Antarvasna kahani माया की कामुकता - Page 9 - SexBaba
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Antarvasna kahani माया की कामुकता

"यह क्या है... " प्रीति ने इशारा करके कहा


"यह डार्लिंग तेरे लिए है.. अगर हम कहीं फँसे तो निकलना असंभव है.. इसलिए मैं यह इंश्योर कर रहा हूँ हम फँसे ही नहीं.. चल बैठ" भारत ने प्रीति से कहा


"हाहहहहा.. तू साले एक दम हरामी टाइप का बंदा है..." प्रीति ने जवाब दिया और दोनो वहाँ से निकल गये.. प्रीति को ड्रॉप करके भारत घर पहुँचा.. घर जाके उसे बहुत खाली खाली लगा.. सीमी और राकेश अपने कमरे में थे.. पिछले कुछ दिन से प्रीति की मोजूदगी उसके घर में उसको अच्छी लगने लगी थी.. वो अपने रूम में गया और लिस्ट बनाने लगा.. उसके प्लान में जो चीज़े उसे काम लगेगी, वो उनकी लिस्ट बनाने लगा... उसे तलाश थी तो अब उन बन्दो की जो इसमे महत्व का काम करेंगे.. घड़ी में वक़्त देखा तो रात के 11 बज रहे थे... 


"मुन्ना ही ला सकता है ऐसे बंदे.." कहके वो अपने रूम से निकला मुन्ना से मिलने के लिए.. जैसे ही वो अपने रूम से निकला, सीमी के रूम से पास से गुज़रते हुए उसे अंदर से कुछ आवाज़ सुनाई दी.. आवाज़ सुनके वो वहीं रुक गया.. उसे लगा कुछ गड़बड़ है, वहीं रुक के वो ध्यान से सुनने लगा.. करीब 10 सेकेंड में उसे एहसास हो गया अंदर क्या हो रहा है... उसने अपने आस पास देखा तो कोई नहीं था.. प्रीति से हुए उसके वाकये, उसे इन्सेस्ट के करीब ले जा रहे थे... वो सीमी को देखना चाहता था जब वो राकेश से चुदवा रही हो.. अजीब सी कशमकश में वो फस गया था... दिल और दिमाग़ एक दूसरे से लड़ रहे थे.. दिल की सुन के उसने की होल से देखना शुरू किया.. अंदर का नज़ारा देख उसकी आँखें बाहर आने लगी.. अंदर राकेश नहीं था, सीमी अपनी चूत में डिल्डो घुसा के खुद को ही चोद रही थी. अपना ड्रेस उँचा करके सीमी अपनी लाल सुर्ख चूत को रगडे ही जा रही थी.. उसकी उंगलियाँ तेज़ी से डिल्डो को अंदरबाहर कर रही थी..


"उफफफ्फ़ अहहहाहाहः... यआःा अहहहहहा फक मी हार्डर ना अहहाआहहहा... अहहहहहहाहा ओह अहहहहहहाहा" सीमी मस्ती में आके चिल्ला रही थी.. भारत बिना पलकें झपकाए सीमी को देखे जा रहा था.. करीब 5 मिनट में सीमी झड़ने लगी.... यह देख भारत भी वहाँ से उठ गया और जल्द मुन्ना से मिलने चला गया.. रास्ते भर भारत के दिमाग़ में सीमी का नज़ारा घूमने लगा..


"बिच.. शालिनी.. " भारत चिल्लाके अपनी गाड़ी चला रहा था.. आख़िर उसके दिमाग़ में इन्सेस्ट का बीज बोने वाली शालिनी ही तो थी... मुन्ना से मिलके भारत ने उसे अपनी ज़रूरत बताई


"साब कुछ बड़ा करने की फिराक में हैं क्या.. यह बहुत मुश्किल है" मुन्ना ने अपनी टपोरी आवाज़ में कहा


"इससे ज़्यादा चाहिए तो बोल... इससे ज़्यादा भी दे सकता हूँ, पर यह काम तो तू करेगा ही, और अगर किसी को पता चला कि मैने तुझसे क्या करवाया है, तो तू सोच ले.. जो आदमी तुझे बैठे बैठे इतने पैसे दे सकता है,वो तुझे रातो रात गायब करवा सकता है समझा" भारत ने नोटों की गड्डी फेंक के मुन्ना को दी


"अरे साब.. फिकर ना करें.. हो जाएगा पर वक़्त लगेगा थोड़ा"


"डेढ़ महीना है तेरे पास समझा.. इससे ज़्यादा नहीं..." कहके भारत वहाँ से निकला अपने घर की तरफ.. जैसे ही घर की पार्किंग के पास पहुँचा, उसे एक झटका सा लगा


"तुम यहाँ... इस वक़्त..."

"तुम यहाँ.. इस वक़्त क्या कर रही हो." भारत ने सामने खड़ी शालिनी से कहा


शालिनी उस वक़्त बहुत टेन्स्ड लग रही थी.. "भारत.. तुम कल काफ़ी टेन्षन में लग रहे थे.. मुझसे रहा नहीं गया इसलिए मैं सब सामान लेके अभी ही आ गयी.. होप यू डोंट माइंड" 


"ओफकौर्स नोट बाबू... चल उपर.." भारत ने शालिनी का समान लिया और अपने घर ले आया.. सीमी अब तक अपने कमरे में ही थी, शायद सो गयी थी, इसलिए भारत शांति से शालिनी को अपने कमरे में लेके आया


"शालिनी.. इट्स ओके.. तू आराम से रह सकती है इधर... आंड चिंता मत कर.. मैं ठीक हूँ... " भारत ने शालिनी से कहा और दोनो आपसा में बातें करने लगे.. शालिनी और भारत दोनो को अगली सुबह ऑफीस जाय्न करनी थी.. रात के करीब 2 बज चुके थे, पर दोनो में से किसी को नींद नहीं आ रही थी.. दोनो बस बातें किए ही जा रहे थे


"शालिनी.. एक बात शेअर करूँ.. प्लीज़ ग़लत मत समझना... आंड किसी से नहीं कहना" भारत ने सिगरेट जलाते हुए कहा


" बोल ना.. तेरी कोई बात मैं किसी से शेअर क्यूँ करूँ.. बता" शालिनी ने आश्वासन देते हुए कहा


"शालिनी... जबसे प्रीति और नताशा वाला इन्सिडेंट हुआ है.. तब से पता नहीं क्यूँ, इन्सेस्ट मुझे अच्छा लगने लगा है..." भारत ने बहुत धीरे से कहा. यह सुनके शालिनी के चेहरे पे एक हल्की सी स्माइल आई


"ह्म्म.... और" शालिनी को पता चल गया के आगे भी कुछ कहेगा भारत


"और... अभी कुछ देर पहले.." भारत ने सारा किस्सा बताया.. उस दिन से लेके जिस दिन से भारत ने पहली बार सीमी को देखा था अपनी चूत में उंगली करते हुए, आज रात के किस्से के साथ..


"आइ न्यू दिस.. मुझे पता था, यह फीलिंग ग़लत नहीं है.. आंड तेरी बातें सुनने के बाद आइ आम श्योर... " शालिनी ने खुशी से कहा जो भारत को बहुत अजीब लगा


"यह क्या बोल रही है तू"


"हां.. यह बात जब मैने मेरी फरन्ड के साथ शेअर की थी, तो उसने कहा था के यह सब ग़लत है और बाकी सब बकवास.. मेरा मानना है यह के इन्सेस्ट हो या कुछ और.. सेक्स तो सेक्स है.. जब इस चूत में लंड जाता है ना तो यह नहीं दिखता.. जैसे तेरे इस लंड के नीचे नताशा और प्रीति की चूत थी, तुझे क्या फरक लगा... तू जैसे मेरी चूत मारता है, वैसे ही उनको चोद रहा था.. यह एहसास जो तुझे अब हो रहा है वो है जो फरक पैदा करता है... मेरे हिसाब से यह चीज़ ग़लत नहीं है.. अगर मुझे चोदने वाला खुश है और मैं भी खुश हूँ तो इसमे ग़लत क्या है.. मैं इस बात को इतना ज़्यादा सपोर्ट नहीं करती.. पर हां यह ग़लत भी नहीं है.. अगर इन्सेस्ट सेक्स हो जाता है तो उसमे कुछ ग़लत नहीं.. उस वक़्त का मज़ा लो और बस... इससे ज़्यादा क्या हो सकता है" शालिनी ने जैसे अपने दिल की बात खुल के कह दी आज भारत को.. शालिनी की यह बात सुनके भारत खामोश हो गया और सोचने लगा


"अरे इतना क्या सोच रहा है.. एक बात पूछूँ, सीधे सीधे जवाब देना हाँ" शालिनी ने भारत के सामने बैठ के कहा


"हां पूछ"


"तू अपनी मोम के बारे में सोचता है तो तेरा लंड खड़ा होता है" शालिनी ने भारत के लंड पे इशारा करके कहा.. इससे पहले भारत कुछ जवाब देता, शालिनी फिर बोली


"उः ओह... लगता है मुझे मेरा जवाब मिल ही गया हाँ.." शालिनी ने भारत के लंड पे देखा जो खड़ा था ऑलरेडी.. अब यह सीमी की वजह से था या शालिनी की वजह से, वो नहीं जानता था.. शालिनी ने धीरे से जीन्स के उपर से ही उसके लंड पे अपना हाथ घुमाया


"उम्म्म्ममममममममम......" भारत के मूह से सिसक निकली.... यह देख शालिनी ने भारत को हल्का धक्का दिया जिससे भारत बेड पे जा गिरा पीठ के बाल.. शालिनी ने धीरे धीरे आगे बढ़ के उसके पेट पे घोड़ी की पोज़िशन में बैठ गयी और उसकी शर्ट खोलने लगी.. शर्ट उतारते ही भारत की चिकनी छाती उसके सामने आ गयी...
 
"उम्म्म अहहाहा युम्मय्यी....." शालिनी ने कहा और अपनी जीभ से भारत की छाती को चाटने लगी... मज़े में आके भारत ने शालिनी के बालों को पकड़ा और उसके मूह को अपनी छाती में धँसाता चला गया.....


"उफ़फ्फ़ अहहहाहा बेबी... यू आर सो हॉट अहहहहा" कहके भारत ने शालिनी के होंठों को चूमना शुरू किया.. शालिनी भारत के होंठों को चूम रही थी और अपनी जाँघो से उसके लंड को भी सहला रही थी.... धीरे धीरे कर भारत ने शालिनी के टॉप को भी उतारा और उसकी ब्रा के उपर से ही उसके चुचे सहलाने लगा.. दोनो पागलों की तरह एक दूसरे को चूमने में डूबे हुए थे... अपनी जीभ बाहर निकाल के शालिनी धीरे धीरे नीचे बढ़ने लगी... अपनी जीभ भारत की छाती से लेके उसकी नाभि तक उसको चाटने लगी... उसकी जीन्स के ज़िपर के पास पहुँच के शालिनी ने भारत के लंड को उसके जीन्स से आज़ाद किया... एक उंगली से उसके इन्नर को उतार के शालिनी ने भारत के लंड को देखा तो उसके मूह में पानी सा आने लगा


"उम्म्म आहहहा.... अपनी माँ के बारे में सुनके हुआ ना यह ऐसा अहहहहा.." कहके शालिनी ने अपनी जीभ भारत के लंड के टोपे पे रखी और उसे टीज़ करने लगी... पहली बार भारत ने बेड पे लड़की को कंट्रोल दिया था.. आज सीमी और शालिनी की बातें, भारत के दिमाग़ को बंद कर चुकी थी.. जो हो रहा था वो बस उसे होने दे रहा था, उधर शालिनी अब उसके लंड को पूरा का पूरा मूह में उतार चुकी थी और लॉलीपोप की तरह उसे चूसे जा रही थी


"उम्म्म्म गन गन अहहहहा... उम्म्म अहहहहहाः गन गुणन्नहाहाहा.. " शालिनी भारत के लंड को चूसे जा रही थी और उसपे थूक थूक के उसे गीला किए जा रही थी...


