XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 15 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

उधर अंजलि , माधवी और रोशन..कॉंपाउंड में खड़ी होती है...

दया बाथरूम से निकलती है....
सोढी भी वहीं बैठा होता है....
तभी फोन की रिंग बजती है...

दया फोन उठाती है....
हाँ ...
ठीक है...
में भी आती हूँ..और इन्हे भी बोल देती हूँ...
फोन कट...
वो सोढी के पास पहुँचती है...और बोलती है....आधे घंटे में क्लब हाउस आ जाना......
सोढी की गान्ड आज डबल फट चुकी थी......

दया चली जाती है...
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उधर भिड़े को होश आता है....वो उठता है..और सोचता है...ये क्या हो गया....उसको एक कागज का टुकड़ा मिलता है..उसमे लिखा होता है...कि आधे घंटे में अपने घर से तैयार होकर...क्लब हाउस में आ जाना...
भिड़े की हालत खराब हो जाती है..ये पढ़ के.....
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उधर मेहता साहब भी जाग चुके होते हैं...मतलब् होश में आ जाते हैं...उनके हाथ में भी यही लिखा हुआ...क्लब हाउस आ जाना...पेपर था...उनका माथा भी सटक गया था....

उधर बबीता बाथरूम से बाहर आ जाती है....तभी उसके फोन पे रिंग बज जाती है..

हाँ..ठीक है..
बोल दूँगी...और में भी आ रही हूँ..

वो जेठालाल की तरफ़ देखती है...
और बोलती है..आधे घंटे में..तैयार होकर क्लब हाउस में आ जाना....

जेठालाल :- क्य्ाआआआ......
उसकी गान्ड फट चुकी थी......

देखते हैं..क्लब हाउस में अब क्या होगा.....बात बहुत सीरीयस हो चुकी है अब.....
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सभी जेंट्स को सारी लॅडीस ने..क्लब हाउस में बुलाया था....अब आगे......!!

सोढी सोचते सोचते सीढ़ियों से उतर रहा था..कि अब क्या होगा...
दूसरी तरफ से जेठालाल आ रहा था...उसकी हालत सबसे ज़्यादा खराब थी...ऐसा लग रहा था..जैसे कितना पिट के आया हो....

उसके ठीक सामने की तरफ से..भिड़े और तारक एक साथ आ रहे थे....

लेकिन अईयर अभी भी बंद था अंजलि के कमरे में.....

तभी अब्दुल जेठालाल के पीछे से आता है...

अब्दुल :- और जेठाभाई...गुड मॉर्निंग...

जेठालाल कोई जवाब नही देता.....अब्दुल भी दुबारा नही बोलता...और सीधे चला जाता है..तारक के घर...

तारक भी अब्दुल को जाते देखता है...लेकिन उसे आवाज़ नही लगाता...
कैसे लगाएगा...बोलती तो बंद हो चुकी है बुरी तरह से....

अब्दुल घर पे पहुँच के गेट खोल देता है.....जैसे ही गेट खुलता है..अईयर बाहर निकलता है...अब्दुल उसे देख के चौंक जाता है.....

अब्दुल :- अईयर भाई आप यहाँ...

अईयर :- अब्दुल तू...तुझे कैसे पता में यहाँ बंद हूँ..

अब्दुल :- मुझे थोड़ी पता था...मुझे तो बस अंजलि भाभी ने बोला गेट खोल के आ जाओ..तो में आ गया.

अईयर :- अच्छा...अच्छा..
और बाहर निकलने लगता है...

अब्दुल :- कोई परेशानी है क्या...

अईयर जवाब नही देता ...और बाहर निकल जाता है....

अब्दुल :- पता नही क्या बात है...जेठा भाई भी नही बोल रहे थे..
चलो जाने दो..मुझे दुकान पे काम है में चलता हूँ...
अपने आप से बात करता हुआ वो भी निकलने लगता है.....

 

तो सिचुयेशन ये थी...सोढी जेठालाल के घर से निकल कर आ रहा था...जेठालाल बबीता के घर से...अईयर अंजलि के घर से...और तारक और भिड़े...रोशन और माधवी के घर से..

चलते चलते...सब की नज़र एक दूरसरे के उपर अब पड़ जाती है.....सब एक दूसरे को देख के हैरान हो जाते हैं.....

तो अईयर सोढी और जेठालाल चलते चलते वहाँ खड़े तारक और भिड़े के पास पहुँच जाते हैं....

जेठालाल :- बचा लो..मेहता साहब...ये तो बहुत बड़ी वाली गड़बड़ हो गई..

तारक :- इस बार सिर्फ़ तुमसे नही..मुझसे भी यही हुआ है जेठालाल..मुझे कुछ समझ नही आ रहा...

भिड़े :- मेहता साहब..आप दोनो से नही...हम सब से यही ग़लती हुई है...

अईयर :- मगर मेहता साहब...ये क्या हो गया...में आपके घर पे कैसे...

सोढी :- अईयर प्रा..तू नही...बल्कि में भी..दया भाभी के घर पे था..

