XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 41 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

बगल में खड़ी थी माधवी...हयईी....तोते उड़ गये उसको देख के तो..
आज तो उसने अंजलि को भी मात दे दी भाई....
बालों पे उसने जुड़ा बना रखा था..उपर की तरफ......रेड नी से उपर तक का गाउन..
गोरी गोरी थाइस भी दिख रही थी उसकी थोड़ी सी.....
हाई उपर वाला हिस्सा तो कमाल का था भाई....एक दम चिपकी हुई ड्रेस..जिसमे
उसके वो वो बड़े बड़े...बूब्स...बिल्कुल ऐसे चिपके थे..जैसे किसी ने फेवीक्विक से उसकी
ड्रेस से चिपका दिए हों...बाहर आने को बेताब....

डबल साइडेड स्ट्रिप्स...बिल्कुल पतली सी...उपर से बाहर आते उसके वो थोड़े से बूब्स....
हाई ..और उसके बीच की दिख रही दरार....मन कर रहा है..कि उंगली डाल दूं...
दोनो बूब्स के बीच में......
ओवरॉल फुउऊुुुुुुुुउउ...डॅम हॉट लग रही थी माधवी तो......

भिड़े :- माधवी....वाहह...

माधवी शरमाते हुए..थॅंक यू...

सोढी :- ओये रोशन तू तो कमाल लग रही है..

रोशन :- थॅंक यू बावा.....

सब अपनी बीवियों की तारीफ करने लगे.....

भिड़े :- अच्छा तो चलो आ गये सब...चलो नीचे...देर हो रही है...

भिड़ेईईईईईईईईईई......जेठालाल चीख
पड़ता है...भिड़े तो घबरा जाता है....
भिड़े अपने दिल पे हाथ रख के....

भिड़े :- क्या हुआ भाई.....

सब जेठालाल को ही देख रहे होते हैं....

जेठालाल :- भिड़ेई...बबीता जी नही आई हैं अभी.....

तारक :- ऊहह...तो जेठालाल इसमे चिल्लाने की क्या बात है...

जेठालाल :- तो मेहता साब..ये कैसे बोल सकता है नीचे चलने के लिए..

अईयर :- जेठालाल में हूँ ना..तुम क्यूँ फिकर कर रहे हो..

जेठालाल :- वो..तो अईयर भाई..जाएँगे तो सब साथ ही ना..

तारक :- अरे तुम सब शांति रखो भाई..बबीता जी आती ही होंगी..और रीता भी तो नही
आई..

अंजलि :- रीता थोड़ी देर में आएगी......और ये लो बबीता जी आ गई......
 
टिक्क..टूक...बबीता अपनी हाइ हील्स पहने चली आ रही थी......

जेठालाल की नज़र बबीता पर पड़ी...

बॅक ग्राउंड म्यूजिक....हाई...में मॅर जाउ.......

जेठालाल के तो कान में से धुआँ निकलने लगा....उसका क्या शायद सबका यही हाल
था उससे देख कर.....

ब्राउन बाल...जुड़ा बना रखा था..छोटा सा...और बाल की एक लटकन उसके माथे
पर थी....गोरा और बेहद सॉफ रंग..
नीचे पहना हुआ...रेड कलर का डिज़ाइन वाला गाउन.....जो बबीता की आधी थाइस
को भी आधा ही ढक पा रहा था...धीरे धीरे उपर चलते हैं जी....
बिल्कुल चिपकी हुई....क्या बताऊ...मतलब इसके तो पूरे शरीर में किसी नी फेवीक्विक लगा
दी हो..और उपर से ये कपड़े डाल दिए हो....

एक एक पार्ट..बबीता का विज़िबल था..मतलब कि उसका बॉडी शेप......
थोड़ा उपर आते हैं...जो कि सबसे ज़्यादा इंपॉर्टेंट है..जिसे देख सबके नीचे
हल चल मच गई थी...सभी जेंट्स का नीचे वाला पोर्षन थोड़ा डिस्टर्ब..
थोड़ा नही...बहुत ज़्यादा डिस्टर्ब हो गया था....
उपर स्ट्रेप्लेस्स...गाउन पहन रख था बबीता ने..स्टरप्लेससस्स......

60 पर्सेंट ऑफ दा बूब्स बबीता की ड्रेस से बाहर थे.....और बीच में लंबी गहरी
दरार....इतनी मस्त दरार थी..कि बॅस मन करे..कि सारा दिन उसके अंदर घुसा के
बैठा रही ... अपने लंड को.......

