मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति - Page 7 - SexBaba
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मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

[font=verdana, geneva, lucida,]एक शाम मस्ती करने के लिए अपनी सुन्दर बीवी जूली के साथ बाहर क्या निकला ..

शाम मस्ती से भी कहीं ज्यादा मस्ती भरी होती जा रही थी ...

मेरी बीवी जूली लगभग पूरी नंगी मेरे बराबर वाली सीट पर बैठी थी ...

उसके सफ़ेद, गोरे संगमरमरी बदन पर केवल एक छोटी से ब्रा भर थी ...

जिसमें से उसके भारी और गदराये मम्मे का बहुत बड़ा भाग बाहर ही था ...

नीचे से वो पूरी नंगी थी ..
एक रेशा तक उसके बदन पर नहीं था ...
उसकी चिकनी चूत और गद्देदार चूतड़ देख कोई भी कुछ भी कर सकता था ...

और ऊपर से रेड सिग्नल ..
जहाँ मुझे गाड़ी रोकनी ही थी ..

मुझे डर था कि कहीं कोई पुलिस वाला ना आ जाए ..

मगर यहाँ तो एक भिखारी आ गया था ...
और साला बड़ी कमीनी नजर से जूली को घूर रहा था ...

उसको देखकर ऐसा तो नहीं लग रहा था ..
जैसे उसने ये सब पहली बार देखा हो ..

इसका मतलब हमारे शहर में ये सब होता रहता होगा ..

या हो सकता है उसको देखने में मजा आ रहा था ..

मैंने जूली की ओर देखा उसने शरमाकर दूसरी तरफ अपना चेहरा कर लिया था ..

और अपने हाथ में पकड़ा टॉप को अपने सीने पर रख लिया था ...

मगर उसका क़यामत ढाने वाला बदन तो अभी नंगा ही था ..

जो उसने अपनी बेबखूफी में उसके सामने और भी ज्यादा उजागर कर दिया था ..

उसने उससे छुपने के लिए अपना दायां पैर ...बाएं के ऊपर चढ़ाकर ...पूरा अपनी विंडो की ओर झुक कर बैठ गई ...

इस पोजीशन में उसके नंगे चूतड़ पूरे ऊपर को उठकर मेरी ओर हो गए थे ..

और उस भिखारी एवं लड़की को साफ़ साफ दिख रहे थे ...

भिखारी: वाह साव ..क्या माल फंसाया है ..
जमकर गांड मारना इसकी ...

उसकी बात सुनकर मेरा मुहं खुला का खुला रह गया ..

साला कितना कमीन था ..एक दम खुली रोड पर कैसी बात बोल रहा था .,

और वो भी मेरी बीवी के बारे में ...

अभी मैं उसकी बात से बाहर भी नहीं आया था ..
कि उसके साथ वाली लड़की तो कमाल थी ..

लड़की: क्या साब?? हमारी भी देख लो ..
५० ही दे देना ...

मैं भौचक्का सा उसको देखता रह गया ...
कुछ समझ नहीं आया कि क्या करूँ ...??

तभी ग्रीन लाइट हो गई ...
हम लगभग शहर के बाहर ही थे ...

केवल २-३ ही गाड़ियां थी ..जो ग्रीन लाइट होते ही चली गईं...

अब सिग्नल पर केवल हमारी गाड़ी और वो दोनों भिखारी ही खड़े थे ...

तभी जूली उस लड़की को बोलते सुन ..चुप नहीं रह पाई ..

जूली: अच्छा चल-चल आगे बढ़ ...
क्या दिखाएगी तू अपनी ...??

जूली को बोलता देख वो समझ रहे थे कि वो शायद कोई रोडछाप रंडी है ..

लड़की: तू चुप कर छिनाल ...तेरी तरह बेशरम थोड़ी हूँ जो सबको अपनी गांड दिखाती फिर रही है ...

लड़की कि बात सुनते ही जूली शर्म से पानी पानी हो गई ..

वो गाड़ी में एक दम से सिकुड़ कर बैठ गई ..

भिखारी: अरे साव ..मेरी बेटी की भी देख लो .. 
इस कुतिया से तो बहुत अच्छी है ...
वैसे तो सब १०० देके जाते हैं ...आप ५० ही दे देना ..
चाहे आगे से मार लो ..या पीछे से ..कुछ नहीं कहेगी ..

मैं तो बाकई आष्चर्य चकित था कि एक बाप अपनी बेटी के बारे में कैसे ..ऐसा सब बोल सकता है ...

मैंने तुरंत गाड़ी स्टार्ट की ...

मुझे जाता देख वो तुरंत लड़की को लेकर गाड़ी के आगे आ गया ...

और बेशर्मी से खुली सड़क पर अपनी बेटी का गन्दा सा लहंगा पूरा उठा दिया ..
और लड़की को आगे को झुकाकर उसके चूतड़ दिखाने लगा ..
लड़की ने लहंगे के अंदर कुछ नहीं पहना था ..
वो पूरी नंगी थी ..

उसके काले काले चूतड़ मेरी गाड़ी की हेडलाइट में चमक रहे थे ..

और वो भिखारी जो खुद को उस लड़की का बाप कह रहा था ..

उस लड़की के नंगे चूतड़ पर हाथ मारकर ..मेरी और बहुत गन्दा सा इशारा करते हुए बोला ..

भिखारी: मार लो साव ...बहुत टाइट है इसकी ..
केवल ५० में ...

मुझे बहुत हंसी भी आ रही थी और अब गुस्सा भी ..

फिर भी मैंने गाड़ी की डेशबोर्ड से ५० का नोट निकाला ..

जैसे ही मेरी नजर जूली से मिली ..
वो बहुत ही बड़ी बड़ी आँखे निकाल कर प्रशन भरी नजरों से देख रही थी ...

कि क्या अब इस भिखारी लड़की की मारोगे ...??

अब मैं उससे क्या कहता ...
मैंने आँख बंद कर उसको इशारा सा किया ..और 

मैंने चुपचाप अपनी और वाला सीसा नीचे किया और हाथ बाहर निकाल उसे ..५० का नोट दिखाया ...

वो तुरंत अपनी बेटी का लहंगा वैसे ही पकड़े पकडे ..
उसके चूतड़ों को सहलाता हुआ ..मेरी विंडो के पास आया ..

भिखारी: देखो साव ..मैं झूट नहीं बोलता ..
बहुत टाइट है इसका छेद ..
वैसे चाहो तो यहीं रोड के किनारे ही चोद दो साव ..
कोई नहीं आता यहाँ ..

जैसे ही उसने मेरे हाथ से नोट लिया ..
मैंने ध्यान से उसकी बेटी के चूतड़ों कि ओर देखा ..

और जोर से हंसी आ गई ..
काले चूतड़ों के बीच ..उसका लाल खुला हुआ छेद साफ़ दिख रहा था ..
जैसे खूब चुदवाती हो ...

मैंने अपना हाथ उसके चूतड़ों पर रखकर उसको थोड़ा सा गाड़ी से दूर को किया ..
सच चूतड़ तो उसके बहुत चिकने थे ..
ऐसा लगा जैसे मक्खन में हाथ लगाया हो .. 

जैसे ही वो आगे को हुए ..
मैंने बाएं हाथ से जरा डाल
तुरंत एक्सीलेटर पर पैर रख दिया ...

और ये भी बोल दिया ...

मैं: मेरी और से तू ही इसकी मार लेना ...

गाड़ी आगे बढ़ गई ...
मैंने साइड मिरर में देखा ..वो पीछे चिल्लाते रह गए ..

हम दोनों ही नदी जोर जोर से हंस रहे थे ..

जूली ने अब अपनी स्कर्ट और वो लाल ट्यूब टॉप पहन लिया था ...

उसको शायद डर था कि कहीं और कोई उसको नंगा न देख ले ..

जूली: क्यों ..उसको देख बड़ी लार टपका रहे थे ..
क्या करने का इरादा था ..

मैं उससे मजे लेने के मूड में था ..

मैं: बस जान सोच तो रहा था ..कि एक दो शॉट मार लूँ ..
जूली: बहुत बेशरम हो गए हो तुम ..सच ..
और वो दवे होंठों से मुस्कुरा भी रही थी ...

मैं: अच्छा ..मैं बेशरम ...
नंगी तुम बैठी थीं उनके सामने ..और मैं ...

जूली: क्या तुम भी ...??
कैसे घूर रहा था कमीना ..
मेरी तो समझ ही नहीं आया कि क्या करूँ .??
मगर तुम भी ना ..
इसीलिए मैं घर से ही बदल कर आ रही थी ..

मैं: ओह रिलैक्स यार ..
कुछ नहीं हुआ ..
क्या हो गया जो उसने देख लिया तो ..??
सब चलता है यार ...

जूली खूब मस्ती से मेरे साथ बैठी थी ..

वो शायद भूल गई थी ..
कि उसकी स्कर्ट बहुत छोटी है ..
और उसने कच्छी तक नहीं पहनी है ..

जरा भी हिलने डुलने से बाकी लोगों को बहुत कुछ दिख जाने वाला था ..

हम नाइट क्लब में पहुंचे ..

पार्किंग गेट पर ही ..एक लड़के ने जूली कि ओर वाला दरवाजा खोल अदव से उसको उतरने के लिए कहा ..

और जूली अपना बयां पैर बाहर रख उतरने लगी ..

मेरी नजर उस लड़के पर ही थी ..
उसकी फैलती आँखे बता रही थीं ..कि उसने वो देख लिया जिसकी उसने कल्पना नहीं कि थी ..

उस लड़के कि नजर जूली कि स्कर्ट में ही थी ..
उसने सोचा होगा कि कच्छी देख लूंगा ..
मगर यहाँ तो ..क्या दिखा होगा ..??

मैं गाड़ी पार्क करके जूली के पास आया ..
वो लड़का अभी भी जूली को भूखी नजरों से घूर रहा था ...

जूली इसे अपनी खूबसूरती मान रही थी ..

वो शायद भूल गई थी ..
कि उसने कच्छी नहीं पहनी ..

क्युकि वो बहुत बिंदास होकर चल रही थी ..

मैंने भी उसको याद दिलाना उचित नहीं समझा ..

मैं भी उसके मस्ताने रूप और अंदाज का मजा लेना चाहता था ...

उसके चलने से ..हलकी हलकी उड़ती स्कर्ट माहोल को बहुत गरम बना रही थी ..

वो लड़का हमारे गेट के अंदर जाने तक जूली कि टांगों को ही देखता रहा ..

सबसे पहले हम बार में ही गए ..
और एक कोने वाली डबल सीट पर बैठ गए ..

कुछ देर बाद वेटर आया ..
वो भी जूली को भूखी नजरों से ही घूर रहा था ..

वैसे तो वहां और भी जोड़े बैठे थे ..
मगर जूली जैसी सेक्सी कोई नहीं थी ..

इसीलिए ज्यादातर वहां बैठे हमें ही देख रहे थे ...

मैंने वोडका आर्डर की ...

मुझे पता था कि जूली वोडका ही पसंद करती थी ..

जूली ने कोई विरोध नहीं किया ...

