hotaks444
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"यह क्या है... " प्रीति ने इशारा करके कहा
"यह डार्लिंग तेरे लिए है.. अगर हम कहीं फँसे तो निकलना असंभव है.. इसलिए मैं यह इंश्योर कर रहा हूँ हम फँसे ही नहीं.. चल बैठ" भारत ने प्रीति से कहा
"हाहहहहा.. तू साले एक दम हरामी टाइप का बंदा है..." प्रीति ने जवाब दिया और दोनो वहाँ से निकल गये.. प्रीति को ड्रॉप करके भारत घर पहुँचा.. घर जाके उसे बहुत खाली खाली लगा.. सीमी और राकेश अपने कमरे में थे.. पिछले कुछ दिन से प्रीति की मोजूदगी उसके घर में उसको अच्छी लगने लगी थी.. वो अपने रूम में गया और लिस्ट बनाने लगा.. उसके प्लान में जो चीज़े उसे काम लगेगी, वो उनकी लिस्ट बनाने लगा... उसे तलाश थी तो अब उन बन्दो की जो इसमे महत्व का काम करेंगे.. घड़ी में वक़्त देखा तो रात के 11 बज रहे थे...
"मुन्ना ही ला सकता है ऐसे बंदे.." कहके वो अपने रूम से निकला मुन्ना से मिलने के लिए.. जैसे ही वो अपने रूम से निकला, सीमी के रूम से पास से गुज़रते हुए उसे अंदर से कुछ आवाज़ सुनाई दी.. आवाज़ सुनके वो वहीं रुक गया.. उसे लगा कुछ गड़बड़ है, वहीं रुक के वो ध्यान से सुनने लगा.. करीब 10 सेकेंड में उसे एहसास हो गया अंदर क्या हो रहा है... उसने अपने आस पास देखा तो कोई नहीं था.. प्रीति से हुए उसके वाकये, उसे इन्सेस्ट के करीब ले जा रहे थे... वो सीमी को देखना चाहता था जब वो राकेश से चुदवा रही हो.. अजीब सी कशमकश में वो फस गया था... दिल और दिमाग़ एक दूसरे से लड़ रहे थे.. दिल की सुन के उसने की होल से देखना शुरू किया.. अंदर का नज़ारा देख उसकी आँखें बाहर आने लगी.. अंदर राकेश नहीं था, सीमी अपनी चूत में डिल्डो घुसा के खुद को ही चोद रही थी. अपना ड्रेस उँचा करके सीमी अपनी लाल सुर्ख चूत को रगडे ही जा रही थी.. उसकी उंगलियाँ तेज़ी से डिल्डो को अंदरबाहर कर रही थी..
"उफफफ्फ़ अहहहाहाहः... यआःा अहहहहहा फक मी हार्डर ना अहहाआहहहा... अहहहहहहाहा ओह अहहहहहहाहा" सीमी मस्ती में आके चिल्ला रही थी.. भारत बिना पलकें झपकाए सीमी को देखे जा रहा था.. करीब 5 मिनट में सीमी झड़ने लगी.... यह देख भारत भी वहाँ से उठ गया और जल्द मुन्ना से मिलने चला गया.. रास्ते भर भारत के दिमाग़ में सीमी का नज़ारा घूमने लगा..
"बिच.. शालिनी.. " भारत चिल्लाके अपनी गाड़ी चला रहा था.. आख़िर उसके दिमाग़ में इन्सेस्ट का बीज बोने वाली शालिनी ही तो थी... मुन्ना से मिलके भारत ने उसे अपनी ज़रूरत बताई
"साब कुछ बड़ा करने की फिराक में हैं क्या.. यह बहुत मुश्किल है" मुन्ना ने अपनी टपोरी आवाज़ में कहा
"इससे ज़्यादा चाहिए तो बोल... इससे ज़्यादा भी दे सकता हूँ, पर यह काम तो तू करेगा ही, और अगर किसी को पता चला कि मैने तुझसे क्या करवाया है, तो तू सोच ले.. जो आदमी तुझे बैठे बैठे इतने पैसे दे सकता है,वो तुझे रातो रात गायब करवा सकता है समझा" भारत ने नोटों की गड्डी फेंक के मुन्ना को दी
"अरे साब.. फिकर ना करें.. हो जाएगा पर वक़्त लगेगा थोड़ा"
"डेढ़ महीना है तेरे पास समझा.. इससे ज़्यादा नहीं..." कहके भारत वहाँ से निकला अपने घर की तरफ.. जैसे ही घर की पार्किंग के पास पहुँचा, उसे एक झटका सा लगा
"तुम यहाँ... इस वक़्त..."
