Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा - Page 19 - SexBaba
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Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा

शाहजी की बात सुन कर मम्मी बोल पड़ी, “हमारी तो मुलाक़ात भी नही हुई फिर उन तीनो ने मुझे कैसे देख लिया.”

“पिछले हफ्ते तुम वॉटरपंप के मार्केट मे किसी के साथ एक दुकान से कुछ खरीद रही थी उस वक़्त हम चारों भी वहीं थे फिर मैने तीनो को बताया कि तुम कौन हो, वो साले तो तुहें देख कर पागल होगये और अगर उनका बस चलता तो तुम्हे वहीं पटक कर चोद लेते, अगर तुम अकेले हो ती तो मैं तुम को ऊन से मिलवा भी देता.” शाहजी मम्मी को देखता हुआ बोला

बातों मे ज़्यादा वक़्त ना गुज़र जाए यह सोच कर मैं जल्दी से बोला “अब जो होना था वो होगया अगर वो नही जाते तो आज ही मम्मी को चोद सकते थे, खैर आज ना सही कल वो मम्मी को चोद ही लें गे, अब अभी तुम चोदना शुरू कर दो हमे जल्दी जाना है क्यूंकी हम बड़ी मुश्किल से बहाना बना कर निकले हैं.”

फिर हम चारों कपड़े उतार कर नंगे होगये. मैं नजमा के हाथ को पकड़ कर अपने पास लाना ही चाहता था कि शाहजी ने फ़ौरन नजमा के हाथ को मुझ से छोड़ा लिया तो मैं हैरत से बोला, “शाहजी ये काइया तुम मम्मी को छोड़ना शुरू करो मैं नजमा को छोड़ूँगा.”

शाहजी मम्मी को छोड़ कर नजमा की छाती को दबाता हुआ बोला, “अबे साले यह तेरी बहेन है तू इसे जब चाहे चोद सकता है, आज यह इतने दिनों के बाद तो मिली है और यह थोड़े दिनो मे शादी कर के चली जाए गी फिर मालूम नही इसे कभी चोदने का मौका मिले या ना
मिले, इसलिए आज पहले इसे चोदुन्गा फिर तेरी माँ को चोदुन्गा….

मम्मी ने शाहजी के लंड को हाथ बढ़ा कर पकड़ लिया और लंड को सहलाते हुए बोली, “ठीक है तुम नजमा ही को पहले चोद लो बाद मे मुझे चोदना उस वक़्त शहाब नजमा को चोद लेगा बस जो करना है जल्दी कर लो क्यूंकी हम 10 / 10 ½ बजे से ज़्यादा नही रुक सकें गे.”

शाहजी नजमा को बिस्तर पर लेटाता हुआ कहने लगा, “अरे अभी तो 8 ही बजे है अभी भी 2 ½ घंटे का वक़्त हमारे पास है, इतने वक़्त मे हम चारों आराम से ज़बरदस्त चुदाई का मज़ा ले लें गे.” शाहजी यह कहता हुआ नजमा की दोनो टाँगों को फैला कर झुका और नजमा की चूत को चूम कर अपना सर उठा कर मुझ से और मम्मी से बोला, “तुम दोनो चुप चाप क्यूँ बैठे हो, ऐसा करो मैं नजमा को चूत को चुसूंगा और तुम
दोनो नजमा की एक एक छाती को मसलना और चूसना शुरू कर दो.” यह कह कर शाहजी ने अपना सर झुकाया और अपना मुँह नजमा
की चूत पर रख कर उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.
 
शाहजी नजमा को बिस्तर पर लेटाता हुआ कहने लगा, “अरे अभी तो 8 ही बजे है अभी भी 2 ½ घंटे का वक़्त हमारे पास है, इतने वक़्त मे हम चारों आराम से ज़बरदस्त चुदाई का मज़ा ले लें गे.” शाहजी यह कहता हुआ नजमा की दोनो टाँगों को फैला कर झुका और नजमा की चूत को चूम कर अपना सर उठा कर मुझ से और मम्मी से बोला, “तुम दोनो चुप चाप क्यूँ बैठे हो, ऐसा करो मैं नजमा को चूत को चुसूंगा और तुम दोनो नजमा की एक एक छाती को मसलना और चूसना शुरू कर दो.” यह कह कर शाहजी ने अपना सर झुकाया और अपना मुँह नजमा की चूत पर रख कर उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.

शाहजी की बात सुन कर मैने मम्मी को और मम्मी ने मुझे देखा और एक साथ सर झुका कर हम दोनो ने नजमा के निपल को चूसना शुरू कर दिया और हाथ मे ले कर दबाने भी लगे.

