Antarvasna kahani माया की कामुकता - Page 12 - SexBaba
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Antarvasna kahani माया की कामुकता

"हां बोलो, क्या हाल है.. बिज़्नेस नहीं ला रही है तुम्हारी टीम, यह क्वॉर्टर बहुत मुश्किल होगा तुम्हारे लिए" भारत ने पेपर्स देखते हुए कहा



"सर, हम काम कर रहे हैं.. डोंट वरी, आप तो ठीक हैं ना, " सामने से बंदे ने कहा



"आइम गुड, बताओ क्या न्यूज़ है" भारत ने सीधा पॉइंट पे आके कहा



"सर, कॉर्पोरेट से न्यूज़ है.. आदि जा रहा है छोड़ के, कहाँ जा रहा है पता नहीं लग पाया"



"श्योर ?" भारत ने शॉक में पूछा



"यस सर... 100 %"



"वाउ... ग्रेट... तुम चलो अपना काम करो, मैं ज़रा देखूं यह क्या है... ओके, " कहके भारत निकल गया आदि से मिलने.. भारत के इस प्रमोशन के बाद अब आदि और वो एक ही बिल्डिंग में बैठते थे. इसलिए भारत बस एक फ्लोर उपर चढ़ा और आदि की कॅबिन में नॉक किया



"कम इन प्लीज़..." अंदर से आदि ने कहा.. जैसे ही भारत अंदर गया, आदि उसे देख के बहुत खुश हुआ



"माइ बॉय.... हाउ आर यू... गुड मॉर्निंग" कहके आदि ने भारत को रिसीव किया



"हे आदि.. मॉर्निंग... " कहके भारत बेत गया और दोनो इधर उधर की बातें करने लगे...



"उ नो भारत, तुम्हारी एक चीज़ मुझे जो पसंद है वो है तुम्हारी कमिटमेनट.. तुम जिस तरह से काम करते हो, तुम जिस तरह से शालिनी से प्यार करते हो.. तुम जिस तरह से डॅड की हेल्प करते हो... सब कितना अच्छा है.. बस एक बात हमेशा याद रखना, कभी किसी का भरोसा नहीं तोड़ना भारत.. कॉर्पोरेट में यह चूहों की रेस तो लगी रहती है.. कभी कोई आगे तो कभी कोई, लेकिन जो हमेशा हमारा साथ देता है, वो होता है हमारा ज़मीर... तुम अगर किसी को चीट करोगे तो तुम्हे तुम्हारा ज़मीर अंदर ही अंदर ख़ाता रहेगा... आम प्राउड ऑफ यू, आंड लेट मी शेअर वन थिंग विद यू.. 2 मंत्स डाउन थे लाइन.. यह कॅबिन तुम्हारा होगा... आदि ईज़ गोयिंग नाउ..." आदि ने बहुत ही खुश होके यह सब बातें भारत से की.. भारत को उम्मीद नहीं थी कि आदि भारत को इतना अज़ीज़ मानता है..



"आदि.. कहाँ जा रहे हो" भारत ने सीधा सवाल पूछा



"आइ लीके इट.. तुम बिल्कुल भी वक़्त नहीं गवाते... टू बी फ्रॅंक, मैं कहीं नहीं जा रहा.. बस थोड़ी वेल्थ है अपनी, अब सोच रहा हूँ रिटाइर हो जाउ और ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त मैं अपनी बीवी के साथ बिताउ.. इस लाइफ में मैने उसे बिल्कुल वक़्त नहीं दिया यार.. वो बेचारी आज तक मुझसे शिकायत नहीं कर पाई.. लेकिन मन की बात पढ़ना हमारा काम है.. इसलिए, आइ आम कॉलिंग इट आ डे नाउ... और हां, तुम्हारे लिए एक और न्यूज़ है.. शादी का हनिमून मेरी तरफ से.. बताओ कहाँ जाना चाहते हो.. " आदि ने अपने स्पेक्स उतार के कहा



" ना आदि.. इट्स ओके, तुमने मुझे इस लायक समझा, मेरे लिए यही बहुत है.. आइम रियली टच्ड टुडे.. यह साइड मैने आज तक देखा ही नहीं था तुम्हारा.. और शायद तुम्हारी वजह से मैं भी भटकते भटकते रह गया हूँ.. थॅंक्स आ लॉट .. सी या " कहके भारत आदि की कॅबिन से निकला और सोचते सोचते अपनी कॅबिन में गया.. आज आदि का यह साइड देख के, भारत काफ़ी परेशान था.. काफ़ी टाइम से उसने शालिनी से ठीक से बात भी नहीं की थी, आज उसने सोचा उसको सर्प्राइज़ देता हूँ उसके घर जाके और वो भी चुपके




भारत अपनी कॅबिन में गया और उसने आदि से अपनी छुट्टी अप्रूव करवा ली शादी के लिए और हनिमून के लिए



"स्वीट बॉय, कल तक जवाब देना, युवर ट्रिप ईज़ ऑन मी ओके. बाइ" कहके आदि ने उसे छुट्टी दी.. छुट्टी लेके भारत सीधा शॉपिंग माल गया और वहाँ से शालिनी के लिए कुछ कपड़े, ज्यूयलरी और लिंगेरिएस लिए.. आज की रात वो शालिनी के साथ बिताना चाहता था.. शॉपिंग करके वो सीधा पुणे के लिए निकला



"डॅड, मैं पुणे जा रहा हूँ, मेरे फरन्ड ने कुछ ऑर्गनाइज़ किया है मेरे लिए.. एक छोटी पार्टी.. हां, तो कल सुबह को आ जाउन्गा मैं, कल से छुट्टी ली है ऑफीस से.. ओके बाइ" कहके भारत ने राकेश को इनफॉर्म किया और पुणे की तरफ गाड़ी बढ़ा दी.. शालिनी के घर पहुँचने से पहले, उसने रास्ते से एक महेंगी वाइन और कुछ म्यूज़िक सीडी'स भी ले ली.. रात के करीब 11 बजे वो शालिनी के घर के पास पहुँचा, गाड़ी लगा के वो शालिनी को सर्प्राइज़ कैसे दे यह सोच रहा था, तभी उसे एक आइडिया आया... उसने पाइप पे चढ़ के उपर जाने की कोशिश की.. काफ़ी कोशिश के बाद वो थोड़ा उपर पहुँचा और शालिनी की रूम के बाल्कनी में पहुँचा.. बाल्कनी से धीरे से अंदर झाँका तो शालिनी की पीठ उसके साइड थी.. रूम में थोड़ा अंधेरा था इसलिए वो धीरे धीरे आगे बढ़ा और पीछे से जाके शालिनी को धीरे से जकड़ा और उसके कानो में कहा



"बेबी, मिस्ड यू सो मच... सॉरी, और यह पहेन क्यूँ रही हो.. यह वक़्त तो कपड़े उतारने का है ना... यह देखो मैं तुम्हारे लिए लिंगेरिएस लाया हूँ.. आज की रात हम साथ में गुज़रेंगे.. प्लीज़ मना नही करना शालिनी..." कहके भारत ने जैसे ही चुचों पे हाथ रखा, उसने तुरंत अपने हाथ पीछे खींच लिए..



"कौन हो तुम" भारत ने डर के पूछा



"हाहहह्ा... उहहहहहा उम्म्म्म... सही है, जमाई राजा हहहहहहहा... मेरी बेटी को उसके चुचों से ही पहचान लिया.. सही मर्द हो तुम, " ऋतु ने पलट के कहा, और फिर एक चीख से शालिनी को रूम में बुलाया



"व्हाट'स दा फूसस मोम.. क्यूँ चिल्ला रहे हो..." शालिनी ने अंदर आके देखा तो भारत वहीं खड़ा था



"तुम.. यहाँ?" शालिनी ने सर्प्राइज़ होके कहा



भारत कुछ कहता इससे पहले ऋतु ने कहा



"तुम्हे बहुत मिस कर रहा था.. " कहके ऋतु वहाँ से निकल गयी और दरवाज़ा अंदर से बंद करने की हिदायत दी शालिनी को.. ऋतु के जाते ही, शालिनी और भारत एक दूसरे से काफ़ी लंबे टाइम तक गले लगे रहे... ऐसा लग रहा था, बरसो बाद मिल रहें हो.. 



"बेबी, व्हाट्स रॉंग... " भारत ने शालिनी के सर पे हाथ फिरा के कहा



"कुछ नहीं.. बस ऐसे ही, " कहके शालिनी अलग हुई भारत से और फिर अपनी बाहें उसकी बाहों में डाल के उसके साथ बैठी
 
"शालिनी.. आइ वाज़ मिस्सिंग यू आ लॉट बेबी.,, मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूँ" कहके भारत ने उसे कपड़े और ज्यूयलरी दिखाई. शालिनी खुश तो थी वो सब देख के, लेकिन उससे ज़्यादा उसको इस बात की खुशी थी कि भारत उससे मिलने आया इतना दूर.. दोनो बातें करने बैठे, और शालिनी एक बार जाके अपनी मोम से भी कह के आई कि प्लीज़ कोई डिस्टर्ब ना करे, और ना ही किसी को पता चले.. ऋतु भी खुश थी इससे, तो उसने शालिनी की हां में हां भरी... शालिनी जैसे ही अपने रूम में आई, उसकी खुशी और बढ़ गयी.. भारत ने रूम की सब लाइट्स डिम कर ली थी, और कुछ कॅंडल्स जला दिए थे.. जैसे ही शालिनी ने यह सब देखा, तो दरवाज़ा बंद करके दौड़ के भारत से गले लगी, और उसे बेतहाशा चूमने लगी... भारत ने भी बखूबी उसका साथ दिया और दोनो चूमते चूमते ज़मीन पे गिर गये.. शालिनी आज रुकना नहीं चाहती थी, भारत के उपर चढ़ के बस उसके गालों को, होठों को, माथे को चूमती जा रही थी...



