desiaks
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नजमा भी चुदवाने के लिए तरसी हुई थी और मेरी बात भी उसकी समझ मे आ गयी इसलिए वो कुछ पूछने की बजाए अब खुद भी मुझ से लिपट कर मेरे होंठो को चूमती हुई जज़्बात से चूर आवाज़ मे बोली, “ठीक है बहेन्चोद पहले अपनी बेहन को चोद ले और चोद चोद के आज
मेरी चूत को फाड़ देना मैं भी चुदवाने के लिए पागल हो रही हूँ.”
हम दोनो जज़्बात मे पागल हो रहे थे इसलिए कुछ बोले बगैर जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतारे और एक दूसरे को प्यार करना, चूसना, मसलना, सहलाना सब कुछ भूल गये. नजमा कपड़े उतारते ही बिस्तर पर अपनी टाँगें खोल कर चित लेट गई और मैं भी फ़ौरन उसपे सवार
हो कर अपने लंड को उसकी चूत मे घुसा कर टका ठक पूरे ज़ोरशोर से उसे चोदना शुरू कर दिया. हमारी चुदाई ज़्यादा देर नही ठहर
सकी और 10 मिनिट से भी कम वक़्त मे पहले मैं झडा और मेरे झड़ते ही नजमा भी झड गयी.
हम दोनो बहुत दिनो से चुदाई के लिए पागल हो रहे थे, आज जब इतने दिनो के बाद चुदाई का मौका मिला तो कैसा फोरप्ले कहाँ का इंतज़ार बस लंड घुसाया और टका-टक पेलना शुरू कर दिया अब इस हालत मे देर तक कहाँ ठहेर सकते थे फ़ौरन झड गये और हम दोनो का पानी इस तरह और इतना निकला जैसे अब दोबारा कभी नही निकलेगा. झड़ने के बाद हमारी सब गर्मी जब निकल गयी तो हम दोनो का पूरा वजूद एकदम शांत होगया और हम दोनो तक़रीबन 15 तक आँखें बंद करके चुप चाप लेटे रहे. फिर उठ कर वॉशरूम जा कर हम दोनो ने पिशाब किया और धो धूला कर वापस आए तो सब से पहले बिस्तर की चादर को बदला क्यूंकी वो हम दोनो के पानी से बिल्कुल गीला हो रहा था. चादर बदलने के बाद सब से पहला काम यह किया कि हम ने चाय बना कर पिया उसके बाद मैं आराम से बिस्तर के पीछे अपनी कमर
को टीका या और बिस्तर पर अपने पैर लंबे करके आराम से बैठ कर एक सिगरेट सुलगा कर लंबे लंबे दो तीन कश ले कर सारा धुआँ नजमा की तरफ फेंका जो मेरे बराबर बैठी कपड़े से अपनी चूत सॉफ कर रही थी जिस मे शायद मेरे जमा किए हुए पानी का ड्रॉप निकल रहा था. नजमा अपने हाथ को हवा मे हिला हिला कर सिगरेट के धुएँ से बचते हुए मेरे बराबर मेरी तरह बैठ कर अपने सर को मेरी छाती से टिकाती हुई बोली. “आज मम्मी ने जिस तरह का रिएक्ट किया और तुम्हारे लंड को पकड़ कर मुस्कुराते हुए जो कुछ कहा मुझे अभी तक
यक़ीन नही आ रहा है कि वो इतनी जल्दी इतना बदल सकती हैं. इस तरह की बातें और हरकत किसी मर्द से वही औरत करती है जिस से चुदवा चुकी हो और तुम कहते हो कि चुदाई नही हुई. आख़िर मामला क्या है मम्मी मे यह तब्दीली एकदम से कैसे आ गयी ? मुझे सब कुछ बताओ.”
मैने एक गहरा साँस लिया और अपने सिगरेट को आराम आराम से पीते हुए शुरू से आख़िर तक एक एक बात सिवाए मधुबाला की फिल्म देखने और अपने इश्क़ के सब कुछ नजमा को बता दिया.
