desiaks
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भाभी भैया और सब का ग्रुप सेक्स
फिर हम सब काफी थक चुके थे सो वो हम सब फर्श पर गद्दे बिछा कर एक दूसरे की बाँहों में सो गए.अगले दिन हम सब उठे और रात की ग्रुप चुदाई से सभी काफी खुश थे, सबके दिलों के अरमान पूरे हो चुके थे.नैना ने हम सबको मेरे कमरे में ही चाय-वाय पिलाई.
भैया भाभी को चूम रहे थे और भाभी मेरे लौड़े से अठखेलियाँ कर रही थी और मैं भी उनके मोटे और मुलायम चूतड़ों के साथ खेल रहा था.फिर हम सब चाय पीने के बाद उठे और भाभी और भैया अपने कमरे में नंगे ही चले गए.
मैं भी नाश्ता करने के बाद कॉलेज भाग गया.
दोपहर जब कॉलेज से वापस आया तो पता चला कि भैया और भाभी खाना खाने के बाद अपने कमरे में ही हैं.मैंने खाना खाने के बाद सोचा कि चलो देखें भैया भाभी सच्ची में सो रहे हैं या फिर वो मस्ती कर रहे हैं.
दरवाज़ा थोड़ा भिड़ा हुआ था, मैंने चुपके से झाँक कर देखा, भैया और भाभी नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सो रहे थे.मैं भी वापस आ गया और अपने कमरे में आलखन करने लगा.
तभी नैना भी आ गई और आगे का क्या प्रोग्राम यह पूछने लगी.मैं बोला- तुम बताओ आगे क्या करना चाहिए?नैना बोली- छोटे मालिक, मेरी बात आज दिन को भाभी से हुई थी, वो चाहती हैं कि तुम भाभी को गर्भवती करो क्यूंकि भाभी ने बहुत पहले भैया के वीर्य का टेस्ट करवाया था तब उसमें कीड़े बहुत ही कमज़ोर पाये गए थे और डॉकटरो का कहना था की भैया बाप नहीं बन सकते.
मैं बोला- यह बात भाभी जब मुझ से कहेगी तो मैं जैसा तुम कहोगी, वैसा ही करूँगा लेकिन बगैर भाभी की मर्ज़ी के उनके साथ कुछ नहीं करूंगा सिवाए चुदाई के.नैना बोली- ठीक है, मैं भाभी को कह देती हूँ, आगे भाभी जैसे ठीक समझे वो करे. वैसे आज भैया के साथ क्या प्रोग्राम रखेंगे हम?
मैं बोला- तुम बताओ नैना रानी, तुम इस खेल की डायरेक्टर हो?नैना हँसते हुए बोली- ऐसा करते हैं, आज पारो को भी हमारे ग्रुप में शामिल कर लेते हैं अगर भाभी राज़ी हो तो? पारो को भी एक बार उनसे चुदवा देंगे तो उनका कॉन्फिडेंस शायद और भी बढ़ जाए.मैं बोला- ठीक कह रही हो, नैना चूत की खिलाड़िन, नैना चूत की महराजिन और नैना चूत की डॉक्टर, ट्रेनर और चूत कंट्रोलर यह सब कुछ है तुम में!नैना बोली- बस बस छोटे मालिक, बहुत तारीफ हो गई मेरी!
इतने में भाभी अपने कमरे से अपनी नाइटी पहने हुए निकली.नैना ने सीधे से पूछा- भैया ने चोदा क्या?भाभी मुस्कराते हुए बोली- हाँ दो बार चोद डाला उन्होंने.
हम सब बड़े खुश हुए लेकिन भाभी ने सिर्फ़ नैना की तारीफ करते हुए कहा- वाह नैना महारानी, तुमने जादू कर दिया. भैया मुझ को ऐसे चोद रहे हैं जैसे हमारा नया नया ब्याह हुआ है.नैना भी खुश होकर बोली- चलो, यह ठीक हो गया है. अब आपकी क्या मर्ज़ी है बच्चे के बारे में?
भाभी कुछ शर्माती हुई बोली- अगर सतीश दया कर दे और मुझको अपना वीर्य दान दे दे तो मैं धन्य हो जाऊँगी.मैं बोला- अब तो भैया भी सक्षम हैं न, वो कर देंगे आपका कल्याण क्यों?भाभी बोली- ऐसा संभव नहीं सतीश यार, तुम ही कर सकते हो मेरी मदद, बोलो क्या कहते हो?मैं बोला- भैया के होते यह सम्भव नहीं, जब भैया फिर टूर पर जाएंगे तो कोशिश की जा सकती है.
