hotaks444
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आज मैं बहुत उत्तेजित था, असली ठुकाई तो कुच्छ एक्सपीरियेन्स होने के बाद ही होती है और आज मैं कविता को खूब तगड़े तरीके से चोदने के मूड मे था, जैसे तैसे दिन गुजरा और रात को कविता काफ़ी मेकप करके मेरे कमरे मे आ गई, मेरा लंड पहले से ही तना हुआ था और जब मैने कविता को बाहो मे भर कर उसके भारी चुतडो को दबोचा तो मज़ा आ गया,
मैं बेतहाशा कविता के होंठो को चूमते हुए कभी उसकी मोटी गान्ड मसल रहा था और कभी उसके मोटे मोटे दूध दबा रहा
था, कुछ अनुभव के कारण मैण चुदाई बड़े इतमीनान से करना पसंद करता था इसलिए मुझे कविता के कपड़े उतारने मे
अभी कोई जल्दी नही थी, मैने उसे बगल मे लिटा लिया और उसके रसीले होंठो को चूमते हुए कहा
सोनू- कितनी खूबसूरत हो तुम और उस पर तुम्हारा यह भरा हुआ बदन बड़ी बड़ी औरतो के जैसा हो गया है,
कविता ने झट से मेरे लंड को अपने हाथो मे दबोच लिया और मेरे गालो को चूमते हुए कहने लगी अब बताओ कैसे आपने
मम्मी को चुद्ते हुए देखा था,
सोनू- अरे जानम मोम डॅड के रूम मे एक खिड़की थी उसके छेद से अंदर का सारा नज़ारा नज़र आता था बस उसी छेद से
मैने मम्मी को पूरी नंगी पापा से चुद्ते हुए देखा था,
कविता- शुरू से बताओ ना तुम्हे कैसे लगा कि दोनो चुदाई कर रहे है,
सोनू- मोम को मैने किचन से तेल की शीशी लेजाते हुए देखा तो मुझे कुच्छ शक हुआ और मैं चुपचाप उनकी खिड़की के उस छेद से अंदर झकने लगा, पापा पूरे नंगे बेड पर बैठे हुए थे और उनका लंड तना हुआ था, फिर मम्मी ने पहले अपनी
साड़ी उतारी और फिर ब्लाउज पेटिकोट उतार दिया, क्या बताऊ डार्लिंग ब्रा और पैंटी मे मम्मी का भरा हुआ गोरा बदन कितना मस्त लग रहा था,
वह धीरे से पापा के करीब आई तो पापा ने उसे अपनी गोद मे बैठा लिया, मम्मी पापा के लंड को दबाने लगी और
पापा मम्मी के गुलाबी भरे हुए गालो को चूमते हुए उसकी मोटी मोटी जाँघो को अपने हाथो मे भर भर कर दबोचने
लगे,
कविता मेरी बात सुन कर मेरे लंड को कस कस कर दबा रही थी और मैं भी उसकी मोटी जाँघो को और उठी हुई गदराई गंद को दबा दबा कर उसे बता रहा था,
कविता- फिर क्या हुआ,
सोनू- फिर पापा ने मम्मी को बेड पर झुका दिया और जब मैने पैंटी मे कसे हुए मोम के भारी भरकम गोरे गोरे
चूतड़ देखे तो लगा मेरा पानी निकल जाएगा, पापा ने जैसे ही मम्मी की पैंटी नीचे सर्काई हे क्या नज़ारा था, मम्मी की
गुदाज मोटी गान्ड और उसकी गान्ड का भूरा छेद और उसके नीचे बिना बालो की बड़ी बड़ी फांको वाली मस्त फूली चूत और उसके बीच की गहरी दरार देख कर मैं तो पागल हुआ जा रहा था,
कविता- बहुत अच्छी लग रही थी आपको अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और चूत,
सोनू- कविता की साड़ी को उपर करके मैने उसकी चिकनी मखमली जाँघो को दबाते हुए पीछे से उसकी पैंटी मे हाथ डाल कर
उसके भारी चुतडो को खूब कस कर दबोचते हुए कहा, हाँ रानी क्या बताऊ मोम की मस्तानी गंद और बड़ा सा फूला हुआ
भोसड़ा देख कर मैं तो मस्ती मे डूब चुका था,
कविता- उसके बाद पापा क्या कर रहे थे,
सोनू- फिर पापा ने बड़े प्यार से मोम की मोटी गान्ड को सहलाया और कस कर दबाते हुए उसकी मोटी गान्ड की दरार मे अपना मूह डाल दिया और अपने मूह से कभी मोम की गान्ड और कभी उसकी फूली हुई चूत दबा रहे थे,
कविता- क्या कह रहे हो पापा अपने मूह को मम्मी की गान्ड मे घुसा रहे थे,
सोनू- हाँ और फिर उन्होने मोम की गान्ड और चूत की फांको को फैला कर अपनी जीभ से मम्मी की गान्ड और चूत को उपर से नीचे तक चाटना शुरू कर दिया,