नजमा को यक़ीनन बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि वो मचल रही थी और सिसकियाँ ले ले कर बडबडा रही थी, “हूऊ हूओ हा ऊऊओफफफ्फ़ ब्ब्ब्बाहुत म्‍म्म्मज़ा आ रहा है, ऊओफ़ है श…श..शाहजी ऊओफ़ हां हाँ इसी तरह मेरी चूत के दाने को ज़ोर ज़ोर से चूसो.”

नजमा के एक तरफ मैं था और दूसरी तरफ मम्मी थी, मैं जब नजमा की छाती को चूसने के लिए झुक रहा था मेरी नज़र मम्मी की छाती पर गयी जो झुक कर नजमा की छाती चूसने की वजह से उनकी छाती नजमा के पेट पर आ गयी थी मैं नजमा के छाती को मसल्ते और चूस्ते हुए अपने दूसरे हाथ से मम्मी की छाती को पकड़ लिया और मसल्ने और दबाने लगा, मेरे यह करने से मम्मी को यक़ीनन बहुत मज़ा मिल रहा था क्यूंकी उन्होने एकदम नजमा की छाती को ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया था साथ साथ नजमा की छाती को चूस्ते हुए खुद भी हल्की हल्की सिसकारी लेने लगी थी. मम्मी की छाती का तनाव और सख्ती नजमा की छाती से ज़्यादा था. शुरू मे जब नजमा ने चुदवाना शुरू किया था तो उसकी छाती बहुत टाइट और तनी हुई थी जिसे शाहजी और उसके तीनो दोस्तों ने खूब दबा दबा कर, मसल मसल कर और चूस चूस कर ढीला कर दिया था.

थोड़ी देर बाद शाहजी ने नजमा की चूत को चूसना बंद कर दिया और नजमा को उठा कर बैठा या और खुद चित लेट कर मम्मी और नजमा से बोला, “चुप चाप बैठ कर क्या देख रही हो कंजरिओ, आजाओ और दोनो मिल कर अपने इस ठोकू के लंड को चूसना शुरू करो.” शाहजी की बात सुन कर मैं समझ गया कि शाहजी अब पूरी तरह मस्त होगया है क्यूंकी जब वो गुस्से मे होता है या सेक्स की मस्ती मे आ जाता है तो उसकी ज़बान से ऐसे ही गालियाँ और नंगी बातें निकलनी शुरू हो जाती हैं.

मेरे पास करने के लिए कुछ नही था इसलिए मैं बिस्तर पर एक कोने मैं बैठ कर अपने लंड को सहलाते हुए सब कुछ देख कर और सुन कर मज़े ले रहा था. मम्मी और नजमा ने शाहजी के लंड को सहलाना और चूसना शुरू कर दिया था. उनके झुक कर लंड चूसने से उनके चूतड़ ऊपर उठ गये थे. दोनो के गोरे गोरे खूबसूरत चुतड़ों को देख कर मैं जज़्बात से कपकपा गया और बे-एख्तियार उठ कर शाहजी की फैली हुई टाँगों के पास आ कर अपने दोनो पैर शाहजी के पैर के दोनो तरफ रखे और घुटनो के बल बैठ कर एक हाथ नजमा के चुतड़ों पर और दूसरा हाथ मम्मी के चुतड़ों पर रखा और दोनो के चुतड़ों को दबाते हुए अपनी उंगली से उनकी गान्ड के सुराख को सहला ना शुरू कर दिया.

दोनो की गान्ड चूत से रिसने वाले पानी से गीली हो रही थी. मैं गान्ड को सहलाते हुए पीछे से अपनी उंगली दोनो की चूत मे घुसा कर दोनो को उंगली से चोदना शुरू कर दिया. जैसे ही मैने अपनी उंगली उनकी चूत मे अंदर बाहर करना शुरू किया दोनो एकदम शाहजी के लंड से अपना मुँह हटा कर लज़्ज़त और जज़्बात की शिद्दत से चूतड़ हिला ती हुई एक साथ बड बड़ा ने लगीं. “हूओ हूओ ऊओफफफ्फ़ हाँ..हां इसी तरह ज़ोर ज़ोर से करो बहुत मज़ा आ रहा है.”
 
शाहजी जो सब कुछ देख रहा और सुन रहा था, यह सब देख कर एकदम उसके जज़्बात बे-क़ाबू होगये और जज़्बात की शिद्दत से फूँकारता हुआ एक झटके से उठा और नजमा की कमर मे हाथ डाल कर उसे बिस्तर पर पटक कर उस पर सवार होगया और अपना टनटनाता हुआ लंड उसकी चूत पर रख कर एक धक्के मे अपना पूरा लंड जड तक उसकी चूत मे घुसा कर उसकी दोनो चुचियों को पकड़ा और पूरी ताक़त से चोदना शुरू कर दिया.

