पूजा की चुदाई की कहानिया - SexBaba
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पूजा की चुदाई की कहानिया

poojagupta

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Aug 10, 2018
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यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है, जो मैं आप लोगों के साथ बाँट रहा हूँ। मैं नवेश दिल्ली से हूँ, मैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता हूँ।
यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है, जो मैं आप लोगों के साथ बाँट रहा हूँ।



हमारे ऑफिस में हर दिन स्काइप पर ऑनलाइन होना ही रहता है। एक दिन काम कुछ कम था, मैं भी ऐसे ही बैठे-बैठे बोर हो रहा था। मैंने सोचा क्यों न स्काइप पर ही किसी को एड करके किसी से दोस्ती की जाए।
मैंने यही सोच कर ऐसे ही पूजा लिख कर सर्च किया, कई नाम आ गए, उन्हीं में से कई को मैंने एड कर लिया। तभी अचानक एक की प्रोफाइल पर उसका बर्थडे उसी दिन का दिख रहा था। मैंने उस लड़की को एड कर लिया और एक प्यारा सा ‘हैप्पी-बर्थडे’ मैसेज लिख कर भेज दिया।
कुछ दिनों तक किसी का कोई भी रिप्लाई नहीं आया, फिर एक दिन जैसे ही मैं स्काइप पर ऑनलाइन आया, मुझे उस लड़की का रिप्लाई मिला- थैंक यू..!
इस तरह से हमारी पहली बात हुई और उसने मुझे दोस्त के रूप मे एक्सेप्ट कर लिया।

