desiaks
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मैंने जब बेड पर नजर दौड़ाई तो देखा कि शालिनी के पास ही मेरे सूखे हुए वीर्य से सनी हुई ब्रा पड़ी थी और जो कपड़े पहन कर वो भाभी के साथ पार्लर गई थी वो भी बगल में पड़े हुए थे,,, मतलब शालिनी पार्लर से आने के बाद शायद कपड़े उतार कर कुछ देर आराम करने के लिए लेटी थी और फिर ऐसे ही सो गई और मेरी जोरदार किस्मत कि मैं मौके पर आ गया और शालिनी के इस जवानी से भरपूर रूप के दर्शन मिल गए ।
मैंने थोड़ा और करीब जाकर उसके बदन की खुशबू को महसूस करने की कोशिश की,, मगर मेरी गान्ड भी फट रही थी कि अगर शालिनी ने आंखें खोल दीं तो मैं क्या जवाब दूंगा,,,
मगर मैं उसके यौवन पर फिदा हो चुका था और मेरे दिमाग ने कुछ देर के लिए काम करना बंद कर दिया था,,,
मैंने पहली बार इतने करीब से किसी लड़की को देखा था इस हालत में,,,मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और मैं शालिनी की छोटी सी पैंटी में बंद उसकी गुलाबी गुड़िया के दर्शन करना चाहता था,,, उसकी सबसे कीमती चीज और उसके शरीर का यही आखिरी अंग था जो अब भी मेरे दीदार से बरी था,,, उसके नितम्बों पर भी बाकी शरीर जैसी ही चिकनाहट और चमक थी,,
उसने एक हल्की सी करवट ली और उसकी दोनों चूचियों ने एक दूसरे को दबाते हुए एक कमनीय नजारा बना दिया,,,,
भाभी ने पार्लर में शालिनी का भी हल्का फुल्का मेकअप और मेकओवर करवा दिया था जो उसे और खूबसूरत बना रहा था
मेरे सामने लेटी हुई इतनी खूबसूरत लड़की को देखकर कोई भी आश्चर्यचकित रह जाता , शायद अपने होशोहवास खो कर उसके संगमरमरी बदन को अपने बाहुपाश में जकड़ कर उसे मसल डालता। शालिनी की खूबसूरती का पहले से कायल था मैं और मैने देखा कि ब्यूटी-पार्लर जाने के बाद तो उसका काया-पलट ही हो गया था. शालिनी ने बालों में स्टेप-कट करवाया था जिससे उसके बाल किसी मॉडल से प्रतीत हो रहे थे और उसके खुले हुए बाल उसके गोरे बदन पर फैल कर उसे और सुंदर बना रहे थे,,, उसका चेहरा भी मेकअप से दमक रहा था और गोरे-गोरे गालों पर लालिमा फैली थी। शालिनी की आँखों को हल्के मस्कारे ने और अधिक मनमोहक बना दिया था व उसके होंठों पर एक गाजरी रंग की स्पार्कल-लिपस्टिक लगी थी जिससे वे काम-रस से भरे हुए जान पड़ रहे थे,*
सामने "रूप की रानी" लेटी हुई थी और उसके रूप को चुराने की हसरत लिए मैं उसका बड़ा भाई "चोरों का राजा" की तरह उसके रूप को नजर भर कर चुरा रहा था,,,,,,,,,,, मेरा लन्ड फटने वाला लग रहा था हल्का सा प्रीकम भी शायद निकल गया था मेरा,,,
मैंने अब अपने नयन सुख को विराम देना ही ठीक समझा और धीरे से कमरे से बाहर निकल कर बरामदे में आकर थोड़ा सा जूतों को फर्श पर पटक कर तेज आवाज में चलकर फिर से कमरे में आया जिससे शालिनी को लगे कि मैं अभी अभी आया हूं,,,
मैंने बेड पर पड़ी हुई चादर उठाई और शालिनी की पैंटी के पास उसकी नंगी कमर पर हाथ रख कर उसे हिलाते हुए जगाया,,,, मगर मैंने बड़ी चालाकी से जब तक शालिनी ने अपनी आंखें नहीं खोली तब तक मैंने चादर उसके उपर नही डाली,,,,
शालिनी ने आंखें खोली और हम दोनों की नजरें एक दूसरे से मिलते ही उसे अपनी नंगी चूचियों सहित अपने नंगे शरीर का ख्याल आते ही उसने अपनी आंखें फिर से बंद कर ली और मैंने उसके उपर चादर डालकर उसे शरमो हया से बाहर निकालने की कोशिश की,,,
उसने चादर से अपने आप को ठीक से ढकते हुए मुझसे बोला...
शालिनी- स्वारी भाई,,, वो मैं ना,,,
मैं उसे बीच में ही रोकते हुए बोला
मैं- किस बात का स्वारी ,, मैं भी तो फ्रेन्ची में ही रहता हूं,, इट्स ओके यार
असल में मैं चाहता था कि शालिनी को ये भी नार्मल लगे जिससे आने वाले समय में वह फिर से मेरे सामने ऐसे अपनी चूचियों को दिखाती रहे और मैं अपनी कामवासना को उसकी नंगी गुदाज चुचियों को देख देख कर कर कुछ हद तक शांत कर पाऊं या और भड़काऊ,,,
शालिनी अपने शरीर के साथ उस चादर को लिपटाए हुए ऐसे उठी बेड से कि मैं उसके हसीन कामुक बदन को और ना देख पाऊं और वो बिना कुछ बोले ही पीछे कमरे में चली गई और कुछ मिनट बाद सलवार सूट पहन कर बाहर निकल आई ,,
शायद वह अभी अभी अपनी हसीन चूचियों के नजारे को मेरे द्वारा देखे जाने से कुछ ज्यादा ही शरमा गई थी और अपने पूरे बदन को ढकने के लिए ही सलवार सूट पहन ली थी
और शालिनी ने मुझे पानी की बोतल पकड़ाते हुए पूछा....
शालिनी- भैय्या,, कुछ चाय काफी बनाऊं तुम्हारे लिए
मैं भी इस बीच बेशरम हो कर अपने कपड़े उतार कर सिर्फ फ्रेन्ची में आ गया और अपने खड़े लन्ड को छुपाने का कोई प्रयास नहीं किया
मैं- हां हां लाओ कुछ ठंडा सा पहले,, इतनी हाट ब्यूटी क्वीन को देखकर मैं भी हाट हो गया हूं ,, ह हा हा हा,,
शालिनी- (अपने बालों का जूड़ा बनाते हुए) भाईईईईई ! स्टॉप इट ना...’ वह तो बस मस्ती-मस्ती में हल्का सा मेकअप करवा लिया मैंने भाभी के जबरदस्ती करने पर ,,
शायद मेरा रिएक्शन देख उसे लग रहा था कि मैं उसकी टाँग खींच उसे सताने के लिए ऐसा बोल रहा था । शालिनी मेरे सामने खड़ी थी और मैं उसे और छेड़छाड़ करते हुए उसकी सुंदरता की तारीफ करने लगा
मैं- अरे,, 'पहले यह तो बता दो कि आप हैं कौन हुस्न परी ?'
मैंने भी जरा मुस्कुरा कर मजाक करने के अंदाज़ से कहा