hotaks444
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अध्याय 35
तरुणा ने तुरत ही अविनाश को फोन लगाया और हम एक्शन में आ गए ,मैंने अविनाश से कहा की अभी ये बात किसी को ना बताए अपने जिगरी दोस्तो को भी नही हम दोनों ही तुरत आकाश के घर की ओर बढ़े वो घर नही बंगलो था,मुझे साफ साफ वो दिन दिखाई दे रहा था जब आकाश ने काजल को देख लेने की धमकी दी थी ,शायद उसे ये भी पता चल गया था की काजल उसके साथ क्यो नही आयी थी उसका कारण मैं था ,लेकिन शकील से उसकी क्या दुश्मनी हो सकती थी ,खैर अभी तक हम इस बात को लेकर कन्फर्म नही थे की वो शख्स आकाश ही होगा बस उसके पास उन दो कैमरा मॉडल में एक था ,और उसके पास काजल से बदला लेने की भी वजह थी,लेकिन वो कम्प्यूटर में इतना भी जीनियस नही था की badebhaiya बनकर कुछ ऐसा कांड कर दे ,जरूर अगर ये आकाश ही था तो उसने इसी को हायर किया होगा,जो भी हो मुझे बस मेरी काजल मिल जाए फिर बाकी चीजे बाद में भी देखी जा सकती थी ……
“हमे पता नही की हम सही आदमी के पीछे है की नही ,आकाश का बाप यंहा का बहुत बड़ा बिजनेसमैन है अगर हम गलत हुए तो हम जेल के अंदर होंगे ,और इतने छोटे से सबूत के सहारे हम कुछ कर भी नही सकते “अविनाश ने एक स्वाभाविक सी बात कही थी
“हा लेकिन चांस तो लेना होगा,अगर हमने कैमरे की बात को माना है तो उस कमरे की बात पर भी हमे गौर करना चाहिए, गणपत ने कहा था की वो कमरा सीलन भरा होगा और हरियाली के पास होना चाहिए तो ,,इसका ये घर तो नही हो सकता ऐसे भी यंहा वो अपने पूरे परिवार के साथ रहता है तो मुझे नही लगता की उसने काजल को यंहा छिपाया होगा …”
“मतलब की इसका कोई दूसरा घर भी होगा “
“ये अमीर आदमी है शायद कोई फार्महाउस “
अविनाश थोड़ी देर सोच में पड़ गया फिर उसने अपना मोबाइल निकाला ,मैंने उसे तुरंत ही मना किया
“अगर ये शख्स आकाश ही है तो कालेज का कोई भी आदमी उससे मिला हो सकता है वो पैसे के जोर में किसी को भी खरीद सकता है “
अविनाश मेरी बात को समझ चुका था लेकिन उसके चहरे में हल्की सी मुस्कान आई
“फिक्र मत कर मैं उसे फोन लगा रहा हु जिनके लिए दोस्ती पैसों से कही ज्यादा महत्व रखती है “
अविनाश ने जॉनी को भी फोन लगाया और एक ठिकाने में राकेश के साथ आने को कहा …ये दोनों वही थे जो हमारे साथ केशरगढ़ गए थे ...
हम सभी वंहा पहुच चुके थे जंहा अविनाश ने जॉनी को बुलाया था..