जेठालाल :- क्या सोढी तुम दया के साथ..चिल्लाते हुए बोलता है...

तारक :- देखो जेठालाल चिल्लाने की कोई ज़रूरत नही है....तुम भी तो वहाँ बबीता जी के घर वाली विंग से आ रहे थे...

अईयर ये सुन के जेठालाल की तरह गुस्से की नज़र से देखता है....और मन में बोलता है...ये जेठालाल..पता नही क्या किया होगा इसने रात को बबीता के साथ...

जेठालाल चुप हो जाता है...

सोढी :- मेहता साहब...क्लब हाउस में बुलाया है....क्या करें अब...

तारक :- भाई में भी बहुत परेशान हूँ क्या करें...

भिड़े :- एक काम करते हैं...हम सब तैयार होकर चलते हैं..क्लब हाउस..अब ग़लती तो हो गई है..

जेठालाल :- ग़लती नही भाई..पाप हो गया है.....तुझे पता नही है..अब क्या होने वाला है..मेरा तो सोच सोच के बुरा हॉल है...

सब वहाँ गहरी सोच में चले जाते हैं...शायद आने वाले टाइम के बारे में सोच रहे होते हैं...

तारक :- देखो भाइयो..पाप तो हो गया है हमसे...अब कुछ नही हो सकता...सब 20 मिनट बाद...रेडी हो कर हम यहाँ मिलते हैं...फिर एक साथ चलते हैं...अब जो होगा देखा जाएगा...

सभी बोलते हैं ...ठीक है......

करीब 20 मिनट बाद...

यानी टाइम लगभग 10 के आस पास था...

सभी जेंट्स कॉंपाउंड में आ चुके थे...

तारक :- दोस्तों चलते हैं...
अब सज़ा तो मिलनी है ही...तो उसका सामना करते हुए..अपनाएँगे....

सब अपनी गर्दन हिलाते हैं...और चल पड़ते हैं क्लब हाउस की तरफ....

क्लब हाउस के अंदर....महॉल बहुत गरम था...सभी लेडीज़ का माथा चढ़ा हुआ था.....गुस्से से लाल गाल....

क्लब हाउस का गेट खुलता है......
सभी जेंट्स वहाँ खड़े होते हैं...जब लॅडीस की नज़र वहाँ पड़ती है...वो खड़ी हो जाती है..और एक लाइन में खड़ी हो जाती है.....

सभी जेंट्स अपनी गर्दन नीचे करते हुए.....एंटर होने लगते हैं....इतेफ़ाक की बात तो देखिए....
सब उसी अनुसार खड़े होते हैं...जिसके अनुसार वो लॅडीस के पास गये थे...

यानी कि.....जेठालाल के सामने बबीता....
माधवी के सामने तारक..
रोशन के सामने भिड़े....
अईयर के सामने अंजलि....
सोढी के सामने दया....
और...
अरे भूल गये आप लोग....

अरे पोपटलाल भी तो है....

जी हाँ पीछे पीछे वो भी एंटर हो रहा था....

सबसे लास्ट में भिड़े खड़ा था....जैसे ही उसकी गर्दन घूमी उसने पोपटलाल को देखा....

भिड़े :- पोपटलाल ...तुम भी....

सबकी नज़र पोपटलाल पे पड़ती है....सब के सब हैरान हो जाते हैं...

और जब उनकी नज़र गेट पर पड़ती है...तो उनकी आँखें और फट जाती है......
 

सबकी एंट्री हो चुकी थी क्लब हाउस में....

जी हाँ पोपटलाल भी वहाँ आ चुके थे...जब जेंट्स की नज़र गेट पर पड़ी तो सबकी आँखें फट गई....

जी हाँ गेट पे खड़ी थी...रीता दा रिपोर्टर....

जेठालाल :- रीता तुम यहाँ.....

रीता एंटर होती है...और पोपटलाल के सामने खड़ी हो जाती है...

रीता :- हाँ में यहाँ पर जेठा भाई..

जेठालाल :- लेकिन क्यूँ??

रीता :- वो आप पोपटलाल से पूछिए...

सब की नज़र पोपटलाल पे अटक जाती है.....

पोपटलाल अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगता है..लेकिन उसकी ज़बान नही खुल रही होती है....

भिड़े :- अब सिर्फ़ जीभ दिखाएगा...कि बताएगा भी...

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पोपटलाल इस बार बोलना चालू हो जाता है.....
तो चलते हैं..एक बार फिर से फ्लॅशबॅक में...पोपटलाल की ज़ुबानी...!!

पोपटलाल ..........

उस दिन जब आप लोगों ने मेरा मज़ाक उड़ाया...था...तो मुझे काफ़ी गुस्सा आ गया था...आप लोग तो चले गये थे..लेकिन में वहीं खड़ा रहा....सोचता रहा..किसके पास जाउ...तो मुझे एक दम से याद आया...

