Antarvasna kahani माया की कामुकता - Page 2 - SexBaba
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Antarvasna kahani माया की कामुकता

"सर... उठिए अभी, किसी ने देख लिया तो प्राब्लम हो जाएगी" शलनी ने भार्गव के कपड़े वहाँ रखते हुए कहा


जब भार्गव ने कोई जवाब नहीं दिया, शालिनी ने थोड़ा चिल्ला के कहा


"सर, प्लीज़ गेट आउट नाउ.. काफ़ी देर हो चुकी है, निकलो चलो अब"


भार्गव ये सुनके झट से बिस्तर से उठा और अपने कपड़े पहनने लगा... कपड़े पहेन के भार्गव झट से शालिनी के रूम से बिना कुछ बात किए निकल गया... भार्गव के जाते ही शालिनी अपने वॉर्डरोब के पास गयी और क्वेस्चन पेपर को देखने लगी.. कुछ सेकेंड्स के बाद शालिनी ने भारत को फोन किया



"हाई बेबी...." शालिनी ने अपनी चहकति हुई आवाज़ में कहा

"यस बेब्स.. क्या हुआ, हाथ लगा कुछ" भारत ने सामने से पूछा

"यस स्वीटहार्ट.. कल का क्वेस्चन पेपर, जल्दी मेरे रूम में आओ और तुम भी इसकी कॉपी कर लो" शालिनी ने क्वेस्चन पेपर देखते हुए कहा

"नो थॅंक्स हनी. तू ही रख उसको, मुझे जितना आता है मैं उतने मार्क्स लाउन्गा... " भारत ने अपनी धीमी आवाज़ में कहा

"क्या यार.. तुझे अछा लगेगा कि मेरे मार्क्स तुझसे ज़्यादा आए" शालिनी ने भारत को चिढ़ाते हुए कहा

"हहहहहा.. गुड वन बेब, देखेंगे रिज़ल्ट्स में.. चल तू पढ़, और लेट मी स्टडी ऑल्सो... बाय" कहके भारत ने फोन कट कर दिया


अगले दिन क्लास में.....


"अबे बता ना क्या हुआ था कल रात को..." राहुल ने भारत को उसके ख़यालों से निकलते हुए पूछा

"आए कुछ नई रे, चल अब एग्ज़ॅम लिख" भारत ने बात को घूमते हुए कहा...


अभी एग्ज़ॅम स्टार्ट ही हुई थी कि, शालिनी ने क्लास में एंट्री ली.. शालिनी को देख भार्गव की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. शालिनी जैसे ही अपनी सीट पे गयी, भार्गव ने उसे इशारे से बेंच के नीचे देखने को कहा.. जैसे ही शालिनी ने नीचे देखा, उसकी खुशी दुगनी हो गयी... भार्गव ने शालिनी के लिए आन्सर्स की चिट रखी हुई थी नीचे... करीब 2.30 घंटे बाद एग्ज़ॅम ख़तम हुई और सब फ्रेंड्स लोग अपने अपने ग्रूप में कॅंपस के हर कोने में बैठे गप्पे मार रहे थे... भारत, शालिनी, रूबी, राहुल, संजय, और उनके दूसरे फ्रेंड्स भी बैठे गप्पे हांक रहे थे, तभी रूबी के मोबाइल पे फोन आया.


"हेलो..... व्हाट !!!!! "


"यस.. आइ विल बी देअर..." कहके रूबी ने फोन कट किया



"गाइस, प्लीज़ सिटी हॉस्पिटल कोई लेके चलेगा, मेरे अंकल का आक्सिडेंट हुआ है" रूबी ने अपने दोस्तों से कहा


भारत :- तेरे अंकल ? यहाँ ? वो तो... ऊह शालिनी, व्हेअर शी स्टेज़ ?


शालिनी :- अरे यार, तू क्यूँ भूल जाता है.. आहमेदबाद


भारत :- हां, आहमेदबाद, तो अंकल यहाँ कैसे आए


रूबी:- अरे वो इधर किसी काम से आए थे, उनका आक्सिडेंट हुआ है और हॉस्पिटल में उन्होने मेरा रेफरेन्स दिया है..


भारत :- बेब, एक्सट्रीम्ली सॉरी हाँ... राहुल, प्लीज़ टेक हर यार, आइ कन्नोट कम


राहुल :- ओके.. रूबी लेट्स गो, 


भारत :- ये ले , गाड़ी की चाबी. ब्लॅक अकॉर्ड, 6 नंबर है ओके...
 
रूबी और राहुल वहाँ से निकल तो गये, पर जाते जाते रूबी ने भारत को एक निराशा वाली नज़रों से देखा... रूबी और राहुल के जाते ही, उनके दूसरे दोस्त भी इधर उधर हो गये, और भारत और शालिनी को अकेला छोड़ दिया..



"भारत.. य अरे यू सो रूड टू हर..." शालिनी ने भारत से पूछा



"मैने क्या किया बेब.." भारत ने सर्प्राइज़ होके पूछा


"उसके अंकल के पास क्यूँ नही ले गया.. तू साले वैसे भी इधर वेल्ला ही बैठेगा अब प्लेस्मेंट्स हो तब तक" शालिनी ने भारत को गुस्से में कहा


"चिल डियर... 30 मिनट के बाद राहुल से पूछना वो कहाँ गये" भारत ने हरामी मुस्कान के साथ कहा


"व्हाट डू यू मीन नाउ" शालिनी ने सर्प्राइज़ होके पूछा


"अरे कुछ नहीं हुआ... उसको कुछ टाइम अकेला स्पेंड करना था मेरे साथ, इसलिए ये ड्रामा.. उसके एक ही अंकल हैं जिनकी एज 60 अबव है और वो कहाँ ट्रॅवेल करेंगे अब यार... देख लेना 30 मिनिट में राहुल को" कहके भारत और शालिनी कॅंटीन की तरफ बढ़ गये


"बिच...." शालिनी ने सिर्फ़ इतना ही कहा कि तभी उन दोनो को सामने से भार्गव आता दिखा



"हेलो सर.... हाउ आर यू फीलिंग" भारत ने भार्गव से पूछा


"हाहहहा.. वेरी वेल माइ बॉय.. शालिनी हाउ आर यू.." भार्गव ने जवाब दिया


"नोट वेल सर, एनीवेस बोलिए" शालिनी ने रूखा जवाब दिया


"लिसन नाउ... 3 दिन बाद प्लेस्मेंट्स स्टार्ट हो रहे हैं.. आंड यू विल बी ग्लॅड टू नो कि पहला राउंड इस बार इनवेस्टमेंट बाँक्स का हैं" भार्गव ने अपनी आँखों में चमक लाते हुए कहा.. इनवेस्टमेंट बाँक्स का नाम सुनते ही भारत का उत्साह बढ़ गया..



"सर, विच इनवेस्टमेंट बाँक्स आर ऑन दा लिस्ट.. प्लीज़ डीटेल दीजिए" भारत ने ज़्यादा जानना चाहा



"चिल माइ बॉय... लिस्ट कुछ देर में प्लेसमेंट बोर्ड पे आ जाएगी... आंड कौन्से कौन्से स्टूडेंट्स अपीयर करेंगे फॉर इंटरव्यूस, दट लिस्ट ऑल्सो विल बी प्लेस्ड... मैं अभी प्लेसमेंट सेल के हेड के पास ही जा रहा हूँ.. बाइ नाउ, एंजाय युवर डे" कहके भार्गव वहाँ से निकल गया
 
"इनवेस्टमेंट बाँक्स... उसमे क्या करेंगे यार, तू क्यूँ इतना एग्ज़ाइट हो रहा है" शालिनी ने आगे बढ़ते हुए भारत से पूछा



"तू क्या करने का सोच रही है" भारत ने शालिनी से पूछा



"डोंट नो यार, पढ़ाई ख़तम, अब सोच रही हूँ अपनी मौसी के पास उस जाउ, और वहीं कुछ जॉब सर्च करूँ.. यहाँ फाइनान्स में तो कुछ आता है नहीं, तेरे चक्कर में फाइनान्स लिया और अब बेरोज़गार हो जाउन्गि मैं" शालिनी ने हंसते हुए भारत से कहा



"अरे फिकर नोट जानेमन.. अगर सब कुछ सही हुआ तो तू और मैं साथ ही जाएँगे एक कंपनी मैं.. बट उसके लिए तुझे मेरा साथ देना पड़ेगा, बोल रेडी है" भारत और शालिनी अब कॅंटीन के कॉर्नर सीट में बैठे हुए थे..