इतने बड़े बड़े बूब्स....उपर से इतनी बाहर निकले हुए...गोरा वाइट कलर का रंग
ओई तौबा.....मार डाला रे इसने....
और जो कपड़े के अंदर फँसे पड़े थे उसके बूब्स...वो तो बाहर आने को बेताब
हो रहे थे....मानो..कपड़ों को बोल रहे हों..साली हरामी...जगह दे दो..
साँस नही आ रही है.....

ओवरॉल अगर बबीता के बार में शॉट में बताऊ....तो इस वक़्त उस घड़ी
उससे ज़्यादा हॉट...उससे ज़्यादा सेक्सी...उससे ज़्यादा ब्यूटिफुल...उससे ज़्यादा क्यूट कोई लग
ही नही रहा था...

अईयर ने जेठालाल की तरफ देखा...और उसकी तो आँखो से अँगारे बरसने लग..

अईयर जेठालाल की तरफ देखते हुए...

अईयर :- चलें अब.....देर हो रही है...

जेठालाल ने अईयर को देख लिया..और वो थोड़ा सकपका गया..और झेंप गया...

सभी लॅडीस बबीता की तारीफ कर रही थी...

सभी मूड के नीचे चलने लगते हैं...बबीता जेठालाल के आयेज होती है..
जेठालाल ठीक उसके पीछी...

अचानक चलते चलते..बबीता पानी गर्दन पीछे मोड़ती है...
जेठालाल उसे इशारा करता है...कि आज वो नूर की परी लग रही है..

बबीता अपनी सेडक्टिव स्माइल देती है..और दुबारा अपना फेस आगे कर लेती है...

और सभी नीचे लॉन में आ जाते हैं...मोहनलाल और अब्दुल सामने नीचे
ही खड़े होते हैं......

देखते हैं भाई..क्यूँ मोहन लाल ने इन्हे ऐसे कपड़े दिए हैं....कोई तो राज़ होगा..
कुछ तो प्लान करा है मोहन लाल...वैसे मानना पड़ेगा...हर लेडी को उसके हिसाब
से ड्रेस भिजवाई है...साला एक नंबर. का ठर्की है ये भी...

 
सभी नीचे मोहन लाल से मिलने लॉन में पहुच गये.....

तारक :- मोहन भाई....आपने हमे 7 बजे आने को बोला लेकिन क्यूँ?

जेठालाल :- और हाँ ये ब्लॅक सूट में आने को भी..

अईयर :- और सभी लॅडीस को गिफ्ट भी दिया..

भिड़े :- और हमे नही दिया..कोई भी गिफ्ट..

जेठालाल :- भिड़े तो यहाँ क्या गिफ्ट लेने आया है..जो हमे नही दिया वादी...
शांति रख भाई..मोहन भाई को बताने दे...

मोहन लाल :- अरे मेरे प्यारे भाई लोगों...आप क्यू इतना टेन्षन ले रहे हो.
मेने अपनी भाभियों के लिए इसलिए गिफ्ट भेजी...क्यूँ कि मुझे पता था उनके पास
ऐसे रेड कलर की ड्रेस नही होगी..

सोढी :- लेकन मोहन प्रा...रेड ड्रेस ही क्यूँ..

मोहन लाल :- अरे सोढी पाजी..वो इसलिए क्यूँ कि जहाँ में आपको ले जा रहा हूँ..वहाँ
पे जेंट्स ब्लॅक में..और लॅडीस रेड में होंगी..

सोढी :- ओह्ह तो ये गाल है..

भिड़े :- लेकिन मोहन भाई..ऐसी कौन सी जगह है..

तारक :- भिड़े...अब क्या तुझे सारी जानकारी यहीं चाहिए भाई...हम जा तो रहे हैं..
वहाँ जाके पता चल जाएगा ना..

जेठालाल :- ये एक नंबर. का पंचयाति है मेहता साब....माधवी भाभी..क्या खिलाते हो
इसे..जो सारा दिन पंचाट कर वा लो...

माधवी :- आहू...चुप रो ना..

भिड़े :- जेठालाल तुम..

जेठालाल :- अबे चुप कर ना ..