वैसे तो वो १-२ पग ही पीती थी ..
मगर मैंने आज उसको अपने साथ ४-५ पेग पिला दिए ..

वो कुछ ज्यादा ही नशे में हो गई थी ..

बार बार उठकर बड़बड़ाने लगती थी ..

अब मुझे खुद पर गुस्सा भी आ रहा था ..
कि मैंने क्यों उसको ज्यादा पिला दी ..

तभी उसको उलटी जैसी फीलिंग होने लगी ..

अब मैं घबरा गया ...

मैंने के वेटर को बुलाया ..

उसने मुस्कुराकर कहा ..

वेटर: घबराओ मत साहब ...
मैं मेमसाब को वाशरूम तक ले जाता हूँ ..

और वो जूली को पकड़कर बड़े अदव के साथ वाशरूम कि ओर ले गया ..

मैं अपना बचा हुआ पेग ख़त्म करने लगा ..

करीब १०-१५ मिनट में भी जब जूली नहीं आई तो मैं उसको देखने के लिए चल पड़ा ..

मुझे शक होने लगा कि यार ये कहाँ गई ...

और तभी ...?????

........
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]कभी-कभी शराब पीने का लालच भी कितना बुरा होता है ....

केवल एक पेग पीने के लिए मैं कितना वावला सा हो गया था ....

मैंने अपनी स्वप्न सुंदरी ...अति खूबसूरत बीवी को ..
जो इस समय अर्धनग्न अवस्था में थी ...

उस सुंदरी को एक अजनवी के साथ भेज दिया था ..

जरा सी असावधानी ही दूसरे को बता सकती थी कि उसकी चूत बिना किसी आवरण के है ...

और इस नशे की हालत में तो उसको अपनी स्कर्ट क्या टॉप का भी ध्यान नहीं होगा ..

अगर उसको पकड़ने के लिए ही उस वेटर ने उसके चूतड़ों पर हाथ रखा होगा ..

तभी उसको जूली के नग्न चूतड़ों का आभास हो गया होगा ...

और अगर उसने उसके चूतड़ों को जरा भी सहलाया ..तो मुझे तो जूली पर बिलकुल भी भरोसा नहीं था ..

जो हर समय गरम और हर काम के लिए तैयार रहती हो ..

जिसे सेक्स में हर कार्य केवल आनंद मात्र लगता हो ..

चाहे आदमी कोई हो ...
बस ज़िंदगी का मजा आना चाहिए ..
वो क्या वेटर को मना करेगी ..

हो सकता है खुद ही उसका लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में ले ले ...

और मैंने ऐसी हालत में अपनी पत्नी को उस हब्सी वेटर के हवाले कर दिया था ...

ना जाने पिछले १०-१५ मिनटों में उसने जूली के साथ क्या क्या किया होगा ...

मैं साइड में बनी गैलरी में दोनों और देखता हुआ जा रहा था ....

कि मुझे वहीँ एक तरफ काफी गंदगी दिखी ...

जो फैली हुई थी .....

वो जरूर किसी कि वोमिट (उलटी) ही थी ...

लगता था जैसे जूली ने वहीँ उलटी कर दी हो ...

तभी एक तरफ बने कमरे से कुछ आवाज सी सुनाई दी ...

मैंने देखा कमरा जरा सा खुला था ...

डर तो बहुत लग रहा था ... 
मगर फिर भी मैं बिना नोक किये ही अंदर चला गया ..

अंदर कोई नहीं था ..
हाँ उस कमरे के अंदर भी एक बाथरूम था ...

वहां से बड़ी भयानक आवाजें आ रही थी ...

मैं थोड़ा निकट जा सुनने कि कोशिश करने लगता हूँ ..

लड़का: साली फाड़ दूंगा ..थोड़ा और झुक ..

लड़की: अह्ह्ह्ह्ह्हीईईईईईईईईईईईईईईई 
नहीईइइइइइइइइइइ 
निकाल लो मर जाउंगी ...

लड़का: अह्हा हा हा हा ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .बस चला गया पूरा अंदर ...
कोई नहीं मरता चुदाई से ...

बस इतना सुन्ना था ..
मैं हड़बड़ा गया और मुझे जूली का ख्याल आ गया और ...
मैंने फटाक से दरवाजा खोल दिया ...

ओह थैंक्स गॉड ...

सामने एक लड़की जिसने बहुत ज्यादा मेकअप किया था ...
कोई बार डांसर जैसी ही लग रही थी ....

बिलकुल नंगी ...
एक कपडा तक नहीं था उसके बदन पर ...

कमोड पर झुकी थी ...
और एक मोटा, काला सा आदमी नीचे से नंगा ..
पीछे उसकी कोमल सी गांड में अपना लण्ड घुसाये आगे पीछे हो रहा था ...

बड़ा ही सेक्सी सीन था ....

मगर लड़की के चेहरे से दर्द महसूस हो रहा था ...

दोनों ने ही एक साथ मेरे को देखा ...

लड़की: ओहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बचा लो साहब ..बहुत दर्द हो रहा है ....

आदमी: कौन है बे तू ...
और लड़की से ...चुप कर साली १००० रुपये लेते हुए दर्द नहीं हो रहा था ...

लड़की: अरे तो चूत मारते ना ...
इतना मोटा खूटाँ ..गांड में ठूंस दिया ..
आह्ह्ह्हाआआआ 
माआआआ मेर गई ....ओह्ह्ह्ह 
बहुत दर्द कर रहा है ....

मैं: अर्र्र्र्र्र्र्र ऐ ऐ ऐ ये आप लोग हो ...
व्ववूऊओ एक लड़की कोई यहाँ ..
वो छोटी सी स्कर्ट और ....

आदमी बहुत बेसरम था ...
वो अब भी उस लड़की के चूतड़ों पर हाथ से मारते हुए लगातार उसको चोदने में लगा था .. 

आदमी: अरे वो गोरी सी छमिया ..
जो स्कर्ट के नीचे नंगी थी ..
अरे बहुत कसा हुआ माल है यार ...

उसको तो वो साला श्याम बराबर वाले कमरे में ले गया है ...
चोद रहा होगा साला ...
क्या चिकनी और कासी हुई चूत थी उसकी यार ..
ऊँगली तक अंदर नहीं जा रही थी ..

उसने अपनी पहली ऊँगली को ऐसे सूंघा जैसे ..
उसने खुद अपनी ऊँगली अंदर डाली हो ...

लड़की: साहब बचा लो उसको ...
बिलकुल नई ही लग रही थी ..
अह्हा हां आहा 
ववो श्याम बहुत ही कमीना है ...
अह्हा अह्हा 

लगता था अब उस लड़की को भी चुदाई में मजा आ रहा था ...

पर मुझे उनकी चुदाई देखने का कोई शौक नहीं था ..
मुझे जूली कि चिंता हो रही थी ...

मैं जल्दी से वहां से निकला ..
और बराबर वाले कमरे में देखा ...

ओह ये कमरा तो अंदर से बंद था .....

मैंने जल्दी से कमरे को ज़ोर ज़ोर से नोक किया ...
खट खट खट खट खट 
खट खट खट खट खट 
खट खट खट खट खट 

कई बार नोक करने के बाद आवाज आई ..

कौन है ...????

मैं: अरे श्याम खोल जल्दी से ..

मैंने जान बूझकर उसका नाम लिया ...

और मेरी ट्रिक काम कर गई ...

तुरंत दरवाजा खुला ...

मैंने एक झटके में दरवाजा खोला ..
और अंदर घुस गया ...

श्याम: अर्र्र्र्र रे रे रे क्या है ...????

मैं: साले कमीने ..ये यहाँ क्यों ले आया तू ...??
तुझे क्या कहा था ...

अब उसने मुझे पहचान लिया ...

श्याम: वो साहब मेमसाहब को बहार ही उलटी हो गई थी ...
सब होटल गन्दा कर दिया ...
फिर बेहोश हो गई तो मैंने यहीं लिटा दिया था ...

अब मैंने बिस्तर पर देखा ..
जूली वहां बेसुध लेटी थी ..

उसकी दोनों टाँगे खुली थीं ..
स्कर्ट ऊपर थी ..
टॉप चूची से नीचे थी ...

उसकी चूत और चूची दोनों पूरी तरह नंगी सामने से दिख रही थी ..

मैंने एक जोर सा थप्पड़ श्याम के गाल पर लगाया ..

मैं: साले दरवाजा बंद कर ..तू कर क्या रहा था यहाँ ..

श्याम: अरे नहीं साहब मैंने कुछ नहीं किया ..
बस इनका सीना मसलकर इनको होश में ला रहा था ..

मैंने एक और थप्पड़ उसको जड़ दिया ..

मैं: वो तो दिख रहा है ...
साले इसको नंगी करके तू यहाँ दरवाजा बंद करके क्या कर रहा था ..
रुक साले अभी मैनेजर को बुलाता हूँ ...

श्याम: क्यों बात बढ़ाते हो साहब ..??
आप भी तो इस माल को चोदने के लिए ही लाये हो ..
चलो आप चोद लो ..आराम से 
मैं कमरे और आपका खर्च कोई नहीं लुंगा ..

साल सच बहुत कमीना था ...

मैंने जानबूझकर ही उसको नहीं बताया था ..कि ये मेरी बीवी है ...

मैं: अच्छा तो तूने सब कर लिया ..

श्याम: अरे नहीं साहब ..
मैंने कुछ नहीं किया ...बस ऊपर ही ऊपर से मजे लिए हैं ..
मैं वैसे भी इन बाहर कि लड़कियों के साथ कभी चुदाई नहीं करता ..
बीमारी का डर रहता है साहब ..
आप करो ...मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा ...

वो जैसे... मेरे ही मुहु पर वो बिना आवाज के झापड़ लगा गया था ...

मैं अपना से मुहु लिए उसको जाता देखता रहा ..

अब मैंने जूली कि और ध्यान दिया ...

मैंने जाकर उसको देखा तो ...

उसकी दोनों चूची पूरी लाल हो रही थी ....
और निप्पल बिलकुल खड़े थे ...
मैंने जैसे ही हाथ लगाया तो जूली के दोनों निप्पल थूक से लसलसे से दिखे ...

मैंने तुरंत जूली कि चूत को हाथ लगाया ..
तो ओह ....???

........
.......................
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]वोडका के 4 पेग लगाने के बाद मेरे को अच्छा खासा नशा हो गया था ...

अभी कुछ देर पहले तक मैं बहुत मस्ती में था ...

क्युकि काफी दिनों के बाद ही मैंने इतने पेग एक साथ लिए थे ...

मगर अभी कुछ देर की घटनाओ ने मेरे सारे नशे की ऐसी कम तैसी कर दी थी ...

मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था ...

की जो मस्ती मैं करने आया था ..
वो ऐसी तो नहीं थी ..
कि एक वेटर मेरी जान को ऐसे छोड़कर चला गया था ..

जुली अभी भी बिस्तर पर लेटी थी ...
उसकी नंगी चूची ..अपने साथ हुए हर जुल्म कि दास्ताँ बोल रही थी ..

तबी मेरा हाथ उसकी नंगी चूत पर चला गया ...
उसकी चूत पूरी तरह से खुली पड़ी थी ..

