XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 40 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

तभी दया के पीछे से अईयर भागता हुआ आता है...

अईयर :- बबिता...जेठालाल हटो..मुझे बबीता से बात करनी है..

और इस बार अईयर धक्‍का मार के अंदर घुस जाता है...

जेठालाल :- अईयर भाई..रूको..एक मिनट..आ....अईयर भाई..
लेकिन अईयर तो सुनता ही नही है..

दया :- फोन.......

जेठालाल :- हाँ भाई...हाँ..सुन लिया ले रहा हूँ..शांति रख...

और फिर जेठालाल दया के हाथ से फोन ले लेता है....

जेठालाल :- हेलू....हाँ नट्टू काका क्या काम है..

नट्टू काका :- हेल्लू सेठ जी...कैसे हो....मज़ा आ रहा है गोआ में..

जेठालाल :- आपके फोन से पहले मज़ा आ रहा था..लेकिन आपने सारा कबड़ा
कर दिया..

नट्टू काका :- क्या आप भी ... मज़ाक करते रहते हैं..हाहहहः..

जेठालाल को इधर गुस्सा आ जाता है..

जेठालाल :- नट्टू काका क्या काम है वो बताओ...की हसना है आपको सिर्फ़....

नट्टू काका :- सॉरी सेठ जी...

जेठालाल :- बसस्स ये बोल ना था..हो गया आपका...इसलिए फोन करा था...

नटू काका :- अरे हाँ...वो सेठ जी...गटू भाई है ना..उनका पेमेंट आ गया है.
और उन्होने 100 टीवी का ऑर्डर और दिया है...अब क्या करना है..

जेठालाल :- चलो शूकर है पेमेंट आ गया..नही भाई उनको मना कर दो..कि
अभी नही हो पाएगा.....इन को ऑर्डर देने का मतलब है फिर सालों तक इनका कोई
पेमेंट नही आएगा..

नट्टू काका :- ठीक है सेठ जी.....

और फोन कट...

उधर जेठालाल के आस पास कोई नही होता...दया अईयर...अंजलि...कब आई और अंदर
बबीता के रूम में चले गये पता नही चला..

जेठालाल अपने आप से...मतलब अपने लंड की तरफ देखते हुए....
तेरा कुछ नही हो सकता भाई....बहुत फुदकी मार रहा था ना बबीता जी के उपर..
ले मार ले...अब .... बैठा रह आराम से कुछ नही होगाआ....

लेकिन फिर वो दुबारा सोचता है...एक बात तो है..बबीता जी मुझे चाहती है...
मतलब कि अब हम कभी भी कर सकते हैं...

बॅक ग्राउंड म्यूजिक.....अजीब सी हँसने की आवाज़्ज़्ज़.......
 
जेठालाल अपने आप से...मतलब अपने लंड की तरफ देखते हुए....
तेरा कुछ नही हो सकता भाई....बहुत फुदकी मार रहा था ना बबीता जी के उपर..
ले मार ले...अब .... बैठा रह आराम से कुछ नही होगाआ....

लेकिन फिर वो दुबारा सोचता है...एक बात तो है..बबीता जी मुझे चाहती है...
मतलब कि अब हम कभी भी कर सकते हैं...

बॅक ग्राउंड म्यूजिक.....अजीब सी हँसने की आवाज़्ज़्ज़.......

उधर गाड़ा एलेकट्रोनिस में........

बाघा गोदाम में आते हुए.....

बाघा :- नट्टू काका..हो गई सेठ जी से बात..

नट्टू काका :- हाँ हो गई.....

बाघा :- नट्टू काका..में थोड़ी देर घर आके आउ..

नट्टू काका :- क्यूँ....

बाघा :- नट्टू काका..वो....वो..

नट्टू काका :- क्या वो....

बाघा :- नट्टू काका अभी दुकान मे मस्त लड़की आई थी...मोबाइल लेने...
उसके बड़े बड़े बूब्स देख के मेरा तो बुरा हाल है...अब जब तक में
रिलॅक्स नही होंगा जब तक मुझसे रहा नही जाएगा...

