desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
इसके बाद हम तीनों ने कुछ देर रुक कर एक दूसरे से बातें की. मैं और सुजन उस लौंडिया की चुचियों से खेलते रहे.
फिर सैंडविच सेक्स की बात शुरू हो गई.
सुजन ने उसकी गांड में तेल लगा कर अपना लंड पेल दिया. वो फिर से चिल्ला उठी. उसकी आवाजें निकलने लगीं. ‘ऊ ऊ उम्म्ह … अहह … हय … ओह … अ..’
इसी बीच मैंने आगे से लंड पेल दिया उसकी सैंडविच चुदाई होने लगी. वो बहुत चिल्ला रही थी. लेकिन बाद में जब हम दोनों ने उसे गोद में उठा कर उसके दोनों छेद एक साथ चोदे, तो उसे लंड झूला मजा देने लगा. अब वो बड़ी मस्ती से चुदवा रही थी.
कुछ देर बाद खेल अपनी समाप्ति पर आ गया था. अब तक हम लोग दो-दो बार झड़ चुके थे. फिर मैंने उसके फोटो और वीडियो डिलीट कर दिए.
आज का खेल खत्म होने पर हम तीनों ने कपड़े पहन कर एक नया फोटो खींच लिया. हम लोगों ने एक दूसरे के साथ दुबारा मिलने की बात पक्की कर ली. लौंडिया हमारे व्यवहार से बड़ी खुश थी.
फिर सुजन ने नाश्ता खोला और हम तीनों ने नाश्ता किया. इसके बाद सुजन उसे छोड़ने चला गया.
उसने जाते समय मुझसे कहा- जब भी तुम लोगों का मन हो, तो मुझे बुला लेना, मैं तुम दोनों के साथ चुदने के लिए राजी हूँ.
वह हम दोनों से पट चुकी थी, उसे भी बहुत मजा आया था. जब सुजन उसे छोड़ने गया, तो उसकी नजर उसकी मां पर पड़ी. लौंडिया की मम्मी के मम्मे बहुत बड़े बड़े थे. उसकी मम्मी भी बहुत सेक्सी माल लग रही थी. सुजन का मन मचल गया.
जब वह मेरे पास वापस आया, तो चुपके से उसकी मम्मी की फोटो खींचकर लाया था. वो बोला- देख … कितनी कट्टो माल है.
मैंने पूछा- कौन है?
वो बोला- अभी जिस लड़की को चोदा है ना, ये उसकी मां है.
मैंने पूछा- तो इसकी फोटो क्यों खींच कर लाया?
वो बोला- इसको भी चोदेंगे.
मैं बोला- कैसे चोदेंगे?
उसने कहा- तू टेंशन मत ले … मैं तुझे इसे सैट करने के बाद में बताऊंगा.
अब हम दोनों लौंडिया की मम्मी पर नजर गड़ाए हुए थे. कुछ दिन तक उसकी मम्मी की जानकारी की, उसका कोई आशिक भी नहीं था. उसका पति भी खूब मालदार था … लेकिन शरीर से मरियल था.
एक दिन सुजन बोला कि आज उस लड़की को फिर से चोदा जाए.
मैंने कहा- हां वो तो खुद कह कर गई थी कि जब चाहो तब बुला लेना. लेकिन उसकी मम्मी का क्या हुआ?
सुजन बोला- अभी उसकी मम्मी सैट नहीं हुई है, आज उसकी मां नहीं, तो वही फिर से सही.
मैंने और सुजन ने उस लड़की से बात की. सुजन ने कहा कि आज रूम पर आ जाना.
वह मना करने लगी- अभी नहीं, बाद में आती हूं … आज दिन में मुझे बहुत काम है.
वो अपने हाथ में फोन लिए थी. उसे देख कर सुजन बोला- मिष्टी, यह फोन किसका है?
मिष्टी- यह फोन मेरा है?
फिर हमने उसका नंबर ले लिया.