"बाय, रिलॅक्स.. रिलॅक्स...." भारत ने बीच में साँस लेके कहा " मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूँ, पहेन के दिखाओ प्लीज़" भारत ने उसकी लाइनाये दिखाते हुए कहा.. लाइनाये में 32 साइज़ की ब्रा थी जिसका हुक आगे से था, और निपल्स की जगह पे जाली थी जिसमे से शालिनी के चॉक्लेट जैसे निपल्स सॉफ दिख सकते थे.. पैंटी में उसकी चूत को ढके बस इतना छोटा एक कपड़ा था जिसकी स्ट्रिंग कमर की साइड से बँधी थी और उससे जुड़ा था एक मोतियों का छोटा चैन...



"मेरे सैयाँ.. तुम ही पहनाओ ना आज मुझे कपड़े.. ब्रा तो छोटी लाए हो.. कसे हुए चुचे देख के लंड लोहे जैसा करना, आज की रात तुम्हारी यह रांड़ तुम्हे छोड़ने वाली नहीं" शालिनी ने खड़ा होके कहा, और साथ ही भारत को भी खड़ा कर दिया.. जैसे ही दोनो खड़े हुए, शालिनी ने अपना हाथ उपर को उठा लिए.. भारत ने धीरे से उसका टॉप उतारा और उसकी ब्रा को एक्सपोज़ किया.. शालिनी की ब्रा की चाय्स काफ़ी अच्छी थी, नॉर्मल ब्रा में भी आदमी का लंड तन जाए ऐसे पहनती थी...फिर भारत ने उसे अपने से गले लगाया और उसके होंठ चूमने लगा



"उम्म्म्म अहहहहहः उम्म्म्मममम उम्म्म्म अहहहहा सीसीईईईईईई यॅ सक हार्ड बेबी आहहाहा ओमम्म्ममममम" इस आवाज़ के बीच में ही ब्रा के हुक खुलने की आवाज़ आई और शालिनी के 34 के कबूतर भी आज़ाद कर दिए भारत ने. जैसे ही शालिनी के चुचे आज़ाद हुए, भारत ने एक चुचे को अपने हाथ में दबोचा और दूसरे को अपने मूह में लेके सक करने लगा.. जैसे ही एक चुचा भारत ने मूह में लिया, शालिनी की सिसकारी निकल गयी..



"उम्म्म्म अहहहहहहा माआआआ...." इस सिसक से भारत को अंदाज़ा आ गया के शालिनी कितनी प्यासी थी... भारत ने धीरे धीरे चुचे पे ज़ोर लगाया और शालिनी के होंठों को एक बार फिर अपने मूह के पिंजरे में गिरफ्तार कर लिया.. शालिनी को हमेशा से किस करना भारत के साथ पसंद था, क्यूँ कि भारत सिगरेट पीने के बाद किस करता था, शालिनी को अब सिगरेट की स्मेल भी अच्छी लगी थी और खुद भी भारत की वजह से ही सिगरेट पीना स्टार्ट किया था....



"उम्म्म्म अहहहहा लीयक्ककककाहहहहहहहहा उम्म्म्म यूम्मम हाहहहहओऊएययाममम्ममम अहहहहहहहहहहहा" ऐसी आवाज़ों से शालिनी के रूम में गूँज शुरू हुई जो बाहर खड़ी ऋतु भी सुन रही थी.. रात के करीब 12 बज रहे थे, जिससे सब मेहमान चले गये थे और शालिनी का बाप भी अभी तक लौटा नहीं था.. चुचे हाथ में और ज़बान भारत के मूह में, शालिनी से कंट्रोल नहीं हुआ और उसने अंदर ही पानी छोड़ दिया... जब भारत ने यह भाँपा, तो उसने सब कुछ छोड़ के, नीचे का रुख़ अपनाया.. नीचे घुटनो पे बैठ के भारत ने शालिनी की जीन्स का बटन खोला और हल्के से नीचे उतारा.. जीन्स के उतरते ही, शालिनी की मखमली गीली पैंटी भारत की आँखों के सामने आ गयी... शालिनी जैसी लड़की पाकर भारत बहुत खुश हुआ, क्यूँ कि अमूमन लड़कियाँ ब्रा पैंटी मॅच नहीं करती, लेकिन शालिनी हमेशा ही ध्यान रखती थी कि सब मॅचिंग हो.. और भारत को ख़ास करके यह पसंद था, या यूँ कहे, जितनी सेक्सी लाइनाये होती थी भारत उतना ही ज़्यादा गरम होता था..... सब कुछ दिमाग़ से निकाल के, भारत ने अपनी नाक शालिनी की चूत पे रखी और उसके नमकीन पानी की सूंघ लेने लगा.. शालिनी इससे ज़्यादा गरम काफ़ी टाइम में नहीं हुई थी, उसने तुरंत भारत के माथे को पीछे से पकड़ा, और भारत के मूह को अपनी चूत में दबाते चली गयी, भारत भी किसी पालतू कुत्ते की तरह शालिनी की चूत की सूंघ ले रहा था, और एक हाथ पीछे ले जाके उसके चूतड़ दबाने लगा



"उम्म्म्म अहहहहाअ यआः बेबी.. स्पॅंक युवर स्लट बेबी अहहहहहा.." शालिनी ने भारत को न्योता दिया और भारत ने स्वीकारा.. भारत अपने एक हाथ को काफ़ी पीछे ले गया उसकी चूत से नाक हटाए बिना, और "तपाकककक" करके शालिनी के चूतड़ पे थप्पड़ मारा


"आहहहहा... यस बेबी.. मोर प्लीज़ अहहहहहहहा" और यह सुनते ही भारत ने एक और थप्पड़ जड दिया



"आहहह.... यॅ हनी अहहहहा..." कहके शालिनी ने भारत के बाल पकड़ के उसे उपर उठाया और उसे ज़ोरों से चूमने लगी... चूमते चूमते शालिनी ने भारत के पॅंट को उतारा और उसके लंड को हाथ में पकड़ के हिलाने लगी... शालिनी इतनी गरम थी कि भारत की शर्ट खोलने के बदले , उसने उसकी शर्ट फाड़ दी थी और एक कोने में फेंक दी... जैसे ही भारत नंगा हुआ, भारत ने भी शालिनी की मखमली कच्छे को उतारा और उसकी चूत रगड़ना शुरू किया.. दोनो प्रेमी, एक दूसरे को बेतहाशा चूमे जा रहे थे.. शालिनी भारत के लंड को आज छोड़ना ही नहीं चाहती थी..



"अहहाहा यॅ बेबी फक मी हार्ड अहहहहा... यॅ फक मी अहहहहः" शालिनी चिल्ला चिल्ला के कह रही थी, उसे बिल्कुल परवाह नहीं थी की ऋतु बाहर खड़ी ना ही उनकी बातें सिर्फ़ सुन रही हैं, पर खुद भी एक दम नंगी होके अपनी चूत में उंगली घुस्सा रखी है



"धीरे बेबी, बाहर मम्मी होगी शायद.." भारत ने शालिनी से कहा



"फक हर ऑल्सो बेबी... वो भी रंडी ही है तेरी आहहाहहा.. तेरी माँ, मेरी माँ और मैं तेरी रंडिया ही हैं ना अहहहहा.. कम ना फक मी नाउ यआःहः." कहके शालिनी ने अपना एक हाथ और पेर सोफा पे रखा, और एक हाथ और पेर ज़मीन पे. इससे उसकी चूत सही पोज़िशन में मिल गयी भारत को.. शालिनी आज कुतिया बनके चुदवाना चहिती थी.. भारत ने भी जल्दी से अपने तपते हुए लंड को उसकी चूत पे सेट किया और धीरे से अंदर घुसाया 



"अहहहहा फास्टर यू मदर्चोद अहाहहा.. सीमी की चूत है यह भेन के लोड्‍े अहहहा. ज़ोर से चोद ना बेटे अहहहहहा... " कहके शालिनी एक हाथ से अपनी चूत खुजाने लगी और फिर अपनी पोज़िशन में आ गयी



"अहहाहा मोम येआः आज चुदोगि तुम अहहहा. यह लो..." कहके भारत ने ज़ोर से अपने लंड को बाहर निकाला, और दुगनी स्पीड से वापस लंड अंदर डाला
 
"उईईई माहहहहहहाः आहहहाहा एसस्स अहहहहा.. चोद दे अपनी माँ को मदर्चोद कहीं के अहहहहहहहा यॅ अहहहहः अपनी सास को भी चोद ना अहहहहा मैं ऋतु ही हूँ मेरे जमाई राजा अहहहहहाआ... यॅ बेबी फक मी हार्ड ना अहहहहाहा" कहके शालिनी अपनी चूत को आगे पीछे करने लगी जिससे भारत का लंड काफ़ी अंदर तक जा रहा था, और शालिनी अपनी चूत की दीवारों पर उसके लंड को महसूस कर रही थी... पूरे रूम में बस उनकी चुदाई की आवाज़ें गूँज रही थी.. आज शालिनी किसी मूड में नहीं थी पोज़िशन बदलने की.. भारत भी किसी मशीन की तरह उसे चोदे जा रहा था...



"अहाहहाः येआः अहहहहा एससस्स ऊऊओह अहहहहहा बेबी अहहहहहहहा शालिनी आहहहहा.... ऋतु अहहहहहहहहहा... सीमी अहहहहहहा..आयआः अहहाहा मेरी रंडियों ओह्ह्ह अहहहहहहहाहा...." भारत बोलने लगा और धक्के और तेज़ करने लगा




"हां बेटा अहहहहा.. अपनी माँ के साथ अपनी सास को भी चोद लिया तूने हाए अहहहहहा... तेरी बीवी तो है ही रंडी अहहहा.. और ज़ोर से पेल ना मेरे सैयाँ अहहहहा....यॅ बेबी फक मी हार्ड अहहहहहा..." शालिनी अलग अलग वाक्य कह रही थी जिससे भारत को महसूस हो कि वो सीमी और शालिनी के साथ ऋतु को भी चोद रहा है..



