Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया) - Page 3 - SexBaba
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Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)

वीना: उस दिन मेरी बेहन ने कहीं से कुछ पैसो का बंदोबस्त किया….और अजय को हॉस्पिटल मे अड्मिट करवाया….पर मेरी बहन और जीजा जी वो बेचारे भी खुद अपना घर मुस्किल से चलाते है….तीन बेटियाँ है और दो बेटे है….वो भला कहाँ तक मेरा साथ देते…इनको तो अपने बेटे की भी परवाह नही है….

मे: तो फिर क्या हुआ…..?

वीना: उस दिन मे अपनी बेहन के घर पर थी……उसके पड़ोस मे रहने वाली औरत ने दीदी को पैसे दिए थी…..वो जानती थी कि, मे पैसो के लिए कितनी मजबूर हूँ….और उसने इसी बात का फ़ायदा उठाया….तुषार वो औरत धंधा करती है…..

मे: क्या…..उसने तुम्हे कुछ उल्टा सीधा तो करने को नही कहा….

वीना: हां तुषार…..(वीना की आँखे एक बार फिर से झलक पड़ी…..)

मे: और तुमने….?

वीना: (ना मे सर हिलाते हुए) नही अभी कुछ नही किया…..उस दिन वो औरत मेरे साथ घर आ गयी……और उसने मुझसे कहा कि, अगर मे उसे एक रात के लिए अपना बैठक वाला रूम दे दूं तो वो मुझे 500 रुपये देगी…मे मजबूर थी क्या करती…..उस दिन अजय के पापा की नाइट ड्यूटी थी…..मेने हां कर दी….और वो अपने कस्टमर को लेकर रात को यहाँ आ गयी….

पहले तो अनु मुझसे बहुत नाराज़ हुई…..फिर पता नही क्यों उस रात के बाद, वो मुझसे नाराज़ नही हुई…और जब वो औरत आती है…वो अनु से बात करने की कॉसिश करती है…उस रात से वो अब तक 4 बार यहाँ रात को अपने अलग -2 कस्टमर्स के साथ रुक चुकी है…..अजय के इलाज मे इतना पैसा खरच हो गया….अब जब डॉक्टर ने कहा की, हम अब अजय को घर ले जा सकते है…तो बिल देने के पैसे भी नही है…..मैने जब उस औरत को कहा तो उसने मुझे भी ये काम करने को कहा…..

मे: तो फिर तुमने क्या जवाब दिया,…..?

वीना: अभी तक मैने कुछ नही कहा….उसने कहा था कि आज शाम तक बता देना…

मे: तुम उसे मना करो दो….कितने पैसे चाहाए तुम्हे……

वीना: 8000 चाहिए…..

मैने वीना को पैसे निकाल कर दिए…और कहा कि, वो उस औरत को बोल दे कि वो आज के बाद उनके घर ना आए……फिर मे वीना के साथ हॉस्पिटल गया….वहाँ पेमेंट करके अजय को छुट्टी दिलवाई और घर ले आया…वीना को कुछ पैसे और दिए….और कमलेश के खूब कान खींचे….कमलेश भले जैसा भी था….उसे भी अपने बेटे से प्यार तो था ही…..मेरे सामने उसने आगे से सुधरने का वचन दिया… वीना ने भी अपना वादा पूरा किया और उस औरत को सख्ती से अपने घर आने से मना कर दिया….

उस दिन कमलेश के कहने पर मेने उनके घर पर ही डिन्नर किया…उस दिन मैने अनु को पहली बार करीब से देखा था….उसका रंग वीना से कही ज़यादा गोरा और सॉफ था….32 साइज़ के कबूतर अभी से उड़ान भरने को उत्सुक थे….जो उसकी कमीज़ मे एक दम कसे हुए महसूस हो रहे थे…जब वो चलती तो उसकी दोनो चुचियाँ ऊपर नीचे होती…पतली सी लचकदार कमर….रसीले गुलाबी होंठ…गहरी बड़ी-2 आँखे….कुलमिला कर सेक्स बॉम्ब थी….

अनु समझदार लड़की थी…..पर उसका मन भी उसकी उम्र की लड़कियों की तरह चंचल और शरारती थी…इन 7 दिनो मे क्या -2 हुआ था…वो सब अच्छे से समझती थी….वो औरत रात को हर रोज नये मर्द के साथ उसके घर क्यों आती है…वो ये भी समझती थे…..रात को बंद कमरे मे हो रही चुदाई के बारे मे सोच कर और रूम से बाहर आ रही हल्की मस्ती भरी चुदाई से भरपूर आवाज़े सुन कर उसकी कच्छी भी तो गीली हो ही जाती हो गी…

उस दिन से कमलेश और वीना की नज़र मे मेरी इज़्ज़त और बढ़ गयी थी….पर एक दिक्कत जो सामने आ रही थी कि, अब कमलेश की ड्यूटी पर्मानेंट रात की हो गयी थी. और वो दिन को घर मे ही रहता था…..दिन को घर मे सोता था….और रात को फॅक्टरी जाता था....अनु भी अब कम ही अपनी मौसी के तरफ जाती थी…शायद वीना ने उसे उस औरत से दूर रहने के लिए कहा था….यही एक वजह थी….इधर कमलेश अभी भी दारू पीता था….पर पहले से कम कुछ पैसे तो बचा कर घर मे देने लगा था….पर वो ना काफ़ी थे…

अजय फिर से स्कूल मे जाने लगा था…..मेने वीना को कुछ और पैसे देकर अनु का भी स्कूल मे अड्मिशन करवा दिया था….क्योंकि मे सोचता था कि, अगर अनु दोपहर तक स्कूल मे रहगी तो शायद मुझे कभी कभार वीना को चोदने का मोका मिल जाया करेगा….पर वीना कमलेश के घर होने पर बहुत डरती थी…आग दोनो तरफ बराबर सुलग रही थी…..अनु अपने घर की माली हालत से अंज़ान नही थी….एक दिन जब अनु और अजय स्कूल गये हुए थे….तो वीना ऊपर छत पर आई….

वो मेरे पास आकर खड़ी हो गयी…..”यार उस दिन के बाद से मैने तुम्हे छू कर तक नही देखा….कुछ करो ना…मे तड़प रहा हूँ…..” मैने वीना की ओर देखते हुए कहा…..

वीना: (नज़रें झुका कर मुस्कुराते हुए) मे भी तो तड़प रही हूँ….पर क्या करू. ये कही बाहर भी तो नही जाते…शाम को 4 बजे उठ जाते है…फिर भी घर पर पड़े रहते है…..ऊपर से बच्चे भी स्कूल से आ जाते है….

मे: वो सब मे नही जानता…..कुछ तो जुगाड़ करो…..कोई तरकीब सोचो तुम मेरे लिए इतना भी नही कर सकती….

वीना: (कुछ देर सोचने के बाद) अच्छा क्या आप रात को आ सकते है…..

मे: हां पर अगर अनु को पता चल गया तो…..

वीना: (कुछ देर सोचने के बाद) वो तो है पर एक…..(वीना बोलते-2 चुप हो गयी)

मे: हां बोलो ना….

वीना: उस दिन जब औरत ने मुझसे कहा था कि, मे भी वो काम करूँ तो…उस दिन मे बहुत रोई थी….और मैने अंज़ाने मे वो बात अनु को बता दी थी कि, मे क्यों रो रही हूँ….

मे: तो फिर….उसने कुछ कहा था…..?

वीना: नही….पर जब मैने उसे पूछा कि मे क्या करूँ….तो उसने कहा था कि, आप को जो ठीक लगे…..

मे: तो फिर अब तुम कहना क्या चाहती हो…

वीना: वो घर के हालत को अच्छे से समझती है….मे उससे बात करूँगी…..कह दूँगी कि पैसो की बहुत तंगी है….उन दोनो की फीस इस महीने भी लेट हो गयी है…

मे: तुम्हे क्या लगता है….वो मान जाएगी….और अगर उसने ये बात कमलेश को कह दी तो….?

वीना: नही कहेगी….वो जानती है कि, उसके बाप ने आज तक उसे दिया ही क्या है….

मे: ठीक है बात करके देख लो…..

उसके बाद वीना नीचे चली गयी…मेरे लंड मे तो उसी पल हलचल होने शुरू हो गयी थी….जब मैने वीना को कहते हुआ सुना कि, अब मे उसके घर मे ही उसकी चूत मारूँगा….और अनु भी जानती होगी, कि मे उसकी माँ को दूसरे रूम मे चोद रहा हूँ….ये सोच-2 कर ही मेरा लंड एक दम अकड़ चुका था….वीना के जाने के बाद मे भी रूम मे आ गया….और बेड पर लेट कर सो गया….जब उठा तो शाम के 7 बज रहे थे…..सर्दियों की वजह से अंधेरा जल्दी हो गया था….
 
उसके बाद वीना नीचे चली गयी…मेरे लंड मे तो उसी पल हलचल होने शुरू हो गयी थी….जब मैने वीना को कहते हुआ सुना कि, अब मे उसके घर मे ही उसकी चूत मारूँगा….और अनु भी जानती होगी, कि मे उसकी माँ को दूसरे रूम मे चोद रहा हूँ….ये सोच-2 कर ही मेरा लंड एक दम अकड़ चुका था….वीना के जाने के बाद मे भी रूम मे आ गया….और बेड पर लेट कर सो गया….जब उठा तो शाम के 7 बज रहे थे…..सर्दियों की वजह से अंधेरा जल्दी हो गया था….

मे उठ कर बाहर आया और वीना के घर की छत पर देखा….वहाँ कोई नही था….मे जानता था कि, कमलेश इस समय ड्यूटी पर जा चुका होगा…इसलिए वीना कभी भी ऊपर आ सकती है….क्योंकि कमलेश के बाद वीना को सवाल पूछने वाला कोई नही था….मे वहाँ सर्दी मे खड़ा रहा….और करीब 15 मिनिट बाद रूम मे वापिस आ गया…..मे जानता था कि, वीना खाना देने तो ऊपर आएगी ही….

करीब 15 और बीत जाने के बाद मुझे वीना की आवाज़ आए….वो दोनो घर की छत के बीच वाली बाउंड्री पर झुक कर खड़ी होकर मुझे आवाज़ दे रही थी…..मे जल्दी से उठ कर बाहर आया…..तो वीना ने मुस्कुराते हुए मुझे देखा….”क्या तुषार आप भी शाम से 6 चक्कर लगा चुकी हूँ…और आप डोर बंद करके सो रहे थे क्या….?”

मे: हां वो मेरे आँख लग गये थी….अच्छा बातो अनु से बात करी तुमने….

वीना: (मुस्कराते हुए) हां……

मे: (उत्सुकता के मारे) बोलो ना क्या कहा उसने….

वीना: (मुस्करा कर नीचे देखते हुए) मान गयी है…..

मे: तो फिर……

वीना: आप थोड़ी देर बाद नीचे आ जाना….खाना आज नीचे ही खा लीजिए….

मे :ठीक है तुम चलो मे आता हूँ….

