XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 39 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

तारक :- क्या हुआ..अंजलि..कुछ बात हुई..

अंजलि :- कहाँ तारक बबीता जी..तो गेट ही नही खोल रही हैं...

जेठालाल :- क्या बबीता जी..ने गेट बंद कर लिया है..

दया :- हाँ टप्पू के पापा...

अईयर :- बबीता प्लीज़ खोलो...मेहता साब...कुछ करिए..

तारक :- अईयर मेने तुम्हारे सामने कॉसिश की ना..बबीता जी मानने को तैयार नही है..
तो में क्या कर सकता हूँ..

दया :- टप्पू के पापा आप बात करके देखिए ना..

जेठालाल :- ठीक है दया....और फिर वो दरवाजा नॉक करने लगता है..
बबीता जी..में जेठा जी...दरवाजा खोलिए...

बबीता :- नही जेठा जी..में नही खोलूँगी डोर.

जेठालाल :- बबीता जी..आप मुझसे बात नही करेंगी..प्लीज़.....एक बार मुझे तो अंदर
आने दीजिए...

बबीता :- जेठा जी प्लीज़..

जेठालाल :- बबीता जी सिर्फ़ में आउन्गा..प्लीज़...मेरे अलावा कोई अंदर नही आएगा..

अईयर :- जेठालाल क्या बोल रहे हो तुम..

जेठालाल :- अरे आप शांति रखो ना..बबीता जी को मनाना है कि नही..मेहता साब..
समझाइये इस भाई को..

तारक :- अईयर....तुम शांति रखो जेठालाल को बात करने दो ना..

जेठालाल :- प्लीज़ बबीता जी....एक बार मुझसे तो बात कर लीजिए..

कुछ 2 मिनट के बाद..

बबीता :- ओके जेठा जी..लेकिन सिर्फ़ आप आ सकते हैं..और कोई आया..तो मुझसे बुरा
कोई नही होगा...

जेठालाल :- हस्स्शह....ओके बबीता जी..जैसा आप कहें...कोई नही आएगा..आप गेट तो
खोलिए....

और कुछ सेकेंड में अंदर से गेट का लॉक खुल जाता है...

अईयर :- चलो में भी अंदर चलता हूँ..

जेठालाल :- क्या अंदर चलता हूँ...अभी बबीता जी ने क्या बोला आपको समझ नही आया..
मेहता साब..समझाइये ..

तारक :- अईयर ट्राइ टू अंडरस्टॅंड दा सिचुयेशन....उसे जानने दो भाई..

दया :- टप्पू के पापा में चलूं..

जेठालाल :- तेरा दिमाग़ तो ठीक है दया...अभी में अईयर भाई को क्या समझा रहा
था...तू भी शुरू हो गई..

दया :- सॉरी....

तारक :- जेठालाल तुम अंदर जाओ..

जेठालाल :- आप सब देखना....में अंदर सब कुछ ठीक कर दूँगा..

बॅक ग्राउंड.म्यूज़िक.......शेर की दहाड़ने की आवाज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़.....

और जेठालाल अंदर घुस जाता है...और दरवाजा को थोड़ा पुश करता है..
और गेट लॉक.............

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बबीता सिर्फ़ जेठालाल को अंदर आने का इन्विटेशन देती है....और जेठालाल
सिर्फ़ अकेले रूम में उपर एक टी शर्ट पहन के..और नीचे कॉस्ट्यूम में अंदर
चला जाता है.......और गेट लॉक....मतलब कि अब गेट सिर्फ़ तभी खुलेगा......
जब कोई अंदर से खोलना चाहेगा उससे पहले नही खुलेगा....

जेठालाल ने अंदर बबीता की तरफ देखा...तो उसके चेहरे पे एक छोटी सी स्माइल आ
गयी......
सामने बबीता एक कोने में बैठी थी....उसके बाल हल्के से गीले थे...
उसने बीक वाला गाउन पहन रखा था..लाइट ब्लू कलर का था...वो अपने
पैर के उपर पैर रख के बैठी थी.....जिसकी वजह से उसके घुटनो वाली जगह से उसका
गाउन हट गया था...और हल्के से उसकी थाइस पे से भी हट गया था .. जिसकी
वजह से जेठालाल को बबीता के गोर्रे पैरो के दर्शन हो रहे थे....

बबीता अपनी गर्दन नीचे झुका के बैठी थी.....
जेठालाल कुछ पल देखता रहा...फिर होश में आके....हल्की आवाज़ में...

