XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 14 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा


उधर सोढी भी लड़खड़ाता हुआ...सीढ़ियाँ चढ़ के दया के घर की बेल बजाता है....

दया तो सोई नही होती है....वो जैसे ही बेल की आवाज़ सुनती है..वो दौड़ी दौड़ी दरवाजा खोलते हुए बोलने लगती है...टप्पू के पापा आप...

बॅस इतना ही बोल के जब सर उपर कर के देखती है...तो सामने सोढी को खड़े देख एक मिनट के लिए तो डर जाती है....

दया :- सोढी भाई आप..इतनी रात में यहाँ क्या कर रहे हैं...

सोढी कुछ नही बोलता और..हल्का सा दरवाजा और खोलता है..और अंदर चल पड़ता है...

दया उसके पीछे पीछे भागते हुई आती है...और उससे फिर से पूछती है...लेकिन इस बार भी सोढी कुछ नही बोलता...और जाके सोफे पे बैठ जाता है...

दया उसे सोफे पे बैठे देखती है...और उससे फिर से पूछने ही वाली होती है...कि

सोढी उससे पानी लाने के लिए बोलता है...दया कुछ सोचती है...और उसको वहीं रखे डाइनिंग टेबल पे पड़े जग से ग्लास में पानी डालने लगती है...

सोढी बड़े गौर से पीछे से दया को देख रहा था...वैसे तो उसने साड़ी ही पह्न रखी थी...लेकिन उसकी गान्ड बाहर की तरफ निकली हुई थी..जिसे देख कर सोढी पागल हुए जा रहा था....

सोढी सोफे से उठा..और चल दिया दया के नज़दीक....

दया जैसे ही पीछे मूडी...वो बहुत ज़्यादा घबरा गाइ...क्यूँ कि सोढी उसके बिल्कुल नज़दीक खड़ा था...

दया :- डरते हुए पानी...

सोढी :- पानी तो फिर भी पीते रहेंगे....आज कुछ और पीने का मन है...

सोढी दया के इतने करीब था...कि दया को सोढी के मुँह से बहुत ही ज़्यादा बदबू आ रही थी...शराब की...

दया वहाँ से फटाफट हटती हुई....कमरे की तरफ चलने लगती है...

दया :- आपने इतनी शराब क्यूँ पी रखी है...

सोढी कुछ नही बोलता...और दया के कमरे की तरफ चलता रहता है...

दया कमरे में पहुँच के...पलंग पे चढ़ जाती है...

दया :- सोढी भाई...आप इतनी आगे मत आइए....नही तो में चिल्लाउंगी...मत आइए इतना आगे....

सोढी भी पलंग के बिल्कुल नज़दीक आ जाता है.....और तभी दया चिल्ला पड़ती है....

दया :- हेयययययययययययययी माआआआआ माताजीीइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई..............

उसकी चीख पूरे कमरे में गूँज उठती है.........
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इधर भिड़े रोशन के गेट की तरफ पहुँच चुका होता है.......

भिड़े रोशन के घर पे पहुँच गया था..और डोर बेल बजाता है....

रोशन अंदर से चलती हुई आती है...उसने रेड कलर का सिल्क टाइप सी नाइटी पहनी होती है....अंदर ब्रा नही पहनी होती है....और उसके चुचे उछल रहे होते हैं..हिलने से..और उसकी पाज़ामी इतनी टाइट थी...कि गान्ड की शेप अलग से दिख रही होती है.....

रोशन :- आईइ बावा.....एक तो इतनी देर से आ रहे हो..और इतनी घंटी बजा रहे हो....

और वो गेट खोलती है...तो सामने खड़े भिड़े को देख कर थोडा सा चौंक जाती है...

रोशन :- भिड़े भाई आप....इतनी रात को कैसे..

भिड़े :- आपके लिए आया हूँ...

रोशन को शराब की बदबू आ जाती है....

रोशन :- ये क्या कह रहे हैं आप..

भिड़े :- जो आपने सुना वही कह रहा हूँ...आपके लिए आया हूँ आज...

रोशन :- देखिए भिड़े भाई..आप जाके सो जाए...

और गेट बंद करने लगती है...लेकिन भिड़े हाथ से गेट को रोक लेता है....और खोलता हुआ बड़ी तेज़ी से अंदर आता है...और गेट को लॉक कर देता है....
ये काम इतनी जल्दी हुआ होता है...कि रोशन कुछ कर ही नही पाती....

