hotaks444
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चुदाई का सिलसिला पार्ट-१
दोस्तों मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए आज एक ऐसी स्टोरी लेकर आया हूँ आप भी पढ़ कर मस्त हो जाएँगे ....दोस्तों ये स्टोरी उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगी...कोई ग़लती हो जाए तो मूवाफी चाहता हूँ...फिर शायद आपके मार्गदर्शन, सजेशन्स से उन कमियों को दूर कर सकू.. .मैं जिस सखश की स्टोरी लिखने जा रहा हूँ.....उनका नामे शशांक है ....और वो बड़े हे मधुर स्वभाव के है ....मैं उनको हमेशा “शास” कह कर ही बुलाता हूँ.....उनकी लाइफ मैं चुदाई का सिलसिला एक बार सुरू क्या हुआ की वो आज तक चल रहा है.......मैं भी करीब 24 साल से उनसे जुड़ा हूँ......मैं राज शर्मा उमर करीब 36 यियर्ज़ ...गोरा-चिटा रंग ... ...हाइट अबौट 5.6” है ... आज .भी नॉवजवान लगता हूँ ...पर जो शशांक की सरण मैं एक बार आ जाए... उसे फिर चैन कहाँ .... आज तक शास ने कितनी चूत चोदी या फाडी इसका तो उन्हे भी पता नही होगा..........उनकी पहेली चुदाई शुरू हुई शिरफ़ 1५ साल की उम्र मैं उसके गाँव की संतोष बुआ के साथ . संतोष एक बहुत ही मस्त और शानदार जिस्म की मालिक थी ऐसा लगता था जैसे कोई अप्सरा स्वर्ग से उतरी हो .... चाल मैं लचक भारी- भारी बूब्स, .... पतली कमर के साथ .....उभार लिए हुवे चूतड़(बटक) ....मन करता कि उसे बाहों मैं भरकर...... उमर भर चोदता ही रहे.........हर कदम पर उपर नीचे होते चूतर......गजब ढा जाते थे.....मगर अभी शास को इन सभी बातो की कोई खबर नही थी.....अल्हड़ मदमस्त......उभरता हुवा सूरज.....कोई भी लड़की उसके गुलाबी गुलाबी होटो और गालो पर किस करने के लिए तय्यार रहती थी....या बहाने ढूँढती रहती थी....एक दिन सुभह करीब 9 बजे शश के घर आई...... और शश की मोम्मी से बोली की भाभी ...... मुझे ज़रा खेत तक जाना है..... क्या मैं शश को साथ ले जाऊ.....शश की मम्मी ने कहा दिया की लेजाओ....किशी को क्या मालूम था.....कि संतोष का मन अंदर ही अंदर मानो उछाल भर रहा था.....शतोष बूवा ने शश का नाज़ुक मुलायम हाथ मैं लिया और लेकर खेतो की और चल दी.... संतोष का दिले ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था और अपने प्लान के बारे मैं....सोच सोच कर उसकी चूत पानी छोड़ रही थी......कभी कभी मस्ती मैं बूवा शश का हाथ दबा भी देती थी.....पेर बेचारे शश को क्या मालूम था कि क्या होने वाला है.... चुदाई के सिलसिले की शुरुआत आज ही होने जा रही है.....चलते-चलते कभी कभी बूवा शश के अंडरवेर पर आगे पीछे से ठप थापा कर भी मज़ा ले रही थी......धीरे धीरे जब वे दोनो खेत पर पहुँचे....तो बूवा ने चारो तरफ नज़र दोड़ाई......अक्टोबर का महीना था और चारो और गन्ना ही गन्ना ( सुगुर केन प्लांट) खड़ा हुवा था......अब बूवा ने अपने प्लान के मुताबिक काम करना शुरू कर दिया..... आओ शश इधर चले ........ दो गन्ने के खेतो के बीच छोटी सी पट्टी पर चलते हुए बूवा ने शश के अंडरवेर पर आगे एक हाथ लगाया और शश के छोटे लंड को छेड़ते हुवे पूछा...शश ये क्या है.......
शश. थोड़ा शर्मकार नूनी.....
बूवा. ये किस काम आती है...?
शश. सूशू करने के लिए.....
बूवा. बस शिरफ़ सूशू करने के लिए ही...?
शश. हा .फिर शरमाते हुवे बूवा का हाथ हटाते हुवे, कयौन्कि नूनी थोड़ा टाइट होने लगी थी और शश डरता था कि कही बूवा को पता ना चल जाए.
बूवा..जब ये शिरफ़ सूशू करने के काम आती है तो इतनी बड़ी क्यो है...? हमारे तो इतनी बड़ी नही है.................
शश.. आपकी छोटी है बूवा..?
बूवा.. हमारे तो है ही नही.....
शश. फिर बूवा आप सूशू केसे करती है...?