मेरी बात सुन कर नजमा एक गहरा साँस ले कर बोली. “हम ने मम्मी को शाहजी से चुदवाने का प्लान इसलिए बना कर उनको शाहजी से चुदवाया था ताकि उनको ब्लॅकमेल कर के अपने क़ाबू मे कर लें फिर खोल कर बगैर किसी डर के चुदाई का मज़ा ले सकें. अब जो कुछ हो
रहा है उस से सिर्फ़ हमारा रास्ता ही नही खुला बल्कि मम्मी का भी फ़ायदा हुआ और उनका रास्ता भी खोल गया क्यूँ मैं ग़लत तो नही कह रही हूँ.”
“बिल्कुल ठीक कह रही हो, वो सालो से चुदवाने के लिए तरस रही थी मगर ख़ौफ़ और डर से उनमें इतनी हिम्मत नही थी कि किसी को फँसा कर चुदवा लेती, उन्हें तो हमारा शुक्रिया अदा कर के कुछ इनाम देना चाहिए क्योंकि हमारी वजह से अब फिर से उनको चुदाई का
मज़ा मिलने लगा है.” मैं नजमा को अपनी बाँहो मे ले कर भींचता हुआ बोला.
नजमा एक उंगली से मेरी छाती के निपल को सहलाती हुई बोली, “शहाब थोड़े दिनो के बाद मेरी शादी हो जाएगी और मैं चली जाउन्गी, मैं तुम्हारे बारे मे सोच रही हूँ कि मेरे जाने के बाद तुम बगैर चुदाई के कैसे गुज़ारा करो गे, वैसे तो मैं महीने मे एक दो बार आया करूँगी तो तुम मुझे चोद सको गे. नजमा यह कह कर थोड़ा रुकी फिर कहने लगी, “अगर मेरी मानो तो तुम मम्मी को चोद लो, वैसे भी तुम उनकी चूत
और गान्ड को अपने लंड से ना सही अपनी उंगली से तो चोद ही चुके हो और वो भी तुम्हारे लंड को पकड़ कर तुम्हारी मूठ मार चुकी हैं
फिर बाक़ी क्या बचा अब सिर्फ़ लंड घुसा कर चोदना ही तो बाक़ी है.”
“तुम्हारा दिमाग़ कहाँ है, अरे अभी तो तुम्हें बताया था कि मम्मी ने बिल्कुल सॉफ सॉफ कह दिया है कि वो सब से चुदवा लें गी मगर मुझ से नही अब वो मुझ से चुदवाने के लिए राज़ी ही नही हैं तो उनको कैसे चोद सकता हूँ.” मैं नजमा को मम्मी की कही हुई बात को याद दिलाता हुआ बोला.
मेरी चूत को फाड़ देना मैं भी चुदवाने के लिए पागल हो रही हूँ.”
हम दोनो जज़्बात मे पागल हो रहे थे इसलिए कुछ बोले बगैर जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतारे और एक दूसरे को प्यार करना, चूसना, मसलना, सहलाना सब कुछ भूल गये. नजमा कपड़े उतारते ही बिस्तर पर अपनी टाँगें खोल कर चित लेट गई और मैं भी फ़ौरन उसपे सवार
हो कर अपने लंड को उसकी चूत मे घुसा कर टका ठक पूरे ज़ोरशोर से उसे चोदना शुरू कर दिया. हमारी चुदाई ज़्यादा देर नही ठहर
सकी और 10 मिनिट से भी कम वक़्त मे पहले मैं झडा और मेरे झड़ते ही नजमा भी झड गयी.