उसके बाद वीना नीचे चली गयी….मेने सब डोर लॉक किए और फिर उसके घर की छत पर से होता हुआ नीचे आ गया…जब मे सीडीयों से नीचे उतार रहा था….तो अनु मुझे सीडीयों के पास बाथरूम के ठीक सामने नीचे पैरो के बल बैठी हुई नज़र आई….वो बर्तन सॉफ कर रही थी….उसने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर सर को झुका लिया…वीना ने कदमो की आहट सुन कर बाहर आ गयी…..उसने मुझे इशारे से अंदर आने के लिए कहा…मे उसके साथ पीछे वाले रूम मे चला गया….

वीना ने मुझे चारपाई पर बैठने को कहा…..”आप बैठिए मे खाना लेकर आती हूँ…” वीना बाहर चली गयी…थोड़ी देर बाद वीना अंदर आ गयी….मैने खाना खाना शुरू कर दिया….वीना थोड़ी परेशान सी दिखाई दे रही थी….”क्या हुआ अब क्यों परेशान हो…..” मैने खाना खाते हुए कहा….”

वीना: आप पहले खाना खा लीजिए बात मे बताती हूँ….

मेने खाना ख़तम किया….और वीना झूठे बर्तन उठा कर बाथरूम के बाहर बैठी अनु को पकड़ा दिए…..वो बर्तन सॉफ करने लगी….वीना फिर से मेरे पास आई. और पास आकर बैठ गयी…

.”हां अब बोलो क्या बात है….” मैने बाहर बैठी अनु की तरफ एक बार देखते हुए पूछा…..

वीना: आइए चलिए मे दिखाती हूँ…

मे उठ कर वीना के साथ बाहर आया….और बाहर गेट के साथ वाले रूम मे चले गये….जैसे हम दोनो उस रूम मे पहुँचे तो अंदर से बहुत ही गंदी सी बदबू आ रही थी….वीना ने लाइट ऑन की तो देखा उस रूम मे कबूतरो ने गंद मचा रखा था…

.”वो ये कमरा हम ने कभी इस्तेमाल नही किया है….आज जब थोड़ी देर पहले खोला तो तब पता चला…..”

मे: तो फिर क्या करना है…..?

वीना: वही तो मे सोच रही हूँ….

मे: तुम मेरे साथ ऊपर चलो मेरे रूम मे…..

वीना: नही जा सकती……

मे: क्यों क्या हुआ….?

वीना: वो सन्नी मेरे बिना नही सोता…..अभी मैने उसको सुलाया है….अगर वो उठ गया तो फिर रोने लग जाता है…अगर मे पास मे ना रहूं तो…

मे: फिर अब क्या करना है….उसको भी साथ मे ले चलो….

वीना: नही नही अगर वो जाग गया और हमे ऐसे देख लिया तो…भले ही छोटा है पर बच्चों का क्या पता होता है….कब किसी के सामने क्या बोल दें…..

मे: तो फिर…..

वीना: आइए मेरे साथ…..

उसके बाद वीना मुझे पीछे वाले रूम मे ले गयी….पीछे वाले रूम मे पीछे की तरफ एक दीवार से उस रूम की पार्टीशन की हुई थी….जिसमे वीना के घर का कुछ समान पड़ा हुआ था….उसने पहले से नीचे एक बिस्तर बिछा रखा था….पर उस पारटिशन के डोर की जगह डोर नही था…हां जो बिस्तर लगा था…वो दीवार के साथ लगा हुआ था…जो बाहर रूम से देखने पर दिखाई नही देता था….

वीना: अगर आप चाहो तो यहाँ कर सकते है….मे जानती हूँ कि आप बड़े लोग है….और आप को नीचे सोने मे दिक्कत होगी….

जब मुझे पता चला कि, मे वीना को उसी रूम मे चोदने वाला हूँ….जिसके दूसरी तरफ अनु सोने वाली है….मेरा लंड पेंट मे और फूल गया….धीरे-2 वीना और अनु दोनो ने मिल कर काम निपटा लिया….मे बेसबरी से आने वाले पलों का इंतजार कर रहा था…
 
जब मुझे पता चला कि, मे वीना को उसी रूम मे चोदने वाला हूँ….जिसके दूसरी तरफ अनु सोने वाली है….मेरा लंड पेंट मे और फूल गया….धीरे-2 वीना और अनु दोनो ने मिल कर काम निपटा लिया….मे बेसबरी से आने वाले पलों का इंतजार कर रहा था…

इस दौरान अनु कई बार रूम मे आई, मेने उसकी तरफ देखा…..पर वो मुझसे नज़रें नही मिला रही थी….थोड़ी देर बाद वीना रूम मे आई, और मुझे पीछे स्टोर रूम मे जाने का इशारा किया….मे वहाँ से उठ कर स्टोर रूम के अंदर चला गया…जैसे कि मेने बताया था कि, स्टोर रूम मे डोर नही था….और जहाँ से डोर वाली जगह शुरू होती थी….ठीक वही दीवार के पास बिस्तर लगा हुआ था…मे वहाँ बैठ कर वीना के आने का इंतजार करने लगा….

स्टोर रूम की लाइट ऑफ थी…..पर रूम से आ रही रोशनी से अंदर काफ़ी उजाला था….तभी बाहर रूम की लाइट ऑफ हो गयी….पर फिर टीवी चलने की आवाज़ आने लगी. और टीवी की हल्की रोशनी भी स्टोर रूम मे आने लगी….”अनु बहुत रात हो गयी है… ये टीवी बंद कर दे कल स्कूल भी जाना है….” मुझे बाहर से वीना की आवाज़ आई, और फिर थोड़ी देर बाद वीना स्टोर रूम मे आई….

वीना मेरे पास आकर बैठ गयी….और ठीक मेरे कानो के पास अपने होंठो को लाते हुए, धीरे से फुसफुसाते हुए बोली….”तुषार कोई आवाज़ मत करना….जो भी करना है धीरे से कर लेना….जब वो औरत हमारे घर रात को अपने कस्टमर के साथ आती थी. तब अनु रात को टीवी के बहाने उनके रूम मे हो रही आवाज़ों को सुनने के कॉसिश करती थी...एक रात को मैने उसे बाहर के रूम के डोर के पास खड़े हुए पकड़ भी लिया और डाँट भी लगाई…..इसलिए ज़रा ध्यान से करना….

मे: क्या वो लोग उस रूम मे करते थे…..?

वीना: हां और कहाँ करते….

मे: वहाँ तो इतनी बदबू है…..फिर वो कैसे उस रूम मे रुक जाते थे…..

वीना: पता नही….वो तो मेरी समझ के भी बाहर है…

मे: चलो छोड़ो हमे क्या लेना देना अब उनसे…..

मैने वीना को अपनी बाहों मे भर लिया….स्टोर रूम मे आने से पहले वीना अपनी साड़ी उतार कर आई थी….मेने उसकी चुचियों को ब्लाउस के ऊपर से पकड़ कर ज़ोर से मसल दिया…वीना एक दम से कसमसा गयी….”आह तुषार धीरे…मुझे यहाँ पर दर्द रहता है….इन्हे ज़ोर से मत दबाया करो…..” जैसे ही वीना ने ये बात कही, तो मुझे याद आ गया कि, वीना अभी भी अजय को दूध पिलाती है…इसलिए वो मना कर रही है….

मेने वीना के ब्लाउस के हुक्स खोलने शुरू कर दिए….”आहह नही तुषार इन्हे मत खोलो….वो अनु बाहर है ना….अगर अंदर आ गयी तो….” 

मैने वीना की चुचियों को ज़ोर से मसल दिया….”नही आयगी तुमने उसे सब समझा तो दिया है….” 

वीना एक बार फिर से कसमसा गयी….”फिर भी तुषार इन्हे उतारने से क्या होगा…” वीना ने मेरे हाथों को पकड़ कर रोकने की कॉसिश करते हुए कहा…

मे: हाथ हटाओ….

वीना: तुषार प्लीज़ इसे मत खोलो…..

मे: देखो अगर तुमने हाथ नही हटाए और इसे खोलने नही दिया तो मे वापिस चला जाउन्गा….

वीना: ये क्या ज़िद है तुषार प्लीज़ समझा करो…..

मे: नही मुझे नही पता…तुम्हे मेरी कसम…अब मुझे किसी बात के लिए नही रोकॉगी…(मैने वीना के हाथों को उसके ब्लाउस के ऊपर से हटाते हुए कहा…)

और इस बार वीना ने अपने हाथो को हटा लिया….मे जानता था कि, वीना मुझसे क्यों शरमा रही है…मैने धीरे-2 वीना के ब्लाउस के सारे हुक्स खोल दिए….और फिर उसके ब्लाउस को उसके बदन से अलग करके फेंक दिया…..अब उसके बदन पर वाइट कलर की ब्रा और पेटिकॉट ही था…मैने वीना के होंठो को चूस्ते हुए, उसके ब्रा के स्ट्रॅप्स उसके कंधो से सरका दिया…फिर अपने हाथो को पीछे ले जाते हुए उसके ब्रा के हुक्स खोल कर ब्रा भी उसके बदन से अलग कर दी….

जैसे ही वीना की बड़ी-2 चुचियाँ बाहर आई, तो मे उन्हे देखता ही रह गया….वीना की चुचियाँ नेहा से भी बड़ी थी…उसकी चुचियों पर हरे रंग की नसें जो शायद दूध से भरी हुई थी…सॉफ नज़र आ रही थी…अगले ही पल मैने वीना की चुचियों को दोनो हाथों मे लेकर ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया…वीना मदहोश होकर लगतार मुझसे लिपटती जा रही थी….थोड़ी देर बाद मे वीना के ऊपर आ चुका था….मैने उसके होंठो को चूस्ते हुए दोनो चुचियों को नीचे से पकड़ कर ज़ोर से दबाया तो वीना एक दम सिसक उठी…..

उसके दोनो निपल्स से दूध की धार बाहर की ओर निकल कर मेरे हाथों पर गिरने लगी….जैसे ही वीना को इस बात का अहसास हुआ, वीना बुरी तरह झेंप गयी…और अपने ब्रा से अपनी चुचियों को कवर करने की कॉसिश करने लगी….”शियीयियीयियी तुषार…”

मैं वीना की आँखो मे देखते हुए अपने दोनो हाथों पर गिरा दूध अपनी जीभ बाहर निकाल कर चाटने लगा….वीना का चेहरा शरम के मारे एक दम से लाल हो गया….उसने मेरी चेस्ट मे शरमाते हुए मुक्का मारा और फिर दूसरी तरफ फेस करके मुस्कुराने लगी….

में अपने हाथों पर लगा दूध चाट कर चुका था…मैने वीना के पेटिकॉट को ऊपर उठा कर उसकी कमर तक चढ़ा दिया…जैसे कि मे सोच रहा था…वीना ने आज भी नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी….मैने एक हाथ से वीना की राइट चुचि के निपल को पकड़ कर मसल्ते हुए दूसरे हाथ को वीना की चूत की फांको पर रख दिया.. “उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह श्िीीईईईईईई” वीना ने सिसकते हुए बेडशीट को कस्के दोनो हाथों से पकड़ लिया…मेने अपने आप को वीना की जांघों के बीच मे अड़जस्ट किया….और वीना की टाँगो को फैलाते हुए, घुटनो से मोड़ कर ऊपर उठा दिया….

