Antarvasna kahani माया की कामुकता - Page 8 - SexBaba
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Antarvasna kahani माया की कामुकता

"भारत.. व्हाट यू आर सेयिंग ईज़ एक्सट्रीम्ली डिफिकल्ट... आइ हॅव लॉट थिंग्स टू टेक केर ऑफ. आइ जस्ट कॅंट लीव यूएस आंड कम हियर.. वॉटेवर यू आर ट्राइयिंग टू डू ईज़ इल्लीगल एनिवेर इन वर्ल्ड.. आइ आम नोट ट्राइयिंग टू स्टॉप यू आंड दट'स व्हाट आइ कॅन डू फॉर यू." शॅरन ने अपनी सीधी आवाज़ में कहा.. भारत ने कुछ जवाब नही दिया. वो बस सिगरेट का धुआँ हवा में उड़ाए जा रहा था... करीब 10 मिनट में शॅरन वहाँ से उठके फ्रेश होने चली गयी, जाते जाते उसने भारत से कहा


"आइ हॅव आ फ्लाइट टू कॅच इन लेट ईव्निंग. इफ़ यू एक्सेक्यूट युवर क्राइम सक्सेस्फुली विदाउट गेटिंग कॉट, यू कॅन ऑल्वेज़ सी मे इन ईडिया.. टेक केर"


शॅरन के जाते ही भारत के फोन पे मेसेज आया


"नीड टू मीट इन 5 मिन्स"


मसेज पढ़ते ही भारत वहाँ से उठा और निकल गया अपनी रिपोर्ट देने.. 10 मिनट में भारत एक बिल्डिंग के नीचे पहुँचा.. बिल्डिंग थोड़ी पुरानी थी लेकिन काफ़ी बड़ी थी.. लिफ्ट में 5थ फ्लोर का बटन दबाते ही भारत का दिल तेज़ी से धड़कने लगा.. 5थ फ्लोर पे पहुँचते ही भारत धीरे धीरे सामने वाले फ्लॅट की ओर बढ़ने लगा.. दरवाज़ा खुला था , अंदर काफ़ी अंधेरा था.. ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वहाँ कोई रहता भी होगा


"अंधेरे में क्यूँ बैठे हो.. लाइट का बिल नहीं भरा क्या.." भारत ने मज़किया अंदाज़ में कहा


"क्या करूँ.. तुमसे तो एक काम हो नहीं रहा.. अगर यह काम नहीं हुआ तो लाइट क्या, अंधेरे में भी नहीं रह पाउन्गा मैं" सामने वोही आवाज़ आई.


"कोई बात नही है.. मुझे अंधेरे की आदत नहीं है.. " कहके भारत ने लाइट्स ऑन कर दी और कमरे के बीचो बीच बैठा था वो शख्स जो भारत से अपना कुछ काम करवा रहा था..


"मिस्टर मेहुल.. मेरा काम चालू है.. यह काम इतनी आसानी से नहीं होते.. इन सब में वक़्त और दिमाग़ लगता है, सो जस्ट चिल ओके.... आंड वैसे भी, आपसे ज़्यादा मुझे जल्दी है इस काम को निपटने की" भारत उसके सामने चेर लेके बैठा. मेहुल और कोई नहीं, पर वो आदमी था जिसने भारत को कुछ साल पहले सेल्स की जॉब दी थी.. और वो निधि का अंकल था


"भारत.. तुम अब मुझे निराश कर रहे हो, 2 साल हो गये पर तुम कुछ ऐसे बंदे नही ढूँढ पाए जो यह काम कर सके.. " मेहुल ने गुस्से में कहा


"चिल.. सबसे ज़्यादा मुझे जिसकी ज़रूरत है वो तो आपने मुझसे दूर ही रखी है" भारत ने निधि की तरफ इशारा करके कहा


"निधि को मैं इसका हिस्सा नही बना सकता समझे तुम. और अगर यह काम नही हुआ तो निधि को भूल जाओ तुम.." मेहुल ने अपनी जगह से उठ के कहा. मेहुल का गुस्सा, और निधि को भूलने की बात से भारत थोड़ा कमज़ोर पड़ गया. उसने पलट के कोई जवाब नही दिया..


"देश का सबसे बड़ा एटीएम कांड करना है.. और अब तक मुझे क्या मिला है.. कुछ भी नहीं.. कैसे होगा मुझे तुम समझाओ अब.. मुझसे और ज़्यादा इंतेज़ार नहीं हो रहा भारत.. मैं तुम्हे काफ़ी वक़्त दे चुका हूँ.. क्या तुम मुझे समझाओगे के यह सब कैसे होगा" मेहुल ने भारत के इर्द गिर्द रहते हुए कहा


"यह है आपका जवाब.." भारत ने मेहुल के सामने एक मशीन रख के कहा


"यह क्या है... और मुझे समझाओ एटीएम कांड क्यूँ रखा इसका नाम.. पैसा चाहिए, तो एटीएम कांड. क्या मज़ाक है" मेहुल ने वो मशीन को हाथ में लेते हुए कहा..


"इस मशीन से आप जितना पैसा चाहें उतना पैसा बना सकते हैं.. यह मॅग्नेटिक स्ट्रीप स्किम्मर है. डेबिट कार्ड के पीछे लगे मॅग्नेटिक स्ट्रीप में एक यूनीक कोड होता है जिसे सिर्फ़ यह मशीन ही रेड कर सकती है. वो डिजिटल कोड मैं किसी भी मॅग्नेटिक स्ट्रीप पे कॉपी कर सकता हूँ और उससे पैसे विड्रो कर सकता हूँ. देखिए" कहके भारत ने अपने वॉलेट से एक शॉपिंग कार्ड निकाला


"आप जानते हैं यह क्या है" भारत ने ब्लू कार्ड दिखाते हुए कहा


"शॉपिंग करके यह कार्ड मिलता है और उससे कुछ डिसकाउंट मिलेगा" मेहुल ने उससे वो कार्ड लेते हुए कहा और टेबल पे फेंक के कहा


"यह मेरा डेबिट कार्ड है मिस्टर मेहुल.. इसमे 6 लाख बॅलेन्स पड़ा है" भारत ने वो कार्ड लेते हुए कहा. मेहुल की शकल देख भारत ने उससे कहा


"मेरा पिन है 432526.. आप जाइए और नीचे वाले एटीएम से विड्रो करके देखिए पैसे.." भारत ने गंभीरता से कहा. भारत की इस गंभीरता को देख मेहुल ने वो कार्ड उठाया और नीचे वाले एटीएम में बढ़ गया. 5 मिनट में मेहुल वापस उस कमरे में आया और उसके हाथ में 1 लाख रुपये थे... 


"यह कमाल है. इससे तो हम जो चाहें वो कर सकते हैं.." मेहुल ने खुश होके कहा


"कमाल यह नहीं.. कमाल यह होगा जब मुझे एक बॅंक के क्रेडिट डिपार्टमेंट से साथ मिलेगा और मैं अपना काम करूँगा.. और टाइम इसलिए लग रहा है क्यूँ कि पहले यह काम आप यूएस में करना चाहते थे.. फिर इंडिया में, यह देरी आपकी वजह से ही हुई है" भारत ने पहली बार अपनी आवाज़ उँची की


"अब मुझे नौकरी ढूँढनी है.. और आपकी वजह से मैने शालिनी के साथ भी धोखा किया है" भारत ने झल्ला के कहा


"मेरी वजह से नही.. निधि की वजह से.. तुम भूल रहे हो.. यह काम होने पर निधि का हाथ तुम्हे मिलेगा.. " मेहुल ने पलट के जवाब दिया


"खैर.. अब आगे क्या करोगे.. किसी बॅंक में बात चल रही है तुम्हारी.. और इस काम के लिए तुम्हे कितने लोगों की ज़रूरत होगी" मेहुल ने मुद्दे की बात पे आके कहा


"कम से कम 7 लोग... उसमे से एक सॉफ्टवेर इंजिनियर.. 5 वो लोग जो एटीएम से पैसे निकालेंगे.. और एक वो जो बॅंक में रहके हमें कुछ डीटेल्स देगा.. और हमारे कहने पे हमारे चुराए हुए डेबिट कार्ड्स की विड्रोल लिमिट बढ़ा देगा सिर्फ़ एक घंटे के लिए" भारत ने सॉफ बताया अपना प्लान मेहुल को


"तो अब तक क्यूँ रुके हुए हो.. तुम शालिनी की बॅंक में क्यूँ ट्राइ नही करते.. और शालिनी को ही इस्तेमाल करो.. वैसे भी तुम्हारे लिए निधि से ज़्यादा कोई लड़की महत्व की नहीं होनी चाहिए" मेहुल ने अपनी सिगरेट जलाते हुए कहा


"दोस्ती नहीं तोड़ सकता मैं किसी के साथ.. और रही निधि की बात, वो निधि और मेरा प्राइवेट मॅटर है.. उसमे आप को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए" भारत ने पलट वार किया


"ठीक है.. मुझे बस नतीजा चाहिए.. मर्ज़ी तुम्हारी, आदमी तुम्हारे.. लेकिन याद रहे, इसमे अगर तुम पकड़े गये.. तो हम एक दूसरे को नहीं जानते.. और अगर कामयाब हुए.. " .मेहुल को भारत ने टोक दिया 


"कामयाब या ना कामयाब.. यह काम ख़तम, निधि मेरी होगी.. उसके बाद आप अपने रास्ते और निधि और मैं, मेरे रास्ते.." कहके भारत वहाँ से निकल गया. वहाँ से निकल के भारत ने शालिनी से फोन पे बात की और उससे मिलने का टाइम लिया शालिनी के देल्ही से लौटने के बाद ही. भारत फिर शॅरन के होटेल में पहुँचा जहाँ शॅरन ब्रेकफास्ट ले रही थी.


"गुड यू आर हियर.. जाय्न मी फॉर ब्रेकफास्ट.." शॅरन ने भारत को देख के कहा


"शॅरन.. आइ नीड दा रेकमेंडेशन लेटर विच यू रिसीव्ड फ्रॉम माइ कॉलेज.. आंड ओरिजिनल्स प्लीज़.. कॉपी वोंट हेल्प मी" भारत ने खड़े खड़े ही जवाब दिया. उससे कहीं पहुँचने की जल्दी थी..


