XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत - Page 3 - SexBaba
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XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत

अब तो उसकी भी सांसे रुक गई थी क्योकि ऐसे भी उसे कुछ समझ नही आ रहा था की मैं कर क्या रहा हु लेकिन उसे इतना तो समझ आ चुका था की 30 हजार फंसे हुए है…
हम दोनो की नजर स्क्रीन में जमी सी गई थी ..
और मार्किट नीचे गिरने लगा ,मेरे माथे में पसीने की बूंदे टपकने लगी थी 2 बजकर 15 मिनट हुए थे (भारत का मार्किट 9:15 से 3:30 तक चलता है) अभी 2 घंटे थे मेरे पास ,अभी 15 मिनट ही हुए थे की हम दोनो की सांसे रुक सी गई थी,काजल को मैंने इतना तो समझा दिया था हमने 230 रुपये में खरीदा है और ये जितना ज्यादा जाएगा उतना हमे फायदा होगा,और 15 मिनट में शेयर का भाव 229 हो चुका था,लेकिन मैंने हिम्मत रखी अभी उसे बेचा नही ,स्क्रीन में हर सेकंड में वो पैसा बदल रहा था कभी वो 229.50 हो जाता तो अभी 229.30 तो अभी और कुछ मार्किट में ऐसे भी काम दशमलव में ही चलता है,अचानक से कुछ हुआ और भाव 225 में पहुच गया ,वो इतनी तेजी से गिरा की मुझे कुछ सोचने का मौका ही नही दिया,मैं बुरी तरह के घबरा चुका था ,मैंने तुरंत अपने call का भाव देखा वो 80% गिर चुका था मतलब की मुझे सीधे सीधे वँहा से 8हजार का घटा हो चुका था,मैं शेयर में हुआ घाटा अलग था,वँहा भी 1000 के लगभग का घाटा था ,मैं अपना सर पकड़ कर बैठ ,ये मेरा पहला ट्रेड था और पहली ही बार में इतना बड़ा घाटा ..
“क्या हुआ “
“लगभग 9 हजार का नुकसान हो गया है..”मेरे मुह से अचानक निकला और मैं अपने शेयर को बेचने के लिए अपना हाथ बढ़ाने ही वाला था की ..
“है भगवान नही “...
“ये क्या किया तुमने ??”मैं बुरी तरह से चिल्ला उठा था क्योकि काजल ने डर के मारे लेपटॉप ही बंद कर दिया था,
अभी तो ये घाटा सिर्फ 9 हजार का था लेकिन अगर अभी उसे नही बेचा तो पता नही 1-2 मिनट में मार्किट और कितना नीचे गिर जाए और लेपटॉप के चालू होते तक कितना नुकसान हो जाए ..
मैं सोचकर ही कांप गया था…
वही काजल रोने लगी थी
“मुझे लगा था इसे बंद कर देने से वो खत्म हो जाएगा ..”
सच कहु मन किया की उसके कान के नीचे एक खिंच कर लगाऊ लेकिन मेरे सामने अभी शकील का खूंखार चहरा घूम गया था ,मैंने तुरंत ही लेपटॉप चालू किया ..
लेकिन ..
जब किस्मत हो गांडू तो क्या करेगा पांडु..
पता नही क्या हुआ था की लेपटॉप चालू होने के बाद भी इंटरनेट से कनेक्ट नही हो रहा था..
मैं अपने आप को कोशे जा रहा था की मैंने इतनी जल्दबाजी में बिना किसी स्टॉपलॉस (स्टॉपलॉस एक तरीका है मार्किट में नुकसान से बचने का ,अगर इसे लगा दिया जाय तो गिरते मार्किट में सॉफ्टवेयर अपने आप ही शेयर को बेच देता है.. और नुकसान कम होता है..) लगाए ही क्यो ट्रेडिंग करने लगा ...लेकिन अब पछताने से होता भी क्या है..
मैं इंटरनेट से कनेक्ट होने की कोशिस कर रहा था वही काजल का चहरा लाल हो चुका था..
लगभग 2 बजकर 50 मिनट हो चुका था,मार्किट बंद होने के करीब था ,मुझे बुरी तरह नुकसान होने वाला था, मेरा मोबाइल घनघनाया …ये 5 वी बार था लेकिन मैं उसे उठा नही रहा था,क्योकि ये उसी सीनियर का था जो पहले से मार्किट में काम करता था,वो आधे घंटे से मुझे फोन लगा रहा था लेकिन मैं अपने ही दर्द में थे लेकिन फोन फिर से घनघना उठा..
“इसकी मा का अब इसे क्या हुआ ..”
उसी सीनियर का फोन था ..
“हल्लो सर “
“अबे कहा था तू पता है ,*** कंपनी के ऊपर आज बड़ी न्यूज़ आयी है”
उसने उसी कंपनी का नाम लिया था जिसे मैंने अभी खरीदा था,मैं सतर्क हो गया..
“उसके CEO ने रिजाइन कर दिया “
“क्या ??”
अब तो मैं पूरी तरह से ही टूट गया था,अब मुझे समझ आया की इसका प्राइस इतने तेजी से क्यो गिरने लगा था,मेरा दिल ही भर गया क्योकि अब मुझे 15 हजार तक या ज्यादा का भी घाटा हो सकता था,call वाले पैसे तो गए ही समझो ,
“लेकिन जानता है कंपनी ने आधे घंटे बाद ही अलाउंस किया की उनका अगला CEO **** होगा ..”
“क्या वो मशहूर बिजनेसमैन “
“हा ,भाई आज जिसने भी उसका शेयर खरीदा होगा वो तो मालामाल हो गया होगा ..”
सीनियर का ने ऐसे कहा था जैसे काश उसके पास वो सस्ते शेयर होते जो भाव गिरने के समय लिए गए थे..
मैंने तुरंत ही उनका फोन काटा और काजल की ओर देखा वो कुछ समझने की कोशिस जरूर कर रही थी लेकिन उसका चहरा बता रहा था की उसे कुछ भी समझ नही आ रहा था..
मैंने फिर से कोशिस की और इस बार इंटरनेट से लेपटॉप कनेक्ट हो चुका था,और जैसे ही मैंने अपना सॉफ्टवेयर खोला मेरा मुह खुला का खुला रह गया ,क्योकि इतने समय में शेयर का भाव 264 रुपये पहुच चुका था मलतब लगभग 15% बढ़ चुका था,मैंने तुरंत ही call का रेट देखा मेरी आंखों से आंसू आ गए वो 400% बढ़ चुका था मतलब की मुझे 4 गुना का प्रॉफिट हो चुका था,मार्किट बंद होने में बस 15 मिनट ही बचे थे और मैं इसे दूसरे दिन के लिए रखकर रिस्क नही ले सकता था मैंने तुरंत ही उसी रेट में सभी को बेच दिया…
काजल मुझे घूर रही थी उसकी आंखों में प्रश्न था और एक दो आंसू भी ,
उसने आंखों से भी पूछा “क्या हु “
“मेरी जान 4 गुना प्रॉफिट हुआ है “मैं खुसी से उसके गले लग गया लेकिन उसके गले तक जाने से ही पहले ही मेरा चहरा उसके चहरे से टकराया और मैं खुसी से भरा हुआ उसके होठो में अपने होठो को मिला दिया..
ये एक ही झटके में ऐसे हुआ की हम दोनो को ही समझ नही आया की कब वो एक सेकंड की गलती मिनट और फिर मिनटों में बदलने लगी थी………..
 
काजल के कोमल होठ मेरे होठो में थे,उसके होठो का स्पंदन मेरे दिल की धड़कनों के साथ साथ ही बढ़ने लगे थे,हमे जैसे ही अपने स्तिथि का आभास हुआ हम अलग हुए,काजल शर्म से मुझसे नजर ही नही मिला पा रही थी ,वही स्तिथि मेरी भी थी लेकिन मैं अगल बगल झांकने लगा,काजल के चहरे पर इतना गहरा शर्म मैंने आजतक नही देखा था ,उसकी कोमल आंखे नीची झुकी हुई थी ,होठो में अब भी हल्की हल्की हलचल मालूम पड़ती थी ,इतने दिनों से दोनों के दिल में जो प्यार की लहर चल रही थी वो आज प्रगट हुई थी,आज इस खुसी के मौके पर जब मैंने अनजाने में ही सही लेकिन कुछ ही घंटो में इतना पैसा कमा लिया था,और इसी खुशी में हम फिसल गए..

मैं वंहा से तुरंत ही उठा और बाहर को निकल गया मैं नही चाहता था की मेरे कारण काजल और भी असहज हो जाए …

मैं बाहर खड़ा हुआ नीचे को देख रहा था,मैं अपने को रोकने की बहुत ही कोशिस कर रहा था लेकिन साली जुबान से मुस्कान थी की जा ही नही रही थी,तभी मुझे लगा की कोई मेरे पीछे आकर खड़ा है,

“अब यंहा क्या देख रहे हो ..”