जेठालाल :- बबीता जी.....

बबीता ने अपनी मुन्डी उपर की...और जेठालाल की तरफ देखा...बबीता के चेहरे पे
दुख नज़र आ रहा था....उसने दुबारा अपनी गर्दन नीचे कर ली..

जेठालाल बबीता के करीब जाते हुए.....

जेठालाल :- बबीता जी...आप ऐसे मायूस क्यूँ बैठे हो...मुझसे आपको ऐसा देखा नही जा
रहा है...

थोड़ी देर बबीता चुप रही...फिर उसने अपनी गर्दन उपर करी...और बोलना शुरू किया..

बबीता :- तो क्या करूँ जेठा जी....अईयर ने जो किया उससे में बिल्कुल खुश नही हूँ...
और अपने भी उसका साथ दिया..तो मुझे और भी ज़्यादा दुख हुआ..

जेठालाल बबीता के सामने घुटनो के बल बैठ गया....

जेठालाल :- बबीता जी..में आपको दुखी नही करना चाहता था.....

बबीता :- तो फिर अपने ऐसा क्यूँ किया..

जेठालाल :- बबीता जी...सुबह से मुझसे आपका वो उदासी भरा चेहरा नही देखा जा रहा
था....तो मेने आपके ये प्यारे से चेहरे पे खुशी लाने की लिए किया..

बबीता :- लेकिन जेठा जी..ये तो ग़लत है ना...आप मेरे लिए इतने प्यार से ये गिफ्ट लाए थे
और वो गिफ्ट अईयर के हाथो आपने मुझे दिया..

जेठालाल :- बबीता जी..ये गिफ्ट तो कुछ भी नही है...में आपको इससे भी बढ़िया गिफ्ट लाके
दे सकता हूँ....उस वक़्त मुझे आपकी खुशी के लिए यही लगा इसलिए मेने ये आइडिया दिया
अईयर भाई को....अगर आपको बुरा लगा उसके लिए में आपसे माफी चाहता हूँ..लेकिन आप
प्लीज़ ऐसे नाराज़ मत होइए....में आपको ऐसे निराश नही देख सकता...

जेठालाल एक ही साँस में सब बोल देता है...बबीता उसको घुरे जा रही थी.....जैसे
की आज नोच खाएगी.....
 
बबीता अपना हाथ आगे बढ़ा कर...जेठालाल के हाथो को पकड़ लेती है.....
जेठालाल के शरीर में मानो 880 वॉल्ट का झटका लग गया हो....वो मन ही मन
मुस्कुरा रहा था...उसके हाथ कांप रहे थे.....

बबीता :- ओह्ह जेठा जी...आप मेरे लिए कितना सोचते हैं...आपको मेरी कितनी वॅल्यूस है..
यू आर सो गुड..

जेठालाल अपने दाँत दिखाते हुए...उससे कुछ समझ तो नही आया जो बबीता ने एंड में
कहा ...

जेठालाल :- बबीता जी...में आपके लिए हमेशा अच्छा ही सोचता हूँ...आपको खुश रखने
के लिए में कुछ भी कर सकता हूँ..मुझसे आपके चेहरे पे ये उदासी नही देखी जाती..
एक बार प्लीज़ मेरे लिए ही अपनी मस्त स्माइल दे दीजिए...

बबीता हल्का सा मुस्कुरा देती है....

जेठालाल :- ये हुई ना बात.....लेकिन अभी भी मुझे लग रहा है..कि आप निराश ही हो..
किसी बात को लेकर..

बबीता थोड़ी देर चुप हो जाती है......

उसी वक़्त कमरे के बाहर.....

अईयर :- इतना टाइम क्यूँ लग रहा है...मेहता साब...

तारक :- अईयर तुमने देखा नही..कि कितना गुस्सा है बबीता जी..वो तो शूकर करो..
कि जेठालाल को आने दिया..अगर अभी सब सोसायटी वालों को पता चल जाता
तो कितना बवाल हो जाता..

अईयर :- मेहता साब..आप शायद ठीक बोल रहे हो..

तारक अपने मन में....अरे अईयर...आज जेठालाल इतनी जल्दी नही आने वाला..इस पल
के लिए तो वो कब से इंतजार में था....
लेकिन जेठालाल कुछ ऐसा मत कर देना कि तुम्हारी ही बॅंड बज जाए....
 
