hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
"भारत.. व्हाट यू आर सेयिंग ईज़ एक्सट्रीम्ली डिफिकल्ट... आइ हॅव लॉट थिंग्स टू टेक केर ऑफ. आइ जस्ट कॅंट लीव यूएस आंड कम हियर.. वॉटेवर यू आर ट्राइयिंग टू डू ईज़ इल्लीगल एनिवेर इन वर्ल्ड.. आइ आम नोट ट्राइयिंग टू स्टॉप यू आंड दट'स व्हाट आइ कॅन डू फॉर यू." शॅरन ने अपनी सीधी आवाज़ में कहा.. भारत ने कुछ जवाब नही दिया. वो बस सिगरेट का धुआँ हवा में उड़ाए जा रहा था... करीब 10 मिनट में शॅरन वहाँ से उठके फ्रेश होने चली गयी, जाते जाते उसने भारत से कहा
"आइ हॅव आ फ्लाइट टू कॅच इन लेट ईव्निंग. इफ़ यू एक्सेक्यूट युवर क्राइम सक्सेस्फुली विदाउट गेटिंग कॉट, यू कॅन ऑल्वेज़ सी मे इन ईडिया.. टेक केर"
शॅरन के जाते ही भारत के फोन पे मेसेज आया
"नीड टू मीट इन 5 मिन्स"
मसेज पढ़ते ही भारत वहाँ से उठा और निकल गया अपनी रिपोर्ट देने.. 10 मिनट में भारत एक बिल्डिंग के नीचे पहुँचा.. बिल्डिंग थोड़ी पुरानी थी लेकिन काफ़ी बड़ी थी.. लिफ्ट में 5थ फ्लोर का बटन दबाते ही भारत का दिल तेज़ी से धड़कने लगा.. 5थ फ्लोर पे पहुँचते ही भारत धीरे धीरे सामने वाले फ्लॅट की ओर बढ़ने लगा.. दरवाज़ा खुला था , अंदर काफ़ी अंधेरा था.. ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वहाँ कोई रहता भी होगा
"अंधेरे में क्यूँ बैठे हो.. लाइट का बिल नहीं भरा क्या.." भारत ने मज़किया अंदाज़ में कहा
"क्या करूँ.. तुमसे तो एक काम हो नहीं रहा.. अगर यह काम नहीं हुआ तो लाइट क्या, अंधेरे में भी नहीं रह पाउन्गा मैं" सामने वोही आवाज़ आई.
"कोई बात नही है.. मुझे अंधेरे की आदत नहीं है.. " कहके भारत ने लाइट्स ऑन कर दी और कमरे के बीचो बीच बैठा था वो शख्स जो भारत से अपना कुछ काम करवा रहा था..
"मिस्टर मेहुल.. मेरा काम चालू है.. यह काम इतनी आसानी से नहीं होते.. इन सब में वक़्त और दिमाग़ लगता है, सो जस्ट चिल ओके.... आंड वैसे भी, आपसे ज़्यादा मुझे जल्दी है इस काम को निपटने की" भारत उसके सामने चेर लेके बैठा. मेहुल और कोई नहीं, पर वो आदमी था जिसने भारत को कुछ साल पहले सेल्स की जॉब दी थी.. और वो निधि का अंकल था
"भारत.. तुम अब मुझे निराश कर रहे हो, 2 साल हो गये पर तुम कुछ ऐसे बंदे नही ढूँढ पाए जो यह काम कर सके.. " मेहुल ने गुस्से में कहा
"चिल.. सबसे ज़्यादा मुझे जिसकी ज़रूरत है वो तो आपने मुझसे दूर ही रखी है" भारत ने निधि की तरफ इशारा करके कहा
"निधि को मैं इसका हिस्सा नही बना सकता समझे तुम. और अगर यह काम नही हुआ तो निधि को भूल जाओ तुम.." मेहुल ने अपनी जगह से उठ के कहा. मेहुल का गुस्सा, और निधि को भूलने की बात से भारत थोड़ा कमज़ोर पड़ गया. उसने पलट के कोई जवाब नही दिया..
