desiaks
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शाहजी की बात सुन कर मम्मी बोल पड़ी, “हमारी तो मुलाक़ात भी नही हुई फिर उन तीनो ने मुझे कैसे देख लिया.”
“पिछले हफ्ते तुम वॉटरपंप के मार्केट मे किसी के साथ एक दुकान से कुछ खरीद रही थी उस वक़्त हम चारों भी वहीं थे फिर मैने तीनो को बताया कि तुम कौन हो, वो साले तो तुहें देख कर पागल होगये और अगर उनका बस चलता तो तुम्हे वहीं पटक कर चोद लेते, अगर तुम अकेले हो ती तो मैं तुम को ऊन से मिलवा भी देता.” शाहजी मम्मी को देखता हुआ बोला
बातों मे ज़्यादा वक़्त ना गुज़र जाए यह सोच कर मैं जल्दी से बोला “अब जो होना था वो होगया अगर वो नही जाते तो आज ही मम्मी को चोद सकते थे, खैर आज ना सही कल वो मम्मी को चोद ही लें गे, अब अभी तुम चोदना शुरू कर दो हमे जल्दी जाना है क्यूंकी हम बड़ी मुश्किल से बहाना बना कर निकले हैं.”
फिर हम चारों कपड़े उतार कर नंगे होगये. मैं नजमा के हाथ को पकड़ कर अपने पास लाना ही चाहता था कि शाहजी ने फ़ौरन नजमा के हाथ को मुझ से छोड़ा लिया तो मैं हैरत से बोला, “शाहजी ये काइया तुम मम्मी को छोड़ना शुरू करो मैं नजमा को छोड़ूँगा.”
शाहजी मम्मी को छोड़ कर नजमा की छाती को दबाता हुआ बोला, “अबे साले यह तेरी बहेन है तू इसे जब चाहे चोद सकता है, आज यह इतने दिनों के बाद तो मिली है और यह थोड़े दिनो मे शादी कर के चली जाए गी फिर मालूम नही इसे कभी चोदने का मौका मिले या ना
मिले, इसलिए आज पहले इसे चोदुन्गा फिर तेरी माँ को चोदुन्गा….
मम्मी ने शाहजी के लंड को हाथ बढ़ा कर पकड़ लिया और लंड को सहलाते हुए बोली, “ठीक है तुम नजमा ही को पहले चोद लो बाद मे मुझे चोदना उस वक़्त शहाब नजमा को चोद लेगा बस जो करना है जल्दी कर लो क्यूंकी हम 10 / 10 ½ बजे से ज़्यादा नही रुक सकें गे.”
शाहजी नजमा को बिस्तर पर लेटाता हुआ कहने लगा, “अरे अभी तो 8 ही बजे है अभी भी 2 ½ घंटे का वक़्त हमारे पास है, इतने वक़्त मे हम चारों आराम से ज़बरदस्त चुदाई का मज़ा ले लें गे.” शाहजी यह कहता हुआ नजमा की दोनो टाँगों को फैला कर झुका और नजमा की चूत को चूम कर अपना सर उठा कर मुझ से और मम्मी से बोला, “तुम दोनो चुप चाप क्यूँ बैठे हो, ऐसा करो मैं नजमा को चूत को चुसूंगा और तुम
दोनो नजमा की एक एक छाती को मसलना और चूसना शुरू कर दो.” यह कह कर शाहजी ने अपना सर झुकाया और अपना मुँह नजमा
की चूत पर रख कर उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.
“पिछले हफ्ते तुम वॉटरपंप के मार्केट मे किसी के साथ एक दुकान से कुछ खरीद रही थी उस वक़्त हम चारों भी वहीं थे फिर मैने तीनो को बताया कि तुम कौन हो, वो साले तो तुहें देख कर पागल होगये और अगर उनका बस चलता तो तुम्हे वहीं पटक कर चोद लेते, अगर तुम अकेले हो ती तो मैं तुम को ऊन से मिलवा भी देता.” शाहजी मम्मी को देखता हुआ बोला
बातों मे ज़्यादा वक़्त ना गुज़र जाए यह सोच कर मैं जल्दी से बोला “अब जो होना था वो होगया अगर वो नही जाते तो आज ही मम्मी को चोद सकते थे, खैर आज ना सही कल वो मम्मी को चोद ही लें गे, अब अभी तुम चोदना शुरू कर दो हमे जल्दी जाना है क्यूंकी हम बड़ी मुश्किल से बहाना बना कर निकले हैं.”
फिर हम चारों कपड़े उतार कर नंगे होगये. मैं नजमा के हाथ को पकड़ कर अपने पास लाना ही चाहता था कि शाहजी ने फ़ौरन नजमा के हाथ को मुझ से छोड़ा लिया तो मैं हैरत से बोला, “शाहजी ये काइया तुम मम्मी को छोड़ना शुरू करो मैं नजमा को छोड़ूँगा.”
शाहजी मम्मी को छोड़ कर नजमा की छाती को दबाता हुआ बोला, “अबे साले यह तेरी बहेन है तू इसे जब चाहे चोद सकता है, आज यह इतने दिनों के बाद तो मिली है और यह थोड़े दिनो मे शादी कर के चली जाए गी फिर मालूम नही इसे कभी चोदने का मौका मिले या ना
मिले, इसलिए आज पहले इसे चोदुन्गा फिर तेरी माँ को चोदुन्गा….
मम्मी ने शाहजी के लंड को हाथ बढ़ा कर पकड़ लिया और लंड को सहलाते हुए बोली, “ठीक है तुम नजमा ही को पहले चोद लो बाद मे मुझे चोदना उस वक़्त शहाब नजमा को चोद लेगा बस जो करना है जल्दी कर लो क्यूंकी हम 10 / 10 ½ बजे से ज़्यादा नही रुक सकें गे.”
शाहजी नजमा को बिस्तर पर लेटाता हुआ कहने लगा, “अरे अभी तो 8 ही बजे है अभी भी 2 ½ घंटे का वक़्त हमारे पास है, इतने वक़्त मे हम चारों आराम से ज़बरदस्त चुदाई का मज़ा ले लें गे.” शाहजी यह कहता हुआ नजमा की दोनो टाँगों को फैला कर झुका और नजमा की चूत को चूम कर अपना सर उठा कर मुझ से और मम्मी से बोला, “तुम दोनो चुप चाप क्यूँ बैठे हो, ऐसा करो मैं नजमा को चूत को चुसूंगा और तुम
दोनो नजमा की एक एक छाती को मसलना और चूसना शुरू कर दो.” यह कह कर शाहजी ने अपना सर झुकाया और अपना मुँह नजमा
की चूत पर रख कर उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.