"अहहहहहः ऑश अहहहहहहा..... उम्म्म्म अहहहहा" भारत सिर्फ़ इतना ही बोल पा रहा था.. जब शालिनी ने देखा के भारत बस सुन रहा है, उसने थोड़ा और आगे बढ़ने की कोशिश की..


"अहहहहा.... तेरी माँ का सुनके तेरा लंड देखा अहहहाः... कैसा हो गया है अहहाहा उम्म अहाहहा उम्म्म गन गुणन्ं अहहहहहा.. " शालिनी भारत के अंदर से उसके जज़्बात निकलवाना चाहती थी.. यह सुनके भी भारत बस मज़े ही लिए जा रहा था और एक हाथ आगे बढ़ा के शालिनी के चुचों को सहलाने लगा.. उन्हे दबाने लगा, निचोड़ने लगा..


"अहहहहः धीरे दबा अहहहहा.. तेरी माँ के चुचे नहीं है यह अहहाहा उफ़फ्फ़.... उम्म्म्म अहाहहा गुणन्ं गुणन्ं उम्म्म्म..." शालिनी अब आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी थी, वो बस भारत को किसी भी तरह इन्सेस्ट में डुबाना चाहती थी... उधर भारत आँखें बंद करके बस मज़े ले रहा था और शालिनी के चुचों को दबाने में व्यस्त था.. भारत के लंड को चूस चूस के शालिनी ने लाल कर दिया था.. उसका लंड एक विकराल रूप ले चुका था..


"अहहाहा.. साले हरामी अहाहहा.. तेरी माँ में ऐसा क्या है आहाहहा... हमे देख के तो इसने ऐसा रूप कभी नहीं लिया आअहहहा.." कहके शालिनी ने भारत के लंड को छोड़ा और उसके टट्टों को चूसने लगी... उसके टट्टों को चूस्ते चूस्ते शालिनी ने भारत के लंड को अपनी हथेली में लिया और उसकी मूठ मारने लगी...


"अहहहहहा सीसीसीसिस अहहहहा यूम्म उम्म्म्मा अहहहाहा .... आहहहाहाहहाहा तेरे टटटे भी तेरी माँ का नाम सुनके देख कैसे कड़क हो गये हैं अहहहहहहा... मम्मी को चोद ना बेटा अहहहः.. फक युवर मोम माइ सन अहहहाहा ..." कहके शालिनी ने भारत को उठाया और बेड के कोने में घोड़ी की पोज़िशन लेके चूत हवा में उठाई


"अहहहाहा यस बेटा फक युवर मोम ना अहहाहा... चोद ना अपनी माँ को बेटा अहहाहा आजा उम्म्म्मम.." शालिनी ने अपनी स्कर्ट उँची करके अपनी पैंटी नीची की और अपनी चूत हवा में उठा दी...


"अहहहहा बेटा फक युवर मोम ना अहहहः.. मेरा बेटा अहहहहा.. आजा ना तेरी सीमी मोम प्यासी है बहुत अहहः अहाहहा.. फक मी माइ मन अहहहहहा... मेरे मर्द बेटे अहहहहा आजा चोद ना अहाहहा" कहके शालिनी अपनी गान्ड को हवा में घुमाने लगी. यह देख भारत से रुका नहीं गया और अपने लंड को शालिनी के गान्ड पे सेट किया..


"अहहहहा अपनी मोम की गान्ड मारना चाहता है मेरा बेटा अहहहहा.. मार ले ना बेटा, तेरी ही है अहहः अहहाहा" कहके शालिनी ने अपनी गान्ड को पीछे एक धक्का दिया जिससे भारत का लंड उसकी गान्ड में हल्का सा घुस गया..


"आहहाहा उईईइइइम्म्म.. अपनी माँ को मारेगा क्या अहहहाहा...धीरे चोद ना मेरे बेटे आहहहहा. मैं तेरी ही हूँ अहहहमम्म्म" कहके शालिनी खुद ही अपनी गान्ड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगी.. धीरे धीरे भारत भी उसका साथ देने लगा और हल्के हल्के धक्के मारने लगा


"अहहहमम्म्म उम्म... अभी आया ना मेरे बेटे लाइन पे अहाहहाः. कैसा लग रहा है माँ को चोद के बेटा अहहहहहा...." शालिनी चुदवाते चुदवाते पीछे देखी और भारत को बोली.. भारत ने इसका कोई जवाब नहीं दिया और बस उसे चोदने में व्यस्त था.


"आहहहा बोल ना अहहाहा.. कैसा लग रहा है मेरे बेटे को मदर्चोद बनके अहहहहा.." शालिनी ने फिर भारत को देखा और उसे उकसाने लगी.... जब भारत ने जवाब नही दिया, शालिनी ने पीछे हाथ ले जाके उसके मूह पे कस्के एक तमाचा मारा जिससे भारत को झटका तो लगा पर उसके धक्के रुके नहीं


"बोल ना साले अहहहहः कैसा लग रहा है अपनी माँ को चोद के आहहाहः.." शालिनी ने उसके गले को दबा के पूछा... यह भारत के लिए बहुत था... भारत ने अपना लंड उसकी गान्ड से निकाला और शालिनी को घुमा के उसके होंठों पे टूट पड़ा और एक हाथ से उसके चुचे सहलाने लगा और एक हाथ से उसकी चूत सहलाने लगा


"उम्म्म आहाहहाहा मोम... अहाहहा आइ लव यू मोम अहहहहाहा... " भारत ने फाइनली वो कहा जो शालिनी सुनना चाहती थी

"उम्म्म.. अहहहाहा.. मोम अहहहहहा यस आइ लव यू मोम अहहहहहा... " कहके भारत शालिनी के होंठों को जंगली की तरह चूसने लगा.. होंठ चूस्ते चूस्ते भारत ने एक हाथ शालिनी के चुचों पे रखा और दूसरे हाथ से शालिनी की चूत को चोदने लगा.. तीन उंगलियाँ धीरे धीरे कर, शालिनी की चूत के अंदर बाहर होने लगी....


"अहहहहाहा बेटा अहाहहा मोम ऑल्सो लव्ड यू अहहहहा.. चूस ले ना इन्हे अहहहहा" कहके शालिनी ने भारत के मूह को लेके अपने चुचों पे रखा, और भारत भी किसी बच्चे की तरह शालिनी के पत्थर जैसे कड़क निपल्स को चूसने लगा...


"अहहहहा यआःा अहहहहः लव मी ना माइ सन अहहहहहा... गिव मी मोर अहहहहा" शालिनी मज़े से अपने सर को पीछे ले गयी और अपने पैर खोल के भारत को इजाज़त दी कि उसकी चूत को और मारे... यह देख भारत भी नीचे झुका और अपनी जीभ शालिनी की गरम बत्ती जैसी चूत पे रख दी.. जैसे ही भारत ने शालिनी की चूत पे जीभ रखी, शालिनी की चूत ने पानी छोड़ दिया जिसे भारत ने किसी पालतू कुत्ते की तरह चाट चाट के सॉफ कर दिया..
 
"अहहहमम्म्म.. हां बेटे अहहहाहा ऐसे ही अहहहाहा.. मॉमी की चूत चाटो ना अहहहहहहा.." कहके शालिनी ने भारत के बालों को पकड़ा और उसका मूह धंसा दिया अपनी चूत के अंदर... भारत भी मज़े ले लेके शालिनी की चूत को चाटने लगा


"स्लर्प स्लर्प आआहहहा. उम्म्म्म अहहहहहहहा मोम अहहहहहाहा आपकी चूत कितनी गरम है अहहहाहाः उम्म्म हाहहहहा" भारत शालिनी को सही में सीमी समझ के उसकी चूत चाटने लगा..


"अहहः हां बेटे अहहहः, तेरे लिए ही गरम हुई है अहहहहः उम्म्म यआहहाहाहा.. तेरा बाप तो अहहहहाहः उफ़फ्फ़.... चाट भी नहीं रहा आजकल मुहे अहहहहहहहा..उम्म्म यॅ भारत अहहहहहहहा...उफफफफ्फ़ नूऊऊ अहहहहहः और ज़ोर से बेटा अहहहहहहा हां आहननाना और ज़ोर से अहहहहहहहा" कहके शालिनी चिल्लाने लगी और एक बार फिर अपना पानी छोड़ दिया जो सीधा भारत के मूह पे जा गिरा.. जैसे ही शालिनी ने पानी छोड़ा, उसने भारत को नीचे से उठाया और फिर उसके होंठों पे टूट पड़ी


"उम्म्म अहाहहा बेटे मज़ा आया मोम्मी के साथ आहाहाहहहा" शालिनी ने भारत के लंड को पकड़ के कहा


"अहहहहा मम्मी अहहहहाहा उम्म्म्मम" भारत सिर्फ़ इतना ही कह पाया 


"उहह अहहः हहहही.. आजा ना मेरी जान अहहहहहा मम्मी की गान्ड पे भी कुछ रहम कर ना मेरा बच्चा अहहहहहहह" कहके शालिनी ने भारत को बेड पे पटका और खुद उल्टी दिशा में मूह करके कुत्ति बनके भारत के पेट पे बैठ गयी.. शालिनी की गान्ड की चमक भारत से देखी नहीं गयी और उसपे लगातार तमाचे बरसाने लगा..


"अहहहाहा धीरे ना अहहहहाहा" शालिनी भी मस्ती में आके चिल्लाने लगी और जवाब में भारत के लंड को हल्के हल्के थप्पड़ मारने लगी.. शालिनी और भारत दोनो इस कदर मस्ती में डूबे हुए थे कि वो भूल ही गये थे के वो लोग घर पे हैं.. सीमी का कमरा कुछ कदम की दूरी पे ही था.. जिस्म की माया में यह दोनो पूरी तरह डूब चुके थे... वापस नहीं आना चाहते थे यह लोग.. भारत ने तय कर लिया था , वो अब यहाँ से पीछे नहीं लौटेगा.. जिस आग को शालिनी ने हवा दी थी, उस आग को अब शालिनी ही भुजाएगी..


"अहहहः सीमी अहहहहहा... धीरे मार ना अहहहहा उम्म्म्म..." कहके भारत शालिनी की गान्ड के छेद को चाटने लगा, थूकने लगा.. कभी एक तो कभी दो उंगलियाँ उसकी गान्ड में घुसा देता.. जवाब में शालिनी भी भारत के पेर खोलके उसकी गान्ड के चीरे पे उसकी जीभ घूमती और पैर हवा में उठा के उसकी गान्ड के छेद में अपनी एक उंगली घुसा देती और बाहर निकाल के उसे चाट के सॉफ कर लेती...


"आहाआ मोम थक चुकी है बेटा आहहहहहा.. अब चोद डाल ना मेरा सोना बेटा अहहहहा..." कहके शालिनी ने सेम पोज़िशन में ही थोड़ा आगे होके अपनी गान्ड के छेद पे भारत के लंड को सेट किया और उसे इशारा किया... शालिनी का इशारा पाके भारत ने अपने लंड को अंदर बाहर करना चालू किया और शालीन बस बैठे बैठे भारत को गरम कर रही थी


"अहहहहा हां बेटा मम्मा को चोद आना अहहहहः.. कैसा लग रहा है मम्मा को चोद के बेटा अहहहः.. तेरा लंड तो तेरे बाप से भी बड़ा है मेरे बेटे अहहहाहा... साले मदर्चोद बेटे हाहहहा.... हाँ चोद ना मेरी जान अहहहहा.. यॅ फक युवर मॉमी ना अहहाहा उफ़फ्फ़......" कहके शालिनी अपनी गान्ड से भारत के लंड को ग्राइंड करने लगी जिससे भारत के लंड में अजीब सी गुदगुदी हुई और वो मस्ती में आ गया


"अहाहहाः मोम अहहहहा.. आइ लव यू अहहहा..... कितनी गरम हो अहहहहा.. पापा नहीं चोद्ते तो क्या अहहहहहा.. मैं हूँ ना अहहहहा... जैसे आपकी बहेन को और प्रीति का ख़याल रखता हूँ, वैसे ही आपका भी ध्यान रखूँगा अहहहहा.. हां मोम अहहहहाआ " 


"क्या बोल रहा है बेटा हाहहा.. तूने नताशा को भी चोदा आहहाहा..उम्म अहाहा यॅ फक मी हार्डर अहहहहहा " कहके शालिनी भी अब भारत के लंड पे कूदने लगी और उसकी गान्ड फाटती चली गयी.. करीब 10 मिनट के धक्कों के बाद शालिनी फिर झड़ी, और अब उससे रहा नहीं गया. वो भारत के लंड से नीचे उतरी और उसके लंड को हाथ में लेके हिलाने लगी\



"अहहहहहा बेटा झाड़ ना मेरे लिए अहहहहा.. ममा को पानी पीला ना अहहहहः मेरी प्यास भुझा दे ना अहहहहहा यॅ कम फॉर मी अहहहहा ओह्ह्ह्ह अहहहहहहहः ओह्ह्ह यूम्म म्म गन गन अहहहहहा" कहके शालिनी भारत के लंड को इतनी तेज़ी से हिलाने लगी के भारत को भी थोड़ा दर्द सा होने लगा.