"देश का सबसे बड़ा एटीएम कांड करना है.. और अब तक मुझे क्या मिला है.. कुछ भी नहीं.. कैसे होगा मुझे तुम समझाओ अब.. मुझसे और ज़्यादा इंतेज़ार नहीं हो रहा भारत.. मैं तुम्हे काफ़ी वक़्त दे चुका हूँ.. क्या तुम मुझे समझाओगे के यह सब कैसे होगा" मेहुल ने भारत के इर्द गिर्द रहते हुए कहा
"यह है आपका जवाब.." भारत ने मेहुल के सामने एक मशीन रख के कहा
"यह क्या है... और मुझे समझाओ एटीएम कांड क्यूँ रखा इसका नाम.. पैसा चाहिए, तो एटीएम कांड. क्या मज़ाक है" मेहुल ने वो मशीन को हाथ में लेते हुए कहा..
"इस मशीन से आप जितना पैसा चाहें उतना पैसा बना सकते हैं.. यह मॅग्नेटिक स्ट्रीप स्किम्मर है. डेबिट कार्ड के पीछे लगे मॅग्नेटिक स्ट्रीप में एक यूनीक कोड होता है जिसे सिर्फ़ यह मशीन ही रेड कर सकती है. वो डिजिटल कोड मैं किसी भी मॅग्नेटिक स्ट्रीप पे कॉपी कर सकता हूँ और उससे पैसे विड्रो कर सकता हूँ. देखिए" कहके भारत ने अपने वॉलेट से एक शॉपिंग कार्ड निकाला
"आप जानते हैं यह क्या है" भारत ने ब्लू कार्ड दिखाते हुए कहा
"शॉपिंग करके यह कार्ड मिलता है और उससे कुछ डिसकाउंट मिलेगा" मेहुल ने उससे वो कार्ड लेते हुए कहा और टेबल पे फेंक के कहा
"यह मेरा डेबिट कार्ड है मिस्टर मेहुल.. इसमे 6 लाख बॅलेन्स पड़ा है" भारत ने वो कार्ड लेते हुए कहा. मेहुल की शकल देख भारत ने उससे कहा
"मेरा पिन है 432526.. आप जाइए और नीचे वाले एटीएम से विड्रो करके देखिए पैसे.." भारत ने गंभीरता से कहा. भारत की इस गंभीरता को देख मेहुल ने वो कार्ड उठाया और नीचे वाले एटीएम में बढ़ गया. 5 मिनट में मेहुल वापस उस कमरे में आया और उसके हाथ में 1 लाख रुपये थे...
"यह कमाल है. इससे तो हम जो चाहें वो कर सकते हैं.." मेहुल ने खुश होके कहा
"कमाल यह नहीं.. कमाल यह होगा जब मुझे एक बॅंक के क्रेडिट डिपार्टमेंट से साथ मिलेगा और मैं अपना काम करूँगा.. और टाइम इसलिए लग रहा है क्यूँ कि पहले यह काम आप यूएस में करना चाहते थे.. फिर इंडिया में, यह देरी आपकी वजह से ही हुई है" भारत ने पहली बार अपनी आवाज़ उँची की
"अब मुझे नौकरी ढूँढनी है.. और आपकी वजह से मैने शालिनी के साथ भी धोखा किया है" भारत ने झल्ला के कहा
"मेरी वजह से नही.. निधि की वजह से.. तुम भूल रहे हो.. यह काम होने पर निधि का हाथ तुम्हे मिलेगा.. " मेहुल ने पलट के जवाब दिया
"खैर.. अब आगे क्या करोगे.. किसी बॅंक में बात चल रही है तुम्हारी.. और इस काम के लिए तुम्हे कितने लोगों की ज़रूरत होगी" मेहुल ने मुद्दे की बात पे आके कहा
"कम से कम 7 लोग... उसमे से एक सॉफ्टवेर इंजिनियर.. 5 वो लोग जो एटीएम से पैसे निकालेंगे.. और एक वो जो बॅंक में रहके हमें कुछ डीटेल्स देगा.. और हमारे कहने पे हमारे चुराए हुए डेबिट कार्ड्स की विड्रोल लिमिट बढ़ा देगा सिर्फ़ एक घंटे के लिए" भारत ने सॉफ बताया अपना प्लान मेहुल को
