मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति - Page 11 - SexBaba
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मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

[font=verdana, geneva, lucida,]अपडेट 114

जूली जैसे ही प्लेट में कुछ लेने के लिए झुकी ...
तो कई बात एक साथ हो गई ...
चोली में से जूली के मम्मे देखने के लिए उन्होंने प्लेट को एक दम से नीचे मेज पर रख दिया ...

जूली अपने ही गति में आगे को मेज पर गिर सी जाती है ....
मेहता अंकल का हाथ जो काफी ऊपर तक उसके लहंगे को उठा चुका था ..और उस समय भी उसके चूतड़ पर ही था ...
सीधे ही जूली के नंगे चूतड़ पर पहुंच जाता है ...
और मेज से भी उसका बैलेंस गड़बड़ा जाता है ...
जिससे जूली उन पैरों के पास गिर जाती है ....

मुझे जूली का केवल कुछ ही भाग दिख रहा था ...वो उनके आगे गिरी थी ...
मगर चारों ने उसको अच्छी तरह देख लिया होगा ...

पता नहीं उसका कौन-कौन सा अंग उधर गया होगा ...

चारों जल्दी से उठकर उसको पकड़ कर उठाते हैं ...

जूली अपने लहंगे को सही कर रही थी ...

चारो एक साथ : ओह बेटा कहीं लगी तो नहीं ....

जूली : नहीं अंकल ..ओह सॉरी ...मेरा बैलेंस बिगड़ गया था ....बस बस मैं ठीक हूँ ....

चारों ही उसको देखने के बहाने ...जगह जगह से छूने
की कोशिश कर रहे थे ...

फिर बड़ी मुस्किल से ही जूली उनसे पीछा छुड़ाकर अलग हटकर खड़ी हुई ...
वो अपने कपडे सही कर रही थी ....

जूली : ओह आप लोग भी ना ...मैं बिलकुल ठीक हूँ .....आप लोग अपना प्रोग्राम देखो ...

ओ तेरी ...जूली की चोली से उसकी एक चूची निप्पल तक बाहर आ गई थी ....जिसे उसने ..अपने हाथ से अंदर कर ठीक किया....
अब ये पता नही कि गिरने से बाहर आई या फिर ये इनमे से किसी की कारस्तानी थी ....

तभी रंजू भाभी की आवाज आई ....वो बाहर को ही खड़ी थी ....

रंजू भाभी : अरे जूली ...कहाँ है तू ..??? चल न सभी हमारे स्वांग के लिए कह रहे हैं ....

और दोनों वहां से चली जाती हैं ....

सभी जोर से हसने लगते हैं ....

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]जोजफ अंकल : ओह यार लगता है ये शर्त भी ...साला अनवर ही जीत गया ..

अनवर अंकल : हा हा ....देखा मैं ना कहता था ....इतनी मॉडर्न लड़की है ये ....कोई नेकर या पजामी पहनेगी क्या ....??

राम अंकल : पर दिख तो कोई कच्छी भी नहीं रही थी ...क्या मस्त और मुलायम चूतड़ थे यार ....

अनवर अंकल : अरे मैंने तो पहले ही कहा था ...ये फैंसी कच्छी पहनने वाली छोरियां हैं ....अब पतली सी डोरी ...घुसी होगी चूतड़ों के बीच में ....इतने मोटे तो चूतड़ थे ....तुमको कहाँ से दिखती ...

तभी मेहता अंकल ने एक और धमाका किया ....

मेहता अंकल : तू भी हार गया अनवर ....सच उसने कुछ नहीं पहना ....नंगी है पूरी लहंगे के नीचे ....
ले सूंघ मेरी ऊँगली ....उसकी चूत की खुश्बू आ रही है ..ले देख ...

अनवर अंकल और बाकी दोनों भी सूंघते है ...

राम अंकल : अबे ये तूने कब किया ...

मेहता अंकल : अरे जब वो गिर रही थी ...तभी मेरी दो उंगलिया उसकी चूत में चली गई थी ....हा हा ....
चल छोड़ो ..ये सब ..देखो प्रोग्राम शुरू होने वाला है ...

अरे ये तो मुझे भी देखना था ....अतः मैं तुरंत पीछे से हल्का सा ही बाहर को हो ....अंदर आने का नाटक करता हूँ ....

और अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ जाता हूँ ..

मेहता अंकल : आ गए बेटा ....बिलकुल सही समय पर आये .......देखो अब जूली का प्रोग्राम ही होने वाला है ....

मैंने सोचा ..हाँ हाँ ...मुझे पता है ...क्यों कह रहे हो कि 
सही समय पर आये ....पहले आ जाता तो वो सब जो देख लेता ...जो अभी तुम सभी मिलकर कर रहे थे ...

फिलहाल मैं बाहर को देखने लगा ....जहाँ जूली और रंजू भाभी कुछ तैयारी सी करने में लगी थी ...

अनवर अंकल : अरे मेहता ...ये सब क्या कर रही है ...क्या इनका डांस नहीं है ...

मेहता अंकल मुस्कुरा रहे थे ....

मेहता अंकल : अबे देखता रह ...ये हम लोगों का बहुत खास प्रोग्राम होता है ....ये एक स्वांग है ...जिसकी थीम "बन्नो की शादी है" ....
इसमें ये सभी ऋतू की शादी के बाद जो होता है ना उसको एक कॉमेडी की तरह मस्ती में दिखाएंगी ...
बहुत मजा आएगा ....

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]मैंने देखा बाहर वो लोग काफी तयारी में लगे थे ....
उन्होंने एक पलंग तक लगाया था ...जिसको सुहगरात जैसा ही सजाया गया था ...
फिर उनका प्रोग्राम शुरू हो गया ....

कुछ देर बाद समझ आया ....
रंजू भाभी ...जूली के पति का रोल कर रही थी ....
जूली दुल्हन बनी थी ....जो ऋतू का रोल था ....

इसमें दो कोई और भी लेडी थी ....जो ससुर और जेठ का रोल का रही थी ....

एक काफी सेक्सी गाने से पैरोडी शुरू होती है ...जिसमे चारों ही डांस के साथ ....शादी के दृश्य को दिखाते हैं ...

रंजू भाभी और बाकी दोनों के टाइट पेंट में कसे हुए चूतड़ देख ...सभी आहें भर रहे थे ....

अनवर अंकल : आह्हा क्या मस्त चूतड़ हैं इनके यार ...

जोजफ अंकल : हा हा ...वो तो ठीक है यार ....वैसे तो मर्द की एक्टिंग बढ़िया कर रहे हैं ....कपडे पहनने के साथ इनको लण्ड की जगह कुछ लगाना भी था ना ...वहां देखो यार ...वहां पेंट भी इतनी टाइट है ..कि पूरी चूत कि शेप बन रही है ....

मेहता अंकल : अवे तुम चुपचाप नहीं देख सकते ...जरा सी पीते ही ..आपे से बाहर हो जाते हो ...

मैं : अरे कोई बात नहीं अंकल ...कह तो आप सब सही 
ही रहे हैं ....हा हा ...
मैं माहोल को बिलकुल हल्का कर देता हूँ ...

अनवर अंकल : अरे हाँ बेटा....इसको भी आज जाने क्या हो गया है ...हम लोगो के घर तो खूब मस्ती करता है ...अब अपने घर भाव खा रहा है ...
अरे हाँ बेटा तुम अपनी शर्त जीत गए हो ....ये लो अपने रूपये ....

अनवर अंकल लगता है पूरे नशे में हो गए थे ...

मैंने देखा मेहता अंकल बहुत ही गुस्से से उनको देख रहे थे ....

पर मुझे इस बात को और आगे नहीं बढ़ाना था ...
मैंने चुपचाप पैसे उठाकर जेब में रख लिए ...और ऐसे जाहिर किया जैसे मैं भी कुछ नशा सा महसूस कर रहा हूँ ...
जिससे मेहता अंकल को ज्यादा शक ना हो ...

वहां उनका प्रोग्राम लगातार चल रहा था ...गाने के बीच में वो लोग कुछ ना कुछ मजाक भी कर रहे थे ...जो ज्यादा कुछ तो समझ नहीं आ रहा था ...मगर वहां सभी इसका बहुत मजा ले रहे थे ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]डांस करते हुए ही जूली एक बार कुछ ज्यादा ही घूम गई ...
तो वहां लेडीज में भी सीटियों कि आवाज आई ...
और कोई औरत चीखी भी ...
अरे दूल्हे को तो मजे आ जायेंगे ...बहुत चिकनी है इसकी ...
और सभी जोर से हसने लगती हैं ...

मैंने देखा अब यहाँ ये सब जूली पर ज्यादा कमेंट नहीं कर रहे थे ...
शायद मेहता अंकल की वार्निंग के कारण ही ...

और फिर वहां उनका सुहागरात का दृश्य भी शुरू हो गया ...
जूली को पलंग पर बैठा दिया गया ...और बहुत ही सेक्सी गाना भी चल रहा था ....

फिर रंजू भाभी पूरे मर्दानी स्टाइल में ही उससे सुहागरात की एक्टिंग करने लगती है ...

वो जूली को बिस्तर पर गिराकर ...उसको किस करने लगती हैं ....हमको दूर से दिख तो नहीं रहा था ...पर पक्का था कि वो उसके लाल लाल होंठो को ही चूस रही थी ...
क्युकि सभी वहां बहुत शौर मचा रहे थे ....
और वैसे भी ये काम तो रंजू भाभी.... जूली के साथ रोज ही करती हैं ....

फिर दोनों ने एक को कलाबाजी भी खाई ...कभी जूली ऊपर तो कभी रंजू भाभी ...
इससे जूली का लहंगा काफी ऊपर चढ़ गया था ...

दूर से भी उसकी टाँगे ऊपर तक नंगी नजर आ रही थीं ...

वहां बैठी एक औरत ने तो उठकर जूली के चूतड़ों पर एक चपत भी लगाई थी ....

और सब तो सही ही था ....

पर तभी मेरी नजर एक कोने में खड़े हुए वेटर पर पड़ी ...वो साला इस दृश्य को देखकर ...अपने पजामे में लण्ड को मसल रहा था ...
वो जिस जगह खड़ा था ....उसको सब कुछ साफ-साफ़ ही दिख रहा होगा .....

हो सकता है उसने जूली की नंगी चूत भी देख ली हो ...वो वैसे भी लहंगे नीचे नंगी ही थी ....

एक दो बार तो रंजू भाभी ने जूली के लहंगे तक को खोलने की कोशिश की ....

फिर उन्होंने दिखाया कि ...दूल्हे (रंजू भाभी) को कहीं से फ़ोन आया ....और वो चली जाती है ...
जूली रोने की एक्टिंग कर रही थी ...

और तभी उनकी जगह रिया.... जो जूली के जेठ बनी थी ..वहां आकर जूली को चुपाने लगती है ...

और जूली की आँखों को चूमते हुए वो तो सीधे उसके होंठो को चूमने लगती है ...
ये दृश्य बहुत साफ़ था ...क्योंकि दोनों के चेहरे सामने थे ...

जूली हल्का सा विरोध कर रही थी ...पर रिया विदेशी परिवेश से थी ...वो उसको जकड़े हुए अंग्रेजी स्टाइल में ही चूम रही थी ....

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[font=verdana, geneva, lucida,]इस किस को देख कसम से वहां बैठी सभी औरतों और लड़कियों की चूत से पानी निकला होगा ...

फिर रिया ने बड़े ही कामुक तरीके से जूली के मम्मे पकड़ लिए ..और वो उनको मसलने लगी ...

उधर जूली की हालत ख़राब थी और इधर हम सब की ...

अंकल तो बोल भी पड़े ...यार मेहता तेरी बेटी तो आदमी से भी ज्यादा अच्छा कर रही है ...यार ....इसकी जगह तो मैं वहां होता ....
और सभी हसने लगते हैं ...

तभी रिया ने तो हद ही कर दी ...उसने जूली को पीछे को गिराया ...और उसके लहंगे में झाँका ...
और जोर से बोली ...
ओह मेरी दुल्हन ..देख तेरे से ज्यादा तो ये रो रही है ...ला इसके भी आंसू पोंछ दूँ ...

और उसने वैसे ही अपना मुहं जूली के लहंगे के अंदर घुसा दिया ...

कुछ देर लगा कि शायद एक्टिंग ही कर रही है ....पर जब उसका सर लहंगे के ऊपर तक दिखा ...
और जूली की बेताबी ...वो बैचेनी के अपनी कमर हिला रही थी ...

ओह इसका मतलब रिया तो जूली की चूत ही चाटने लगी थी ....
ब्रेवो यार ...इतने लोगों के सामने ऐसा ....ये तो रिया जैसे लड़की ही कर सकती थी ....

तभी जूली को वहां का शौर सुनकर कुछ अहसास सा हुआ ...

और उसने अपना एक पैर उठाकर ...रिया को पीछे को धकेला ...वो पीछे को गिर गई ...
बेशरम अभी भी अपने होंठो पर ...बड़े ही सेक्सी ढंग से अपनी जीभ फिरा रही थी ...

इस धक्के से जूली का लहंगा उसके कमर तक उठ गया ...वैसे वो बहुत ही फुर्ती से उठकर खड़ी हुई ...
मगर फिर भी कई लोगों ने उसकी नंगी चूत के दर्शन कर लिए ...

फिर जूली वहां से अंदर की ओर भाग गई ....और सभी वहां सौर मचाते रह गए ...
रिया तो आखरी दृश्य के लिए भी बोलती रह गई ...
पता नहीं अब क्या था वो आखरी दृश्य ...

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[font=verdana, geneva, lucida,]अपडेट 115

…और… उसने वैसे ही अपना मुहं जूली के लहंगे के अंदर घुसा दिया ...

कुछ देर लगा कि शायद एक्टिंग ही कर रही है ....पर जब उसका सर लहंगे के ऊपर तक दिखा ...
और जूली की बेताबी ...वो बैचेनी के अपनी कमर हिला रही थी ...

ओह इसका मतलब रिया तो जूली की चूत ही चाटने लगी थी ....
ब्रेवो यार ...इतने लोगों के सामने ऐसा ....ये तो रिया जैसे लड़की ही कर सकती थी ....

तभी जूली को वहां का शौर सुनकर कुछ अहसास सा हुआ ...

और उसने अपना एक पैर उठाकर ...रिया को पीछे को धकेला ...वो पीछे को गिर गई ...
बेशरम अभी भी अपने होंठो पर ...बड़े ही सेक्सी ढंग से अपनी जीभ फिरा रही थी ...