वो काजल ही थी,वो शायद मुझे सहज करने की गरज से यंहा आयी थी ..मैंने उसके चहरे को देखा लगा जैसे आंखों में कुछ नमी हो लेकिन होठो की मुस्कान भी एक अलग ही कहानी कह रही थी,

“कुछ नही बस यही सोच रहा हु की जो हुआ वो …….”मैं आगे नही बोल पाया

“क्या हुआ ??”काजल के चहरे में मासूमियत और आंखों में शरारत ने घर कर लिया था,मैं भी थोड़ा चौका ..

“मतलब..जो अंदर हुआ “

“वही तो पूछ रही हु की क्या हुआ “

उसके होठो में अब मुस्कान साफ साफ दिख रही थी साथ ही आंखों में एक शरारत भी थी,

“बोल के बताऊँ या करके “

मैं भी पीछे थोड़ी ना रहने वाला था,मेरी बात सुनकर वो बुरी तरह शरमाई

“धत्त कुछ भी “

वो बस इतना ही बोलकर मेरे बाजू में आकर खड़ी हो गई ,मैं उसके उस हसीन चहरे को ही देख रहा था,एक बार उसने मुझे देखा और आंखों से ही पूछा की क्या देख रहे हो ,मैंने भी सर हिला कर कह दिया की कुछ नही ..

वो सामने देखने लगी ,कही आसमान में ना जाने वो क्या देख रही थी ,उसके चहरे में आयी हुई मुस्कुराहट धीरे धीरे गुम होने लगी थी,उसका चहरा संजीदा होने लगा था,मैं उसके भाव को पढ़ रहा था,हमारे बीच जो हुआ वो महज एक इत्तेफाक ही तो था लेकिन देखा जाए तो ये कोई इत्तफाक नही था,इतने दिनों से हम साथ थे,हम एक दूसरे को चाहने लगे थे,मन ही मन ही सही लेकिन दोनों को ही पता था की हमारे अंदर क्या चल रहा है,हम इसे दोस्ती का नाम दे रहे थे लेकिन ये दोस्ती से कुछ अलग था,बस इसे व्यक्त करने का एक माध्यम हमे मिल गया था और वो ही हुआ जो होना था,भावनाओ के तूफान ने हमे डुबो दिया था..

काजल का संगीन चहरा देखते ही देखते बदल रहा था,उसके आंखों में कुछ आंसुओ की बूंदे आने लगी थी,उसने मुड़कर मुझे देखा मैं अब भी उसके चहरे को देख रहा था,

मुझे अपनी ओर देखता हुआ पाकर वो थोड़ी हिचकिचाई और आंखों से आंसू को पोछते हुए तुरंत ही अपने कमरे में चली गई ,मैं भी उसके पीछे बढ़ा…

वो कमरे में अपने बिस्तर पर पाव सिकोड़े बैठी थी ,मैंने उससे कुछ भी नही कहा और उसके करीब जाकर बैठ गया…

“जो हुआ वो भूल जाओ राहुल ,सोचो जैसे कुछ हुआ ही नही..”

उसने मुझे देखे बिना ही कहा था

“क्या नही हुआ “मैं उसके होठो में मुस्कान लाने की गरज से बोला,उसने एक बार मुझे देखा और उसके होठो में कोई भी मुस्कान नही थी,उसका चहरा संजीदा ही था..

“यही की हम एक दूसरे से प्यार करते है,ये नही हुआ हमारे बीच ...हम एक दूसरे से प्यार नही कर सकते राहुल ..”

उसके आंखों से जैसे बांध सा टूट गया था,उसके आंसू बहते ही चले गए ..वो अपना सर छिपकर सिसक रही थी..मैं उसके और भी करीब जा चुका था..
 
“काजल..ये मैं कैसे मान लू की मैं तुमसे प्यार नही करता,मेरी आंखों में देखो तुम्हे क्या लगता है ..”

उसने मेरी आंखों में नही देखा ,वो तो अब भी वैसे ही सिसक रही थी..

मैंने उसके कंधे पर अपना हाथ रखा

“बोलो ना काजल ,देखो ना मेरी आंखों में “

“मुझे कुछ नही देखना..प्यार रंडियों के लिए नही होता राहुल “

मेरे दिल में उसकी बात सुनकर एक टिस सी उठी थी मैं उसका सर उठना चाहता था लेकिन वो उठा ही नही रही थी वो मुझे देखना ही नही चाहती थी,

“मेरे लिए तुम कोई रंडी नही हो काजल “इस बार मेरी आवाज भर्राई हुई थी मैंने अपना रोना रोके रखा था…उसने अपना सर उठाया लेकिन इस बार उसकी आंखे लाल थी वो मुझे अजीब निगाहों से गहरे जा रही थी...

“तुम अब पैसे कमाने लगे हो ,तुम एक दिन बहुत बड़े आदमी बनोगे,दुनिया तुम्हारे कदम चूमेगी तुम्हारे पास तुम्हारा भविष्य है ,तुम इसे ऐसे बर्बाद नही कर सकते ..मैं इसे बर्बाद होने नही दूंगी ..”

उसने मानो एक गर्जना की ,ऐसा लगा जैसे उसके आंसू सुख चुके है उसके चहरे में एक अजीब सा संकल्प था और मैं उस संकल्प से मानो डर ही गया..

“तुम मुझसे प्यार नही कर सकते,हम एक दूसरे के लिए नही बने है ..”वो उठ खड़ी हुई

“लेकिन ..”मैं कुछ बोलने ही वाला था की उसने मुझे रोक दिया..

“मैं एक रंडी हु राहुल और मुझे रंडी ही रहने दो ,आजतक मैं जिसके जीवन में आयी उसकी जिंदगी बर्बाद ही की है मैंने,और मैं अब तुम्हारी जिंदगी बर्बाद नही करना चाहती,मेरे जीवन में प्यार हो ही नही सकता,जिसे मैंने प्यार किया वो मुझसे छीन गया,बर्बाद हो गया ..नही नही राहुल ऐसा अब नही होगा,बिल्कुल भी नही “

उसके चहरा मानो किसी बुखार से तप रहा हो,वो तैश में आ चुकी थी,मैं आज उसका ये अलग ही रूप देख रहा था,

“काजल ..”मेरे मुह से आवाज निकलने के बजाय बस फुट कर रोना निकला ,उसने एक बार मुझे देखा

“मैं तुम्हे कमजोर नही बनाना चाहती राहुल किसी भी हाल में नही ...तुम्हे बहुत आगे जाना है तुम बहुत ही आगे जाओगे ..बहुत पैसे और नाम कमाओगे ..”

वो जाने क्या सोच कर उठी और बाहर चली गई मैं बस उसे देखता ही रहा,वो सीधे मौसी के कमरे की तरफ बढ़ने लगी थी………

मैं वही खड़े हुए बस मौसी के कमरे को देखे जा रहा था लेकिन काजल वंहा से बाहर नही आयी..

लेकिन थोड़ी ही देर में कुछ लोग मौसी के कमरे में आये और फिर वो मेरी ओर बढ़ने लगे,मैं देख कर आश्चर्यचकित था की ये हो क्या रहा है,मैं उनमें के कुछ को पहचान भी गया था ये शकील के लोग थे,

“तुम अपना समान बांधो और हमारे साथ चलो ,अब से तुम शकील भाई के साथ रहोगे..”

“क्या??”

मैं बुरी तरह से चौक चुका था,काजल अब भी मौसी के कमरे में ही थी,

“लेकिन..”

“लेकिन वेकिंन कुछ भी नही शकील भाई का ऑर्डर है की तुम्हे अपने साथ ही लाये,जल्दी चलो “वो गुर्राया

मैं बस परेशान सा एक बार फिर से उस कमरे की ओर देखने लगा लेकिन काजल और मौसी दोनों का ही वंहा कोई अतापता नही था,दोनों ही अंदर थे ये देखने भी नही निकले की यंहा क्या हो रहा है,मैने बुझे हुए मन से अपना लेपटॉप और बेग उठाया इसके अलावा था भी क्या मेरे पास ,वो लोग मुझे गली से बाहर ले गए और एक कार में बैठने को कहा…

मैं अब भी सकते में था की आखिर काजल ने ऐसा क्या कह दिया की ये लोग मुझे लेने आगये..मैं जानता था की काजल कभी मेरे साथ कुछ गलत नही होने देगी,मैं ये भी जानता था की वो भी मुझे बेहद ही प्यार करती है और उसने ऐसा मेरे भविष्य के लिए किया है लेकिन मुझे बस एक ही बात खाये जा रही थी कि मेरे बाद आखिर काजल का ख्याल कौन रखेगा…??

शकील के सामने मैं सर झुका कर बैठा था ,ना जाने काजल ने मौसी से क्या कहा था की शकील ने मुझे बुलाया था..

“तो छोटे उस्ताद कैसे हो तुम “

शकील के लहजे से मुझे समझ नही आया की ये ऐसे क्यो बोल रहा है ..

मैंने उसे सर उठा कर देखा वो मुस्कुरा रहा था

“ठीक हु भाई..”

“तो पूरा प्रॉफिट खुद ही डकार जाना चाहते हो क्या ?”