"हां बोल ना, मैं तो रेडी ही हूँ यार" शालिनी ने भारत का जवाब दिया



"डेम्पो... दो पेप्सी ला और ग्रिल्ड चिकन सॅंडविच... और सुन अब, सबसे पहले प्लेसमेंट फॉर्म जब भरेगी, उसमे डिज़ाइयर्ड प्रोफाइल एचआर का लिखना... दूसरी बात, यहाँ की लोकल आइटी कंपनीज़ के नाम दे मुझे, वहाँ से तेरे फ़र्ज़ी एचआर एक्सपीरियेन्स सर्टिफिकेट अरेंज करेंगे... तीसरी बात, अपना भार्गव जो है, वो तो अब तेरा है ही. उसको बोलके तेरा नाम एचआर वाली लिस्ट में डाल देंगे" भारत ने सामने बैठी शालिनी को कहा



"भारत.. फ़र्ज़ी सेरटी... आइ मीन, कुछ गड़बड़ हुई तो..." शालिनी ने डरते हुए पूछा


"बेब, दिस ईज़ दा ओन्ली वे आउट... और एक बात तेरी किस्मत पे डिपेंड है, जो कंपनी मुझे ले जाएगी, वहाँ एचआर की ज़रूरत है कि नहीं वो तो कैसे कहें.. इसलिए 4 बातों में से 3 बातें हमारे हाथ में हैं, तो वो तो हम कर दें, आगे तेरी किस्मत" भारत ने शालिनी को जवाब दिया



"ठीक है भारत... मेरे डॅड की कन्स्ट्रक्षन कंपनी में से आइ विल अरेंज आ सेरटी आंड मेरा भाई लोकल आइटी कंपनी में इंजिनियर है, इसलिए उसको बोल दूँगी.. टोटल कितने साल का एक्सपीरियेन्स चाहिए" शालिनी ने भारत से पूछा



"5 साल का मंगवा ले.. बट मेक शुवर सब सील आंड स्टंप आर इन प्लेस... आंड अगर इंक्वाइरी हो तो यू हॅव आ बॅकप रेडी.." भारत ने अपना ऑर्डर लेते हुए कहा



"ओके भारत.. मैं कर लूँगी चल.. अब ख़ाके चल देखते हैं, क्या है लिस्ट में, और किस किस का नाम है" शालिनी ने जवाब दिया



आधे घंटे में शालिनी और भारत अपना अपना खाना ख़ाके प्लेसमेंट सेल की तरफ दौड़े, जहाँ लिस्ट ऑलरेडी लग चुकी थी.. जैसे ही वो वहाँ पहुँचने वाले थे, सामने उनको भार्गव आता हुआ दिखा...



"सर... एक रिक्वेस्ट प्लीज़" शालिनी ने भार्गव से कहा


"हां शालिनी, बोलो" भार्गव ने कहा



"सर, मैं एचआर के लिए ऑप्ट करना चाहती हूँ.. फाइनान्स में नहीं" शालिनी ने सीधी बात कही अपनी


"दट ईज़ नोट पासिबल माइ डियर.. तुम्हारा नाम फाइनान्स की लिस्ट में आ चुका है.. अब एचआर की लिस्ट रेडी हो गई है, उसमे चेंज करना ईज़ आ वेरी टफ थिंग.." भार्गव ने भारत और शालिनी दोनो को देखते हुए कहा



"नतिंग ईज़ टफ फॉर यू सर... आप का जितना रुतबा है, उतना कहाँ है किसी का इस कॉलेज में, आप चाहें तो लिस्ट क्या, पोज़िशन्स बदल जाती हैं यहाँ " भारत ने अपनी श्रेवड़ आवाज़ में कहा



"हाहहहा... नोट अन ईज़ी टास्क.. बट नोट इंपॉसिबल थॉट.. आइ नीड टू मॅनेज प्लेसमेंट ऑफीसर ऑल्सो, आइ होप तुम समझ सकती हो शालिनी" भार्गव ने अपनी हरामी स्माइल देते हुए कहा



"आइ नो सर... चलिए बाद में बात करते हैं" भारत ने भार्गव को जवाब दिया और शालिनी का हाथ पकड़ के वहाँ से निकल गया



"तुझे क्या हुआ अचानक.." शालिनी ने भारत से कहा


"क्यूँ" भारत ने उसका हाथ छोड़ते हुए कहा



"आज अचानक हाथ पकड़ा, ऐसा तो पहले कभी नहीं किया" शालिनी ने भारत की बाहों में अपने हाथ डालते हुए कहा



"पता नही यार, तू फाइनान्स में ही अप्लाइ कर.. एचआर के लिए फिर ऑल शिट.. आइ डोंट नो" भारत पहली बार अपने जवाब में कन्विन्स्ड नहीं लग रहा था



"डोंट वरी यार... चल पहले लिस्ट तो देखें" शालिनी ने भारत को आगे ले जाते हुए कहा



शालिनी और भारत जैसे ही प्लेसमेंट लिस्ट के पास पहुँचे , काफ़ी भीड़ देख स्टूडेंट्स की वो लोग दूरी पे ही रुक गये.. कुछ देर में सब की निराशा देख उनको पता चल गया कि लिस्ट काफ़ी ड्रिल्ड डाउन हुई है.. जैसे जैसे भीड़ कम हुई, वो लोग आगे बढ़ने लगे चेक करने के लिए लिस्ट. लिस्ट में टोटल 10 नाम थे, जिनमे से 4 लोगों को भारत बहुत अच्छे से जनता था... सिद्धार्थ, भारत, शालिनी, रूबी.... ये 4 नाम थे जो भारत ने सबसे पहले देखे... जब कि उसे सिद्धार्थ के नाम पे कोई शक नहीं था, उसे रूबी और शालिनी का नाम पढ़ के थोड़ा सर्प्राइज़ लगा... शालिनी अपना नाम देख खुश भी हुई, और उदास भी हुई.. खुशी उसे इस बात की थी कि उसका नाम लिस्ट में आया, पर दुख इस बात का था, कि अगर वो यहाँ रिजेक्ट हुई तो फिर कोई दूसरी कंपनी में अपीयर नहीं कर पाएगी



"क्या हुआ अब तुझे.. शॉक्ड क्यूँ लग रहा है" शालिनी ने भारत को ऐसे देख पूछा


"बेब, तेरा तो आइ नो... बट रूबी का नेम कैसे आया" भारत अभी भी शॉक्ड था
 
"व्हाट.. यू डोंट नो... साले टॉप 5 में आती है वो.. और ये जो 10 स्टूडेंट्स हैं इनमे से सबसे कम मार्क्स तेरे और मेरे हैं.. आइ मीन तेरे 67 % और मेरे 55 %" शालिनी ने भारत को जवाब दिया



"पता नहीं था यार रूबी इतनी होशयार है... बट ओके, तो तूने क्या सोचा" भारत ने शालिनी से पूछा



"पहले लिस्ट लगने दे कौनसी कंपनीज़ हैं, उसके बाद बोलती हूँ.. फिलहाल चल रूम में सिगर्रेट स्मोक करते हैं" कहके शालिनी भारत का हाथ पकड़ के बाहर ले गयी.. जैसे ही शालिनी और भारत आगे बढ़े, सामने उन्हे राहुल और रूबी आते हुए दिखे...



"हाई रूबी.. कैसे हैं अंकल..." भारत ने रूबी से पूछा जो बहुत डिसपायंटेड लग रही थी.. रूबी ने भारत की किसी बात जवाब नहीं दिया और बिना कुछ बोले निकल गयी...



