Antarvasna kahani माया की कामुकता - Page 5 - SexBaba
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Antarvasna kahani माया की कामुकता

"भारत.. यू स्टिल लव हर...."



शालिनी के इस सवाल ने भारत को अंदर से हिला डाला... वो वहीं रुक गया, अपनी आँखें नीची कर दी...



"बेब.. प्लीज़ फर्गेट दिस.. मैं कुछ बात करने आया हूँ" भारत ने शालिनी को जवाब दिया



"बोल... क्या हुआ... और यह ले पानी, पी ले, तू रोएगा तो नहीं, पर तेरे दिल को चुप करवा इससे" शालिनी ने उसके पास जाते हुए कहा



"अछा सुन अब चल, तूने क्या डिसाइड किया.. फाइनान्स या एचआर... या दोनो" भारत ने फाइनली अपनी बात पूछी



"दोनो.... उसके लिए कल कुछ मेहनत करनी पड़ेगी..." शालिनी ने अपने पैर फेला के कहा



"इसके अलावा कुछ और कर ना प्लीज़.. मुझसे यह सहन नहीं होता..." भारत ने शालिनी से कहा



"अरे भार्गव को तो वो वीडियो संभालेगा, बट कंपनी में से जो आएगा उसे भी खुश करना है.. प्लेसमेंट कोवोर्डिनेटर ने कहा दिस ईज़ दा ओन्ली ऑप्षन, यह भी चान्स है, फिरंगी नहीं माना तो नहीं माना" शालिनी ने सीरियस्ली कहा



"अच्छा, वो फिरंगी लॅंड्स एंड के रूम 1010 में रुका है... उसको मिलेगी कैसे" भारत ने शालिनी से कहा



"वो मैं संभाल लूँगी... बट मैं मुंबई जाउ कैसे, मेरी गाड़ी नहीं है यार.." शालिनी ने सॅड फेस बना के कहा



"कौनसी गाड़ी चाहिए.. अकॉर्ड या सिविक..." भारत ने अपनी गाड़ी की दोनो चाबियाँ उसे दिखाते हुए कहा



"आआआआआईईईई.... " शालिनी चाबियाँ देख के चीखने लगी



"थॅंक्स आ लॉट डार्लिंग... मैं अकॉर्ड लेके जाउन्गि, और सिविक यहीं पड़ी रहेगी ना, आके वो भी चलाउन्गि मैं" शालिनी ने बच्चो की तरह कहा



"कल अकॉर्ड और सिविक दोनो मुंबई में ही घूमेंगी जान.. और दोनो लॅंड्स एंड में ही रहेंगे" भारत ने शालिनी को गले लगा के कहा



"मतलब...?" शालिनी ने अस्चर्य चकित होके पूछा



"हाहहहा..... यस स्वीटी..." भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा, के शालिनी भी हँसने लगी...



"यू आर सच आ डॉग... बट बाइट मी ओन्ली ओके..." कहके शालिनी और भारत एक चुंबन में डूब गये


"सी यू इन 10 मिनट ओके..." भारत ने अगली सुबह रूबी को फोन करके कहा


रूबी का फोन कट करके भारत ने शालिनी को फोन किया.... "बेब, 2 मिनट में आ..." 


शालिनी :- "अरे अभी आई, तेरे पीछे देख..."
 
भारत ने जैसे ही पीछे देखा वो शालिनी को देखता ही रह गया.... शालिनी ने एक वन पीस ड्रेस पहना था, बहुत ही टाइट मिडी थी और उसके चुचों की गलियाँ उसमे से क्लियर दिख रही थी..... उसके बाल ब्लॉंड किए हुए थे, उसकी हाइ हील्स उसकी चाल को और भी मादक बना रही थी... दूर से शलनी हँसते हुए भारत के पास आ रही थी.. शालिनी को ऐसे रूप में देख भारत हैरान तो था, पर साथ ही उसका लंड बिल्कुल उसके दिमाग़ के विपरीत बर्ताव कर रहा था... उसका लंड उसके ट्रॅक पॅंट से सॉफ तंबू बनाए हुए था..





"यह क्या है... कॅंपस में ऐसे कपड़े... गुड मॉर्निंग बेब.." कहके भारत ने शालिनी को किस की


"गुड मॉर्निंग जान... कॅंपस में कोई है ही नहीं, कौन देखेगा, जो देखेगा वो सब फुद्दु हैं समझा.." शालिनी ने घुमके अपना पिछवाड़ा देखते हुए कहा.... 


"और यह ब्लॉंड... यह किस खुशी में" भारत ने शालिनी के बालों में हाथ फिराते हुए कहा


"फिरंगी को ब्लॉंड ही अच्छी लगती है समझा. चल अब गाड़ी दे, नहीं तो रूबी देख लेगी.." कहके शालिनी ने भारत के हाथ से गाड़ी की चाबी छीनी और झट से वहाँ से निकल गयी मुंबई के लिए


शालिनी के जाते ही, भारत रूबी का वेट करने लगा.. 2 मिनिट में ही रूबी उसे सामने से आती दिखाई दी... जहाँ शालिनी ने सुबह सुबह भारत के लंड को गरम कर दिया था, वहीं रूबी को देख उसका लंड शांत हो गया और आराम से सो गया... रूबी के लंबे बाल खुले हुए, उसने एक पंजाबी सूट पहना था जो एक दम उसके शरीर से कसा हुआ था... उसके चुचे उफ्फान मचा रहे थे उस सूट में से... उसके चुचों को छोड़, उसकी ड्रेस भारत को बिल्कुल अट्रॅक्ट नहीं कर रही थी.... 





"बहेन जी बहनचोद...शालिनी, तेरे लिए क्या क्या करना पड़ रहा है मुझे.."भारत धीरे से खुद को बोलके रूबी के पास बढ़ा


"गुड मॉर्निंग डार्लिंग... हाउ आर यू" भारत ने रूबी को पकड़ के हग किया


"गुड मॉर्निंग डियर... कैसी लग रही हूँ मैं" रूबी ने अपनी ड्रेस दिखाते हुए कहा


"ब्यूटिफुल बेबी.. बहुत ही सुंदर" भारत ने रूबी से हँस के कहा


"आइ होप मोम को ड्रेस खराब ना लगे" रूबी ने भारत से नर्वस होके कहा


"मोम... किसकी मोम.." भारत ने गाड़ी में रूबी को बिठा के कहा


"अरे, तुम्हारी मोम... उनसे मिलने जा रहे हैं, तभी तो यह ड्रेस पहनी है..." रूबी ने आईने में देख के कहा


"नहीं तो क्या पहनती, " भारत ने शरारत से पूछा


"उम्म... कंट्रोल स्वीटहार्ट.. वो बाद में दिखाउन्गि.. अब चलो" रूबी ने भारत से कहा


दोनो कॅंपस से निकल गये भारत के घर जाने के लिए.. करीब 2 घंटे में भारत और रूबी , भारत के घर पहुँचे....



"हेलो मोम डॅड..." भारत ने घर के अंदर जाके चिल्ला के कहा जिससे राकेश और सीमी चोंक गये, पर खुश भी हुए


'वेलकम सन.. क्या बात है, इस बार बहुत जल्दी याद आई हमारी हाँ..." सीमी ने भारत को गले लगा के कहा...


"ऐसे ही मोम... अरे रूबी कम इन.. मीट माइ मोम डॅड..." भारत ने रूबी को अंदर बुलाते हुए कहा जो अब तक बाहर खड़ी थी..


"नमस्ते आंटी.. " रूबी ने सीमी के पेर छू के कहा.. और फिर राकेश की तरफ बढ़ी...


"गॉड ब्लेस्स यू बेटा.. हाउ आर यू" सीमी ने रूबी से कहा और उसे अपने साथ ले गयी और प्रीति से भी मिलाया.. रूबी से मिलके प्रीति कुछ ख़ास खुश नहीं हुई... पर फिर भी जब तक रूबी वहाँ थी, उसने ऐसा जताया नहीं.. उधर राकेश और भारत फिर अपनी स्टॉक मार्केट की बातों में लग गये...