"तो अब तक क्यूँ रुके हुए हो.. तुम शालिनी की बॅंक में क्यूँ ट्राइ नही करते.. और शालिनी को ही इस्तेमाल करो.. वैसे भी तुम्हारे लिए निधि से ज़्यादा कोई लड़की महत्व की नहीं होनी चाहिए" मेहुल ने अपनी सिगरेट जलाते हुए कहा
"दोस्ती नहीं तोड़ सकता मैं किसी के साथ.. और रही निधि की बात, वो निधि और मेरा प्राइवेट मॅटर है.. उसमे आप को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए" भारत ने पलट वार किया
"ठीक है.. मुझे बस नतीजा चाहिए.. मर्ज़ी तुम्हारी, आदमी तुम्हारे.. लेकिन याद रहे, इसमे अगर तुम पकड़े गये.. तो हम एक दूसरे को नहीं जानते.. और अगर कामयाब हुए.. " .मेहुल को भारत ने टोक दिया
"कामयाब या ना कामयाब.. यह काम ख़तम, निधि मेरी होगी.. उसके बाद आप अपने रास्ते और निधि और मैं, मेरे रास्ते.." कहके भारत वहाँ से निकल गया. वहाँ से निकल के भारत ने शालिनी से फोन पे बात की और उससे मिलने का टाइम लिया शालिनी के देल्ही से लौटने के बाद ही. भारत फिर शॅरन के होटेल में पहुँचा जहाँ शॅरन ब्रेकफास्ट ले रही थी.
"गुड यू आर हियर.. जाय्न मी फॉर ब्रेकफास्ट.." शॅरन ने भारत को देख के कहा
"शॅरन.. आइ नीड दा रेकमेंडेशन लेटर विच यू रिसीव्ड फ्रॉम माइ कॉलेज.. आंड ओरिजिनल्स प्लीज़.. कॉपी वोंट हेल्प मी" भारत ने खड़े खड़े ही जवाब दिया. उससे कहीं पहुँचने की जल्दी थी..
"आइडियली आइ शुड नोट हॅंडोवर दा सेम, बट सिन्स यू हॅव बीन वेरी स्पेशल ऐज आ पर्सन फॉर मी.. हियर इट इज.. यू कॅन यूज़ दिस लेटर टू गेट सम न्यू जॉब" शॅरन ने भारत को लेटर पकड़ाते हुए कहा. लेटर लेके भारत वहाँ से कॅंपस हॉस्टिल की तरफ निकला .. हॉस्टिल में पहुँच के भारत नहा के फ्रेश हुआ और भार्गव से मिलने पहुँचा.. भारत अपने साथ लॅपटॉप और टॅबलेट लेके भार्गव के पास पहुँचा.. भार्गव से मिलके भारत ने उसे उसकी क्लिप्पिंग दिखाई और डेलीट करने का वादा किया लेकिन इस शर्त पे कि भार्गव उसकी मदद करेगा आइसीआइसीआइ बॅंक नौकरी दिलवाने में. यह करने में भार्गव को देर ना लगी क्यूँ कि श्रीवास्तव उसी का बंदा था और भार्गव ने उसे फोन करके सब फिक्स कर लिया. शालिनी के साथ रहकर भारत अपने प्लान को अंजाम देने का सोच रहा था. अब भारत को बस यह करना था कि किसी भी तरह श्रीवास्तव को पटा के इंप्रेस करना था ताकि हाइयर स्केल की पोज़िशन मिले और प्रीति को वो आइटी डिपार्टमेंट में ला सके. भारत ने भार्गव और शालिनी का म्म स डेलीट करके अपने रूम में जाके अपने समान को पॅक किया और मुंबई के लिए रवाना हो गया. शाम को आइसीआइसीआइ का इंटरव्यू था और आज उसको मोम डॅड से मिलना भी था.. रास्ते में भारत ने अपने डॅड को फोन किया शाम का प्रोग्राम सेट करने के लिए..