रोशन :- भिड़े भाई...आप ये क्या कर रहे हैं....आप जाएँ यहाँ से नही तो में चिल्लाउंगी...

भिड़े :- तो चिल्लाओ......मुझे कोई फ़र्क नही पड़ेगा....
आज तो बहुत मज़ा आएगा....

रोशन :- देखिए....ऐसा मत करिए..आप जाएँ..सुबह बात करेंगे...आप ग़लत कर रहे हैं...

भिड़े रोशन के करीब आ जाता है....

रोशन :- रुक जाएँ....आप ने तो बहुत पी रखी है.....

रोशन वहाँ से हट के कमरे में भागने लगती है....लेकिन भिड़े उसका हाथ पकड़ लेता है.....रोशन काफ़ी कॉसिश करती है....थोड़ी कॉसिश करने के बाद हाथ छूट जाता है.....

लेकिन ....फिर एक आवाज़ गूँज पड़ती है रोशन की...........ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह......

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उधर मेहता साहब.....माधवी के घर के पास पहुँच के...बेल बजा देते हैं...

कोई दो चार मिनट के बाद माधवी आती है....पहले टाइम देखती है....2 बजे के आस पास हो रहे होते हैं...उसने एक ब्लॅक कलर की नाइटी पहनी हुई थी....जिसका डीप नेक था.....काफ़ी हद तक उसके चुचे देखे जा रहे थे....

वो नींद में चलती हुई...गेट खोलती है...और जैसे ही गेट खोलती है....उसकी सारी नींद उड़ जाती है....

और दूसरी तरफ से तारक माधवी के नज़ारे को देख के हिल जाता है....क्यूँ कि माधवी के चुचे आधे देख पा रहा था वो.....

मतलब ये है ये...कि दोनो के दूसरे को देख के हिल जाते हैं.....
 
वो नींद में चलती हुई...गेट खोलती है...और जैसे ही गेट खोलती है....उसकी सारी नींद उड़ जाती है....

और दूसरी तरफ से तारक माधवी के नज़ारे को देख के हिल जाता है....क्यूँ कि माधवी के चुचे आधे देख पा रहा था वो.....

मतलब ये है ये...कि दोनो के दूसरे को देख के हिल जाते हैं.....

माधवी :- डरी सी मुस्कुराहट के साथ...मेहता साहब आप यहाँ...वो भी इतनी रात में...

तारक :- हिचकी ख़ाता हुआ.....पानी का इशारा करता है...

माधवी समझ जाती है....और पीछे मूड के पानी लाने लगती है.....
तारक उसकी गान्ड को देखता रहता है...जब तक वो उसकी आँख से ओझल नही हो जाती....

फिर वो फटाफट से अंदर आता है...और गेट बंद कर के....किचेन की तरफ चल देता है...माधवी भी किचेन में ही गयी थी....

और जाके माधवी के पीछे खड़ा हो गया....माधवी जग में पानी डाल रही थी....वो जैसे ही मूडी ..फिर से वो चौंक गई....

माधवी :- मेहता साहब अपने तो डरा दिया....आप अंदर क्यूँ आए..बाहर बैठ जाते ...में वहीं पे पानी ले आती....

तारक :- अगर अंदर नही आता...तो काम कैसे होता...

माधवी को भी शराब की स्मेल आ जाती है.....

माधवी :- आप क्या बोल रहे हैं...में कुछ समझ नही पाई.... वो घबरा जाती है...
आपको कुछ काम था...इतनी रात को...अभी तक तो वो भी नही आए..वो मतलब भिड़े...
कितनी रात हो गई है.....

तारक :- आगे बढ़ता हुआ...उनका क्या करना है..हम है ना...

माधवी की हालत खराब हो जाती है....उसके हाथ से पानी का ग्लास गिर जाता है.....और तारक भी उसके बहुत करीब आ जाता है....

माधवी :- मेहता साहब...आप ये क्या कर रहे हैं.....और वो भागने लगती है..
तारक भी उसे नही पकड़ता......