"इसे क्या हुआ... खोटे ड्रामे , अबे सुन.. कौन से अंकल के पास गये थे जो इतना टाइम लगा.. साले ड्रामेबाज़" भारत ने राहुल को पूछा



"अबे,इसके एक ही तो अंकल हैं, बेचारे बहुत सीरीयस हैं, रूबी बहुत रो रही थी यार, इनफॅक्ट गाड़ी में भी चुप नहीं हो रही थी.. मैं जानता हूँ वो कैसे चुप हुई है" राहुल ने भारत को जवाब दिया, जिससे भारत को काफ़ी दुख पहुँचा.. उसने बिल्कुल ग़लत सोचा था, पर उसने इस बात का दुख नहीं दिखाया और शालिनी को इशारे में कहा रूबी के पास जाने को.. शालिनी और राहुल रूबी के पास गये , और भारत उल्टी दिशा में जाने लगा... जैसे ही भारत आगे बढ़ा



"हेलो मिस्टर चॅंप..." इस आवाज़ ने उसे पीछे मुड़ने पे मजबूर किया

"हेलो मिस्टर चॅंप.." भारत ये आवाज़ सुन के पीछे पलटा, सामने खड़े शक्स को देख उसके चेहरे पे कन्फ्यूज़्ड लुक्स आए


"मिस्टर कॅप्टन.. हुह.. हाउ आर यू" भारत ने सामने खड़े सिद्धार्थ को जवाब दिया


"तो एक बार फिर तुम मेरे कॉंपिटेशन में आ गये.. इनवेस्टमेंट बाँक्स के इंटरव्यू में... मज़ा आएगा, जब तुम रिजेक्ट होके बाहर निकलोगे" सिद्धार्थ ने अपने आरोगेन्स में जवाब दिया



"देख सिड..." भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा कि सिद्धार्थ फिर उसपे चढ़ने लगा



"तू देख बे.... ये कोई फुटबॉल गेम नहीं है समझा... अगर यहाँ मैने तुझे नहीं हराया, तो मेरा नाम भी सिद्धार्थ नहीं" सिड ने अपने गुस्से में कहा


"तो तू भी अपना नया नाम सोच ले फिर सिड" सामने से आती शालिनी ने कहा


"बेब, यू स्टे आउट ऑफ दिस ओके... आंड सिड... सी यू सून" कहके भारत वहाँ से शालिनी को लेके निकल गया



"तूने उसको जवाब क्यूँ नहीं दिया.." शालिनी ने चिढ़ के भारत से पूछा


'देख, गुस्सा मत कर, और चल अब देखते हैं कंपनी की लिस्ट लगी कि नहीं" भारत फिर शालिनी को लेके वहाँ से प्लेसमेंट सेल की तरफ बढ़ा. प्लेसमेंट सेल के पास शॉर्टलिस्टेड स्टूडेंट्स खड़े थे जिनमे रूबी और सिड भी थे.. भारत और शालिनी के वहाँ जाते ही रूबी ने अपनी आँखें फेर ली और दूसरे स्टूडेंट्स से बातें करने लग गयी, जब कि सिड वहीं खड़े उन दोनो को देख रहा था... 


"लगता है लिस्ट नहीं आया अब तक, चल इधर ही वेट करते हैं" शालिनी ने भारत से कहा और सामने की दीवार पे जाके बैठ गये.. करीब 5 मिनट में प्लेसमेंट ऑफीसर आया और लिस्ट चिपका के निकल गया.. जैसे जैसे स्टूडेंट्स लिस्ट पढ़ने लगे, उनके चेहरे पे खुशी बढ़ती गयी.. 15 मिनट में स्टूडेंट्स लिस्ट पढ़ के वहाँ से निकलने लगे, और सिड और रूबी कोने में खड़े एक दूसरे से बातें कर रहे थे.. शालिनी और भारत जब लिस्ट के पास गये, उनके चेहरे पे भी खुशी की ल़हेर दौड़ने लगी.. लिस्ट में कंपनीज़ के नाम थे :-

1). गोल्ड्मन सॅक्स ( यूएस डिविषन)
2). जेपी मॉर्गन (यूएस डिविषन)
3). मॉर्गन स्टॅन्ली (इंडिया डिविषन)
4). सिटी ग्रूप (यूके डिविषन)
5). अबीश (इंडिया डिविषन)



"भारत... सिर्फ़ एक ही बॅंक इंडिया के लिए है, बाकी सब अब्रॉड की.. यार आइ अम कन्फ्यूज़्ड , फाइनान्स लूँ कि एचआर" शालिनी ने लिस्ट देख के कहा


"यहाँ से चल पहले.." भारत शालिनी को लेके वहाँ से निकल गया और उसके रूम में जाके बातें करने लगे



"ये तू डिसाइड कर यार, फाइनान्स के लिए बैठेगी तो टफ बहुत होगा.. बट मॉर्गन स्टॅन्ली भी उस की कंपनी है, तो एक बार तू वहाँ चली जा, उस के दरवाज़े भी ओपन ही रहेंगे.. हां सवाल है, फाइनान्स या एचआर.. वो तू सोच यार... आंड वैसे भी इंटरव्यू 3 दिन के बाद हैं.. तो तू आराम से सोच.. मैं तब तक मोम डॅड से मिलके आता हूँ" भारत ने शालिनी के गालों को चूमते हुए कहा



"ओके स्वीटी.. तब तक व्हाट शुड आइ डू अबौट भार्गव" शालिनी ने भारत से पूछा



"प्ले अलॉंग स्वती... यू नेवेर नो, कौन कब कहाँ काम आ जाए.. आंड वन्स यू डिसाइड, कॉल मी, आइ विल टेल यू ओके.. चल " कहके भारत वहाँ से निकला और अपना रूम लॉक करके पार्किंग की तरफ बढ़ने लगा.. बीच में उसे याद आया के गाड़ी की चाबी उसने राहुल को दी है... वो राहुल के कमरे की तरफ बढ़ा.. कमरे के पास पहुँचते ही अंदर की आवाज़ों से वो वहीं रुक गया... ध्यान से उसने सुना तो अंदर राहुल के साथ कोई लड़की थी... भारत वहाँ से वापस मूड गया और रूम के दूसरे एंड में जाके छुप गया... उसने तुरंत राहुल को कॉल किया



"राहुल... मेरी गाड़ी की चाबी चाहिए, तेरे रूम में आ रहा हूँ" भारत ने फोन पे कहा


"उः भारत.. थोड़ी देर ले ना.. अभी कहीं बिज़ी हूँ" राहुल ने सामने से भारत को जवाब दिया


"राहुल, घर जा रहा हूँ, 5 मिनट में आता हूँ तेरे पास" कहके भारत ने फोन कट किया और वहीं वेट करके देखने लगा कि कौन लड़की है, वो बाहर तो आएगी ही... कुछ ही सेकेंड्स में राहुल के रूम का दरवाज़ा खुला और उस लड़की को देख भारत को शॉक तो लगा, पर उसने फिर दिमाग़ से बात निकाल दी और राहुल के कमरे की ओर बढ़ने लगा..



"राहुल, चाबी दे यार" भारत ने सामने राहुल से कहा जो शर्टलेस था और बहुत पसीने में था


"ये ले... चल बाइ" राहुल ने भारत से कहा


"बहुत बिज़ी है भाई.. मेहनत कम कर.." कहके भारत वहाँ से निकल गया और अपनी गाड़ी में बैठ के मुंबई की ओर निकल गया
 
पुणे से मुंबई पहुँचने में भारत को 2 घंटे लगे... पूरे रास्ते में भारत सिर्फ़ ये ही सोच रहा था कि रूबी ने राहुल के साथ ये कैसे किया... बार बार भारत के दिमाग़ में ये सवाल आता, पर हर बार उसकी परवाह ना करने का बहाना कर, उस बात को दिमाग़ से निकाल देता.. रात के करीब 9 बजे भारत अपने घर पहुँचा.. अपने घर पहुँच के सबसे पहले वो अपने डॅड से मिला..



राकेश :- वेलकम बेटा.. कैसी चल रही है पढ़ाई


भारत :- गुड डॅड, 3 दिन के बाद प्लेसमेंट है, तो परसो वापस जाना है, यूस की कंपनीज़ हैं एक दो...


