desiaks
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- Aug 28, 2015
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उधर अंजलि , माधवी और रोशन..कॉंपाउंड में खड़ी होती है...
दया बाथरूम से निकलती है....
सोढी भी वहीं बैठा होता है....
तभी फोन की रिंग बजती है...
दया फोन उठाती है....
हाँ ...
ठीक है...
में भी आती हूँ..और इन्हे भी बोल देती हूँ...
फोन कट...
वो सोढी के पास पहुँचती है...और बोलती है....आधे घंटे में क्लब हाउस आ जाना......
सोढी की गान्ड आज डबल फट चुकी थी......
दया चली जाती है...
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उधर भिड़े को होश आता है....वो उठता है..और सोचता है...ये क्या हो गया....उसको एक कागज का टुकड़ा मिलता है..उसमे लिखा होता है...कि आधे घंटे में अपने घर से तैयार होकर...क्लब हाउस में आ जाना...
भिड़े की हालत खराब हो जाती है..ये पढ़ के.....
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उधर मेहता साहब भी जाग चुके होते हैं...मतलब् होश में आ जाते हैं...उनके हाथ में भी यही लिखा हुआ...क्लब हाउस आ जाना...पेपर था...उनका माथा भी सटक गया था....
उधर बबीता बाथरूम से बाहर आ जाती है....तभी उसके फोन पे रिंग बज जाती है..
हाँ..ठीक है..
बोल दूँगी...और में भी आ रही हूँ..
वो जेठालाल की तरफ़ देखती है...
और बोलती है..आधे घंटे में..तैयार होकर क्लब हाउस में आ जाना....
जेठालाल :- क्य्ाआआआ......
उसकी गान्ड फट चुकी थी......
देखते हैं..क्लब हाउस में अब क्या होगा.....बात बहुत सीरीयस हो चुकी है अब.....
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सभी जेंट्स को सारी लॅडीस ने..क्लब हाउस में बुलाया था....अब आगे......!!
सोढी सोचते सोचते सीढ़ियों से उतर रहा था..कि अब क्या होगा...
दूसरी तरफ से जेठालाल आ रहा था...उसकी हालत सबसे ज़्यादा खराब थी...ऐसा लग रहा था..जैसे कितना पिट के आया हो....
उसके ठीक सामने की तरफ से..भिड़े और तारक एक साथ आ रहे थे....
लेकिन अईयर अभी भी बंद था अंजलि के कमरे में.....
तभी अब्दुल जेठालाल के पीछे से आता है...
अब्दुल :- और जेठाभाई...गुड मॉर्निंग...
जेठालाल कोई जवाब नही देता.....अब्दुल भी दुबारा नही बोलता...और सीधे चला जाता है..तारक के घर...
तारक भी अब्दुल को जाते देखता है...लेकिन उसे आवाज़ नही लगाता...
कैसे लगाएगा...बोलती तो बंद हो चुकी है बुरी तरह से....
अब्दुल घर पे पहुँच के गेट खोल देता है.....जैसे ही गेट खुलता है..अईयर बाहर निकलता है...अब्दुल उसे देख के चौंक जाता है.....
अब्दुल :- अईयर भाई आप यहाँ...
अईयर :- अब्दुल तू...तुझे कैसे पता में यहाँ बंद हूँ..
अब्दुल :- मुझे थोड़ी पता था...मुझे तो बस अंजलि भाभी ने बोला गेट खोल के आ जाओ..तो में आ गया.
अईयर :- अच्छा...अच्छा..
और बाहर निकलने लगता है...
अब्दुल :- कोई परेशानी है क्या...
अईयर जवाब नही देता ...और बाहर निकल जाता है....
अब्दुल :- पता नही क्या बात है...जेठा भाई भी नही बोल रहे थे..
चलो जाने दो..मुझे दुकान पे काम है में चलता हूँ...
अपने आप से बात करता हुआ वो भी निकलने लगता है.....
दया बाथरूम से निकलती है....
सोढी भी वहीं बैठा होता है....
तभी फोन की रिंग बजती है...
दया फोन उठाती है....
हाँ ...
ठीक है...
में भी आती हूँ..और इन्हे भी बोल देती हूँ...
फोन कट...
वो सोढी के पास पहुँचती है...और बोलती है....आधे घंटे में क्लब हाउस आ जाना......
सोढी की गान्ड आज डबल फट चुकी थी......
दया चली जाती है...
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उधर भिड़े को होश आता है....वो उठता है..और सोचता है...ये क्या हो गया....उसको एक कागज का टुकड़ा मिलता है..उसमे लिखा होता है...कि आधे घंटे में अपने घर से तैयार होकर...क्लब हाउस में आ जाना...
भिड़े की हालत खराब हो जाती है..ये पढ़ के.....
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उधर मेहता साहब भी जाग चुके होते हैं...मतलब् होश में आ जाते हैं...उनके हाथ में भी यही लिखा हुआ...क्लब हाउस आ जाना...पेपर था...उनका माथा भी सटक गया था....
उधर बबीता बाथरूम से बाहर आ जाती है....तभी उसके फोन पे रिंग बज जाती है..
हाँ..ठीक है..
बोल दूँगी...और में भी आ रही हूँ..
वो जेठालाल की तरफ़ देखती है...
और बोलती है..आधे घंटे में..तैयार होकर क्लब हाउस में आ जाना....
जेठालाल :- क्य्ाआआआ......
उसकी गान्ड फट चुकी थी......
देखते हैं..क्लब हाउस में अब क्या होगा.....बात बहुत सीरीयस हो चुकी है अब.....
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सभी जेंट्स को सारी लॅडीस ने..क्लब हाउस में बुलाया था....अब आगे......!!
सोढी सोचते सोचते सीढ़ियों से उतर रहा था..कि अब क्या होगा...
दूसरी तरफ से जेठालाल आ रहा था...उसकी हालत सबसे ज़्यादा खराब थी...ऐसा लग रहा था..जैसे कितना पिट के आया हो....
उसके ठीक सामने की तरफ से..भिड़े और तारक एक साथ आ रहे थे....
लेकिन अईयर अभी भी बंद था अंजलि के कमरे में.....
तभी अब्दुल जेठालाल के पीछे से आता है...
अब्दुल :- और जेठाभाई...गुड मॉर्निंग...
जेठालाल कोई जवाब नही देता.....अब्दुल भी दुबारा नही बोलता...और सीधे चला जाता है..तारक के घर...
तारक भी अब्दुल को जाते देखता है...लेकिन उसे आवाज़ नही लगाता...
कैसे लगाएगा...बोलती तो बंद हो चुकी है बुरी तरह से....
अब्दुल घर पे पहुँच के गेट खोल देता है.....जैसे ही गेट खुलता है..अईयर बाहर निकलता है...अब्दुल उसे देख के चौंक जाता है.....
अब्दुल :- अईयर भाई आप यहाँ...
अईयर :- अब्दुल तू...तुझे कैसे पता में यहाँ बंद हूँ..
अब्दुल :- मुझे थोड़ी पता था...मुझे तो बस अंजलि भाभी ने बोला गेट खोल के आ जाओ..तो में आ गया.
अईयर :- अच्छा...अच्छा..
और बाहर निकलने लगता है...
अब्दुल :- कोई परेशानी है क्या...
अईयर जवाब नही देता ...और बाहर निकल जाता है....
अब्दुल :- पता नही क्या बात है...जेठा भाई भी नही बोल रहे थे..
चलो जाने दो..मुझे दुकान पे काम है में चलता हूँ...
अपने आप से बात करता हुआ वो भी निकलने लगता है.....