बूवा. तुम ही देख लो हाथ लगा कर....और बूवा ने शश का हाथ आपनी चूत पर फेर दिया, शनतोष के पैर कपकपाने लगे थे...चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी तभी वे दोनो खेत के बीच मैं आम(मंगोत्री) के नीचे पहुँच चुके थे....
शश. सच बूवा आपके नूनी नही है...?
बूवा. नही शश............................................. .......
शश...बूवा आपके नूनी कायों नही है फिर आप सूसू कैसे करती है...?
बूवा..हम लड़कीयो के नूनी की जगह और खास चीज़े होती है जिससे स्वर्ग की सैर करवाते है .
शश..वो कैसे बूवा....????
अभी तक वो आम के पेड़ के नीचे पड़ी चारपाई पर बैठ चुके थे....और बूवा आगे का प्लान मन ही मन बना रही थी...वासना का सरूर उस पर धीरे धीरे बढ़ता जा रहा था.....फिर भी उसके मन मैं द्वंद चल रहा था क्या ये बच्चा उसकी एच्छा पूरी कर पाएगा भी की नही......इसी उधेड़बुन मैं से उसने शश की और देखा और शश के गुलाबी हॉट चूम लिए..
बूवा..अक्च्छा तुम अपना अंडरवेर उतारो....तब बताती हूँ.......
शश.. अंडरवेर नही बूवा..मुझे शरम आती है....................
बूवा.. आरे नही शरम कैसी फिर मैं भी तुझे स्वर्ग का वो रास्ता दिखाउन्गी जो तूने कभी नही देखा...और लौट कर आने का मन भी नही करता है...बड़ा ही मज़ा आता है...उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म.....
शश.. आपने स्वर्ग का मज़ा देखा है...?
बूवा.. हाई एक बार सपने मैं (ड्रीम).. बड़ा ही मज़ा आया था आज तक उसे ही याद कर कर के मेरी गीली हो जाती है............
शश..बूवा काया गीली हो जाती है....???????????
बूवा..अर्रे अंडरवेर तो उतार सब दिखाती हूँ....और...स्वर्ग मैं भी ले चलूंगी....फिर देखना रोज़ (डेली) कहा करोगे बूवा स्वर्ग की सैर करा दो.....बस मज़ा ही मज़ा है..और बूवा ने आपने हाथो से ही शश का अंडरवेर खोल कर नीचे कर दिया.....
शश.. मुझे शरम आ रही है बूवा...........( और बूवा ने शश का लंड आपने हाथ मे पकड़ लिया और उसे निहारने लगी शिरफ़ 10 साल के शश का लंड , लंड का गुलाबी-गुलाबी सूपड़ा बूवा से नही रुका गया और उसे होंठो मैं ले लिया जैसे जनम जनम की प्यासी हो.......सब शरम हया से दूर चूमना शुरू कर दिया ....ये देखा कर बूवा हैरान हो गयी कि 10 साल के शश का लंड धीरे धीरे 6-7” का करीब 1 ½” मोटा हो गया था........... )
बूवा..अर्रे शश तेरा लंड तो बहुत बड़ा है.....?
शश..क्या इस नूनी को लंड कहते है बूवा फिर आप इसे चूम और चूस क्यों रही हो इतना बड़ा तो ये कभी कभी ही होता है...........
बूवा..शश इसे चूषने मैं जो मज़ा आ रहा था तुम्हें नही मालूम....बूवा ने शश के लंड को एक हाथ मे पकड़ लिया और दूसरे से आपनी सलवार का नाडा खोलने लगी.... नाडा खोलकर सलवार थोड़ी नीचे की.....देखा शश ये है आनंद द्वारा या मज़ा द्वार............शश ने देखा के घने काले बालो के बीच कुछ गुलाबी- गुलाबी सा नज़र आया....
बूवा... शश हाथ फेर कर देख..इसे चूत कहते है...ये जो तुमहरा लंड है ना ये इस घर मैं घुस जाता है तब स्वर्ग की सैर होती है.......शश ने दोनो हाथों से बूवा की चूत को छुआ बालों मैं हाथ फेरा और गुलाबी..गुलाबी जगह को भी छुआ...धीरे धीरे ......
शश.. बूवा इस चूत पर इतने घने काले बॉल क्यो है मेरे तो नही है......???? आ जाएगे अभी तुम छोटे हो ना....