उसकी स्कर्ट जो वैसे ही बहुत छोटी थी ..
और इस समय उसकी कमर के नीचे दबी थी ...

जैसे ही मैंने उसकी चूत को छुआ ..
वो बहुत गीली थी ..

चूत के आस पास के छेत्र से साफ़ पता चल रहा था ..
कि उसके साथ छेड़ छाड़ और चाटा भी गया है ..

मगर मैंने जब अपनी गीली उँगलियों को सुंघा तो वो तो मेरी जान के चूत का ही पानी था ..

मैं इस स्मेल को कैसे भूल सकता हूँ ...

ये तो जब भी जूली बहुत ज्यादा गरम हो जाती थी ..
तो उसकी चूत का पानी खुद व खुद निकलने लगता था ..

जिसकी स्मेल पूरे कमरे में फैल जाती थी ..

इसका मतलब जूली पूरी तरह गरम हो गई थी ..

वो पूरा बेहोश नहीं थी ...
वो भी यहाँ जो भी हुआ था ..
उसका पूरा मजा ले रही थी ...

मैंने एक बार फिर जूली कि चूत पर उँगलियाँ घुमाई ..

जूली: अह्ह्हाआआआ 

ओह उसने एक जोरसे सिसकारी भरी ..

इसका मतलब बो मजे ले रही है ..

हाँ उसकी आँखें पूरी तरह बंद थी ..

उसको नहीं पता कि उसके साथ कौन है ...

मैंने उसको करीब ५ मिनट तक खूब गरम कर दिया ..

मेरा लण्ड भी पूरा तनतना रहा था ...

मगर मैं अभी से जूली को छोड़कर पूरा रात का मजा ख़राब नहीं करना चाहता था ...

तभी वो वेटर फिर से कमरे में आ गया ...
उसके हाथ में एक गिलास भी था ...

वेटर श्याम: क्या साहब चोद दिया क्या ??
ऐसे कैसे मजा आया होगा आपको ..
लो मैं ये निम्बू पानी लाया हूँ ..
पहले इसको पिलाकर होश में लाओ ..
फिर आराम से इसकी चूत और गांड दोनों मारना ..

मैं बिना कुछ बोले उससे गिलास ले लेता हूँ ..

मैं जूली को उठाकर अपने कंधे पर ले अधलेटा कर देता हूँ ..
और उसको वो निम्बू पानी पिलाने की कोशिश करता हूँ ..

तभी वो वेटर साला मेरे सामने ही बैठ जूली की जांघे सहलाता हुआ ...

श्याम: साहब कुछ भी कहो..पर माल बहुत मस्त है ..
लगता है अभी अभी ही धंधे में आई है ..
मैंने भी आज तक नहीं देखा ...

मैं बेबस सा उसको देख रहा था ..
अब कुछ कह भी नहीं सकता था ...

अगर जरा भी उसको बोलता कि मेरी बीवी है ..
तो साला सभी को बोल देता ..

और सभी मेरी बहुत मजाक उड़ाते ..

उसकी हिम्मत बढ़ती जा रही थी ....

उसने मेरे सामने ही जूली की चूत को अपने दोनों अंघुठे से खोलते हुए .कहा .

श्याम: देखा साहब कितनी टाइट और पूरी लाल चूत है ..
और खुश्बू भी ऐसी जैसी कुआंरी लड़की की चूत से आती है ...
सच साहब बहुत जानदार चूत है ..
मैं तो यहाँ रोज कई देखता हूँ ..पर ऐसी नहीं देखी...
वो तो साला कसम खाई है ..
वरना इसकी तो मार ही लेता ..

बोलते बोलते कमीन ने अपना मुहु जूली की चूत पर लगा दिया ..

मैं जूली के ऊपर वाले मुहु को किसी तरह खोलकर उसको निम्बू पानी पिलाने में ही व्यस्त था ..

और उस कमीने ने मेरी जूली के नीचे वाले होंठ पूरी तरह खोलकर ..मेरे ही सामने चूसने लगा ..

जूली को भी अब हल्का हल्का होश आने लगा था ..

मुझे डर सा लगने लगा कि ये सब देखकर ना जाने वो क्या सोचने लगे ..??

कि क्या ये सब मैं ही करा रहा हूँ ...???

मैंने कसकर एक लात उस वेटर को मारी ..

वो दूर हट गया ..

मैं: तू अपने कमीनेपन से बाज नहीं आएगा साले ..

श्याम बड़े गंदे ढंग से अपने होंटों को चाटने लगा ..
और बोला ...

श्याम: क्या साहब ..??
कितना मजा आ रहा था ...
सच बहुत मजेदार है तिकोनी इसकी ...
पहले भी आपने नहीं चूसने दी ..
जैसे ही चूसने लगा तभी आ धमके ..
और अब भी नहीं ...

मैं: साले ये कोई धंधे वाली नहीं है ..
घरेलू है ..मेरे साथ केवल घूमने आई है ...

श्याम: ओह तो ये बात है ..
किसी और की घरवाली के साथ मजे ..
कोई नई साहब ..करो ...

जूली अब हलके हलके कुनमुनाने लगी ..

मैंने उसको जाने का इशारा किया ...

और वो सराफत से चला भी गया ....

जूली: ओह क्या हुआ ...??
मेरे सर ...ओह या सब ...

मैं: कुछ नहीं जान ..तुमको जरा ज्यादा होगी थी ..
चलो बाहर चलकर बैठते हैं ...

और जूली खुद व्यवस्तित करती है ..
उसने मुझसे कोई बात नहीं की ...

मैं: जान कैसा लग रहा है ...अब सब सही है ना ..

जूली: सॉरी जानू ..पता नहीं मुझे क्या हो गया था .??
वो मैं टॉयलेट गई थी ..
फिर पता नहीं क्या हुआ एक दम से ...

मैं: कुछ नहीं जान चलो बहार चलकर बैठते हैं ..
और हम रेटोरेंट में आकर बैठ गए ..

वहां २ बार गर्ल काफी छोटे कपड़ों में डांस कर रही थीं .

जूली: क्या खाना यहीं खयेंगे ...??

मैं: हाँ जान ..क्यों क्या हुआ ..??

जूली: नहीं कुछ नहीं ...
वो सब हमको ही देख रहे हैं ...

मैं: हाँ जान लगता है तुम भूल गई हो ..
तुमने स्कर्ट के नीचे कच्छी नहीं पहनी है ...
और तुम्हारे लेटने से स्कर्ट भी सिकुड़ गई है ...

जूली को जैसे सब कुछ याद आ जाता है ..
मैंने भी जानबूझकर ही उसको याद दिलाया ..
की कहीं बेख्याली में वो कुछ ज्यादा ना कर दे ..

जूली: ओह मैं तो बिलकुल भूल ही गई थी ..
सुनो घर चलो ना ..
सब मुझे ही कैसी भूखी नजरों से देख रहे हैं ..

मैं: अरे तो क्या हुआ जान ??
एन्जॉय करो ना ..
और डरती क्यों हो .??
कोई कुछ करेगा थोड़ी ..
मैं हु ना ...

जूली कोई जवाब नहीं देती ...
हम सेंटर में एक मेज पर जाकर बैठ जाते हैं ...

मैं कुछ स्नैक्स और सूप आर्डर कर देता हूँ ...

अब डांस काफी सेक्सी हो गया था ...
और लड़की भी बदल गई थी ...

लड़कियां केवल ब्रा और छोटी सी कच्छी में बड़े ही उत्तेजक ढंग से डांस कर रही थीं ..

उनकी चूचियों का काफी हिस्सा उनके हिलने से बाहर निकल जा रहा था ...
और दोनों चूची बहुत तेजी से हिल रही थी ..या ऐसे कहो की वो हिला रही थीं ...

उनके चूतड़ तो लगभग उनकी कच्छी से बाहर ही थे ..

बहुत पतली पट्टी ही उनके पीछे चूतड़ों को ढके थी..

तभी एक लड़की नाचते नाचते ..
हमारे मेज के पास आई ... 

उसने जैसे ही मुझे आँख मारी ..

ओह ये तो वही लड़की थी ..
जो अभी कुछ देर पहले उस कमरे में एक मोटे के द्वारा चुद रही थी ..
अरे इसकी तो वो मोटा आदमी गांड मार रहा था ..

और अब ये वही गांड नचा नचा कर सबको दिखा रही है ..

तभी वो मेरी गोद में आकर बैठ गई ...
उसने अपने चूतड़ बड़े सेक्सी अंदाज़ में मेरे आधे खड़े लण्ड पर रगड़े ..
और मेरे गलों को चूम लिया ..

मेर हाथ भी उसकी चूचियों तक पहुँच गए थे ...

२० सेकंड में ही वो उठकर फिर स्टेज पर चली गई ..

जूली: क्या बात जानू ..लगता है यहाँ बहुत आते हो ..

वो लगातार मुस्कुरा रही थी ...

मैं: अरे नहीं वो तो मैंने अभी इसको अंदर देखा था ..
ओह मेरे मुहु से निकल गया ..

जूली: कहाँ अंदर ...???
बताओ ना .....

.........
........................
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[font=verdana, geneva, lucida,]नाइट क्लब के रेस्टोरेंट में हम दोनों ऐसी जगह बैठे थे ..
जहाँ हमने हर कोई आसानी से देख सकता था ..

मैंने चारों ओर नजर मारी तो ..ज्यादातर लोग हमको ही देख रहे थे ...

ऐसा नहीं था कि वहां कोई लड़की ना हो ..

वल्कि हर मेज पर ही कोई लड़की या महिला बैठी थी ..

और ऐसा भी नहीं था कि सेक्सी कपड़ों (मिनी स्कर्ट और ट्यूब टॉप) में केवल जूली ही हो ...

ज्यादातर वहां सेक्सी कपड़ों में ही थीं ...

और तो और जो लड़कियां नाच रही थीं ..
वो तो पूरी नंगी ही लग रही थीं ..

फिर भी जूली कि सुंदरता ओट सेक्स अपील ..
हर किसी को उसी कि और आकर्षित कर रही थी ...

जूली का नशा अब काफी हद तक काबू में आ गया था ..

हाँ झूम वो अब भी रही थी ..

और उसकी जुवान भी लड़खड़ा रही थी ...

मगर अब वो काफी सही लग रही थी ..

हाँ कुर्सी पर दोनों पैर के बीच उसने काफी गैप कर रखा था ..

वो तो शुक्र था कि उसके पैर मेज के अंदर ही थे ..

वर देखने वालों की पेंट की चेन ख़राब हो जाती ..

जूली मेरी और झुकते हुए अब मेरे पर दबाब डालने लगी ..

जूली: बताओ ना जानू तुमने क्या क्या देखा ..??
सच मुझे कुछ भी याद नहीं ..

मैं: अरे यार जब तुम नहीं आई ना तो मैं अंदर गया था ..
तब ये एक मोटे से आदमी के साथ ता ता धिन्ना कर रही थी ,,,
वो मैंने तो केवल आवाज सुनी ..
मैं समझा कहीं कोई तुमको तो परेसान नहीं कर रहा ..
पर जब दरवाजा खोलकर देखा तो लगी थी ..
ये पूरी नंगी ...
और चिल्ला भी रही थी ...

