desiaks
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मैं अपने को बहुत भाग्यशाली समझ रहा था कि मैं अपनी दिदि के नग्न अंगों को अपने आखों से देख रहाथा।
मेरे आंखों में दिदि किमस्त जवानी नाच रही थी और मुझे बेचैन करने लगी।
प्रमोद- मेरी बहन बोली- देखे तुम्हारा लंड का आकार क्या है तुम्हारी बहन के बूरके लिए फिट है या नहीं उस बूर के लिए जिस बूर से दो बच्चा निकल चुका है।
आओ मेरे भाई जान अपने लंड को मुझे देखने दो ओह प्रमोद देखे तुम्हारे लंड कितना बड़ा है।
और हैवी कुत्ते के काबि है कि नहीं...। इतना कहकर मेरे लुंगी को जांघों पर से हटाकर लंड को नग्न कर दी उसकी पाली ने मेरे सारे बदन को गुदगुदा दिया था।
उसके हरकतों पर मेरा लंड टनटनाकर फुदकने लगा था और लोहे के समान कड़ा होगया था।
मैं चुपचाप से स्थिर था और वहअपनेगर्म हथेली के बिच मेरे लोहे समान कड़े लंड को पाकर धीरे धीरे हाथ से उपर नीचे करते हुए बोला प्रमोद- मेरे प्यारे भाई जान- मेरे यार वास्तव में तुम्हारा लंड तो मेरे पति के लंड से काफी मोटा है। हाय आह सी सी और मुझसे बिना उतार पाये हुए।
मेरे लंड को हाथ से धक्का देना शुरू कर दी मैं अपनी दिदि द्वारा लंड को बढ़ाई सुनकर अचम्भा मेंपड़ गया था ओर मुझे खुशी हो रही कि मेरे लंड को देखकर मेरी दिदि मुझे पर मुग्ध हो उठी थी। तुम सोच क्या रहे हो मेरे अच्छे भाई? ओ ओह वास्तव में तुम्हारा लंड बहुत मोटा है?
यह तो गदहा के लंड के समान लग रहा है तुम्हारा मोटे लंड को देखकर मेरी बूर से पानी गिरने लगा है। .
बूर में पानी भर गया है मेरे छोटे भैया औह प्रमोद - अपनी बहन को चुच को ओर बुर को नहीं मसला आगे- हाय मैने बूर और चुचि मसला और सिसियाते हुए। - मेरे हाथको अपनेहाथ से पकड़कर चुचियाँ पर ले गई। मैं उसको चुचियों को एकहाथ से पकड़कर मसल रहा था और दूसरे हाथ को अपने झांटेदार बूर पर लेजा कर पेटिकोट के ऊपर से मसलने लगा मैं अपने पूरे हथेले के बीच में बूर को पकड़कर दबाने लगा।
और साथ में उसके बड़ी-बड़ी चुचियों को भी मसल रहा था वह भी मेरे लंड कोअपने हाथों से मुठिया रही थी।
वह मेरी ओर मुस्कुराते हुए बढ़ती जारही थी और कुछ ही पल बाद वह मेरे आँखों के काफी नजदीक आ गई थी।
और वह हमारे चेहरे के सामने आकर खड़ी होकर अपने पेरो को फैला दी। जिससे उसका बूर खुलकर हमारे सामने आ गई थी। उसकी जाँघों के बीच त्रिकोण समान बूर मुश्किल से मेरे चेहरे से तीन चार इंच की दूरी पर थी।
उसकी बूर के ओठ थोड़ा खुला था और छेद के उपर टीट साफ नजर आता था।
दीदी के बूर के बाल काला होने के साथ बूर के ओठों की किनारा लग रहाथा।
हालां कि बूर को भीतर दिवार लगायी थी और अपने चेहरे के . नजदीक पाकर मेरा मुख में पानी भर उठा था।
मेरे अपने दिल की धड़कने बढ़ गई थी ओर मैं अपने हाथे को उसके पिछे लेजाकर फुली हुई चुतड़ों पर रख दिया।