बूवा....शश तुम नीचे मेरी टाँगो के बीच बैठ जाओ इस गुलाबी..गुलाबी चूत को ज़ोर ज़ोर से जीभ से चॅटो तो तुम्हे भी बड़ा मज़ा आयगा.....शश एक आगयाकारी बालक की तरह बूवा की टॅंगो के बीच बैठ गया और दोनो हाथो से चूत के दोनो के दरवाजे खोलकर बूवा की चूत को चाटने और चूसने लगा.......बूवा आcछि खुसबू आ रही है ....और ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा, ....नयी चूत को पी रहा था और चूत के पानी को नारियल (कोकनट) के पानी की तरह पीने लगा.....................................बूवा की हल्की हल्की सिसकारी निकलने लगी...उऊहह........आआआआअ.......आहह और ज़ोर से शश............आआआआहह.......बूवा ने शश का शिर पकड़ कर अपनी जाँघो के बीच ज़ोर से दबा रही थी........आआआआआआयययययययययययययययईईई हहााययययययययययययी..........जान्न्न्न्न....शाष्ह हहस्स्स्स्स्सस्स मज़ा आआ रहा है ज़रा और ज़ोर सीईईईई............उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म....एयाया हह.............फिर कुछ ही देर बाद बूवा ने शश का शिर ज़ोर से आपनी चूत पर दबा दिया............चट..ले..शश..........आअहह हह शश...............आआहह हह...और बूवा ने ज़ोर से मेडॅनियल (चूत का पानी) की पिचकारी शश के मुँह में छोड़ दी जिसे शश पता नही किस मज़े मैं गाटा गट पी गया...............और चूत को चाटता जा रहा था.......कुछ देर बाद बूवा कुछ ढीली पॅड गयी......
बूवा............शश कैसा लगा....
शश..अक्च्छा लगा बूवा...बड़ा ही खुश्बू दार स्वादिष्ट टेस्ट था.....
बूवा..अच्छा अब मेरे ऊपेर आ जाओ.....तब तक दोनो ने पूरे कपड़े उतार दिए थे.........देख शश ये चुचि (बूब्स) है...इन्हे धीरे धीरे दबा कर तो चूसो......देखो कैसा लगेगा??????? अब शश बूवा की दोनो चुचियाँ दबा..दबा कर चूस रहा था....बूवा सातवे आसमान मैं तैर्र रही थी ...चूत फिर पानी छोड़ने लगी थी, पहली बार जो किसी ने छुवा था उसके शरीर को.............शश एक माझे हुवे खिलाड़ी के तरह बूवा के दोनो बूब्स दबा दबा कर पी रहा था...........................
बूवा.........ने शश के लंड को हाथ से पकड़ा और चूत के मुह पर रख दिया...........शश मस्ती मैं चुचियाँ पी रहा था और हिलने के कारण उसके लंड का गुलाबी सूपड़ा चिपचपी चूत मैं दाखिल हो चुक्का था.........
बूवा..शश ज़रा धीरे धीरे इसे भी अंदर तो करो.......शश ने थोड़ी कोशिस की पर लंड आगे नही जा रहा था.....शश बूवा ये और अंदर नही, जाएगा.....................
बूवा.......जाएगा बेटे शश थोड़ा ज़ोर से धक्का तो मारो....शश ने थोड़ा ज़ोर से धक्का मारा पर लंड अंदर नही गया....शश मेरी दोनो चुचि पकड़ कर चूतड़ पीछे करके एक ज़ोर से जानदार धक्का मार कर देखो...शश ने एसा ही किया तो एस बार कोई चौथाई लंड बूवा की चूत मैं घुस गया......आआआआआआआआआआययययययययययययययययययययए ईईई बूवा की हल्की सी चीखा निकल गयी.....क्या हुआ बूवा शश कुछ डर कर बोला...........बूवा ने कहा कुछ नही धीरे धीरे धक्के मारते रहो................ ना जाने शश को क्या सूझी उसने अपना लंड बाहर खिचा और एक और ज़ोर से दमधार धक्का लगा दिया...इससे पहले कि बूवा संभाल पाती शश ने लंड थोडा बाहर निकाल कर एक और ज़ोर का धक्का मार .....
दिया.............बूवा की एक ज़ोर दार चीख निकल गयी............उउउह्ह्ह्हीईईइ म्माआअ आआआआआआआअहह आआआआआआअ....
बूवा...शश प्लीज़ ज़रा रुक जाओ तुमने तो मेरी फाड़ ही डाली वो दर्द से कराह रही थी...शश एक बार फिर चुचियाँ पीने मैं मस्त हो गया.........
शास..धीरे धीरे बूवा संतोष की चुचिया(बूब्स) दबाते चूस्ते हुवे बूवा के होंठो तक चला गया......अब शास बूवा के होंठ बड़ी ही तन्मयता से चूस रहा था....बूवा के होटो को चुमेते हुवे उसे बड़ा ही आक्च्छा लग रहा था......संतोष (बूवा) शास के इस अंदाज से और मस्त होती जा रही थी वह नही समझ पा रही थी कि एक 1५ साल का लड़का इतनी मस्त चुदाई कैसे कर रहा है......बूवा अब दर्द भूलकर मस्त होने लगी थी....
