hotaks444
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"कार नंबर एमएच 01 सीसी 8766.. ब्लॅक होंडा" कहके भारत ने फोन कट किया और अपने सब आरएम'स को भी कॉल करने लगा.. सब आरएम'स एक एक कर उसके सामने आ गये और भारत सबसे बातों में उलझा. करीब 7.15 सब गेस्ट्स आना शुरू हुए और सीएस टीम ने सब को रिसेव करना स्टार्ट किया.... भारत अब तक आदि को नहीं ढूँढ पाया था, और आदि उसके कॉल भी नहीं उठा रहा था.. जैसे ही भारत ने अपना फोन रखा, उसकी नज़र सामने की लिफ्ट में गयी.. लिफ्ट खुलते ही हुस्न की परी उसके सामने आ गयी.. भारत उसे देख खो सा गया.. उसे शब्द नहीं मिल रहे थे उस हुस्न को लफ़ज़ो में बताने के लिए. काफ़ी दिन हुए भारत को किसी लड़की के साथ फ्लर्ट किए हुए, इसलिए उसने एक चान्स लिया और आगे बढ़ गया...
"हेलो लव्ली लेडी.. लुकिंग गॉर्जियस.." भारत ने अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा
"विश आइ कुड से सेम फॉर यू गाइ.." लड़की ने इतरा के जवाब दिया
"क्या मैं आपका नाम जान सकता हूँ " भारत ने फिर उस लड़की का हाथ पकड़ के कहा
"उम्म... शालिनी वेर्मा.. आंड हब्बी कंट्रोल प्ल्स ओके..." कहके शालिनी उससे अलग हुई, बट दूर नहीं हुई
"हाए मेरी जान तुम दिख ही ऐसी रही हो... क्या करूँ"
"उम्म्म.. मेरे हब्बी.. कंट्रोल, वैसे हमारी टीम की कुछ लड़कियाँ भी तुम्हे ही देख रही है.. ड्रेसिंग तो ऐसे की है जैसे बहुत बड़े प्लेयर हो हाँ... खबरदार जो कुछ किया तो" शालिनी ने उसे मज़ाक में कहा..
"अहहा.. डोंट वरी बीवी.... यह काम निपटने दो.. हमारा हनिमून जब होगा फ्लोरिडा और बहामास में, ट्रस्ट मी.. मैं कुछ नहीं पहनुंगा" कहके भारत ने आँख मारी और शालिनी से बातें करने लगा.. करीब 10 मिनट में सब गेस्ट्स आ गये.. आदि भी आ गया, जिसे देख भारत की जान में जान आई.. जैसे सब प्लान था, प्रेज़ेंटेशन्स स्टार्ट हुई, और सब क्लेंट्स की नज़रें, प्रेज़ेंटेशन के बदले, शालिनी की टाँगो पे ही थी.. शालिनी को भी यह पता चला, पर उसने अपने काम पे ध्यान दिया... प्रेज़ेंटेशन के वक़्त सब को ड्रिंक्स भी सर्व हुई... जैसे ही प्रेज़ेंटेशन ख़तम हुई, उस वक़्त शुरू हुई भारत की असली परीक्षा.. जैसे ही सब क्लाइंट्स को बताया गया नो मोबाइल ज़ोन के बारे में काफ़ी लोगों ने मना किया मोबाइल फोन्स देने को.. एक पल के लिए भारत को लगा के उसका प्लान सब पानी में गया..