राकेश :- भारत, लेट इट बी, बिज़्नेस करो अपना, कॅपिटल मैं दूँगा तुम्हे


भारत :- नो डॅड.... फिर ये आर्ग्युमेंट नहीं करनी प्लीज़.. आंड वैसे मोम कहाँ हैं


राकेश :- वो अपने रूम में है, हम बाहर जा रहे हैं, कुछ देर में आ जाएँगे



"ओके डॅड.. मैं उनसे मिल लेता हूँ पहले" कहके भारत अपनी मोम से मिलने गया उनके रूम की तरफ.. भारत की फॅमिली, कोलाबा के हाइ राइज़ 5 बीएचके अप्पर्टमेंट में रहती थी.. भारत जैसे ही अपनी मोम के रूम के पास पहुँचा, उसने रूम खुला हुआ देखा.. जैसे ही वो रूम के पास पहुँचा, रूम खुला देख वो अंदर जा ही रहा था के अंदर के नज़ारे ने उसे वहीं रोक दिया.. अंदर सीमी अपने बेड पे लेटी हुई थी, उसने पिंक कलर की ब्रा पैंटी पहनी हुई थी.. उसकी आँखें बंद थी... ब्रा का एक स्ट्रॅप नीचे था, एक हाथ से वो अपनी चूत को सहला रही थी और एक हाथ से अपने निपल्स को सहला रही थी






भारत वहीं खड़े खड़े देखने लगा अपनी मोम को खुद के साथ खेलते हुए... भारत को समझ नहीं आ रहा था वो क्या करे, उसने आज तक अपनी मोम को इस रूप में नहीं देखा था.. वो एक कशम कश में था, वहाँ से निकल जाए के वहीं खड़ा देखता रहे.. उधर सीमी अब फुल स्पीड के साथ अपनी चूत रगड़ने लगी थी और एक दम जोश में आ चुकी थी.. "आहहहहा प्लीज़ फक मी ना अहहहहा... हाए इस चूत की खुजली अहाहा,,,, कोई मिटा दो मेरी चूत की खुजली को अहहहहहः.. सीसीसीसीसी.. अहहहहहहहहहह.. येआः बेबी अहहहाहा फक मी ना अहहहहाहा... अहाहहाः....." ये बोलते बोलते सीमी ने अपनी चूत में 3 उंगलियाँ डाल दी... जैसे जैसे चूत रगड़ने की गति बढ़ी, वैसे वैसे सीमी ने अपनी ब्रा भी उतार फेंकी... सीमी अब पूरे जोश में आ चुकी थी... "आहहहहहहा यॅ अहहहाहा हार्डर अहहहहहहा.... यॅ आहहाहहहहाहा... फक मी हार्डर बेबी अहहहहहाहा......" 3 के बाद 4 उंगलियाँ जा चुकी थी अब चूत में.... इधर सीमी का जोश देख भारत का लंड भी अपने ताव में आ चुका था. जीन्स पर से उसका उभार दिख रहा था.. भारत ना चाहते हुए भी वहीं खड़े ये सब देख रहा था.. "अहहहहहा बेबी आइ अम कमिंग अहहहहहहा यॅ अहहहहहहहा ओह उहमम्म्ममममम आअहह येअस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स अहहहहहहहहहा उम्म्म्ममममममम" इस चीख से सीमी झड़ने लगी, और जो अगला सीन था, उसे देख भारत के होश तो उड़ ही गये.... सीमी ने अपनी चारो उंगलियाँ अपनी चूत से निकाली और उनपे लगा उसकी चूत का पूरा रस वो एक एक कर चाटने लगी.. अपनी माँ का ये जंगली रूप भारत ने आज से पहले कभी नहीं देखा था.. जब सीमी थक गयी, उसने अपनी आँखें खोली और बेड से उठने लगी.. भारत तुरंत मूड के वापस नीचे चला गया जहाँ राकेश बैठा फोन पे किसी से बातें कर रहा था..



"ओके शर्मा जी.. हम बस पहुँच ही रहे हैं..." कहके राकेश ने फोन कट किया और सामने देखा भारत को.... "मिल लिए अपनी स्वीट हार्ट माँ से" राकेश ने भारत से पूछा


"उः.. नहीं डॅड, रूम लॉक्ड था, मैं फ्रेश होके आया फिर.." भारत ने झूठ कहा



"ओके... और बताओ, " कहके राकेश और भारत बातें करने लगे, करीब 10 मिनट में सीमी तैयार होके उनके सामने आई



"देअर ईज़ युवर स्वीटहार्ट बेटा.. " राकेश ने भारत को सीमी के लिए कहा , जो सामने से चल के उनके पास ही आ रही थी.. जैसे ही भारत पलटा, अपनी माँ को देख उसकी आँखें खुली की खुली रह गयी... सीमी ने ब्लॅक कलर की साड़ी पहनी हुई थी और उसके ब्लाउस के तो क्या कहने.. उसके ब्लाउस में से उसके चुचे आसानी से दिख रहे थे.. गले में डाइमन्ड लॉकेट के नीचे, उसकी चुचों की गलियाँ सॉफ दिख रही थी.. उसके बाल खुले हुए, उसके पर्फ्यूम की स्मेल पूरे रूम में आ रही थी.. 
 
भारत को होश ही नहीं था कब सीमी उसके पास पहुँची..


"हाई बेटा.. व्हाट आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़.. कब आए तुम" सीमी ने भारत के बालों पे हाथ फेरते हुए कहा


इस आवाज़ से भारत को होश आया.. उसने खुद को संभाला और खड़ा होके अपनी मोम के गले लगा... पहली बार उनसे गले लगते वक़्त भारत को महसूस हुआ कि सीमी के चुचे काफ़ी बड़े और गहरे थे.. ना चाहते हुए भी भारत की नज़र सीमी के चुचों की गलियों पे गई जो किसी पहाड़ी की तरह गहरे थे... उसकी छाती में सीमी के चुचे धँस गये और भारत का लंड अंदर ही अंदर हुंकार मारने लगा..


"म गुड मोम, अभी थोड़ी देर पहले आया.. आप कैसे हो" भारत ने सीमी से पूछा



"मैं ठीक नहीं हूँ बेटे.. मेरे बेटा जो कल तक मुझे स्वीटहार्ट बोलता था, आज मुझे मोम बोल रहा है.. व्हाट्स रॉंग हाँ" सीमी ने मस्ती में भारत से कहा



"हहहहा.. नहीं स्वीटहार्ट, जस्ट टाइयर्ड.. वैसे आप कहाँ जा रहे हैं" भारत ने सीमी से पूछा


"अरे वो अपने पुराने पड़ोसी थे, शर्मा जी, उनकी पार्टी है, तुम भी चलो," राकेश ने भारत को जवाब दिया


"हां बेटे, चलो, तुम को अच्छा लगेगा" सीमी ने भारत को अपने आप से लपेट के कहा



"नहीं डॅड.. आप लोग चलिए, मैं थोड़ी देर सोना चाहता हूँ.." भारत ने सीमी से दूर होते हुए कहा



"ओके बेटे, चलो टेक रेस्ट, सुबह आराम से बात करते हैं" कहके सीमी और राकेश बाहर निकल गये... 



सीमी और राकेश के जाते ही, भारत ने दरवाज़े को अंदर से लॉक किया.. लॉक करके भारत ने भी जल्द से जल्द अपनी जीन्स उतारी, और अंडरवेर उतार के , हॉल में लगे एलसीडी को ऑन किया. मोबाइल से कनेक्ट करके उसने पॉर्न फिल्म चालू कर दी और धीरे धीरे अपने लंड को सहलाने लगा.. राहुल और रूबी की चुदाई सुनके, उपर से अपनी माँ का ऐसा रूप देख के, भारत आज आउट ऑफ कंट्रोल हो चुका था.. पॉर्न मूवी का वॉल्यूम फुल करके वो धीरे धीरे अपना लंड सहलाने लगा.. धीरे धीरे जब उसने लंड हिलने की स्पीड बढ़ाई, तभी..



"टिंग टॉंग...." डोरबेल की आवाज़ हुई



"बहनचोद... कौन आ गया अब..." भारत झल्ला के अपने कपड़े पहनने लगा.. सिर्फ़ जीन्स पहेन के, उसने शर्टलेस ही दरवाज़ा खोलने चला गया.. जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला, सामने खड़ी लड़की को देख उसके तो होश ही उड़ गये..





"हाई भारत.. हाउ आर यू" सामने खड़ी लड़की ने भारत से पूछा


"उः ह... आइ अम गुड.. पर आप.." भारत उस लड़की को पहचान नहीं पा रहा था, पर उसने उसे देखा हुआ था कहीं, किसी फॅमिली पार्टी में



"हाहहहहा.. प्रीति यार.. तुम्हारी मौसी की बेटी... तुम बिल्कुल नहीं बदले हाँ, अब तक रिश्तेदारों से झगड़ा ख़तम नहीं हुआ हाँ.." प्रीति बाहर से ही भारत के साथ बातें करने लगी..