“हाई मर गयी ऊऊफफफफ्फ़…” शाहजी के पहले ताक़तवर धक्के से नजमा तकलीफ़ से चीख पड़ी और शुरू के चार पाँच धक्को पर उसके मुँह से दर्द मे डूबी हुई चीख निकल जाती फिर उसकी तकलीफ़ भरी चीख लज़्ज़त भरी सिसकयों मे बदलने लगी और उसने अपनी दोनो टाँगों को शाहजी की कमर पर रख कर उसे अपनी टाँगों से जकड लिया और अब खुद भी नीचे से चूतड़ उठा कर धक्का मारते हुए मज़े और लज़्ज़त मे डूब कर बड़बड़ाने लगी. “हाई….हाई….ऊओफफफफ्फ़….हां..हां होहो..होहो.. ऊओफफ्फ़ बबबाहुत मज़ा आ रहा है साले भड्वे क्या ताक़त नही है और ज़ोर से छोड़ मुझे.”

शाहजी अब पूरी तरह मस्ती मे डूब कर अपनी औक़ात पर आ गया था इसलिए वो अब अपने तूफ़ानी रफ़्तार वाले धक्को से चोदने की बजाए आराम आराम से नजमा की चुचियों को मसलता और चूमता हुआ चोदना शुरू कर दिया था. नजमा की बात सुन कर वो उसी तरह धक्का मारते हुए हांपति हुई आवाज़ मे बोला, “साली रंडी मुझे भड्वा क्यूँ बोलती है भडवा तो तेरा बहेन चोद भाई है जो पैसे ले कर अपनी माँ और बेहन को चुदवा रहा है.”

“ऊऊफफफ्फ़ हाँ हाँ तुम नही मेरा भाई ही भडवा है, उसी ने मुझे और मम्मी दोनो को रंडी बनाया है.” नजमा शाहजी के बाल को पकड़ कर उसके सर को नीचे लाकर उसके होंठ को चूमती हुई लज़्ज़त भरी आवाज़ मे बोली.

नजमा की बात सुन कर शाहजी ने एक ज़ोरदार धक्का मारा और अपने लंड को नजमा की चूत मे दबाए हुए धक्के मारना बंद करके मेरी तरफ़दारी करता हुआ बोला, “साली रंडी सिर्फ़ उसे क्यूँ कहती है तू खुद भी तो चुदवाना चाहती थी और पैसे के ललाच मे तू अपनी मर्ज़ी से चुदवाने के लिए मेरे पास आई थी, क्यूँ भूल गयी और हाँ चुदाई के आधे पैसे तो तू खुद भी लेती थी.”
 
नजमा की बात सुन कर शाहजी ने एक ज़ोरदार धक्का मारा और अपने लंड को नजमा की चूत मे दबाए हुए धक्के मारना बंद करके मेरी तरफ़दारी करता हुआ बोला, “साली रंडी सिर्फ़ उसे क्यूँ कहती है तू खुद भी तो चुदवाना चाहती थी और पैसे के ललाच मे तू अपनी मर्ज़ी से चुदवाने के लिए मेरे पास आई थी, क्यूँ भूल गयी और हाँ चुदाई के आधे पैसे तो तू खुद भी लेती थी.”

शाहजी की बात सुन कर नजमा गर्दन मोड़ कर मेरी तरफ देखी और मस्त अंदाज़ मे मुस्कुरा कर बोली, “हाई शाहजी यह तो मेरा बहुत ही प्यारा बहेन चोद भाई है, यह नही होता तो मुझे चुदाई का ऐसा मज़ा कहाँ मिलता जो तुम लोगों से चुदवा कर मिलता है, अब शादी करके चली जाउन्गी तो ऐसी चुदाई का मज़ा कहाँ से मिलेगा जो यहाँ तुम लोगों की रंडी बनके मिल रहा है. मेरा दिल तो यह चाहता है कि शादी वादी नही करूँ बल्कि पूरी तरह रंडी बन के चुदवाना शुरू कर दूँ…………..हाई कितनी मज़ेदार ज़िदगी हो गी रोज़ नया नया मर्द और नया नया लंड ऊऊफफफ्फ़” नजमा यह कहते हुए लज़्ज़त भरी सिसकारी ले कर अपनी आँखें बंद कर ली.

मैं और मम्मी दोनो चुप चाप दोनो की चुदाई देख रहे थे और उनकी बातें सून रहे थे, उनकी चुदाई और बातों को सुन कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी रगों मे खून की जगह जज़्बात का लावा दौड़ने लगा था,

मैं आहिस्ता आहिस्ता अपने लंड को भी सहला रहा था. मेरी तरह मम्मी को भी मज़ा आ रहा होगा क्योंकि वो भी चुप चाप सब कुछ देखती और सूनती हुई अपनी चूत मे अपनी उंगली घुसाए हुए अंदर बाहर कर रही थी. मैं कभी शाहजी और नजमा की चुदाई देखता तो कभी मम्मी की चूत को देखता.