"हाई डॅड. आप कब पहुँचेंगे.." भारत ने गाड़ी चलाते हुए कहा
"सन.. वो सब छोड़ो लो मोम से बात करो.. शी हॅज़ सम न्यूज़ फॉर यू.." कहके राकेश ने सीमी को फोन पकड़ाया. सीमी ने फोन पे भारत को जो बात कही उससे भारत को ज़िंदगी का सबसे बड़ा झटका लगा..
"मोम.. यू मस्ट बी किडिंग.. हाउ कॅन यू डू दिस टू मी हाँ" भारत ने ज़िंदगी में पहली बार सीमी से चिल्लाके बात की थी
"मोम मेरी शादी करवाना चाहती है.. अब मैं क्या करूँ.. आंड उन्हे मना नही कर सकता मैं यार... और उपर से उन्हे निधि के बारे में पता तो है, बट आधा.. आइ मीन, उन्हे पूरी बात मैं बता भी नहीं सकता..." भारत ने सामने बैठी प्रीति से कहा
"तो उनको बता दो निधि के बारे में.. और वो लोग तुम्हारी शादी करवा देंगे" प्रीति ने सिगरेट के धुएँ को अपने होंठों से निकालते हुए भारत को कहा
"इतना आसान नहीं है यह.. " भारत ने उसके हाथ से सिगरेट लेते हुए कहा
"क्यूँ... मुझे बताओ, शायद मैं तुम्हारी मदद कर सकूँ" प्रीति ने जवाब दिया... प्रीति का जवाब सुनके कुछ देर भारत खामोश रहा, फिर उसने प्रीति से कहा
"प्रीति.. तुम तो जानती हो मैं निधि से कैसे मिला... जब से मैं सेल्स के जॉब में लगा, उस दिन से निधि के साथ लव अट फर्स्ट साइट हुआ था.. निधि जैसी लड़की मैने कभी नही देखी थी... मेरी पहली जॉब और मैं काफ़ी खुश था.. रोज़ निधि को देखना, किसी बहाने उससे बात करना.. मुझे बहुत अच्छा लगता था.. ऐसा एक दिन नहीं था जब मैं उसे ना देखता, अगर वो किसी कारण ऑफीस ना आती, तो चुपके उसके घर के वहाँ जाके उसे देख लिया करता.. एक दिन निधि को यह पता चल गया.." भारत ने इतना ही कहा के प्रीति ने उसे टोक दिया
"आइ हॅव आ फ्लाइट टू कॅच इन लेट ईव्निंग. इफ़ यू एक्सेक्यूट युवर क्राइम सक्सेस्फुली विदाउट गेटिंग कॉट, यू कॅन ऑल्वेज़ सी मे इन ईडिया.. टेक केर"
शॅरन के जाते ही भारत के फोन पे मेसेज आया
"नीड टू मीट इन 5 मिन्स"
मसेज पढ़ते ही भारत वहाँ से उठा और निकल गया अपनी रिपोर्ट देने.. 10 मिनट में भारत एक बिल्डिंग के नीचे पहुँचा.. बिल्डिंग थोड़ी पुरानी थी लेकिन काफ़ी बड़ी थी.. लिफ्ट में 5थ फ्लोर का बटन दबाते ही भारत का दिल तेज़ी से धड़कने लगा.. 5थ फ्लोर पे पहुँचते ही भारत धीरे धीरे सामने वाले फ्लॅट की ओर बढ़ने लगा.. दरवाज़ा खुला था , अंदर काफ़ी अंधेरा था.. ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वहाँ कोई रहता भी होगा
"अंधेरे में क्यूँ बैठे हो.. लाइट का बिल नहीं भरा क्या.." भारत ने मज़किया अंदाज़ में कहा
"क्या करूँ.. तुमसे तो एक काम हो नहीं रहा.. अगर यह काम नहीं हुआ तो लाइट क्या, अंधेरे में भी नहीं रह पाउन्गा मैं" सामने वोही आवाज़ आई.