"आहाहा मम्मा अहहहहहा... मेरी सासू माँ अहहहा..... मैं कहाँ निकालु अहहहहाआ.." भारत ने जैसे ही यह कहा, शालिनी ने लंड उसकी चूत से निकाला और आगे आके भारत के लंड को अपने हाथ से हिलाने लगी...



"आहहाहा माल तो तू अपनी पत्नी के चेहरे पे ही छोड़ेगा मेरे सैयाँ अहाहा.. लव यू बेबी अहहहहा यॅ गिव इट टू मी अहहहहा , यॅ अहहहहहहाहा गिव इट टू मी" कहके शालिनी अपना हाथ से भारत के लोहे जैसे लंड को हिलाने लगी



"ओह येआः बीवी अहहहा.... और ज़ोर से हिला ना अहहहहा हां और ज़ोर से अहहहहहा..आ यआहहहा बेबी फास्टर अहहहहहा.. ओह्ह्ह यस आहहहाहाहाहा आइ एम कमिंग हनी अहहःआइ एम कुम्मींगगगगग घहहहहहा इट कम शा अहाहहाहाआ....ओह अहहहहहहहहा" इस चीख से भारत ने अपना पूरा माल शालिनी के चेहरे पे छोड़ दिया, जिसे शालिनी ने बड़ी भावना से चाट के अंदर गटक लिया और जो थोड़ा बहुत उसके लंड पे था, शालिनी ने वो भी मूह में लेके सॉफ कर दिया.... जैसे ही दोनो एक दूसरे से अलग हुए, शालिनी ने एक रॉकिंग चेर अपनी बाल्कनी में लगाई और दोनो नंगे उसपे बैठ गये. शालिनी ने खुद को भारत के उपर सेट किया और एक सफेद सिल्क की चादर से दोनो के बदन ढक दिए.. रात के 2 बजे दोनो आराम से बैठे बातें कर रहे थे, सिगरेट के कश खींच रहे थे और वाइन पी रहे थे.. इसी बीच भारत ने शालिनी को आदि की न्यूज़ दी.. शालिनी उससे खुश बहुत हुई, लेकिन यह सोच सोच के हैरान हुई कि क्या भारत उस वक़्त फिर वक़्त देना बंद कर देगा...



दोनो एक दूसरे की बाहों में बड़ी आराम से सोए हुए थे, बिना किसी की परवाह के. सुबह के करीब 5 बजे, भारत के मोबाइल में एसएमएस आया, जिससे शालिनी की आँख खुली.. शालिनी भारत को डिस्टर्ब किए बिना वहाँ से उठी, और उसका मोबाइल देखा.. एक इंटरनॅशनल नंबर से एसएमएस था



"व्हेअर आर यू स्वीटहार्ट.. आइएम अट युवर होम अलोन...."


सुबह भारत की आँख करीब 6 बजे खुली.. उसने जल्दी से अपने कपड़े पहनने की सोचा, ताकि ऋतु के उठने से पहले वो निकल जाए... वो जैसे ही रूम में गया, अंदर शालिनी बैठी थी और कुछ सोच रही थी.. भारत ने गुड मॉर्निंग कहा और जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहनने लगा.. 


"बेबी, टीशर्ट है मेरी कोई यहाँ पे.. रात को किसी जंगली बिल्ली ने मेरे कपड़े फाड़ दिए हैं" भारत ने आँख मार के कहा.. शालिनी ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया और बस वहीं बैठी रही


भारत को लगा, शायद कुछ रीज़न से मूड ऑफ होगा, इसलिए उसने खुद ही शालिनी का कपबोर्ड खोला और ढूँढने लगा... काफ़ी ढूँढने के बाद उसे कुछ पुरानी टीशर्ट मिली अपनी जो शालिनी ने ही उसे दी थी... उसने जल्दी से वो टी शर्ट पहनी और फ्रेश होने गया... 10 मिनट में फ्रेश होने का बाद भारत शालिनी के पास आके बैठा... 



"बेबी, वॉट'स दा प्राब्लम हनी... कुछ हुआ क्या" भारत ने शालिनी का हाथ पकड़ के कहा और उसे हल्के से किस किया



"स्वतर्त, हम ने आज तक एक दूसरे से कुछ नहीं छुपाया.. जब से हम मिले तब से लेके अब तक... क्या ऐसा कुछ है जो तुम मुझे बताना चाहते हो, या कुछ जो शायद भूल गये हो बताना" शालिनी ने धीरे से भारत को कहा



"नहीं बेबी.. स्वेर ऑन यू.. आज तक तुम्हारे साथ सब डिसकस किया है... आज भी कुछ होता है सबसे पहले तुम्हे बताता हूँ.. क्यूँ ऐसा बोल रही हो अचानक मेरी शोना" भारत ने शालिनी के बालों में हाथ घुमा के बोला.. भारत की इस बात से शालिनी सोफा से उठी और भारत के मोबाइल को उसके हाथ में पकड़ाया... 



"इसमे इंटरनॅशनल नंबर से कुछ मेसेज आए हैं... बताओ वो किसके हैं" शालिनी ने कड़क आवाज़ में भारत से कहा.. 

भारत ने जैसे ही मेसेज देखे, उसे कुछ समझ नही आया.. लेकिन अगले ही पल उसके चेहरे पे एक हँसी आ गयी



"क्या यार बेबी... तुम भी ना बच्ची हो.. यह शॅरन का नंबर है. याद है शॅरन" भारत ने हँस के जवाब दिया... शॅरन का नाम सुनते ही शालिनी को सब क्लियर हो गया



"ओह माइ गॉड.. तुमने उसे शादी पे भी इन्वाइट किया क्या" शालिनी ने खुशी से कम, हैरानी से ज़्यादा कहा



"ओफ़कौर्स बेबी... कब तक इंडिया में रहेंगे.. सोशियल नेटवर्किंग बढ़ाओ, और शॅरन से अच्छा कौन काम आएगा हमें.. यह मीटिंग में उससे बात भी छेड़ता हूँ मेरे लिए कुछ हो तो गोल्ड्मन में" भारत ने शालिनी की कमर में हाथ डाल के कहा



"क्या यार.. पहले नहीं बताया, खमखा अपसेट हुई तुमसे" शालिनी ने भारत की बाहों में हार बना के कहा



"ओह माइ शोना.. " कहके भारत ने शालिनी के होंठों पे अपने होंठ रखे और दोनो फिर से एक लंबे किस में डूब गये... उनकी किस तब टूटी, जब किसी ने शालिनी के कमरे के दरवाज़े पे दस्तक दी... उस आवाज़ से दोनो अलग हुए और शालिनी ने दरवाज़ा खोला तो ऋतु खड़ी थी बाहर



"हेलो लव बर्ड्स... कितने बजे उठे दोनो" ऋतु ने भारत को देख के कहा.. भारत की नज़रें ऋतु के चुचों से हट ही नहीं रही थी.. सुबह सुबह बेटी ने चुम्मे से गर्मी पैदा की, और माँ ने आके उस आग में घी डाल दिया... ऋतु एक टाइट जीन्स में थी और उसके उपर उसने एक लूज टॉप पहना हुआ था जो थोड़ा लंबा था, पर उतना ही डीप था... ऋतु के थोड़ा नीचे झुकने से उसके चुचों की गलियाँ दिख जाती... 

जब ऋतु ने यह भाँपा, तब उसने जान बुझ के थोड़ा झुक के टेबल से मॅगज़ीन उठाने का नाटक किया.. बस यह हमला ऋतु का सीधा निशाने पे लगा.. और उपर से उसने अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी... यह देख भारत के लंड में झटके आने लगे और अंदर से ही उसका लंड दस्तक देने लगा ऋतु की चूत के लिए. भारत वहीं आराम से बैठ गया ताकि ऋतु की नज़र उसके लंड पे ना पड़े.. लेकिन ऋतु ने अपनी नज़र सबसे पहले वहीं जमाई थी... शालिनी यह सब देख गुस्सा आ रहा था ऋतु पे, लेकिन अंदर ही अंदर उसकी चूत में एक नयी उतेज्ना भी पैदा हो रही थी इस बात को लेके..
 
"मोम.. क्या है बताओ" शालिनी ने ज़ोर से कहा, जिससे ऋतु का ध्यान हटा और वो सीधी उसके पास जाके खड़ी हुई



"कुछ नहीं, जल्दी बाहर आ जाओ, नाश्ता कर लो.. तुम्हारे पापा जाग गये तो मुसीबत ना हो जाए तुम्हारे लिए.. जानती नहीं तुम रात को मुझे कितनी मुसीबत सहनी पड़ी उन्हे बिज़ी रखने के लिए" ऋतु ने यह लाइन भारत को देख के कही, जिससे भारत के चेहरे पे शैतानी हँसी आ गयी और ऋतु वहीं से निकल पड़ी..



"तुम बड़े चौड़े हो रहे हो हाँ... सास है वो तुम्हारी" शालिनी ने दरवाज़ा बंद किया और फिर जाके भारत के पास बैठी



"आइ नो.. तभी तो तुम्हारे जैसी ही है.. हॉट आंड ब्यूटिफुल" कहके भारत ने फिर शालिनी के माथे को चूमा और दोनो नाश्ता करने चले गये.. नाश्ते की टेबल पे भी ऋतु ने भारत को सिड्यूस करना चालू रखा, और भारत ने भी मौके पे चौके मारे.. एक पल के लिए ऋतु उससे दूर गयी तो उसने इशारे में शालिनी से कुछ कहा, जिसका जवाब शालिनी ने सिर्फ़ सर हिला के दिया.. इससे पहले कि ऋतु वहाँ आती, भारत वहाँ से जल्दी निकल गया मुंबई की तरफ...