मोहन लाल :- देखो आप सब आपस में क्यूँ झगड़ा कर रहे हो..ज़्यादा दूर नही जाना है
बॅस मेरे इस रिज़ॉर्ट के बेसमेंट में ही जाना है....तो चलिए लिफ्ट से चलते हैं..

जेठालाल :- मेहता साब..बेसमेंट में बैठे...कितना बड़ा बना रखा है...

तारक :- सही बात है..भाई पैसा हो तो क्या कुछ नही हो सकता....

सभी बातें करते हुए...लिफ्ट के पास पहुच जाते हैं.....

भिड़े :- लो आ गई लिफ्ट भी.....

और फिर सब लिफ्ट के अंदर घुसने लगते हैं....

अब लिफ्ट में एक साथ सारे तो नही आ सकते थे...इसलिए बाहर खड़े हो जाते हैं..
मोहन लाल और अब्दुल्ल....ये बोल के कि वो अगली बार में आ जाएँगे...

भिड़े :- वैसे मोहन भाई..कौन से बेसमेंट में है....

मोहन लाल :- -3 में है भिड़े भाई...

भिड़े :- ओके....

अब भिड़े ही बटन के पास खड़ा था तो उसने दबा दिया - 3...
और लिफ्ट चलने लगी नीचे...

लिफ्ट में ये लोग ऐसे खड़े थे..जैसी किसी छोटी कार में...ट्रक जैसा समान लोड
कर दिया हो..कहने का मतलब है..बहुत खिचड़ पिछड हो गई थी...
लेकिन कुछ लोग थे जिनके बहुत मज़े आ रहे थे....
 
जैसी कि...जेठालाल...तारक...और भिड़े ..इन तीनो के सबसे ज़्यादा मज़े थे लिफ्ट में...
और हो भी क्यूँ ना....

हुआ ऐसा था..कि जेठालाल के आगे ठीक बबीता खड़ी थी...और वो बिल्कुल चिपक के..
हाए हवा जाने का भी रास्ता नही था...कोई ध्यान भी नही दे रहा था..सब अपनी
ही बातों में मस्त थे....

अब जेठालाल का तो गला ही सुख रहा था....

उधर तारक के आगे खड़ी थी माधवी.....शायद ये पहला अटॅक था तारक के
उपर माधवी का अब तक...माधवी तो बगल में खड़ी बबीता से बात करने में
मस्त थी तो उसने तो ध्यान ही नही दिया...लेकिन बेचारे तारक का तो खड़े
खड़े बंद ही बज गया....उससे बड़ी मुश्किल से खड़ा हुया जा रहा था...
और लास्ट में बचे हमारे भिड़े भाई ...उसके आगे खड़ी थी रोशन...

पहले तो भिड़े रोशन का दीवाना....उपर से ऐसे चिपक के खड़ी उससे...
भिड़े की तो सर पे जितने बाल थी..वो खड़े हो गये..इस हाल में...
अब रोशन तो सामने खड़ी अपने पति से बात करने में व्यस्त थी...
इसलिए उसने भी ज़्यादा ध्यान नही दिया.....

मगर इधर तीनो की तोपों ने सलामी देनी शुरू कर दी.....थी..

तिंज्ग....करके अचानक -3 बेसमेंट का आ गया....और सभी एक एक कर के बाहर
निकलने लगे....और इन तीनों ने अपनी साँस बाहर छोड़ी..चैन की साँस ली

ऐसा हो सकता है..कि इन तीनो लॅडीस को कुछ समझ नही आया....तीनों को महसूस
तो हुआ ही होगा....अजीब बात है...खैर इस बारे में बाद में जानेंगे
अभी तो जहाँ आए..हैं उसके बारे में जान ले.......

सभी लिफ्ट से बाहर आए..तो सामने एक गेट देखा ब्लॅक कलर..का..बॅस
इसके अलावा यहाँ कुछ नही था..

अईयर :- चलो अंदर चलते हैं..यहाँ पे क्यूँ खड़े हैं..

तारक :- अरे भाई..मोहन भाई को तो आने दो...उनके साथ ही तो जाएँगे ना...

जेठालाल :- ये अईयर भाई भी हड़पड़ोडी की तरह उछलते रहेंगे..

अईयर:- क्या कहा तुमने जेठालाल

जेठालाल :- कुछ नही भाई..शांति रखो....

उपर मोहन लाल और अब्दुल वेट कर रहे थे....लेकिन किसका....लिफ्ट तो आ चुकी थी..
तो फिर ये लोग किसका वेट कर रहे हैं...