तक़रीबन 10 मिनिट तक दोनो इसी तरह एक दूसरे को चूमते, गालियाँ देते हुए और नंगी बातें करते हुए चुदाई करते रहे फिर पहले नजमा झडी उसके 5 मिनिट के बाद शाहजी झड गया.

दोनो झड़ने के बाद थोड़ी देर तक चुप चाप पड़े रहे फिर उठ कर साथ साथ वॉश रूम चले गये. उनके जाते ही मैं खिसक कर मम्मी के बराबर बैठ गया और मम्मी का हाथ पकड़ कर अपने लोहे की तरह तने हुए लंड पर रखता हुआ बोला, “मम्मी दोनो की चुदाई देख कर मेरा लंड पागल हो रहा है देखिए यह आग की तरह गरम होगया है.”

मम्मी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाती हुई बोली, “तेरा ही क्या मेरा भी बुरा हाल है,अभी दोनो आ जाएँ तो तुम नजमा को चोद कर अपने लंड की गर्मी निकाल लेना और शाहजी मुझे चोद कर मेरी गर्मी निकाल देगा.” यह कह कर वो मेरे लंड को देखने लगी और बोली, “पहले के मुक़ाबले मे मुझे तेरा लंड कुछ बड़ा और मोटा लग रहा है.”
 
मैने किसी को दवा से लंड की मालिश के बारे मे कुछ नही बताया था और ना ही अभी कुछ बताना चाहता था इसलिए मैं उनकी बात को टालने के लिए बोला. “अरे नही यह तो वैसे का वैसा ही है बस जज़्बात मे थोड़ा फूल गया है इसलिए आपको बड़ा महसूस हो रहा है….

शाहजी और नजमा के आने तक हम ने और कोई बात नही की बस मम्मी चुप चाप मेरे लंड को आहिस्ता आहिस्ता सहलाती रही. थोड़ी देर मे दोनो आ गये, शाहजी आते ही बाल्टी से ठंडी बियर की बॉटल को निकाल कर खोला और बॉटल को मुँह से लगा कर खड़े खड़े एक ही
साँस मे पूरी बॉटल पी कर एक लंबी डकार लिया और खाली बॉटल रख कर एक और बॉटल निकाल कर खोला और बॉटल को ले कर बिस्तर पर आ कर बैठ गया.

मम्मी जज़्बात से पागल हो रही थी शाहजी के बैठते ही वो शाहजी से लिपट-ती हुई बोली, “बॉटल को रखो और मुझे चोदना शुरू करो मुझ से अब बर्दाश्त नही हो रहा है.”

“फिकर क्यूँ करती है तेरी बेटी को चोद लिया है अब तेरा ही नंबर है, और तू तो देख ही रही है कि अभी तो चुदाई ख़तम की है अब दूसरी चुदाई के लिए लंड को तैयार होने मे आधा घंटा तो लग ही जाएगा इसलिए थोड़ा सबर कर.” शाहजी यह कह कर बियर की बॉटल को मुँह से
लगाया और एक घूँट ले कर बोतल को साइड टेबल पर रख दिया.

मम्मी तजुर्बे कार औरत थी वो जानती थी कि पहली चुदाई के बाद दूसरी चुदाई के लिए मर्द को तैयार होने मे थोड़ा वक़्त लगता है इसलिए वो कुछ बोले बगैर शाहजी के ढीले लंड को पकड़ कर सहलाने लगीं.

शाहजी को कुछ याद आया और वो मम्मी से पूछा. “तेरे पेट मे मेरा बच्चा आ गया था तो उसे गिराने के बजाए पैदा कर के मुझे बाप बना देती.”

“अगर दुनिया का डर नही होता तो उसे पैदा कर के तेरी ये तमन्ना ज़रूर पूरी कर देती.” मम्मी यह कह कर झुकी और शाहजी के लंड को
प्यार करने लगीं.
 
शाहजी को कुछ याद आया और वो मम्मी से पूछा. “तेरे पेट मे मेरा बच्चा आ गया था तो उसे गिराने के बजाए पैदा कर के मुझे बाप बना देती.”

“अगर दुनिया का डर नही होता तो उसे पैदा कर के तेरी ये तमन्ना ज़रूर पूरी कर देती.” मम्मी यह कह कर झुकी और शाहजी के लंड को
प्यार करने लगीं.