"अरे, यह कहाँ गया अचानक" ऋतु ने शालिनी से पूछा



"घर पे मोम.. कंट्रोल करो, सब चीज़े वक़्त पे ही होती हैं.." कहके शालिनी ने ऋतु को आँख मारी और ऋतु ने भी स्माइल करके जवाब दिया.



उधर मुंबई जाते जाते भारत के लंड पे तलवारें चलने लगी थी.. इतनी गरम सास मिलने का सोच सोच के वो पागल हुआ जा रहा था.. शालिनी और भारत की यह बात उन दोनो को बहुत अच्छी लगती थी कि वो दोनो खुद से काफ़ी ओपन हैं.. जो भी बात हो बिना झिझक के डिसकस करते थे और ओपन माइंडेड थे.. दोनो का यह मानना था कि लाइफ इनडिपेंडेंट है, तो शादी से वो रुकनी नहीं चाहिए... इसलिए ही दामाद अपनी सास को चोदना चाह रहा था बीवी के साथ, और बीवी अपनी सास को उसके बेटे से चुदवाना चाहती थी. खैर, यह सब सोचते सोचते भारत मुंबई पहुँच गया.. घर पहुँच के अपनी मोम और डॅड से मिला..



"हेलो बेटा, कैसी रही पार्टी... होप सो बॅचलर नहीं थी हाँ" राकेश ने हँस के कहा



"ओफ़कौर्स नोट डॅड.. बस फ्यू ड्रिंक्स आंड कॉलेज के दिन..." भारत ने सोफा पे बैठ के कहा



"कॉलेज रिमाइंड्स मे , तुम्हारी कोई यूएस की फ्रेंड आई है... यह कौन है" सीमी ने भी भाग लेते हुए कहा



"शॅरन है मोम.. हमारे कॅंपस में गोल्ड्मन आए थे फॉर रेक्रूटमेंट.. बस वहीं से जान पहचान हुई" भारत ने अंगड़ाई लेके कहा



"वाह... इतनी अच्छी जान पहचान के वो तुम्हारे लिए यहाँ तक आ गयी.. गुड गोयिंग सनी बॉय" सीमी ने भारत के सर पे हाथ फेरके कहा



"कम ऑन मोम. व्हेअर् ईज़ शी.. " भारत ने सोफा से खड़े होके कहा



"सामने वाले फ्लॅट में है बेटा... शादी की वजह से आज वो फ्लॅट भी ओपन किया है, सब गेस्ट्स वहीं रहेंगे..." कहके सीमी और राकेश फिर बातें करने लगे. भारत वहाँ से सामने वाले फ्लॅट में चला गया जो उनका ही था, लेकिन वहाँ कोई रहता नहीं था.. यह फ्लॅट भी शानदार तरीके से बनवाया गया था.. ज़रूरत की हर चीज़ थी वहाँ, और 5 बीएचके का फ्लॅट, राकेश के लिए एक अमूल्य इनवेस्टमेंट थी.. भारत उस फ्लॅट में गया और देखा शॅरन सोफा पे बैठ के कुछ न्यूज़ देख रही थी टीवी में



"हे शॅरन.. सो ग्लॅड यू मेड इट हियर" कहके भारत आगे बढ़ा और शॅरन से गले लगा


"यूआर सच आ बॅड बॉय.. मिस्ड यू सो मच, डिड्न्ट ईवन केम टू एरपोर्ट टू रिसीव मी" शॅरन ने बनावटी गुस्से में कहा



"अवववव.. हॅड आइ बीन देअर्, हाउ वुड हॅव यू मिस्ड मी हाँ... प्लीज़ सिट" कहके भारत और शॅरन वहीं बैठ गये और आपस में बातें करने लगे.. उस की, गोल्ड्मन की. भारत के पास बातें कम ही नहीं हो रही थी, और शॅरन भी दिलचस्पी ले रही थी उसकी बातों में...



"हे, युवर फ्रेंड्स आर मिसिंग यू देअर.. कम डाउन सम्डे" शॅरन ने भारत से कहा



"ना... वी आर इन टच सो दे डोंट मिस मी.. बट यस, प्लॅनिंग टू कम डाउन देअर... ईज़ देअर एनितिंग फॉर मी, सूटबल " भारत ने शॅरन से पूछा



"ना.. नोट इन गोल्ड्मन, बट यस इन जेपीएम आइ कॅन हेल्प यू.. दे आर लुकिंग फॉर वेल्त मॅनेजर ऑफ सॉर्ट्स... माइट जस्ट सूट यू" शॅरन ने कहा और अपने लिए सिगर्रेट जला दी.



" रियली.. व्हाट्स दा डेडलाइन टू फिल दा पोज़िशन ?" भारत ने शॅरन से पूछा


"10 डेज़ आइ गेस.. दट वॉट माइ फ्रेंड देअर टोल्ड मी"



यूही बातों बातों में शॅरन और भारत सुट्टे भी खींचने लगे.. वक़्त देख के दोनो खाने पहुँचे और खाने की टेबल पे भी दोनो की बातें चलती रही...



"ऊह शॅरन... स्टे हियर टुनाइट... टुमॉरो देअर विल बी हेल लॉट ऑफ पीपल हियर, सो आइ विल गेट आ रूम बुक्ड फॉर यू इन होटेल.. गुड ?" भारत ने शॅरन से कहा



"एप.. दट वुड बी पर्फेक्ट, " कहके शॅरन और भारत खाना ख़ाके बाहर निकल गये... रास्ते में शॅरन ने शालिनी से भी बात की और उसे बधाई दी... दोनो नज़दीक के बार कम लंगे में पहुँचे, और अपने अपने लिए एक स्कॉच ऑर्डर की



शॅरन कुछ बोलने ही जा रही थी के तभी भारत का फोन बजा..
 
"जस्ट आ मिनट शॅरन, प्लीज़ " कहके भारत टेबल से उठा और कोने में चला गया



"हाई आदि.. गुड ईव्निंग" भारत ने फोन उठा के कहा



"अरे भाई, कल तुम्हारे घर आ रहा हूँ, गिफ्ट क्या लाउ तुमने बताया ही नहीं" आदि ने जवाब दिया



"अरे आदि, प्लीज़ , आप बस आ जाओ, उससे ज़्यादा मुझे कोई गिफ्ट नहीं चाहिए" भारत ने फिर अपनी बात पे ज़ोर दिया



"नहीं.. तुम बताओ मुझे, अभी के अभी.. कहाँ जाना पसंद करोगे... मलेशिया, बाली, फ्लोरिडा, फिजी.. व्हेअर.. " आदि ने कुछ चाय्स दी भारत को 



"आदि.. इफ़ यू इन्सिस्ट... यूएस आंड बहामास.." भारत ने अपनी नज़र शॅरन पे टिका के रखी थी



"ओके माइ बॉय... शादी के बाद के दिन की टिकेट्स और अरेंज्मेंट्स.. चलो, सी या टुमॉरो" कहके आदि ने फोन कट किया और भारत भी शॅरन के पास चला गया



"ओह देअर् यू आर.." शॅरन ने भारत को देख के कहा



"शॅरन.. व्हेन कॅन यू फिक्स दा मीटिंग विद जेपीएम गाइस.... आइ विल बी देअर् इन यूएस इन आ वीक'स टाइम.." भारत ने कॉन्फिडेंट्ली कहा



"दा सेम डे डार्लिंग... यू लॅंड इन न्यू यॉर्क आंड कॉल मी... आइ विल गेट इट डन" कहके शॅरन ने भारत को उसकी ड्रिंक पकड़ाई...



"चियर्स टू दट हनी" कहके भारत और शॅरन अपने जाम पीने लगे...



कुछ ड्रिंक्स पीने के बाद दोनो इधर उधर घूमने गये और फिर घर पे निकल लिए.. घर पे जाके दोनो ने राकेश और सीमी के साथ खाना खाया और फिर सब लोग अपने अपने रूम में सोने गये.. भारत ने शालिनी को जेपीएम की बात बताई जो उसकी शॅरन के साथ हुई



"कम ऑन भारत, इतना खर्चा करोगे और चलोगे यूएस.. उपर से वहाँ भी इंटरव्यू.. क्या यार" शालिनी ने चिढ़ के कहा था, क्यूँ कि शालिनी ने उसको पहले ही कहा था कि वो हनिमून किसी एग्ज़ोटिक लोकेशन पे जाना चाहती है



"रिलॅक्स बेबी.. मैं खर्चा नहीं कर रहा , आदि मुझे गिफ्ट दे रहा है.. तो उसके खर्चे पे हमारा हनिमून है.. आंड बेब, चिल.. यूएस दो दिन का स्टे करेंगे, फिर बहामास जाएँगे फॉर आ वीक... हॅपी नाउ माइ हनीबंच" भारत ने शालिनी से कहा



"ओह... बहामास... आइएम सो थ्रिल्ड... अरे यार पहले बताते ना, अब कल ही कुछ बीच वेअर की शॉपिंग करके आउन्गि..." शालिनी ने जवाब दिया और फिर दोनो आपस में इधर उधर की बातें करने लगे... 10 मिनट के बाद भारत ने फोन रखा और चेंज करके बेड पे लेट गया.. भारत के दिमाग़ में एक बार फिर ऋतु की छवि आ गयी... बार बार उसके चुचे याद आ रहे थे उसको.. इधर उधर पलट पलट के तक गया लेकिन उसको नींद ना आई... उसने शालिनी को उस वक़्त एसएमएस किया



"बेबी, कॅंट स्लीप.. युवर मोम ईज़ डिस्टरॅकटिंग मी नाउ"



शालिनी का जवाब नहीं आया... बार बार भारत एसएमएस करता रहा लेकिन शालिनी ने जवाब ही नहीं दिया..