"आइडियली आइ शुड नोट हॅंडोवर दा सेम, बट सिन्स यू हॅव बीन वेरी स्पेशल ऐज आ पर्सन फॉर मी.. हियर इट इज.. यू कॅन यूज़ दिस लेटर टू गेट सम न्यू जॉब" शॅरन ने भारत को लेटर पकड़ाते हुए कहा. लेटर लेके भारत वहाँ से कॅंपस हॉस्टिल की तरफ निकला .. हॉस्टिल में पहुँच के भारत नहा के फ्रेश हुआ और भार्गव से मिलने पहुँचा.. भारत अपने साथ लॅपटॉप और टॅबलेट लेके भार्गव के पास पहुँचा.. भार्गव से मिलके भारत ने उसे उसकी क्लिप्पिंग दिखाई और डेलीट करने का वादा किया लेकिन इस शर्त पे कि भार्गव उसकी मदद करेगा आइसीआइसीआइ बॅंक नौकरी दिलवाने में. यह करने में भार्गव को देर ना लगी क्यूँ कि श्रीवास्तव उसी का बंदा था और भार्गव ने उसे फोन करके सब फिक्स कर लिया. शालिनी के साथ रहकर भारत अपने प्लान को अंजाम देने का सोच रहा था. अब भारत को बस यह करना था कि किसी भी तरह श्रीवास्तव को पटा के इंप्रेस करना था ताकि हाइयर स्केल की पोज़िशन मिले और प्रीति को वो आइटी डिपार्टमेंट में ला सके. भारत ने भार्गव और शालिनी का म्म स डेलीट करके अपने रूम में जाके अपने समान को पॅक किया और मुंबई के लिए रवाना हो गया. शाम को आइसीआइसीआइ का इंटरव्यू था और आज उसको मोम डॅड से मिलना भी था.. रास्ते में भारत ने अपने डॅड को फोन किया शाम का प्रोग्राम सेट करने के लिए..


"हाई डॅड. आप कब पहुँचेंगे.." भारत ने गाड़ी चलाते हुए कहा


"सन.. वो सब छोड़ो लो मोम से बात करो.. शी हॅज़ सम न्यूज़ फॉर यू.." कहके राकेश ने सीमी को फोन पकड़ाया. सीमी ने फोन पे भारत को जो बात कही उससे भारत को ज़िंदगी का सबसे बड़ा झटका लगा.. 


"मोम.. यू मस्ट बी किडिंग.. हाउ कॅन यू डू दिस टू मी हाँ" भारत ने ज़िंदगी में पहली बार सीमी से चिल्लाके बात की थी

"मोम मेरी शादी करवाना चाहती है.. अब मैं क्या करूँ.. आंड उन्हे मना नही कर सकता मैं यार... और उपर से उन्हे निधि के बारे में पता तो है, बट आधा.. आइ मीन, उन्हे पूरी बात मैं बता भी नहीं सकता..." भारत ने सामने बैठी प्रीति से कहा


"तो उनको बता दो निधि के बारे में.. और वो लोग तुम्हारी शादी करवा देंगे" प्रीति ने सिगरेट के धुएँ को अपने होंठों से निकालते हुए भारत को कहा


"इतना आसान नहीं है यह.. " भारत ने उसके हाथ से सिगरेट लेते हुए कहा


"क्यूँ... मुझे बताओ, शायद मैं तुम्हारी मदद कर सकूँ" प्रीति ने जवाब दिया... प्रीति का जवाब सुनके कुछ देर भारत खामोश रहा, फिर उसने प्रीति से कहा


"प्रीति.. तुम तो जानती हो मैं निधि से कैसे मिला... जब से मैं सेल्स के जॉब में लगा, उस दिन से निधि के साथ लव अट फर्स्ट साइट हुआ था.. निधि जैसी लड़की मैने कभी नही देखी थी... मेरी पहली जॉब और मैं काफ़ी खुश था.. रोज़ निधि को देखना, किसी बहाने उससे बात करना.. मुझे बहुत अच्छा लगता था.. ऐसा एक दिन नहीं था जब मैं उसे ना देखता, अगर वो किसी कारण ऑफीस ना आती, तो चुपके उसके घर के वहाँ जाके उसे देख लिया करता.. एक दिन निधि को यह पता चल गया.." भारत ने इतना ही कहा के प्रीति ने उसे टोक दिया
 
"हां भाई जानती हूँ यह..लेकिन आपकी डाइयरी में बस इतना लिखा है लेकिन निधि और आपका अफेर ख़तम हुआ, लेकिन क्यूँ हुआ वो बताओ" 


"हमारी कॅस्ट अलग है.. जिस दिन निधि के माँ बाप को यह पता चला तो उन्होने निधि पे तो पाबंदियाँ लगा दी, साथ ही मुझे भी धमकी भरे फोन आने लगे.. लेकिन एक दिन मेहुल , याने निधि के अंकल ने मुझे बुलाया.. मुझे लगा कि शायद इसी मामले में मुझे कुछ कहेंगे.. जैसे ही मैं उनके ऑफीस पहुँचा..


"आओ भारत.. वेलकम माइ स्टार परफॉर्मर.." मेहुल ने मुझे अंदर बुलाते हुए कहा


"सर.. गुड ईव्निंग.. हाउ आर यू" मैने कंट्रोल में रहके कहा


"भारत.. तुम्हारा पर्फॉर्मेन्स शीट है मेरे पास.. लास्ट मंत का टारगेट था 3 करोड़ की म्यूचुयल फंड इनवेस्टमेंट, पर तुम 6 करोड़ का बिज़्नेस लाए हो.. वेल डन " मेहुल ने अपनी चेर से खड़े होके कहा


"सर.. मैं आपसे कुछ बोलने आया हूँ... मैं निधि से प्यार करता हूँ, और उससे शादी करना चाहता हूँ... आइ प्रॉमिस यू मैं उसका बहुत ख़याल रखूँगा, और उसे कोई दुख नही पहुन्चाउन्गा" मैने अपनी धीमी आवाज़ में कहा


"भारत.. हम शुद्ध जैन हैं, तुम्हारी शादी निधि के साथ नही हो सकती.. लेकिन एक चीज़ मेरी करो तो मैं शायद तुम्हारी मदद कर सकूँ" मेहुल ने सीधा पॉइंट पे आके जवाब दिया


"क्या सर.. निधि के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ" मैने भी जोश में आके कहा


"पिछले महीने मैने स्टॉक मार्केट में कुछ डर्राइवेटिव कांट्रॅक्ट में ट्रेड किया था.. मुझे उसमे काफ़ी भारी नुकसान हुआ है.. नुकसान इतना बड़ा है कि पैसा नहीं भरने पर सेबी मेरी डीलरशिप तक कॅन्सल कर सकती है.. मैं चाहता हूँ तुम मेरी मदद करो उस नुकसान की भरपाई में.. निधि तुम्हारी आइ प्रॉमिस" मेहुल ने अपनी सिगरेट जलाते हुए कहा


"कितना नुकसान है सर.. " मैने उसकी आँखों में देख कहा


"15 करोड़.. बोलो, मेरी मदद कर पाओगे.." मेहुल ने ऐसे कहा जैसे वो नुकसान मेरी वजह से हुआ हो.. मैने कुछ सोच के कहा


"इसमे क्या मदद कर पाउन्गा मैं सर.. ज़्यादा से ज़्यादा हम इनवेस्ट करके पैसा बना सकते हैं, पर उसके लिए भी पैसा चाहिए जो है नहीं.. " मैने मेहुल से कहा


"ठीक है भारत.. तुम जाओ, निधि का हाथ मैं किसी ऐसे वैसे के हाथ में क्यूँ दूं.. यह रास्ता तो मुझे कई और लोग बता चुके हैं.. तुम अलग बताओ कुछ तो मैं जानूं कि तुम निधि से कितना प्यार करते हो..."


"सर.. 2 दिन में मैं आपके पास आउन्गा, लेकिन जो भी हो, आपको पैसे 15 दिन में कोई नही दिला पाएगा.. हां फिलहाल पैसा मार्केट से उठाइए, सेबी में डेपॉज़िट कीजिए, और जितना ऐसा आप मार्केट से उठाओगे, उसका दो गुना.. यानी 30 करोड़ हम 2 साल में निकालेंगे.. और तब तक अगर निधि किसी और की हुई, तो आप आपके ज़िमेद्दर खुद होंगे.. बाय"


"तो अब जो स्कॅम तू करने का सोच रहा है ना ब्रदर.. वो ईज़ी नही है.. अगर पकड़े गये तो सोच ले ज़िंदगी के ताले लग जाएँगे.. और तूने क्या सोचा है.. इसमे किस किस को शामिल करेगा" प्रीति ने भारत से कहा 


“क्यूँ कि तू घर की है, तो तुझे इन्वॉल्व नहीं करूँगा तो तू बुरा मान सकती है.. इसके अलावा एक बंदा जो बॅंक के क्रेडिट डिपार्टमेंट में हो, एक बंदा ऑपरेशन्स का, क्यूँ कि वो क्लाइंट्स के टच में भी रहता है.. यह स्कॅम करने के लिए मुझे डेबिट कार्ड्स चाहिए होंगे 15 मिनिट्स के लिए.. और ऐसे कार्ड्स जिनके बॅंक बॅलेन्स में काफ़ी ज़्यादा रकम हो.. अगर वो ब्लॅक मनी हो तो ज़्यादा अच्छा, क्यूँ कि पैसा चोरी होने पे कोई कंप्लेंट नहीं होगी… और जीतने डेबिट कार्ड्स , उतने ही आदमी.. हू आदमी अलग अलग शहर में अलग अलग एटीएम से चोरी करेंगे..”


"तू पागल हो गया है, आंड आइ डोंट बिलीव कि मैं तेरा साथ दे रही हूँ इसमे यार... एनीवेस, अभी मोम को क्या कहेगा.. आंड कितनी देर में मिलना है मोम से.." प्रीति ने अपने और भारत के लिए ड्रिंक बनाते हुए कहा


"अभी टाइम है थोड़ा... पर मैं कहूँ क्या उन्हे, मुझे समझ नहीं आ रहा यार..." भारत ने परेशानी भरे अंदाज़ में कहा


"रिलॅक्स भाई.. जस्ट गो विद दा फ्लो... चिंता ना कर मेरे स्वीटहार्ट.. ले ड्रिंक ले, दिमाग़ तेज़ चलेगा" प्रीति ने ग्लास आगे बढ़ा के कहा


"नो ड्रिंक.. प्लीज़" भारत ने जैसे ही अपनी नज़र फेरते हुए कहा, प्रीति अपनी जगह से उठी और जाके भारत की गोद में बैठ गयी.. भारत और प्रीति की नज़रें आपस में मिली.. प्रीति ने उस वक़्त एक लूस शर्ट पहनी हुई थी.. 





"डोंट वरी बेबी.. माइ सेक्सी भाई, मैं हूँ ना, चिंता नही कर, मैं ख़याल रखूँगी कि तुझे निधि मिले.. पर उसके आने के बाद तू मुझे भूल गया तो, मैं क्या करूँगी फिर हाँ" प्रीति ने अपने बालों में उंगली फेरते हुए कहा... कुछ देर तक भारत और प्रीति एक दूसरे को आँख में आँख मिला के देखते रहे.. अचानक, दोनो जन्गलियो की तरह एक दूसरे के होंठों पे टूट पड़े.. दोनो एक दूसरे के होंठों को ऐसे चूस रहे थे, जैसे बरसों से प्यासे हो.. भारत को विश्वास नहीं हो रहा था कि वो अपनी बहेन के पीछे इतना पागल होता जा रहा है.. होंठ चूमते चूमते भारत ने प्रीति के कसे हुए चुचों को हाथ में पकड़ा और उन्हे धीरे धीरे दबाने लगा.. प्रीति जैसे मस्ती में आ गयी, और भारत का हाथ महसूस करते ही सिसक पड़ी..