धीरे-धीरे हर दिन उससे बात होने लगी और हम थोड़ा करीब आए और अब हम हर रात बात करने लगे।
कुछ दिन की साधारण बातों के बाद मैंने उससे मोबाइल पे ही ‘किस’ करने को कहा। वो थोड़ा शर्माते हुए मुझे ‘किस’ करने लगी।
मैं खुश हो गया और अब धीरे-धीरे मैं किस करने की बात को लेके और आगे बढ़ने लगा और फिर मैंने उसकी चूचियों को चूसने की बात कही। उसने ‘हाँ’ नहीं कहा, लेकिन ‘ना’ भी नहीं कहा और सुनती रही।
मैंने जानबूझ कर बात बंद कर दी, तो उसने कहा- चुप क्यों हो गए?
मैं समझ गया कि उसे मज़ा आ रहा है। ऐसे ही कुछ दिनों तक उसके चूचियों तक ही रहा और एक दिन मैंने उसके चूत के बारे में पूछा तो वो गुस्सा करने लगी लेकिन उसने फ़ोन नहीं रखा।
मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं लगातार उसकी चूत के बारे में ही बातें करता रहा और उसको फ़ोन पर ही उसके चूत को चोदने लगा।
वो बस रूठने का नाटक करती रही, लेकिन पूरी बात का मज़ा लेती रही।
अब मैं उसको चोदने का प्लान बना रहा था। एक दिन मैंने उससे मिलने के लिए अपने घर बुलाया और वो पूरी तैयार होकर आई थी।
हम लोग पहले थोड़ी देर बाहर घूमते रहे और उसके बाद मैंने उससे कहा- अभी घर चलते हैं और फिर शाम तक मैं उसे घर पहुँचा दूँगा।
पूजा मान गई। हम घर आ गए और धीर-धीरे इधर-उधर की बातें करते रहे।
अचानक मैंने उससे किस करने के लिए कहा तो वो मना करने लगी। मैंने फिर भी उसको बाँहों में भर कर किस करना शुरू किया और किस करते-करते ही मैंने उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे वो भी गर्म होने लगी। मैंने उसके टॉप को उतारा और उसकी ब्रा को भी उतार दिया। ब्रा उतरते ही उसकी चूचियों को चूसने लगा।
क्या मस्त चूचियाँ थी.. उसकी..!
बहुत गोरी, सॉफ्ट और बहुत ही नाज़ुक..!
मैं बेकाबू हो गया था। मैंने उसकी चूचियों को जी भर कर चूसा और चूसते-चूसते ही मैं एक हाथ उसकी चूत पर ले गया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा।
उसने चूत सहलाने में कोई विरोध नहीं किया लेकिन जब भी मैं उसकी सलवार खोलने जाता वो मना कर देती थी।
मैं धीरे-धीरे उसकी सलवार में हाथ डाल कर पैंटी के अन्दर अपना हाथ ले गया और उसकी चूत सहलाने लगा। सच में पूजा की चूत बहुत ही सेक्सी और कोमल थी, मैं तो बस मदहोश हो गया था।
अब पूजा भी गर्म हो गई थी और इसी वजह से अबकी बार जब मैंने उसकी सलवार को खोलने के लिए जैसे ही हाथ बढ़ाया, उसने मुझे नहीं रोका।
मैंने भी मौका देखते ही उसकी सलवार उतार दी और पैंटी भी जल्दी ही उतार दी। अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। मैंने सबसे पहले उसकी कोमल चूत को किस किया और धीरे-धीरे उसकी चूत को चाटना शुरू किया, वो भी पागलों की तरह अपना सिर इधर-उधर घुमाने लगी और अजीब-अजीब आवाजें निकालने लगी।
बहुत देर तक उसकी चूत चूसने के बाद मैंने उससे पूछ लिया- पूजा क्या तुम लण्ड चूसोगी?
उसने कहा- नहीं और प्लीज़ लण्ड मत बोलो पेनिस बोलो.. लण्ड सुन कर अजीब सा लगता है।
मैंने कहा- ठीक है, यह बताओ चूसोगी या अन्दर लोगी।
उसने कहा- बस अन्दर डालो..!
मैंने सुनते ही उसके चूत को चूसना छोड़ कर खड़ा हुआ और जल्दी ही अपने सारे कपड़े उतार कर उसके सामने नंगा खड़ा हो गया।
अभी तक उसकी चूत चूस-चूस कर मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो चुका था और वो पूजा की चूत में जाना चाहता था।
मैंने उसको लण्ड देखने के लिए कहा, लेकिन वो बस आँखें बंद किए सिसकारियाँ लेती रही। मैंने उसके हाथ को अपने हाथ में लिया और उसके हाथ को अपने लण्ड पर रख दिया। वो बस कस कर मेरे लण्ड को दबाने लगी।
मैंने पूजा के दोनों पैरों को फैला कर अपने लण्ड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
अब तो उसकी सिसकारी और तेज़ हो गईं। मैंने उसको तड़पाने के लिए फिर से पूछा- पूजा अब अन्दर डाल दूँ?
वो तड़प कर बोली- प्लीज़ डाल दो!
मैंने उसके पैरों के बीच में बैठ कर अपने लण्ड को उसकी चूत की दरार पर रखा और उसकी कमर को कसके पकड़ कर पूरे ज़ोर से अपने लण्ड को उसकी चूत में पेल दिया।
दोस्तो, क्या अहसास था वो.. बता नहीं सकता..!
इतना प्यारा अहसास.. अन्दर से उसकी चूत बिल्कुल गर्म और मक्खन सी सॉफ्ट..!
मैं तो बस पागल हो गया था और उसकी चूत में अपना लण्ड तेज़ी से अन्दर-बाहर कर रहा था और बार-बार बस यही कहे जा रहा था- ओह पूजा.. तुम दुनिया की सबसे सेक्सी लड़की हो.. और ये चूत दुनिया की सबसे सेक्सी चूत है…! मैं सच में बहुत लकी हूँ जो मुझे चोदने के लिए इतनी प्यारी और सेक्सी चूत मिली है!
ऐसी ही बातें करते हुए मैं पूजा को चोदते जा रहा था और अब तक वो भी पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी। वो भी बारी-बारी से अपने चूतड़ों को उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
मैंने पूजा को ऐसे ही चोदते-चोदते उसके पैरों को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और अब मैं अपने पूरे लण्ड को उसकी चूत की जड़ तक डाल कर चोदने लगा।
पूजा ने भी लगभग 15 मिनट तक मुझसे पूरे जोश में चुदवाया और फिर मैं झड़ने ही वाला था, तो मैंने उससे कहा- पूजा मेरा गिरने वाला है कहाँ गिराऊँ?
उसने तुरंत कहा- प्लीज़ अन्दर मत गिराना..!
मैंने तुरंत अपना लण्ड उसकी चूत से निकाला और उसके पेट पर अपना माल गिरा दिया।
फिर मैं उठा और वो भी उठ कर तुरंत बाथरूम गई और साफ करके आ गई। वो अब बहुत शर्मा रही थी। मैंने उसके हाथों को पकड़ कर अपने पास खींचा और बेड पर वैसे ही नंगे लेट गए।
मैं उसकी चूचियों को सहलाता रहा और हम वैसे ही लेट कर एक-दूसरे के आँखों में प्यार से देखते रहे।
कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर तैयार हो गई और मैं भी तैयार हुआ, फिर मैंने उसको उसके घर पर छोड़ दिया।
दोस्तो, ये था मेरा पहला लेकिन सच्चा सेक्स अनुभव। उसके बाद मैंने पूजा को कई बार चोदा लेकिन वो सब बाद में। आप लोगों को मेरा पहला अनुभव कैसा लगा ज़रूर बताईएगा। मेरा मेल आईडी है।
 