जैसे ही वीना की टांगे ऊपर हुई, तो मुझे उसकी चूत का गुलाबी छेद सॉफ दिखाई देने लगा….जो पहले से कामरस टपका रहा था….मैने जल्दी से अपने शॉर्ट्स को उतार कर पास मे ही रख लिया…और अगले ही पल वीना की चूत के छेद मे अपनी दो उंगलियों को अंदर डालना शुरू कर दिया….जैसे ही मेरी उंगलियाँ वीना की चूत के छेद मे घुसी….वीना ने सिसकते हुए मेरी आँखो मे देखा….”आहह वीना तुम्हारी चूत तो बहुत गरम है….” 

वीना का चेहरा एक दम लाल हो चुका था….जिस तरह से वो शरमाती थी….मेरा लंड उसके शरमाने की अदा को देख कर और अकड़ जाता था… “देखो ना वीना तुम्हारी चूत कैसे पानी छोड़ रही है….देखो ऐसे लग रहा है…जैसे कोई नदी बह रही हो…..” मैने वीना की चूत मे अपने उंगलियों को अंदर बाहर करते हुए कहा…..

फिर मे वीना की चुचियों के ऊपर झुक गया…और जैसे ही मैने वीना की लेफ्ट चुचि को मुँह मे लिया….तो वीना एक दम से सिसकते हुए मचल उठी…”यूम्ह्ष शियी तुषार ईए यी आह आप क्या कर रहे है…..?” वहाँ मुँह मत लगाओ…” वीना का बदन बुरी तरह से कांप गया….उसने बेडशीट को छोड़ कर मेरे सर के बालो को कस्के पकड़ लिया…”श्िीीईई उन्घ्ह्ह्ह्ह तुषार प्लेआस्ीई मत करिए ना….” वीना बुरी तरह कांप रही थी….

मैने वीना के निपल से मुँह हटाया और उसके होंठो को चूमते हुए बोला….”क्यों क्या हुआ….?”

वीना ने अपनी मदमस्त आँखो को खोल कर मेरी तरफ देखा….”आप ने देखा नही वहाँ से दूध निकलता है….आप को बुरा नही लगा….” मे वीना की बात सुन कर मुस्कुराने लगा….”क्यों इस दूध को बचा कर क्या करोगी….मुझे नही पिलाओगी…”

वीना: (शरमाते हुए) छी आपकी दूध पीने की उम्र है क्या अभी…..

मे: क्यों क्या हुआ…..उम्र मे क्या रखा है…वैसे भी तुम्हारी चुचियों से दूध की धार निकलती देख मेरा लंड भी साला और अकड़ गया है….देखो ना…

मैने वीना का हाथ पकड़ कर नीचे ले जाकर अपने लंड पर रख दिया…”क्यों इस बार ज़यादा कड़क लग रहा है ना…” 

वीना ने शरमाते हुए हन मे सर हिला दिया

…”वीना अच्छा तुम्हारी भाषा मे इसे क्या कहते है….” मैने वीना के हाथ को अपने लंड पर दबाते हुए कहा….तो वीना और शरमाने लगी…

.”बोलो ना तुम्हे मेरी कसम जो पूछूँगा वो तुम मुझे बताओगी….”

वीना: लंड ही कहते है…..

मे: और चूत को….

वीना: उसे हमारी भाषा मे भी ऐसे ही बोलते है…..

मे: और कुछ नही कहते….चूत तो हिन्दी मे कहते है….जैसे हमारे पंजाब मे चूत को फुद्दी कहते है….वैसे तुम्हारी भाषा मे क्या कहते है…

वीना: (शरमाते हुए) नही मुझे नही पता….आप बहुत बेशरम हो…

मे: बोलो ना….नही तो ये बेशरम तुम्हारा सारा दूध खाली कर देगा…..

वीना: (शरमाते हुए) बुर….

मे: (वीना की चूत की फांको के ऊपर अपने लंड को रगड़ते हुए) तो फिर तुम्हारी बुर मे अपना लंड डालु क्या…..(जैसे ही मैने अपने लंड के मोटे सुपाडे को वीना की चूत के छेद पर सेट किया…वीना एक दम से सिसकते हुए मुझसे लिपट गयी….उसने खुद ही अपनी टाँगो को ऊपर उठा कर फैला लिया……”हाआँ डालो नही….पेलो मेरी बुर मे अपना लंड पेलो तुषार…” उसने मेरे सर के इर्द गिर्द अपनी बाहों को कसते हुए अपने होंठो को मेरे होंठो पर लगा दिया….और अपनी गान्ड को ऊपर की ओर उठाते हुए अपनी चूत को मेरे लंड के सुपाडे पर दबाने लगी……
 
लंड का सुपाडा वीना की पनियाई हुई चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुसने लगा……मैने भी अपनी कमर को पूरी ताक़त के साथ नीचे की ओर पुश किया… तो मेरे लंड का सुपाडा वीना की चूत की दीवारो से रगड़ ख़ाता हुआ चूत की गहराइयों तक उतरता चला गया….”श्िीीईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तुषार….” वीना ने अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग करते हुए कहा…वीना का पूरा बदन थरथरा रहा था….” तुषार शीईइ मेरा दूध पाइयो तुषार खाली कर दो मेरी चुचियों को उम्ह्ह्ह्ह प्लीज़ चूसो ना मेरी चुचियों को…..

मे भी तो वीना की चुचियों से दूध खींच कर निकालने को बेताब था…अगले ही पल मैने वीना के तन चुके मोटे काले रंग के एक निपल को मुँह मे भर लिया….और जितनी मेरे मुँह मे आ सकती थी…उतनी चुचि भी मुँह मे भर ली. और उसे पागलो की तरह चूसने लगा….वीना की चुचियों की नसों से बह कर मीठा दूध बाहर मेरे मुँह मे आने लगा…और मे उसे गटाकते हुए जोश मे आकर अपने लंड को तेज़ी से वीना की चूत के अंदर बाहर करने लगा….

एक पल के लिए तो मे भी भूल गया था कि, बाहर अनु टीवी देखने के बहाने हमारी चुदाई की आवाज़ें सुन रही है…जैसे ही मेरी जांघे वीना के मोटे-2 चुतड़ों से टकरा कर थप-2 की आवाज़ करने लगी….वीना ने मुझे मेरे कंधो से पकड़ कर रुकने के लिए कहा….”अहह तुषार रूको ओह्ह्ह्ह तुषार रूको….” मे एक दम से रुक गया… और वीना की आँखो मे देखने लगा…वीना ने मेरे चेस्ट मे मुक्का मारते हुए कहा…..”बाहर अनु बैठी है..और तुम तो ना…..” कहते हुए वीना एक दम से शर्मा गयी….

मे: क्या मे तो बोलो भी चुप क्यों हो गयी….

वीना: वो क्या सोचेगी मेरे बारे मे…कि मम्मी की ठुकाइ कितनी ज़ोर से कर रहा है तुषार…श्िीीईईई तुषार मुझे बहुत अजीब सा लगता है…जब से मुझे पता चला कि, अनु अब चुदाई की आवाज़े सुनने की कॉसिश करती है….

मे: तो क्या हुआ सुनने दो ना उसे भी….वो भी तो जवान हो चुकी है….उसकी बुर भी तुम्हारी तरह पनियाती होगी…

वीना: (शरमा कर मेरे कंधे पर मुक्का मारते हुए) शरम करो….बेटी है मेरी वो…और तुम उसके बारे मे….

मे: बेटी तुम्हारी है मेरी नही….

मेने फिर से अपने लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था…”धीरे -2 करो तुषार….प्लीज़ धीरे आवाज़ मत करना…” वीना ने अपनी एक चुचि को एक हाथ से पकड़ कर दूसरे हाथ से मेरे बालो को पकड़ा और मेरे होंठो को अपनी चुचि की तरफ बढ़ाने लगी….”ओह्ह्ह्ह तुषार इन्हे भी चूसो ना…..ये दो दिन से भरी हुई है….” 

मे: क्यों क्या हुआ अब अजय नही पीता….

वीना: नही अब दो दिन से नही पी रहा….दो दिन से बहुत खींचाव महसूस हो रहा है….प्लीज़ इन्हे खाली कर दो….चूसो मेरी चुचियों को…अह्ह्ह्ह हां बुर मे लंड भी पेलो आह तुषार….आपका लंड बहुत बड़ा है….अह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह तुषार उम्ह्ह्ह्ह्ह आप रोज रात मेरे पास ही सोना यहाँ उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह उन्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह उन्घ्ह्ह्ह्ह्ह

मे वीना की चुचियों को चूस्ते हुए लगतार अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था…अब वीना भी अपनी गान्ड उठा-2 कर मेरा लंड अपनी चूत की गहराइयों मे लेने की कॉसिश कर रही थी….हम भले ही बहुत कम आवाज़ कर रहे थे…पर मे यकीन के साथ कह सकता हूँ कि, बाहर बैठी अनु….हमारी चुदाई की और वीना की मस्ती भरी सिसकियाँ सुन रही थी….और उसकी चूत भी ज़रूर गीली हो चुकी थी…

10 मिनिट बाद हम दोनो झड कर ढेर हो गये….मे वही उसके बगल मे लेट गया…वीना ने एक पुराना कपड़ा उठा कर पहले मेरा लंड सॉफ किया और फिर अपनी चूत….पर अभी तो रात जवान होना शुरू हुई थी….और मे लेटा हुआ अनु को अपने जाल मे फसाने की सोच रहा था…..

वीना आज फिर से कई दिनो बाद झड़ी थी….और वीना मेरे लंड और मेरे स्टॅमिना की कायल हो चुकी थी….वो मेरी बगल मे लेटी हुई मेरी चेस्ट को सहला रही थी…पर मेरा ध्यान अनु की तरफ था…अनु के नाज़ुक मखमली जिस्म के बारे मे सोचते हुए, मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा था….मे जानता था कि, वीना को जल्द ही मेरे लंड की लत लग जाएगी…और मुझसे चुदवाने के लिए वो मेरे सामने अपनी गान्ड हिलाती फ़िरेगी….तभी मे अपने सपनो की दुनिया से बाहर आया….जब वीना ने मेरे फिर से खड़े हुए लंड को हाथ से पकड़ लिया….वो हैरत से मेरे लंड को देख रही थी….

उसकी आँखो की चमक मेरे फिर से खड़े हुए लंड को देख और तेज हो चुकी थी… “तुषार ये तो फिर से तैयार हो गया…..” उसने मेरे लंड को मुट्ठी मे लेकर ऊपर से नीचे करते हुए कहा…

.”तैयार मे समझा नही लंड भी तैयार होता है क्या..? “ मैने वीना को छेड़ते हुए कह…

.तो वीना ने शरमाते हुए मेरी चेस्ट मे अपने फेस को छुपा लिया…”होता है ना….” वीना ने शरमाते हुए कहा….

मे: अच्छा तो फिर तुम्हे ये भी पता होगा कि, ये किस लिए तैयार हुआ है….?

वीना: (कुछ देर चुप रहने के बाद…) बुर पेलने के लिए…..

मे: (मैने वीना की चूत को हाथ मे लेकर मसल्ते हुए कहा) तो तेरी बुर लंड पेल्वाने को तैयार है फिर से….

