- Joined
- Dec 5, 2013
- Messages
- 11,318
शरीर एकदम ढीला पड़ चुका था नेहा का,
लेकिन जब विक्की के मुँह की घोड़ी से उतरकर वो उसके लंड के करीब आई तो उसकी महक ने जैसे उसके ढीले शरीर में जान सी फूँक दी...उसमें से निकल रही सोंधी खुश्बू ने उसपर ठीक वैसा ही असर किया जैसा उसकी चूत की गंध ने विक्की पर किया था...
नेहा का अंग-2 फड़क उठा अपने भाई के लंड की खुश्बू सूँघकर..
उसने मुस्कुराते हुए अपने हाथों में उसके लंड को पकड़ा और अपने चेहरे पर रगड़ डाला..
उफ़फ्फ़.....
क्या फीलिंग थी...
ऐसा लग रहा था जैसे चिकन सलामी का पूरा रोल गर्म करके उसने चेहरे से लगा लिया हो.
नेहा की तो आँखे ही बंद सी होने लगी इस नशीली चीज़ को सूँघकर..राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ते रहें मस्त कहानियाँ
उसे ऐसा लग रहा था की उसके भाई के लॅंड ने तो उसे नशेड़ी बना देना है, क्योंकि आज के बाद तो वो हर रात ये नशा लेने वाली थी.
उत्तेजना के मारे उसकी लार निकल रही थी मुँह से जो सीधा विक्की के टट्टों पर जाकर गिर रही थी...
उसने अपने दूसरे हाथ से उसे तेल की तरह वहाँ पर रगड़ डाला जिससे वो बॉल्स चमक उठी..
और यही हाल अब उसे विक्की के लंड का भी करना था, अपने मुँह में लेजाकर सीधा अपनी लार से भिगो कर उसे चमकाने का काम.
उसने धीरे से अपनी जीभ बाहर निकाली और उसके लंड को चाटना शुरू कर दिया...
जैसे कोई सॉफ्टी चाट्ता है, ठीक वैसे ही..
और फिर जब वो उसे चाटते हुए उपर तक पहुँची तो उसके लंड के टोपे को अपने होंठो और दांतो के बीच वाले हिस्से में फँसाया और ज़ोर से साँस अंदर लेते हुए उसके लंड के सिरे पर चमक रही बूँद को सडप करके निगल गयी..
विक्की का शरीर कमान की तरह बेड पर तिरछा हो गया..
और उसने खुद ही ज़ोर लगाकर अपना लंड उसके मुँह में पूरा धकेल दिया...
नेहा भी उसके लंड के पूरे मज़े लेना चाहती थी, उसने अपने होंठो और दांतो की ब्रेक ऐसी लगा रखी थी उसके लंड पर की वो भी खिसक-2 कर ही अंदर गया...
और जब पूरा लंड घुस गया तो विक्की को ऐसा फील हुआ जैसे वो हवा में तेर रहा है...
नेहा का भी मुँह अपने भाई के 7 इंची लंड से पूरा भर चुका था...
लंबाई तो एक तरफ थी, उसकी मोटाई ने उसके होंठो को फेलने पर मजबूर कर दिया था,
ऐसा लग रहा था की एक इंच भी और अंदर लिया तो उसके होंठ दोनो तरफ से फट जाएँगे..
पर मज़ा भी उतना ही मिल रहा था उसे...राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ते रहें मस्त कहानियाँ
इसलिए लंड को अंदर लेने के तुरंत बाद ही उसने अपनी जीभ से उसके लंड को तेल पिलाना शुरू कर दिया...
''आआआआआआआआआअहह नहााआआआआआआआआअ........ मेरी ज़ाआाआआआआआअन्न्नननणणन् उम्म्म्मममममममममममममममम..... मजाआाआआआ आआआआआआआआआ गय्ाआआआआआआआअ''
नेहा ने लंड को बाहर निकाला और बोली : "भाई, ये मज़ा तो अब रोज़ दिया करूँगी आपको....देख लेना..''