"कोई बात नही है.. मुझे अंधेरे की आदत नहीं है.. " कहके भारत ने लाइट्स ऑन कर दी और कमरे के बीचो बीच बैठा था वो शख्स जो भारत से अपना कुछ काम करवा रहा था..
"मिस्टर मेहुल.. मेरा काम चालू है.. यह काम इतनी आसानी से नहीं होते.. इन सब में वक़्त और दिमाग़ लगता है, सो जस्ट चिल ओके.... आंड वैसे भी, आपसे ज़्यादा मुझे जल्दी है इस काम को निपटने की" भारत उसके सामने चेर लेके बैठा. मेहुल और कोई नहीं, पर वो आदमी था जिसने भारत को कुछ साल पहले सेल्स की जॉब दी थी.. और वो निधि का अंकल था
"भारत.. तुम अब मुझे निराश कर रहे हो, 2 साल हो गये पर तुम कुछ ऐसे बंदे नही ढूँढ पाए जो यह काम कर सके.. " मेहुल ने गुस्से में कहा
"चिल.. सबसे ज़्यादा मुझे जिसकी ज़रूरत है वो तो आपने मुझसे दूर ही रखी है" भारत ने निधि की तरफ इशारा करके कहा
"निधि को मैं इसका हिस्सा नही बना सकता समझे तुम. और अगर यह काम नही हुआ तो निधि को भूल जाओ तुम.." मेहुल ने अपनी जगह से उठ के कहा. मेहुल का गुस्सा, और निधि को भूलने की बात से भारत थोड़ा कमज़ोर पड़ गया. उसने पलट के कोई जवाब नही दिया..
"देश का सबसे बड़ा एटीएम कांड करना है.. और अब तक मुझे क्या मिला है.. कुछ भी नहीं.. कैसे होगा मुझे तुम समझाओ अब.. मुझसे और ज़्यादा इंतेज़ार नहीं हो रहा भारत.. मैं तुम्हे काफ़ी वक़्त दे चुका हूँ.. क्या तुम मुझे समझाओगे के यह सब कैसे होगा" मेहुल ने भारत के इर्द गिर्द रहते हुए कहा
"यह है आपका जवाब.." भारत ने मेहुल के सामने एक मशीन रख के कहा
"यह क्या है... और मुझे समझाओ एटीएम कांड क्यूँ रखा इसका नाम.. पैसा चाहिए, तो एटीएम कांड. क्या मज़ाक है" मेहुल ने वो मशीन को हाथ में लेते हुए कहा..
"इस मशीन से आप जितना पैसा चाहें उतना पैसा बना सकते हैं.. यह मॅग्नेटिक स्ट्रीप स्किम्मर है. डेबिट कार्ड के पीछे लगे मॅग्नेटिक स्ट्रीप में एक यूनीक कोड होता है जिसे सिर्फ़ यह मशीन ही रेड कर सकती है. वो डिजिटल कोड मैं किसी भी मॅग्नेटिक स्ट्रीप पे कॉपी कर सकता हूँ और उससे पैसे विड्रो कर सकता हूँ. देखिए" कहके भारत ने अपने वॉलेट से एक शॉपिंग कार्ड निकाला
"आप जानते हैं यह क्या है" भारत ने ब्लू कार्ड दिखाते हुए कहा
"शॉपिंग करके यह कार्ड मिलता है और उससे कुछ डिसकाउंट मिलेगा" मेहुल ने उससे वो कार्ड लेते हुए कहा और टेबल पे फेंक के कहा
"यह मेरा डेबिट कार्ड है मिस्टर मेहुल.. इसमे 6 लाख बॅलेन्स पड़ा है" भारत ने वो कार्ड लेते हुए कहा. मेहुल की शकल देख भारत ने उससे कहा
"मेरा पिन है 432526.. आप जाइए और नीचे वाले एटीएम से विड्रो करके देखिए पैसे.." भारत ने गंभीरता से कहा. भारत की इस गंभीरता को देख मेहुल ने वो कार्ड उठाया और नीचे वाले एटीएम में बढ़ गया. 5 मिनट में मेहुल वापस उस कमरे में आया और उसके हाथ में 1 लाख रुपये थे...