कि जब में घर से निकल रहा था तो मुझे रीता दिखाई दी थी..इसका मतलब है कि वो घर पे ही थी....तो में चल पड़ा उसके घर की तरफ........

पोपटलाल ने डोर बेल बजाई.....लेकिन डोर नही खुला...
उसने डोर बेल फिर से बजाई...जरीब 10 मिनट तक वो बेल बजाता रहा....तब गेट खुला...

रीता :- नींद में...कौन है इतनी रात को...और सर ऊपर करके उपर देखती है....
पोपटलाल तुम इतनी रात को....
यहाँ कैसे....

पोपटलाल सिर्फ़ उसको देखता है....रीता ने एक लोंग शर्ट पहनी थी...जो सिर्फ़ घुटनो तक थी..उसके नीचे उसने कुछ नही पहना था.....

शर्ट के उपर के 2 बटन खुले हुए थे...उसका गोरे रंग का शरीर काफ़ी सेक्सी लग रहा था उस वक़्त...

रीता :- ऐसे क्या देख रहे हो..

पोपटलाल :- रीता को पीछे हटाता हुआ...अंदर घुस जाता है.....

रीता :- तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ऐसे अंदर आने की गुस्से में बोलती है...

पोपटलाल :- क्यूँ ब्रेकिंग न्यूज़..में नही आ सकता क्या...

रीता :- तुमने इतनी शराब पी रखी है..निकल जाओ यहाँ से..और अपनी उंगली..दरवाजे की तरफ करती है....

पोपटलाल दरवाजे की तरफ़ बढ़ता है..लेकिन बाहर जाने की बजाए..गेट बंद कर देता है...

रीता :- चिल्लाती हुई...ये क्या बदतमीज़ी है......

बॅक टू लाइव....

पोपटलाल :- बॅस इतना ही याद है....
और जब सुबह उठा तो रीता बगल में सोई पड़ी थी..और में इसके बगल में.....और उसके कहने के अनुसार मेने...मेने.....

भिड़े :- रहने दो पोपटलाल ..हमे पता है तुमने क्या किया है...तुम भी हमारी तरह ही निकले......

इतना बोलने के बाद खामोशी छा जाती है.....
 
कुछ देर बाद तारक चुप्पी तोड़ते हुए..

तारक :- अंजलि मेरी बा...

अंजलि :- बसस्स्स्स्स्स्स्सस्स....अलोमोस्ट चिल्लाते हुए....
बसस्स तारक....मुझे कुछ नही सुनना...अब आप लोग सुनिए कि क्या बीती है हम पर...हम बताते हैं..क्या किया आपने...

तारक :- लेकिन अंजलि सब के सामने...तुम सोचो .... अच्छा नही लगेगा..

अंजलि :- क्यूँ जो आपने किया वो अच्छा था...अब मुझे कुछ नही सुनना...में और ये सभी यहाँ पर बताएँगी कि क्या किया आपने...

सभी जेंट्स की शक्ल पे 12 बजे हुए थे..उन्हे ये उम्मीद नही थी..कि ऐसा कुछ होगा...

अंजलि :- तो में बताती हूँ..सबसे पहले..कि अईयर भाई ने मेरे साथ क्या किया...

अईयर अंजलि की तरफ देखता है..उसकी शक़्ल वैसे ही इतनी डरावनी है..और इस वक़्त तो उसका और बुरा हाल था......

तो चलते हैं...अंजलि के फ्लॅशबॅक में.....

अंजलि .....

अंजलि :- अईयर भाई...आप यहाँ से जाओ...इतनी रात को आप यहाँ क्या कर रहे हो....

अईयर सिर्फ़ अंजलि की तरफ बढ़ रहा था...

अंजलि :- पीछे होते हुए...रुक जाइए अईयर भाई...रुक जइईए.....

लेकिन अईयर बढ़ता चला जा रहा था...
अंजलि पीछे पीछे होते हुए दीवार से टकरा जाती है....

अईयर उसके और करीब आ जाता है..

अंजलि :- अईयर भाई में आपके हाथ जोड़ती हूँ...ऐसा मत कीजिए....

अईयर नही सुनता है...और एक ही झटके में अंजलि के शर्ट को पकड़ के फाड़ देता है....
इसकी वजह से उसके बटन टूट जाते हैं...और शर्ट खुल जाती है..अंदर ब्रा तो पहनी नही होती है उसने...

अईयर अंजलि के गोरे गोरे....एक दम तने हुई चुचे देख के पगल हो जाता है..और अपना मुँह रख के चूसना चालू कर देता है....

अंजलि बहुत कॉसिश करती है...छुड़ाने के लिए लेकिन वो कामयाब नही हो पाती है.....वो बस ओह्ह्ह....आ..अईयर भाई छोड़ दीजिए...

लेकिन अईयर तो एक के बाद एक चुचि को मुँह में लेके चूस रहा था.....

अंजलि ने अपनी पूरी ताक़त लगा के अईयर को झटका मारा..इस बार अईयर अंजलि से दूर हो गया.....