और अपने चेहरे को दबात हुए अपने चेहरे का जांघों के बीच घुसा दिया था।
मैं उसकी बूर के चारो तरफ बूर के काले बालों को जीभ से चाटना शुरू किया दिदि केबूर कि बाल काफी कड़ा था।
ओर जीभ को फाड़ पाकर फुल पचा रहा था। मैं बुर के चारो तरफ चाहते हुए टोट को भी चाटा। दीद का टिट पटाई पर तन के एकदम खड़ी होने लग गया था।
मैं उसके खड़े टिट को ओठों के बीच दबा कर चुसना शुरू कर दिया था।
उसका पैर कांपने लगा था और मैं टिट को चुसने के बाद मोटे पती पर अपनी ओठो को चिपका कर चुसने लगा।
साथ में अपने दोनों हाथ से गोल चुतड़ों को भी मसल रहा था।
मेरी बेहन भी उत्तेजना में मेरे सिर के ऊपर हाथ रखकर अपना बूर पर दबाते हुए बोली। - प्रमोद मेरी बूर को चुसना छोड़ दो और चित्त होकर लेट जाओ ताकि मैं भी तुम्हारे लंड को चुसकर इसका स्वाद लुं जबकि इस हालतमें मेरी बूर को चाट की तरह चाटोगे। ,
इतना कहकर वह मुझे बिछावन पर चित कर लिटा दिया और मेरे चेहरे के पास बुर रख दि और अपने चेहरे को मेरे लंड के पास कर दो जिसे लंड मुंह के सामने पड़े।
मेरी बहन का बूर से बहुत ही सुंदर सुगंध मेरे नाकों में धीरे धीरे समा रहा था।
मैं उसके चुतड़ों के होठों की उंगलियों से जाते हुए अपने जीभ को बूर के दीवारों पर फिरा फिराकर चाटना शुरू कर दिया तो मुझे एक अपूर्व आनंद का अनुभव हुआ।
जब मेरे खुरदरे जीभ उसकी बूर के टीट पर फिर रहा था तब वह चिढ़िया की तरह कुहु कुहु कर रही थी। २ आ.. आहमेरे प्यारे भाई तुम बहुत अच्छी तरह से मेरी बूर को चाट रहे हो। हाय मेरे राजा अपनी जीभ को मेरे बूर के छेद में ठीक से दबाओ।
अपनी दिदि के बूर में डाल दो.. यार ... हाय तुम्हारा बहुत मोटा सा लंड है।
और गांड में जायकेदार भी है यह तो मेरे मुँह में घुसकर कंठ पर ठोकर मार रहा है। - वह मेरे लंड के चारो किनारों को चाटते हुए अपनी मुंह में लंड को घूसा ली और बहुत प्रेम से लंड को चूसने लगी। मैं भी उसके बूर चाटते हुए चुस रहा था।
और दिदि के कहने पर मैं अपनी जीभ को बूर पर फिराकर दबाना शुरू कर दिया।
इस बीच में अपनी ऊँगलियों से उसकी गाड़ को चोद रहा था ओर साथ में गोलाकार चुतड़ों को मसल रहा था।
मेरी प्यारी बहन मेरे खड़े मस्त लंड को अपने मुँह में रखकर चुस रही थी। और साथ अपनी जीभ को सूपाड़ा के गोल भाग पर फिरा रही और बीच-बीच में जीभ के नोक से पेशाब करनेवाला छेद पर ठोकर मार रही थी जिससे एक बार एक खलास लंड दिदि द्वारा चुसाई होने पर फिर सेतन कर खड़ा हो गया था।
मैं सनसना उठा था और साथ ही उसकी हरकत से मेरी उत्तेजना भर उठा था।
मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी गर्म मंह में घसा पड़ा था और वह अपने मुंह में रखकर लंड को चभला-चभला कर चूस रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था।
