hotaks444
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वीना: उस दिन मेरी बेहन ने कहीं से कुछ पैसो का बंदोबस्त किया….और अजय को हॉस्पिटल मे अड्मिट करवाया….पर मेरी बहन और जीजा जी वो बेचारे भी खुद अपना घर मुस्किल से चलाते है….तीन बेटियाँ है और दो बेटे है….वो भला कहाँ तक मेरा साथ देते…इनको तो अपने बेटे की भी परवाह नही है….
मे: तो फिर क्या हुआ…..?
वीना: उस दिन मे अपनी बेहन के घर पर थी……उसके पड़ोस मे रहने वाली औरत ने दीदी को पैसे दिए थी…..वो जानती थी कि, मे पैसो के लिए कितनी मजबूर हूँ….और उसने इसी बात का फ़ायदा उठाया….तुषार वो औरत धंधा करती है…..
मे: क्या…..उसने तुम्हे कुछ उल्टा सीधा तो करने को नही कहा….
वीना: हां तुषार…..(वीना की आँखे एक बार फिर से झलक पड़ी…..)
मे: और तुमने….?
वीना: (ना मे सर हिलाते हुए) नही अभी कुछ नही किया…..उस दिन वो औरत मेरे साथ घर आ गयी……और उसने मुझसे कहा कि, अगर मे उसे एक रात के लिए अपना बैठक वाला रूम दे दूं तो वो मुझे 500 रुपये देगी…मे मजबूर थी क्या करती…..उस दिन अजय के पापा की नाइट ड्यूटी थी…..मेने हां कर दी….और वो अपने कस्टमर को लेकर रात को यहाँ आ गयी….
पहले तो अनु मुझसे बहुत नाराज़ हुई…..फिर पता नही क्यों उस रात के बाद, वो मुझसे नाराज़ नही हुई…और जब वो औरत आती है…वो अनु से बात करने की कॉसिश करती है…उस रात से वो अब तक 4 बार यहाँ रात को अपने अलग -2 कस्टमर्स के साथ रुक चुकी है…..अजय के इलाज मे इतना पैसा खरच हो गया….अब जब डॉक्टर ने कहा की, हम अब अजय को घर ले जा सकते है…तो बिल देने के पैसे भी नही है…..मैने जब उस औरत को कहा तो उसने मुझे भी ये काम करने को कहा…..
मे: तो फिर तुमने क्या जवाब दिया,…..?
वीना: अभी तक मैने कुछ नही कहा….उसने कहा था कि आज शाम तक बता देना…
मे: तुम उसे मना करो दो….कितने पैसे चाहाए तुम्हे……
वीना: 8000 चाहिए…..
मैने वीना को पैसे निकाल कर दिए…और कहा कि, वो उस औरत को बोल दे कि वो आज के बाद उनके घर ना आए……फिर मे वीना के साथ हॉस्पिटल गया….वहाँ पेमेंट करके अजय को छुट्टी दिलवाई और घर ले आया…वीना को कुछ पैसे और दिए….और कमलेश के खूब कान खींचे….कमलेश भले जैसा भी था….उसे भी अपने बेटे से प्यार तो था ही…..मेरे सामने उसने आगे से सुधरने का वचन दिया… वीना ने भी अपना वादा पूरा किया और उस औरत को सख्ती से अपने घर आने से मना कर दिया….
उस दिन कमलेश के कहने पर मेने उनके घर पर ही डिन्नर किया…उस दिन मैने अनु को पहली बार करीब से देखा था….उसका रंग वीना से कही ज़यादा गोरा और सॉफ था….32 साइज़ के कबूतर अभी से उड़ान भरने को उत्सुक थे….जो उसकी कमीज़ मे एक दम कसे हुए महसूस हो रहे थे…जब वो चलती तो उसकी दोनो चुचियाँ ऊपर नीचे होती…पतली सी लचकदार कमर….रसीले गुलाबी होंठ…गहरी बड़ी-2 आँखे….कुलमिला कर सेक्स बॉम्ब थी….