वीना: श्िीिइ हाआँ तुषार……

मे: अच्छा रूको फिर पहले मे ज़रा मूत कर आता हूँ…फिर तुम्हारी बुर की खुजली मिटाता हूँ…

मेने उठ कर बैठ गया….और अंडरवेर पहनने लगा…”रूको “ वीना एक दम से बोली फिर चुप हो गयी…

.”क्या हुआ….?” मैने वीना की तरफ देखते हुए कहा….

.”कुछ नही आप जाओ….” वीना ने अपने ऊपर रज़ाई ओढ़ते हुए कहा….

मे उठा कर बाहर आ गया…मेरे जिस्म पर सिर्फ़ एक अंडरवेर था…..जिसमे मेरा लंड एक दम आकड़ा हुआ था. और अंडर वेअर को आगे से फैलाए हुआ था…

जैसे ही मे बाहर आया तो अनु जो कि चारपाई पर रज़ाई ओढ़ कर बैठी हुई थी…उसने एक बार मेरी तरफ देखा….मे तो जैसे इसी पल के इंतजार मे था…मेने झट से अपने लंड को अंडरवेर के ऊपर से पकड़ कर मसल दिया…अंडरवेर मे मेरे लंड का तनाव सॉफ दिखाई दे रहा था….अगले ही पल अनु ने नज़रें झुका ली…मे वहाँ चलता हुआ बाहर की ओर जाने लगा…कुछ पलों की दूरी पर डोर था..पर डोर की तरफ बढ़ते हुए मे लगतार अनु की आँखो की तरफ देख रहा था…वो सर झुकाए हुए मेरी तरफ देख रही थी….

मे बाहर आ गया….पेशाब किया और फिर अंदर आया….फिर वही सब हुआ…मे अंदर आकर वीना के साथ लेट गया…रज़ाई मे घुसते ही मैने अपना अंडरवेर उतार फेंका और वीना को चूमते हुए उसे अपने ऊपर ले आया….अब वीना मेरे ऊपर थी दोनो घुटनो को मेरे कमर के दोनो तरफ टिकाए हुए

…”ये क्या कर रहे है….” वीना ने शायद आज तक लेट कर सीधा सेक्स ही किया था…सेक्स की कितनी पोज़ीशन होती है… उसे तो शायद मालूम भी नही था….मैने हाथ नीचे ले जाकर अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर सेट किया…तो उसके वजन के कारण मेरा लंड फिसलता हुआ उसकी चूत मे घुसता चला गया…..फिर मैने उसे उसकी कमर को ऊपर नीचे करने को कहा….

ये सब वीना के लिए एक दम नया था….कुछ ही पलों मे वीना किसी रंडी की तरह अपनी कमर के निचले हिस्से को ऊपर नीचे करने लगी…उसने अपने दोनो हाथों को मेरे कंधो के दोनो तरफ टिका रखा था….खुद को ऐसी पोज़ीशन मे पाकर जिसमे वो ना सिर्फ़ अपने आप को कंट्रोल कर पा रही थी….बल्कि मुझे भी….वो बेहद एक्शिकटेड हो गयी थी….मैने उसकी दोनो चुचियों को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया…और उसके निपल्स मे दूध की धार बह कर मेरे चेहरे पर गिरने लगी…ये सब देख वीना और ज़यादा मस्ती मे आ गयी….और पूरी ताक़त के साथ अपनी गान्ड को उछाल-2 कर मेरे लंड पर अपनी चूत को पटकने लगी….

वीना: ओह्ह्ह तुषार जी ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हाईए बहुत मज़ा आ रहा है…..ओह्ह उम्ह्ह्ह्ह तुसरररर देख ना मेरी बुर कैसे आपके लंड को लील रही है….उम्ह्ह अह्ह्ह अहह आह आह अहह ओह्ह्ह्ह आह तुषार…..आपका लंड बहुत मोटा है….आहह मेरे पति का तो छोटा सा है तुषार….अह्ह्ह्ह मुझे रोज चोदेगा ना….आहह मेरी बुर मे रोज लंड पेलेगा ना…..अहह अहह

वीना के चूतड़ अब मेरी जाँघो पर टकरा कर थप-2 की आवाज़ कर रही थी….वो खुद इतनी गरम हो चुकी थी….कि वो भूल गयी थी कि, अनु बाहर जाग रही है…”आह ओह्ह्ह्ह जीई…..आहह मेरी बुर पानी फेंक आह आहह लो तुषार जी मेरी बुर तो गयी…ओह्ह्ह्ह हो गाईए पानी-2 अहह…..

वीना हान्फते हुए मेरे ऊपर लूड़क गयी….वीना को इस तरह अपने लंड पर उछलता देख मेरा लंड कुछ पल पहले ही पानी छोड़ चुका था….कुछ देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद वीना मेरे ऊपर से उठ कर बगल मे लेट गयी….रात का 1 बज चुका था….वीना का मन तो नही भरा था…पर अब उसे भी नींद आने लगी थी. मे उसकी बगल मे लेटा हुआ था….मुझे अब वीना के हल्के ख़र्राटों की आवाज़ सुनाई देने लगी थी….
 
1 घंटा गुजर चुका था…और मुझे भी अब नींद आने लगी थी….वीना तो दो बार अपनी चूत से पानी निकलवा कर सो चुकी थी….तभी मुझे बाहर से डोर के खुलने की आवाज़ आई….शायद अनु बाहर गयी थी….मे ध्यान से उठा और स्टोर रूम से बाहर आकर देखा तो रूम का डोर खुला हुआ था….और डोर से किचिन के अंदर ऑन हो चुकी लाइट सॉफ दिखाई दे रही थी…

मे बिना आवाज़ किए बाहर आ गया…देखा तो अनु किचन मे खड़ी पानी पी रही थी….मुझे किचन के डोर पर खड़ा देख वो भी सिर्फ़ अंडरवेर मे अनु एक दम से सकपका गयी….वो एक दम से सहम गयी थी…

.”वो मुझे प्यास लगी थी…” मैने जान बुझ कर अपने लंड को अंडरवेर के ऊपर से खुजाते हुए कहा… मेरी इस हरक़त को देख कर उसने अपनी नज़रें झुका ली….और एक ग्लास मे पानी डाल कर मेरी तरफ बढ़ा दिया…..”नाम क्या है तुम्हारा….” मैने उसके हाथ से पानी का ग्लास लेते हुए कहा…

अनु: (हड़बड़ाते हुए) जी जी अनु…

मे: कॉन से क्लास मे पड़ती हो…..?

अनु: जीए *****

मेने पानी पी कर ग्लास वापिस अनु को पकड़ा दिया…और फिर उसको एक बार ऊपर से लेकर नीचे तक देखा….और फिर रूम मे से होकर स्टोर रूम मे वापिस चला गया…..अगली सुबह वीना ने मुझे सुबह 6 बजे उठा दिया….मेने कपड़े पहने और ऊपर आ गया…सर्दियों के दिन थे…इसलिए अभी भी अंधेरा था….इस लिए मे बिना किसी डर के अपने घर की छत पर आ गया…रूम का डोर खोला और फिर वहाँ बेड पर लेट कर सो गया….

जब आँख खुली तो 10 बज रहे थे….मे उठ कर बाहर आया…तो थोड़ी देर बाद वीना ऊपर आ गयी…..”उठ गये आप….” वीना ने मेरे पास आते हुए कहा…”हां उठ गया….” मेने वीना की तरफ देख कर मुस्कराते हुए कहा…..”मे आपके लिए नाश्ता लेकर आती हूँ….”

मे: वो कमलेश आ गया है क्या…..?

वीना: हां आ गये है….अभी नाश्ता करके सोए है….

मे: तो फिर क्या कहती हो….एक बार फिर हो जाए…..

वीना: (मुस्कराते हुए) नही अभी नही…

मे: क्यों क्या हुआ…..?

वीना: अभी नहा कर आई हूँ….

मे: तो क्या हुआ…..?

वीना: अगर कर लिया तो फिर नहाना पड़ेगा….(उसने मुस्कराते हुए कहा…)

उसके बाद वीना नीचे चली गयी….वीना नाश्ता लेकर आई और मुझे देकर नीचे जाने लगी…..”सुनो….” वीना ने पलट कर मेरी तरफ देखा…..

वीना: जी…..

मे: अब क्या कर रही हो…..

वीना: कुछ भी नही बच्चे स्कूल चले गये है….घर का काम भी कर लिया है.

मे: तो फिर ऐसे करो नीचे जाकर सो जाओ….

वीना: क्यों….?

मे: फिर रात को जगाना है ना तुम्हे….

वीना मेरे बात सुन कर मुस्कराने लगी….फिर एक दम से कुछ सोच कर बोली….”तुषार जानते है आज अनु ने मुझसे क्या कहा….” 

मेने वीना की तरफ देखते हुए कहा….”क्या कहा उसने…..”

वीना: पता नही जब मे उसे स्कूल के लिए उठाने के लिए गयी तो वो उठ नही रही थी….देर तक तो टीवी देखती रहती है….जब मैने उसे इस बात के लिए डांता तो पता है वो आगे से क्या बोली…..

मे: क्या कहा उसने….

वीना: वो बोली, इतनी ही फिकर है तो रात को आवाज़ कम करनी थी…..

मे: तो फिर तुमने उसे कुछ नही कहा…..

वीना: तुषार मेरी तो समझ मे नही आ रहा कि, मे उसे क्या कहती…अब उसे ज़्यादा डाँट भी तो नही सकती….कही गुस्से मे आकर अपने पापा को ना बता दे….

मे: हां ये बात तो है…..

वीना: तब से मुझे बहुत घबराहट से हो रही है….आज तक उसने मुझे कभी ऐसे आगे से जवाब नही दिया…..

मे: तुम उसकी चिंता मत करो….नया खून है….अभी जवानी चढ़नी शुरू हुई है तो चूत तो रात को भी होगी ना….उसकी…..

वीना: तुषार आप भी ना….वो मेरे बेटी है…..

मे: तो क्या हुआ….उसकी चूत से पानी नही आता क्या….(मैने मुस्कराते हुए कहा…)

वीना: आप भी ना….आपको ज़रा भी डर नही लगता आप मेरे सामने ही मेरी बेटी के बारे मे ऐसी बातें कर रहे है…..

मे: बात शुरू किसने की थी….चलो जाओ तुम आगे से मुझसे ऐसे बात ना करना…

वीना: तुषार क्या है…एक तो आप गुस्सा बहुत जल्दी हो जाते हो…..दरअसल आप को अनु के बारे मे एक बात बतानी थी….

मे: क्या अनु के बारे मे…

वीना: हां….

मे: तो फिर तुम मुझे ना ही बताओ तो अच्छा है….नही तुम नाराज़ हो जाओगी….
वीना: अच्छा अब नही होती…..

मे: सोच लो….सोच समझ कर बोलना….

वीना: कह दिया ना अब नही होती….

मे: अच्छा कहो क्या बात है…..

वीना ने एक बार चारो तरफ देखा और फिर धीरे से बोली…..”अनु मेरी खुद की बेटी नही है…..” वीना ने धीरे से आवाज़ मे कहा….ये बात मेरे लिए सच मे चोंकाने वाली थी…..

मे: क्या…वो तुम्हारी बेटी नही है….तो फिर किसकी है…..

वीना: वो मेरी बहन है ना…..जो पिछली गाली मे रहती है….

मे: हां….