वो तेज़ी से चलनी लगती है......
बस किचेन के गेट पे पाँव रखा ही था...कि एक चीख गूँज उठती है.....अहह.
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बबीता को नींद नही आ रही होती है...वो बस बिस्तर पे उलट फूलट हो रही होती है.....
उस वक़्त वो एक सेक्स क्वीन लग रही थी...अगर कोई उसे ऐसे देख लेता..तो कोई भी उस पर टूट पड़ता...
उसने सिल्वर कलर का नाइट सूट पहना हुआ था....जिसका उपर का टॉप आधा खुला था...ब्रा पह्न नही रखी थी....आधे से ज़्यादा चुचे दिखाई दे रहे थी....नीचे उसका पाजामा..उसके घुटनो के नीचे था....
बॅस जब उससे रहा नही गया...तो वो अपनी उंगली...अपनी चूत की तरफ ही बड़ा रही होती है...कि तभी डोर बेल बज जाती है....

बबीता :- शायद अईयर ही आए होंगे....उन्हे भी अभी आना था...वो अपना पाजामा उपर कर लेती है....और अपना टॉप बंद कर रही होती है...लेकिन बेल पे बेल बजी जा रही थी...इसलिए वो सिर्फ़ 2 बटन ही बंद करती है...और सोचती है..अईयर ही तो होगा..क्या फ़र्क पड़ता है.....

और वो गेट खोलने चल देती है....और जैसे ही गेट खोलती है....

बस उसके पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाती है.....

बबीता :- जेठा जी आप......

जेठालाल का भी यही हाल था....उसका भी बबीता जी को देख के....पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाती है....

क्यूँ कि बबीता के चुचे दिखाई दे रहे थे...बॅस निपल्स ही दिखाई नही दे रहे थे....
जब बबीता को एहसास होता है..तो वो अपने हाथ रख लेती है...और पलट के अपने बटन बंद करने लगती है....

इतनी देर में जेठालाल अंदर घुस के गेट बंद भी कर देता है....

बबीता पीछे मुड़ती है....

बबीता:- आपने गेट क्यूँ बंद किया...
चौंकते हुई....

जेठालाल :- ताकि हम दोनो कुछ अकेले में बातें कर सकी....

बबीता :- आप क्या बोल रहे हैं..जेठा जी...
उसको शराब की भी बदबू आ जाती है..

बबीता :- आपने इतनी शराब क्यूँ पी रखी है....

जेठालाल :- उसके करीब आ जाता है...
और उसके दोनो हाथो को पकड़ लेता है...

बबीता की साँसें तेज़ हो जाती है....

बबीता :- ये आप क्या कर रहे हैं....दूर हटिए प्लीज़्ज़ज्ज.....

जेठालाल बबीता की बात नही सुनता....वो और करीब आ जाता है......

बबीता चिल्लाए जा रही थी..पीछे हो जाओ..लेकिन जेठालाल....नही सुनता...दोनो के बीच बस हवा जाने के लिए जगह थी....

तभी....

तभी....एक ज़ोर दार आवाज़ आती है.......
बबीता के मुँह से.....अहह....ओह.............

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अगली सुबह....

गू..... नही नही...आज की सुबह गुड नही होगी...कुछ लोगों के लिए...

मॉर्निंग गोकुलधाम सोसाइटी.....

सबसे पहले चलते हैं....हमारे प्यारे साइंटिस्ट कृष्णन अईयर के पास..जो कि अंजलि के बिस्तर पर पड़े थे....

अईयर की आँख खुल जाती है...टाइम देखता है...9 :00 बज चुके होते हैं....वो चौंकते हुए उठता है...

अईयर :- ईयू रामा..इतनी देर ...बबीता तुमने जाएगा क्यूँ नही...

और वो प्लाट के देखता है.....तो उसकी आँखें फट जाती है...

उसके बगल में अंजलि सोई पड़ी होती है.....उसकी शक्ल ...उसका कंधा बाहर होता है...बाकी नीचे रज़ाई से धकि होती है.....

अईयर घबराता हुआ बोलता है...

अईयर :- अंजलि भाभी...अंजलि भाभी....

अंजलि की आँख खुल जाती है...वो अईयर की तरफ देखती है...

अईयर :- अंजलि भाभी..आप मेरे घर में क्या कर रही हैं...और वो भी...ऐसी हालत में....

अंजलि उठ के बैठने लगती है...तो उसकी रज़ाई थोड़ी सी खिसक जाती है...तो उसके उपरी हिस्से के हल्के से चुचे बाहर निकल जाते हैं....

अईयर जब ये देखता है..तो वो अपनी गर्दन दूसरी तरफ फिरा लेता है...