अंजलि कमरे की तरफ भागी...अईयर भी उसके पीछे भागा....

अंजलि जैसे ही कमरे में पहुँची...वो दरवाजा बंद ही करने वाली थी..की अईयर ने हाथ से रोक लिया..दरवाजे को धक्का मारा...

दरवाजा खुल गया...और अंजलि पीछे की तरफ गिर गई...इस वक़्त अंजलि ज़मीन पे गिरी हुई थी....

वो पीछे सरक रही थी....और हाथ जोड़ के बोल रही थी...प्लस्स मुझे छोड़ दो अईयर भाई....

लेकिन अईयर ख़ान मानने वाला था..वो तो पूरे नशे में था....

अईयर ने चलते चलते अपनी धोती खोल दी....अब उसका तना हुआ लंड हवा में झूल रहा था...

अंजलि फटाफट उठी और बाथरूम की तरफ बढ़ी...लेकिन पीछे से अईयर ने उसे पकड़ लिया.....और एक ही झटके में...उसका पाजामा घुटनो तक पहुँच दिया....उसने पैंटी भी नही पहनी थी.....

अईयर ने फटाफट उसे क़ब्ज़े में ले लिया....अब अंजलि अईयर के सामने झुकी हुई थी.......

अंजलि :- ये पाप मत कीजिए अईयर भाई......

अईयर ने अपना लंड एक ही झटके में....पूरा का पूरा लंड चूत में उतार देता है....

और धक्के मारने लगता है......

अंजलि :- अहह......ओह...प्लस्सस्स. मत कीजिए.....प्लस्सस्सस्स....अहह...

ऐसे आवाज़ें आ रही थी....अईयर तो धक्के मारने में लगा हुआ था...वो तो लंड को अंदर बाहर अंदर बाहर करे जा रहा था...

अंजलि तो रोए जा रही थी...वो अब कुछ नही बोल पा रही थी....

अईयर के धक्कों की स्पीड बढ़ चुकी थी...तभी वो चिल्लाता हुआ.....आहह.....और अपना सारा पानी अंजलि की चूत में निकाल देता है......

और उसके उपर ही लूड़क जाता है....
 

बॅक टू लाइव....

इतना बोलते बोलते...अंजलि की आँखोंसे आँसू की धारा बहने लगती है...
सभी लेडीज़ उसके कंधे पे हाथ रख के चुप कराने की कॉसिश करने लगती है.....

सभी जेंट्स अईयर की तरफ देखते हैं....ख़ासकर तारक....

उसको गुस्सा तो काफ़ी आ रहा था..लेकिन वो कुछ नही बोल रहा था....उसको पता था...कि उसने भी ग़लत किया है किसी के साथ.....

अईयर तो कुछ बोलने के लायक ही नही था..ये सुन के...उसकी तो हुस्सी पुस्सी गुल थी...वो बॅस ऐसे ही सुन्न सा खड़ा था......

अंजलि के आँसू रुकने का नाम नही ले रहे थे....सभी लॅडीस उसे दिलासा दे रही थी.....

तारक :- अंजलि चुप हो जाओ....

अईयर :- अंजलि भाभी....

बॅस इतना ही बोल पाता है...कि माधवी बोल पड़ती है....

माधवी :- आप लोग कुछ नही बोलोगे अब...जो भी बोलना है हम बोलेंगे...और मेहता साहब...आप अंजलि भाभी को रोने से मत रोकिए...अब जब में आपकी कहानी बताउन्गी....तो और रोएंगी ये...

तारक :- माधवी...

बसस्सस्स......अपना हाथ दिखाते हुए...माधवी तारक को रोक देती है...अब सुनिए अब सब लोग की क्या किया इन्होने कल रात में...

माधवी......

फ्लॅशबॅक........!!!!

मेहता साहब किचेन में खड़े थे ..और माधवी किचेन के दरवाजे की तरफ खड़ी थी...

माधवी :- मेहता साहब...आप होश में नही है...आप प्लीज़ घर जाइए.....

तारक :- अरे घर में क्या रखा है...हमे तो आज यहाँ किसी का रस पान करना है...

माधवी :- छी....मेहता साहब आप ये कैसी बातें कर रहे हैं....

तारक :- करीब आता हुआ.....माधवी के....क्यूँ...आप नही कराएँगी मुझे रस पान...

माधवी :- मेहता साहब शर्म कीजिए...

तारक :- हाईए...इसी अदा के तो दीवाने है हम....
आज तो सारी शरम तोड़ देंगे...क्यूँ क्या बोलती है...

तारक माधवी के बिल्कुल करीब आ जाता है...और अपना फेस माधवी के फेस की तरफ बढ़ाता है...
माधवी अपना फेस दूसरी तरफ कर लेती है....

और अपने हाथ से तारक को धक्का दे देती है....तारक तोड़ा पीछे हो जाता है...

इतना ही मौका चाहिए था...वो अपने कमरे की तरफ भागने लगती है....

तारक मुस्कुराता है.....
अरे कहाँ जा रही हो जानेमन...
और उसके पीछे भागने लगता है....

