desiaks
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- Aug 28, 2015
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फिर दिदी मेरे पास बैठ गयी और फिर बहुत सारी बातें की हमणे..सेक्स लाइफ के बारे में भी.
"तू घर आया कर ना,क्यूँ कुछ प्रॉब्लम हे क्या...?
दीदी के सवाल में साफ़ प्यासी वासना थी.
"जरूर आऊंगा, पर फिर अपने आप को रोक नहीं पाऊंगा, इसीलिए नहीं आता. आप घर पे अकेली होती है..तो फिर कुछ गलत हो जायेगा..
मैंने अच्छा बच्चा बनने की कोशिश की.
"कुछ गलत नहीं होगा..तु अगले संडे आ रहा हे..जो होगा अच्छा ही होगा,डोंट वरी..
और फिर में कुछ नहीं कह सका. दीदी के साथ मस्त टाइम पास हो गया और फंक्शन भी ख़त्म होने को था लेकिन अभी एक घंटा बाकि था की माँ वापस मेरे पास आई और कहा
"रेशु..चल अभी चलते हे...
"क्यूँ मोम...?
"अरे अभी सब इम्पोर्टेन्ट काम ख़त्म हो चुका हे..और मुझे निकलना भी हे.....
और फिर हम निकले..पर जाते जाते भी दीदी ने संडे को आने को कहा. आते टाइम मस्त अँधेरा हो रहा था और माँ भी बड़े अच्छे मूड में थी. वो बिना कहे ही..मुझसे चिपक के बैठ गयी..और मैंने बाइक चला दी. थोड़ा सा अजीब लग रहा था माँ से ऐसे सेक्सी बिहेव करना पर सच कहूँ तो बड़ा मज़ा आ रहा था वैसे भी मेरा तो इतना ही लॉजिक था.सारे गैर मर्द मेरी माँ को देख के एन्जॉय करे, तो में भी तो मर्द हू, मेरा भी लंड माँ को देखके उठता हे, तो इसमें गलत क्या हे..अगर माँ सिड्यूस हो जायेगी..तभी तो आगे कुछ करूंगा..अगर वो न कहेगी तो कुछ नहीं होगा. ये सोचते सोचते हम घर पहुंचे. शाम के ६ बज रहे थे..और माँ को निकलना था..मोम सीधी कामरे में गयी और में भी उनके पीछे पीछे चला गया..मोम ने शायद सोचा नहीं होगा की में उनके पीछे पीछे आ जाऊंगा..तो उन्होंने अपनी साड़ी जाते ही उतार दी.और पल्लो निचे गिरा दिया..फिर पल्टी तो में वहीँ पे खड़ा था पर फिर समझ के में बाहर चला गया..और थोड़ी देर में माँ ने पुकारा और में वापस कमरे में गया..तो माँ फिर से बैठी थी, और मेरे जाते ही कहा.
"उफ़ रेशु, कितना टाइट बांधा हे नेकलेस..अभी खोला नहीं जा रहा..
और में सब समझ के सीधा माँ की और चला और माँ से फिर से वैसे ही चिपक गया. माँ का नेकलेस तो आसानी से निकल गया था लेकिन मैंने थोड़ा टाइम लगाया..और कहा.
"माँ ये डोरी भी खोल दून क्य...?
"हमंम... और मैंने धीरे से डोरी खींचि और वो खूल गयी..अब मेरा काम ख़त्म था..पर मैंने माँ के ब्लाउज को छोड़ा नहीं और माँ के ब्लाउज की डोरी खोलने के बाद मैंने माँ के ब्लाउज की डोरी को पूरा बैक से हटा दिया..जिससे माँ की बैक टोटल न्यूड हो गयी, और हलके से ब्लाउज को भी साइड में कर दिया.. फिर मैंने माँ की ब्रा को अपने हाथ में लिया..मोम ने सुबह जल्दी में ब्रा ऐसे ही बेड पे छोड़ दी थी, तो मैंने उसे पकड़ा और जाते जाते उसे माँ के पास रख दिया.और निकल गया.