शाहजी का बेड इतना बड़ा नही था कि वहाँ दोनो एक साथ चुदाई कर सकते इसलिए मैं नजमा को ले कर सोफे पर आ गया और उसे अपनी गोद मे बैठा कर उसकी दोनो चुचियों को पकड़ कर दबाते हुए शाहजी से बोला, “शाहजी आज खुल कर अपनी पूरी गर्मी निकाल लो क्यूंकी
अब शायद दो महीने तक कोई मौका मिलना मुश्किल है, हाँ इस बीच मेरी गान्ड मार लेना और एक दो बार अपनी वही पुरानी रंडियो को
बुला कर चोद लेना.

मेरी बात सुन कर कुछ जवाब देने से पहले शाहजी बियर की बॉटल उठा कर दो तीन घूँट लिया फिर हथेली से अपने होंठो को सॉफ करता हुआ बोला, “तेरी चिकनी और गोरी गान्ड तो ठीक है मगर तेरी बहेन और माँ जैसी खूबसूरत हसिनाओं को चोदने के बाद इन काली पीली रंडियो को चोदने के लिए हमारा लंड ही खड़ा नही होगा तो हम चोदेन्गे क्या.” शाहजी यह कह कर रुका और बियर की बॉटल उठा कर लंबे
लंबे घूँट ले कर बॉटल को खाली कर के वापस रख कर मुझे देखते हुए कहने लगा, “अब तुझे शरीफ, ज़ाहिद और रशीद की हालात बताता हूँ कि तीनो की क्या हालत हुई थी जब मैने पहली बार उन्हें बताया था कि अब थोड़े दिनों मे नजमा की शादी होने वाली है उसके बाद हम
नजमा को नही चोद सकें गे, यह खबर सुन कर तीनो का चेहरा उतर गया था…..”

नजमा जो मेरी गोद मे बैठी अपनी छाती के सहलाने और दबाने का मज़ा लेते हुए शाहजी की बात सून रही थी एकदम बीच मे बोल पड़ी,
“क्या तुम को यह बात सुन कर दुख नही हुआ था ?”

शाहजी नजमा को देखता हुआ बोला, “मेरी जान दुख कैसे नही होता क्यूंकी तूने अदाओ के साथ अपना नंगा नाच दिखा कर और हमारी मर्ज़ी के मुताबिक हर तरीक़े से चुदवा कर अपना दीवाना बना लिया था तो तेरी जुदाई का दुख तो होना ही था, मगर मेरा दुख उन तीनो से इसलिए कम था क्यूंकी तेरी शादी की बात होने से पहले ही मैं शहाब की मदद से तेरी माँ को चोदने का पूरा प्लान बना चुका था, जब तेरी शादी पक्की हुई तो सोचा कि यह आज नही तो कल होना ही था क्यूंकी तू हम चारों की रंडी थी हमारी बीवी नही जो पूरी ज़िंदगी हमारे साथ रहती हां तो मैं कह रहा था कि मुझे दुख इसलिए कम हुआ कि तेरे बाद तेरी जगह पर तेरी माँ आ जाती, चूँकि मैने उन तीनो को ना तो तेरी माँ के
बारे मे बताया था ना अपने प्लान के बारे मे इसी लिए वो तीनो मुझ से ज़्यादा उदास थे, अब तेरे बाद तेरी माँ हम तीनो की रंडी बनेगी और जब इसे हम अपनी रंडी बना कर चोदना शुरू कर देंगे तो इसे भी नंगा नाचना सिखा कर इसे चोदने के साथ साथ इसका नंगा नाच भी
देखेंगे.” यह कह कर वो मम्मी की दोनो चुचियों को पकड़ कर दबाता हुआ मम्मी से पूछा, “बोल मेरी जान नजमा के जाने के बाद तू इसकी जगह हम चारों की रंडी बन रही है ना ?”
 
यह सब बातें करते हुए शाहजी का लंड जो अब पूरी तरह अकड कर तन चुका था जिसे मम्मी सहलाते हुए सब बातें सून रही थी, शाहजी के पूछने पर वो जल्दी से बोली, “तुम जो बोलो गे सब कर लूँगी मगर मैं नाचूंगी नही क्यूंकी मुझे यह नाच वाच नही आता है ना ही मैने कभी
नाचा है.”

शाहजी भी अब जोश और जज़्बात मे बेक़ाबू होने लगा था वो मम्मी की कमर मे हाथ डाल कर उन्हें बिस्तर पर लिताता हुआ बोला, “नही आता है तो हम सिखा देंगे अब नजमा ही को देख ले वो साली शुरू शुरू मे शरम के मारे बात भी नही कर सकती थी मगर हम ने उसे सब कुछ सिखा दिया फिर तो वो अपनी छाती और चूतड़ हिला हिला कर और अपनी चूत खोल खोल कर दिखाती हुई इतनी मस्ती मे नाचने लगी
कि इसका नाच देख कर चोदे बगैर हम झड जाते थे, बस तेरे मियाँ को अमेरिका जाने दे उसके बाद खुद देखना कि कितनी जल्दी हम चारों तुझे सब कुछ सिखा देंगे.” यह कह कर शाहजी ने मम्मी के दोनो पैरो को पकड़ कर उठाया और अपना लंड मम्मी की चूत पर रख कर
धक्का मार कर चोदना शुरू कर दिया.