नट्टू काका :- आइ अंडरस्टॅंड माइ बॉय...यू डू वन थिंग...
रिलॅक्स हियर इन गोदाम...आइ ल्ल देयर इन दुकान...और देखूँगा कि कोई ना आए..
तू आराम से यहाँ रिलॅक्स हो..जब तू हो जाए..तो तू दुकान पे आ जाना..
में भी रिलॅक्स हो जाउन्गा...ओके बेटा..

बाघा :- थॅंक यू नट्टू काका...

फिर नट्टू काका वहाँ से चला जाता है.....

और बाघा अपने काम में लग जाता है...

इन दोनो का ऐसा ही है..जब भी जेठालाल नही होता...ये दोनो यही करते हैं...

बॅक टू गोआ.......

उधर बीच पे.....

रोशन और सोढी दोनो अपने हाथ एक दूसरे के कंधो पे रख कर बात कर
रहे थे..

सोढी :- सोणिये...में तो तुझे बहुत प्यार करता हूँ..

रोशन :- वो तो में भी करती हूँ रोशन..

सोढी :- तो फटा फट एक अच्छी सी पप्पी दे दे...

रोशन :- नही रे..पागल हो रहा है....इतने सार लोग हैं कोई देख लेगा...

सोढी :- एक पप्पी ना..प्लीज़्ज़ज्ज..

रोशन :- अच्छा ठीक है पर जल्दी से लेना बावा कोई देख ना ले...

फिर सोढी अपने लिप्स को रोशन के लिप्स की तरफ बड़ा के....उसके लिप्स को क़ैद कर
लेता है...और चूसने लगता है...

पहले तो रोशन उसे पीछे हटाने के लिए धकेल्ति है..
लेकिन जब सोढी की जीभ रोशन के मुँह के अंदर घूमती है...तो रोशन भी
गरम होने लगती है...

अब सोढी..रोशन के लेफ्ट बूब्स पे अपने हाथ रख के मसल्ने लगता है..
और उपर से दोनो का चूमना चालू रहता है...
 
कुछ 5 मिनट तक चुंबन कर रहे होते हैं..और नीचे सोढी अपने हाथ से रोशन
के बूब्स को बुरी तरह मसल रहा था......

ये दोनो तो दुनिया से बेख़बर होकर अपने में मस्त हुए पड़े थे....

दूसरी तरफ माधवी और भिड़े भी बड़ा ही चिपक के खड़े थे....

माधवी :- आपको अभी भी शांति नही मिली..

भिड़े :- नाकू..

माधवी :- क्या नाकू..अभी तो सबके सामने आपने मेरे साथ करा है...

भिड़े आगे बढ़ता है..और अपने लीप्सस माधवी के लीप्सस पे रख के उन्हे
चूसने लगता है...

माधवी पीछे हटने की कॉसिश करती है..लेकिन भिड़े माधवी के बॅक पे रख के उसे
अपनी तरफ खिच लेता है..जिससे माधवी के बूब्स भिड़े की नंगी चेस्ट पे गढ़ जाते
हैं..और उपर से भिड़े की जीब के साथ उसके लिप्स माधवी के मुँह के अंदर घूम
रही थी...अब तो माधवी को भी मज़ा आने लगा था....

वैसे तो ये आम बात ही है गोआ में...लेकिन हमारे टीचर साहब..इतने
बड़े छुपे रुस्तम निकलेंगे वो नही पता था......

खैर बीच का प्रोग्राम काफ़ी रंगीन रहा...हमारे अब्दुल भाई और मोहनलाल
और रीता को छोड़ के...इन तीनो का कुछ पता नही क्या किया....
 
टाइम को थोड़ा फॉर्वर्ड कर लेते हैं.......

टाइम 4 बजे.....शाम हो चुकी थी...सूरज भी आब धीरे धीरे छुपने लगा था..
और सबको पता ही है...गोआ में असली मज़ा तो रात का ही है......

सभी अपने अपने कमरे में थे....और सभी थके हारे थे...ट्रेन से लेके
अभी तक बहुत कुछ हो गया था...ख़ासकर अईयर के साथ....लेकिन अब..सब कुछ ठीक
ही था..बबीता की नाराज़गी भी दूर हो गई थी....इसलिए सब आराम से सोए पड़े थे
अपने अपने कमरे में......