"प्लीज़ मैं आप लोगों से रिक्वेस्ट कर रहा हूँ.. आपके मोबाइल फोन्स सुरक्षित रखेंगे यहाँ के लॉकर्स में.. आंड ट्रस्ट मी, आप लोग एक बार नो मोबाइल ज़ोन में आएँगे, आप अपने मोबाइल फोन्स भूल जाएँगे.. आंड डोंट वरी. आपके फोन्स के आगे आपके नेम का टॅग भी रहेगा.. मोबाइल फोन खोने की बात ही छोड़िए, कहीं मिसप्लेस भी नहीं होगा फोन.. यह बॅंक की ज़िम्मेदारी है.. " भारत ने सब क्लाइंट्स से कहा और सब की सहमती पाके उसने होटेल के 2-3 बन्दो को काम पे लगाया... नो मोबाइल ज़ोन कुछ ऐसा बना हुआ था जहाँ अलग अलग टेबल्स बने हुए थे डिज़ाइनर्स, जिसमे बोर्ड गेम्स के साथ साथ, काफ़ी हॉट पिक्चर्स भी प्लेस किए हुए थे.. और हर एक क्लाइंट को हॅंडल करने के लिए सबसे हॉट लड़कियाँ रखी गयी थी.. अकाउंट होल्डर्स अपने मोबाइल भूल बस उन लड़कियों के साथ बातें करने में ही लग गये.. क्यूँ कि यह एक रिप्यूटेड बॅंक का आयोजन था, सब क्लाइंट्स बस उधर रखी गयी कुछ गेम्स में और खाने पीने में लगे हुए थे.. कुछ लड़कियाँ जिनसे रहा नहीं गया, उन्होने अपने नंबर्स भी एक्सचेंज किए क्लाइंट्स के साथ, इस उम्मीद में की शायद कुछ किस्मत में आ जाए...
करीब आधे घंटे तक क्लाइंट्स को गेम्स में बिज़ी रखा गया.. इस बीच भारत ने होटेल के वेटर्स को कुछ पैसे देके उस लॉकर के वहाँ से रफ़ा दफ़ा किया जहाँ मोबाइल रखे हुए थे.. मौका पाते ही, भारत का एक आदमी चुपके से आया उसके साथी के साथ और मोबाइल के कार्ड्स निकाल के क्लोंनिंग करने लगे.. बंदे एक्सपर्ट्स थे, 40 सिम कार्ड्स क्लोन करने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगा.. क्लोंड सिम कार्ड्स उन्होने भारत को दिए, और ओरिजिनल सिम कार्ड्स वापस मोबाइल में डाल के वहाँ से खिसक गये.. भारत ने वक़्त देखा तो शाम के 9 बजे थे, और शालिनी अपनी टीम के साथ बैठी हुई थी... भारत ने आगे बढ़ के उनकी टीम को कहा, के प्रोग्राम को आगे बढ़ाया जाए.. करीब 10 मिनिट में नो मोबाइल ज़ोन का ड्रामा ख़तम हुआ और सब को डिन्नर सर्व किया गया.. हर एक क्लाइंट से जाके भारत पर्सनली मिला और अपने आरएम'स को लगा दिया उनके काम पे.. जैसे जैसे वक़्त बढ़ता गया, भारत मौका पाते ही हर क्लाइंट के पास जाता और उन्हे इनवेस्टमेंट के फ़ायदे समझाता.. जहाँ क्लाइंट ज़्यादा आना कानी करता, वहाँ भारत अपना पर्सनल कार्ड पकड़ता
"सर.. यह मेरा कार्ड पढ़िए प्लीज़.." भारत ने एक क्लाइंट को कार्ड पकड़ाते हुए कहा.. क्लाइंट ने कार्ड को पढ़ा, तो कुछ देर तक वो खामोश रहा, फिर कहा
"तुम राकेश के लड़के हो.. तो फिर नौकरी क्यूँ कर रहे हो.."