तारक अपने मन में....अरे अईयर...आज जेठालाल इतनी जल्दी नही आने वाला..इस पल
के लिए तो वो कब से इंतजार में था....
लेकिन जेठालाल कुछ ऐसा मत कर देना कि तुम्हारी ही बॅंड बज जाए....

अंदर.....

बबीता थोड़ी देर चुप रहती है...उसके बाद बोलती है..

बबीता :- जेठा जी..अपने कहा कि आप मुझे खुश करने के लिए कुछ भी कर सकता हूँ..

जेठालाल :- बबीता जी..इसमे कोई कहने वाली बात है....बिल्कुल रख सकता हूँ...

बबीता :- जेठा जी....आपको पता है...अईयर मुझे........बबीता बोलते बोलते रुक जाती है..

जेठालाल को पहले कुछ समझ नही आता..लेकिन जब उसे समझ आता है..तो उसकी आँखें
बड़ी हो जाती है...वो लपलपाता हुआ बोलता है..

जेठालाल :- हां..वॉव...दयाआ..ने बताया...था..मुझे....
अभी तक अईयर भाई...मतलब..अईयरर भाई को टाइम नही मिला...

बबीता जेठालाल की आँखो में आँखें डालते हुए....

बबीता :- टाइम तो सिर्फ़ बहाना है जेठा जी....अईयर सिर्फ़ अपने बारे में सोचता है....और
खुद रिलॅक्स होके सो जाता है..मेरी फीलिंग्स की तो उसे कोई परवाह ही नही है..
में रात भर बिस्तर पे बस ऐसे ही पड़ी रहती हूँ..उसके इंतजार में..लेकिन उसको
मेरी कोई परवाह हे नही होती...

बबीता एक साँस में आज वो बोल देती है...जो कोई औरत दूसरे मर्द के सामने ऐसे
बात नही कर पाती..जेठालाल के तो आँख कान और सब..कुछ खड़ा हो जाता है....
जेठालाल अपने थूक गले के अंदर गटकते हुए..

बॅक ग्राउंड म्यूजिक.....फ्लेश चलने की आवाज़..

जेठालाल की हालत कुछ बोलने वाली थी ही नही...वो तो बस बबीता को घुरे जा रहा
था...और बबीता भी उसे ही देख रही थी..इस आस में की जेठालाल कुछ बोलेगा..

जेठालाल बोलने की कॉसिश करते हुए..

जेठालाल :- तूह...आ...प्प...समझाइये...अईयर...र...भा.आई.ई...को.ऊ...ओ

बबीता :- क्या . जेठा जी....उसे खुद नही दिखता कि उसकी वाइफ..की क्या हालत है...
आप मुझे खुद बताइए...की आप दया भाभी को प्यार नही करते..

जेठालाल :- करता हूँ बबीता जी..में दया से बहुत प्यार करता हूँ...आख़िरकार..वो मेरी
वाइफ है...

बबीता :- जेठा जी..में वैसे वाले प्यार की बात कर रही हूँ...

जेठालाल अपना मुँह टेडा करते हुए...वैसा वाला प्यार कौन सा.बबीता जी...
 
बबीता जेठालाल का हाथ छोड़ते हुए...खड़ी होकर सामने की तरफ चल देती है....

बबीता :- जेठा जी...आप नही समझ रहे हैं...में एक औरत को दिए गये प्यार की बात कर
रही हूँ...जो अईयर नही करता...

जेठालाल का ध्यान तो बबीता की बातों पर था ही नही....उसका ध्यान तो इस वक़्त
बबीता की हिलती हुई..मस्त मस्त..बड़ी बड़ी..गोल गोल गान्ड पर था...
अचनक से बबीता मुड़ती है..और जेठालाल की तरफ देखती है....
जेठालाल सकपका जाता है....

जेठालाल :- अहहन्न.वू...हाँ...बबिता.आजी..ऐसा नही है..अईयर भाई भी तो आपको बहुत प्यार
करते हैं..हर जगह आपकी साथ जाते हैं..हमेशा आपके साथ ही रहते हैं..

बबीता :- ओफो जेठा जी..आप अभी भी नही समझी...में एक औरत की प्यास की बात कर रही
हूँ..जो अईयर ने अभी तक नही भुजाई है मेरी..