"उम्म्म्माहाहहाहहहः ओारगरह.. यआःहहा "


प्रीति से अब रहा नहीं गया.. उसने तुरंत अपने होंठ आज़ाद किए और भारत की जीन्स खोलने लगी.. भारत का जीन्स खुलते ही प्रीति ने उसके हुंकार मारते हुए लंड को मूह में लिया और उसे किसी लॉलीपोप की तरह चूसने लगी
 
जैसे ही प्रीति ने भारत के लंड को मूह में लिया, प्रीति को उसकी गर्मी महसूस हुई.. प्रीति जान गयी थी आज वो बुरी तरह चुदने वाली थी, और यही तो वो चाहती थी.. लंड चूस्ते चूस्ते प्रीति भारत के टट्टों को भी सहलाने लगी.. भारत ने मस्ती में आके अपनी शर्ट भी निकाली, और अब वो पूरी तरह नंगा हो चुका था.. जैसे ही प्रीति ने यह देखा, उसने भारत को अपनी आँखों से इशारा किया, और एक सेकेंड में उसका टॉप भी उतार चुका था... प्रीति के चुचे अब उसकी लंड चुसाइ के हिसाब से हवा में झूल रहे थे


"उम्म्म्मम अहहहहहहहाः यआः मेरी बहना अहहहहहा और चूस अहहहहहः यआःहहाहा"


"अहहहाहा चूस रही हूँ ना भैया अहहहामम्म्मम ... आहाहहाः गन गन न अहहहहः गुणन्ञणन् ओउउओओोउम्न्णन"



"ओह यआःा आहहहाआ.. कितना बड़ा लंड है तेरा मेरे भाई अहाहाहा... इतने लंड लिए आज तक, इतना बड़ा लंड नहीं देखा अहहहहा.. आप तो असली मर्द हो अहहहहहौमम्म्म .. और दो ना अहहहहहा... माउथ फक मी ना मेरे भाई अहहहहाहः " 


"यह ले अहहहहा मेरी बहना अहहहहः मादर्चोद साली.. रांड़ की औलाद अहहहहहहहाः यआः टेक इट मोर अहहहः" कहके भारत प्रीति के मूह को चोदने लगा.. पहले लग रहे धीरे धक्के, अब तेज़ हो चुके थे.. भारत अपना मुस्सल प्रीति की हलक के नीचे उतरना चाहता था.. प्रीति चोक करने लगी, वो साँस तक नहीं ले पा रही थी... लेकिन फिर भी वो लंड को मूह से बाहर नहीं निकल रही थी.. करीब 10 मिनट तक प्रीति के मूह को चोदने के बाद, भारत ने प्रीति को गोद में उठाया और उसे अपने बेड पे ले गया. रास्ते पे प्रीति को पूरा नंगा कर दिया. भारत रुक नहीं पा रहा था उसकी चूत को चोदने के लिए.. अपने रूम में जाते ही भारत ने प्रीति को बेड पे पटका


"अभी तुम मेहनत करोगी.. मैं बहुत थका हुआ हूँ समझी.." कहके भारत बेड पे लेट गया, उसका लंड जैसे कोई तो किसी को सलामी दे रही हो... प्रीति ने देर ना करते हुए उसके लंड को थोड़ा गीला किया फिर से, और अपनी चूत को उसके लंड के उपर सेट किया... इस बार प्रीति ने अपनी गान्ड भारत के मूह के सामने की हुई थी, क्यूँ कि वो आज अपनी गान्ड पे थप्पड़ ख़ाके चुदना चाहती थी.. जैसे ही प्रीति ने अपनी चूत को थोड़ा सा नीचे किया, भारत का गरम लोहे जैसा लंड अंदर घुसता चला गया.. इसका आलम यह हुआ कि प्रीति की चूत ने उसी वक़्त रस छोड़ दिया और भारत के लंड को और ज़्यादा गीला कर दिया.. 


"अभी तो चूसी भी नहीं है साली रांड़ कहीं की.. और अभी पानी चूत गया तेरा" कहके भारत ने प्रीति की गान्ड पे कस्के एक थप्पड़ मारा, 


"आहहहहः.. धीरे ना मेरे भाई उम्म्म... यह ले ना मेरी छूट को अहहहहहाहा" कहके प्रीति ने एक ही झटके में भारत के लंड को अपनी छूट में ले लिया... धीरे धीरे करके भारत ने अपने झटके चालू किए, और कुछ ही सेकेंड्स में लंड अंदर बाहर होने लगा... 


"अहहहहहाः धीरे अहहहहहहा मैं मर रही हूँ अहहहहा भाई.. यआहहा अहहहहहहहा फक मी हार्डर अहहहहहा" प्रीति चिल्लाने लगी.. प्रीति का जोश देख भारत भी किसी मशीन की तरह अपना लंड अंदर बाहर करने लगा






"अहाहहाहः मेरी बहेन अहहहः.. तू ही मुझसे शादी कर ले ना अहहहहा... रंडी की तरह चुदवाती है अहाहहा येस्स अहहहहहहाहा" भारत ने अपने लंड को सेट करते हुए कहा.. 


"आहहहहाः भाई आहाहाहा.. निधि को पत्नी बनाएगा, मुझे रखेल बनाएगा क्या अहहहहहा यआःाहहहहाहा ओह्ह्ह यआःहहहहह" कहके प्रीति भी तेज़ी से उपर नीचे होने लगी..



"आःअहहाह यआःहहहहा उम्म्म ओह. ठप्प्प ठप्प्प्प्प फ़चह फ़चह अहहहाहा ओह यॅ आफूक्क मी हार्डर ना आहहहहहा और ज़ोर से भैया अहहहाहा.. यह ले ना मेरी बहना अहहाहा. मेरी रखैल ही है तू अहहहहहहहः" पूरे रूम में यह आवाज़ें घुन्जने लगी.. करीब 10 मिनट की चुदाई में प्रीति एक बार फिर झाड़ गयी.. 


"बेड पे ही चोदेगा क्या मेरे भाई.. कुछ नया करना है आज अहहहहहहाहा" प्रीति ने भारत से कहा


"उहहोमम्म्मममम अहहहहहा.. तू रांड़ है, तू बता ऐसे चोदुन्गा मेरी कुतिया साली अहहहहहहा " भारत ने झटके मारना चालू रखा. भारत का यह जवाब सुनके प्रीति ने अपनी चूत को भारत के मुस्सल से आज़ाद किया और उसके हाथ पकड़ के बाहर लिविंग रूम में लाई. लिविंग रूम में भारत को एक बड़ी कुर्सी पे बैठने को कहा.. जैसे ही भारत उस कुर्सी पे बैठा, प्रीति ने उसके पैरो को थोड़ा लंबा किया, उसके हाथ कुर्सी के पीछे ले गयी, और खुद जाके उसके पैरों के इर्द गिर्द बैठ गयी.. भारत का लंड अभी तक उतना ही कड़क था, प्रीति ने अपने हाथों को कुशान्स का आर्म रेस्ट का सहारा दिया और चूत सेट करने लगी उसके लंड पे... 


"तू तो पक्की रांड़ है.. पॉर्न फिल्म में काम करती है क्या मेरी रखैल बहेन अहहहहः मज़ा देती है अहहहहहा, क्या पोज़िशन है..." कहके भारत ने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना चालू किया.. उनकी पोज़िशन कुछ ऐसी थी उस वक़्त





"अहहहाहा भैया अहहहहहा... और ज़ोर से चोदो ना अहहहहहा.. उम्म्म्म मैं तो पैदा ही चुदवाने के लिए हुई हूँ भैया अहहहहहा.. तुझे बेहेन्चोद बना दिया अहहहहहः मेरा जनम सफल हुआा आ आहहहहा..." कहके प्रीति धीरे धीरे अपनी चूत के दाने को भारत के लंड पे रगड़ रही थी....


"अहहहः उम्म्म... तुझे चुन के मैने कोई ग़लती नहीं की बहना अहहहहहहा... ओह.. आइ लव इन्सेस्ट अहहहहहम्म्म्म म.... यू माइ स्लट सिस अहहहः... और चुदवा ना मदर्चोद अहहहहा" भारत कहने लगा... इनकी चुदाई को 25 मिनिट हो चुके थे, भारत एक बार भी नहीं झाड़ा था, लेकिन प्रीति 3 बार झाड़ चुकी थी.. उसकी साँसें टूटने लगी थी अब
 
"अहहहहा भाई, मैं थक गयी हूँ अब अहहहाहा.." प्रीति ने भारत से कहा.. जैसे ही प्रीति ने भारत से यह कहा, भारत ने अपना लंड उसकी चूत से निकाला.. प्रीति को लगा के भारत ने उसकी बात मान ली, लेकिन अगले ही पल भारत ने उसका हाथ पकड़ा और उसे डाइनिंग टेबल के पास ले गया.. टेबल के पास ले जाके भारत ने उसे कुतिया की पोज़िशन में खड़ा किया, और बिना देर किए, एक ही झटके में उसकी चूत को पीछे से चोदने लगा



"आहहाहहहा हैवान हो क्या तुम अहहहहहाः. धीरे अहहहहहा ऑश अहाहाहा मर गयी मैयाँ अहहहहाअ.. दर्द हो रहा है भारत अहहाहहाहह्ा.. प्लीज़ धीरे अहहहहहा" प्रीति चिल्लाने लगी., लेकिन भारत उसे बिल्कुल छोड़ने के मूड में नहीं था...


"अहहहहः साली रांड़, इतनी जल्दी थक गयी कुतिया कहीं की.. मेरी रखैल बनना है तो कहीं भी कभी भी चुदवाना पड़ेगा, रास्ते पे या 4 लोगों के सामने, समझी साला मदरजात . अहहहहाहाहा यआःाहहः ओह" कहके भारत उसे चोदने लगा...


"अहहहा धीरे चोद ना साले रंडी की औलाद अहहहहहा, हां चोदना बीच बेज़ार में भी अहहहहहाहा और चोद ना अहहहहहाहा... यॅ फक मी हार्डर अहहहहा अहहहहहा... आइम कमिंग अगेन अहहहहहहः मैं गयी उउईइ माआ अहहहहहहः" कहके प्रीति एक बार फिर झाड़ गयी. इस बार भारत से भी रहा नहीं गया और उसने अपना सारा माल प्रीति के चूतदों पे छोड़ दिया






"उहह अहहहहा ओह्ह्ह्ह... गो आंड क्लीन युवरसेल्फ नाउ अहहहहहहा ..." कहके भारत वहाँ से अपने रूम में चला गया और फ्रेश होने लगा.. प्रीति भी बाथरूम में जाके फ्रेश होने लगी... करीब एक घंटे बाद दोनो जब लिविंग रूम में आए, इससे पहले के वो एक दूसरे से कुछ बोलते, डोरबेल की आवाज़ हुई.. 




"तुम यहाँ...." दरवाज़ा खुलते ही सामने खड़े शख्स ने प्रीति से कहा

"मोम... मुझे तो यहाँ भाई ने बुलाया था, पर आप यहाँ.. आइ मीन, " प्रीति को शब्द नहीं मिल रहे थे कुछ कहने के लिए, उसके सामने उसकी मोम खड़ी थी.. यानी, भारत की मौसी और सीमी की बहेन नताशा.. भारत ने रीना को पहले देखा तो हुआ था, पर उसे परवाह नहीं थी किसी को याद रखने की.. 