सिवाए 2 जनों के....जैसा कि सब जानते ही हैं वो दो कौन कौन थे..दोनो की आँखों
से नींद कोसो दूर थी..शायद कुछ सोच रहे थे....
जी हाँ....इस बार सही सोच रहे हैं सब...

उधर बबिता....अपनी आँखें खोले हुए लेटी थी...शायद यही सोच रही थी..कि जो आज हुआ
या फिर उसने करा..क्या वो ठीक था....सोचते सोचते गले में डाल रखे एक नेकलेस
को अपने हाथ से घुमा रही थी...

एक औरत क्या फील करती है..जब वो सेक्स के आगोश में से बाहर आती है...बॅस वही सोच
रही थी बबिता....कि क्या अईयर के साथ ऐसा करना ठीक है....

हाँ शायद ठीक ही है..एक औरत की ज़िंदगी क्या पति से शुरू और उसी पर ख़तम हो
जाती है क्या...उसकी अपनी कोई फीलिंग्स नही है....अईयर कभी सॅटिस्फाइ नही कर पा रहा है.
तो शरीर की भी अपनी ज़रूरते हैं...उसको कैसे शांत करा जाए....
मानती हूँ कि में जो करने जा रही हूँ..वो ग़लत है..लेकिन ऐसे तो में पगल हो जाउन्गी..
डिप्रेशन का शिकार हो जाउन्गी..मुझे ये कदम उठाना ही पड़ेगा....
कम से कम एक बार ही सही......

हाँ जी..सबका दिमाग़ चल गया ना दुबारा..सोच रहे होंगे..कि में बोल रहा हूँ ये
सब.....क्यूँ मेरी टोकने में लगे रहते हो आप सब के सब...
ये सब में नही बबीता सोच रही है..लेटे लेटे....

 
हाँ जी..सबका दिमाग़ चल गया ना दुबारा..सोच रहे होंगे..कि में बोल रहा हूँ ये
सब.....क्यूँ मेरी टोकने में लगे रहते हो आप सब के सब...
ये सब में नही बबीता सोच रही है..लेटे लेटे....

उधर जेठालाल का भी कुछ ऐसा ही हाल था...

अपना एक हाथ सर के पीछे ले जाके...अपनी बड़ी सी आँखें खोल के लेटा पड़ा था....
उसकी सोच भी यही थी..कि क्या में ग़लत कर रहा हूँ...
दया को धोका देके.....क्यूँ कि मुझे तो कोई कमी नही है...दया हमेशा खुश
रखती है मुझे...
नही नहिनहि नही....मुझे नही करना चाहिए ये...में दया के साथ नही कर सकता...
हाँ मेने ये फ़ैसला कर लिया है..कि में नही करूँगा...

ओह्ह तो हमारे जेठा जी..शरीफ बन गये..क्या बात..है.....
अरे रूकिए रूकिए...आगे मत जाइए....ये कुछ और भी सोच रहे हैं.....

में अपने आप को तो संभाल लूँगा..लेकिन में अपने इस लंड को कैसे संभालू..
जहाँ बबीता जी को देखता हूँ...वहाँ तो ये टन से खड़ा हो जाता है...और फिर इसे
बिठाना मुश्किल ही नही मेरे लिए तो नामुमकिन हो जाता है..

और वैसे भी वो बबीता जी है....उनको कैसे मना कर सकता हूँ में....उनकी तरफ
तो में ऑटोमॅटिकली खिचा चला जाता हूँ....
और वैसे भी बबीता जी को मेरी ज़रूरत है...और में उन्हे निराश तो वैसे भी नही
देख सकता.....

चलो फिर उनको खुश करने के लिए उनके साथ एक बार...सिर्फ़ एक बार कर दूँगा..
कम से कम उन्हे खुशी तो मिल ही जाएगी.....सिर्फ़ एक बार.....