इस धक्के से जूली का लहंगा उसके कमर तक उठ गया ...वैसे वो बहुत ही फुर्ती से उठकर खड़ी हुई ...
मगर फिर भी कई लोगों ने उसकी नंगी चूत के दर्शन कर लिए ...

फिर जूली वहां से अंदर की ओर भाग गई ....और सभी वहां सौर मचाते रह गए ...
रिया तो आखरी दृश्य के लिए भी बोलती रह गई ...
पता नहीं अब क्या था वो आखरी दृश्य ...
मगर जूली उस दृश्य को पूरा करने के लिए वहां नहीं रुकी ...
और ना ही वहां दोबारा आई ....

फिर अनु और कुछ लड़कियों के भी डांस हुए ...और वहां सभी का हाल वैसा ही था ..
बड़े ही सेक्सी कमेंट्स ...और आहें ...

बहरहाल बहुत मजा आया ...मेहता अंकल के यहाँ ...
फिर खाना बगैरा खाकर हम सभी वापस आ गए ...

अनु उस रात हमारे यहाँ ही सोई थी ....रात को मैंने उसके साथ फिर काफी मस्ती की ...
जूली ऐसा ब्यवहार कर रही थी ..कि जैसे उसको कुछ पता ही ना हो ...

उसने मुझे अनु के साथ मस्ती करने का पूरा मौका दिया ...,

सुबह दूधवाले की बेल की आवाज से ही मेरी आँख खुली ...
अनु अभी भी पूरी नंगी ...अपनी एक टांग मेरी कमर पर रखे सो रही थी ....
मैं भी पूरा नंगा ही था ...वैसे भी रात को सोते समय मैं कुछ नहीं पहनता हूँ ...

तभी जूली भी उठ गई ...मैंने अनु को पीछे हटाने की कोई कोशिश नहीं की ...
मैं चाह रहा था ...कि जूली हमको इस तरह देख ले ..

फिर देखना था कि उसका क्या बरताव होता ...आखिर अब तो मैं उसको चुदवाते हुए भी देख चूका था ...

जूली ने उठकर अपना वही छोटा सी नाइटी अपने बदन पर डाली ...

फिर मेरी ओर आकर मेरे होंठो को चूम लिया ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]जूली : ओह ये लड़की भी ना ...सही से सोने भी नहीं देती ...

मैंने भी आँख खोलकर उसको मुस्कुराते हुए ही जवाब दिया ...

मैं : कोई बात नहीं सोने दे ....

मैंने जूली को चूम लिया ...जूली ने भी अनु को ना हटाकर ...दूध लेने चली गई ...

मेरा एक बार दिल किया कि देखू ...दूधवाले के साथ वो क्या मस्ती करती है ...

पर रात की थकान ने मुझे उठने नहीं दिया ...मैं अनु से चिपका सोता रहा ...

मैं काफी गहरी नींद में सो गया था ...मुझे कुछ होश ही नहीं रहा ....

बस इतना सा ध्यान है कि जूली काफी देर बाद ही अंदर आई थी ....फिर वो बाथरूम में चली गई ....

पता नहीं कितनी और देर तक मैं सोता रहा ....

मेरी आँख तब खुली जब मुझे लगा कि कोई अपने मुलायम हाथों से मेरे लण्ड को सहला रहा है ...

मैंने देखा वो अनु ही थी ...जो नींद में ही ऐसा कर रही थी ...

मैंने उसको अपने से अलग कर पीछे को लिटा दिया ...फिर उठकर उसके नंगे जिस्म पर एक चादर उड़ा दी ...

मुझे लगा बाहर कोई है ...जिससे जूली बात कर रही है .... 
पर मैंने बैडरूम का दरवाजा खोलकर नहीं देखा ...

मैं बाथरूम में चला गया ....और वो बाहर देखने के लिए मेरी सबसे सेफ और टॉप जगह थी ....

मैंने बाथरूम के रोसनदान से ही बाहर देखा ....

अरे ये तो विकास है ....जूली के स्कूल वाला दोस्त ...
जिसके स्कूल में वो अब पढ़ाती है ...
वो अक्सर उसको लेने आ जाता है ...

मैंने देखा कि जूली किचन के पास वाली बेंच पर बैठी है और ड्रायर से अपने बाल सुखा रही है ...

उसके जिस्म पर केवल एक हलके हरे रंग का पेटीकोट और हरे रंग का ब्लाउज है ....
ब्लाउज वैसे ही था ..जैसे छुपा काम रहा था और दिखा ज्यादा रहा था ....
बहुत ही छोटी आस्तीन ...जिससे उसके बगल (अंडर आर्म्स ) तक नंगे दिख रहे थे ....

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]जूली जब हाथ ऊपर करके अपने बाल सुखा रही थी ...तो उसका वो हिस्सा बहुत ही सेक्सी लग रहा था ...
उसका ब्लाउज नीचे से भी उसके मम्मो को दिखा रहा था ...
और ऊपर से तो उनकी गोलाई दिख ही रही थी ....

जूली का नंगा पेट ..जिस पर पेटीकोट तो उसकी नाभि के पास ही बंधा था ....
पर नॉट का कट काफी गहरा था ....जिससे अंदर का हल्का हल्का एक बहुत ही सेक्सी दृश्य नुमाया हो रहा था ...

विकास उसके सामने ही बैठा था ....और जूली के हर कोण को बहुत ही ध्यान से देख रहा था ...

फिलहाल इस समय जूली की दोनों गोल गोल चूचियाँ बहुत ही मस्त रोल प्ले कर रही थी ....

जो जूली के दोनों हाथ ....ऊपर नीचे ...और हिलने से अलग अलग ...आकर बना रही थी ...
और काफी कुछ ब्लाउज के बंधनो से बाहर आने का प्रयास कर रही थी ...

मैं विकास के सयंम को देख रहा था ...
ऐसा तभी हो सकता था जब किसी ने इनका भरपूर रसपान कर लिया हो ....

वो वहीँ बैठा... मुस्कुराता हुआ ....बस उनको निहारे जा रहा था ....

अब मैं उन दोनों के बीच होने वाली बात पर भी ध्यान देने लगा ....

जूली : वैसे आज अगर तुम नहीं आते तो मैं छुट्टी के मूड में ही थी ...
रात बहुत थकान हो गई थी ...

विकास : चलो फिर तो ठीक हो गया ...वरना पूरे दिन आज बोर होना पड़ता ...
वैसे कल विनोद का फोन आया था ...तुम्हारा हालचाल पूछ रहा था ...

जूली उसको चुप रहने का इशारा करती है ...

मुझे याद था ...विनोद और विकास दोनों शादी से पहले जूली के बहुत अच्छे दोस्त थे ....
इन्होने एक साथ ही अपनी पढ़ाई पूरी की है ...

जूली के इस तरह विकास को चुप करने का कारण शायद वो घटना है .. 
मुझे विनोद के बारे में पता चल गया था ...उसका एक लव लेटर मैंने जूली के डाक्यूमेंट्स के बीच देख लिया था ....

और हमारी दो दिनों तक बोलचाल भी नहीं हुई थी ...पर वो तो पुरानी घटना थी ...
अब तो मैं कुछ और ही चाहने लगा था ....

विकास : ओह ....अरे तो क्या हुआ ...तुमने ही तो कहा था ...कि रोबिन तो गहरी नींद में हैं ...

जूली : अरे वो जाग तो सकते हैं ना ....फिर ये बातें बाद में भी तो हो सकती है ....

विकास : अरे हम कौन सा गलत बात कर रहे हैं ....मैंने तो विनोद को बोल दिया कि मैं उसकी अमानत का अच्छी तरह ध्यान रख रहा हूँ ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]जूली : हा हा ...उसको क्या पता कि तुम उसकी अमानत में कितनी खयानत कर रहे हो ...

विकास : हा हा ...नहीं यार मैं उसके साथ ऐसा नहीं कर सकता ...हाँ रोबिन के साथ कर सकता हूँ ...
हा हा 

फिर जूली ने ड्रायर बंद कर रख दिया ....

विकास : अच्छा यार अब जल्दी से तैयार हो जाओ ...तुम भी यार बहुत देर लगाती हो ...

जूली : बस हो तो रही हूँ ...तुम भी तो कितनी जल्दी आ जाते हो ...

विकास : वो तो तुम्हारे इस रूप को देखने ....तुमको नहीं पता ...जब तुम नहाकर ऐसे गीले बालों में बाहर आती हो ...तो कितनी सेक्सी लगती हो ...
बस मेरा तो हाल ही बुरा हो जाता है ...

जूली : और फिर इसका खामियाजा मुझे कार में भुगतना पड़ता है ...
हा हा ...

जूली का पेटीकोट उसके चूतड़ों को कुछ ज्यादा ही दिखा रहा था ...जिससे वो बहुत सेक्सी लग रही थी ..

फिर जूली ने विकास के सामने ही अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर पेटीकोट को नीचे करके बाँधा ...
इस दौरान उसने पेटीकोट को ऐसे घुमाकर ठीक किया कि उसके पेटीकोट का कट आगे से जूली की चूत के दर्शन तक करा गया ...
जूली ने अंदर कुछ नहीं पहना था ...वैसे भी उसको कच्छी पहनने की आदत तो थी ही नहीं ...

फिर जब जूली ने साड़ी बांध ली ...तब मैं भी तैयार होने लगा ....

कुछ देर बाद जूली अनु को सब कुछ समझाकर विकास के साथ चली गई ...

अब मैं और अनु घर पर अकेले ही थे ....

हम दोनों एक साथ ही नहाये ...एक दूसरे के अंगों को अच्छी तरह साफ़ किया ...

फिर मैं अनु को उसके घर की ओर छोड़कर अपने ऑफिस आ गया ...

आज ऑफिस में बहुत ही काम था ...तो ज्यादा कुछ फुर्सत नहीं मिली ...और न ही जूली के बारे में ही कुछ सोच पाया ...

हाँ थोड़ा बहुत हंसी मजाक और मस्ती जरूर हुई ...
जब यास्मीन और पिंकी जैसी हसीनाएं साथ हो तो कुछ न कुछ मस्ती तो होती ही है ...

चुदाई नहीं तो छेड़छाड़ तो हमारे बीच चलती ही रहती थी ....
जिसमे पूरा दिन मजे से गुजर जाता था ...

ऑफिस से मैं कोई रात ८ बजे तक घर पहुंचा ...इस सबमें घर के बारे में तो मैं सब कुछ भूल ही गया था ,,,

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]घर पर पूरा जमघट लगा हुआ था .... जूली, रंजू भाभी, अनु के अलावा वहां ऋतू और रिया भी थी ...

वो कुछ शादी के चीजों की परिचर्चा कर रही थी ...

सभी ने ही सेक्सी और घरेलू वस्त्र ही पहन रखे थे ..

मैं सभी को देखकर बस यही सोच रहा था ...
कि जूली, रंजू भाभी, अनु और रिया की चूत तो मैं अच्छी तरह देख और चोद चुका हूँ ...
बस ये ऋतू ही बची है ...अगर इसकी शादी नहीं होती तो इसकी चूत लेने का भी मौका मिल जाता ...

शायद सच ही है ...लड़की चाहे कितना भी चुदवाती हो ...पर अपनी शादी के समय वो बिलकुल सीधी हो जाती है ...

ऋतू भी इस समय ऐसा ही व्यबहार कर रही थी ...और बहुत ही सीधी सादी सी लग रही थी ...

जबकि वो क्या थी ये तो मैं अच्छी तरह से जानता था ..

तभी जूली मुझसे बोली ...

जूली : सुनो क्या आप अपना काम 4 दिनों के लिए नहीं छोड सकते ...
देखो ये दोनों ही कल ही साथ चलने के लिए ज़िद्द कर रही हैं ...

मुझे तो खुद शादी में जाने की जल्दी थी ...
जूली को क्या पता कि मैंने वहां मस्ती करने का कितना प्लान तैयार कर रखा है .....

मैं : हाँ मेरी जान ....सब कुछ तुम्हे लिए ही तो कर रहा हूँ .....
और मैंने जूली को अपनी बाँहों में जकड कर चूम लिया ...

पहली बार ऋतू बोली ...

ऋतू : वाओ भैया ...और हमारा किस ....

उसने एक शार्ट मिडी पहन रखी थी ... 

मैंने उसकी ओर देखा ....उसकी मांसल और गदराई जांघे नंगी दिख रही थी ...

सैतान ने अपनी टांगो के बीच के गैप को और चोडा कर दिया ...
उसने अंदर सिल्की, चमकदार ..लाल कच्छी पहन रखी थी ...

उसके गोरी-गोरी जांघो से चमकती लाल कच्छी उसको बहुत ही सेक्सी दिखा रही थी ...

मैंने भी उसकी कच्छी से चमकती चूत के होंटो को देखकर कहा ...

मैं : चिंता न कर तेरे भी इन लाल-लाल होंठो को भी चूम लेंगे ...

सभी जोर से हसने लगे ...

अब शादी में तो इस फूलजरियों के साथ बहुत ही मजा आने वाला था .....


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[font=verdana, geneva, lucida,]अपडेट 116


तभी जूली मुझसे बोली ...

जूली : सुनो क्या आप अपना काम 4 दिनों के लिए नहीं छोड सकते ...
देखो ये दोनों ही कल ही साथ चलने के लिए ज़िद्द कर रही हैं ...

मुझे तो खुद शादी में जाने की जल्दी थी ...
जूली को क्या पता कि मैंने वहां मस्ती करने का कितना प्लान तैयार कर रखा है .....

मैं : हाँ मेरी जान ....सब कुछ तुम्हे लिए ही तो कर रहा हूँ .....
और मैंने जूली को अपनी बाँहों में जकड कर चूम लिया ...

पहली बार ऋतू बोली ...

ऋतू : वाओ भैया ...और हमारा किस ....

उसने एक शार्ट मिडी पहन रखी थी ... 

मैंने उसकी ओर देखा ....उसकी मांसल और गदराई जांघे नंगी दिख रही थी ...

सैतान ने अपनी टांगो के बीच के गैप को और चोडा कर दिया ...
उसने अंदर सिल्की, चमकदार ..लाल कच्छी पहन रखी थी ...

उसके गोरी-गोरी जांघो से चमकती लाल कच्छी उसको बहुत ही सेक्सी दिखा रही थी ...

मैंने भी उसकी कच्छी से चमकती चूत के होंटो को देखकर कहा ...

मैं : चिंता न कर तेरे भी इन लाल-लाल होंठो को भी चूम लेंगे ...