"अहहाहा उफफफ्फ़.. ओह नो अहहहाहा आइम कमिंग अहहहहहहः" कहके भारत ने अपने लंड में अकड़न महसूस की और एक पूरा लोड शालिनी के मूह पे छोड़ दिया जिसे शालिनी ने बड़े ही नशीले अंदाज़ में चाट चाट के सॉफ किया.. जितना पानी हुआ उसने अपने अंदर गटक लिया और अपने हाथों को चाटने लगी और भारत की आँखों में देख कर हँसने लगी.... इसके बाद भारत और शालिनी अलग हुए. शालिनी वॉशरूम में जाके खुद को सॉफ करने लगी जब की भारत वहीं बेड पे लेटा रहा.. बड़ा ही अजीब लग रहा था उसे आज.. उसने ज़िंदगी में कभी नहीं सोचा था कि ऐसा भी कुछ होगा.. और वो भी शालिनी के साथ... जैसे ही शालिनी बाहर आई



"हाउ आर यू फीलिंग हीरो.." शालिनी ने टवल बेड पे फेंकते हुए कहा



"शालिनी.. सॉरी प्लीज़..." भारत ने अपनी आँखें झुकते हुए कहा


"सॉरी क्यूँ. यह तो मैने ही स्टार्ट किया था ना" शालिनी ने बेड पे बैठ के भारत के हाथ पकड़ के कहा


"नहीं शालिनी... नोट फॉर दिस... बात यह है कि..." भारत ने उसे सारी बात बता दी, कैसे उसने शालिनी के बाप को मना किया कि शालिनी को उस ना भेजे और मेहुल वाला प्लान जिसमे वो शालिनी का मिसयूज़ करने वाला था... यह सब सुन शालिनी को पहले एक झटका सा लगा...


"भारत आइ नेवेर एक्सपेक्टेड दिस फ्रॉम यू.. यू आर माइ बडी.. आइ लव यू लाइक एनितिंग आंड यू डिड दिस टू मी" शालिनी की आँखों में आँसू आने लगे


"शालिनी.. प्लीज़ डोंट क्राइ... यू आर माइ डार्लिंग, तभी तो तुझे बता दिया ना... आंड आइ प्रॉमिस, मेरी वजह से तुझे कभी दुख नहीं पहुँचेगा" भारत ने उसके पास बैठ के कहा


"अभी क्यूँ बताया यह सब.. मेरा मिसयूज़ कर लेता ना.. आइ मीन, तू तो मेरा बॉस बनने वाला है.. मैं तेरे ऑर्डर्स मान लेती.. " शालिनी ने मूह फेरते हुए कहा.. भारत ने शालिनी की इस बात का भी जवाब दिया.. भारत का जवाब सुन के शालिनी के नीचे से ज़मीन खिसक गयी.. वो तुरंत भारत से गले लगी



"भारत.. आइ लव यू आ लॉट.. मैं पूरी ज़िंदगी तेरे साथ स्पेंड कर सकती हूँ. तू जैसे कहेगा मैं वैसे करूँगी... आंड अभी तुझे निधि और उसके अंकल की सच्चाई भी पता लग चुकी है ना.. तो फिर अब तो तुझे कोई दिक्कत नहीं है मेरे प्यार से...' शालिनी ने उम्मीद भरी आँखों से भारत को देखा
 
"शालिनी.. पता है मुझे... बट अभी उन दोनो को सबक सिखाना बाकी है.. आंड तेरा प्यार हमेशा मेरे साथ है... मैं भी तुझसे ही शादी करूँगा.. तू ही मेरी जीवन साथी बनेगी... " कहके भारत ने शालिनी को गले लगाया और एक लाइट किस में डूब गये दोनो.. 


"मैं भी तेरे साथ दूँगी तेरे इस काम में... आंड एक और चीज़.. अब जब तूने कमिट किया है मुझे, तो हमारे रिश्ते में कोई बदलाव नहीं आना चाहिए.. हम जैसे बात करते हैं वैसे ही करेंगे ओके.. आंड हर वो चीज़ जो अब तक साथ की है.. उसमे कोई भी बदलाव नहीं... समझा ना" शालिनी ने उनकी चुदाई की तरफ इशारा करते हुए कहा.. इससे पहले भारत कुछ जवाब देता, उसके मोबाइल पे एसएमएस आया... जैसे ही भारत ने एसएमएस पढ़ा,. उसने वो शालिनी को दिखाया..


"हाहहहा... इसका भी कुछ सेट्ल करना पड़ेगा" शालिनी ने हंस के कहा और वो और भारत फिर सिगरेट के धुएँ में खो गये

"मॉर्निंग आंटी आंड अंकल.." शालिनी ने डाइनिंग टेबल पे बैठते हुए कहा


"मॉर्निंग बेटे.. तुम सुबह सुबह.. और यहाँ से कहाँ से... आइ मीन, तुम कब.." राकेश शालिनी को देख के थोड़ा शॉक्ड था


"उः अंकल.. जब तक मुझे यहाँ पे रेंट पे फ्लॅट मिलता है, तब तक भारत हॅज़ आस्क्ड मी टू स्टे ओवर.. आइ होप आपको कोई प्राब्लम नहीं है" शालिनी ने राकेश और सीमी को देखते हुए कहा


"ओफ़कौर्स नोट बेटा.. फील अट होम.. बट उससे पहले भारत को बुला लाओ, आज तुम लोगों का पहला दिन है, लेट होना अच्छी बात नहीं है" सीमी ने राकेश को नाश्ता देके कहा


"आंटी.. सॉरी हाँ, पर ऑफीस में वो मेरा बॉस है.. उसकी नींद खराब की तो वो मेरे करियर की लगा देगा.." शालिनी ने हँस के जवाब दिया और राकेश और सीमी भी उसके इस मज़ाक पे हँसने लगे.. तभी भारत भी उनके सामने से आने लगा.. काफ़ी टाइम के बाद भारत फ़ॉर्माल्स में आया था.. शालिनी तो उसको देख के बस उसपे फिदा ही हो गयी.. सीमी ने भी मज़ाक में सीटी मार के उसकी तारीफ़ की.. ब्लॅक शर्ट और ग्रे ट्राउज़र्स में भारत डॅशिंग लग रहा था.. ऐसा लग रहा था वो काम करने नहीं, लड़कियाँ पटाने कॉलेज जा रहा है..


"मॉर्निंग मोम. मॉर्निंग डॅड..." भारत ने उनके सामने बैठ के कहा और नाश्ता करने लगा.. सब लोग आपस में बातें कर रहे थे, कि भारत ने टेबल पे एक छोटा सा अनाउन्स्मेंट किया


"मोम.. डॅड... आप लोगों ने जो लड़की दिखाई मुझे कल.. उसका क्या जवाब आया" भारत ने जान बुझ के पूछा, क्यूँ कि वो जानता था के क्या जवाब होगा.. नताशा उसे सुबह को ही बता चुकी थी


"अरे बेटा.. फर्गेट हर... आज पहला दिन है, रिमेन फोकस्ड ऑन युवर वर्क.. " राकेश ने बात को इग्नोर करते हुए कहा



"मोम.. आप बताइए.. क्या कहा" भारत ने ज़ोर देते हुए कहा



"शी डिक्लाइंड डियर... उसने मना कर दिया.. यूआर रिजेक्टेड" सीमी ने गुस्से में भारत से कहा, जो देख भारत की खुशी फूले ना समाई


"उः.. मोम , डॅड... एक बात कहनी थी आपसे..." भारत ने उनका ध्यान खींचते हुए कहा


"बोलो बेटा... क्या कहना है.." " हां बोलो... क्या है" राकेश और सीमी ने कहा


"शालिनी.. आइ वान्ट टू मॅरी हर... " भारत ने शालिनी का हाथ पकड़ते हुए कहा\


भारत की यह बात सुन राकेश और सीमी थोड़ी देर के लिए शॉक हो गये.. राकेश ने इस बात की उम्मीद की थी, पर उसे लगा था कि भारत थोड़ा वक़्त लेके बोलेगा.. यह थोड़ा जल्दी बोल दिया उसने. वहीं सीमी बिल्कुल खुश नहीं लग रही थी.. शालिनी उसे बहुत पसंद थी, लेकिन बहू के रूप में नहीं.. शालिनी एक पर्फेक्ट लड़की थी भारत के लिए. उससे बेतहाशा प्यार करती थी, बिना किसी शर्त के.. और पैसों में भी कोई कमी नहीं थी.. फिर सीमी को क्या दिक्कत थी शालिनी से..


"मोम.. डॅड.. कुछ कहेंगे प्लीज़" भारत ने उन्हे देख कहा, और शालिनी वहाँ से उठ के नीचे गाड़ी में चली गयी.. शालिनी के जाते ही


"भारत.. नो वेस.. यह लड़की मेरी बहू नहीं बन सकती.. कभी नहीं" सीमी की आँखें लाल होने लगी थी


"बट मोम.." भारत कुछ कहता इससे पहले राकेश ने उसे टोका


"सीमी... वेट.. भारत बेटा, तुम ऑफीस जाओ.. वी कॅन डिसकस दिस लेटर... हॅव आ सूपर डे" कहके राकेश ने भारत को जाने का इशारा किया. जाते जाते भारत ने फिर सीमी को कहा


"मोम.. मैने आपसे क्या कहा... आइ वान्ट टू मॅरी शालिनी... मैने आपसे पूछा नहीं... मैं जो सोचता हूँ वो करता हूँ आप जानते हैं.. फिर चाहे उसमे मेरा नुकसान क्यूँ ना हो... आंड शाम तक का वक़्त है आपके पास.. कोई अच्छा रीज़न सोचिए जिसकी वजह से मैं उसके साथ शादी क्यूँ नहीं कर सकता... अगर वो ठीक लगा तो मैं आपकी बात मान लूँगा... नहीं तो आप जानते हैं मुझे" कहके भारत वहाँ से निकल गया.. सीमी को विश्वास नहीं हो रहा था कि भारत उसके साथ ऐसे भी बात कर सकता है.. वो ऑलरेडी गुस्सा थी कि उसने दीपा को क्या कहा था उनकी मीटिंग में.. पर उसे यह उम्मीद नहीं थी कि वो शालिनी से शादी करना चाहेगा.. 