"यह सब ठीक है भारत.. टेल मी, व्हाट्स सो स्पेशल अबाउट दिस गर्ल..." राकेश ने रूबी की तरफ इशारा करके कहा


"कुछ नहीं डॅड... हम कुछ फ्रेंड्स मुंबई घूमने आए थे, तो रास्ते में इसने ज़िद्द की कि मैं इसे आपसे मिलाऊ.. इसलिए लाया.. नहीं तो मैं किसी में स्पेशल नहीं देखता, यू नो दा फॅक्ट डॅड.." भारत ने थोड़ा उँची आवाज़ में कहा जिसे सीमी ने भी सुन लिया, पर उस वक़्त उसने कुछ रिएक्ट नहीं किया...और रूबी से बातों में लग गयी...


"चलें रूबी.. वी नीड टू गो, वी आर लेट" भारत ने चिल्लाके कहा


"ओके... चलिए आंटी, इट वाज़ वेरी नाइस टॉकिंग आंड मीटिंग यू" रूबी ने फिर सीमी के पैर छू के कहा


"सेम हियर बेटा.. तुम लोग घर क्यूँ नहीं आते, भारत तुम्हारा दोस्त है तो यह घर तुम लोगों का भी है.." सीमी ने आगे बढ़ते हुए कहा


"आउन्गि आंटी, बहुत जल्द आउन्गि.." रूबी ने सीमी से कहा जिसका मतलब समझते सीमी को देर ना लगी..


"चलिए मोम... हम जा रहे हैं" कहके भारत और रूबी निकल ही रहे थे, तभी प्रीति ने आवाज़ लगाई


"भारत भारत... कहीं घूमने जा रहे हो तो मुझे भी ले चलो प्लीज़"


"हम कहीं घूमने नहीं जा रहे.. " भारत ने कहा, क्यूँ कि प्रीत चलती तो वो आगे का काम नहीं कर पाता


"अभी तो तुमने कहा तुम सब दोस्त घूमने आए हो.." राकेश ने कहा


"डॅड, हां बट यह मेरे दोस्तों के साथ क्या करेगी, यह बोर हो जाएगी.." भारत ने झूठ कहा


"बोर तो मैं यहाँ भी हो रही हूँ अकेले, अगर वहाँ अच्छा नहीं लगा तो वापस आ जाउन्गि, प्लीज़" प्रीति ने आगे आके कहा


"चलो..." कहके रूबी और भारत आगे निकल गये.. प्रीति ने अपने रूम में जाके अपना कुछ सामान बॅग में डाला और भारत की गाड़ी में जाने के लिए चल पड़ी


"यह कौन है... " रूबी ने भारत से पूछा
 
"प्रीति, मेरी मौसी की बेटी... ताज लॅंड्स एंड में रूम बुक्ड है हमारा.. हम वहाँ पहुँचेंगे तो तुम कुछ बहाना करके रूम नंबर 2022 में जाना, मैं कुछ देर मैं आ जाउन्गा इसको टाल के, समझी" भारत ने रूबी से कहा, और पीछे से प्रीति भी आके बैठ गयी..


"क्या बातें हो रही है.." प्रीति ने खुश होके पूछा


"हाई प्रीति, कुछ नहीं, बस भारत तुम्हारे बारे में ही बता रहा था..." रूबी ने प्रीति से कहा, और वो लोग निकल पड़े ताज जाने के लिए.. रास्ते में प्रीति और रूबी ने काफ़ी बातें की और काफ़ी अच्छी जमने लगी दोनो की.. 


"प्रीति, पहले हम खाना खाते हैं, फिर मूवी और शॉपिंग.. ओके ना" भारत ने प्रीति से कहा..


"ओके.. नो प्राब्लम" कहके तीनो गाड़ी से उतरे और रेस्टोरेंट की तरफ बढ़ गये.... जैसे ही वो लोग रेस्टोरेंट में बैठे,


"एक्सक्यूस मी.. मैं अभी आई.." कहके रूबी वहाँ से चली गयी, जैसे उसको भारत ने कहा था.. रूबी के जाते ही


"तुम्हारे बाकी के दोस्त कहाँ है भारत" प्रीति ने तीखी आवाज़ में पूछा


"होंगे यहीं , क्यूँ क्या हुआ" भारत ने नज़रें चुरा के कहा


"फुद्दु किसी और को बनाना.. तुम्हारा कोई दोस्त यहाँ नहीं है.. इसके साथ यहीं सब करोगे, या कहीं और जाने वाले हो तुम दोनो.." प्रीति ने मुद्दे की बात पे आते हुए कहा

उधर रूबी छुप छुप के रिसेप्षन के पास गयी....


"उः हाई.. वी हॅव आ बुकिंग हियर, इन दा नेम ऑफ भारत" रूबी ने रिसेप्षन पे कहा


"फुल नेम मॅम.." रिसेप्षनिस्ट ने रूबी से पूछा


"इट्स रूम नंबर 2022 आइ थिंक" रूबी ने रिसेप्षनिस्ट से कहा


"उः... यस मॅम... देअर युवर कीस... एंजाय युवर स्टे" रिसेप्षनिस्ट ने रूबी को चाबियाँ देते हुए कहा...


उधर, रेस्टोरेंट में..


"ओह.. तो यह बात है... एक बात कहूँ, तुम सही में हरामी बन गये हो.. एनीवेस, मुझे तुम यूएस ले चलो अपने साथ, मैं इस काम में तुम्हारा साथ दूँगी" प्रीति ने अपनी ड्रिंक ख़तम करके कहा


"मैं क्या यूएस ले चलूं... मेरे बाप की शादी है क्या... मैं प्लेसमेंट में जाउन्गा, और पक्का नहीं है मुझे नौकरी मिलेगी के नहीं.. क्या सेम बात की रट लगा रखी है तूने" भारत ने झल्ला के कहा


"जिस तरह से तुम्हारा दिमाग़ चल रहा है, नौकरी मिलना क्या, तुम बहुत ही कम टाइम में उपर बढ़ते रहोगे... और चिंता मत करो, यूएस ले चलो मतलब, तुम यूएस पहुँचो, फिर जो मैं कहूँ तुम उसमे मेरी मदद करना... अगर मंज़ूर है तो बोलो, नहीं तो मैं रूबी के पास जाती हूँ" प्रीति ने भारत को धमकाते हुए कहा


"धमकी मत दो मुझे समझी... ठीक है, पहले नौकरी मिलने दो... तब तक तुम क्या करोगी इधर..." भारत ने टेबल से उठके कहा


"आइ विल जाय्न यू गाइस... ...." प्रीति ने भारत का हाथ पकड़ के कहा और लिफ्ट की तरफ बढ़ने लगे... लिफ्ट से उतर के भारत और प्रीति बुक्ड रूम की तरफ बढ़ने लगे जिसमे रूबी पहले से मौजूद थी... रूम की तरफ बढ़ते बढ़ते प्रीति के दिमाग़ में काफ़ी बातें चल रही थी... वो जो करने जा रही है, क्या वो सही है या नहीं, पर हर सवाल को वो बस यह कहके शांत करती, कि यूएस जाना है बस.. उधर भारत यह सोच रहा था, कि प्रीति यूएस तो खुद भी जा सकती है, फिर प्रीति बार बार इसे क्यूँ बोल रही है.. पर शालिनी की वजह से उसने कुछ नहीं कहा नहीं तो आज की प्लॅनिंग फैल हो जाती... यह सब सोचते सोचते भारत और प्रीति रूम के बाहर पहुँच गये... कुछ देर तक प्रीति और भारत एक दूसरे को देखते रहे, और फिर दरवाज़ा नॉक किया..


"रूबी.. इट्स मी भारत.." भारत ने दरवाज़ा नॉक करके धीमे से कहा


"इट्स ओपन फॉर यू डार्लिंग..." अंदर से रूबी ने नशीली आवाज़ में कहा..