"ओह.. यस, झगड़ा नहीं , वो तो बस यूँ ही.. हाउ आर यू..." भारत दरवाज़े के बीच में ही खड़ा था, ताकि प्रीति अंदर ना जा सके



"सब बातें बाहर से ही करोगे, अंदर नहीं आने दोगे" प्रीति ने भारत से कहा


"मोम डॅड नहीं है.. मैं भी बाहर जा रहा हूँ, घर पे कोई है नहीं" भारत प्रीति को देख बेकाबू हो गया था.. लग ही ऐसी रही थी, नेवी ब्लू के टांक टॉप और शॉर्ट्स में प्रीति एक दम माल लग रही थी.. गले में कोई माला थी, उसको छोड़ के बाकी हर कोने से प्रीति भारत के लंड पे वार कर रही थी..






"सो.. अंदर नहीं आउ मैं ऐसा" प्रीति ने अपनी मुस्कान के साथ भारत से पूछा


"नहीं... आइ मीन यस, प्लीज़ कम" कहके भारत ने प्रीति के लिए रास्ता बनाया.
 
भारत ने दरवाज़ा बंद किया , और जैसे ही पलटा प्रीति की गान्ड पे उसकी नज़र पड़ी... क्या गान्ड थी उसकी, भारत की जीन्स के अंदर, उसका लंड उसके कच्छे को फाड़ बाहर आना चाहता था.. वहीं खड़े भारत उसकी गान्ड को निहारता रहा, तब तक, जब तक प्रीति पलट के सोफा पे बैठी नहीं...



"मासी नहीं है, कहाँ गये हैं" प्रीति ने भारत से पूछा, जो अब तक उसकी हार्ट शेप्ड गान्ड में खोया हुआ था


"उः.. हां.. वो लोग किसी पार्टी में गये हैं, शायद लेट हो.. तुम बोलो, क्यूँ आई" ना चाहते हुए भी भारत के मूह से ये सवाल निकला


"आइ मीन, कैसे आना हुआ" भारत ने संभालना चाहा मौके को


"शायद मासी इस सवाल का जवाब जानती है, उनसे ही पूछो.. वैसे, अगर तुम चाहो तो टीवी बंद कर सकते हो तुम" प्रीति ने भारत की आँखों में देख नशीले अंदाज़ में कहा, टीवी पे अभी तक पॉर्न चल रही थी



"वेट...." कहके भारत ने अपना फोन उठाया और टीवी से डिसकनेक्ट करके सीमी को कॉल लगाया.. वो थोड़ा एंबरस्स भी हो चुका था कि प्रीति को पता चल गया वो पॉर्न मूवी देख रहा था



"हेलो मोम... प्रीति आई है, उसे कुछ देना है क्या.. " भारत ने सीमी से पूछा



"नहीं बेटे.. प्रीति आज की रात घर पे स्टे करेगी, और कल उसका एक इंटरव्यू है, सो एक रात के लिए वो किसी होटेल में क्यूँ रुके.. इसलिए मैने उसे यहीं बुलाया था



"बट मोम... यू शुड हॅव आस्क्ड मी ना.." भारत बे दबी हुई आवाज़ में कहा



"हाउ कुड हॅव आइ आस्क्ड यू सन.. तुम आने वाले हो मुझे कहाँ पता था.. और वैसे भी 5 कमरे हैं, हमारे 2 छोड़ के बाकी सब खाली हैं, कोई भी एक दे दो, शी विल नोट इरिटेट यू, डोंट वरी" सीमी ने भारत को कन्विन्स करना चाहा



"मोम... लेट इट बी , बाइ" कहके भारत ने फोन कट किया



"ओके प्रीति.. चलो तुम्हारा रूम दिखा दूं तुमको.." कहके भारत आगे बढ़ने लगा और पीछे पीछे प्रीति चलने लगी


"दिस ईज़ युवर रूम... फील अट होम ओके... आंड कुछ खओगि, मैं मेरे लिए खाना मंगवा रहा हूँ" भारत ने प्रीति से पूछा जो रूम को देखने में व्यस्त थी



"ओह यस... एक बटर चिकन मेरे लिए और कुछ बटर नान" प्रीति ने भारत से कहा



"बटर.. तुम खाती हो, लगता तो नहीं है" भारत ने सारकॅसटिक टोन में कहा



"हहहहा... खाती हूँ, बट मैं वर्काउट भी करती हूँ.. तुम्हे देख के भी नहीं लगता कि तुम कभी अपना वर्काउट मिस करते होगे.. " प्रीति ने भारत की शर्टलेस चेस्ट देखते हुए कहा



"हुह.. राइट.. चलो सी यू डाउनस्टेर्स" कहके भारत बाहर आ गया, और मैं रूम में आके अपने लिए खाना ऑर्डर करने लगा.. खाना ऑर्डर करके उसने टीवी बंद की और अपने रूम में जाके कपड़े चेंज किए.. कपड़े चेंज करके वो फिर लिविंग रूम में आ गया. करीब रात के 10.15 बजे भारत का ऑर्डर दिया हुआ खाना आ गया.. खाने लेके वो अपने लिए प्लेट्स लेके खाने ही बैठा, तभी उसे ध्यान आया कि प्रीति भी है.. 


"व्हाट दा हेल. इतनी देर फ्रेश होने में" कहके भारत प्रीति को बुलाने उसके कमरे में गया.. भारत बिना नॉक किए उसके कमरे में घुस गया , जहाँ प्रीति सिर्फ़ ब्रा में आईने के सामने खड़ी अपने फोटो खींच रही थी..दरवाज़े के सामने आईना था , प्रीति की पीठ भारत की तरफ थी.. दरवाज़ा खोलते ही जैसे भारत ने ये देखा, उसकी नज़र सबसे पहले प्रीति की नंगी गान्ड पे गयी. 



प्रीति को ऐसे देख भारत के होश उड़ गये.. पहले माँ और अब ये मौसी की बेटी.. सब को नंगा देख आज भारत का दिमाग़ बिल्कुल बंद हो चुका था... कुछ सेकेंड्स प्रीति को ऐसे ही देख वो वहीं फ्रीज़ हो चुका था.. उसने होश में आके दरवाज़े को ज़ोर से नॉक किया और बाहर जाके प्रीति को कहा



"खाना आ चुका है. जल्दी आओ" कहके भारत वहाँ से निकला, पर प्रीति को पता चल गया था कि भारत ने उसे देख लिया था नंगे रूप में.. प्रीति एक दम कूल थी और कपड़े पहेन के वो बाहर आई, जहाँ भारत खाने पे उसका वेट कर रहा था.. प्रीति ने इस बार ढंग के कपड़े पहने हुए थे, फुल पॅंट और उपर एक टी शर्ट



"आह. थॅंक गॉड, म हंग्री, " कहके प्रीति भारत के सामने बैठी और दोनो खाना खाने लगे...



"सो प्रीति, कौनसी कंपनी में इंटरव्यू है तुम्हारा" भारत ने खाते खाते पूछा



"सॉफ्टवेर कंपनी है, एक्सपर्ट्ज़... वहीं जाना है" प्रीति ने भी एक दम कूल होके जवाब दिया



"ओह, गुड.. वैसे, तुम वर्काउट बिल्कुल सही करती हो, यू हॅव फट जस्ट अट दा राइट प्लेसस..." भारत ने प्रीति की आँखों में आँखें डाल के कहा



"हाहहहा.. आइ न्यू दिस, तुमने मुझे देख लिया.. थ्ट्स ओके.. आंड थॅंक यू.. वैसे तुमने भी सही जगह पे कट्स बनाए हुए हैं.. " प्रीति ने भारत की छाती की तरफ इशारा करके कहा



"थॅंक्स.. वैसे कॉलेज में टाइम नहीं मिलता ज़्यादा, बट थॅंक्स एनीवेस" भारत अब प्रीति के साथ खुलने लगा था



"वैसे भारत, तुम रिश्तेदारों से इतना चिढ़ते क्यूँ हो,. कुछ हुआ है क्या" प्रीति ने सीरीयस होके पूछा