"सीमी.. क्या परेशानी है शालिनी में" राकेश ने सीमी से पूछा, जिसका जवाब सीमी के पास नहीं था.. उधर गाड़ी में


"भारत.. क्या यह सही वक़्त था" शालिनी ने भारत से पूछा


"डार्लिंग.. सही काम के लिए वक़्त ग़लत या सही नहीं होता.. आंड इससे पहले के मेरा मन फिर पलट जाए, मैं तेरे साथ डील डन करना चाहता हूँ समझी" भारत ने हास के जवाब दिया.. शालिनी ने काफ़ी इंतेज़ार किया इस भारत का.... यह भारत का रूप था जो निधि ने उससे चुरा लिया था.. या यूँ कहो कि मेहुल ने चुराने की कोशिश की है.. खैर, दोनो बातें करते करते ऑफीस में पहुँचे जहाँ उन्होने सब से पहले श्रीवास्तव से मीटिंग की


"वेलकम गाइस.. आइ**चाइ वेल्कम्स यू ऑनबोर्ड..." श्रीवास्तव ने भारत और शालिनी से हाथ मिला के कहा..


"शालिनी.. तुम्हारा वर्क फ्लोर और क्रेडिट में तुम्हारा टीम लीडर कौन होगा, वो मैं तुम्हे जल्द बता देता हूँ.. पर उससे पहले, भारत. तुम यहाँ नहीं बैठोगे.. तुम्हारा कॅबिन और तुम्हारे डाइरेक्ट रेपॉर्टीस से तुम्हारा इंट्रोडक्षन हमारी वर्ली वाली ऑफीस में होगा" 


"शालिनी.. एक्सक्यूस मी प्लीज़..." भारत ने शालिनी को बाहर जाने के लिए कहा और शालिनी बाहर निकल गयी. 
 
"सर.. सुबह को ही मुझे भार्गव सर का फोन आया था. उन्होने आपको थॅंक्स कहा है कि आपने उनके कॅंपस को बहुत अच्छे मौके दिए हैं अपने टॅलेंट दिखाने के लिए.. पर साथ में उन्होने मुझे आपका ख़याल रखने को भी कहा है.. आप समझ रहे हैं ना" भारत ने एक हल्की सी स्माइल देके कहा, 


"हहहा.. यंग मॅन.. भार्गव ईज़ आ फ्रेंड... ठीक है.. यह सब तो कॉर्पोरेट में होता ही रहता है.. कोई बड़ी बात नहीं है"


'इसीलिए सर.. सिर्फ़ एक हेल्प चाहता हूँ मैं आपसे.. शालिनी की सीटिंग भी अगर मेरे साथ या मेरे पास हो तो.. मतलब, कम्यूटिंग में आसानी होगी.." भारत ने एक इल्लॉजिकल बात की जिसका नतीजा वो जानता था.. श्रीवास्तव ने सीधे सीधे मना कर दिया इसके लिए.. उधर शालिनी को उसके फ्लोर पे उसकी टीम और लीडर के साथ इंट्रोड्यूस करवाया गया... भारत और श्रीवास्तव चल पड़े वर्ली ऑफीस में जहाँ भारत के लिए उसके सारे डाइरेक्ट रेपॉर्टीस वेट कर रहे थे... वर्ली पहुँच के


"गाइस.. कम हियर फॉर आ सेकेंड.." श्रीवास्तव ने चिल्लाके सब को बुलाया जो लोग भारत के इंतेज़ार में बैठे हुए थे


"मीट युवर न्यू रिपोर्टिंग मॅनेजर.. मिस्टर भारत....." श्रीवास्तव ने आगे के लिए भारत को देख के कुछ पूछा


"ओह.. कीप इट सिंपल.... आइ आम भारत.. जस्ट भारत.. नो सर, नो बॉस" कहके भारत सबसे एक एक कर मिला..


"चलो भारत.. मैं चलता हूँ, आज दोपहर को तुम्हारा मॅनेजर.. मतलब ज़ोनल हेड तुमसे मिलने आएँगे... बी रेडी ओके" कहके श्रीवास्तव वहाँ से निकला... श्रीवास्तव के जाते ही भारत ने अपनी टीम को अपने कॅबिन में बुलाया


"मैं आप सबसे ज़्यादा फॉर्मल नहीं होना चाहूँगा.. हमारा मैं मिशन है बिज़्नेस लाना.. बिज़्नेस, समझते हैं.. मैं सिर्फ़ क्लाइंट्स को फाइनान्षियल प्रॉडक्ट्स नहीं बेचना चाहता.. बल्कि मैं चाहता हूँ कि हम उनकी ज़रूरत समझें और उसके हिसाब से हम उन्हे प्रॉडक्ट बेचें.. इससे उन्हे भी फ़ायदा है और हमे भी.. मेरी कॅबिन आप सब के लिए 24*7 ओपन है. आप को कहीं प्राब्लम हो रही है, आप मुझसे शेअर कर सकते हैं. चाहे वो पर्सनल हो या प्रोफेशनल.. आंड टीम में आइ डोंट वान्ट एनी डिस्प्यूट्स... फ्लोर पे मुझे कोई बच्चेदानी हरकत नहीं चाहिए.. मज़ाक करना ठीक है, पर वो मज़ाक किसी को चुभना नहीं चाहिए... आंड आप में से कोई एक लेड लेके मेरे साथ सेल्स के एमआइएस शेर कीजिए.. कहाँ कहाँ हम प्रॉब्लम्स फेस कर रहे हैं, क्या प्रॉब्लम्स हैं. सब मुझे बताइए... आंड साथ ही, हमारे क्लस्टर में 15 ब्रॅंचस आती हैं.. मुझे ब्रांच वाइज़ अकाउंट डीटेल्स चाहिए.. करेंट सेविंग्स वेल्त. एनी अकाउंट... मुझे टॉप 50 क्लाइंट की डीटेल्स चाहिए.. कितने एनपीआर है, ब्रांच वाइज़ आइ वान्ट दट ऑल्सो..." भारत ने यह सब ऐसे कहा जैसे वो ऑर्गनाइज़ेशन में पुराना हो..भारत की बात सुनके जब किसी ने जवाब नहीं दिया, उसने फिर कहा


"गाइस.. कौन देगा मुझे यह सब डेटा... टू पीपल प्लीज़ कम फॉर्वर्ड.." भारत ने धीरे से कहा. यह सुनके एक लड़का और एक लड़की आगे आई


"गुड.. कितनी देर में देंगे आप यह डेटा मुझे" भारत ने अपनी घड़ी देख के कहा


"सर... 3 अवर्स..." लड़के ने डर के कहा , उसे लगा शायद 3 घंटे ज़्यादा ना हो


"टेक 4 अवर्स.. बट डेटा ज़्यादा डीटेल्ड होना चाहिए. आंड नो एरर्स.. ओके.. थॅंक्स आ लॉट.." कहके भारत फिर अपनी कॅबिन में गया और बाहर देखने लगा... बाहर देख के वो सोचने लगा बस इस चीज़ में वो कामयाब हो जाए.. उसके बाद उसका करियर एक नये मोड़ पे जाएगा.. अगर सब प्लान के मुताबिक हुआ तो बॅंकिंग इंडस्ट्री का सबसे पवरफुल आदमी बनूंगा मैं... यह सब सोच भारत अंदर ही अंदर खुशी महसूस कर रहा था.... दरवाज़ा खटकने की आवाज़ से उसका ध्यान टूटा.. उसने मूड के देखा तो करीब 25-26 साल की एक लड़की उसके रेस्पॉन्स का वेट कर रही थी... 


"यस.. प्लीज़ कम इन" भारत ने उस लड़की को देख कहा.. लड़की क़यामत लग रही थी. टाइट शर्ट के नीचे ब्लॅक स्कर्ट और उसके बाल पीछे बँधे हुए एक दम सेक्रेटरी टाइप की लग रही थी



"सर.. मैने न्यू कार खरीदी है. उसी की खुशी में कुछ स्वीट्स लाई थी आपके लिए" लड़की ने झुक के कहा, जिससे उसके चुचे भारत को सॉफ दिखने लगा.. 


"थॅंक्स... कोंग्रथस.. वैसे आप का नाम क्या है, आंड विच टीम" भारत ने उसे इग्नोर करते हुए पूछा


"लीना.. मैं रिलेशन्षिप मॅनेजर हूँ" उस लड़की ने इस बार थोड़ा ज़्यादा मेहनत की झुकने में


"लीना.. स्वीट्स आर वेरी नाइस... आंड आप यह कपड़े फील्ड में पहेन के जाती हैं.. " भारत ने ताना मारते हुए कहा


"उः सर.. नो.. यस..." लड़की खामोश हो गयी


"लीना.. आप के स्लॅस फिगर दिखाएँगे मुझे प्लीज़.. आंड हां, यह स्वीट्स बनाने की रेसिपी प्लीज़ शेअर करेंगी आप मेरी गर्लफ्रेंड के साथ. उसे खाना बनाना बिल्कुल नहीं आता..." भारत ने इनडाइरेक्ट्ली उसे कह दिया "नोट इंट्रेस्टेड". भारत का जवाब सुनके वो लड़की मायूसी से बाहर निकली.. भारत खुश था, अगर यह पहले वाला भारत होता तो शायद इस लड़की के वारे न्यारे हो जाते.. पर भारत बदल चुका था.. क्यूँ कि उसे अब बदला लेना था.. मेहुल से... निधि से... आगे की प्लॅनिंग वो कर ही रहा था कि उसके मोबाइल पे प्रीति का फोन आया


"हाई चॅंप.. ऑफीस जाय्न किया" प्रीति ने अपनी खुशहाल आवाज़ में पूछा


"तेरा क्या हुआ.. इंटरव्यू डन.." भारत ने सवाल किया


"हां डन.. ऑफर लेटर दिया है.. सॅलरी कम है... मैने कहा कोई बात नहीं.. आपकी ऑफीस में रहके ही मैं इससे ज़्यादा बना लूँगी" प्रीति ने हँस के कहा


"चल गुड.. शालिनी भी हमारे साथ है... हां हां.. शी नोज इट.. शाम को तीनो मिलते हैं आंड डिसाइड करते हैं.. चल बाइ" जैसे ही भारत ने फोन रखा, उसके सामने आया उसका बॉस.. आदित्य


"यंग मॅन.. वेरी बिज़ी" आदित्य ने उसके सामने बैठ के कहा


"सर.. नो, बट मे आइ बॉदर यू टू प्लीज़ इंट्रोड्यूस युवरसेल्फ" भारत को नहीं पता था यह कौन है


"आदित्य.. युवर बॉस" आदित्य ने सिर्फ़ इतना ही कहा


"गुड मॉर्निंग सर.. आइ वाज़ नोट अवेर ... हाउ आर यू"


"आइम गुड.. आराम हो गया आपका" आदित्य ने एक अजीब सा मूह बना के कहा


"सॉरी सर..." भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा कि उसके दरवाज़े पे फिर नॉक हुआ.. वो बंदा सब डेटा ले आया था जो भारत ने मँगवाया था... भारत के हाथ में सब पेपर्स देख आदित्य को भी शॉक लगा


"यह सब क्या है.." आदित्य ने पेपर्स देख के कहा


"उः सर.. यह कुछ डेटा है जो मैने मँगवाया था.. मेरे पास लॅपटॉप नहीं आया अब तक.. तो टीम की हेल्प माँगी बस.." भारत ने पेपर्स आदित्य को पकड़ाते हुए कहा


आदित्य ने एक एक पेपर को ध्यान से देखा... हर एक पेपर को देख के उसपे डिस्कशन किया. भारत की राय जानी... आदित्य जो कभी उस ऑफीस में 15 मिनिट से ज़्यादा नहीं आता था, उसे अभी 3 घंटे हो गये थे यह सब डेटा पे डिस्कशन करते हुए. 3 घंटो में भारत ने ज़्यादा से ज़्यादा अपने व्यूस दिए.. अपनी नालेज बाँटी और वो इस्पे क्या क्या करना चाहेगा वो सब शेअर किया आदित्य से...


