desiaks
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नैना ने कहा- चलो सब अपने कमरे में वहीं यह बातें होंगी.
हम सब मेरे कमरे में पहुंचे, वहाँ नैना ने जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया और मुझको इशारा किया कि मैं शुरू करूँ अपना काम.मैंने झट से प्रेमा का हाथ पकड़ा और उसको उठा कर अपने गले से लगा लिया और फिर उसके लबों पर एक गर्म चुम्बन दे डाला.
प्रेमा भी मुझ से अँधाधुंध लिपट गई और बड़ी ही मस्ती से उसने मुझको चूमना शुरू कर दिया.रानी यह सब देख रही थी.तब मैंने प्रेमा की साड़ी पर हाथ डाला और धीरे से उसको उतारने लगा.
प्रेमा ने रानी की तरफ देखा और कहा- तुम भी शुरू हो जाओ रानी, नैना जी आप रानी की मदद कर दीजिए न!नैना उठी और रानी की साड़ी उतारने लगी, मैं अब तक प्रेमा की साड़ी और ब्लाउज उतार चुका था और अब मैं उसके पेटीकोट के नाड़े को खोल रहा था.तभी प्रेमा ने मुझको कहा- तुम रानी के कपड़ों को उतारने में हेल्प करो न सतीश प्लीज.
मैं प्रेमा को छोड़ कर अब रानी के कपड़ों को उतार रहा था, अब तक उसका ब्लाउज उतार चुका और उसके मम्मे एक रेशमी ब्रा में कैद थे, ब्रा के उतारते ही वो बिलोरे जैसे गोल और ठोस मेरे हाथ में आ गए.मैंने झट से एक को अपने मुंह में ले लिया और निप्पल चूस रहा था, दूसरे हाथ से उसके पेटीकोट का नाड़ा खींच रहा था.
एक ही झटके में ही रानी का पेटीकोट उतर गया और उसकी काले बालों के गुच्छे से ढकी चूत सामने आ गई.मैं नीचे बैठ गया और अपना मुंह रानी की चूत में डाल दिया और उसकी खुशबू से भरी चूत का आनन्द लेने लगा..
रानी की आँखें बंद थी और वो इस सारे कार्यक्रम का बहुत ही आनन्द ले रही थी.मैंने उठ कर रानी को छाती से लगा लिया जहाँ उसके मम्मे एकदम मेरी सख्त छाती में दब गए.
रानी के होटों को चूमते हुए मैं उसको बेड की तरफ ले आया, वहाँ मैं थोड़ा रुक गया और उसको खड़ा करके मैं प्रेमा को भी अपनी तरफ ले आया और दोनों को एक साथ खड़ा करके उनका शारीरिक मिलान करने लगा.
दोनों ही बेहद खूबसूरत थीं, उनके शरीर संगेमरमर के बने हुए लग रहे थे और दोनों का कद और शरीर की गठन एक समान लग रही थी, यहाँ तक मम्मों और चूतड़ों का साइज भी एक समान लग रहा था.
मैंने रानी की चूत में ऊँगली डाली तो वो बेहद गीली और रसीली हो चुकी थी. मैंने उसके लबों को चूमते हुए उसको लिटा दिया और खुद उसकी बिलोरी टांगों के बीच बैठ गया.
मेरा मस्त खड़ा लंड उसकी चूत के ऊपर रख दिया और उसकी खुली आँखों में देखता रहा कि वो इशारा करे तो मैं लंड को धक्का मारूं. उसने भी मेरी आँखों में आँखें डाल कर आँख आँख से ही हामी भर दी और मैंने अपना लौड़ा पूरा ही उसकी चूत में डाल दिया.
वो एकदम से गर्म लोहे की छड़ी की तरह मेरे लंड के अंदर जाते ही रानी बिदक गई, उसने अपने चूतड़ ऊपर उठा दिए और तभी मैंने पूरा लौड़ा निकाल कर ज़ोर से फिर डाला उसकी चूत में!उसके मुंह से हल्की सी हाय निकल गई.अभी तक मैं बहुत ही धीरे चोद रहा था, अब मैंने चुदाई की स्पीड तेज़ कर दी.
उधर देखा तो प्रेमा को नैना ने पूरा संभाल रखा था, वो उसकी चूत में मुंह डाल कर उसकी चूत को चूस रही थी और प्रेमा एकदम आनन्द से उछल रही थी.इधर रानी की चूत में कुछ कुछ होने लगा और मेरा लंड एकदम समझ गया और उसने धक्के फिर तेज़ शुरू कर दिए. और तभी रानी की चूत से कंपकपाहट उठी और उसकी चूत से एक तेज़ धार पानी की निकली जो मुझको भिगो कर चली गई और रानी की दोनों संगेमरमर जैसी जांघें मेरे चारों और लिपट गई और मुझको जकड़ लिया.