"सो गयी होगी यह भी..." कहके भारत ने अपना भी मोबाइल रखा और सोने की कोशिश की... करीब आधे घंटे बाद उसकी आँख लगी और वो सो गया.. नींद में ऋतु का सोच सोच के उसके लंड ने उसे तंग कर रखा था, और वो मूठ भी नहीं मारना चाहता था.. इसलिए बेडशीट ओढ़ के उसने खुद को नंगा किया और सो गया... रात के करीब 12.30 बजे, भारत के रूम के दरवाज़े को किसी ने खोला हल्के से खोला और चुपचाप बेड के पास आके खड़ा हुआ.. बेडशीट के उपर से भारत के लंड का तंबू बना हुआ था जो उधर खड़े शक्स को आसानी से दिख रहा था.. भारत के लंड का तंबू देख, उस शक्स ने सबसे पहले अपनी उंगली अपने दाँतों तले दबाई और धीरे से एक हाथ भारत के लंड पे रखा और उसे धीरे धीरे कर हिलाने लगा.. जैसा जैसा लंड हिलता गया, वैसे वैसे लंड की लंबाई भी बढ़ती गयी... भारत को पहले तो बिल्कुल होश नहीं था, लेकिन जैसे जैसे उसे समझ आया क्या हो रहा है, उसने एक झटके से अपनी आँख खोली तो देखा वहाँ कोई नहीं था.. भारत को लगा शायद उसका वहम होगा... लेकिन उसे आज तक ऐसा कुछ नहीं हुआ था, फिर यह वहाँ नहीं हो सकता...



"शॅरन हो सकती है क्या.." भारत ने खुद से सवाल पूछा और सिगर्रेट जला के बाल्कनी में जाके खड़ा हो गया"



उधर, उस शक्स ने बाहर आके फोन घुमाया किसी को..



"हाउ वाज़ इट...... " सामने किसी ने अपनी दबी आवाज़ में पूछा
 
रात के हादसे के बाद भारत को नींद ही नहीं आई.. पूरी रात भारत सोचता रहा कौन कर सकता है ऐसा... सीमी के बारे में वो सोच भी नहीं सकता था, और रही शॅरन.. "लेकिन शॅरन को यूँ रात में आने की क्या ज़रूरत, हम तो पहले भी हमबिस्तर हो चुके हैं" भारत के दिमाग़ में यह ख़याल बार बार आता रहा, और अपने दिमाग़ को शांत करने के लिए, सिगरेट पे सिगरेट सुलगाता गया.. सुबह जब 6 बजे शालिनी ने उठके उसको गुड मॉर्निंग का मेसेज किया, भारत ने तुरंत उसको रिप्लाइ दिया



"गुड मॉर्निंग हनी..."



"अरे वाह, आज जल्दी उठ गये तुम तो.. " शालिनी ने जवाब दिया



"हां, बस काफ़ी टाइम हो गया जिम यूटिलिज़ नहीं किया, सोचा आज से फिर स्टार्ट करूँ..." कहके भारत ने बात टाल दी, वो नहीं चाहता था कि शालिनी को वो रात वाली बात बताए..



"ह्म्म्म.... चलो, तुम कंटिन्यू करो, आज से काफ़ी मेहमान आएँगे, काफ़ी कम मेसेज कर पाउन्गि ओके.. चलो, बाय.. लव यू" कहके शालिनी ने गुड बाइ कहा और भारत फिर अपनी सोच में डूब गया... सोचते सोचते भारत को बाल्कनी में ही नींद आ गयी.... सुबह 9 बजे जब सीमी उसे उठाने आई, तब बाल्कनी में देख के उसके पास गयी.. बाल्कनी में उसकी चेअर् के पास सिगरेट्स देख लिए



"भारत.. उठो अभी.. जल्दी करो" कहके शालिनी उसके सर पे हाथ घुमा के उठाने लगी.. 3-4 बार सीमी की कोशिश के बाद भारत उठा



"गुड मॉर्निंग मोम..." कहके भारत उठा और सीमी से गले लगा...



"भारत, स्टॉप स्मोकिंग ओके.. काफ़ी बार कह चुकी हूँ.. अब तो शादी कर रहे हो" सीमी ने उसकी बेडशीट हाथ में लेके कहा



"क्या मोम.. शालिनी भी स्मोक करती है... मैं कैसे छोड़ूं" कहके भारत वहीं बैठ गया



"क्या हो गया है तुम लोगों को... चलो जल्दी करो, काफ़ी गेस्ट्स आने वाले हैं... आंड अभी सुबह सुबह तुम्हारी एक रसम है.. जल्दी फ्रेश होके आओ, दाद वेट कर रहे हैं" कहके सीमी चली गयी और भारत भी फ्रेश होके बाहर निकला... बाहर आके देखा तो मेहमानो की भरमार थी घर पे.. लिविंग रूम तो जैसे समझो कोई म्यूज़ीयम बन गया हो...



"अरर्ग्घह... इतने लोग, यही प्राब्लम है इंडियन शादी में..." विचार के भारत इधर उधर देखने लगा, इस भीड़ में शायद उसे कोई ऐसा दिख जाए जिसके साथ वो पूरा टाइम रह सके.. इतने लोगों में उसे कोई नहीं दिखा जिसके साथ वो बात करता हो या किसी को अच्छे से जानता हो...



"हेलो हीरो... किसे ढूँढ रहा है " कहके पीछे से किसी ने उसके कंधे पे हाथ रखा



"तुम.. आइ आम सो ग्लॅड यू आर हियर...." कहके भारत पीछे खड़ी प्रीति से गले मिला



"थॅंक गॉड तू आ गयी यार... मैं तो बोर ही हो जाता..." कहके भारत और प्रीति भीड़ से थोड़ा अलग जाके बैठ गये और बातें करने लगे...



"वैसे.. कल रात का सर्प्राइज़ कैसा लगा तुम्हे" कहके प्रीति ने भारत से आँख मारी



प्रीति की बात सुन के भारत को पहले कुछ समझ नही आया, बट फिर उसको क्लिक हुआ



"व्हाट.. तुम थी रात को... " कहके भारत जैसे कहीं खो ही गया



"यस डंबो.. तुम किसी और को एक्सपेक्ट कर रहे थे क्या" कहके प्रीति ने एक चीकी सी स्माइल दी



"नहीं.. बट यू स्केर्ड दा हेल आउटा मी... वैसे तुम आई कब यूएस से ?" भारत ने चौंक के पूछा



"ईडियट.. कल रात को ही आई, सोचा अपने घर जाके यहीं आना है, तो डाइरेक्ट मोम को फोन किया और यहाँ आई... कैसा लगा सुरप्राइज" प्रीति ने भारत को आँख मार के पूछा



"आधा तो छोड़ दिया.. इसमे अच्छा लगने जैसा क्या है.. पूरा करती तो पता चलता मुझे" भारत ने इतना कहा ही कि सीमी ने उन्हे बुला लिया और रस्में स्टार्ट की गयी... उधर शालिनी के घर भी मेहमानो का जमावड़ा लगा हुआ था, शालिनी बहुत खुश थी उस दिन.. फाइनली उसके दिल की मुराद पूरी होने जा रही थी.. उस वक़्त, शालिनी की आँखों के आगे हर वो पल दौड़ने लगा जो उसने भारत के साथ बिताया था.. चाहे हो वो कॉलेज के आन्यूयल फंक्षन, स्पोर्ट्स डे या फिर भारत के रूम में बिताए वो पल जिसमे वो दोनो हमबिस्तर हुए थे... सब कुछ याद करके शालिनी की आँखें भर आई.. यह वो खुशी के आँसू थे जिन्हे हर माँ अपनी बेटी की आँखों में देख एक माँ को भी खुशी होगी.. ऋतु ने भली भाँति उस बात को भाँपा और उसके साथ जाके बैठ गयी... दोनो के घर रस्में चलती रही और रोशनी ढलती गयी... शाम के करीब 7 बजे जब सब लोग फ्री हुए, राकेश कहीं बाहर चला गया कुछ अरेंज्मेंट्स देखने.. उसने सीमी को भी अपने साथ ले लिया.. उधर भारत भी रस्में निपटा के काफ़ी थक चुका था, इसलिए उसे भी नींद आ गयी थी..... रात को करीब 9 बजे उसकी नींद उसका फोन बजने से खुली.. जब उसने फोन उठा के देखा, तो अननोन नंबर से उसे मिस कॉल्स थे... मिस कॉल्स का नोटिफिकेशन हटा के , उसने देखा तो साथ ही एक एसएमएस भी था..



"ड्यूड.. वेक अप.. रीच अट ग्रांड हयात... रूम नंबर 1001.. नीड टू डिसकस सम्तिंग" 



इस वक़्त क्या डिसकस करना है शालिनी को... भारत फ्रेश होके जब रूम के बाहर निकला तो घर पे कोई नहीं था.. सीमी को फोन किया तो पता चला वो और राकेश होटेल गये हैं जहाँ शादी होने वाली है, वहाँ की सब अरेंज्मेंट्स देखने के लिए... शालिनी की बात सोच सोच के भारत का दिमाग़ खराब हो रहा था, वो जल्दी से शालिनी के बताए हुए अड्रेस पे जाने लगा.. ग्रांड हयात पहुँच के भारत जल्दी से जल्दी रूम की तरफ बढ़ा... रूम पहुँच के उसने नॉक किया, तो दरवाज़ा खुला ही पाया... जैसे ही वो अंदर आया , सामने शालिनी बैठी रो रही थी...
 
"शालिनी.. क्या हुआ.. रो क्यूँ रही हो... और यह क्या पहेन रखा है.. इतने पुराने कपड़े क्यूँ..." कहके भारत ने शालिनी को चुप करने की कोशिश की.. काफ़ी देर तका शालिनी यूही रोती रही... जब बात बढ़ने लगी, अचानक कमरे में अंधेरा हो गया और पीछे से किसी ने रूम के दरवाज़े को लॉक भी कर लिया.... यह सब देख भारत अचानक से सहम गया, और जब तक वो उस परिस्थिति को समझ पाता, तब तक पीछे से किसी ने आके उसे बेड पे धक्का दे दिया.. जैसे ही भारत बेड पे गिरा, उधर किसी ने उसके हाथ पकड़े, और दूसरे दो हाथो ने पीछे से उसकी आँखों को काले कपड़े से बाँध दिया..