हम दोनो बहुत दिनो से चुदाई के लिए पागल हो रहे थे, आज जब इतने दिनो के बाद चुदाई का मौका मिला तो कैसा फोरप्ले कहाँ का इंतज़ार बस लंड घुसाया और टका-टक पेलना शुरू कर दिया अब इस हालत मे देर तक कहाँ ठहेर सकते थे फ़ौरन झड गये और हम दोनो का पानी इस तरह और इतना निकला जैसे अब दोबारा कभी नही निकलेगा. झड़ने के बाद हमारी सब गर्मी जब निकल गयी तो हम दोनो का पूरा वजूद एकदम शांत होगया और हम दोनो तक़रीबन 15 तक आँखें बंद करके चुप चाप लेटे रहे. फिर उठ कर वॉशरूम जा कर हम दोनो ने पिशाब किया और धो धूला कर वापस आए तो सब से पहले बिस्तर की चादर को बदला क्यूंकी वो हम दोनो के पानी से बिल्कुल गीला हो रहा था. चादर बदलने के बाद सब से पहला काम यह किया कि हम ने चाय बना कर पिया उसके बाद मैं आराम से बिस्तर के पीछे अपनी कमर
को टीका या और बिस्तर पर अपने पैर लंबे करके आराम से बैठ कर एक सिगरेट सुलगा कर लंबे लंबे दो तीन कश ले कर सारा धुआँ नजमा की तरफ फेंका जो मेरे बराबर बैठी कपड़े से अपनी चूत सॉफ कर रही थी जिस मे शायद मेरे जमा किए हुए पानी का ड्रॉप निकल रहा था. नजमा अपने हाथ को हवा मे हिला हिला कर सिगरेट के धुएँ से बचते हुए मेरे बराबर मेरी तरह बैठ कर अपने सर को मेरी छाती से टिकाती हुई बोली. “आज मम्मी ने जिस तरह का रिएक्ट किया और तुम्हारे लंड को पकड़ कर मुस्कुराते हुए जो कुछ कहा मुझे अभी तक
यक़ीन नही आ रहा है कि वो इतनी जल्दी इतना बदल सकती हैं. इस तरह की बातें और हरकत किसी मर्द से वही औरत करती है जिस से चुदवा चुकी हो और तुम कहते हो कि चुदाई नही हुई. आख़िर मामला क्या है मम्मी मे यह तब्दीली एकदम से कैसे आ गयी ? मुझे सब कुछ बताओ.”
मैने एक गहरा साँस लिया और अपने सिगरेट को आराम आराम से पीते हुए शुरू से आख़िर तक एक एक बात सिवाए मधुबाला की फिल्म देखने और अपने इश्क़ के सब कुछ नजमा को बता दिया.
मेरी बात सुन कर नजमा एक गहरा साँस ले कर बोली. “हम ने मम्मी को शाहजी से चुदवाने का प्लान इसलिए बना कर उनको शाहजी से चुदवाया था ताकि उनको ब्लॅकमेल कर के अपने क़ाबू मे कर लें फिर खोल कर बगैर किसी डर के चुदाई का मज़ा ले सकें. अब जो कुछ हो
रहा है उस से सिर्फ़ हमारा रास्ता ही नही खुला बल्कि मम्मी का भी फ़ायदा हुआ और उनका रास्ता भी खोल गया क्यूँ मैं ग़लत तो नही कह रही हूँ.”
“बिल्कुल ठीक कह रही हो, वो सालो से चुदवाने के लिए तरस रही थी मगर ख़ौफ़ और डर से उनमें इतनी हिम्मत नही थी कि किसी को फँसा कर चुदवा लेती, उन्हें तो हमारा शुक्रिया अदा कर के कुछ इनाम देना चाहिए क्योंकि हमारी वजह से अब फिर से उनको चुदाई का
मज़ा मिलने लगा है.” मैं नजमा को अपनी बाँहो मे ले कर भींचता हुआ बोला.
नजमा एक उंगली से मेरी छाती के निपल को सहलाती हुई बोली, “शहाब थोड़े दिनो के बाद मेरी शादी हो जाएगी और मैं चली जाउन्गी, मैं तुम्हारे बारे मे सोच रही हूँ कि मेरे जाने के बाद तुम बगैर चुदाई के कैसे गुज़ारा करो गे, वैसे तो मैं महीने मे एक दो बार आया करूँगी तो तुम मुझे चोद सको गे. नजमा यह कह कर थोड़ा रुकी फिर कहने लगी, “अगर मेरी मानो तो तुम मम्मी को चोद लो, वैसे भी तुम उनकी चूत
और गान्ड को अपने लंड से ना सही अपनी उंगली से तो चोद ही चुके हो और वो भी तुम्हारे लंड को पकड़ कर तुम्हारी मूठ मार चुकी हैं
फिर बाक़ी क्या बचा अब सिर्फ़ लंड घुसा कर चोदना ही तो बाक़ी है.”
“तुम्हारा दिमाग़ कहाँ है, अरे अभी तो तुम्हें बताया था कि मम्मी ने बिल्कुल सॉफ सॉफ कह दिया है कि वो सब से चुदवा लें गी मगर मुझ से नही अब वो मुझ से चुदवाने के लिए राज़ी ही नही हैं तो उनको कैसे चोद सकता हूँ.” मैं नजमा को मम्मी की कही हुई बात को याद दिलाता हुआ बोला.