अंजलि :- अब क्या फ़ायदा अईयर भाई.....

अईयर चौंकी हुई नज़रो से देखता है....

अंजलि :- अब कोई फ़ायदा नही है....
आपने जो करना था...वो तो आप कल रात ही कर चुके हो....अब देखने में क्यूँ शर्मा रहे हो...
इतना बोलते बोलते अंजलि की आँखो से आँसू टपकने लगते हैं...

अईयर :- घबराता हुआ.....ये आप क्या बोल रहे हैं...मुझे कुछ समझ नही आ रहा होता है....

अंजलि :- कैसे समझ आएगा....
कोई बात नही में बताती हूँ...
कल आपने नशे में....मेरा...मेरा....
बलात्कार किया है....

अईयर :- क्य्ाआआ...रेप......ये नही हो सकता....

अंजलि :- तो क्या में झूठ बोल रही हूँ....और उसकी आँखों से फिर से आँसू बहने लगते हैं....

अईयर उसके करीब आता है...उसे समझने के लिए....

अंजलि झट से खड़ी हो जाती है...रज़ाई के साथ....

अंजलि :- सुर रहिए आप....आँसू अभी भी बह रहे थे......
वो फटाफट बाथरूम में घुस जाती है....

अईयर बाहर सोच रहा था..ऐसा कैसे हो सकता है...
उसकी गान्ड फट चुकी थी....वो अपने मन ही मन बोलता है..
अगर अंजलि भाभी ने सबको बता दिया तो मेरा क्या होगा.....

तभी अंजलि बाहर निकलती है....
अईयर को गुस्से भरी नज़रों से देखती है....और गेट खोल कर बाहर निकल जाती है....और गेट को बाहर से लॉक कर देती है..

अईयर दरवाजे पे पहुँच कर..ज़ोर ज़ोर से चिल्लाता है..अंजलि भाभी....दरवाजा खोलो.....लेकिन कोई नही खोलता ....
उसकी गान्ड और फट जाती है...वो अब ये सोचता है..अंजलि भाभी सबको बुला लेंगी...और यहाँ कमरे में उसकी ठुकाई करवाएँगी......

लेकिन उसे ये याद थोड़ी था...कि सबके साथ यही होने वाला है.......

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मास्टर जी .... ने कल तो खूब दबा के पी थी......जी हाँ सोसाइटी के सेक्रेटरी भिड़े भाई की बात हो रही है...

मस्त पलंग पे सोए पड़े थे....कि अचानक उनकी आँख खुली.....
उन्होने टाइम देखा...तो 9:15 हो रहे थे....

वो झट से खड़े हुए....उन्होने अपनी आँख सॉफ करी .....और चिल्लाए ..माधवी....आज इतनी लेट हो गई..उठाया क्यूँ नही.....

वो पलंग से उतरता है..और इधर उधर देख के बोलता है...

भिड़े :- ये हमारा घर एक रात में ऐसे कैसे बदल गया.....इतना बोलते हुए वो पीछे मुड़ता है....कि उसकी आँखें फट जाती है...
बगल में रोशन सो रही होती है....

उसकी चादर....उसकी जाँघ के उपर तक चढ़ि होती है....बस पैंटी छुपी होती है...उसके नीचे का सारा खुला होता है...उपर से वो भी शोल्डर्स तक बाहर होती है रज़ाई सी....बाकी उपर का खुला दर्शन हो रहा था....

भिड़े की तो हालत पतली हो जाती है...वो घबराता हुआ...

भिड़े :- रोशन भाभी......आअपप...यहाँ....मेराअ.
मतलाब्ब...में यहाँ..कैसे आ गया...

रोशन की आँख खुलती है...वो भिड़े को देख के अपना सर झुका लेती है...

रोशन :- आपको नही पता आप यहाँ क्यूँ हैं...

भिड़े :- नही...

रोशन :- हाँ कैसे पता होगा...कल इतनी पी के आए थे...

भिड़े :- मन में..अयो देव...मेने ऐसा क्या कर दिया....उसकी हालत ऐसी हो गई थी.....कि अभी उसका मूत निकल जाएगा...

रोशन :- अपनी गर्दन उपर कर के...
अभी तो मेरा पहला रेप हुए वे थोड़ा ही टाइम हुआ है...और आपने...दूसरा.....
इतना बोलते ही उसकी आँख में से आँसू बहने लगते हैं.....