माधवी कमरे में पहुँचने ही वाली थी...कि पीछे से तारक ने माधवी की गान्ड को दबोच लिया..

माधवी के मुँह से...अहह...मेहता साहब...छोड़िए ये क्या कर रहे हैं आप.....

तारक उसे अच्छी तरह से दबोचने लगता है.....मसल देता है..माधवी दर्द के कारण चिल्ला रही थी.....

तभी तारक माधवी को पीछे से उठा लेता है....और कमरे में ले चलता है....

और पलंग पे पटक देता है......

माधवी उल्टी पलंग पे गिर जाती है...उसकी आँखो से आँसू बहने लगते हैं....

माधवी :- मेहता साहब..प्लस्सस...रुक जाइए.....

लेकिन मेहता साहब को होश कहाँ था आज...

वो तो अपनी पैंट खोल चुके थे...और उसमे से उन्होने ने ...अपना तगड़ा माल निकाल लिया था..यानी कि उनका लंड...

माधवी पलट के देखती है....और देख के अपनी आँखे बंद कर लेती है...

तारक हँसते हुए...क्यूँ पसंद नही आया क्या...भिड़े का इससे छोटा है ...

माधवी :- प्लस्सस मेरी बात सुनिए...आप इस वक़्त होश में नही है..ऐसा मत करिए....उसके आँसू बराबर बहने लगते हैं...

तारक को तो बस हवस सवार थी...वो माधवी की तरफ बढ़ता है..उसे और सबर नही हो रहा था...वो आगे बढ़ता है...और माधवी की नाइटी को पकड़ के उपर कर देता है...अब माधवी पीठ से नीचे पूरी नंगी थी...उसकी गोरी गोरी मोटी मोटी गान्ड...और उसकी सुंदर जांघे थी...और एक छोटी सी रेड पैंटी...

तारक बिना वक़्त गँवाई...पैंटी को खींच के बाहर निकाल देता है...

माधवी बचने के लिए हाथ पैर मार रही थी....

लेकिन अब उसका कोई फ़ायदा नही था...तारक उसके उपर चढ़ चुका था...

माधवी ...अपना सर हिला रही थी..लेकिन वो कुछ नही कर पा रही थी....

माधवी :- मेहता........अहह..ओह...
प्लस्सस्सस्स....

जी हाँ..तारक ने नीचे से अपना लंड माधवी की चूत के अंदर घुसा दिया था....पूरा का पूरा एक ही बार में....माधवी की साँसें अटक गई थी.....

वो अपनी गर्दन इधर उधर हिला रही थी..

अब तारक ने उसकी गर्दन को अपने हाथों से पकड़ लिया..और मुँह को पलंग पे दबा दिया....

और लगाने शुरू कर दिए ताबड तोड़ धक्के....लंड चूत के अंदर बाहर अंदर बाहर होना शुरू हो गया था...

पलंग भी बुरी तरह हिल रहा था...
वो क्या करें जनाब..पलंग भिड़े के जमाने का है ना इसलिए....

हाँ तो...धक्के बहुत तेज़ी से लग रहे थे...माधवी की आवाज़ें सिर्फ़......उःम्म्म्मम....ऐसी ही आ रही थी..उसे सांस लेने में तकलीफ़ हो रही थी.....

लेकिन कुछ ही ढकों के बाद शांति छा गई...मानो यहाँ कुछ हुआ ही ना हो.....

जी हाँ तारक ने अपना रस माधवी की चूत के अंदर ही छोड़ दिया था....और उसके उपर से हट कर...साइड में लेट गया था....

माधवी अपनी गर्दन उपर करती है...और ज़ोर ज़ोर से रोने लगती है...उसकी अंदर तक आत्मा टूट गई थी.....उसके आँसू रुकने का नाम ही नही ले रहे थे......

 


बॅक टू लाइव.......!!!!

माधवी भी बोलते बोलते आँसू बहाने लगती है..

कोई कुछ नही बोलता...कुछ देर के लिए शांति एक बार फिर से छा जाती है....

भिड़े तारक की तरफ देख रहा था...तारक अंजलि की तरफ देख रहा था...और अंजलि ने दूसरी तरफ मुँह मोड़ रखा था.....

भिड़े :- मेहता साहब...ऐसा किया आपने...मुझे तो विश्वास नही हो रहा है...

भिड़े से चुप नही हुआ जा रहा था..इसलिए उसने तारक को बोल दिया....

आप ज़्यादा मत बोलिए...आपने कुछ कम खेल नही दिखाए हैं...

भिड़े आवाज़ की तरफ़ देखता है....

आवाज़ रोशन की थी..जो उसे गुस्से भरी नज़रो से देख रही थी....

रोशन :- भिड़े भाई...आप ने कौन सा महान काम किया है..जो आप मेहता साहब को बोल रहे हैं.....

भिड़े रोशन की आँखों में देखता है....रोशन की आँखों में गुस्सा सॉफ झलक रहा था....

