hotaks444
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जैसे जैसे वक़्त बढ़ रहा था, वैसे वैसे वातावरण और खुशनुमा होता जाता.. पहाड़ों के बीच से सूरज निकलता हुआ काफ़ी रोचक कर देता है देखने वाले को, लेकिन इस वक़्त रिकी बाल्कनी में खड़े अपनी सोच में ही डूबा हुआ था.. शीना तीसरा कॉफी का कप लाई और रिकी के साथ खड़ी होके बाहर के नज़ारे को देखने लगी.. सुबह के 7 बजे थे लेकिन हवा अब तक सर्द थी और सुहासनी और स्नेहा अब तक कमरे से बाहर नहीं आए थे... शीना आज के दिन के लिए काफ़ी खुश थी, वो हमेशा से रिकी के ज़्यादा करीब जाना चाहती थी, लेकिन बीती रात की बातें जो रिकी ने उसके साथ की, उससे शीना को यकीन हो गया कि रिकी के करीब वो पहले से ही है, तभी तो रिकी ने उसके साथ सब बातें शेअर की..
"अच्छा भाई.. एक बात तो आपने बताई नहीं मुझे.." शीना ने कॉफी का सीप लेते हुए कहा
"सब तो बता दिया, अब बाकी क्या रहा.. चलो पूछो देखें क्या है.." रिकी ने हल्की सी मुस्कुराहट के साथ कहा
"भाई, आप की कोई गर्लफ्रेंड नहीं है लंडन में..." शीना ने काफ़ी ज़ोर दिया था गर्लफ्रेंड शब्द पे
"गर्लफ्रेंड नहीं.. लेकिन फ्रेंड्स हैं... इनफॅक्ट हमारा ग्रूप है और उसमे लड़कियाँ ज़्यादा हैं... काफ़ी मस्ती करते हैं, काफ़ी अच्छा वक़्त निकलता है उनके साथ... अब बस दो दिन और , फिर मैं वापस उन लोगों के पास पहुँच जाउन्गा..." रिकी ने कहके शीना की तरफ देखा जो खामोशी से उसके जवाब को सुन रही थी..
"नही, गर्लफ्रेंड है कि नहीं...." शीना ने फिर अपना सर झटक के कहा
"कहा तो फ्रेंड्स हैं, और लड़कियाँ हैं.. तो गर्लफ्रेंड्स हुई ना.." रिकी ने फिर हँस के कहा... रिकी जानता था कि शीना हमेशा से उसके बारे में पस्सेसिव रही है, रिकी जब भी घर आता, शीना की कोई ना कोई फरन्ड रिकी से मिलने को बोलती.. शीना हमेशा एक कवच की तरह थी, कम से कम लड़कियों के मामले में तो यह बात सही थी...
"भाई, मेरा मतलब है कि लवर है या नहीं.." लवर वर्ड पे शीना ने फिर से ज़ोर डालके कहा
"ओह... ऐसा बोल ना, नही.. आइ आम नोट डेटिंग एनिवन... वैसे क्यूँ पूछ रही है तू.." रिकी ने शीना के सर पे हाथ फिरा के कहा
"नहीं भाई.. ऐसे ही, आंड दूर ही रहना लड़कियों से समझे... फिर मुझे नहीं कहना कि मैने वॉर्न नहीं किया.." शीना ने रिकी को उंगली दिखा के कहा
"अरे तुम दोनो उठ गये..." सुहसनी ने पीछे से आवाज़ देते हुए कहा,
"हां माँ, बस अभी 20 मिनट हुए... कॉफी पी रहे थे.." शीना ने झूठ कहा और फिर कुछ देर तक इधर उधर की बातें करके सुहासनी फ्रेश होने चली गयी... सुहासनी के जाते ही
"चलो, हम भी फ्रेश होते हैं.. नही तो भाभी आ जाएगी यार...." रिकी ने शीना से कहा
"भाभी आ जाएगी तो..." शीना ने रिकी से खड़े रहने का इशारा करके कहा
"कुछ नहीं, बट आइ डोंट फील कॉन्फोर्टब्ले टॉकिंग विद हेर यार... मतलब, कुछ समझ नहीं आता, शी ईज़ वेरी.... वेरी....." रिकी को आगे का शब्द नहीं मिल रहा था
"स्ट्रेंज.. आइ नो...." शीना ने उसकी अधूरी लाइन को पूरा किया और अपने कमरे में जाने लगी... रिकी कुछ देर उधर ही खड़े रहके फिर उस काग़ज़ के बारे में सोचने लगा, फिर जब उसके दिमाग़ में कुछ क्लिक नही हुआ तो वहाँ से निकल के अपने रूम की ओर बढ़ गया....