"भारत.. आइ कन्नोट बिलीव दिस.. इसका इंपॅक्ट बिज़्नेस पे कितना होगा, एनी आइडिया.. .." आदित्य ने पेपर्स को टेबल पे फेंकते हुए कहा


"आदित्य.. मैं काफ़ी पुराना नहीं हूँ.. आप मुझे कुछ टाइम दें तो मैं बता सकता हूँ" भारत ने हँस के जवाब दिया


"हाहहाहा.. गुड... आम इंप्रेस्ड भारत.. तुम मानोगे नहीं मैं यहाँ कभी 15 मिनट से ज़्यादा नहीं बैठता, बट आज तुमने पहले दिन में ही यह सब डेटा अनॅलिसिस, बिज़्नेस अनॅलिसिस.. बिलीव मी.. तुम बहुत आगे जाओगे. एनीवेस, हम मिलते हैं 3 दिन में.. हमारी कान्फरेन्स है लॅंड्स एंड में... वी विल डिसकस इट देअर.. बाइ" कहके आदित्य वहाँ से निकला.. आदित्य के जाते ही वहाँ बैठे सब जन गॉसिप में लग गये.. कोई कह रहा था कि आदित्य ने भारत की बहुत लगाई होगी, कोई कह रहा था कि आदित्य खुद उसे बिज़्नेस समझा रहा था.
 
"वी आर गेटिंग लेट.. कब निकल रहा है. उससे मिलने भी चलना है ना" शालिनी का एसएमएस आया भारत को.. वक़्त देखा तो शाम के 5 बज चुके थे... भारत ने तुरंत सब डेटा अपने साथ लिया और सब से सी ऑफ करके निकला... बीकेसी जाके उसने शालिनी को पिक अप किया और आदित्य के साथ की मीटिंग के बारे में बताया, और उस लड़की के बारे में भी


"अरे वाह डार्लिंग... आदित्य ईज़ आ टॉप गन.. गुड कि वो तुझसे इंप्रेस हुआ.. और रही बात उस लड़की की, मुझे मिलाना कभी." शालिनी ने भारत से कहा


"हाहहहा.. चल चिल अब... ले हम पहुँच गये" कहके भारत ने मुंबई एरपोर्ट की पार्किंग में गाड़ी लगाई. एरपोर्ट के अंदर जाते ही



"ओह माइ गॉड...आइ म सो एग्ज़ाइटेड फॉर यू..." कहके शालिनी दौड़ के सामने शक़्स से गले लगी"

"सो आम आइ डियर... तेरा जॉब कैसा है" रूबी ने शालिनी को जवाब दिया.. रूबी आज यूएस जा रही थी, उसकी जाय्निंग तो नहीं थी, पर गोल्ड्मन ने उसे थोड़ा जल्दी बुला लिया था, ताकि जब वो जाय्न करे तब उसे सब बिज़्नेस के इन आंड आउट की नालेज हो.. उसके साथ था सिड... शालिनी सिड से मिलके इतनी खुश नहीं थी.. लेकिन कॉलेज की बात अलग थी, अब वो लोग कॉर्पोरेट में जा रहे थे.. तो यह सब बातें भूल के शालिनी दोनो से बात कर रही थी और हँसी मज़ाक कर रही थी


"तेरी फ्लाइट कितने बजे की है" शालिनी ने रूबी से कहा


"फ्लाइट में तो अभी 6 घंटे हैं.. बट भारत नहीं आया" रूबी ने शालिनी से पूछा ही कि सामने उसे भारत आता दिखाई दिया...


"हाई डार्लिंग.. ऑल दा बेस्ट स्वीटहार्ट..." भारत ने रूबी को गले लगा के कहा


"थॅंक्स यार के तू आया...मुझे लगा तू आएगा ही नहीं.." रूबी और भारत की बातें होने लगी जिसमे शालिनी भी हिस्सा ले रही थी.. लेकिन सिड एक कोने में खड़ा बस उन्हे ही देखे जा रहा था... जब भारत ने यह देखा तो सोचा कि क्यूँ ना इसकी गान्ड में उंगली की जाए


"बेब.. प्लीज़ गेट मे आ कप ऑफ कॉफी.." भारत ने शालिनी से कहा, और वो रूबी के साथ बातें करते करते चली गयी


"तो.. यूएस क्या यह थोबड़ा ले जाएगा तू" भारत ने सिड से कहा, जिसका सिड ने कोई जवाब नहीं दिया


"अब ज़बान भी नहीं रही.. क्या बात है... वैसे अच्छा ही है तू यूएस जा रहा है, 2 महीने में शरोन यहाँ आ जाएगी.. फिर शरोन भी मेरी और शालिनी भी. तू उधर बैठ के हाथ गाड़ी चलाना..हहेहहेहेही" कहके भारत सिड का मज़ाक उड़ाने लगा.. सिड ने इसका भी कोई जवाब नही दिया


"अरे भाई, कुछ बोल... कॉलेज के दिन गये.. जो बीत गयी सो बात गयी... सब कुछ भूल के एक न्यू स्टार्ट करते हैं चल.. आंड डोंट वरी शरोन यहाँ नहीं आ रही.. वो तेरी ही है समझा " कहके भारत सिड से थोड़ा सीधा पेश आने लगा.. सिड अभी तक कोई जवाब नहीं दे रहा था.. दूर से उसने देखा तो रूबी और शालिनी उनके पास आ रही थी...


"अरे रूबी.. मैने सिड से तो पूछा , वो नहीं आ रहा.. तुम आ रही हो, कुछ खा लेते हैं, तुम्हारी फ्लाइट में तो अभी टाइम है" भारत ने शालिनी के हाथ से कॉफी लेते हुए कहा


"या श्योर... चलो... " कहके रूबी और शालिनी एग्ज़िट की तरफ निकले


'देख चूतिए.. कुछ बोलता तो अकेला नहीं रहता... " कहके भारत वहाँ से निकल गया और सिड फिर अकेला रह गया


एक बार फिर भारत ने साबित किया... इस दुनिया में पर्मनेंट कुछ नहीं है, ना ही दोस्त और ना ही दुश्मन.. सिड उसका दुश्मन कॉलेज का, आज तक समझ नही पाया भारत को जिसका फ़ायदा वो बखूबी उठाता रहा है और आगे भी शायद उठा सकता है.. सिड के दिल और दिमाग़ में बस यही बात थी, के उसे यह जॉब भारत की वजह से मिली है.. सिड अंदर से तो हार चुका था लेकिन वो अब भी कहीं ना कहीं मानता था , के एक दिन वो भारत को हराकर ही रहेगा.. खैर इन सब के बीच शालिनी और रूबी के साथ भारत खाने पहुँच गया और काफ़ी मज़े किए... अब तक रूबी को यह ख़याल नही था कि भारत और शालिनी एक दूसरे से शादी करने वाले हैं..


"मैं तुम लोगों को बहुत मिस करूँगी यार.. यूएस तो आओगे ना कभी, भारत तू आएगा ना" रूबी ने खाते खाते कहा


"यह अकेला क्यूँ आएगा.. हम साथ आएँगे, अगर सब ठीक हुआ तो हमारा हनिमून भी यूएस में ही मनेगा



"यह अकेला क्यूँ आएगा.. हम साथ आएँगे, अगर सब ठीक हुआ तो हमारा हनिमून भी यूएस में ही होगा" शालिनी ने उत्साह में आके कहा


"हनिमून... मैं कुछ समझी नही" रूबी को एक झटका लगा.. 
 
शालिनी ने सारी बात बताई रूबी को.. कैसे भारत ने उसे उस जाने से रोका और आगे की सब बातें. भारत ने भाँप लिया और वहाँ से उठ के कहीं दूर चला गया फोन करने के बहाने.. इधर रूबी के नीचे से ज़मीन खिसकने लगी... उसे भी भारत ने शादी का वादा किया था और वो अब तक यह समझ रही थी कि उन दोनो का रिश्ता अटूट है... शालिनी की बात सुनते सुनते रूबी की आँख तो ठीक थी, पर उसका दिल रोने लगा..


"शालिनी.. एक्सक्यूस मी, मैं अभी आई वॉशरूम से" कहके रूबी निकल गयी.. उसके जाते ही भारत टेबल पे वापस आया और शालिनी को उसके पीछे भेज दिया.. शालिनी बिना कुछ सवाल पूछे वहाँ से निकली रूबी को देखने के लिए.. उन दोनो के जाते ही भारत ने टेबल पे रखे रूबी के फोन का सिम कार्ड निकाल दिया..


"जल्दी आजा अंदर.." भारत ने किसी को फोन करके बुलाया.. 2 मिनट में भारत के सामने एक कॉलेज का लड़का खड़ा था


"इस सिम का क्लोन बनाने में कितना टाइम लगेगा" भारत ने पूछा उस लड़के से


"2 घंटे.. उससे ज़्यादा नही" उस लड़के ने जवाब दिया


"लेके निकल.. " भारत के कहते ही वो लड़का निकला और सामने से शालिनी और रूबी आए... रूबी की आँखें तो लाल थी, पर उसने खुद को संभाले हुए था


"क्या हुआ रूबी... " भारत ने बात समझते हुए भी जान बुझ के पूछा


"कुछ बता नही रही.. भारत, चलते हैं वापस एरपोर्ट" शालिनी ने भारत से कहा और दोनो गाड़ी की तरफ बढ़ गयी... भारत यही चाहता था, कि रूबी का ध्यान उसके मोबाइल की तरफ ना जाए.. उसने चुपके से उसके मोबाइल को अपनी पॉकेट में रखा और आगे बढ़ गया.. एरपोर्ट तक की 30 मिनिट की ड्राइव, रूबी के लिए काफ़ी लंबी थी आज.. पूरे रास्ते में शालिनी ने काफ़ी कोशिश की, लेकिन रूबी ने ज़्यादा बात नहीं की.. एरपोर्ट पहुँच के भारत दोनो लड़कियों के साथ अंदर जाके बैठ गया.. शालिनी ने फ़ैसला किया कि रूबी की फ्लाइट टेक ऑफ होने तक वो उसे अकेला नहीं छोड़ेगी.. सब कुछ सही जा रहा था, जैसा भारत चाहता था.. वो भी बिना किसी आर्ग्युमेंट के वहीं बैठ गया और बातों में व्यस्त हो गया.. ठीक 2 घंटे बाद उसे उस लड़के का फोन आया जिसको उसने रूबी का सिम दिया था क्लोन करने के लिए..


"एक्सक्यूस मी.. मैं अभी आया" कहके भारत वहाँ से उठा और बाहर जाके उस लड़के को उसके पैसे दिए और क्लोन हुआ सिम कार्ड ले लिया.. 


"शालिनी.. चलें, डॅड का फोन था. काफ़ी देर हो गयी है" भारत ने अंदर आके कहा.. शालिनी की दिल नहीं थी पर फिर भी वो भारत की बात मान के रूबी से गले मिलने लगी...


"उः रूबी.. यह तुम्हारा मोबाइल., उधर रेस्तरो में भूल गयी थी... और चेक कर लो, ठीक ही चल रहा है ना" भारत ने रूबी को मोबाइल देके कहा, रूबी ने उसे कोई जवाब ना दिया और मोबाइल अपने बॅग में डाल दिया.. 


"इसे क्या हुआ है.. मुझे कुछ समझ नही आ रहा यार" शालिनी ने गाड़ी में बैठते हुए कहा


"यह ले.. एक और कदम हमारे 50 करोड़ की तरफ का.." भारत ने उसे क्लोंड सिम कार्ड पकड़ाते हुए कहा


कुछ देर तक शालिनी को समझ नही आया और वो बस सिम कार्ड को देखती रही.. लेकिन जब उसे ख़याल आया..


"भारत.. यू कॅंट बे सीरीयस.. रूबी को इन सब में ख़तरा हो सकता है" शालिनी ने दबी हुई आवाज़ में कहा


"नहीं होगा.. यह मेरी गॅरेंटी है जानेमन... " भारत ने उसे जवाब दिया


"आंड 50 करोड़.. कल तक तो यह रकम 30 करोड़ थी.. अब अचानक"


"जब किसी की मारनी ही है तो अच्छी तरह मारु ना.. आंड पैसे कम नहीं पड़ने चाहिए.. अब बड़े स्केल पे कांड करना है, आदमी थोड़े ज़्यादा चाहिए.. जिनका बंदोबस्त भी हो जाएगा.. तू घबरा मत.. बस तेरा रोल क्लियर है ना तुझे.." 