लो जी...आ गये जेठालाल अपनी औकात पे.....मुझे लगा .. मुझे क्या सबको लगा होगा
सुधर गये..लेकिन ये रहेंगे तो वैसे ही बबीता जी के दीवाने....
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अभी सब आराम कर रहे थे..क्यूँ कि मोहन लाल ने सबको 7 बजे रेडी होने को बोला
है.....कुछ सर्प्राइज़ दिखाउन्गा ऐसा बोल रहा था..पता नही किस सर्प्राइज़ की बात हो
रही है...वो तो 7 बजे ही पता चलेगा......

एक और बात...ये दोनो कह रहे हैं सिर्फ़ 1 बार ही करेंगे..जिससे खुश हो जाए....
लेकिन आपको क्या ऐसा लगता है..कि शरीर की प्यास 1 बार में भुजाई जाती है...
मुझे तो कुछ अजीब लगता है...1 बार....आपको क्या लगता है...कि एक बार से ये संतुष्ट
हो जाएँगे...कि इस खेल को आगे भी जारी रखेंगे.....आप भी सोचिए...
में भी सोचता हूँ.......
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घड़ी में टाइम तेज़ी से भागते हुए..टिक टोक..करते हुए 6 बजा चुकी थी....

सभी कमरों में सब उठ चुके थे...और चाइ की चुस्की ले रहे थे.....

अंजलि और तारक के रूम में.......

अंजलि चाइ पीते हुए.....

अंजलि :- तारक....इधर आके..तुम बहुत उल्टा सीधा खा चुके हो..घर जाके सही
से खिलाउन्गी....उफ्फ नही तो मोटे हो जाओगे..

तारक :- ओफो अंजलि..तुम एक दिन भी शांति नही है...कहाँ मोटा हुआ हूँ भाई...और एक
दिन के खाने से ऐसा थोड़ी होता है...

अंजलि ने एक सिल्क टाइप सा गाउन पहना हुआ था...ग्रे से कलर का....उसमे उसके मस्त
34 साइज़ के बूब्स सॉफ नज़र आ रहे थे...चाइ की चुस्की लेके बोलती है..

अंजलि :- रहने दो आप.....

तारक :- अच्छा...तुम्हे तो में आज नही छोड़ूँगा....

अंजलि हँसते हुए....अच्छा...ऐसा क्या करोगे.......

तारक :- वो तो तुम देखती जाओ बॅस....

और तारक अंजलि की तरफ बढ़ने लगता है....

अंजलि समझ जाती है..कि तारक का क्या इरादा है....वो अपना कप नीचे रखती है..और
बेड के उपर चढ़ के भागने लगती है...लेकिन तारक भी बहुत फुर्तीला पन दिखाता है..
और पीछे से जाके अंजलि की कमर पकड़ के अपने पास खिच के चिपका लेता है..

आयईी माँ....तारक छोड़िए ना...इस वक़्त...वैसे भी 7 बजे तक तैयार होना
है...अंजलि कसमसाती हुई तारक की बाहों में बोलती है...

तारक :- क्यूँ अभी तो बहुत बोल रही थी..कि घर जाके बताउन्गी.....अब बताओ...

अंजलि :- आहह अच्छा ना बाबा....नही करूँगी..अभी तो छोड़िए..

तारक ने अंजलि के लेफ्ट बूब्स पे अपना हाथ रख के मसल दिया था...

तारक ने अपने लिप्स अंजलि की गर्दन पे रख के प्यार से चूमना आरंभ कर दिया
था...

अंजलि तो बॅस आहें भर रही थी..उसके हाथ तारक के बालों में चल रही थे..अब तो
अंजलि भी मदहोशी में जा रही थी...

तारक से इतना सटे होने की वजह सी तारक का लंड अंजलि की उस पतली सी गाउन के उपर
उसकी गान्ड पे चिपक रहा था..जिससे अंजलि का और बुरा हाल हो गया था....
 
तारक से इतना सटे होने की वजह सी तारक का लंड अंजलि की उस पतली सी गाउन के उपर
उसकी गान्ड पे चिपक रहा था..जिससे अंजलि का और बुरा हाल हो गया था....

तारक अपने होंठ पीछे से किस करते हुए...आगे बूब्स के थोड़ा उपर..उसकी नेक
पे किस कर रहा था..