"अब अंदर भी आने दे. यह क्या बाहर ही खड़ा कर दिया है सवाल जवाब करने" रीना ने अंदर आते हुए कहा.. जैसे ही रीना अंदर आई, उसकी नज़रें भारत पे गयी


"अरे यह भी है.. कैसा है भारत.." रीना ने आगे आके कहा.. जैसे जैसे रीना आगे आ रही थी, भारत की नज़रें उसके पूरे बदन को स्कॅन करने लगी... उसे अब इन्सेस्ट में मज़ा आने लगा था, ख़ास करके हर उस शख्स से जो प्रीति के साथ जुड़ा हुआ था.. प्रीति हर आंगल से नताशा की बहेन लग रही थी.. नताशा ने खुद को काफ़ी अच्छा मेनटेन किया था.. हाइ क्लास घर से जुड़ी हुई थी तो उसकी ड्रेसिंग सेन्स भी ऐसी थी.. उस वक़्त उसने एक वाइट कलर का वन पीस पहना हुआ था जो उसके घुटनो तक भी नहीं आ रहा था.. उसकी हाइ हील्स, बॉय कट बाल, उसकी छाती एक दम सॉफ नज़र आ रही थी.. भारत उसे देखता ही रहा, जिसे प्रीति ने भाँप लिया
 
"क्या हाल है भाई.. मौसी को ऐसे देख रहा है जैसे कभी देखा नहीं हो.. कैसे हो" नताशा भारत के सामने बैठी


"नहीं, देखा तो है पर याद नहीं आ रहा.. एनीवेस, आप बहुत सुंदर हैं" भारत ने एक मुस्कान से कहा


जैसे ही प्रीति दरवाज़ा बंद कर रही थी, उसे सामने से सीमी और राकेश आते हुए दिखाई दिए..


"अरे प्रीति बेटे, व्हाट आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़...हाउ आर यू" सीमी ने अंदर आके कहा


"मोम भी आई है मासी.. वेलकम मासा जी, " कहके प्रीति ने दरवाज़ा बंद कर दिया.. कुछ देर तक नताशा से सीमी और राकेश ने बातें की फिर सीमी ने कहा


"अच्छा अब सुनो... नताशा तुम्हे जिस काम के लिए बुलाया है, वो बात यह है कि हम ने भारत के लिए एक लड़की देखी है.. वेरी स्वीट गर्ल, आंड वो इंजिनियर भी है..." सीमी ने भारत को देखते हुए कहा के शायद वो भी कुछ बोले, पर प्रीति ने इशारे से चुप रहने को कहा था..


"दीदी, वो सब ठीक है.. पर क्या करते हैं उसके पिता, क्या बिज़्नेस है.. यह सब भी तो बताओ, पैसे में कैसे हैं" नताशा ने अपना जूस का ग्लास लेते हुए कहा


"नही.. वो सब मॅटर नही करता, हमे लड़की चाहिए.. हां पैसे में वो हमारे जितने नहीं है. पर लड़की एक नज़र में भा गयी मुझे.. बहुत ही संस्कारी, और घर पे सब का ख़याल रखेगी मुझे यकीन है. उनका बिज़्नेस है ड्राइ फ्रूट्स का.. जितनी ज़रूरत है उनकी उसके हिसाब से कमाते हैं.. और वैसे भी हम उनकी लड़की इधर ला रहे हैं, हमारा लड़का उधर नहीं जा रहा जो हम उनके पैसे देखें.. " सीमी ने सबसे कहा, लेकिन अब तक भारत खामोश


"नाम क्या है लड़की का मासी.." प्रीति ने सीमी से पूछा


"दीपा नाम है... और वो आज शाम को ही भारत से मिलना चाहते हैं.." सीमी ने भारत को फिर देखा.. इस बार भारत ने जवाब दिया


"मोम, वो सब ठीक है.. आज शाम को मेरा इंटरव्यू है और शालिनी से मिलना है.. तो आज शाम को नहीं मिल पाउन्गा मैं. इनफॅक्ट मैं अभी निकल रहा हूँ इंटरव्यू के लिए.. विश मी लक" कहके भारत वहाँ से उठा और सीमी के गालों को चूम के वहाँ से निकल गया.. तैयार होके भारत जाते जाते एक बार फिर नताशा को अपनी आँखों से स्कॅन करने लगा, जिसे नताशा और प्रीति दोनो ने छुपी हुई नज़रों से देखा.. करीब एक घंटे में भारत इंटरव्यू के लिए वहाँ पहुँचा जहाँ उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था.. बांद्रा कुर्ला कॉंप्लेक्स में लॅविश ऑफीस, देश की नंबर वन प्राइवेट बॅंक.. भारत ने बिल्डिंग को करीब 10 सेकेंड देखा और खुद से कहा



"एक दिन मैं धुएँ की तरह गायब हो जाउन्गा और तुम कुछ नहीं कर पाओगे". बिल्डिंग के अंदर जाते ही भारत श्रीवास्तव से मिला


"सर.. भारत हियर, वी हॅड आ मीटिंग टुडे" भारत ने श्रीवास्तव से हाथ मिलते कहा


"ओफ़कौर्स यंग मॅन.. कम इन माइ कॅबिन" कहके भारत श्रीवास्तव के पीछे चलने लगा


"शो मी युवर फाइल प्लीज़.." श्रीवास्तव ने भारत के हाथ से फाइल लेते हुए कहा.. जैसे ही श्रीवास्तव ने फाइल ओपन की, 30 सेकेंड्स में उसके मूह से एक हल्की सी चीख निकली\\


"व्हाट.. आर यू सीरीयस...." 


"व्हाट हॅपंड सर... कुछ ग़लत है क्या" भारत ने चिंता जताते हुए कहा, हालाकी वो यह बात जानता था कि श्रीवास्तवा ने ऐसा क्यूँ कहा



"यंग मॅन.. सबसे पहले मुझे बताओ, तुमने गोल्ड्मन सॅक्स का इतना ल्यूकरेटिव ऑफर क्यूँ छोड़ा.. तुम तो डॉलर्स में कमा सकते थे, फिर हमारी बॅंक में क्यूँ.. हम तुम्हे डॉलर्स में सॅलरी नहीं दे पाएँगे" श्रीवास्तव ने भारत से हल्के मज़ाक में कहा



"सिर्फ़ पैसे की बात नहीं है सर.. जो मेहनत में उस के लिए करूँगा, उतनी ही मेहनत यहाँ करूँगा तो मैं अपने देश की नंबर वन बॅंक को और भी उँचे मुकाम पे ले जाउन्गा.. बस यही रीज़न है.. "


भारत के इस जवाब से श्रीवास्तव ऑलमोस्ट फ्लॅट हो गया.. होता भी क्यूँ नहीं, उसके सामने ऐसा बंदा था जो सिर्फ़ पैसों को महत्व नहीं देता.. इससे ज़्यादा किसी कंपनी को क्या चाहिए.. भारत के मुताबिक, उसके सामने था एक ऐसा गधा जो उसके डाले हुए घास के आगे झुक गया.. करीब एक घंटे तक चले इंटरव्यू में, सवाल जवाब कम , डेसिग्नेशन पे नेगोशियेशन ज़्यादा हुआ.. भारत कोई भी सॅलरी पे काम चला लेता, बस उसे डेसिग्नेशन उपर वाली चाहिए थी..



"भारत , आइ अंडरस्टॅंड.. पर मैं तुम्हे ब्रांच मॅनेजर से उपर कुछ नहीं दे सकता.. प्लीज़ डोंट बी सो हार्ड... गोल्ड्मन के बाद, तुम्हारे कॉलेज के डीन का पर्सनल रेकमेंडेशन भी है तुम्हारे लिए... नहीं तो मेरे पास बन्दो की कमी नहीं है" श्रीवास्तव ने ज़्यादा होशयारी दिखाना चाही



"नो प्राब्लम सर.. आप उन बन्दो को लीजिए, पर उन बन्दो में भारत नहीं मिलेगा.. थॅंक्स आ लॉट... प्लेषर मीटिंग यू" कहके भारत वहाँ से उठा और बाहर निकल गया.. लेकिन 2 सेकेंड्स में वो फिर अंदर झाँक के बोला


"आंड सर.. अगर मैं डॉलर्स छोड़ के आपके पास आ सकता हूँ, तो आपको छोड़ के नंबर 2 बॅंक के पास भी जा सकता हूँ.. उन्हे नंबर 1 बनाने में टाइम लगेगा, बट दट विल बी आ बिग्गर फन फॉर मी.. गुड डे" कहके भारत बाहर निकला और शालिनी से कॉंटॅक्ट करके मिलने का टाइम फिक्स किया.. करीब एक घंटे में भारत शालिनी से मिलने पहुँचा लीयपोल्ड केफे. भारत ने अपनी गाड़ी पार्क की ही, के उसकी नज़र सामने से आती शालिनी पे पड़ी.. शालिनी आज कुछ ज़्यादा ही क़यामत लग रही थी..






भारत को शालिनी का ड्रेसिंग सेन्स तो भाता था, पर आज उसका पहनावा देख भारत खुद दंग रह गया था.. उसकी ग्रीन कलर की मिडी, उसकी टाँगों को बहुत ही कातिलाना तरीके से एक्सपोज़ कर रही थी.. रास्ते पे खड़ा हर शख्स शालिनी की मटकती गान्ड से अपने लंड को बचाने की कोशिश कर रहा था... उपर से उसके चुचे के उभार, प्रीति के हर कदम से उसके चुचे उपर नीचे हो रहे थे जैसे की कोई रब्बर बॉल पड़े हो अंदर



"आज कितनो के खून करेगी डार्लिंग" भारत ने शालिनी को गले लगा के कहा, जैसे ही शालिनी उसके नज़दीक आई


"हाहाहा.. तू ही मेरा डार्लिंग है बेबी.. आइ मिस्ड यू सो मच, चल अंदर, बियर पीनी है बहुत सारी" कहके भारत और प्रीति अंदर जाके बैठ गये..



"ह्म्म्म0.. तो तू मेरा बॉस बनना चाहता है ऐसा..." शालिनी ने भारत की इंटरव्यू की बात सुनके उसको जवाब दिया



"हहहहा.. तेरे करीब रहना चाहता हूँ बेबी.. और गोल्ड्मन इसलिए नहीं गया.. ठीक है आइ डोंट नो इफ़ आइ लव यू ओर नोट.. बट तेरे बिना कुछ अच्छा नहीं लगेगा वहाँ.. इसलिए अगर जाएँगे तो साथ उस जाएँगे, वरना नहीं.. समझी" कहके भारत ने शालिनी को उसका बियर का ग्लास पकड़ा दिया और दोनो बातें करने लगा. 3 घंटे हो गये पर उन दोनो की बातें ख़तम नहीं हो रही थी, 2 पिचर खाली हो गये थे.. बार टेंडर भी यकीन नहीं कर पा रहा था शालिनी की बियर पीने की केपॅसिटी देख के.. अचानक भारत का फोन बजा 


"वेट आ सेकेंड..." कहके भारत ने फोन देखा.. नंबर देख के भारत के चेहरे पे हल्की स्माइल आई.. "एक्सक्यूस मी स्वीटी, विल बी बॅक इन आ मिनिट" कहके भारत वहाँ से बाहर चला गया और पीछे शालिनी भी अपनी बियर ख़तम करने लगी... करीब 2 मिनिट के बाद भारत अंदर आया..
 
