02-05-2021, 02:44 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
सभी उसे समझाते हैं सोढी भाई शांत हो जा..हम सब भिड़े से बात करेंगे..लेकिन भिड़े है कहाँ.....
उधर माधवी को होश आ जाता है...और वो अपने बिस्तर से उठती है और बोलती है..
माधवी :- ये क्या में यहाँ सो रही थी...पर मेरा बदन इतना दर्द क्यूँ कर रहा था.....
उधर भिड़े हाथ में कुछ लेके मुस्कुराता हुआ..सोसयटी के गेट से अंदर आ रहा था...
अब जब ये तीनो एक साथ मिलेंगे तो क्या हंगामा होगा.....देखेंगे...आगे..
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02-05-2021, 02:45 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
जेठालाल :- टप्पू ये तेरा प्लान जो है...कुछ गड़बड़ तो नही हो गी ना...क्यूँ कि थोड़ा रिक्सी लगता है ये...
टप्पू :- पापा आप चिंता मत करो...सब अच्छी तरीके से हो जाएगा...
तारक :- अरी जेठालाल तुम चिंता मत करो....टप्पू का आइडिया है...कभी फैल नही होगा....
फिर टप्पू बोलता है...
टप्पू :- अब डरने की बारी तो उस आदमी की है.......और अपने बाल अपनी फूँक से उड़ा देता है................!!!!!!!
जैसे ही टप्पू सोढी के घर से बाहर जाने लगता है...तभी पीछे सी फिर से अईयर उंगली करता है...
अईयर :- लेकिन टप्पू बेटा तुम्हारे इस प्लान से तो सभी सोसाइटी वालों को तो पता चल ही जाएगा....
सोढी :- कोई बात नही अईयर अगर सोसाइटी में पता चलता है तो चलने दो ...ये सोसाइटी भी तो हमारे परिवार की तरह ही है...
जेठालाल :- सोढी सही बोल रहा है....ये अईयर भाई भी ना...हमेशा बीच में उछल पड़ते हैं....अईयर भाई आपके पास और कोई प्लान है...
अईयर :- अजीब सा मुँह बनाते हुए..नही...
जेठालाल :- तो बस चुप रहिए फिर....
तारक :- अरे तुम दोनो फिर से झगड़ा करने लग गये चुप रहो...
और फिर टप्पू से पूछता है...
टप्पू बेटा प्लान की शुरुआत कब करनी है...
टप्पू :- मेहता अंकल आज रात को करेंगे...और मुझे पूरा विश्वास है कि इस प्लान से वो आदमी जल्दी पकड़ा जाएगा...
फिर सभी अपने अपने घर की तरफ चल देते हैं...
जेठालाल घर पहुच के...
जेठालाल :- बाबूजी मुझे तो अभी तक विश्वास नही हो रहा है कि ऐसा हमरी सोसाइटी में कैसे हो सकता है...
बापूजी :- हाँ जेठिय बात तो सही कह रहा है...... लेकिन अब जो हो गया हो वो गया ...अब तो उसे सुधारने की बारी है...
दया :- हाँ बापूजी... बेचारी रोशन भाभी पे क्या बीती होगी...जल्द से जल्द वो आदमी पकड़ा जाए... में उसे श्राप देती हूँ....अगली बार वो मास्क पहने और उसका आगे का हिस्सा फट जाए.....
बस इतना ही बोल पाती है और जेठालाल बीच में रोक देता है...
जेठालाल :- बॅस दया...तू अपना ये श्राप पुराण शुरू मत कर....अब तो बस रात को क्लब हाउस में देखते हैं क्या होगा...
उधर तारक और अंजलि अपने घर पे पहुचते हैं...
अंजलि :- तारक मुझे तो बहुत दुख हो रहा है...रोशन भाभी के साथ इतनी बड़ी घटना हो गई...
तारक :- देखो अंजलि..अब होनी को तो कोई नही टाल सकता...लेकिन में ये सोच रहा हूँ कि उस आदमी ने रोशन भाभी को ही क्यूँ चुना.... कोई पुरानी दुश्मनी तो नही है...
अंजलि :- हमम्म...तारक आप सही कह रहे हैं...क्या पता ऐसा हो...
