desiaks
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मैं नीलम भाभी की चुदाई करके यूं ही निढाल लेटा हुआ था, कुछ देर आराम करने के बाद मैंने नीलम से कहा- जान पहला राउंड कैसा लगा?
नीलम ने मेरे होंठों को चूमते हुए हुए कहा- सच में रेशु बहुत मजा आया.
मैंने कहा- अभी और मजा आना बाकी है मेरी जान.. पर मेरे लिए एक काम करोगी.
नीलम बोली- हाँ हाँ बोलो ना.
मैंने कहा- क्या अभी तुम अपनी वो लाल वाली साड़ी पहन कर आ सकती हो.. जो उस दिन तुमने पार्टी में जाने पर पहनी थी.
‘आज तुम्हें उस लाल साड़ी की याद कैसे आ गई?’
मैंने कहा- सच बताऊँ जान.. उस दिन मैंने बहुत मुश्किल से अपने आपको रोका था. यार तुम उस साड़ी में न.. इतनी सुन्दर और सेक्सी लग रही थीं कि मन तो कर रहा था कि उसी वक्त बिस्तर पर पटक कर तुम्हारी चुदाई कर दूँ.. पर कर नहीं सका.. पर आज मुझे वो ख्वाहिश पूरी करनी है.
नीलम बोली- पर यार इस वक़्त?
मैंने उसको थोड़ी देर तक मनाया.. फिर नीलम ने कहा- ओके ठीक है.
नीलम नीचे गई और मैंने भी अब नारियल का तेल और वैसलीन लाकर बिस्तर पर रख लिया.
नीलम करीब 20 मिनट में ऊपर आई. जैसे ही नीलम साड़ी पहन कर आई.. मेरा तो मुँह खुला का खुला रह गया.
क्या मस्त कयामत लग रही थी नीलम भाभी…
लाल साड़ी में भाभी क़यामत लग रही थी और उसने अपने बाल खुले रखते हुए एक तरफ कर रखे थे.
मुझसे रहा नहीं गया और उसके पास आते ही मैंने भाभी को अपनी बाँहों में ले लिया.
मैंने उसको कस के दबा दिया.. नीलम की प्यारी सी ‘आआह्ह्ह..’ निकल गई.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैं अपने दोनों हाथों से उसकी गाण्ड पर जोर-जोर से घुमाते हुए उसकी नर्म गोलाई को दबाए जा रहा था.
अब मैंने नीलम के होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और नीलम के होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा. साथ ही मैं कभी उसको हल्का सा काट भी लेता.. जिससे वो एकदम से चिहुंक उठती.
मैं एक हाथ उसकी नंगी पीठ को सहला रहा था.. तो दूसरा हाथ अभी भी उसकी गाण्ड को दबा रहा था.
कुछ पलों बाद मैंने नीलम को उठाया और सीधा खड़ा किया.. और उसकी साड़ी को उतार दिया. अब वो लाल ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
दोस्तो, भाभी एकदम गोरा माल थी, मैंने नीलम को बिस्तर पर पीठ के बल लेटा दिया.
वो अपनी आँखें बंद किए हुए मेरे एक्शन का इन्तजार कर रही थी. मैंने नीलम की नाभि पर हल्का चुम्बन लेते हुए.. प्यार से उसकी नाभि को सहला रहा था.. इससे नीलम को मजा आने लगा.
मैंने कहा- भाभी जान, मालिश करवानी है?
तो नीलम बोली- हाँ, कर दो.
मैंने उसके ब्लाउज़ और पेटीकोट को भी उतार दिया.
नीलम शर्मा रही थी.. पर शर्म से क्या होना था. नीलम ने अन्दर लाल रंग की ही पैंटी और ब्रा भी पहनी हुई थी.
मैं नीलम के ऊपर ही पेट के बल लेट गया. नीलम की पैंटी से मेरा लंड रगड़ खा रहा था. वाकयी इतनी हॉट भाभी को देख कर मुझसे रहा भी नहीं जा रहा था.
मैं नीलम की ब्रा के ऊपर से ही उसके एक चूचे को चूसने लगा, फिर भाभी की गर्दन पर जोर-जोर से चुम्बन करने लगा था.. जिससे नीलम गर्म होने लगी.
नीलम के होंठों पर मैं दुबारा से जोर-जोर से पूरे जोश में चुम्बन कर रहा था और भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
फिर जल्दी ही मैंने नीलम की ब्रा और पैंटी को भी उतार दिया, नीलम बिना कपड़ों के मेरे सामने लेटी हुई थी.