दरवाज़ा खोलके भारत और प्रीति दोनो अंदर आए, और सामने बेड पे रूबी को देख के एक पल के लिए भारत और प्रीति के मूह खुले के खुले रह गये... रूबी बेड पे पेट के बल लेटी हुई थी, उसका मूह एंट्री दरवाज़े के उल्टी दिशा में था जिससे वो देख नहीं पाई के भारत के साथ प्रीति भी है.. रूबी बेड पे सिर्फ़ ब्लू कलर की ब्रा पैंटी में लेटी हुई थी... उसके चूतड़ सुडोल, एक दम सफेद थे, रोशनी में उसके चूतड़ किसी हीरे की तरह चमक रहे थे.. उसके चूतड़ देख जहाँ भारत अपने लंड पे हाथ फेरने लगा, प्रीति ने भी अपने हाथ अपनी चूत पे लिए और कपड़ों के उपर से ही उसे रगड़ने लगी...
 
"हाउ डू आइ लुक डार्लिंग.." कहके रूबी अपना एक पैर अपनी पैंटी में फसाया और उसे खींचने लगी जिससे उसके चूतड़ नंगे दिखने लगे.. 




यह कहके जैसे ही रूबी ने अपना चेहरा भारत की तरफ किया, उसे बहुत बड़ा झटका लगा प्रीति को साथ में देख, साथ ही जब उसने यह देखा कि प्रीति अपनी चूत रगड़ने में लगी हुई है, उसकी हालत और खराब हो गयी....


"ऊप्सस्स.. आइ आम सॉरी, बट यह यहाँ कैसे.. भारत, यह" रूबी हड़बड़ाने लगी और खुद को ब्लंकेट से ढक लिया..


"ष्ह्ह्ह... यूआर वेरी सेक्सी रूबी... अपने बदन को ऐसे मत ढको... आज मैं तुम्हे ऐसा मज़ा दूँगा कि ज़िंदगी भर यह दिन याद रखोगी" भारत ने बेड पे बैठते हुए कहा


"भारत, व्हाट नॉनसेन्स.. यह यहाँ क्या कर रही है.." रूबी ने प्रीति की तरफ इशारा करके कहा


"डार्लिंग... मैं भी यहाँ वोही करूँगी जो तुम लोग करने वाले हो.. " प्रीति भी अब रूबी के एक साइड बैठ गयी थी... रूबी के एक साइड प्रीत और दूसरी साइड भारत था


"आइ आम नोट कंफर्टबल प्लीज़... लेट मी गो.. भारत, यहाँ से चलो, मुझे यह उम्मीद नहीं थी तुमसे" कहके रूबी बेड से उठने लगी, जैसे ही रूबी उपर हुई भारत ने उसका हाथ पकड़ा.. और प्रीति ने अपना मूह रूबी के नंगे चुतडो पे लगा लिया... "व्हाट नॉनसेन्स..अहहह" रूबी ने जैसे ही यह कहा, भारत ने उसका हाथ खींच के वापस उसे बेड पे ला दिया.. रूबी पीठ के बल बेड पे गिरी, जिससे उसके चुचे किसी टेन्निस बॉल की तरह उछल गये... "उम्म्म्म.... लव्ली बूब्स हैं तेरे तो.. मज़ा आएगा इन्हे चूसने में अहहहहहा" कहके प्रीति ने रूबी के चुचों को ब्रा से बाहर निकाला और उन्हे मूह में लेने लगी...


"छोड़ो मुझे यू बिच... भारत यू मदर फकर लीव मी.." रूबी चिल्लाने लगी... रूबी का मूह बंद करने के लिए प्रीति ने उसके चुचे चूसना चालू रखा, और अपनी दो उंगलियाँ उसके मूह में डाल दी और उन्हे अंदर बाहर करने लगी...


"आअर्घह अहहः लीव मे आर्र्घह उम्म्म्म..." रूबी अटकते हुए बोल रही थी... प्रीति ने यह देख भारत को इशारा किया उसकी टाँगों के बीच आने का... भारत ने अपनी शर्ट उतार फेंकी और अपनी जीन्स उतार के रूबी की टाँगों के बीच आ गया.... 


"उम्म्म... रूबी यू स्मेल फक्किंग हॉट.. आहह" कहके भारत ने तेज़ी से रूबी की पैंटी को उसकी चूत से अलग किया और अपनी ज़बान उसकी चूत पे सेट कर दी... रूबी पे अब भाई बहेन दोहरा हमला कर रहे थे... प्रीति उसके चुचे चूसने में लगी हुई थी और भारत नीचे से उसकी चूत चाटने लगा था... जैसे ही प्रीति ने अपनी उंगलियाँ रूबी के मूह से निकाली


"आरर्ग्घह अहहहः लीव मी आहहहहहा प्लीज़ अहहहाहा" रूबी फिर चिल्लाने लगी....


"उम्म्म अहहहहा.. मज़े ले ना मेरी जान अहहहहा, क्या मस्त चुचे हैं तेरे.... आइ लव दीज़..." कहके प्रीति ने अब दूसरा चुचा अपने मूह में ले लिया और एक हाथ से उसके दूसरे चुचे के निपल को सहलाने लगी... यह सीन किसी को भी गरम कर देता, भला रूबी कैसे बच पाती... जहाँ रूबी कुछ देर पहले चिल्ला रही थी, वहीं अब उसका मूह और हाथ खुले थे, पर वो वहाँ से हिल भी नहीं रही थी......... "आहहहहा नहीं अहाहा उम्म्म्म अहहह्ा नहीं प्लीज़ आहहहः..." सिर्फ़ यही कह रही थी....


"यू लव दिस अहहहहा...." कहके प्रीति ने रूबी के चुचे छोड़ दिए और अपने हाथ पीछे ले जाके रूबी के चुचों को ब्रा की क़ैद से आज़ाद कर दिया... ब्रा खुलते ही रूबी के चुचे कबूतरों की तरह हवा में झूलने लगे....


"उम्म्म अहहहहा... यआः आइ लव दिस यू बिच अहहः सक मी नाउ अहहहहा..." कहके रूबी ने प्रीति को अपनी तरफ खींचा और उसके होंठ चूसने लगी... "उम्म्म्म अहहहहहः उम्म्म्म गुलपप्प गुलपप अहहहहहहा..... तू नंगी क्यूँ नहीं हुई कुतिया...." कहके रूबी ने प्रीति का टॉप फाड़ ही दिया ऑलमोस्ट, और उसके नंगे चुचे रूबी की आँखों के सामने आ गये...


"साली रंडी, नंगी ही आई है हाँ. अहहहहा आजा चूसने दे ना अहहहहहा.. उम्म्म्म गुलपप्प गुलपप्प अहहहहहा... क्या होंठ है तेरे अहहहहहा गल्प अहहहहा... अहहाहा चूस ले ना आहहः....उम्म्म गुलपप आहहहा अहहहाः.." कहके रूबी जन्गलियो की तरह प्रीति पे टूट पड़ी... नीचे से भारत ने रूबी की चूत पे प्रहार चालू ही रखा था.. चूत को चाट चाट के इतना गीला कर दिया था कि अब भारत का लंड आसानी से अंदर जा सके...
 
"उम्म्म अहहाहा... लंड दे ना भारत इस कुतिया को अहहहहा...." कहके प्रीति ने फिर रूबी के चुचों को मसलना चालू किया और एक दूसरे के साथ चुंबन में डूब गये.... नीचे से भारत उठा और रूबी की टाँगों को अपने कंधों पे रख दिया... जैसे ही रूबी की टाँगें भारत के कंधों पे आई, उसकी चूत जो एक दम लाल हो चुकी थी, भारत ने उसमे अपनी 3 उंगलियाँ डाल दी


"आहहः सीईईई अहहहहा...." रूबी की सिसकारी निकल गयी..


"अभी तो लंड डालूँगा डार्लिंग... शांति रख" कहके भारत ने अपने लंड के टोपे को रूबी की चूत पे रखा और उसे घिसने लगा


"आहहा उम्म्म्मा अममम्मामा... आहहाहहहा फक मी अहहहाः" रूबी अब प्रीति के होंठ चूस्ते हुए बोलने लगी... यह सुनके भारत ने एक झटके में अपना लंड रूबी की चूत में घुसा डाला.. इस झटके से रूबी की ज़बरदस्त चीख निकलती, लेकिन प्रीति ने वक़्त रहते उसके होंठ नहीं छोड़े और रूबी की चीख दब के रह गयी... भारत का लंड किसी गरम लोहे की रोड की तरह हो गया था.. रूबी को उसका लंड उसकी हलक तक महसूस हो रहा था... भारत किसी मशीन की तरह रूबी की चूत को चोदने लगा.. धीरे धीरे पहले, लेकिन फिर कुछ ही सेकेंड्स में उसकी स्पीड बुलेट ट्रेन सी होने लगी...