तारक :- अब तो सिर्फ़ टप्पू के प्लान का वेट करना है..वैसे मुझे लगता है कि उसका प्लान सफल हो जाएगा...अब रात को क्लब हाउस में ही पता चलेगा...
उधर अईयर बबीता से....
अईयर :- बबीता डियर...ये क्या हो गया हमरी सोसाइटी में....ऐसा नही होना चाहिए था..अगर किसी बाहर वालों को पता चल गया तो हमारी सोसाइटी की कितनी बदनामी होगी...
बबीता :- अईयर तुम सच में पागल हो..जेठा जी सही बोल रहे थे....तुम्हे सोसाइटी की पड़ी है...उधर रोशन भाभी के साथ इतना बुरा हो गया ...उनकी कोई परवाह नही है तुम्हे...
जेठालाल का नाम सुन के थोड़ा चिड जाता है लेकिन कुछ बोलता नही है...
अईयर :- देखो बबीता मेरे कहने का मतलब वो नही था...मुझे भी रोशन भाभी के लिए दुख है...
बबीता :- हुह...बसस्स टप्पू का प्लान सक्सेस हो जाए...में तो बस यही चाहती हूँ...
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02-05-2021, 02:45 PM,
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RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
उधर भिड़े अपने सोफे पे बैठे सोच रहा था...और फिर माधवी आती है..
माधवी :- क्या सोच रहे हैं आप??
भिड़े :- माधवी में ये सोच के परेशान हूँ कि इतनी घटिया हरकत का कम करने के बाद उस आदमी ने मुझे फसा दिया..छी...और ये सब लोग भी मुझे ग़लत समझने लगे..
माधवी :- ओहू अब छोड़िए ना उस बात को....और वैसे भी रोशन भाभी के साथ जो हुआ वो बहुत ही ज़्यादा ग़लत हुआ...
भिड़े:- हाँ वो तो है....
और मन में सोचता है...बेकार में उस आदमी ने मेरे प्लान पे सारा पानी फेर दिया...
माधवी भिड़े को ऐसा सोचते देख पूछती है...
माधवी :- क्या सोच रहे हो??
भिड़े :- घबराता हुआ .... कुछ नही बस यी सोच रहा था...कि बस अब वो आदमी पकड़ा जाए...
माधवी ह्म्म्म कर देती है......
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इधर अब रात हो चुकी थी...
सब क्लब हाउस में पहुच जाते हैं...
आगे देखते हैं कि इस क्लब हाउस में अब क्या टप्पू को सफलता मिलेगी कि नही........!!
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मित्रो गोकुलधाम सोसायटी की चटपटी खबरें जानने के लिए पढ़ते रहें तारकमेहता का नंगा चश्मा
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02-05-2021, 02:46 PM,
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RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
अब इस वक़्त रात के 12 बज रहे होते हैं...घड़ी में टिक टोक ...टिक टिक...और बाहर सिर्फ़ तेज़ हवाओं की चलने की आवाज़ आ रही होती है...
पूरी जगह सुनसान होती है.....तभी...
गार्डन में किसी का साया होता है....
वो जो कोई भी होता है...बार बार इधर उधर चक्कर लगा रहा होता है...उसके हाथ में छोटी सी टॉर्च होती है ...जिसे वो जला के गार्डन की घास पे डाल रहा होता है....
इसका मतलब तो यही होता है कि वो कुछ ढूँढ रहा होता है.....
वो बार बार इधर से उधर...कभी उस कोने में...कभी इस कोने....चक्कर पे चक्कर लगा रहा होता है...लेकिन उसके हाथ वो चीज़ नही लगती जिसे वो ढूँढ रहा होता है.....वो थक कर एक जगह खड़ा हो जाता है....और सोचने लगता है....तभी....
तभी पीछे से उसके कंधे पर कोई हाथ रख देता है....वो घबरा जाता है.....वो पीछे पलटता है...लेकिन अंधेरे की वजह से उसका चेहरा ढंग से दिखाई नही देता....
तभी उसके मुँह पर रोशनी मारी जाती है.....और उसका चेहरा देख कर सब चौंक जाते हैं....