मेरा हाथ कविता की पैंटी के उपर से पीछे की तरफ से उसकी फूली चूत का जायज़ा ले रहा था और मुझे पता चला कि कविता की पूरी पैंटी चूत रस से गीली हो चुकी थी,
मैं बेतहाशा कविता के होंठो को चूमते हुए कभी उसकी मोटी गान्ड मसल रहा था और कभी उसके मोटे मोटे दूध दबा रहा
था, कुछ अनुभव के कारण मैण चुदाई बड़े इतमीनान से करना पसंद करता था इसलिए मुझे कविता के कपड़े उतारने मे
अभी कोई जल्दी नही थी, मैने उसे बगल मे लिटा लिया और उसके रसीले होंठो को चूमते हुए कहा
सोनू- कितनी खूबसूरत हो तुम और उस पर तुम्हारा यह भरा हुआ बदन बड़ी बड़ी औरतो के जैसा हो गया है,
कविता ने झट से मेरे लंड को अपने हाथो मे दबोच लिया और मेरे गालो को चूमते हुए कहने लगी अब बताओ कैसे आपने
मम्मी को चुद्ते हुए देखा था,
सोनू- अरे जानम मोम डॅड के रूम मे एक खिड़की थी उसके छेद से अंदर का सारा नज़ारा नज़र आता था बस उसी छेद से
मैने मम्मी को पूरी नंगी पापा से चुद्ते हुए देखा था,
कविता- शुरू से बताओ ना तुम्हे कैसे लगा कि दोनो चुदाई कर रहे है,
सोनू- मोम को मैने किचन से तेल की शीशी लेजाते हुए देखा तो मुझे कुच्छ शक हुआ और मैं चुपचाप उनकी खिड़की के उस छेद से अंदर झकने लगा, पापा पूरे नंगे बेड पर बैठे हुए थे और उनका लंड तना हुआ था, फिर मम्मी ने पहले अपनी
साड़ी उतारी और फिर ब्लाउज पेटिकोट उतार दिया, क्या बताऊ डार्लिंग ब्रा और पैंटी मे मम्मी का भरा हुआ गोरा बदन कितना मस्त लग रहा था,
वह धीरे से पापा के करीब आई तो पापा ने उसे अपनी गोद मे बैठा लिया, मम्मी पापा के लंड को दबाने लगी और
पापा मम्मी के गुलाबी भरे हुए गालो को चूमते हुए उसकी मोटी मोटी जाँघो को अपने हाथो मे भर भर कर दबोचने
लगे,
कविता मेरी बात सुन कर मेरे लंड को कस कस कर दबा रही थी और मैं भी उसकी मोटी जाँघो को और उठी हुई गदराई गंद को दबा दबा कर उसे बता रहा था,
कविता- फिर क्या हुआ,
सोनू- फिर पापा ने मम्मी को बेड पर झुका दिया और जब मैने पैंटी मे कसे हुए मोम के भारी भरकम गोरे गोरे
चूतड़ देखे तो लगा मेरा पानी निकल जाएगा, पापा ने जैसे ही मम्मी की पैंटी नीचे सर्काई हे क्या नज़ारा था, मम्मी की
गुदाज मोटी गान्ड और उसकी गान्ड का भूरा छेद और उसके नीचे बिना बालो की बड़ी बड़ी फांको वाली मस्त फूली चूत और उसके बीच की गहरी दरार देख कर मैं तो पागल हुआ जा रहा था,
कविता- बहुत अच्छी लग रही थी आपको अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और चूत,
सोनू- कविता की साड़ी को उपर करके मैने उसकी चिकनी मखमली जाँघो को दबाते हुए पीछे से उसकी पैंटी मे हाथ डाल कर
उसके भारी चुतडो को खूब कस कर दबोचते हुए कहा, हाँ रानी क्या बताऊ मोम की मस्तानी गंद और बड़ा सा फूला हुआ
भोसड़ा देख कर मैं तो मस्ती मे डूब चुका था,
कविता- उसके बाद पापा क्या कर रहे थे,
सोनू- फिर पापा ने बड़े प्यार से मोम की मोटी गान्ड को सहलाया और कस कर दबाते हुए उसकी मोटी गान्ड की दरार मे अपना मूह डाल दिया और अपने मूह से कभी मोम की गान्ड और कभी उसकी फूली हुई चूत दबा रहे थे,
कविता- क्या कह रहे हो पापा अपने मूह को मम्मी की गान्ड मे घुसा रहे थे,
सोनू- हाँ और फिर उन्होने मोम की गान्ड और चूत की फांको को फैला कर अपनी जीभ से मम्मी की गान्ड और चूत को उपर से नीचे तक चाटना शुरू कर दिया,
मेरा हाथ कविता की पैंटी के उपर से पीछे की तरफ से उसकी फूली चूत का जायज़ा ले रहा था और मुझे पता चला कि कविता की पूरी पैंटी चूत रस से गीली हो चुकी थी,