"यह कमाल है. इससे तो हम जो चाहें वो कर सकते हैं.." मेहुल ने खुश होके कहा
"कमाल यह नहीं.. कमाल यह होगा जब मुझे एक बॅंक के क्रेडिट डिपार्टमेंट से साथ मिलेगा और मैं अपना काम करूँगा.. और टाइम इसलिए लग रहा है क्यूँ कि पहले यह काम आप यूएस में करना चाहते थे.. फिर इंडिया में, यह देरी आपकी वजह से ही हुई है" भारत ने पहली बार अपनी आवाज़ उँची की
"अब मुझे नौकरी ढूँढनी है.. और आपकी वजह से मैने शालिनी के साथ भी धोखा किया है" भारत ने झल्ला के कहा
"मेरी वजह से नही.. निधि की वजह से.. तुम भूल रहे हो.. यह काम होने पर निधि का हाथ तुम्हे मिलेगा.. " मेहुल ने पलट के जवाब दिया
"खैर.. अब आगे क्या करोगे.. किसी बॅंक में बात चल रही है तुम्हारी.. और इस काम के लिए तुम्हे कितने लोगों की ज़रूरत होगी" मेहुल ने मुद्दे की बात पे आके कहा
"कम से कम 7 लोग... उसमे से एक सॉफ्टवेर इंजिनियर.. 5 वो लोग जो एटीएम से पैसे निकालेंगे.. और एक वो जो बॅंक में रहके हमें कुछ डीटेल्स देगा.. और हमारे कहने पे हमारे चुराए हुए डेबिट कार्ड्स की विड्रोल लिमिट बढ़ा देगा सिर्फ़ एक घंटे के लिए" भारत ने सॉफ बताया अपना प्लान मेहुल को
"तो अब तक क्यूँ रुके हुए हो.. तुम शालिनी की बॅंक में क्यूँ ट्राइ नही करते.. और शालिनी को ही इस्तेमाल करो.. वैसे भी तुम्हारे लिए निधि से ज़्यादा कोई लड़की महत्व की नहीं होनी चाहिए" मेहुल ने अपनी सिगरेट जलाते हुए कहा
"दोस्ती नहीं तोड़ सकता मैं किसी के साथ.. और रही निधि की बात, वो निधि और मेरा प्राइवेट मॅटर है.. उसमे आप को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए" भारत ने पलट वार किया
"ठीक है.. मुझे बस नतीजा चाहिए.. मर्ज़ी तुम्हारी, आदमी तुम्हारे.. लेकिन याद रहे, इसमे अगर तुम पकड़े गये.. तो हम एक दूसरे को नहीं जानते.. और अगर कामयाब हुए.. " .मेहुल को भारत ने टोक दिया
"कामयाब या ना कामयाब.. यह काम ख़तम, निधि मेरी होगी.. उसके बाद आप अपने रास्ते और निधि और मैं, मेरे रास्ते.." कहके भारत वहाँ से निकल गया. वहाँ से निकल के भारत ने शालिनी से फोन पे बात की और उससे मिलने का टाइम लिया शालिनी के देल्ही से लौटने के बाद ही. भारत फिर शॅरन के होटेल में पहुँचा जहाँ शॅरन ब्रेकफास्ट ले रही थी.
"गुड यू आर हियर.. जाय्न मी फॉर ब्रेकफास्ट.." शॅरन ने भारत को देख के कहा
"शॅरन.. आइ नीड दा रेकमेंडेशन लेटर विच यू रिसीव्ड फ्रॉम माइ कॉलेज.. आंड ओरिजिनल्स प्लीज़.. कॉपी वोंट हेल्प मी" भारत ने खड़े खड़े ही जवाब दिया. उससे कहीं पहुँचने की जल्दी थी..