"सर.. वो सवाल कभी हम आराम से सुलझायेंगे.. फिलहाल, मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहता हूँ, कि बचपन से मैने मेरे पापा से सिर्फ़ मुनाफ़ा ही सीखा है.. विश्वास रखें, आपका पैसा मेरे पैसे से कम नहीं.. आपको नुकसान ना हो यह नहीं कहूँगा, पर आपका फ़ायदा करवाना ही मेरा टारगेट है. और आप फ़िक्र ना करें.. हमारे पूरे खानदान में आज तक किसी ने नुकसान नहीं किया... " भारत की यह बात सुन एक क्लाइंट खामोश रहा , फिर कहा
"डन बेटा..... "
भारत ने अपने आरएम को बुलाया और उसे धीरे से कहा कि मॅग्ज़िमम अमाउंट लेना यहाँ से.. रात के करीब 11.30 बजे और ड्रिंक्स अभी तक सर्व हो रही थी... करीब 50 में से 35 लोगों ने भारत को इनवेस्टमेंट दिया और 5 लोगों ने अगले दिन की कमिटमेनट की... उसी वक़्त आदि भी एंटर हुआ और सीधा भारत के पास आया
"हेलो लव्ली लेडी.. लुकिंग गॉर्जियस.." भारत ने अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा
"विश आइ कुड से सेम फॉर यू गाइ.." लड़की ने इतरा के जवाब दिया
"क्या मैं आपका नाम जान सकता हूँ " भारत ने फिर उस लड़की का हाथ पकड़ के कहा
"उम्म... शालिनी वेर्मा.. आंड हब्बी कंट्रोल प्ल्स ओके..." कहके शालिनी उससे अलग हुई, बट दूर नहीं हुई
"हाए मेरी जान तुम दिख ही ऐसी रही हो... क्या करूँ"
"उम्म्म.. मेरे हब्बी.. कंट्रोल, वैसे हमारी टीम की कुछ लड़कियाँ भी तुम्हे ही देख रही है.. ड्रेसिंग तो ऐसे की है जैसे बहुत बड़े प्लेयर हो हाँ... खबरदार जो कुछ किया तो" शालिनी ने उसे मज़ाक में कहा..
"अहहा.. डोंट वरी बीवी.... यह काम निपटने दो.. हमारा हनिमून जब होगा फ्लोरिडा और बहामास में, ट्रस्ट मी.. मैं कुछ नहीं पहनुंगा" कहके भारत ने आँख मारी और शालिनी से बातें करने लगा.. करीब 10 मिनट में सब गेस्ट्स आ गये.. आदि भी आ गया, जिसे देख भारत की जान में जान आई.. जैसे सब प्लान था, प्रेज़ेंटेशन्स स्टार्ट हुई, और सब क्लेंट्स की नज़रें, प्रेज़ेंटेशन के बदले, शालिनी की टाँगो पे ही थी.. शालिनी को भी यह पता चला, पर उसने अपने काम पे ध्यान दिया... प्रेज़ेंटेशन के वक़्त सब को ड्रिंक्स भी सर्व हुई... जैसे ही प्रेज़ेंटेशन ख़तम हुई, उस वक़्त शुरू हुई भारत की असली परीक्षा.. जैसे ही सब क्लाइंट्स को बताया गया नो मोबाइल ज़ोन के बारे में काफ़ी लोगों ने मना किया मोबाइल फोन्स देने को.. एक पल के लिए भारत को लगा के उसका प्लान सब पानी में गया..
"प्लीज़ मैं आप लोगों से रिक्वेस्ट कर रहा हूँ.. आपके मोबाइल फोन्स सुरक्षित रखेंगे यहाँ के लॉकर्स में.. आंड ट्रस्ट मी, आप लोग एक बार नो मोबाइल ज़ोन में आएँगे, आप अपने मोबाइल फोन्स भूल जाएँगे.. आंड डोंट वरी. आपके फोन्स के आगे आपके नेम का टॅग भी रहेगा.. मोबाइल फोन खोने की बात ही छोड़िए, कहीं मिसप्लेस भी नहीं होगा फोन.. यह बॅंक की ज़िम्मेदारी है.. " भारत ने सब क्लाइंट्स से कहा और सब की सहमती पाके उसने होटेल के 2-3 बन्दो को काम पे लगाया... नो मोबाइल ज़ोन कुछ ऐसा बना हुआ था जहाँ अलग अलग टेबल्स बने हुए थे डिज़ाइनर्स, जिसमे बोर्ड गेम्स के साथ साथ, काफ़ी हॉट पिक्चर्स भी प्लेस किए हुए थे.. और हर एक क्लाइंट को हॅंडल करने के लिए सबसे हॉट लड़कियाँ रखी गयी थी.. अकाउंट होल्डर्स अपने मोबाइल भूल बस उन लड़कियों के साथ बातें करने में ही लग गये.. क्यूँ कि यह एक रिप्यूटेड बॅंक का आयोजन था, सब क्लाइंट्स बस उधर रखी गयी कुछ गेम्स में और खाने पीने में लगे हुए थे.. कुछ लड़कियाँ जिनसे रहा नहीं गया, उन्होने अपने नंबर्स भी एक्सचेंज किए क्लाइंट्स के साथ, इस उम्मीद में की शायद कुछ किस्मत में आ जाए...