मैं चौका

“क्या?? ये आप क्या बोल रहे है “

“आज तुम्हे मार्किट से बड़ा प्रॉफिट हुआ है और तुमने हमे बताया भी नही “

ओह्ह तो ये बात थी जो काजल ने मौसी को बताई और इसलिए शकील मुझे अपने पास ही रखना चाह रहा है ताकि साला अपने प्रॉफिट पर नजर रख सके

“अरे भाई मैं तो महीने के आखिर में आपको सारा हिसाब किताब देने ही वाला था,आप कहा काजल की बातों में आ गए वो तो नासमझ है उसे कहा हिसाब किताब की कोई समझ है “

मेरी बात सुनकर शकील मुस्कुराया

“हा सही कहा तूने ,इन साली रंडियों के बात में तो आना ही नही चाहिए ऐसे भी काजल तो सबसे बड़ी रंडी है हमारे रंडीखाने की है ना भोला “

उसने पास ही खड़े 50-55 साल के दुबले पतले शख्स को देखा जिसका नाम भोला था,वो साला अपने सड़े हुए दांत निकाल कर हँसने लगा था..

रंडी ...काजल को उसने रंडी कहा था,उस काजल को जो मेरे लिए किसी देवी से कम ना थी ,जिसने मुझे माँ वाला प्यार दिया था,जो मेरा पहला प्यार थी ,जो मेरी मोहोब्बत थी ..
 
मैंने भी तक की अपनी जिंदगी में ना जाने कितने बार कितने लोगो से काजल के बारे में ये बात सुनी थी लेकिन कभी मेरे जेहन में वो दर्द नही उभरा था,मन किया की अभी शकील का चहरा तोड़ दु लेकिन इतनी हिम्मत मुझमें नही थी ,शायद काजल को भी पता था की अगर मैं उससे प्यार करता हु तो ये दर्द मुझे जीवन भर झेलना पड़ सकता है शायद इसीलिए उसने मुझे अपने से अलग करने की सोची थी…

मैं बस अपना सर झुकाए हुए था,काजल को रंडी कहना मुझे बिल्कुल भी पसंद नही आया लेकिन मैं कर भी क्या सकता था,इन्हें ये तो नही बता सकता था की मैं उसके बारे में क्या सोचता हु,और मेरे अलावा किसी को इसकी फिक्र ही कहा थी,यंहा तक की काजल ने भी इसकी क्या फिक्र की उसने तो मुझे अपने से दूर ही कर दिया था…

“सुन बे छोरे,एक बात दिमाग में भर ले ,अगर मुझसे गद्दारी की ना तो तेरी बहन से यंहा रंडी नाच करवाऊंगा समझा ,बहन है की नही तेरी “

शकील की आवाज में एक दबंगई आ गई थी ,मैंने ना में सर हिलाया

“भाई ऐसे ये भी चिकना है ,इसका पिछवाड़ा मारने के लिए ग्राहक मिल जाएगा “भोला की बात सुनकर शकील फिर से बुरी तरह से हंसा फिर थोड़ा गंभीर हो गया..

“कितना मुनाफा कमाया आज तूने “

“भाई 4 गुना लगभग जितना अपने दिया था”

शकील और भोला दोनों की ही आवाज बंद हो गई ,मुझे समझ नही आ रहा था की आखिर ये दोनों चुप क्यो हो गए मैंने सर उठा कर देखा तो वो दोनों आंखे फाडे मुझे ही देख रहे थे..

“साला इतना फायदा तो अपने धंधे में भी नही है बे ,शाबास मेरे शेर ,अब तू एक काम कर की वो रंडीखाना छोड़ और यही रह तेरे लिए आलीशान कमरा तैयार कर देता हु और किसी चीज की जरूरत हो तो मांगने में बिल्कुल भी हिचक मत करना ,तुन आज इतना बड़ा प्रॉफिट किया है तो बोल आज तुझे क्या चाहिए,आज तेरी एक मुराद मैं पूरी कर दूंगा …”शकील के चहरे में खुशी के भाव आ गए लेकिन मेरे लिए ये जगह किसी जेल से कम नही होने वाली थी ..

“अरे शर्मा क्यो रहा है बोल भी दे,दारू पियेगा या किसी रंडी को बुलावा दु ठोकने के लिए”

शकील और भी मुस्कुरा रहा था..

“मुझे एक बार काजल से मिलना है..”

मेरी बात सुनकर वो और भोला दोनों ही मुझे आश्चर्य से देखने लगे ..

“मुझे पता था मुझे पता था मुझे पता था ..”शकील ऐसे हंसा जैसे कोई बड़ा जोक सुना दिया गया हो ,वो जोरो से हँस रहा था जबकि भोला आंखे फाडे उसे ही देख रहा था..

अचानक ही शकील ने मुझे देखा,उसकी हंसी रुक गई थी और आंखों में जैसे अंगारे नाच रहे हो ,वो स्थिर आंखे जैसे अभी उनकी नशे फट जाएगी ,उसके आंखों में असीमित गुस्से का उबार आ गया था, मैं उसकी इस मनोस्तिथि को समझ ही नही पा रहा था वो मुझे खा जाने वाली निगाहों से देख रहा था,ऐसा लगा जैसे वो सच में मुझे आंखों से ही मार देने वाला है,बहुत देर तक वो मुझे ऐसे ही घूरता रहा,मेरे हड्डियों में जैसे कंपन हो गई मुझे लगा की अभी ये उठेगा और मुझे जोरो से एक थप्पड़ लगाएगा या शायद जान से ही मार दे…

लेकिन...उसके चहरे के भाव अचानक ही बदलने लगे उसके होठो में मुस्कुराहट ने जगह ले ली थी ..

“जा आज दिया समय तुझे जितना समय तुझे चाहिए दिया,मिल ले काजल से ,मेरे आदमी तुझे वंहा ले जायेगे …”

उसने बड़े ही शांत भाव से कहा,और अपने आदमियों को मुझे वंहा ले जाने की नसियत दे दी ,भोला के चहरे में असीम आश्चर्य देख मुझे माजरा कुछ समझ नही आया ,मैं उसे सलाम करके वंहा से निकला ही था की भोला की आवाज से मेरे पैर रुक गए,शकील के कमरे से मैं बाहर निकल चुका था और उसके आदमी मेरे आगे थे,मैं वही रुक कर उनकी बात सुनने की कोशिस करने लगा…

“आपने उसे काजल से मिलने की इजाजत दे दी भाई”भोला की बात में के आश्चर्य था…

“जाने दे उसे ,मैं चाहता हु की ये काजल से और काजल इससे इतनी मोहोब्बत करे की इन्हें जुदा करने में मजा ही आ जाए “

उसकी बात सुनकर मैं दंग रह गया था

“जैसे पिछली बार किया था “भोला की हँसने की आवाज आयी,मैं और भी दंग हो गया,अब मुझे काजल की कही हर बात का मतलब समझ आने लगा था ..

“पिछली बार तो वो साली बच्ची ही थी,लेकिन इस बार तो उसे ऐसा तड़फाउंगा की उसे अपने लिए फैसले पर जीवन भर दुख रहेगा,मुझे ना कहा था उसने आज देख दुनिया भर से मरवाते फिर रही है,इस बार उसे फिर से प्यार में पड़ने दे,फिर से उसके दिल को चकनाचूर करने का ये मौका मिला है जाने कैसे दु “
 
शकील की आवाज मुझे किसी दैत्य सी लगने लगी थी,काजल के लिए उसके दिल में इतनी नफरत बेवजह तो नही हो सकती थी,लेकिन उसकी बातों से इसका अनुमान साफ लगाया जा सकता था की वो काजल से कितनी नफरत करता है,वो चाहता था की काजल किसी से बेपनाह प्यार करे और फिर वो उस लड़के को काजल की जिंदगी से जुदा कर दे ,लेकिन क्यो….??

शकील के आदमी मुझसे दूर निकल चुके थे मैं झट से उनकी ओर दौड़ा अब इन सवालों का जवाब तो मुझे काजल ही दे सकती थी……….

********

मैं कमरे के दरवाजे में खड़ा था,अंदर भावनाओ का तूफान खलबली मचा रहा था,मैंने धीरे से दरवाजे को खटखटाया..

“कौन है …”

काजल की वो तीखी आवाज मेरे कानो से टकराई थी ,उसकी आवाज से मुझे समझ आ रहा था की उसका मूड कुछ ठीक नही है ,मैंने कुछ नही कहा था,शकील के आदमी नीचे खड़े थे,शायद मौसी के पास बैठे हो या पान के टपरी में बैठे गपिया रहे हो,शकील ने मुझे काजल से बात करने का पूरा समय दिया था…

दरवाजा खुला ...और …

काजल की निगाह मुझपर ही टिक गई वो थोड़ी घबरा गई थी…

“यंहा क्यो आया है तू शकील को पता चलेगा तो …”

“मैं उसकी परमिशन लेके ही आया हु “वो थोड़ी चौकी फिर कमरे से निकल कर नीचे देखने लगी उसे शकील के आदमी बेफिक्र दिखाई दिए होंगे,वो फिर से मेरे पास थी..

