कह कर मे अपने रूम मे भाग कर आ गई
 
मैं रूम मे आ कर ज़ल्दी से ब्रा और पैंटी चेंज कर के राज के रूम मे आ गई जहाँ राज मेरा वेट कर रहा था.

वहाँ आ कर
मे: क्या चाहिए मेरे राज को
राज: अपनी सेक्सी और हॉट माँ की कच्छी और ब्रा मुट्ठी मारने के लिए बड़ा मज़ा आता है अपनी माँ की ब्रा और कच्छी मे
मे: अच्छा जी तो ये लो
और मैने हाथ . कर उसको अपनी ब्रा पैंटी पकड़ा दी
लो ऐश करो मेरे बेटे
और राज मेरे हाथ से ले कर अपनी नाक के पास ले ज कर सूंघने लगा
राजा' वाह क्या खुश्बू है माँ मज़ा आ गया
और मेरे सामने ही मेरी कच्छि के उस हिस्से को चूसने लगा जो मेरी चूत के पानी से गीला हो गया था
मे: ये क्या कर रहा है राज छी गंदा है वो
राज: गंदा नही माँ टेस्टी है बहुत ही टेस्टी
और चूस्ता रहा काफ़ी देर तक और उसका असर ये हुआ कि उसके ट्राउज़र के चैन वाली जगह टेंट की तरह उसका हिस्सा खड़ा हो गया
और ये समझाने की ज़रूरत नही थी कि वो उसका लंड था
तभी राज
राज: देखा माँ अपने उभरे हिस्से को दिखाते हुए
देखा आपकी कच्छी के पानी का असर आप का छोटू खड़ा हो गया
मे: हाँ देख रही हूँ मैं बेशरम थोड़ी तो शरम करो अपनी माँ की
राज: हाँ आ ह करता हूँ
और कह कर अपने कपड़े उतारने लगा और थोड़ी देर मे मेरे मना करने के बाद भी वो एक दम नंगा हो गया
और उसका लंड उसके अंडरवेर से निकल के किसी रॉकेट के तरह तन खड़ा था
उसे देख कर मे उसके रूम से बाहर जाने लगी
तभी
राज: कहाँ माँ
मे: तुम मज़े लो तब तक मे लंच बनाती हूँ
पर मेरा मन जाने का नही था
राज: नही माँ जब आप हो तो देखो ना आप का बेटा आप की ब्रा पैंटी के साथ क्या करता है और हो सके तो अपने बेटे की हेल्प करो
मे: कैसी हेल्प
राज: जो काम मे करूँ वो आप कर दो मेरे लिए
मेरी नज़र राज के लंड पे थी बड़ा ही प्यारा था मेरे राज का लंड मोटा तो इतना था कि मेरी चूत उसकी मोटाई देख कर पानी छोड़ने लगी
और टोपा तो बिल्कुल चुकंदर की तरह लाल
मे: मतलब
राज: मतलब आज आप मेरी मुट्ठी मार दो अपने हाथ से
मे: मे कैसे राज
राज: क्यूँ
मे: मैने आज तक ऐसा नही किया और ना ही मुझे मुट्ठी मारना आती है
राज: मे सिखा दूँगा माँ
बोलो.सीखोगी
मे: मे सिर झुका कर अगर तुम चाहते हो तो सिखा दो
राज: ओके डन
 
राज ने अपने हाथ से मेरा चेहरा उठाया
और मेरी आँखों मे देखते हुए
राज: तो शुरू करे
मे: उसकी आँखों मे देखते हुए
थॅंक्स जैसा तुम चाहो
और वो मेरा हाथ पकड़ कर सोफे के पास ले गया और मुझे सोफे पे बैठा दिया और खुद मेरे सामने खड़ा हो गया
अब पोज़िशन ऐसी थी कि
उसके पॅंट का उभरा हिस्सा मेरे चेहरे के सामने था
यानी उसका लंड मेरे चेहरे से 5 इंच की दूरी पे था.
मे उसी उभरे हुए हिस्से को देख रही थी तभी राज