वीना: वो उसकी बेटी है……

मे: तो क्या तुमने उसे गोद लिया है….?

वीना: हां…..

मे: क्यों…?

वीना: अनु मेरे दीदी के तीसरी बेटी थी….दो लड़कियाँ पहले से ही थी…इसलिए जीजा जी बहुत परेशान रहने लगी थी….जब अनु *** साल की हुई तो हम ने उसे गोद ले लिया….तब मेरी नयी-2 शादी हुई थी…ये सोच कर उनके ऊपर से कुछ बोझ कम हो जाएगा….फिर अनु के बाद उनके बेटा हुआ…और फिर दो साल बाद अजय पैदा हुआ….

मे: अच्छा अगर तुमने अनु को **** की उम्र मे गोद लिया था….फिर तो अनु को सब याद होगा….

वीना: हां याद है….पर मैने कभी उसे अपनी बेटे अजय से कम नही समझा….और वो भी ये बात जानती है….

मे: तो फिर वैसे तुम ये बात मुझे क्यों बता रही हो……

वीना: इसलिए कि तुम भी ये पता रहे कि, अनु मेरे बेटी नही है…..और मुझे आज सुबह से इस बात का शक हो रहा है कि, कहीं वो ये बात कमलेश या फिर दीदी को ना बता दे….

मे: पर तुमने उसे समझाया तो था…

वीना: हां समझाया था…पर मुझे पता नही क्यों लग रहा है कि, कही वो ये सारी बात अपनी बड़ी बेहन से ना कर दे….दीदी की एक बेटी की शादी तो हो गयी है….पर एक अभी कुँवारी है….3 महीने बाद उसका भी लगन होने वाला है…..

मे: कोई बात नही जो होगा देखा जाएगा……

उसके बाद वीना नीचे चली गयी…..मे नाश्ता करते हुए सोच रहा था कि, आख़िर वीना चाहती क्या है….क्यों उसने ये सारी बात मुझसे कही…उसने खुद खुल कर कुछ भी नही कहा था…..कहीं ये मुझे फसाने के चक्कर मे तो नही है…..हो सकता है कि, आगे चल कर वीना मुझे ब्लॅकमेल करे….पर क्यों….शायद पैसों के लिए….उफ्फ यार अब क्या करूँ….कुछ समझ मे नही आ रहा…..अगर कल कोई बात होगी तो मेरे पास क्या सबूत है कि, ये सब वीना ने अपनी मरज़ी से मेरे साथ किया था….

यही सब सोचते हुए दिमाग़ की बॅंड बज गयी…समझ मे नही आ रहा था कि, अब क्या करूँ….दोपहर का वक़्त हो चला था…सॅटार्ड का दिन था…इस लिए स्कूल मे 12 बजे ही छुट्टी हो गयी थी….करीब 1 बजे जब मे रूम से बाहर आया तो देखा वीना अपनी बड़ी बेहन के साथ ऊपर छत पर चटाई बिछा कर बैठी हुई थी….दोनो आपस मे मगन थी….मे रूम मे गया और अंदर से चटाई लाकर दीवार के साथ बिछा कर नीचे बैठ गया….


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यही सब सोचते हुए दिमाग़ की बॅंड बज गयी…समझ मे नही आ रहा था कि, अब क्या करूँ….दोपहर का वक़्त हो चला था…सॅटार्ड का दिन था…इस लिए स्कूल मे 12 बजे ही छुट्टी हो गयी थी….करीब 1 बजे जब मे रूम से बाहर आया तो देखा वीना अपनी बड़ी बेहन के साथ ऊपर छत पर चटाई बिछा कर बैठी हुई थी….दोनो आपस मे मगन थी….मे रूम मे गया और अंदर से चटाई लाकर दीवार के साथ बिछा कर नीचे बैठ गया….

दीवार की एंटों के बीच मे एक सुराख था…जिसका मुझे पहले से ही पता था….मे उसमे आँख लगा कर दोनो को देखने लगा..दोनो सीडीयों की मॉंटी के दीवार के पास चटाई पर बैठी हुई थी….और तभी मेरी नज़र सीडीयों के दूर पर बैठी हुई अनु पर पड़ी…वो वहाँ ऐसे बैठी हुई थी….जैसे छुप कर उनकी बातें सुनने की कॉसिश कर रही हो….अब जो उनके बीच बातें हो रही थी…वो आप को बता देता हूँ कि क्यों अनु उनकी बातों को छुप कर सुन रही थी…

पूजा: (वीना की बहन) वीना अब तो कमलेश जी दिन को घर पर होते है…तो कुछ करते है क्या…..

वीना: कहाँ दीदी काम से आकर नाश्ता करते ही सो जाते है…दोपहर को बच्चे घर आ जाते है….और रात को तो आपको पता ही है…वैसे आप सूनाओ…अब तो बड़ी बिटिया की शादी भी हो गयी है….अब तो आप दोनो को कुछ वक़्त मिल जाता होगा…

पूजा: हां मिल जाता है वीना पर सच कहूँ तो अब वो पहले जैसी बात नही रही….

वीना: क्यों ?

पूजा: अब उम्र हो चली है बेहन तेरे जीजा जी की अब उनके उसमे पहले जैसा तनाव नही आता….

वीना: तो क्या हुआ दीदी उम्र का असर तो होता ही है….

पूजा: सच कहूँ तो जिंदगी तो वही थी…जो बच्चे पैदा होने से पहले हम ने जी ली…या फिर जब बच्चे छोटे थे…श्िीिइ हाई वीना क्यों याद दिला रही है पुरानी बातों को…..

वीना: क्यों क्या हुआ दीदी पनिया गयी है क्या आपकी पुराने बातें याद करके….

पूजा: (अपनी सलवार के ऊपर से अपनी चूत को मसल्ते हुए) हां वीना सच कहती हूँ…जब नयी-2 शादी हुई थी ना…तब दिन मे मोका देख कर कई बार पेल देते थे…..ना टाइम देखते थे और ना ही जगह…..पर अब तो ऐसा लगता है. जैसे वो सब सपना हो…

वीना: दीदी वैसे आज आप बहुत मूड मे लग रही हो…क्या बात है….

पूजा: अब तुम्हे कैसे बताऊ वीना मुझे तो कहते हुए भी शरम आती है….

वीना: दीदी बताओ ना मुझसे क्या शरमाना….

पूजा: कल रात को मुझे बहुत तेज पेशाब लगी थी…मे उठ कर ऊपर आई बाथरूम मे तो पास वाले घर के ऊपर वाले रूम की लाइट जल रही थी…हाए वीना क्या बताऊ तुझे जब मे दीवार के पास गयी…..आवाज़ सुन कर तो मेरी कच्छी गीली हो गयी…अंदर से थप-2 आहह ओह्ह्ह ओह्ह्ह…थप-2 इतनी तेज आवाज़ आ रही थी….पता नही यहाँ के लोग क्या खाते है….तुम मनोगे नही….20-25 मिनिट तक लगतार थप-2 की आवाज़ आती रही.. हाए वीना तेरे जीजा जी ने जवानी मे भी इतने पटाके नही फोड़े होंगे….

वीना: क्या नयी -2 शादी हुई है आपके पड़ोस मे….(वीना ने भी अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी चूत को मसल्ते हुए कहा….)

पूजा: कहाँ नयी शादी हुई है….2 बेटे है स्कूल जाते है….पर सोते नीचे है…

वीना: चलो दीदी दिल छोटा ना करो…वैसे भी अब बच्चों की देख रेख मे टाइम ही नही मिलता…..

पूजा: अच्छा अब मे भी चलती हूँ….

इधर मेरे कान तो उन दोनो की बातो को सुनने मे लगे हुए थे..पर नज़रें अनु पर टिकी हुई थी….जो अपनी जाँघो के बीच अपने एक हाथ को कस्के दबाए हुए बैठी उनकी बातें सुन रही थी….जब उसे पता चला कि, उसकी मौसी जाने वाली है, तो वो चुपके से नीचे उतर गयी….मे वही लेट कर सोचने लगा कि, अनु घर मे ही अगर इस तरह से चुदाई का खेल और चुदाई की बातें सुनती रहेगी तो वो जल्द ही लंड को चूत मे लेने के लिए चुदासी हो जाएगी…..

मे वहाँ लेटा-2 सो गया….दोपहर के 4 बजे चुके थे….अब धूप कुछ हलकी हो चुकी थी….इसीलिए बाहर लेटने मे ठंड लगने के कारण मे उठ गया था…पर मे सुस्ती के कारण वैसे ही कुछ देर ऐसे लेटा रहा…..फिर उठ कर जैसे ही रूम मे जाने लगा तो वीना छत पर आई…उसके हाथ मे चाइ का कप था…वो मेरे पास आई और चाइ का कप मुझे देते हुए बोली….”चाइ पी लीजिए….” मैने वीना के हाथ से चाइ ली ली..

मे: तो फिर आज रात का क्या प्लान है…

वीना: (मुस्कराते हुए) 9 बजे आ जाना…..

मे मूड कर नीचे जाने लगा तो, वीना ने मुझे रोक लिया….”तुषार आपसे एक सलाह लेनी थी….” 

मैने वीना की तरफ देखते हुए कहा…”हां बोलो क्या बात है.”

वीना; वो आज अनु कह रही थी कि, स्कूल मे उसको कंप्यूटर भी सिखाया जाता है… बाकी के बच्चे तो पिछले दो साल से कंप्यूटर सीख रहे है…..इसलिए उसे दिक्कत हो रही है….आप कोई अच्छा सा कंप्यूटर कोचिंग सेंटर बता दो वहाँ पर इसको भेज दिया करूँगी….

वीना की ये बात सुन कर मेरे दिमाग़ की घंटी एक दम से बज उठी…”कंप्यूटर सेंटर भेज कर फ़िजूल के पैसे क्यों खरच करने….मेरे पास भेज दिया करो….घर पर कंप्यूटर है मे सिखा दूँगा…” मुझे ऐसा लग रहा था कि, वीना मेरी ये बात नही मानेगी….पर पता नही उसके दिमाग़ मे क्या था….

वीना: क्या आप…..? आप सिखा देंगे उसे….?

मे: हां क्यों नही…..

वीना: ठीक है मे उसकी बोल देती हूँ….

मे: ठीक है कल से उसे भेज देना…मे सिखा दूँगा…..

उसके बाद वीना नीचे चली गयी…रात को 8 बजे पता चला कि, कमलेश की तबीयत थोड़िए खराब है….इसलिए वो काम पर नही जा रहा…..उस रात कुछ खास नही हुआ.. मे खाने के बाद अपने कंप्यूटर पर बैठ गया….एक फोल्डर मे कुछ मूवीस क्लिप्स और कुछ वीडियो सॉंग्स आड किए…और उन फाइल्स मे एक 3 मिनिट की एक पॉर्न क्लिप भी रख दी…जिसमे सकिंग के साथ-2 सेक्स भी था….वैसे तो मेरे पीसी मे बहुत से पॉर्न वीडियोस थे….जो कैफ़ लेंग्टी भी थे...पर मैने उन्हे हिडन फोल्डर मे डाल दिया.