अनु समझदार लड़की थी…..पर उसका मन भी उसकी उम्र की लड़कियों की तरह चंचल और शरारती थी…इन 7 दिनो मे क्या -2 हुआ था…वो सब अच्छे से समझती थी….वो औरत रात को हर रोज नये मर्द के साथ उसके घर क्यों आती है…वो ये भी समझती थे…..रात को बंद कमरे मे हो रही चुदाई के बारे मे सोच कर और रूम से बाहर आ रही हल्की मस्ती भरी चुदाई से भरपूर आवाज़े सुन कर उसकी कच्छी भी तो गीली हो ही जाती हो गी…
उस दिन से कमलेश और वीना की नज़र मे मेरी इज़्ज़त और बढ़ गयी थी….पर एक दिक्कत जो सामने आ रही थी कि, अब कमलेश की ड्यूटी पर्मानेंट रात की हो गयी थी. और वो दिन को घर मे ही रहता था…..दिन को घर मे सोता था….और रात को फॅक्टरी जाता था....अनु भी अब कम ही अपनी मौसी के तरफ जाती थी…शायद वीना ने उसे उस औरत से दूर रहने के लिए कहा था….यही एक वजह थी….इधर कमलेश अभी भी दारू पीता था….पर पहले से कम कुछ पैसे तो बचा कर घर मे देने लगा था….पर वो ना काफ़ी थे…
अजय फिर से स्कूल मे जाने लगा था…..मेने वीना को कुछ और पैसे देकर अनु का भी स्कूल मे अड्मिशन करवा दिया था….क्योंकि मे सोचता था कि, अगर अनु दोपहर तक स्कूल मे रहगी तो शायद मुझे कभी कभार वीना को चोदने का मोका मिल जाया करेगा….पर वीना कमलेश के घर होने पर बहुत डरती थी…आग दोनो तरफ बराबर सुलग रही थी…..अनु अपने घर की माली हालत से अंज़ान नही थी….एक दिन जब अनु और अजय स्कूल गये हुए थे….तो वीना ऊपर छत पर आई….
वो मेरे पास आकर खड़ी हो गयी…..”यार उस दिन के बाद से मैने तुम्हे छू कर तक नही देखा….कुछ करो ना…मे तड़प रहा हूँ…..” मैने वीना की ओर देखते हुए कहा…..
वीना: (नज़रें झुका कर मुस्कुराते हुए) मे भी तो तड़प रही हूँ….पर क्या करू. ये कही बाहर भी तो नही जाते…शाम को 4 बजे उठ जाते है…फिर भी घर पर पड़े रहते है…..ऊपर से बच्चे भी स्कूल से आ जाते है….
मे: वो सब मे नही जानता…..कुछ तो जुगाड़ करो…..कोई तरकीब सोचो तुम मेरे लिए इतना भी नही कर सकती….
वीना: (कुछ देर सोचने के बाद) अच्छा क्या आप रात को आ सकते है…..
मे: हां पर अगर अनु को पता चल गया तो…..
वीना: (कुछ देर सोचने के बाद) वो तो है पर एक…..(वीना बोलते-2 चुप हो गयी)
मे: हां बोलो ना….
वीना: उस दिन जब औरत ने मुझसे कहा था कि, मे भी वो काम करूँ तो…उस दिन मे बहुत रोई थी….और मैने अंज़ाने मे वो बात अनु को बता दी थी कि, मे क्यों रो रही हूँ….
मे: तो फिर….उसने कुछ कहा था…..?
वीना: नही….पर जब मैने उसे पूछा कि मे क्या करूँ….तो उसने कहा था कि, आप को जो ठीक लगे…..
मे: तो फिर अब तुम कहना क्या चाहती हो…
वीना: वो घर के हालत को अच्छे से समझती है….मे उससे बात करूँगी…..कह दूँगी कि पैसो की बहुत तंगी है….उन दोनो की फीस इस महीने भी लेट हो गयी है…
मे: तुम्हे क्या लगता है….वो मान जाएगी….और अगर उसने ये बात कमलेश को कह दी तो….?
वीना: नही कहेगी….वो जानती है कि, उसके बाप ने आज तक उसे दिया ही क्या है….
मे: ठीक है बात करके देख लो…..
उसके बाद वीना नीचे चली गयी…मेरे लंड मे तो उसी पल हलचल होने शुरू हो गयी थी….जब मैने वीना को कहते हुआ सुना कि, अब मे उसके घर मे ही उसकी चूत मारूँगा….और अनु भी जानती होगी, कि मे उसकी माँ को दूसरे रूम मे चोद रहा हूँ….ये सोच-2 कर ही मेरा लंड एक दम अकड़ चुका था….वीना के जाने के बाद मे भी रूम मे आ गया….और बेड पर लेट कर सो गया….जब उठा तो शाम के 7 बज रहे थे…..सर्दियों की वजह से अंधेरा जल्दी हो गया था….