रोशन :- अब में बताती हूँ...कि अपने क्या किया है मेरे साथ बावा..कल रात को....

फ्लॅशबॅक.......

रोशन.....

उस रात भिड़े सोफे के पास बैठा था...और रोशन सामने खड़ी थी...

रोशन :- भिड़े भाई...बहुत रात हो गई है...आपको घर जाना चाहिए बावा...

भिड़े :- घर पे ही तो हूँ....

रोशन :- कुछ अटपटा सा लगता है उसे..फिर भी एक स्माइल के साथ...
हाँ वैसे तो आपका ही घर है..लेकिन अभी क्या है ना..रात हो गई है...तो आपको अपने घर जाना चाहिए था...

रोशन भिड़े को घर से बाहर भेजने में लगी हुई थी..क्यूँ कि वो जानती थी..कि उसने काफ़ी शराब पी रखी है..और सोढी भी घर पे नही है...

भिड़े खड़ा होता है....रोशन की तरफ देख के स्माइल देता है...और गेट की तरफ बढ़ जाता है.......

रोशन को ये देख कर कि भिड़े भाई जा रहे हैं...तो उसे सुकून मिलता है..
और तभी गेट बंद होने की आवाज़ आती है....रोशन के मुँह पे एक संतुष्टि वाली स्माइल आ जाती है.....

लेकिन अगले ही पल......उसके मुँह से एक आवाज़......ओह....बावााअ...
भिड़े ने पीछे से आके कस के पकड़ लिया था....भिड़े के हाथ पीछे से होते हुए...रोशन के पेत पर थे...और उसके होंठ रोशन के नंगे शोल्डर पे...

जी हाँ जब भिड़े जा रहा था...तो रोशन की पीठ थी उसकी तरफ....जब दरवाजा बंद हुआ तो रोशन को लगा..कि भिड़े बाहर चला गया....लेकिन हुआ उसका उल्टा ही.....

रोशन :- भिड़े भाई ये आप क्या कर रहे हैं...
वो छटपटा रही थी...

भिड़े ने अब अपने हाथ पेट से हटा के...रोशन के चुचों पे रख दिए थे.....

अहह.....भिड़े भाई....नही बावा.....ये क्या कर रहे हैं आप......रोशन हटने की कॉसिश कर रही थी.....

लेकिन भिड़े तो रोशन के चुचों को दबा नही रहा था...बल्कि मसल रहा था..जैसे किसी फ्रूट में से जूस निकालना हो.......बड़ी ही बेरहमी से वो कपड़ों के उपर से चुचों को दबा रहा था....

अहह..ओह..उई..
प्लस्सस्स्स्सस्स...मत कीजिए........
रोशन हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी ..लेकिन भिड़े ने काफ़ी मजबूती से पकड़ा हुआ था.......

भिड़े का लंड रोशन की गान्ड से सट रहा था...वो भी अपना विकराल रूप ले चुका था.....

रोशन को उसका लंड चुभ रहा था...लेकिन वो कुछ नही कर पा रही थी....

तभी रोशन ने कुछ ऐसा किया..जो भिड़े की समझ से बाहर था.......

रोशन :- भिड़े भाई...आराम से कीजिए ना..ह...मज़ा तो आ रहा है..लेकिन दर्द हो रहा है...थोड़ा आराम से प्लस्स...ओह्ह्ह्ह.ह....बवव्वाआ..

भिड़े ये सुन के खुश हो जाता है..थोड़ा सा चौंकता भी है..लेकिन इस पल को खुश था..इसलिए ज़्यादा ध्यान नही देता....

अब वो आराम से दबा रहा था रोशन के चुचे...और अपनी कमर हिला कर...कपड़ों के उपर से ही..रोशन की गान्ड मार रहा था....

महॉल काफ़ी गरम हो चुका था...भिड़े तो इतना गर्म था...कि उससे अब रहा नही जा रहा था...दूसरी तरफ रोशन भी....अह्ह्ह्ह..ऐसे ही...ओह्ह्ह्ह....

अब भिड़े की पकड़ चुचों से आज़ाद हो चुकी थी..उसके हाथ गान्ड पे चले गये थे....और वो धक्के लगाते हुए...गान्ड को अपने हाथो से मसलता है....

तभी ...... तभी जो हुआ....कि एक बार फिर से भिड़े को अंदाज़ा नही था कि ये होगा...

रोशन ने भिड़े को पीछे धक्का दे दिया था...जिससे भिड़े पीछे रखी डाइनिंग टेबल से टकरा गया और उसकी पीठ में लग गई....

यही मौका था..तभी रोशन अंदर कमरे की वजाय...बाहर जाने लगी......
भिड़े ज़मीन पे गिरा हुआ था...
 


रोशन भागते हुए गेट के पास पहुँचती है..और अहह...की आवाज़ गूँज उठी है..पूरे कमरे में.....

भिड़े ने रोशन का पैर पकड़ के गिरा दिया था..जिसकी वजह से रोशन की चीख निकल गई थी....