अंजलि :- ओह्ह तारकक...प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज...अहहह...

नीचे से तारक का हाथ .. अंजलि के बूब्स के चल रहा था....ऐसे तीन तरफ़ा वार से
अंजलि की जान निकली जा रही थी...उससे खड़ा होना मुश्किल था...

जब पीछे से तारक का लंड हिचकोले खा के...अंजलि की गान्ड मे झूलता तो अंजलि
की तो साँसें थम जाती......

तारक नेक पे किस करते हुए....अंजलि की गर्दन अपने सामने मोडते हुई...गालों पे
चूमने लगा....पहले राइट..फिर लेफ्ट..फिर माथे पे...फिर उसकी नोज पे.....पूरे चेहरे पे
चुंबनो की बौछार कर दी..और फिर अंत में उसके होंठ के पास आते हुए...

दोनो की साँसें बहुत तेज़ चल रही थी..आज बहुत दिनो के बाद इतना टाइम मिला था कि वो एक
दूसरे को सेक्स से निकाल के प्यार कर सकें....

आज बॅस उस प्यार का इज़हार वो एक दूसरे के होंठो पे रख के करने ही वाले थे..
दोनो के होंठ बहुत करीब आ चुके थे....दोनो की साँसें एक दूसरे के होंठ पे पड़
रही थी..जिसकी वजह से दोनो के होंठ काफ़ी गरम हो गये थे....

टिंग्ज तोंगगगगगगगगगगगगगग.....टिंग तूओँग.....तभी उनके रूम की घंटी
बज उठी....दोनो अचानक से अलग हुए...

तारक को तो बहुत गुस्सा आया.....
उधर अंजलि खिलखिला के हंस पड़ी....जिसकी वजह से तारक का गुस्सा और भड़क गया...

अब आप सबके दिमाग़ चल गये होंगे....सब यही रहे हो ना बदमाश..कि एक बार फिर गया
कबाब में हड्डी जेठालाल दोनो के बीच हैं ना....वैसे सच बताऊ तो तारक भी यही
सोच रहा है.हाहहहहः....

लेकिन आप सब अपना दिमाग़ कम चलाओ...आप सब तारक थोड़ी हो.....

तारक :- हद है यार कौन आ गया....कहीं जेठालाल तो नही....

और चलता हुआ दरवाजा खोलता है..कौन है भाई...

तारक गेट खोल के चौंक जाता है..क्यूँ कि जेठालाल नही होता...एक सुंदर सी मन मोहक
छोटे छोटे..कपड़े पहने एक मस्त सी लड़की होती है..32 साइज़ के उसके बूब्स..रंग एक दम गोरा
चिटा...पतली सी लड़की..कमर होगी कोई 26..और गान्ड होगी..30...

उसने उपर एक ब्लू शर्ट...और नीचे ब्लॅक मिनी स्कर्ट....नी तक के कपड़े..थे उसकी....
जो बिल्कुल टाइट उसके शरीर से चिपके पड़ी थी...ओवेराल्ल बहुत ही सेक्सी दिख रही थी...

तारक उसे घूरते हुए....यस मेडम...

लड़की :- गुडईव्निंग सर....मुझे मोहन सिर ने भेजा है..ये पार्सल देने के लिए...

तारक :- कैसा पार्सल..

लड़की :- सर...मोहन सर ने ये ड्रेस दी है...और बोला है ये पहन के आना है नीचे...वो
आप सब को नीचे ही मिलेंगे....

तारक :- ओह्ह थॅंक यू....

लड़की :- और सर...इसमे रूम नंबर..के हिसाब से पार्सल हैं..तो क्या आप सब को दे देंगे
प्लीज़ आक्च्युयली मुझे कुछ और भी काम है..प्लीज़ डोंट माइंड ..

तारक :- ओह्ह नो प्राब्लम....आप मुझे दे दीजिए..में दे दूँगा.....

लड़की :- ओह्ह थॅंक यू..मिस्टर...

 
तारक :- तारक..

लड़की :- थॅंक यू मिस्टर. तारक..

तारक :- युवर वेलकम..मिस.

लड़की :- ओह्ह हाँ ... रेखा...