मैने अपने पीसी को ऐसी जगह सेट किया…जहाँ से मुझे कंप्यूटर की स्क्रीन किचन की दीवार मे बनी हुई छोटी सी विंडो से सॉफ नज़र आए…..जो रूम मे खुलती थी…


अगली सुबह उठा तो मेरे दिमाग़ में मेरा प्लान एक दम सॉफ था….सुबह वीना मुझे नाश्ता दे गयी….सनडे का दिन था इसलिए छुट्टी थी….11 बजे वीना ऊपर आ गयी.. और मेरे पास आकर खड़ी हो गयी…..उसकी बातों से पता चला कि, कमलेश 1 घंटा पहले ही अपने दोस्त के पास चला गया था….सनडे का दिन था…इसलिए दारू पीना तो बनता था….

वीना: आज तो सनडे है अगर आप कोई काम ना हो तो अनु को भेजू आपके पास…

मे: हां भेज दो वैसे भी सनडे है….थोड़ा टाइम ज़्यादा सिखा दूँगा….

वीना: ठीक है मे उसे भेजती हूँ….

वीना नीचे चली गयी…मे वहाँ खड़ा इंतजार करता रहा…थोड़ी देर बाद वीना अनु के साथ ऊपर आई…अनु ने स्काइ ब्लू कलर का सलवार कमीज़ पहना हुआ था…उसके कमीज़ मे ऊपर नीचे हो रही उसकी जवानी को देखते ही मेरा लंड पेंट मे फूलने लगा था….दोनो दीवार के पास आकर खड़ी हो गयी…”अच्छा अब जा ध्यान से समझना…और अगर समझ मे ना आए तो दोबारा पूछा लेना…” अनु ने हां मे सर हिला दिया…मे रूम की तरफ चला गया…पीछे से अनु दीवार फाँद कर मेरे घर की छत पर आ गयी…और मेरे पीछे रूम मे आ गयी,…..

मे कंप्यूटर ऑन कर चुका था….मेने अनु की तरफ देखा जो मेरे पीछे खड़ी थी…”अर्रे खड़ी क्यों हो…बैठो ना….वो चेयर यहाँ खिसका लो…” मेरी बात सुन कर अनु ने चेयर खिसका ली और कंप्यूटर टेबल के सामने करके बैठ गयी…मैने उसको समझाना शुरू किया….कंप्यूटर कहाँ से स्टार्ट होता है….ऑफ कैसे किया जाता है..डेस्कटॉप पर बने हुए आइकॉन्स के बारे मे….हार्ड डिस्क और उसकी पार्टीशन्स के बारे मे….कहाँ से टाइम डेट सेट होते है…कैसे फाइल्स को फोल्डर मे रख कर सेव किया जाता है…कैसे फ्लॉडर्स को अपने हिसाब से नाम दिए जाते है…

फिर कुछ और बातें समझा कर…..उसे वल्क प्लेयर के बारे मे बताने लगा…एक दो वीडियो सॉंग प्ले करके दिखाए…जो शायद उसके लिए नयी बात थी…..कैसे क्लिप्स सेलेक्ट करते है…फिर मैने इमरान हाशमी का आशिक़ बनाया आप ने सॉंग सेलेक्ट कर दिया….दोस्तो आप तो जानते ही होंगे कि, उस सॉंग के स्टार्टिंग मे ही, जबरदस्त किसिंग सीन है….और जैसे ही वो किसिंग सीन स्टार्ट हुआ, तो अनु एक दम से सकपका गयी…उसने अपने सर को झुका लिया

…” ओह्ह्ह सॉरी….” मैने उस सॉंग को क्लोज़ करते हुए कहा……

मे उसकी तरफ देख रहा था…उसका दूध जैसे सफेद फेस एक दम से लाल हो चुका था…हालाकी वीना का रंग उसके मुकाबले सांवला था…इसलिए उसका लाल तमतमाता हुआ चेहरा देखते ही बनता था….

वो सब बता कर मैने वल्क प्लेयर क्लोज़ कर दिया….मे उसे ऐसे पेश आ रहा था….जैसे मे उसको सिर्फ़ कंप्यूटर ही सिखाना चाहता हूँ…और वो भी पूरे दिल के साथ सब समझने की कॉसिश कर रही थी….”अच्छा अनु अब तुम थोड़ी देर प्रेक्टिस करो…मे थोड़ी देर मे नहा कर आता हूँ….”
 
मेने चेयर से उठते हुए कहा….और अपना टवल उठा कर रूम से बाहर चला गया… मेरे निकलते ही वो कंप्यूटर के आगे होकर बैठ गयी….मे जानता था कि, वो उस सॉंग को दोबारा से प्ले करके ज़रूर देखेगी…इसलिए उसके बाहर देखने से पहले ही मे किचन मे घुस गया…और डोर बंद करके रूम के अंदर खुलती विंडो के पास जाकर खड़ा होगया……

जो मैने पहले से ही थोड़ी से खोल रखी थी….मैने देखा कि, कुछ देर बाद अनु अपनी चेयर से उठी….और डोर की तरफ जाकर बाहर देखने लगी…जब उसे यकीन हो गया कि, मे बाथरूम मे घुस चुका हूँ…वो फिर से कंप्यूटर के सामने आकर बैठ गयी….ये सब करते हुए वो बहुत घबराई हुए लग रही थी…मैने वॉल्यूम पहले से बहुत लो सेट कर रखा था…उसने वल्क प्लेयर ऑन किया…और फिर से वो सॉंग लगा कर देखने लगी….अनु की पीठ मेरी तरफ थी….इसलिए मे उसके फेस के एक्सप्रेशन नही देख पा रहा था….

पर जवान लौंडिया जब ऐसे हॉट किसिंग सीन्स देखे गी तो उसकी चूत तो गीली होगी ही ना….वो बार-2 डोर से बाहर भी देख रही थी….जब वो फेस घुमा कर डोर की तरफ देखती तो उसके तमतमाता हुआ फेस मुझे दिखाई दे जाता….सॉंग पूरा देखने के बाद, उसने उत्सुकता वश दूसरी क्लिप्स को प्ले करके देखना शुरू कर दिया….उस फोल्डर मे 8-9 वीडियोस क्लिप्स ही थी…और उनमे से एक 3 मिनिट की पॉर्न वीडियो भी थी….

और जैसे ही उसने उस क्लिप को ओपन किया, उसमे एक औरत सोफे पर बैठी हुई, एक आदमी के लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी….ये देखते ही अनु एक दम से घबरा गयी. उसने वल्क प्लेयर क्लोज़ कर दिया….और फिर घबराते हुए डोर से बाहर की तरफ देखा.. वो कशमकश मे थी….थोड़ी देर बाद उसने फिर से वही क्लिप स्टार्ट की और उसे देखने लगी….आज वो पहली बार चुदाई के दृश्य को अपनी आँखो से देख रही थी….मे यकीन के साथ कह सकता हूँ….कि अनु उस क्लिप को देख कर एक दम गरम हो चुकी थी…मुझे पीछे से उसका हाथ उसकी जाँघो के बीच मे हिलता हुआ नज़र आ रहा था….ये सोच कर के अनु सलवार के ऊपर से अपनी चूत को मसल रही है….

मेरा लंड भी मेरे शॉर्ट्स मे एक दम अकड़ गया था…उसने वल्क प्लेयर बंद कर दिया….थोड़ी देर बाद मे बाथरूम मे गया…दो मिनिट शवर के नीचे खड़ा हुआ और फिर अंडरवेर पहन कर कमर पर टवल लपेट कर रूम मे आ गया.. कदमो की आहट सुन कर उसने अपना फेस घुमा कर डोर की तरफ देखा…जैसे ही उसकी नज़र मेरे ऊपर नंगे बदन पर पड़ी, उसने शरमाते हुए नज़रें झुका ली. 

मे: तो अनु कैसा चल रहा है…कोई प्राब्लम तो नही है….

मेने अपने अलमारी से कपड़े निकालते हुए कहा…”ना ना नही सर….” उसने काँपती हुई आवाज़ मे कहा

…”सर….? मे कब से तुम्हारा सर बन गया…वो मेरे बात सुन कर चुप कर गयी….मेने अपने कपड़े पहने और उसके पास आकर बैठ गया….फिर उसको थोड़ी और प्रॅक्टीस करवाई…1 घंटा बीत चुका था….”आज के लिए इतना ही बहुत है….” मैने अनु की चुचियों को उसकी कमीज़ के ऊपर से घुरते हुए कहा…..

अनु: जी…..

मे: देखो अनु तुम्हारी मम्मी तुम्हारी कितनी फिकर करती है…जो भी मे सिखाऊ उसे ध्यान से सीखना….कहीं ये ना हो तुम्हारी मम्मी मुझे ताना दें, कि मेने उनके बेटी को अच्छे से सिखाया नही….

अनु: जी….

मे: हां वैसे अगर तुमने ध्यान से नही सीखा तो मे तुम्हे सज़ा भी दे सकता हूँ….(मेरी बात सुन कर अनु ने मेरी तरफ देखा….)

मे: स्कूल मे जब कोई ग़लती होती है….तो सज़ा मिलती है ना….?

अनु: (हां मे सर हिलाते हुए) जी….

मे: तो फिर ध्यान से सीखना…कही मुझे अपना डंडा ना निकालना पड़े…

मैने अपने पेंट के ऊपर से अपने लंड को मसालते हुए कहा…..ये बात अनु ने भी नोटीस की, क्योंकि उसी पल अनु के चेहरे का रंग फिर से लाल हो गया था…”ठीक है समझ गयी ना…” मैने उसकी आँखो मे झाँकने की कॉसिश करते हुए कहा…

“जी…” उसने मेरी तरफ देखा और फिर से सर को झुका लिया…..

मे: अच्छा अब तुम जाओ…..कल स्कूल के बाद खाना खा कर आ जाना…..

उस दिन सनडे था…..इसलिए कमलेश की छुट्टी थी….इसलिए उस दिन भी कुछ नही हुआ…..अगले दिन अनु दोपहर को आ गयी….मैने उसको कुछ और प्रॅक्टीस करवाई…और फिर उसे खुद प्रॅक्टीस करने को कहा….”अच्छा अब तुम खुद करके देखो…मे ज़रा बाहर जा रहा हूँ…बाहर से गेट लॉक कर दूँगा…जब तुम्हारी प्रॅक्टीस ख़तम हो जाए तो पीसी ऑफ कर देना….और डोर बंद करके चली जाना…..”

अनु: जी…..

उसके बाद मे नीचे आया और फिर बाहर से गेट लॉक करके अपने दोस्त के पास चला गया….पर मैने अनु के आने से पहले ही अपने मोबाइल का कॅम ऑन करके कंप्यूटर के पीछे बनी सेल्फ़ पर ऐसे रख दिया था….कि उसको दिखाई ना दे…मैने उसमे से अपने सिम भी निकाल ली थी…और दूसरे फोन मे डाल ली थी…ताकि उस पर फोन ना आए….और मेरा सारा किया धरा मिट्टी मे मिल जाए….