“यंहा क्या लेने आया है चूतिये,यंहा अब तेरा कोई भी नही है,या मेरी लेने आया है “

अब उसके चहरे में फिक्र की जगह गुस्सा था,मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुराया

“अंदर नही आने बोलोगी “

वो मेरे चहरे को देखती रही मैं बिना कुछ बोले ही अंदर चला गया था और उसके बिस्तर में बैठ गया…

वो मुझे अब भी देख रही थी …

“तूने ऐसा क्यो किया काजल ,क्या तुझे मेरे प्यार में यकीन नही था…”

मेरी बात से उसके चहरे में एक अजीब सा तूफान आ गया था...वो थोड़ी देर चुप रही

“कितनी बार कहु तुझे की मुझे प्यार करने का हक नही है ,मैं अब एक रंडी हु बस एक रंडी जो लोगो के जिस्म की आग तो बुझा सकती है लेकिन …….लेकिन किसी को अपने सीने में जगह नही दे सकती ..”

वो थोड़ी झल्लाते हुए बोली लेकिन बोलते ही बोलते उसकी आवाज धीमी हो चुकी थी

“लेकिन क्यो…?क्या किया था शकील ने तेरे साथ जो तू प्यार से इतना डरती है ,तू शकील की फिक्र मत कर मैं उसे देख लूंगा…”

मेरी बात सुनकर थोड़ी देर के लिए उसकी नजर मेरे चहरे में जम गई ,फिर उसके होठो में एक फीकी सी मुस्कान आ गई

“तू शकिल को देख लेगा...मेरे लिए..कितनी बार तुझे कहु की तेरे सामने एक उज्वल भविष्य है ,इस रंडी के चक्कर में उसे खराब मत कर रे..अगर ऐसा कुछ हुआ तो सबसे ज्यादा मुझे दुख होगा,क्योकि इसका कारण मैं ही रहूंगी..”

वो रोते हुए बैठ गई थी मैंने बड़े ही प्यार से उसके कंधे पर अपना हाथ रख दिया वो मेरे सीने में छुपने लगी …

“तुझे नही पता की शकील कितना बड़ा कमीना है ,और वो चाहता है की मैं तुझसे बेपनाह मोहोब्बत करू ताकि उसे तुझे बर्बाद करने में मजा आये,मैं फिर से ये सब नही झेल पाऊंगी राहुल प्लीज्...प्लीज् मेरी जिंदगी से चले जा और फिर कभी मेरे बारे में मत सोचना ..”

उसके आंखों से टपकते हुए मोतियों ने मेरे कमीज को गीला कर दिया था,मेरी आंखों में कोई पानी नही था मैं बस अपनी ही दुनिया में खोया था,जो शकील हमे मिलने नही देना चाहता,जो शकील हमारे प्यार में सबसे बड़ी बाधा है मैं उसे ही मिटाने के ख्वाब देखने लगा था,मुझे पता था की उसके पास मुझसे ज्यादा पैसे है पॉवर है और मैं अभी तो उसका कुछ भी नही कर सकता लेकिन मैं अपनी काजल को भी नही छोड़ सकता था,और काजल को पाने का एक ही रास्ता था ,शकील के नाक के नीचे से मुझे काजल को ले जाना था,मुझे काजल को इस जहन्नुम से आजाद करना था और अब मेरे लिए यही मेरा लक्ष्य था…

काजल ना जाने कब से मेरे चहरे को देख रही थी

“क्या हुआ तू कहा खो गया ..”

“मैं उस शकील को बर्बाद कर दूंगा,तुझे इस जहन्नुम से बाहर निकलूंगा,तू ही मेरी पत्नी बनेगी ,मेरा पहला प्यार है तू मैं तुझे किसी भी कीमत में नही खो सकता …”

काजल के चहरे में आश्चर्य नाचने लगा था,वो थोड़े देर मुझे ऐसे ही देखती फिर …

‘चटाक’

एक जोरदार झापड़ आकर मेरे गालों में पड़ा…

“तू पागल होई गया है ,मैं तुझे समझने की कितनी कोशिस कर रही हु और तू है की मेरी बात ही नही सुन रहा है,वो एक दैत्य है तुझे खा जाएगा,तेरा केरियर तेरे सपने,तेरे माँ बाप के सपने सबको खा जायेगा ,तेरे लिए क्या इन सबकी कोई अहमियत नही है ,तुझे बस अपनी पड़ी है ,क्या चाहिए तुझे मेरा जिस्म ले अभी पूरी कर ले अपनी तमन्ना “

काजल ने अपनी साड़ी का पल्लू अपने छाती से अलग कर दिया ,उसके आंखों में आंसू लेकिन चहरे में तमतमाहट थी …

और मेरे होठो में उसे देखकर बस एक मुस्कान ..

“तुझे भी पता है की मुझे क्या चाहिए,अगर ये ही सब चाहिए होता तो तू मुझे अपने से यू अलग नही करती ..है ना…”

काजल की नजर झुक आई और उसने मेरे सीने को एक जोर का मुक्का मारा और फिर मुझसे सट गई ..

“तू क्यो समझ क्यो नही रहा है ,हमारा यू मिलना खतरनाक हो सकता है.हमारा प्यार हमारी बर्बादी का कारण बन सकती है “

अब वो खुलकर रोने लगी थी,वो मुझे समझाने में असफल रही थी ..

“मुझे सब चीजो की समझ है काजल,और आज के बाद मैं ऐसे तुझसे कभी नही मिलूंगा,मुझे अपने सपनो की और अपने माता पिता के सपनो की भी फिक्र है और मैं उसे पूरा भी करूंगा,लेकिन इन सबका मैं क्या करूंगा जब तू ही मेरे साथ ना हो ……..तू फिक्र मत कर आज के बाद हम कभी नही मिलेंगे,लेकिन तुझे मुझसे एक वादा करना होगा…”

उसने फिर से मुझे असमंजस से देखा
 
“तू जब तक ठीक नही हो जाती तब तक कोई धंधा नही करेगी ,दूसरा बनवारी काका तुझे अगर कोई पैसे दे तो तू चुपचाप उसे रख लेगी ,तीसरा तू डॉ के पास नियमित जाएगी और समय पर अपनी दवाई लेगी ..बस इतना तुझे करना है करेगी ना..”

उसने मुझे झूठे गुस्से से देखा

“मतलब तू नही सुधरेगा “

उसकी वो मासूम आंखे कुछ खिल गई थी जैसे उसे मेरे प्यार और प्यार की ताकत पर भरोसा हो गया हो ,

“मरना और बर्बाद होना इससे ज्यादा वो क्या बिगड़ लेगा मेरा और तेरा हमने इससे भी बत्तर दुनिया देखी है काजल,अब हम और नही सताए जा सकते,अब तो रोने की बारी उनकी है जो हमारे बीच में आएंगे,मुझपर भरोसा कर ,तुझे भरोसा है ना ..”

हम दोनों ही एक दूजे की आंखों में खो गए थे,उसने बस हा में अपना सर हिलाया और मेरे होठो पर अपने होठो को रख दिया,हमारे होठ मिले ,इतने नाजुक होठो को चूमने के बाद भी मेरे जेहन में कोई हलचल नही कौंधी थी मुझे बस उसके प्यार भरे स्पर्श का अहसास हुआ ,वो नाजुक सी छुवन का अहसास ,वो मेरे प्यार की गंध जो मेरे नासिका में गहरा रही थी ,वो भरोसे की महक,वो दर्द के हर कतरे से आजाद होने की खुशी…

मैं उनमे डूब रहा था वो मुझमें डूब रही थी,ना मेरे दिमाग में कोई शकील था ना ही कोई केरियर मेरे दिमाग में थी सिर्फ और सिर्फ मेरी काजल,मेरी काजल जिसे मैं सच में पाना चाहता था,ये पाना क्या होता है मुझे इसका आभास ही था क्योकि काजल तो शायद अब मेरी ही थी,......

बस उसके पास होने के अहसास में ही वो खुशी थी जो दुनिया की कोई दौलत मुझे नही दे सकती थी और ना ही दुनिया का कोई डर मुझसे वो छीन सकती थी……...



मेरे दिमाग में बस काजल और शकील ही चल रहे थे,मुझे भी पता था की शकील कितना खतरनाक और पैसे वाला है,वो कितना ताकतवर है इसका अंदाजा भी मुझे नही था ,इसलिए कुछ भी करने की जल्दबाजी करना बहुत ही बड़ी मूर्खता थी,लेकिन मैं काजल को किसी भी हालत में खोना नही देना चाहता था…

सोच सोच कर मेरा दिमाग फटने लगा था लेकिन कुछ भी समझ नही आ रहा था,आखिर में मैं आंखे बंद करके सो गया,मैंने खुद को बिल्कुल ही ढीला छोड़ दिया कई सारे दृश्य मेरे सामने तैरने लगे थे,

काजल का आंसू से भरा हुआ वो चहरा मेरे सामने आ जाता था,उसकी आंखों में मेरे लिए वो प्यार जिसे देख कर मेरे मन एक सिहरन सी दौड़ जाती थी,वही शकील की बाते भी मेरे दिमाग में घूम जाती,मैंने खुद को शांत किया और बस अपने को छोड़ दिया…

मेरे बचपन का वो दृश्य मेरे आंखों में घुमा...