"उहह अहहहहाः यॅ अहहहहा ओह्ह्ह्ह यॅ टेक दिस यू बिच अहहहहा.. तेरी चूत के चिथड़े उड़ा दूँगा आज बहन की लौडी अहहहहहहा और ले अंदर अहहहहहाहा" छोड़ते छोड़ते भारत बोलने लगा.. उधर प्रीति ने अब अपन स्कर्ट भी उतार फेंकी थी और वो घोड़ी बनके प्रीति के मूह पे अपनी चूत सेट कर दी जिसे रूबी किसी कुतिया की तरह चाटने लगी... जिसे ही भारत ने यह देखा, अब तक वो रूबी को बेड पे घुटनो के बल खड़े होके चोद रहा था, लेकिन प्रीति को ऐसे देख वो अब लेट गया, जिससे उसका लंड अब चूत की गहराइयों में चला गया और झुक के प्रीति के होंठों को चूसने लगा.. यह नज़ारा देखते बन रहा था.. भाई बहेन एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे, रूबी प्रीति की चूत चाटने में लग हुई थी और भारत का लंड रूबी की चूत में क्सि चाबुक की तरह चल रहा था...


"आहहहाहाः उम्म्म्म स्लुप्रपप्प्प स्लूरप्प्प अहहहहाः... कितनी नमकीन चूत है तेरी बहेन की भारत अहहहहा स्लूर्प्प स्लूरप्प्प्प..." रूबी दोहरे मज़े लेते हुए बोलने लगी.... 


"आहहहहा.. मैं आ रही हूँ आहह सीईइ मुम्मय्मययययी आहाहा.....उईईइ ममममममा" कहके प्रीति ने अपनी चूत के नमकीन पानी के फव्वारे रूबी के मूह पे छोड़ दिए... रूबी ने भी वफ़ादार कुतिया की तरह उसका पूरा पानी निगल लिया... जैसे ही प्रीति बेजान हुई, रूबी ने भारत के लंड से अपनी चूत को आज़ाद किया और प्रीति को बेड पे लिटा दिया... यह देख भारत ने अपना लंड अब प्रीति की चूत पे सेट किया और उसे अंदर बाहर करने लगा..


"आहहहहहा.... धीरे ना आहहाः..." प्रीति सिर्फ़ इतना ही बोल पाई...


"चोद इसे अहहहाहा... बेहेन्चोद कहीं के अहहहहा..." कहके रूबी भारत के पीछे गयी और अपनी ज़बान उसकी गान्ड पे फेरने लगी.... "आहहहाः उम्म्म ....लिक्क इट बेबी अहहहः" भारत के मूह से नकला यह शब्द जब रूबी ने अपनी ज़बान भारत की गान्ड के छेद पे रखी... रूबी ने रंडी की तरह अपनी ज़बान भारत की गान्ड पे फेरना चालू किया और एक हाथ उसकी टाँगों के बीच से ले जाके उसके टट्टों को मसल्ने लगी.. कुछ ही सेकेंड्स में भारत के टटटे फूलने लगे, और भारत को पता ही नहीं चला कब उसका लंड थूकने लगा...


"आहहहहा ओह्ह्ह ओन्नूऊऊ अहहहहहा... ओह्ह्ह उफ़फ्फ़......." कहके भारत का लंड उल्टियाँ करने लगा जिससे प्रीति की चूत पूरी भारत के स्पर्म से भर गयी......


"ओह्ह्ह्ह नूऊ.... यह क्या किया अहहहहहा नःनन अहहहहा...." प्रीति बेड पे लेटे लेटे ही बोलने लगी....


"क्या किया क्या... आइ पिल खा लेना, अब नाटक मत कर ज़्यादा...." कहके रूबी आगे आई और भारत के लंड को हाथ में लिया जिसपे उसका स्पर्म और प्रीत की चूत का पानी फेला हुआ था...


"अभी तो मेरी फेव पोज़िशन बाकी है मेरी जान..." कहके रूबी ने फिर भारत के लंड को खड़ा करने के प्रयास में उसको मूह में ले लिया


भारत का लंड जो प्रीति की चूत रस और अपने स्पर्म से पूरा भीगा हुआ था, रूबी ने अपनी जीभ से उसे एक दम सॉफ कर दिया और भारत के लंड के चुप्पे मारने लगी... प्रीति एक दम थक चुकी थी और बेड पे लेटी लेटी रूबी का खेल देख रही थी... रूबी बेड पे ही घोड़ी बनके सामने खड़े भारत के लंड को मूह में ले रही थी.. रूबी की गान्ड हवा में थी, रूबी की गान्ड एक दम लाल हो चुकी थी.. रूबी की गान्ड को देख प्रीति में भी जोश आ गया, और वो बेड ही घुटनो के बल चल कर धीरे धीरे रूबी की गान्ड के पास आ गयी और कुछ सेकेंड्स तक उसे निहारने लगी... कुछ सेकेंड्स निहारने के बाद, प्रीति ने अपनी पूरी हथेली को अपनी थूक से गीला कर दिया और गीली उंगलियों से रूबी की गान्ड के छेद पे फेरने लगी.. जैसे ही रूबी को एहसास हुआ इस बात का " आअहाओमम्म्मममम आआहसीईईईई...." उसकी सिसकारी निकली... उसने पीछे मूड के देखा तो प्रीति अपनी हाथ की उंगलियाँ उसकी गान्ड के छेद पे घुमा रही थी, यह देख रूबी के चेहरे पे एक रंडी सी स्माइल आई " आहहहहः डाल ना इसे अंदर आहाहौमम्म्म" रूबी के मूह से शब्द निकले.. और वो फिर भारत के लंड को खड़ा करने के प्रयास में लग गयी... धीरे धीरे अब भारत के लंड में भी जान आने लगी.. रूबी के यह शब्द सुनके प्रीति ने अपना हाथ रूबी की गान्ड से हटाया और बेड के पास टेबल पे रखे अपने बॅग में घुसा दिए.. कुछ ढूँढने लगी, और जैसे ही उसने अपना हाथ बाहर निकाला, उसके चेहरे पे शैतानी मुस्कान आ गयी... स्ट्रॅप ऑन डिल्डो था उसके हाथ में.. उसने झट से उस डिल्डो को अपनी कमर पे बाँधा और बेड पे ही घुटनो के बल जाके रूबी के गान्ड के पास जाके बैठ गयी.. रूबी इस बात से अंजान भारत के लंड को चूसने में लगी हुई थी.. प्रीति ने धीरे से 12 इंच के काले डिल्डो को रूबी की गान्ड के छेद पे सेट किया, और उसके कान के पास जाके बोली.. "तेरी गान्ड मारनी है आज.. प्लीज़ मारने दे ना".
 
"उम्म्म्म अहहहाहा... मार दे ना अहाआहः फाड़ दे, और ना तडपाआ आब्ब्ब्ब..." रूबी यह कहके फिर भारत के लंड को चूसने में लग गयी जो अब पूरा का पूरा तन चुका था और रूम की सीलिंग को सलामी दे रहा था.. प्रीति ने इतना सुनते ही उस डिल्डो को एक ही झटके में रूबी की गान्ड के छेद में घुसा डाला.. रूबी को इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि उसकी गान्ड में क्या घुसने वाला है.. जैसे ही वो डिल्डो रूबी की गान्ड में घुसा.. एक पल के लिए मानो रूबी की जान ही निकल गयी थी, उसने अपने मूह को भारत के लंड से आज़ाद किया और उसकी चीख मानो दबी की दबी रह गयी... यह देख भारत और प्रीति के चेहरे पे शैतानी मुस्कान फेल गयी... प्रीति ने जब पहली बार लंड को गान्ड के अंदर से बाहर निकाला..