“आकाश पर नजर रखना होगा वो कहा जाता है क्या करता है उसका वीडियो रोज ही आता है इसका मतलब है की वो रोज अपने घर से निकल कर उस जगह पर जाता होगा ...कोई ऐसा आदमी है जो इस काम को अच्छे से कर सके क्योकि आकाश को इसका पता नही लगना चाहिए…”
जॉनी ने सर हिलाया उसके पास ऐसा आदमी था …
वो तुरंत ही काम में लग चुका था ,आज रात ना मुझे नींद आने वाली थी ना ही अविनाश को ना ही तरुणा को ,तरुणा को स्पेशल हिदायत दी गई थी की उस लड़की को जिसने हमे ये बताया की ऐसा कैमरा आकाश के पास है उसे अपने से अलग ना करे ,कही ऐसा ना हो की वो किसी और को बता दे और बात आकाश तक पहुच जाए ,सच कहु तो हम डरे हुए थे,हमे पता था की ये आदमी जो भी हो है बेहद ही चालाक ,और उसे हमारे हर एक मोमेंट की भनक थी ,
जैसे तैसे दिन बिता और सुबह की पहली किरण निकलने से पहले ही हमारे फोन घनघना उठे …
फोन जॉनी का था आकाश शहर से दूर अपने किसी फार्महाउस में गया था ,हम तुरंत ही उस तरफ निकल गए ,हम 4 लोग थे मैं ,अविनाश राकेश और जॉनी…
फॉर्महाउस शहर से कोई 10 किलोमीटर की दूरी पर था ,बाहर एक गार्ड बैठा ऊंघ रहा था,सुबह के 6 बजने को थे और रोज की तरह हमारे फोन की घण्टी बजी एक और वीडियो ….हम अभी थोड़ी दूर छिपकर देख रहे थे ,आकाश बाहर आ चुका था और वंहा से जा चुका था,हम सीधे गार्ड के पास पहुचे एक आदमी ने उसका ध्यान भटकाया और दूसरे ने उसे बेहोशी की दवाई वाला रुमाल सुंघाया ,...वो वही लुढ़क चुका था…
फॉर्महाउस को पूरी तरह छान मारने के बाद हमे एक कमरा दिखाई दिया जो की अंदर एक कोने में बना हुआ था जब हम वंहा गए तो वंहा एक कम्प्यूटर मिला और कुछ चीजे बिखरी हुई थी ,हमारे दिलो की धड़कने तेज हो रही थी,हमने उसी कमरे से लगे एक और कमरे का दरवजा देखा और उसे खोलते ही मानो आंखों का बांध ही टूट पड़ा …
हा वो मेरी काजल थी,वो बेहोश थी ,मैं जाकर उससे लिपट चुका था ,और उसका हाथ मेरे बालो को सहलाने लगा ,मैंने अपना सर उठाया ..वो मुस्कुरा रही थी …
“मुझे पता था तुम आओगे “
उसकी इस बात से ऐसा लगा जैसे कई काटे एक साथ मेरे दिल में चुभ गए हो,वो मेरे कारण ही तो यंहा थी लेकिन फिर भी उसे मुझपर इतना भरोसा था ……….
तरुणा ने तुरत ही अविनाश को फोन लगाया और हम एक्शन में आ गए ,मैंने अविनाश से कहा की अभी ये बात किसी को ना बताए अपने जिगरी दोस्तो को भी नही हम दोनों ही तुरत आकाश के घर की ओर बढ़े वो घर नही बंगलो था,मुझे साफ साफ वो दिन दिखाई दे रहा था जब आकाश ने काजल को देख लेने की धमकी दी थी ,शायद उसे ये भी पता चल गया था की काजल उसके साथ क्यो नही आयी थी उसका कारण मैं था ,लेकिन शकील से उसकी क्या दुश्मनी हो सकती थी ,खैर अभी तक हम इस बात को लेकर कन्फर्म नही थे की वो शख्स आकाश ही होगा बस उसके पास उन दो कैमरा मॉडल में एक था ,और उसके पास काजल से बदला लेने की भी वजह थी,लेकिन वो कम्प्यूटर में इतना भी जीनियस नही था की badebhaiya बनकर कुछ ऐसा कांड कर दे ,जरूर अगर ये आकाश ही था तो उसने इसी को हायर किया होगा,जो भी हो मुझे बस मेरी काजल मिल जाए फिर बाकी चीजे बाद में भी देखी जा सकती थी ……
“हमे पता नही की हम सही आदमी के पीछे है की नही ,आकाश का बाप यंहा का बहुत बड़ा बिजनेसमैन है अगर हम गलत हुए तो हम जेल के अंदर होंगे ,और इतने छोटे से सबूत के सहारे हम कुछ कर भी नही सकते “अविनाश ने एक स्वाभाविक सी बात कही थी
“हा लेकिन चांस तो लेना होगा,अगर हमने कैमरे की बात को माना है तो उस कमरे की बात पर भी हमे गौर करना चाहिए, गणपत ने कहा था की वो कमरा सीलन भरा होगा और हरियाली के पास होना चाहिए तो ,,इसका ये घर तो नही हो सकता ऐसे भी यंहा वो अपने पूरे परिवार के साथ रहता है तो मुझे नही लगता की उसने काजल को यंहा छिपाया होगा …”
“मतलब की इसका कोई दूसरा घर भी होगा “
“ये अमीर आदमी है शायद कोई फार्महाउस “
अविनाश थोड़ी देर सोच में पड़ गया फिर उसने अपना मोबाइल निकाला ,मैंने उसे तुरंत ही मना किया
“अगर ये शख्स आकाश ही है तो कालेज का कोई भी आदमी उससे मिला हो सकता है वो पैसे के जोर में किसी को भी खरीद सकता है “
अविनाश मेरी बात को समझ चुका था लेकिन उसके चहरे में हल्की सी मुस्कान आई
“फिक्र मत कर मैं उसे फोन लगा रहा हु जिनके लिए दोस्ती पैसों से कही ज्यादा महत्व रखती है “
अविनाश ने जॉनी को भी फोन लगाया और एक ठिकाने में राकेश के साथ आने को कहा …ये दोनों वही थे जो हमारे साथ केशरगढ़ गए थे ...