"तुम्हे शरम नहीं आती... तुम अपने बॉस के सामने ऐसे कपड़ों में शराब पी रही हो... मिस वेर्मा, यूआर फाइयर्ड ऑलराइट" भारत ने सामने बैठी शालिनी को कहा.. कुछ देर तो शालिनी भी शॉक हो गयी, लेकिन जैसे ही उसे ख़याल आया वो खुशी से चिल्ला के भारत से गले मिलने लगी..



"ओह माइ गोद्द्द्दद्ड.... यू गॉट दा जॉब..आइ म सो हॅपी.. येस्स्स्स्स्स्स" कहके शालिनी भारत से झपट पड़ी



"हहहहा, यस स्वीटी.. अभी श्रीवास्तव का ही फोन था... मुझे तेरी बॅंक ने क्लस्टर हेड की डेसिग्नेशन पे रेक्रूट किया है.. उसका मतलब समझती है तू... 10 मुंबई ब्रॅंचस विल रिपोर्ट टू मी.. आंड सॅलरी गेस कर ?" भारत ने शालिनी से कहा जो अब तक विश्वास नहीं कर पा रही थी



"आइ डोंट नो.. यू टेल मी.." शालिनी ने अपनी उंगली दाँत तले दबाते हुए कहा



"20 लॅक्स पर" भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा कि शालिनी के पैर के नीचे ज़मीन खिसकने लगी



"ओह येस्स्स्स्स्स...... लव यू आ लॉट बेबी... वेरी हॅपी टुडे..... लॅडीस आंड जेंटल्मेन... ड्रिंक्स आर ऑन दा हाउस टुडे... एंजाय युवर ईव्निंग" शालिनी ने लीयपोल्ड में बैठे हर शक्स से कहा



"पागल हो गयी है क्या, सब का बिल पे करेगी.. " भारत ने उसे चुप करवाते हुए कहा..


"नो... उससे भी ज़्यादा... लेट्स गो आउट.. सेलेब्रेट करते हैं... क्या बोलता है" शालिनी ने भारत को अपने पास खींचते हुए कहा



"शालिनी.. उससे ज़्यादा किकी प्लान है मेरे पास. एंजाय करना चाहेगी तू ?"

"हाई मोम... सेलेब्रेट करते हैं, इंटरव्यू ईज़ डन, जॉब मिल गयी है.. क्या कर रहे हो आप और डॅड" भारत ने अपनी मोम से कहा और शालिनी उसकी गाड़ी ड्राइव कर रही थी


"कुछ नहीं बेटा.. हम बहुत थक चुके हैं, तुम लोग जाओ, और हो सके तो प्रीति और नताशा को भी ले जाओ ना अपने साथ" सीमी ने भारत से कहा


"ओके मोम.. उनको बोलो रेडी हो जायें.. हम 10 मिनट में पहुँच रहे हैं. बबी" कहके भारत ने फोन कट किया


"सडन्ली इन्सेस्ट का चस्का चढ़ा है तुझे बेबी... आइ लव इट" शालिनी ने अपनी जीभ अपने होंठों पे फेरते हुए कहा


"आइ लव यू स्वीटहार्ट.. अब तेज़ी से चल.. " भारत ने शालिनी के गाल चूमते हुए कहा और दोनो तेज़ी से घर पहुँचना चाहते थे.. उधर प्रीति को बहुत अजीब लग रहा था कि भारत मान गया उसकी माँ के साथ बाहर जाने को..



"डॉग... लगता है आज माँ को भी चोदेगा मेरी.. हरामी साला" प्रीति तैयार होते हुए खुद को बोलने लगी... उधर नताशा भी अच्छी तरह तैयार हो रही थी, तीन जवानों के बीच वो खुद को बूढ़ा नहीं दिखाना चाहती थी.. हर एक चीज़ का वो ख़याल रख रही थी.. जैसे ही भारत और शालिनी घर पहुँचे, सीमी और राकेश ने दोनो को बारी बारी गले लगाया


"फाइनली.. तुम दोनो को मिला जो तुम्हे चाहिए था हाँ.. प्राउड ऑफ यू गाइस बेटा... कोंग्रथस" राकेश ने शालिनी और भारत से कहा



"ओफ़कौर्स अंकल... भला ऐसा कभी हो सकता है कि भारत और मैं अलग रहें.. यह तो बस शुरुआत है , आगे आगे देखते जाइए आप.. " शालिनी ने भारत से सट के कहा, सीमी के लिए यह दृश्य नॉर्मल था, लेकिन राकेश को कुछ गड़बड़ लगी लेकिन वो खामोश रहा.. कुछ ही देर में नताशा और प्रीति बाहर आई मैं रूम में जहाँ सब लोग खड़े थे.. दोनो को देख भारत और शालिनी के साथ साथ सीमी और राकेश भी चौंक गये....



"नताशा.. यह क्या पहना है, प्रीति का तो ठीक है, पर तुम यह उमर में भी" सीमी ने नताशा से कहा


"कम ऑन दीदी.. अब जवान बच्चो के साथ जाउन्गि तो उनके जैसी ही बनूँगी ना.. आप इतने बूढ़े मत बनो अब..." नताशा ने भारत और शालिनी को देख कहा



"आंटी, शी ईज़ ब्यूटिफुल.. वैसे नताशा आंटी, आपकी और प्रीति की एक पिक्चर हो जाए.. यू बोथ लुक गॉर्जियस" शालिनी ने अपने फोन की कॅमरा ऑन करके कहा और प्रीति और नताशा को साथ खड़ा करके उनका फोटो निकाला





"अब चलें.. मूवी स्टार्ट हो गयी तो वापस इधर आना पड़ेगा" भारत ने अपनी नज़र प्रीति और नताशा से हटा के कहा... 


"हां हां चलिए.. " प्रीति ने अपनी माँ को कहा और चारो नीचे चले गये... उनके जाते ही राकेश ने सीमी से कहा



"सीमी... शालिनी शायद भारत को पसंद करती है.."



"नहीं ऐसा नहीं है.. वो दोस्त हैं, और आप ज़्यादा मत सोचिए.. चलिए आराम करते हैं... मैं जूस लेके आती हूँ" कहके सीमी किचन में चली गयी और उसके मन में फिर सवाल उठा निधि का... उधर चारो लोग एक दूसरे के साथ बातें करते हुए जा रहे थे.. भारत बार बार पीछे बैठी प्रीति को आईने से देख रहा था.. वो चाहता था कि नताशा को यह लगे कि भारत की गंदी नज़र प्रीति पर है और नताशा यह समझ भी रही थी.. मूवी हॉल में पहुँच के 


"आप लोग पार्किंग में वेट कीजिए.. टिकेट नहीं मिली तो खमा खाँ सब को नीचे आना पड़ेगा फिर.. मैं टिकेट्स लेके कॉल करता हूँ" कहके भारत गाड़ी से निकला और उपर की तरफ चल पड़ा.. शालिनी भली भाँति जानती थी कि वो क्या करना चाहता है... उसके जाते ही फिर नताशा और शालिनी में बात चीत चालू हो गयी... 10 मिनट बाद भारत नीचे आता दिखा



"टिकेट्स नहीं मिली.. चलिए कहीं और ट्राइ करते हैं" भारत ने गाड़ी में बैठ के कहा



"अरे नहीं भारत.. डिन्नर करके चलते हैं. मूवी हर जगह फुल ही होगी... ओके ना नताशा आंटी" शालिनी ने भारत का साथ दिया



"ओके बेटे चलो... " नताशा ने हामी भरी और तीनो डिन्नर करने निकल पड़े कोलाबा ताज की तरफ.. जैसे ही गाड़ी ताज के पास पहुँची, भारत ने वलेट को चाबी पकड़ाई और शालिनी को आँखों में कुछ कहा.. शालिनी सब से नज़र चुरा के रिसेप्षन के पास पहुँची और अपने नाम पे एक सूयीट बुक कर लिया.. साथ ही रेस्टोरेंट मॅनेजर को 1000 का नोट पकड़ा दिया. जैसे ही भारत , नताशा और प्रीति के साथ अंदर आया



'हाई.. टेबल फॉर 4 प्लीज़" भारत ने मॅनेजर से कहा



"सॉरी सर.. टेबल्स आर फुल, वेटिंग टाइम 30 मिनिट्स मिनिमम" मॅनेजर ने शालिनी का कहा हुआ जवाब दिया



"ओह यार.. यह क्या है, आज हर जगह ऐसा.. चलो लेट्स गो" प्रीति ने भारत से कहा



"नहीं.. वेट प्लीज़... नताशा आंटी, और प्रीति.. इफ़ यू डोंट माइंड.. मेरे डॅड का एक रूम इधर बुक्ड ही रहता है उन के क्लाइंट्स के लिए.. तो हम उधर चलके खाना और ड्रिंक्स ऑर्डर कर सकते हैं" शालिनी ने प्लान के मुताबिक कहा


"हां ठीक है, नहीं तो ट्रॅफिक में ही घूमते रहेंगे.. चलो मोम, भाई, चलें" प्रीति ने कहा और चारो निकल पड़े शालिनी के बुक किए हुए रूम में... रूम में पहुँच के चारो थोड़े रिलॅक्स हुए और खाना ऑर्डर करने लगे.. जहाँ शालिनी, नताशा के साथ लगी हुई थी बातों में, वहीं भारत और प्रीति एक दूसरे को बस घुरे ही जा रहे थे.. दोनो के अंदर एक आग जल रही थी, प्रीति आज बहुत ज़्यादा जल रही थी.. वो जानती थी कि भारत का इरादा क्या है..



"आंटी, इधर के बुटीक में काफ़ी अच्छा कलेक्षन है ड्रेसस का. आप चलेंगे देखने मेरे साथ, " शालिनी ने नताशा से कहा



"हां चलो, चलो प्रीति, कुछ शॉपिंग भी कर लेते हैं" नताशा ने प्रीति से कहा और अपना बॅग उठाया शालिनी के साथ जाने को



"नहीं मोम...आप जाओ,आइ एम वेरी हंग्री.."



नताशा और शालिनी पाँच मिनिट में रूम से बाहर निकले बुटीक में जाने को... उनके जाते ही भारत ने रूम सर्विस में दिया हुआ ऑर्डर कॅन्सल करने को कहा



"खाना क्यूँ कॅन्सल किया तूने.." प्रीति ने भारत से पूछा



"ताकि हमे कोई डिस्टर्ब ना करे जानेमन" भारत ने प्रीति को उसकी कमर से खींच के कहा



"झुटे.. यहाँ क्यूँ लाया है जानती हूँ मैं. " प्रीति ने भारत का साथ नही दिया, पर उसको दूर भी नही किया



"जानती है ना.. तेरी माँ चोदने आया हूँ आज.. मेरी रखैल है ना तू तो, कैसे मना कर सकती है तू मुझे हाँ" भारत ने प्रीति से कहा और उसके चुतडो पे अपने हाथ फेरने लगा और दोनो एक दूसरे को चूमने में लग गये... उधर नताशा और शालिनी बुटीक में थे ड्रेस लेने..