"नहीं तो.. तुमसे मैं चिढ़ कहाँ रहा हूँ ?" भारत ने सवालिया अंदाज़ में पूछा



"ना, बट फिर भी.. मैने अब्ज़र्व किया है कई बार, तुम किसी से ज़्यादा बात नहीं करते.. व्हाई आर यू सो श्रेवड़ हाँ" प्रीति अपना खाना खाते बोली



"आइ हॅव टू बी प्रीति.. एनीवेस, लेट्स नोट डिसकस दिस" भारत ने सीरीयस होके कहा



"ओके.. व्हाट एल्स, कॉलेज गुड ? कितनी गर्ल्स'सफ्रेंड हैं ?" प्रीति ने भारत से पूछा



"गर्ल'सफ्रेंड ?" भारत ने सर्प्राइज़ होके पूछा


"यस.. अब बोलना नहीं कि कोई भी नहीं है.. तुम रिच हो, स्मार्ट हो, डॅशिंग हो.. कोई लड़की तुम्हे रिजेक्ट क्यूँ करेगी भला" प्रीति ने इस बार आर्ग्युमेंट के रूप में कहा



"ना.. मैं गर्लफ्रेंड'स नहीं रखता.. वन नाइट स्टॅंड्स प्रीति, बहुत हुए हैं.. नो रिलेशन्षिप्स, नो बर्डन.. मैं ऐसे जीता हूँ.. आंड आइ प्लीज़ रिक्वेस्ट यू के तुम फिर प्यार की बात मत करना मेरे साथ.." भारत ने प्रीति को वॉर्निंग देके कहा



"ओके बाबा.. चिल..म सॉरी" प्रीति ने भारत से कहा और बाकी का खाना दोनो ने एक दम चुप होके फिनिश किया



खाना फिनिश करके भारत फिर टीवी के सामने बैठा और मोबाइल देखने लगा.. मोबाइल के कुछ स्मस'स थे जो शालिनी ने भेजे थे. उन्हे इग्नोर कर भारत फिर अपनी टीवी देखने लगा.. कुछ देर में प्रीति उसके पास आके बैठ गयी और दोनो टीवी देखने लगे..



"प्लीज़ कुछ और लगाओ, ये बहुत बोरिंग मोविए है" प्रीति ने भारत से रिमोट लेते हुए कहा



"हर जगह सेम ही हैं.. वैसे मैं इंट्रेस्टिंग मूवी देख रहा था, पर तुमने ही बंद करवाई मुझसे" भारत ने पॉर्न मूवी के बारे में कहा
 
"ओह.. आइ आम सॉरी, तुम वोही देखो फिर, मैं डिस्टर्ब नहीं करूँगी अब.. चलो गुड नाइट" कहके प्रीति चली गयी वहाँ से और भारत ने फिर एक बार मोबाइल कनेक्ट करके पॉर्न मूवी लगा दी... धीरे धीरे मूवी की स्पीड बढ़ने लगी, और भारत का लंड फिर से तन गया.. आगे पीछे देख के भारत ने अपने शॉर्ट्स उतारे और अपने लंड को पकड़ के हिलाने लगा.. भारत का लंड करीब 7.5 इंच का था, पर काफ़ी मोटा था.. धीरे धीरे भारत ने अपनी स्पीड बढ़ाई और मूवी में खोता चला गया.. कुछ देर में जैसे ही भारत झड़ने वाला था, फिर किसी आवाज़ ने उसका ध्यान भंग किया.. भारत ने अपनी आँखें खोली तो सामने का नज़ारा देख वो चौंक गया

जैसे ही भारत झड़ने वाला था, किसी आवाज़ की वजह से उसका ध्यान टूटा.. उसने ध्यान से सुना तो वो आवाज़ टीवी से नहीं आ रहा था, उसने म्युट कर सामने देखा तो सामने प्रीति आँखें खोले, अपनी चूत को अपनी पैंटी के उपर से ही रगड़ रही थी और सिसकारियाँ ले रही थी.. 





अपनी माँ को देख जो आग भारत में उठी थी, वो उसे शांत करना चाहता था.. उस वक़्त वो पीछे हटा था, पर इस बार वो पीछे नहीं हटा.. जब मौसी की बेटी सामने से ही चुदवाना चाहती है तो फिर मैं क्यूँ हटु पीछे.. ये सोच भारत ने भी अपनी आँखें खोल अपने लंड को हिलाना चालू रखा और टीवी का वॉल्यूम फिर बढ़ा दिया,, भारत और प्रीति एक दूसरे की आँखों में देख अपने अपने औज़ारों को रगड़ रहे थे.. जहाँ भारत की आँखों में सिर्फ़ और सिर्फ़ वासना थी, वहीं प्रीति की आँखों में एक नशा सा छाया हुआ था.. पॉर्न मूवी का फुल वॉल्यूम माहॉल को अलग तरीके से गरम कर रहा था.. जैसे जैसे भारत नज़दीक जा रहा था झड़ने के, उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.. उसने अपना लंड छोड़ के, उंगली के इशारे से प्रीति को अपने पास बैठने को बुलाया.. प्रीति जैसे इसी बात का इंतेज़ार कर रही थी. वो झट से भारत के पास आके बैठ गयी और सोफे पे अपने पेर फेला के, अपनी पैंटी उतार फेंकी और आँखें बंद करके अपनी चूत को रगड़ने लगी.. ये देख भारत से भी रहा नहीं गया और उसने भी अपनी टी शर्ट उतार फेंकी.. अब भारत बिल्कुल नंगा था और अपने लंड को हिला रहा था.. कुछ देर तक प्रीति की आँखें पॉर्न मूवी में ही थी, पर जैसे ही उसने अपनी नज़रें भारत की तरफ की, भारत उसकी चूत में घुरे जा रहा था और अपना लंड हिला रहा था.. ये देख प्रीति ने भी अपनी ब्रा पैंटी उतार फेंकी और टीवी बंद करके भारत के लंड को देख अपनी चूत रगड़ने लगी.. रूम में अब भारत और प्रीति की सिसकारियों के अलावा और कोई आवाज़ नहीं थी..



"अहहहहहहा.. एस यआहहा यआहहा यआःहः आहह म कमिंग अहहहहहहह यॅ यॅ यॅ ओह......" कहके प्रीति झड़ने लगी.. जैसे ही प्रीति झड़ी भारत ने उसकी उंगलियाँ पकड़ी और उसी के मूह में डाल दी.. प्रीति मदहोशी में आके वो भी चूसने लगी... जैसे ही प्रीति ने उसकी उंगलियाँ चाटना बंद किया, भारत ने उसका हाथ अपने लंड पे रखा, जो अब तक फूल चुका था इतनी गरम लड़की देख के.. प्रीति ने तुरंत हाथ वापस खींचा



"आइ डोंट नो, दिस ईज़ रॉंग प्लीज़.." प्रीति ने भारत से कहा


"तो तुम चली जाओ फिर यहाँ से.. लेट मी फिनिश माइ वर्क" कहके भारत ने फिर टीवी ऑन की और अपना लंड हिलाने बैठ गया. प्रीति अभी भी वहीं बैठी थी, पॉर्न मूवी की फुल वॉल्यूम और भारत के लंड से वो फिर गरम होने लगी.. उसने इस बार अपना हाथ आगे बढ़ाया और भारत का लंड पकड़ के उसकी आँखों में देखती हुई बोली



"आइ वान्ट टू डू रॉंग थिंग्स..." कहके प्रेती ने भारत के लंड को मुठिया लिया और धीरे धीरे कर आगे पीछे करने लगी... भारत आँखें बंद करके मज़े लेने लगा और अपने हाथ आगे ले जाके प्रीति के चुचों को सहलाने लगा.. देखते देखते प्रीति ने अपनी गति तेज़ कर दी और अब वो भारत के लंड के सुपाडे को सहलाने लगी.. भारत के मज़े की कोई सीमा नहीं थी.. उसे इस बात का कोई दुख नहीं था कि वो मौसी की बेटी के साथ ऐसा कर रहा है. वो बस चोदना चाहता था उसको, प्यार जैसी कोई फीलिंग नहीं आई थी अब तक उसके दिल में..