गांव में मेरे बचपन में जब हम स्कूल जाय करते थे तो एक टीचर थे पांडे सर,पांडे सर बच्चों से कई सवाल पूछा करते थे,एक दिन उन्होंने पूछा था…

“बताओ बच्चों की ताकत,पैसा और दिमाग में सबसे महत्वपूर्ण क्या है …”

सभी बच्चों ने अपने अपने तर्क दिए थे,मैंने कहा था की पैसा सबसे महत्त्वपूर्ण है क्योकि उसके बिना जीवन नही चल सकता,अधिकतर बच्चों ने पैसे और ताकत को अहम बताया था,तब सर मुस्कुराए और कहने लगे..

“सभी चीजो का अपना महत्व है लेकिन मेरे हिसाब से अगर तुम्हरे पास दिमाग ही नही है तो तुम पैसे और ताकत का गलत उपयोग करोगे,हो सकता है की तुम उसे खो भी दो लेकिन अगर तुम्हारे पास दिमाग है तो तुम पैसा और ताकत दोनों कमा सकते हो,तुम ऐसा कुछ कर सकते हो जिससे पैसा और ताकत दोनों तुम्हारे कदम चूमे..सोचो एक राजा के बारे में उसकी सेना में बहुत से ताकतवर लोग होते है और साथ ही उसके राज्य में कई धनवान लोग भी होते है लेकिन सभी राजा के गुलाम होते है,अगर राजा को जरूरत पड़ी तो उनका उपयोग करता है,सोचो ऐसा क्यो होता है,क्योकि राजा के पास वो दिमाग है की वो पैसे की मदद से ताकत को खरीदता है और फिर उसी ताकत की मदद से पैसे वालो पर अपना कब्जा जमाता है,और अगर राजा मूर्ख हुआ तो तुमने इतिहास में पढ़ा ही है की बड़े से बड़े राजवंश किस तरह से एक राजा की मूर्खता के कारण खत्म हो गए...हमेशा राजा जैसा सोचो ,दिमाग से सबको काबू में रखो यही राजनीति है…”

पांडे सर की बात याद आते ही मैं अचानक से उठ खड़ा हुआ,जैसे मुझे राह मिल गई हो ……..

रात के करीब दो बज चुके थे और मैं अपने लेपटॉप खोले हुए कुछ सर्च कर रहा था,मैंने एक गेमप्लान तैयार किया मैंने अपनी कैलकुलेशन की और मुस्कुराते हुए सो गया……..
 
मेरे पहले सेमेस्टर का रिजल्ट आ चुका था और सभी की उम्मीद से और शायद खुद की उम्मीद से भी ज्यादा अच्छा मेरा परफार्मेंस रहा था मैंने क्लास में टॉप किया था,इससे मेरा दोस्त प्यारे और संजय सर भी बहुत खुश थे…

“यार पार्टी तो बनती है “मेरे दोस्त ने कहा

“अबे जानता है न की इसकी कंडीसन क्या है और तुझे पार्टी चाहिए”संजय सर ने उसे डांट दिया

“कोई बात नही सर एक नई नॉकरी मिल गई है और सेलरी बहुत ही अच्छी है,एक एक बियर तो पिला ही सकता हु आप लोगो को …

दोनों मुझे आंखे फाडे देख रहे थे…

“बहुत पैसे वाला हो गया बे तू तो “

“सर कुछ जैकपॉट टाइप की चीज हाथ लग गई है लेकिन अभी कमियाबी ये नही है ,असल में असली जैकपॉट के लिए मुझे आप लोगो की भी मदद चाहिए “

दोनों मुझे आश्चर्य से देख रहे थे…

“क्या बात है तू कहना क्या चाह रहा है,और कोई ऐसा वैसा काम हो तो भाई हमे माफ कर “

संजय सर थोडा थोड़े फिक्र मंद नजर आये

“ऐसी कोई बात नही है सर,सब कुछ लीगल ही है..एक बार मेरी बात सुन लीजिए ,क्यो ना बियर के साथ बात किया जाए “

हम तीनो बैठे बियर पी रहे थे,प्यारे चारो ओर ऐसे देख रहा था जैसे बार नही किसी जन्नत में आ गया हो ,

“अब बताओ भी की आखिर ऐसा क्या कर रहे हो की तुम इतने पैसे वाले बन गए हो “

संजय सर थोड़ा घबरा रहे थे..

“सर मैं पैसे वाला नही बना हु बस समझ लीजिए की किसी दूसरे के पैसे पर ऐश कर रहा हु “

“क्या मतलब???”

मैंने संजय सर को बताया की मैं कैसे शकील के पैसे को शेयर मार्किट में इन्वेस्ट कर रहा हु ..

“तू पागल हो गया आई क्या उसके पैसे को ऐसे उड़ा रहा यही अगर उसे कुछ पता चल जाएगा तो ..”

“सर यही तो मुझे आपकी मदद चाहिए “

“मतलब??”

“मतलब ये की सिर्फ एक ही अकाउंट क्यो हम कई अकाउंट से ट्रेडिंग कर सकते है ,मैं चाहता हु की आप और प्यारे भी एक एकाउंट बनाये इसके लिए आपको कुछ भी नही करना है ना ही कोई पैसे लगाने है ,बस आपको अपनी एक आईडी बनानी है ,आपलोगो के पास बस स्मार्टफोन होना चाहिए उसका इंतजाम हम कर लेंगे,यंहा कोई सस्ता स्मार्टफोन आराम से मिल जाएगा,मैं कुछ दिनों में पैसे का जुगाड़ भी कर लूंगा,मैं जिस शेयर को जिस भाव में कहु आपको बस वो खरीदना है,और जिस भाव में कहु उसमें बेच देना है ,जब पैसे ज्यादा हो जायेगे तो हम और भी ब्रोकर के साथ अकाउंट खुलवायेगें ,ताकि हमारा पैसा रोटेट होता रहे,बस इनिशियल अमाउंट का जुगाड़ करना होगा वो मैं कर लूंगा,कम से कम 10 हजार से शुरू करेंगे …”

दोनों मुझे अजीब निगाहों से देख रहे थे..

“तू उसका पैसा मारेगा और उसे पता नही चलेगा ??”

उनकी बात सुनकर मैं मुस्कुराया ..

“सर मैंने कब कहा की मैं उसका पैसा मारूंगा...मैं मैनेज करता हु वो सब आप बस वो कीजिये जो मैं कह रहा हु ..”

प्यारे और संजय सर ने एक दूसरे को देखा और फिर धीरे से सर हिलाया …..

**************

मैं शकील के सामने खड़ा था,

“भाई मुझे कुछ पैसे चाहिए “

उसने मुझे थोड़ी देर घुरा..और मेरे हाथो में रखी किताब को देखा जो उसने ही मुझे पढ़ने के लिए दी थी ..

“अरे छोटे पैसे तो तेरे ही अकाउंट में है ना फिर भी मुझसे मांग रहा है ,”

“भाई पैसे मेरे अकाउंट में जरूर है लेकिन वो आपके पैसे है,उन्हें मैं आपके इजाजत के बगैर कैसे हाथ लगा सकता हु “

शकील के होठो में एक मुस्कान खिली

“कितने चाहिए”

“10 हजार “

“10 हजार…??? साले इतने पैसे का क्या करेगा तू,रहता तू मेरे पास ही है ,खाना तुझे मैं देता हु तो पैसे का करेगा क्या ??”

इस बार शकील के आवाज में थोड़ा गुस्सा था..

“भाई अपने कहा था की आप मुझे सेलरी देंगे और प्रॉफिट में हिस्सेदारी भी देंगे..मैं अपना काम बहुत ही जी जान लगा कर कर रहा हु ,मैंने आपके दिए 30 हजार को कुछ ही दिन में 1.5 लाख बना दिया है,तो इसमें मेरा प्रॉफिट कितने परशेन्ट का हुआ ..??”

मेरी बात से वंहा खड़ा हर आदमी खामोश हो चुका था..

“मादरचोद आज तक किसी की इतनी हिम्मत नही हुई की शकील भाई से हिस्सेदारी मांगे..”

एक आदमी जोरो से चिल्लाया ,वही शकील अब भी खामोशी से मुझे ही देख रहा था..

“भाई आपलोग जो काम करते हो वो अलग काम है ,उसमें हिस्सेदारी वाली चीज नही होती लेकिन ये काम बिल्कुल अगल है और लीगल भी है ,इसमें पैसे में बात नही होता बल्कि परसेंटेज मे बात होती है ,और मैं उस हिसाब से अपना केलकुलेशन करूंगा अगर आप ये बता दे की इसमें मेरा क्या फायदा होने वाला है..

मैं पूरा हिसाब किताब क्लियर रखना चाहता हु ताकि बाद में फिर कोई प्रॉब्लम ना हो ..”

मैं जो रट कर आया था एक ही सांस में बोल दिया

शकील अब भी खामोश था और सभी उसे ही देख रहे थे..

“ह्म्म्म लगता है तुझसे बैठ कर बात करनी पड़ेगी ..तो बोल कितना परशेन्ट लेगा तू ..”