"हां.. आइ आम ऑल्वेज़ वित यू.. अब चल, मम्मी वेट कर रही होगी.." शालिनी के इस जवाब के साथ उनकी गाड़ी घर की तरफ चल पड़ी


उधर सीमी को राकेश काफ़ी देर तक मना रहा था.. उसे मनने के चक्कर में उसने अपनी बहुत ही इम्पोर्टेंट मीटिंग भी कॅन्सल कर दी थी


"सीमी.. यह बच्चो जैसी ज़िद्द छोड़ो.. एक बुराई बताओ मुझे उस लड़की में" राकेश ने यह सवाल सीमी से कई बार पूछा लेकिन सीमी ने उसका कोई जवाब नई दिया.. और जवाब देती भी तो क्या , शालिनी में कुछ बुराई नही थी.. वो भारत से बहुत प्यार करती थी.. शायद सीमी से ज़्यादा.


"सीमी. कहीं तुम्हे यह डर तो नहीं कि शालिनी कहीं भारत को हम से दूर ना कर दे, शायद वो तुमसे ज़्यादा प्यार करती है भारत से" राकेश ने जैसे ही यह बात कही, सीमी के चेहरे के एक्सप्रेशन्स ही बदल गये, जिसे राकेश ने भी नोट किया


"सीमी... तुम्हारी यह बात बिल्कुल ग़लत है, मैने तुमसे कभी यह उम्मीद नहीं की थी"


"क्या उम्मीद की बात चल रही है इधर" इस आवाज़ से सीमी और राकेश ने जैसे ही अपने चेहरे दरवाज़े की तरफ किए, उनकी तो हवाइयाँ ही उड़ गयी

"डॅड... किसकी उम्मीदो की बात कर रहे हैं आप.." भारत ने अंदर आते हुए कहा.. थोड़ी देर के लिए सीमी और राकेश झेंप गये यह सोच के शायद भारत ने उनकी बातें सुन तो नहीं ली..


"कुछ नहीं बेटा.. तुम बताओ कैसा रहा ऑफीस में फर्स्ट डे.." सीमी ने भारत से पूछा


"अच्छा था मोम.. आज रूबी भी यूएस चली गयी तो उसी को एरपोर्ट सी ऑफ करने गये थे शालिनी और मैं.. इसलिए देर हो गयी"


"भारत.. मैने शालिनी के लिए हमारे उपर वाला फ्लॅट देख रखा है.. शी कॅन स्टे देअर" राकेश ने भारत से कहा


"बट डॅड.. इतना एक्सपेन्सिव कैसे पे करेगी वो रेंट.. " भारत ने इतना कहा ही कि राकेश ने बीच में टोक दिया


"अरे बेटा उपर वाले मल्होत्रा जी बाहर रहते हैं.. मैने उनसे बात की है, शालिनी जब तक चाहे वहाँ रह सकती है .. रेंट फ्री" 


"थॅंक्स डॅड.. अरे आओ शालिनी , डॅड और मैं तुम्हारी ही बात कर रहे थे, " भारत ने शालिनी से कहा जो उसकी बात हुई थी राकेश क साथ... यह सुन शालिनी काफ़ी खुश हुई, पर सीमी के रिक्षन देख उसने अपनी खुशी को दबा दिया


"चलो.. डिन्नर करके तुम्हारा समान शिफ्ट कर लेते हैं.. " सीमी ने शालिनी से कहा


"पर मोम.. अभी रात को... कल सुबह करवा लेना ना काम वाली मैड से.. अभी रात को कौन हेल्प करेगा.. शालिनी फ्रेश होके आओ, डिन्नर करते हैं फिर" भारत ने सीमी की यह बात भी नहीं मानी.. 


"मोम डॅड.. क्या सोचा आपने फिर आज सुबह के प्रपोज़ल के बारे में " भारत ने सीधा सवाल किया


"भारत.. मुझे और सीमी को कोई प्राब्लम नहीं है.. लेकिन फिलहाल आप करियर में सेट्ल हो जाओ.. शादी एक साल तक वेट कर सकती है" राकेश ने धीमी आवाज़ में कहा


"और मोम.. आप का जवाब" भारत ने सीमी को देख कहा


"भारत, मुझे कोई प्राब्लम नही है.. पर मैं शालिनी को ठीक तरह से नहीं जानती.. इसलिए मेरे जवाब से पहले मैं उसके साथ टाइम स्पेंड करना चाहती हूँ.. देखना चाहती हूँ उसकी लाइफ स्टाइल, उसका रहेन सहेन.. अगर मुझे तब पसंद आई तो ओके" सीमी ने अपना मास्टर स्ट्रोक खेला


"ठीक है मोम.. बस अब छुट्टी नही मिल सकती पर ऑफीस से. तो आप टाइम कब स्पेंड करेंगे" भारत ने सीमी की बात मानते हुए कहा


"नो वरीस सन.. यह वीकेंड तुम और तुम्हारे पापा कहीं बाहर जाओ.. मैं और शालिनी इधर रहेंगे.. अगर मुझे बात जमी तो उसी दिन मैं शालिनी के मोम डॅड से भी बात कर लूँगी" सीमी की इस बात से भारत काफ़ी खुश हुआ और राकेश ने भी सहमति जताई.. तब तक शालिनी भी फ्रेश होके आ गयी... खाना खाते वक़्त सीमी ने अपना आटिट्यूड थोड़ा शालिनी के प्रति चेंज किया जिससे भारत काफ़ी खुश था.. वो जानता था सीमी कभी उसे नाराज़ नही करेगी और वोही होने जा रहा था..

उधर..............................................................

"हाहहहाहा.... अब फँसा है वो साला हमारे चुंगुल में.. अब कांड वो करेगा, पैसा मेरा और फँसेगा वो खुद.... इससे अच्छा प्लान हो ही नहीं सकता मेरी भतीजी" मेहुल ने निधि को अपनी बाहों में खींच के कहा


"पर अंकल.. हम तो यह काम सिंपल तरीके से भी कर सकते थे ना.. आइ मीन आप मेरी शादी उसके साथ करवा देते, अल्टिमेट्ली उसके बाप के पैसे से आपकी मदद तो हो ही जाती ना.. " निधि , मेहुल की गोद में बैठी हुई थी और मेहुल अपने हाथ उसके लंबे घने बालों में घुमा रहा था..


"उम्म्म मेरी भतीजी... काश भगवान ने तुझे चुद्क्कड बदन के साथ तोड़ा दिमाग़ भी दिया होता.. आज तेरी शादी हुई है तो तेरा पति मुझे ऑलरेडी 20 करोड़ दे चुका है, और भारत मुझे 30 करोड़ का फ़ायदा करवाने वाला है. हो गये ना 50 करोड़.. फिर हम तेरे पति और भारत को लात मार के यहाँ से दूर किसी आइलॅंड पे जाके रहेंगे.. फिर तू और मैं.. तेरी चूत और मेरा लंड... उफफफफ्फ़.. मेरी रांड़ भतीजी, कूद कूद के चोदुन्गा तुझे तो हॅयेयियीई..." मेहुल ने उसके बालों को सूंघते हुए कहा और उसका हाथ निधि के उभरे हुए चुचों को भींच के कहा


"उम्म्म.. मेरे चाचा जी, आपकी बीवी भी तो है... उसका क्या करोगे, और यह मेरा बदन ही है जिसपे आप मरते हो.. दिमाग़ तो आपके खुद के पास भी है ना.." निधि ने अपनी गान्ड को मेहुल के लंड पे सेट किया और अपनी बाहों का हार बनके मेहुल से लिपट गयी.. निधि के बदन की खुश्बू मेहुल को पागल कर रही थी, जिसकी गवाही दे रहा था उसका हुंकार मारता लंड.. मेहुल के पॅंट पर से ही निधि को अंदाज़ा आ गया था कि उसका लंड कितना तड़प रहा है उसको चूत के लिए.. वक़्त ना बिगाड़ते हुए मेहुल ने अपने होंठ निधि के कोमल होंठों पे रख दिए..दोनो के बदन भट्टी जैसे गरम हो रहे थे...


"उम्म्म्म ....मवाहाहहहहहाः अहहहहहहाआहहः....." मेहुल ने निधि के होंठ चूस्ते चूस्ते उसकी टीशर्ट के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी ब्रा के उपर से उसके निपल्स को हाथ में लेके मसल्ने लगा


"उम्म्म आहहहाहा....मेरे अंकल अहहहाहा मवाहाहहहहहा...उम्म्म्म.... काश अहहहहहहा मेरे पति में उम्म्म्माहह इतना दम होता अहहहहहा यआःहहहहाः


"उम्म्मबहहाहा...यआःहहाहाः अहहहहहः और चूस ना मेरी रांड़ भतीजी अहहहाहाः.... अहहहहः ज़रा अपने अंकल के साँप को भी तो तेरे चुचों का दूध पिला दे ना अहाहाहः" मेहुल ने निधि से कहके उसका सर नीचे अपने लंड पे झुकाया...नीचे झुक के निधि ने मेहुल की पॅंट की ज़िप नीचे की..जैसे ही निधि ने अपना हाथ डाला मेहुल के लंड को पकड़ने के लिए, उसकी आँखें चमक गयी...मेहुल का लंड किसी लोहे की रोड की तरह गरम सा हो गया था...निधि के हाथों ने वो गर्माहट महसूस की तो उसकी चूत भी वो गर्मी से पनियाने लगी... निधि ने मेहुल के फन्फनाते साँप जैसे लंड को बाहर निकाला तो उसके मूह में जैसे पानी की नादिया सी बहने लगी.. मेहुल का लंबा काला लंड, उसकी नसें सॉफ दिख रही थी...निधि ने मेहुल के लंड के टोपे को अपने अंगूठे से नीचे किया तो मेहुल क सिसक निकल गयी, जिसे देख निधि की रांड़ जैसी हँसी निकली
 
"उफ़फ्फ़ अंकल...अभी तो सिर्फ़ टच ही किया है, अभी तो आपके साँप को मेरे बिल में घुसना बाकी है, उस वक़्त क्या होगा हाँ...." निधि ने अपनी चूत की तरफ इशारा करके कहा.. इसके जवाब में मेहुल ने कुछ ना कहके बस निधि के बालों को पकड़ा और उसके होंठ अपने तपते लंड पे रख दिए.. निधि भी देर ना करते हुए मेहुल के लंड के चुप्पे मारने लगी


"गुणन्ं गुणन्ञणन् गुउन्न्ञणन् अहहहहः सीईईईई....उम्म्म्म अहाहाहाहा ज्न्णकणणन् गुणन्ञन् अहहहहाहा..." निधि मेहुल के लंड को ऐसे चूसने लगी जैसी जन्मो की प्यासी हो 


"आहह मेरी भतीजी आहमम्म्म अपने अंकल के टट्टों को तो चूस ओह्ह्ह अहहहः...." यह सुनके निधि ने मेहुल के लंड को मुठिया लिया और अपनी जीभ मेहुल के टट्टों पे घूमने लगी..निधि मेहुल के लंड को मॅनचरियन बॉल्स की तरह चूसने लगी चाटने लगी


"आहाहहाहः..उम्म्म्म अहहाहाहः उंन्ं गुणन्ं अहहहहाहा...आहहः अंकल मेरे अहाहाहहाहा... आपका लंड अहहाहाः.उम्म्म अहाहाहः... रांड़ बन गयी हूँ आपके लंड के लिए अहहहहाहाहहः...हाननन नानाना यह दो ना मुझे आहहहाहः..." निधि के यह लफ्ज़ सुनके मेहुल ने भी अपनी उंगली निधि की चूत पे रख दी..मेहुल की उंगली महसूस करते ही निधि की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया जिससे मेहुल ने भी किसी वफ़ादार कुत्ते की तरह चाट के सॉफ कर दिया...