जूली: हाय राम ..आपने इसको पूरा नंगा देखा ..
वो भी सब करते हुए ..

मैं: हाँ यार ..मेरी जान ..
हम यहाँ अकेले ही तो हैं ..
क्या सब करते हुए ...बोलो चुदवाते हुए ...??

जूली: धत्त ..आप तो पूरे बेशरम ही हो गया हो ..
और चिल्ला क्यों रही थी ???

मैंने आँख मारते हुए ...

मैं: अरे इतना बड़ा लौड़ा ..उस मोटे ने गांड में घुसा रखा था ...तो चिल्लाएगी ही ना ..हा हा हा ..

मैंने नशे मैं ही खुद को जूली के सामने पूरा खुलने का सोच रखा था ...

इसीलिए अब पूरे खुले और नंगे शब्दों का प्रयोग कर रहा था ...

जूली: ओह क्या हो गया आपको ..
कितना गन्दा बोल रहे हो ...

पर उसके होंटों पर भी मुस्कराहट बता रह थी कि उसको भी मेरी बातें अच्छी लग रही थी ..

तभी मुझे एक कोने में मोटा बैठा दिखाई दिया ...

मैं: हाँ देखो जानू ..वो है वो ..जो शनील के काली शर्ट में है ..उस कोने में ...

जूली उसको देखते ही ..
मेरे हाथ को कस कर दबा देती है ..

जूली: अरे जानू मुझे याद आ रहा है ...जब मैं अभी अंदर गई थी ना ..
तो यही था वहां ..
इसने मेरे साथ बादतिमीजी भी कि थी ..

मैं: अच्छा क्या किया था ..??

जूली: बस मेरे को तो नशा बहुत हो गया था ..
और उलटी सी होने लगी थी ..
इसने ही मुझे पकड़ा था ..
और मेरी स्कर्ट में हाथ डाला था ...

मैं: अरे जान तुमको बहम हुआ होगा ..
तुमको पकड़ने में लग गया होगा ..

जूली: नहीं जान मेरा विस्वास करो ...
ये बहुत कमीना है ...
इसने जानबूझकर मेरी स्कर्ट उठाई थी ..
और अंदर सहलाया था ...

मैं: क्या ?? और तुमने मना नहीं किया ...

जूली: अरे मैं तो उलटी से परेसान थी ...
तबी इसने मेरी मजबूरी का फ़ायदा उठाया था ..
ये और वो कमीना वेटर दोनों मुझे नंगा करने में ही लगे थे ...

मुझे गुस्सा सा आ गया मैं जैसे ही उठने लगा ..

जूली ने कसकर मेरा हाथ पकड़ लिया ...

जूली: रुको ना अब क्या यहाँ मेरा तमाशा बनाओगे .??.
मेरे इन कपड़ों में कोई इनको गलत नहीं कहेगा ..
मेरा ही तमाशा बन जायेगा ...

मैं: हम्म्म पर अब अगर कुछ भी करता हूँ तो ..साला बखेरा खड़ा कर देगा ...

फिर सोचता हूँ कि यार जब मस्ती करने आये हैं तो ये सब तो होगा ही ...

जूली: छोड़ो अब जो हुआ ...
अब आप मूड अच्छा करो ...
और अपनी मस्ती ख़राब मत करो ...
शुक्र है इन्होने बस छेड़छाड़ ही की ..ना कि ज्यादा कुछ ..
वरना कुछ भी कर सकते थे ...

मैं: अरे जान वो वेटर तो पिट ही गया था मुझसे ...
पता है तुमको कमरे में ले गया था ...
और तुमको पूरा नंगा कर दिया था ..
वो तो मैं समय पर पहुँच गया ..
वर ना जाने क्या कर देता ..??

जूली: क्याआआआ सच ...
मैं तो समझी आप मुझे वहां ले गए थे .

मैं: अरे जानू उसने तो तुम्हारे सब .......
मतलब स्कर्ट और टॉप हटा दिए थे ....
और मजे से चूस रहा था ...हा हा हा ...

जूली: ऐसे क्यों कह रहे हो ..??
मुझे शरम आ रही है ....
जब मैं होश में ही नहीं थी तो ...

मैं अब उसको छेड़ने लगा ..

मैं: तब ही तो बोलता हूँ जानू ..इतनी मत लिया करो ..वरना कोई भी नशे में पेल जायेगा ..

जूली: हाँ रहने दो ..अभी किसी में हिम्मत नहीं है ..

वो भी शायद मेरा मजाक समझ गई थी ..
इसलिए ज्यादा नाराज नहीं हो रही थी ...

जूली: तो तुमने उस वेटर को बहुत मारा ..

मैं: ज्यादा तो नहीं ..पर हाँ २-४ तो दे ही दिए थे ..
वैसे वो तुमको धंधे वाली समझ रहा था ...

जूली: क्याआ ?? बस आप मुझे यही और दिखाओगे .
अच्छा खासा सही कपडे पहन कर आ रही थी .. ..

मैं: अरे यहाँ हमको कौन जनता है ..??
मजे लो ..उनको समझने दो कुछ भी ...
इसका भी एक अलग हिंजा है ..

जूली: इसका मतलब ये तो नहीं कि मैं धंदे वाली बन जाऊं ..

मैं: अरे यार कैसी बात कर रही हो ...
कपडे बदलने से कोई इंसान नहीं बदल जाता ..
वल्कि एक दिन वैसी ज़िंदगी भी जी लेता है ..
मैं यही तो देखता हूँ ..कि दुनिया में पहचान इंसान से नहीं ..वल्कि चेहरे और कपड़ों से होती है ..

जूली: हाँ ये तो आपने ठीक ही कहा ..
सुनो आपकी बात सुनकर तो मुझे बड़ी अजीब सी फीलिंग हो रही है ..
कि इन लोगों ने मेरे नंगे अंगों को देखा और छुआ होगा ..

मैं: अरे यार खुलकर बोलो ..
मैं तुम्हारा पति जो तुमको बहुत प्यार करता है ..
जब तुम्हारे साथ है ..तो तुमको किस बात की चिंता ..
और जरा सी मस्ती करने में चूत या लण्ड घिस नहीं जाते ..
अच्छा तुम बताओ अभी जब बो लड़की मेरी गोद में बैठी तो मेरा लण्ड उसकी गांड के स्पर्श से खड़ा हो गया ..
इसका मतलब मैं गलत हूँ ..
यान मेरी लण्ड या उसकी चूत का कुछ घिस गया ..
अरे यार जरा सा मजा आ गया बस ...

जूली लगातार मुझे देखे जा रहे थी ...
वो मुझे समझने की कोशिश कर रही थी ...

तभी वहां तेज लाइट ओन हो गई ..
और तेज म्यूजिक के साथ कॉमन डांस को अनाउंसमेंट हो गया ..

सभी स्टेज के नीचे डांस फ्लोर पर डांस करने लगे ..

जूली भी मुझे डांस के लिए बोलने लगी ..

पर मेरा बिलकुल मन नहीं था ..

क्युकि नशा बहुत हो गया था ...

और मैं सबको डांस करते हुए उनकी हरकतें देखना चाह रहा था ...

कुछ ही देर में एक वेल सूटेड बूटेड आदमी वहां आया ..
और जूली को डांस के लिए बोलने लगा ..

उसने मन किया ..
पर मैंने अपनी आँखों से उसको हाँ में इसारा किया ..

और जूली ने उसके बड़े हुए हाथ पर अपना हाथ रख दिया ...

दोनों डांस फ्लोर की ओर बढ़ने लगे ..

मैं उसको बताना चाह ही रहा था कि अपनी स्कर्ट का ध्यान रखना ..
कि अंदर कच्छी नहीं है ..

पर तब तक तो वो तेजी से आगे चली गई ...

अब पता नहीं क्या होगा ..????

.......
.......................
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]क्या हसीन रात थी....??

यह वही समझ सकता है जिसने इसको जिया है ...

वो लोग मेरी नजर मैं बहुत दकियानूसी होते हैं जो मैं, मेरा और हमेशा शक और चिंता में ज़िंदगी गुजार देते हैं ..

शायद बहुत को मैं पागल और सनकी लग रहा हूँ कि कैसे अपनी बीवी को दूसरों के बाँहों में डालकर मजे ले रहा है ..

मगर सोचना इस पर कि कोई चीज अपना हक़ ज़माने से अपनी नहीं हो जाती ...

उसको हर तरह से प्यार करने और उसको अपनी मर्जी से सुख देने से...वो आपको और भी ज्यादा प्यार करती है ..

यही हाल अब जूली का भी था ...
उसकी आँखों में मेरे लिए एक अजीब सा प्यार नजर आने लगा था .....

फिलहाल मैं उसके डांस और दूसरे लोगों द्वारा जूली को घूरने का मजा ले रहा था ...

जूली एक लड़के के साथ नाच रही थी ...

वो मेरे से कुछ दूर थी ....

मैंने देखा वो बार बार मेरे को घूम घूम कर देख रही है ..

मैंने उसको फ्री करने के इरादे से उसको बाय जैसे कहा तुम एन्जॉय करो मैं अभी आता हूँ ...

और मैं उसको दिखने के लिए बाहर कि और आने लगा ..
तभी मुझको वही वेटर मिल गया ...
क्या नाम था साले का ..
हाँ याद आया श्याम ...

मैंने उसे एक उप्पेर शर्ट मांगी ..
उसने एक सफ़ेद टी-शर्ट दे दी ..

मैंने अपनी शर्ट उसको दी ,,
और सफ़ेद वाली टी-शर्ट पहन ली ..

वो बहुत से सवाल कर रहा था ...
पर मैंने उसको चुप करा दिया ..
कि बाद में बताऊंगा ...

फिर मैं घूम कर पीछे से जूली के काफी निकट चला गया ...

और उसकी तरफ बैक कर ली ...

वो काफी बिंदास होकर डांस कर रही थी ...
एक हल्का नशा उसको फ्री बनाये हुए था ...
और ऊपर से मेरी बातों ने उसको काफी रिलैक्स कर दिया था ..

शायद हर लेडी का मन फ्री होकर अपनी मर्जी से मजे करने का होता है ..

मगर समाज कि वंदिशे और दकियानूसी विचार उनको मन कि नहीं करने देते ..

जूली वाकई बहुत फ्री होकर एन्जॉय कर रही थी ..
उसको अब मेरी भी चिंता नहीं थी ...

वो समझ रही थी कि या तो मैं कही बाहर चला गया हूँ ..
और अगर हूँ भी तो उसको कुछ मना करने वाला नहीं हूँ ..

और वो काफी हद तक सही भी थी ...

इसीलिए उसके बदन के हर अंग से एक अलग ही मस्ती झलक रही थी ....

जूली के नाचने से उसका स्कर्ट बहुत तेजी से दोनों और घूम रहा था ...

और उसकी टाँगें पूरी नग्न दिख रही थीं ..

पास वालों को तो नहीं ..
मगर हाँ दूर वाले जरूर उनको अंदर तक देख रहे होंगे ,

वो उनको आईडिया नहीं हुआ होगा ..

