desiaks
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उर्वशी भाभी का गर्भाधान
नैना फ़ौरन उठी और बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर बाद चूत को धो पौंछ कर वापस आई, आते ही बोली – यह क्या किया छोटे मालिक? मैं फंस जाती ना अगर अभी तुम्हारा वीर्य साफ़ नहीं किया होता?मैं घबरा कर बोला- सॉरी नैना डार्लिंग, वो क्या है, मुझ से रहा नहीं गया क्यूंकि बहुत दिनों से छुटाया नहीं था ना!नैना हँसते हुए बोली- जाने दो छोटे मालिक, कहीं ऐसे ही रति की चूत में ना छूटा देना, नहीं तो वो बेचारी फंस जायेगी.
अब नैना ने कहना शुरू किया- देखो छोटे मालिक, अब तुम अपना सारा ध्यान रति के साथ प्रेमालाप को सफल बनाने में लगाओ ताकि तुम उसको जितने जल्दी हो सके, चोद सको और साथ ही उसकी भाभी को भी चोदना है उसके गर्भाधान के लिए!मैं बोला- वो तो ठीक है नैना रानी, लेकिन भाभी को कैसे मनवाओगी मेरे से चुदवाने के लिए? वो नहीं मानेंगी मेरे साथ करने के लिए क्यूंकि मैं उनकी नज़रों में उनकी ननद का कॉलेज का मित्र हूँ!
नैना बोली- वो आप सब मुझ पर छोड़ दो, मैं भाभी को मना लूंगी क्यूंकि मुझको भाभी की आँखों में काफी चाहत बच्चे के लिये दिखी है और वो यकीनन तुम्हारे जैसे खूबसूरत जवान लड़के से चुदवाना पसंद कर लेगी.मैं थोड़ा शर्माते हुए बोला- अच्छा? तुमको लगता है कि मैं काफ़ी खूबसूरत लड़का हूँ?नैना हंस पड़ी- रहने दो छोटे मालिक, अब ज़्यादा इतराओ ना! तुम्हारी यह ख़ूबसूरती किसी काम की नहीं अगर तुम्हारा लंड अकड़ू ना होता.
मैं बोला- चलो लंड की वजह से ही सही, मेरी ख़ूबसूरती में कुछ तो है जो लड़कियों और औरतों को अपनी तरफ खींचता है.यह कह कर मैंने नैना को पकड़ लिया और उसकी साड़ी को फिर ऊँचा करने लगा लेकिन नैना छिटक कर दूर भाग गई.
अगले दिन रति को कोठी से लिया तो वो बड़ी ही मुस्करा रही थी और मैंने जब उससे मुस्कराने का कारण पूछा तो बोली- भाभी तुम्हारी आशिक हो गई है सतीश! बार बार पूछ रही थी कि सतीश कब आएगा और अब भी जब मैं तुम्हारी बाइक पर बैठी तो वो खिड़की से झाँक रही थी.मैं मुस्कराते हुए बोला- अच्छा तुम्हारी भाभी है बहुत क्यूट यार! तुम्हारे भैया बड़े लकी हैं.
रति थोड़ी सी उदास होकर बोली- लेकिन किस्मत तो देखो, भाभी अभी तक माँ नहीं बन सकी. नैना से बात करके भाभी काफी खुश लग रही थी, शायद नैना आंटी उनको ठीक कर सके?मैं बोला- हाँ, ज़रूर ठीक कर देगी, अगर भाभी और तुम उस पर विश्वास रखो तो!
आज मैंने नोटिस किया कि रति आज मुझसे बिल्कुल चिपक कर बैठी थी और उसके सॉलिड स्तन मेरी चौड़ी पीठ पर पूरी तरह से चिपके हुए थे और दो तीन बार बाइक पर से धक्का लगने पर उस का एक हाथ मेरे लंड पर जा टिका था और वो हाथ को वहीं रख कर थोड़ी देर तक बेसुध सी बैठी रही.अब मुझ को रति के साथ बाइक का सफर बड़ा ही सुहाना लगने लगा.
जल्दी ही हम कॉलेज पहुँच गए और लंच रिसेस में भी हम दोनों साथ साथ ही थे और फिर छुट्टी के बाद डांस प्रैक्टिस में हम दोनों एक दूसरे को काफी मस्ती भरी निगाहों से देख रहे थे.डांस करते हुए मेरा हाथ कई बार रति के चूतड़ों पर जा लगता था और उसका हाथ मेरे पैंट में छिपे लौड़े पर आ लगता था लेकिन यह सब जानबूज कर नहीं हो रहा था, यह महज़ एक इत्तेफाक था कि ऐसा कई बार हो गया.
छुट्टी के बाद पहले रति को उसकी कोठी में छोड़ने के लिए रुका और जैसे ही वो अंदर जाने लगी कि चौकीदार ने उसको बताया कि मालकिन तो हमारी कोठी में गई हैं.फिर रति ने मुझ को भी अंदर आने के लिए कहा.