"तुम यहाँ.. इस वक़्त क्या कर रही हो." भारत ने सामने खड़ी शालिनी से कहा
शालिनी उस वक़्त बहुत टेन्स्ड लग रही थी.. "भारत.. तुम कल काफ़ी टेन्षन में लग रहे थे.. मुझसे रहा नहीं गया इसलिए मैं सब सामान लेके अभी ही आ गयी.. होप यू डोंट माइंड"
"ओफकौर्स नोट बाबू... चल उपर.." भारत ने शालिनी का समान लिया और अपने घर ले आया.. सीमी अब तक अपने कमरे में ही थी, शायद सो गयी थी, इसलिए भारत शांति से शालिनी को अपने कमरे में लेके आया
"शालिनी.. इट्स ओके.. तू आराम से रह सकती है इधर... आंड चिंता मत कर.. मैं ठीक हूँ... " भारत ने शालिनी से कहा और दोनो आपसा में बातें करने लगे.. शालिनी और भारत दोनो को अगली सुबह ऑफीस जाय्न करनी थी.. रात के करीब 2 बज चुके थे, पर दोनो में से किसी को नींद नहीं आ रही थी.. दोनो बस बातें किए ही जा रहे थे
"शालिनी.. एक बात शेअर करूँ.. प्लीज़ ग़लत मत समझना... आंड किसी से नहीं कहना" भारत ने सिगरेट जलाते हुए कहा
" बोल ना.. तेरी कोई बात मैं किसी से शेअर क्यूँ करूँ.. बता" शालिनी ने आश्वासन देते हुए कहा
"शालिनी... जबसे प्रीति और नताशा वाला इन्सिडेंट हुआ है.. तब से पता नहीं क्यूँ, इन्सेस्ट मुझे अच्छा लगने लगा है..." भारत ने बहुत धीरे से कहा. यह सुनके शालिनी के चेहरे पे एक हल्की सी स्माइल आई
"ह्म्म.... और" शालिनी को पता चल गया के आगे भी कुछ कहेगा भारत
"और... अभी कुछ देर पहले.." भारत ने सारा किस्सा बताया.. उस दिन से लेके जिस दिन से भारत ने पहली बार सीमी को देखा था अपनी चूत में उंगली करते हुए, आज रात के किस्से के साथ..