आज बबीता इतना बेवाक हो गई थी...कि उसे खुद नही पता कि वो क्या बोल रही है..आज उसके
सारे जज़्बात सामने आ रहे थे...जज़्बात ग़लत नही थी..लेकिन जिसके सामने वो बोल
रही थी..शायद वो उसे नही बोलना चाहिए था.....

जेठालाल को अभी भी कुछ समझ नही आया..वो अपने मन में..ये बबीता जी आज कैसी बात
कर रहे हैं...प्यास औरत...छी..ये अईयर भाई..क्या ढंग से पानी भी नही देते...किसी काम
के नही है....

बबीता जेठालाल को यूँ सोचता देख...क्या सोच रहे हैं जेठा जी..

जेठालाल :- ये अईयर भाई को कोई काम नही आता...मतलब जब आप प्यासे होते हो जब भी उन्हे
तरस नही आता..

बबीता :- तो..

जेठालाल :- इंते आलसी हो गये..कि कम से कम आपकी प्यास भुजाने के लिए पानी का ग्लास
नही दे सकती....

बबीता :- क्याअ....पानी.....ओफूऊ जेठा जी...
और अपने सर पे हाथ मारता है..

जेठालाल जो घुटनो के बल बैठा था..वो खड़ा हो जाता है....

जेठालाल :- क्या हुआ बबीता जी..

बबीता :- आपको अभी तक मेरी बात समझ नही आई..ओफो..जेठा जी....

जेठालाल :- सॉरी बबीता जी..लेकिन मुझे नही पता कि आप क्या बोल रहे हो..

बबीता :- अरे जेठा जी..एक औरत की प्यास....उसके शरीर की प्यास....

जेठालाल का दिमाग़ फिर घूम गया.....अपने आप से...
शरीर की प्यास...हैंन्न...लगता है आज बबीता जी..सच में कुछ ज़्यादा परेशान है..
क्या हो रही है...दया ने तो कभी ऐसा नही बोला...

जेठालाल :- शर..ई..र्र...क.ई...पप्यासस....बबीता जी...

बबीता को थोड़ा गुस्सा आ जाता है.....
और फिर बबीता वो करती है....जिसका जेठालाल को अंदाज़ा भी नही होता...
अचानक बबीता के इस हमले से जेठालाल को उपर से लेके नीचे तक करेंट सा
फील हो जाता है......आज उसको झटके पे झटके मिल रहे थे
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बसस्स्सस्स मतलब मेने इतनी देर से नही बोला तो इसका मतलब ये नही है..कि मुझे कुछ याद
नही है.....लगा लिया ना दिमाग़ आप सब ने...मुझे पता है दिमाग़ में तो यही चल
रहा है..कि बबीता ने जेठालाल को खीच के अपने से चिपका लिया है..या फिर उसकी चुम्मि ले
ली है...या फिर कुछ..है ना..यही समझ रहे हो ना....
हर बार...हर बार....बार बार बोलना पड़ता है..
मेरी उंगलियाँ टूट के गिर जाएँगी...अब इतनी बार लिखूंगा तो..यही हो जाएगा कुछ टाइम
बाद.....मतलब 2 मिनट का भी सब्र नही है....में बता रहा हूँ ना...इतना डेस्परेट..
हद है यार....

वो हुआ यूँ..कि आपको जैसे पता ही है..कि बबीता को खुद नही पता आज वो क्या कर रही
है....तो..जेठालाल की साँसें रुकने की वजह ये थी...कि.....

बबीता ने अपना गाउन अपने दोनो हाथों से अलग करते हुए....अपना अंदर का
नज़ारा दिखा दिया था.....उसकी रेड कलर की बिकनी....जो उसने बीच पे पहनी
थी..वो अभी भी पहनी हुई थी....जेठालाल की नज़र तो ठीक बबीता के बड़े बड़े..
उन बूब्स पे जाके अटकी पड़ी थी...जिसमे उसकी बूब्स की दरार सॉफ दिख रही थी...

बबीता :- जेठा जी..मेरा मतलब था ये....मेरे शरीर की प्यास...जो आज तक अईयर ढंग
से नही भुजा पाया...आब आप समझ गये ....

जेठालाल बबीता की बातों पे ध्यान ही कहाँ था....उसकी नज़र तो बबीता के बोलने
पर वो हिलते हुए तरबूज जैसे बड़े बड़े बूब्स....जिसके निपल्स उसकी ब्रा के उपर
से नज़र आ रहे थी..