बूवा...शास ज़रा धीरे धीरे अंदर बाहर करो...शास ने तुरंत बूवा की अग्या का पालन करते हुवे बूवा की चूत मैं धंसा लंड अंदर-बाहर करना सुरू कर दिया.....अब बूवा का दर्द बिल्कुल ख़तम हो गया था और वो चुदाई का पूरा अन्नंद ले रही थी...अब तो बूवा भी चूतड़ उछाल उछाल कर पूरा लंड चूत मैं ले रही थी...
बूवा..शास अब ज़रा तेज तेज कर ना.....शास एक चुदाई मशीन की तरह लगा रहा और शास के धक्को की स्पीड बढ़ती जा रही थी....लगभग 10-15 मिनिट के बाद एक तूफान सा आया और बूवा उछाल उछाल कर पूरा लंड अंदर ले रही थी.....बूवा के हाथ शास के चूटर पर थे और वो अपने हाथो से शास के धक्कू को और ज़यादा स्पीड दे रही थी....फिर तूफान अपने चरम पर आया और बूवा ने शास को अपनी बाँहो मैं भरकर पूरी तरह से जाकड़ लिया..................उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म म्म्म्म्म्म्माआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउ ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवुयीईयेयीक छ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ के साथ बूवा के आँखे बंद होती चली गयी.............................................. ....................................फिर एक शांति सी छा गई.......शास भी इशारा समझ कर...लंड अंदर डाले ही बूवा के उप्पेर लेटा रहा............फिर बूवा ने शश को अप्पर से अपनी बराबर मैं चारपाई पर आने को कहा....शश का लंड अभी भी लोहे की छड़ की तरह टाइट था ....और सूपड़ा और लाल हो गया था.......शास का लंड बूवा की चूत से निकलते ही कुछ बूँद खून की चूत से निकल आई.......बूवा ने शास के होंठ चूम लिए.... शास आज तुमने जो मज़ा दिया है ये जनम जनम तक याद रहेगा.......
शास...बूवा आपने तो कहा था कि आप मुझे स्वर्ग की सैर कराएँगी......
बूवा...शास तुम्हे मज़ा नही आया..????????????????
शास....नही बूवा मज़ा तो नही. आया...स्वर्ग मैं भी नही गया.....
बूवा...तुम्हे आक्च्छा नही लगा?????????????
शास..अक्च्छा तो लगा.,.. पर मज़ा नही आया मेरी नूनी भी अकड़ कर दूख कर रही है....
बूवा..बूवा ने शास के लंड को देखा वो अभी भी खड़ा था और पहले से भी गुलाबी हो गया था....बूवा ने शास का लंड अपने मूह मे भर लिया......और धीरे धीरे चूसने लगी...तभी शास की नज़र बूवा की खुली हुई चूत पर पड़ी...और खून निकलता देखा कर घबरा गया...
शास...बूवा आपकी चूत मैं से खून निकल रहा है.............
बूवा...कई बात नही...आज तुमने मेरी सील तोड़ दी है इसी लिए ये खून निकल रहा है....
शास..अब क्या होगा बूवा..???????????????????
बूवा...कुछ नही होगा...चिंता मत कर , जब कोई कुँवारी लड़की पहेली बार चुदति है तो खून निकलता है.....इसे सील टूटना कहते है..............
शास ..बूवा सील टूटने से खून क्यो निकलता है..???????????? क्या डॉक्टर को दिखना पड़ेगा अब..???????
बूवा.. नही शास डॉक्टर को दिखाने की ज़रूरत नही है, ये तो सभी लड़कियों के साथ होता है.. पहली बार जब लंड चूत मैं जाता है तो सील टूट ही जाती है.........
शास. फिर अब कैसे जुड़ेगी सील बूवा.?????????
बूवा.. चिंता मत करो शास, कुछ नही होगा.
शास. अगर किसी को पता चल गया तो फिर क्या होगा.???????
बूवा. हम किसी से नही कहेंगे.....तुम भी किसी से नही कहना, ठीक है ना??
शास..ठीक है बूवा.. पर आपको दर्द नही होगा ??????
बूवा.. नही शास सील टूटने से बस एक बार ही दर्द होता है उसके बाद तो बस मज़ा ही मज़ा है....( बूवा की आँखों मैं संतुष्टि और खुशी के भावे थे, उन्होने आज अपनी प्लान मैं कामयाबी जो हासिल कर ली थी...)
शनतोष ने रुमाल से आपनी चूत सॉफ की और शास से कहा “शास एक बार और करें” ?
शास. बूवा नूनी अब बहुत दुख रही है, मज़ा तो कुछ भी नही आया??
बूवा. चिंता मत कर अभी तुम छोटे हो , कुछ समय बाद जब तुम्हे मज़ा आयगा तब सब कुछ भूल जाओगे बस ये बूवा की चूत ही हर समय याद रहेगी.......आच्छा चल अब घर चलते है कल फिर आएँगे तब तक तुम्हारा लंड भी आराम कर लेगा....इसी तरह एक दिन तुम भी स्वर्ग लोक की सैर करोगे......
और दोनो ने कपड़े पहने और घर के लिए चल दिए.........