उधर चेन्नई पहुँचते ही विक्रम ने इरीटा ग्रांड चोला में चेक इन करके अपने नेटवर्क के सभी बुक्कीस का वेट करने लगा... जैसे जैसे दिन ढलता गया वैसे वैसे उसके साथी बुक्की उससे मिलने पहुँचे.. सब के आ जाने बाद खाने का और दारू का दौर चालू हुआ और साथ ही आइपीएल के शेड्यूल की बातें..
"हां तो इस बार कौन जीतेगा,.." विक्रम ने काम की बात चालू की
"यह आप पूछ क्यूँ रहे हैं, आप कहते हैं वो जीत जाएगा, वैसे भी बीसीसीआइ का बाप है अपने साथ" एक बुक्की ने उसको जवाब दिया
"इस बार काम थोड़ा लो रहके करना है, काफ़ी बदलाव आने वाले हैं वर्किंग कमेटी और बीसीसीआइ में... और हां, यह रहे तुम सब लोगों के लिए फ़ोन.. हर एक फोन पे सब का नाम लिखा हुआ है, वो ले लो.. सब के नंबर्स रोमिंग पे हैं, मतलब मुंबई वाला पुणे का नंबर इस्तेमाल करेगा.. इससे थोड़ी सेफ्टी रहेगी हमारे लिए..." विक्रम ने सब को फोन्स पकड़ाते हुए कहा.. फोन्स लेके सब लोग देख ही रहे थे कि तभी विक्रम के रूम का दरवाज़ा नॉक हुआ.. इस तरह अचानक दरवाज़ा खटकने की आवाज़ से सब लोग एक बार सकपका गये, लेकिन फिर जब उन्होने अपनी घड़ी देखी तब उन्हे अंदाज़ा हो गया कि यह कौन हो सकता है
"अच्छा भाई.. एक बात तो आपने बताई नहीं मुझे.." शीना ने कॉफी का सीप लेते हुए कहा
"सब तो बता दिया, अब बाकी क्या रहा.. चलो पूछो देखें क्या है.." रिकी ने हल्की सी मुस्कुराहट के साथ कहा
"भाई, आप की कोई गर्लफ्रेंड नहीं है लंडन में..." शीना ने काफ़ी ज़ोर दिया था गर्लफ्रेंड शब्द पे
"गर्लफ्रेंड नहीं.. लेकिन फ्रेंड्स हैं... इनफॅक्ट हमारा ग्रूप है और उसमे लड़कियाँ ज़्यादा हैं... काफ़ी मस्ती करते हैं, काफ़ी अच्छा वक़्त निकलता है उनके साथ... अब बस दो दिन और , फिर मैं वापस उन लोगों के पास पहुँच जाउन्गा..." रिकी ने कहके शीना की तरफ देखा जो खामोशी से उसके जवाब को सुन रही थी..
"नही, गर्लफ्रेंड है कि नहीं...." शीना ने फिर अपना सर झटक के कहा
"कहा तो फ्रेंड्स हैं, और लड़कियाँ हैं.. तो गर्लफ्रेंड्स हुई ना.." रिकी ने फिर हँस के कहा... रिकी जानता था कि शीना हमेशा से उसके बारे में पस्सेसिव रही है, रिकी जब भी घर आता, शीना की कोई ना कोई फरन्ड रिकी से मिलने को बोलती.. शीना हमेशा एक कवच की तरह थी, कम से कम लड़कियों के मामले में तो यह बात सही थी...