जेठालाल धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए.....बबीता के करीब जा रहा था.....
बबीता जेठालाल को अपने पास आते देख अपने गाउन को अपने हाथों से छोड़
देती है...अब उसके सामने का हिस्सा उजागर था..बस गाउन उसके शरीर पे था..

अब जेठालाल भी दूसरी दुनिया में जा चुका था....वो बबीता के बेहद करीब आ
जाता है....

बबीता :- जेठाअजी......
बॅस बबीता इतनी ही बोल पाती है...क्यूँ की जेठालाल अपना हाथ बबीता के मुँह पर रख
देता है....

बबीता की आँखें बंद हो जाती है....जेठालाल बबीता के बेहद करीब आ जाता है..इतना करीब
कि अब उन दोनो के बीच से हवा तक निकलने का रास्ता नही था....
बॅस जेठालाल की चेस्ट..बबीता के ब्रेस्ट से आधे इंच से भी कम दूरी पे होती है..

जेठालाल :- बबीता जी...आप अपनी आँखें तो खोलिए....

बबीता इतना सुन के अपनी की आँखें खोलती है.....और जेठालाल तो बबीता की आँखों
में देख के मदहोश हो जाता है.....

बबीता की आखों में एक अजीब सा नशा एक अजीब से कशिश जेठालाल को दिखाई देती है..
जेठालाल का लंड तो पहले से ही...अपने उफान पे था...अब जब कोई नूर की परी..
अपने इतने मदमस्त और भारी..भरकम..अनमोल रतन का प्रदर्शन करेगी..
तो हालत तो खराब हो गी ही...कोई माई का लाल नही बच सकता इससे.....

कुछ देर दोनो एक दूसरे की आँखों में देखते रहते हैं.....
फिर बबीता बोलती है..

बबीता :- जेठा जी...आपको नही पता....कि मेने क्या दुख झेला है..पूरी पूरी रात नही सो
पाती हूँ में...

जेठालाल :- बस बबीता जी...बस...अब उसकी नौबत नही आएगी....आपको पता है....ये मेरा
बहुत पुराना सपना था....कि में और आप......
बॅस इतना ही बोलता है..

बबीता के चेहरे पे एक अजीब सी मुस्कान आ जाती है...मानो कह रही हो..कि मुझे पता है
कि आप क्या चाहते हैं..

जेठालाल :- मुझे तो सपने में यकीन नही था..कि में और आप..इस जगह पर
और ऐसे हालत में पास आएँगी.....मुझे तो आप का तबसे इंतजार है....जबसे
यह कहानी शुरू हुई थी.....बबीता जी....आपके जैसी सुंदर और इतनी खूबसूरत औरत नही देखी है....आप ..
तो बॅस आप ही हैं...
 
बबीता हल्का सा मुस्कुराती है.....और बोलती है...ओह्ह जेठा जी...आप भी ना...में इतनी
भी अच्छी नही हूँ..वो तो बस देखने वाले की नज़र में होना कहीं....

जेठालाल :- लेकिन मेरी नज़र से देखें तो आप एक परी है परी.....

जेठालाल की इस लाइन पर तो जैसे बबीता मर मिटी उस पर.....
उसने फ़ौरन जेठालाल को थोड़ा सा खिचा और उसे अपने गले से लगा लिया ...
और ऐसा करते ही जेठालाल के चेस्ट पे बबीता के मुलायम..बूब्स...और उसके वो सख़्त
निपल्स..जेठालाल की छाती में धन्स गयी......

अभी सिर्फ़ उपरी भाग का हिस्सा आपस में मिला था...नीचे का कुछ भी टच में
नही था....

जेठालाल का तो मूँह खुल गया था....बबीता के ऐसे चिपकने से...उसके शरीर में
एक बार फिर से करेंट की बड़ी ल़हेर दौड़ गई.......

जेठालाल क लंड तो कॉस्ट्यूम फाड़ने की हालत में आ गया था....उसके लंड का तंबू
तो कोई भी आसानी से देख ले....

बबीता ने बहुत खास के गले लगाया था...जेठालाल को...बबीता को भी मज़ा आ रहा था..

दोनो को ये ख्याल तो था ही नही..कि वो एक शादी शुदा है...दोनो का एक परिवार है
आज शरीर की प्यास..और सेक्स के ज़ोर ने..दोनो को अपने रिश्ते भुला दिया था.....

आख़िर कार..2 मिनट बाद बबीता ने जेठालाल को अलग किया..जेठालाल की तो आँखें फटी पड़ी
थी...उसके दाँत दिख रहे थे....