दोस्तों मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए आज एक ऐसी स्टोरी लेकर आया हूँ आप भी पढ़ कर मस्त हो जाएँगे ....दोस्तों ये स्टोरी उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगी...कोई ग़लती हो जाए तो मूवाफी चाहता हूँ...फिर शायद आपके मार्गदर्शन, सजेशन्स से उन कमियों को दूर कर सकू.. .मैं जिस सखश की स्टोरी लिखने जा रहा हूँ.....उनका नामे शशांक है ....और वो बड़े हे मधुर स्वभाव के है ....मैं उनको हमेशा “शास” कह कर ही बुलाता हूँ.....उनकी लाइफ मैं चुदाई का सिलसिला एक बार सुरू क्या हुआ की वो आज तक चल रहा है.......मैं भी करीब 24 साल से उनसे जुड़ा हूँ......मैं राज शर्मा उमर करीब 36 यियर्ज़ ...गोरा-चिटा रंग ... ...हाइट अबौट 5.6” है ... आज .भी नॉवजवान लगता हूँ ...पर जो शशांक की सरण मैं एक बार आ जाए... उसे फिर चैन कहाँ .... आज तक शास ने कितनी चूत चोदी या फाडी इसका तो उन्हे भी पता नही होगा..........उनकी पहेली चुदाई शुरू हुई शिरफ़ 1५ साल की उम्र मैं उसके गाँव की संतोष बुआ के साथ . संतोष एक बहुत ही मस्त और शानदार जिस्म की मालिक थी ऐसा लगता था जैसे कोई अप्सरा स्वर्ग से उतरी हो .... चाल मैं लचक भारी- भारी बूब्स, .... पतली कमर के साथ .....उभार लिए हुवे चूतड़(बटक) ....मन करता कि उसे बाहों मैं भरकर...... उमर भर चोदता ही रहे.........हर कदम पर उपर नीचे होते चूतर......गजब ढा जाते थे.....मगर अभी शास को इन सभी बातो की कोई खबर नही थी.....अल्हड़ मदमस्त......उभरता हुवा सूरज.....कोई भी लड़की उसके गुलाबी गुलाबी होटो और गालो पर किस करने के लिए तय्यार रहती थी....या बहाने ढूँढती रहती थी....एक दिन सुभह करीब 9 बजे शश के घर आई...... और शश की मोम्मी से बोली की भाभी ...... मुझे ज़रा खेत तक जाना है..... क्या मैं शश को साथ ले जाऊ.....शश की मम्मी ने कहा दिया की लेजाओ....किशी को क्या मालूम था.....कि संतोष का मन अंदर ही अंदर मानो उछाल भर रहा था.....शतोष बूवा ने शश का नाज़ुक मुलायम हाथ मैं लिया और लेकर खेतो की और चल दी.... संतोष का दिले ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था और अपने प्लान के बारे मैं....सोच सोच कर उसकी चूत पानी छोड़ रही थी......कभी कभी मस्ती मैं बूवा शश का हाथ दबा भी देती थी.....पेर बेचारे शश को क्या मालूम था कि क्या होने वाला है.... चुदाई के सिलसिले की शुरुआत आज ही होने जा रही है.....चलते-चलते कभी कभी बूवा शश के अंडरवेर पर आगे पीछे से ठप थापा कर भी मज़ा ले रही थी......धीरे धीरे जब वे दोनो खेत पर पहुँचे....तो बूवा ने चारो तरफ नज़र दोड़ाई......अक्टोबर का महीना था और चारो और गन्ना ही गन्ना ( सुगुर केन प्लांट) खड़ा हुवा था......अब बूवा ने अपने प्लान के मुताबिक काम करना शुरू कर दिया..... आओ शश इधर चले ........ दो गन्ने के खेतो के बीच छोटी सी पट्टी पर चलते हुए बूवा ने शश के अंडरवेर पर आगे एक हाथ लगाया और शश के छोटे लंड को छेड़ते हुवे पूछा...शश ये क्या है.......
शश. थोड़ा शर्मकार नूनी.....
बूवा. ये किस काम आती है...?
शश. सूशू करने के लिए.....
बूवा. बस शिरफ़ सूशू करने के लिए ही...?
शश. हा .फिर शरमाते हुवे बूवा का हाथ हटाते हुवे, कयौन्कि नूनी थोड़ा टाइट होने लगी थी और शश डरता था कि कही बूवा को पता ना चल जाए.
बूवा..जब ये शिरफ़ सूशू करने के काम आती है तो इतनी बड़ी क्यो है...? हमारे तो इतनी बड़ी नही है.................
शश.. आपकी छोटी है बूवा..?
बूवा.. हमारे तो है ही नही.....
शश. फिर बूवा आप सूशू केसे करती है...?