करीब आधे घंटे तक क्लाइंट्स को गेम्स में बिज़ी रखा गया.. इस बीच भारत ने होटेल के वेटर्स को कुछ पैसे देके उस लॉकर के वहाँ से रफ़ा दफ़ा किया जहाँ मोबाइल रखे हुए थे.. मौका पाते ही, भारत का एक आदमी चुपके से आया उसके साथी के साथ और मोबाइल के कार्ड्स निकाल के क्लोंनिंग करने लगे.. बंदे एक्सपर्ट्स थे, 40 सिम कार्ड्स क्लोन करने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगा.. क्लोंड सिम कार्ड्स उन्होने भारत को दिए, और ओरिजिनल सिम कार्ड्स वापस मोबाइल में डाल के वहाँ से खिसक गये.. भारत ने वक़्त देखा तो शाम के 9 बजे थे, और शालिनी अपनी टीम के साथ बैठी हुई थी... भारत ने आगे बढ़ के उनकी टीम को कहा, के प्रोग्राम को आगे बढ़ाया जाए.. करीब 10 मिनिट में नो मोबाइल ज़ोन का ड्रामा ख़तम हुआ और सब को डिन्नर सर्व किया गया.. हर एक क्लाइंट से जाके भारत पर्सनली मिला और अपने आरएम'स को लगा दिया उनके काम पे.. जैसे जैसे वक़्त बढ़ता गया, भारत मौका पाते ही हर क्लाइंट के पास जाता और उन्हे इनवेस्टमेंट के फ़ायदे समझाता.. जहाँ क्लाइंट ज़्यादा आना कानी करता, वहाँ भारत अपना पर्सनल कार्ड पकड़ता
"सर.. यह मेरा कार्ड पढ़िए प्लीज़.." भारत ने एक क्लाइंट को कार्ड पकड़ाते हुए कहा.. क्लाइंट ने कार्ड को पढ़ा, तो कुछ देर तक वो खामोश रहा, फिर कहा
"तुम राकेश के लड़के हो.. तो फिर नौकरी क्यूँ कर रहे हो.."
"सर.. वो सवाल कभी हम आराम से सुलझायेंगे.. फिलहाल, मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहता हूँ, कि बचपन से मैने मेरे पापा से सिर्फ़ मुनाफ़ा ही सीखा है.. विश्वास रखें, आपका पैसा मेरे पैसे से कम नहीं.. आपको नुकसान ना हो यह नहीं कहूँगा, पर आपका फ़ायदा करवाना ही मेरा टारगेट है. और आप फ़िक्र ना करें.. हमारे पूरे खानदान में आज तक किसी ने नुकसान नहीं किया... " भारत की यह बात सुन एक क्लाइंट खामोश रहा , फिर कहा
"डन बेटा..... "
भारत ने अपने आरएम को बुलाया और उसे धीरे से कहा कि मॅग्ज़िमम अमाउंट लेना यहाँ से.. रात के करीब 11.30 बजे और ड्रिंक्स अभी तक सर्व हो रही थी... करीब 50 में से 35 लोगों ने भारत को इनवेस्टमेंट दिया और 5 लोगों ने अगले दिन की कमिटमेनट की... उसी वक़्त आदि भी एंटर हुआ और सीधा भारत के पास आया