"आंटी. यह लाइनाये कैसी लगेगी मुझ पे" शालिनी ने नताशा को ब्रा का सेट दिखाते हुए कहा.. नताशा को थोड़ा अजीब लगा, लेकिन जवान लड़की के साथ अब कुछ तो अड्जस्ट करना होगा..



"वेरी नाइस बेटे.. कलर अच्छा है.." नताशा ने बस इतना ही कहा



"ओके आंटी.. मैं ट्राइ कर लेती हूँ.. " कहके शालिनी ने 4 लाइनाये के सेट्स ले लिए और ट्राइ करने चली गयी.. नताशा थोड़ा ऑक्वर्ड फील कर रही थी, पर उसने फिर अपना ध्यान दूसरे कपड़ों में लगाया और उन्हे देखना शुरू किया.. कुछ 5 मिनिट में शालिनी ने ट्राइयल रूम से आवाज़ दिया



"आंटी.. इधर आइए प्लीज़"
 
जैसे ही नताशा ट्राइयल रूम के पास पहुँची, सामने खड़ी शालिनी को देख उसका मूह खुला का खुला रह गया. सामने शालिनी सिर्फ़ पिंक ब्रा पैंटी में थी और हँसते हँसते नताशा के आगे पोज़ दे रही थी..







'कैसी दिख रही हूँ आंटी" शालिनी ने घूम के अपनी गान्ड दिखाते हुए नताशा से पूछा.. नताशा ने अपने आप को संभाला और बोली



"वेरी प्रीटी बेटा.. पर्चेस करो" कहके जैसे ही नताशा पलटी, फिर शालिनी ने कहा




"आंटी रुकिये ना, दूसरे भी देख लो ना.. सब एक साथ दिखाती हूँ वेट.." कहके शालिनी ने टक्क की आवाज़ के साथ पहनी हुई ब्रा उतारी और पैंटी भी उतार दी... नताशा जैसे पलटी सामने शालिनी एक दम नंगी खड़ी थी और दूसरा सेट पेहन रही थी.. नताशा नज़रें चुरा के शालिनी के चुचों को और चूत को निहार रही थी.. "कितने सुडोल चुचे हैं इसके.. आज की जवान लड़कियाँ कसम से सेक्स बॉम्ब होती जा रही हैं" नताशा मन में सोचने लगी.. शालिनी ने एक एक कर अपने सब सेट ट्राइ करके नताशा को दिखाए और हर उतरती हुई ब्रा के साथ नताशा की चूत में खुजली बढ़ती जा रही थी.. वो लेज़्बीयन नहीं थी, पर जिस अदा से शालिनी अपना जिस्म दिखा रही थी, नताशा मजबूर होती जा रही थी लेज़्बीयन ट्राइ करने के लिए. शालिनी ने कुछ ऐसे ब्रा पैंटी के सेट्स ट्राइ करके दिखाए नताशा को













"ओके ना आंटी.. सब पर्चेस कर लूँ ना" शालिनी ने अपने चुचे मटकाते हुए पूछा



"यस बेटा..." नताशा इतनी गरम हो गयी थी कि वो बस यही कह पाई...



शालिनी ने जैसे ही अपनी आखरी ब्रा पैंटी उतारी, उसके चुचे किसी कबूतर की तरह नताशा के सामने आ गये, जिससे नताशा के होंठ सूखने लगे.. शालिनी ने यह नोट कर लिया और मंद मंद मुस्कुराने लगी







"आंटी.. कुछ हुआ क्या.." शालिनी ने मासूमियत से पूछा.. .. जब नताशा ने इसका जवाब नहीं दिया, शालिनी ने उसे अपने पास बुलाया और नताशा की भी किसी बच्चे की तरह उसके पास खिंचती चली गयी..



"आपके होंठ कितने सुख गये हैं आंटी.. इन्हे लीप ग्लॉस की ज़रूरत है.." कहके शालिनी ने अपने होंठ नताशा के होंठों पे रखे और उसे चूमने चूसने लगी.. नताशा इतनी बहक गयी थी कि वो एक ही सेकेंड में शालिनी के चुचों को मूह में लेके चूसने लगी...



"आहहहा आंटी. इधर नहीं , रूम में चलिए" शालिनी ने नताशा को दूर किया और अपने कपड़े पहन के रूम की तरफ बढ़ने लगे.. रूम में जाते जाते भी शालिनी ने नताशा को रास्ते पे बहुत परेशान किया अपनी चुचे और चूतड़ दिखा के


"आंटी, दरवाज़ा आप खोलिए प्लीज़" शालिनी ने नताशा को चाबी देके कहा.. जैसे ही नताशा दरवाज़ा खोलने आगे आई, पीछे से शालिनी ने उसके कंधों पे हाथ रखा और अपने होंठ चलाने लगी नताशा की गर्दन के पास.. नताशा से अब रहा नहीं जा रहा था... दरवाज़ा खोलके उसने धीरे से दरवाज़ा बंद किया और अंदर आते ही दोनो एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे... जैसे ही नताशा ने अपने होंठ शालिनी के होंठों से चिपकाए, उसका ध्यान बेड पर से आ रही आवाज़ पे गया.. उसकी नज़रें वहाँ गयी तो बस वहीं अटकी रही.. सामने बेड पे प्रीति बेड पे नंगी थी और भारत के लंड को चूसने में लगी हुई थी और भारत मज़े से बस प्रीति को ही देखे जा रहा था






इससे पहले के नताशा कुछ रिक्ट करती, पीछे खड़ी शालिनी ने अपने कपड़े उतार लिए और नताशा के भी कपड़े उतारने लगी... नताशा को होश ही नही था, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे.. सामने उसकी बहेन का बेटा उसकी बेटी को चोद रहा था और इधर उसकी सहेली उसे मदहोश करने में लगी हुई थी.. इससे पहले नताशा को कुछ समझ आता, शालिनी ने उसे नंगा कर दिया था और नीचे झुक के उसकी चूत के होंठ खोल के उन्हे चाटने में लग गयी थी...



"आहहहहा उफफफ्फ़...... उम्म्म्ममममम" नताशा के इस सिसकी से प्रीति और भारत का ध्यान नताशा की तरफ पड़ा... शालिनी खड़ी हुई नताशा की चूत चाटने में व्यस्त हो गयी और नताशा की आँखें बंद थी.. उन्हे इग्नोर करके प्रीति फिर भारत के लंड को चाटने में व्यस्त हो गयी.. शालिनी ने नताशा की चूत छोड़ के उसे सोफे पे ले गयी और उसे लेटा के उसकी चूत को चाटने लगी.. नताशा अब सब भूल गयी थी, वो तो बस इस जवान कन्या से अपना बदन नुचवाना चाहती थी.. वो पहली बार लेज़्बीयन ट्राइ करना चाहती थी.. यह है "जिस्म की माया"



"उम्म्म अहहहहहहा.. तूने तो मेरी माँ को लेज़्बीयन बना दिया हरामी कहीं के" प्रीति ने भारत के टट्टों को सहलाते हुए कहा



"उम्म्म अहहासिसीईईई.. तेरी माँ को चोदना चाहता हूँ भाडवी कहीं की अहहहहा...." कहके भारत प्रीति से अलग हुआ और शालिनी के पास जाके उसे भी नताशा की चूत से अलग किया.. शालिनी नताशा से दूर होके, प्रीति के पास गयी और उसके होंठ चूसने लगी... इधर भारत ने अपना लंड नताशा की चूत पे सेट किया .. जैसे ही नताशा को कुछ अलग महसूस हुआ, उसने अपने आँखें खोली तो सामने भारत को देख उसकी आँखें बड़ी हो गई, इसकी परवाह ना करते हुए भारत ने अपने लंड को एक ही झटके में नताशा की चूत में घुसा दिया.. नताशा की चूत में घुसने में भारत को कोई दिक्कत नहीं हुई और आराम से अंदर चला गया. 
 
"आहहहहा... औउचह" नताशा की हल्की चीख निकली भारत के लंड के अंदर जाते ही




"आहाहहा शरम नहीं आती तुझे अपनी बहेन के साथ ऐसा करते हुए.. साले हरामी जाने.. अहहहहाहा" नताशा चुदवाते चुदवाते बोल रही थी और हर धक्के में भारत का साथ दे रही थी



"अहहहहा तेरे जैसी मासी हो तो फिर क्या शरम अहहहहा.. क्या गरम माल को पैदा किया है तूने मासी आहाहहा.. कितनी टाइट चूत है उसकी उम्म्म्म अहहहहहहा" भारत धक्के मारते हुए बोल रहा था



"अहहहहा साले मदर्चोद धीरे अहहहहा.. कितना कड़क मुस्सल है तेरा अहहहहा.. जाके प्रीति को चोद ना अहहहहाहा. मेरे पास क्यूँ है फिर रंडी की औलाद अहहहहाहा" नताशा अब बकवास करने लगी थी और भारत को इसमे मज़ा आ रहा था



"प्रीति भी तो इसी चूत से निकली है मेरी रांड़ मासी उहह अहहः अफ.... तू रंडी साली अहहहहहः, अपने भानजे से चुदवा रही है कुतिया बनके अहहहहहाहा" भारत भी अब उसका साथ देने लगा था बकवास करने में



"उम्म्म अहहहहहहहा यॅ अहहहहहा और ज़ोर से चोद ना मर्द कहीं के अहहहहहा. हाना आईसीए अहहहहहहा " नताशा अब चिल्लाने लगी थी






"अहहहाहा ना मर्द कैसे बोल रही है कुतिया कहीं की अहहहहहा उफफफ्फ़..... तेरी बेटी से पूछ, उसकी चूत मैने ही फाडी हुई है रंडी कहीं की अहहहा.. दोनो माँ बेटी रंडियाँ हो हाहहहा....ऑश एसस्स अहहहहहहा" कहके भारत ने अपने धक्के और तेज़ कर दिए.. इनके धक्कों की आवाज़ "आहाहहहहा फ़चचक् फ़च्च्च ठप्प्प्प ठप्प्प्प" पूरे रूम में गूँज रही थी... उधर शालिनी और प्रीति अब पूरी तरह लेज़्बियन्स बन चुकी थी.. प्रीति ने शालिनी की चूत को चाटना शुरू किया







"उम्म्म अहहहहहः उफ़फ्फ़.... और चाट ना मेरी जान अहहहहहा.. आइ लव यू प्रीति अहहहहहाहा यॅ सक मी अनाना आहा हार्डर अहहहाहाः" शालिनी आँखें बंद करके मज़े ले रही थी, और वहीं प्रीति किसी कुतिया की तरह उसकी चूत चाटने में लगी हुई थी..



"अहहहहः देख तेरी रंडी बेटी मेरी मासी अहहहहाहाः.... इधर आ अब बेन्चोद कहीं की" कहके भारत ने नताशा को अपनी बाज़ुओं में उठाया और उसकी टाँगें अपने कंधों पे लाया और नीचे से उसकी चूत में अपना लंड घुसाने लगा.. नताशा हैरान हो गयी ऐसी ताक़त देख के.. 







