Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-01-2021, 05:15 PM,
#81
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
प्रियम किसी रेस में भागते लड़के की तरह हांफता हुआ चुसे हुए गन्ने की तरह अगल जा लुढका | रीमा अपने मुहँ में भरी गरम सफ़ेद मलाई को अन्दर ही घुमा घुमाकर स्वाद लेती रही | कुछ देर बाद प्रियम की सारी गाढ़ी सफ़ेद मलाई निगल गयी और एक लम्बा चटकारा भरा |
प्रियम का लंड इस बार जल्दी ही सिकुड़ने लगा | रीमा चौथा राउंड करना चाहती थी लेकिन प्रियम और उसके लंड की हालत देखकर उसने अपना विचार बदल दिया |

प्रियम के लंड को मुरझाया देख दो कटोरों में क्रीम भरकर उसमे कई चीजे डाल कर अपने दोनों सुडौल स्तनों के सामने रख दिया और ऊपर से कोको रस उड़ेल दिया - थक गया होगा, तेरा काफी जूस निकल दिया मैंने, चल चूस कर अपनी थकान दूर कर ले | आ जा चल चूस इनको, अभी तरोताजा हो जायेगा | ये ऐसी चीज है अच्छे अच्छे मर्द इन्हें देखकर ही तरोताजा हो जाते है, तुझे तो चूसने का मौका मिल रहा है | चूस ले आकर ये नरम नरम मांस की सफ़ेद सफ़ेद क्रीम | अच्छी तरह से कान खोलकर सुन ले एक बार को अपने बाप से पंगा ले लेना लेकिन मुझसे नहीं | दुबारा कभी ये गलती मत करना, मै वो हरामी चूत हूँ जो बस अपनी ताकत भूल गयी थी | किसी भले इंसान ने याद दिला दी |
चल आ जा जा क्रीम लगा और चाट | तेरी थकान दूर होगी, और अभी तो तेरी ठरक उतरनी शुरु की है | रीमा प्रियम की हालत देखकर खिलखिलाने लगी | प्रियम रीमा के बर्फीले सुडौल उरोजों को चूसने चाटने लगा |

रीमा अन्दर से थोडा मायूस थी लेकिन सबक जिदगी भर का सबक सीखाना जरुरी था | प्रियम ने रीमा के उरोजो को अपने मुहँ में भरकर बारी बारी से चूस रहा था | रीमा ने प्रियम के रस से सनी मफिन ख़तम की फिर स्ट्राबेरी खाने लगी | प्रियम के मना करने के बावजूद उसको उसी के लंड लंड रस से सनी स्ट्राबेरी खिला दी | उब्काते हुए किसी तरह से प्रियम दो स्ट्राबेरी निगल गया |

रीमा ने स्ट्राबेरी खतम करते ही अपने शरीर पर आइस क्रीम मलनी शुरू की और प्रियम से चाटने को कहा | आइसक्रीम का बर्फीला रोमांच, उसे शब्दों में बयां करना संभव नहीं है | छाती से लेकर नाभि के नीचे चूत त्रिकोण तक पिघल रही आइसक्रीम पर उसे कुछ स्ट्राबेरी छितरा दी, प्रियम आइसक्रीम चाटते हुए बारी बारी से वो स्ट्राबेरी खाता जा रहा था | ठंडी ठंडी बर्फीली आइसक्रीम का उसकी चूत के ओंठो पर से बहते गांड तक जाकर चुताड़ो को भिगोने से जो सनसनाहट, उसके जिस्म में हो रही थी वो सिर्फ रीमा महसूस कर सकती थी | रीमा ऊपर से नीचे तक स्ट्राबेरी और आइसक्रीम फैलाने में लगी थी और प्रियम समेटने में | रीमा के अपनी वासना से खेलने के अपने ही तरीके थे | जिनके बारे वो रातो में सिर्फ करवटे बदल बदल कर सोचा करती थी आज उन्हें वो जी रही है | भरपूर तरीके से जी रही थी |

प्रियम रीमा के जिस्म के जिस हिस्से तक नहीं पंहुचा था, इस पिघलती आइसक्रीम ने पंहुचा दिया | रीमा के जिस्म का पोर पोर प्रियम को चाटना पड़ा, रोहित के बाद दूसरा आदमी था जिसने रीमा के जिस्म को अपनी जीभ से ही नाप डाला | रोहित ने रीमा के जिस्मानी जादू के लिए वो किया था और प्रियम ने रीमा के डर से किया | रोहित का मकसद रीमा के शरीर को सुख देना था और प्रियम सिर्फ अपनी चाची के गुस्से से बचने को उनका जिस्म उनके बताये अनुसार साफ़ कर रहा था | हर चीज का अंत होता है वैसे ही रीमा के फ्रूट एडवेंचर का भी अंत हुआ, प्रियम ने हार नहीं मानी और रीमा के गुलाबी शरीर को पूरी तरह से चाट कर साफ़ कर दिया | उसे भी अंदाजा नहीं था, चाटते चाटते कितनी चीजे वो खा गया है | रीमा अभी भी नहीं थमना चाहती थी | उसने आइसक्रीम को एक कोन में भरा और आइसक्रीम कोन को अपनी चूत में ठेल दिया | औरत की चूत एक नाजुक अंग है और जब सामान्य चमड़ी पर बर्फ चुभती है तो सोचो चूत का क्या हाल होगा | रीमा तो जैसे हवस की फैक्ट्री थी, उसका जिस्म ठंडा होने का नाम ही नहीं ले रहा था | चूत के अन्दर जाते ही आइसक्रीम चूत की दीवारों को जाम करने लगी, उस ठण्ड के अहसास से रीमा के कुल्हे कमर जांघे और पूरा शरीर काँप गया | रीमा ने ठण्ड बर्दास्त करने को मुठियाँ भींच ली और जोर जोर से कराहने लगी | फिर जब बर्दास्त नहीं हुआ तो आइसक्रीम से भरे कोने को चूत के ऊपर रगड़ने लगी |
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09-01-2021, 05:15 PM,
#82
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
चूत और बदन की गर्मी से आइसक्रीम पिघलने लगी | फिर रीमा ने कोन को उलटी तरफ से चूत में अन्दर बाहर करना शुरू किया | अब तक चूत ठंडी आइसक्रीम को लेकर कुछ हद तक अनुकूल हो गयी थी | रीमा ने प्रियम को आदेश दिया - ले इस आइसक्रीम को मेरी चूत को खिला कोन सहित और मेरी चूत को इससे चोद, आइसक्रीम वो अपने खाकर खतम कर देगी | चुदाई तब तक नहीं रुकनी चाहिए जब तक ये सारी आइसक्रीम मेरी चूत खा न जाये | प्रियम को कुछ नहीं समझ आया सिर्फ इसके की इस कोन को उसकी चूत में अन्दर बाहर करना है | प्रियम रीमा की चूत में बर्फ के गोले को अन्दर बाहर करने लगा | जैसे ही बफ के गोले को चूत की तपिश लगनी चालू हुई, आइसक्रीम पिघल कर बहने लगी और चूत के अन्दर ही जमा होने लगी | प्रियम धीरे धीरे रीमा की चूत में कोन ठेलता रहा, जब रीमा को लगा अब चूत की दीवारे ठण्ड से सुन्न हो जाएगी उसने प्रियम से कोन चूत से निकाल लेने को कहा | कोन निकलते ही रीमा की चूत में जमा पिघली आइसक्रीम फच्च से बाहर निकल कर उसकी गांड के छेद और चुताड़ो को भिगोने लगी | रीमा को इस ठन्डे चूत चुदाई एडवेंचर से बहुत संतुष्टि मिली |

रीमा बस खुद को व्यवस्थित कर रही थी तभी उठकर प्रियम का लंड हाथ में थम लिया और हिलाने लगी, दुसरे हाथ से उसकी गोलियों की जाँच पड़ताल करते हुए - अभी तो गोलियों में लगता है बहुत माल है, इसे निकालना पड़ेगा |

प्रियम अपनी जांघे सिकोड़ने लगा , वो तीन बार झड चूका था अब उसकी हिम्मत नहीं थी चौथी बार, इससे पहले ऐसा उसके साथ कभी नहीं हुआ | लेकिन रीमा ने उसे झिड़क दिया और उसके लंड को सीधा करने में जुट गयी | प्रियम बिना बोले ही अपनी असहमति जताता रहा | रीमा समझ गयी - उसने मुरझाये लंड को हिलाते हुए पुछा - एक बात बता तूने कभी चूत बर्गर खाया |

प्रियम के लिए ये सब्द ही नया था, उसकी उम्र के लौड़ो में ऐसी चीजो में बहुत दिलचस्पी होती है, उसका ध्यान उसके लंड पर से हटकर रीमा की तरफ हो गया - मतलब, मै कुछ समझा नहीं चाची |

रीमा - अगर तू मुझे अपने लंड को चूसने और मुठीयाने देगा तो मै तुझे मैक दी का चूत बर्गर खिलाऊंगी | तूने आज तक खाना तो छोड़ नाम भी नहीं सुना होगा | प्रियम तीन बार झड चूका था इसलिए ना नुकुर करने लगा , लेकिन रीमा ने लपक कर प्रियम का लंड थम लिया और मुठीयाने लगी | कुछ देर बाद रीमा प्रियम का लंड मुहँ में लेकर चूसने लगी | आखिर इतनी कोशिश के बाद प्रियम का मुरझाया लंड सीधा होने लगा तनने लगा खड़ा होने लगा | प्रियम की सांसे तेज हो गयी | रीमा एक हाथ से लंड पर छल्ला बनाकर उसकी खाल ऊपर नीचे करने लगी और उसके सुपाडे को मुहँ के लेकर कसकर चूसने लगी | दोनों तरफ से बढ़ते दबाव से लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया | रीमा ने उस पर ढेर सारी क्रीम उड़ेल दी और प्रियम से स्ट्रोक लगाने को कहा | तब तक वो कुछ करने चली गयी | जब वापस आई तो उसके हाथ में कुछ तिल, एक टमाटर की स्लाइस और एक सलाद का टुकड़ा था | उसने एक बूँद शहद लिया और अपनी चूत के बांये ओंठ मल दिया और ढेर सारे सफ़ेद तिल उस पर चिपका दिए, फिर चूत की दरार में टमाटर की स्लाइस डाल दी और उस पर सलाद का टुकड़ा रखकर चूत के ओंठो को कसकर बंद कर दिया |