मैं रुक गया और उसके गोल गुदाज़ मम्मों में सर डाल कर उनकी रेशमी जैसी चमड़ी से मुंह रगड़ने लगा, रानी ने अपनी टांगें खोली तो मैंने एकदम उसको पलट दिया और घोड़ी बना दिया और फिर लंड को उसकी चूत में तेज़ और धीरे अंदर बाहर करने लगा, उसके गोल नितम्बों को दोनों हाथों में पकड़ कर ताबड़तोड़ लंड परेड चालू कर दी.
और जैसे कि मुझको उम्मीद थी वो बहुत जल्दी स्खलित हो गई, बिस्तर पर ढेर हो गई.
नैना यह सब खेल देख रही थी, वो उठ कर आई और रानी को सीधे लिटा और मैं उसकी टांगों में बैठ कर हल्के हल्के धक्के मारने लगा.रानी जो छूटने के बाद ढीली पड़ गई थी, अब फिर फड़क उठी और चूत को उठा उठा कर मेरे लंड का स्वागत करने लगी.
दस मिन्ट तेज़ और धीरे चुदाई को मिक्स करते हुए मैंने आखिर में फुल स्पीड से चोदना शुरू कर दिया.नैना और प्रेमा इस चुदाई का आखिरी राउंड देख रही थी, नैना रानी के मम्मों को चूस रही थी और प्रेमा उसकी गांड में ऊँगली डाल रही थी.
फिर रानी एकदम से अपने चूतड़ ऊपर उठा कर मेरे पेट के साथ चिपक गई और फिर एक हल्की चीख मार कर छूट गई. उसकी चूत अपने आप खुल और बंद हो रही थी और मेरे लंड को निचोड़ने की कोशिश कर रही थी.नैना के इशारे को देखते हुए मैंने फिर ज़ोर से चुदाई शुरू कर दी और कुछ ही देर में मेरा फव्वारा पूरी फ़ोर्स से छूट गया.
मैं थोड़ी देर लंड को अंदर डाले हुए ही रानी के ऊपर लेटा रहा और फिर धीरे
से लंड को निकाल लिया चूत से!नैना ने फ़ौरन ही रानी की टांगों को हवा में लहरा दिया और कमर के नीचे एक मोटा तकिया रख दिया.
कहानी जारी रहेगी.
हम सब मेरे कमरे में पहुंचे, वहाँ नैना ने जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया और मुझको इशारा किया कि मैं शुरू करूँ अपना काम.मैंने झट से प्रेमा का हाथ पकड़ा और उसको उठा कर अपने गले से लगा लिया और फिर उसके लबों पर एक गर्म चुम्बन दे डाला.
प्रेमा भी मुझ से अँधाधुंध लिपट गई और बड़ी ही मस्ती से उसने मुझको चूमना शुरू कर दिया.रानी यह सब देख रही थी.तब मैंने प्रेमा की साड़ी पर हाथ डाला और धीरे से उसको उतारने लगा.
प्रेमा ने रानी की तरफ देखा और कहा- तुम भी शुरू हो जाओ रानी, नैना जी आप रानी की मदद कर दीजिए न!नैना उठी और रानी की साड़ी उतारने लगी, मैं अब तक प्रेमा की साड़ी और ब्लाउज उतार चुका था और अब मैं उसके पेटीकोट के नाड़े को खोल रहा था.तभी प्रेमा ने मुझको कहा- तुम रानी के कपड़ों को उतारने में हेल्प करो न सतीश प्लीज.
मैं प्रेमा को छोड़ कर अब रानी के कपड़ों को उतार रहा था, अब तक उसका ब्लाउज उतार चुका और उसके मम्मे एक रेशमी ब्रा में कैद थे, ब्रा के उतारते ही वो बिलोरे जैसे गोल और ठोस मेरे हाथ में आ गए.मैंने झट से एक को अपने मुंह में ले लिया और निप्पल चूस रहा था, दूसरे हाथ से उसके पेटीकोट का नाड़ा खींच रहा था.
एक ही झटके में ही रानी का पेटीकोट उतर गया और उसकी काले बालों के गुच्छे से ढकी चूत सामने आ गई.मैं नीचे बैठ गया और अपना मुंह रानी की चूत में डाल दिया और उसकी खुशबू से भरी चूत का आनन्द लेने लगा..
रानी की आँखें बंद थी और वो इस सारे कार्यक्रम का बहुत ही आनन्द ले रही थी.मैंने उठ कर रानी को छाती से लगा लिया जहाँ उसके मम्मे एकदम मेरी सख्त छाती में दब गए.