मैंने नारियल के तेल को उसके चूचों.. पेट और चूत और टांगों पर डाला, उसकी मालिश करना शुरू कर दिया.
नीलम पीठ के बल आराम से लेटी हुई अपनी मालिश करवा रही थी, मैं नीलम के दोनों चूचों को सहला रहा था. मैं उसके चूचों को कभी प्यार से दबाता.. तो कभी गोल-गोल घुमाता.. जिससे नीलम अब और भी गर्म हो रही थी.
नीलम की प्यारी सी सिसकारी निकलने लगी थीं, कुछ ही पलों में उसकी सिसकारियाँ कमरे का माहौल कामोत्तेजक बना रही थीं ‘उम्म्ह्ह.. आह्ह..’
फिर मैं नीलम की नाभि और पूरे पेट की मालिश करने लगा. नीलम को अब ज्यादा मजा आ रहा था.. पर मुझे नीलम के होश उड़ाना बाकी था.
मैंने उसके होश उड़ाने का जो तरीका सोचा था.. वो था नीलम की प्यारी-प्यारी चूत की मालिश करना.
इसलिए मैं नीलम की टांगों पर मालिश करने लगा और जब मैं उसकी पूरी टांगों पर मालिश कर रहा था.. तो नीलम मस्ती में आ चुकी थी. उसकी गोरी-गोरी बिना बाल वाली जांघों पर हाथे फेरने से मुझे मेरे लंड पर काबू करना मुश्किल हो रहा था.
फिर जल्दी ही मैं नीलम की टांगों के बीच में आ गया और हाथ में तेल ले लिया. इसके बाद मैंने जैसे ही उसकी चूत में तेल से सनी एक उंगली डाली.. वैसे ही नीलम के मुँह से ‘आअह्ह्ह’ की आवाज निकल गई.
अब मैंने उंगली को अन्दर-बाहर करना शुरू किया.
नीलम भी ‘ओह्ह्ह.. आआहह..’ कर रही थी.. साथ ही मैंने नीलम की गाण्ड पर भी तेल लगा दीया जिससे उसकी गाण्ड थोड़ी गीली हो गई.
मैं नीलम भाभी की चुदाई करके यूं ही निढाल लेटा हुआ था, कुछ देर आराम करने के बाद मैंने नीलम से कहा- जान पहला राउंड कैसा लगा?
नीलम ने मेरे होंठों को चूमते हुए हुए कहा- सच में रेशु बहुत मजा आया.
मैंने कहा- अभी और मजा आना बाकी है मेरी जान.. पर मेरे लिए एक काम करोगी.
नीलम बोली- हाँ हाँ बोलो ना.
मैंने कहा- क्या अभी तुम अपनी वो लाल वाली साड़ी पहन कर आ सकती हो.. जो उस दिन तुमने पार्टी में जाने पर पहनी थी.
‘आज तुम्हें उस लाल साड़ी की याद कैसे आ गई?’
मैंने कहा- सच बताऊँ जान.. उस दिन मैंने बहुत मुश्किल से अपने आपको रोका था. यार तुम उस साड़ी में न.. इतनी सुन्दर और सेक्सी लग रही थीं कि मन तो कर रहा था कि उसी वक्त बिस्तर पर पटक कर तुम्हारी चुदाई कर दूँ.. पर कर नहीं सका.. पर आज मुझे वो ख्वाहिश पूरी करनी है.
नीलम बोली- पर यार इस वक़्त?
मैंने उसको थोड़ी देर तक मनाया.. फिर नीलम ने कहा- ओके ठीक है.
नीलम नीचे गई और मैंने भी अब नारियल का तेल और वैसलीन लाकर बिस्तर पर रख लिया.
नीलम करीब 20 मिनट में ऊपर आई. जैसे ही नीलम साड़ी पहन कर आई.. मेरा तो मुँह खुला का खुला रह गया.

क्या मस्त कयामत लग रही थी नीलम भाभी…
लाल साड़ी में भाभी क़यामत लग रही थी और उसने अपने बाल खुले रखते हुए एक तरफ कर रखे थे.
मुझसे रहा नहीं गया और उसके पास आते ही मैंने भाभी को अपनी बाँहों में ले लिया.