आखिर शकील की आवाज आयी

“भाई मैं कौन होता हु आपसे परशेन्ट मांगने वाला आप जितना दे दो ..”

“10% कैसा रहेगा ..”शकील ने बोला

“अरे भाई इस साने को 10% दोगे,??साला पैसा तो आपका है फिर इसे 10% क्यो “पास खड़ा हुआ उसका चमचा बोल उठा..

लेकिन शकील ने उसे घूर कर देखा और वो चुप हो गया ..

“चल दिया तुझे 10% “आखिर शकील ने बोला

“नही भाई मुझे सिर्फ 5% बस दे दो तो भी चलेगा ,लेकिन प्रॉफिट का 5% “

इस बार शकील थोड़ा कंफ्यूज था

“मतलब ??”

“मतलब भाई की जैसे अभी तक हमे लगभग 1 लाख 10 हजार का शुध्द प्रॉफिट हुआ है इसका 5% आप मुझे दो मतलब 5हजार 500 रुपये बाकी आपका “

शकील थोड़ा खुश दिखा

“लेकिन इससे तुझे क्या फायदा होगा “

“भाई मेरे पास पैसे नही है,अगर घाटा हुआ तो मैं कहा से दूंगा,इसलिए मैं फायदे का 5% मांग रहा हु घाटा हुआ तो वो आपका रहेगा,ऐसे भाई लोग तो 20-30% चार्ज करते है और कई तो बस 20-30% देते है बाकी खुद ही रखते है ,आपका मेरे ऊपर इतना अहसान है तो मैं ज्यादा कैसे मांग सकता हु “

शकील थोड़ा सोच में पड़ गया

“ठीक है ,फायदे का 5% तू रख ..”

“भाई मैं वो पैसा हर महीने निकालना चाहूंगा,आपकी इजाजत चाहिए “

“ठीक है…”

मेरा काम हो चुका था
 
“भाई और वो 10 हजार रुपये “

“साले तुझे तो 5 हजार मिलने चाहिए थे ना “

“जी भाई लेकिन अभी थोड़ा काम भी तो है ,इतना बड़ा फायदा करवाया हु आपका आप कितना तो कर ही सकते हो ,अगले बार से जो महीने में फायदा होगा उसी से पैसे लिया करूंगा “

शकील को शायद मेरी बात अच्छी लगी ..

“ठीक है इसे 10 हजार दे दो रे...और ये पुस्तक क्यो पकड़कर घूम रहा है “

“भाई वो आपसे कुछ पूछना था “

शकील ने इजाजत दे दी और मैंने उस पुस्तक को खोलकर एक चेप्टर निकाला ..और शकील के पास जाकर उसे दिखाने लगा

“भाई मैं सोच रहा था की क्यो ना हम penny स्टोक्स में पैसे लगाए,ऐसे स्टोक्स जिनका रेट बहुत ही कम है ,सोचिए की अगर कोई स्टॉक सिर्फ 10 पैसे मे मिल जाए तो ,1000 रुपये में हम कितना खरीद सकते है ,और 1000 रुपये का स्टॉक 2हजार होने में बहुत समय लग सकता है लेकिन 10 पैसे के स्टॉक को 20 पैसा होने में कितना समय लगेगा ...कुछ ऐसे ही स्टोक्स है जो 100 रुपये से कम के है उन्हें खरीदा जाए तो वो परसेंटेज में जायद पैसा कमा कर देंगे “

शकील ने थोड़ी देर अपना सर खुजलाया

“ठीक है ठीक है जो तुझे समझ आये वो कर ,छोटी छोटी बातों को पूछने की क्या जरूरत है “

“भाई वो इसमें रिस्क भी तो ज्यादा रहता है,कमा भी सकते है और गंवा भी सकते है ,मतलब है की 10पैसे का स्टॉक 5 पैसे भी तो हो सकता है ना,इसलिए आपकी इजाजत चाहिए ताकि बाद में आप मुझे ना बोले “

शकील थोड़ी देर चुप रहा और बुक को पढ़ने की कोशिस करने लगा मुझे पता था की उसे घण्टा कुछ भी समझ नही आने वाला था ..

“ठीक है दिया इजाजत जो करना है कर “

“थैंक्यू भाई “

“हम्म और काजल से मिलने गया था ना क्या हुआ उसका “

इस बार शकील के होठो में एक कमीनी मुस्कान थी,लेकिन मैं भी अपने आप को पहले से तैयार करके आया था

“अपने सही कहा था भाई,रंडी तो साली रंडी ही रहेगी..मैं ही चूतिया था जिसे उससे लगाव हो गया था,लेकिन अब नही भाई अब तो जमकर पैसे कमाने है ,पैसे रहेंगे तो वैसी कई रंडियों को खरीद लेंगे ..”

मेरी बात सुनकर जैसा मुझे यकीन था शकील का चहरा थोडा बुझा बुझा सा हो गया,वो तो चाहता था की हमारे बीच प्यार हो ना सिर्फ प्यार हो बल्कि काजल मुझे टूटकर चाहे ताकि वो हमे अलग करके मजे ले सके,लेकिन अब बेचारा शकील किस चीज के मजे लेता,वो मुझे निकाल भी नही सकता था क्योकि मैंने उसे ऐसा ख्वाब दिखा दिया था जिसे पूरा करने में उसे मेरी जरूरत पड़ती ,कम से कम अब मैं सेफ था और मुझे काजल को भी सेफ करना था….

शकील की इजाजत मिलने से मेरा एक टेंशन दूर हो गया था मैंने संजय सर और प्यारे के अकाउंट में 5-5 हजार डाले अब टाइम था मेरे गेम प्लान का …

इसे समझने से पहले आपको शेयर मार्किट के कुछ टेक्निकल टर्म को समझना होगा..जिसमे है ask price,bid price,aur volume…

पहले आते है ask प्राइज पर ask प्राइज वो प्राइस होता है जिसपर कोई व्यक्ति किसी स्टॉक को खरीदने के लिए तैयार हो ,वही bid प्राइज वो प्राइज है जिसपर कोई उस स्टॉक को बेेेचने के लिए तैयार हो ..मतलब ये की अगर कोई किसी स्टॉक को 100 रुपये में बेचना चाहे तो वो उसका bid प्राइज हो गया,अब अगर किसी को लगता है की 100 रुपये सही रेट है तो उसमें उसे खरीद लेगा नही तो वो अपना ask प्राइज लगा देना 98 रुपये का ,

अब आते है वॉल्यूम में की आखिर स्टॉक मार्किट में वॉल्यूम क्या चीज है,जब कोई ask और bid प्राइज एक भाव में मिल जाते है,मतलब की किसी एक भाव में कोई समझौता हो जाता है माना की किसी शेयर को कोई 100 रुपये में बेचने को तैयार हो और 100 रुपये में ही कोई खरीदने को भी तैयार हो और वो 1 शेयर बेचे और 1 शेयर खरीदे तो वॉल्यूम हो गया 1 का ..

अधिकतर बड़े शेयर में ज्यादा वॉल्यूम होते है वही छोटे शेयर को खरीदने या बेचने में किसी का ज्यादा इंटरेस्ट नही होता इसलिए उसमें वॉल्यूम ज्यादा नही होता,ये 10करोड़ भी हो सकता है तो कही कही आपको 500-100 भी देखने को भी मिल जाता है,

मैंने ऐसे ही स्टोक्स को सलेक्ट किया जिसमे वॉल्यूम 500 से नीचे हो और उसकी प्राइज भी 5 रुपये से कम ही हो ..मुझे ऐसे कुछ स्टोक्स भी मिल गए अब मेरा प्लान शुरू होने वाला था,

उन कुछ स्टोक्स में से मैंने एक ऐसे स्टॉक को लिया जिसमे वॉल्यूम बहुत कम था और वो ज्यादा बढ़ता भी नही था ताकि मैं उसमें कुछ कर सकू..