तभी वहाँ से सोसायटी की एक मात्र रिपोर्टर चलते हुए आ रही थी.....
अच्छा तो इसका वेट किया जा रहा था.......

रीता ने भी रेड गाउन पहना था..बिल्कुल पर्फेक्ट छोटी सी डॉल लग रही थी..
बाल खुले हुए थे....वो गाउन तो इतना छोटा था कि पूछो ही मत...
बस समझ लीजिए..कि रीता की गान्ड ही धकि हुई थी....
उपर से उसका भी स्टरप्लेसस गाउन था....ऐसे वी की शेप में उपर
का डिज़ाइन था....

थी तो बिल्कुल चिपकी हुई ड्रेस ही....अब उसके छोटे छोटे खड़े हुए बूब्स
इस शेप वाले गाउन में लाजवाब लग रहे थे..
 
रीता :- अरे अब्दुल भाई आप गये नही...

अब्दुल :- वो लिफ्ट में जगह नही थी...चलीए अब साथ में चलते हैं..

रीता :- ओके...

और फिर तीनो लिफ्ट के अंदर घुस जाते हैं.....

तीनों लिफ्ट में किस तरह खड़े थे...बीच में रीता...उसके राइट में मोहन लाल और
लेफ्ट में अब्दुल...
-3 तक जाने में करीब 1 मिनट से कम लगेगा...लेकिन वो टाइम काफ़ी होता है..अकेले
में किसी लड़की को थोड़ा बहुत छेड़ना.....

अब्दुल खड़े सिटी बजा रहा था....और अपने हाथ को पीछे ले जाके उपर लाता है....
और ऐसा करते टाइम..उसका हाथ रीता की मस्त गान्ड पे लग जाता है...
रीता एक नज़र से अब्दुल को देखती है..फिर दुबारा सामने देखने लगती है..
दूसरी तरफ से अब्दुल अपनी कोहनी पीछे रखने के लिए करता है...
तो उसकी वो कोहनी...रीता के हाथ पे और हल्का सा उसके छोटे बूब्स पे टच
कर जाता है....

रीता उसकी तरफ भी दिखती है...और कुछ कहने ही वाली होती है कि मोहन लाल बोल
पड़ता है..

मोहन लाल :- लो आ गये...

और तिन्न्ननननणणन्....करती हुई लिफ्ट आके रुक जाती है और गेट खुलता है....
सभी सामने खड़े थे...और आपस में बात चीत कर रहे थे....

मोहन लाल :- अरे आप सब यहीं खड़े हो..

तारक :- बॅस मोहन भाई..आपका ही इंतजार था..

मोहन लाल :- ठीक है तो चलिए.....

और मोहन लाल चलता हुआ सामने गेट को खोलता है.....

सभी गर्दन इधर उधर करके देखने लगते हैं....सामने एक अंधेरे में डूबा
हुआ..मतलब थोड़ी बहुत छोटी छोटी लाइट्स थी...और उसके सामने एक गेट था...जिसपे
2 बड़े ही हट्टे कट्टे...आदमी खड़े थे...

भिड़े :- सोढी..ये हट्टे कट्टे आदमी क्यूँ खड़े हैं...

सोढी :- मेनू की पता..

बोलते बोलते..सब आगे बढ़ रहे थे......

मोहन लाल पीछे मुड़ता है और बोलता है.....आर यू रेडी फॉर दा फन...

Yईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स...सभी लोग चिल्लाते हैं..सिवाए दो को छोड़ के जी..हाँ दया और
जेठालाल...

फिर भी चिल्लाते हैं यीस्स्स्स्स्स्स्स.......

और मोहन लाल गेट को एक झटके से खोलता है....तड़ाक्कककककक........

हूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ...ईईई......
इट्स पार्टी ओं माइ माइंडड......

गानों और लोगों की चिल्लाने की आवाज़ें शुरू हो जाती है....
वाहह क्या महॉल था......गोआ तो सहो मायने में अब शुरू हुआ है...

सामने एक बहुत बड़ा लौन..बहुत ही बड़ा...जिसमे छोटी छोटी डिस्को लाइट्स्स..
एक तरफ म्यूज़िक डॅन्स फ्लोर....और चारो तरफ.....केसीनो.....
बार काउंटर्स....और चारों तरफ सुंदर सुंदर कन्याए..यानी कि मस्त फीमेल्स
वेटरस्स....डिम लाइट्स्स....जिसमे बहुत थोड़ा बहुत ही दिखता है.....
 