तारक :-नाइस नेम. वेलकम रेखा..

और फिर तारक दरवाजा बंद कर देता है..उसके हाथ में पॅकेट्स होते हैं जिसके
अंदर क्या है पता नही...

अंजलि आईने के सामने बैठ के बाल बना रही थी....अरे तारक ये क्या है हाथ में..और
इतनी देर से किससे बात कर रहे थे...

तारक पॅकेट्स को बेड पे रखते हुए...रेखा से बात कर रहा था..

अंजलि चौंकती हुई..चिल्लाती है..क्या...तारक कौन रेखा..बताओ मुझे..

तारक :- ओफू अंजलि इतना क्यूँ हाइपर हो रही हो..वो तो मोहन भाई ने ये पॅकेट
भिजवाया है....और जिससे भिजवाए उसका नाम रेखा...है..

अंजलि :- ओह्ह अच्छा..लेकिन है क्या इस पॅकेट में..

तारक :- मुझे क्या पता....अंजलि..

अंजलि :- अच्छा तो खोलो ना...

फिर तारक अपने रूम नंबर..वाला पॅकेट खोलता है........
अरे वाहह.....कितनी सुंदर है...अंजलि के मुँह से निकलता है....

एक मिनट अंजलि इसमे एक लेटर भी है.....तारक पॅकेट में से लेटर निकाल के बोलता है..

तारक लेटर को पढ़ने लगता है....

हेलो अंजलि भाभी...कैसा लगा गिफ्ट... अच्छा ही लगा होगा...और मेहता साब..आपको
ब्लॅक कलर के कपड़ों में आना होगा....और ये गिफ्ट मेने सभी अपनी भाभियों
के लिए भिजवाया है...

अंजलि :- सो नाइस ऑफ यू मोहन भाई..कितने अच्छे हैं...

तारक :- हाँ हाँ..वो तो है ही......
तुम्हारे लिए कपड़े..और हमारे लिए कुछ नही हुहन.....
चलो में सबको देके आता हूँ...उनके पार्सल....

और फिर तारक निकल जाता है.....सबको पार्सल देने.......
 
टाइम भागता हुआ.......टिक टोक टिक टोक..करते हुए...7 बजा चुका था.....

सभी जेंट्स अपने रूम से निकल चुके थे..और कॉरिडर में खड़े होके अपनी
अपनी बीवियों का इंतजार कर रहे थे...और गॅप लगा रहे थे...

भिड़े :- मेहता साब..ये औरतें कभी भी जल्दी टाइम पे तैयार नही होती...

तारक :- औरतें हैं भाई..टाइम तो लगता ही है..सजने सवरने में..

जेठालाल :- मेहता साब....इसको मत समझाओ...क्यूँ कि इसको तो ज़्यादा टाइम लगता नही है..

भिड़े :- क्यूँ जेठालाल मुझे क्यूँ नही लगेगा...

जेठालाल :- भाई तो अपने ज़माने का है ना...

हाहहहहहहः...सभी हँसने लगते हैं...

भिड़े :- देखो जेठालाल ऐसा नही है..तुम नही देख रहे मुझे..अभी भी कैसे मस्त पीकी
सूट पहन के आया हूँ.....और तुम सब से पहले आ गया था..और सबसे लास्ट में
तुम ही आए थे..इतना हँसो मत....

जेठालाल :- हाँ वो तो तू आएगा ही ना भाई....

भिड़े :- क्यूँ...

जेठालाल :- भाई देखो..जेंट्स को सबसे ज़्यादा टाइम लगता है अपने बाल बनाने में..
और तेरे पास तो बलोन्न की सबसे ज़्यादा शॉर्टेज है..तो टाइम कैसे लगेगा..

हाहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहाहहहहहाहा...जेठालाल की इस
बात पे सब ज़ोरों से हँसने लगे....

बॅक ग्राउंड म्यूजिक.....भिड़दीईईईईईई.....

भिड़े :- देखो जेठालाल..

तारक :- ओहो भिड़े..... रहने दो ना...