फिर दोनों जांघो को सिकोड़कर पास पास कर लिया - तेरा मैक दी का चूत बर्गर रेडी है, लेकिन तुझे ये तब खाने को मिलेगा, जब मुझे तेरी ताज़ी फ्रेश गाढ़ी सफ़ेद मलाई मिलेगी | अब तू मुझे तेरी मलाई निकालने दे जैसे ही तेरी मलाई निकलेगी, ये चूत बर्गर तेरा | इसे जैसे मर्जी हो वैसे खाना, न तुझे रोकूंगी न टोकुंगी | चल अब अपना खूंटा ला इधर, चूसने दे मुझे | रीमा प्रियम के लंड को जोर जोर से मुठिया कर चूसने लगी | बीच बीच में चाटने लगती | फिर मुहँ में लेकर चूसने लगती | एक दो बार सुपाडा चाटने के बाद रीमा ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहँ खोला | धीरे से प्रियम के लंड के सुपाडे के चारो ओर ओठो का घेरा बना लिया | लार से सनी लसलसी जीभ अब सुपाडे के चारो ओर घूम रही थी | प्रियम की कामुक कराहे उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ रही थी, उसके नितम्ब बढ़ती उत्तेजना के कारन ऐठ रहे थे | रीमा अपने हाथ को फिर से लंड की जड़ में ले गयी और लंड के सुपाडे के थोड़ा सा और मुहँ के अन्दर ठेल दिया, देखते ही देखते, खून से भरा लाल सुपाडा रीमा के गीले और गरम मुहँ में समा गया | जैसे रीमा ने लार से भरे मुहँ से प्रियम की कमर के झटके से हिलते लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, प्रियम के मुहँ से हल्की सी मादक आह निकल गयी |

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09-01-2021, 05:15 PM,
#83
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा फिर प्रियम की तरफ मुड़ती हुई - फट गयी न गाड़, औरत को चोदना इतना आसान नहीं है, अपने पर आ जाये तो अच्छे अच्छे मर्दों की गांड मार लेती है | औरत को चोदना है तो उसे धमकाओ या हड्काओ नहीं, उसे प्यार से मनाओ | उसे आंख दिखाकर डराओगे, उसका विडिओ बनाकर उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश करोगे तो अगली बार इससे भी बुरी गति होगी | चुदाई प्यार से होती है, औरत को प्यार से मनाओ और जी भर के चोदो | जब तक दिल न भरे तब तक चोदो, वो चुदती रहेगी वो मना नहीं करेगी, आखिर उसको भी तो चुदाई का मजा लेना होता है और चुदने का उसका भी तो मन होता है, और औरत की चूत बनी ही है चुदने के लिए, औरत नहीं चुदेगी तो कौन चुदेगा | औरत बनी ही आदमी का लंड लेने के लिए है, अब जो जो करने के लिए उसे राजी कर पाओ, खुसी खुसी करवाएगी, पूरा मजा देगी और खुद भी पूरा मजा लेगी | ये ऑडियो विडिओ से धमकाने चले थे मुझे, मेरी भतीजे न होते तो तुमारी गाड़ मार मार कर उसका विडिओ वायरल कर देती | तीन दिन तक चलने लायक नहीं रखती तब पता चलता जब किसी छेद में लंड घुसता है तब कैसा महसूस होता है | अभी तीन चार बार निचोड़ा है तब तो ये हाल है, कही पूरी रात रोक लू तो सुबह स्ट्रेचर पर लद कर जावोगे | चल इधर आ और अपना चूत बर्गर खा ले |
इतना कहकर रीमा ने अपनी जांघे फैला दी | प्रियम का सर रीमा की गोरी गोरी जांघो के बीच में झुकता चला गया | प्रियम डरा हुआ था और हड़बड़ी में था इसलिए उसने जल्दी जल्दी में रीमा की चूत को चाटना शुरू कर दिया और उसने रीमा चूत में लगा टमाटर और सलाद लीफ रीमा की चूत के बंद होंठो की दरार से जल्दी जल्दी निकलाने के चक्कर में एक और गड़बड़ कर दी , प्रियम के दांत रीमा की चूत के बाहरी मुहाने पर चुभ गए | रीमा चिहुंक उठी |
रीमा - क्या करा रहा, मेरे लाल, आराम से खा, मेरी बेदाग गोरी गुलाबी चूत पर अगर कही दाग लगाया तो मार मार कर तेरा पिछवाडा बन्दर की तरह बनाकर भेजूंगी |
प्रियम ने फिर आराम आराम से रीमा की चूत को चाट चाट कर उस पर लगा सारा खाने का आइटम खा गया |
रीमा - यही बैठा रह, ऐसे ही जब तक मै कुछ और न बताऊ | समझा की नहीं | इतना कहकर वो बाथरूम की तरफ बढ़ गयी |
इतना करने के बाद भी रीमा की लालसा अभी ख़त्म नहीं हुई थी, वो बाथरूम गयी खुद को साफ़ किया | रीमा जब बाथरूम में थी तो प्रियम के बारे में ही सोच रही थी | आखिर उसकी इतनी हिम्मत हुई कैसे कि वो उसी के घर में उसी का नंगा विडिओ बनाने चला आया | रीमा प्रियम को लेकर दुविधा में थी | एक मन कह रहा था उसको अब छोड़ देना चाहिए, उसको उसकी गलती की भरपूर सजा मिल चुकी है लेकिन दूसरा मन उसे अभी और सबक सिखाने के मूड में था, ताकि चाह कर भी उसकी दुबारा कभी ऐसी हारकर करने की हिम्मत न हो | वो समझ नहीं पा रही थी क्या करे | आखिर उसने प्रियम को थोड़ी देर और टेस्ट करने की सोची | और
और नए कपडे पहन किचन में आ गयी | उसने ऊपर एक टीशर्ट पहनी और नीचे बस जी स्ट्रिंग टाइप की पैंटी, और हाई हील्स | जाहिर सी बार है इन कपड़ो में वो क्लासिक सेक्सी ब्यूटी लग रही थी | उसके सुडौल चूतड़ पूरी तरह नुमाया हो रहे थे | किचन काफी गन्दा हो गया था इसलिए उसने किचन साफ़ करना शुरू कर दिया | असल में उसे सफाई कम करनी थी प्रियम को ज्यादा नोटिस करना था |

उसने थोड़ी ही देर में अपनी पैंटी उतार दी और जब उसने जी स्ट्रिंग टाइप की पैंटी उतारी तो उसे नीचे की तरफ झुकना पड़ा और उसकी बेपर्दा गुलाबी चिकनी चूत, गांड का छेद और भरे पुरे बड़े बड़े गोल मांसल चूतड़ नुमाया हो गए | प्रियम नजरे झुकाए था लेकिन रीमा की हरकते और उसके जादुई नंगे जिस्म का जादू ही कुछ और था इसलिए बार बार उसकी नज़रे रीमा के जिस्म पर जाकर टिक जाती | रीमा ने फिर मूड बदल लिया और पैंटी फिर से पहन ली | शायद वो बस अपनी चूत दिखाकर प्रियम को टेस्ट कर रही थी | प्रियम का लंड बेदम हो चूका था इसलिए उसमे कोई जान नहीं बची थी और न ही अभी तक कोई हरकत हुई | रीमा ने हाई हील्स भी उतार दिए और सॉक्स पहन लिए ताकि पैरो में फर्श की ठंडक ना लगे | रीमा फिर से सफाई में मगन हो गयी और बार बार अपने अपने सुडौल चुस्त ठोस मांसल ऊपर को उठे हुए चूतड़ प्रियम को दिखा रही थी | न चाहते हुए भी प्रियम की नजरे बार बार रीमा के जिस्म की तरफ चली ही जाती | आखिर औरत के बदन का कोई भी नंगा हिस्सा आकर्षण का केंद्र होता है | रीमा के उठे हुए चिकने गोरे चुतड देख प्रियम की नजरे ही न हट रही थी |
रीमा ने आटे के कंटेनर से ढेर सारा आटा निकाला और आटा गूथने लगी | रीमा बार बार चूतड़ उठाकर कमर हिलाती, बिना प्रियम की तरफ देखे फिर से आटा गूथने लगती | उसने अपने दोनों चुताड़ो पर अपने आंटे से सने पंजे की छाप बना दी थी | प्रियम अभी भी मुरझाये लंड के साथ वही बैठा बार बार रीमा हो घूर रहा था | उसकी आँखों में वासना की डोरियाँ फिर से आ चुकी थी भले ही अभी शरीर उसके लिए तैयार नहीं था लेकिन रीमा के जिस्म के जादू और उसकी मादक हरकतों ने प्रियम के अन्दर वासना फिर से भड़का दी थी |

अंततः रीमा ने पैंटी उतार ही दी अब वो कमर के नीचे पूरी तरह से नंगी थी और रीमा जैसी औरत कमर के नीचे पूरी तरह से नंगी हो और उसे देखकर किसी का लंड न खड़ा हो, ऐसा भला हो सकता है | प्रियम के लंड में भी हरकत होनी शुरू हो गयी | रीमा ने आंटे को बेलना शुरू कर दिया और लगातार अपने चूतड़ मटकाती रही | उसने ऊपर के कपडे भी उतार दिए सिर्फ उसके जिस्म पर ब्रा रह गयी | आंटे से उसका जिस्म सरोबार था, सर से लेकर पाँव तक उसके शरीर पर आटे का पाउडर की सफेदी लगी हुई थी | रीमा जानबूझकर भी पुरे जिस्म में आटा पोत रही थी | उसने कनखियों से प्रियम के हालत का जायजा लिया | उसका लंड अर्धमुर्क्षित अवस्था में अपने पैरो पर खड़ा होने की कोशिश कर रहा था | रीमा तेजी से लपकी और उसके लंड को दाहिने हाथ से जकड़ कर 10 - 15 बार मुठिया दिया |