सभी जोर से हसने लगे ...

अब शादी में तो इन फुलझड़ियों के साथ बहुत ही मजा आने वाला था .....

उस रात बहुत मजा आया.....जूली बहुत ही खुश थी ..हमने खूब मस्ती की ....
हाँ जूली ने मेरे साथ एक मजेदार चुदाई का आनंद लिया ...

मैंने बहुत कोशिश की ...और कई बार उससे बात करनी चाही ....कि वो मेरे साथ सेक्स की बातें करे ...
और मुझे अपने बारे में भी बताये ...

पर उसने इसमें कोई रूचि नहीं ली ...
यहाँ तक कि मैंने जब अनु की बात करनी शुरू की ...जिससे वो किसी दूसरे के साथ सेक्स को नार्मल मानकर खुल जाये ...
तो यहाँ भी उसने मेरी बात को खत्म कर दिया .....

मुझे लगा कि जूली हमारे रिश्ते को एक साइलेंट प्यार की तरह चलाये रखना चाहती हैं ....
वो हर तरह से जायज ...नाजायज ..सेक्स करना तो चाहती है ...पर आपस में उसका जिक्र करना नहीं चाहती ....

शायद कुछ नारियां ऐसी होती हैं ....जो बहुत हॉट होती हैं ...
हर तरह से एक रंडी की तरह भी चुदाई करती हैं ...पर उनके अंदर एक सरीफ औरत हमेशा जिन्दा रहती हैं ...

.....................
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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]जूली उन्ही में से एक थी ...जो बाहर हर तरह की चुदाई करने को तैयार रहती थी ...
उसको पता था कि मैं भी हर एक साथ चुदाई करता था ...
पर इस पर आपस में कोई बात नहीं करनी है ...

मतलब मुझे देखकर उसने आँख बंद कर लेनी थी ...
और अब लग रहा था कि उसको देखकर भी मुझे भी ऐसा ही करना था ...

हमारे आस पास सब कुछ होता भी रहेगा ...और एक दूसरे की सहायता भी करेंगे ...पर आपस में इस बारे में बात नहीं करेंगे ...

इसके माने एक अलग ही तरह का "साइलेंट लव" .....

उस दिन सुबह ऐसा ही हुआ ....
मैंने भी अब सोच लिया था ...कि अब केवल छुप कर नहीं देखूंगा ....
जूली को भी अहसास होना चाहिए कि मैंने भी देखकर अपनी आँखे बंद कर ली हैं ....

उस दिन सुबह भी कुछ ऐसा ही हुआ ...

जूली रोज की तरह ही दूधवाले के आने पर उठी……..

रात को जोरदार सेक्स के बाद वो बिलकुल नंगी मेरे से चिपकी हुई सो रही थी ...

वेल बजने पर उसने मेरे माथे पर एक गरम चुम्बन लिया ...
और मेरे लण्ड को भी कसकर अपनी मुट्ठी में भींचा ...वैसे भी उसकी आदत लण्ड पर हाथ रखकर सोने की है ...

मैंने भी उसके होंठो को चूमा ...
फिर उसने उठकर एक जोर की अंगराई ली ...

और वहीँ रखे अपने शार्ट गाउन को उठाकर पहना ...
मैंने देखा कि उसका गाउन पीछे से इतना सिकुड़ गया था कि बमुश्किल ही जूली के विशाल चूतड़ को ढक पा रहा था ...

फिर भी उसने गाउन का अपर भाग नहीं पहना और वो बाहर चली गई ...
आज उसको अच्छी तरह पता था ..कि मैं जाग गया हूँ ..फिर भी उसने बदन ढकने का कोई प्रयास नहीं किया ..

पर आज मैं उसको दूधवाले के साथ देखना चाहता था ...कि वो क्या करती है ...???
और उससे किस हद तक खुल चुकी है ...

मैं रिलैक्स था ...मैंने आराम से ही दरवाजा खोलकर ..उन लोगो को देखने लगा ....

जूली दरवाजा खोलने के बाद ही ...किचन से बर्तन लेने गई थी ...

लगता है ...उसने जूली के पिछले भाग के दर्शन अच्छी तरह से ही कर लिए थे ...
तभी साला अपनी धोती में हाथ डाल ...लण्ड वाले भाग को सहला रहा था ...

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मैंने आज पहले बार ही अपने दूधवाले को ध्यान से देखा ...
४५-५० साल का थोड़ा मोटा सा बंदा था ...सर पर एक चोटी और रौबीली मूंछे ...

शरीर से पहलवान टाइप ही लग रहा था ....ऊपर एक बनियान और नीचे धोती पहने हुए था ...

इस समय उसका हाथ अपनी धोती के अंदर था ...
मैंने जूली के आने पर भी उसने अपना हाथ नहीं निकाला है ...
वल्कि धोती को उसने और साइड में कर दिया है ...

अर्र्र्र्र रे ये तो उसने अपना लण्ड नंगा करके धोती से बाहर निकल लिया है ...
बैडरूम से तो वो साधारण सा ही नजर आ रहा था ...हाँ था बिलकुल गहरा काला....

जिसे वो मुठ के अंदाज में ही अपने सीधे हाथ से आगे पीछे कर रहा था ...

जूली : ओह तुम फिर शुरू हो गए ...ये सब तुम अपने घर पर ही करके आया करो ...
अब इन्ही गंदे हाथ से दूध दोगे ...

दूधवाला : क्या मेडम जी ?? आप भी कैसे बाता करियो हो ...
दूध ही तो निकल रहा हूँ ...और ये तो आप जैसी गोरी गाय को देखन ही दूध देवे है ...

जूली : हा हा ...मतलब मैं गाय ...तो इस सांड ने क्या देख लिया इस गाय का ...जो हिनहिनाने लगा ...

दूधवाला : अह्ह्ह अह्हा अरे वही मेडम जी जो बेचारा देख तो लेता है ...पर छू नहीं पाता ...अह्हा

जूली : वो तो हाँ ....इसको वो कुछ छूने की कोई इज़ाज़त नहीं है ...देखने को मिल जाती है बस इतना ही बहुत है ...

ऐसा लग रहा था ...जूली इस दूधवाले से काफी मस्ती करती थी ....

दूधवाला : ठीक है मेडम जी जैसी आपकी मर्जी ...वैसे एक बात बोलू ...आपकी चुन्मुनिया है गजब की ...उस जैसी सुन्दर ...और मुलायम मैंने आज तक नहीं देखी ...बस एकही बार अपने छूने दिया था ...कितनी गरम और रुई जैसी थी ...

जूली : हा हा ...बस अब जल्दी करो ....और हाँ आज केवल १ किलो ही देना ...फिर ४ दिन मत आना ...हम लोग बाहर जा रहे हैं ...

दूधवाला : ओह ..ये का कह रही हो मेडम जी ...आपके बिना अब हमार इसका दिल कहाँ लागेगा ...
और वो नीचे भी सभी जा रहे हैं ....

जूली : हाँ मुझे भी उन्ही के साथ शादी में जाना है ...

दूधवाला : ओह ये तो बहुत ही बुरी खबर है हमार लिए ..

वो अभी भी अपना लण्ड हिलाये जा रहा था ...

जूली ओह आज तुम्हे क्या हुआ ...?? जल्दी क्यों नहीं करते ...मुझे अभी बहुत काम करने हैं ...

दूधवाला : अब काय करे मैडम जी ..आज तो अपनी दिखा भी नहीं रही ...और फिर ....अह्ह्ह अह्हा 

जूली : ओह तुम मानोगे थोड़ी ना ...लाओ मैं जल्दी से निकाल देती हूँ ...

और मेरे देखते ही देखते ...जूली ने उसके लण्ड को अपने हाथ से पकड़ लिया ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]दूधवाला : आह्ह्ह्हाआआआ बस यही तो मैं कह रहा था ...अह्ह्हाआआआ अह्ह्हाआआआ जब आप अपने हाथो से करे हैं तो मजा आ जात है ....अह्हा ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआह्ह 

जूली : और अब ये सब तू अपनी घरवाली के साथ करके आया कर ....बेकार में दूसरी को देख लार टपकाता रहता है ...

दूधवाला : अह्ह्ह्ह्हा अह्ह्ह्ह्हाआ कहाँ मेडम जी ...आप आःह्हाआ अह्हा और कहाँ वो काली कलूटी ...अह्हा अह्हा उसकी वो काली और चौड़ी सी ...उसको देखकर तो मेरा लौड़ा खड़ा भी ना होबे अब ...आह्हा अह्ह्हाआआआ ...

जूली : तो वो भी किसी से भिड़ी है क्या ....????

दूधवाला : मोहे कआ पता नाही ...भिड़ी तो होबे ही ....वो साला दो लोंडे ...मुस्टंडे जो रखे हैं ...उहनी से भिङबाटी होए ससुरी ...जब देखो उन्ही के पास मिले है ...

जूली उसके बिलकुल पास खड़ी थी ...और अपने एक हाथ में दूध का बर्तन लिए और दूसरे हाथ से उसके लण्ड को हिला रही थी ....

तभी उस दूधवाले ने अपना हाथ जूली के पीछे उसके चूतड़ों पर रख दिया ....

मैंने साफ़ साफ़ देखा कि उसने जूली के सिमटे हुए गाउन को और ऊपर तक कर दिया ...और जूली के चिकने चिकने नंगे चूतड़ों पर अपनी मोती से भद्दी हथेली को चारों ओर घुमाया ...

जूली ने एक हल्का सा झटका दिया ....

जूली : ऐऐऐ ऐ ऐआआआ ये क्या हो रहा है ....???? तुझे इधर उधर हाथ रखने को मना किया है ना ....

दूधवाला : ओह मैडम जी जरा सा रखने दो ना ..जल्दी से हो जायेगा ...आह्ह्हा अह्ह्ह्ह अह्हा 
वरना कहाँ मिलती है इतनी चिकनी ...जिस दिन से आपकी चुन्मुनिया को छुआ है ...तबसे ससुरी रुई भी उसके आगे बेकार लागे है ....

जूली : अच्छा उसको तू छोड़ ...उस दिन भी तूने धोखे से ही हाथ मार दिया था ...
ये बता तूने अपनी आँखों से देखा क्या अपनी लुगाई को उन छोड़ों के साथ ...

दूधवाला : हाँ मैडम जी ...रोज ही भरी दोपहर में जब हमारी भैसों को नहलाने जावत है ...तो वो तो भेंसों को मलत है ...और वो दोनों हरामजादे उसको मलत हैं ...

जूली : क्यों ...क्या वो कपडे पहनकर नहीं जाती वहां ...

दूधवाला : अरे कहाँ ससुरी ...केवल एक छोटा का अंगोछा लपेट रहत ....वो भी ससुरे निकल देवें ...
और बाद में वहीँ भैसों से टिकाकर ...चोदव भी उसे ...हरामजादे ...मादरचोद साले ...

जूली : देख तू यहाँ गाली तो बक मत ....और क्या दोनों एक साथ करते हैं उसको ...

दूधवाला : और नहीं तो क्या ...कभी एक लगव तो कभी दूसरा ...दोनों ही खूब चोदव उसको ...
अह्ह्हाआ अह्ह्हाआ अब मेडम जी उसकी उस काली भोंसड़ी की तो याद दिलाओ नाहि ....
उसकी तो याद करते ही बैठने लगाव है हमार ....
कहाँ आपकी ये रसभरी ...मन करत है ..कि बस मुहं में ही भर लूँ ..

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]और उसने अपना दूसरा हाथ आगे से जूली की दोनों जाँघों के बीच घुसा दिया ...

जूली : ओह देखो अब तुम जरुरत से ज्यादा ही करने लगे ...
अह्हा निकालो अपना हाथ वहां से ....

दूधवाला : अह्हा ह्हाआआआ अह्हाआआआ अह्हा ह ह्हाआआआआआआ ह ह्ह्ह्ह्हाआआ बस्स्स्स्स्स्स्स हो गया मेडम जी ....
बस्स्स्स्स्स्स्स्स्स जरा सा तेज आह्ह आआआअ

जूली भले ही मना कर रही थी ...मजे उसने अपना कोई हाथ नहीं हटाया था ...
वो आगे और पीछे दोनों तरफ से ही जूली को सहला रहा था ....

और तभी उसके लण्ड से एक तेज पिचकारी निकली ...

दूधवाला : अह्ह्ह्हाआआआआआआआ अह्हा कमल हो गया मेडम जी ... अह्ह्हाआआ अह्हा अह्हा क्या मजा आया ...अह्हाआआआ 

जूली ने अपने हाथो से ही सहलाकर उसके लण्ड को साफ कर दिया ...

जूली : चल अब छोड़ सब कुछ जल्दी से दूध दे ...और जा यहाँ से ...अपनी जोडू की रासलीला देख वहां जाकर ...

दूधवाला : अह्हा अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह हाँ मेडम जी सच आप बहुत अच्छी हो ....

और फिर दूधवाला दूध देकर चला गया ...

मैं भी सिगरेट जलाकर उसी समय बाहर निकला ...

फर्श काफी गन्दा था ...पर मेरे सामने ही जूली ने बिना कुछ कहे कपडा लाकर फर्श को साफ़ कर दिया ...
और कहा रोज ही दूध गिरा जाता है ...पता नहीं कैसे काम करता है ...

मैं भी उसकी बात को समझ गया ....पर क्या कहता ..??

मैं : हाँ मेरी जान सही से दूध अपने बर्तन में लिया करो ...ऐसे बेकार मत किया करो ...
और मुस्कुरा दिया ...

वो भी मुस्कुरा रही थी ...

मैं : अच्छा कितने बजे निकलना होगा ...

जूली : शायद दोपहर के बाद ही...ऐसा करते हैं हम अपनी गाड़ी लेकर ही निकलते हैं ....

मैं : ठीक है ...देख लेना ...और कोई आना चाहे तो ...
मैं ऐसा करता हूँ ऑफिस जाकर सब काम सेट करके आ जाता हूँ ...

जूली : ठीक है ..पर जल्दी आ जाना .....

और मैं जल्दी से तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गया ....

ये सोचता हुआ कि बहुत मजा आने वाला था शादी में ....

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[font=verdana, geneva, lucida,]अपडेट 117


जूली अपने नंगी चूत और चूतड़ एक साथ सहलवाते हुए ही ...बहत तेजी से दूधवाले के लण्ड को हिला रही थी ....

और तभी उसके लण्ड से एक तेज पिचकारी निकली ...

