hotaks444
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क्लब से लौट के ज्योति अपने कमरे के लिए निकल गयी, शराब का हल्का सा नशा उसपे चढ़ा हुआ था इसलिए जब वो चल रही थी ज़रा सा लड़खड़ा भी रही थी, उसे देख के कोई भी कह सकता था कि उसने पी हुई है, और उसने इतनी ज़्यादा पी ली थी कि वो काफ़ी मुश्किलों से संभाल पा रही थी.. लेकिन धीरे धीरे कर वो आगे बढ़ रही थी और साथ ही साथ अपने कदमों को संभालने की कोशिश कर रही थी.. जैसे ही ज्योति कमरे के पास पहुँची, उसने जल्दी से कमरे का दरवाज़ा खोला और सामने का नज़ारा देखके उसके होश उड़ गये... उसके मूह से एक हल्की से चीख निकली, लेकिन वो चीख इतनी ज़ोर की थी कि सामने वाले को भी सुनाई दी... सामने राजवीर अपने मोबाइल में कुछ देख रहा था और अपना गधे समान लंड हिलाए जा रहा था....
राजवीर इतना खोया हुआ था कि उसे बिल्कुल होश नहीं था कब ज्योति ने दरवाज़ा खोला और वो अंदर आई, लेकिन जैसे ही ज्योति चीखी, राजवीर का ध्यान टूटा और उसने पीछे मूड के देखा.. ज्योति को देख राजवीर ने सबसे पहले अपना मोबाइल छुपा लिया और फिर पास में पड़े तकिये से अपने लंड को ढकने लगा...
"ओह माइ गॉड..आइ एम सॉरी, आइ थॉट... मुझे लगा यह मेरा कमरा है..." ज्योति ने अपनी आँखें दूसरी साइड घुमा के कहा और जल्दी से कमरे के बाहर निकल गयी और जाते जाते दरवाज़ा भी बंद कर दिया.. ज्योति ने खुद को संभाला और जल्दी से आगे बढ़ के अपने पास वाले कमरे में पहुँच गयी और कमरा बंद कर लिया.. अपने कमरे में घुसते ही ज्योति फिर अभी हुए हादसे के बारे में सोचने लगी...
"माइ गॉड.... डॅड क्या सोचेंगे, शिट यार,.... ईडियट मी.... व्हाट दा फक...." ज्योति ने खुद से कहा और कमरे में इधर उधर घूम के अपनी हरकत पे शर्मिंदा होने लगी..
"शिट... व्हाट हॅव आइ डन यार, हाउ विल आइ फेस हिम नाउ...." ज्योति ने फिर एक बार खुद से कहा और अपने बेड पे लेट गयी....
"नो यार, यह मैने क्या कर दिया...मैने डॅड को अपना लंड हिलाते हुए.... ओह्ह्ह्ह नो शिट यार..... यह मैं क्या कह रही हूँ.." ज्योति बेड पे लेटे लेटे फिर बौखलाने लगी...
जैसे ही ज्योति ने यह कहा, उसका ध्यान फिर राजवीर के लंड की साइज़ पे गया और उसका ध्यान इस्पे भी गया के राजवीर मोबाइल में कुछ देख रहा था...
"डॅड देख क्या रहे थे मोबाइल पे आख़िर...इतना बड़ा भी कभी किसी का होता है क्या..." ज्योति ने फिर इस बार खुद से कहा और इस बार राजवीर के लंड की तस्वीर ज्योति की आँखों के सामने आ गयी...