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09-01-2021, 05:18 PM,
#84
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा - इसकी खड़ी होने की इक्षा है तो इसे खड़ा क्यों नहीं करता, चल इसको हाथ में ले और मुठिया, तब तक मुथियाता रह जब तक पूरी तरह खड़ा न हो जाये |
प्रियम ने ना नुकुर करने की कोशिश की तो कुछ रूककर धमकाते हुए बोली - अच्छी तरह से कान खोलकर सुन ले, अगली बार ऐसी हरकत करी ना तो मशीन में डाल कर चुसवा दूगी लंड को, गोलिया का सफ़ेद रस तो छोड़ो खून भी निकल लेगी वो, इसलिए आज के बाद किसी चूत को ब्लैकमेल करने की कोशिश मत करना | आज तो तेरे नसीब में चूत है नहीं इसलिए इसे हिला हिलाकर ही शांत करना पड़ेगा | चूत बड़े नसीब वाले और समार्ट लंडो को मिलाती है, चुतिया लोगो को नहीं | अगली बार ये चुतियापंती करी न तो तुमारी गांड चौड़ी करने के और भी हथियार और तरीके है मेरे पास | चल शुरू हो जा और जब तक मै न बोली हाथ लंड पर से न हटना चाहिए न रुकना चहिये |

रीमा ने ब्रा भी उतार दी, अब वो फिर से पूरी तरह नंगी हो चुकी थी, उसके लिए घर के अन्दर इस तरह से नंगा होना अब आम बात थी | उसने जिस्म पर लगा थोड़ा बहुत आटा झाड़ा और फ्रिज से एग लेने चली गयी | एक को बीचो बीच बेले हुए आटे पर फोड़ दिया | उसके भरे भरे सुडौल तने हुए स्तन उसके झुकने से उलटी पहाड़ी की आकृति बना रहे थे और उसके नाभि के नीचे चिकने सपाट चूत त्रिकोण मैदान को पार करते हुए, उसकी चूत का चीरा भी दिख रहा था | रीमा प्रियम को सजा देकर बहुत खुश थी, उसे प्रियम को सबक सिखाते हुए बड़ा मजा आ रहा था | सबसे बड़ी बात जिस कॉन्फिडेंस के साथ उसने प्रियम की बजाई थी वो काबिले तारीफ था | उसने चार बार प्रियम को झाड़ा लेकिन मजाल है जो प्रियम एक बार भी उसका मजा लूट पाया हो | गाड़ फाड़ कर रख दी उसकी |

प्रियम की हालत देखकर वो अन्दर से मन ही मन बहुत गदगद थी, शायद ये खुसी उसके औरतपन को और उसकी वासना को चुनौती देने वाले मर्दाना सोच की ये हालत देखकर ज्यादा थी | प्रियम ने एक तरह से उसके वासना और स्त्रीत्व को ही ललकार दिया था | रीमा बिना लंड, बिना मर्द के भी अपनी वासना और हवस में डूबकर खुद तो तृप्त कर सकती है, शायद यही यो प्रियम को दिखाना चाहती थी | मर्द को अपनी भूख मिटाने को औरत का जिस्म चाहिए लेकिन औरत खुद में खुद से खुद के लिए एन्जॉय कर सकती है | प्रियम अपने अर्द्ध मुरझाये लंड पर अपना हाथ ऊपर नीचे कर रह था और उसके लंड में भी जान वापस आने लगी थी | धीरे धीरे ही सही वो फिर से सख्त होने लगा | रीमा ये देखकर मस्तिया गयी, की उसके खूबसूरत जादुई जिस्म में इतनी जान है चार बार के झड़े मुरझाये लंडो में भी जान डाल दे | उसने बेली हुई रोटी धीरे से किनारे करी और उसी पत्थर पर लोट गयी | सारा आटा उसके जिस्म लग गया | उसके बड़े बड़े उभरे मांस से लदे भारी भरकम चूतड़, जांघे, सुडौल छातियाँ सब आटे से सन गए |
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09-01-2021, 05:18 PM,
#85
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
| रीमा ये देखकर मस्तिया गयी, की उसके खूबसूरत जादुई जिस्म में इतनी जान है चार बार के झड़े मुरझाये लंडो में भी जान डाल दे | उसने बेली हुई रोटी धीरे से किनारे करी और उसी पत्थर पर लोट गयी | सारा आटा उसके जिस्म लग गया | उसके बड़े बड़े उभरे मांस से लदे भारी भरकम चूतड़, जांघे, सुडौल छातियाँ सब आटे से सन गए |

रीमा - और मेरे लाल, कैसा लग रहा है मुठिया कर, मजा आ रहा है अपनी नंगी चाची को इस तरह से लोटते देखकर | अन्दर से खून का दौरान लंड में बढ़ रहा है या नहीं चाची के ये आटे से सने चूतड़ देख | अच्छे अच्छे रईस मर्द भी तड़पते है ऐसे मांसल ठोस चुताड़ो को देखने के लिए | तुझे फ्री फंड में दिखा रही हूँ | इन्ही के बीच में मेरी गुलाबी चिकनी चूत है, जिसको चोदने का ख्वाब पाल कर तुम चुतानंदन तुर्मखा बनने निकले थे, लेकिन यहाँ तो उल्टा लेने के देने पड़ गए | जोर जोर से स्पीड में मुठियाते रहो, अगर रुके तो सोच लो फिर मै अपने तरीके से मुथियाउंगी |
प्रियम अपने लंड पर तेज तेज हाथ ऊपर नीचे करने लगा | उसका लंड भी अकड़ कर खड़ा हो चूका था |
रीमा के शब्दों ने भी उसकी उत्तेजना बढ़ा दी |
रीमा - ऐसे ही मुठियाते रहो अपनी रीमा चाची को नंगी देखकर और सपने में ही सही उनको चोदने का ख्वाब पालकर | चलो तुम्हे अपनी बड़ी बड़ी छातियाँ दिखाती हूँ | बहुत मन था न रीमा चाची की भरी पूरी नंगी छातियां देखने का |
इतना कहकर रीमा उलट गयी | पूरा जिस्म आटे से सना हुआ था, सर से लेकर पैर तक रीमा के जिस्म पर आटे की सफेदी ही छाई हुई थी | उसके तने हुए पुष्ट नुकीले स्तन अलग ही कहर ढा रहे थे | उसके पेट, नाभि, कमर और नीचे चूत त्रिकोण के सफाचट मैदान तक आटा पुँरी तरह से चिपका हुआ था |

अब रीमा से रहा न गया, उसने अपने चूत दाने को एक हाथ से रगड़ना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से स्तन मसलने लगी | उसके साथ ही उसके मुहँ से सिकरियां निकालनी शुरू हो गयी | धीरे धीरे उसके हाथ चूत की दरार पर पंहुच गए और चूत के ओंठो को पर उसकी उंगलियाँ रपटने लगी | उसको इस तरह से सिस्स्कारियां भरती देख प्रियम के हाथ की स्पीड भी बढ़ गयी | रीमा ने एक उंगली अपनी चूत के गरम गुलाबी संकरे छेद में घुसा दी | फिर वहां से उंगली निकाल कर चाट लिया और अपने ही दोनों हाथो से अपने स्तनों को मसलने लगी |

मसलते मसलते प्रियम की मुठीयाने की स्पीड देखने लगी | रीमा को उसके गोरे सुडौल पुष्ट स्तनों को मसलते देख प्रियम की स्पीड और बढ़ गयी | प्रियम पुरे लंड पर जड़ से लेकर सुपाडे तक जोर जोर से हाथ चला रहा था |
प्रीयम को जोश में देख रीमा ने पोजीशन बदल दी और घुटनों के बल आ गयी | अपने चूतड़ हवा में उठा दिए | उसके गोरे गुलाबी मांसल चूतड़ हवा में हो गए, फिर एक साथ से अपनी चूत और उसका गुलाबी चूत दान रगड़ने लगी | मुहँ से सिकरियां निकल रही थी, प्रियम भी कराह रहा था | रीमा में हवा में चूतड़ घुमा घुमा कर अपनी चूत रगड़ती रही और उसकी गुलाबी चूत के दर्शन कर प्रियम पगलाया जा रहा था |

उसका मन कर रहा था बस उठे और रीमा की गुलाबी चूत में जड़ तक लंड पेलकर रीमा को चोदना शुरू कर दे | लेकिन हिम्मत नहीं कर पा रहा था | रीमा आँखे बंद किये बस चूत दाने और गुलाबी चूत को मसल रही थी | जैसे ही उसकी उंगलियाँ उसी की चूत से बह रहे चूत रस से गीली होती , फट से वो दुसरे हाथ से अपनी चूत रगड़ने लगती और चूत रस से भीगी उंगलियाँ को मुहँ में ले जाकर अपना ही चूत रस चखने लगती |
प्रियम पूरी तरह से उत्तेजित था और उसके सामने अब तक की देखि सबसे हसीन खूबसूरत जिस्म की मालकिन उसकी रीमा चाची पूरी तरह से नंगी होकर अपने गुलाबी गोरे चिकने मांसल जिस्म को चमकाती हुई चूतड़ मटका रही थी और अपनी गोरी चिकनी गुलाबी चूत मसल रही थी, आखिर एक किशोर लंड से सब्र हो तो कैसे | वो बार बार रह रह कर अपने को काबू करने की कोशिश करता लेकिन अब चीजे उसके नियंत्रण से बाहर थी | उसे पता था आज जो उसने हरकत करी है उसके बाद चाची से पूछना बेकार है लेकिन आखिर चाची चाहती क्या है ये भी तो पता चले | पिछले तीन घंटे में पहली बार उसका दिमाग एक्टिव हुआ | आखिर क्यों नंगी होकर मुझे अपने चुतड और चूत दिखा रही है |
उसने सारी हिम्मत बटोर कर आखिर अपनी इक्षा जाहिर ही कर दी - चाची अब रहा नहीं जा रहा, प्लीज ऐसा मत करो, एक बार कर लेने दो |
रीमा अपनी रौ में मस्त थी - क्या कर लेने दो ?
प्रियम - अब आपको देखकर रहा नहीं जा रहा है, बस एक बार चूत में डाल लेने दो, एक बार चोदने दो न |
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09-01-2021, 05:18 PM,
#86
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा अपनी ही हवस की आग में मस्त थी, रीमा को एक पल लगा प्रियम की बात समझने में | प्रियम के शब्दों ने जैसे आग पर पानी डाल दिया हो, रीमा के कान खड़े हो गए, वो चौंक गयी, इसकी इतनी हिम्मत हुई कैसे - क्या कर लेने दू, तुमारी इतनी हिम्मत हुई कैसे, तुम मुझी से मेरी चूत चोदने के लिए पूँछ रहे हो | चुपचाप मुट्ठी मारो, नहीं मै तुमारी गांड मार लूंगी अभी |