पर अगर उनको पता चल जाये कि इस हसीना ने अंदर कच्छी नहीं पहनी है ..

तो शायद सबके लण्ड पानी छोड़ दें ...

तभी लाइट काफी हलकी हो गई ...

मैं जानता था ..
कि ऐसे होटल में धीरे धीरे लाइट हलकी करते जातें हैं ..

जिससे कपल्स अपनी मस्ती में डूबते जाते हैं ...

मैंने देखा मेरे आगे एक कोई जोड़ा डांस कर रहा था ..

लेडी कोई ३५-३६ साल की हलकी मोटी और कुछ सावली सी थी ..

उसने रेड टाइट स्लैक्स और वाइट टी-शर्ट पहनी थी ..

उसके साथ वाला आदमी भी काला और बहुत मोटा ..
चश्मे लगाये बहुत गन्दा लग रहा था ..

पता नहीं वो उसका पति था या कोई आशिक या बॉस ..

पर दोनों बहुत रोमांटिक हो डांस कर रहे थे ..

दोनों एक दूसरे की बाँहों में जकड़े थे ..

और मोटा, काला आदमी लगातार उसके होंठों को चूसे जा रहा था ...

पहले तो वो उस लेडी के चूतड़ों को स्लैक्स के ऊपर से ही सहला रहा था ...

मगर लाइट हलकी हो जाने के बाद उसने अपने मोटे,गंदे हाथ स्लैक्स के अंदर डाल दिए थे ....

मैंने साफ़ देखा कि उसके हाथ इतनी कसी हुई स्लैक्स को भी उठा, उठाकर काफी अंदर तक जा रहे थे ..

स्लैक्स के ऊपर से ही उसके हाथ ..लेडी के चूतड़ों पर चारों ओर घूमते हुए दिख रहे थे ...

तभी मुझे पीछे से आवाज आई ..

...: वाओ मेम ..आपने पैंटी नहीं पहनी ..

जूली: ओह क्या कर रहे हो ..अपना हाथ हटाओ वहां से ...

मैंने अब जूली कि ओर ध्यान दिया ..
ओह वो भी अब उस लड़के कि वाहों में थी ..

मैंने देखा वो लड़का भी जूली के स्कर्ट में अपना हाथ घुसाये था ...

दोनों बहुत धीमे डांस कर रहे थे ,,,

मगर लड़के का हाथ मुझे साफ़ दिख रहा था ...

उसने जूली के चूतड़ों के बीच अपनी उँगलियाँ डाली हुई थी ...

लड़का: अह्हा कितनी गीली हो रही है मेम आपकी ..

जूली: क्याआआ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .....

लड़का: चूऊऊत .....

जूली: हटो बेशरम ...बस्स्स्स्स्स्स्स निकालो न हाथ ..

तभी मेरे पीछे से भी आवाज आई ...

मोटा आदमी: अरे देख जानेमन ...वो साली नंगी ही आई है ...

मैंने एक साइड में हो दोनों को देखा ..

वो जोड़ा जो मेरे पीछे डांस कर रहा था ...
दोनों जूली को ही देख रहे थे ...

लेडी: अरे हाँ ..देखो कैसे ऊँगली करा रही है ...

मोटा आदमी: हा हा ..हाँ जैसे तेरे पति के सामने मैंने कि थी तेरे ...

लेडी: हा हा ..हाँ बिलकुल ...देखो कैसे मस्ती ले रही है ..

इसका मतलब वो लेडी किसी और कि पत्नी थी ..
और यहाँ किसी और के साथ मस्ती करने आई थी ..

मैंने देखा उस मोटे आदमी ने लेडी कि स्लैक्स उसके चूतड़ों के काफी नीचे कर दी थी ...

और उसके मोटे मोटे चूतड़ नंगे से दिखने लगे थे ...

लेडी: क्या कर रहे हो आप ??
मुझे भी इसकी तरह ही नंगा करोगे क्या ...??

मोटा आदमी: तुझसे तो कितना कहता रहता हूँ ..
पर तुझे ही शरम आती रहती है ...

लेडी: अरे मन तो मेरा भी बहुत करता है ...
मगर साल बो हरामी ..
देखते नहीं हो ..
मेरी हर चीज पर कितनी नजर रखता है ..
हर समय बंदिश और बंदिश ..
नरक बना दिया है कमीने ने मेरी ज़िंदगी को ..
बस जब वो बाहर होता है ..
तभी कुछ जी पाती हूँ ...

मेरे देखते देखते ही उस आदमी ने उसकी स्लैक्स चूतड़ से लगभग नीचे ही कर दी थी ...

तभी बो आदमी घूमकर जूली कि ओर आ गया ..

मोटा आदमी: एक मिनट इधर आ जा ..
जरा इसके चिकने चूतड़ भी तो छूकर देखू यार ...

लेडी: अरे पिटोगे क्या ..??
इधर उधर हाथ मत मारो ...

मगर साला मोटा बहुत बड़ा कमीना था ...

उसने नाचते नाचते ही जूली के बिलकुल पास चला गया ...

और फिर मैंने ध्यान से देखा ...

उसने आपने हाथ जूली के चूतड़ों से सटा दिए ...

जूली ने एक बार पीछे देखा ..

और वो मुस्कुरा दी ...

उसने एक बार भी विरोध नहीं किया ...

बस मोटे को छूट मिल गई ..

अब उसने अपनी वाली लेडी को मेरी और करके खुद जूली के पास हो गया ...

और जूली कि पीठ कि ओर सटकर उसके चूतड़ों से चिपक गया ...

मेरे सामने उस लेडी के नंगे चूतड़ दिख रहे थे ..

मैंने भी उसके चूतड़ों को अपनी दोनों मुठ्ठी में पकड़ दबा दिए ...

और वो लेडी अचानक मेरी और घूमी ...

उसकी आँखें पूरी लाल थी ...

और ....????
??????

.........
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]मस्ती भरी रात का पूरा मजा आ रहा था ...

जूली तो मस्ती कर ही रही थी ...

उसके चेहरे से लग रहा था ..
कि वो हलके नशे में है ...
और वहां का माहौल उसको कुछ ज्यादा ही नशीला बना रहा था ...

मेरा तो इस तरह खुले में इतने लोगों के बीच सेक्स का मजा करने का पहला अनुभव ही था ..

जहाँ न जाने कितनी आँखे देख रही थी ..
और कई हाथ छू रहे थे ...

पर जूली तो शायद पहले भी ओपन सेक्स का मजा ले चुकी है ...

ये मैंने अपने पेन रेकॉर्डर से सुना ही था ...

और उसके हाव भाव से लग भी रहा था ...
कि वो पूरी तरह मस्ती में डूबी थी ...

आगे वाला लड़का बड़े मजे से उसको अपने से चिपकाये उसकी गर्दन और जहाँ जगह मिल रही थी चूम रहा था ...

और वो मोटा आदमी भी जूली के पीछे से चिपक गया था ...

मैंने देखा उसने जूली का स्कर्ट पूरा ऊपर को कर ..उसका निचला सिरा ..
स्कर्ट की बेल्ट में फंसा दिया है ...

उसको अब स्कर्ट पकड़ने या ..ऊपर करने की जरुरत नहीं हो रही थी ...

जूली पीछे से पूरी नंगी ही दिख रही थी ..
जरा सा स्कर्ट का कपडा ही अब उसके विशाल चूतड़ों पर दिख रहा था ...

मोटे आदमी के दोनों हाथ जूली के चूतड़ों के समस्त भाग में घूम रहे थे ..

और कभी कभी वो अपनी मोटी मोटी उँगलियों का भी प्रयोग कर रहा था ..

इधर उस मोटे के साथ वाली लेडी पूरी मस्ता गई थी ..
वो मेरे से चिपकी जा रही थी ...

वैसे भी वो केवल मजे लेने आई थी ....
उसको उस मोटे की बिलकुल चिंता नहीं थी ...

मेरे हाथों ने उसकी टाइट स्लैक्स चूतड़ों को सहलाते हुए उसके मोटे चूतड़ों से पूरी ही उतार दी थी ...

स्लैक्स उसके जाँघों तक पहुंच गई थी ...

तभी उस लेडी ने कमाल कर दिया ..
उसने मेरी पेंट की चेन खोलकर मेरा लण्ड बाहर निकल लिया ...

उसकी इस हरकत से मुझे बहुत आराम मिल गया था ..
क्युकि बहुत देर से मेरा लण्ड पूरा खड़ा था ..
और पेंट के अंदर उसमे दर्द होने लगा था ...

वो मेरे लण्ड को ऊपर से नीचे सहलाने लगी ..

मैंने अपना एक हाथ उसके चूतड़ों से हटा उस लेडी के आगे लाया ..

और सीधा उसकी टांगो के बीच चूत पर रख दिया ..

उसकी स्लैक्स कच्छी के साथ ही उतर गई थी ..

इसलिए चूत पूरी तरह नंगी थी ...

क्या मस्त चूत थी यार ..??
बिलकुल फूली हुई ...
चूत पर बहुत मुलायम बाल थे ...
मेरे हाथों की उँगलियों ने उसके बालों को सहलाते हुए चूत के होंठों को सहलाया ..

उसके मुहं से सिसकारी निकल गई ..

लेडी: अह्हाआआआआआआ अहा 

मैंने उँगलियों से ही उसके चूत के छेद को ढूंढ अपनी एक ऊँगली से छेद को कुरेदा ..

उसके चूतड़ों पर रखा हाथ भी पीछे से उसके चूत को कुरेदने लगा ..

उसने कसकर मेरे लण्ड लो पकड़ दबा दिया ...

उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी ..
और लगातार पानी छोड़ रही थी ...

तभी उसने मेरे कान में कहा ...

लेडी: चलो कहीं साइड में चलते हैं ...

क्या बात है ??
मतलब वो चुदवाने के मूड में आ गई थी ...

मैंने जूली की ओर देखा ...
तो वो उन दोनों से मस्ती कर रही थी ...

उस मोटे आदमी ने जूली को पीछे से दबोच लिया था ..
और उसके हाथ आगे से जूली की स्कर्ट के अंदर थे ..

आगे से जूली की स्कर्ट अभी भी उसकी बेशकीमती चूत को ढके थे ..

पर इस समय शायद उसकी चूत पर उस मोटे के हाथ थे ..
जो पता नहीं कैसे उसको छेड़ रहे थे ...

अब या तो मैं यहाँ रूककर जूली की मस्ती देखता ..

या फिर इस नै बालों वाली चूत का मजे लेता ...

ये तो पक्का था कि वो चुदाई के लिए पूरी तरह तैयार थी ...

और मेर लण्ड को बिना किसी शर्म के कभी सहलाती .
तो कभी कसके पकड़ लेती 
तो कभी मोड़ देती ..

कुछ समझ नहीं आ रहा था ..
कि क्या करूँ .???

लण्ड उसकी हरकतों के आगे झुकने को तैयार ही नहीं था ... 

मैंने बड़े प्यार से उससे उसका नाम पूछा ..

मैं: जानेमन तुम्हारा नाम क्या है ??

लेडी: ऋतू ..बहुत धीरे से ही उसने बोला ..