"आआआईईईइ अयीई माआआ मैं मरररर गाइिईई आहहहहहहहा मदर्चोद आआहहहहा नूऊऊओ....." रूबी के पहले शब्द निकले....


"हहहहहा.. तूने ही तो कहा था रंडी जात, तेरी गान्ड मारनी है.. अब क्या हुआ अहहहाहा" कहके प्रीति अब रूबी की गान्ड पे थप्पड़ मारने लगी, और प्रीति के एक इशारे पे अब भारत ने भी अपना मुस्सल रूबी के मूह में ठूंस लिया जिससे उसकी आवाज़ नहीं निकल सकती थी...


"उम्म्म्म अहहहहाहः गुणन्ञन् गुउन्न्ञणन् गुणन्ञणणनाहहहहाहा हूऊऊ...." रूबी की चीखें कुछ इस प्रकार निकल रही थी... उसकी गान्ड पे 12 इंच के डिल्डो के झटके और मूह पे भारत के मूसल की थप्पड़ पड़ रहे थे.. रूबी का चेहरा फूल कर एक दम लाल हो चुका था, तभी पीछे से प्रीति ने उसके बाल खींचे जिससे भारत का लंड उसके मूह से निकला और उसकी चीखें अब आहों में बदलने लगी थी..' आआहाह्हहह यआहहा अहहहहा उम्म्म्म आहहाहा...." जैसे ही भारत ने यह देखा, तब उसने प्रीति को इशारे से उसका डिल्डो बाहर निकालने को कहा.. प्रीति ने डिल्डो बाहर निकाला और भारत ने रूबी को बेड के नीचे लाके खड़ा किया.. आगे से भारत ने अपना खड़ा लोहे जैसा लंड उसकी चूत में घुसाया, और पीछे से प्रीति को इशारा किया के उसकी गान्ड मारे.. प्रीति जल्द से अपनी पोज़िशन में आई और अपना काम करने लगी... रूबी का सॅंडविच बन गया था, भाई आगे से लगा हुआ था और बहेन पीछे से... 


"अहाहाहाहा यआःहः आहहहहः फक मी हार्ड अहहहहहा आइअम कमिंग अहहहहहा मैं आ रही हूँ आ आहहहहौई माअमममाममामा" रूबी चिल्लाते चिल्लाते झड़ने लगी और उसने अपना सारा पानी भारत के लंड पे छोड़ दिया, जो अंदर बाहर हो रहा था.. अंदर बाहर होता भारत का लंड, रूबी के पानी से चमक उठा था और उसकी नसें सॉफ दिख रही थी.. भारत सतसट अपने लंड से रूबी की चूत के चिथड़े उड़ाने में लगा हुआ था.. पीछे से प्रीति भी रूबी की गान्ड पे कोई रहम नहीं खा रही थी, और अपने डिल्डो के धक्कों को तेज़ किए जा रही थी... रूबी झड़ने के बाद कुछ देर के लिए मानो खड़े खड़े ही बेहोश होने लगी थी, उसकी टाँगें अकड़ चुकी थी... 

यह देख भारत ने प्रीति को उसका डिल्डो बाहर निकालने का इशारा किया और उसने अपना लंड भी प्रीति की चूत से निकाला... जैसे ही रूबी के दोनो छेद फ्री हुए, भारत ने उसे गोदी में उठाया और खुद आके बेड पे लेट गया, और प्रीति से इशारे में कह के रूबी को उसके उपर बिठाया और रूबी की चूत भारत के लंड पे सेट की.. जैसे ही रूबी की चूत भारत के लंड पे सेट हुई, भारत ने धीरे धीरे से उपर होके अपने लंड के हल्के हल्के धक्के चालू किए और पीछे से प्रीति रूबी के कंधों को सहारा देके उसके चुचे मसल्ने में लगी हुई थी... 2 मिनट में ही रूबी फिर गरम हुई और भारत के लंड पे सवार होने लगी.... रूबी को सवारी करते देख भारत का जोश भी बढ़ गया.. उसके 2 उछलते हिमालय से चुचे, उसके खुले बाल हवा मैं ऐसे उड़ रहे थे जैसे मानो कोई तूफान सा आया हो.. प्रीति ने रूबी के कंधो को छोड़ा और आगे आके बेड पे खड़े खड़े ही अपना डिल्डो रूबी के मूह में घुसा दिया.. इस बार फिर रूबी की चीखें दब गयी, लेकिन दर्द के बदले रूबी मज़े की सिसकारियाँ लेने लगी...



"आहहहहा ओह्ह्ह यअहह अहहहहहाहा ओह अहहहहा... रूबी आइ अम फक्किंग हॉट बेबी आआहहहहहहा टेक मे डीप बेबी अहहहाहा.." भारत अपने धक्के मारता हुआ बोल रहा था.. जवाब में रूबी बस तेज़ी से उछलते जा रही थी और प्रीति के डिल्डो को अपनी हलक तक उतार दिया था... 



"आआहह्हह गुणन्ञन् गुणन्ं अहहहाहा... उम्म्म्म अहहहहाहा....आइ एम कमिंग अगेन अहहहहहहा" रूबी डिल्डो निकाल के चिल्लाई और वापस अपना पानी भारत के लंड पे छोड़ दिया... अब भारत से भी रहा नहीं जा रहा था, उसने भी चिल्लाके दोनो लड़कियों को अपने झड़ने की चेतावनी दी और अपना लंड रूबी की चूत से निकाल लिया... जैसे ही लंड चूत से निकला, दोनो रंडिया भारत के लंड को पकड़ के हिलाने लगी...
 
"आःआहह्हहहा यॅ फास्टर अहाहाः और ज़ोर से अहहाहा.. मैं आ रहा हूँ अहहहहहहा ओुफफफफफफफ्फ़...." इस चीख के साथ भारत ने अपना सारा पानी रूबी और प्रीति के मूह पे छोड़ दिया... पहले तो उन दोनो ने भारत के लंड को चाट चाट के सॉफ किया, फिर एक दूसरे को चूमा, चाटा और पूरा का पूरा पानी अपनी हलक के नीचे उतार दिया....



"आहाहाहा हीहेः... तुम बहुत सेक्सी हो रूबी... उम्म्म्म मवाहाहहहहा " कहके प्रीति ने फिर रूबी के होंठों को चूसना स्टार्ट किया और रूबी ने उसका बखुबी साथ दिया... चुदाई का यह तूफान करीबन 2 घंटे चला, भारत ने जब घड़ी देखी तो शाम के 4 बजने आए थे.... उसने थक के सो जाने की आक्टिंग की, और कुछ देर में रूबी और प्रीति भी बिना कपड़े के बेड पे सो गये... करीब आधे घंटे बाद जब भारत ने देखा और उसे विश्वास हुआ कि दोनो सही में सो गयी हैं, वो धीरे से उठा और बाथरूम में जाके फ्रेश हुआ और अपना कपड़े पहने.. कपड़े पहेन के भारत रूम से बाहर निकला और रूम को लॉक करके कॉरिडर की तरफ बढ़ा....



"बेब.. व्हेअर आर उ.." भारत ने शालिनी को फोन करके पूछा


"बार में आओ.." कहके शालिनी ने फोन कट किया



भारत जल्दी से बार की तरफ बढ़ा.... वीकडे होने की वजह से बार में भीड़ कम थी, जितनी भी थी उसमे काफ़ी फिरंगी बैठे हुए थे.. भारत की नज़रें शालिनी को ढूँढने लगी.... शालिनी बार के एक कॉर्नर में बैठी अपनी दारू पी रही थी.. जैसे ही भारत ने उसे देखा, वो अपने कदम तेज़ी से उसकी तरफ बढ़ाने लगा... वो कुछ ही दूरी पे था, कि एक फिरंगी उसके पास आया और उसे गले लगा के चूमा, यह देख भारत ने अपने कदमों को धीरे किया और जाके उनसे थोड़ी दूरी पे बैठा.. बैठे बैठे भारत उन दोनो को अब्ज़र्व करने लगा...