इतना कहकर वो फिर से उसके लंड को निगल गयी और चूसने लगी.
नेहा की चूत में बुरी तरह से खुजली हो रही थी....
वो विक्की की दाँयी टाँग पर चढ़ गयी, ऐसा करने से उसकी नुकीली चुचियाँ विक्की की जाँघो पर कील की तरह चुभ रही थी और उसकी चूत ठीक विक्की के पैर के पंजे के उपर थी,
विक्की ने अपने पैर की उंगलियो से उसकी गीली चूत को सहलाना शुरू कर दिया...
नेहा की रसीली गांड थिरक उठी जैसे ही विक्की के पैर का अंगूठा उसकी चूत पर लगा तो...
गीली तो वो पहले से ही थी, विक्की का अंगूठा उसे इस वक़्त एक छोटे लंड जैसा ही लग रहा था,
उसने थोड़ी सी गांड इधर उधर की और जैसे ही अंगूठा उसकी चूत के बीचो बीच सेट हुआ वो धम्म से उसपर चूत पटककर उसे अंदर निगल गयी...
ये तो शुक्र था की अंगूठे का साइज़ सिर्फ़ 2 इंच था वरना वो नेहा की चूत का कुँवारापन अभी हर लेता..
पर नेहा को मज़ा बहुत आ रहा था उस छोटे से लंड से अपनी चूत मरवाने का..
ये तो वही बात हुई की मज़ा भी ले लिया और किसी को पता भी नही चला...
यानी चूत में लंड जैसी चीज भी आ गयी और वो फटी भी नही..
अब एक साथ नेहा का मुँह और गांड एक ही लय में उपर नीचे हो रहे थे....
मुँह नीचे जाता तो गांड उपर आती, गांड नीचे जाती तो मुँह उपर आता..राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ते रहें मस्त कहानियाँ
विक्की ने शायद आज तक ऐसी उत्तेजना कभी महसूस नही की थी..
उसके निचले बदन पर उसकी बहन का नंगा शरीर जो धमाल मचा रहा था वो कबीले तारीफ था..
लेकिन जब विक्की के मुँह की घोड़ी से उतरकर वो उसके लंड के करीब आई तो उसकी महक ने जैसे उसके ढीले शरीर में जान सी फूँक दी...उसमें से निकल रही सोंधी खुश्बू ने उसपर ठीक वैसा ही असर किया जैसा उसकी चूत की गंध ने विक्की पर किया था...
नेहा का अंग-2 फड़क उठा अपने भाई के लंड की खुश्बू सूँघकर..
उसने मुस्कुराते हुए अपने हाथों में उसके लंड को पकड़ा और अपने चेहरे पर रगड़ डाला..
उफ़फ्फ़.....
क्या फीलिंग थी...
ऐसा लग रहा था जैसे चिकन सलामी का पूरा रोल गर्म करके उसने चेहरे से लगा लिया हो.
नेहा की तो आँखे ही बंद सी होने लगी इस नशीली चीज़ को सूँघकर..राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ते रहें मस्त कहानियाँ
उसे ऐसा लग रहा था की उसके भाई के लॅंड ने तो उसे नशेड़ी बना देना है, क्योंकि आज के बाद तो वो हर रात ये नशा लेने वाली थी.
उत्तेजना के मारे उसकी लार निकल रही थी मुँह से जो सीधा विक्की के टट्टों पर जाकर गिर रही थी...
उसने अपने दूसरे हाथ से उसे तेल की तरह वहाँ पर रगड़ डाला जिससे वो बॉल्स चमक उठी..
और यही हाल अब उसे विक्की के लंड का भी करना था, अपने मुँह में लेजाकर सीधा अपनी लार से भिगो कर उसे चमकाने का काम.
उसने धीरे से अपनी जीभ बाहर निकाली और उसके लंड को चाटना शुरू कर दिया...
जैसे कोई सॉफ्टी चाट्ता है, ठीक वैसे ही..