"भाई, मेरा मतलब है कि लवर है या नहीं.." लवर वर्ड पे शीना ने फिर से ज़ोर डालके कहा
"ओह... ऐसा बोल ना, नही.. आइ आम नोट डेटिंग एनिवन... वैसे क्यूँ पूछ रही है तू.." रिकी ने शीना के सर पे हाथ फिरा के कहा
"नहीं भाई.. ऐसे ही, आंड दूर ही रहना लड़कियों से समझे... फिर मुझे नहीं कहना कि मैने वॉर्न नहीं किया.." शीना ने रिकी को उंगली दिखा के कहा
"अरे तुम दोनो उठ गये..." सुहसनी ने पीछे से आवाज़ देते हुए कहा,
"हां माँ, बस अभी 20 मिनट हुए... कॉफी पी रहे थे.." शीना ने झूठ कहा और फिर कुछ देर तक इधर उधर की बातें करके सुहासनी फ्रेश होने चली गयी... सुहासनी के जाते ही
"चलो, हम भी फ्रेश होते हैं.. नही तो भाभी आ जाएगी यार...." रिकी ने शीना से कहा
"भाभी आ जाएगी तो..." शीना ने रिकी से खड़े रहने का इशारा करके कहा
"कुछ नहीं, बट आइ डोंट फील कॉन्फोर्टब्ले टॉकिंग विद हेर यार... मतलब, कुछ समझ नहीं आता, शी ईज़ वेरी.... वेरी....." रिकी को आगे का शब्द नहीं मिल रहा था
"स्ट्रेंज.. आइ नो...." शीना ने उसकी अधूरी लाइन को पूरा किया और अपने कमरे में जाने लगी... रिकी कुछ देर उधर ही खड़े रहके फिर उस काग़ज़ के बारे में सोचने लगा, फिर जब उसके दिमाग़ में कुछ क्लिक नही हुआ तो वहाँ से निकल के अपने रूम की ओर बढ़ गया....
उधर चेन्नई पहुँचते ही विक्रम ने इरीटा ग्रांड चोला में चेक इन करके अपने नेटवर्क के सभी बुक्कीस का वेट करने लगा... जैसे जैसे दिन ढलता गया वैसे वैसे उसके साथी बुक्की उससे मिलने पहुँचे.. सब के आ जाने बाद खाने का और दारू का दौर चालू हुआ और साथ ही आइपीएल के शेड्यूल की बातें..
"हां तो इस बार कौन जीतेगा,.." विक्रम ने काम की बात चालू की
"यह आप पूछ क्यूँ रहे हैं, आप कहते हैं वो जीत जाएगा, वैसे भी बीसीसीआइ का बाप है अपने साथ" एक बुक्की ने उसको जवाब दिया
"इस बार काम थोड़ा लो रहके करना है, काफ़ी बदलाव आने वाले हैं वर्किंग कमेटी और बीसीसीआइ में... और हां, यह रहे तुम सब लोगों के लिए फ़ोन.. हर एक फोन पे सब का नाम लिखा हुआ है, वो ले लो.. सब के नंबर्स रोमिंग पे हैं, मतलब मुंबई वाला पुणे का नंबर इस्तेमाल करेगा.. इससे थोड़ी सेफ्टी रहेगी हमारे लिए..." विक्रम ने सब को फोन्स पकड़ाते हुए कहा.. फोन्स लेके सब लोग देख ही रहे थे कि तभी विक्रम के रूम का दरवाज़ा नॉक हुआ.. इस तरह अचानक दरवाज़ा खटकने की आवाज़ से सब लोग एक बार सकपका गये, लेकिन फिर जब उन्होने अपनी घड़ी देखी तब उन्हे अंदाज़ा हो गया कि यह कौन हो सकता है