बूवा. तुम ही देख लो हाथ लगा कर....और बूवा ने शश का हाथ आपनी चूत पर फेर दिया, शनतोष के पैर कपकपाने लगे थे...चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी तभी वे दोनो खेत के बीच मैं आम(मंगोत्री) के नीचे पहुँच चुके थे....
शश. सच बूवा आपके नूनी नही है...?
बूवा. नही शश............................................. .......
शश...बूवा आपके नूनी कायों नही है फिर आप सूसू कैसे करती है...?
बूवा..हम लड़कीयो के नूनी की जगह और खास चीज़े होती है जिससे स्वर्ग की सैर करवाते है .
शश..वो कैसे बूवा....????
अभी तक वो आम के पेड़ के नीचे पड़ी चारपाई पर बैठ चुके थे....और बूवा आगे का प्लान मन ही मन बना रही थी...वासना का सरूर उस पर धीरे धीरे बढ़ता जा रहा था.....फिर भी उसके मन मैं द्वंद चल रहा था क्या ये बच्चा उसकी एच्छा पूरी कर पाएगा भी की नही......इसी उधेड़बुन मैं से उसने शश की और देखा और शश के गुलाबी हॉट चूम लिए..
बूवा..अक्च्छा तुम अपना अंडरवेर उतारो....तब बताती हूँ.......
शश.. अंडरवेर नही बूवा..मुझे शरम आती है....................
बूवा.. आरे नही शरम कैसी फिर मैं भी तुझे स्वर्ग का वो रास्ता दिखाउन्गी जो तूने कभी नही देखा...और लौट कर आने का मन भी नही करता है...बड़ा ही मज़ा आता है...उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म.....
शश.. आपने स्वर्ग का मज़ा देखा है...?
बूवा.. हाई एक बार सपने मैं (ड्रीम).. बड़ा ही मज़ा आया था आज तक उसे ही याद कर कर के मेरी गीली हो जाती है............
शश..बूवा काया गीली हो जाती है....???????????
बूवा..अर्रे अंडरवेर तो उतार सब दिखाती हूँ....और...स्वर्ग मैं भी ले चलूंगी....फिर देखना रोज़ (डेली) कहा करोगे बूवा स्वर्ग की सैर करा दो.....बस मज़ा ही मज़ा है..और बूवा ने आपने हाथो से ही शश का अंडरवेर खोल कर नीचे कर दिया.....
शश.. मुझे शरम आ रही है बूवा...........( और बूवा ने शश का लंड आपने हाथ मे पकड़ लिया और उसे निहारने लगी शिरफ़ 10 साल के शश का लंड , लंड का गुलाबी-गुलाबी सूपड़ा बूवा से नही रुका गया और उसे होंठो मैं ले लिया जैसे जनम जनम की प्यासी हो.......सब शरम हया से दूर चूमना शुरू कर दिया ....ये देखा कर बूवा हैरान हो गयी कि 10 साल के शश का लंड धीरे धीरे 6-7” का करीब 1 ½” मोटा हो गया था........... )
बूवा..अर्रे शश तेरा लंड तो बहुत बड़ा है.....?
शश..क्या इस नूनी को लंड कहते है बूवा फिर आप इसे चूम और चूस क्यों रही हो इतना बड़ा तो ये कभी कभी ही होता है...........
बूवा..शश इसे चूषने मैं जो मज़ा आ रहा था तुम्हें नही मालूम....बूवा ने शश के लंड को एक हाथ मे पकड़ लिया और दूसरे से आपनी सलवार का नाडा खोलने लगी.... नाडा खोलकर सलवार थोड़ी नीचे की.....देखा शश ये है आनंद द्वारा या मज़ा द्वार............शश ने देखा के घने काले बालो के बीच कुछ गुलाबी- गुलाबी सा नज़र आया....
बूवा... शश हाथ फेर कर देख..इसे चूत कहते है...ये जो तुमहरा लंड है ना ये इस घर मैं घुस जाता है तब स्वर्ग की सैर होती है.......शश ने दोनो हाथों से बूवा की चूत को छुआ बालों मैं हाथ फेरा और गुलाबी..गुलाबी जगह को भी छुआ...धीरे धीरे ......
शश.. बूवा इस चूत पर इतने घने काले बॉल क्यो है मेरे तो नही है......???? आ जाएगे अभी तुम छोटे हो ना....