रीमा भी रौ में बोल गयी |
प्रियम भी त्रस्त हो गया था आखिर फट पड़ा - कब तक ऐसे करता रहू, मेरे सामने ही आप भी तो नंगी होकर अपनी चूत दिखा रही हो, इन्सान का बच्चा हूँ आखिर कैसे बर्दाश्त करू आप ही बता दो | मुझे अब और काबू नहीं हो रहा |
अब रीमा का गुस्सा चरम तक पंहुच गया | वो गुस्से से तमतमाने लगी | इतना सब कुछ होने के बाद भी इसकी इतनी हिम्मत, साला मुझे से मुझको चोदने के लिए पूछ रहा है | डर नाम की कोई चीज है या नहीं | इतना सब कुछ होने के बाद भी मेरी दहशत से बेख़ौफ़ है | इसकी इतनी हिमात हुई कैसे ? रीमा को चैलेन्ज | रीमा के हाथ पांव बस काबू में थे, यही क्या कम था फिर भी प्रियम पर फट पड़ी |
रीमा - भोसड़ी के मादरचोद, रंडी की औलाद, झांट भर के लंड, इंसान की चूत से निकले हो इन्सान के लंड के बच्चे की तरह रहना था न, अभी तो ठीक से तनता भी नहीं है कुचल दूँगी तो जिंदगी भर के लिए बस मुतने के काम आएगा | भोसड़ी के मुझे चोदोगे, तुमारी माँ की चूत .........................तड़ाक तड़ाक तड़ाक |
रीमा आगबबुला होकर पागल हो गयी थी - बर्दाश्त नहीं हो रहा तो अपनी अम्मा की चूत में जाकर डालो भोसड़ी के , तब तो यहाँ आये थे रीमा की चूत का विडिओ बनाने ताकि मुझे ब्लैकमेल कर सको चोदने के लिए | झांट भर के लंड वाले बच्चे कही क्या चूत के ख्वाब देखते है मादरचोद |
प्रियम बदहवास सा आखिरकार रोने लगा |
प्रियम - चाची गलती हो गयी , मै अँधा हो गया था इस ठरक के चक्कर में | आपने मेरी आंखे खोल दी | मुझे माफ़ कर दो | अब जिंदगी भर ऐसा नहीं करूगां , किसी के साथ नहीं करूगां |
उसे कुछ समझ नहीं आया था, उसके अन्दर की हिम्मत पाताल पंहुच गयी और वो बुरी तरह से डर गया था | बस रोये जा रहा था, पहली बार वो रीमा से न केवल अन्दर तक डर गया बल्कि उसके अन्दर सचमुच की दहशत भर गयी |
रीमा प्रियम को रोता देख मुहँ फेर, किचन के सिंक की तरफ चली गयी | एक गिलास पानी पिया, प्रियम का सिबुकना सुनकर कर उसकी तरफ दौड़ी और तड़ाक से एक करारा झापड़ जड़ दिया |
रीमा - चुप बिलकुल चुप, ये नौटंकी बंद , साँस की भी आवाज नहीं आनी चाहिए, मादरजात, वरना मार मार के पिचका दूँगी. तुझे भी और तेरे लंड को भी |
रीमा को सबसे बुरा ये लग रहा था कि इतना डराने धमकाने के बाद भी वो रीमा के सामने इतना बेख़ौफ़ कैसे हो सकता है | रीमा के हिसाब से उसे डरना चाहिए था, उसकी नजरे नीची होनी चाहिए थी और उसने जो किया था उसके लिए उसके अन्दर जबदस्त ग्लानी होनी चाहिए थी | परिस्थियों के अनुसार (जब आपके सामने खूबसूरत नंगी औरत हो, और उसकी चिकनी सफाचट चूत आपके अन्दर की आग के लगातार घी डाल रही हो) प्रियम की एक सामान्य सी मानव स्वाभाव की प्रतिक्रिया थी, रीमा को पता नहीं क्यों अपने अस्तित्व पर एक चुनौती की तरह लगी, उसका स्त्रीत्व का अहंकार, जो पहले से ही उस पर हावी था अपने चरम पर पंहुच गया | प्रियम ने हाथ पाँव सब ढीले छोड़ दिए, निढाल, हरा हुआ , पस्त , फर्श की तरफ जितना ज्यादा गर्दन झुका सकता था, झुकाए, आँखों से खामोश आंसू बहाता हुआ बैठा था, तब न सही लेकिन अब वो सब प्रियम के हाव भाव से जरुर झलक रहा था, जो रीमा के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए जरुरी था | अब प्रियम बेबस, लाचार, थका हुआ, निस्तेज, मानसिक रूप से हारा हुआ, ग्लानी और अवसाद से भरा बैठा था | रीमा को अपमानित करने की इससे ज्यादा क्या सजा हो सकती थी, अहंकारी रीमा को अपने अहम् को संतुष्ट करने को और क्या चाहिए था | रीमा के इतना पास होने के बावजूद भी प्रियम की हिम्मत अपनी गर्दन ऊपर की तरफ करने की नहीं हुई, उसके अन्दर रीमा की आँखों से आंखे मिलाने की हिम्मत नहीं बची थी | उसकी आँखों से आंसू टपक रहे थे |
रीमा नफरत भरी आँखों से कुछ देर प्रियम को घूरती रही और उसकी हालत देखकर अपने अन्दर के अहम्तु को संतुष्ट करती रही, आखिरकार उसके गुस्से में कुछ नरमी आई |
रीमा - रोहित के लंड के बच्चे आये तो तुम थे मुझे चोदने का इरादा लेकर ही, इतना तो पक्का हो ही चूका है, तो लो मै तो चूत खोल के बैठी हूँ, नंगी, पूरी तरह से नंगी | बीच में झांटो का भी पर्दा नहीं, बिलकुल चिकनी सफाचट गुलाबी, गीली, रसभरी चूत | अब इससे ज्यादा औरत किसी अनाड़ी कच्चे लंड की क्या मदद कर सकती है?
क्या मै तुमारा अनाड़ी कच्चा लंड पकड़ के अब अपने ही चूत के छेद में भी घुसाऊ, फिर काहे के मर्द हो और काहे की मर्दानगी | गांड में दम है और सीने में हिम्मत है और लंड में जान है तो चोद डालो मेरी चूत को, सामने ही तो है,
प्रियम का रोना थमा ही था कि वो फिर से रोने लगा और रोते हुए कहने - चाची गलती हो गयी अब ऐसा कभी नहीं करूगां, प्लीज मुझे माफ़ कर दो, अब ऐसी गलती कभी नहीं होगी दुबारा | बहुत गलत सोच लिया था मैंने, बहुत ही बड़ी गलती करने जा रहा था | आपने रंगे हाथ पकड़कर मुझे सीधे नरक जाने से बचा लिया |
प्रियम की ग्लानी और आंसू से भरी आवाज रीमा के अन्दर तक छूती चली गयी | रीमा को एक पल को अपनी आक्रामकता का अहसास हुआ लेकिन फिर संभल कर अपने पर काबू किया -, मैंने जरा सा भाव क्या दिया बच्चा समझकर, तुम तो मुझसे ही मर्दानगी दिखाने लगे थे, मुझ पर ही मर्दानगी आजमाने लगे | कल को चूत से निकलकर पैदा हुए हो और लंड तो ऐसे तना हुआ था जैसे मेरी चूत फाड़कर रख दोगे, अब चूत से निकले बच्चे की तरह मिमियाने क्यों लगे | जिस चूत को चोदने आये थे वो तुमारे सामने है, गांड में हिम्मत है तो चोद के दिखावो | चोदो न रीमा की चूत, मै भी तो देखू कौन सा लंड दुनिया में ऐसा है जो बिना मेरी मर्जी के मेरी चूत में घुस जायेगा |
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09-01-2021, 05:19 PM,
#87
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
प्रियम का रोना जारी रहा - चाची सचमुच में बहुत बड़ी गलती हो गयी, माफ़ कर दो, अपनी मरी माँ की कसम खाता हूँ अब ऐसा कभी नहीं करूगां |
प्रियम की माँ मरी नहीं थी उसे छोड़ कर चली गयी थी और ये बात सिर्फ चार लोग जानते थे, रोहित, रोहित की बहन, रोहित का जीजा और रीमा | अब रीमा का दिल पसीजने लगा | वो सीधी हो गयी और उसी पत्थर पर सीधी बैठ गयी | कुछ देर सोचती रही फिर अपनी जांघे फैला दी और अपनी चूत के ओंठ खोल दिए | असल में रोहित से चुदने के बाद रीमा को अपनी असली स्थिति का अहसास हुआ | उसे पता लग गया की उसके और प्रियम के रिश्ते की एक हद है और उसे उससे आगे न खुद बढ़ना है न उसे बढ़ने देना है | यही सब सोचकर उसने एक नए तरीके से प्रियम के साथ रिश्ता बनाने की सोची थी लेकिन उसकी बेवखूफी ने सब गड़बड़ कर दिया और रीमा का गुस्सा सातवे आसमान पर पंहुचा दिया | इसलिए पिछले तीन से ज्यादा घंटे से उसकी सजा भुगत रहा है और अब सजा भुगतते भुगतते टूट गया |