मे दो घंटे बाद जब वापिस आया तो, देखा ऊपर के रूम का डोर बंद था…मैने डोर खोला और जल्दी से अपने छुपाए हुए मोबाइल को निकल कर वीडियो सेव की और फिर उसे लेकर बेड पर लेट कर देखने लगा…उस शूट हुई क्लिप्स मे मुझे अनु की फ्रंट साइड सॉफ नज़र आ रही थी….क्योंकि मोबाइल मैने पीसी के पीछे रखा था.. इसलिए वो पीसी मे क्या कर रही थी….वो मे देख नही पा रहा था…पर पीसी की ओर देखते हुए उसके चेहरे के हाव भाव लगतार बदल रहे थे….करीब 15 मिनिट बाद उसका हाथ उसकी जाँघो के बीच मे चला गया….

और वो पीसी की तरफ देखते हुए, धीरे-2 अपनी सलवार के ऊपर से अपनी चूत को सहला रही थी…उसकी आँखे मदहोशी मे बंद होने लगी थी…धीरे-2 उसका हाथ सलवार के ऊपर से चूत पर और तेज़ी से चलने लगा था….और जब उससे बर्दास्त नही हुआ तो, उसने अपनी सलवार का नाडा खोल कर अपने हाथ को सलवार के अंदर डाल दिया और अपनी चूत को तेज़ी से सहलाने लगी….अनु ने अपनी सलवार का नाडा तो खोला था…पर उसने अपनी सलवार को नीचे नही सरकाया था…इसके कारण मे उसकी चूत तो नही देख पाया था….पर उसके हावभाव देख कर मेरा लंड पेंट फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो रहा था…

मैने अपने लंड को पेंट से निकाल लिया और उस क्लिप को देखते हुए तेज़ी से अपने लंड को हिलाने लगा….”आह उम्ह्ह्ह श्िीीई ओह…” वो सिसक रही थी.,…उसकी सिसकने की आवाज़ मे उस वीडियो मे सॉफ रेकॉर्ड हो चुकी थी….इधर मेरे लंड ने भी उसकी सिसकियाँ सुन कर वीर्य की पिचकारियाँ छोड़ना शुरू कर दिया था….उस रात को क्या करना था…मैने अपना प्लान तैयार कर लिया था….सिर्फ़ यही दुआ कर रहा था कि, आज कमलेश रात को ड्यूटी पर चला जाए….नही तो मेरा प्लान एक दिन और टल जाता….
 
मैने अपने लंड को पेंट से निकाल लिया और उस क्लिप को देखते हुए तेज़ी से अपने लंड को हिलाने लगा….”आह उम्ह्ह्ह श्िीीई ओह…” वो सिसक रही थी.,…उसकी सिसकने की आवाज़ मे उस वीडियो मे सॉफ रेकॉर्ड हो चुकी थी….इधर मेरे लंड ने भी उसकी सिसकियाँ सुन कर वीर्य की पिचकारियाँ छोड़ना शुरू कर दिया था….उस रात को क्या करना था…मैने अपना प्लान तैयार कर लिया था….सिर्फ़ यही दुआ कर रहा था कि, आज कमलेश रात को ड्यूटी पर चला जाए….नही तो मेरा प्लान एक दिन और टल जाता….

मे रात का बेसबरी से इंतजार कर रहा था…मेने उस क्लिप को अपने कंप्यूटर के हिडन फोल्डर मे सेव कर लिया और मोबाइल से डेलीट कर दिया….रात के 8 बजे वीना ऊपर आई, उसके चेहरे पर ख़ुसी देखते ही मे समझ गया था कि, आज कमलेश ड्यूटी पर गया है….उसने मुझे रात को 9 बजे नीचे आने के लिए कहा…..और फिर वो नीचे चली गयी…

मे ठीक 9 बजे दीवार फाँद कर नीचे चला गया….जब मे नीचे पहुँचा तो अनु किचन के सामने चारपाई पर बैठी हुई थी…जैसे ही हम दोनो के नज़रें मिली तो वो शरमा कर मुस्कराने लगी…मैने उसके तरफ देखते हुए, अपने शॉर्ट्स के ऊपर से अपने लंड को मसल दिया…उसने शरमाते हुए नज़रें झुका ली…

.वीना किचन से बाहर आई, और मेरी तरफ देखते हुए बोली…”आप अंदर चलिए मे खाना लेकर आती हूँ…मे रूम के अंदर आ गया….और पैरो मे डाली हुई चप्पल उतार कर चारपाई पर बैठ गया…

थोड़ी देर बाद वीना खाना लेकर आ गयी….मे खाना खाने लगा और वीना मेरे पास बैठ गयी…..”आज इसकी चारपाई बाहर लगवा दी है….” वीना ने बाहर बैठी अनु की तरफ देखते हुए कहा….”क्यों क्या हुआ….? “ मैने वीना की तरफ देखते हुए कहा….

”इसको पता था कि, आप आने वाले हो…तभी से टीवी चला कर सामने बैठ गयी थी…अभी बित्ते भर की हुई नही है….और अभी से इन सब मे दिलचस्पी लेने लगी है. कल जब स्कूल गये थी…तो इसकी टीचर भी बोल रही थी कि, क्लास मे सो गयी थी दो दिन पहले….” 

मे: छोड़ो भी….अगर उसकी चूत मे आग लगी है तो, उसे और सुलगने दो ना…

वीना: तुषार आपके इरादे मुझे नेक नही लगते….कही आपकी नज़र मेरे बच्ची पर तो नही है…?

मे: (कुछ देर सोचने के बाद) अगर हो तो…..?

वीना: (मुँह बनाते हुए) तो मुझसे बुरा कोई ना होगा…कहे देती हूँ….

मे: तुम्ही तो कल कह रही थी कि, तुम्हे डर लगा रहता है कि, कहीं वो किसी को बता ना दे…..

वीना: हां कहा था….और ये बात सच भी है….उसका व्यवहार बहुत बदल गया है आज कल…

मे: तभी तो कह रहा हूँ…..मेरे जान अगर इस चिड़िया को काबू मे रखना है तो इसके पंख भी कतरने पड़ेंगे तुम्हे….

वीना: आप कहना क्या चाहते है….?

मे : अगर तुम कहो तो इसके पंख मे कतर देता हूँ….फिर तुम्हारी और उसकी दोनो की ऐश हो जाएगी…..

वीना: और अगर कुछ गड़बड़ हो गयी और उसने हल्ला कर दिया तो….

मे: वो तुम सब मुझ पर छोड़ दो….और देखो मे क्या करता हूँ…..अच्छा अब उसे जाकर बोल दो कि वो अंदर सो सकती है….

वीना: ये आप क्या कह रहे है….?

मे: जो कह रहा हूँ वो करो…..देखना तुम्हारी जिंदगी को रंगीन बना दूँगा….

मेने खाना खाया और बाथरूम मे चला गया….जब मे बाहर आया तो देखा अनु बाहर नही थी…अंदर से टीवी चलने की आवाज़ भी आ रही थी….मे रूम मे गया तो देखा अनु चारपाई पर बैठी हुई थी…उसने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर मुस्कराते हुए शरमा कर नज़रें झुका ली….वो जानती थी कि, अब उसकी माँ चुदने वाली है…जब स्टोर रूम मे पहुँचा तो देखा आज स्टोर रूम एक चारपाई लगी हुई थी. 

अंदर हालाकी रोशनी आ रही थी…और वीना चारपाई पिंक कलर के नाइटी मे बैठी हुई थी….शायद उसने मेरे बाथरूम मे जाने के बाद पहन ली थी….मेने अपने शॉर्ट्स के पॉकेट से अपना मोबाइल निकाला और उसकी फ्लश लाइट ऑन करके वीडियो रेकॉर्डिंग भी चालू कर दी…..फ्लश लाइट की रोशनी सीधे जाकर जैसे ही वीना के फेस से टकराई तो उसने मेरी तरफ देख कर मुस्कराते हुए कहा….”तुषार ये क्या है…” मैने मोबाइल को टेबल पर रखा और अपना शॉर्ट और अंडरवेर दोनो उतार दिए….मेरा लंड तो पहले से ही लोहे की रोड की तरह खड़ा था…..

मे: वो यहाँ पर अंधेरा है ना…..इसलिए मोबाइल टॉर्च ऑन करी है…..?

वीना: क्यों अंधेरे मे भी तो होता है ना….उस दिन भी तो ऐसे ही किया था..

मे: हां किया था….पर मुझे आज तुम्हारा सब कुछ उजाले मे देखना है….

वीना: (शरमाते हुए) धत्त देख कर क्या करोगे…..

मे: तुम्हारी बुर देखूँगा….देखूँगा के तुम्हारी बुर मे मेरा लंड कैसे जाता है…

वीना: (शरमा कर मुस्कराते हुए) आप बहुत बेशरम हो…..

मे: अगर मे बेशरम ना होता तो आज तक तुम्हारी बुर ना चोद पाया होता…..

मैने अपना मोबाइल से फिर उठा लिया….और उस चारपाई की तरफ बढ़ने लगा….उस फ्लश लाइट की रोशनी मे वीना का साँवले रंग का जिस्म बहुत ज़्यादा चमक रहा था… जैसे ही मे उसकी तरफ बढ़ा….वीना पीछे की तरफ धीरे-2 लेट गयी….उसकी पिंक कलर की नाइटी उसके घुटनो तक ऊपर चढ़ि हुई थी….जो सब हो रहा था..वो मोबाइल मे रेकॉर्ड होता जा रहा था….मैने उसकी जाँघ पर हाथ रखते हुए उसकी नाइटी को धीरे-2 ऊपर सरकाना शुरू कर दिया….

उसने अपने बाजू से अपने चेहरे को ढक रखा था….जैसे ही उसकी नाइटी उसकी कमर तक ऊपर उठी….और उसकी चूत बेपर्दा हुई, तो उसने शरमा कर करवट बदल ली..और फिर पेट के बल लेट गयी….आज मे पहली बार उसके बाहर की तरफ निकले हुए सुडोल चुतड़ों को पूरी लाइट मे देख रहा था….मैने उसके चुतड़ों पर अपने हाथ की हथेली रखते हुए धीरे सहलाना शुरू कर दिया….”श्िीीईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” वीना एक दम से सिसक उठी…..
 
जैसे ही मेरे ठंडे हाथ उसके चुतड़ों पर लगे….उसका पूरा बदन कांप गया…मैने फिर उसी हाथ से उसकी नाइटी के स्ट्रॅप्स को पकड़ कर उसके कंधो से सरकाते हुए उसकी बाहों से निकाल दिए….उसकी चुचियाँ भी अब बाहर आ चुकी थी….पर चारपाई पर बिछाए हुए बिस्तर पर धँसी हुई थी…मैने वीना की जाँघो को फैलाया और खुद उसकी जाँघो के बीच मे बैठ गया….और फिर उसे हाथ से गाइड करते हुए, धीरे-2 डॉगी स्टाइल मे ले आया…..वीना भी मेरे हाथ के इशारे से डॉगी स्टाइल मे आ चुकी थी…..