भिड़े :- घबराता हुआ...दूसरा मतलब...आप क्या बोल रही है..रोशन भाभी....

रोशन :- आँसू पोछते हुए.....आपने कल रात मेरा रेप किया है......

भिड़े बस इतना बोलता है....हेंन्नननननननननननननननणणन्..
और पीछे की तरफ गिर के बेहोश हो जाता है......

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मेहता साहब तो उल्टे पड़े पलंग पर....और हाँ इनके तो उपर की शर्ट तक नही थी...सिर्फ़ बनियान थे..उपर ....

कुछ मिनट बाद वो भी उठते हैं....और सीधा होते हैं...
पलंग पे बैठ के...वो भी टाइम देखते हैं...और देख के चौंक जाते हैं...

तारक :- ऊओ बाप रे बाप...इतनी देर हो गई...आज बॉस मुझे मार डालेगा....
अंजलि....अंजलि....यार आज तुमने उठाया क्यूँ नही....इतनी लेट हो गई है...

तभी बगल से आवाज़ आती है...अंजलि भाभी होंगी तो ना आपको उठाएँगी.....

तारक ये आवाज़ सुन के सुन्न हो जाता है...जी हाँ..वो आवाज़ माधवी की थी...जो बगल में लेटी पड़ी थी....वो मूड के देखता है...

तारक :- माधवी भाभी..आप और ऐसी हालत में...

माधवी की हालत उस वक़्त कुछ ऐसी थी...कि उपर से सभी की तरह उसके शोल्डर बाहर निकले थे....वो लेटी कम बैठी जैसी थी....उसकी रज़ाई नीचे से..उसके घुटनो के उपर तक थी...नीचे का हिस्सा खुला हुआ था......

माधवी :- में यहाँ नही..आप मेरे यहाँ हैं....मेरे पलंग पर.....

तारक चौंक जाता है...और वो इधर उधर नज़रे घुमाता है...और वो समझ जाता है..कि वो भिड़े के घर पे है...

तारक :- घबराता हुआ पूछता है...माधवी भाभी...में यहाँ कैसे...

माधवी :- क्यूँ आपको याद नही है....
आप ने इतनी पी रखी थी...पानी के बहाने आए औरर्र...

तारक :- और्र.......वो बहुत ज़्यादा डर चुका था..

माधवी :- और अपने मेरा मेरा...रेप कर दिया......कल रात में.....
उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगती है...और वो अपने हाथ अपने फेस पर रख लेती है....

तारक :- क्य्ाआ........
और वो पीछे पलंग पे गिर के बेहोश जैसा हो जाता है......

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सोढी भाई...साहब....तो गर्दन उस तरफ कर के लेटे हुए थे...जहाँ से वो आँख खोलते और उन्हे सामने दया सोई हुई पड़ी मिल जाती.....

लेकिन यहाँ पे...दया उठ जाती है....
दया अपने मन में.....
ये क्या हो गया कल.......उसकी आँखों से आँसू की बूँद बहने लगती है.....

उसने रज़ाई नही ओढ़ रखी थी....और ना ही...साड़ी पह्न रखी थी.....वो सिर्फ़ पेटिकोट ब्लाउस में बैठी थी....
ब्लाउज भी ऐसा हो रखा था...कि उसके आगे के दो हुक खुले थे..जिसमे से हल्की सी ब्रा दिख रही थी....
और पेटिकोट भी घुटनो तक चढ़ा हुआ था.......
वो कुछ देर ऐसे ही सोचती है...आँसू अभी भी बह रहे थे.....
और फिर उठ के खड़ी हो जाती है..और बाथरूम की तरफ जाने लगती है....

सोढी की नींद कुछ टूटी है....थोड़ी सी हलचल की वजह से.....वो एक दम से उठता हुआ...आँखें मल्ता है...

सोढी :- रोशन मेरी जान्न...ज़रा लस्सी तो ला.....

दया :- हाँ लाती हूँ सोढी भाई...

सोढी आवाज़ सुन के चौंक जाता है....और आवाज़ की तरफ मूड के देखता है....और देख के दंग रह जाता है...

सोढी :- दया भाभी आपप....और यहाँ सुबह सुबह मेरे घर में...ऐसी हालत में....
और मुँह दूसरी तरफ कर लेता है...