नैना बोली- छोटे सरकार ठीक कह रहे हैं, कल कोशिश कर देखते हैं. आज क्या करने का इरादा है?भाभी बोली- तुम बताओ क्या प्रोग्राम रखें रात के लिए?
नैना बोली- मैं सोच रही थी आज रात को पारो अपनी कुक को भी शामिल कर लेते हैं अपने ग्रुप में. तीन औरतों से भैया को भिड़ा देते हैं. उनका कॉन्फिडेंस बहुत बढ़ जाएगा, अगर आप बुरा ना मानें तो?भाभी बोली- बहुत अच्छा प्लान है. पारो सब जानती है ना?नैना बोली- बिल्कुल, वो हमारी साथिन है, क्यों छोटे मालिक?मैं बोला- आप निश्चंत रहें भाभी जी!नैना बोली- आज हम सब के लिए स्पेशल डाइट बना रही है और आशा है कि उससे आप सबको फायदा होगा, ख़ास तौर पर मर्दों को.
भैया अपने कमरे से निकले और हमें बातें करते देख कर हमारी तरफ ही आ गये, आते ही बोले- स्पेशल डाइट? वो क्या है नैना रानी बताओ तो सही?नैना बोली- आप खुद ही देख लेना खाने के बाद, मैं अभी सबके लिए चाय लाती हूँ आप बैठक में बैठिये.
चाय पीने के बाद भैया हम सबको अपनी कार में लखनऊ शहर घुमाने ले गए.1954 में लखनऊ एक बहुत ही छोटा शहर था, सिवाए 2 इमामबाड़े के लखनऊ में कुछ ख़ास नहीं था देखने को!फिर भी भैया गोमती नदी की सैर करवा आये.
घर आकर भैया ने मुझको अपने कमरे में बुलवाया और कहा- सतीश यार, तुम हमारे लिए इतना कर रहे हो, कुछ हमारा भी फ़र्ज़ बनता है, आओ कुछ ड्रिंक वैगरह कर लेते हैं.मैंने कहा- भैया मैं कुछ नहीं पीता हूँ सिवाए कोकाकोला के, आप शुरू करो, मैं कोक पीता हूँ.भैया बोले- यार, यह कुछ नहीं है सिर्फ बियर ही है, इसमें कुछ नशा नहीं होता.
फिर हम सब काफी थक चुके थे सो वो हम सब फर्श पर गद्दे बिछा कर एक दूसरे की बाँहों में सो गए.अगले दिन हम सब उठे और रात की ग्रुप चुदाई से सभी काफी खुश थे, सबके दिलों के अरमान पूरे हो चुके थे.नैना ने हम सबको मेरे कमरे में ही चाय-वाय पिलाई.
भैया भाभी को चूम रहे थे और भाभी मेरे लौड़े से अठखेलियाँ कर रही थी और मैं भी उनके मोटे और मुलायम चूतड़ों के साथ खेल रहा था.फिर हम सब चाय पीने के बाद उठे और भाभी और भैया अपने कमरे में नंगे ही चले गए.
मैं भी नाश्ता करने के बाद कॉलेज भाग गया.
दोपहर जब कॉलेज से वापस आया तो पता चला कि भैया और भाभी खाना खाने के बाद अपने कमरे में ही हैं.मैंने खाना खाने के बाद सोचा कि चलो देखें भैया भाभी सच्ची में सो रहे हैं या फिर वो मस्ती कर रहे हैं.
दरवाज़ा थोड़ा भिड़ा हुआ था, मैंने चुपके से झाँक कर देखा, भैया और भाभी नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सो रहे थे.मैं भी वापस आ गया और अपने कमरे में आलखन करने लगा.
तभी नैना भी आ गई और आगे का क्या प्रोग्राम यह पूछने लगी.मैं बोला- तुम बताओ आगे क्या करना चाहिए?नैना बोली- छोटे मालिक, मेरी बात आज दिन को भाभी से हुई थी, वो चाहती हैं कि तुम भाभी को गर्भवती करो क्यूंकि भाभी ने बहुत पहले भैया के वीर्य का टेस्ट करवाया था तब उसमें कीड़े बहुत ही कमज़ोर पाये गए थे और डॉकटरो का कहना था की भैया बाप नहीं बन सकते.
मैं बोला- यह बात भाभी जब मुझ से कहेगी तो मैं जैसा तुम कहोगी, वैसा ही करूँगा लेकिन बगैर भाभी की मर्ज़ी के उनके साथ कुछ नहीं करूंगा सिवाए चुदाई के.नैना बोली- ठीक है, मैं भाभी को कह देती हूँ, आगे भाभी जैसे ठीक समझे वो करे. वैसे आज भैया के साथ क्या प्रोग्राम रखेंगे हम?