बबीता जेठालाल को हिलाते हुए....आर यू ओके जेठा जी..

जेठालाल होश में आते हुए...

जेठालाल :- हाँ में ठीक हूँ बबीता जी..हाँ...

बबीता :- बसस्स जेठा जी...बस...अब और नही.......में नही रह सकती..प्लीज़...मुझे आज इतना
प्यार करिए...कि बॅस....में कुछ नही जानती..

जेठालाल :- लेकिन बबीता जी....क्या ये सही है.....

बॅक ग्राउंड म्यूजिक.. फ्लश चलने की आवाज़्ज़्ज़........

बबीता :- देखिए जेठा जी..इस वक़्त कुछ सही और कुछ ग़लत नही है.....बससस्स आप..
मुझे वो खुशी दे दीजिए जिसके लिए में कब से बेताब हूँ...
आपको नही पता..वो ऑटो वाला इन्सिडेंट..और वो टॅक्सी वाल उफ्फ...वो याद करके
मेने अपनी रातें काटी है...आप कुछ मत सोचिए..

जेठालाल तो अब बीच में फँसा पड़ा था..बाहर उसकी बीवी..और इधर...तंदूरी
चिकन...जो खुद ही हलाल होने को बैठी थी...

तभी जेठालाल को आइडिया आता है...और वो रूम के गेट की तरफ बढ़ता है...बबीता उसका
हाथ पकड़ लेती है....

बबीता :- कहाँ जा रहे हैं आप..

जेठालाल :- बबीता जी...बाहर शक हो जाएगा....आप रूकिए एक मिनट..

बबीता हाथ छोड़ देती है..और जेठालाल गेट के पास पहुच कर गेट खोल देता है..

बाहर तारक और अईयर ही खड़े...थे..
अईयर जेठालाल को देख के..

अईयर :- जेठालाल..हो गया प्राब्लम सॉल्व...कितनी देर कर दी..
बताओ..
 
बबीता हाथ छोड़ देती है..और जेठालाल गेट के पास पहुच कर गेट खोल देता है..

बाहर तारक और अईयर ही खड़े...थे..
अईयर जेठालाल को देख के..

अईयर :- जेठालाल..हो गया प्राब्लम सॉल्व...कितनी देर कर दी..
बताओ..

जेठालाल हँसते हुए....अईयर भाई...थोड़ा शांति रखो...अभी बबीता जी को समझा रहा
हूँ....कॉसिश कर रहा हूँ..थोड़ा बहुत राज़ी हुई है..बस कुछ देर और लगेंगे....

अईयर :- और कितनी देर..तुम हटो में खुद ही देख लेता हूँ..

जेठालाल घबराते हुए...मेहता साब..समझाइये इन्हे..

तारक :- देखो अईयर तुम खाम खा....जेठालाल के काम को बेकार कर दोगे..
थोड़ी देर और ही सही...

अईयर :- ठीक है मेहता साब.....जेठालाल ज़्यादा टाइम मत लगाना.....

बॅक ग्राउंड म्यूजिक.....आआयूऊऊऊऊऊ

और जेठालाल दरवाजा बंद करके दुबारा अंदर चला जाता है....

जेठालाल जैसे ही अंदर घुसता है....और बबीता की तरफ जाने ही लगता है कि
बबीता अपना गाउन उतार के फेंक देती है.....

वाहह जेठालाल के मुँह से निकल जाता है....जेठालाल बबीता के चेहरे पे सिर्फ़
और सिर्फ़ ये देख पा रहा था..कि वो कितनी ज़्यादा पागल है...सेक्स के लिए...
जेठालाल को तो झटके आ रहे थी नीचे से...उसका कॉस्ट्यूम बाहर से भी हिल रहा था..
जेठालाल के सामने..बबीता का शरीर गोरा चिटा...हाए क्या बताऊ...डिस्क्राइब भी
नही कर सकता यार....
आप खुद ही इमेजीन कर लो.....

जेठालाल इतना खुश इसलिए था..क्यों कि वो बबीता के साथ इस वक़्त अकेले था...
बबीता चलती हुई जेठालाल के पास आ रही थी.....
जेठालाल की दिल की धड़कन तेज़ हो रही थी......

