hotaks444
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"हां बोलो, क्या हाल है.. बिज़्नेस नहीं ला रही है तुम्हारी टीम, यह क्वॉर्टर बहुत मुश्किल होगा तुम्हारे लिए" भारत ने पेपर्स देखते हुए कहा
"सर, हम काम कर रहे हैं.. डोंट वरी, आप तो ठीक हैं ना, " सामने से बंदे ने कहा
"आइम गुड, बताओ क्या न्यूज़ है" भारत ने सीधा पॉइंट पे आके कहा
"सर, कॉर्पोरेट से न्यूज़ है.. आदि जा रहा है छोड़ के, कहाँ जा रहा है पता नहीं लग पाया"
"श्योर ?" भारत ने शॉक में पूछा
"यस सर... 100 %"
"वाउ... ग्रेट... तुम चलो अपना काम करो, मैं ज़रा देखूं यह क्या है... ओके, " कहके भारत निकल गया आदि से मिलने.. भारत के इस प्रमोशन के बाद अब आदि और वो एक ही बिल्डिंग में बैठते थे. इसलिए भारत बस एक फ्लोर उपर चढ़ा और आदि की कॅबिन में नॉक किया
"कम इन प्लीज़..." अंदर से आदि ने कहा.. जैसे ही भारत अंदर गया, आदि उसे देख के बहुत खुश हुआ
"माइ बॉय.... हाउ आर यू... गुड मॉर्निंग" कहके आदि ने भारत को रिसीव किया
"हे आदि.. मॉर्निंग... " कहके भारत बेत गया और दोनो इधर उधर की बातें करने लगे...
"उ नो भारत, तुम्हारी एक चीज़ मुझे जो पसंद है वो है तुम्हारी कमिटमेनट.. तुम जिस तरह से काम करते हो, तुम जिस तरह से शालिनी से प्यार करते हो.. तुम जिस तरह से डॅड की हेल्प करते हो... सब कितना अच्छा है.. बस एक बात हमेशा याद रखना, कभी किसी का भरोसा नहीं तोड़ना भारत.. कॉर्पोरेट में यह चूहों की रेस तो लगी रहती है.. कभी कोई आगे तो कभी कोई, लेकिन जो हमेशा हमारा साथ देता है, वो होता है हमारा ज़मीर... तुम अगर किसी को चीट करोगे तो तुम्हे तुम्हारा ज़मीर अंदर ही अंदर ख़ाता रहेगा... आम प्राउड ऑफ यू, आंड लेट मी शेअर वन थिंग विद यू.. 2 मंत्स डाउन थे लाइन.. यह कॅबिन तुम्हारा होगा... आदि ईज़ गोयिंग नाउ..." आदि ने बहुत ही खुश होके यह सब बातें भारत से की.. भारत को उम्मीद नहीं थी कि आदि भारत को इतना अज़ीज़ मानता है..
"आदि.. कहाँ जा रहे हो" भारत ने सीधा सवाल पूछा
"आइ लीके इट.. तुम बिल्कुल भी वक़्त नहीं गवाते... टू बी फ्रॅंक, मैं कहीं नहीं जा रहा.. बस थोड़ी वेल्थ है अपनी, अब सोच रहा हूँ रिटाइर हो जाउ और ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त मैं अपनी बीवी के साथ बिताउ.. इस लाइफ में मैने उसे बिल्कुल वक़्त नहीं दिया यार.. वो बेचारी आज तक मुझसे शिकायत नहीं कर पाई.. लेकिन मन की बात पढ़ना हमारा काम है.. इसलिए, आइ आम कॉलिंग इट आ डे नाउ... और हां, तुम्हारे लिए एक और न्यूज़ है.. शादी का हनिमून मेरी तरफ से.. बताओ कहाँ जाना चाहते हो.. " आदि ने अपने स्पेक्स उतार के कहा