सबसे बढ़िया बात ये थी...कि डॅन्स फ्लोर बीच में था..जिसके चारों तरफ सोफे
थे..आराम से बैठो..नाचो गाओ ऐश करो...
और उसके साइड एक कोने में बार काउंटर...और बाकी जगह पर...कसीनो गेम्स...

वाहूऊऊऊऊऊऊ...सबके मुँह से यही
निकलता है...

अंजलि :- मोहन भाई...वाऊ इट्स फाबुलस...

मोहन लाल :- थॅंक यू अंजलि भाभी..

बबीता :- रेआलयी मोहन भाई..हॅट्स ऑफ टू यू....

भिड़े :- मोहन भाई..ये तो कमाल है...

मोहन लाल :- थॅंक यू भिड़े भाई...अच्छा तो आप सब अंदर नही चलेंगे.....

हां बिल्कुल्ल...और सभी अंदर घुसने लगते हैं..तभी सामने से एक
लड़की आती है...और मोहन लाल के पास आके रुकती है..

गुडईव्निंग सर...

बसस्स बसस्स...सब अपने दिमाग़ को रेड सिग्नल दिखा दो..क्यूँ कि मुझे पता है
आप सब का दिमाग़ स्पीड कार की तरह कहाँ जा रहा है..में जानता हूँ यही सोच
रहे होंगे कि फिर से एक और लेटर वाली लड़की आ गई....
पोपातत्तटटतत्त...कर दिया मेने सबका हाहहहः.....मज़ाक कर रहा हूँ..

गुड ईव्निंग प्रीति........

प्रीति :- सर..आज यहाँ पर एक ड्रेस कोड है...

मोहन लाल :- हाँ मुझे पता है..तभी तो देखो...कि मैने सार जेंट्स को ब्लॅक
ड्रेस पहान्वाया है और लॅडीस को रेड..

प्रीति :- जी सर..वो तो में देख रही हूँ..बट अभी भी एक चीज़ मिस्सिंग है...

पीछे खड़े सारे लोग...ढंग से सुन समझ नही पा रहे थे..कि क्या बात हो रही है..
काफ़ी शोर हो रहा था...

मोहन लाल :- क्या मिस्सिंग है..

प्रीति :- सर ये... ...

और वो कुछ देती है मोहन लाल

मोहन लाल :- ओह्ह येस्स...ये तो में भूल ही गया...अच्छा तो सब इंतेज़ाम कर दो..

में अभी देके आता हूँ...

फिर मोहन लाल पीछे मुड़ता है और सब के पास जाने लगता है..जो ज़्यादा दूर नही खड़े
थे...

 
मोहन लाल :- ओह्ह येस्स...ये तो में भूल ही गया...अच्छा तो सब इंतेज़ाम कर दो..

में अभी देके आता हूँ...

फिर मोहन लाल पीछे मुड़ता है और सब के पास जाने लगता है..जो ज़्यादा दूर नही खड़े
थे...

मोहन लाल :- देखिए आप सब को कुछ में दे रहा हूँ...

सब एक दूसरे की शकलें देखने लगते हैं..

मोहन लाल :- अरे घबराइये मत...ये लीजिए.....मास्क.....

वाऊ..बबीता के मुँह से निकलता है...

माधवी :- ऐसा कैसा है..मास्क...किस लिए..

अंजलि :- माधवी भाभी..ये मास्क पार्टी है..

दया :- मतलब

बबीता :- दया भाभी...हम सब को यहाँ मास्क पहन के रहना पड़ेगा...

दया :- ऊऊओ...

सोढी :- अरे वाहह मोहन प्रा..दिल खुश कर दिता तुस्सी.....

और फिर मोहन लाल सबको मास्क दे देता है..और सब मास्क पहन लेते हैं...

मोहन लाल :- तो..एंजॉययी........

और ये बोल के निकल जाता है..

सब हुरर्री...करते हैं...और घुस जाते हैं पार्टी में......

सारी लॅडीस तो पहुच जाती है.....डॅन्स फ्लोर पे....

एक से बढ़ के तड़कते फड़कते गाने चल रहे थे\.....
जेंट्स तो वहीं सोफे पे बैठ गये..और दे दिया ड्रिंक्स का ऑर्डर....आज थोड़ी
बहुत ड्रिंक चलती है...गोआ है भाई...