"उम्म्म अहहहहा... बेबी कीप डूयिंग दिस आहहहहहा" उसने प्रीति को कहा कि वो उसके सुपाडे पे काम चालू रखे... भारत को ऐसा देख प्रीति ने अपने राइट हाथ के अंगूठे से सुपाडे को सहलाना चालू रखा, और अपने लेफ्ट हॅंड के नाखुनो को भारत के टट्टों को सहलाना शुरू किया.. भारत को लगा जैसे वो आज मज़े से कहीं मर ही नहीं जाए..



"उम्म्म्म अहाहाहः येअहह्ह उम्म्म्मम.... अहहहहहहा" कहके भारत ने प्रीति के दोनो हाथों को पकड़ा और उसका फेस अपने फेस के करीब लाया.. दोनो करीब 10 सेकेंड एक दूसरे की आँखों में देखते रहे.. दोनो की साँसें तेज़ चल रही थी , बदन पसीने से भीग चुके थे.. भारत ने झट से प्रीति के होंठों से अपने होंठों को चिपकाया और दोनो एक वाइल्ड किस्सिंग सेशन में लग गये



"उम्म्म अहहहः मवाहाहहहाहः यॅ बेबी अहहहहहा उम्म्म... किस मी हार्डर अहहहहहहा यॅ अहहहूंम्म्मम उम्म्म्मम" भारत और प्रीति एक दूसरे से बोलने लगे


"अहहहहः यॅ फक मी नाउ अहहहः. चोद डालो ना आहहाहहहा. और देर मत करो अहहहहहा..." प्रीति ने भारत के होंठों से अपने होंठ अलग किए और सोफे पे अपने पर फेला के एक टाँग हवा में कर दी.. प्रीति की चूत एक दम सुर्ख लाल हो गयी थी, बहुत ही गीली..



"फाड़ दो ना इससे अहहहाहा उम्म्म्मम जल्दी आहहहाहहहा" प्रीति भारत को बोलने लगी



भारत ने तुरंत नीचे झुक के अपनी जीभ प्रीति की चूत पे रख दी और उसे चाटने लगा और एक हाथ से उसके चुचे दबाने लगा.. प्रीति से ये दोहरा हमला सहेन नहीं हुआ और वो एक बार फिर झाड़ गयी..



"आहहहहहा मैं गयी उईईइ माआहहहहहहहा.. हाहहहाहा , फक मी बेन्चोद अहहहाहा.. चोद मुझे अहहहहहहा जल्दी कर भडवे अहहहहहहा" प्रीति ने भारत को अपनी चूत से अलग किया और आगे बढ़ के उसका लंड अपनी चूत पे सेट किया.. ये देख भारत ने भी वेट नहीं किया और एक ही झटके में अपना लंड प्रीति की चूत के अंदर उतार दिया.. चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि लंड बिना किसी रुकावट के अंदर ही अंदर घुसता चला गया...प्रीति को दर्द के साथ मज़ा भी आने लगा था


"अहहहहहहहा यॅ यॅ एयाह अहहाहा हां फास्टर फास्टर अहहहहा उम्म्म्मम उहह यआः कितना मस्त लंड है तेरा भारत अहहहहहहा.. उम्म्म चोद रे अहहहहहा येआः येआः एयाह अहहहहहहहा...." प्रीति चिल्लाने लगी थी. भारत ने उसकी एक टाँग उँची करके हवा में पकड़ी और तेज़ी से झटके पे झटके मारने लगा.. प्रीति को इससे ज़्यादा अच्छा अनुभव आज तक नहीं हुआ था...






"उम्म्म्मम आहहहहहा... यू बिच उर सो हॉट अहहहहहा.. साली कितनी गरम हैया आहहहहहहा.. चूत कहाँ फड़वाई है साली आहहहहहहहहा" भारत ने भाँप लिया था कि प्रीति कई बार चुद चुकी थी तभी तो उसकी चूत काफ़ी खुली हुई थी



"आहहाहा येअह एयाह अहहहहहा.. तू साले बस में बैठ के अपनी मंज़िल पे जा ना आहहहहहहा. बस कहाँ जाके आई हाइयैयया अहहहहा.. तुझे उससे क्या अहहहहहहाहा . यॅ फक मी हार्ड अहहहहहहहहा" प्रीति चुदती चुदती चिल्लाते हुए जवाब देने लगी
 
"हां साली गश्ती अहहहहहा , कहीं भी मूह मार अहहहहाहाहाः मज़ा आ रहा है साली अहहहहहा.. अपने भाई को बेहेन्चोद बना दिया भाडवी साली अहहहः... रंडी कहीं की अहहहहः" भारत अब पूरी तरह पागल हो चुका था चुदाई में


ऐसे पोज़िशन में करीब 5 मिनट रहने के बाद, प्रीति ने भारत के लंड को अपनी चूत से निकाला और भारत को सोफा पे सुलाया... भारत जैसे ही सोफे पे लेटा,, प्रीति ने अपनी पीठ भारत की छाती से चिपकाई, एक पर हवा में उठाया और भारत ने अपने लंड को प्रीति की चूत पे सेट किया.. प्रीति की एक टाँग को भारत ने पकड़ा हुआ था और लंड अंदर बाहर करने लगा.. कई बार भारत ने वन नाइट स्टॅंड किया थे, पर आज तक ऐसी पोज़िशन में किसी को नहीं चोदा था उसने..






भारत और प्रीति के होंठ फिर चिपक गये और एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे.. भारत का एक हाथ प्रीति की टाँग पकड़े हुए था, दूसरे से वो उसके चुचे को सहला रहा था और उसकी टाँग और लंड अपने अपने काम में लगे हुए थे..



"अहहहहहा फक मी अहहाहा यॅ अहहहहाः म कमिंग बेबी अहहहहहहा यॅ हार्डर हाहहहहहा" कहके प्रीति एक बार फिर झाड़ गयी पर भारत अभी तक नहीं झाड़ा था.. भारत ने अपने तेज़ धक्के चालू रखे और एक के बाद एक उसकी चूत को फाड़ना चालू रखा..



"अहाहहाअ कम ना बेबी अहहहाहा.. यॅ हार्डर नाउ अहहहहा.. अहहाहा यस.. लेट मी हॅंडल माइ बेबी अहहहहहः" कहके प्रीति ने भारत को सोफे पे सीधा लेटा दिया और खुद दोनो घुटनो पे बैठ के उसके लंड को हिलाने लगी.. भारत का लंड सीलिंग को छू रहा था.. इतना ताव आ गया था आज उसके लंड को कि अब तक 15 मिनट हुए थे और वो एक बार भी नहीं झाड़ा था 





"आहहहहहहहा ऊहह यआःा अहहहहहा.. कितना मस्त लंड है तेरा अहहहहहहहा.. ह्म्म्मी उम्म्म्म अहहहहहहः.. लेट माइ बूब्स डू दा टॉकिंग अहहहहहः" कहके प्रीति ने भारत के लंड को अपने चुचों के बीच में रखा और बूब फक करने लगी..



"अहहहहः लाइक इट बेबी अहहहहा" कहके प्रीति किसी युवती की तरह खिलखिलाने लगी



"ओह्ह्ह्ह म लविंग इट अहहहाहा यॅ म कमिंग बेबी अहहहहहहः प्लीज़ हॅंडल इट अहहहहा हियर इट कम्ज़ अहहहा ओह यआःहहहाहा आहह" कहके भारत ने अपना सारा माल प्रीति के बूब्स और चेहरे पे छोड़ दिया.. इतना सारा स्पर्म रिलीस करके भारत को बहुत हल्का महसूस हो रहा था, प्रीति ने एक एक बूँद अपने मूह में लेके निगल लिया..





"अहहहहा.. दट वाज़ वन हॉट सेशन अहाहा" कहके भारत ने प्रीति को अपने पेरॉं के पास से उठाया और उसकी बाहों में बाहें डाल के अपनी साँसें संभालने लगा..



जैसे ही भारत और प्रीति ने अपनी साँसें संभाली..