मेरे एक हाथ मे मोबाइल था…इसलिए मे सिर्फ़ एक हाथ का इस्तेमाल कर सकता था…इस बात से अंज़ान वीना भी मेरा पूरा साथ दे रही थी….कि रोशनी के बहाने मे सब कुछ रेकॉर्ड कर रहा हूँ….मैने अपने खाली हाथ से वीना की चूत की फांको को पकड़ कर फैला दिया…उसकी चूत का छेद और फांके दोनो ही उसकी चूत से निकल रहे गाढ़े पानी से लबरेज थी….”ओह्ह वीना तुम्हारी चूत तो पहले से बहुत गीली है…..देख साली कैसे पनियाई हुई है…..” मैने अपनी एक उंगली को वीना की चूत मे घुसा दिया….वीना मस्ती मे एक दम से सिसक उठी…..”शीईइ इओह्ह्ह्ह तुषार जी…. ये मुई तो शाम से पनिया रही है….” मैने धीरे-2 अपने उंगली को वीना की चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….”क्यों शाम से क्यों पानी छोड़ रही है तेरी बुर ? “ 

वीना अब मदहोश होती जा रही थी…..”आपके लंड को याद करके…” वीना ने सिसकते हुए कहा….”तो घुसा दूं तुम्हारी बुर मे….”

वीना: हाआँ जल्दी कीजिए ना….शाम से बहुत खुजला रही है…..

मैने वीना की फांको के बीच अपने लंड के सुपाडे को सेट किया….और धीरे-2 लंड के सुपाडे को उसकी चूत के छेद पर दबाने लगा….अगले ही पल वीना की चूत ने लंड के सुपाडे को चूम कर अंदर ले लिया….वीना ने खुद ही अपनी गान्ड को पीछे की और धकेलना शुरू कर दिया…मेरे लंड का सुपाडा उसकी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुसता चला गया…और कुछ ही पॅलो मे मेरा पूरा साढ़े 7 इंच का लंड वीना की चूत की गहराइयों मे समा गया….

वीना: ओह्ह्ह्ह तुषार रुक क्यों गये जी आप….पेलिए ना मेरी बुर को….

वीना ने अपनी गान्ड को धीरे-2 हिलाते हुए कहा….मैने अपने लंड को सुपाडे तक वीना की चूत से बाहर निकाला और फिर कुछ पालों बाद ज़ोर दार धक्का मार कर एक ही बार मे अपना पूरा लंड उसकी चूत की गहराइयों मे उतार दिया…..”ओह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईई हइई तुषार जी बहुत मज़ा आता है……ज ज जब अपना लंड मेरी बुर मे ठोकते हो….”

मैने वीना की गान्ड को सहलाते हुए फिर से अपने लंड को धीरे-2 बाहर निकालना शुरू कर दिया…..और इस बार अपना पूरा लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया…फिर चारपाई से खड़ा होकर वीना के फेस के पास आकर खड़ा हो गया…वीना अभी भी वैसे ही डॉगी स्टाइल मे थी….उसने फेस उठा कर मेरी तरफ देखा….तो मैने अपना एक पैर उठा कर चारपाई पर रखते हुए अपने लंड को उसके होंठो के पास लेजाते हुए कहा…

मे: देख वीना तेरी बुर के पानी से मेरा लंड कैसे गीला हो गया है….
 
मैने वीना की गान्ड को सहलाते हुए फिर से अपने लंड को धीरे-2 बाहर निकालना शुरू कर दिया…..और इस बार अपना पूरा लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया…फिर चारपाई से खड़ा होकर वीना के फेस के पास आकर खड़ा हो गया…वीना अभी भी वैसे ही डॉगी स्टाइल मे थी….उसने फेस उठा कर मेरी तरफ देखा….तो मैने अपना एक पैर उठा कर चारपाई पर रखते हुए अपने लंड को उसके होंठो के पास लेजाते हुए कहा…

मे: देख वीना तेरी बुर के पानी से मेरा लंड कैसे गीला हो गया है….

वीना अपनी चमकती हुई आँखो से मेरे लंड को देखने लगी….मैने एक हाथ से उसके सर को पकड़ कर उसके होंठो को अपने लंड पर झुकाना शुरू कर दिया…वीना ने सवालिया नज़रों से मेरी तरफ देखा…..”जान इसे मुँह मे लेकर चाटो ना…” वीना ने एक बार मेरे लंड को देखा और फिर मेरे तरफ देखते हुए बोली… “च्ीी मुझे नही लेना इसे मुँह मे….”

मे: प्लीज़ जान चाटो ना….

वीना: उससे किया होगा…?

मे: मुझे अच्छा लगेगा….प्लीज़ चाटो ना….इसे प्यार करो…देखो ये तुम्हारी बुर की खुजली मिटाता है ना….तुम्हे मज़ा देता है ना…तो इसको प्यार करना तुम्हारी ज़िम्मेवारी है….

वीना ने एक बार मेरी आँखो मे झाँका और फिर मेरे लंड के करीब अपने होंठो को लाते हुए, उसे अपने रसीले होंठो मे भर लिया….उसने बुरा सा मुँह बना लिया था.. पर शायद मेरा दिल रखने के लिए, उसने लंड को चुप्पे लगाने शुरू कर दिए थे. “अहह ऑश श्िीीईई वीना तुम कमाल का लंड चुस्ती हो ओह्ह्ह्ह मज़ा आ गया…” मैने वीना के सर को पकड़ कर अपने लंड उसके मुँह मे धकेलते हुए कहा…

मेने देखा कि वीना भी पूरे जोश और मस्ती मे आकर मेरे लंड के सुपाडे को अपने होंठो से दबा-2 कर चूस रही थी….उसने कुछ ही देर मे मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाल दिया….मैने उसकी नाइटी पकड़ कर उसके बदन से अलग कर दी….और वीना को पीठ के बल लेटने के लिए कहा….

वीना चारपाई के किनारे पर पीठ के बल लेट गयी….मैने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर वीना की तरफ देखते हुए कहा….”चल अब अपनी बुर खोल कर रास्ता दिखा…” 

तो वीना ने शरमाते हुए अपने दोनो हाथों से अपनी चूत की फांको को पकड़ कर फैला दिया….उसकी छूत का छेद सच मे बहुत गीला था….मैने अपने लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर सेट करते हुए एक ज़ोर दार धक्का मारा…तो लंड का सुपाडा फिर से उसकी चूत की दीवारों को चीरता हुआ अंदर जा घुसा…

वीना: श्िीीईई त तुषार ओह्ह्ह्ह हाईए एब्ब ब्स्स्स पेल दीजिए…..

वीना ने लगभग अपनी कमर को उछालते हुए कहा…और इस बार मैने भी बिना कोई देर किए, अपने लंड को जितना हो सकता था उतनी तेज़ी से उसकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….उसकी चुचियाँ मेरे हर धक्के के साथ ऊपर नीचे हिल रही थी…और वो आँखे बंद किए हुए, अपनी टाँगो को उठा कर फैलाए हुए मेरे लंड को अपनी चूत की गहराइयों मे महसूस करके मस्त होती जा रही थी….

वासना का तूफान ऐसा उठा था कि, हम दोनो को कोई होश नही था…चारपाई के चरमाने की आवाज़ उस शांत माहौल मे गूँज रही थी…मेरी जांघे लगतार वीना के चुतड़ों से टकरा कर थप-2 आवाज़ कर रही थी….”आहह चोदिये ना और ज़ोर से चोदिये…आह अह्ह्ह्ह ओह अनु के पापा से तो अह्ह्ह्ह कुछ नही होता अह्ह्ह्ह आ मेरी बुर आहह कूट दीजिए आहह….और अंदर घुसाइए ना…अह्ह्ह्ह फाड़ दीजिए….ओह्ह्ह तुषार आपका लंड अहह मेरी अह्ह्ह्ह मेरी बुर अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह तुषार…”

वीना अब पागलो की तरह सिसक रही थी….मेरा जोश ये सोच-2 कर और बढ़ रहा था कि, बाहर बैठी अनु किस तरह से अपनी माँ की चुदाई की मस्ती भरी आवाज़ सुन कर अपनी चूत को मसल रही होगी….”हाई तुषार अह्ह्ह भर दीजिए मेरी बुर को अह्ह्ह चोदिये ना पानी हाई मेरी बुर तो दूसरी बार झड़ने वाली है…..

ये सुन कर मे और जोश मे आ गया…और पूरी रफतार से अपने लंड को वीना की चूत के अंदर बाहर करने लगा….”अह्ह्ह्ह ले साली ले मेरे लंड का पानी पिला दे अपनी चूत को अहह अह्ह्ह्ह…..” मे एक दम से घुरते हुए झड़ने लगा….वीना मेरे साथ दूसरी बार झड चुकी थी….मेने अपने लंड को बाहर निकाला और फिर उस क्लिप को सेव करके मोबाइल ऑफ करके शॉर्ट्स के पॉकेट मे रख लिया….

उस रात मेने वीना को 4 बार चोदा…उसकी सिसकारियाँ पूरी रात स्टोर रूम मे गूँजती रही थी….अगली सुबह मे जल्दी उठ कर अपने घर पर चला गया था….मैने उस क्लिप्पिंग को अपने पीसी मे स्टोर करके, मोबाइल डेलीट कर दिया….अनु जानती थी कि, उसकी माँ मुझसे रात भर चुदवाती रही है….इसलिए जब दोपहर को छत से होकर रूम मे आए, तो वो मुझसे नज़रें मिलाते हुए शरमा रही थी…मैने पीसी ऑन किया, और वो भी मेरे पास आकर चेयर पर बैठ गयी…..मैने जिस फोल्डर मे सॉंग्स और एक पॉर्न क्लिप रखी थी…..उसमे कुछ और पॉर्न वीडियोस डाल दिए थे…..

मेने कुछ देर उसको बैठ कर समझाता रहा…..और फिर उसे कहा कि, मे नहाने जा रहा हूँ….तुम प्रॅक्टीस करो…..उसके बाद मे उठ कर बाथरूम मे आ गया….मुझे पूरा यकीन था कि, वो फिर से उस फोल्डर्स के आइटम को चेक करेगी और देखेगी भी. मे करीब 15 मिनिट बाद रूम मे वापिस गया….और उसके पास बैठते हुए बोला…

मे: ह्म्म अब तक मे जो तुम्हे समझा रहा हूँ….वो समझ तो आ रहा है ना….?

अनु: जी…..

मे: देख लो कहीं मेरे नाक मत कटवा देना…..

ये कहते हुए, मैने जैसे ही मेनू मे जाकर वल्क प्लेयर के ऊपर माउस के पॉइंट को क्लिक किया तो, उसमे प्ले हुई सभी वीडियोस की हिस्टरी सामने आ गयी….जिसे शायद वो समझ नही पे थी….मैने उसकी तरफ देखा और थोड़ा सा अपने चेहरे पर गुस्से वाले भाव लाते हुए बोला….”जब मे नहाने गया था, तो तुम क्या कर रही थी…..”

अनु: (थोड़ा सा घबराते हुए) जी वो मे जो आपने समझाया वही प्रॅक्टीस कर रही थी.

मे: मुझे बेवकूफ़ समझती हो क्या…? तुम्हे पता है, कंप्यूटर मे तुमने कुछ देर पहले क्या किया उसकी सारी हिस्टरी निकल आती है….

अनु: (ना मे सर हिलाते हुए) नही…..

मे: ये देखो तुम ये वीडियोस देख रही थी ना…..(मैने उनमे से एक पॉर्न वीडियो को प्ले करते हुए कहा तो, उसने घबराते हुए अपने सर को झुका लिया….)

मे: यही सब देख रही थी ना तुम…..देखो मुझे पता चल गया है तुम क्या कर रही थी…..

अनु: सॉरी वो मुझसे ग़लती हो गयी….
 
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