और फिर जब वो उसे चाटते हुए उपर तक पहुँची तो उसके लंड के टोपे को अपने होंठो और दांतो के बीच वाले हिस्से में फँसाया और ज़ोर से साँस अंदर लेते हुए उसके लंड के सिरे पर चमक रही बूँद को सडप करके निगल गयी..
विक्की का शरीर कमान की तरह बेड पर तिरछा हो गया..
और उसने खुद ही ज़ोर लगाकर अपना लंड उसके मुँह में पूरा धकेल दिया...
नेहा भी उसके लंड के पूरे मज़े लेना चाहती थी, उसने अपने होंठो और दांतो की ब्रेक ऐसी लगा रखी थी उसके लंड पर की वो भी खिसक-2 कर ही अंदर गया...
और जब पूरा लंड घुस गया तो विक्की को ऐसा फील हुआ जैसे वो हवा में तेर रहा है...
नेहा का भी मुँह अपने भाई के 7 इंची लंड से पूरा भर चुका था...
लंबाई तो एक तरफ थी, उसकी मोटाई ने उसके होंठो को फेलने पर मजबूर कर दिया था,
ऐसा लग रहा था की एक इंच भी और अंदर लिया तो उसके होंठ दोनो तरफ से फट जाएँगे..
पर मज़ा भी उतना ही मिल रहा था उसे...राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ते रहें मस्त कहानियाँ
इसलिए लंड को अंदर लेने के तुरंत बाद ही उसने अपनी जीभ से उसके लंड को तेल पिलाना शुरू कर दिया...
''आआआआआआआआआअहह नहााआआआआआआआआअ........ मेरी ज़ाआाआआआआआअन्न्नननणणन् उम्म्म्मममममममममममममममम..... मजाआाआआआ आआआआआआआआआ गय्ाआआआआआआआअ''
नेहा ने लंड को बाहर निकाला और बोली : "भाई, ये मज़ा तो अब रोज़ दिया करूँगी आपको....देख लेना..''
इतना कहकर वो फिर से उसके लंड को निगल गयी और चूसने लगी.
नेहा की चूत में बुरी तरह से खुजली हो रही थी....
वो विक्की की दाँयी टाँग पर चढ़ गयी, ऐसा करने से उसकी नुकीली चुचियाँ विक्की की जाँघो पर कील की तरह चुभ रही थी और उसकी चूत ठीक विक्की के पैर के पंजे के उपर थी,
विक्की ने अपने पैर की उंगलियो से उसकी गीली चूत को सहलाना शुरू कर दिया...
नेहा की रसीली गांड थिरक उठी जैसे ही विक्की के पैर का अंगूठा उसकी चूत पर लगा तो...
गीली तो वो पहले से ही थी, विक्की का अंगूठा उसे इस वक़्त एक छोटे लंड जैसा ही लग रहा था,
उसने थोड़ी सी गांड इधर उधर की और जैसे ही अंगूठा उसकी चूत के बीचो बीच सेट हुआ वो धम्म से उसपर चूत पटककर उसे अंदर निगल गयी...
ये तो शुक्र था की अंगूठे का साइज़ सिर्फ़ 2 इंच था वरना वो नेहा की चूत का कुँवारापन अभी हर लेता..
पर नेहा को मज़ा बहुत आ रहा था उस छोटे से लंड से अपनी चूत मरवाने का..
ये तो वही बात हुई की मज़ा भी ले लिया और किसी को पता भी नही चला...
यानी चूत में लंड जैसी चीज भी आ गयी और वो फटी भी नही..
अब एक साथ नेहा का मुँह और गांड एक ही लय में उपर नीचे हो रहे थे....
मुँह नीचे जाता तो गांड उपर आती, गांड नीचे जाती तो मुँह उपर आता..राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ते रहें मस्त कहानियाँ
विक्की ने शायद आज तक ऐसी उत्तेजना कभी महसूस नही की थी..
उसके निचले बदन पर उसकी बहन का नंगा शरीर जो धमाल मचा रहा था वो कबीले तारीफ था..