हाए आए..सारी लॅडीस तो एक से बढ़ के एक ठुमके लगा रही थी....
सबके तो लंड हिल गये...ऐसे देख के....

हाई बबीता के वो झटके.....क्या बात है..उसकी गान्ड तो ऐसे ठुमके मार रही थी..
की जेठालाल के तो पसीने ही निकल गये..एक तो इतनी बड़ी गान्ड...उपर से इतनी टाइट
फिटत्टिंग वाली ड्रेस.....दबोचने का मन कर रहा था..जेठालाल का तो...
वैसे तो सबका बुरा हाल था...

अंजलि कम ठुमक रही थी...अपनी कमर खूब हिला रही थी.हाए उसकी वो पतली कमर
एक दम मस्त लग रही थी ठुमकते हुई...अंधेरे की वजह से सॉफ
तो नही दिख रहा था..कि क्या ज़्यादा हिल रहा है..लेकिन सबके बूब्स तो ऐसे हिल रहे
थे..जैसे अभी बाहर आ जाएँगे......

इधर ड्रिंक्स सर्व होनी शुरू हुई..

सबने चीर्स्स करा.......और गटक....गले के अंदर...पहला सीप..

सोढी :- अरे मेहता साब...मज़ा आ गया यार.....

तारक :- हाँ भाई..लेकिन बीवियों से सिर्फ़ लिमिट में करने की इज़ाज़त मिली है..

भिड़े :- वो तो ठीक है..लेकिन अप्रतिम नज़ारा है यहाँ का

जेठालाल :- सही बोला भिड़े तू...यहाँ का महॉल तो बहुत ही गरमा गर्म है..
और ये बोलते हुए वो अईयर को देखता है..

अईयर की तो गान्ड ही सुलग जाती है.....

सभी चियर्स करते हैं..और एक सिप्प और.....सबका पहला ग्लास खाली....सभी मज़े में
आ गये थे...
 
तारक :- चलो यार हम भी चलते हैं..अपनी अपनी वाइफ को जाय्न करते हैं..

सोढी :- मेहता साब...एक और ना..प्लीज़..

भिड़े :- हाँ मेहता साब..

तारक :- देखो भाई याद है ना पिछली बार का किस्सा.....अभी चलते हैं..फिर आके लगाएँगे
एक एक और पॅक...

सभी हामी भरते हैं..और घुस जाते हैं...लॅडीस के साथ...

सभी ठुमके लगाने लगते हैं...सब अपनी अपनी बिबीयों के साथ डॅन्स करने लगते
हैं.....अंधेरा का फ़ायदा उठाना कोई चाहता था...और वो इसमे कामयाब भी हो रहा
था...जी हाँ.....

हमारे सोढी पाज्जी..तो नशे में आ चुके थे....एक ही पॅक में..वो तो जी
खोल के नाच रहे थे....और इसको झेलना था..सोढी के बगल में खड़ी दया को...
जी हाँ..सोढी हाथ चला रहा था..जो दया की गान्ड और उसके पीछे शरीर पे खूब कस
कस..के टच हो रहे थे.....दया को थोड़ा अजीब लगा..लेकिन वो कुछ बोल नही सकती थी..
क्यूँ कि उसे पता था..कि सोढी डॅन्स कर रहा है....और उसने जान बुझ के नही किया
है ये सब.....
 
उधर भिड़े रोशन के बगल में खड़ा डॅन्स कर रहा था....और वो यहाँ सोढी की
तरह नही कर रहा था....बल्कि जान बुझ के टच करने के चक्कर में था....
जान बुझ के माधवी की तरफ घूम गया...जिससे भिड़े की गान्ड..रोशन की गान्ड से
टकरा रही थी......रोशन को एक पल के लिए कुछ अजीब लगा...लेकिन फिर उसने इग्नोर
करते हुए डॅन्स शुरू कर दिया...लेकिन भिड़े तो आज फुल मूड में मौके का
फ़ायदा उठाना चाहते था...इसलिए वो पीछे होते हुए..रोशन से चिपके जा रही थी...
रोशन कुछ बोल नही पा रही थी.....

