desiaks
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ऐसे ही दो महीने बीत गये कभी आंटी तो कभी बड़ी चाची को चोदता था,पर अपनी पढ़ाई का नुकसान ना हो इस तरह, अब मेरी एग्जाम भी ओवर हो चुकी थी, गर्मिया शुरू होने को थी और इस बार पता नहीं कहीं पे किसीने घुमने का प्लान नहीं बनाया, वैसे तो हर वेकेशन में हम कहीं न कहीं हिल स्टेशन पे जाने का प्लान बनाते थे. पर मेरे लिए अच्छा था की में कम से कम मोम के पास तो जा सकता था और में मोम से मिलने चला गया. चाची ने भी मुझे इस बार बेस्ट ऑफ़ लक कहा था वो भी शायद समझती थी की इस बार शायद फुल एंड फाइनल प्रोग्राम हो जायेगा.
मैं अपने घर पहुंचा, में बिना बताये आया था मोम को सरप्राइज देना चाहता था मैं घर पहुंचा तो मोम नहीं थी, में समझ गया की मोम अपने क्लिनिक पे होगी, तो में मोम के क्लिनिक पे चल दिया. पेशेंट्स सच में थोड़े से ज्यादा थे. मैं भी वहीँ पे बैठा और पेशेंट्स के ख़त्म होने का इंतज़ार करने लगा. फिर आधे घंटे में मोम के पेशेंट्स ख़त्म हुए और वो निकलने में रेडी हो रही थी. मैं चुपके से एंटर हुआ, मोम अपना एप्रन निकाल रही थी..एप्रन जो डॉक्टर्स पेशेंट्स को एक्सामिन करते टाइम पहनते हे. उनकी बैक मेरी और थी, में उनके पीछे गया और उनकी आँखें झट से बंद कर दी..पहले तो मोम चौंक गयी और छूटने की ट्राय करने लगी पर फिर उन्हें सरप्राइज का एहसास हुआ, तो वो चुप सी खड़ी रह गयी और मेरे हाथों को छू के महसूस करने लगी. मैं आगे आ गया और मोम को फुल टच कर के खड़ा हो गया और मोम को शायद पता चल गया होगा, की में हूँ तो मोम ने कहा
"सरप्राइज अच्छा लगा, सच में में सरप्राइज हो गयी...
मैने कुछ कहा नही..बस अपना नाम मोम के मुँह से निकलने का इंतज़ार करता रहा,
"अच्छा तो अपना नाम सुनना चाहते हो..तो.थैंक्स रेशु...
और मैंने मोम की आँखों पे से हाथ हटा दिये.
"मोम तुम्हे कैसे पता लगा, की में हूँ.. ?
"बस पता चल गया...
और फिर में मोम की हेल्प करने लगा, टेबल पे सब अरेंज किया और क्लिनिक अटेंडेंट के हवाले छोड़ के हम चलपडे.मोम ने और मैंने लंच बाहर करने का प्लान बनाया और पापा को भी साथ में ले के हमने एक होटल में डिनर किया. मैंने तब सोचा की अच्छा हुआ की में मोम के क्लिनिक चला गया, वर्ना शायद मोम से घर पे क्याजुअली मिलता तो मोम शायद पिछले इंसिडेंट के बारे में सोचती और इतना खूल के बात नहीं करती..पर अभी ऐसे मिलने के बाद मोम सच में खुश लग रही थी. फिर से हम ने पापा को हॉस्पिटल ड्राप किया और घर चलपडे घर को पहुंचते ही मैंने मोम से कहा
"मोम तुम्हे आखिर पता कैसे चला...?
"अरे पता चल जाता हे..ऐसे ही तुम भी मुझे पहचान लोगे, अगर सरप्राइज देणे का टाइम आया तो में भी तुम्हे सरप्राइज दूंग़ी...
फिर कुछ देर बाद, मैंने मोम से बात की
"मोम आर यु ऑलराइट.?
"अरे रेशु..अभी तुम्हारी मोम इतनी भी बुढी नहीं हुई की तुम्हे अपने मोम की तबियत का हाल चाल पूछना पडे....
और मोम हंस पडी और में भी..समझ में मेरी आ रहा था की मोम इन दो महीनो में मोम सोच सोच के ना ही अपने आप को कोस रही हे, और ना ही मुझे इसके बारे में जिम्मेदार ठहरा रही हे..मोम सच में अब मेरे साथ खूल के हंस रही थी, मज़ाक कर रही थी. ऐसे ही पूरा दिन गुजर गया और नेक्स्ट डे पापा के जाने के बाद में मोम के कमरे में गया.
"मोम...!!
"हा...!
मोम अपने रूम को ठीक से साफ़ कर रही थी, क्याजुअल कपड़ो में थी. वो उस वक़्त आईने को साफ़ कर रही थी.
"मोम एक बात करनी हे...
मोम के हाथ आइना साफ़ करते करते रूक गये, और उन्हें पता चल गया की में सेक्स के बारे में शायद डिस्कस करना चाहता हू. .
"मोम में है..नाआआ, में..आपको भूला नहीं.....
"रेशु..मुझे पता हे, बस अब आगे कहने की जरूरत नहीं हे.....
मोम मेरी और नहीं देख रही थी.
"मोम..सच कहूं, वो सब भूलना सच में नामुमकिन है, मेरे लिए सच में इम्पॉसिबल हे....