"आहहहः साले राक्षस अहहहः.. क्या ख़ाता है मदर्चोद कहीं के अहहहहहः.. उम्म्म फक मी हार्डर ना बेटा आआहहहहा.." नताशा चिल्लाने लगी और भारत धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा.. जब नताशा को लगा कि भारत की ताक़त कम हो रही है, वो नीचे उतरी और उसके लंड को मुट्ठी में लेके उसे हिलाने लगी..



"अहाहहाहा अब बोल मादर चोद अहहहहाः.. मासी को चोद रहा है अपनी उम्म्म्म अहहहहहा.. अपनी माँ को भी चोदेगा भैन के लोड्‍े अहहहहहहहा. बेन्चोद कहीं के, मासी चोद बन गया.. अहहहहः उम्म्म माइ यह लंड दे ना अजजजजजाज.. यह टटतेआहहहहहा.. मर्द है रे तू अहहहहहहहाहा.. अब माँ की भी चूत फाड़ दे अहहहहहाहा.. आजा ना अहहहहहाः आजा नाहहहाहाहा" कहके नताशा ने उसके टोपे को सिर्फ़ अंगूठा लगाया और भारत ने सारा माल नताशा के मूह पे छोड़ दिया जिसे नताशा चाट चाट के सॉफ करने लगी







"अहहहहा साले कुत्ते... अहहहहा कितना मीठा माल है तेरा अहहहहहः" कहके नताशा बाथरूम में चली गयी फ्रेश होने, और उधर प्रीति और शालिनी भी थक के एक दूसरे के उपर सोई हुई थी.. नताशा के जाते ही भारत ने खुद को पास में रखे टवल से पोछा और कपड़े पहेन के बाहर निकल गया

रूम से निकल के भारत रेस्तरो में चला गया कुछ खाने... रेस्तरो से ही उसने फोन किया मेहुल को



"हेलो... हां , जो चाहिए था वो हो गया है.. 5 दिन में जाय्निंग है, इधर मुंबई में ही.. यस.. डोंट वरी.. बंदे चाहिए कुछ, वो भी जल्द मिल जाएँगे.. नहीं, ऐसे बंदे चाहिए जो यहाँ के ना हो.. बलके इंडिया के ही ना हो.. कुछ रेफ्यूजी.. समझ रहे हैं ना... नहीं, मैं खुद ढूँढ लूँगा.. बाइ" भारत ने मेहुल से फोन पे बात की. 
 
खाने का ऑर्डर देके, भारत इंतेज़ार करते करते सोचने लगा.. थोड़ी देर पहले हुई उसकी चुदाई उसकी मासी के साथ, उससे पहले प्रीति के साथ.. क्या वो इन्सेस्ट पसंद करने लगा था.. नताशा ने जैसे कहा, क्या वो सीमी की तरफ भी आकर्षित हो जाएगा.. यह सब सवाल चल ही रहे थे उसके दिमाग़ में कि उसके सामने आ गया उसका पास्ट. 



निधि... निधि को देख पहले तो वो खुश हुआ , और उसके पास जाने का सोचा ही था कि उसके दिमाग़ ने उसे रोक दिया.. वो बस वहीं से उसे देखने लगा और खुश होने लगा.. भारत, बस निधि को देख के ही खुश होता था.. चाहे वो उसे बात करे या नहीं, चाहे वो उसे देखे के नहीं, भारत के लिए वो लम्हा बहुत कीमती था जब जब निधि उसके सामने आती थी.. निधि शायद वहाँ किसी का इंतेज़ार कर रही थी, तभी तो बार बार अपनी घड़ी में वक़्त देख रही थी.. भारत ने ध्यान से निधि को देखा.. पहले उसके गले पे, फिर उसके फोर्हेड पे.. जब उसे लगा कि वो उसका वहम है, तभी एक लड़की पीछे से आके निधि को गले लगाने लगी. और निधि शायद उसे डाँट के वहाँ से ले गयी... कुछ देर वहीं बैठा रहा भारत, लेकिन तुरंत अपनी टेबल से उठके उनके पीछे जाने लगा.. निधि और वो लड़की किसी गाड़ी में बैठ के कफ पेरेड की तरफ बढ़ने लगे.. भारत ने भी तुरंत टॅक्सी रोकी और उन दोनो का पीछा करने लगा... करीब आधे घंटे के बाद वो गाड़ी रुकी और उससे थोड़ी दूर रुका भारत. सामने का नज़ारा देख भारत वहीं जम सा गया.. जो देखा, उसे विश्वास नहीं हो रहा था.. 15 मिनट वहीं रुक के भारत वापस अपने होटेल की तरफ निकल गया.. रास्ते पे उसने शालिनी को फोन कर दिया कि खाना मंगवा लो जल्दी घर जाना है.. भारत ने फिर एक फोन घुमाया



"सर.. गुड ईव्निंग, आइ होप आइ आम नोट डिसटरबिंग यू.." भारत ने श्रीवास्तव से कहा



"नो भारत टेल मी..." श्रीवास्तवा ने अपनी कड़क आवाज़ में कहा



'सर... मैं 5 दिन में नहीं, 2 दिन में ही जाय्न करना चाहता हूँ, प्लीज़" भारत ने रिक्वेस्ट करके कहा



"ओके भारत.. आइ विल कॉनवेरी दिस टू कन्सर्न्ड.. मीट मे इन माइ ऑफीस ऑन मंडे, मैं सब संभाल लूँगा" कहके श्रीवास्तव ने फोन कट किया



होटेल पहुँच के भारत रेस्तरो में गया जहाँ शालिनी नताशा और प्रीति के साथ उसका वेट कर रही थी..



"सब ठीक है भारत" शालिनी ने भारत से पूछा



"हां सब ठीक है.. खाना मँगवाया, और हां, तुम्हारा बॉस 5 दिन बाद नहीं , बल्कि दो दिन बाद ही ऑफीस जाय्न कर रहा है.. मैने श्रीवास्तव से बात की है.. तुम भी उसी दिन जाय्न करोगी समझी.. मुंबई शिफ्ट करने की तैयारी कर देना.. आज मेरी गाड़ी ले जाओ पुणे, टॅक्सी में जाने की नो नीड.. परसो ले आना , तब तक मैं रेंटेड अप्पर्टमेंट देख लेता हूँ तुम्हारे लिए.. गॉट इट" भारत ने सब एक साँस में बोल दिया. शालिनी ने भाँप लिया कि कुछ ग़लत है लेकिन वो समझ नहीं पा रही थी... उधर नताशा यह देख खामोश हो गयी, पर प्रीति समझ गयी कि क्या इश्यू है. वो उस वक़्त कुछ नहीं बोली, सब खाना ख़ाके वहाँ से निकल गये घर की तरफ. घर तक का रास्ता, सब को काट रहा था.. कोई कुछ नहीं बोल रहा था.. चारों के मन में एक तूफान सा चल रहा था.. सबसे ज़्यादा परेशान था भारत, जिसकी वजह से शालिनी भी बहुत परेशानी ले रही थी..



"ओके बेब.. ड्राइव सेफ.. सी यू आफ्टर 2 डेज़.. आंड पहुँच के मेसेज कर देना.. टेककेअर" कहके भारत अपने घर के नीचे उतरा और शालिनी को अलविदा किया.. नताशा और प्रीति आगे चलने लगे, और भारत अपने लिए सिगरेट लेके उपर चला.. उपर जाके भारत अपनी सीमी के पास गया, जो अपने रूम में कुछ बुक पढ़ रही थी



"मोम.. वो कौनसी लड़की थी जिसको आप देख आए हो.. कल मिल लेते हैं उससे.. ओके ना.. गुड नाइट" कहके भारत अपने रूम में चला गया, और सीमी को कुछ समझ ही नहीं आया कि यह क्या हुआ... जैसे ही सीमी बाहर गयी, उसे भारत के रूम बंद होने की आवाज़ आई.. 



"दीदी.. कुछ ग़लत है, भारत अचानक यूँ क्यूँ बिहेव कर रहा है" नताशा ने सीमी से पूछा



"नताशा हाउ डू आइ नो.. वो तुम लोगों के साथ था, तुम बताओ कुछ हुआ क्या" सीमी ने अपनी उँची आवाज़ में कहा



"नहीं मासी.. ऐसा कुछ नहीं, हम मूवी देखने गये और फिर खाने.. हां बीच में भाई हमे अकेला छोड़ के कुछ आधे घंटे के लिए कहीं गये थे, बस उसके बाद ही ऐसा बिहेव कर रहे हैं" प्रीति ने सीमी को जवाब देके कहा



"जो भी है प्रीति.. पता लगा, नहीं तो यह लड़का कुछ ऐसा कर लेगा, जिससे या तो इसको या तो किसी और को.. काफ़ी नुकसान होगा" सीमी ने डरते हुए कहा
 
अगली सुबह...



"मोम, कितने बजे मिलने जाना है उस लड़की से.." भारत ने नाश्ता करते हुए कहा



'बेटा वहाँ तो शाम को जाना है.. आंड तुम अकेले नहीं, हम सब साथ में चलेंगे... वहाँ से उनके भी कुछ लोग होंगे... " सीमी ने भारत को जूस देके कहा



"ओके मोम.. थॅंक्स, सच आ स्वीट जूस... चलिए, मैं शाम को डाइरेक्ट आ जाउन्गा वहाँ.. अभी कुछ काम निपटाना है. और हां मेरी जाय्निंग अब परसो ही है.. तो कुछ फ़ॉर्माल्स भी लेने हैं मुझे.. मैं शॉपिंग करके डाइरेक्ट आउन्गा वहाँ.. ओके ना " भारत ने सीमी को एक पॅकेट पकड़ाते हुए कहा



"ओके.. बट यह क्या है.." सीमी ने पॅकेट लेके कहा



"मोम.. ओमेगा की वाच है.. आपके लिए.. जॉब मिली, उस खुशी में गिफ्ट.." भारत ने चेअर से खड़े होके कहा.. "आंड हां आज शाम को आप यही पहनना , ओके ना.. चलो बाइ नाउ" कहके भारत वहाँ से निकल गया. घर से निकल के भारत ने एक लो कॉस्ट मोबाइल और एक न्यू सिम कार्ड लिया..



"हां, मैं मिलना चाहता हूँ आपसे... ठीक है" भारत ने मेहुल से बात की और चल पड़ा उससे मिलने.. करीब एक घंटे में भारत मेहुल के पास पहुँचा



"बोलो.. इतनी जल्दी मैं क्यूँ बुलाया" मेहुल ने भारत से कहा



"कुछ नहीं.. मैं बॅंक अब परसो ही जाय्न करूँगा.. और हां यह फोन लीजिए, अब से हम इस्पे ही बात करेंगे.. मेरा न्यू नंबर भी लिख लीजिए... मेरा पुराना नंबर बंद हो गया है, और हां, जब मैं फोन करूँ तब ही बात करेंगे.. आप मुझे सामने से कॉल करेंगे तो बहुत प्राब्लम हो सकती है..."