मे: तो फिर क्या हुआ…..?
वीना: उस दिन मे अपनी बेहन के घर पर थी……उसके पड़ोस मे रहने वाली औरत ने दीदी को पैसे दिए थी…..वो जानती थी कि, मे पैसो के लिए कितनी मजबूर हूँ….और उसने इसी बात का फ़ायदा उठाया….तुषार वो औरत धंधा करती है…..
मे: क्या…..उसने तुम्हे कुछ उल्टा सीधा तो करने को नही कहा….
वीना: हां तुषार…..(वीना की आँखे एक बार फिर से झलक पड़ी…..)
मे: और तुमने….?
वीना: (ना मे सर हिलाते हुए) नही अभी कुछ नही किया…..उस दिन वो औरत मेरे साथ घर आ गयी……और उसने मुझसे कहा कि, अगर मे उसे एक रात के लिए अपना बैठक वाला रूम दे दूं तो वो मुझे 500 रुपये देगी…मे मजबूर थी क्या करती…..उस दिन अजय के पापा की नाइट ड्यूटी थी…..मेने हां कर दी….और वो अपने कस्टमर को लेकर रात को यहाँ आ गयी….
पहले तो अनु मुझसे बहुत नाराज़ हुई…..फिर पता नही क्यों उस रात के बाद, वो मुझसे नाराज़ नही हुई…और जब वो औरत आती है…वो अनु से बात करने की कॉसिश करती है…उस रात से वो अब तक 4 बार यहाँ रात को अपने अलग -2 कस्टमर्स के साथ रुक चुकी है…..अजय के इलाज मे इतना पैसा खरच हो गया….अब जब डॉक्टर ने कहा की, हम अब अजय को घर ले जा सकते है…तो बिल देने के पैसे भी नही है…..मैने जब उस औरत को कहा तो उसने मुझे भी ये काम करने को कहा…..
मे: तो फिर तुमने क्या जवाब दिया,…..?
वीना: अभी तक मैने कुछ नही कहा….उसने कहा था कि आज शाम तक बता देना…
मे: तुम उसे मना करो दो….कितने पैसे चाहाए तुम्हे……
वीना: 8000 चाहिए…..
मैने वीना को पैसे निकाल कर दिए…और कहा कि, वो उस औरत को बोल दे कि वो आज के बाद उनके घर ना आए……फिर मे वीना के साथ हॉस्पिटल गया….वहाँ पेमेंट करके अजय को छुट्टी दिलवाई और घर ले आया…वीना को कुछ पैसे और दिए….और कमलेश के खूब कान खींचे….कमलेश भले जैसा भी था….उसे भी अपने बेटे से प्यार तो था ही…..मेरे सामने उसने आगे से सुधरने का वचन दिया… वीना ने भी अपना वादा पूरा किया और उस औरत को सख्ती से अपने घर आने से मना कर दिया….
उस दिन कमलेश के कहने पर मेने उनके घर पर ही डिन्नर किया…उस दिन मैने अनु को पहली बार करीब से देखा था….उसका रंग वीना से कही ज़यादा गोरा और सॉफ था….32 साइज़ के कबूतर अभी से उड़ान भरने को उत्सुक थे….जो उसकी कमीज़ मे एक दम कसे हुए महसूस हो रहे थे…जब वो चलती तो उसकी दोनो चुचियाँ ऊपर नीचे होती…पतली सी लचकदार कमर….रसीले गुलाबी होंठ…गहरी बड़ी-2 आँखे….कुलमिला कर सेक्स बॉम्ब थी….