उसने मिष्टी से कहा कि मैं तुम्हें मिस कॉल कर रहा हूं. मेरे नम्बर पर कॉल करके बता देना कि कब आ रही हो. लेकिन जल्दी आना.
वो हां कह कर चली गई.
शाम को जब मेरे पास फोन आया- तुम लोग मेरे घर आ जाओ.
मैंने उसके घर आने के कारण पूछा.
तो मिष्टी ने कहा- इसलिए क्योंकि आज मैं घर पर अकेली हूँ. मेरे मम्मी पापा शाम को मेरे लिए लड़का देखने जा रहे हैं. वो लोग दूसरे दिन वापस आएंगे. तुम लोग रात के 10:00 बजे के बाद आ जाना.
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने सुजन को फोन लगाया और कहा कि मिष्टी का फोन आया था. वो आज रात को अपने घर बुला रही है.
सुजन ने भी ओके कह दिया. वो कुछ देर बाद मेरे घर आ गया. फिर हम लोग शाम का इंतजार करने लगे. रात को 9:30 बजे हम अपने घर से उसके घर के लिए जाने लगे.
मैंने एक बार फिर से मिष्टी को कॉल किया- हम लोग आ रहे हैं.
मिष्टी- हां आ जाओ.
हम दोनों मिष्टी के घर पहुंचे. मिष्टी ने दरवाजा खुला रखा था. हम दोनों इधर उधर नजर बचाते हुए अन्दर आए, तो देखा कि मिष्टी बहुत ही सुंदर कपड़ों में सामने खड़ी थी.
हम लोग अन्दर आ कर बैठ गए. उसने खाना लगाया और हम तीनों लोगों ने खाना खाया.
इसके बाद हम तीनों उसकी मम्मी के बेडरूम में आ गए. उस कमरे में उसकी मम्मी की कई सारी फोटो लगी थीं. फोटो देखकर सुजन का मन चंचल हो गया.
सुजन ने मिष्टी को किस किया. मैं पीछे से जाकर उसके कपड़े उतारने लगा. फिर हम लोगों ने उसे देखा, तो ऐसा लगा कि खुद हम लोगों से ज्यादा जल्दी से चुदने की पड़ी थी.
मिष्टी खुद हम दोनों को दिखा दिखा कर अपनी चूत सहला रही थी, उँगलियों से खोल खोल कर अंदर का गुलाबी भाग दिखा रही थी, हमें ललचा रही थी.
हम दोनों ने उसके मुँह में अपने लंड दे दिए. उसका मुँह छोटा था, तो लंड एक साथ नहीं जा रहे थे. वो हम दोनों के लंड एक एक करके चूस रही थी.
हम लोगों ने उसे लिटा कर खूब चूमा. वो एकदम गर्म हो गई थी.
मैं बोला- एक एक करके लोगी या एक साथ?
वो बोली- एक साथ लूंगी.
हम दोनों ने एक साथ उसके दोनों छेदों में लंड पेले … और उसे गोद में उठा कर खूब चोदा. एक बार की चुदाई के बाद एक एक बार अलग अलग करके भी उसको चोदा. फिर हम तीनों नंगे ही लिपट कर सो गए.
सुबह 4:00 बजे उठकर सुजन उसकी चुत में फिर से लंड पेला, तो वो फिर से गांड उठा उठा कर मजा देने लगी.
उसके बाद मैंने भी मिष्टी को चोदा और उससे कहा- मिष्टी, मुझे तुमसे एक बात कहनी है.
मिष्टी बोली- क्या?
मैंने कहा- हम दोनों को तुम्हारी मम्मी बड़ी मस्त लग रही हैं. यदि हम दोनों उनकी चुदाई करें, तो तुमको कोई ऐतराज तो नहीं होगा?
पहले तो मिष्टी चुप रही, फिर बोली- मुझे कोई दिक्कत नहीं है बल्कि मैं खुद तुम दोनों की इस काम में मदद करूंगी.
उसके मुँह से ये बात सुनकर हम दोनों खुश हो गए.