" ना आदि.. इट्स ओके, तुमने मुझे इस लायक समझा, मेरे लिए यही बहुत है.. आइम रियली टच्ड टुडे.. यह साइड मैने आज तक देखा ही नहीं था तुम्हारा.. और शायद तुम्हारी वजह से मैं भी भटकते भटकते रह गया हूँ.. थॅंक्स आ लॉट .. सी या " कहके भारत आदि की कॅबिन से निकला और सोचते सोचते अपनी कॅबिन में गया.. आज आदि का यह साइड देख के, भारत काफ़ी परेशान था.. काफ़ी टाइम से उसने शालिनी से ठीक से बात भी नहीं की थी, आज उसने सोचा उसको सर्प्राइज़ देता हूँ उसके घर जाके और वो भी चुपके
भारत अपनी कॅबिन में गया और उसने आदि से अपनी छुट्टी अप्रूव करवा ली शादी के लिए और हनिमून के लिए
"स्वीट बॉय, कल तक जवाब देना, युवर ट्रिप ईज़ ऑन मी ओके. बाइ" कहके आदि ने उसे छुट्टी दी.. छुट्टी लेके भारत सीधा शॉपिंग माल गया और वहाँ से शालिनी के लिए कुछ कपड़े, ज्यूयलरी और लिंगेरिएस लिए.. आज की रात वो शालिनी के साथ बिताना चाहता था.. शॉपिंग करके वो सीधा पुणे के लिए निकला
"डॅड, मैं पुणे जा रहा हूँ, मेरे फरन्ड ने कुछ ऑर्गनाइज़ किया है मेरे लिए.. एक छोटी पार्टी.. हां, तो कल सुबह को आ जाउन्गा मैं, कल से छुट्टी ली है ऑफीस से.. ओके बाइ" कहके भारत ने राकेश को इनफॉर्म किया और पुणे की तरफ गाड़ी बढ़ा दी.. शालिनी के घर पहुँचने से पहले, उसने रास्ते से एक महेंगी वाइन और कुछ म्यूज़िक सीडी'स भी ले ली.. रात के करीब 11 बजे वो शालिनी के घर के पास पहुँचा, गाड़ी लगा के वो शालिनी को सर्प्राइज़ कैसे दे यह सोच रहा था, तभी उसे एक आइडिया आया... उसने पाइप पे चढ़ के उपर जाने की कोशिश की.. काफ़ी कोशिश के बाद वो थोड़ा उपर पहुँचा और शालिनी की रूम के बाल्कनी में पहुँचा.. बाल्कनी से धीरे से अंदर झाँका तो शालिनी की पीठ उसके साइड थी.. रूम में थोड़ा अंधेरा था इसलिए वो धीरे धीरे आगे बढ़ा और पीछे से जाके शालिनी को धीरे से जकड़ा और उसके कानो में कहा
"बेबी, मिस्ड यू सो मच... सॉरी, और यह पहेन क्यूँ रही हो.. यह वक़्त तो कपड़े उतारने का है ना... यह देखो मैं तुम्हारे लिए लिंगेरिएस लाया हूँ.. आज की रात हम साथ में गुज़रेंगे.. प्लीज़ मना नही करना शालिनी..." कहके भारत ने जैसे ही चुचों पे हाथ रखा, उसने तुरंत अपने हाथ पीछे खींच लिए..
"कौन हो तुम" भारत ने डर के पूछा
"हाहहह्ा... उहहहहहा उम्म्म्म... सही है, जमाई राजा हहहहहहहा... मेरी बेटी को उसके चुचों से ही पहचान लिया.. सही मर्द हो तुम, " ऋतु ने पलट के कहा, और फिर एक चीख से शालिनी को रूम में बुलाया
"व्हाट'स दा फूसस मोम.. क्यूँ चिल्ला रहे हो..." शालिनी ने अंदर आके देखा तो भारत वहीं खड़ा था
"तुम.. यहाँ?" शालिनी ने सर्प्राइज़ होके कहा
भारत कुछ कहता इससे पहले ऋतु ने कहा
"तुम्हे बहुत मिस कर रहा था.. " कहके ऋतु वहाँ से निकल गयी और दरवाज़ा अंदर से बंद करने की हिदायत दी शालिनी को.. ऋतु के जाते ही, शालिनी और भारत एक दूसरे से काफ़ी लंबे टाइम तक गले लगे रहे... ऐसा लग रहा था, बरसो बाद मिल रहें हो..