जैसे मेरा लंड उसकी मंह में न घसकर बर में घसा हुआ है और यह ख्याल से अपनी कमर को ऊपर की ओर उचका कर मुँह पर धक्का मारकर मुंह चोदना शुरू कर दिया।
मेरे आंखों में दिदि किमस्त जवानी नाच रही थी और मुझे बेचैन करने लगी।
प्रमोद- मेरी बहन बोली- देखे तुम्हारा लंड का आकार क्या है तुम्हारी बहन के बूरके लिए फिट है या नहीं उस बूर के लिए जिस बूर से दो बच्चा निकल चुका है।
आओ मेरे भाई जान अपने लंड को मुझे देखने दो ओह प्रमोद देखे तुम्हारे लंड कितना बड़ा है।
और हैवी कुत्ते के काबि है कि नहीं...। इतना कहकर मेरे लुंगी को जांघों पर से हटाकर लंड को नग्न कर दी उसकी पाली ने मेरे सारे बदन को गुदगुदा दिया था।
उसके हरकतों पर मेरा लंड टनटनाकर फुदकने लगा था और लोहे के समान कड़ा होगया था।
मैं चुपचाप से स्थिर था और वहअपनेगर्म हथेली के बिच मेरे लोहे समान कड़े लंड को पाकर धीरे धीरे हाथ से उपर नीचे करते हुए बोला प्रमोद- मेरे प्यारे भाई जान- मेरे यार वास्तव में तुम्हारा लंड तो मेरे पति के लंड से काफी मोटा है। हाय आह सी सी और मुझसे बिना उतार पाये हुए।
मेरे लंड को हाथ से धक्का देना शुरू कर दी मैं अपनी दिदि द्वारा लंड को बढ़ाई सुनकर अचम्भा मेंपड़ गया था ओर मुझे खुशी हो रही कि मेरे लंड को देखकर मेरी दिदि मुझे पर मुग्ध हो उठी थी। तुम सोच क्या रहे हो मेरे अच्छे भाई? ओ ओह वास्तव में तुम्हारा लंड बहुत मोटा है?
यह तो गदहा के लंड के समान लग रहा है तुम्हारा मोटे लंड को देखकर मेरी बूर से पानी गिरने लगा है। .
बूर में पानी भर गया है मेरे छोटे भैया औह प्रमोद - अपनी बहन को चुच को ओर बुर को नहीं मसला आगे- हाय मैने बूर और चुचि मसला और सिसियाते हुए। - मेरे हाथको अपनेहाथ से पकड़कर चुचियाँ पर ले गई। मैं उसको चुचियों को एकहाथ से पकड़कर मसल रहा था और दूसरे हाथ को अपने झांटेदार बूर पर लेजा कर पेटिकोट के ऊपर से मसलने लगा मैं अपने पूरे हथेले के बीच में बूर को पकड़कर दबाने लगा।
और साथ में उसके बड़ी-बड़ी चुचियों को भी मसल रहा था वह भी मेरे लंड कोअपने हाथों से मुठिया रही थी।
वह मेरी ओर मुस्कुराते हुए बढ़ती जारही थी और कुछ ही पल बाद वह मेरे आँखों के काफी नजदीक आ गई थी।
और वह हमारे चेहरे के सामने आकर खड़ी होकर अपने पेरो को फैला दी। जिससे उसका बूर खुलकर हमारे सामने आ गई थी। उसकी जाँघों के बीच त्रिकोण समान बूर मुश्किल से मेरे चेहरे से तीन चार इंच की दूरी पर थी।
उसकी बूर के ओठ थोड़ा खुला था और छेद के उपर टीट साफ नजर आता था।
दीदी के बूर के बाल काला होने के साथ बूर के ओठों की किनारा लग रहाथा।
हालां कि बूर को भीतर दिवार लगायी थी और अपने चेहरे के . नजदीक पाकर मेरा मुख में पानी भर उठा था।
मेरे अपने दिल की धड़कने बढ़ गई थी ओर मैं अपने हाथे को उसके पिछे लेजाकर फुली हुई चुतड़ों पर रख दिया।
और अपने चेहरे को दबात हुए अपने चेहरे का जांघों के बीच घुसा दिया था।