भिड़े :- साली...मुझसे चालाकी करती है...एक शिक्षक से चीटिंग.....अभी तो बड़े मज़े लेके...मज़े कर रही थी..

रोशन :- दर्द में.....में ऐसा सोच भी नही सकती..वो तो में..भागने के लिए अहह.....

भिड़े पीछे से आके रोशन की गान्ड पे तमाचे लगाने लगता है.....

भिड़े :- अब देख ऐसा हाल करूँगा तेरा..कि एक शिक्षक से चीटिंग करना भूल जाएगी....

भिड़े अपनी पेंट खोल देता है....और नीचे से नंगा हो जाता है......

रोशन अभी भी ज़मीन पर पड़ी थी...गिरने की वजह से उसकी नाइटी उपर की तरफ हो गई थी...
इसलिए उसकी गोरी जांघे...और पैंटी दिख रही थी...

भिड़े ने फटाक से पैंटी को खीच बाहर निकाला......
और फिर से दो चार थप्पड़ जड़ दिए उसकी गान्ड पे.....

रोशन के मुँह से फिर से एक अहह निकली...

भिड़े :- देख तेरी गान्ड...हाईए...लाल हो गई..है.....कितनी मस्त है रे तू...आज तो सबसे पहले तेरी गान्ड मारूँगा...

रोशन :- चिल्लाते हुए...नही..प्लस्सस भिड़े भाई ऐसा मत करो.....

लेकिन भिड़े कहाँ मानने वाला था...वो रोशन के उपर लेटा ..और लगा दिया गान्ड पे लंड.....और सुर्र्र्र्र्ररर.....

आधा लंड गान्ड के अंदर.....
अहह...ओह....
निकालो......प्लस्सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...उई...

रोशन दर्द के मारे छटपटा रही थी...

भिड़े :- अरे वाह एक ही बार में आधा लंड.....काफ़ी बजवाती होगी....और फिर से एक और धक्का...

इस बार रोशन की आवाज़ काफ़ी थी....

लेकिन भिड़े इस बात की परवाह किए बिना...अपने धक्के लगाने में मग्न था...

अब गान्ड में लंड सुर सुर करता हुआ अंदर बाहर....

रोशन सिर्फ़....उई..ओह्ह्ह्ह..कर रही थी..और उसकी आँख में से आँसू भी आ रहे थे...

भिड़े :- अह्ह्ह्ह ओह्ह...में गया...में गायाअ....
और सारा पानी छोड़ देता है गान्ड में ही रोशन की...

और अपना लंड बाहर निकाल लेता है..रोशन ज़मीन पर पड़ी आँसू बहा रही थी...

भिड़े खड़ा होता हुआ...

भिड़े :- कैसा लगा जानेमन....

रोशन कुछ नही बोली.....

भिड़े :- अरे बता ना..कैसा लगा...

इस बार भी रोशन कुछ नही बोली.....

भिड़े को गुस्सा आ जाता है...वो रोशन को ज़मीन से उठाता है....

और अपनी बाहों में जकड लेता है...

रोशन :- अब क्या चाहिए तुम्हे....कर लिया जो करना था...आँसू बहने लगते हैं उसकी आँखों से...

भिड़े हँसता हुआ....अरे मेरी जान अभी तो बहुत कुछ बाकी है..

रोशन ये सुन के हैरान हो जाती है...

इससे पहले कि वो कुछ बोलती...भिड़े उसे गोदी में उठा के कमरे की तरफ ले चलता है...

रोशन :- छोड़ दो मुझे भिड़े भाई...अब क्या करना है...
वो संघर्ष कर रही थी अपने आप को छुड़ाने की..लेकिन सफल नही हो पा रही थी...

शायद आज उसका दिन नही था...इसलिए...

रोशन को पलंग पे फैंक देता है...भिड़े....और उसके उपर चढ़ जाता है.....

वो रोशन की नाइटी की तरफ हाथ बढ़ाता है....
रोशन अपने चुचों के उपर से नाइटी को कस के पकड़े बैठी होती है....भिड़े उसका हाथ साइड करता है....और सेर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर....की आवाज़ आ ती है...

भिड़े रोशन को चुचों को उपर से आज़ाद कर देता है...मतलब उसकी नाइटी को फाड़ देता है....
अब रोशन के गोल गोल मुलायम बड़े बड़े चुचे भिड़े के सामने होते हैं...

वो उन्हे मुँह में ले लेता है...और उन्हे चूसने लगता है...

रोशन तो भिड़े का सर हटाने की कॉसिश कर रही होती है...लेकिन हटा नही पाती...

इधर भिड़े का फिर से एक बार खड़ा हो चुका था....

उसने चूसना बंद किया...रोशन की आँखों में देखा....और अपना लंड चूत पे सेट किया....और फिर एक जोरदार धक्के से....चूत का उद्घाटन कर दिया..भिड़े के लंड ने...

पूरा का पूरा एक ही बार में अंदर...
सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर......