"कितना बड़ा था, ऐसा लग रहा था के कोई लोहे का पाइप हिल रहा है जैसे, उसकी नसें एक दम सॉफ दिख रही थी, और कितना चमकदार भी था...." ज्योति राजवीर के लंड की
तस्वीर बना के उसका ज़िक्र खुद से करने लगी
"इतना बड़ा कैसे आख़िर, डॅड ने कोई सर्जरी या ऐसी कोई ट्रीटमेंट तो नहीं करवाई...और मोम तो है नहीं, फिर इतना बड़ा करवाया क्यूँ है... नही नही, ऐसा कुछ नहीं है, शायद मेरी आँखों की कोई ग़लती होगी...." ज्योति ने फिर खुद से कहा और फिर आँखें बंद करके लेटी रही बिस्तर पे.. जैसे ही ज्योति ने आँखें बंद की, उसे फिर वोही दृश्य दिखाई दिया जिसमे राजवीर अपने लंड को हिलाए जा रहा था और मोबाइल में कुछ देख भी रहा था
जितना ज्योति राजवीर के लंड के बारे में सोचती, वो बार बार उसकी साइज़ का ज़िक्र ज़रूर करती खुद से.. ऐसा नहीं है कि उसे इन चीज़ों में ज्ञान नहीं था, उसने ज़रूर कोई लंड नहीं लिया था अपना अंदर, लेकिन पॉर्न देख के और दूसरी बातों सेउसे आइडिया आ गया था कि इतना बड़ा सिर्फ़ कॅमरा वर्क या कुछ आर्टिफिशियल तरीकों से होता है.. इसलिए वो बार बार खुद को कन्विन्स कर रही थी के नॅचुरली इतना बड़ा नहीं हो सकता
"उफफफफ्फ़... मैं बार बार वोही क्यूँ सोच रही हूँ.." कहके ज्योति उठी और सीधा जाके शवर में घुस गयी.... करीब 15 मिनट तक ज्योति शवर के नीचे रही लेकिन उसके दिमाग़ से फिर भी राजवीर के लंड का ख़याल नहीं गया... बाहर आके बिना कुछ पहने ज्योति बेड पे लेट गयी और सोने की कोशिश करने लगी... करवटें बदल बदल के थक गयी लेकिन उसके दिमाग़ से राजिवर के लंड का ख़याल नहीं गया, एसी चल रहा था फिर भी उसे गर्मी हो रही थी.. उसे लगा शायद सिगरेट से उसका ध्यान बटे, झट से अपनी क्लच निकाली और उसमे से एक सिगरेट लेके जला के उसके कश लेने लगी... जैसे जैसे सिगरेट के कश उसके अंदर जाते, वैसे वैसे उसका शरीर ढीला पड़ता और दिमाग़ ठंडा होता रहा..
"उम्म्म्म अहहह.. दिस ईज़ बेटर आह." कहके ज्योति फिर लेट गयी और दूसरी सिगरेट लेके सुलघा दी... सिगरेट ने उसके शरीर की गर्मी को थोड़ा ठंडा तो किया लेकिन उसका दिमाग़ अभी भी राजवीर के लंड पे ही था..
"आख़िर डॅड किसको देख के अपने लंड को हिला रहे थे..."ज्योति को यकीन नहीं हो रहा था कि वो अपने बाप के लिए ऐसे शब्द बोल रही है लेकिन अब क्यूँ की उसके दिमाग़ में तूफान थम चुका था, इसलिए वो रिलॅक्स्ड फील कर रही थी, लेकिन रह रह के उसके ज़हन में बार बार राजवीर के लंड की तस्वीर आ जाती... जैसे जैसे वक़्त बीत रहा था वैसे वैसे राजवीर के लंड ने ज्योति के दिमाग़ को घेर लिया था, ज्योति की चूत में भी अब चीटियाँ रेंगने लगी थी और जैसे ही ज्योति ने नीचे हाथ लगा के देखा उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी.. ऐसा पहली बार हुआ था ज्योति के साथ, के बिना हाथ लगाए ज्योति की चूत गीली हो चुकी थी... गीली चूत पे जैसे ही ज्योति ने उंगली घुमाई
"आहःस्स्सिईईईईई" उसकी सिसकारी निकल गयी...
राजवीर इतना खोया हुआ था कि उसे बिल्कुल होश नहीं था कब ज्योति ने दरवाज़ा खोला और वो अंदर आई, लेकिन जैसे ही ज्योति चीखी, राजवीर का ध्यान टूटा और उसने पीछे मूड के देखा.. ज्योति को देख राजवीर ने सबसे पहले अपना मोबाइल छुपा लिया और फिर पास में पड़े तकिये से अपने लंड को ढकने लगा...
"ओह माइ गॉड..आइ एम सॉरी, आइ थॉट... मुझे लगा यह मेरा कमरा है..." ज्योति ने अपनी आँखें दूसरी साइड घुमा के कहा और जल्दी से कमरे के बाहर निकल गयी और जाते जाते दरवाज़ा भी बंद कर दिया.. ज्योति ने खुद को संभाला और जल्दी से आगे बढ़ के अपने पास वाले कमरे में पहुँच गयी और कमरा बंद कर लिया.. अपने कमरे में घुसते ही ज्योति फिर अभी हुए हादसे के बारे में सोचने लगी...
"माइ गॉड.... डॅड क्या सोचेंगे, शिट यार,.... ईडियट मी.... व्हाट दा फक...." ज्योति ने खुद से कहा और कमरे में इधर उधर घूम के अपनी हरकत पे शर्मिंदा होने लगी..
"शिट... व्हाट हॅव आइ डन यार, हाउ विल आइ फेस हिम नाउ...." ज्योति ने फिर एक बार खुद से कहा और अपने बेड पे लेट गयी....
"नो यार, यह मैने क्या कर दिया...मैने डॅड को अपना लंड हिलाते हुए.... ओह्ह्ह्ह नो शिट यार..... यह मैं क्या कह रही हूँ.." ज्योति बेड पे लेटे लेटे फिर बौखलाने लगी...