इधर जेठालाल की नज़र तो बबीता जी पर ही थी..बेचारा उससे टच तो नही कर पा
रहा था..क्यूँ कि बीच में कबाब की हड्डी की तरह खड़ा अईयर जो था...
जेठालाल की नज़र बबीता के उन बड़े ह्यूज्ली साइज़ वाले बूब्स पे थी..जो उसके
स्टार्पलेस्स गाउन में से बाहर की तरफ जंप मार मार के उछल रहे थे...
जैसे अभी अंदर से निकलके बाहर आ जाएँगी...जेठालाल के लंड की तो
बुरी हालत थी......

लेकन सभी फुल मस्ती में डॅन्स कर रहे थे...आज किसी को भी दुनिया दारी कुछ
याद नही था...सब अपनी धुन में थी......
कुछ देर डॅन्स करने के बाद...

सारे लोग थक गये थे....और जाके वहाँ सोफे पे बैठ गये थे....
सबकी साँसें उपर नीचे हो रही थी.....

सभी लॅडीस के बूब्स बहुत ही तेज़ी के साथ उपर नीचे हो रहे थे....
लेकिन देखने में सबसे मस्त तो माधवी और बबीता के लग रही थी..उनकी ड्रेस
ही ऐसी थी..कि सबसे ज़्यादा एक्सपोज़ उनके बूब्स का ही था.....

लेकिन यहाँ कुछ मिस्सिंग लग रहा है...अरे हाँ यार...यहाँ तो फिर तीन जने
मिस्सिंग है...मोहन लाल अब्दुल और रीता...यार ये तीनों कहाँ गायब हो जाते हैं
हर थोड़ी देर में...

खैर इन तीनो में थोड़ी देर बाद अपनी दूरबीन से खोज लूँगा..आख़िर बच के
जाएँगे कहाँ.....

सोढी :- एक्सक्यूस मी..

तभी वहाँ से एक फीमेल सुंदर सी छोटी सी थी...आती है..
 
मे आइ हेल्प यू सर..

सोढी :- यस...प्लीज़ एक एक आप गोआ की सोएसियाल ड्रिंक पिला दो..

रोशन :- रोशन...मना किया है ना ज़्यादा नही पीनी है...

सोढी :- रोशन मेरी जान..अभी तो हमे सिर्फ़ एक ही पॅक पिया है..

जेठालाल :- और रोशन भाभी...अब गोआ आए हैं..और यहाँ की कोई पेशल चीज़ ना पिए
तो फिर मज़ा किस बात का... (जेठालाल का मतलब है स्पेशल )

तारक :- हाँ और अंजलि अब रोज़ रोज़ थोड़ी ना पिएँगे प्लीज़ यार...

भिड़े :- प्लीज़ माधवी..

लॅडीस कुछ देर सोचती है..

अंजलि :- ओके..लेकिन सिर्फ़ 1 ग्लास...

सभी जेंट्स का थोड़ा मूड खराब होता है लेकिन सब सोचते हैं ना से तो 1
ग्लास ही सही...

तभी उधर..बबीता कुछ फुसफुसाती है..अंजलि के कान में...पहले तो अंजलि मना
करती है..लेकिन बबीता के ज़ोर देने पर...फिर वो मान जाती है..और सबको बोलती है..
दया सबसे पहले..

दया :- हे माँ माताजी....ये आप क्या बोल रही है अंजलि भाभी..

रोशन :- हाँ रे हाँ अंजलि भाभी..ये नही हो सकता बावा...

माधवी :- हाँ...सही बात है..

अंजलि :- देखा बबीता जी..मेने आपको कहा था ना..

इधर जेंट्स...जो उनके सामने बैठे थे...
जेठालाल :- मेहता साब..ये लोग क्या बात कर रहे हैं..

तारक :- क्या पता जेठालाल...

उधर..लॅडीस की तरफ...

बबीता :- प्लीज़ ना क्या आप भी....
और फिर समझाने लगती है..10 या 15 मिनट तक कुछ बोलती रहती है..

बबीता :- प्लीज़ ना इससे कोई फ़र्क नही पड़ता आइ नो...

सब बबीता के इतना कहने पर हाँ कर देते हैं.....

अंजलि :- तारक...मुझे कुछ कहना है..वो बोलते हुए डर रही थी...

तारक :- हाँ बोलो..

अंजलि :- वो हम सब लॅडीस ने फ़ैसला किया है..कि हम सब भी वो गोआ स्पेशल
ट्राइ करना चाहती हैं..

तारक :- क्या...
\
तारक के साथ सभी यही बोलते हैं..
 
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