"शालिनी.. व्हाट दा फक ईज़ दिस... यू नो ना आइआम स्केर्ड ऑफ डार्कनेस.. प्लीज़ मज़ाक नही करो..." जैसे ही भारत ने यह कहा, तभी किसी की एक उंगली उसके होंठों पे आई..



"स्शह.... लेट लूज डार्लिंग, तुम आराम से बैठो, हमे अपना काम करने दो..." कहके किसी ने भारत को सीधा किया और उसकी जीन्स पे हाथ घूमने लगा.... भारत के दिमाग़ में बार बार वो आवाज़ आने लगी... उसने कहीं यह आवाज़ सुनी थी, पर उसे याद नहीं आ रहा था के कहाँ..... जैसे ही उन हाथों ने भारत के जीन्स को खोला, भारत का आधा खड़ा लंड बाहर आया और दो हाथ उस लंड को सहलाने लगे... भारत इस सिचुयेशन में बिल्कुल भी कंफर्टबल नहीं था, आज तक उसने सेक्स अपनी मर्ज़ी से किया था.. यह अचानक, भारत को बिल्कुल मज़ा नहीं आ रहा था.. भारत का लंड अभी भी आधा खड़ा था..



"बेबी, एंजाय ना.. दिस ईज़ युवर बॅच्लर्स पार्टी.. और मैं दुनिया की पहली बीवी हूँ जो अपने हब्बी को बॅच्लर्स पार्टी दे रही हूँ" शालिनी ने भारत से कहा



शालिनी को सुन, भारत रिलॅक्स होके बेड पे ही लेटा रहा... एक हाथ भारत के लंड को हिला रहा था और एक उसके टट्टों को सहला रहा था... एक लड़की उधर भारत को किस करने में जुट गयी और एक लड़की भारत की छाती से लेके उसके पेट तक को चाट रही थी.. करीब 10 मिनट तक चले इस किस्से में जैसे ही भारत ने देखा कि अभी वहाँ सब व्यस्त हैं, उसने धीरे से अपना माथा उपर किया और एक ही झटके में अपनी आँखों पर बँधी पट्टी खोल दी.... 



"व्हाट बेबी.. मज़ा खराब कर दिया तुमने तो" कहके शालिनी ने भारत से किस तोड़ा और उसे गले लागने लगी... दूसरी लड़की कोई और नहीं बल्कि प्रीति थी, जो भारत की छाती पे अभी भी अपनी जीभ घुमा रही थी.... इन दोनो को देख तो भारत अभी भी नहीं चौंका, पर जैसे ही उसने उस तीसरी लड़की को देखा, उसे एक झटका सा लगा...



"व्हाट ईज़ इट... तुम्हे पसंद नहीं आई यह, ब्लोजॉब देना नहीं आया क्या इसको" कहके शालिनी , निधि के पास गयी और वो दोनो आपस में किस करने लग गयी... भारत अभी भी उस पल को एंजाय नहीं कर रहा था...



"अरे चिल ना यार, तेरी बीवी ने यह अरेंज्मेंट किया है और तू खुश नहीं है.. जब उससे ध्यान आया कि तूने आज तक निधि को नहीं चोदा था, बस उसने उसका बंदोबस्त किया.. अब तुझे और क्या चाहिए... हम जानते हैं तू निधि से सच्चा प्यार करता था, और अपने अफेर में कभी तूने उसका मिसयूज़ नहीं किया.... पर अभी वक़्त आगे आ चुका है, अभी शालिनी तेरी बीवी है समझा..." कहके प्रीति भी निधि और शालिनी के पास गयी और तीनो आपस में खेलने लगी..... भारत की ऐसी दुर्दशा देख, निधि ने खुद को शालिनी और प्रीति से अलग किया और भारत के पास गयी...



"भारत... जो हुआ वो भूल जाओ, मैं तुम्हारी कभी नही हो पाउन्गि.. मैं तुम्हारा बीता हुआ कल हूँ, और शालिनी आने वाला कल... आज की रात के बाद, तुम बस आने वाले कल को देखोगे, अपने बीते हुए पल को कभी याद नहीं करोगे.... प्लीज़ प्रॉमिस मी" कहके निधि ने अपने होंठों को भारत के होंठों से मिलाया और उसे धीरे धीरे चूसने लगी... निधि अपने दांतो से हल्के हल्के भारत के निचले होंठ को चूस रही थी और धीरे धीरे अब भारत भी उसका साथ देने लगा... जैसे जैसे उनकी किस बढ़ती गयी, वैसे वैसे भारत के शरीर में गर्मी बढ़ने लगी... उसने अपने हाथ निधि के चुचों पे रखे और उन्हे धीरे धीरे मसल्ने लगा... निधि के चुचे धीरे धीरे मसल्ते मसल्ते भारत ने अपना एक हाथ पीछे ले जाके उसकी गान्ड को सहलाने लगा.. 



"उम्म्म्मम अहह......" भारत के मूह से सिसकारी निकली..... गान्ड पे हाथ फेरते फेरते भारत हाथ को आगे लाया और निधि की चिकनी चूत को सहलाने लगा.. निधि की चूत किसी आग की भट्टी की तरह गरम हो चुकी थी... उसकी चूत पनियाने लगी थी... इन दोनो के जिस्म की गर्मी अब पूरे रूम में दिखने लगी थी, इनके शरीर तो पसीना पसीना हो चुके थे, पर इन्हे देख कर प्रीति और शालिनी भी काफ़ी गरम हो चुके थे. ...



"मुझे तुझ पे गर्व है शालिनी, आज के बाद भारत कभी निधि को याद नहीं करेगा.. इन दोनो के दिल तो अलग थे, लेकिन दोनो के मन में एक दूसरे के लिए अब भी भावनैयें थी.. तुमने सही पहचाना के यह भावनैयें भी बस अब प्यार की नहीं थी, वासना की थी.... अब के बाद यह दोनो नॉर्मल ज़िंदगी जीएँगे..." कहके प्रीति ने शालिनी को गले लगाया और दोनो फिर चुंबन में डूब गये...
 
उधर भारत और निधि अब बिस्तर पे लेट चुके थे और एक दूसरे को चूमे जा रहे थे.. दोनो को चूमते देख ऐसा लग रहा था मानो काफ़ी टाइम से दोनो को इसी पल का इंतेज़ार था.. भारत कभी निधि के गले को, कभी उसकी नाभि पे चूमता.. भारत यह भूल चुका था कि प्रीति और शालिनी भी वहीं है, उसे बस निधि ही दिख रही थी... निधि की नाभि को चूमते चूमते, भारत निधि की चूत के पास पहुँचा और धीरे धीरे उसकी चूत को सूंघने लगा



"स्शमम्म्ममममम अहहहहा......." की आवाज़ से भारत ने निधि की चूत को सूँघा और अपनी जीभ उसकी चूत पे रख दी... जैसे ही भारत ने अपनी जीभ को निधि की चूत पे रखा, निधि की चूत ने पानी छोड़ दिया.. भारत ने भी किसी वफ़ादार कुत्ते जैसे उस पानी को चाट लिया और फिर निधि की चूत को चाटने लगा



"स्लूर्रप्प्प्प्प्प्प्प्प अहहहहहहहाः...." की आवाज़ों से रूम गूंजने लगा.. निधि भारत के बालों को पकड़ के उसके सर को अपनी चूत में घुसाए जा रही थी , जैसे वो भी जन्मों से प्यासी हू... जैसे जैसे भारत उसकी चूत को चाट्ता रहा, वैसे वैसे निधि क्लाइमॅक्स के करीब आ जाती., और यह देख भारत अपनी स्पीड कम कर देता... निधि को जितना मज़ा आता, भारत उसे उतना ही तड़पता क्लाइमॅक्स के लिए... करीब 20 मिनट चूत चाटने के बाद, जब निधि को लगा वो पानी चोदने वाली है, उसने कस के भारत के सर को अपनी टाँगों में जकड़ा ताकि फिर भारत उसे आधे में ना चोदे, और 10 सेकेंड्स में पूरा का पूरा पानी भारत के मूह पे छोड़ दिया.. जैसे ही निधि ने अपनी टाँगों को अलग किया, वो वहाँ से उठी और एक बार फिर भारत को चूमने लगी और चूमते चूमते उसके चेहरे से अपना पानी भी खुद चाट लिया....



"किकी...." भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा और निधि ने उसे पलंग पे धक्का दिया.. धक्का देके निधि भारत के उपर आई और अपनी चूत पे भारत के लंड को सेट किया... काफ़ी टाइम से निधि चुदि नहीं थी, इसलिए भारत के साँप को अपनी चूत में महसूस करके, उसकी चूत दर्द से फटने लगी....



"आहहहहाहा उम्म्म्ममम.... उफ़फ्फ़ अहहाहा... मुझे नहीं पता था अहहहहहाहा तुम्हारा लंड ऐसा आहहहहाआ हाईईइ उफफफफ्फ़ उम्म्म्मम" कहके निधि ने धीरे धीरे भारत के लंड को अपनी चूत में लिया और धीरे धीरे उछलने लगी... जब भारत का लंड अंदर बाहर आराम से होने लगा , निधि ने अपनी गति बढ़ाई और अब हंस हंस के उसके लंड पे उछलने लगी....



"अहहहः उम्म्म यआःा अहहहहहहहहः.... फ़च्च्छ पच फुक्ककक अहहहहहा ये अहहहहहा" निधि की आवाज़ें निकालने लगी और वो अपने हाथों से अपने चुचों को दबाने लगी..... उधर से प्रीति और शालिनी भी उनके पास आई.. प्रीति ने आके भारत के मूह पे अपनी चूत रखी और उसे चटवाने लगी.. भारत भी मज़े से प्रीति की चूत को चाटने लगा और निधि की चूत को चोदता रहा..