मैंने एक शेयर को 1 रुपये में खरीदना शूरू किया इसतरह मैंने कुछ दिनों में लगभग 7000 शेयर खरीद लिए

अब मैंने संजय सर और प्यारे को उस स्टॉक को 1.50 रुपये में 3300 शेयर खरीदने के लिए कहा,उन दोनों ने 3300 शेयर खरीदे और मैंने 1.5 के रेट में उसे बेच दिया इसतरह मुझे लगभग 3300 रुपये का प्रॉफिट हो गया...लेकिन उसी दिन मैंने संजय सर और प्यारे से कहा की पूरे शेयर को 3 रुपये की bid लगा दो ,मतलब की अब वही शेयर 3 रुपये में बिकने को तैयार थे,और मैंने इधर से 3 रुपये की ask लगा कर पूरे शेयर फिर से खरीद लिए ,स्वाभाविक था की इससे उन दोनों में हर एक को 4950 की प्रॉफिट हो गई ,लेकिन पैसा शकील के जेब से गया,इसतरह हमने मिलकर 9900 का प्रॉफिट कर दिया ,और पूरा पैसा लीगल तरीके से हमारे पास पहुच गया ,शकील को शक होने का सवाल नही था क्योकि इससे पहले मैंने वही शेयर 1 रुपये में खरीद कर 1.5 रुपये में बेचे थे ,अब उस शेयर का प्राइज 3 रुपये पहुच गया था,मैं जानता था की अब उसे इस रेट में खरीदने को कोई तैयार नही होगा लेकिन फिर भी मैंने उसे अपने पास रख लिया ताकि अगर उस प्राइज में कोई खरीदने वाला मिल जाए तो मैं उसे ये माल चिपका दु अगर ऐसा होता तो शकील को भी कोई नुकसान नही होता ,और हो भी जाता तो मुझे क्या था मेरे पास तो पैसे आ चुके थे,मैंने पहले ही सोचा था की शकील को भी पता नही लगाना चाहिए और उसका पैसा धीरे धीरे हमारे अकाउंट में ट्रांसफर होता रहे इसके लिए ये भी जरूरी था की उसे मैं कुछ फायदा भी दिखता रहू ताकि उसका लालच भी बना रहे ,इसलिए मैंने अपना ट्रेडिंग शुरू कर दिया,कभी कभी मैं पैनी स्टोक्स के जरिये शकील का पैसा प्यारे और संजय सर के पास भेजता रहा लेकिन बाकी समय में मैं शेयर मार्किट से मुनाफा कमाने के लिए जीतोड़ मेहनत करता था और जिस शेयर में मैं पैसा लगाता था उसपर ही संयज सर और प्यारे को भी पैसा लगाने बोलता,वो मेरे हिसाब से काम कर रहे थे और कुछ लॉस और कुछ प्रॉफिट के साथ हम पैसा कमा रहे थे..
 
कुछ ही दिन बीते थे और मैं काजल का हाल जानने के लिए डॉ के पास पहुचा

“तो राहुल आजकल तूम काजल के साथ नही आते..”

“वो टाइम पर आ तो रही है ना डॉ ..”

“हा बिल्कुल तुमने कसम जो दे रखी है उसे..”

डॉ मुस्कुराने लगा..

“डॉ आप उससे पैसे मत लेना,आपके और दवाइयों के जो भी पैसे बनेंगे वो मैं आकर दे जाया करूंगा..”

“मैं जानता हु तुमने ये बात मुझे पहले भी कही की इलाज में कितना खर्च हो रहा है वो किसी को पता नही लगाना चाहिए लेकिन राहुल अब समय आ गया है की उसे हॉस्पिटल में एडमिट करना होगा..”

डॉ की बात सुनकर जैसे मेरी सांस ही रुक गई

“डॉ अपने तो कहा था की ये दवाइयों से ठीक हो जाएगा ..”

मेरी बात पर डॉ थोड़ा चिंतित हो गए थे,वो कुछ देर तक सोचते रहे ..

“मैंने अपनी तरफ से बहुत कोशिस की राहुल लेकिन ..”

“लेकिन क्या डॉ..”

“तुम जानते हो की काजल को lungs केंसर है,अभी वो पहले स्टेज में है लेकिन मैं नही चाहता की वो फैल जाए फिक्र वाली कोई बात नही है एक छोटा सा ऑपरेशन होगा बस”

डॉ की बात से मैं गहरे सोच में पड़ गया,क्योकि हॉस्पिटल में एडमिट करने का मतलब था की उसे वंहा से कुछ दिनों के लिए बाहर निकलना था और जैसा मुझे पता था की उसके पीछे शकील के लोग लगे हुए है जो उसपर नजर रखते है,और अगर ये बीमारी की बात शकील तक पहुची तो वो खुश होगा ना की काजल को हॉस्पिटल में एडमिट करने की परमिशन देगा,मुझे उसकी बीमारी के बारे में टेस्ट के बाद से ही पता चल गया था,इसीलिए 16 हजार का टेस्ट करवाया गया था,मैंने गूगल से ही सारी जानकारी निकाल ली थी लेकिन अभी तक मैंने काजल को कुछ भी नही बताया था ..

मुझे सोचता हुआ देखकर डॉ बोल पड़े ..

“राहुल फिर से सोच लो इस बारे में जल्द ही कुछ करना होगा,दवाइयों से हम उसे कुछ फील गुड़ तो करवा सकते है लेकिन पूरी तरह से ठीक नही कर सकते और अगर कही से भी वो फैलाना शुरू हुआ तो ...तुम पढ़े लिखे हो तुम्हे तो इसका अंदाजा होगा..”

“जी डॉ लेकिन पैसे कितने लग जायेगे..”

डॉ ने मेरी ओर देखकर एक गहरी सांस छोड़ी

“कम से कम 2-3 लाख,हा अगर कही से कोई सहायता मिल जाए तो कम में भी हो सकता है मतलब अगर कोई पोलिटिकल सपोर्ट हो वो विधायक या संसद निधि से पैसे मिल सकते है ,मुझे नही लगता की ऐसे केस में कोई दानदाता सामने आएगा,और जैसा तुमने बताया की उसके इलाज की किसी को खबर नही होनी चाहिए तो तुम्हारे लिए खुद ही फंड का इंतजाम करना थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन इससे कम में तो बात नही बनेगी,मैं अगर अपनी फीस भी माफ कर दु तो जो डॉ ऑपरेशन करेंगे और दवाईयो का खर्च तो आएगा ही ...तुम्हे 2-3 लाख का इंतजाम तो करना ही होगा..”

डॉ की बात सुनकर मेरे माथे पर पसीना गहरा गया,एक तो काजल को हॉस्पिटल में लाने की टेंशन थी वही दूसरी ओर पैसों की ,मैं डॉ से बिदा मांगकर तो आ गया लेकिन मेरे मन में वही कौतूहल चल रहा था……

मैं संजय सर और प्यारे के साथ उसी चाय की टपरी में खड़ा हुआ चाय पी रहा था,मैंने वंहा से कुछ दूर पर आकाश (पैसे वाला लॉन्डा) को देखा वो बनवारी के साथ खड़ा कुछ बात कर रहा था,अचानक उसकी नजर मुझपर पड़ी और वो मुस्कुरा दिया,क्लास में टॉप करने से मुझे कम से कम मेरी क्लास के लोग तो पहचानने लगे थे,और आकाश मुझे कुछ और भी कारणों से जानता था जिन लोगो को पिछले अपडेट याद हो वो समझ गए होंगे,वही वो लड़का था जिसने काजल को 5 लाख का ऑफर दिया था,एक बार मेरे जेहन में वो बात गूंज गई थी ,5 लाख...सारी मुसीबत एक ही बार में हल हो सकती थी,और मैं जानता था की आकाश काजल से बदला लेने के लिए 5 क्या ज्यादा भी दे सकता था,एक बार मैं सोच में पड़ गया लेकिन अगले ही पल मेरे जेहन में काजल का प्यारा चहरा चमका..

वो उसकी भोली आंखे और उसमें से टपकती हुई मासूमियत,कितने दिन हो गए थे उसे देखे हुए,अगर 5 लाख के लालच में मैं काजल को मना बीच लू तो ये आकाश काजल की क्या हालत करेगा ये सोच कर ही मेरे जेहन में खुद के लिए इस फैसले की वजह से नफरत सी उठ गई ,नही नही ये नही हो सकता मैं ऐसा नही कर सकता……..लेकिन मैं करू तो क्या करू,एक तरफ मेरी जान की ये हालत है की उसे इलाज की जरूरत है और दूसरी तरफ मेरे पास ना तो पैसे है ना ही उसे उस रंडीखाना से निकालने की कोई तरकीब….

इतना तो फिक्स था की अगर काजल वंहा से निकली तो वो वंहा फिर से नही जा सकती थी और शकील ना उसे जिंदा छोड़ेगा ना ही उसे निकालने वाले को मुझे कुछ ऐसा करना था की शकील बस धुंए को खोजता रह जाए और काजल कही धुंए सी उड़ जाए,एक बार वो उड़ गई तो पैसे भी कही ना कही से जुगाड़ ही लूंगा…

दोस्तो मेरे जैसे आदमी के लिए 3 लाख बहुत बड़ी रकम थी लेकिन प्यार आपको वो हिम्मत देता है की आप अपने प्यार के लिए असंभव को भी संभव कर दिखाए,ये एक बार मेरे साथ हो चुका था जब काजल के टेस्ट के लिए 16 हजार लगने थे,मैंने जैसे ही उस टेस्ट का नाम गूगल किया मुझे समझ आ चुका था की ये टेस्ट केंसर के मरीजों के लिए होता है ये कन्फर्म करने के लिए की उन्हें केंसर है की नही ,और मुझे ये भी समझ आ चुका था की काजल के लिए ये टेस्ट कितना जरूरी है ,उस समय भी मेरी वो हैसियत नही थी आज भी नही थी,लेकिन एक यकीन उस समय भी था आज भी है.की मैं अपनी काजल के लिए कोई भी असंभव को संभव कर सकता हु और मुझे ये करना था,या ये कहु की करना ही था..
 
मैं उसे किसी भी कीमत में नही खो सकता था,वो मेरी किस्मत थी और किस्मत के आगे कोई भी कीमत कम ही होती है ……

मैं चलता हुआ बनवारी के पास चला गया

“अरे कैसे हो इंजीनियर बाबू ,तुम्हारी तो ठाठ है “

बनवारी की बात सुनकर मैं नकली हंसी में हँसने लगा..