"आइडियली आइ शुड नोट हॅंडोवर दा सेम, बट सिन्स यू हॅव बीन वेरी स्पेशल ऐज आ पर्सन फॉर मी.. हियर इट इज.. यू कॅन यूज़ दिस लेटर टू गेट सम न्यू जॉब" शॅरन ने भारत को लेटर पकड़ाते हुए कहा. लेटर लेके भारत वहाँ से कॅंपस हॉस्टिल की तरफ निकला .. हॉस्टिल में पहुँच के भारत नहा के फ्रेश हुआ और भार्गव से मिलने पहुँचा.. भारत अपने साथ लॅपटॉप और टॅबलेट लेके भार्गव के पास पहुँचा.. भार्गव से मिलके भारत ने उसे उसकी क्लिप्पिंग दिखाई और डेलीट करने का वादा किया लेकिन इस शर्त पे कि भार्गव उसकी मदद करेगा आइसीआइसीआइ बॅंक नौकरी दिलवाने में. यह करने में भार्गव को देर ना लगी क्यूँ कि श्रीवास्तव उसी का बंदा था और भार्गव ने उसे फोन करके सब फिक्स कर लिया. शालिनी के साथ रहकर भारत अपने प्लान को अंजाम देने का सोच रहा था. अब भारत को बस यह करना था कि किसी भी तरह श्रीवास्तव को पटा के इंप्रेस करना था ताकि हाइयर स्केल की पोज़िशन मिले और प्रीति को वो आइटी डिपार्टमेंट में ला सके. भारत ने भार्गव और शालिनी का म्म स डेलीट करके अपने रूम में जाके अपने समान को पॅक किया और मुंबई के लिए रवाना हो गया. शाम को आइसीआइसीआइ का इंटरव्यू था और आज उसको मोम डॅड से मिलना भी था.. रास्ते में भारत ने अपने डॅड को फोन किया शाम का प्रोग्राम सेट करने के लिए..
"हाई डॅड. आप कब पहुँचेंगे.." भारत ने गाड़ी चलाते हुए कहा
"सन.. वो सब छोड़ो लो मोम से बात करो.. शी हॅज़ सम न्यूज़ फॉर यू.." कहके राकेश ने सीमी को फोन पकड़ाया. सीमी ने फोन पे भारत को जो बात कही उससे भारत को ज़िंदगी का सबसे बड़ा झटका लगा..
"मोम.. यू मस्ट बी किडिंग.. हाउ कॅन यू डू दिस टू मी हाँ" भारत ने ज़िंदगी में पहली बार सीमी से चिल्लाके बात की थी
"मोम मेरी शादी करवाना चाहती है.. अब मैं क्या करूँ.. आंड उन्हे मना नही कर सकता मैं यार... और उपर से उन्हे निधि के बारे में पता तो है, बट आधा.. आइ मीन, उन्हे पूरी बात मैं बता भी नहीं सकता..." भारत ने सामने बैठी प्रीति से कहा
"तो उनको बता दो निधि के बारे में.. और वो लोग तुम्हारी शादी करवा देंगे" प्रीति ने सिगरेट के धुएँ को अपने होंठों से निकालते हुए भारत को कहा
"इतना आसान नहीं है यह.. " भारत ने उसके हाथ से सिगरेट लेते हुए कहा
"क्यूँ... मुझे बताओ, शायद मैं तुम्हारी मदद कर सकूँ" प्रीति ने जवाब दिया... प्रीति का जवाब सुनके कुछ देर भारत खामोश रहा, फिर उसने प्रीति से कहा
"प्रीति.. तुम तो जानती हो मैं निधि से कैसे मिला... जब से मैं सेल्स के जॉब में लगा, उस दिन से निधि के साथ लव अट फर्स्ट साइट हुआ था.. निधि जैसी लड़की मैने कभी नही देखी थी... मेरी पहली जॉब और मैं काफ़ी खुश था.. रोज़ निधि को देखना, किसी बहाने उससे बात करना.. मुझे बहुत अच्छा लगता था.. ऐसा एक दिन नहीं था जब मैं उसे ना देखता, अगर वो किसी कारण ऑफीस ना आती, तो चुपके उसके घर के वहाँ जाके उसे देख लिया करता.. एक दिन निधि को यह पता चल गया.." भारत ने इतना ही कहा के प्रीति ने उसे टोक दिया