"आहमम्म्म..ओह्ह... आइ लव यू भारत.. दट वाज़ फक्किंग हॉट अहहहहा" प्रीति ने खुश होके कहा



"तुम पागल हो गई हो क्या.. मैने कहा ना, प्यार शब्द भी मेरे सामने मत लो... मुझे इस प्यार से बहुत नफ़रत है प्रीति.. आंड आज जो भी हुआ वो हम दोनो की मर्ज़ी से था, ये कोई प्यार नहीं था समझी तुम... कल सुबह मैं तुम्हे याद भी नहीं रखूँगा ओके.. और हो सके तो मेरे सामने भी मत आना अब... अगर जिस्म की गर्मी ठंडी करनी हो तो बोलना... मेरे सामने प्यार का नाम लेके मत घूमाओ.. यू गेट इट" भारत ने प्रीति को गुस्से में कहा, और वहाँ से अपने कपड़े उठा के अपने रूम में जाने लगा... प्रीति को इस बात का दुख तो था ही कि भारत ने उसपे कितना गुस्सा किया, पर वो ये समझ नहीं पा रही थी के अचानक प्यार शब्द सुनके ऐसा बर्ताव क्यूँ.. प्रीति ने खुद की हालत ठीक की और एक नज़र मारने भारत के कमरे की तरफ चली.. वक़्त उसने देखा तो रात के करीब 11.15 बज रहे थे.. उसने फोन उठाया और सीमी से बात की..
 
"हेलो मासी.. आप किधर हो" प्रीति ने सीमी से पूछा



"बेटे, अभी पार्टी में ही हैं.. तुम तो जानती हो, अब ये अपने फ्रेंड्स के साथ हैं तो पता नहीं कब आएँगे.. एनी प्राब्लम स्वीटहार्ट" सीमी ने प्रीति से पूछा



"नो मासी.. बस यूँ ही.. चलिए, बबाय, एंजाय" कहके प्रीति ने फ़ोइने कट किया और भारत के पास जाने लगी..



प्रीति ने भारत के दरवाज़े के बाहर पहुँच के, अपनी साँसों को संभाला.. और दरवाज़ा नॉक किया...



"कम इन प्लीज़" अंदर से भारत ने आवाज़ दी



अंदर भारत अपने बेड पे बैठा एक दम अंधेरे में सिगरेट पी रहा था.. कमरे में सिर्फ़ सिगर्रेट की आग की चिंगारियाँ थी उसके अलावा कुछ नहीं दिख रहा था, सब खिड़कियाँ बंद.. कमरा पूरा धुआँ धुआँ हो चुका था.. प्रीति ने ये देख सबसे पहले बत्ती जलाई और खिड़की खोल दी... भारत वैसे का वैसे बैठ सिगरेट में लगा हुआ था



"भारत.. प्लीज़ टेल मी व्हाट्स रॉंग.." प्रीति ने भारत के साथ बैठते हुए पूछा



"ऑल ईज़ फाइन प्रीति.. थॅंक्स.. आंड मुझे माफ़ कर दो, मुझे इतना गुस्सा नहीं करना चाहिए था... पर उसके अलावा जो हुआ, उसमे तुम्हारी मर्ज़ी थी, सो नोट सॉरी फॉर दट" भारत ने फिर रूखा जवाब दिया



"ये जो तुम नाटक करते हो ना, इतना प्रॅक्टिकल बनने की.. तुम ऐसे बिल्कुल नहीं हो.. तुम क्यूँ ऐसा करते हो मैं जानना चाहती हूँ.. क्यूँ इतने बनावटी हो तुम, क्यूँ इतना भागते हो रिश्तों से . प्यार से.. " प्रीति ने भारत के हाथों से सिगरेट छीन के खिड़की के बाहर फेंक दी..



इस बार भारत खामोश रहा... उसने कुछ जवाब नहीं दिया... ये देख प्रीति को होसला आया और उसने पूछा



"क्या नाम था उसका.. मुझे बताओ प्लीज़" प्रीति ने भारत से कहा..



भारत फिर खामोश.... उसने इस बार अपनी आँखें बंद की और कुछ सेकेंड्स में उसकी आँखों से हल्के से आँसू बहने लगे.. ये देख प्रीति शॉक्ड थी, कि जो लड़का कुछ देर पहले इतना प्रॅक्टिकल, नो एमोशन्स वाला था, वो रो भी सकता है... उसने धीरे से हाथ बढ़ा के भारत के फेस को उठाया और उसे कहा..



"प्लीज़ नेम बताओ भारत.. कब तक अंदर रखोगे"



भारत ने खुद को संभाला और फिर खामोश रहा... कुछ सेकेंड्स तक दोनो यूही खामोश रहे... प्रीति ने ज़्यादा ज़ोर डालना सही नहीं समझा.. वो वहाँ से उठ के बाहर निकल गयी और फिर भारत को अकेला छोड़ दिया.. आज किसी ने भारत को उसकी याद दिला दी, जिसने भारत को पत्थर दिल बना दिया... ना चाहते हुए भी भारत के सामने वो चेहरा बार बार आने लगा.. ना चाहते हुए भी भारत के दिल से उसी का नाम निकल रहा था.. भारत ने काफ़ी वक़्त तक खुद को उसकी याद नहीं आने दी थी. पर आज प्रीति ने उसे याद दिला ही दिया... कुछ देर के बाद भारत अपनी जगह से उठा और अपनी बरसों पुरानी डाइयरी निकाली जो वो कभी लिखा करता था.. डाइयरी आधी ही भरी हुई थी.. भारत ने डाइयरी खोली और सबसे पहले खाली पन्ने पे लिखा.



"लाइफ वुड हॅव बीन वेरी डिफरेंट टुडे........काश तुम आज भी मेरे साथ होती...निधि......काश तुम आज भी मेरे साथ होती"


रात को भारत की आँख कब लग गयी उसे पता ही नहीं चला... सुबह जब उसके दरवाज़े पे नॉक हुआ, तब भारत की आँख खुली... भारत की आँखें एक दम लाल हो चुकी थी.. शायद रात को बहुत रोया था..


"कौन है सुबह सुबह.. " भारत ने बेड के पास रखी हुई घड़ी देख चिल्ला के पूछा


"प्रीति हियर.... क्या मैं अंदर आउ" प्रीति ने जवाब दिया


"मना करूँगा तो क्या नहीं आओगी.. आ जाओ अंदर..." भारत ने जवाब दिया और फिर बेड पे लेट गया


प्रीति अंदर आई, भारत अब तक अपना कंबल ओढ़के ही सोया हुआ था... प्रीति ने कमरे की हालत देखी, सब कुछ सॉफ था, लग ही नहीं रहा था कि ये लड़के का रूम है... 


"अब कुछ बोलोगि भी, या सिर्फ़ इधर उधर ही देखोगी.." भारत ने अपनी टीशर्ट पहनते हुए कहा


"ऊह.. हां, वो मुझे इंटरव्यू के लिए जाना था, तो तुम ले चलोगे मुझे प्लीज़.." प्रीति ने भारत से डर के पूछा


"तुम्हे गाड़ी चलाने आती है..." भारत ने जवाब दिया


"हां.. क्यूँ" प्रीति ने सर्प्राइज़ होके पूछा


"गुड... ये लो मेरी गाड़ी की चाबी, इसमे नॅविगेशन सिस्टम है, लेके जाओ और ऑल दा बेस्ट फॉर युवर इंटरव्यू" भारत ने अपनी गाड़ी की चाबी पकड़ाते हुए कहा


"बट..." प्रीति को शब्द नहीं मिल रहे थे...

"देखो प्रीति.. रात को मैं तुम्हारे सामने रोया, डज़ नोट मीन कि मैं दोस्त हूँ तुम्हारा.. और भाई बहेन तो बिल्कुल नहीं ओके... घर आओ, रहो, ऐश करो, नतिंग मोर.." कहके भारत ने अपना कंबल हटाया... जैसे ही भारत ने अपना कंबल हटाया, प्रीति की नज़रें उसके नंगे लंड पे ही टिकी रही.. सुबह सुबह उसका लंड फुल टाइट होके खड़ा था... जहाँ प्रीति अपनी नज़रें नहीं हटा पा रही थी, वहीं भारत को कोई फरक नहीं था के प्रीति उसे देख भी रही है... बेड से उठके भारत अपना अंडरवेर और ट्रॅक पॅंट पहनने लगा... प्रीति अभी भी वहीं थी, शायद उसका लंड देख के हैरान थी या ये सोच रही थी कि वो इंटरव्यू के लिए कैसे जाए..


"व्हाट.. रात को नींद नहीं आ रही थी तो फोन सेक्स किया फरन्ड के साथ.. " भारत ने प्रीति को जवाब दिया
 
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