रीमा ने अपनी आटे से सनी चूत के फांके खोले और प्रियम को दिखाते हुए बोली - देख रोहित के लाल, ये रीमा की चूत कमाल, जिस पर नहीं है एक भी बाल, इसमें तू मत अपना लंड डाल, ये नहीं बनी तेरे लिए लाल |
ये चूत तेरे लंड के लिए नहीं है | मै बस यही देखना चाह रही थी कि इस चूत के लिए तेरे अन्दर कितनी तड़प है | कान खोलकर सुन ले ये रीमा की गुलाबी चिकनी चूत तेरे लिए नहीं है, तेरे लिए नहीं है तेरे लिए नहीं है | अपने लंड को अच्छी तरह से समझा दे इस चूत के सपने देखना छोड़ दे | ये उसे नहीं मिलने वाली | तुझे चूत चोदनी है, मै दिलऊँगी ताजा फ्रेश कसी हुई गुलाबी कुंवारी चूत | इसके ख्वाब देखना छोड़ दे |
इसके बाद ख़ामोशी छा गयी | न प्रियम ने सर सीधा किया, न रीमा आगे कुछ बोली |
कुछ देर रूककर थोडा सोचकर रीमा ने ही किचन की ख़ामोशी तोड़ी - तू इसे चुसना चाहे तो चूस सकता है, छु सकता है चाट भी सकता है, इसका पानी भी पी सकता है लेकिन मै इसे तुझे चोदने नहीं दे सकती, न ही तू इसमें कभी अपना लंड घुसाने का ख्वाब देखना | तेरे लंड से रीमा की ये चूत कभी नहीं चुदेगी, न तू इसे कभी चोद पायेगा | कम से कम मेरे पुरे होशोहवास में तो कभी नही | (रीमा ने झूठ बोला ताकि प्रियम पर दबाव बना सके ) | इस चूत ने सिर्फ एक लंड लिया है अब तक और वो है मेरे पति का | तू अपनी छोड़ तेरे बाप की कभी हिम्मत नहीं हुई, मेरी चूत के बारे में सोचने की | तू बच्चा लंड है इसलिए तेरे लंड पर रहम कर रही हूँ वरना अभी रस्सी से बंधकर वो कसकर निचोड़ती तेरा लंड और गोटियों को कि यहाँ से सीधे हॉस्पिटल जाता | बच्चा है इसलिए प्यार से डील कर रही थी, अभी अभी तेरा लंड चूसा था, फिर खड़ा होगा, फिर चूस के झाड़ दूँगी लेकिन तू अपनी उम्र में लड़की दूंढ, वही तेरे लिए अच्छा है | तू मुझे नंगा देख चूका है, मेरे जिस्म जिस्म को छु चूका है, मेरी चूंची दबा चूका है, मेरे ओंठो का रस पी चूका है, मेरी चूत चाट चूका है, मेरा चूत दाना चूस चूका है | इससे ज्यादा औरत के जिस्म में लुटाने को और होता ही क्या है, अब बचा क्या है मेरे जिस्म में जिसको तुझे पाना है | एक बच्चा समझकर मैंने तेरी मदद की | तुझे चूत कैसे चोदते है ये भी सिखाऊंगी लेकिन किसी और की चूत के साथ | अब कान खोलकर सुन ले जो आज के बाद ऐसी बेवखूफी भरी हरकत की और ख़बरदार जो इसके बारे में किसी को बताया तो | तेरे बाप को सब पता है, ये भी बता दूँगी फिर सोच लेना क्या हाल करेगा तेरा वो रोहित |
प्रियम ने डरते हुए - लेकिन चाची एक बार, सिर्फ एक बार .........................................|
रीमा फिर पुराने टन में लौट में आई - तुमारी गांड फाड़ के रखो तब तक ही तुम्हे मेरी बात समझ आती है | नहीं का मतलब नहीं है | मुझे नहीं चुदवाना समझे, एक बार नहीं चाहे हजार बार गिडगिडाओ | इस चूत में तुमारे लंड क लिए कोई जगह नहीं है |
प्रियम समझ गया ज्यादा जोर डाला तो फिर पहले की तरह चंडी बन जाएगी, बेहद धीमी डरती आवाज में - इसको क्या करू, अब हाथ से नहीं होगा मुझसे | आप सामने नंगी बैठी हो मुझसे नहीं हो पायेगा |
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09-01-2021, 05:19 PM,
#88
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा फिर पुराने टन में लौट में आई - तुमारी गांड फाड़ के रखो तब तक ही तुम्हे मेरी बात समझ आती है | नहीं का मतलब नहीं है | मुझे नहीं चुदवाना समझे, एक बार नहीं चाहे हजार बार गिडगिडाओ | इस चूत में तुमारे लंड क लिए कोई जगह नहीं है |
प्रियम समझ गया ज्यादा जोर डाला तो फिर पहले की तरह चंडी बन जाएगी, बेहद धीमी डरती आवाज में - इसको क्या करू, अब हाथ से नहीं होगा मुझसे | आप सामने नंगी बैठी हो मुझसे नहीं हो पायेगा |
रीमा भी अब नार्मल हो गयी थी - ऊहोहोहो तो ये बात है, सामने नंगी औरत बैठी है इसलिए मुठीयाने में मजा नहीं आ रहा है | मेरी गुलाबी चूत देखकर लगता है पागल हो गया है बच्चा लंड | अच्छा एक काम कर बच्चे का कच्चा लंड जाकर फ्रिज से एक आइस क्यूब ले आ, जब मुझे मजा आएगा तभी तुझे मजा दूँगी | प्रियम का शरीर थका हारा था फिर भो वो फ्रिज तक गया और एक आइस उठा लाया | चल इसे मेरे चूत पर चारो तरफ रगड़ और फिर मेरे संकरे गुलाबी छेद में डाल दे |
प्रियम चौंक गया - ये ठंडा ठंडा नहीं लगेगा |
रीमा - यही ठंडा गरम तो चूत का असली मजा है जो औरत और उसकी चूत को घनघना, झनझना देता है, अच्छे अच्छे मर्द नहीं समझ पाए फिर तेरे जैसे कच्चे लंड के कैसे पल्ले पड़ेगा, तू बस जो बोला है वो कर |
प्रियम ने चारो तरह बर्फ का टुकड़ा घुमाया, फिर चूत दाने को रगड़ा और कुछ देर बाद ही उसे चूत के छेद में घुसेड़ दिया | गरम गीली चूत के अन्दर बर्फ के ठन्डे सर्द चुभन से एक अलग ही तरह का कम्पन रीमा के शरीर में हुआ | ऐसे लग रहा था जैसे किसी ने बर्फ के चाकू से उसकी चूत चीर दी हो लेकिन चूत की दीवारों पर ठन्डे बर्फीलेपन के अहसास से एक अलग ही किंकी सुख रीमा को मिला | अक्सर वो अपने शरीर पर बर्फ के टुकड़े फिराती थी लेकिन चूत और चूत के अन्दर ये अनुभव उसे पहली बार ही हुआ था |

उसकी चूत की दीवारे सुन्न होने की तरफ जा रही थी लेकिन रीमा ये बेहद अलग अनुभव किसी भी तरह जाया नहीं करना चाहती थी और इसलिए उसने प्रियम को खड़ा करके उसके पास घुटनों के बल बैठ गयी | उसका ये खुद को ही तकलीफ देकर एन्जॉय करने का तरीका प्रियम के ऊपर से निकल गया | बर्फ से सर्द टुकड़े ने रीमा की चूत में ऐसी हलचल मचाई की रीमा जोश में आ गयी | उसने एक लम्बा सा बर्गर उठाया उसे बीच से चीरा मारा और प्रियम के लंड को उसके अन्दर चारो ओर से लपेट लिया | प्रियम का लंड बर्गर में समां गया | रीमा ने प्रियम को उसके लंड के चारो तरफ लिपटे बर्गर को थामने को कहा ताकि वो उस पर क्रीम और सास लगा सके | जब प्रियम ने लंड के चारो तरफ लिपटे बर्गर को थामा तो रीमा ने मस्तियाते हुए बर्गर सहित प्रियम को अपने मुहँ में लेने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही | फिर रीमा सास और क्रीम लेने चली गयी |
प्रियम हैरान था की अब रीमा चाची क्या करने वाली है | वो बस साँस थामे आगे होने वाले रीमा के एडवेंचर का वेट कर रहा था और मन ही मन सोच रहा था, कहाँ से इतने आईडिया आते है इनके पास , क्या सोचा था मैंने रीमा चाची के बारे में और ये क्या निकली | ये तो सेक्स की जन्म जन्मान्तर की भूखी है और थकती भी नहीं | मेरी तो अभी से जान निकल गयी है | इसके बाद तो मुझसे अपने पैरो पर खड़ा भी नहीं हुआ जायेगा |

रीमा ने प्रियम के लंड और बर्गर के चीरे के बीच में ढेर सारा टोमेटो सास उड़ेल दिया और चाट चाट कर चखने लगी | प्रियम हैरान था की रीमा चाची के पास कितने तरीके है लंड से खेलने के, अपने जिस्म से खेलने के | कैसे उनकी चूत इतनी ठंडी बर्फ निगल गयी | एक ही दिन में उसने औरत किचन में कितनी तरह से सेक्स गेम खेल सकती है ये सब देख लिया था | जिस उम्र में वो था शायद ही उसे कुछ समझ आया हो, लेकिन जो भी रीमा बोलती गयी किया उसने सब कुछ, भले ही उसके डर से | जाहिर सी बार है इसमें उसके लिए मजे वाली कोई बात नहीं थी, लेकिन अब उसकी चेतना लौट चुकी थी दिमाग ने सोचना शुरू कर दिया था | उधर रीमा ने प्रियम के लंड को लाल चटनी के साथ चाटना शुरू कर दिया | प्रियम का लंड कई बार मसला जा चूका था और सास में मिर्च का प्रभाव था इसलिए वो प्रियम के लंड पर जाकर तेजी से लगा | प्रियम चीखने लगा तो रीमा ने डांट दिया |