"ब्लॅक लेबल ऑन दा रॉक्स प्लीज़..." भारत ने अपने लिए ऑर्डर दिया और फिर अपनी आँखें उन दोनो पे गढ़ ली.. करीब 10 मिनट तक भारत अपनी शराब पीते पीते उन्हे ही घुरे जा रहा था जिसका अंदाज़ा शालिनी को नहीं था... शालिनी की नज़र जैसे ही भारत पे पड़ी, उसने भारत को बुलाया



"भारत.. प्लीज़ जाय्न अस.." शालिनी ने उसे बुलाया.. भारत वहाँ से उठ के उनके पास जाने लगा..



"माइक, ही ईज़ माइ फ्रेंड.. भारत, दा वन आइ वाज़ टॉकिंग अबाउट" शालिनी ने फिरंगी को कहा



"ओह यस.. हेलो मिस्टर..." फिरंग ने भारत की तरफ हाथ बढ़ा के कहा



"भारत. माइ नेम ईज़ भारत, मिस्टर हेमंड्स..." भारत ने फिरंगी से हाथ मिला के कहा



"वंडरफुल, यू नो माइ नेम, आइ आम इंप्रेस्ड" फिरंगी ने अपना ग्लास उठा ते कहा



"ओफ़कौर्स.. आइ ऑल्वेज़ रिमेंबर दा नेम्स ऑफ दा पीपल आइ वर्क विद मिस्टर हेमंड्स" भारत ने अपने लिए एक और पेग ऑर्डर देते हुए कहा



"हहेः.. सोन, कॉल मे माइक.." फिरंग ने अपनी उँची आवाज़ में कहा



"ओफ़कौर्स माइक.. गोल्ड्मन सॅक्स सेवीयार... " भारत ने उसे इंप्रेस करना चाहा..



"गेस यू नो आ लॉट अबाउट मी बॉय.." फिरंगी ने फिर हँस के कहा



"नोट मच.. दा डे आइ विल जाय्न गोल्ड्मन सॅक्स, आइ विल मेक दट शुवर..." भारत ने कहा



"कॉन्फिडेन्स.. आइ लाइक दट बॉय.. " फिरंगी वाकई खुश था भारत से
 
"चियर्स टू दट माइक.." कहके भारत ने अपना जाम आगे किया और तीनो ने एक "चीरससस्स" कहके अपने अपने जाम खाली किए... भारत, शालिनी और माइक करीब आधा घंटा वहीं बैठे रहे, जिसमे सबसे ज़्यादा वक़्त भारत ने अपनी बातों के लिए लिया.. कंपनी से लेके, कंपनी के अडीशनल सीएफओ माइक हेमंड्स की पर्सनल इन्फ़ॉर्मेशन, भारत ने सब निकाल ली थी.. भारत को ज़रा भी वक़्त नहीं लगा उसे इंप्रेस करने में.. उसकी स्टॉक मार्केट की नालेज के साथ साथ भारत का विटिनेस भी माइक को पसंद आया... बातों बातों में फिरंगी ने यह भी भाँप लिया कि भारत नौकरी तो नौकरी, पैसे के लिए कुछ भी कर सकता है..



"यू नो सन... एवेरिबडी आउट देअर हॅव दा ग्रेड्स आंड नालेज विद देम, बट यू माइ बॉय.. यूआर पर्फेक्ट बॅंकर... वी विल टॉक डीटेल्स टुमॉरो फॉर्मली ऑन युवर व्यूस अबाउट बिज़्नेस डेवेलपमेंट आंड प्राइवेट ईक्विटी.. सी यू टुमॉरो " कहके जैसे ही माइक उठा, भारत ने उसे कहा



"माइक, आइ हॅव नोट वेरी गुड ग्रेड्स बट..." भारत ने थोड़ी धीमी आवाज़ में कहा



" आइ नो दिस... दिस गर्ल हॅज़ टोल्ड मी अबाउट यू आंड यू आर नोट पूअर ऐज वेल इन युवर ग्रेड्स.. जस्ट मेक शुवर यू हॅव हॅंड्ज़ ऑन प्राइवेट ईक्विटी आंड यू विल बी थ्रू.. गुड ग्रेड्स आर नोट मेंट फॉर हाइयर डेसिग्नेशन्स सन.. इट्स ऑल्वेज़ दा बिज़्नेस सेन्स दट टेक्स यू हाइयर.. गुड दा फोक्स..." कहके माइक वहाँ से निकल गया.. फिरंगी के जाते ही शालिनी और भारत फिर आके सीट पे बैठे..



"तो क्या किया तूने.. टू ब्लॅक लेबल ऑन दा रॉक्स प्लीज़" भारत ने शालिनी को देखा और अपना ऑर्डर दिया



"मुझे यह लोग कंप्लाइयेन्स और इंटर्नल ऑडिट में लेने के लिए तैयार है... हेमंड्स के साथ एक और एचआर की बंदी है, हेमंड्स उसको अभी बात करने वाला है.. " शालिनी ने धीमी आवाज़ में कहा



"बंदी.. उसका इन्फ्लुयेन्स कितना रहेगा... और हेमंड्स का इन्फ्लुयेन्स नहीं चला तो" भारत ने शालिनी को उसका ग्लास पकड़ाते हुए कहा



"माइक, अभी प्राइवेट ईक्विटी में है.. तेरा इंटरव्यू वो कल सिर्फ़ फ़ॉर्मलटी के लिए लेगा, आंड एचआर राउंड तुझे क्रॅक करना है बस.. माइक प्राइवेट ईक्विटी में तुझे लेगा तो तू सेट... एचआर राउंड क्लियर हुआ तो... और 4 महीने में उसका ट्रान्स्फर इंटर्नल ऑडिट में होने वाला है.. इसलिए वो मुझे अपने साथ रखना चाहता है.. मुझे एचआर राउंड भी नहीं देना पड़ेगा..." शालिनी ने हँस के भारत को देखते हुए कहा



"तूने मेरे लिए बात क्यूँ की.. मैं इंटरव्यू दे देता.. दट वाज़ नीडलेस..." भारत ने शालिनी को देख के कहा



"तू मेरे लिए बहुत कुछ करता है, यह मैने किया तो क्या हुआ.. अब वो छोड़, कल कॅंपस में 8 बजे पहुँचना है समझा... " शालिनी ने अपना ग्लास ख़तम करके कहा... और दोनो वहाँ से निकल गये..






"रूबी सिन्हा..... रूबी सिन्हा..... लुक्स लाइक शी ईज़ नोट हियर... शालिनी वर्मा, यू कॅन प्लीज़ गो फॉर दा इंटरव्यू..." अगली सुबह, प्लेसमेंट ऑफीसर ने बाहर बैठे स्टूडेंट्स को देखते हुए कहा... शालिनी के जाते ही सिड थोड़ा चिंतित हुआ..



"कहाँ है रूबी...." सिड खुद से कहने लगा

"तुमने जैसा कहा मैने वैसा किया है... रूबी नहीं पहुँची इंटरव्यू में, अब मेरे यूएस जाने का क्या करोगे..." प्रीति ने भारत से फोन पे कहा



"अरे, यह क्या मेरे कान पे चढ़ रही हो बार बार, मैं क्या कर सकता हूँ , तुम शांति रखो, मैं जाउ पहले, और तुमने कहा था तुम सब मॅनेज करोगी और फिर मुझे एंड में कहोगी... अब बाइ, मेरा इंटरव्यू है 10 मिनट में ओके.." कहके भारत ने जैसे ही फोन कट किया, सामने से शालिनी आती दिखाई दी.. शालिनी बहुत ही खुश लग रही थी...


"हेलो बॉय... ऑल दा बेस्ट.." शालिनी ने आगे बढ़ के कहा और भारत के गालों पे किस दी, जिसे दूर खड़े सिड ने देखा और अंदर ही अंदर जलने लगा.. 