मैं: क्या मूड है ??

ऋतू: तुम्हारे लण्ड को खा जाने का ...

एक दम खुली शब्दों का प्रयोग ..

मतलब पूरी तरह रंडी बन गई थी वो ...

कहते हैं एक रंडी हर स्त्री में छुपी होती है ..
बस उसको बाहर निकालना पड़ता है ..

ऋतू काफी हाई सोसाइटी कि दिख रहे थी ...

मगर इस समय बिलकुल एक रंडी कि तरह ही बात कर रही थी ..

और उसकी हर हरकत एक उच्च तबके के रंडी जैसी ही लग रही थी ..

मेरा दिल उसको छोड़ने का बिलकुल भी नहीं कर रहा था ...

बस केवल जूली को मस्ती करते देखने का थोड़ा सा मन था ..

मगर ऋतू जैसे माल ने वो भी संदेह में कर दिया था ..

मेरा लण्ड अब ऋतू की चूत में घुसने के लिए ब्याकुल था ...

मैं: मेरी जान यहाँ कहाँ चोदूँ तुम्हे ..
मेरा लण्ड तो तुम्हारी इस चुनिया के लिए पागल है ..

मैंने कस कर उसकी चूत को मसल दिया ...

ऋतू: अह्ह्हाआआआ 
मेरी चूत भी तेरे लोडे को पूरा खा जाएगी ..

उसकी भाषा हर तरह की लगाम छोड़ती दिख रही थी ..

मैंने सोच लिया कि इस कमीनी के साथ पूरा मजा लेना है ...

पर अब मेरा दिमाग केवल ये सोच रहा था ..
कि मैं ऋतू को भी चोद लूँ ..
और जूली को भी देखता रहूँ ..

अब ये दोनों काम एक साथ कैसे होंगे ....

........
....................... 
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]मेरा दिल चाह रहा था कि ये रात कभी ख़त्म ना हो ..

मेरी सभी इस्छायें यहाँ पूरी होने की कगार पर थीं ...

वल्कि अगर ऐसा कहूँ तब भी गलत नहीं होगा कि..
मेरी सभी सोच से ऊपर अब यहाँ का माहोल हो गया था ...

नशे ने हम दोनों को हर वो हरकत करने पर मजबूर कर दिया था ..
जो शायद होश रहते हम कभी भी नहीं करते ...

ऋतू भले ही ३४-३५ साल कि थी ..
मगर रेगुलर सेक्स ने उंसको २५-२६ साल का बना रखा था ...

वो बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी ...

जरुरत से ज्यादा उसका खुलापन मुझे मेरे लक्ष्य से भटका रहा था ...

मेरा ध्यान जूली की ओर से हट रहा था ...

ऋतू ने मेरे लण्ड को सहला सहला कर पूरा लाल कर दिया था ...

वो अपने नाखून मेरे लण्ड के टॉप पर रगड़ रही थी ..

मैंने ऋतू की मस्त चूचियाँ दबानी शुरू कर दी ...

ऋतू: अगर प्यास लगी हो तो पी ले ..
बहुत रस है रे, मेरे मम्मो में ...

मैं भी अब ऋतू के नंगपने में रंगने लगा था ...

मैं: हाँ जानेमन ..कामरस से भरे पड़े हैं तेरे ये गोले ..

मैंने उसकी कुर्ती के ऊपर से ही उनको निचोड़ने लगा ..

और फिर ऋतू ने कमाल कर दिया ...
उसने अपनी स्लैक्स अपने पैरों से पूरी निकाल दी ...

भरी स्टेज पर ऐसा शायद कोई रंडी भी नहीं करती ..
मगर ऋतू ने तो खुलेपन की हद ही कर दी थी ..

वो कमर से नीचे पूरी नंगी मेरे साथ मजे कर रही थी ..

ऋतू: चल न किसी कोने में ..मैं तेरे लण्ड को पूरा खाना चाहती हूँ ..
तेरे लण्ड की खुश्बू ने मुझे पागल कर दिया है ...

वो मेरे लण्ड को पकड़ अपनी चूत को आगे कर.... लगा... उसपर घिसे जा रही थी ...

वो इस कदर पागल हो रही थी ..कि अगर मैंने कुछ नहीं किया तो वहां खुद ही सबके सामने चुद लेगी ...

उसके गदराये शरीर को छोड़ने का मेरा भी बिलकुल मन नहीं था ...

मैंने जूली को देखने के लिए उधर नजर घुमाई ..

मगर ओह वो वहां नहीं थी ...
अरे ये कहाँ गई ..
मैंने चारों ओर देखा ...
मगर वो मुझे कहीं दिखाई नहीं दी ...

जरा सी देर में ही वो गायब हो गई थी ...

मुझे वो दोनों भी नहीं दिखाई दिए ..
न तो मोटा आदमी और न ही उसके साथ वाला लड़का ..

अरे साले मेरी नजर बचा जूली को कहाँ उठा ले गए ..

जब यहाँ मेरे सामने ही उन्होंने उसकी स्कर्ट उठा उसको नंगा कर दिया था ..
और उसके चूतड़ और चूत सब छू रहे थे ..
अब पता नहीं अकेले में क्या कर रहे होंगे ..??

मुझे डर लगने लगा कि जूली की मदमस्त जवानी देख कई आदमी उसका बलात्कार ना कर दें ...

मैं जूली को ढूंढने जाने लगा ..

मगर ऋतू ने कसकर मुझे पकड़ लिया ...

मैंने भी उसका हाथ पकड़ा और स्टेज से नीचे आकर सोचने लगा की जूली किस ओर गई होगी ..

इतनी देर में ३-४ आदमियों ने ऋतू के चूतड़ों को चांटा मारा ..
और बड़े गंदे कमेंट्स भी दिए ..
मगर ऋतू बड़े छिनाल अदा से सबको मुस्कुराकर ही जवाब दिया ...
मैं समझ गया ये यहाँ की बहुत पुरानी चुद्दक्कड़ है ..

मैंने ऋतू के कान में पूछा ...

मैं: अरे वो तेरे साथ वाला मोटा कहाँ है ..??

ऋतू: पता नहीं ..चोद रहा होगा कमीना कहीं किसी चूत को ..

मैं: अरे वो मेरे साथ वाली लड़की थी न वो कहीं नहीं दिख रही ..
वो मेरे साथ आई थी ..

ऋतू: अरे वो नंगी रंडी ..
जिसने कच्छी नहीं पहनी थी तेरे साथ थी ...
उसी के साथ तो था वो कमीना ...
चल छोड उसको उसकी चूत से कहीं मजेदार है मेरी चूत ..
चल आज मुझे अपना मूत पिला ...
उसको चुदने दे किसी और से ...

उसकी इतनी गन्दी बातों ने तो हद कर दी थी ..
मैं ज़िंदगी में पहली बार ही किसी स्त्री के मुहं से इतनी गन्दी भाषा सुन रहा था ...

मुझे बहुत परेसान देख उसने मेरा हाथ पकड़ा ..
और वोली चल उसके सामने ही मुझे चोदना ...

मुझे पता है कहाँ ले गया होगा वो कमीना उसको ...

और मैं उसके साथ आगे को बढ़ गया ...

अभी हम एक गैलरी की ओर गए ही थे ..

कि मुझे श्याम दिख गया ...

मैं जल्दी से उसकी ओर लपका ...

मैं: अरे श्याम ..तूने उसको देखा जो मेरे साथ थी ..

पर उसने पहले ऋतू को देखा और उसके चूतड़ों पर हाथ मारते हुए ...

श्याम: और सुना छम्मकछल्लो ..आज कितनो से चुदवा ली ..चल मेरा मूत पियेगी ..क्या ??

मैं उसकी बात सुन आश्चर्यचकित था ..
मगर मुझे जूली कि चिंता हो रही थी ..

मैंने कसकर श्याम को झकझोर दिया ..

मैं: अरे उसको छोड ..पहले ये बता कि तूने जूली को देखा कहीं...

अब उसने मेरे को देखा ...

श्याम: अरे आप साहब ..
हाँ वो मेमसाहब ...
वो तो वहां उसको २-३ जने मिलकर हा हो हो हो 

और मुहं दबाकर हसने लगा ...

मैंने उसकी ओर ध्यान ना देकर सीधे उस ओर बढ़ गया ..
जिधर उसने इशारा किया था ..

मेरे को भागता देख ऋतू अपने नंगेपन की परवाह ना करते हुए मेरे ओर लपकी ..

और मुझे पकड़ लिया ...

ऋतू: अरे छोड न उस छिनाल को ...
वो तो अब चुद ही रही होगी ...
तू तो मेरी इस चूत को शांत कर ..
और मुझे अपना गरम मूत पिला ...

नशे में ना जने क्या-क्या बक रही थी ...??

अगर मेरे दिमाग में कुछ और नहीं होता तो शायद उसकी इस तरह गन्दी बातों को सुन ... मैं बहुत मस्त होता ..

मगर मैं जूली को इतना प्यार करता था ..
कि मुझे उसकी बहुत चिंता हो रही थी ...

मैंने ऋतू को भी साथ ले लिया ...
कि चलो आज इसको वहीँ जूली के सामने ही चोदूंगा ..

ये दिमाग में आते ही मेरे शरीर में एक झुरझड़ी सी आ गई ...

वाओ कितना मजा आएगा ....??

तभी मुझे एक ओर से बहुत तेज सिस्कारियों की आवाज आई ...

मैं उस ओर को बड़ा ....

और तभी ऋतू की आवाज आई ...

ऋतू: अरे कैसे जमकर चुदवा रही है ये तो ...

ओह मैं सन्न रह गया .........

......
.......................
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]मैंने जूली के साथ हर तरह की मस्ती करने की सोच तो लिया था ....

पर इस मस्ती में अभी और क्या क्या देखना था ..
ये अभी तक मैंने नहीं सोचा था ...

और हर नई बात के लिए मुझे एक अजीब सी घबराहट हो रही थी ...

ऋतू जैसी बोल्ड लड़की मैं खुद चुदाई करने के लिए तो सोच सकता था ... 
क्युकि वो किसी और की बीवी थी ...,

मगर इतना बोल्ड मैं जूली के लिए तो नहीं सोच सकता था ...
मैं भी एक भारतीय पुरुष ही था ...

मैं बड़ी बैचेनी से जूली को ढूंढ रहा था ...

जैसे ही ऋतू ने के ओर देखते हुए कहा कि ...

ऋतू: अरे ये तो यहाँ चुद रही है मस्ती से ...

मेरे दिल को एक हल्का सा धक्का ही लगा ...

मैंने उस ओर देखा ....

वहां एक कमरा था ..
ओर तीन अजीब से आदमी आधे नंगे दिखे ....
उनके नीचे के शरीर पुरे नंगे थे ..

वहां केवल एक ही सिंगल बिस्तर था ....
मैंने देखा एक आदमी ...उस लड़की की दोनों टाँगे अपने हाथ में पकडे था ...
ओर उसको तेजी से चोद रहा था ..

मुझे दरवाजे से वो लड़की बिलकुल नहीं दिख रही थी ..
क्युकि उस आदमी के शरीर ने उसको लगभग पूरा ही ढक दिया था ..

