desiaks
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अपडेट 55
मैन वहीँ बैठा रहा और सोचता रहा. चाची आधे घंटे में अपने रूम से साडी चेंज करने निकलि और मुझे बाई कह के क्लिनिक जा रही थी
पर ऐसा लग रहा था की चाची का क्लिनिक जाने का मन नहीं था उन्होंने मुझे मूड मूड के दो बार देखा पर उनके दिमाग में नहीं आ रहा था की क्या करना वो चाहती हे,
फिर वो चलि ही गयी, और में भी बाथरूम में जा के मूठ मारने लगा, सच में मूठ मारने में बड़ा मज़ा आया,
सच में किसी के बारे में सोच के मूठ मारना और किसी से सिड्यूस हो के मूठ मारने में बड़ा डिफरेंस हे. चाची क्लिनिक तो चलि गयी पर जाते जाते माँ के बारे में सोच्ने पर मुझे मजबूर कर गयी,
और उनकी अस्थमा वाली बात तो ध्यान से बाहर ही नहीं जा रही थी.
शुरू शुरू में जब में १६-१७ साल का था तब माँ के बारे में ऐसे सोच्ने में कई बार शर्म आती थी
पर कई बार ख्याल अपने आप ही मन में आ जाता था लेकिन फिर इन्सेस्ट स्टोरीज पढना शुरू किया और फिर लगा की ऐसे होना टोटल ही नार्मल हे,
और हो भी क्यों ना मेरी माँ है ही ऐसी सेक्सी. बॉस वो बिलकुल सिंपल सी रहती हे, कोई ज्यादा मेक-उप नही, कम बोलना और गैरो से तो बिलकुल कम.
एक दम सिंपल सी हे, ५ फीट ५ इंच का कद हे, मस्त बड़े बॉब्स इतने भी बड़े नहीं पर मस्त तक़रीबन ३६ के तो होंगे ही, हमेशा घर में रहना, साड़ी में ही रहना, घर से क्लिनिक और क्लिनिक से घर.
रूटीन लाइफ है. मैं अगर आपसे कहूँ तो वो बिलकुल साक्षी तंवर की तरह लगती हे, लिप्स शेम टू शेम की चूसो तो मज़ा आ जाए.
बूब हाथ में आ जाये तो छोड़ने का मन न हो.
अरे में भी कहाँ माँ के बारे में बयान करने लगा,
उनकी स्टोरी भी आएगी पर अभी चाची के बारे मे.
छोटी चाची क्लिनिक चलि गयी और में माँ के ख़यालों में था और तभी दीदी का कॉल आ गया और बहुत दिनों के बाद दीदी से बात हो रही थी,
बातों से तो वो बड़ी खुश लग रही थी पर फिर बात करते करते रहा नहीं गया तो वो कहने लगी की रेशु अब तुम्हारे अलावा मज़ा नहीं आता
में दीदी के बोलते ही समझ गया पर पूछा की क्या तो फिर दीदी से नहीं रहा गया और कह दिया की
“रेशु तुम्हारी याद आती हे, और सच में अब तुम्हारे जिजु के साथ करने में मज़ा नहीं आता,
वैसे भी वो अब थोड़ा सा उबने लगे हे. रेशु एक बार और मिलना हे तुमसे,
और इस तरह उन्होंने मेरे से बिना सेक्स की बात कर के सब इनडायरेक्टली कह दिया और मैंने भी दीदी से कहा की में जरूर मिलूँगा और फिर हमारी बात ख़त्म हो गयी.
पर इस बात से मुझे अपने आप पे थोड़ा और कॉन्फिडेंस आ गया की अगर में छोटी चाची से हलकी सी भी जबरदस्ती के साथ सेक्स कर लेता हूँ तो उनको भी मज़ा आएगा और वो भी बाद में नाराज़ नहीं होगी.