मैं बोला- तुम बताओ नैना रानी, तुम इस खेल की डायरेक्टर हो?नैना हँसते हुए बोली- ऐसा करते हैं, आज पारो को भी हमारे ग्रुप में शामिल कर लेते हैं अगर भाभी राज़ी हो तो? पारो को भी एक बार उनसे चुदवा देंगे तो उनका कॉन्फिडेंस शायद और भी बढ़ जाए.मैं बोला- ठीक कह रही हो, नैना चूत की खिलाड़िन, नैना चूत की महराजिन और नैना चूत की डॉक्टर, ट्रेनर और चूत कंट्रोलर यह सब कुछ है तुम में!नैना बोली- बस बस छोटे मालिक, बहुत तारीफ हो गई मेरी!
इतने में भाभी अपने कमरे से अपनी नाइटी पहने हुए निकली.नैना ने सीधे से पूछा- भैया ने चोदा क्या?भाभी मुस्कराते हुए बोली- हाँ दो बार चोद डाला उन्होंने.
हम सब बड़े खुश हुए लेकिन भाभी ने सिर्फ़ नैना की तारीफ करते हुए कहा- वाह नैना महारानी, तुमने जादू कर दिया. भैया मुझ को ऐसे चोद रहे हैं जैसे हमारा नया नया ब्याह हुआ है.नैना भी खुश होकर बोली- चलो, यह ठीक हो गया है. अब आपकी क्या मर्ज़ी है बच्चे के बारे में?
भाभी कुछ शर्माती हुई बोली- अगर सतीश दया कर दे और मुझको अपना वीर्य दान दे दे तो मैं धन्य हो जाऊँगी.मैं बोला- अब तो भैया भी सक्षम हैं न, वो कर देंगे आपका कल्याण क्यों?भाभी बोली- ऐसा संभव नहीं सतीश यार, तुम ही कर सकते हो मेरी मदद, बोलो क्या कहते हो?मैं बोला- भैया के होते यह सम्भव नहीं, जब भैया फिर टूर पर जाएंगे तो कोशिश की जा सकती है.
नैना बोली- छोटे सरकार ठीक कह रहे हैं, कल कोशिश कर देखते हैं. आज क्या करने का इरादा है?भाभी बोली- तुम बताओ क्या प्रोग्राम रखें रात के लिए?
नैना बोली- मैं सोच रही थी आज रात को पारो अपनी कुक को भी शामिल कर लेते हैं अपने ग्रुप में. तीन औरतों से भैया को भिड़ा देते हैं. उनका कॉन्फिडेंस बहुत बढ़ जाएगा, अगर आप बुरा ना मानें तो?भाभी बोली- बहुत अच्छा प्लान है. पारो सब जानती है ना?नैना बोली- बिल्कुल, वो हमारी साथिन है, क्यों छोटे मालिक?मैं बोला- आप निश्चंत रहें भाभी जी!नैना बोली- आज हम सब के लिए स्पेशल डाइट बना रही है और आशा है कि उससे आप सबको फायदा होगा, ख़ास तौर पर मर्दों को.
भैया अपने कमरे से निकले और हमें बातें करते देख कर हमारी तरफ ही आ गये, आते ही बोले- स्पेशल डाइट? वो क्या है नैना रानी बताओ तो सही?नैना बोली- आप खुद ही देख लेना खाने के बाद, मैं अभी सबके लिए चाय लाती हूँ आप बैठक में बैठिये.
चाय पीने के बाद भैया हम सबको अपनी कार में लखनऊ शहर घुमाने ले गए.1954 में लखनऊ एक बहुत ही छोटा शहर था, सिवाए 2 इमामबाड़े के लखनऊ में कुछ ख़ास नहीं था देखने को!फिर भी भैया गोमती नदी की सैर करवा आये.
घर आकर भैया ने मुझको अपने कमरे में बुलवाया और कहा- सतीश यार, तुम हमारे लिए इतना कर रहे हो, कुछ हमारा भी फ़र्ज़ बनता है, आओ कुछ ड्रिंक वैगरह कर लेते हैं.मैंने कहा- भैया मैं कुछ नहीं पीता हूँ सिवाए कोकाकोला के, आप शुरू करो, मैं कोक पीता हूँ.भैया बोले- यार, यह कुछ नहीं है सिर्फ बियर ही है, इसमें कुछ नशा नहीं होता.