desiaks
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और माँ मेरी हाजिरजवाबी देख के माँ के चेहरे पे मुस्कराहट आ गयी और मैंने भी माँ को स्माइल दी. फिर में माँ के लिप्स की और झुका और माँ बेचैन सी हो गयी और अपना फेस टर्न कर लिया, तो में समझ गया की माँ रेडी नहीं हे, तो मैं रूक गया.
“मॉम प्लीज..एक बर, बस छू के वापस ले लूंगा...
“नही..रेरर...!!
मैंने माँ को बोलने से पहले ही कहा…
“मॉम प्लीज..आपको भी अच्छा लगेगा....! और माँ ने मेरी और टर्न किया और मेरी और देखने लगी. माँ ने कुछ कहा नही, पर मैंने माँ की आँखों में देखते देखते आगे फिर से झुका और किस करने ही जा रहा था की माँ ने कहा…
“रेशु तुम बस छुओगे, और कुछ करोगे तो नही...?
“नहीं मॉम...!
ओर मैंने फिर माँ के हाथ छोड़ दिए और अपने दोनों हाथों से माँ के गाल को पकड़ा और माँ के लिप्स पे अपने लिप्स रख दिए..और बस ऐसे ही लिप्स रख के लेटा रहा..और माँ की और देखा, माँ की आँखें बंद थी और फिर मैंने माँ के लिप्स को चूसना स्टार्ट किया..मुझे लगा की माँ आँखें बंद कर के मुझे रोकेगी, पर माँ ने ना ही कुछ रियेक्ट किया और न ही अपनी आँखें खोली..और में अपने लिप्स से माँ के लिप्स चूसने लगा. फिर मैंने माँ के लिप्स को चूसते हुए माँ के मुँह में अपनी जीभ देणे की ट्राय करने लगा, तो माँ ने मुँह तो पहले नहीं खोला..लेकिन फिर उनसे रहा नहीं गया तो उन्होंने भी अपना मुँह खोल के मेरी जीभ को अपने मुँह में ले लिया और अब तो वो भी रिस्पॉन्ड करने लगी, और मेरे लबो को चूसने लगी. माँ के हाथ अब मेरे सर पे और मेरे बैक पे घुमने लगे. फिर मैंने माँ के पीछे बैक पे अपना हाथ डाला और फिर माँ को पकड़ के पलटा लिया और फिर में निचे और माँ को अपने ऊपर ले लिया और अपने से माँ को कस के जकड लिया.. और दोनों पाँव को उठा के माँ की गांड के पास कैची लगा के माँ की गांड को मेरे लंड से जाम कर दिया. और अब तो माँ भी मस्ती में आ गयी थी, और ये यूजुअल हे..अगर किसी भी औरत को आप अपने सीने पे रख के उसे एक मौका दोगे तो वो जरूर मस्ती में आ जायेगी..क्यूँकि ज्यादातर मर्द औरत को ये चांस नहीं देते.
माँ की अब शायद सांस टूट रही थी, पर वो फिर भी मेरी जीभ से अपने जीभ को मिला रही थी और मेरे सलीवा को चूस रही थी, मैंने भी माँ की जीभ को पकड़ के मस्त चूसा और माँ भी और मेरे मुँह में अपनी जीभ देणे लगी. फिर माँ ने अचानक ही अपना मुँह उठा के एक गहरी सांस ली और मुँह ऊपर कर के आँख बंद करके सांस लेने लगी. माँ का क्लीवेज दिख रहा था अब मुझे लगा की माँ मस्त किस कर चुकी हे, अभी वो शायद नहीं करेगि..तो जैसे ही माँ ने मस्त गहरी सांस ली, माँ मस्त ऊपर की और हो के आँखें बंद कर के साँस ले रही थी और जैसे ही माँ ने आराम से सांस ली तो मैंने अपना हाथ माँ के गर्दन पे रख के माँ को पकड़ा और माँ को फिर से निचे करते हुए, फिर से माँ के लिप्स को पकड़ लिया और फिर माँ को पलटा के माँ को निचे कर दिया और में ऊपर हो गया. माँ अभी कुछ नहीं कह रही थी, पर मुझे लगा की माँ बाद में कुछ न कुछ तो जरूर कहेंगी, पर मैंने अभी उसके बारे में सोचना छोड़ के माँ को किस करने में लग गया..और अभी मैंने दोनों हाथ माँ के आर्मपिट के पास रक्खे थे..तो दोनों हाथ माँ के बॉब्स को टच कर रहे थे. माँ को भी पता था..और उन्होंने मुझे रोकने के लिये..उन्होंने भी अपने हाथ मेरे हाथ पे रक्खे थे. मैंने मस्त माँ के लिप्स को किस किया..और फिर मैंने माँ को छोड़ा पर माँ के ही सीने पे अपना सर रख के सोया रहा. और माँ भी मेरे सर को सहलाती रही. कुछ पल में और माँ ऐसे ही लेते रहै..में माँ की तेज़ चलति साँसों की वजह से उनके बॉब्स का उभार देख रहा था..और माँ भी शायद कुछ ज्यादा ही अपने बॉब्स को ऊपरनीचे कर रही थी. मेरे हाथ माँ के कमर के दोनों साइड थे. फिर मैंने माँ से कहा और कहते कहते ही मैंने माँ के बॉब्स की और सरक गया.