मैं अब ये ही सोच रहा था की चाची के सिग्नल का वेट करू की चाची के साथ जबरदस्ती करू और ऐसे में छोटी चाची का कॉल आ गया की रेशु अगर तुम क्लिनिक आ सको तो आजाओ,
और में भी वैसे बार हो रहा था तो में भी हाँ कर के क्लिनिक की और चलपडा
जब में क्लिनिक पहुंचा तो मैंने सोचा था की कोई नहीं होगा,
पर पहुँचते ही देखा तो ४ पेशेंट्स बैठे थे. मैं अंदर गया तो अंदर चाची भी पेशेंट्स में बिजी थी,
में वहा पर चाची के पास वाली चेयर पर बैठ कर सब देखने लगा और ऑब्सेर्वे करने लगा. फिर मैंने सोचा की क्यों न चाची का लैपटॉप खोल के ब्लू फिल्म देखि जाए,
तो मैंने चाची का लैपटॉप उठाया और उसे ले के वही बेड पे बैठ गया,
और सब फ़ोल्डर्स सर्च करने लगा. वो बेड सेफ था कोई देखनेवाला नहीं था चाची सामने से देख सकती थी की में इतना गोर से लैपटॉप में क्या कर रहा हू, पर में अपने में बिजी था और चाची पेशेंट्स निपटाने मे.
लग रहा था की चाची को अभी टाइम लगेगा इसीलिए मैंने ब्लू फिल्म देखना ही ठीक समझा,
और फिर तक़रीबन १० मीनट हर एक फोल्डर ढूँढ़ने के बाद मुझे चाची का प्राइवेट फोल्डर मिला,
सच में चाची ने बड़ा दिमाग लगाके छुपाया था
मैने देखा बहुत सारे एमईएलएफ के फकिंग क्लिप थे,
मैंने एक एक करके देखने शुरू किये और क्या मस्त कलेक्शन था ५ मिनट में ही मेरा लंड पैंट में खेलने लगा. बॉस मस्त क्लिप्स थे,
रफ़ सेक्स था मानो बरसों की प्यासी औरत जब चुद्वाती हे तो कैसे फील करती हे,
सब दिखाया था मैं लैपटॉप में खो सा गया था पर कभी कभी होश आने पर चाची की और देख लिया करता था की वो क्या कर रही हे,
वो अभी भी पेशेंट चेक करने में बिजी थी. एक दो बार चाची ने मुझे उन्हें देखते हुए देखा और मैंने फिर आँखें फेर ली तो मुझे लगा की उन्हें कुछ डाउट हुआ पर वो अपने काम में बिजी हो गयी और में अपने काम मे.
मस्त मूवी चल रही थी,
में अपने आप को कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा था मेरा एक हाथ मेरे लंड पे चला गया और हलके हलके लंड को मसलने लगा.
चाची का भी डर नहीं था क्यूँकि चाची के बारे में भी मेरे पास एक राज़ था फिर पता ही नहीं चला कब चाची मेरे पास आ कर खड़ी हो गयी,
वो ठीक मेरेसामने थी, पर अभी लैपटॉप की स्क्रीन मेरे सामने थी.
मैं एक दम से चाची को देखकर चौंका और झट से वीडियो बंद करने लगा की तभी चाची ने एक दम से लैपटॉप अपने पास ले लिया और देख लिया की में क्या देख रहा था अब डरणे की बारी थी,
चाची ने लैपटॉप में देख कर मेरे सामने देखा और मैंने चाची के सामणे, इससे पहले की वो कुछ कहति,
दरवाजे पर से एक आवाज़ आयी, वो पेशेंट की आवाज़ थी.
तभी में सोचु इतनी जल्दी चाची ने पेशेंट्स निपटा कैसे लिये,
अभी पेशेंट्स बाकि थे, वो अच्छे से जान चुकी थी की में पोर्न मूवी देख रहा हूँ तो सोच समझकर वो मुझे पकड़ने के लिए ही आई थी,
और पकड़ भी लिया.
हालाँकि अभी मुझसे चाची की कोई बात नहीं हुई पर मुझे हल्का सा डर लग रहा था चाहे में इस सिचुएशन को संभालना जानता था पर डर तो लगता ही हे.
मैं वहीँ पर बैठा रहा,
जब तक की चाची पेशेंट्स को निपटा न ले.