फिर हम दोनों उसके घर से आ गए.
मिष्टी को चोदने के बाद हम तीनों ही मिष्टी की मम्मी की चुदाई करने की जुगत में लग गए थे. मिष्टी को पहले से ही अपनी मम्मी की चुदास की जानकारी थी. उसने कई बार अपने पापा और मम्मी की असफल चुदाई को देखा था. उसकी मम्मी एक मजबूत लंड से चुदने के लिए खुद से बेचैन थीं.
जब मिष्टी ने मुझे ये बात फोन करके बताई, तो मेरे दिमाग में एक आइडिया आ गया.
मैंने मिष्टी से कहा- मैं तुम्हारे पास एक दोस्त बन कर उस समय आना चाहता हूँ, जब तुम्हारी मम्मी घर पर हों.
उसने हामी भर दी.
मैं दूसरे दिन उसके घर गया और उसकी मम्मी के सामने उससे मिला. मिष्टी ने अपनी मम्मी से मेरा परिचय अपने साथ पढ़ने वाले लड़के के रूप में कराया.
उसकी मम्मी के हाव भाव से मैं समझ गया कि उसकी मम्मी को सैट करना बड़ा काम नहीं है.
कुछ ही देर में मैं मिष्टी की मम्मी से घुल मिल गया. मैंने मिष्टी को इशारा किया कि वो हम दोनों को अकेला छोड़ दे.
मिष्टी मुझसे कह कर चली गई कि मैं जरा मन्दिर तक जा रही हूँ. अभी आधा घंटे में आ जाऊंगी, तुम मेरे आने तक रुके रहना.
मैंने हां कह दी और उसकी मम्मी से बात करने लगा.
मिष्टी के जाते ही उसकी मम्मी ने मुझसे सीधे सीधे पूछ लिया- क्या तुम मिष्टी को पसंद करते हो?
मैंने अपना सर झुका लिया.
मिष्टी की मम्मी का नाम सुषमा था.
जब सुषमा आंटी ने मुझसे जोर दे कर पूछा, तो मैंने हां कहते हुए कहा कि यदि आपको उसके लिए मैं पसंद नहीं हूँ, तो मैं आगे नहीं बढूँगा, आप बेशक उसकी शादी किसी और जगह कर सकती हैं.
सुषमा आंटी ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- मुझे तुमसे कुछ ख़ास बात करनी है.
मैं उनके इस तरह से अपने कंधे पर हाथ देख कर कुछ चौंक गया, लेकिन मैंने उनसे कहा- हां आप कुछ भी पूछ सकती हैं.
उन्होंने एक लम्बी सांस लेते हुए कहा- मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे साफ़ साफ़ बताओ कि क्या तुम मेरी बेटी को खुश रख सकोगे?
मैंने कहा- हां मैं इस बात की गारंटी लेता हूँ कि मिष्टी मेरे साथ खुश रहेगी.
वो बोलीं- तुम किस किस तरह से खुश रखने की बात की गारंटी दे रहे हो?
मैंने कहा- मैं हर तरह से उसे खुश रखने की बात कह रहा हूँ.
आंटी ने मुझसे सटते हुए पूछा कि क्या तुम उसके साथ सेक्स कर चुके हो?
मैंने ना में सर हिला दिया.
उन्होंने कहा कि मैं अपनी शादी से सेक्स से खुश नहीं हूँ और मैं चाहती हूँ कि कहीं ऐसा न हो कि उसको भी मायूसी झेलना पड़े.
मैं समझ गया कि अब आंटी चुदाई की बात करना चाहती हैं.
मैंने उनसे पूछा- इसको साबित करने के लिए मुझे क्या करना होगा?
आंटी ने एकदम से मुझे अपनी छाती से लगा लिया और बोलीं कि पहले तुमको मुझे खुश करना पड़ेगा.
मैंने इसके आगे कोई बात नहीं की और उनकी चुचियों को मसलते हुए कहा- इसमें कौन सी बड़ी बात है.