इधर मैं भी नजमा को सोफे पर लेटा कर उसे चोदने लगा, अब पूरा कमरा मम्मी और नजमा की लज़्ज़त भरी हाई….हाई…हो…हूँ…ऊफफफ्फ़ से गूँज रहा था. तक़रीबन 45 मिनिट तक पोज़ बदल बदल कर चुदाई करते रहे फिर पहले मैं और नजमा झड़े फिर हमारे 5
मिनिट के बाद शाहजी और मम्मी भी झड गये.

चुदाई के बाद हम तीनो हर तरफ देख भाल कर शाहजी के घर से निकले और जब शाहजी की गली से निकल कर रोड पर आ गये तो हमे सकून मिल गया, क्यूंकी गली से निकलते हुए हम डर रहे थे कि कोई हमे गली से निकलता हुआ ना देख ले, मगर रात के सन्नाटे मे हमे देखने वाला कोई नही था. हम 11 बजे के लगभग घर पहुँचे दोनो भाईजान और भाभी अभी तक नही आए थे इसलिए हमें और भी सकून मिल गया.

दिन तेज़ी से गुज़रने लगे, रोज़ का वही लगा बँधा मामूल, सुबह पापा के साथ जाना और रात को कॉलेज के बहाने घूम फिर कर वापस आना. इस बीच लाख कोशिश के बावजूद भाभियो को नंगा देखने का कोई मौका नही मिला. हर दूसरे तीसरी दिन शाहजी का पास गान्ड मरवाने ज़रूर जाता. मैं अपनी दवा बहुत पाबंदी से इस्तेमाल कर रहा था जिस की वजह से मेरे लंड मे बहुत फरक आ गया था. दूसरी तरफ बहुत
दिल लगा कर बिज़्नेस को सीख रहा था. इस दरमिय्याँ करमू अपनी टेक्शी मे घूमता फिरता मिलने के लिए दुकान आ जाता. उसने अपने जानने वाले पोलीस वाले की मदद से बगैर कोई टेस्ट दिए मेरा ड्राइविंग लाइसेन्स भी बनवा दिया. मेरा लाइसेन्स देख कर पापा ने गाड़ी चलाने
की इजाज़त देदि मगर पहले उन्होने मुझे अपने साथ 15/20 दिन तक गाड़ी चलाने की प्रॅक्टीस करवाई थी.
 
नजमा की शादी का दिन जैसे जैसे क़रीब आता गया घर मे आने जाने वाले भी बढ़ते गये. भाईओं की शादी और नजमा की शादी मे बहुत फरक था क्यूंकी भाईओं की शादी मे दहेज का कोई चक्कर नही था जबकि नजमा के दहेज की पूरी तैयारी हो रही थी, शादी के एक महीने पहले ही नजमा की पसंद के मुताबिक़ दहेज मे देने के लिए शहर के मशहूर फर्निचर बनाने वाले को कॉम्प्लेट फर्निचर बनाने का काम दे दिया गया था. सफ्दर अंकल ने वीसीआर, कलर टीवी, पोइनीर का म्यूज़िक सिस्टम और रेफ्रिजरेटर अपनी तरफ से नजमा को दिया था, चाचा
और नानी जान की तरफ से गोल्ड का पूरा सेट दिया गया था. रोज़ शॉपिंग हो रही थी कुछ ना कुछ खरीदा जा रहा था. हमारा पुराना फॅमिली टेलर महीनो पहले ही से सिलाई का काम शुरू कर दिया था, नजमा ने एक महीने पहले ही से अपनी चूत को टाइट करने के लिए फिटकिरी
का इस्तेमाल शुरू कर दिया था. शादी के 8 दिन पहले ही से नजमा का घर से निकल ना बंद कर दिया गया और उसे उबटन और हल्दी
लगाया जाने लगा और आधी आधी रात तक ढोलक की थाप पर नाच गाने का हंगामा होने लगा.

नजमा की शादी बड़ी धूम धाम से होगयि और वो रोते हुए और सब को रुलाते हुए रुखसत होगयि. मैने बारात आने से पहले ही एक छोटी बॉटल मे कबूतर के खून का इंतज़ाम कर लिया था जिसे मम्मी ने रुखसत होते वक़्त चुपके से नजमा को दे दिया. रसम के मुताबिक़ नानी
जान नजमा के साथ गयी थी. नजमा के रुखसत होते ही पूरे घर मे एकदम सन्नाटा होगया.,,,,

तीसरे दिन हम सब वालिमे मे गये और वलिमे के बाद रस्म के मुताबिक़ नजमा को अपने साथ ले कर आ गये. नजमा जब आई तो उस दिन अकेले मे उसे बात करने का कोई मौका नही मिला. दूसरे दिन शाम को ठंडी हवा खाने का बहाना बना कर छत (रूफ) पर मेरे साथ आ गई तो मैने बेताबी से पूछा, “अब जल्दी जल्दी बताओ कि सुहाग रात कैसी रही, चुदाई के बारे मे बताओ और यह बताओ कि उसे कोई शक तो नही हुआ ?”