बूवा....शश तुम नीचे मेरी टाँगो के बीच बैठ जाओ इस गुलाबी..गुलाबी चूत को ज़ोर ज़ोर से जीभ से चॅटो तो तुम्हे भी बड़ा मज़ा आयगा.....शश एक आगयाकारी बालक की तरह बूवा की टॅंगो के बीच बैठ गया और दोनो हाथो से चूत के दोनो के दरवाजे खोलकर बूवा की चूत को चाटने और चूसने लगा.......बूवा आcछि खुसबू आ रही है ....और ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा, ....नयी चूत को पी रहा था और चूत के पानी को नारियल (कोकनट) के पानी की तरह पीने लगा.....................................बूवा की हल्की हल्की सिसकारी निकलने लगी...उऊहह........आआआआअ.......आहह और ज़ोर से शश............आआआआहह.......बूवा ने शश का शिर पकड़ कर अपनी जाँघो के बीच ज़ोर से दबा रही थी........आआआआआआयययययययययययययययईईई हहााययययययययययययी..........जान्न्न्न्न....शाष्ह हहस्स्स्स्स्सस्स मज़ा आआ रहा है ज़रा और ज़ोर सीईईईई............उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म....एयाया हह.............फिर कुछ ही देर बाद बूवा ने शश का शिर ज़ोर से आपनी चूत पर दबा दिया............चट..ले..शश..........आअहह हह शश...............आआहह हह...और बूवा ने ज़ोर से मेडॅनियल (चूत का पानी) की पिचकारी शश के मुँह में छोड़ दी जिसे शश पता नही किस मज़े मैं गाटा गट पी गया...............और चूत को चाटता जा रहा था.......कुछ देर बाद बूवा कुछ ढीली पॅड गयी......
बूवा............शश कैसा लगा....
शश..अक्च्छा लगा बूवा...बड़ा ही खुश्बू दार स्वादिष्ट टेस्ट था.....
बूवा..अच्छा अब मेरे ऊपेर आ जाओ.....तब तक दोनो ने पूरे कपड़े उतार दिए थे.........देख शश ये चुचि (बूब्स) है...इन्हे धीरे धीरे दबा कर तो चूसो......देखो कैसा लगेगा??????? अब शश बूवा की दोनो चुचियाँ दबा..दबा कर चूस रहा था....बूवा सातवे आसमान मैं तैर्र रही थी ...चूत फिर पानी छोड़ने लगी थी, पहली बार जो किसी ने छुवा था उसके शरीर को.............शश एक माझे हुवे खिलाड़ी के तरह बूवा के दोनो बूब्स दबा दबा कर पी रहा था...........................
बूवा.........ने शश के लंड को हाथ से पकड़ा और चूत के मुह पर रख दिया...........शश मस्ती मैं चुचियाँ पी रहा था और हिलने के कारण उसके लंड का गुलाबी सूपड़ा चिपचपी चूत मैं दाखिल हो चुक्का था.........
बूवा..शश ज़रा धीरे धीरे इसे भी अंदर तो करो.......शश ने थोड़ी कोशिस की पर लंड आगे नही जा रहा था.....शश बूवा ये और अंदर नही, जाएगा.....................
बूवा.......जाएगा बेटे शश थोड़ा ज़ोर से धक्का तो मारो....शश ने थोड़ा ज़ोर से धक्का मारा पर लंड अंदर नही गया....शश मेरी दोनो चुचि पकड़ कर चूतड़ पीछे करके एक ज़ोर से जानदार धक्का मार कर देखो...शश ने एसा ही किया तो एस बार कोई चौथाई लंड बूवा की चूत मैं घुस गया......आआआआआआआआआआययययययययययययययययययययए ईईई बूवा की हल्की सी चीखा निकल गयी.....क्या हुआ बूवा शश कुछ डर कर बोला...........बूवा ने कहा कुछ नही धीरे धीरे धक्के मारते रहो................ ना जाने शश को क्या सूझी उसने अपना लंड बाहर खिचा और एक और ज़ोर से दमधार धक्का लगा दिया...इससे पहले कि बूवा संभाल पाती शश ने लंड थोडा बाहर निकाल कर एक और ज़ोर का धक्का मार .....
दिया.............बूवा की एक ज़ोर दार चीख निकल गयी............उउउह्ह्ह्हीईईइ म्माआअ आआआआआआआअहह आआआआआआअ....
बूवा...शश प्लीज़ ज़रा रुक जाओ तुमने तो मेरी फाड़ ही डाली वो दर्द से कराह रही थी...शश एक बार फिर चुचियाँ पीने मैं मस्त हो गया.........
शास..धीरे धीरे बूवा संतोष की चुचिया(बूब्स) दबाते चूस्ते हुवे बूवा के होंठो तक चला गया......अब शास बूवा के होंठ बड़ी ही तन्मयता से चूस रहा था....बूवा के होटो को चुमेते हुवे उसे बड़ा ही आक्च्छा लग रहा था......संतोष (बूवा) शास के इस अंदाज से और मस्त होती जा रही थी वह नही समझ पा रही थी कि एक 1५ साल का लड़का इतनी मस्त चुदाई कैसे कर रहा है......बूवा अब दर्द भूलकर मस्त होने लगी थी....
बूवा...शास ज़रा धीरे धीरे अंदर बाहर करो...शास ने तुरंत बूवा की अग्या का पालन करते हुवे बूवा की चूत मैं धंसा लंड अंदर-बाहर करना सुरू कर दिया.....अब बूवा का दर्द बिल्कुल ख़तम हो गया था और वो चुदाई का पूरा अन्नंद ले रही थी...अब तो बूवा भी चूतड़ उछाल उछाल कर पूरा लंड चूत मैं ले रही थी...