वो मुझे खींचते हुए अपने कमरे में ले गईं और कमरे की कुण्डी लगा दी.
फिर सैंडविच सेक्स की बात शुरू हो गई.
सुजन ने उसकी गांड में तेल लगा कर अपना लंड पेल दिया. वो फिर से चिल्ला उठी. उसकी आवाजें निकलने लगीं. ‘ऊ ऊ उम्म्ह … अहह … हय … ओह … अ..’
इसी बीच मैंने आगे से लंड पेल दिया उसकी सैंडविच चुदाई होने लगी. वो बहुत चिल्ला रही थी. लेकिन बाद में जब हम दोनों ने उसे गोद में उठा कर उसके दोनों छेद एक साथ चोदे, तो उसे लंड झूला मजा देने लगा. अब वो बड़ी मस्ती से चुदवा रही थी.
कुछ देर बाद खेल अपनी समाप्ति पर आ गया था. अब तक हम लोग दो-दो बार झड़ चुके थे. फिर मैंने उसके फोटो और वीडियो डिलीट कर दिए.
आज का खेल खत्म होने पर हम तीनों ने कपड़े पहन कर एक नया फोटो खींच लिया. हम लोगों ने एक दूसरे के साथ दुबारा मिलने की बात पक्की कर ली. लौंडिया हमारे व्यवहार से बड़ी खुश थी.
फिर सुजन ने नाश्ता खोला और हम तीनों ने नाश्ता किया. इसके बाद सुजन उसे छोड़ने चला गया.
उसने जाते समय मुझसे कहा- जब भी तुम लोगों का मन हो, तो मुझे बुला लेना, मैं तुम दोनों के साथ चुदने के लिए राजी हूँ.
वह हम दोनों से पट चुकी थी, उसे भी बहुत मजा आया था. जब सुजन उसे छोड़ने गया, तो उसकी नजर उसकी मां पर पड़ी. लौंडिया की मम्मी के मम्मे बहुत बड़े बड़े थे. उसकी मम्मी भी बहुत सेक्सी माल लग रही थी. सुजन का मन मचल गया.
जब वह मेरे पास वापस आया, तो चुपके से उसकी मम्मी की फोटो खींचकर लाया था. वो बोला- देख … कितनी कट्टो माल है.
मैंने पूछा- कौन है?
वो बोला- अभी जिस लड़की को चोदा है ना, ये उसकी मां है.
मैंने पूछा- तो इसकी फोटो क्यों खींच कर लाया?
वो बोला- इसको भी चोदेंगे.
मैं बोला- कैसे चोदेंगे?
उसने कहा- तू टेंशन मत ले … मैं तुझे इसे सैट करने के बाद में बताऊंगा.
अब हम दोनों लौंडिया की मम्मी पर नजर गड़ाए हुए थे. कुछ दिन तक उसकी मम्मी की जानकारी की, उसका कोई आशिक भी नहीं था. उसका पति भी खूब मालदार था … लेकिन शरीर से मरियल था.
एक दिन सुजन बोला कि आज उस लड़की को फिर से चोदा जाए.
मैंने कहा- हां वो तो खुद कह कर गई थी कि जब चाहो तब बुला लेना. लेकिन उसकी मम्मी का क्या हुआ?
सुजन बोला- अभी उसकी मम्मी सैट नहीं हुई है, आज उसकी मां नहीं, तो वही फिर से सही.
मैंने और सुजन ने उस लड़की से बात की. सुजन ने कहा कि आज रूम पर आ जाना.
वह मना करने लगी- अभी नहीं, बाद में आती हूं … आज दिन में मुझे बहुत काम है.
वो अपने हाथ में फोन लिए थी. उसे देख कर सुजन बोला- मिष्टी, यह फोन किसका है?
मिष्टी- यह फोन मेरा है?
फिर हमने उसका नंबर ले लिया.
उसने मिष्टी से कहा कि मैं तुम्हें मिस कॉल कर रहा हूं. मेरे नम्बर पर कॉल करके बता देना कि कब आ रही हो. लेकिन जल्दी आना.