रीमा के डांटने से प्रियम तो चुप हो गया लेकिन उसकी आंखे बह चली | रीमा ने तेजी से लाल चटनी उसके लंड पर से साफ़ करने शुरू कर दी ताकि उसके लंड में हो रही जलन कुछ कम हो सके | साथ में बर्गर को पकड़कर उसके लंड के ऊपर ऊपर नीचे करने लगी | रीमा अपने हाथ की मुट्ठी की बजाय बर्गर से प्रियम का लंड रगड़ कर मुठिया रही थी | प्रियम का खड़ा लंड जलन से बेहाल था लेकिन रीमा की चूमा चाटी और मुठीयाने से मुरझा भी नहीं रहा था | बड़ी विषम स्थिति थी प्रियम की, रीमा चाची के सामने ही चार बार झड चूका था लेकिन मजाल है जो एक बार भी उसे रीमा ने इसके सुख का अहसास करने दिया हो |
रीमा प्रियम की हालत देख कर बोली - बिलकुल ऐसी ही हालत होती है औरत और उसके चूत की, जब कोई बिना पूछे, बिना चूमे, बिना चाटे, बिना मर्जी के औरत को चोदना शुरू कर देता है | उसे भी चुदाई में दर्द या चूत में जलन महसूस होती है, ऐसे ही जैसे अभी तुम्हे हो रही है | धीरे धीरे ये जलन तुमारी मै चाट चाट कर ख़त्म कर दूँगी और फिर तुम अपने वासना के ज्वार में डूब जावोगे | वैसे ही जैसे कुछ देर तक चूत में लंड जाने से चूत अपने आप गीली हो जाती है और औरत का बदन गरम, फिर वो भी चुदाई में साथ देने लगाती है | इसलिए ध्यान रखो बिना औरत की मर्जी के कभी उसकी चूत मत मारना, उसे बिलकुल उसी अनुभव से गुजरना पड़ता है जैसे अभी तुम गुजर रहे हो | जिस दिन इस दर्द के अहसास को अपना बना लोगे, और औरत को चोदते समय उसका ख्याल रखोगे, उसके बाद हर औरत खुसी खुसी तुमसे चुदेगी |

रीमा बर्गर को मुहँ में लेने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसका साइज़ बहुत बड़ा था., फिर रीमा ने प्रियम के सुपाडे को चुसना शुरू कर दिया | प्रियम के लंड की जलन कम हो गयी थी और वो अपने लंड को काफी देर से हिला भी रहा था | बाकि कसर रीमा के चूसने ने पूरी कर दी | प्रियम की गोलियां फिर से फूल गयी और उसकी गोलियों में बचा हुआ सफ़ेद गरम रस उसके लंड के मुहाने की तरफ बह चला | प्रियम के हाथ पांव ढीले पड़ गए | प्रियम झड़ने लगा | अब उसके शरीर में जान नहीं बची थी, बस एक गरम रस का आवेग था जिसे बहकर निकल जाना था और प्रियम चाहता था ये जल्दी से जल्दी निकले | उसकी जान को सुकून मिले | इससे पहले कभी भी वो लगातार दो बार के बाद नहीं झड़ा था | आज तो उसकी सारी लिमिट टूट गयी | रीमा ने उसे जड़ सहित निचोड़ लिया | पिचकारी छुटते समय प्रियम की टांगे काँप गयी और उसका रस रीमा के सुडौल छातियों से जाकर चिपक गया | बस दो छोटी पिचकारी में ही उसका काम तमाम हो गया |

उसकी गोलियों में अब और रस नहीं बचा था | रीमा ने सब निचोड़ लिया था, एक एक बूँद निचोड़ लिया था | प्रियम पस्त हो चूका था | उसके हाथ पांव सब ढीले पड़ चुके थे | वो वही धम्म से बैठ गया | रीमा ने उसकी तरफ बर्गर बढ़ा दिया, बिना इनकार के प्रियम ने बर्गर ले लिया और खाने लगा | रीमा ने अपने उभरी छाती की पहाड़ी पर गिरे सफ़ेद रस को उंगलियों से पोछा और चाटने लगी | रीमा ने आज अपनी फंतासी जी भर के जी, प्रियम न आया होता तो शायद रूटीन की तरह नंगे होकर खाना बनाती, थोडा बहुत अपने जिस्म से खेलती और सो जाती | लेकिन प्रियम ने तो उसका दिन बना दिया | रोहित के चुदाई के बाद जो आत्मविश्वास उसे मिला था उसमे आज चार चाँद लग गए | पूरा सेक्स सेशन उसने लीड किया और प्रियम को अपने स्लेव की तरह बनाकर जो मर्जी हुई वो करवाया | उसे एक पल को प्रियम के लिए दुःख होता लेकिन अगलने पल ही वो गुस्से से भर जाती और खुद के फैसले और हरकतों को खुद के अन्दर ही जस्टिफाई करने लगती |
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09-01-2021, 05:19 PM,
#89
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
प्रियम तो बर्गर खाने के बाद जैसे फर्श पर ही पसर गया | रीमा समझ गयी उसे एनर्जी की जरुरत है, वो जल्दी से एग का फ्रूट शेक बनाकर ले आई |
उसने गिलास प्रियम की तरफ बढ़ा दिया - लो पियो |
प्रियम - आपने मेरे साथ ऐसा क्यों किया, क्या मैंने इतनी बड़ी गलती कर दी थी की आप मेरी जान ही निकाल दो | आपने मेरो गोलियों की आखिरी बूँद तक निचोड़ ली है | मेरे लंड और सुपाडे में दर्द हो रहा है और गोलियों में भी | प्रियम दुखी होता हुआ बोला |
रीमा - लंड और गोलियों का दर्द तो ठीक हो जायेगा, कल सुबह तक गोलियां फिर से भरने लगेगी और २ दिन के अन्दर ही उनमे फिर से उतना माल जमा हो जायेगा जितने की अभी पिचकारी मारी है | तुमारी गलती इतनी बड़ी है की मै तुम पर अब जिंदगी भर भरोसा नहीं करूंगी | तुमने मेरा भरोसा तोडा है | ये जो सजा मिली है वो इस बात की है, औरत के कपडे उतारने से पहले उसकी इज्जत करना सीखो, चूत को चोदने से पहले उसकी कीमत जानो और उसको क़द्र करो | औरत का शरीर सिर्फ हांड मांस का जिस्म नहीं है, उसके साथ उसकी भावनाओं के अथाह सागर जुड़े है | उन भावनाओं की क़द्र नहीं करोगे तो तुममे और जानवर में अन्तर क्या है | औरत उन्ही भावनाओं में डूब कर ही तो दिलो जान से किसी को प्यार करती है और चुदती भी है | जब उन भावनाओं की क़द्र नहीं करोगे तो उसके जिस्म, उसकी चूत की क़द्र कैसे करोगे | औरत चुदते समय जिस दर्द के साथ लंड अपनी चूत में लेती, जिस दर्द से गुजरती है उसे महसूस तो करो, उसका अहसास तो करो कम से कम | जावो किसी औरत का दिल जीतो पहले, फिर जमकर चोदो उसे, जमकर मतलब जमकर, वो हर दर्द बर्दास्त करेगी, क्योंकि उसे पता है जिस लंड के लिए वो इतना कुछ बर्दास्त कर रही है उसे उसकी कीमत पता है, उसकी वो हमेशा क़द्र करेगा | अपनी गुलाबी मखमली चिकनी चूत को अच्छे से फैलाते हुए - देख लो इसे, ध्यान से देख लो, ये तुमारी रीमा चाची की चूत नहीं है बल्कि वो चूत है जो तुम्हे चाहिए, देखो इस छेद को ध्यान से, इसी में अपना लंड घुसेड कर अन्दर बाहर तो करना चाहते थे | ये मेरी चूत नहीं है ये वो चूत है जो तुम्हे चाहिए, सब औरतो की चूत एक ही जैसी होती है, रंग रूप की बात अलग है लेकिन जिस चूत को भी देखोगे ऐसी ही मिलेगी | जावो बाहर निकालो, अपने लायक, अपने लिए अपनी चूत ढूंढो, उसे अपना बनावो और खूब चोदो | यहाँ तुम्हें बस इतना ही मिल सकता है जितना तुमारे सामने है | इससे आगे बढ़ने की न तो मै तुम्हे इजाजत दूँगी और न ही तुम्हे इसका हक़ है |

रीमा ने जांघे समेत ली - जब तक तुम्हे चोदने के लिए तुमारी चूत नहीं मिलती, तुमारे लंड की स्टैमिना ट्रेनिंग जारी रह सकती है बशर्ते ये मै तय करूंगी की कब और कैसे ट्रेनिंग देनी है |
प्रियम - आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, ऊपर से आप नंगी होकर तो कहर ही ढाती हो, भला मुझे कोई और कैसे पसंद आएगी |
रीमा - इस उम्र में होता है ये सब, धीरे धीरे सब ठीक हो जायेगा |
प्रियम - कैसे होगा, आपके जिस्म का इक एक हिस्सा, एक एक कसाव, एक एक कटाव, एक एक उभार सब देखा है मैंने | और कौन लड़की मुझे इस तरह से नंगा होकर ये सब दिखाएगी |
रीमा हल्का सा मुस्कुरा दी - पुरे के पुरे गधे हो क्या | क्या चाहते हो की पहले लड़की नंगा होकर तुम्हे अपना जिस्म दिखाए, अपनी चूत, छाती, चुतड के दर्शन कराये तब उससे दोस्ती करोगे | पहले दोस्ती होती है, खाना पीना साथ खाते है, कई महीनो तक अच्छे से एक दुसरे को जानने के बाद कही लड़की चुदने को तैयार होती है |
प्रियम - इतनी मेहनत करू भी और न पसन् आई उसकी चूत तो |
रीमा हंस पड़ी - चूत में क्या पसंद नापसंद, चूत तो सबकी एक जैसी ही होती है गधे कही के | रही बात मेहनत की तो देखो तो कितनी मेहनत लगती है चूत की एक झलक पाने में, चोदना तो बहुत दूर की बात है | यहाँ फ़ोकट में सब मिल गया] तो उल्टा मुझे ही ब्लैकमेल करने चले आये |
प्रियम - फिर भी न पसंद तो |
रीमा - पहले एक किसी को चोद तो सही, फिर बताना पसंद आई की नहीं | कम से कम तेरा खाता तो खुलेगा, फिर न पसन् आये तो लड़की को बोलकर अगल हो जाना, किसी और को ट्राई करना | लडकिय भी तो यही करती है | मेरी चूत के बारे में भूल जावो, ये तुम्हे मरते दम तक नहीं मिलने वाली | इसे चूम चाट लिया , इसे अपना सौभाग्य समझो | अब तो अन्दर तक छेद भी खोलकर दिखा दिया | इससे ज्यादा और क्या चाहिए | अब निकलो और सीधे अपने फ्रेंड के यहाँ जाना, जैसा तुमने रोहित को बोला था |