रानी के होटों को चूमते हुए मैं उसको बेड की तरफ ले आया, वहाँ मैं थोड़ा रुक गया और उसको खड़ा करके मैं प्रेमा को भी अपनी तरफ ले आया और दोनों को एक साथ खड़ा करके उनका शारीरिक मिलान करने लगा.
दोनों ही बेहद खूबसूरत थीं, उनके शरीर संगेमरमर के बने हुए लग रहे थे और दोनों का कद और शरीर की गठन एक समान लग रही थी, यहाँ तक मम्मों और चूतड़ों का साइज भी एक समान लग रहा था.
मैंने रानी की चूत में ऊँगली डाली तो वो बेहद गीली और रसीली हो चुकी थी. मैंने उसके लबों को चूमते हुए उसको लिटा दिया और खुद उसकी बिलोरी टांगों के बीच बैठ गया.
मेरा मस्त खड़ा लंड उसकी चूत के ऊपर रख दिया और उसकी खुली आँखों में देखता रहा कि वो इशारा करे तो मैं लंड को धक्का मारूं. उसने भी मेरी आँखों में आँखें डाल कर आँख आँख से ही हामी भर दी और मैंने अपना लौड़ा पूरा ही उसकी चूत में डाल दिया.
वो एकदम से गर्म लोहे की छड़ी की तरह मेरे लंड के अंदर जाते ही रानी बिदक गई, उसने अपने चूतड़ ऊपर उठा दिए और तभी मैंने पूरा लौड़ा निकाल कर ज़ोर से फिर डाला उसकी चूत में!उसके मुंह से हल्की सी हाय निकल गई.अभी तक मैं बहुत ही धीरे चोद रहा था, अब मैंने चुदाई की स्पीड तेज़ कर दी.
उधर देखा तो प्रेमा को नैना ने पूरा संभाल रखा था, वो उसकी चूत में मुंह डाल कर उसकी चूत को चूस रही थी और प्रेमा एकदम आनन्द से उछल रही थी.इधर रानी की चूत में कुछ कुछ होने लगा और मेरा लंड एकदम समझ गया और उसने धक्के फिर तेज़ शुरू कर दिए. और तभी रानी की चूत से कंपकपाहट उठी और उसकी चूत से एक तेज़ धार पानी की निकली जो मुझको भिगो कर चली गई और रानी की दोनों संगेमरमर जैसी जांघें मेरे चारों और लिपट गई और मुझको जकड़ लिया.
मैं रुक गया और उसके गोल गुदाज़ मम्मों में सर डाल कर उनकी रेशमी जैसी चमड़ी से मुंह रगड़ने लगा, रानी ने अपनी टांगें खोली तो मैंने एकदम उसको पलट दिया और घोड़ी बना दिया और फिर लंड को उसकी चूत में तेज़ और धीरे अंदर बाहर करने लगा, उसके गोल नितम्बों को दोनों हाथों में पकड़ कर ताबड़तोड़ लंड परेड चालू कर दी.
और जैसे कि मुझको उम्मीद थी वो बहुत जल्दी स्खलित हो गई, बिस्तर पर ढेर हो गई.
नैना यह सब खेल देख रही थी, वो उठ कर आई और रानी को सीधे लिटा और मैं उसकी टांगों में बैठ कर हल्के हल्के धक्के मारने लगा.रानी जो छूटने के बाद ढीली पड़ गई थी, अब फिर फड़क उठी और चूत को उठा उठा कर मेरे लंड का स्वागत करने लगी.
दस मिन्ट तेज़ और धीरे चुदाई को मिक्स करते हुए मैंने आखिर में फुल स्पीड से चोदना शुरू कर दिया.नैना और प्रेमा इस चुदाई का आखिरी राउंड देख रही थी, नैना रानी के मम्मों को चूस रही थी और प्रेमा उसकी गांड में ऊँगली डाल रही थी.
फिर रानी एकदम से अपने चूतड़ ऊपर उठा कर मेरे पेट के साथ चिपक गई और फिर एक हल्की चीख मार कर छूट गई. उसकी चूत अपने आप खुल और बंद हो रही थी और मेरे लंड को निचोड़ने की कोशिश कर रही थी.नैना के इशारे को देखते हुए मैंने फिर ज़ोर से चुदाई शुरू कर दी और कुछ ही देर में मेरा फव्वारा पूरी फ़ोर्स से छूट गया.
मैं थोड़ी देर लंड को अंदर डाले हुए ही रानी के ऊपर लेटा रहा और फिर धीरे
से लंड को निकाल लिया चूत से!नैना ने फ़ौरन ही रानी की टांगों को हवा में लहरा दिया और कमर के नीचे एक मोटा तकिया रख दिया.
कहानी जारी रहेगी.