मैंने चारों ओर नजर घुमाई ओर मुझे एक तरफ एक कपडा दिखा ...
मैंने ध्यान से देखा ...
अरे ये तो जूली की स्कर्ट है ...

इसका मतलब जूली ??????

दो आदमी आगे जूली के दोनों तरफ बैठे थे ...
जो अपने हाथो से उसको को मसल रहे थे ...

ओर उसने दोनों के लण्ड अपने हाथ से पकड़ रखे थे ..
ओर उनको एक एक करके चूस रही थी ...

क्युकि जब मैंने देखा ...
तब वो बायीं ओर वाले का चूस रही थी ...
फिर देखते ही देखते उसने अपना मुहं दायीं ओर कर लिया ...
और उसका लण्ड चूसने लगी ...

मेरा दिल बैठा जा रहा था ....
क्युकि मेरी जूली इतनी सेक्सी हो गई थी ...
एक साथ तीन लण्डों से खेल रही थी ....

मेरे कदम जैसे दरवाजे पर ही जाम हो गए थे ..
उन्होंने एक कदम भी आगे बढ़ने से मना कर दिया था ...

मेरी समझ नहीं आ रहा था ...
की क्या करूँ .???

अब रोकने से भी क्या फ़ायदा था ???
जो उसको चोद रहा था ..
वो काफी तगड़ा आदमी था ....

अगर मैंने उनको जरा भी रोकने की सोची ...
तो पता नहीं साला मेरे साथ क्या करेगा ..??

तभी मैंने ध्यान दिया की कोई मेरे लण्ड को भी चूस रहा है ...

मैंने नीचे देखा तो वो ऋतू थी ...
ना जाने उसने अपनी कुर्ती कब उतार दी थी ..

वो पूरी नंगी नीचे बैठी बड़ी लगन से मेरे लण्ड को चूस रही थी ...
जो इतने गरम माहोल में भी ..
इतने घटनाक्रम की वजह से बैठ गया था ...

मैंने ध्यान किया ..कि जूली को ढूंढने में मैं इतना मसगूल था कि अपने लण्ड को भी अंदर नहीं किया था ..

मैं ऐसे ही सब जगह भाग दौड़ कर रहा था ...

ऋतू के जरा से प्रयास से ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया ...

तभी मैंने जूली कि ओर देखा वो आदमी बहुत तेज धक्के लगाने लगा ...
इसका मतलब वो चरम पर था ...

कमरे में तेज आहें ओर धक्को की आवाजें गूंजने लगीं ..

ज़िंदगी में पहली बार मैं किसी और का वीर्य अपनी जान के चूत में जाते देखने वाला था ...

मगर थैंक्स गॉड उसने आखरी समय में अपना लण्ड जूली की चूत से बाहर निकाल लिया ...

भक की तेज आवाज आई ....

और उसने शायद हमको देख लिया था ...
वो उठकर हमरी ओर को आया ...

मैंने उसके लण्ड को देखा ..
पूरा आना हुआ ...
काला ओर लण्ड का अगला भाग लाल शुरक हो रहा था ...

वो जल्दी से हमारे पास आया ...
और उसने ऋतू के चेहरे के पास अपना लण्ड कर दिया ..

ऋतू ने भी बिना सोचे उसके लण्ड को अपने मुहु में भर लिया ...

अब मैंने हिम्मत करके जूली की और देखा ...

वो दोनों आदमी अभी भी जूली से मस्ती में लगे थे ...

मैंने ऋतू के हाथ से अपना लण्ड छुड़वाया..
और जूली की ओर गया ... 

वाओ ......
जैसे ही मैंने देखा ..अरे ये तो कोई और है ..

वो कोई और ही लड़की थी ....
गोरी चिट्टी ...
मगर उसकी चूत ओर चूची काफी मसली हुई लग रही थी ...

मैंने एक ठंडी सांस ली ...
जैसे किसी गुफा से बाहर आया हूँ ...

और खुसी के मारे मैंने उस लड़की के पैरों को फैलाकर उसकी चूत को अपने हाथ से सहला दिया ...

उसने मुस्कुराकर मुझे देखा ...
जैसे उसको कोई ऐतराज नहीं हो ...
और मेरे लण्ड को अपने हाथ में पकड़ लिया ...

मेरा दिल तो कर रहा था की डाल दे इसकी चुदी हुई चूत में ..
मगर मैंने फिर खुद को कंट्रोल किया ...

और कुछ पीछे को हट गया ...
क्युकि आगे वाला एक आदमी अब उसकी चूत को चोदने के लिए मेरी ओर आ गया था ..

मैंने भी उसको चोदने की या वहां कोई पंगा करने की कोई चेस्टा की ...

मुझे अब फिर जूली याद आ गई ..
अगर यहाँ नहीं है ..
तो फिर कहाँ है ...????

मैंने जूली की स्कर्ट उठाकर देखी...
अरे ये तो वाकई उसी की स्कर्ट थी ...

अपनी स्कर्ट यहाँ उतार कहाँ चली गई वो नंगी ...
ओर उसने तो कच्छी भी नहीं पहनी थी ...

मैंने देखा उस काले हब्सी ने अपना सारा वीर्य ऋतू के ऊपर गिरा दिया था ...
और ऋतू अभी भी उसके लण्ड को पकडे थी ...

तभी कमरे के अंदर एक दरवाजा खुला ..
जो शायद बाथरूम था ...

और उसमे से एक लड़का पूरा नंगा बाहर निकला ...

अरे ये तो वही था ...
जो जूली के साथ डांस कर रहा था ....

उसने मुझे देखा और बड़ी गन्दी हंसी हंसा ...

वो पूरा नंगा था ...
मगर उसका लण्ड पूरा मुरझाया हुआ था ...
वो चारों ओर शायद अपने कपडे देख रहा था ...

क्युकि उसने बिस्तर के कोने पर राखी एक जींस उठाकर पहन ली थी ...

मैंने उससे जूली के बारे में पूछा ...

उसने बिना कुछ कहे ..
मुस्कुराते हुए ..बाथरूम की ओर इशारा कर दिया ..

मैं जल्दी से उधर लपका ...
और बाथरूम का दरवाजा खोल दिया ...

और मुझे जूली मिल गई ...
वो सामने कमोड पर बैठी थी ...

पूरी नंगी ...
उसने एक दम से मुझे देखा ..
और हम दोनों की नजरे आपस में मिली ...

........
.......................
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]क्या बात थी ...
हर पल मस्ती भरा गुजर रहा था ...

जिधर देखो मस्ती , चुदाई और आहें ...

कमरे में बो लड़की अभी भी दो आदमी के साथ मस्ती भरी चुदाई कर रही थी ...

ऋतू उस हब्सी का लण्ड चूस रही थी ...

और अब बाथरूम में मेरी बीवी ..मेरी प्यारी जान ..
जूली पूरी तरह नंगी ...
जी हाँ उसके कातिल बदन पर एक भी कपडा नहीं था ..

उसकी स्कर्ट तो मेरे हाथ में ही थी ...
और टॉप भी बाथरूम में एक तरफ पड़ी नजर आ गई ..
ब्रा भी कहीं न कहीं होगी ...

पर जूली के बदन पर कपडे का एक रेसा तक नहीं था ...

वो बाथरूम की तेज लाइट में मेरे ठीक सामने कमोड पर बैठी थी ...

और वो मोटा, काला आदमी पूरा नंगा उसके आगे जमीन पर बैठा था ....

अपने मोटे शरीर की बजह से वो बड़े अजीब तरीके से ही वहां बैठा था ...

उसके दोनों पैर फैले थे ...और चूतड़ जमीन पर टिके थे ..

उसने अपना मुहं मेरी बीवी के दोनों टांगों के बीच डाल रखा था ..

मतलब वो उसकी रसीली छोटी से चूत का रस पी रहा था ...

मैंने जैसे ही दरवाजा खोला ..
यही दृश्य मेरे सामने था .....

जूली और मेरी नजरे आपस में मिलीं ...
और उस मोटे ने भी चूत से मुहं हटा कर पीछे घूमकर मुझे देखा ...

तभी मुझे जूली का हर अंग नंगा नजर आ गया ...

मोटे के चेहरे पर कोई सिकन तक नहीं आई ...
पर हाँ जूली के चेहरे पर कुछ परेसानी नजर आई ..

मतलब नशे के बाबजूद उसने मुझे पहचान लिया था ..
और उसको ये भी समझ आ रहा था ..
की शायद वो कुछ गलत कर रही है ...

उसने वहां से उठने की कोशिश की ..
पर मोटे ने उसकी दोनों जांघो को अपने हाथो से जकड़ लिया ...

उसको मजबूरन फिर कमोड पर बैठना पड़ा ...

ये गनीमत थी की उसने कुछ बोला नहीं ..
वरना सबको वहां पता चल जाता कि हम दोनों पति पत्नी हैं ...

मैंने मुस्कुराकर ..आँखों ही आँखों में उसको इशारा किया ...
कि मजे लो ...

उसकी आँखें एक पल के लिए कुछ सिकुड़ी ..
पर फिर नार्मल हो गईं...

मगर उसका चेहरा बता रहा था कि वो जैसे मजबूरी में ये सब कर रही हो ...
उसको बहलाकर यहाँ लाया गया हो ...

तभी मोटे ने जूली कि दोनों टांगें उठा ली ..
और अपने कन्धों पर रख ली ...

इस अवस्था में जूली कि चूत कि दोनों कली खुलकर सामने आ गई ..

और वो बहुत मदमस्त तरीके से उसको चाट रहा था ...

मुझे देखते देखते ही ...धीरे धीरे ..जूली कि आखें बंद होने लगी ...
मतलब उसको बहुत मजा आ रहा था ...

और उसके मुहं से निकली आवाज ने भी ये सच साबित कर दिया ...

जूली: अह्ह्ह्ह्हाआआआआ अह्हाआआआ मैईइइइइइइइइइइ अह्ह्ह्हाआआ 

मेरे होंठों कि मुस्कराहट गहरी हो गई ...
ये पहला मौका था ...
जब मैं जूली के ठीक सामने था ...
उसने मुझे देख लिया था .....
और वो पूरी नंगी एक अजनबी के सामने बैठी थी ..
और वो अजनबी बड़े मजे से उसकी चूत चाट रहा था ..
और जूली भी पूरा मजा ले रही थी ...

ये थी चूत की गर्मी ..
जिसने उसकी सारी घबराहट को दूर कर दिया था ..
और चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था ...

तभी ऋतू मेरे पास आ गई ...
मैंने एक नजर कमरे में देखा ...

पलंग पर अभी भी वो लड़की उन दो आदमी से मजे ले रही थी ..
एक उसको चोद रहा था ...
और दूसरे का लण्ड उसके मुहं में था ...

बाकि तीसरा शायद बाहर चला गया था ...
तभी ऋतू फ्री हो गई थी ....

और वो लड़का भी नहीं था ..
जो जूली के पास से गया था ....