बूवा..शास अब ज़रा तेज तेज कर ना.....शास एक चुदाई मशीन की तरह लगा रहा और शास के धक्को की स्पीड बढ़ती जा रही थी....लगभग 10-15 मिनिट के बाद एक तूफान सा आया और बूवा उछाल उछाल कर पूरा लंड अंदर ले रही थी.....बूवा के हाथ शास के चूटर पर थे और वो अपने हाथो से शास के धक्कू को और ज़यादा स्पीड दे रही थी....फिर तूफान अपने चरम पर आया और बूवा ने शास को अपनी बाँहो मैं भरकर पूरी तरह से जाकड़ लिया..................उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म म्म्म्म्म्म्माआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउ ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवुयीईयेयीक छ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ के साथ बूवा के आँखे बंद होती चली गयी.............................................. ....................................फिर एक शांति सी छा गई.......शास भी इशारा समझ कर...लंड अंदर डाले ही बूवा के उप्पेर लेटा रहा............फिर बूवा ने शश को अप्पर से अपनी बराबर मैं चारपाई पर आने को कहा....शश का लंड अभी भी लोहे की छड़ की तरह टाइट था ....और सूपड़ा और लाल हो गया था.......शास का लंड बूवा की चूत से निकलते ही कुछ बूँद खून की चूत से निकल आई.......बूवा ने शास के होंठ चूम लिए.... शास आज तुमने जो मज़ा दिया है ये जनम जनम तक याद रहेगा.......
शास...बूवा आपने तो कहा था कि आप मुझे स्वर्ग की सैर कराएँगी......
बूवा...शास तुम्हे मज़ा नही आया..????????????????
शास....नही बूवा मज़ा तो नही. आया...स्वर्ग मैं भी नही गया.....
बूवा...तुम्हे आक्च्छा नही लगा?????????????
शास..अक्च्छा तो लगा.,.. पर मज़ा नही आया मेरी नूनी भी अकड़ कर दूख कर रही है....
बूवा..बूवा ने शास के लंड को देखा वो अभी भी खड़ा था और पहले से भी गुलाबी हो गया था....बूवा ने शास का लंड अपने मूह मे भर लिया......और धीरे धीरे चूसने लगी...तभी शास की नज़र बूवा की खुली हुई चूत पर पड़ी...और खून निकलता देखा कर घबरा गया...
शास...बूवा आपकी चूत मैं से खून निकल रहा है.............
बूवा...कई बात नही...आज तुमने मेरी सील तोड़ दी है इसी लिए ये खून निकल रहा है....
शास..अब क्या होगा बूवा..???????????????????
बूवा...कुछ नही होगा...चिंता मत कर , जब कोई कुँवारी लड़की पहेली बार चुदति है तो खून निकलता है.....इसे सील टूटना कहते है..............
शास ..बूवा सील टूटने से खून क्यो निकलता है..???????????? क्या डॉक्टर को दिखना पड़ेगा अब..???????
बूवा.. नही शास डॉक्टर को दिखाने की ज़रूरत नही है, ये तो सभी लड़कियों के साथ होता है.. पहली बार जब लंड चूत मैं जाता है तो सील टूट ही जाती है.........
शास. फिर अब कैसे जुड़ेगी सील बूवा.?????????
बूवा.. चिंता मत करो शास, कुछ नही होगा.
शास. अगर किसी को पता चल गया तो फिर क्या होगा.???????
बूवा. हम किसी से नही कहेंगे.....तुम भी किसी से नही कहना, ठीक है ना??
शास..ठीक है बूवा.. पर आपको दर्द नही होगा ??????
बूवा.. नही शास सील टूटने से बस एक बार ही दर्द होता है उसके बाद तो बस मज़ा ही मज़ा है....( बूवा की आँखों मैं संतुष्टि और खुशी के भावे थे, उन्होने आज अपनी प्लान मैं कामयाबी जो हासिल कर ली थी...)
शनतोष ने रुमाल से आपनी चूत सॉफ की और शास से कहा “शास एक बार और करें” ?
शास. बूवा नूनी अब बहुत दुख रही है, मज़ा तो कुछ भी नही आया??
बूवा. चिंता मत कर अभी तुम छोटे हो , कुछ समय बाद जब तुम्हे मज़ा आयगा तब सब कुछ भूल जाओगे बस ये बूवा की चूत ही हर समय याद रहेगी.......आच्छा चल अब घर चलते है कल फिर आएँगे तब तक तुम्हारा लंड भी आराम कर लेगा....इसी तरह एक दिन तुम भी स्वर्ग लोक की सैर करोगे......
और दोनो ने कपड़े पहने और घर के लिए चल दिए.........