दोस्तो, मेरा नाम राहुल है, दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 28 साल है और मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है। मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ, मैंने आपकी बहुत सी कहानियाँ पढ़ी। कुछ सच्ची लगी, कुछ उससे कोसों दूर!

मैं अपनी कहानी की शुरुआत करता हूँ!
बात उस समय की है जब मैं नया नया दिल्ली आया था, मैं आपको बता दूँ कि मैं मूल रूप से बिहार की राजधानी पटना का रहने वाला हूँ। जवानी की दहलीज़ पर कदम रखने के बाद मैं अक्सर मुठ मार कर अपनी प्यास मिटाता था।
खैर जब मैं दिल्ली आया तो मैंने पंजाबी बाग़ में एक कमरा किराये पर लिया और रहने लगा। कमरा तीसरी मंजिल पर था।
मैंने जल्द ही एक नौकरी कर ली।

मैं जिस घर में रहता था उसमें निचली मंजिल में एक युगल रहता था। मैं उन्हें भैया और भाभी कहकर बुलाता था। भाभी की उम्र लगभग 35 साल होगी और भैया 40 के आस पास के। उनकी कोई औलाद नहीं थी।
सबसे निचली मंजिल पर मेरे मकान मालकिन और मालिक रहते थे, वे भी लगभग उसी उम्र के थे।
खैर मुठ मारने की आदत तो मेरे को थी ही, मैं अक्सर उन लोगों के बारे में सोचकर मुठ मारा करता था। कभी-कभी दोनों मुझे शाम के वक्त चाय पीने के लिए बुला लिया करती थी। धीरे-धीरे उनसे मेरी अच्छी दोस्ती हो गई।
मेरा मकान मालिक और भैया दोनों ही सेल्स में थे तो वे दोनों अक्सर टूर पर ही रहते थे, महीने में लगभग 15 दिन।
यह देखकर मुझे लगा कि शायद मेरा कुन्वारापन यहाँ दूर हो जायेगा और मेरी प्यास ख़त्म होगी।

मैं अक्सर जब भाभी के साथ अकेले में होता तो उनकी तारीफ किया करता था, वो लगती भी बहुत मस्त थी।
एक दिन की बात है मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही थी इसलिए मैं ऑफिस से जल्दी घर आ गया।
घर में मेरे और भाभी के अलावा कोई नहीं था।
मैं अपने कमरे में गया और सो गया।

थोड़ी देर बाद दरवाजे की घंटी से मेरी आंख खुल गई। मैं देखने गया कि कौन आया है। एक लड़का था! इतने में भाभी निकली और दरवाज़ा खोल दिया।
उनकी हरक़तें मुझे कुछ अटपटी लगी। वो लड़का भाभी के साथ अन्दर चला गया।

मैं कौतूहल-वश देखना चाहता था कि माज़रा क्या है तो मैं दूसरी मंजिल पर चला गया।
एक खिड़की थोड़ी खुली थी, मैंने देखा कि भाभी बिल्कुल नंगी उस लड़के के सामने पड़ी हैं और वो लड़का भी बिल्कुल नंगा है।
भाभी के स्तन देखकर मेरा तो खड़ा हो गया था। क्या कमाल की चूची और चूत थी उनकी!
मन किया कि अभी पकड़ लूँ जाकर!