उसका मुझे अंदेसा था ...
कि क्या वो जूली को चोदकर गया था ...
या ऐसे ही चला गया था ....
क्युकि उसका चेहरा बता रहा था ..
कि गया तो बो लण्ड का पानी निकालकर ही गया था ..
अब कहाँ ये तो जूली जाने या फिर ये दोनों ..
पता नहीं ?????

ऋतू ने मेरी जींस खोलनी शुरू कर दी ....
मेरा लण्ड भी अब आजादी चाह रहा था ...

और कुछ ही देर में ऋतू नीचे बैठ मेरे लण्ड को चूस रही थी ...

मैंने जूली को देखा ..
वो आँखे खोल मुझे देख रही थी ...
और अब उसके होंठो पर भी एक आकर्षक मुस्कुराहट थी ...
जो थोड़ी बहुत ग्लानि थी ..
वो इस दृश्य ने खत्म कर दी थी ...

अब हम दोनों पति पत्नी अपने लण्ड और चूत किसी अजनबी से चुसवा रहे थे ...

मैं अब जूली को कुछ और भी करते देखना चाह रहा था ...

इसीलिए मैंने ऋतू को खड़ा किया ..
और उसकी कुर्ती निकाल उसको भी पूरा नंगा कर दिया ..
क्युकि उसने कुर्ती के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी ...

मैंने ऋतू वहीँ वाश वेसिन से लगाकर उल्टा खड़ा कर दिया ...

वो खुद झुक गई ...
उसको चुदाई का अच्छा अनुभव था ...
ऋतू ने झुककर अपनी गांड को ऊपर को उठाकर..
अपने दोनों छेद खोल दिए ...
कि चाहे किसी में भी डाल दो ...

मैंने जूली कि ओर देखा ...
वो अभी भी मुझे मुस्कराकर देख रही थी ...

और उसकी लाल आँखें बता रही थी ...
कि डाल दो इसकी चूत में ...

मैंने भी ऋतू कि चूत को अपने बाएं हाथ से सहलाया .
और दायें हाथ से लण्ड को पकड़ उसके चूत के छेद से चिपका ...
एक ही झटके में लण्ड चूत कि गहराई में उतार दिया ...

मोटे को चूत चाटने में इतना मजा आ रहा था ..
कि वो एक पल को भी अपना मुहु नहीं हटा रहा था ...

अब उस बाथरूम में कई आवाजें एक साथ शोर करने लगी ...

जूली और ऋतू कि आहें और सिस्कारियां ..
चूत चाटने की शप्र्र्र्र् शपर्र्र्र्र्र्र्र्र 
और मेरी जांघे जब ऋतू के मोटे चूतड़ से टकराती तो पट पट ...
साथ ही लण्ड के चूत में जाने की भी आवाज ....

मैंने सपने में भी नहीं सोचा था ...
कि आज ही इतना मजेदार सीन हो जायेगा ...

जूली हमारी चुदाई को देखते हुए ..
अपनी चूत कि चुसाई का पूरा मजा ले रही थी ..

पर मैं तो उसकी भी चुदाई का इन्तजार कर रहा था ..
क्या उसकी चुदाई आज देखने को मिलेगी ...??

तभी वो मोटा जूली कि चूत के मुख से अपना मुहं हटा हाँपने लगा ...
और जूली ..?????

.......
..............................
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]एक तो बहुत मस्त रात थी ...
और किस्मत भी इतनी शानदार थी .
कि रात ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी ...

मेरे लण्ड ने तो आज पुरे मजे लेने थे ...
वो बड़े ही रिदम के साथ ऋतू कि चूत में आ जा रहा था ...
उसके हर कोने में घूम रहा था ...

ऋतू भी बड़े ही डांसिंग स्टाइल में अपने चूतड़ों को घुमा घुमा कर चुदवा रही थी ....

मेरा मजा तो कई गुना बढ़ गया था ... 

कि मेरे सामने मेरी जान जुली पूरी मस्त थी ...
और एक अजनवी से पूरी नंगी हो मजे कर रही थी ...

इस मजे के लिए तो में पानी पूरी प्रॉपर्टी दांव पर लगा सकता था ..
पर किस्मत से ये मजा मुझे आज फ्री में ही बिना किसी मेहनत के ही मिल गया था ...

मैं ये सोच सोच कर ऋतू कि चूत में जोरदार धक्के मार रहा था ...
कि आज के बाद तो हम दोनों और भी मजे करेंगे ...

क्युकि जिस बात के लिए मैं सारी प्लानिंग कर रहा था ..
कि हम दोनों आपस में खुलकर अनजान सेक्स की बात करें ...
वो हम दोनों ही रोज कर तो रहे थे ...
पर आपस में नहीं खुल पा रहे थे ...

वो सब आज अच्चानक ही हो गया था ...

अब देखते हैं ये रात हमारे जीवन में कैसा नया मोड़ लेकर आती है ...

मैं लगातार देख केवल जूली को ही रहा था ..
कि वो कैसे मजे ले रही है ..

और मजे की बात ये थी कि वो भी मुझे ही देख रही थी ..

शायद उसके मन में भी वही सब था जोमेरे मन में था ..

उसको भी मेरी चुदाई देखने में मजा आ रहा था ...

मैंने ऋतू के चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से थाम रखा था ...

और उसको चोदे जा रहा था ...

वो मोटा किसी ढोंकनी कि तरह हाँपे जा रहा था ...

फिर वो जूली की और मुहु करके बैठ गया ...

मुझे उसकी पीठ ही नजर आ रही थी ..

पर जूली जैसे सब समझ गई थी ...
की मैं अब सब कुछ देखना चाह रहा हूँ ...

उसने कमोड से खड़ी हो ..
बहुत ही मुस्किल से उस मोटे को खड़ा किया ...

मैंने देखा उठते समय मोटे के हाथ जूली के चूतड़ों पर थे ...

जूली ने मोटे को कमोड पर बैठा दिया ...

मैंने मोटे के लण्ड को देखने की कोशिश की ...

मगर मुझे कहीं दिखाई नहीं दिया ...

जूली भी उसके टांगों के बीच हाथ चला रही थी ...

तभी वो मोटा खड़ा हो गया ...

अरे ये क्या है ..?????
बिलकुल छोटा सा मुरझाया हुआ ...
बच्चों की नुन्नी भी उससे बड़ी होती है ...

इतने बड़े पेट और मोटी मोटी जाँघों के बीच उसका लण्ड तो नहीं हाँ लुंडी दिख ही नहीं रही थी ...

जूली उसको भी अपनी सेक्सी उँगलियों से हिला कर देख रही थी ...
मगर उसमें बिलकुल भी जान नहीं थी ...

कैसा मर्द था साला....
इतनी सेक्सी लड़की ..उसके लण्ड को सहला रही है ..
और मुदों की तरह बैठा है ...

तभी ऋतू ने भी उस ओर देखा ...
और 

ऋतू: हा हा हा हा हा हा हा जोर से हसने लगी ..

मैं: क्या हुआ ???? क्यों है रही है ???

ऋतू: अरे कहाँ राख में चिंगारी ढून्ढ रही है ...
ये तो ऐसा ही है साला ..
एक बार पानी निकलने के बाद अब कल ही जागेगा ..
वो तो मेरे पति का बॉस है ...
तभी झेल रही हूँ ...वरना ..???

मोटा आदमी: कमीनी चुपचाप चुदवा क्यों नहीं लेती ..
हर समय अपनी चूत घुसती रहती है ...
इसी से चोदा है तुझे कितनी बार ...
फिर भी ....

ऋतू: हाँ हाँ मुझे पता है ..
कैसे चोदा है ...???
हा हा हा हा ...

मोटा आदमी : चल साली मुझे मूत आ रहा है ...
चल पी इसको ..
तुझे तो बहुत शौक है न मूत पीने का ...

उसकी बात सुनते ही ...
जूली उसके लण्ड को छोड़ दूर हट गई ...

अभी तक हम दोनों ही सेक्स में इतने आगे नहीं बड़े थे ..
कि सब कुछ अच्छा लगे ...

शायद मूत जैसी बात सुनकर ही जूली को घिन्न आ गई होगी ...

और सच बताऊ तो मुझे भी अच्छा नहीं लगा ...

वो मोटा किसी तरह चलकर हमारी ओर आ गया ..

मैंने ऋतू को उधर घुमाया ...

और लण्ड की स्पीड बड़ा दी ...
और तभी ऋतू बहुत तेजी से चूतड़ हिलाने लगी ..

फिर एकाएक उसने अपने चूतड़ कसकर जकड लिए ..
और 

ऋतू: अह्ह्हाआआआआआ अह्ह्ह्ह्ह्हाआआआ 
ओह आऐइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ 
मैईईईईई गईइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ 

लगता था वो पानी छोड़ रही थी ...
मेरे लण्ड न उसके पानी के फुआरे को महसूस किया ..

उधर मोटे ने अपना छोटा सा लुंडी ऋतू के मुहं में डाल दिया था ...

मैं तेजी से उसको चोद रहा था ...
पर न जाने ये कैसी मस्ती थी ....
कि मेरा लण्ड पानी छोड़ने को तैयार ही नहीं था ...
वो पूरा टाइट तेजी से चूत के पानी के साथ अंदर बाहर हो रहा था ....

तभी उस मोटे ने ऋतू के मुहं पर ही मूतना शुरू कर दिया ...
और मैंने तेजी से लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया ..

मेरा होने ही वाला था ...
मगर एक दम से मन खिन्न सा हो गया ...

तभी एक और आदमी अंदर आया ...
वो जो बाहर उस लड़की को चोद रहा था ...

उसका लण्ड बता रहा था ...
कि वो पूरा चोदने के बाद सीधा यहीं आ रहा था ..

उसका लण्ड अजीब सा पानी से सना हुआ और लिथड़ा हुआ सा दिख रहा था ...

जूली वही दरवाजे पर अपने कपडे हाथ में लिए खड़ी थी ..
उसने अभी कुछ पहना नहीं था ...

उसने अंदर आते ही ...
जूली के नंगे चूतड़ों को सहलाया ...
और

......: क्या बात है जानेमन चुदवा लिया क्या ??
अभी कहाँ जा रही है ...??
रुक ना ...
अभी एक बार तुझको भी चोदूंगा ...

उसने एक हाथ चूतड़ों पर रखे हुए ही ..
जूली के होंठों को चूम लिया ...
और दूसरे हाथ से उसकी चूत को मसलने लगा ...

मैंने देखा जूली ने भी उसके लण्ड को सहलाया ..

और मुस्कुराकर बाहर को चली गई ...

मैं भी जूली के पीछे अपनी पेंट को सही करते हुए बाहर आ गया ...

बाहर दूसरा आदमी भी नंगा बैठा सिगरेट पी रहा था ..
और वो लड़की पूरी टाँगे फैलाये अधलेटी अवस्था में थी ..

मेरा दिल किया कि साला इसी को चोदकर अपना लण्ड शांत कर लूँ ...

जूली एक और खड़े हो अपने कपडे पहन रही थी ..
और वो आदमी सिगरेट पीते हुए उसको घूर रहा था ..

वो सिगरेट पीते पीते उठकर जूली की ओर बड़ा ...
मैं उसको देखते हुए ही उस लड़की की ओर जाता हूँ ..

.......
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