"आहहहः मेरी भतीजी अब आजा ना आहाहाहा.." कहके मेहुल ने निधि को घोड़ी पोज़िशन में सेट किया और दो उंगली उसकी चूत में डाल दी..निधि की चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी, इस वक़्त मेहुल का नही, अगर किसी गधे का लंड भी होता तो निधि की चूत में आसानी से फिसल जाता... मेहुल ने निधि के टॉप को उतार फेंका और उसके दो फडफडाते कबूतरों को ब्रा से आज़ादी दे दी..निधि के 34 के खरबूज़े हवा में झूलने लगे..मेहुल ने अपने साँप को निधि की चूत पे सेट किया और एक ही झटके में उसका लंड निधि की चूत में फिसल गया..मेहुल का लंड निधि की चूत की दीवारों से टकराने लगा..धीरे धीरे शुरू हुआ झटके , मेहुल तेज़ी से धक्के मारने लगा


"आहहह अंकल अहहहाहा और ज़ोर से चोदिये ना आहाहः उम्म्म्म अहहाहा..मेरे हलक तक आपका लंड आ रहा है अहाहाहः..."


"उम्म्म अहहः यॅ अहहहः... मेरी कुत्तिया बेटी अहहहः.. मेरी रंडी आहा आहा उफफफफ्फ़ उम्म्म्म यॅ अहहाहाः..."


"चोदिये ना इस रांड़ को अंकल अहहाहा..मेरे पापा उफ़फ्फ़ अहहाहा अहहः चोदिये ना अपनी कमिनि बेटी को अहाहाः यॅ अहहाहाः और ज़ोर से अहहहाहा..." 


रूम में उनकी चुदाई की आवाज़ गूंजने लगी...ठप्प्प ठप्प अहाहाहः यआःा अहहाहाहा...इन आवाज़ों से रूम में बस वासना की महक ही थी...भतीजी और चाचा का यह रूप किसी को भी बहका सकता था..निधि किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह चुदाई कर रही थी और मेहुल एक मशीन की तरह धक्के मारे जा रहा था


"आहहाहा हां चोदिये ना मुझे अहाहाहः...इस चूत की खुजली को मिटाओ ना अहहाहाः मेरे पपपा अहाहाहहहः अंकल अहहाहा उफ़फ्फ़ यॅ फक मी हार्डर ना आहाहहा हाँ ना प्लीज़ नाआहहहा...


निधि भीख माँग माँग के चुदवा रही थी.. और मेहुल भी उसपे कोई रहम बिना चोदे जा रहा था...


"आहहाहा बेटी मेरा पानी निकल रहा है अहहहाहा..." जैसे ही मेहुल ने यह कहा, निधि उसके लंड की गिरफ़्त से छूट के पलट गयी और उसके लंड को पकड़ के मूठ मारने लगी


"अहाहाहहहाहः अंकल यआःहा अहहः कम फॉर युवर स्लट अहाहाः यॅ आइ आम युवर स्लट ओह्ह्ह अहाहाहा... कितना बड़ा लंड है आपका.अहहाहा..गधे जैसा लंड है अहाहाहा..आओ ना प्लीज़ आहाहः मेरी प्यास बुझाओ ना आहाहहाहा..." निधि मेहुल के लंड के टोपे पे अंगूठा घुमाने लगी, मेहुल आए ज़्यादा बर्दाश्त नही हुआ और उसने अपना सारा पानी निधि के चुचों और उसके मूह पे छोड़ दिया..


"उम्म्म अहहाहा अंकल अहहा यआहहा..आपका माल भी कितना नमकीन और गाढ़ा है अहहाहा उम्म्म्म"


मेहुल और निधि एक बार फिर चूमने में व्यस्त हुए, तभी फिर मेहुल का फोन बजा


"यह क्यूँ कॉल..इस वक़्त" मेहुल ने मोबाइल पे नंबर देखते हुए कहा

"हां बोलो..हां मैं बाहर आया हूँ, हां ठीक है..नही खाने पे मेरा वेट नही करना..हर चीज़ में इतने सवाल मत करो.." कहके मेहुल ने फोन कट किया... 


"कौन था अंकल.." निधि ने अपनी गान्ड मटकाते हुए पूछा


"तेरी चाची थी...और कौन होगा.. एक बार भारत पैसे लेके मेरे पास आ जाए..फिर तू और मैं यहाँ से ऐसे गायब होंगे, जैसे हवा में धुआँ...फिर माँ चुदवाये तेरा पति और मेरी पत्नी" मेहुल ने गुस्से में कहा


"अरे मेरे अंकल..ठंड रखिए..मेरा पति तो वैसे भी थका हुआ है..55 साल के बुड्ढे में क्या हिम्मत..रही चाची की बात, आप उसका फ़ैसला मुझ पे छोड़िए" निधि ने अपने लिए सिगरेट जलाते हुए कहा


"शादी नही मेरी सेक्सी रांड़ बेटी..तुझे तो मैने उस बुड्ढे के पास बेचा था..तभी तो उसने मुझे 20 करोड़ रुपये दिए...सब पैसा भर के मैं आज़ाद हूँ, और भारत अब तक यह समझता है कि मैने मार्केट से कर्ज़ा लिया है और तू मुंबई के बाहर है" मेहुल ने निधि के चुचों पे अपने हाथ रखे और उन्हे मसल्ने लगा....इन दोनो के सेक्स का तूफान एक बार फिर आया और दोनो अपनी चुदाई में लग गये...
 
उधर, भारत काफ़ी खुश था कि सीमी ने उसका पॉज़िटिव रेस्पॉन्स दिया..शालिनी जैसी लड़की से शादी करने का सोच के वो खुश भी था..शालिनी एक अमीर लड़की थी, पर साथ ही साथ वो भारत के लिए दीवानी थी...एक लड़के को इससे ज़्यादा और क्या चाहिए...भारत यह सब सोच ही रहा था कि शालिनी उसके पास चुपके से आई


"हाई डार्लिंग.." शालिनी ने पीछे से भारत की गर्दन चूमते हुए कहा


"हाई बेबी..नींद नहीं आ रही क्या..." भारत ने जवाब दिया


"नहीं ना..जब मेरा स्वीटहार्ट जाग रहा है तो मैं कैसे सो सकती हूँ..वेट, कॉफी लाती हूँ हम दोनो के लिए" शालिनी एक बार फिर बाहर गयी और भारत अपने सामने पड़े पेपर्स को स्टडी करने लगा..10 मिनट में शालिनी भारत के पास कॉफी लेके आई और उसके साथ बैठ गयी


"यह क्या है..अब हमे आगे क्या करना है" शालिनी ने प्लान के लिए पूछा


"शालिनी..तुम क्रेडिट में हो, तो तुम सबसे पहले यह पता करो कस्टमर सर्विस के ज़रिए, कि एक इंसान के डेबिट कार्ड की विड्रोल लिमिट मॅग्ज़िमम कितनी हो सकती है.. हमें मॅग्ज़िमम लिमिट चाहिए.. और अगर कोई कस्टमर बॅंक की निर्धारित लिमिट से ज़्यादा रखना चाहे, तो उसका प्रोसीजर क्या है.. मैने प्रीति को बोल दिया है, वो सिस्टम्स स्टडी कर लेगी.ताकि हमे डेबिट कार्ड्स के पासवर्ड की इन्फ़ॉर्मेशन मिले" भारत ने कॉफी पीते हुए कहा


"पर भारत..हमे डेबिट कार्ड्स का पासवर्ड इन्फ़ॉर्मेशन कहाँ से मिलेगा" शालिनी भी कड़ी से कड़ी जोड़ना चाहती थी


" वो बॅंक के किसी सिस्टम को पता नहीं होता , लेकिन तब तक जब तक कस्टमर अपना पासवर्ड बदल नहीं देता... मेरे पास यह लिस्ट है..इस लिस्ट के मुताबिक, बॅंक की सबसे हाइ प्रोफाइल ब्रॅंचस, बांद्रा, फिर सांताक्रूज़, कफ पेरेड, फिर अंधेरी और फिर चर्चगेट.. हमारा टारगेट अगर यह कस्टमर्स रहेंगे तो हमारा काम हो जाएगा.. इन सब ब्रॅंचस में टोटल 15 ऐसे अकाउंट्स हैं जो नॉन ऑपरेशनल हैं.. इनमे सिर्फ़ पैसे जमा हो रहे हैं, कोई विड्रोल नही है..मैं कल आदित्य से डिसकस करके कस्टमर सर्विस के थ्रू इन सब कस्टमर्स को 5 दिन में एक छोटी सी पार्टी में बुलाता हूँ..यह कहके के हाइ प्रोफाइल कस्टमर्स हैं,,इनसे हमे इनवेस्टमेंट करवाना चाहिए..हम कुछ गेम्स भी रखेंगे ताकि इन सब का ध्यान वहीं रहे...अब हम गेम्स जो रखेंगे वो नो एलेक्ट्रिक ज़ोन में रखेंगे..नो एलेक्ट्रॉनिक ज़ोन ऐसी जगह होगी जहाँ कोई कस्टमर कोई गजेट नहीं ले जा सकेगा..बस एक दिक्कत है इस चीज़ में" भारत ने अपनी बात रोकते हुए कहा


"वो क्या"


"वो यह है डार्लिंग...कि इनके मोबाइल फोन्स से तो हम सिम क्लोनिंग कर लेंगे ताकि जब हम पैसे विड्रो करें तब विड्रो के एसएमएस इनके नंबर पे ना जायें..टेलिकॉम कंपनी के स्टोर्स पे मैने कुछ बंदे सेट किए हैं, ताकि जब पैसे विड्रो होते हैं, तब इनके ओरिजिनल सिम कार्ड की सर्विस बंद हो कुछ घंटों तक..बट चिंता यह है, कि मैं इनके डेबिट कार्ड्स की मॅग्नेटिक स्ट्रीप स्कीम कैसे करूँ..मुझे 10 कार्ड स्कीम करने में 10 मिनिट लगेंगे..बट वो 10 मिनिट में कहाँ से लाउ" भारत को ऐसे देख कर एक पल शालिनी को भी हैरानी हुई..वो यह सोचने लगी, इतनी मेहनत भारत किसी ज़्यादा प्रोडक्टिव काम में करे तो उसके लिए कितना अच्छा होगा


"भारत..तुमने अब तक पासवर्ड का नही बताया..आइ मीन कैसे" शालिनी ने फिर अपनी बात दोहराई


"अरे स्वीटी...पासवर्ड हमे पुराने कार्ड में चाहिए..लेकिन जब बॅंक इन्हे नये कार्ड्स इश्यू करेगी , तब तो पुराना कार्ड ब्लॉक होगा..जब हम इन्हे न्यू कार्ड इश्यू करेंगे न्यू लिमिट्स वाले, उस पासवर्ड के लिए प्रीति मेहनत कर रही है...हम जो इन्हे पार्टी देने वाले हैं, उसमे कहेंगे कि आप के पुराने कार्ड्स के बदले बॅंक आपको एक न्यू कार्ड दे रही है जो ज़्यादा फ़ायदेमंद है, और न्यू लिमिट्स वाले...जैसे ही वो कार्ड इश्यू होंगे, बॅंक 2 दिन में उनके पासवर्ड्स डेसपॅच करेगी..."