"तू घर आया कर ना,क्यूँ कुछ प्रॉब्लम हे क्या...?
दीदी के सवाल में साफ़ प्यासी वासना थी.
"जरूर आऊंगा, पर फिर अपने आप को रोक नहीं पाऊंगा, इसीलिए नहीं आता. आप घर पे अकेली होती है..तो फिर कुछ गलत हो जायेगा..
मैंने अच्छा बच्चा बनने की कोशिश की.
"कुछ गलत नहीं होगा..तु अगले संडे आ रहा हे..जो होगा अच्छा ही होगा,डोंट वरी..
और फिर में कुछ नहीं कह सका. दीदी के साथ मस्त टाइम पास हो गया और फंक्शन भी ख़त्म होने को था लेकिन अभी एक घंटा बाकि था की माँ वापस मेरे पास आई और कहा
"रेशु..चल अभी चलते हे...
"क्यूँ मोम...?
"अरे अभी सब इम्पोर्टेन्ट काम ख़त्म हो चुका हे..और मुझे निकलना भी हे.....
और फिर हम निकले..पर जाते जाते भी दीदी ने संडे को आने को कहा. आते टाइम मस्त अँधेरा हो रहा था और माँ भी बड़े अच्छे मूड में थी. वो बिना कहे ही..मुझसे चिपक के बैठ गयी..और मैंने बाइक चला दी. थोड़ा सा अजीब लग रहा था माँ से ऐसे सेक्सी बिहेव करना पर सच कहूँ तो बड़ा मज़ा आ रहा था वैसे भी मेरा तो इतना ही लॉजिक था.सारे गैर मर्द मेरी माँ को देख के एन्जॉय करे, तो में भी तो मर्द हू, मेरा भी लंड माँ को देखके उठता हे, तो इसमें गलत क्या हे..अगर माँ सिड्यूस हो जायेगी..तभी तो आगे कुछ करूंगा..अगर वो न कहेगी तो कुछ नहीं होगा. ये सोचते सोचते हम घर पहुंचे. शाम के ६ बज रहे थे..और माँ को निकलना था..मोम सीधी कामरे में गयी और में भी उनके पीछे पीछे चला गया..मोम ने शायद सोचा नहीं होगा की में उनके पीछे पीछे आ जाऊंगा..तो उन्होंने अपनी साड़ी जाते ही उतार दी.और पल्लो निचे गिरा दिया..फिर पल्टी तो में वहीँ पे खड़ा था पर फिर समझ के में बाहर चला गया..और थोड़ी देर में माँ ने पुकारा और में वापस कमरे में गया..तो माँ फिर से बैठी थी, और मेरे जाते ही कहा.
"उफ़ रेशु, कितना टाइट बांधा हे नेकलेस..अभी खोला नहीं जा रहा..
और में सब समझ के सीधा माँ की और चला और माँ से फिर से वैसे ही चिपक गया. माँ का नेकलेस तो आसानी से निकल गया था लेकिन मैंने थोड़ा टाइम लगाया..और कहा.
"माँ ये डोरी भी खोल दून क्य...?
"हमंम... और मैंने धीरे से डोरी खींचि और वो खूल गयी..अब मेरा काम ख़त्म था..पर मैंने माँ के ब्लाउज को छोड़ा नहीं और माँ के ब्लाउज की डोरी खोलने के बाद मैंने माँ के ब्लाउज की डोरी को पूरा बैक से हटा दिया..जिससे माँ की बैक टोटल न्यूड हो गयी, और हलके से ब्लाउज को भी साइड में कर दिया.. फिर मैंने माँ की ब्रा को अपने हाथ में लिया..मोम ने सुबह जल्दी में ब्रा ऐसे ही बेड पे छोड़ दी थी, तो मैंने उसे पकड़ा और जाते जाते उसे माँ के पास रख दिया.और निकल गया.