सब का मतलब....जेठालाल , भिड़े , अईयर , तारक , चंपकलाल , सोढी , टप्पू सेना...
क्यूँ कि जो चेहरा वो देखते हैं...वो बाघा का होता है....
जेठालाल चंपकलाल और सभी चीखते हैं....बाघाअ तुउुुुउउ......!!!
सभी बाघा को वहाँ गार्डन में देख कर सन्न रह जाते हैं....किसी को यकीन नही हो रहा था कि बाघा ऐसा कर सकता है....
जेठालाल :- बगहा तू....मुझे तो यकीन हे नही हो रहा है कि तू ये कर सकता है...
बाघा :- सेठजी जो आप सोच रहे हैं..वैसा कुछ नही है...
जेठालाल :- मुझे सेठ जी मत बोल ...
सोढी :- इससे पहले मेरा हाथ इस्पे उठ जाए ...इसको पोलीस के पास ले चलो..
बाघा :- मेरी बात तो सुनिए...बापूजी आप तो सुनिए ... मेने ऐसा कुछ नही किया है..
बापूजी :- अरे शांति रखो एक मिनट...उसे तो बोलने दो कि वो क्या कहना चाहता है...
तारक :- हाँ भाई एक बार उसे तो मौका दो कि वो क्या कहना चाहता है...
जेठालाल :- ठीक है जब बापूजी और मेहता साहब बोल रहे हैं तो चल बता भाई क्या बोलना है तुझे..
बाघा :- देखिए आप सब...में यहाँ सिर्फ़ इसलिए हूँ...कि जब टप्पू सेठ ने बोला कि वो चीज़ खो गई है तो में उसे यहाँ ढूँढने आ गया..मेने सोचा कि आज ही ढूँढ लूँ...कहीं कल सुबह तक किसी और ने ढूँढ लिया तो गड़बड़ हो जाएगी...
सब उसकी बात सुन के राहत की सांस लेते हैं ..ख़ासकर जेठालाल..
जेठालाल :- तो भाई पहले बोलना था ना...खाम खा हमने क्या सोच लिया तेरे बारे में...
बाघा :- लेकिन आपने मुझे कुछ बोलने का मौका ही नही दिया...
जेठालाल :- अच्छा वो छोड़...तुझे वो चीज़ मिली कि नही....
बाघा :- नही सेठ जी...बहुत कॉसिश करी लेकिन मुझे वो चीज़ मिली ही नही...
जेठालाल :- ओफूऊ...पता नही कहाँ होगी...
और बोलते बोलते वो पीछे की तरफ मुड़ता है....और उसको एक साया नज़र आता है....वो चिल्लाता है..कौन कौन है वहाँ....
वो साया इधर उधर घूमने लगता है...
जेठालाल की आवाज़ सुन के सब मुड़ते हैं और उस साए को देखते हैं....वो सब चिल्लाते हैं...और उसे आने को बोलते हैं..
तभी वो साया बाहर आता है....उसको देख के फिर से एक बार सबको झटका लगता है....क्यूँ कि वहाँ उन्ही की सोसाइटी का एक सदस्य खड़ा होता है...और सब उससे पूछते हैं तू वहाँ....मतलब तू ही है...
वो आदमी :- नही नही चाचाजी... में तो यहाँ वही चीज़ ढूँढने आया हूँ....मेने सोचा कि अगर वो चीज़ मिल जाए..तो हम उस आदमी को पकड़ सकते हैं....
तभी बोलते हैं...ओफो तुम भी...क्या सब ढूँढने ही आएँगे...और भी रात को...
तभी टप्पू को बोलता है...
टप्पू :- झूठ बोल रहे हैं.....शिवांक अंकल (दोस्तों आप इस किरदार को जानते होंगे...लेकिन में उसकी ढंग से स्पीलींग नही डिस्क्राइब कर पा रहा ..लेकिन उसका नाम कुछ ऐसा ही है)
सब टप्पू की बात सुन के टप्पू की तरफ देखते हैं....और उससे बोलते हैं...कि ये क्या टप्पू क्या कह रहे हो...
उधर शिवांक घबरा जाता है...
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