दूधवाला : अह्ह्ह्हाआआआआआआआ अह्हा कमाल हो गया मेडम जी ... अह्ह्हाआआ अह्हा अह्हा क्या मजा आया ...अह्हाआआआ 

जूली ने अपने हाथो से ही सहलाकर उसके लण्ड को साफ कर दिया ...

जूली : चल अब छोड़ सब कुछ जल्दी से दूध दे ...और जा यहाँ से ...अपनी जोडू की रासलीला देख वहां जाकर ...

दूधवाला : अह्हा अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह हाँ मेडम जी सच आप बहुत अच्छी हो ....

और फिर दूधवाला दूध देकर चला गया ...

मैं भी सिगरेट जलाकर उसी समय बाहर निकला ...

फर्श काफी गन्दा था ...पर मेरे सामने ही जूली ने बिना कुछ कहे कपडा लाकर फर्श को साफ़ कर दिया ...
और कहा रोज ही दूध गिरा जाता है ...पता नहीं कैसे काम करता है ...

मैं भी उसकी बात को समझ गया ....पर क्या कहता ..??

मैं : हाँ मेरी जान सही से दूध अपने बर्तन में लिया करो ...ऐसे बेकार मत किया करो ...
और मुस्कुरा दिया ...

वो भी मुस्कुरा रही थी ...

मैं : अच्छा कितने बजे निकलना होगा ...

जूली : शायद दोपहर के बाद ही...ऐसा करते हैं हम अपनी गाड़ी लेकर ही निकलते हैं ....

मैं : ठीक है ...देख लेना ...और कोई आना चाहे तो ...
मैं ऐसा करता हूँ ऑफिस जाकर सब काम सेट करके आ जाता हूँ ...

जूली : ठीक है ..पर जल्दी आ जाना .....

और मैं जल्दी से तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गया ....
ये सोचता हुआ कि बहुत मजा आने वाला था शादी में ....

ऑफिस में कुछ जरुरी काम निबटाकर ...और यास्मीन को सारे काम समझाकर मैं जल्दी ही वापस आ गया ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]
यहाँ भी जूली ने सभी तैयारी कर ली थी ...

हम लोग जल्दी ही जाने के लिए तैयार हो गए ..

तिवारी अंकल और रंजू भाभी भी हमारे साथ ही जा रहे थे ...

जूली ने लाइट ब्लू जीन के कपडे का फैंसी शार्ट और रेड सेंडो टॉप पहना था ....जबकि रंजू भाभी ने एक टाइट केप्री और टी शर्ट डाला हुआ था ....

दोनों ही बहुत सेक्सी दिख रही थी ...

मैं और अंकल आगे बैठ गए ....जबकि वो दोनों पीछे बैठ गई ....

तभी मेहता अंकल हमारे पास आये ....उन्होंने जूली और रंजू भाभी दोनों की तारीफ की ...

मेहता अंकल : क्या बात है मेरे बच्चों ??? दोनों बहुत सुन्दर लग रही हो ...
अरे रोबिन बेटा ...तुम्हारी गाड़ी में तो एक और भी आ सकता है ना ....

मैं सोच ही रहा था ...कि क्या ये खुद हमारे साथ आने वाले थे ....
या अपनी किसी बेटी को भेजेंगे ....

मैं : हाँ अंकल कोई पतला दुबला सा हो तो भेज दो ...हा हा ...

मेहता अंकल : अरे बेटा वो रिया के ससुराल से है ...वो तुम लोगो के साथ एडजस्ट भी हो जायेगा ...

मैंने बस हाँ कहा ...पता नहीं कौन है ये ....

तभी अंकल एक ४०-४२ साल के आदमी को लेकर आये ....नेकर और टी शर्ट में वो कोई एन० आर० आई० ही लग रहा था ....

अंकल ने उसको सबसे मिलवाया ....ये हैं मि० जॉन ...वो लंदन से ही आया था .....

अरे ये तो रिया के ससुर निकले ....शायद रिया के हस्बैंड नहीं आ पाये थे ...ये फिर बाद में आएंगे ...
रिया इन्ही के साथ आई थी ...

इसका मतलब इनकी उम्र तो ज्यादा होगी ...पर इन्होने खुद को काफी मेन्टेन कर रखा है ...

वो खुद ही जूली कि ओर वाला दरवाजा खोल अंदर बैठ गए ...

वो लम्बे चौड़े थे ...इसलिए जूली बीच में पिचक सी गई ...

उन्होंने भी नेकर और टी शर्ट ही पहना हुआ था ...

मैंने एक ही बार पीछे घूमकर देखा ...जूली और उनकी नंगी जांघे आपस में टकरा रही थी ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]पर मैंने एक बात नोटिस की जूली अपने पैरों को सिकोड़ रही थी ...
जबकि वही उससे चिपकने की कोशिश कर रहा था ...

मगर वो अंकल काफी हंसमुख थे ..कुछ समय में ही वो हमसे घुलमिल गए ....
अब जूली उनसे कम्फर्ट होकर ही बैठी थी ...उसका संकोच काफी हद तक समाप्त हो गया था ...

अब दोनों एक दूसरे से हाथ मारकर भी बात कर रहे थे ..

बीच में एक जगह जॉन अंकल बहुत ही फॉरमल होकर बोले ..

जॉन अंकल : रोबिन इधर कही टॉयलेट नहीं है क्या ...???

हम सभी हंस पड़े ...

मैं : अरे अंकल यह इंडिया है ...यहाँ आप कहीं भी एक किनारे कर सकते हैं ...वैसे भी दोनों ओर जंगल ही है ..

जॉन अंकल : अरे हाँ ...तो फिर कहीं रोको यार ...यहाँ तो बहुत प्रेसर लगा है भाई ...

मैंने एक जगह चौड़ी जगह देख साइड में गाड़ी लगा दी ....

जॉन अंकल उतरकर टॉयलेट करने की जगह देखने लगे ...

मैंने ध्यान दिया कि उनका नेकर में लण्ड तना खड़ा है ...उभार साफ़ महसूस हो रहा था ...
मतलब जूली की रगड़ से उनका ये हाल हुआ है ...

तभी रंजू भाभी बोली ...

रंजू भाभी : रोबिन किसी ऐसी जगह रोकते जहाँ हम भी फ्रेश हो लेते ...हमको भी काफी देर हो गई है ...

जूली : हाँ भाभी कह तो आप सही रही हो ....

तिवारी अंकल : अरे तो इसमें इतना सोचना क्या है ...?? यहाँ भी कौन आ रहा है ...जाओ और कर लो ना कही एक तरफ ...

रंजू भाभी : प्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र किसी ने देख लिया तो ...

तिवारी अंकल : पागल है तू तो ...अरे कौन देखता है किसी को मूतते हुए ...और देख भी लिया तो तेरा क्या चला जायेगा ....
उधर देख वो कितने मस्त होकर कर रहा है ...

सभी ने सामने देखा ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]गाड़ी से कुछ आगे सामने ही ...जॉन अंकल टॉयलेट करने के बाद तेजी से अपने लण्ड को हिला रहे थे ...

लण्ड अभी भी खड़ा था ...इसलिए वहां से भी दिख रहा था ...

तभी बाइक से एक लड़का वहां से गुजरा ..उसके पीछे एक लड़की बैठी थी ....
वो मुस्कुराते हुए जॉन अंकल को देख रही थी ...

तिवारी अंकल : लो देख लो ...हम मर्दों का नाम वैसे ही ख़राब कर रखा है ...
अब ये कैसे मस्ती ले रही है ....हा हा हा 

सभी हंस पड़े ....

जूली : चलो भाभी उतरो नीचे ...हम भी देखें कोई जगह ...

रंजू भाभी : अरे पगला गई है क्या ...यहाँ खुले में कैसे ...

जूली : अरे आप उतरो तो ...वो पीछे शायद जगह है ...वहां झाड़ियों में देखते हैं ....
पहले आप कर लेना ...मैं बाहर देखती रहूंगी ...
फिर मैं कर लुंगी ...चलो तो ...

और दोनों नीचे उतर कर गाड़ी के पीछे की ओर चले गए ...

तिवारी अंकल : चल रोबिन हम भी कर लेते हैं ...

फिर हम दोनों भी बाहर आ गए ...

तब तक जॉन अंकल हमरी ओर ही आ रहे थे ...

जॉन अंकल : अच्छा हुआ ...तुम दोनों भी कर लो जाओ ...

हम दोनों भी एक ओर मूतने लगे ...

मैंने देखा जॉन अंकल गाड़ी से पानी की बोतल निकाल ..पानी पीते हुए उधर ही देख रहे हैं ....
जिधर वो दोनों सुसु करने गई थी ...

तभी मुझे उस ओर रंजू भाभी दिखाई दी ...
वो टॉयलेट करने के बाद उठ रही थी ...

मुझे दूर से साफ़ साफ़ तो नहीं ...पर इतना पक्का था कि जॉन अंकल ने उनके मस्त गदराये चूतड़ जरूर देख लिए होंगे ...

रंजू भाभी ने भी अपने चूतड़ों को कई बार इधर उधर मटकाकर ही अपनी कैप्री को ऊपर किया ...

फिर मैंने देखा कि जूली भी उधर ही चली गई ...

और अपने शॉर्ट्स को नीचे करते हुए बैठ गई ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]तभी जॉन अंकल पानी की बोतल लिए उधर ही चले गए ...
रंजू भाभी हाथ से उनको मना कर रही थी ...

मगर वो उनके पास ही चले गए ...मेरा भी हो गया था ....तो मैं भी जल्दी से कार के पास पहुंच गया ...

मुझे उनकी बात सुननी थी ...

जॉन अंकल : अरे बेटा ..मैं ये पानी लाया हूँ ...लो अपनी उस जगह को अच्छी तरह साफ़ कर लो ...
जब भी ऐसे बाहर टॉयलेट करते हैं तो जर्म्स लग जाते हैं ....उसको धोना बहुत जरुरी होता है ...

और रंजू भाभी ने बोतल ले ली ...

रंजू भाभी : ठीक है ...अब आप तो जाइये ...हम कर लेंगे ...

जॉन अंकल भी ढीढता से हँसते हुए वहीँ खड़े रहे ....

मैंने देखा तभी जूली भी उन झाड़ियों से उठ खड़ी हुई ...
उसके तो चूतड़ बिलकुल ही साफ दिख रहे थे ...

उसने अपने हाथ में किसी कपडे से ही अपनी चूत को साफ किया ...
और फिर झुककर अपने शॉर्ट्स को ऊपर किया ...

मैंने देखा जॉन अंकल घूर कर वहीँ देख रहे थे ...
हो सकता है कि उनको जूली की चूतड़ों से झांकती चूत भी दिख गई हो ...

क्युकि वापस आते हुए ...उनका नेकर उनके लण्ड के उभर को अच्छी तरह दिखा रहा था ...
और उनका चेहरा भी पूरा लाल था ...

फिर ऐसे ही मस्ती करते हुए हम शादी वाली जगह पहुँच गए ..

यहाँ तो चारों ओर मस्ती ही मस्ती नजर आ रही थी ...

बहुत ही शानदार होटल था ...सभी कमरे ए सी थे ...और ३-४ लोगों के बीच एक कमरा सेट था ...

हम चारों ने अपना सामान एक कमरे में सेट कर लिया था ...
तिवारी अंकल ..और हम ...

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[font=verdana, geneva, lucida,]अपडेट 118


फिर मस्ती करते हुए हम शादी वाली जगह पहुँच गए ..

यहाँ तो चारों ओर मस्ती ही मस्ती नजर आ रही थी ...

बहुत ही शानदार होटल था ...सभी कमरे ए सी थे ...और ३-४ लोगों के बीच एक कमरा सेट था ...

हम चारों ने अपना सामान एक कमरे में सेट कर लिया था ...
तिवारी अंकल ..और हम ...

वहां पहुँचते हुए रात तो हो ही गई थी ...और थकान भी हो रही थी ...
खाना हम सबने वहीँ मंगवाया ...और जल्दी ही खा लिया ...

फिर सभी ने कपडे बदले और सो गए ...

एक बेड पर हम दोनों ....और दूसरे पर तिवारी अंकल, भाभी जी सो गए ...

जूली और भाभी दोनों ने ही एक सेक्सी नाइटी ही पहनी थी ...मगर सही ही लग रही थी ...

रंजू भाभी के तो अंडरगार्मेंट्स दिख रहे थे ...पर जूली ने पक्का अंदर कुछ नहीं पहना था ...
पर गहरी रंग की नाइटी होने से कुछ ज्यादा पता नहीं चल रहा था ...

हम सरीफ कपल की तरह ही दोनों सो गए ...शायद सभी बहुत थक गए थे ...,

लम्बी ड्राइव ने मुझे कुछ ज्यादा ही थका दिया था ...इसलिए नींद भी सही से नहीं आ रही थी ...

मैंने उठकर देखा ..हलकी रोशनी में दिखा कि सभी सो रहे थे ....
जूली के ऊपर तो चादर थी ..पर रंजू भाभी की पैर नंगे दिख रहे थे ....शायद उनकी नाइटी ऊपर तक चढ़ गई थी ...

मुझे बाथरूम की जरूरत महसूस हुई ...इसलिए बाथरूम में आ गया ....

फ्रेश होने के बाद देखा कि बाथरूम में पीछे की ओर एक दरवाजा था ....

सोचा देखे क्या है इसके पीछे ...

वो पीछे की एक पतली गैलरी थी ...सारे पाइप और ए सी वहां ही लगे थे ....

वापस आने की सोच ही रहा था ...कि आगे एक कमरे से लाइट बाहर आती नजर आई ...

बस मन में सैतानी आ गई ...कि देखें कौन है उसमे ...वैसे भी इस फ्लोर के तो सभी कमरे हमारे लिए ही बुक थे ...

चुपके से वहां जाकर देखा ...तो एक खिड़की खुली हुई थी ....

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]
अरे ये तो मेहता अंकल का कमरा था ....
अंकल तो रिया के साथ थे ....दोनों पूरे नंगे थे ...

शायद रिया की कमर पर कच्छी थी ...
वो घुटनो के बल झुकी हुई ...अंकल के लण्ड से खेल रही थी ...

कभी हाथ से पकड़कर हिलाती तो कभी अपने होंठो से रगड़ती ...

मैं कुछ और पास को आया ....जिससे उनकी आवाज सुन सकूँ ...

तभी मुझे ऋतू भी दिख गई ...वो दूसरे बिस्तर पर सो रही थी ....

मैंने अपने दिल में सोचा काश इसको भी नंगा देख पाता ...