मैन वहीँ बैठा रहा और सोचता रहा. चाची आधे घंटे में अपने रूम से साडी चेंज करने निकलि और मुझे बाई कह के क्लिनिक जा रही थी
पर ऐसा लग रहा था की चाची का क्लिनिक जाने का मन नहीं था उन्होंने मुझे मूड मूड के दो बार देखा पर उनके दिमाग में नहीं आ रहा था की क्या करना वो चाहती हे,
फिर वो चलि ही गयी, और में भी बाथरूम में जा के मूठ मारने लगा, सच में मूठ मारने में बड़ा मज़ा आया,
सच में किसी के बारे में सोच के मूठ मारना और किसी से सिड्यूस हो के मूठ मारने में बड़ा डिफरेंस हे. चाची क्लिनिक तो चलि गयी पर जाते जाते माँ के बारे में सोच्ने पर मुझे मजबूर कर गयी,
और उनकी अस्थमा वाली बात तो ध्यान से बाहर ही नहीं जा रही थी.
शुरू शुरू में जब में १६-१७ साल का था तब माँ के बारे में ऐसे सोच्ने में कई बार शर्म आती थी
पर कई बार ख्याल अपने आप ही मन में आ जाता था लेकिन फिर इन्सेस्ट स्टोरीज पढना शुरू किया और फिर लगा की ऐसे होना टोटल ही नार्मल हे,
और हो भी क्यों ना मेरी माँ है ही ऐसी सेक्सी. बॉस वो बिलकुल सिंपल सी रहती हे, कोई ज्यादा मेक-उप नही, कम बोलना और गैरो से तो बिलकुल कम.
एक दम सिंपल सी हे, ५ फीट ५ इंच का कद हे, मस्त बड़े बॉब्स इतने भी बड़े नहीं पर मस्त तक़रीबन ३६ के तो होंगे ही, हमेशा घर में रहना, साड़ी में ही रहना, घर से क्लिनिक और क्लिनिक से घर.
रूटीन लाइफ है. मैं अगर आपसे कहूँ तो वो बिलकुल साक्षी तंवर की तरह लगती हे, लिप्स शेम टू शेम की चूसो तो मज़ा आ जाए.
बूब हाथ में आ जाये तो छोड़ने का मन न हो.
अरे में भी कहाँ माँ के बारे में बयान करने लगा,
उनकी स्टोरी भी आएगी पर अभी चाची के बारे मे.
छोटी चाची क्लिनिक चलि गयी और में माँ के ख़यालों में था और तभी दीदी का कॉल आ गया और बहुत दिनों के बाद दीदी से बात हो रही थी,
बातों से तो वो बड़ी खुश लग रही थी पर फिर बात करते करते रहा नहीं गया तो वो कहने लगी की रेशु अब तुम्हारे अलावा मज़ा नहीं आता
में दीदी के बोलते ही समझ गया पर पूछा की क्या तो फिर दीदी से नहीं रहा गया और कह दिया की
“रेशु तुम्हारी याद आती हे, और सच में अब तुम्हारे जिजु के साथ करने में मज़ा नहीं आता,
वैसे भी वो अब थोड़ा सा उबने लगे हे. रेशु एक बार और मिलना हे तुमसे,
और इस तरह उन्होंने मेरे से बिना सेक्स की बात कर के सब इनडायरेक्टली कह दिया और मैंने भी दीदी से कहा की में जरूर मिलूँगा और फिर हमारी बात ख़त्म हो गयी.
पर इस बात से मुझे अपने आप पे थोड़ा और कॉन्फिडेंस आ गया की अगर में छोटी चाची से हलकी सी भी जबरदस्ती के साथ सेक्स कर लेता हूँ तो उनको भी मज़ा आएगा और वो भी बाद में नाराज़ नहीं होगी.