नजमा मेरी बात सुन कर हंस दी और हंसते हुए बोली, “कमाल बहुत ही सीधा साधा और बिल्कुल बुद्धू मर्द है, उसने शादी से पहले किसी को चोदना तो दूर की बात है किसी लड़की को नंगा भी नही देखा. वो चोदने मे बुरा नही है, उसका लंड छोटा तो है मगर बहुत देर तक चोदता है.” इतना कह कर नजमा थोड़ा रुकी फिर कुछ याद कर के ज़ोर से हंस पड़ी और हंसते हुए बोली. “जब वो मेरे कपड़े उतारने लगा तो मैं ने उसका हाथ पकड़ लिया और थोड़े गुस्से के साथ शरमाने की आक्टिंग करते हुए उस से बोली “छी छी आप को शरम नही आती आप मुझे नंगा क्यूँ कर रहे हैं” वो मेरे गुस्से से थोड़ा घबरा गया और शरमाते हुए मुझे टूटे टूटे सेंटेन्स मे मियाँ बीवी के बारे मे कुछ बताने की
कोशिश कर के मेरे कपड़े उतार ना चाहा तो मैने सोचा कि क्यूँ ना पूरा ड्रामा करके सिर्फ़ उसे ही नही उसके पूरे घर वालों को बे-वक़ूफ़ बना कर अपनी शराफ़त की पक्की छाप लगा दूँ.

यह सोच कर मैं उसके हाथ को झटक कर बिस्तर से उतर गयी और चीखने चिल्लाने लगी, वो बेचारा मुझे चीखता चिल्लाता देख कर वो घबरा कर कमरे का दरवाज़ा खोला और बिजली की तरह बाहर निकल गया, इतनी देर मे मेरी
चीख पुकार सुन कर मेरी सास कमरे मे आ गई तो मैं रोने की आक्टिंग करते हुए उससे लिपट गई और गुस्सा दिखाते हुए उन से कहा,
“कमाल बहुत बे-शरम है वो मेरे कपड़े उतार रहे थे,”
 
मेरी बात सुन कर वो एकदम सटपटा गयी और मुझे ठहरने का कह कर कमरे से चली गयी. वो नानी जान के पास गयी थी और उन्हें जगा कर पूरी बात उनको बताई थी क्यूंकी थोड़ी देर मे नानी जान मेरे पास आगयि और कमरे का दरवाज़ा बंद करके मुझे पूरी तफ़सील से एक एक बात बताई कि शादी के बाद क्या होता है और सुहाग रात मे मियाँ बीवी क्या करते हैं, सब कुछ बता कर चली गयी और जाते जाते बोल गयी कि कमाल जो कुछ मेरे साथ करे मैं उसे करने दूँ. थोड़ी देर मे कमाल वापस आगये और थोड़ी देर मेरे पास बैठ कर इधर उधर की बात करते रहे फिर मेरे कपड़े उतारने लगे इस बार मैने उन्हें नही रोका. मुझे नंगा करने के बाद खुद भी नंगे होगये और 10 मिनिट तक वो मुझे चूमते और प्यार करते रहे और मेरी खूबसूरती की तारीफ़ करते रहे फिर उन्होने मुझे चोदने के लिए अपना लंड मेरी चूत मे घुसाना शुरू कर
दिया तो मैं तकलीफ़ की आक्टिंग करके रोने लगी और उन्हें छोड़ने के लिए कहने लगी. फिर जब ठीक से धक्के मार मार कर चोदना शुरू किया तो मैने उनसे लिपट कर उन्हें बताया कि बहुत मज़ा आ रहा है. चुदाई ख़तम करके वो जैसे ही वॉशरूम गये मैने जल्दी से खून की बॉटल निकाली और अपनी चूत के पास बिस्तर पर थोड़ा खून डाल कर बॉटल को गद्दे के नीचे छुपा दिया, जब वो वापस आए तो मैने रोने की
आक्टिंग करके उन्हें बताया कि मेरी चूत फॅट गयी है और खून निकला है, उसने बिस्तर पर खून देख कर खुशी से मुझे लिपटा कर बताया
कि खून क्यूँ निकला है और कैसे निकला है.”