दया :- सोढी भाई...ये आपका नही..मेरा घर है....

सोढी ये सुन के होश में आ जाता है..और इधर उधर देखता है....उसकी हालत भी खराब हो चुकी थी......

सोढी :- दया भाभी ये सब..में यहाँ कैसे आ गया...ये क्या हो रहा है...

दया :- आपको नही पता....कल आप ने इतनी शराब पी रखी थी...आप मेरे घर आए...और और्र...मेरे साथ वो सब कुछ कर दिया....जो सिर्फ़ एक पति पत्नी के साथ करता है....
और फुट फुट कर रोने लगती है.......
वैसे भी उसके रोने की आवाज़ तो धाँसू है....

सोढी के पैरो तले ज़मीन खिसक जाती है...ये सब सुन की...उसको कुछ समझ नही आता ये सब क्या हो रहा है......

दया बाथरूम में घुस जाती है...और सोढी वहीं पलंग पे बैठे बैठे सोचता रह जाता है......

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जेठालाल भी सोया पड़ा था...वैसे भी उसे देर से उठने की आदत है.....
लेकिन आज जब वो उठेगा...तो दुबारा सो पाएगा कि नही....पता नही....
वैसे तो वो अपने आप कभी उठता नही.....लेकिन आज उससे कोई भयानक सपना आया है....इसलिए वो अचानक उठ गया....

जेठालाल :- अरे बाप रे...क्या डरावना सपना था....कि में बबीता जी की बगल में सोया पड़ा हूँ.....जान निकाल दी इसने तो.....
और पलट के दूसरी तरफ देखता है...तो उसकी आँखें फट के बड़ी हो जाती है....
वो अपनी गर्दन इधर उधर हिलाता है...

जेठालाल :- शायद में अभी भी सपना देख रहा हूँ....
और अपने हाथ से अपने आप को चूटी काटता है.....और हल्का सा चीख पड़ता है...अहह....

आवाज़ सुन के बबीता की नींद भी खुल जाती है...लेकिन वो दूसरी तरफ मुँह कर के लेटी पड़ी थी..इसलिए जेठालाल उसे नही देख पाता...कि वो उठी है कि नही....
वैसे बता दूं...
बबीता पीछे से ...... आधी नंगी थी...मेरा मतलब..है..उसकी पीठ पीछे से पूरी खुली हुई थी..गोरी गोरी मखमली पीठ...आह..कोई भी देख तो मज़ा आ जाए....और नीचे से घुटनो के उपर थी उसकी रज़ाई....मखमली..जांघे देख के किसी का भी मन डोल जाए....

मगर इस वक़्त जेठालाल के साथ ऐसा कुछ नही हुआ......उसकी तो हालत खराब थी ये सोच के ...कि वो यहाँ आया कैसे.....

जेठालाल :- धीरे से बोलता हुआ...बबीता जी ...बबीता जी...

इस बार बबीता मुड़ती है....और जेठालाल की तरफ देखती है...

जेठालाल :- घबराता हुआ.....बबीता जी..में यहाँ..क..इसे...

बबीता :- जेठा जी अब ये नाटक करने का कोई फ़ायदा नही है.....

जेठालाल :- मतलब...उसकी हालत पतली हो चुकी थी...

बबीता :- आप कल रात को इतनी शराब पी के आए..और...और..

जेठालाल :- अपनी पतली आवाज़ में...और क्या बबीता जी....

बबीता :- अपने मेरे साथ सेक्स....नही नही..ये तो रेप हुआ....मेरी मर्ज़ी थोड़ी थी इसमे...

जेठालाल की तो सांस बंद....वो तो स्टॅच्यू की तरफ बैठ गया....उससे कुछ समझ नही आ रहा था..कि बबीता जी क्या बोल रही हैं.....

बबीता :- रोते हुई.....आपने ये ठीक नही किया जेठा जी....आँसू बहने लगते हैं..उसकी आँखों से.....

जेठालाल :- होश में आता हुआ...बबीता जी...ये आप क्या बोल रहे हैं...मुझे कुछ समझ नही आ रहा.....

बबीता :- अब समझने के लिए कुछ नही रहा ...जो होना था वो हो चुका है.....
और खड़ी होकर..बाथरूम में घुस जाती है.....

और जेठालाल वहीं पलंग पे बैठ के सोच में पड़ जाता है...कि ये हुआ कैसे...

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