राज: पॅंट के ऊपर से क्या देख रही हो माँ इसको बाहर निकाल कर देखो तो आप को और ज़्यादा अच्छा लगेगा और मुझे भी
मे उसको देखने लगी
राज: क्या देख रही हो मेरी प्यारी हॉट आंड सेक्सी माँ बाहर निकालो और एंजाय करो अपने बेटे के लंड को
मे उसकी आँखों मे देखते हुए
मे: बहुत बेशरम हो गये हो तुम
और बोलते हुए उसका ट्राउज़र उतारने लगी
और उसके ट्राउज़र को नीचे कर दिया अब वो सिर्फ़ कमर के नीचे फ्रन्चि मे खड़ा था.
और अब उसका वो हिस्सा और ज़्यादा उभरा हुआ लग रहा था
हो क्यों ना बड़ा ही इतना था
राज: इसे भी उतारो ना माँ तभी तो देख पाओगी अपने बेटे के लंड को जो आप को भी बहुत अच्छा लगता है
और उसकी आँखों मे देखते हुए उसकी फ्रेंची को उतार दिया एक झटके से और उस झटके की वजह से उसका लंड भी एक दम मेरे होठों से आ कर लगा
और जिसकी वजह से मुझे अपने मूह को पीछे हटाना पड़ा
राज: सिर पीछे क्यूँ हटाया माँ सिर्फ़ मूह ही तो खोलना था आप को बाकी का काम अपने आप हो जाता
मे: पागल हो गया है मेरे मूह मे घुस जाता
राज: तो क्या हुआ वो भी तो मुट्ठी मारने का स्टाइल है
बस इस मे हाथ की जगह मूह का ईस्तमाल होता है.
मे: चुप हो जाओ राज नही तो मे
राज: नही तो क्या
चलो अब सुरू हो जाओ ज़ल्दी से अब और बर्दास्त नही होता
मे: मैने बोला था ना कि मुझे कुछ नही आता तुम्हे बताना पड़ेगा
राज: तो सुरू करो मेरी प्यार होटी माँ
मे: क्या
राज: वैसे तो मे लंड पे आप की पैंटी लपेट कर मुट्ठी मारता हूँ पर अब जब आप अपने हाथ से मूठ मारोगी तो उसकी ज़रूरत नही है और पैंटी को साइड रख देता है
और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रख देता है
और मे अपना हाथ हटा लेती हूँ
राज: कम ऑन माँ अब शर्म कैसी शुरू करो ज़ल्दी से
और मेरा हाथ दोबारा पकड़ कर अपने लंड पे रख देता है
जो कि बहुत ही गरम हो रखा था और मेरे हाथ के लगने से झटका खा रहा था
मे: देखो ना राज ये कैसे झटके खा रहा है पकड़ में ही नही आ रहा
राज: क्या करे ये माँ आज ये बहुत खुश है कि आज ये उसके हाथ मे है जिसके नाम की रोज मुट्ठी मारता था
मे: मतलब
राज: माँ सच तो ये है कि मैने अपनी पहली मुट्ठी आप के नाम को ले कर ही मारी थी और
ये कहूँ कि मुट्ठी मारना आप को देख कर ही सीखा तो ग़लत नही होगा
मेरी मुट्ठी मरने की वजह भी आप ही हो
मे: मे मतलब
राज:अब जब यहाँ तक आ गये है तो अब आप से क्या छुपाना
पहली बार जब मैने दोस्तो से मुट्ठी मारना सीखा और पता लगा तो सब से पहले मैने आप के ,,,,,,,,

राज का लंड अब भी मेरे हाथों मे ही था
मे: मेरे क्या
राज: आप को इमॅजिन कर के मारी क्यों कि जब मुट्ठी मार रहा था तो पानी नही निकला पर जब आप को न्यूड इमॅजिन किया जब जा कर
मेरा पहली बार पानी निकला और उस दिन से आज तक आप को ही इमॅजिन कर के अपना पानी निकाल ता हूँ और जब से पैंटी मिलने लगी है तब से और ज़यादा मज़ा आ रहा है और पानी भी ज़्यादा निकल रहा है .
 
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