मैं बिल्कुल चुप चाप नजमा की बात सून रहा था बीच मे कुछ इसलिए नही बोला कि कोई भी छत पर आ सकता था और नजमा की पूरी बात सून नही पाता. नजमा ने जब अपनी बात ख़तम की तो मैं उसके कान को पकड़ कर बोला, “तूने तो कमाल कर दिया तुम इतनी चालबाज़
होगी मैं सोच भी नही सकता था अब अगर कोई भी जा कर उनसे कहे कि तुम शादी से पहले खूब चुदवा चुकी हो तो वो ज़िदगी भर इस
बात का यक़ीन नही करें गे, अरे हाँ यह बताओ कि फिटकिरी के पानी से तुम्हारी चूत टाइट भी हुई या नही.”

“फिटकिरी के पानी ने तो कमाल कर दिया, मेरी चूत बिल्कुल कंवारी चूत की तरह टाइट हो गई है. मैने जब कमाल के लंड को देखा तो सोचा था कि उसके छोटे लंड से मुझे चुदाई का पूरा मज़ा नही मिलेगा मगर जब उसने लंड घुसाना शुरू किया तो सच कहती हूँ मुझे तकलीफ़ होने
लगी थी और उसका लंड चूत मे इस तरह फँस फँस कर घुस रहा था और निकल रहा था जैसे पहली बार शाहजी से चुदवाते हुए हुआ था.”

नजमा की बात सुन कर मैने सोचा कि उसे अपना लंड दिखा दूँ जो अब शाहजी के लंड से भी बड़ा और मोटा होगया था. मैने चारों तरफ देखा कि कोई अपनी छत से हमे देख तो नही रहा है, जब मुझे कोई भी नज़र नही आया तो मैं अपने पैंट की ज़िप को खोल कर अपना लंड
जो नजमा की बातें सुन कर पूरी तरह तन चुका था निकाला और नजमा के हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रखता हुआ बोला, “ज़रा इसे भी पकड़ कर देख ले.”
 
नजमा खप से मेरे लंड को पकड़ ली और बे हद हैरत मे डूबी हुई आवाज़ मे बोली, “बाप रे यययययएः तेरा ही है म्‍म्म्मगर इतना बड़ा और
मोटा कैसे होगया.”

मैं जल्दी से दोबारा अपने लंड को पैंट के अंदर करके ज़िप को बंद किया और उसे बताया कि मेरा लंड बड़ा और मोटा कैसे हुआ है.

वो मेरी बात सुन कर एक गहरा साँस ली और बोली, “तुम्हारा लंड तो शाहजी के लंड से भी बड़ा और मोटा होगया है, शहाब किसी भी तरह
कोई रास्ता निकाल कर मुझे चोदो, तुम्हारे लंड से मैं चुदवाने के लिए पागल होगयि हूँ.

“शाहजी, शरीफ, ज़ाहिद और रशीद सब के सब मेरे लंड को देख कर हैरान हैं कि दिन ब दिन मेरा लंड इस तेज़ी से कैसे बढ़ रहा है, मैने किसी को भी दवा के बारे मे नही बताया है और ना ही कभी बताउन्गा तुम भी कभी किसी को मत बता देना.” नजमा मेरी राज़दार थी इसलिए उसे सब कुछ बता दिया. थोड़ी देर बाद हम दोनो नीचे आ गये.

दो दिन के बाद नजमा के सुसराल वालों की दावत हम ने रखी थी, दावत के बाद नजमा वापस अपने सुसराल चली गयी.

शादी के एक हफ्ते के बाद चाचा चाची भी वापस इंडिया चले गये. कबीर और आस्मा की सम्मर वाकेशन थी वो ज़्यादा तर नानी जान के घर रहते थे इसके बावजूद मम्मी के साथ कुछ करने का मौका नही मिलता था क्यूंकी दोनो भाभियाँ घर पर होती थी. मैं समझ रहा था कि सब के यूएसए चले जाने के बाद ही कुछ करने का मौका मिलेगा. दिन रात मैं यही सोचता रहता कि सब के जाने के बाद मैं किस तरह मम्मी को राज़ी करके चोदु, फिर नजमा की कही हुई दो बात याद आई, पहली बात जिस का मतलब यह था “जो औरत किसी मर्द के लंड को पकड़
लेती है उसे चोदना मुश्किल नही” दूसरी बात मम्मी को शराब पिलाने की. इन दो बातों ने मुझे एक रास्ता दिखाया और मैं उसी रास्ते को सामने रख कर मम्मी को चोदने का प्लान बनाने लगा. पापा की फ्लाइट से एक हफ्ते पहले मैने करमू की मदद से जॉनी वॉकर रेड लेबल की एक बॉटल 450 रुपये मे खरीद कर घर के स्टोर रूम मे छुपा कर रख दिया.
 
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