वो हां कह कर चली गई.
शाम को जब मेरे पास फोन आया- तुम लोग मेरे घर आ जाओ.
मैंने उसके घर आने के कारण पूछा.
तो मिष्टी ने कहा- इसलिए क्योंकि आज मैं घर पर अकेली हूँ. मेरे मम्मी पापा शाम को मेरे लिए लड़का देखने जा रहे हैं. वो लोग दूसरे दिन वापस आएंगे. तुम लोग रात के 10:00 बजे के बाद आ जाना.
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने सुजन को फोन लगाया और कहा कि मिष्टी का फोन आया था. वो आज रात को अपने घर बुला रही है.
सुजन ने भी ओके कह दिया. वो कुछ देर बाद मेरे घर आ गया. फिर हम लोग शाम का इंतजार करने लगे. रात को 9:30 बजे हम अपने घर से उसके घर के लिए जाने लगे.
मैंने एक बार फिर से मिष्टी को कॉल किया- हम लोग आ रहे हैं.
मिष्टी- हां आ जाओ.
हम दोनों मिष्टी के घर पहुंचे. मिष्टी ने दरवाजा खुला रखा था. हम दोनों इधर उधर नजर बचाते हुए अन्दर आए, तो देखा कि मिष्टी बहुत ही सुंदर कपड़ों में सामने खड़ी थी.
हम लोग अन्दर आ कर बैठ गए. उसने खाना लगाया और हम तीनों लोगों ने खाना खाया.
इसके बाद हम तीनों उसकी मम्मी के बेडरूम में आ गए. उस कमरे में उसकी मम्मी की कई सारी फोटो लगी थीं. फोटो देखकर सुजन का मन चंचल हो गया.
सुजन ने मिष्टी को किस किया. मैं पीछे से जाकर उसके कपड़े उतारने लगा. फिर हम लोगों ने उसे देखा, तो ऐसा लगा कि खुद हम लोगों से ज्यादा जल्दी से चुदने की पड़ी थी.
मिष्टी खुद हम दोनों को दिखा दिखा कर अपनी चूत सहला रही थी, उँगलियों से खोल खोल कर अंदर का गुलाबी भाग दिखा रही थी, हमें ललचा रही थी.
हम दोनों ने उसके मुँह में अपने लंड दे दिए. उसका मुँह छोटा था, तो लंड एक साथ नहीं जा रहे थे. वो हम दोनों के लंड एक एक करके चूस रही थी.
हम लोगों ने उसे लिटा कर खूब चूमा. वो एकदम गर्म हो गई थी.
मैं बोला- एक एक करके लोगी या एक साथ?
वो बोली- एक साथ लूंगी.
हम दोनों ने एक साथ उसके दोनों छेदों में लंड पेले … और उसे गोद में उठा कर खूब चोदा. एक बार की चुदाई के बाद एक एक बार अलग अलग करके भी उसको चोदा. फिर हम तीनों नंगे ही लिपट कर सो गए.
सुबह 4:00 बजे उठकर सुजन उसकी चुत में फिर से लंड पेला, तो वो फिर से गांड उठा उठा कर मजा देने लगी.
उसके बाद मैंने भी मिष्टी को चोदा और उससे कहा- मिष्टी, मुझे तुमसे एक बात कहनी है.
मिष्टी बोली- क्या?
मैंने कहा- हम दोनों को तुम्हारी मम्मी बड़ी मस्त लग रही हैं. यदि हम दोनों उनकी चुदाई करें, तो तुमको कोई ऐतराज तो नहीं होगा?
पहले तो मिष्टी चुप रही, फिर बोली- मुझे कोई दिक्कत नहीं है बल्कि मैं खुद तुम दोनों की इस काम में मदद करूंगी.
उसके मुँह से ये बात सुनकर हम दोनों खुश हो गए.
फिर हम दोनों उसके घर से आ गए.