अनु समझदार लड़की थी…..पर उसका मन भी उसकी उम्र की लड़कियों की तरह चंचल और शरारती थी…इन 7 दिनो मे क्या -2 हुआ था…वो सब अच्छे से समझती थी….वो औरत रात को हर रोज नये मर्द के साथ उसके घर क्यों आती है…वो ये भी समझती थे…..रात को बंद कमरे मे हो रही चुदाई के बारे मे सोच कर और रूम से बाहर आ रही हल्की मस्ती भरी चुदाई से भरपूर आवाज़े सुन कर उसकी कच्छी भी तो गीली हो ही जाती हो गी…
उस दिन से कमलेश और वीना की नज़र मे मेरी इज़्ज़त और बढ़ गयी थी….पर एक दिक्कत जो सामने आ रही थी कि, अब कमलेश की ड्यूटी पर्मानेंट रात की हो गयी थी. और वो दिन को घर मे ही रहता था…..दिन को घर मे सोता था….और रात को फॅक्टरी जाता था....अनु भी अब कम ही अपनी मौसी के तरफ जाती थी…शायद वीना ने उसे उस औरत से दूर रहने के लिए कहा था….यही एक वजह थी….इधर कमलेश अभी भी दारू पीता था….पर पहले से कम कुछ पैसे तो बचा कर घर मे देने लगा था….पर वो ना काफ़ी थे…
अजय फिर से स्कूल मे जाने लगा था…..मेने वीना को कुछ और पैसे देकर अनु का भी स्कूल मे अड्मिशन करवा दिया था….क्योंकि मे सोचता था कि, अगर अनु दोपहर तक स्कूल मे रहगी तो शायद मुझे कभी कभार वीना को चोदने का मोका मिल जाया करेगा….पर वीना कमलेश के घर होने पर बहुत डरती थी…आग दोनो तरफ बराबर सुलग रही थी…..अनु अपने घर की माली हालत से अंज़ान नही थी….एक दिन जब अनु और अजय स्कूल गये हुए थे….तो वीना ऊपर छत पर आई….
वो मेरे पास आकर खड़ी हो गयी…..”यार उस दिन के बाद से मैने तुम्हे छू कर तक नही देखा….कुछ करो ना…मे तड़प रहा हूँ…..” मैने वीना की ओर देखते हुए कहा…..
वीना: (नज़रें झुका कर मुस्कुराते हुए) मे भी तो तड़प रही हूँ….पर क्या करू. ये कही बाहर भी तो नही जाते…शाम को 4 बजे उठ जाते है…फिर भी घर पर पड़े रहते है…..ऊपर से बच्चे भी स्कूल से आ जाते है….
मे: वो सब मे नही जानता…..कुछ तो जुगाड़ करो…..कोई तरकीब सोचो तुम मेरे लिए इतना भी नही कर सकती….
वीना: (कुछ देर सोचने के बाद) अच्छा क्या आप रात को आ सकते है…..
मे: हां पर अगर अनु को पता चल गया तो…..
वीना: (कुछ देर सोचने के बाद) वो तो है पर एक…..(वीना बोलते-2 चुप हो गयी)
मे: हां बोलो ना….
वीना: उस दिन जब औरत ने मुझसे कहा था कि, मे भी वो काम करूँ तो…उस दिन मे बहुत रोई थी….और मैने अंज़ाने मे वो बात अनु को बता दी थी कि, मे क्यों रो रही हूँ….
मे: तो फिर….उसने कुछ कहा था…..?
वीना: नही….पर जब मैने उसे पूछा कि मे क्या करूँ….तो उसने कहा था कि, आप को जो ठीक लगे…..
मे: तो फिर अब तुम कहना क्या चाहती हो…
वीना: वो घर के हालत को अच्छे से समझती है….मे उससे बात करूँगी…..कह दूँगी कि पैसो की बहुत तंगी है….उन दोनो की फीस इस महीने भी लेट हो गयी है…
मे: तुम्हे क्या लगता है….वो मान जाएगी….और अगर उसने ये बात कमलेश को कह दी तो….?
वीना: नही कहेगी….वो जानती है कि, उसके बाप ने आज तक उसे दिया ही क्या है….
मे: ठीक है बात करके देख लो…..
उसके बाद वीना नीचे चली गयी…मेरे लंड मे तो उसी पल हलचल होने शुरू हो गयी थी….जब मैने वीना को कहते हुआ सुना कि, अब मे उसके घर मे ही उसकी चूत मारूँगा….और अनु भी जानती होगी, कि मे उसकी माँ को दूसरे रूम मे चोद रहा हूँ….ये सोच-2 कर ही मेरा लंड एक दम अकड़ चुका था….वीना के जाने के बाद मे भी रूम मे आ गया….और बेड पर लेट कर सो गया….जब उठा तो शाम के 7 बज रहे थे…..सर्दियों की वजह से अंधेरा जल्दी हो गया था….