“थैंक्स..मॉम…..!
“रेशु..तुम ऐसे अपनी माँ से कब तक गलत काम करवाते रहोगे..में जितना तुम्हे रोकने की समझाने की कोशिश करती…… और मैंने माँ की और देखते हुए..उनके लिप्स पे अपनी मिडल फिंगर रख दी और ऊपर फिर से माँ के लिप्स की और खिसका..जिससे मेरा हाथ माँ के बॉब्स पे आ गया. माँ मेरी और देखति ही रही..
“मॉम यु हैव ब्यूटीफुल एंड जूसी लिप्स....मॉम मज़ा आ गया… प्लीज मॉम कुछ और के बारे में मत सोचिये. आप को जो अच्छा लगे वो कीजिये. आप बहुत अच्छी मॉम हो....!!
अब माँ कुछ भी बोल नहीं सकती थी..वो बस मेरी और देखति रही..शयद ये ऐसा पल था की अगर मैंने तब माँ के दोनों बॉब्स को दोनों हाथों में पकड़ के निचोड भी दिया होता तो माँ कुछ न कहती..और वो एन्जॉय भी करती और उन्हें अच्छा भी लगता. पर में ये सोच रहा था की माँ शुरुआत करे..तो में आगे कुछ करूँ, पर माँ तो मानो कुछ सोचने में खो चुकी थी. फिर माँ की नींद उड़ी और उनके चेहरे पे एक सटिस्फैक्शन के साथ एक मस्त मुस्कान आई और उन्होंने अपने दोनों हाथ उठाये और मुझे अपनी बाँहों में ले ही लिया था की इतने में घर की घण्टी बज गयी.
डैम इट साला इस टाइम पे कोन आगया? माँ डर के मारे उठी और अपने आप को ठीक करने लगी और में माँ को देखता रहा. माँ ने मुझे फिर दरवाजा खोलने को कहा, मैंने देखा तो माँ की नेबर सहेली आई थी और अब में समझ गया की माँ अब फ्री नहीं होगी. फिर कुछ देर बाद मैं भी बाई कह के निकल गया….
में जा रहा था और माँ सच में मुझे रोकना चाहती थी, पर पता नहीं वो कह नहीं पायी और में उनके कहने का इंतज़ार कर रहा था.
“मॉम प्लीज..एक बर, बस छू के वापस ले लूंगा...
“नही..रेरर...!!
मैंने माँ को बोलने से पहले ही कहा…
“मॉम प्लीज..आपको भी अच्छा लगेगा....! और माँ ने मेरी और टर्न किया और मेरी और देखने लगी. माँ ने कुछ कहा नही, पर मैंने माँ की आँखों में देखते देखते आगे फिर से झुका और किस करने ही जा रहा था की माँ ने कहा…
“रेशु तुम बस छुओगे, और कुछ करोगे तो नही...?
“नहीं मॉम...!
ओर मैंने फिर माँ के हाथ छोड़ दिए और अपने दोनों हाथों से माँ के गाल को पकड़ा और माँ के लिप्स पे अपने लिप्स रख दिए..और बस ऐसे ही लिप्स रख के लेटा रहा..और माँ की और देखा, माँ की आँखें बंद थी और फिर मैंने माँ के लिप्स को चूसना स्टार्ट किया..मुझे लगा की माँ आँखें बंद कर के मुझे रोकेगी, पर माँ ने ना ही कुछ रियेक्ट किया और न ही अपनी आँखें खोली..और में अपने लिप्स से माँ के लिप्स चूसने लगा. फिर मैंने माँ के लिप्स को चूसते हुए माँ के मुँह में अपनी जीभ देणे की ट्राय करने लगा, तो माँ ने मुँह तो पहले नहीं खोला..लेकिन फिर उनसे रहा नहीं गया तो उन्होंने भी अपना मुँह खोल के मेरी जीभ को अपने मुँह में ले लिया और अब तो वो भी रिस्पॉन्ड करने लगी, और मेरे लबो को चूसने लगी. माँ के हाथ अब मेरे सर पे और मेरे बैक पे घुमने लगे. फिर मैंने माँ के पीछे बैक पे अपना हाथ डाला और फिर माँ को पकड़ के पलटा लिया और फिर में निचे और माँ को अपने ऊपर ले लिया और अपने से माँ को कस के जकड लिया.. और दोनों पाँव को उठा के माँ की गांड के पास कैची लगा के माँ की गांड को मेरे लंड से जाम कर दिया. और अब तो माँ भी मस्ती में आ गयी थी, और ये यूजुअल हे..अगर किसी भी औरत को आप अपने सीने पे रख के उसे एक मौका दोगे तो वो जरूर मस्ती में आ जायेगी..क्यूँकि ज्यादातर मर्द औरत को ये चांस नहीं देते.