“ये आकाश क्या कह रहा था”मैने जाते हुए आकाश की तरफ इशारा किया

“अरे कहेगा क्या वही पुराना चुद का जुगाड़ ऐसे तेरी आइटम पर इसकी नियत पूरी तरह से डोली है ,आज भी उसे पाने को कुछ भी करने को तैयार रहता है “बनवारी ने गंदी हंसी हंसी

“अरे कहे की मेरी आइटम काका,रंडीया आजतक किसी की हुई है क्या ,बस साली के साथ कुछ कर नही पाया “

मैंने बड़ी मुश्किल से ये कहा लेकिन ये कहना जरूरी था ,बनवारी जोरो से हंसा

“और कुछ कर भी नही पाओगे...हा हा जब तक की शकील की मेहरबानी ना हो जाए ,वैसे भी काजल उसकी खास माल जो है “

मैंने उसे थोड़े शक के निगाहों से देखा जैसे मुझे कुछ भी ना पता हो

“क्यो”

“अरे तुझे पता नही “

“नही तो “

“असल में शकील और काजल दोनों ही इस शहर में एक साथ आये ,शकील ही काजल को कही से उठा कर लाया था,उस समय यंहा शकील नही बल्कि उसके चाचा कयामत का जोर था ,जब शकील काजल जैसी माल को लेकर आया तो कयामत बहुत ही खुश हुआ और शकील को अपने साथ ही रख लिया,काजल बेचारी के लिए वो दिन उसके जीवन के सबसे मुश्किल दिन थे,सारे गुंडों ने उसे कई दिनों तक लगातार रौंदा,मैंने ये ये भी सुना है की जितना काजल को दर्द मिलता शकील को उतनी ही खुसी मिलती,पता नही कैसी दुश्मनी थी उस जल्लाद की शकील के साथ ,फिर काजल को रंडीखाने में ले जाकर पटक दिया,और कुछ ही दिनों में शकील ने कयामत को मारकर उसकी जगह ले ली ,तब से शकील इस जगह का राजा है,धीरे धीरे काजल का दर्द कम होने लगा और शकील का उससे ध्यान भी ,लेकिन फिर पता नही उसे क्या हो गया जो काजल का पीछा करने के लिए उसके कई गुंडे साथ ही रहते है ,शायद तेरे कारण हो “

बनवारी हँसने लगा था मैं भी साथ साथ हँसने लगा

“अरे मेरी इतनी औकात कहा जो मैं शकील भाई से पंगा लू..”

“लेना भी मत,सोचना भी मत वरना तेरे जिस्म से चमड़ी उतरवा देगा वो शकील ,महामादरचोद आदमी है साला,जल्लाद है “

मैंने हांमी भारी और बनवारी से दुवा सलाम करके उसको चलता किया,मैं फिर से उसी टपरी में आकर खड़ा हो गया था..


मेरे चहरे में आये हुए भाव से प्यारे और संजय सर बेखबर नही रह पाए,

“क्या हुआ राहुल कुछ परेशान लग रहे हो “

संजय सर ने पूछा था,मैं इसी कसमकस में था की इन्हें कुछ बताऊँ या नही लेकिन सोचा की शायद कोई मसाला निकल जाए

और मैंने काजल के बीमारी और अपनी मजबूरी वाली पूरी बात उन्हें बता दी …

“ओह यार ...ये तो बड़ा लोचा है भाई तू इन सबमे मत पड़ ..”प्यारे ने झट से कहा

“यार मुझे पैसों की फिक्र नही है लेकिन काजल को वंहा रहने नई दे सकता उसे वंहा से भागना होगा”

“तू पागल हो गया है ,अभी अभी तो तूने कहा की शकील के गुंडे काजल के पीछे है ,साले तेरी चमड़ी निकाल लेगा वो “

संजय सर के चहरे पर एक गंभीरता सी आ गई

“सर कोई तो होगा जो मेरी मदद कर सके ..”मैं जैसे फुसफुसाया लेकिन सभी खमोश थे,

“एक है “प्यारे चहका हम दोनों ने उसकी ओर देखा वो एक उंगली दिखा रहा था,बाइक पर एक हट्टा कट्टा नवजवान आ रहा था,माथे में तिलक लगाए उसका गौरा रंग और भी उभर कर सामने आ रहा था ,कंधे पर एक कपड़ा लपेटे हुए और आंखों में गॉगल लगाए वो किसी हीरो से कम नही लग रहा था…

“तू पागल हो गया है “संजय सर की आवाज अचानक से कांपने लगी थी,ये लड़का था हमारा प्रेसिडेंट अविनाश …

अविनाश भी संजय सर को देखकर रुक गया,

सभी ने उसे नमस्कार किया

“क्यो रे छोटे इधर आ …”उसने मुझे ही बुलाया था

“मादरचोद तू तो टॉप कर गया बे,तुझे देख कर लगता नही की तू इतना साना होगा,क्यो बे संजय तेरा लौंडा तो एकदम धांसू निकला ,तुझे ही प्रॉब्लम थी ना कमरे की अब कैसे चल रहा है “अविनाश ने मेरे कंधे पर हाथ रखकर कहा

“कुछ भी ठीक नही है भाई “

प्यार बोल उठा ,हम उसे ऐसे देख रहे थे की वो कुछ और ना बोल दे संजय सर की मानो फट के चार ही हो गई थी लेकिन प्यारे तो साला प्यारे ही था…

“भाई जिस बंदे ने इसे कमरा दिया था ना ,इस साले को उसकी मासूका से ही इश्क हो गया ,वो भी इसे प्यार करती है लेकिन ..”

हम सब चौक गए थे प्यारे ने हमे आंखों से ऐसे इशारा किया जैसे कह रहा हो की मैं सब सम्हाल लूंगा तुम बस हा बोलो ..

अविनाश भी मुझे बड़ी अजीब निगाह से देखने लगा

“मैं तो साला तुझे सीधा साधा समझ रहा था तू तो एक नंबर का कमीना निकला “

“कमीनापन नही भाई इसने तो उसे अभी तक छुआ भी नही है ,लेकिन इसके मालिक को शक है की उसकी माशूका का किसी और के साथ चक्कर है और रोज बेचारी को बहुत मारता है,जंहा भी वो जाती है उसके गुंडे उसके साथ होते है,,अब ये बेचारा क्या करे वो ठहरा यंहा का डॉन और ये तो सीधा साधा आदमी है,इसकी बस इतनी गलती है की ये प्यार कर बैठा,अब गरीब का प्यार करना भी कोई गुनाह है क्या भाई..वो भी इससे मोहोब्बत करती है लेकिन बेचारी वंहा घुट घुट कर रह रही है “

अविनाश के आंखों में अचानक से मेरे लिए हमदर्दी का भाव आया,जंहा गरीब कह दो तो अविनाश भावुक हो जाता था..

“कोई नही छोटे कोन है वो मादरचोद तेरा मालिक उसके घर में घुस के उसे मारूंगा “

“नही नही भाई”मैं बुरी तरह से डर गया था क्योकि अविनाश को गरीबो से जितनी हमदर्दी थी उतना ही वो जिस्म बेचने वाली औरतो से नफरत करता था,दुनिया भी अजीब है वो रंडियों से नफरत करती है लेकिन ये कोई नही देखता की वो किस मजबूरी में इस धंधे में आ गई है ,ऐसे ही कुछ आदर्शवादियों में अविनाश की भी गिनती थी ..

“वो वो बहुत ही ताकतवर आदमी है शहर का डॉन है,और मैं उसके पास काम भी करता हु मैं नही चाहता की मेरा काम इस वजह से बंद होई जाए अभी उससे कुछ अच्छे पैसे बन जाए तो फिर मैं उसे छोड़ दूंगा “मैंने हड़बड़ाते हुए कहा

“ह्म्म्म क्या नाम है उसका “

अविनाश कुछ सोचता हुआ बोला

“किसका ??”

“अबे तेरी आइटम का और उस डॉन का “

“क क क क क क “मेरी जुबान लड़खड़ा गई थी

“किरण ??”
“नही भाई काजल ,और वो डॉन है शकील ..”

“ओह तो शकील की माल है ,वही ना जो साला रंडियों का धंधा करता है सारे शहर को गंदा करके रखा है मादरचोद की रंडियों ने ,ठीक है छोटे तू फिक्र मत कर तेरा प्यार तुझे मिलेगा और उस शकील के बच्चे को पता भी नही चलेगा ,उस साले के गुंडों के नाक के नीचे से उठाकर लाऊंगा उसे ...ओ चाचा चलो सबको चाय पिलाओ …”

अविनाश की बात सुनकर हम सब एक दूसरे को देखने लगे,ये क्योकि ये जितना आसान लग रहा था उतना ही मुश्किल भी था,अगर अविनाश को थोड़ी भी भनक लग जाती की जिसे वो मेरे लिए उठाने वाला है वो एक जिस्म का धंधा करने वाली है तो हमारी खैर नही थी ……...
 
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