"हां..बट वो पासवर्ड्स डिसट्रिब्यूट होंगे आरपीसी से.. प्रीति क्या करेगी इसमे..." शालिनी किसी ऑडिटर की तरह सवाल कर रही थी


"आरपीसी का ही तो कांट्रॅक्ट बॅंक ने आउटसोर्स किया है जान..जो टच कंपनी हमारा सिस्टम्स देखती है..वो आरपीएम भी मॅनेज करती है.. तू बस कस्टमर सर्विस वालों के साथ अच्छी बना के रख, हो सके तो उसके हेड को दीवाना बना अपना..उससे आगे नही पर हाँ, आंड मैं आदित्य को देखता हूँ कल..तब तक शायद डेबिट कार्ड्स का भी कुछ ख़याल आ जाए" भारत ने अपनी कॉफी ख़तम करके कहा


"ऑफ कोर्स यार..आइ नो माइ लिमिट्स नाउ मेरे स्वीट वाले हब्बी...चलो अब सो जाओ...सुबह को जाना है ना ऑफीस.." यह कहके शालिनी अपने रूम के लिए निकली और भारत भी सब पेपर्स समेट के सो गया... भारत के रूम का दरवाज़ा बंद होते ही सीमी और राकेश के कमरे का दरवाज़ा खुला...धीरे धीरे कोई शालिनी के कमरे की तरफ बढ़ा..शालिनी अभी सोई ही थी कि दरवाज़ा नॉक होने की आवाज़ से उसकी नींद फिर खुली..घड़ी में रात के 2 बजे हुए थे... दरवाज़ा खुलते ही उसकी हल्की हल्की नींद भी उसकी आँखों से गायब हो गयी
 
"आप.. अभी.. प्लीज़ आइए ना आंटी" शालिनी ने सीमी के लिए जगह बनाई


"शालिनी..तुम अभी भारत के रूम में क्या कर रही थी.." सीमी ने अंदर आते ही सीधा सवाल किया


"कुछ नही आंटी..बस यूही थोड़ा ऑफीस का डिस्कशन था..उससे ज़्यादा नही" शालिनी ने घबरा के जवाब दिया


"शालिनी..अफीशियल डिस्कशन इन कपड़ों में" सीमी ने शालिनी के लूज टॅंक टॉप और उसके शॉर्ट्स की तरफ इशारा करके कहा


"आंटी..रात को मैं इसी मे सोती हूँ..आंड यह ऑफीस का डिस्कशन वाज़ अनप्लॅन्न्ड..इसीलिए"


"शालिनी..जब तक तुम शादी नहीं कर लेते, तब तक कंट्रोल युवरसेल्फ..मैं जानती हूँ छुप छुप के क्या हो रहा है" सीमी ने दबे लफ़ज़ो में कहा


"आंटी..सॉरी बट क्या हुआ, मैं कुछ समझी नहीं" शालिनी ने मासूम बनके सवाल पूछा


यह सुनके सीमी ने शालिनी के कमरे का दरवाज़ा बंद किया और स्टॉपर लगा दिया.. आगे बढ़ते हुए उसने अपना नाइट गाउन भी उतार दिया.. सीमी सिर्फ़ एक ट्रॅन्स्परेंट लाइनाये में थी जो देख शालिनी को भी एक झटका लगा.. सीमी ने अपने होंठ शालिनी के होंठों के एक दम पास ले जाके कहा


"कल रात तुमने जो तूफान भारत के कमरे में लाया था, मैं उसकी बात कर रही हूँ बहू रानी"

"आंटी..वो..." शालिनी के पास शब्द नहीं थे..सीमी ने उनकी सब कर्तुते देख ली थी, सुन ली थी..शालिनी फस चुकी थी..उसने जो सोचा था वो सब नहीं हो रहा था.. शालिनी की खामोशी का फ़ायदा उठना चाहती थी सीमी.. सीमी कुछ ना कुछ सोच के बस यह चाहती थी कि शालिनी इस घर में बहू बनके ना आए.. जैसे ही सीमी ने कुछ और बोलने क लिए अपना मूह खोला, शालिनी के रूम का दरवाज़ा नॉक हुआ..वो सुनके शालिनी की साँस में साँस आई..शालिनी ने सीमी से दूर होके दरवाज़े की तरफ कदम उठाए, लेकिन उससे पहले उसने सीमी को उसका नाइट गाउन थमा दिया..


"हाई..." शालिनी दरवाज़ा खोलके सिर्फ़ इतना ही कह पाई सामने खड़े भारत से


"इतनी देर क्यूँ दरवाज़ा खोलने में..." भारत ने अंदर आते हुए कहा, जब उसकी नज़र सीमी पे पड़ी


"मोम..आप यहाँ, इस वक़्त.." 


"तुम क्या कर रहे हो मुझे पूछना चाहिए यह" सीमी ने सवाल के जवाब में सवाल दिया


"मोम..मैं तो काम के लिए आया हूँ, कल हमारा इंडक्षन है ना..इसलिए"भारत ने अपने हाथ में पेपर्स दिखाते हुए कहा


"..चलो जल्दी अपने रूम में जाना..." कहके सीमी निकल गयी , वो भारत के और किसी सवाल का सामना नही करना चाहती थी..


इससे पहले भारत कुछ और बोलता, शालिनी ने उसे कहा


"भारत, जब तुम नये कार्ड्स डेसपॅच करने का प्लान कर रहे हो, तो व्हाट ईज़ दा यूज़, पुराने कार्ड्स की क्या ज़रूरत पड़ेगी तुम्हे


यह बात सुनके भारत कुछ देर वहीं खड़े शालिनी को देखता रहा, शालिनी भी उसे देख रही थी जैसे कुछ जवाब माँग रही हो


"राइट...यह बात दिमाग़ में क्यू नही आई.. कूल बेबी..गुड, सही सोचा तुमने" इतना कहके भारत ने उसका दरवाज़ा बंद किया और शालिनी के बेड पे जा बैठा


"तुम यहाँ क्यूँ आए हो..सोना नहीं है क्या" शालिनी भी उसके पास जाके बैठी और उसके बालों में हाथ घुमाने लगी


"उम्म्म...नही, पहले बताओ मोम यहाँ क्यूँ आई थी.."भारत ने शालिनी को अपनी बाहों में खींच के पूछा


शालिनी कुछ देर सोचती रही, के वो भारत को सच्चाई बताए कि नहीं, फिर उसके दिमाग़ में आया कि सीमी शायद अभी भी उनकी बातें सुन रही हो, इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा उसे सीमी और भारत के जिस्मो का मेलाप करवाने का...


"मोम तो यहीं है ना बेटा...कहाँ गयी है मेरे स्वीटहार्ट बेटे.."शालिनी ने जवाब दिया और भारत की गर्दन में अपनी गरम साँसें छोड़ने लगी...भारत को अंदाज़ा आ गया कि शालिनी क्या कह रही है और यही वो भी चाहता था


"उम्म्म आहहा बीवी...मेरी माँ को तेरे पास आते देखा आज..उफ़फ्फ़ उम्म्म..क्या गान्ड है उनकी उम्म्म्मम...अहाहाहाहा..."कहके भारत ने शालिनी को जल्द अपनी बाहों की गिरफ़्त में लिया जिससे शालिनी घोड़ी की पोज़िशन में आके भारत की गोद में बैठी..भारत और शालिनी का चेहरा आमने सामने था..भारत के मज़बूत हाथ शालिनी की मुलायम गान्ड पे थे और शालिनी ने भी आने हाथ भारत के मज़बूत कंधों पे रखे हुए थे...


"अहहाहा...मेरे मदर्चोद सैयाँ आहाहाहा..कितने बेशरम हो, अपनी बीवी के सामने अपनी माँ की गान्ड की बातें कर रहे हो आहाहः..."कहके शालिनी ने अपना एक हाथ आगे लिया और उंगलियाँ भारत के होंठों पे घुमाने लगी...भारत भी एक एक कर उसकी उंगलियों को चाट रहा था..


"उम्म्म अहाहाः मोम उफफफफ्फ़ क्या स्वाद है आपका आ आहा...आपके होंठ दो ना आहाहहहूंम्म्म अहाहा यूम्मम्म यूम्मम्मममममुंम्म अहहः" शालिनी और भारत एक दूसरे के होंठ चूसने लगे और जन्गलियो की तरह एक दूसरे पे टूट पड़े..


बाहर, जैसा इन दोनो का अंदाज़ा था, सीमी खड़ी थी और इन दोनो की बातों को सुन रही थी..सुनाई तो देगी ही बातें, शालिनी अंदर जान बुझ के चिल्ला रही थी और उसकी गर्मी देख भारत भी कंट्रोल नही कर पा रहा था... सीमी उनकी आवाज़ें सुन, बेचैन हुए जा रही थी...शालिनी और भारत का माँ बेटे का रॉल्प्ले उसे गरम तो कर ही रहा था लेकिन वो बस अब किसी भी तरह अंदर देखना चाहती थी..


"आआहहाहा..फक ना बेटे अहाहा..मम्मा को चोद ना आहहाहा..उनकी चूत में खुजली बढ़ गयी है, प्लीज़ मिटाओ ना आहाहः" अंदर से शालिनी ने भारत को कहा, जिसे सुन सीमी के माथे पे पसीना सा आ गया..सीमी समझ नहीं पा रही थी कि यह चीज़ उसे अच्छी नही लग रही, या उसे अनकंफर्टबल कर रही है...अपने मन को मार के सीमी ने हिम्मत जुटाई और नीचे झुकी ताकि वो के होल से कुछ देख सके..जैसे ही अंदर का नज़ारा सॉफ हुआ सीमी का हाथ खुद ब खुद अपने मूह पे आ गया...अंदर शालिनी भारत के लंड पे कूद कूद के चुदवा रही थी..भारत बेड के किनारे पे था और शालिनी पूरी नंगी होके उसके लंड पर जंप दे देके चुदवा रही थी और पूरी चुदाई को अश्लील कर रहे थे शालिनी और भारत के संवाद


"अहहहः यआहबहा अहाहा मोम आहाहाब....क्या गान्ड है आपकी अहाहाः...जब चलती हो तो लंड पे वार करती हो अहाहाहा...उपर से आपके चुचे अहाहाहा...कैसे मेनटेन किया है आपने आहाहः...यह चूत चुचे और चूतड़ आहाहा..किसी भी मर्द को आपका गुलाम बना दे"


"उ महाहहः धीरे चोद ना बेटे अहहा..यह चूत चुचे और चूतड़ तेरे लिए ही हैं मेरे बेटे अहाहाहाहा..मैं तो तेरी रांड़ हूँ ना आहाहाहा..रांड़ का फ़र्ज़ बनता है कि वो अपने ग्राहक को खुश रखे अहहहाहा...यह ले ना बेटा आहाहा..इसकी खुजली भी मिटा..." कहके शालिनी ने अपनी चूत से भारत का लंड निकाला और अपनी गान्ड के छेद को उसके लंड पे सेट किया और चुदवाने लगी..उसकी गान्ड में लंड आसानी से फिसल गया और सिम्मी को पक्का हो गया कि शालिनी की गान्ड इससे पहले भी कई बार चुद चुकी है...इन दोनो की चुदाई और बातें सुनके, सीमी भी अब धीरे धीरे गरम हो रही थी...हो भी क्यूँ ना, इतना तगड़ा मुस्सल और उपर से उसकी बहू उसके बेटे से उसकी माँ बनके चुदवा रही हो, किसी को भी गर्मी हो सकती है.. ना चाहते हुए भी सीमी का एक हाथ अपनी पैंटी के अंदर घुसा और धीरे धीरे अपनी चूत के दाने को रगड़ने लगी..ऐसा नहीं था कि राकेश उसका ख़याल नही रखता था, एक हफ्ते में राकेश और सीमी भी कम से कम 2 बार चुदाई करते थे...पर सीमी को सेक्स की भूख कुछ ज़्यादा थी...जिस दिन राकेश उसे ना चोदे, वो अपने हाथ से ही चूत का ख़याल रखती थी और आज वो दिन था...सीमी शालिनी के पास आई तो थी अपने जिस्म की आग को मिटाने, पर वो कर ना सकी...शालिनी जैसी बहू उसे मिलेगी तो सबसे ज़्यादा खुश सीमी ही होगी, क्यूँ कि शालिनी जैसी ओपन माइंडेड लड़की ही उसकी सेक्स की भूख का रास्ता निकाल सकती थी.. शालिनी के साथ दो दिन बिताना बस एक बहाना था सीमी का...अपनी चूत को रगड़ते रगड़ते सीमी ने एक बार फिर अपनी नज़र की होल में डाली, और डालते ही उसकी चूत से पानी की नादिया बहने लगी..अंदर भारत शालिनी को खड़े खड़े ही चोद रहा था, शालिनी ने अपने एक पैर को टेबल के भरोसे उँचा किया था और उसकी चूत में भारत का लंड घुसा हुआ था
 
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