जब हम बैठक में पहुंचे तो रति का पैर कार्पेट में फंसा और वो गिरने लगी तो मैंने लपक कर उसको अपनी बाहों में पकड़ लिया और गिरने से बचा दिया.हम दोनों एकदम हक्के बक्के से एक दूसरे की बाहों में पड़े रहे और फिर मैंने थोड़ा सा साहस दिखाते हुए उसके लबों पर एक कामुक चुम्मी जड़ दी और उसको अपनी बाहों में भींच लिया.रति भी बेसुध हुई मेरी बाहों में मेरे साथ आलिंगनबद्ध हो गई.
हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे और फिर अपने आप ही हमारे होंट एक बार फिर एक दूसरे से चिपक गए.अब रति एकदम से जोश में आकर मुझको ताबड़तोड़ चूमने लगी जैसे कई सालों की प्यास को बुझाने का अथक प्रयत्न कर रही हो.हम दोनों एक दूसरे से चिपके हुए आलिंगनबद्ध थे लेकिन तभी बाहर रिक्शा के रुकने की आवाज़ से चौंक कर एकदम से अलग हो गए और अपने आप को संयत करके बैठ गए.
जैसे ही भाभी आई तो उनको प्रणाम करके मैं जाने लगा लेकिन भाभी ने आग्रह कर के रोक लिया और थोड़ा जलपान करवा कर ही जाने दिया.मैं जाने लगा तो रति और भाभी दोनों ही मुझको कोठी के गेट तक छोड़ने आई और मैंने महसूस किया कि आज भाभी की नज़रों में मेरे लिए ख़ास निमंत्रण था और रति की नज़रों में एक बहुत ही गर्म सन्देश था.
जब घर पहुंचा तो नैना बैठक में मुझंको मिली और बोली- छोटे मालिक, आज कुछ देर हो गई लौटने में? वो रति की भाभी आई थी, उनसे सारी बात हो गयी है, भाभी तुमसे चुदवाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और वो कह रही थी जितने जल्दी यह काम हो सके तो ठीक है, वैसे वो हर तरह से गर्भाधान के लिए तैयार हैं.
मैं बोला- अगर रति को पता चल गया तो? हम दोनों का इश्क तो खत्म हो जाएगा ना?नैना बोली- रति कहीं नहीं जायेगी, यह मेरी गारंटी है, वो तुम पर पूरी तरह से आशिक है और हर हाल में वो तुमसे भी चुदवा लेगी यह मेरा वायदा रहा!मैं बोला- कब का प्रोग्राम रखा है?नैना बोली- कल का प्रोग्राम है तुम्हारे कॉलेज से आने के बाद!मैं बोला- जैसे तुम कहो नैना रानी, वैसे में रति को नहीं खोना चाहता.
अगले दिन डांस प्रैक्टिस के बाद मैंने रति को उसकी कोठी में छोड़ा और बिना रुके अपनी कोठी में आ गया.नैना ने मेरे लिए स्पेशल दूध बना कर रखा हुआ था, सबसे पहले वो पिया और फिर कपड़े बदल कर मैं अपने कमरे में लेट गया.इंतज़ार करते हुए ना जाने कब मेरी झपकी लग गई और नैना ने जब जगाया तो भाभी और नैना मेरे सामने खड़ी थी.
ना जाने सोये सोये कब मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और मेरे पायज़ामे में एक पूरा टेंट का खम्बा बन रहा था जिसको देख कर भाभी साड़ी का पल्लू मुंह के आगे रख कर मंद मंद हंस रही थी.तभी नैना ने मुझको जगाया और कहा- उर्वशी भाभी जी आई हैं आपसे मिलने!
मैं घबरा कर उठ बैठा और अपने खड़े लंड को छिपाने की बेहद नाकाम कोशिश कर रहा था लेकिन नैना ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- रहने दो छोटे मालिक, भाभी ने आपका खज़ाना देख लिया है, वो उनको बहुत ही पसंद है.यह कहते हुए नैना ने मेरा पायजामा लंड के ऊपर से नीचे खिसका दिया और लंड को पूरा नंगा कर दिया ताकि उर्वशी भाभी अच्छी तरह से उसके दर्शन कर सकें.
भाभी की आँखें विस्मय से फटी की फटी रह गई और वो थोड़ा शरमाती हुई आगे बड़ी और लंड को अपने हाथों में ले लिया.फिर उन्होंने मेरे लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया, कभी लंड के शिखर को देखती थी और कभी उसको ऊपर नीचे करती थी.
अब नैना ने भाभी को खड़े होने के लिए कहा और फिर उनके कपड़े एक एक करके उतारने लगी. पहले उनकी गुलाबी बनारसी सिल्क की साड़ी उतार दी और फिर उनके टाइट सिल्क ब्लाउज को भी उतार दिया और उनके सुडौल मम्मे सिल्क की पिंक ब्रा में छुपे रह गए.फिर एक झटके से भाभी के पेटीकोट के नाड़े को खींच कर खोल दिया और एक सरसराहट से पेटीकोट भी नीचे खिसक गया और अब भाभी की काले बालों से ढकी गुलाबी चूत दिखने लगी और अब मैंने आगे बढ़ कर भाभी की ब्रा को भी खोल दिया और भाभी एक सुंदरता का मुजस्समा बनी हुई मेरे सामने एकदम अल्फ नंगी खड़ी थी और मेरे पायज़ामे का टेंट और भी तनता जा रहा था.