"बेबी, व्हाट्स रॉंग... " भारत ने शालिनी के सर पे हाथ फिरा के कहा
"कुछ नहीं.. बस ऐसे ही, " कहके शालिनी अलग हुई भारत से और फिर अपनी बाहें उसकी बाहों में डाल के उसके साथ बैठी
"सर, हम काम कर रहे हैं.. डोंट वरी, आप तो ठीक हैं ना, " सामने से बंदे ने कहा
"आइम गुड, बताओ क्या न्यूज़ है" भारत ने सीधा पॉइंट पे आके कहा
"सर, कॉर्पोरेट से न्यूज़ है.. आदि जा रहा है छोड़ के, कहाँ जा रहा है पता नहीं लग पाया"
"श्योर ?" भारत ने शॉक में पूछा
"यस सर... 100 %"
"वाउ... ग्रेट... तुम चलो अपना काम करो, मैं ज़रा देखूं यह क्या है... ओके, " कहके भारत निकल गया आदि से मिलने.. भारत के इस प्रमोशन के बाद अब आदि और वो एक ही बिल्डिंग में बैठते थे. इसलिए भारत बस एक फ्लोर उपर चढ़ा और आदि की कॅबिन में नॉक किया
"कम इन प्लीज़..." अंदर से आदि ने कहा.. जैसे ही भारत अंदर गया, आदि उसे देख के बहुत खुश हुआ
"माइ बॉय.... हाउ आर यू... गुड मॉर्निंग" कहके आदि ने भारत को रिसीव किया
"हे आदि.. मॉर्निंग... " कहके भारत बेत गया और दोनो इधर उधर की बातें करने लगे...
"उ नो भारत, तुम्हारी एक चीज़ मुझे जो पसंद है वो है तुम्हारी कमिटमेनट.. तुम जिस तरह से काम करते हो, तुम जिस तरह से शालिनी से प्यार करते हो.. तुम जिस तरह से डॅड की हेल्प करते हो... सब कितना अच्छा है.. बस एक बात हमेशा याद रखना, कभी किसी का भरोसा नहीं तोड़ना भारत.. कॉर्पोरेट में यह चूहों की रेस तो लगी रहती है.. कभी कोई आगे तो कभी कोई, लेकिन जो हमेशा हमारा साथ देता है, वो होता है हमारा ज़मीर... तुम अगर किसी को चीट करोगे तो तुम्हे तुम्हारा ज़मीर अंदर ही अंदर ख़ाता रहेगा... आम प्राउड ऑफ यू, आंड लेट मी शेअर वन थिंग विद यू.. 2 मंत्स डाउन थे लाइन.. यह कॅबिन तुम्हारा होगा... आदि ईज़ गोयिंग नाउ..." आदि ने बहुत ही खुश होके यह सब बातें भारत से की.. भारत को उम्मीद नहीं थी कि आदि भारत को इतना अज़ीज़ मानता है..
"आदि.. कहाँ जा रहे हो" भारत ने सीधा सवाल पूछा
"आइ लीके इट.. तुम बिल्कुल भी वक़्त नहीं गवाते... टू बी फ्रॅंक, मैं कहीं नहीं जा रहा.. बस थोड़ी वेल्थ है अपनी, अब सोच रहा हूँ रिटाइर हो जाउ और ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त मैं अपनी बीवी के साथ बिताउ.. इस लाइफ में मैने उसे बिल्कुल वक़्त नहीं दिया यार.. वो बेचारी आज तक मुझसे शिकायत नहीं कर पाई.. लेकिन मन की बात पढ़ना हमारा काम है.. इसलिए, आइ आम कॉलिंग इट आ डे नाउ... और हां, तुम्हारे लिए एक और न्यूज़ है.. शादी का हनिमून मेरी तरफ से.. बताओ कहाँ जाना चाहते हो.. " आदि ने अपने स्पेक्स उतार के कहा