"पर क्यूँ.." मेहुल ने जैसे ही यह कहा, एक चोर उनके पास आया और मेहुल के हाथ से उसका पुराना फोन छीन के भाग गया... मेहुल उसके पीछे काफ़ी दौड़ा लेकिन उसे वो चोर नहीं मिला



"इतना पीछे क्यूँ भागे.. फोन तो दिया है मैने, और कंप्लेंट लिखवाने मत जाना, पोलीस की नज़रों में एक बार आ गये तो फस सकते हो.. क्यूँ कि आप एक बहुत बड़े कांड में इन्वॉल्व होने वाले हो" भारत ने मेहुल से कहा



"ठीक है.. पर मुझे कॉल कब करोगे..." मेहुल ने भारत से कहा



"चिंता नही कीजिए.. जहाँ 2 साल, वहाँ बस 2 महीने और.. आपकी सब तकलीफ़ों से मैं आज़ाद कर दूँगा आपको.." भारत ने अपने ग्लासस पहेन के कहा और गाड़ी में निकल गया.. थोड़ा आगे जाके भारत को वो चोर दिखा जिसने कुछ देर पहले मेहुल का मोबाइल चुराया था



"मुन्ना... मोबाइल के साथ कुछ और भी कहा था तुझे.." भारत ने उसे कहा.. यह वोही मुन्ना था, जो भारत के लिए कॉलेज की पार्टी अरेंज कर चुका था



"हां साब.. यह लीजिए मोबाइल, और यह लीजिए सीसीटीवी का कॅमरा... इसके सब पुराने टेप्स और सब सामान ये है.." मुन्ना ने भारत को एक मोबाइल और एक बॅग पकड़ाते हुए कहा



"किसी को शक तो नहीं हुआ..." भारत ने मुन्ना को 10,000 पकड़ाते कहा



"नहीं साब.. कॅमरा निकालने से पहले मैन स्विच ऑफ कर दिया था, और इसकी जगह दूसरी कॅमरा फिट कर दिया है.. वहाँ के मालिक को पता भी नहीं चलेगा कि कॅमरा कौनसा है... पर साब इसमे खर्चा हुआ है.. सिर्फ़ 10,,000 से क्या होगा" 



"तेरी लालच ही तुझे मारेगी मुना.." भारत ने 10000 और पकड़ते हुए कहा


"शुक्रिया साब.. कुछ और काम हो तो याद करना अपुन को.." कहके मुन्ना वहाँ से निकल गया

"हाई मोम.... बस 10 मिनिट्स में पहुँच रहा हूँ मैं... आइ नो मोम आइ आम लेट.. बस 10 मिन्स ओके.... बाय" कहके भारत ने फोन रखा और चल पड़ा उस लड़की को देखने जिसपे सीमी फिदा सी हो गयी थी... ऐसा क्या है उस लड़की में, ना तो वो रिच है, ना तो शी ईज़ फेमस... तो फिर मोम उसपे इतनी फ्लॅट क्यूँ हुई.. यही सब सोचते सोचते भारत बढ़ता जा रहा था उस जगह जहाँ उसे उसकी मोम ने बुलाया था.. करीब 15 मिनट में भारत वहाँ पहुँच गया.. नीचे काफ़ी सारी गाड़ियाँ खड़ी थी.


"इतनी गाड़ियाँ... मोम ने पूरे खानदान को बुलाया है... मेरी लंका लग जाएगी आज तो... " भारत खुद से कहके उपर चला गया जहाँ सब लोग उसका वेट कर रहे थे.. उपर पहुँचते ही वहाँ का नज़ारा देख के तो जैसे भारत की फट के हाथ में आ गयी... कम से कम 50 लोग थे उपर.. उसके रिलेटिव्स, लड़की वालों की तरफ से.... यह सब देख भारत को ऐसा लगा जैसे वो किसी ज़ू में आ गया है.. दूर से ही खड़े रहके उसने सीमी को तलाशने की कोशिश की, लेकिन सीमी उसे कहीं नहीं दिखी... सब लोगों की नज़र, सिर्फ़ भारत पे ही थी उस वक़्त.. आपस में काना फूसी होने लगी..


"ऊह सॉरी.. मैं शायद ग़लत जगह पे आ गया हूँ." कहके भारत जैसे ही मुड़ा, पीछे से सीमी ने आवाज़ दी


"बेटा, क्या हुआ" सीमी की आवाज़ सुन भारत पीछे मुड़ा तो सीमी उसे दिखाई दी.. सब को इग्नोर करके भारत तेज़ी से चलके सीमी के पास पहुँचा


"मोम इतने लोग.. इट वाज़ सपोज़्ड टू बी आ क्लोज़ फॅमिली अफेर राइट.. " भारत ने अपने धीमी बट तीखी आवाज़ में कहा. नज़र घुमा के भारत ने देखा तो राकेश कुछ दूरी पे किसी दूसरे आदमी से बात कर रहा था.. सब लोगों से दूर जाके भारत खड़ा हो गया और अपने मोबाइल में गेम खेलने लगा.. करीब 10 मिनट में दो लड़कियाँ एक साथ उधर आई और दो तीन लोग उठके उनके पास चले गये और उनके पास बैठ गये..


"यही लड़की होगी... एक तो क्या बात करूँगा इन सब के सामने समझ नहीं आ रहा" भारत ने खुद से कहा और वापस मोबाइल में गेम खेलने लगा.


"भारत.. बेटा आ जाओ इधर..." सीमी ने आवाज़ दी और राकेश के साथ भारत भी वहाँ चला गया... खैर, परिचय का दॉर चला और पता चला इतने लोगों में सबसे ज़्यादा रिलेटिव्स भारत के ही थे... कुछ देर बाद


"उः.. प्लीज़ डोंट माइंड... क्या हम कुछ देर अकेले में बाहर जाके बात कर सकते हैं.. " भारत ने सामने बैठी एक औरत से कहा जो शायद उस लड़की की माँ थी


"हां हां बेटे प्लीज़ जाओ.. फील कंफर्टबल" सीमी ने जवाब दिया और भारत और वो लड़की वहाँ से निकल गये.. नज़दीकी कॉफी शॉप में जाके भारत और वो लड़की बैठ गये.. भारत को समझ नहीं आ रहा था क्या बात करे... इसकी जगह कोई दूसरी होती तो भारत हॅंडल कर लेता.. पर यह लड़की दूर दूर तक भारत के टाइप की नहीं लग रही थी..


"उः.. आप कुछ लेंगी.. आइ मीन कॉफी ओर सम्तिंग.. वेट... 2 कॉफीस प्लीज़ कप्पूसिनो" भारत ने पास खड़े वेटर से कहा बिना उस लड़की के जवाब को सुनते हुए


"आपका नाम क्या है.. " भारत ने फाइनली सही तरीके से उस लड़की से पूछा


"दीपा.." उस लड़की ने अपनी सहमी हुई आवाज़ में कहा... कुछ देर तक दोनो ने कुछ बात चीत की.. जब उनके जाने का समय हुआ, तब भारत ने कहा


"दीपा.. आइ आम सॉरी, बट तुम्हारे लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है.. मेरा एक पास्ट है... और मैं अब तक उस लड़की को भूल नहीं पाया हूँ.. हां यह सही है के शायद मैं कभी उसे फिर से ना मिल पाऊ, बट क्यूँ कि तुम शायद यह सोच रही हो के हम साथ में लाइफ स्पेंड करेंगे, तुम्हारे लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है.." भारत ने एक साँस में सब बोल दिया.. वो जानता था कि यह सुनने के बाद कोई भी लड़की उसे मना कर देगी.. और वोई तो भारत चाहता था.. भारत की यह बात सुनके दीपा ने कुछ जवाब नहीं दिया.. उसके चेहरे पे कोई एक्सप्रेशन नहीं.. वो बस उसकी बात सुनके "ओके" कहके आगे बढ़ गयी


"व्हाट नॉनसेन्स.... सिर्फ़ ओके..." कहके भारत ने बिल भरा और वो दोनो फिर उसी जगह पहुँचे जहाँ सब उनका वेट कर रहे थे.... वहाँ पहुँचते ही दीपा को लेने एक लड़की आई.. उस लड़की को देख भारत ने सोचा


"यह लड़की कौन है यार.. कमाल की है... इसके चुचे तो उफ़फ्फ़ !!!!" भारत की इस सोच में सीमी के आवाज़ से खलल पड़ा


"तो बेटा..क्या सोचा तुमने" सीमी ने पास आके भारत से धीरे से पूछा


"किसके बारे में मोम.. आइ मीन, क्या एक घंटे में जवाब एक्सपेक्ट करते हो... थोड़ा टाइम दीजिए मुझे सोचने के लिए... आंड हां, सब से पहले आप वो दीपा से जवाब माँगना... फिर मैं जवाब दूँगा.. ओके... चलिए,आइ गॉट टू गो नाउ..." कहके भारत वहाँ से निकला और 5 मिनट में उसके पीछे राकेश और सीमी भी आ गये....


"भारत.. यह उम्मीद नहीं है मुझे तुमसे ओके.. आंड अगर किसी की इज़्ज़त नहीं कर सकते तो कम से कम बेइज़्ज़ती तो मत करो.. सब लोग क्या सोच रहे होंगे हाँ" सीमी बाहर आके भारत पे चिल्लाने लगी


"मोम चिल ओके.. आपने कहा था यहाँ कुछ लोग ही होंगे.. तो फिर यह सर्कस कैसी थी.. इतने सारे लोग, आइ मीन मेरी शादी की बात हो रही थी या राजश्री वाले फॅमिली मूवी बनाने आए थे" भारत ने गुस्से में कहा.. इस बात का जवाब दिए बिना सीमी फिर उपर चली गयी और भारत वहाँ से निकल गया... वहाँ से निकल के भारत ने प्रीति को फोन किया और उसे मिलने के लिए बुलाया.. करीब आधे घंटे में प्रीति और भारत मिले


"सो चॅंप.. कैसी थी लड़की" प्रीति ने भारत से कहा


"फर्गेट हर.. अगर वो मुझसे शादी करने के लिए हां बोलेगी तो मतलब शी विल बी इन बिग ट्रबल.. यू नो हाउ टफ आइ कॅन बी हाँ.. आंड मैने उसे सब बता दिया है निधि के बारे में.. अगर वो शादी करेगी तो निधि कहाँ जाएगी फिर.. आइ नो वो ना ही बोलने वाली है.. एनीवेस, तुम्हारी जॉब का क्या हुआ.. मैने पता लगाया है, जिस बॅंक में मैं जा रहा हूँ, वहाँ का जो क्रेडिट का काम है वो आउटसोर्स्ड है एक लोकल टेक कंपनी में. तुम वहाँ जॉब के लिए क्यूँ ट्राइ नहीं करती" भारत ने प्रीति से कहा


"हां करती हूँ यार.. बट कहीं से जवाब ही नहीं आ रहा... एनीवेस, तुम मुझे एसएमएस करो वहाँ की डीटेल्स, आइ विल ट्राइ.." प्रीति ने भारत से कहा और दोनो बातों में लग गये. करीब आधे घंटे में प्रीति ने भारत से कहा उसे कहीं ड्रॉप करने के लिए.. जैसे ही प्रीति भारत की कार में गयी, उसकी नज़र पीछे पड़े एक प्लास्टिक बॅग पे गयी
 
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