"10 मिन्स भी नहीं हुए तुझे... और तेरा इंटरव्यू ओवर..." भारत ने शालिनी से कहा


"हां, क्या पूछेगा मुझसे, और एचआर ने भी कुछ ख़ास नहीं पूछा.. उन्होने कहा अगर माइक क्लियर है तो वी आर ओके.. पे बाद में डिसकस करेंगे, बट इट विल बी सम्वाट इन दा रेंज ऑफ 50-60के यूएसडी पीए" शालिनी ने धीरे से भारत के कान में कहा


"थ्ट्स गुड बेबी..... अगर मैं सेलेक्ट हुआ तो शेर्ड फ्लॅट में रहेंगे.. ....." भारत ने उत्साह भरी आवाज़ में कहा



"भारत.. तुम आ जाओ, इट्स युवर राउंड नाउ" प्लेसमेंट ऑफीसर भारत को बुलाने लगा... जैसे ही भारत अंदर गया, अंदर का दृश्य देख उसको थोड़ी चिंता होने लगी.. उसके सामने माइक, जिससे वो कल मिला था, एक लड़की शायद 35-40 की उमर होगी, और दो दूसरे लोग बैठे थे.. एक था भार्गव और एक उनका प्रेज़ेंट डीन..



"मॉर्निंग जेंटल्मेन... मॅम... ग्रीटिंग्स.." भारत ने अपने सामने खड़े लोगों को देख कहा
 
"सो जेंटालमेन.... वी हॅव ऑलरेडी शॉर्टलिस्टेड वन कॅंडिडेट अबाउट हूम यू विल कम टू नो ऐज पर दा प्रोसेस.. वी हॅव रिक्वाइर्मेंट ऑफ अनदर कॅंडिडेट आंड आइ आम अफ्रेड दट विल बी कंपनी'स लास्ट रिक्वाइर्मेंट.. गोल्ड्मन नीड्स आ बॅंकर इन प्राइवेट ईक्विटी ओर बिज़्नेस डेवेलपमेंट मॅनेजर फॉर देयर हेड्ज फंड्स सेक्षन.. नाउ ऐज वी सी, यू हॅव आ गुड एक्सपीरियेन्स ऑफ बिज़्नेस डेवेलपमेंट, सो दे कॅन कन्सिडर यू फॉर दा पोज़िशन, बट दे नीड आ कॅंडिडेट हू कॅन बी स्विच्ड ऐज आंड व्हेन रिक्वाइयर्ड इन हेड्ज फंड्स ऐज वेल ऐज प्राइवेट ईक्विटी..." सामने बैठे भार्गव ने फिरंगी के टोन में भारत से एक ही साँस में कहा.. पहली बार भारत ने भार्गव को इतनी स्पष्ट अँग्रेज़ी बोलते सुना था.. उपर से आज भार्गव उस टोन में बोल रहा था... भारत मुश्किल से अपनी हँसी दबा रहा था.. पर उसने अपने आप को संभाला, फिर कुछ सेकेंड्स सोच के जवाब दिया



"सर, आंड ऑल अदर मेंबर्ज़.. हाउ डू यू डिसाइड दट वेदर आइ आम एलिजिबल फॉर दा रेस्पेक्टेड पोज़िशन... कॅन आइ प्लीज़ नो अबाउट दा क्राइटीरिया.." भारत ने अपना जवाब दिया



"अ डिस्कशन.... देअर्'स वन मोर गाइ सिद्धार्थ कुमार.. वी नीड टू हियर यू गाइस इन डिस्कशन. आ डिस्कशन ऑन करेंट स्टेट ऑफ यूएस एकॉनमी बेसिस बिज़्नेस डेवेलपमेंट आंड इंडस्ट्रियल ग्रोत.. नो अदर स्टूडेंट विल अपीयर फॉर दिस डेसिग्नेशन.. सिद्धार्थ कुमार हॅज़ बिन शॉर्टलिस्टेड बेसिस हिज़ ग्रेड्स, वाइल यू हॅव बिन सेलेक्टेड बेसिस युवर पास्ट एक्सपीरियेन्स आंड पर्सनल रेकमेंडेशन ऑफ माइक... सिन्स ही ईज़ दा प्रोसेस ओनर देअर, आइ हॅव एंटरटेंड हिज़ रिक्वेस्ट.." सामने बैठी एचआर की बंदी ने कहा


"कॅन वी प्लीज़ हॅव सिद्धार्थ कुमार...." एचआर की बंदी ने प्लेसमेंट ऑफीसर से कहा.. जितनी देर में सिद्धार्थ आया, उतनी देर में भारत के दिमाग़ में सिर्फ़ एक ही बात थी.. उसे सिड से नहीं हारना था, वो जिस दिन चाहे उस दिन सिड से किसी भी बात में आगे होता था, पढ़ाई में कुछ ख़ास पीछे नहीं था, पर इधर एक कदम भी पिछड़ना मतलब, उस की नौकरी गयी.. यह सब सोच सोच के भारत अपना दिमाग़ दौड़ाने लगा और बार बार उसके दिमाग़ में सिर्फ़ एक बात आती.. "प्राइवेट ईक्विटी" जो माइक ने उसे गुज़री शाम को कहा था.. वो धीरे धीरे अपने पायंट्स नोट डाउन करने लगा और उसने अपना पूरा फोकस माइक के दिए हुए हिंट पे डाला... तब तक सिड भी आ चुका था और उसे भी बताया गया था कि उसे क्या करना है... करीब 15 मिनट तक वो दोनो अपने अपने पायंट्स बनाने लगे.. 15 मिनट के बाद दोनो के बीच डिस्कशन स्टार्ट हुआ और माइक बना मॉडारेटर... करीब आधे घंटे तक चले डिस्कशन में माइक बहुत हैरान हुआ, उसे सिड और भारत दोनो भा रहे थे... जहाँ भारत बीच बीच में थोड़ा रिपेटिटिव साउंड हुआ, वहीं सिड कहीं कहीं गुस्से में आने लगा.. भारत को अच्छी तरह पता था सिड को कब कब गुस्सा आ सकता है उसने उस बात का बखूबी फ़ायदा उठाया.. 



"ओके जेंटलमैन... वी आर डन.. वी विल डिक्लेर दा रिज़ल्ट्स सून... हॅव आ गुड डे" एचआर की बंदी ने सिड और भारत से कहा और दोनो वहाँ से बाहर निकल गये.. जैसे ही दोनो बाहर गये, भारत को एक झटका, और सिड को एक सर्प्राइज़ मिला... रूबी...



"रूबी... कहाँ थी तुम..." सिड ने बाहर आते ही उससे पूछा



"कही नही.. तुम्हारा इंटरव्यू कैसा था...." रूबी ने इतना ही कहा के उसे प्लेसमेंट ऑफीसर ने बुलाया



"रूबी सिंग.. आपने जो आज किया है वो आक्सेप्टबल नहीं है, पर फिर भी आपके रेकॉर्ड की वजह से आपको नॅशनल कंपनीज़ में बैठने दिया जाएगा.. कल सुबह को यहीं आना, कुछ बॅंक और टेलिकॉम कंपनीज़ हैं" कहके प्लेसमेंट ऑफीसर ने एक लिस्ट रूबी को दी और वहाँ से निकला



"हाई बेबी.. कैसा रहा" शालिनी ने भारत का हाथ पकड़ के कहा



"तूने बताया नहीं, अंदर भार्गव भी था डीन के साथ" भारत ने शालिनी को कोने में ले जाके पूछा



"वो थे, पर उन्होने कुछ पूछा नहीं होगा तुझसे... माइक ने क्या कहा" शालिनी और भारत आगे बढ़ के बातें करने लगे... भारत ने अंदर हुई सब बातें बताई और शालिनी के चेहरे पे भी थोड़ी मायूसी छाने लगी....


"डोंट वरी... वी विल पुल दिस ऑफ... कोक ?" शालिनी ने बात को ख़तम किया और दोनो कॅंटीन में जाके बैठ गये... उधर सिड कितनी बार रूबी से पूछ चुका था कि उसको लेट क्यूँ हुआ, पर रूबी ने उसे कुछ जवाब नहीं दिया.. वो बस टालती रही और अपना ध्यान अपने आने वाले कल के इंटरव्यू में लगा दिया... यूही बातें करते करते शाम हो गयी और भारत मुंबई के लिए निकल गया.. उनके इंटरव्यू के रिज़ल्ट्स में अभी टाइम था, शालिनी भी अपने घर गयी थी एक दिन और भारत रूबी को फेस नहीं कर सकता था... रास्ते में भारत ने कुछ बियर की बॉटल्स ले ली.. उसके दिमाग़ में बहुत स्ट्रेस था जिसे वो हल्का करना चाहता था.. वो आधे रास्ते में पहुँचा ही था कि बीच में उसके पापा का फोन आ गया..