मिष्टी को चोदने के बाद हम तीनों ही मिष्टी की मम्मी की चुदाई करने की जुगत में लग गए थे. मिष्टी को पहले से ही अपनी मम्मी की चुदास की जानकारी थी. उसने कई बार अपने पापा और मम्मी की असफल चुदाई को देखा था. उसकी मम्मी एक मजबूत लंड से चुदने के लिए खुद से बेचैन थीं.
जब मिष्टी ने मुझे ये बात फोन करके बताई, तो मेरे दिमाग में एक आइडिया आ गया.
मैंने मिष्टी से कहा- मैं तुम्हारे पास एक दोस्त बन कर उस समय आना चाहता हूँ, जब तुम्हारी मम्मी घर पर हों.
उसने हामी भर दी.
मैं दूसरे दिन उसके घर गया और उसकी मम्मी के सामने उससे मिला. मिष्टी ने अपनी मम्मी से मेरा परिचय अपने साथ पढ़ने वाले लड़के के रूप में कराया.
उसकी मम्मी के हाव भाव से मैं समझ गया कि उसकी मम्मी को सैट करना बड़ा काम नहीं है.
कुछ ही देर में मैं मिष्टी की मम्मी से घुल मिल गया. मैंने मिष्टी को इशारा किया कि वो हम दोनों को अकेला छोड़ दे.
मिष्टी मुझसे कह कर चली गई कि मैं जरा मन्दिर तक जा रही हूँ. अभी आधा घंटे में आ जाऊंगी, तुम मेरे आने तक रुके रहना.
मैंने हां कह दी और उसकी मम्मी से बात करने लगा.
मिष्टी के जाते ही उसकी मम्मी ने मुझसे सीधे सीधे पूछ लिया- क्या तुम मिष्टी को पसंद करते हो?
मैंने अपना सर झुका लिया.
मिष्टी की मम्मी का नाम सुषमा था.
जब सुषमा आंटी ने मुझसे जोर दे कर पूछा, तो मैंने हां कहते हुए कहा कि यदि आपको उसके लिए मैं पसंद नहीं हूँ, तो मैं आगे नहीं बढूँगा, आप बेशक उसकी शादी किसी और जगह कर सकती हैं.
सुषमा आंटी ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- मुझे तुमसे कुछ ख़ास बात करनी है.
मैं उनके इस तरह से अपने कंधे पर हाथ देख कर कुछ चौंक गया, लेकिन मैंने उनसे कहा- हां आप कुछ भी पूछ सकती हैं.
उन्होंने एक लम्बी सांस लेते हुए कहा- मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे साफ़ साफ़ बताओ कि क्या तुम मेरी बेटी को खुश रख सकोगे?
मैंने कहा- हां मैं इस बात की गारंटी लेता हूँ कि मिष्टी मेरे साथ खुश रहेगी.
वो बोलीं- तुम किस किस तरह से खुश रखने की बात की गारंटी दे रहे हो?
मैंने कहा- मैं हर तरह से उसे खुश रखने की बात कह रहा हूँ.
आंटी ने मुझसे सटते हुए पूछा कि क्या तुम उसके साथ सेक्स कर चुके हो?
मैंने ना में सर हिला दिया.
उन्होंने कहा कि मैं अपनी शादी से सेक्स से खुश नहीं हूँ और मैं चाहती हूँ कि कहीं ऐसा न हो कि उसको भी मायूसी झेलना पड़े.
मैं समझ गया कि अब आंटी चुदाई की बात करना चाहती हैं.
मैंने उनसे पूछा- इसको साबित करने के लिए मुझे क्या करना होगा?
आंटी ने एकदम से मुझे अपनी छाती से लगा लिया और बोलीं कि पहले तुमको मुझे खुश करना पड़ेगा.
मैंने इसके आगे कोई बात नहीं की और उनकी चुचियों को मसलते हुए कहा- इसमें कौन सी बड़ी बात है.
वो मुझे खींचते हुए अपने कमरे में ले गईं और कमरे की कुण्डी लगा दी.