मैं अब ये ही सोच रहा था की चाची के सिग्नल का वेट करू की चाची के साथ जबरदस्ती करू और ऐसे में छोटी चाची का कॉल आ गया की रेशु अगर तुम क्लिनिक आ सको तो आजाओ,
और में भी वैसे बार हो रहा था तो में भी हाँ कर के क्लिनिक की और चलपडा
जब में क्लिनिक पहुंचा तो मैंने सोचा था की कोई नहीं होगा,
पर पहुँचते ही देखा तो ४ पेशेंट्स बैठे थे. मैं अंदर गया तो अंदर चाची भी पेशेंट्स में बिजी थी,
में वहा पर चाची के पास वाली चेयर पर बैठ कर सब देखने लगा और ऑब्सेर्वे करने लगा. फिर मैंने सोचा की क्यों न चाची का लैपटॉप खोल के ब्लू फिल्म देखि जाए,
तो मैंने चाची का लैपटॉप उठाया और उसे ले के वही बेड पे बैठ गया,
और सब फ़ोल्डर्स सर्च करने लगा. वो बेड सेफ था कोई देखनेवाला नहीं था चाची सामने से देख सकती थी की में इतना गोर से लैपटॉप में क्या कर रहा हू, पर में अपने में बिजी था और चाची पेशेंट्स निपटाने मे.
लग रहा था की चाची को अभी टाइम लगेगा इसीलिए मैंने ब्लू फिल्म देखना ही ठीक समझा,
और फिर तक़रीबन १० मीनट हर एक फोल्डर ढूँढ़ने के बाद मुझे चाची का प्राइवेट फोल्डर मिला,
सच में चाची ने बड़ा दिमाग लगाके छुपाया था
मैने देखा बहुत सारे एमईएलएफ के फकिंग क्लिप थे,
मैंने एक एक करके देखने शुरू किये और क्या मस्त कलेक्शन था ५ मिनट में ही मेरा लंड पैंट में खेलने लगा. बॉस मस्त क्लिप्स थे,
रफ़ सेक्स था मानो बरसों की प्यासी औरत जब चुद्वाती हे तो कैसे फील करती हे,
सब दिखाया था मैं लैपटॉप में खो सा गया था पर कभी कभी होश आने पर चाची की और देख लिया करता था की वो क्या कर रही हे,
वो अभी भी पेशेंट चेक करने में बिजी थी. एक दो बार चाची ने मुझे उन्हें देखते हुए देखा और मैंने फिर आँखें फेर ली तो मुझे लगा की उन्हें कुछ डाउट हुआ पर वो अपने काम में बिजी हो गयी और में अपने काम मे.
मस्त मूवी चल रही थी,
में अपने आप को कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा था मेरा एक हाथ मेरे लंड पे चला गया और हलके हलके लंड को मसलने लगा.
चाची का भी डर नहीं था क्यूँकि चाची के बारे में भी मेरे पास एक राज़ था फिर पता ही नहीं चला कब चाची मेरे पास आ कर खड़ी हो गयी,
वो ठीक मेरेसामने थी, पर अभी लैपटॉप की स्क्रीन मेरे सामने थी.
मैं एक दम से चाची को देखकर चौंका और झट से वीडियो बंद करने लगा की तभी चाची ने एक दम से लैपटॉप अपने पास ले लिया और देख लिया की में क्या देख रहा था अब डरणे की बारी थी,
चाची ने लैपटॉप में देख कर मेरे सामने देखा और मैंने चाची के सामणे, इससे पहले की वो कुछ कहति,
दरवाजे पर से एक आवाज़ आयी, वो पेशेंट की आवाज़ थी.
तभी में सोचु इतनी जल्दी चाची ने पेशेंट्स निपटा कैसे लिये,
अभी पेशेंट्स बाकि थे, वो अच्छे से जान चुकी थी की में पोर्न मूवी देख रहा हूँ तो सोच समझकर वो मुझे पकड़ने के लिए ही आई थी,
और पकड़ भी लिया.
हालाँकि अभी मुझसे चाची की कोई बात नहीं हुई पर मुझे हल्का सा डर लग रहा था चाहे में इस सिचुएशन को संभालना जानता था पर डर तो लगता ही हे.
मैं वहीँ पर बैठा रहा,
जब तक की चाची पेशेंट्स को निपटा न ले.