"आइ न्यू दिस.. मुझे पता था, यह फीलिंग ग़लत नहीं है.. आंड तेरी बातें सुनने के बाद आइ आम श्योर... " शालिनी ने खुशी से कहा जो भारत को बहुत अजीब लगा
"यह क्या बोल रही है तू"
"हां.. यह बात जब मैने मेरी फरन्ड के साथ शेअर की थी, तो उसने कहा था के यह सब ग़लत है और बाकी सब बकवास.. मेरा मानना है यह के इन्सेस्ट हो या कुछ और.. सेक्स तो सेक्स है.. जब इस चूत में लंड जाता है ना तो यह नहीं दिखता.. जैसे तेरे इस लंड के नीचे नताशा और प्रीति की चूत थी, तुझे क्या फरक लगा... तू जैसे मेरी चूत मारता है, वैसे ही उनको चोद रहा था.. यह एहसास जो तुझे अब हो रहा है वो है जो फरक पैदा करता है... मेरे हिसाब से यह चीज़ ग़लत नहीं है.. अगर मुझे चोदने वाला खुश है और मैं भी खुश हूँ तो इसमे ग़लत क्या है.. मैं इस बात को इतना ज़्यादा सपोर्ट नहीं करती.. पर हां यह ग़लत भी नहीं है.. अगर इन्सेस्ट सेक्स हो जाता है तो उसमे कुछ ग़लत नहीं.. उस वक़्त का मज़ा लो और बस... इससे ज़्यादा क्या हो सकता है" शालिनी ने जैसे अपने दिल की बात खुल के कह दी आज भारत को.. शालिनी की यह बात सुनके भारत खामोश हो गया और सोचने लगा
"अरे इतना क्या सोच रहा है.. एक बात पूछूँ, सीधे सीधे जवाब देना हाँ" शालिनी ने भारत के सामने बैठ के कहा
"हां पूछ"
"तू अपनी मोम के बारे में सोचता है तो तेरा लंड खड़ा होता है" शालिनी ने भारत के लंड पे इशारा करके कहा.. इससे पहले भारत कुछ जवाब देता, शालिनी फिर बोली
"उः ओह... लगता है मुझे मेरा जवाब मिल ही गया हाँ.." शालिनी ने भारत के लंड पे देखा जो खड़ा था ऑलरेडी.. अब यह सीमी की वजह से था या शालिनी की वजह से, वो नहीं जानता था.. शालिनी ने धीरे से जीन्स के उपर से ही उसके लंड पे अपना हाथ घुमाया
"उम्म्म्ममममममममम......" भारत के मूह से सिसक निकली.... यह देख शालिनी ने भारत को हल्का धक्का दिया जिससे भारत बेड पे जा गिरा पीठ के बाल.. शालिनी ने धीरे धीरे आगे बढ़ के उसके पेट पे घोड़ी की पोज़िशन में बैठ गयी और उसकी शर्ट खोलने लगी.. शर्ट उतारते ही भारत की चिकनी छाती उसके सामने आ गयी...
"यह डार्लिंग तेरे लिए है.. अगर हम कहीं फँसे तो निकलना असंभव है.. इसलिए मैं यह इंश्योर कर रहा हूँ हम फँसे ही नहीं.. चल बैठ" भारत ने प्रीति से कहा
"हाहहहहा.. तू साले एक दम हरामी टाइप का बंदा है..." प्रीति ने जवाब दिया और दोनो वहाँ से निकल गये.. प्रीति को ड्रॉप करके भारत घर पहुँचा.. घर जाके उसे बहुत खाली खाली लगा.. सीमी और राकेश अपने कमरे में थे.. पिछले कुछ दिन से प्रीति की मोजूदगी उसके घर में उसको अच्छी लगने लगी थी.. वो अपने रूम में गया और लिस्ट बनाने लगा.. उसके प्लान में जो चीज़े उसे काम लगेगी, वो उनकी लिस्ट बनाने लगा... उसे तलाश थी तो अब उन बन्दो की जो इसमे महत्व का काम करेंगे.. घड़ी में वक़्त देखा तो रात के 11 बज रहे थे...
"मुन्ना ही ला सकता है ऐसे बंदे.." कहके वो अपने रूम से निकला मुन्ना से मिलने के लिए.. जैसे ही वो अपने रूम से निकला, सीमी के रूम से पास से गुज़रते हुए उसे अंदर से कुछ आवाज़ सुनाई दी.. आवाज़ सुनके वो वहीं रुक गया.. उसे लगा कुछ गड़बड़ है, वहीं रुक के वो ध्यान से सुनने लगा.. करीब 10 सेकेंड में उसे एहसास हो गया अंदर क्या हो रहा है... उसने अपने आस पास देखा तो कोई नहीं था.. प्रीति से हुए उसके वाकये, उसे इन्सेस्ट के करीब ले जा रहे थे... वो सीमी को देखना चाहता था जब वो राकेश से चुदवा रही हो.. अजीब सी कशमकश में वो फस गया था... दिल और दिमाग़ एक दूसरे से लड़ रहे थे.. दिल की सुन के उसने की होल से देखना शुरू किया.. अंदर का नज़ारा देख उसकी आँखें बाहर आने लगी.. अंदर राकेश नहीं था, सीमी अपनी चूत में डिल्डो घुसा के खुद को ही चोद रही थी. अपना ड्रेस उँचा करके सीमी अपनी लाल सुर्ख चूत को रगडे ही जा रही थी.. उसकी उंगलियाँ तेज़ी से डिल्डो को अंदरबाहर कर रही थी..