उधर वो दोनों मस्ती में लीन थे ....

रिया : ओह डैड ....मान जाओ ना ..लाओ हाथ से ही कर देती हूँ ...
मुझे क्या पता था ...कि इतनी जल्दी हो जायेगा ..मुझे तो आपसे भी ज्यादा बुरा लग रहा है ...

अरे इसका क्या हो गया यार ...क्यों मना कर रही है चुदवाने से ...

मेहता अंकल : अरे तू भी ना ...खुद तो डेट से हो गई ...और ऋतू को चोदने को मना कर रही है ...करने दे ना ...बहुत जल्दी हो जायेगा ...

रिया : नहीं ...बिलकुल नहीं ....मुझे पता है कि कितनी देर लगती है ...आपको ...
वैसे भी बड़ी मुस्किल से उसकी फ़ुद्दी को कुछ टाइट किया है ...
आपने तो उसके दोनों छेदों का कबाड़ा ही कर दिया था ..
कितनी फैल गई थी उसकी चूत ...वो तो मैंने कैसे-कैसे .करके उसको टाइट किया है ...
और चूतड़ का छेद तो अभी भी सही नहीं हुआ है ...

मेहता अंकल : अरे यार कुछ नहीं होता ...वो बहुत समझदार है ...सब संभाल लेगी ...
चल गांड में ही हल्का सा डाल कर फ्री हो जाता हूँ ...वरना परेसान हो जाऊंगा ....

रिया : ओह आप समझते क्यों नहीं ....??? उसको तो अभी आप भूल ही जाओ ...
जब शादी के बाद वो पहली बार आये तभी उसको चोद पाओगे ...
अभी के लिए जूली भाभी को बुला लो ...

मेहता अंकल : अरे यार रोबिन उसके साथ है ...ऐसे में कैसे होगा ...
मुझे क्या पता था कि वो इतनी छुट्टी निकल लेगा ...मैंने तो सोचा था कि जूली अकेली आएगी ..खूब मस्ती करूँगा ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]अह्हाआआआ अब तो सब गड़बड़ हो गई है ..

तभी रिया उठकर अपना गाउन पहनते हुए बोली ...रुको मैं देखती हूँ ...शायद कुछ हो जाये ...

और वो कमरे से बाहर को चली गई ....

मैं भी जल्दी से बाथरूम में आ गया ....
हल्का सा दरवाजा खोलकर देखा ...

रिया हमारे कमरे में आ गई थी ....और वो जूली को उठा रही थी ...
तिवारी अंकल भी वहीँ खड़े थे ...शायद उन्होंने ही दरवाजा खोला होगा ...

रिया : जूली भाभी प्लीज बहुत जरुरी काम है ...आप आओ ना ....
जूली ने जैसे ही चादर हटाई तो उसका गाउन कमर से भी ऊपर था ...

जो उसने बिस्तर से नीचे आकर ही सही किया ...

जूली : रुक तो कुछ चेंज तो कर लूँ ...

रिया : अरे नहीं भाभी ...वहां हम दोनों ही हैं ...ऐसे ही आ जाओ ...
और वो जूली को वैसे ही गाउन में ही अपने साथ ले गई ....

मैं फिर से पीछे से उसी कमरे में पहुँच गया ...

रिया तो जूली को कमरे में छोड़कर वापस चली गई ...

बहुत समझदार थी वो... शायद जूली को खुलकर मजा लेने के लिए ही ...उसने ऐसा किया था ...

जूली : क्या हुआ अंकल ..?? कहाँ है ऋतू ..???

मेहता अंकल ने जूली को चुप रहने का इशारा किया ...
और उसको सोती हुई ऋतू को दिखाया ...

फिर उन्होंने कसकर जूली का हाथ पकड़ा और उसको अपने बिस्तर की ओर ले गए ...

जूली बहुत डरी हुई सी ...बार बार ऋतू की ओर देख रही थी ....
वो केवल अपना सर हिलाकर मना कर रही थी ....

मेहता अंकल : अरे यार बहुत परेसान हु ...बहुत मुस्किल से तुमको बहाने से बुलाया है ....
बस जरा देर की बात है ...रोबिन तो अभी सो ही रहा होगा ...

जूली : उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या करते हो ...अंकल ...वो उठ गए हैं ...बाथरूम गए हैं ...

मेहता अंकल ने जूली की हाफ नाइटी को नीचे से पकड़ का उसके सर से निकाल दिया .. 
जूली के हाथ अपनेआप ही ऊपर को हो गए ...

अब केवल एक छोटी सी धानी रंग की ब्रा में वो वहां खड़ी थी ...
कच्छी तो वो वैसे भी नहीं पहनती थी ...

जूली : ओह क्या कर रहे हो अंकल ..?? ऋतू भी यही है ...और ये भी आ सकते हैं ....

.........................
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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]मेहता अंकल ने उसकी एक नहीं सुनी ...उन्होंने अपनी हथेली से जूली की चूत को सहलाया और पीछे से ही अपना लण्ड वहां फिट कर दिया ...

जूली ने अपना एक पैर बिस्तर के ऊपर रख दिया ...
शायद वो समझ गई थी कि अंकल मानेंगे तो है नहीं ...तो जल्दी से ही उनको निबटा दिया जाये ...

मेहता अंकल : अरे कोई नहीं आएगा ...तू बस जरा देर रुक जा ...बहुत देर से परेसान हु ...
आअह्ह्हाआआआआआ 

और उन्होंने अपना लण्ड जूली की चूत में प्रवेश करा दिया ....

अह्ह्ह अह्ह्हाआआआ अह्ह्हाआआ आह्ह्हा 

कमरे में दोनों की सिस्कारियां गूंज रही थी ....
अंकल ने अपना एक हाथ जूली की ब्रा में डाल उसकी चूची को भी बाहर निकाल लिया था ...

मेरा यहाँ बुरा हाल था ....अब मेरा लण्ड भी चूत चाहने लगा था ...

जूली की ये जल्दी जल्दी की चुदाई देखने में ज्यादा मजा नहीं आ रहा था ....

मैं ये सोचने लगा कि रिया कहाँ है ..कही वो मेरे को ही तो नहीं देख रही ...
चलो उसी से कुछ मस्ती कर ली जाये ...

मेहता अंकल भले ही उसको ना चोद पाये हों ...पर मैंने तो मेंसिस में भी गांड मारी है ...

सोचा ...चलो आज रिया की गांड ही मारी जाये ...

मैं जल्दी से अपने बाथरूम में आकर ...अपने कमरे में आया ...

अरे रिया तो यहाँ भी नहीं थी ....

तिवारी अंकल : ओह ..बड़ी देर लगा दी बेटा...लगता है मेरी तरह तुमको भी देर लगती है ...
मुझे पता था तिवारी अंकल को टॉयलेट में बहुत देर लगती है ....

मैं : हाँ कुछ कांस्टीपेशन हो गया है ..

तिवारी अंकल जल्दी से बाथरूम में घुस गए और बोले ..जूली अभी आ रही है ...वो रिया के साथ किसी काम से गई है ....

मुझे हंसी आ गई ...मुझे तो पता था कि वो किस काम से गई है ......

मैंने दरवाजा खोलकर गैलरी में झाँका ...रिया कहीं नजर नहीं आई ...

..........................
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अब अपने लण्ड का इलाज केवल रंजू भाभी ही दिखी ..
तिवारी अंकल को तो अंदर देर लगने वाली ही थी ...

मैंने भाभी के ऊपर पड़ी चादर हटा दी ....

वाओ क्या सीन था ....
भाभी अपनी बाईं करवट से लेटी थी ...
उनकी नाइटी पेट से भी ऊपर थी ...एक पैर मुड़ा हुआ आगे की ओर रखा था ...
कमर में आसमानी रंग की कच्छी थी ...पर वो चूतड़ एक ओर को सरक गई थी ...
उनके विशाल चूतड़ और बीच की गुलाबी लाइन ...सुरमई द्वार..सब कुछ साफ साफ़ दिख रहा था ...

मेरे पास भी ज्यादा समय तो था नहीं ...जूली ...रिया ..और तिवारी अंकल कोई भी आ सकता था ....

मैंने जल्दी से ही जरा सा अपना ही थूक हाथ में लिया ...उसको उँगलियों की सहायता से भाभी की बीच से झांकती चूत पर लगाया ...फिर अपना शॉर्ट्स उतार कर .... अपने लण्ड के टॉप पर लगाया ...

मुझे ऑफिस से ही ऐसे थूक लगाकर चोदने में बहुत मजा आता था ....

फिर मैंने अपना खड़े खड़े ही अपना लण्ड भाभी की चूत में खिसका दिया ...

अह्ह्हाआआआ 
इस पोजीशन में चूत काफी टाइट लग रही थी ....

मैंने पहले हलके हलके धक्के लगाये ...और जैसे ही चूत ने पानी छोड़ना शुरू किया ..

मेरे धक्को की स्पीड बढ़ने ..लगी ...

रंजू भाभी विासे ही लेटी थी ...जरा भी नहीं हिल रही थी ...
पर उनके मुख से निकलने वाली सिस्कारियां बता रही थीं कि वो जाग चुकी हैं ...
और पूरा मजा ले रही हैं ...

क्या मजेदार चुदाई मैं आज कर रहा था ...रंजू भाभी का पति वहीँ उसी कमरे के बाथरूम में था ...

और यहाँ मैं उनकी सोती हुई बीवी को चोद रहा था ...

ये सोचकर ही मेरा लण्ड और भी ज्यादा टाइट हो रहा था ....

करीब १५ मिनट तक मैंने उनको जमकर चोदा ..फिर अपना गीला लण्ड उनकी चूत से बाहर निकाल कर... उनके चूतड़ को हाथ से फैलाकर उनकी गांड में डाल दिया ....

और तभी मेरे लण्ड ने ढेर सारा पानी उनके गांड के छेद में भर दिया ....

यही वो क्षण था ..जब कमरे का दरवाजा खुला ...और ...

पता नहीं कौन था ...??????????


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………….
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[font=verdana, geneva, lucida,]अपडेट 119


क्या मजेदार चुदाई मैं कर रहा था ...रंजू भाभी का पति वहीँ उसी कमरे के बाथरूम में था ...

और यहाँ मैं उनकी सोती हुई बीवी को चोद रहा था ...

ये सोचकर ही मेरा लण्ड और भी ज्यादा टाइट हो रहा था ....

करीब १५ मिनट तक मैंने उनको जमकर चोदा ..फिर अपना गीला लण्ड उनकी चूत से बाहर निकाल कर... उनके चूतड़ को हाथ से फैलाकर उनकी गांड में डाल दिया ....

और तभी मेरे लण्ड ने ढेर सारा पानी उनके गांड के छेद में भर दिया ....

यही वो क्षण था ..जब कमरे का दरवाजा खुला ...और ...

मैंने तुरंत लण्ड भाभी की गांड से बाहर निकाल लिया और चादर को उनके नंगे चूतड़ पर डाल दिया ...

लेकिन अपना लण्ड को अंदर नहीं कर पाया ...मेरा शॉर्ट्स नीचे पड़ा था ...

ओह ..ये तो जूली है ..अंदर आते ही उसने सीधे मुझे ही देखा ..
कोई भी देखकर एक नजर में समझ जाता कि मैं क्या कर रहा था ...

मगर जूली के चेहरे पर एक सेक्सी सी मुस्कुराहट ही थी ....

जूली : क्या हुआ जानू ..?? मेरे बिना परेसान हो गए क्या ..???

मैं : हाँ जानेमन ..मैं भी और मेरा लण्ड भी ...

जूली के मूड को देख मेरा मन भी हल्का हो गया ...
मैंने उस पर ध्यान दिया ...

सिमटी हुई नाइटी और बगल में दबी हुई उसकी ब्रा ...
वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी ...

मैं : अरे ये क्या हुआ ..??

मैंने उसकी ब्रा की ओर इशारा किया ...

जूली के चहरे पर कोई सिकन नहीं थी ...

जूली : अरे पता नहीं कैसे एक दम ही टूट गई ...शायद रात सोते हुए इसकी तनी टूट गई होगी ...

मैं : इसमें इस बेचारी का क्या दोष है ...तुम्हारे हो भी तो भारी रहे हैं ... 
बेचारी इतनी छोटी ...कैसे सहती इतना भार ...

मैंने जूली की दोनों चूची को अच्छी तरह मसलते हुए कहा ...

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जूली ने भी मेरे लण्ड को अपनी मुट्ठी में भर लिया ...अरे मेरे लाल ...तुम तो प्रे गीले ही हो गए हो ...

उसने मेरे लण्ड को पुचकारते हुए कहा ...
चलो तुमको थोड़ा सा प्यार कर देते हैं ...

उसने मुझे बिस्तर पर चलने को कहा ....

हम दोनों ही बिलकुल भूल गए कि बराबर में रंजू भाभी सोने कि एक्टिंग करती हुई लेती हैं ...

और बाथरूम में तिवारी अंकल भी हैं ...

मैं बिस्तर पर पीछे को लेट गया ...
जूली ने अपनी नाइटी भी उतार कर एक ओर डाल दी ...

वो पूरी नंगी बिस्तर पर आई ...

मैं : जानू लाइट बंद कर दो ...

वो फिर से नीचे उतरी ...पूरी नंगी ही .......स्विच ऑफ करने गई ...
स्विच रंजू भाभी के बेड के ऊपर थे ...

वो स्विच ऑफ कर भी नहीं पाई थी ...कि तभी बातरूम का दरवाजा खुला ..और तिवारी अंकल बाहर निकल आये ...

जूली भी स्विच ऑफ करना भूल गई ..और पीछे को देखने लगी ..

मैंने देखा ...तिवारी अंकल आँखे फाड़े जूली को घूर रहे थे ...

फिर जैसे ही उसको याद आया ...उसने स्विच ऑफ किया और अपने बिस्तर पर आकर तुरंत मेरी चादर में आ गई ...

मैंने भी चादर ओड ली थी ...

पर इतनी देर में उन्होंने जूली के नंगे बदन के भरपूर दर्शन कर लिए थे ...

हम दोनों ही शांत हो गए ...कोई नहीं बोल रहा था ...

अंकल भी जाकर रंजू भाभी कि बगल में लेट गए ..

तभी मुझे जूली का हाथ अपने लण्ड पर महसूस हुआ ...उसको शायद ज्यादा फर्क नहीं पड़ा था ...

मैंने भी मजा लेने कि सोची ...और जूली कि चूची को दबाने लगा ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]मैंने आँख खोलकर देखा... तिवारी अंकल हमारी ओर ही देख रहे थे ....