हम सभी वंहा पहुच चुके थे जंहा अविनाश ने जॉनी को बुलाया था..
“आकाश पर नजर रखना होगा वो कहा जाता है क्या करता है उसका वीडियो रोज ही आता है इसका मतलब है की वो रोज अपने घर से निकल कर उस जगह पर जाता होगा ...कोई ऐसा आदमी है जो इस काम को अच्छे से कर सके क्योकि आकाश को इसका पता नही लगना चाहिए…”
जॉनी ने सर हिलाया उसके पास ऐसा आदमी था …
वो तुरंत ही काम में लग चुका था ,आज रात ना मुझे नींद आने वाली थी ना ही अविनाश को ना ही तरुणा को ,तरुणा को स्पेशल हिदायत दी गई थी की उस लड़की को जिसने हमे ये बताया की ऐसा कैमरा आकाश के पास है उसे अपने से अलग ना करे ,कही ऐसा ना हो की वो किसी और को बता दे और बात आकाश तक पहुच जाए ,सच कहु तो हम डरे हुए थे,हमे पता था की ये आदमी जो भी हो है बेहद ही चालाक ,और उसे हमारे हर एक मोमेंट की भनक थी ,
जैसे तैसे दिन बिता और सुबह की पहली किरण निकलने से पहले ही हमारे फोन घनघना उठे …
फोन जॉनी का था आकाश शहर से दूर अपने किसी फार्महाउस में गया था ,हम तुरंत ही उस तरफ निकल गए ,हम 4 लोग थे मैं ,अविनाश राकेश और जॉनी…
फॉर्महाउस शहर से कोई 10 किलोमीटर की दूरी पर था ,बाहर एक गार्ड बैठा ऊंघ रहा था,सुबह के 6 बजने को थे और रोज की तरह हमारे फोन की घण्टी बजी एक और वीडियो ….हम अभी थोड़ी दूर छिपकर देख रहे थे ,आकाश बाहर आ चुका था और वंहा से जा चुका था,हम सीधे गार्ड के पास पहुचे एक आदमी ने उसका ध्यान भटकाया और दूसरे ने उसे बेहोशी की दवाई वाला रुमाल सुंघाया ,...वो वही लुढ़क चुका था…
फॉर्महाउस को पूरी तरह छान मारने के बाद हमे एक कमरा दिखाई दिया जो की अंदर एक कोने में बना हुआ था जब हम वंहा गए तो वंहा एक कम्प्यूटर मिला और कुछ चीजे बिखरी हुई थी ,हमारे दिलो की धड़कने तेज हो रही थी,हमने उसी कमरे से लगे एक और कमरे का दरवजा देखा और उसे खोलते ही मानो आंखों का बांध ही टूट पड़ा …
हा वो मेरी काजल थी,वो बेहोश थी ,मैं जाकर उससे लिपट चुका था ,और उसका हाथ मेरे बालो को सहलाने लगा ,मैंने अपना सर उठाया ..वो मुस्कुरा रही थी …
“मुझे पता था तुम आओगे “
उसकी इस बात से ऐसा लगा जैसे कई काटे एक साथ मेरे दिल में चुभ गए हो,वो मेरे कारण ही तो यंहा थी लेकिन फिर भी उसे मुझपर इतना भरोसा था ……….