"उफफफ्फ़ अहहहाहाहः... यआःा अहहहहहा फक मी हार्डर ना अहहाआहहहा... अहहहहहहाहा ओह अहहहहहहाहा" सीमी मस्ती में आके चिल्ला रही थी.. भारत बिना पलकें झपकाए सीमी को देखे जा रहा था.. करीब 5 मिनट में सीमी झड़ने लगी.... यह देख भारत भी वहाँ से उठ गया और जल्द मुन्ना से मिलने चला गया.. रास्ते भर भारत के दिमाग़ में सीमी का नज़ारा घूमने लगा..
"बिच.. शालिनी.. " भारत चिल्लाके अपनी गाड़ी चला रहा था.. आख़िर उसके दिमाग़ में इन्सेस्ट का बीज बोने वाली शालिनी ही तो थी... मुन्ना से मिलके भारत ने उसे अपनी ज़रूरत बताई
"साब कुछ बड़ा करने की फिराक में हैं क्या.. यह बहुत मुश्किल है" मुन्ना ने अपनी टपोरी आवाज़ में कहा
"इससे ज़्यादा चाहिए तो बोल... इससे ज़्यादा भी दे सकता हूँ, पर यह काम तो तू करेगा ही, और अगर किसी को पता चला कि मैने तुझसे क्या करवाया है, तो तू सोच ले.. जो आदमी तुझे बैठे बैठे इतने पैसे दे सकता है,वो तुझे रातो रात गायब करवा सकता है समझा" भारत ने नोटों की गड्डी फेंक के मुन्ना को दी
"अरे साब.. फिकर ना करें.. हो जाएगा पर वक़्त लगेगा थोड़ा"
"डेढ़ महीना है तेरे पास समझा.. इससे ज़्यादा नहीं..." कहके भारत वहाँ से निकला अपने घर की तरफ.. जैसे ही घर की पार्किंग के पास पहुँचा, उसे एक झटका सा लगा
"तुम यहाँ... इस वक़्त..."
"तुम यहाँ.. इस वक़्त क्या कर रही हो." भारत ने सामने खड़ी शालिनी से कहा
शालिनी उस वक़्त बहुत टेन्स्ड लग रही थी.. "भारत.. तुम कल काफ़ी टेन्षन में लग रहे थे.. मुझसे रहा नहीं गया इसलिए मैं सब सामान लेके अभी ही आ गयी.. होप यू डोंट माइंड"
"ओफकौर्स नोट बाबू... चल उपर.." भारत ने शालिनी का समान लिया और अपने घर ले आया.. सीमी अब तक अपने कमरे में ही थी, शायद सो गयी थी, इसलिए भारत शांति से शालिनी को अपने कमरे में लेके आया
"शालिनी.. इट्स ओके.. तू आराम से रह सकती है इधर... आंड चिंता मत कर.. मैं ठीक हूँ... " भारत ने शालिनी से कहा और दोनो आपसा में बातें करने लगे.. शालिनी और भारत दोनो को अगली सुबह ऑफीस जाय्न करनी थी.. रात के करीब 2 बज चुके थे, पर दोनो में से किसी को नींद नहीं आ रही थी.. दोनो बस बातें किए ही जा रहे थे
"शालिनी.. एक बात शेअर करूँ.. प्लीज़ ग़लत मत समझना... आंड किसी से नहीं कहना" भारत ने सिगरेट जलाते हुए कहा
" बोल ना.. तेरी कोई बात मैं किसी से शेअर क्यूँ करूँ.. बता" शालिनी ने आश्वासन देते हुए कहा
"शालिनी... जबसे प्रीति और नताशा वाला इन्सिडेंट हुआ है.. तब से पता नहीं क्यूँ, इन्सेस्ट मुझे अच्छा लगने लगा है..." भारत ने बहुत धीरे से कहा. यह सुनके शालिनी के चेहरे पे एक हल्की सी स्माइल आई
"ह्म्म.... और" शालिनी को पता चल गया के आगे भी कुछ कहेगा भारत
"और... अभी कुछ देर पहले.." भारत ने सारा किस्सा बताया.. उस दिन से लेके जिस दिन से भारत ने पहली बार सीमी को देखा था अपनी चूत में उंगली करते हुए, आज रात के किस्से के साथ..