उनसे बाथरूम का दरवाजा कुछ खुला रह गया था ...जिससे अंदर कि लाइट से कुछ रोशनी हमारे कमरे में भी हो रही थी ...

पता चल रहा था ...कि कौन कहाँ है ..???और क्या कर रहा है ...

मेरे दिमाग में भी एक रोमांच सा छा रहा था ...
मैंने भी सोचा जो हो रहा है ...अच्छा ही हो रहा है ...

इसका भी मजा लिया जाये ....

अभी कुछ देर पहले ही मेहता अंकल से चुदकर आई ..मेरी बीवी पूरे मूड में ही ...अभी कुछ देर पहले ही रंजू भाभी कि चूत और गांड से निकले मेरे लण्ड से खेल रही थी ...

मेरे दिमाग में एक सैतानी सी आई ...
क्यों न आज इससे इसी लण्ड को चुसवाऊँ...देखू रंजू भाभी की चूत की खुशबू ये पहचान पति है या नहीं ...

मैंने जूली को अपने लण्ड की ओर किया ...
और वो तुरंत समझ गई ...सच इस मामले में जूली जैसा कोई नहीं हो सकता ...

ना तो वो किसी बात के लिए मना करती थी ...और ना ही नखरे दिखाती थी ...

वल्कि मेरी हर बात बिना कहे समझ जाती है ...
इसीलिए जूली मुझे बहुत पसंद है ...और मैं उसको बहुत प्यार करता हूँ ...

जूली अपने ऊपर पड़ी चादर की परवाह ना करते हुए ...मेरे लण्ड की ओर चली जाती है ...
और उसको अपने मुहं में ले लेती है ...

मैंने तिवारी अंकल की ओर देखा ...
वाओ ...उन्होंने रंजू भाभी की चादर उनके ऊपर से हटा दी थी ..

उनके नंगे चूतड़ मुझे साफ़ दिख रहे थे ...इसका मतलब जूली भी उनको साफ़ साफ़ दिख रही होगी ...

तभी तिवारी अंकल भी रंजू भाभी के चूतड़ की और आये और वहां अपना मुहं लगा दिया ...
पता नहीं वो केवल किश ही कर रहे थे ..या फिर चाट भी रहे थे ...

मेरे दिल में एक हल्का सा डर सा लगा कि कहीं उनको मेरे वीर्य कि महक ना आ जाये ...

मगर ऐसा कुछ यही हुआ ...

जरा सी देर में ही मैंने देखा रंजू भाभी सीधी हो अपनी दोनों टाँगे खोले ...अंकल को अपनी चूत चटवा रही थी ..

और इधर जूली मेरे लण्ड को अपने गले तक अंदर ले रही थी ...
और बहुत ही हॉट तरीके से चूस रही थी ...

क्या मजेदार सीन था ...

......................
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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]रंजू भाभी कि चूत के पानी से सना लण्ड जूली के मुहं में था ....और मेरे वीर्य से भीगी...चुदी हुई चूत को अंकल चाट रहे थे ...

और फिर बिना एक दूसरे कि परवाह किये हुए ही ...मैंने जूली को वहीँ घोड़ी बना कर पीछे से ही अपना लण्ड उसकी चुदी हुई चूत में घुसेड़ दिया ...

अभी कुछ देर पहले चुदी हुई चूत भी बहुत प्यारी दिख रही थी ...

उधर अंकल भी रंजू भाभी के ऊपर चिपके हुए थे ..शायद उन्होंने भी अपना लण्ड उनकी चूत में प्रवेश करा दिया था ...

बस अंतर केवल इतना था ...कि वो बहुत धीरे धीरे ही चोद रहे थे ... 
और हमारी चुदाई से बहुत तेज आवाजें आ रही थी ...
मेरी जांघे तेजी से जूली के गद्देदार चूतड़ से टकरा रही थी ...जिनकी आवाज कमरे में गूंज रही थी ...

जूली को देखकर मुझे लगा कि वो ...मेहता अंकल से चुदवा कर तो आई है ...मगर संतुष्ट नहीं हो पाई थी ..

क्युकि वो बहुत ही ज्यादा रोमांचित हो रही थी ...

शायद मेहता अंकल जल्दी ही ढेर हो गए होंगे ...

मैंने भी उसकी भावनाओं का पूरा सम्मान किया ...और उसको जमकर ही चोद रहा था ...

करीब १५ मिनट तक मैंने उसको बहुत ही तेजी से ...३ आसन में चोदा ...

हमको नहीं पता कि तिवारी अंकल कब चोद कर ...सो भी गए थे ...

जब मैंने उधर देखा तो कोई हलचल नहीं थी ...

हम दोनों को भी नींद आ रही थी ...

मैंने जूली को वहां में लिया ...और दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपककर सो गए ...

सुबह खटपट से सबसे पहले मेरी ही आँख खुली ...
जूली दूसरी ओर करवट लिए लेटी थी ..

......................
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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]हमारे ऊपर एक चादर थी ...पता नहीं जूली ने ही ढकी थी या फिर अंकल ने ...

मैं उठकर बैठ गया ...

मैं : गुड मॉर्निंग अंकल ...

तिवारी अंकल : गुड मॉर्निंग बेटा....मैंने चाय मंगवा ली है ...अच्छा हुआ कि तुम जाग गए ...

हम दोनों के बीच रात को लेकर कोई बात नहीं हुई ...शायद वो रात का नशा था ...
जो अब उतर चुका था ..

रंजू भाभी शायद बाथरूम में थी ...तिवारी अंकल भी अपनी लुंगी पहने हुए थे ...

पर मेरे जिस्म पर एक भी कपडा नहीं था ...

मैंने देखा पास ही मेरा शॉर्ट्स रखा था ...
मैंने संभलकर उसको पहन लिया ...

बिस्तर के ऊपर ही जूली की नाइटी और ब्रा रखी थी ..ये कपडे शायद रंजू भाभी ने ही रखे होंगे ...

तभी एक वेटर कमरे में आ गया ..
वो वहां रखी मेज पर चाय बनाने लगा ...

मैं भी उठकर थोड़ा सा इधर उधर टहलने लगा ...

वेटर का मुहं हमारे बिस्तर की ओर ही था ...

वो चाय बनाते हुए ही जूली को तिरछी नजर से देख रहा था ...

चादर में सिमटा जूली का चिकना जिस्म भी बहुत सेक्सी लग रहा था ...

मैं बस इतना सोच रहा था कि जूली एक जिस्म पर एक भी कपडा नहीं है ...
और वो इसी कमरे में केवल एक चादर ओढे लेटी है ...जिसमे मेरे अलावा दो और आदमी भी हैं ...

एक तिवारी अंकल ...चलो उनकी तो कोई बात नहीं ...वो तो काफी कुछ देख और कर चुके हैं ...

मगर एक अनजान वेटर ...
जो पता नहीं क्या क्या सोच रहा होगा ...

वेटर भी २५-३० साल का लम्बा और काला सा आदमी था ...
पर बहुत ही साफ सुथरा और पड़ा लिखा भी जान पड़ता था ...

तिवारी अंकल भी ना जाने क्या सोच रहे थे ..???
उन्होंने भी वेटर को घूरते हुए देख लिया ...

उन्होंने जूली की भलाई करनी चाही ...सोचा जगा दूंगा तो वेटर उसको नहीं घूर पायेगा ...

पर ऐसा हो जायेगा ये उन्होंने भी नहीं सोचा होगा ...

उन्होंने जूली को आवाज लगा दी ....

तिवारी अंकल : अरे जूली बेटा ....तुम भी चाय लेलो ...ठंडी हो जाएगी ....

और तभी जूली ने एक ओर करवट ले ली ...

ओह माय गॉड ...ये क्या हो गया ...


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[font=verdana, geneva, lucida,]अपडेट 120


चादर में सिमटा जूली का चिकना जिस्म भी बहुत सेक्सी लग रहा था ...

मैं बस इतना सोच रहा था कि जूली एक जिस्म पर एक भी कपडा नहीं है ...
और वो इसी कमरे में केवल एक चादर ओढे लेटी है ...जिसमे मेरे अलावा दो और आदमी भी हैं ...

एक तिवारी अंकल ...चलो उनकी तो कोई बात नहीं ...वो तो काफी कुछ देख और कर चुके हैं ...

मगर एक अनजान वेटर ...
जो पता नहीं क्या क्या सोच रहा होगा ...

वेटर भी २५-३० साल का लम्बा और काला सा आदमी था ...
पर बहुत ही साफ सुथरा और पड़ा लिखा भी जान पड़ता था ...

तिवारी अंकल भी ना जाने क्या सोच रहे थे ..???
उन्होंने भी वेटर को घूरते हुए देख लिया ...

उन्होंने जूली की भलाई करनी चाही ...सोचा जगा दूंगा तो वेटर उसको नहीं घूर पायेगा ...

पर ऐसा हो जायेगा ये उन्होंने भी नहीं सोचा होगा ...

उन्होंने जूली को आवाज लगा दी ....

तिवारी अंकल : अरे जूली बेटा ....तुम भी चाय लेलो ...ठंडी हो जाएगी ....

और तभी जूली ने एक ओर करवट ले ली ...

ओह माय गॉड ...ये क्या हो गया ...

जूली का पूरा नंगा बदन जो अभी तक ..कम से कम अभी तक एक पतली चादर से ढका था ....
उसके चूतड़ का आकार उस सिल्की चादर से पता तो चल रहा था ...
मगर फिर भी उस पर एक परदा था ...

जूली के करवट लेते ही चादर काफी हद तक उसके बदन से हट गई ....

तिवारी अंकल ..मेरी ..और उस वेटर ...तीनो की नजर केवल जूली पर ही थी ....

तो हम सबने ही भरपूर उस दृश्य को देखा .....

अपनी बायीं करवट से सीधा होते हुए ..सबसे पहले चादर उसके कंधे से नीचे आई ...
और फिर उसके दाई ओर को सरक गई ...

जूली का मस्त और रस से सराबोर जिस्म लगभग पूरा ही नंगा हो गया था ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]
चादर केवल उसकी दायीं चूची पर रुक गई थी ....जिसका ऊपरी भाग नंगा था ...बायीं चूची पूरी बाहर आ ...रात भर अपने मसले जाने की कहानी बयां कर रही थी ...

उसकी गोरी गोलाई पर लाल लाल उँगलियों के निशान नजर आ रहे थे ...
गुलाबी निप्पल भी सिमटा सा एक ओर को ढलका हुआ था ...

जूली की बायीं टांग भी चादर से पूरी तरह बाहर आ गई थी ...

शुक्र इतना था कि जूली की रात दो लण्ड से चुदी हुई चूत ...अभी चादर से ढकी हुई थी ...

मगर साइड से साफ़ पता चल रहा था ...कि उसने कुछ भी नहीं पहना है ....
वो पूरी नंगी है ....

हम तीनो इस मनुहारी दृश्य को देख ही रहे थे ....
मेरे दिमाग में बिलकुल ये नहीं आया ...कि जाकर उसको अगाह कर दूँ ...
या चादर सही कर दूँ ...

तभी एक और धमाका हुआ ...

जूली ने अभी तक अपनी आँखे नहीं खोले थी ...
वो शायद बहुत थकी थी ...और खुद को अपने ही बेडरूम में समझ रही थी ...

उसने लेटे लेटे ही एक जोरदार अंगराई ली ...

और जो ढका था वो भी नुमाया हो गया ...

चादर दूसरी चूची को भी नंगा करते हुए पेट पर आ गई ....

और चूत के ऊपर से भी सरक कर दूसरी टांग पर रह गई ....

वो तो भला हो तिवारी अंकल का ...जो तुरंत उठकर जूली के पास पहुँच गए ...

और चादर को उसके ऊपर को करते हुए ...

तिवारी अंकल : अर्रर्रीईईईए क्या करती हो बेटा ...कपडे कहाँ है तेरे ....????

और जैसे जूली को होश आ गया हो ...

वो तुरंत उठकर खुद को ठीक करती है ....
मगर वो पतली चादर ...उसके इस मस्ताने ..सुबह सुबह झलकते हुए जिस्म को कहाँ तक छुपाती ....

उसका अंग अंग चादर से झांक रहा था ....
जूली बहुत ही मस्त दिख रही थी........

.........................
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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]तिवारी अंकल और मेरा तो फिर भी सही था ....मगर वेटर भी इस दृश्य का पूरा मजा ले रहा था ...

चाय बनाने के बाद भी वो कमरे से नहीं जा रहा था ...वल्कि कुछ न कुछ करने का वाहना किये वहीँ खड़ा ..लगातार जूली के हुस्न को निहार रहा था ...

कुछ ही देर में जूली की नींद पूरी तरह खुल गई ...और वो समझ गई कि वो कहाँ है ...
और कमरे में सभी उसने एक बार देखा ..

अंकल को गुड मॉर्निंग बोला ...

फिर अपनी नाइटी उठाकर .... वहीँ सबके सामने पहनने लगी ...

उसने नाइटी का निचला भाग गले में डाला और उसको नीचे करते हुए ही चादर को नीचे कर दिया ...

हमेशा कि तरह जूली कपडे पहनते हुए कभी साबधानी नहीं रखती ...
इस समय भी चादर तो पहले नीचे हो गई ...और उसने नाइटी बाद में चूची के ऊपर की...

एक बार फिर उसके ये योवन कूप सभी को नजर आ गए ...

फिर खुद ही चादर को पूरी तरह हटा वो बिस्तर से उतरने के लिए पैर नीचे लटका देती है ...

अभी भी उसकी नाइटी कमर तक ही आई थी....
और वो नीचे अपनी चप्पल को देखती हुई खड़ी हो गई .. 

इस समय उसकी पीठ हमारी ओर थी ...
चप्पल को देखती हुए ही उसने अपनी नाइटी पीछे से अपने चूतड़ों से नीचे की ...

इस दौरान जो अभी तक उस वेटर ने नहीं देखा था ..वो भी उसने देख लिया ...

जूली के चूतड़ों का हर कटाव जब मुझे दिख गया ..तो उसने तो आसानी से सब साफ-साफ़ देखा होगा ...

क्युकि वो तो मेरे आगे खड़ा था ...

जूली की चप्पल कुछ बिस्तर के नीचे को हो गई थी ..
और फिर जूली ने बिना किसी से कुछ कहे ...नीचे झुककर चप्पल निकाली ...

एक बार फिर उसके चूतड़ का ओर भी खुला रूप सबके सामने था ...