माँ की अब शायद सांस टूट रही थी, पर वो फिर भी मेरी जीभ से अपने जीभ को मिला रही थी और मेरे सलीवा को चूस रही थी, मैंने भी माँ की जीभ को पकड़ के मस्त चूसा और माँ भी और मेरे मुँह में अपनी जीभ देणे लगी. फिर माँ ने अचानक ही अपना मुँह उठा के एक गहरी सांस ली और मुँह ऊपर कर के आँख बंद करके सांस लेने लगी. माँ का क्लीवेज दिख रहा था अब मुझे लगा की माँ मस्त किस कर चुकी हे, अभी वो शायद नहीं करेगि..तो जैसे ही माँ ने मस्त गहरी सांस ली, माँ मस्त ऊपर की और हो के आँखें बंद कर के साँस ले रही थी और जैसे ही माँ ने आराम से सांस ली तो मैंने अपना हाथ माँ के गर्दन पे रख के माँ को पकड़ा और माँ को फिर से निचे करते हुए, फिर से माँ के लिप्स को पकड़ लिया और फिर माँ को पलटा के माँ को निचे कर दिया और में ऊपर हो गया. माँ अभी कुछ नहीं कह रही थी, पर मुझे लगा की माँ बाद में कुछ न कुछ तो जरूर कहेंगी, पर मैंने अभी उसके बारे में सोचना छोड़ के माँ को किस करने में लग गया..और अभी मैंने दोनों हाथ माँ के आर्मपिट के पास रक्खे थे..तो दोनों हाथ माँ के बॉब्स को टच कर रहे थे. माँ को भी पता था..और उन्होंने मुझे रोकने के लिये..उन्होंने भी अपने हाथ मेरे हाथ पे रक्खे थे. मैंने मस्त माँ के लिप्स को किस किया..और फिर मैंने माँ को छोड़ा पर माँ के ही सीने पे अपना सर रख के सोया रहा. और माँ भी मेरे सर को सहलाती रही. कुछ पल में और माँ ऐसे ही लेते रहै..में माँ की तेज़ चलति साँसों की वजह से उनके बॉब्स का उभार देख रहा था..और माँ भी शायद कुछ ज्यादा ही अपने बॉब्स को ऊपरनीचे कर रही थी. मेरे हाथ माँ के कमर के दोनों साइड थे. फिर मैंने माँ से कहा और कहते कहते ही मैंने माँ के बॉब्स की और सरक गया.
“थैंक्स..मॉम…..!
“रेशु..तुम ऐसे अपनी माँ से कब तक गलत काम करवाते रहोगे..में जितना तुम्हे रोकने की समझाने की कोशिश करती…… और मैंने माँ की और देखते हुए..उनके लिप्स पे अपनी मिडल फिंगर रख दी और ऊपर फिर से माँ के लिप्स की और खिसका..जिससे मेरा हाथ माँ के बॉब्स पे आ गया. माँ मेरी और देखति ही रही..
“मॉम यु हैव ब्यूटीफुल एंड जूसी लिप्स....मॉम मज़ा आ गया… प्लीज मॉम कुछ और के बारे में मत सोचिये. आप को जो अच्छा लगे वो कीजिये. आप बहुत अच्छी मॉम हो....!!
अब माँ कुछ भी बोल नहीं सकती थी..वो बस मेरी और देखति रही..शयद ये ऐसा पल था की अगर मैंने तब माँ के दोनों बॉब्स को दोनों हाथों में पकड़ के निचोड भी दिया होता तो माँ कुछ न कहती..और वो एन्जॉय भी करती और उन्हें अच्छा भी लगता. पर में ये सोच रहा था की माँ शुरुआत करे..तो में आगे कुछ करूँ, पर माँ तो मानो कुछ सोचने में खो चुकी थी. फिर माँ की नींद उड़ी और उनके चेहरे पे एक सटिस्फैक्शन के साथ एक मस्त मुस्कान आई और उन्होंने अपने दोनों हाथ उठाये और मुझे अपनी बाँहों में ले ही लिया था की इतने में घर की घण्टी बज गयी.
डैम इट साला इस टाइम पे कोन आगया? माँ डर के मारे उठी और अपने आप को ठीक करने लगी और में माँ को देखता रहा. माँ ने मुझे फिर दरवाजा खोलने को कहा, मैंने देखा तो माँ की नेबर सहेली आई थी और अब में समझ गया की माँ अब फ्री नहीं होगी. फिर कुछ देर बाद मैं भी बाई कह के निकल गया….
में जा रहा था और माँ सच में मुझे रोकना चाहती थी, पर पता नहीं वो कह नहीं पायी और में उनके कहने का इंतज़ार कर रहा था.