" ना आदि.. इट्स ओके, तुमने मुझे इस लायक समझा, मेरे लिए यही बहुत है.. आइम रियली टच्ड टुडे.. यह साइड मैने आज तक देखा ही नहीं था तुम्हारा.. और शायद तुम्हारी वजह से मैं भी भटकते भटकते रह गया हूँ.. थॅंक्स आ लॉट .. सी या " कहके भारत आदि की कॅबिन से निकला और सोचते सोचते अपनी कॅबिन में गया.. आज आदि का यह साइड देख के, भारत काफ़ी परेशान था.. काफ़ी टाइम से उसने शालिनी से ठीक से बात भी नहीं की थी, आज उसने सोचा उसको सर्प्राइज़ देता हूँ उसके घर जाके और वो भी चुपके
भारत अपनी कॅबिन में गया और उसने आदि से अपनी छुट्टी अप्रूव करवा ली शादी के लिए और हनिमून के लिए
"स्वीट बॉय, कल तक जवाब देना, युवर ट्रिप ईज़ ऑन मी ओके. बाइ" कहके आदि ने उसे छुट्टी दी.. छुट्टी लेके भारत सीधा शॉपिंग माल गया और वहाँ से शालिनी के लिए कुछ कपड़े, ज्यूयलरी और लिंगेरिएस लिए.. आज की रात वो शालिनी के साथ बिताना चाहता था.. शॉपिंग करके वो सीधा पुणे के लिए निकला
"डॅड, मैं पुणे जा रहा हूँ, मेरे फरन्ड ने कुछ ऑर्गनाइज़ किया है मेरे लिए.. एक छोटी पार्टी.. हां, तो कल सुबह को आ जाउन्गा मैं, कल से छुट्टी ली है ऑफीस से.. ओके बाइ" कहके भारत ने राकेश को इनफॉर्म किया और पुणे की तरफ गाड़ी बढ़ा दी.. शालिनी के घर पहुँचने से पहले, उसने रास्ते से एक महेंगी वाइन और कुछ म्यूज़िक सीडी'स भी ले ली.. रात के करीब 11 बजे वो शालिनी के घर के पास पहुँचा, गाड़ी लगा के वो शालिनी को सर्प्राइज़ कैसे दे यह सोच रहा था, तभी उसे एक आइडिया आया... उसने पाइप पे चढ़ के उपर जाने की कोशिश की.. काफ़ी कोशिश के बाद वो थोड़ा उपर पहुँचा और शालिनी की रूम के बाल्कनी में पहुँचा.. बाल्कनी से धीरे से अंदर झाँका तो शालिनी की पीठ उसके साइड थी.. रूम में थोड़ा अंधेरा था इसलिए वो धीरे धीरे आगे बढ़ा और पीछे से जाके शालिनी को धीरे से जकड़ा और उसके कानो में कहा
"बेबी, मिस्ड यू सो मच... सॉरी, और यह पहेन क्यूँ रही हो.. यह वक़्त तो कपड़े उतारने का है ना... यह देखो मैं तुम्हारे लिए लिंगेरिएस लाया हूँ.. आज की रात हम साथ में गुज़रेंगे.. प्लीज़ मना नही करना शालिनी..." कहके भारत ने जैसे ही चुचों पे हाथ रखा, उसने तुरंत अपने हाथ पीछे खींच लिए..
"कौन हो तुम" भारत ने डर के पूछा
"हाहहह्ा... उहहहहहा उम्म्म्म... सही है, जमाई राजा हहहहहहहा... मेरी बेटी को उसके चुचों से ही पहचान लिया.. सही मर्द हो तुम, " ऋतु ने पलट के कहा, और फिर एक चीख से शालिनी को रूम में बुलाया
"व्हाट'स दा फूसस मोम.. क्यूँ चिल्ला रहे हो..." शालिनी ने अंदर आके देखा तो भारत वहीं खड़ा था
"तुम.. यहाँ?" शालिनी ने सर्प्राइज़ होके कहा
भारत कुछ कहता इससे पहले ऋतु ने कहा
"तुम्हे बहुत मिस कर रहा था.. " कहके ऋतु वहाँ से निकल गयी और दरवाज़ा अंदर से बंद करने की हिदायत दी शालिनी को.. ऋतु के जाते ही, शालिनी और भारत एक दूसरे से काफ़ी लंबे टाइम तक गले लगे रहे... ऐसा लग रहा था, बरसो बाद मिल रहें हो..
"बेबी, व्हाट्स रॉंग... " भारत ने शालिनी के सर पे हाथ फिरा के कहा
"कुछ नहीं.. बस ऐसे ही, " कहके शालिनी अलग हुई भारत से और फिर अपनी बाहें उसकी बाहों में डाल के उसके साथ बैठी