मैंने उसको कस के दबा दिया.. नीलम की प्यारी सी ‘आआह्ह्ह..’ निकल गई.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैं अपने दोनों हाथों से उसकी गाण्ड पर जोर-जोर से घुमाते हुए उसकी नर्म गोलाई को दबाए जा रहा था.
अब मैंने नीलम के होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और नीलम के होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा. साथ ही मैं कभी उसको हल्का सा काट भी लेता.. जिससे वो एकदम से चिहुंक उठती.
मैं एक हाथ उसकी नंगी पीठ को सहला रहा था.. तो दूसरा हाथ अभी भी उसकी गाण्ड को दबा रहा था.
कुछ पलों बाद मैंने नीलम को उठाया और सीधा खड़ा किया.. और उसकी साड़ी को उतार दिया. अब वो लाल ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
दोस्तो, भाभी एकदम गोरा माल थी, मैंने नीलम को बिस्तर पर पीठ के बल लेटा दिया.
वो अपनी आँखें बंद किए हुए मेरे एक्शन का इन्तजार कर रही थी. मैंने नीलम की नाभि पर हल्का चुम्बन लेते हुए.. प्यार से उसकी नाभि को सहला रहा था.. इससे नीलम को मजा आने लगा.
मैंने कहा- भाभी जान, मालिश करवानी है?
तो नीलम बोली- हाँ, कर दो.
मैंने उसके ब्लाउज़ और पेटीकोट को भी उतार दिया.
नीलम शर्मा रही थी.. पर शर्म से क्या होना था. नीलम ने अन्दर लाल रंग की ही पैंटी और ब्रा भी पहनी हुई थी.
मैं नीलम के ऊपर ही पेट के बल लेट गया. नीलम की पैंटी से मेरा लंड रगड़ खा रहा था. वाकयी इतनी हॉट भाभी को देख कर मुझसे रहा भी नहीं जा रहा था.
मैं नीलम की ब्रा के ऊपर से ही उसके एक चूचे को चूसने लगा, फिर भाभी की गर्दन पर जोर-जोर से चुम्बन करने लगा था.. जिससे नीलम गर्म होने लगी.
नीलम के होंठों पर मैं दुबारा से जोर-जोर से पूरे जोश में चुम्बन कर रहा था और भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
फिर जल्दी ही मैंने नीलम की ब्रा और पैंटी को भी उतार दिया, नीलम बिना कपड़ों के मेरे सामने लेटी हुई थी.
मैंने नारियल के तेल को उसके चूचों.. पेट और चूत और टांगों पर डाला, उसकी मालिश करना शुरू कर दिया.
नीलम पीठ के बल आराम से लेटी हुई अपनी मालिश करवा रही थी, मैं नीलम के दोनों चूचों को सहला रहा था. मैं उसके चूचों को कभी प्यार से दबाता.. तो कभी गोल-गोल घुमाता.. जिससे नीलम अब और भी गर्म हो रही थी.
नीलम की प्यारी सी सिसकारी निकलने लगी थीं, कुछ ही पलों में उसकी सिसकारियाँ कमरे का माहौल कामोत्तेजक बना रही थीं ‘उम्म्ह्ह.. आह्ह..’
फिर मैं नीलम की नाभि और पूरे पेट की मालिश करने लगा. नीलम को अब ज्यादा मजा आ रहा था.. पर मुझे नीलम के होश उड़ाना बाकी था.
मैंने उसके होश उड़ाने का जो तरीका सोचा था.. वो था नीलम की प्यारी-प्यारी चूत की मालिश करना.
इसलिए मैं नीलम की टांगों पर मालिश करने लगा और जब मैं उसकी पूरी टांगों पर मालिश कर रहा था.. तो नीलम मस्ती में आ चुकी थी. उसकी गोरी-गोरी बिना बाल वाली जांघों पर हाथे फेरने से मुझे मेरे लंड पर काबू करना मुश्किल हो रहा था.

फिर जल्दी ही मैं नीलम की टांगों के बीच में आ गया और हाथ में तेल ले लिया. इसके बाद मैंने जैसे ही उसकी चूत में तेल से सनी एक उंगली डाली.. वैसे ही नीलम के मुँह से ‘आअह्ह्ह’ की आवाज निकल गई.
अब मैंने उंगली को अन्दर-बाहर करना शुरू किया.
नीलम भी ‘ओह्ह्ह.. आआहह..’ कर रही थी.. साथ ही मैंने नीलम की गाण्ड पर भी तेल लगा दीया जिससे उसकी गाण्ड थोड़ी गीली हो गई.