सोढी :- वैसे जेठा प्रा.. मोहन भाई ने हमारी बीवियों को गिफ्ट देके एक दम वाडिया काम
किया है....रोशन तो बहुत खुश थी..

अईयर :- सही कहा सोढी तुमने.......वैसे ये अब्दुल क्यूँ नही दिख रहा है..

तारक :- हाँ यार..अब्दुल नही दिखाई दे रहा......

तभी सामने का गेट खुलता है..मतलब कि रूम का गेट.....

और सामने से बाहर आती है....अंजलि.......

यार बार बार क्या डिस्क्रिप्षन दूं..एक ही औरत की...अब हर बार ही वो कहेर ही
ढाती है तो क्या करूँ....

रेड ड्रेस....ड्रेसस्स क्या..एक रेड सिंगल पीस गाउन....हाए आए...उपर से तो ग़ज़ब
लग रही थी..बहुत ही प्यारी और बहुत ही सुंदर....बालो को उसने उपर से बना रखा था..
कुछ अजीब सा स्टाइल..उसपर एक रेड कलर की क्लिप लगा रही थी...
अब गाउन के बारे में बता दूं...तो सबका बुरा हाल हो जाएगा एक बार फिर...
लेकिन मुझे तो मज़ा आता है..सबका बुरा हाल करने में...तो बताउन्गा...
पढ़ लो..और मज़े लो.....

वन साइडेड सत्त्रीप वला गाउन..वन साइडेड कुछ नही...पूरे कंधे..गोरे गोरे..सॉफ सॉफ
दिख रहे थे...साइडेड स्ट्रॅप्स पे डिज़ाइन बना हुआ था..फ्लवर्स जैसा....
नीचे घुटनो तक घुटनो तक की लंबाई....

और बिल्कुल टाइट चिपकी हुई ड्रेस...इतनी टाइट..की पूरा शरीर बाहर से देख ले कोई भी..
की अंजलि का फिगर बता दे.....
 
बूब्स उपर से थोड़े बाहर थे..जो आज कल का फॅशन है..और एक हल्का छोटा सा
कट भी दिख रहा था......

अंजलि के फेस पे एक वाइड स्माइल थी......ओवरॉल शी लुक्स लाइक वेरी प्रेटी वेरी ब्यूटिफुल
आंड वेरी हॉट टू.....

इधर तो सभी जेंट्स का बॅंड ही बज गया अंजलि को देख के..

जेठालाल तारक के कान में..

जेठालाल :- मेहता साब...अंजलि भाभी..तो कमाल की लग रही हैं...

तारक :- सही बोल रहे हो..जेठालाल..मुझे तो उम्मीद नही थी..कि इतनी सुंदर ड्रेस होगी...

हहेहेहेहेहेहेः...दया की हँसने की आवाज़ से सबका ध्यान अंजलि से टूटा...और दूसरी
तरफ मुड़ा..तो देखा..अंजलि..के साइड से दया माधवी और रोशन आती हुई नज़र आई...

सभी जेंट्स की नज़र घूमती हुई उधर पड़ गई.....

दया ऐज यूषुयल तो अच्छी लग रही थी....ब्यूटिफुल...सर पे मेडम ने टोपी पहेन रखी
थी...गोल टोपी....नीचे सेम रेड कलर का वन पीस गाउन बट इसका गाउन सिंपल
था...कोई अंग प्रदर्शन नही हो रहा था...जस्ट नेक से खाली था...नी के नीचे तक
की लंबाई थी गाउन की..
सो शी लुक्स सिंपल आंड ब्यूटिफुल....

बगल में खड़ी रोशन....अब बाल तो मेडम के घुँगराले बाल है..सेट किए हुए
थी...रंग तो है ही गोरा चिटा बिल्कुल....सेम रेड कलर गाउन..
बॅस उस ड्रेसस्स में फ़र्क इतना था कि थी वो स्ट्रिप्स वाली गाउन...बट गला गोल कट
था....इसी वजह से वो बूब्स का क्लीवेज दिख रहा था..थोड़ा सा...
और टाइट इतना था...कि पूरे आस्सेस्ट बाहर से दिख रहे थे..रोशन की...
ओवरॉल शी लुक्स सेक्सी..
 
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