रोशन :- ओह...उई..
अहह......
और अपने दोनो हाथो से चादर पकड़ लेती है...और अपना मुँह दबा लेती है...पलंग में....

भिड़े तो धक्के लगाने में मस्त हो चुका था......हर धक्के के साथ रोशन के चुचे उपर नीचे हो रहे थे......

लंड बड़ी तेज़ रफ़्तार से अंदर बाहर हो रहा था.....पूरा अंदर जाता और पूरा बाहर आता....

भिड़े :- आऊहह...क्या चूत हैया...अह्ह्ह्ह...मुझसे तो अब रहा नही जा रहा...में तो गायया....
और अपनी सारा रस चूत में डाल देता है.....
तूफान थम चुका था.....भिड़े साइड में होके लेट गया....
और रोशन अपने आप को सिकोड के लेट गई....और आँखों से आँसू की धारा बहने लगी.....

 

बॅक टू लाइव....

सब ये वारदात सुन के दंग थे....भिड़े तो बहुत ही ज़्यादा....
सोढी का चेहरा ऐसा था...जैसे वो अभी भिड़े को मार डाले...

और उसने किया भी कुछ ऐसा ही.....

वो भागा भिड़े की तरफ उसे मारने...लेकिन बीच में तारक जेठालाल और अईयर ने रोक लिया....

भिड़े तो डर के मारे पोपटलाल के पीछे छुप गया था....

तारक :- सोढी शांत हो जा..

सोढी :- कैसे शांत हो जाऊ मेहता साहब...सुना नही आपने क्या किया है इसने..

जेठालाल:- भाई शांत हो जा.....तू शांति रख...

सोढी :- आज में इसे ज़िंदा नही छोड़ूँगा...

तभी ..,,,,,,,,,,,,,
 
सोढी :- कैसे शांत हो जाऊ मेहता साहब...सुना नही आपने क्या किया है इसने..

जेठालाल:- भाई शांत हो जा.....तू शांति रख...

सोढी :- आज में इसे ज़िंदा नही छोड़ूँगा...

तभी ..

रोशन :- शांत हो जा सोढी...

सोही रोशन की आवाज़ सुन के शांत हो जाता है...

रोशन :- क्यूँ गुस्सा कर रहा है...सुना नही गया ना...
लेकिन भिड़े भाई जितने मुजरिम है..तू भी उतना ही है...
तूने भी तो दया भाभी के साथ..

वो चुप हो जाती है....

एक बार फिर से सन्नाटा छा जाता है..
सोढी रोशन की ये बात सुन के उसकी तरफ देखने लगता है.....

वहाँ खड़े सभी जेंट्स एक दूसरे को देख रहे थे....भिड़े तो अभी भी पोपटलाल के पीछे छुपा हुआ था...

पोपटलाल :- भाई भिड़े...अब सामने आजा ...कोई कुछ नही बोलेगा...

सब उसकी बात सुनके गुस्से की नज़र से उसे देखते हैं....

पोपटलाल :- मेरे कहने का मतलब है...तू आगे आजा भाई...

माधवी अपने सर पे हाथ रख के वहीं बैठ जाती है..और रोने लगती है...

माधवी :- हे भगवान..कैसा पति मिला है मुझे....

भिड़े :- माधवी मेरी बात तो सुनो..

माधवी :- कुछ नही सुनना है मुझे...
जो सुनना था सुन लिया...अब क्या कहना है आपको...

भिड़े शांत हो जाता है....उसके पास कुछ नही था बोलने को..

तारक :- देखिए आप सब...क्यूँ बात को इतना आगे बढ़ा रहे हैं...अब जाने भी दीजिए...हम समझ चुके हैं सब..कि हमसे कितना बड़ा पाप हुआ है....

जेठालाल :- मेहता साहब बिल्कुल ठीक बोल रहे हैं.....बॅस कीजिए...हम सज़ा लेने के लिए तैयार हैं....

सोढी :- हाँ बस कीजिए अब सब लोग...हमसे और सुना नही जाएगा...

दया :- क्यूँ सोढी भाई...अभी तो अपने सुना ही नही है...कि आपने क्या किया है....

जेठालाल :- दया रहने दे...मत सुना..हम सब समझ गये...कि क्या हुआ होगा..मुझसे सुना भी नही जाएगा...

रीता :- जेठा भाई...आप लोगों से सुना नही जाएगा...और जो आप सब ने किया ..क्या वो ठीक था..सोचिए कि जब हमारे साथ ये सब हो रहा था..तो क्या बीती होगी हम पे...कुछ सोचा है अपने...

पोपटलाल :- अरे रीता हमे पता चल गया ना...अब क्यूँ बात को इतना आगे बढ़ा रहे हो...

रीता :- बात को में आगे बढ़ा रही हूँ...उसे गुस्सा आ गया था...

पोपटलाल शांत हो जाता है....

रीता :- अब बताती हूँ..कि किसने बात को आगे बढ़ाया....

रीता :-

उस रात..जब तुम मेरे घर आए.....
 
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