मैं उसकी बूर के चारो तरफ बूर के काले बालों को जीभ से चाटना शुरू किया दिदि केबूर कि बाल काफी कड़ा था।
ओर जीभ को फाड़ पाकर फुल पचा रहा था। मैं बुर के चारो तरफ चाहते हुए टोट को भी चाटा। दीद का टिट पटाई पर तन के एकदम खड़ी होने लग गया था।
मैं उसके खड़े टिट को ओठों के बीच दबा कर चुसना शुरू कर दिया था।
उसका पैर कांपने लगा था और मैं टिट को चुसने के बाद मोटे पती पर अपनी ओठो को चिपका कर चुसने लगा।
साथ में अपने दोनों हाथ से गोल चुतड़ों को भी मसल रहा था।
मेरी बेहन भी उत्तेजना में मेरे सिर के ऊपर हाथ रखकर अपना बूर पर दबाते हुए बोली। - प्रमोद मेरी बूर को चुसना छोड़ दो और चित्त होकर लेट जाओ ताकि मैं भी तुम्हारे लंड को चुसकर इसका स्वाद लुं जबकि इस हालतमें मेरी बूर को चाट की तरह चाटोगे। ,
इतना कहकर वह मुझे बिछावन पर चित कर लिटा दिया और मेरे चेहरे के पास बुर रख दि और अपने चेहरे को मेरे लंड के पास कर दो जिसे लंड मुंह के सामने पड़े।
मेरी बहन का बूर से बहुत ही सुंदर सुगंध मेरे नाकों में धीरे धीरे समा रहा था।
मैं उसके चुतड़ों के होठों की उंगलियों से जाते हुए अपने जीभ को बूर के दीवारों पर फिरा फिराकर चाटना शुरू कर दिया तो मुझे एक अपूर्व आनंद का अनुभव हुआ।
जब मेरे खुरदरे जीभ उसकी बूर के टीट पर फिर रहा था तब वह चिढ़िया की तरह कुहु कुहु कर रही थी। २ आ.. आहमेरे प्यारे भाई तुम बहुत अच्छी तरह से मेरी बूर को चाट रहे हो। हाय मेरे राजा अपनी जीभ को मेरे बूर के छेद में ठीक से दबाओ।
अपनी दिदि के बूर में डाल दो.. यार ... हाय तुम्हारा बहुत मोटा सा लंड है।
और गांड में जायकेदार भी है यह तो मेरे मुँह में घुसकर कंठ पर ठोकर मार रहा है। - वह मेरे लंड के चारो किनारों को चाटते हुए अपनी मुंह में लंड को घूसा ली और बहुत प्रेम से लंड को चूसने लगी। मैं भी उसके बूर चाटते हुए चुस रहा था।
और दिदि के कहने पर मैं अपनी जीभ को बूर पर फिराकर दबाना शुरू कर दिया।
इस बीच में अपनी ऊँगलियों से उसकी गाड़ को चोद रहा था ओर साथ में गोलाकार चुतड़ों को मसल रहा था।
मेरी प्यारी बहन मेरे खड़े मस्त लंड को अपने मुँह में रखकर चुस रही थी। और साथ अपनी जीभ को सूपाड़ा के गोल भाग पर फिरा रही और बीच-बीच में जीभ के नोक से पेशाब करनेवाला छेद पर ठोकर मार रही थी जिससे एक बार एक खलास लंड दिदि द्वारा चुसाई होने पर फिर सेतन कर खड़ा हो गया था।
मैं सनसना उठा था और साथ ही उसकी हरकत से मेरी उत्तेजना भर उठा था।
मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी गर्म मंह में घसा पड़ा था और वह अपने मुंह में रखकर लंड को चभला-चभला कर चूस रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था।
जैसे मेरा लंड उसकी मंह में न घसकर बर में घसा हुआ है और यह ख्याल से अपनी कमर को ऊपर की ओर उचका कर मुँह पर धक्का मारकर मुंह चोदना शुरू कर दिया।