"आइ न्यू दिस.. मुझे पता था, यह फीलिंग ग़लत नहीं है.. आंड तेरी बातें सुनने के बाद आइ आम श्योर... " शालिनी ने खुशी से कहा जो भारत को बहुत अजीब लगा
"यह क्या बोल रही है तू"
"हां.. यह बात जब मैने मेरी फरन्ड के साथ शेअर की थी, तो उसने कहा था के यह सब ग़लत है और बाकी सब बकवास.. मेरा मानना है यह के इन्सेस्ट हो या कुछ और.. सेक्स तो सेक्स है.. जब इस चूत में लंड जाता है ना तो यह नहीं दिखता.. जैसे तेरे इस लंड के नीचे नताशा और प्रीति की चूत थी, तुझे क्या फरक लगा... तू जैसे मेरी चूत मारता है, वैसे ही उनको चोद रहा था.. यह एहसास जो तुझे अब हो रहा है वो है जो फरक पैदा करता है... मेरे हिसाब से यह चीज़ ग़लत नहीं है.. अगर मुझे चोदने वाला खुश है और मैं भी खुश हूँ तो इसमे ग़लत क्या है.. मैं इस बात को इतना ज़्यादा सपोर्ट नहीं करती.. पर हां यह ग़लत भी नहीं है.. अगर इन्सेस्ट सेक्स हो जाता है तो उसमे कुछ ग़लत नहीं.. उस वक़्त का मज़ा लो और बस... इससे ज़्यादा क्या हो सकता है" शालिनी ने जैसे अपने दिल की बात खुल के कह दी आज भारत को.. शालिनी की यह बात सुनके भारत खामोश हो गया और सोचने लगा
"अरे इतना क्या सोच रहा है.. एक बात पूछूँ, सीधे सीधे जवाब देना हाँ" शालिनी ने भारत के सामने बैठ के कहा
"हां पूछ"
"तू अपनी मोम के बारे में सोचता है तो तेरा लंड खड़ा होता है" शालिनी ने भारत के लंड पे इशारा करके कहा.. इससे पहले भारत कुछ जवाब देता, शालिनी फिर बोली
"उः ओह... लगता है मुझे मेरा जवाब मिल ही गया हाँ.." शालिनी ने भारत के लंड पे देखा जो खड़ा था ऑलरेडी.. अब यह सीमी की वजह से था या शालिनी की वजह से, वो नहीं जानता था.. शालिनी ने धीरे से जीन्स के उपर से ही उसके लंड पे अपना हाथ घुमाया
"उम्म्म्ममममममममम......" भारत के मूह से सिसक निकली.... यह देख शालिनी ने भारत को हल्का धक्का दिया जिससे भारत बेड पे जा गिरा पीठ के बाल.. शालिनी ने धीरे धीरे आगे बढ़ के उसके पेट पे घोड़ी की पोज़िशन में बैठ गयी और उसकी शर्ट खोलने लगी.. शर्ट उतारते ही भारत की चिकनी छाती उसके सामने आ गयी...