बबिता जेठालाल के करीब आई....और बिल्कुल बेहद करीब आके...उसने...
उसने जेठालाल के होंठो पे अपने होंठ रख दिए....और अपने लिप्स से जेठालाल के
लिप्स को चूसने लगी...जेठालाल का तो खड़े खड़े ही बॅंड बज गया...
उसकी हालत तो...बहुत खराब हो गई...

बबीता ने जेठालाल के कंधो पे अपने हाथ रख के...अपनी तरफ खिचा...
और इस बार जेठालाल बबीता से पूरा चिपक गया....

इस बार करेंट लगने की बरी..तो बबीता की थी..क्यूँ कि जेठालाल का लंड बबीता की
चूत से जा टकराया..

लेकिन बबीता ने अपनी किस नही तोड़ी...वो जेठालाल के लिप्स पे अपने लिप्स बराबर चलाए
जा रही थी...

अब तो जेठालाल भी सब कुछ भूल भी गया था...और उसके हाथ अपने आप ही..बबिता
के गोरे सॉफ्ट सॉफ्ट कंधो पे आ चुका था..

अब बबीता ने अपनी टेस्टी टेस्टी जीभ बाहर निकाली....और जेठालाल के मुँह के अंदर
डालने लगी....और जेठालाल ने तुरंत उसकी जीभ को अंदर आने दिया...
और शुरू हो गया..एक युद्ध...

दोनो की जीभ आपस में लड़ रही थी....

काफ़ी ही डीप फ्रेंच किस चल रहा था..

जेठालाल का हाथ कंधे से होते हुए..बबीता के पीछे बॅक पे आ गया था.
और वो उसकी पीठ को सहला रहा था.......

कुछ 5 मिनट तक चलने वाली फ्रेंच और ज़बरदस्त किस करने के बाद..
बबीता ने जेठालाल को अलग किया....

पक्फह करके...आवाज़ आई और अलग हुई...

बॅक ग्राउंड म्यूजिक....आआई छोरी.............

जेठालाल तो आँखें फाडे बबीता को ही देख रहा था...बबीता के चेहरे पे एक
हल्की सी स्माइल थी....बहुत ही ज़्यादा सेडक्टिव स्माइल......

 
बबीता :- जेठा जी .. क्या देख रहे हो.....

जेठालाल :- बबीता जी....मुझे तो ये सब सपना लग रहा है..यकीन नही हो रहा..
में और आप...

बबीता हल्का सा हँसते हुए...जेठा जी....ये सपना नही है...

जेठालाल :- बबीता जी..आप मुझे एक चिमटी काटेंगी...तभी मुझे यकीन आएगा..

बबीता :- हहेहेहहे..बिल्कुल...
और बबीता अपना हाथ आगे बढ़ा कर...जेठालाल के हाथ पे रख के एक चिमटी
काटती है...

आअहहुउऊ...जेठालाल की चीख निकल जाती है बबीता की चिमटी काटने
से...

बबीता :- ओह्ह सॉरी जेठा जी......ज़्यादा तेज़ लग गयी..

और फिर अपने हाथ से जेठा के हाथ को सहलाने लगती है....

जेठालाल के तो आज मज़े ही मज़े हो रहे हैं....

जेठालाल अपने हाथ बबीता के हाथों पे रख देता है....

दोनो बिना कुछ बोले साइलेंट हुक...एक दूसरे को प्यार देना चाहते थे...
जो वैसे तो ग़लत है इन दोनो के लिए..लेकिन फिर भी आज पूरे समाज को
भूल के...आज अपनी ख्वाहिशें को पूरा करना चाहते हैं.....

बबीता जेठालाल को अपने उपर खिचती है...जेठालाल सीधे बबीता के बूब से
चिपकता है...लेकिन जेठालाल का वजन इतना था...कि बबीता का बॅलेन्स नही
बनता...और दोनो पीछे पड़ी बेड पे गिर जाते हैं...

आहह...बबीता के मुँह से एक हल्की सी चीख निकल जाती है....
बबीता के फेस के उपर जेठालाल का फेस होता है....
बबीता के बूब्स जेठालाल के चेस्ट में धन्से होते हैं...

जेठालाल का लंड..बबीता की चूत के उपर से चिपका पड़ा था..जिसे
बबीता सॉफ सॉफ महसूस कर रही थी..अपनी चूत के उपर....

जेठालाल :- क्या हुआ बबीता जी..आपको लग गई क्या..सॉरी..