और मोम ने आईने पे से केमिकल हटाया और मोम आइना साफ़ करती जा रही थी और में उनके सामने साफ़ होता जा रहा था मोम ने आईने में मेरी और देखा और मैंने भी मोम को आईने में से देखा..मोम एक पल भी बिना कहीं देखे, मेरी और देखति रही और में भी मोम को. कुछ देर बाद में मोम की और पास आया और मोम के एकदम पास खड़ा रहा.
मैं अपने घर पहुंचा, में बिना बताये आया था मोम को सरप्राइज देना चाहता था मैं घर पहुंचा तो मोम नहीं थी, में समझ गया की मोम अपने क्लिनिक पे होगी, तो में मोम के क्लिनिक पे चल दिया. पेशेंट्स सच में थोड़े से ज्यादा थे. मैं भी वहीँ पे बैठा और पेशेंट्स के ख़त्म होने का इंतज़ार करने लगा. फिर आधे घंटे में मोम के पेशेंट्स ख़त्म हुए और वो निकलने में रेडी हो रही थी. मैं चुपके से एंटर हुआ, मोम अपना एप्रन निकाल रही थी..एप्रन जो डॉक्टर्स पेशेंट्स को एक्सामिन करते टाइम पहनते हे. उनकी बैक मेरी और थी, में उनके पीछे गया और उनकी आँखें झट से बंद कर दी..पहले तो मोम चौंक गयी और छूटने की ट्राय करने लगी पर फिर उन्हें सरप्राइज का एहसास हुआ, तो वो चुप सी खड़ी रह गयी और मेरे हाथों को छू के महसूस करने लगी. मैं आगे आ गया और मोम को फुल टच कर के खड़ा हो गया और मोम को शायद पता चल गया होगा, की में हूँ तो मोम ने कहा
"सरप्राइज अच्छा लगा, सच में में सरप्राइज हो गयी...
मैने कुछ कहा नही..बस अपना नाम मोम के मुँह से निकलने का इंतज़ार करता रहा,
"अच्छा तो अपना नाम सुनना चाहते हो..तो.थैंक्स रेशु...
और मैंने मोम की आँखों पे से हाथ हटा दिये.
"मोम तुम्हे कैसे पता लगा, की में हूँ.. ?
"बस पता चल गया...
और फिर में मोम की हेल्प करने लगा, टेबल पे सब अरेंज किया और क्लिनिक अटेंडेंट के हवाले छोड़ के हम चलपडे.मोम ने और मैंने लंच बाहर करने का प्लान बनाया और पापा को भी साथ में ले के हमने एक होटल में डिनर किया. मैंने तब सोचा की अच्छा हुआ की में मोम के क्लिनिक चला गया, वर्ना शायद मोम से घर पे क्याजुअली मिलता तो मोम शायद पिछले इंसिडेंट के बारे में सोचती और इतना खूल के बात नहीं करती..पर अभी ऐसे मिलने के बाद मोम सच में खुश लग रही थी. फिर से हम ने पापा को हॉस्पिटल ड्राप किया और घर चलपडे घर को पहुंचते ही मैंने मोम से कहा
"मोम तुम्हे आखिर पता कैसे चला...?
"अरे पता चल जाता हे..ऐसे ही तुम भी मुझे पहचान लोगे, अगर सरप्राइज देणे का टाइम आया तो में भी तुम्हे सरप्राइज दूंग़ी...
फिर कुछ देर बाद, मैंने मोम से बात की
"मोम आर यु ऑलराइट.?
"अरे रेशु..अभी तुम्हारी मोम इतनी भी बुढी नहीं हुई की तुम्हे अपने मोम की तबियत का हाल चाल पूछना पडे....
और मोम हंस पडी और में भी..समझ में मेरी आ रहा था की मोम इन दो महीनो में मोम सोच सोच के ना ही अपने आप को कोस रही हे, और ना ही मुझे इसके बारे में जिम्मेदार ठहरा रही हे..मोम सच में अब मेरे साथ खूल के हंस रही थी, मज़ाक कर रही थी. ऐसे ही पूरा दिन गुजर गया और नेक्स्ट डे पापा के जाने के बाद में मोम के कमरे में गया.
"मोम...!!
"हा...!
मोम अपने रूम को ठीक से साफ़ कर रही थी, क्याजुअल कपड़ो में थी. वो उस वक़्त आईने को साफ़ कर रही थी.
"मोम एक बात करनी हे...
मोम के हाथ आइना साफ़ करते करते रूक गये, और उन्हें पता चल गया की में सेक्स के बारे में शायद डिस्कस करना चाहता हू. .
"मोम में है..नाआआ, में..आपको भूला नहीं.....
"रेशु..मुझे पता हे, बस अब आगे कहने की जरूरत नहीं हे.....
मोम मेरी और नहीं देख रही थी.
"मोम..सच कहूं, वो सब भूलना सच में नामुमकिन है, मेरे लिए सच में इम्पॉसिबल हे....
और मोम ने आईने पे से केमिकल हटाया और मोम आइना साफ़ करती जा रही थी और में उनके सामने साफ़ होता जा रहा था मोम ने आईने में मेरी और देखा और मैंने भी मोम को आईने में से देखा..मोम एक पल भी बिना कहीं देखे, मेरी और देखति रही और में भी मोम को. कुछ देर बाद में मोम की और पास आया और मोम के एकदम पास खड़ा रहा.