सुबह सुबह जूली ने सभी का दिन बहुत ही सुन्दर बना दिया था ...

वेटर ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की आक के दिन की शुरुआत उसकी ऐसे मजेदार ढंग से हिने वाली है ..

फिर तो उस वेटर ने हमारी बहुत सेवा की ...

बस ऐसे ही हम लोग वहां खूब मजा कर रहे थे ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]
उसी शादी में अगले दिन किसी और जगह कोई बड़ा कार्यक्रम था ....

मुझे बहुत थकान हो गई थी ... 
वहीँ दूल्हे के मामा से मेरी अच्छी दोस्ती सी हो गई ...

हम दोनों वहीँ एक दूसरी जगह ....एक कमरे में बैठे बात कर रहे थे ...

मामाजी कर्नल थे इसलिए अपनी बहादुरी के किस्से ही सुना रहे थे ...

मैंने उनको जूली से भी मिलवा दिया था ...
जूली ने उस दिन सिल्वर कलर की साड़ी और फैंसी ब्लाउज़ पहना था ..

साडी उसके चूतड़ पर बहुत कसी हुई थी ...जूली उसमे बहुत ही सेक्सी दिख रही थी ...

मामाजी और मैं बात करते हुए ही वहीँ सो गए ...
कमरे में जमीन पर ही गद्दे लगे थे ....

एक ओर दीवार की तरफ मैं था ..और दूसरी ओर वो लेटे थे ...

कुछ देर बाद जूली भी वहीँ आ गई ...
वो भी शायद ज्यादा थक गई थी ...

वो मेरे दायीं ओर ही लेट गई ..मैं दीवार से चिपका था तो उधर जगह नहीं थी ....

अब जूली के बायीं ओर मैं लेटा था और बायीं ओर मामा जी थे ...

मुझे कोई १० मिनट ही तेज झपकी लगी थी ...पर जूली के कमरे में आने के बाद मेरा ध्यान सेक्स की ओर चला गया ....

.....................
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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]
कुछ देर बाद जूली फिर से कुनमुनाती हुई उठी ...फिर मेरे से चिपक गई ....

मैंने भी मामा जी की ओर देखा ..वो गहरी नींद में ही दिखे ....

मैंने जूली को अपनी चादर के अंदर ले लिया ...

जूली ने खुद अपने रसीले होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए ...

मैं भी उनके रस को चूसने लगा ...

जूली ने अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख दी ...

मुझे नहीं पता कि जूली का मूड क्या था ??
केवल हल्का फुल्का प्यार का ...या फिर पूरी चुदाई के मूड में थी ...

पर इतना पक्का था ...कि अगर मैं हाँ करता तो वो किसी भी बात के लिए मना नहीं करती ...

कुछ देर जूली के होंठो का रस पीते हुए ही मैंने देखा कि मामाजी अब सोने का नाटक कर रहे हैं ...

वल्कि चादर की ओट से वो हमको ही देख रहे थे ...

जूली के होंठ चूसने का मजा कई गुना बढ़ गया ...
मैंने कुछ और मजा लेने की सोची ...

मुझे मामाजी की बातें याद आ गई ...वो मुझसे कुछ ज्यादा ही खुल गए थे ...

उनकी बीवी का देहांत हुए ३ साल हो गए थे ...वो वहां औरतों को देखकर...... मेरे से ........उनके बारे में तरह तरह की सेक्सी बात कर रहे थे ...

उन्होंने ये भी कहा था कि उनको चुदाई किये ३ साल से भी ज्यादा समय हो गया ...
क्युकि कोठे पर जाना उनको पसंद नहीं....और कॉल गर्ल भी बीमारी के डर से वो नहीं बुलाते ...

उन्होंने कहा था कि यार रोबिन यहाँ तो नंगी लड़की देखे अरसा गुजर गया ...

उनकी ये बातें मेरे दिमाग में थी ...मैंने सोचा क्यों ना मामाजी को आज कुछ दर्शन करा दिए जाएँ ...

बस ये ख्याल आते ही सैतानी दिमाग पर हावी हो गई ..

मैंने जूली के होंठ चूसते हुए ही साडी के ऊपर से उसके मखमली चूतड़ को सहलाना शुरू कर दिया ...

पर जूली कि साडी बहुत भारी और चुभ रही थी ...

मैंने फुसफुसाते हुए ही उससे कहा ..

मैं : यार ये इतनी भारी साडी कैसे पहने हो ...तुमको चुभ नहीं रही ...

वो मेरा इशारा एक दम से ही समझ गई ...
जूली मुस्कुराते हुए उठी ...
उसने एक बार मामाजी कि ओर देखा ...

पता नहीं उसको उनकी आँखे दिखी या नहीं ....

पर वो संतुष्ट हो गई ...
वो अपने कपडे उतारने के लिए वहीं एक ओर हो गई ............

अब पता नहीं मामाजी को क्या क्या दर्शन होने वाले थे ...??????


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[font=verdana, geneva, lucida,]अपडेट 121


मामा जी ने कहा था कि यार रोबिन यहाँ तो नंगी लड़की देखे अरसा गुजर गया ...

उनकी ये बातें मेरे दिमाग में थी ...मैंने सोचा क्यों ना मामाजी को आज कुछ दर्शन करा दिए जाएँ ...

बस ये ख्याल आते ही सैतानी दिमाग पर हावी हो गई ..

मैंने जूली के होंठ चूसते हुए ही साडी के ऊपर से उसके मखमली चूतड़ को सहलाना शुरू कर दिया ...

पर जूली कि साडी बहुत भारी और चुभ रही थी ...

मैंने फुसफुसाते हुए ही उससे कहा ..

मैं : यार ये इतनी भारी साडी कैसे पहने हो ...तुमको चुभ नहीं रही ...

वो मेरा इशारा एक दम से ही समझ गई ...
जूली मुस्कुराते हुए उठी ...
उसने एक बार मामाजी की ओर देखा ...

पता नहीं उसको उनकी खुली आँखे दिखी या नहीं ....

पर वो संतुष्ट हो गई ...
वो अपने कपडे उतारने के लिए वहीं एक ओर हो गई ............

अब पता नहीं मामाजी को क्या क्या दर्शन होने वाले थे ………

वैसे भी जूली तो बहुत ही बोल्ड किस्म की लड़की थी ...
उसको किसी के होने या ना होने से कुछ फर्क नहीं पड़ता था ..

मैं जूली की ओर ना देखकर मामाजी की ओर ही देख रहा था ...

मैंने अपना मुहं पर एक तकिया रख लिया था ...जिससे उनको कुछ पता नहीं लगने वाला था ...

और मैं तकिये के बीच से ही उनको देख रहा था ...

मामाजी को वैसे भी मेरी कोई फ़िक्र नहीं थी ...वो तो लगातार जूली को ही देख रहे थे ...

शायद वो एक भी ऐसा पल खोना नहीं चाहते थे ...

मैंने धीरे से जूली की ओर देखा ...
उसने अपनी साडी निकल दी थी ..और उसको सही से करके एक ओर रख रही थी ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]उसकी पीठ हमारी ओर थी ...
वैसे तो उसने कमरे की लाइट बंद कर दी थी ...

परन्तु कमरे के ऊपर के रोसनदान और दरबाजे से बाहर की रोशनी अंदर आ रही थी ...

वो जिस जगह खड़ी थी ..
वहां लाइट सीधे पड़ रही थी ...
जिससे उसके झीने और बहुत ही पतले पेटीकोट से अंदर का पूरा नजारा मिल रहा था ...

सच कह रहा हूँ ....उसकी दोनों साँचे में ढली हूँ ...केले जैसी चिकनी टाँगे ...ऊपर तक ...पेटीकोट के अंदर साफ दिख रही थी ...

फिर उसके चूतड़ों पर कसे हुए पेटीकोट से उसके ...इन मखमली चूतड़ों का आकार भी साफ़ दिख रहा था ...

और फिर ऊपर बैकलेस ब्लाउज ...उसकी साफ़ सफ्फाक और चिकनी पीठ पैर केवल एक ही तनी थी ...
उसकी पूरी नंगी पीठ ...और चूतड़ के कटाव पर बंधा पेटीकोट ....
जूली की पतली कमर को अच्छी तरह से दिखा रहा था ...
ये दृश्य ..जूली के पूर्णतया नंगे खड़े होने से भी........ कहीं ज्यादा सेक्सी लग रहा था ...

मुझे लगा अभी जूली ये कपडे भी उतारकर अभी मामाजी की हर इच्छा पूरी कर देगी ...

मगर ऐसा नहीं हुआ ...
साडी को तय करके सही से रखने के बाद ...वो फिर मेरे पास आकर लेट गई ...

हाँ उसने एक बार हल्का सा अपना पेटीकोट का नाड़ा जरूर सही किया था ...
जिससे चूतड़ों का कटाव ...कुछ अधिक नुमाया हो गया था ...

अब मैं भी उससे कुछ नहीं कह सकता था ...

पर जूली थी तो मेरे पास ही ...मैं वैसे भी कुछ ना कुछ तो मामाजी को दिखा ही सकता था ...

मैंने उसको वाहों में भरकर फिर से प्यार करना शुरू कर दिया ...

चादर उसके ऊपर कम मेरे ऊपर ही ज्यादा थी ...

मैंने जूली को चूमते हुए ...पीछे से उसके पेटीकोट को ऊपर करना शुरू कर दिया ...

पेटीकोट वैसे भी काफी पतले और सिल्की कपडे का था .....

जूली के चूतड़ मसले जाने से ही वो ऊपर को सिमटा जा रहा था ....

मैंने आँख खोलकर ..जूली के साइड देखा ...
मामाजी पूरी आँख खोले ...हमको ही घूर रहे थे ....

जूली के पीछे के bhag में केवल कंधे और पैरों पर ही चादर थी ...
बाकी चादर काफी हटी हुई थी ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]जूली की नंगी पीठ और मेरे द्वारा मसले जा रहे चूतड़ उनको दिख रहे होंगे ...

कुछ ही देर में वो समय भी आ गया ...
जिसका इन्तजार हम दोनों से ज्यादा ...मामाजी ज्यादा बेसब्री से कर रहे थे ....

जूली का पेटीकोट का निचला सिर मेरे हाथ तक पहुँच गया ...

मैंने तुरंत उसके पेटीकोट को कमर तक उठा दिया ...

और जूली के सफेद ..चिकने ....गद्देदार ..नंगे चूतड़ मेरे हाथो के नीचे थे ...
मामाजी भी आँखे फाड़े उनको घूर रहे थे ....

मैं भी बड़ी ही तन्मयता से उनको सहला और मसल रहा था ...
जब भी मैं जूली के चूतड़ के एक भाग को मुट्ठी में लेकर भींचता ..तो मेरी उंगलिया ..उसकी रस से भरी हुई चूत में भी चली जाती ...

जूली की चूत से भराभर रस टपक रहा था ....

इतनी देर में जूली ने भी अपने मुलायम हाथों से ..मेरी पेंट को खोलकर ..लण्ड अपने हाथों में ले लिया था ...

वो बहुत ही सेक्सी अंदाज़ से अपनी गर्म हथेली में लिए ...लण्ड की खाल को ऊपर नीचे कर रही थी ...

मैंने बहुत हलके से .मगर इतनी आवाज में कहा ..जिससे मामाजी भी सुन सके ...

मैं : जानू तुम्हारी चूत तो पानी छोड़ने लगी ...क्या यहीं एक बार हो जाए ....

जूली : अह्ह्हाआ नहीं प्लीज ..अभी नहीं ...यहाँ कोई भी आ सकता है ....
फिर ये भी तो सो रहे हैं ....
अभी ऐसे ही कर लेते हैं ....बाद में होटल में जाकर आराम से ..प्लीज ...

मैं : जैसी तुम्हारी मर्जी मेरी जान ...

तभी मैंने ध्यान दिया ...जूली और मामाजी के बीच की दूरी कम हो गई है ...

इसका मतलब मामाजी ...जूली के पास को खिसक कर आ रहे थे ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]मैंने भी इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया ...
मैं नहीं समझता कि ...मेरे रहते मामाजी इतनी हिम्मत होगी ...

कि वो जूली को कुछ करने का प्रयास करें ...

मैं बदस्तूर जूली के होंठों को चूसता हुआ उसके चूतड़ सहला रहा था ...
कभी कभी अपनी उँगलियाँ चूतड़ के बीच से ..उसकी चूत को में भी डाल देता था ...

जूली लगातार मेरे लण्ड को सहला रही थी ...

फिर मैं सीधा हो गया ...
परन्तु अपनी गर्दन जूली के साइड में ही रखी ...

जिससे मामाजी की हर हरकत पर नजर रख सकूँ ...

अब जूली अपने हाथ को तेजी से मेरे लण्ड पर चला रही थी ...

तभी मैंने महसूस किया ....कि मामाजी पाने हाथ को जूली के पास को ला रहे हैं ...

माय गॉड ...क्या मेरे रहते भी मामाजी इतनी हिम्मत कर सकते हैं ...

क्या वो जूली को छूने जा रहे हैं ....

क्या करूँ ...क्या उनको रोकूँ ...???

अगर जूली ने कुछ ऐतरराज किया तो क्या होगा ...??

फालतू में यहाँ पंगा हो जायेगा ...

फिर सोचा कि रहने दूँ ...जो होगा देखा जायेगा ...

मैं अपने काम में लगा रहा ...

मैंने अपना हाथ जैसे ही जूली के चूतड़ों से हटाया ...

आश्चर्य रूप से मामाजी ने तुरंत ही अपना हाथ वहां रख दिया ...

मैंने सोचा अब पंगा होने वाला है ...मगर कुछ नहीं हुआ ..

जूली ने कुछ भी नहीं बोला ...

मामा जी का हाथ अब जूली के चूतड़ के ऊपर था ...
मुझको ये भी अहसास हो रहा था कि उन्होंने हाथ को केवल रखा ही नहीं था ...

वल्कि वो अपने हाथ को चारों ओर घुमा भी रहे थे ....

मेरे दोनों हाथ का पता जूली को होगा तो जरूर ...पर वो फिर भी मामा जी के हाथ के बारे में जानकर भी कुछ नहीं बोल रही थी ...

मैंने देखा कि ...मामाजी वैसे जूली से कुछ दूर ही लेते थे ...

परन्तु उनका हाथ आसानी से जूली के चूतड़ पर पहुंच रहा था ...