बबीता हल्का सा मुस्कुराते हुए...नही नही जेठा जी..कहीं नही लगी...बॅस आज
आपके टच से मज़ा आ गया इसलिए मुँह से हल्की सी आह निकल गई..

तभी जेठालाल थोड़ा सा उपर सा हिलता है..जिसकी वजह से उसका लंड बबीता की
चूत के उपर इधर उधर हो जाता है...

आआहाआहह ओह...जेठा जी....बबीता कसमसा जाती है...

जेठालाल बबीता के उपर से हट जाता है...और साइड में आके लेटते हुए..

जेठालाल :- क्या हुआ बबीता जी..

बबीता :- आप उपर से क्यूँ हट गये जेठा जी...बहुत अच्छा लग रहा था...ह्म..
बबीता तो पूरी मस्त हो चुकी थी....वो तो इस हालत में थी..कि आज पूरे दिन
उसे कोई चोदता रहे...फिर भी नही उसकी वो प्यास भुजेगी...

जेठालाल :- बबीता जी..मुझे लगा आपको नीचे तकलीफ़ होगी..इसलिए हट गया..

बबीता अपनी कातिल नज़रों सी जेठालाल को देखती है...उसके फेस के हल्की सी स्माइल
होती है....

बबीता :- अच्छा...वैसे आपको मेरी बहुत फिकर रहती है...
अगर आपको ऐसा लगता है...तो कोई नही.....

और इतना बोलते ही बबीता जेठालाल के उपर आ जाती है.....इस बार दोनो की एक साथ..
आहह निकल जाती है....

बबीता के वो बड़े बड़े बूब्स..जेठालाल की चेस्ट में बिल्कुल पिचक गयी थी...

जेठालाल की नज़र तो उन बूब्स की दरार में अटक गयी..

आआहईए....क्या सीन है...बबीता के बूब्स आधे से ज़्यादा बिना कपड़ों के
जेठालाल की आँखों के सामने थे.....

बबीता नीचे से अपनी गान्ड को उठा के थोड़ा सा सेट करती है...

जेठालाल :- आहह.....बबीता जी....

आअहह जेठा जी...दोनो के मुँह से सिसकी निकल जाती है..

बबीता के हिलने की वजह सी जेठालाल का लंड बबीता की पैंटी के उपर से उसकी चूत
पे फॅनफ्ना रहा था....बहुत ही मज़ेदार फीलिंग आ रही थी दोनो में..
 
बबीता :- जेठा जी...अया..आअब..मुझसे बर्दास्त नही होताआ....

जेठालाल :- त्तो...आपको कौन बोल रहा है बर्दास्त करने को..

बबीता के चेहरे पे मुस्कान आ जाती है....और वो जेठालाल के लिप्स के पास...
अपने लीप्सस धीरे धीरे ला रही होती है...बबीता को इतना करीब आते देख..
जेठालाल का लंड नीचे से झटके खाने लगता है....
आहह जेठा जी...आहह..ये क्या...

जेठालाल :- क्या हुआ बबीता जी..

बबीता :- हहेहेहेः कुछ नही.....बसस्स आहह..अच्छा लग रहा है..

जेठालाल का लंड नीचे से झटके खा रहा था..जिसकी वजह से बबीता की चूत
में ऐसा लग रहा था..जैसे नीचे से लंड उसकी चूत पे मार रहा था..

बबीता के लिप्स जेठालाल के लिप्स के बेहद करीब थे....बस एक रंगीन किस
का आरंभ शुरू होने वाला था...

त्त्त्तहाकककककक थाआकक्क थाआक्ककक...टॅप्प के पापाअप्प्प...
ऊ टॅप्प के पपपा....

बॅक ग्राउंड म्यूजिक....बच्चे की रोने की आवाज़.....

जब दोनो के कानो में ये आवाज़ पड़ती है..तो जेठालाल होश में आता
है..और बबीता को अपने उपर से धकेल देता है..
आहहू करते हुए बबीता साइड में गिर जाती है....

जेठालाल भागता हुआ...दरवाजे पे आके गेट खोलता है....
सामने दया खड़ी होती है..

जेठालाल :- हाँ क्या है....

दया :- टप्पू के पापा..नट्टू काका का फोन है..

जेठालाल :- क्यूँ...तो उनको कहना था ना कि में बिजी हूँ..थोड़ी देर बाद
फोन करे...

दया :- हाँ मेने वही कहा था..लेकिन नट्टू काका ने बोला ज़रूरी काम है..
 
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