पर मैंने खुद को संभाला और देखने लगा कि आगे क्या होता है।
वो लड़का भाभी को चूमे जा रहा था कभी उनके होंठों पर, कभी चूचियों पर तो कभी चूत पर। उसने कोई भी जगह नहीं छोड़ी जहाँ न चूमा हो।
फिर वो भाभी के ऊपर चढ़ गया और उनके साथ सेक्स करने लगा। करीब आधा घण्टा दोनों ने मजे लिए।
फिर भाभी ने उसका लण्ड भी चूसा और सारा माल पी गई। मेरे बिल्कुल तन कर खड़ा हो गया था।
अचानक मेरे हाथ से खिड़की का दरवाज़ा खुल गया और भाभी ने मुझे देख लिया।
मुझे देखकर उन्हें डर लग रहा था। उन्होंने फिर जल्दी से अपने कपड़े पहने और उस लड़के को कुछ पैसे दिए।

मैं समझ गया कि यह लड़का असल में कॉल-बॉय है। मैं फिर ऊपर अपने कमरे में चला गया और भाभी के बड़े में सोच कर मुठ मारा।
शाम के समय भाभी ने मुझे चाय के लिए बुलाया।
तब तक मेरी मकान मालकिन भी आ गई थी।
हम तीनों ने इकट्ठे चाय पी।

भाभी मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थी, उन्हें शायद डर था कि अगर मैंने कुछ बोल दिया तो क्या होगा। खैर मैं चुप रहा।
तभी मकान मालकिन के घर कोई आया तो उन्होंने कहा- तुम लोग चाय पीयो, मैं आती हूँ।
उनके जाने के बाद भाभी ने मुझ से जो पहली बात कही वो यह थी- आज दोपहर वाली बात अपने भैया को मत बताना।
मैंने देखा कि मौका सही है, मैंने कहा- भाभी, जब लड़का आपके घर में है तो बाहर से बुलाने की क्या जरुरत थी? मुझसे कहती, मेरी ही कुछ कमाई हो जाती।
यह सुनकर उनकी आँखों में चमक आ गई जो मुझे साफ़ दिख रही थी।
एक दिन भाभी की कॉल आई और कहा- तेरे भैया कल तीन दिनों के लिए बाहर जाने वाले हैं, तू मेरा कॉल बॉय बनेगा? चिंता मत कर, पैसे भी दूंगी। तुझसे इसलिए कह रही हूँ कि तेरे साथ सुरक्षित है और जब चाहूँगी, तब तू मिल जायेगा।
मैं तैयार हो गया। मैंने उस दिन ऑफिस में तीन दिनों की छुट्टी की अर्जी डाली और मुझे तीन दिनों की छुट्टी मिल गई।
शाम को भाभी ने चाय पर बुलाया मैं नीचे गया और उनके साथ चाय पी।उनके उरोजों को देखकर सोच रहा था कि कल इन्हें दबाने और चूसने का मौका मिलेगा।
भाभी ने पूछा- क्या सोचा है?
मैंने कहा- तीन दिनों की छुट्टी ले ली है, जैसा आप कहो।

वो खुश हो गई और एक पुच्ची मेरे गाल पर दे दी। मैं भी उनको पकड़ कर थोड़ी देर उनके होंठों को चूसता रहा।
उन्होंने कहा- जब तेरा चुम्बन इतना शानदार है तो आगे तो मज़ा आ जायेगा।
मैंने कहा- भाभी बस देखना और महसूस करना। मैं खुश था कि चलो मजे का मज़ा मिलेगा और कमाई की कमाई हो जाएगी। अगले दिन मेरे दिल की तमन्ना पूरी होने जा रही थी।
अब मैं अपनी कहानी यहीं रोकता हूँ। अपनी अगली कहानी में आपको बताऊँगा कि भाभी की प्यास मैंने कैसे बुझाई।
वैसे आपको बता दूँ कि आज मैं एक प्रोफेशनल कॉल बॉय बन चुका हूँ। मैंने यहाँ भाभी का नाम इसलिए नहीं बताया है कि नाम बताने से मेरे काम की शर्तों का उल्लंघन होता है।
 
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