"भारत, तुम्हारी माँ और मैं बाहर जा रहे हैं कुछ दिन.. तुम वापस कब आओगे" राकेश ने फोन पे चिल्ला के कहा



"डॅड... अभी दो तीन दिन के बाद ही, यू गाइस एंजाय.. और प्रीति कहाँ गयी" भारत ने राकेश से पूछा



"वो भी अपने घर गयी है, चलो सी यू इन सम टाइम.. ऑल दा बेस्ट फॉर युवर इंटरव्यू रिज़ल्ट्स.." कहके राकेश ने फोन कट कर दिया



"अब कहाँ गान्ड मरवाने जाउ.. "गुस्से में भारत ने गाड़ी मोड़ दी और पुणे जाने लगा.. रास्ते में उसे ख़याल आया के शालिनी के घर रुका जा सकता है.. उसने तुरंत रास्ते से शालिनी को फोन किया



"हाई स्वीटहार्ट.. रीच्ड मुंबई.." शालिनी ने भारत का फोन आन्सर करके कहा



"ना... मोम डॅड बाहर हैं, आंड हॉस्टिल नहीं जा सकता.. कॅन आइ कम ओवर अट युवर प्लेस.. डे ऑर टू इफ़ यू डोंट माइंड" भारत ने जीझक के पूछा



"ओह शुवर... मेरे पापा तुझे बहुत पसंद करेंगे, आजा आजा.." शालिनी ने हँस के कहा और फोन कट कर दिया.. भारत करीब आधे घंटे में शालिनी के घर पहुँचा... घर पहुँच के जैसे ही भारत ने बेल मारी, भारत का स्वागत शालिनी की माँ ने किया.. शालिनी की माँ को देख भारत को सीमी की याद आ गयी.. शालिनी की माँ ऋतु, बिल्कुल सीमी की कार्बन कॉपी थी.. ऋतु के चुचे थोड़ा ज़्यादा बड़े थे सीमी से, बाकी नाक नक्शा, उसकी गान्ड सब सीमी से मेल ख़ाता था.... एक पल के लिए तो भारत को सीमी का ख़याल आया और ऋतु के चुचे देख भारत के लंड में जान आने लगी...
 
"यस... कौन चाहिए आपको..." सामने खड़ी ऋतु ने पूछा....


"उः .... आंटी, शालिनी है.." भारत ने अपने लंड को छुपाने की कोशिश करते हुए कहा


"आप कौन... शालिनीईीईईईईईईई, युवर फ्रेंड ईज़ हियर..." ऋतु ने चिल्लाया और फिर भारत को देखने लगी..


"भारत..." भारत ने बस इतना ही कहा


"भारत.... भारत.. व्हाट ? पूरा नाम बताओ भाई.." ऋतु ने अजीब से भाव बना के चेहरे पे पूछा



"भारत.. वेलकम वेलकम... मोम यह मेरा दोस्त है, कॉलेज में साथ है... भारत, शी ईज़ माइ मोम..." शालिनी ने पीछे से आवाज़ दी..



"आओ भारत... वेलकम टू वेर्मा'स" ऋतु ने भारत को आने की जगह दी.. वेर्मा'स एक पेंट हाउस में रहते थे... टोटल 4 रूम थे जिनमे से एक में शालिनी और एक मैं उसके माँ बाप रहते थे.. एक रूम में फिलहाल शालिनी का कज़िन रह रहा था जो किसी काम से वहाँ आया हुआ था... भारत ने अच्छी तरह घर को देखा, फिर ऋतु से अपने आने की वजह कही..


"भारत.. शालिनी के पापा डिसाइड करेंगे वो.. फिलहाल तुम बैठो, मैं बाहर जा रही हूँ.. शालिनी, मेक हिम फील अट होम..." ऋतु ने कहा और वहाँ से बाहर चली गयी... ऋतु को जाते देख भारत अपनी नज़रों को कंट्रोल नहीं कर पाया, और हिलते हुए ऋतु के चूतड़ देखने लगा.. ऋतु दरअसल कुछ ऐसी लग रही थी.. आगे से और पीछे से..






"भारत. कंट्रोल यार.. " शालिनी ने भारत के हाथ में च्युटि काट के कहा


"व्हाट... वैसे शालिनी.. तेरी मोम तेरी बहेन लग रही है... वो भी छोटी" भारत ने हँस के कहा और ऋतु के जाते ही अपने लिए और शालिनी के लिए एक एक बियर की बॉटल ओपन कर दी.


"हां यार, शी ईज़ वेरी फिट आंड डाइयेट कॉन्षियस... मैं उनसे कभी कभी जलती हूँ बोल, शी ईज़ सो डॅम सेक्सी..." शालिनी ने बियर की बॉटल लेते हुए कहा और दोनो बातें करने लगे... बातें करते करते दोनो ने 2-2 बियर की बॉटल्स खाली कर दी थी...



"यह 2 लास्ट है, इसके बाद स्टॉक ख़तम" भारत ने आखरी बियर की बॉटल्स पकड़ते हुए कहा



"ठीक है यार, दूसरी आ जाएँगी... वैसे तू जानता है हर सीक्रेट ऑफ सेक्सीनेस.." शालिनी की आँखें अब मदहोश लगने लगी थी..



"नहीं तो, तूने बताया ही नहीं,, क्या है बता..." भारत अब ऋतु की बातों में इंटेरेस्ट लेने लगा था


"सेक्स.... दिन में तीन बार सेक्स करती है... तीन बार..." शालिनी ने हल्के नशे में कहा 


"तीन बार.. तेरे डॅड तो बहुत लकी हैं यार..." भारत ने एक घूँट लेते हुए कहा


"सिर्फ़ डॅड नहीं.. डॅड के दोस्त भी, और इसकी सहेलियों के पति.. जिसके साथ मौका मिले, उसके साथ चुद जाती है मेरी माँ भारत.. शी ईज़ आ हाइ प्रोफाइल बिच.. आइ हेट हर.... बट आइ लव हर बॉडी....." शालिनी अब खुल के बोलने लगी थी....





"शी ईज़ आ बिच... बट उसकी बॉडी, इस जस्ट पर्फेक्ट भारत..." शालिनी ने अपनी बियर की बॉटल को मूह लगाते हुए कहा


"ओके शालिनी.. कंट्रोल नाउ... शी ईज़ नोट हियर...." भारत ने शालिनी को ठंडा करते हुए कहा


"फक हर... वो यहाँ होती तो क्या कर लेती, मैं क्या डरती हूँ.. .. तुझसे भी चुदवा लेती... शी ईज़ सो.... सो......" शालिनी अपना आपा खोने लगी थी..


"सो नतिंग... " भारत ने टॉपिक बदलना चाहा


"व्हाट... आइ आम जेलस ऑफ हर भारत... हर बोदु.. हर फिगर... " शालिनी अपने होंठ काटने लगी..


"कूल नाउ बेब.. चल तुझे लग गयी है. चल यहाँ से.." भारत ने शालिनी को पकड़ते कहा


"मैं ठीक हूँ यार, बैठ ना... कितने दिन हो गये खुल के बात किए हुए.. और वैसे भी अब मैं भी अपना हिस्सा लेने वाली हूँ.. " शालिनी ने अपने चुचे दबाते हुए कहा


"हिस्सा... पागल है, पैसों की बात कहाँ से आई इसमे.." भारत ने थोड़ा चिल्ला के कहा


"पैसा नहीं... मेरी चुदाई का हिस्सा.. मेरी चूत भी अब रेडी है जवानी जीने के लिए..." शालिनी ने कहके अपनी चूत रगड़ ली और खिलखिला के हँसने लगी


"आज रात को खाने के साथ वाइन लाना, तुझे भी एंजाय करवाउंगी.. जी भर के चोदना मेरी माँ को " शालिनी ने थोड़ा झुक के कहा जिससे उसके चुचे दिखने लगे भारत को उसके लूस टॉप से
 
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