प्रियम ने झट से अपने कपडे पहने और अपने घर की तरफ निकल गया | जाने से पहले रीमा ने उसे कुछ गोलिया दी, जो इस तरह से निचोड़े जाने के बाद होने वाले उसके सर दर्द और बदन दर्द में काम आने वाली थी | रीमा ने उसे ये भी बता दिया की कब कौन सी गोली खानी खानी है | प्रियम राजू का मोबाइल लिए बिना ही वापस चला गया, उसे पता था की राजू को क्या बोलना है, रीमा नंगे ही खाना बनाने में लग गयी |

उस दिन के बाद से एक हफ्ते तक प्रियम को ये ही नहीं समझ आया कि उसके साथ हुआ क्या ? वो ईमानदारी से आकलन करने की मनोस्थिति में ही नहीं था, उसकी रीमा चाची उसकी ऐसी गांड फाड़ेगी, ये उसने सपने में भी नहीं सोचा था | उसे इस बात का भी अफ़सोस था कि गलती भी उसकी ही थी, लेकिन इससे ज्यादा सोच पाने में वो असमर्थ था | अपने दोस्तों को भी इस बारे में कुछ भी बता पाने में असमर्थ था, क्योंकि सच बोलता तो उसकी खिल्ली उड़ाई जाती और झूठ बोलता तो पकड़ा जाता | ऊपर से राजू पहले दिन से ही प्रियम से अपने फ़ोन के बारे में पूछ रहा था | प्रियम का हर बार एक ही जवाब होता कि कही खो गया है या गिर गया है वो उसे एक नया स्मार्ट फ़ोन लेकर दे देगा | अब सात दिन बीत चुके थे अब राजू का धैर्य जवाब दे रहा था | प्रियम ने हालाँकि खुद को सामन्य दिखाने की भरपूर कोशिश की लेकिन उसकी सुस्ती और कमजोर आत्मविश्वास ने राजू के अन्दर शक पैदा कर दिया | उसने अपने मोबाइल पर कई बार फ़ोन लगाया लेकिन मोबाईल स्विच ऑफ़ ही आ रहा था | प्रियम ने भी उसे सिर्फ इतना कहा की वो उसको नया मोबाइल लाकर दे देगा इससे ज्यादा कुछ नहीं बोला | राजू समझ गया कुछ गड़बड़ है लेकिन प्रियम के मन की बात पता कैसे चले | एक दो बार उसने के साथ रीमा को लेकर अश्लील गप्पे मारने की कोशिश की लेकिन प्रियम ने अनमने भाव से मना कर दिया | प्रियम के खास दोस्तों में बस दो ही लोग थे एक जग्गू और दूसरा राजू | जग्गू से उसकी दोस्ती मतलब की थी चूँकि वो एक स्लम एरिया के मामूली से गुंडे का लड़का था, जो स्लम से निकालकर एक ठीक ठाक जगह रहने आ गया था | उसका बाप उसे अपने से अलग एक पढ़ा लिखा इंसान बनाना चाहता था इसीलिए उसको महंगे अंग्रेजी स्कूल भेजा, लेकिन जग्गू एक नंबर का आवारा और बदमाश लड़का था | स्कूल में आये दिन मारपीट करना धौंस दिखाना, कॉलेज के लड़के लडकियों को ड्रग्स बेचना (जो वो अपने बाप के पास से चुराता था ) और कभी कभार लडकियों को छेड़ना उसके लिए आम बात थी | पैसे और रसूखदार बाप की वजह से कॉलेज उसे फ़ैल नहीं करता था लेकिन बोर्ड में उसकी असलियत सामने आ ही जानी थी | इसके उलट राजू न केवल पढने में तेज था, बल्कि उसका दिमाग भी शार्प था | प्रियम अपनी बाते सिर्फ राजू से शेयर करता था लेकिन जग्गू को वो पता ही चल जाती थी | अभी तक जग्गू के मन में प्रियम की इमेज सिर्फ एक अमीर बाप की एकलौती औलाद की थी लेकिन जब से उसने रीमा चाची के लंड चूसने का किस्सा सुनाया तब से जग्गू की नजर में प्रियम की इज्जत और रुतबा दोनो बढ़ गया था | प्रियम और राजू दोनों कुंवारे थे, मतलब अभी तक दोनों के लंडो को चूत के अन्दर जाने का मौका नहीं मिला था जबकि जग्गू कई बार अपने रहने की पुराणी जगह जाकर झुग्गी की लड़कियों को चोद कर अपना कुंवारापन कब का गँवा चूका था | फिर भी प्रियम ने जिस विस्तार से रीमा चाची द्वारा अपने लंड चूसने, मुट्ठ मारने और उनकी चूत चूसने की कहानी बताई थी, उसके बाद जग्गू को लगा एक बार प्रियम की रीमा को नंगा करके चोदना बनता है, हो सकता है उसे चुदाई का कुछ नया एक्सपीरियंस मिले | अब तक उसे कम उम्र लौडिया ही मिली थी जिनके हजारो नखरे थे, उन नखरो को झेलने में खड़े लंड को पसीने आ जाते थे, चुदाई का मजा लेना तो दूर बस किसी तरह से सारे जतन करके अपनी पिचकारी छोड़ने तक उन्हें रोकना मुश्किल हो जाता था | कई बार बीचो बीच चुदाई में उठकर भाग गयी और जग्गू को हाथो से हिलाकर लंड की प्यास बुझानी पड़ी | जवान होती जवानी में किसकी चाहत नहीं होती औरत के बदन की मादक खुसबू को अपने में उतारने की लेकिन राजू जग्गू की तरह मुखर नहीं था | उसकी भी चाहत थी कि वो किसी लड़की को चोद कर कुंवारापन मिटा सके लेकिन वो फट्टू बहुत था इसलिए लडकियों के मामले में हमेशा पीछे की तरफ भागता था | प्रियम के किस्से सुनने के बाद से दोनों की जवान होती लालसाए और ज्यादा तेजी से जवान होने लगी थी, क्योंकि उनके किशोर मन में पता नहीं क्यों ये बात घर कर गयी थी कि अब वो दिन दूर नहीं जब वो रीमा को चोदकर जवानी के आंगन में पहला कदम रख सकते है | एक सपना था जो उन्हें पूरा होता हुआ नजर आ रहा था | इस सपने की उम्मीद जगाने वाला और कोई नहीं बल्कि प्रियम था |
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09-01-2021, 05:19 PM,
#90
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
अब प्रियम को जल्दी ही जिस रीमा चाची के दर्शन हुई थे उसके बाद तो प्रियम की हिम्मत रीमा से नजर मिलाने तक कि भी नहीं थी | वो अन्दर ही अन्दर से बहुत पछता रहा था, उसे लग रहा था की अपना मामला उसे पाने और रीमा चाची के बीच ही रखना चाहिए था उसने राजू और जग्गू को बताकर शायद गलती कर दी | आये दिन जग्गू और राजू उसे रीमा को लेकर छेड़ते रहते और प्रियम बस चुपचाप उनके मजाक को सह लेता क्योंकि रीमा का नाम लेटे ही उसके सामने किचन का वो मंजर किसी फिल्म की तरह सामने चलने लगता | रीमा ने उसका आत्मविश्वास हिलाकर रख दिया था | वो रीमा पर बात करने से साफ़ मना भी नहीं पा रहा था जबकि उसके दोनों दोस्त खासकर जग्गू उसके मुहँ पर रीमा को चोदने की बात करने लगता | प्रियम बस टालमटोल करके जैसे तैसे उससे पीछा छुड़ाता |