"उम्म्म्म यॅ अहाहाहा.. फक हर भारत.. चोद दो इस रांड़ को.,. आज के बाद यह हमारे बीच नहीं आनी चाहिए समझे... और चोदो इसको....." कहके शालिनी निधि के चुचों को मूह में लेने लगी और उन्हे सक करने लगी.. निधि के आनंद की सीमा टूट रही थी...



"अहाहहाः यस आम कमिंग अहहहहाहा ओह अहहहहा" कहके निधि ने अपना पूरा पानी भारत के लंड पे छोड़ दिया और उसकी स्पीड उछालने की कम होने लगी.... जैसे ही भारत ने यह देखा, भारत वहाँ से उठा, और सामने पड़ी स्टडी टेबल के भरोसे, निधि को घोड़ी बनने के लिए कहा.... निधि वहाँ से उठी और भारत की बताई पोज़िशन में आ गयी... भारत ने एक झटके में पीछे से चूत में अपना लंड घुसा दिया, चूत गीली होने की वजह से लंड जल्दी से अंदर फिसला.. 



"अहहहहा.... ओह्ह्ह यआःा अहहहहा फक मी हार्ड अहहहहहा": कहके निधि भारत को प्रोत्साहन देने लगी और भारत भी किसी मशीन की तरह उसे चोदे जा रहा था...



'उम्म्म अहहहहा येआः अहहहावह " भारत सिर्फ़ इतना ही कहता धक्के लगाते वक़्त
 
करीब 5 मिनट उस पोज़िशन में चोदने के बाद, जब भारत ने महसूस किया उसका पानी निकलने वाला है. उसने तुरंत लंड निधि की चूत से बाहर निकाला और निधि को नीचे बिठा के पूरा पानी उसके मूह पे चोदने लगा...



"उम्म अहहहहा.. यम्मी अहहहहाहा" कहके निधि भारत के पानी को अंदर गटाकने लगी और उसके लंड को चाट के सॉफ करने लगी.... जब भारत को हल्का महसूस होने लगा, वो बेड पे जाके लेट गया और आँखें बंद करके कुछ सोचने लगा.... सोचते सोचते ही उसकी आँख लग गयी और उसे पता नहीं चला कब उसे नींद आ गयी... रात के करीब 2 बजे जब उसकी नींद खुली, तब उसने देखा, रूम की गॅलरी में शालिनी अकेली खड़ी सिगर्रेट पी रही थी... भारत ने अपना हुलिया ठीक किया, और शालिनी के पास जाके खड़ा हुआ और उसके हाथ से सिगर्रेट लेके कश लेने लगा...



"यह करने की क्या ज़रूरत थी तुम्हे.." भारत ने 5 मिनट बाद शांति को भंग करते हुए कहा



"मुझे आज के बाद निधि का नाम नहीं सुनाई देना चाहिए.. ना तुम्हारे दिमाग़ में, ना तुम्हारे ख़यालों में... और ना ही तुम्हारी गाड़ी में" कहके शालिनी ने भारत की डाइयरी को लिया और उसके सामने उसे जला दिया....



"चलो, मुझे घर छोड़ आओ... " कहके शालिनी ने अपना समान लिया और रूम से बाहर निकली.. भारत भी दबे कदमों के साथ उसके पीछे गया और गाड़ी में जाके शालिनी को पुणे की ओर ले गया.. कुछ देर तक दोनो खामोश बैठे रहे , भारत ने चुप्पी तोड़नी चाही, पर उसे शब्द नहीं मिल रहे थे.... 



"यह सब क्यूँ किया.... तुमने ही मुझे याद दिलाई, अब तुम ही गुस्सा हो रही हो.." भारत ने फाइनली कहा



"मैने क्या किया.. मैं बस यह चाहती थी, कि तुम उसे भूल जाओ... मुझे यह रास्ता ठीक लगा इसलिए किया.. क्या तुम उसे कभी नहीं भूल पाओगे, मेरी इतनी कोशिशों के बावजूद" शालिनी ने भारत से हल्की आवाज़ में पूछा


यह सुन भारत ने साइड में गाड़ी रोकी और शालिनी की आँखों में आँखें डाल के देखा और कहा



"मुझे बस शालिनी चाहिए.. और कोई नहीं..." कहके भारत ने शालिनी को गले लगाया और उसके फोर्हेड पे चूमने लगा...



"ह्म्म... चलो अब घर, कल हमारी शादी है और हम यूँ बाहर हैं.." कहके शालिनी भारत से अलग हुई और कुछ एक घंटे में दोनो पुणे पहुँच गये... शालिनी के घर ड्रॉप करके भारत अपने घर निकला और शालिनी भी अपनी ड्यूप्लिकेट चाबी से घर जाके सोने लगी... उधर मुंबई पहुँच के भारत पूरी रात सो नहीं पाया.. कुछ घंटे पहले हुए किस्से उसके दिमाग़ में दौड़ने लगे.... भारत अपनी बाल्कनी में जाके सिगर्रेट पीते पीते शहर को देखने लगा....



"ऐसे क्या देख रहे हो, शहर क्या तुम्हारे बाप का है" पीछे से प्रीति ने भारत के रूम में आते कहा



"उह... मेरे बाप का नहीं तो क्या हुआ... देख तो सकता हूँ ना... " कहके भारत ने अपनी सिगर्रेट प्रीति को दी



"अब आगे का क्या प्लान है... मेहुल को तूने सॉर्ट आउट किया, निधि को शालिनी ने.... अब क्या ?" प्रीति ने भारत की आँखों में देख कहा



"अब क्या.. अब कुछ नहीं .. " भारत ने आँखें चुरा के प्रीति को कहा



"तू इतना सीधा नहीं है... बता क्या प्लान है...."



"तू जानती है, इस शहर को चलाने के लिए क्या चाहिए..." भारत ने अजीब सवाल पूछा प्रीति से



"सरकार.. और क्या" प्रीति ने उतने ही अजीब लुक्स देके जवाब दिया



"ताक़त... खैर, मेरे पास इतनी ताक़त नहीं कि मैं इस शहर को चला पाऊ, पर हां... मैं इतनी ताक़त चाहता हूँ, कि एक फॉरिन इनवेस्टमेंट बॅंक, इंडिया में मेरे हिसाब से चले.. क्या यह पासिबल है" भारत ने सिगर्रेट के धुएँ का छल्ला बना के कहा



"तू खुराफाती है बहुत, बता क्या प्लान है.. " प्रीति ने जवाब में कहा



"मैं जेपीएम में इंटरव्यू देने जाउन्गा एक हफ्ते में.. वहाँ क्या क्या पोज़िशन्स ऑफर्ड है, मुझे वो जानना है... और इंडिया में वेल्त का हेड कौन है, मुझे वो भी जानना है.. तू क्या कर पाएगी इसमे" भारत ने अपनी बात पे आके कहा



"कल तेरी शादी है, यह सब सोच रहा है इस वक़्त ? "



"तू कर पाएगी क्या वो बता ना" भारत ने एक और सिगर्रेट जला के कहा



"उस में क्या है, वो बता सकती हूँ, कौनसी पोज़िशन्स ओपन है.... अभी कॉल कर देती हूँ मेरी कोलीग को , जेपीएम ईज़ इन सेम बिल्डिंग.. पर यहाँ इंडिया में क्या सीन है आइ डोंट नो.. वो तुझे जानना पड़ेगा..." कहके प्रीति ने कुछ कॉल्स किए और भारत को गुड नाइट बोलके अपने रूम में निकल गयी... भारत वहीं बैठे बैठे सोचने लगा इस मौके को कैसे इस्तेमाल किया जाए.. उसके सोचते सोचते सुबह होने लगी, और घर में काम काज का माहॉल चालू हो गया... 


आज भारत और शालिनी की शादी थी... बारात सुबह 11 बजे निकलने वाली थी, 8 बजे तक तो भारत इसी बात में लगा रहा कि कैसे बना जाए इंडिया जेपीएम का वेल्त मॅनेज्मेंट हेड... जब उसने घड़ी देखी तो कुछ देर में वो फ्रेश हुआ और तैयार होने लगा... भारत के काफ़ी दोस्त आए हुए थे उसके घर पे, पर कोई भी उसके कमरे में नहीं जाता... 



"भारत, जल्दी करो, कितनी देर बेटा" सीमी और राकेश ने कमरे के बाहर से आवाज़ लगाई



"10 मिनट मोम... " कहके भारत अपने कपड़े पहनने लगा... "आइ जस्ट हेट दीज़ ग्लॉरिफाइड थिंग्स... सिंपल कोर्ट मॅरेज करने में क्या दिक्कत है.. इतना शो शा, और उपर से गर्मी में यह इंडो वेस्टर्न सूट... " भारत खुद से कहने लगा और तैयार हो गया.. तैयार होके वो जैसे ही बाहर आया, सब लोग उसे देखने लगे



"कभी देखा नही क्या, हटाओ ना अपनी नज़रें यहाँ से" भारत अपने मन में सोचने लगा और सीमी को ढूँढने लगा..



"मोम.. चलो, लेट्स गो...गर्मी हो रही है एक तो" कहके भारत सीमी के पास गया और कुछ रस्में शुरू करके सब लोग बारात लेके निकले.... 



उधर शालिनी के घर वाले और दूसरे काफ़ी मेहमान भी होटेल पहुँच चुके थे.. बारात के स्वागत में खड़े थे... शादी ओबेरोई'स में रखी गयी थी... हर मेहमान के लिए शालिनी के पिता ने ख़ास इंतेज़ार किए थे, उनकी एक लौति बेटी की शादी में किसी की शिकायत ना हो उसका ख़याल रखा गया था... खाने में लज़ीज़ पकवान, हर मेहमान के लिए अलग अलग गाड़ियों का प्रबंध.. शालिनी के बाद पे भी कोई कसर नहीं छोड़ी अपने पैसों की नुमाइश दिखाने के लिए.. खैर एक घंटे में बारात ओबेरोई'स पहुँची और बारात का स्वागत धूम धाम से किया गया.. जितनी ज़्यादा देर लग रही थी अंदर जाने में, भारत उतना ही इरिटेट हो रहा था, लेकिन वो कुछ कह नहीं पा रहा था... काफ़ी सारे नाच गाने और नाटकों के बाद, दूल्हे को अंदर ले जाया गया और उसकी जगह पे बिठाया गया... 10 मिनट में शालिनी भी अपनी जगह पे आने लगी...