जैसे ही ज्योति ने यह कहा, उसका ध्यान फिर राजवीर के लंड की साइज़ पे गया और उसका ध्यान इस्पे भी गया के राजवीर मोबाइल में कुछ देख रहा था...
"डॅड देख क्या रहे थे मोबाइल पे आख़िर...इतना बड़ा भी कभी किसी का होता है क्या..." ज्योति ने फिर इस बार खुद से कहा और इस बार राजवीर के लंड की तस्वीर ज्योति की आँखों के सामने आ गयी...
"कितना बड़ा था, ऐसा लग रहा था के कोई लोहे का पाइप हिल रहा है जैसे, उसकी नसें एक दम सॉफ दिख रही थी, और कितना चमकदार भी था...." ज्योति राजवीर के लंड की
तस्वीर बना के उसका ज़िक्र खुद से करने लगी
"इतना बड़ा कैसे आख़िर, डॅड ने कोई सर्जरी या ऐसी कोई ट्रीटमेंट तो नहीं करवाई...और मोम तो है नहीं, फिर इतना बड़ा करवाया क्यूँ है... नही नही, ऐसा कुछ नहीं है, शायद मेरी आँखों की कोई ग़लती होगी...." ज्योति ने फिर खुद से कहा और फिर आँखें बंद करके लेटी रही बिस्तर पे.. जैसे ही ज्योति ने आँखें बंद की, उसे फिर वोही दृश्य दिखाई दिया जिसमे राजवीर अपने लंड को हिलाए जा रहा था और मोबाइल में कुछ देख भी रहा था
जितना ज्योति राजवीर के लंड के बारे में सोचती, वो बार बार उसकी साइज़ का ज़िक्र ज़रूर करती खुद से.. ऐसा नहीं है कि उसे इन चीज़ों में ज्ञान नहीं था, उसने ज़रूर कोई लंड नहीं लिया था अपना अंदर, लेकिन पॉर्न देख के और दूसरी बातों सेउसे आइडिया आ गया था कि इतना बड़ा सिर्फ़ कॅमरा वर्क या कुछ आर्टिफिशियल तरीकों से होता है.. इसलिए वो बार बार खुद को कन्विन्स कर रही थी के नॅचुरली इतना बड़ा नहीं हो सकता
"उफफफफ्फ़... मैं बार बार वोही क्यूँ सोच रही हूँ.." कहके ज्योति उठी और सीधा जाके शवर में घुस गयी.... करीब 15 मिनट तक ज्योति शवर के नीचे रही लेकिन उसके दिमाग़ से फिर भी राजवीर के लंड का ख़याल नहीं गया... बाहर आके बिना कुछ पहने ज्योति बेड पे लेट गयी और सोने की कोशिश करने लगी... करवटें बदल बदल के थक गयी लेकिन उसके दिमाग़ से राजिवर के लंड का ख़याल नहीं गया, एसी चल रहा था फिर भी उसे गर्मी हो रही थी.. उसे लगा शायद सिगरेट से उसका ध्यान बटे, झट से अपनी क्लच निकाली और उसमे से एक सिगरेट लेके जला के उसके कश लेने लगी... जैसे जैसे सिगरेट के कश उसके अंदर जाते, वैसे वैसे उसका शरीर ढीला पड़ता और दिमाग़ ठंडा होता रहा..
"उम्म्म्म अहहह.. दिस ईज़ बेटर आह." कहके ज्योति फिर लेट गयी और दूसरी सिगरेट लेके सुलघा दी... सिगरेट ने उसके शरीर की गर्मी को थोड़ा ठंडा तो किया लेकिन उसका दिमाग़ अभी भी राजवीर के लंड पे ही था..
"आख़िर डॅड किसको देख के अपने लंड को हिला रहे थे..."ज्योति को यकीन नहीं हो रहा था कि वो अपने बाप के लिए ऐसे शब्द बोल रही है लेकिन अब क्यूँ की उसके दिमाग़ में तूफान थम चुका था, इसलिए वो रिलॅक्स्ड फील कर रही थी, लेकिन रह रह के उसके ज़हन में बार बार राजवीर के लंड की तस्वीर आ जाती... जैसे जैसे वक़्त बीत रहा था वैसे वैसे राजवीर के लंड ने ज्योति के दिमाग़ को घेर लिया था, ज्योति की चूत में भी अब चीटियाँ रेंगने लगी थी और जैसे ही ज्योति ने नीचे हाथ लगा के देखा उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी.. ऐसा पहली बार हुआ था ज्योति के साथ, के बिना हाथ लगाए ज्योति की चूत गीली हो चुकी थी... गीली चूत पे जैसे ही ज्योति ने उंगली घुमाई
"आहःस्स्सिईईईईई" उसकी सिसकारी निकल गयी...