इधर रीमा के आत्मविश्वास के क्या कहने थे, उसे लग रहा था की उसे आदमियों को कण्ट्रोल करना आ गया | उसने प्रियम से छीना मोबाईल, स्विच ऑफ़ करके अपने एडल्ट टॉयज वाले सीक्रेट ड्रोर में रखकर ताला लगा दिया | उसे उस मोबाईल से ज्यादा कोई मतलब था भी नहीं, बस अगर कभी प्रियम ने लाइन क्रॉस करी तो उसे धमकाने के लिए वो इस्तेमाल कर पायेगी | उस दिन के बाद रीमा अपने रूटीन काम में बिजी रही, उसका खुद के जिस्म के साथ खेलना भी जारी रहा | रीमा रोहित की बात होती, रीमा चाहती थी रोहित आये लेकिन अपनी तरफ से खुला आमंत्रण उसे देना अपने स्त्रीत्व स्वाभिमान के खिलाफ लगता था | उसको लगता था किसी न किसी दिन रोहित उसके जिस्म को भोगने की लालसा लिए हुए, उसकी चूत को चोदने की हवस से बेबस होकर किसी मल्लिका के गुलाम की तरह खुद ही आएगा | रोहित भी रीमा के पास आने की बहुत कोशिश करता, उसने प्रियम का अजीबो गरीब व्यवहार भी नोटिस किया, उसने प्रियम से इस बारे में पुछा, रीमा से भी जानने की कोशिश की लेकिन दोनों ने इस मामले को लेकर ओंठ सिल लिए थे | रोहित भी बेहद सतर्क था कि कही गलती से भी प्रियम को उसके और रीमा के बारे में नहीं पता चलना चाहिये, क्योंकि प्रियम अब बड़ा हो गया था और औरत मर्द के बीच की दुनिअदारी समझने लगा था | जाहिर सी बात है रोहित और रीमा दोनों ही अपनी अपनी जगह तड़प रहे थे लेकिन परिस्थितयो के हाथो मजबूर थे | रोहित चाहता तो रीमा से कही बाहर भी मिल सकता था लेकिन शहर के लोग उसे अच्छी तरह से जानते थे इसलिए कोई भी उसे कही भी पहचान सकता था | रंगीन मिजाज होना एक अलग बात है लेकिन अपने ही मारे हुए भाई की बीबी के साथ सेक्स करना!!!!!!!!!!!!!!! समाज में हजार तरह की बाते होने लगेगी | वो तो एक बार को सुन भी लेगा लेकिन रीमा का क्या होगा? अभी वो जहाँ भी जाती है उसे उसके पति की जगह का सम्मान मिलता है | एक झटके में सब ख़त्म हो जायेगा, उसे संयम रखन चाहिए | यही सब सोचकर कर खुद को समझा लेता था | फ़ोन पर बात करते समय एक एक दुसरे की भवनाओं का अंदाजा हो ही जाता था लेकिन क्या करे रोहित को इतना काम था कि एक दिन की भी छुट्टी नहीं थी ऊपर से उसे शायद अगले हफ्ते कम्पनी के नए प्रोजेक्ट की वजह से बाहर भी जाना पड़े | जाहिर सी बात है रोहित की धमक सिर्फ समाज में ही नहीं बल्कि उसके काम में भी वैसी ही थी | एक दिन रोहित ने बॉस से जल्दी जाने की छुट्टी मांगी, असल में राजू का बर्थडे था | राजू का बाप और रोहित दोनों जिगरी यार थे और सोशल स्टेटस भी बराबर होने के कारन उनमे खूब छनती थी | जाहिर सी बात है प्रियम और रोहित को जाना था | प्रियम सुबह से ही राजू के बर्थडे में जाने की तयारी कर रहा था | रोहित ने प्रियम को बोला था कि पांच बजे तक हर हाल में वो घर आ जायेगा | लेकिन जब वो बॉस के पास पंहुचा तो बॉस के केबिन में कुछ अलग ही रायता फैला हुआ था | कंपनी के ही क्वालिटी कण्ट्रोल डिपार्टमेंट की ऑडिट रिपोर्ट नेगेटिव आई थी और उसी डिपार्टमेंट की पॉजिटिव ऑडिट रेटिंग पर नए प्रोजेक्ट की डील फाइनल होनी थी | रोहित का काम डिजाईन और आर्किटेक्ट का था लेकिन अब ऑडिटर से रेटिंग पॉजिटिव करवाना बहुत जरुरी था वरना प्रोजेक्ट कंपनी के हाथ से निकल सकता था | बॉस रोहित की तरफ बहुत उम्मीदों से देख रहा था और रोहित भी मना कर सकने की स्थिति में नहीं था, क्योंकि अगर क्लाइंट प्रोजेक्ट रिजेक्ट कर देता तो रोहित का भी तो नुकसान था | रोहित ने ऑडिटर की बजट सीधे क्लाइंट से बात करने की सलाह बॉस को दी और तब तक एक जरुरी फ़ोन कॉल करके की बार कहकर बाहर आ गया | रोहित की बात सुनकर बॉस एकदम चौक गया | कुछ देर तो बाहर जा रहे रोहित को देखता रहा | फिर किसी को फ़ोन मिलाने लगा |
इधर रोहित ने घर पर फ़ोन मिलाया - हेल्लो प्रियम कैसे हो बेटा ??
प्रियम - डैड कहाँ तक पंहुचे, मै ready हूँ ?
रोहित - तुम अभी से ready हो गए |
प्रियम - यस डैड |
रोहित - हुन्हुन्हुन्हून | कुछ देर चुप्पी के बाद ......................
प्रियम - हेल्लो डैड डैड .,..........हेल्लो |
रोहित - बेटा एक प्रॉब्लम है, मुझे ऑफिस में बहुत ही अर्जेंट एक मीटिंग करनी है और इसमें रात के बारह बज सकते है, तो मै पांच बजे तक घर नहीं आ पाउगां |
प्रियम - नोनोनोन्नोनोनोनोनो दैदैदैद्द्द्दद्द्द , नो डैड डोंट से इट |
रोहित - प्रियम लिसेन तो मी केयरफुल्ली, इट्स अर्जेंट, वैरी अर्जेंट |
प्रियम मायूस होता हुआ - आप हमेशा यही करते हो, लास्ट वन इयर में मैंने एक भी बर्थडे पार्टी अटेंड नहीं है सिर्फ आपकी वजह से | राजू मेरा सबसे बेस्ट फ्रेंड है मुझे ये पार्टी अटेंड करनी है |
रोहित - यू डोंट अंडरस्टैंड, थिस इस वैरी टफ फॉर मी, लेकिन मेरा ऑफिस में रहन बहुत इम्पोर्टेन्ट है |
दोनों कुछ देर छुप रहे ......................... समस्या ये थी पार्टी शहर से दूर बने एक गेस्ट हाउस में थी, वहां तक कोई भी पब्लिक व्हीकल नहीं जाता था और बाकि सारे लोग अपनी अपनी प्लानिंग के हिसाब से निकल गए थे | प्रियम को अकेला इस तरह जाने की परमिशन रोहित दे नहीं सकता था | उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे | तभी केबिन से बॉस की आवाज आई |
रोहित ने फ़ोन काटते हुए प्रियम से कहा - बॉस इस कालिंग मी, मै बस तुम्हे अभी फ़ोन करता हूँ | डोंट बी सैड, मै कुछ करता हूँ |
रोहित केबिन में घुस गया और बॉस के साथ क्लाइंट के साथ प्रॉब्लम को दुसरे तरीके से डिस्कस करने लगा | असल में रोहित को कुछ टाइम चाहिए था क्लाइंट से, कम से कम 6 महीने , तब तक एक और साइकिल ऑडिट हो जायेगा | वो क्लाइंट को ये समझाने में लगा था चूँकि ये एक बड़ा प्रोजेक्ट है, भले ही उनकी कंपनी को ऐसे प्रोजेक्ट का एक लम्बा एक्सपीरियंस है फिर भी क्यों न एक पायलेट प्रोजेक्ट पहले बनाकर स्टडी कर ली जाये ताकि फाइनल प्रोजेक्ट के फील्ड चैलेंज कम हो जायेगे | इसके पीछे रोहित का मकसद प्रोजेक्ट को 6-9 महीने डिले करने का था | क्लाइंट इस बात पर राजी तो हो गया लेकिन उसे पूरा प्लान अभी के अभी स्टेप by स्टेप समझना था | रोहित माथा पकड़कर बैठ गया | बॉस ने रोहित को उलझन में देख फ़ोन का स्पीकर म्यूट किया - रोहित एनी प्रॉब्लम, हमने कुछ ज्यादा तो नहीं प्रोमिस कर दिया |
रोहित - नहीं सर, आई कैन हैंडल इट |
बॉस - कुछ परेशान लग रहे हो |
रोहित - अब आपसे क्या छुपाना, मेरे बेटे के बेस्ट फ्रेंड का बर्थडे है और मैंने उसे प्रॉमिस किया था, मै उसे अपने साथ पार्टी में ले जाऊंगा |
बॉस - तुम नहीं जा रहे हो तो वो अकेला चला जाये, अब इतना भी छोटा नहीं है तुमारा बेटा |
रोहित - बॉस प्रॉब्लम ये है पार्टी, रिवर लाउन्ज में है |
बॉस - वो तो ये प्रॉब्लम है, और कोइ नहीं जो उसके साथ जा सके |
रोहित - राजू के साथ ही जा सकता था लेकिन वो लोग तो सुबह से ही बाहर है फैमिली सहित, है तो एक दो लोग, लेकिन सर ईमानदारी से कंहू, मुझे किसी पर भरोसा नहीं |
बॉस - मै समझ सकता हूँ | तुमारी सिस्टर आने वाली थी, कब आ रही है वो |
रोहित - सर वो जीजा जी के प्लान बदलते रहते है, जब उन्हें छुट्टी होगी तभी आयेगें |
बॉस - इट मीन्स कोई क्लोज रिलेटिव नहीं है जो प्रियम को रिवर लाउन्ज ले जा सके | यू नो रोहित हाउ इम्पोर्टेन्ट थिस इस |
रोहित - आई अंडरस्टैंड सर |
बॉस थोड़ा सोचकर - रोहित करेक्ट मी अगर मै गलत हूँ, याद है तुमने एक बार एक गॉर्जियस ब्यूटीफुल वैरी सिंपल लेडी से मिलवाया था, सीमा नाम था शायद उनका |
रोहित - सर रीमा |
बॉस - वो ब्यूटीफुल लेडी भी तो तुमारी शायद रिलेटिव है !!!!!!!!!!!!!!!!!!! इफ आई ऍम नॉट रांग |
रोहित मन ही मन बॉस को गलिय देता हुआ - साले ठरकी बुड्ढ़े, इस उम्र में तो तेरा वियाग्रा खाकर भी नहीं खड़ा होगा, रीमा के बारे में सोचना छोड़ दे हरामखोर साले | मुझे भी पता है वो ब्यूटीफुल है |

रोहित - यस बॉस, वो मेरे बड़े भाई की विडो है | कुछ सोचकर .........................
रोहित - बॉस आप क्लाइंट से कुछ देर गप्पे मारो, मै बस दो मिनट में आया |
बॉस - गुड लक, ब्यूटीफुल लेडी को हेल्लो बोलना |
रोहित मन ही मन में - ठरकी बुड्ढ़े काम पर ध्यान दे ----- ओके सर बोल दूगां |
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