"ग्रेशियस...." भारत का पहले शब्द था शालिनी को देख.. शालिनी धीरे धीरे अपनी जगह पे आई और भारत के पास वाली जगह पे बैठ गयी



"मुझे नहीं पता था तुम इतनी सुंदर हो...और कोई राज़" भारत ने हँस के कहा



"ह्म्म.. इसका राज़ तुम ही हो स्वीटहार्ट..हहेहेः" शालिनी ने भी प्यार से जवाब दिया



"और शेविंग क्यूँ नहीं करवाई.. एक दम गुंडे लग रहे हो...." शालिनी की यह बात सुन भारत की हँसी छूट गयी और दोनो आपस में बातें करने लगे...



कुछ देर में शादी की रसम हुई, और करीब 2 घंटे चले मंत्रों के बाद, भारत ने शालिनी को मन्गल्सुत्र पहनाया...



"आज से तुम अफीशियली मेरी.." भारत ने मन्गल्सुत्र पहनाते शालिनी के कान में कहा




शादी ख़तम होते ही भारत और शालिनी भी अपनी जगह पे बैठ गये और खाने का दौर चालू हुआ..



"लुकिंग गुड माइ बॉय... हाउ आर यू हाँ" आदित्या की आवाज़ से भारत और शालिनी चौंके..



"हे आदि... आइम गुड, हाउ आर यू" भारत ने कहा और आदित्य के गले लगा



"शी ईज़ माइ वाइफ, "आदित्य ने उनका इंट्रो करवाया और शालिनी और आदि की वाइफ अपनी औरतों की बातों में लग गये



"हे आदि... एक बहुत ही अजीब बात सुनी.. वो जेपीएम का हेड है ना... इंडिया वेल्त मॅनेजर.. व्हाट्स हिज़ नेम आइ कॅंट रीकॉल.." कहके भारत आक्टिंग करने लगा सोचने कि



"यस.. विक्रम कोहली.. क्या हुआ उसे" आदित्य ने भारत को जेपीएम इंडिया वेल्त मॅनेजर का नाम कहा



"यस.. विक्रम कोहली.... हॅव हेअर्ड ही ईज़ लीविंग..." भारत ने झूठ कहा



"कम ऑन.. तुम यह सब छोड़ो,, और यह लो आप लोगों का गिफ्ट... फ्लाइट परसो है, आंड एंजाय युवरसेल्फ ..." कहके आदि फिर भारत से गले मिला और अपनी वाइफ के साथ शादी एंजाय करने लगा..


शादी निपटा के कुछ ही देर में शालिनी और भारत राकेश और सीमी के साथ अपने घर को निकले... घर पहुँच के काफ़ी रस्में हुई जिनमें भारत नहीं, शालिनी का इन्वॉल्व्मेंट था... धीरे धीरे कर, भारत के घर से मेहमान कम हुए और सब रस्में निपट गयी... रात के करीब 10 बजे शालिनी और सीमी किचन में खाना बना रहे थे.. खाना बनाते बनाते शालिनी सीमी के पीछे आई और उसकी स्लिक नाइटी से अपने बदन को धीरे धीरे रगड़ने लगी...
 
"उम्म... मोम, कैसे मेनटेन किया है खुद को आपने.." शालिनी आगे आके बोली, लेकिन उसका बदन अभी भी सीमी से चिपका हुआ था...



"यह कैसी बातें कर रही हो अपनी सास के साथ.. गंदी बहू रानी.. छीई" सीमी ने धीरे से कहा और दोनो हँसने लगे...



"गंदी तो तब होती जब अपनी सास का ख़याल नहीं रखती.. लेकिन मैं तो यहाँ आपका और आप के बेटे का ख़याल रखने ही आई हूँ ना.." कहके शालिनी ने धीरे से अपने होंठ आगे किए और सीमी को होंठ चूसने की दावत दी..... सीमी भी धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी, उसको लालच होने लगी थी... शरीर की आग पिछले कुछ दिनो में काफ़ी बढ़ गयी थी... भारत का लंड ना सही, शालिनी की चूत ही शायद यह आग बुझाए, यह सोच सीमी ने अपने तपते होंठ शालिनी के नरम होंठों पे जैसे ही रखे, दोनो के मूह से
"उम्म्म्मममममममम अहहहहहाहः" की सिसक निकली



"अहाहहा, छोड़ो भी अब... अपने पति के पास जाओ ना, यहाँ क्यूँ यह सब" सीमी ने अपने होंठ शालिनी से अलग किए, पर अब तक दोनो के बदन एक दूसरे से चिपके हुए थे और दोनो हंस हंस के बातें कर रहे थे...



उधर राकेश काफ़ी थक चुका था इसलिए वो जल्दी ही सो गया था.. भारत अपने रूम में बैठे बीते कुछ गणित कर रहा था.. उसकी गणित पैसो का नहीं, उपर पहुँचने का होता है.. वो बैठे बैठे यह सोच रहा था कि इंटरव्यू में क्या करेगा, और कौनसी डेसिग्नेशन माँगेगा.. उसने शॅरन को फोन मिलाया जो दूसरे दिन यूएस के लिए निकल रही थी



"हे शॅरन.. होप यू एंजाय्ड दा पार्टी" भारत ने पहले शब्द कहे



"ओह यस आ लॉट.. फन मीटिंग युवर मम.. से, व्हाट्स अप" शॅरन ने अपने सूटकेस बंद करते हुए कहा



"जस्ट वांटेड टू कन्फर्म दा जेपीएम थिंग, आरयू ऑन इट ?" भारत ने सुराग लेना चाहा



"ओह यस.. इट्स डन... आ वीक फ्रॉम नाउ, यू नीड टू मीट मी ऑन टाइम्स स्क्वेर एनवाई.. आइ विल टेक यू फ्रॉम देअर टू जेपीएम.. एनितिंग एल्स.." 



"ना... सी या इन आ वीक्स टाइम... हॅव आ सेफ वन. बाय" कहके भारत ने फोन रखा और अपने कुछ ऑफीस के चम्चो को काम सौंपा, जेपीएम इंडिया के कुछ फिगर्स कंपाइल करने के लिए.. अब सेल्स में यह काम इतना मुश्किल नहीं... अक्सर, जो बंदे सेल्स फील्ड में घूमते हैं, चाहे वो किसी भी कंपनी में हो, आपस में दोस्त ही होते हैं.. चाइ की थडी या सुत्ते दोस्त.. इनके अलग अलग मिलने के ठिकाने होते हैं.... अब चम्चे तो चम्चे हैं, लग गये भारत बॉस के दिए हुए काम पे.. 



"व्हाई टेक सो मच स्ट्रेस.. इतनी क्या जल्दी है उपर पहुँचने की हाँ" शालिनी ने रूम में आके कहा



"नतिंग बेब.. यू से, कैसा फील कर रही हो,, फाइनली मेरी बीवी हाँ.. लकी यू.." भारत ने हंस के शालिनी से गले लग के कहा



"आइ लव यू आ लॉट भारत.. अब थोड़ा डर भी लगने लगा है" कहके शालिनी भारत से चिपकी रही



"कैसा डर बेबू..." भारत ने शालिनी को कस्के गले लगाया



"तुम इतना उपर पहुँचना चाहते हो... दिल से चाहती हूँ तुम्हारी हर मुराद पूरी हो, पर यह सोच के डर लगता है, कि तुम जितना उपर जाओगे, उतना ही मुझसे दूर होते जाओगे.. और मैं वो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पाउन्गि.." शालिनी ने नम आँखों से कहा



"मैं कहीं नहीं जाउन्गा... हम जाएँगे.." कहके भारत ने शालिनी को फिर से कस लिया


"चलो ठीक है.. खाना खाने आओ पहले, यह सब बाद में देखते हैं.." कहके शालिनी राकेश को बुलाने गयी और सीमी के साथ दोनो अपने पतियों का वेट करने लगी... राकेश और 

भारत एक साथ ही आए खाने और खाते खाते चारो में काफ़ी हसी मज़ाक और बातचीत हुई.. बातों बातों में भारत ने राकेश को आदि के गिफ्ट के बारे में बताया और इंटरव्यू के बारे में.. सीमी और राकेश दोनो खुश थे कि भारत काफ़ी जल्दी करियर में प्रोग्रेस कर रहा है.. टेबल पे शालिनी और सीमी आँखों आँखों में कुछ बातें कर रहे थे, 

भारत ने यह नोट किया पर इग्नोर करके खाने पे ध्यान दिया.. कुछ देर में खाना निपटके चारो अपने अपने कमरे में निकल लिए



"उम्म... बेबी, आज सुहागरात है हमारी, क्या सर्प्राइज़ दोगि मुझे" भारत ने शालिनी को कमरा बंद करके कहा और उसे पीछे से जाकड़ लिया



"अरे, रूको, आज की रात तुम्हारे लिए काफ़ी स्पेशल है..." कहके शालिनी ने खुद को अलग किया भारत से और वॉशरूम गयी फ्रेश होने.. पीछे भारत ने भी अपने कपड़े बदल लिए और शालिनी का वेट करने लगा.... कुछ देर में शालिनी जब बाथरूम से बाहर आई, भारत उससे देख के दंग रह गया.. शालिनी उस वक़्त एक पिंक टू पीस में थी, ब्रा से उसके चुचे बाहर आने को फुदक रहे थे, और नीचे से उसकी चूत , उसकी जांघें देख कोई ना मर्द भी होता तो भी वो एक बार तो शालिनी को चोद ही डालता.... 
 
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