और उनकी इतनी हिम्मत भी हो गई थी ...कि वो उसको केवल रखे हुए ही नहीं थे ...
वल्कि इधर उधर घुमा भी रहे थे ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]
जूली की ओर से कोई विरोध ना होते देख ...मैंने भी कुछ ऐसे ही मजा लेने की सोची ...

मैं अपने हाथ को जूली की पीठ पर बंधी डोरी पर ले गया ...
और डोरी का सिरा ढूंढ खींच दिया ...

ब्लाउज का बंधन ढीला होते ही उसके सुकोमल चूची आज़ाद हो गई ...

अब जूली की चूची ब्लाउज के नीचे से बाहर आकर मेरे सीने से लग रही थी ....

मैंने एक चूची पूरी बाहर निकाल ...उसको अपने हाथ में ले मसलने लगा ...

अब बड़ा ही मजे दार सीन बन चुका था ...

मेरे हाथ में जूली की चूची थी ...जिनको मैं मसल रहा था ....

जूली के हाथ में मेरा लण्ड था ....जिसे बो हिला रही थी ...

और उसके पीछे मामाजी का हाथ जूली के चूतड़ पर था ...
जिसको वो ना जाने कैसे कैसे मसल रहे थे .....

तभी मैंने जूली के होंठो के बीच अपने एक हाथ का अंगूठा डाल ...उसको लण्ड चूसने को बोला ..

जूली बिना किसी शर्म के पूरी तरह चादर से बाहर आ ..अपने घुटनो के बल होकर ..मेरे लण्ड को अपने मुहं में दबा लेती है ...

वो बहुत ही सेक्सी तरीके से बैठी थी ...
उसकी बैक ठीक मामाजी की ओर थी ....

मैंने ध्यान दिया कि जूली का पेटीकोट सरककर उसके चूतड़ के ऊपर को हो गया है ...

फिर भी मामाजी के लेते होने से उनको नीचे से काफी कुछ दिख रहा होगा ...

जूली मेरे लण्ड को पूरा अपने मुहं में दबाकर बहुत ही आवाज करते हुए उसको चूस रही थी ...

मैंने भी अपना हाथ एक बार फिर से उसके चूतड़ पर रख जूली के पेटीकोट को खींच कर कमर से भी ज्यादा ऊपर कर दिया ....

अब तो मामाजी को उसके चूतड़ ...और बीच की दरार ..के अलावा ..चूत के दर्शन भी हो रहे होंगे ...

मैं बस इन्तजार कर रहा था ...कि क्या वो अब कुछ करेंगे ...

या फिर देखते ही रहेंगे ....

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[font=verdana, geneva, lucida,]तभी जूली ने अपना चेहरा जरा सा हटाकर अपने बाएं हाथ से मामाजी का लण्ड पकड़ लिया ...
चादर के अंदर होने पर भी वो लगभग नंगा सा ही देख रहा था ...

जूली उसको अपनी मुट्ठी में पकड़ ...अपनी गर्दन मामाजी के चेहरे की ओर घुमा उनको देख रही थीं ..

मामाजी तो अपनी आँखे कसकर बंद किये ...और दांतों को भींचे ..बिलकुल शांत पड़े थे ..

जूली लण्ड को पकड़कर हिलाया ...और फिर उसके टिप पर अपने होंठ रख दिए ...

लगता है अब जूली भी उस लण्ड से मजा लेना चाह रही थीं ...

पर शायद मेरे कारण वो दोनों ही बिलकुल नहीं खुलेंगे ..

मैंने जूली को पूरा गरम तो कर ही दिया था ...

मैं तुरंत उठकर खड़ा हुआ ...और पंजो पर गिरी अपनी पेंट उठाकर बाँधी ...

जूली ने अच्चानक मुझे देखा ...
वो मामाजी के ऊपर से उठकर खड़ी हो गई ...

मैं : कुछ देर रुको जानू....
बहुत तेज आ रही है ....कुछ देर में आता हूँ ...

जैसे जूली सब कुछ समझ गई हो ....वो मामाजी के पास ...ऐसे ही लेट गई ...

मैं कमरे से बाहर आ गया ...
चाहता तो वहीँ से भी उन दोनों की चुदाई देख सकता था .....

परन्तु वहां कोई भी आ सकता था ...

मैंने कमरे को ठीक से बंद किया ...और उसके बराबर वाले कमरे की ओर गया ...

मैंने पहले से ही ये सब सोच लिया था ....

उस कमरे और मेरे कमरे के बीच एक दरवाजा था ...
वो मामाजी के पीछे ही था ...

वहां से आसानी से दोनों को देखा जा सकता था ...मैं दुआ कर रहा था ...कि वहां कोई भी ना हो ...
और अगर हो भी तो सो रहा हो ...

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]वैसे भी मैं वहां किसी को जानता तो नहीं था ...ये भाग लड़के वालो के रिश्तेदारों के लिए ही था ...

मैं उस कमरे में गया ...वहां भी हलकी ही रोशनी थीं .. 

एक नजर में मुझे वहां कोई नहीं दिखा ...

मैं खुश होकर जैसे ही उस दरवाजे की ओर गया ..जो मेरे कमरे के बीच था ....

अचानक मुझे रुक जाना पड़ा ...

ओह....... ये क्या हो रहा है यहाँ ....??

वहां तो एक जोड़ा पहले से ही था ....

माय गॉड ..इन्होने तो पहले से ही दरवाजा खोल ...जगह बना ली है ..

ना जाने कब से ये दोनों हमको देख रहे हैं ...

मैं कमरे में आ गया था ....
मगर उनको कुछ पता नहीं चला था ...

दोनों ही जवान लग रहे थे ...

पर पता नहीं दोनों में क्या रिश्ता था ....पति पत्नी या फिर कुछ और ...

मैंने दोनों की बातें सुनने की कोशिश की ...

लड़का : यार रानी ...ये तो इस छम्मकछल्लो को नंगा ही छोड़कर कहाँ चला गया ...???

ओह ...इस लड़की का नाम रानी था ...

जो पीछे से बहुत ही सेक्सी लग रही थीं ...

जरा सी देर में ही पता चल गया कि ये दोनों भी पति पत्नी हैं ...
और मामाजी के बेटे और बहु हैं ...

बेटा ..अपने बाप को ही मस्ती करते हुए अपनी बीवी के साथ देख रहा था ...

मैंने देखा दोनों केवल देख ही नहीं रहे थे ...वल्कि साथ में मस्ती भी कर रहे थे ....

मामाजी की बहुत भी बहुत सेक्सी लग रही थी ...
३०-३१ साल की बहुत सुन्दर ...थी ..

उसके बदन पर भी इस समय एक ब्रा और पेटीकोट था ..

मैंने सोचा सही मौका है इसके साथ मस्ती करने का ...

ये भगवन भी एक दम से भलाई का बदला भलाई से दे देता है ...

उधर मैंने मामाजी का ख्याल रखा ..और अपनी बीवी को उनके लिए छोड़कर आया ...
इधर उन्ही की बहु इस रूप में मिल गई ...

देखता हूँ साली अपने पति के सामने हाथ रखने देती है या नहीं .....

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मुझे यकीन था कि वो जाग रही है और उसको पता है कि मैं कमरे में नहीं हूँ ...
फिर भी वो मामाजी को नहीं रोक रही ....

उसको भी दिल मजा लेने का कर रहा है ....

इधर ...मैंने रानी को ध्यान से देखा ...२९-३० साल की जवानी से लवालव ....भरपूर दिख रही थी ....

रंग गोरा ...लम्बे बाल ...५ फिट ४ इंच लम्बाई ...और करीब ३४ के मम्मे ...चूतड़ जरूर जूली से कुछ छोटे थे ...३२ के आस पास होंगे ...
पर उनकी गोलाई और कसावट मस्त थी ...

मैं उस कमरे में देखते हुए रानी के चूतड़ मसल रहा था ...

रानी को भी अपने ससुर की रसलीला देहने में मजा आ रहा था ...
वो मेरी गोद में आकर झुककर उधर देख रही थी ...

उसके मस्त मम्मे मेरी जांघो पर दबे थे ...

हालांकि उसने ब्रा पहनी हुई थी ...पर नंगे मम्मो का एहसास होते हुए मैं जान गया कि वो ब्रा से बाहर निकले होंगे ...

जांघो पर उसके नुकीले निप्पल बहुत ही सुखद मजा दे रहे थे ...

मैं जूली की चूत की मसलाई देखते हुए ही रानी के चूतड़ को मसल रहा था ...

रानी का पति भी केवल जूली को देखने में ही लगा था ....उसने मेरे हाथों से रानी को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया ...

जबसे पिंकी से मेरे सम्बन्ध बने थे ..तभी से मेरे दिल में उसको ...उसके ही पति के सामने चोदने की थी ...
मगर वो इतनी आसानी से नहीं हो सकता था ..

मैं ये देखना चाहता था कि क्या मेरे में ही ऐसी इच्छा होती है ...
या फिर दूसरे पति भी अपनी बीवी को दूसरे से चुदवाकर मजा लेते हैं ...

और ये सब कितनी आसानी से हो गया था ...आज बिना कुछ सोचे एक जवान जोड़ा मेरे साथ था ...

वो भी ऐसा संजोग..... कि रानी के पति का अपना सगा बाप ...उन्ही के सामने ......मेरी बीवी से मस्ती कर रहा था ....

मैंने रानी के चूतड़ को मसलते हुए उसके पेटीकोट को ऊपर को खींचने लगा ...

रानी ने अब कुछ विरोध किया ...
वो जरा सा तिरछा होकर अपने हाथ पर टिक गई ...

इससे उसका एक मम्मा तो अभी भी मेरी जांघ पर थे ..मगर वो आधी लेटी अवस्था में करवट से हो गई थी ....

मैंने ध्यान से उस पर ऊपर से नीचे तक उसको देखा ..

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]कमरे में इतनी रोशनी तो थी कि मैं सब कुछ अच्छी तरह देख सकता था ...

उसने मम्मे वाकई ब्रा से बाहर को थे ....जो हाथ रखा होने के बाद भी दिख रहे थे ....

जबकि उसका पेटीकोट घुटनो तक था ....

रानी की गोरी गोरी पिंडली और पाओं में पड़े पाजेव बहुत ही सेक्सी लग रहे थे ...

तभी मुझे उसका मस्ताना रूप दिखा ....

उसके पेटीकोट को बांधने वाला हिस्सा उस ओर ही था ...
और वहां इतना गैप था कि आसानी से मेरा हाथ अंदर जा सकता था ....
अँधेरा होने से उसके अंदर तो नहीं दिख रहा था ...

पर मैं हाथ से उसकी चूत को छू सकता था ...वो भी उसके पति कि मौजूदगी में ...

मैं ये सोचकर ही रोमांचित था कि उसकी चूत बिना किसी परदे के होगी ...
क्युकि ये तो मैंने देख ही लिया था कि उसने पेटीकोट के अंदर कच्छी या कुछ और नहीं पहना है ...

मैंने रानी की चिकनी कमर पर हाथ रख फिसलाता हुआ ..वहां तक ले गया ...

वो तो जूली की मस्ती देख खुश हो रही थी ...मैंने अपना हाथ उस गैप में घुसा दिया ...
और सीधे उँगलियों को जांघो के जोड़ तक ले गया ...

रानी : ओह प्लीज ...मत करो ना ....अह्ह्हाआ 

उसने बहुत हलकी सी ही आवाज निकाली ...

और घूमकर अपने पति की ओर देखा ...
पर उसको कुछ पता नहीं चला ...उसने एक बार तिरछी नजर से तो देखा ...फिर वापस उसी कमरे में देखने लगा ...

रानी भी ज्यादा शोर तो कर नहीं सकती थी ...अपने पति की ओर से संतुष्ट होकर उसने भी विरोध करना बंद कर दिया ...

मैंने आसानी से ही अपनी उँगलियाँ उसकी चिकनी चूत तक पहुंचा दी ....
उसने भी अपनी चूत के बाल पूरी तरह साफ़ कर रखे थे ....
रानी की चूत के होंठ बाहर को उठे ही बहुत ही कोमल महसूस हो रहे थे ...

मैंने उसकी पूरी चूत को सहलाते हुए उसके चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया ...
रानी ने खुदवाखुद अपने पैरों के गैप को बड़ा दिया ...जिससे मैं सरलता के साथ उसकी पूरी चूत को सहला रहा था ...

रानी की चूत को सहलाते और एक ऊँगली से उसकी चूत के अंदर तक करते हुए मैंने दूसरे कमरे में देखा ...

मामाजी भी जूली से कुछ ज्यादा ही मजा ले रहे थे ..

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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]वो उससे पूरी तरह सट गए थे ...

अरे ये क्या ....उन्होंने जूली का पेटीकोट पूरा ऊपर तक उठा दिया था ...
और वो उसकी नंगी चूत को चूम रहे थे ........

हम जहाँ थे वहां से पूरा दृश्य साफ़ साफ़ दिख रहा था ...

तभी रानी अपने पति को बोलती है

रानी : ओह ये पापा को क्या हो गया ..?? देखो मैं आपसे नहीं कहती थी ...कि इनकी हरकतें ठीक नहीं है ...पर आपको मेरी बात पर भरोसा ही नहीं था ...
उस बेचारी को सोते हुए भी परेसान कर रहे हैं ...

उसका पति केवल ह्म्म्म्म्म बोलता है ...

मैं दोनों को चुप रहने को बोलता हूँ .........और रानी की चूत में ऊँगली करता रहता हूँ .....
उसकी चूत से भरभराकर रस बाहर आ रहा था ....

रानी इतना अधिक मदहोश हो गई थी कि उसने मेरे लण्ड तक को टटोलना शुरू कर दिया था ........

मैंने भी उसकी मर्जी को समझा .....और ज़िप खोलकर अपना पहले से ही तनतनाया लण्ड बाहर निकाल लिया ...

मैंने रानी की आँखों में प्रसंशा देखी ....उसने मेरे लण्ड को पकड़ लिया ......

इतना कुछ तो हो गया था ......

अब ये देखना था कि क्या ....रानी का पति अपने सामने ही मुझे रानी की इस रस भरी चूत में लण्ड डालने देगा या नहीं ......

मैं तो मान भी जाऊं पर ये नहीं लगता कि अब मेरा लण्ड मानेगा .......

और उधर मामाजी क्या केवल जूली की चूत चाटकर ही संतुष्ट हो जाएंगे या फिर आगे भी बढ़ेंगे ....
फिर अगर बढ़े तो क्या जूली मना करेगी या उनका सहयोग करेगी .........

देखो क्या होता है ....??????????? 

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