hotaks444
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मैं- बेबी,, इसमें कोई हड्डी नहीं होती है,,, एक्साइट होने पर इसकी मसल्स टाईट हो जाती हैं और ये बड़ा और कड़क हो जाता है,
ये बोलकर मैं शालिनी का हाथ पकड़ कर ऊपर की ओर ढलान पर चढ़ने लगा,,,
शालिनी- हूं,, (धीरे से चलते हुए) तो अभी तुम एक्साइट कैसे हो गए,,,?
मैं- (झूठ बोलते हुए) मैं कहां एक्साइट हूं,,,,
शालिनी- झुट्ठे कहीं के,,, क्या मैंने देखा नहीं अभी,,, जब तुमने उसे बाहर निकाला तब तो छोटा सा था और सु सू करते करते वो कितना बड़ा हो गया और और वो अंदर भी नहीं जा रहा था,,,
हम दोनों बाइक के पास आ गये और शालिनी ने बैग से पानी की बोतल निकाली हम दोनों ने हाथ धुले और,,, शालिनी ने बैग अपनी पीठ पर टांग लिया और हम दोनों बाइक पर सवार होकर आगे चल दिए,,,,,
अभी हम लोग आधे रास्ते में ही थे और हल्के हल्के से ऊंचे नीचे टीले जैसे पहाड़ी रास्ते पर चल रहे थे,,, कुछ दूर बाद एक बड़ी नदी आने वाली थी,,,,
नदी का पुल काफी लम्बा था और कुछ लोग वहां पुल पर खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे तो मैंने भी बाइक बीच पुल पर रोक दी,,
हम दोनों भी सेल्फी पोज लेने लगे,,, काफी अच्छा नजारा था आसपास,,, यहां ठंडी हवाओं के कारण थोड़ी गर्मी भी कम लग रही थी,,,
हमारे पास में ही एक कपल सेल्फी ले रहे थे और आपस में बात कर रहे थे
लड़का- जानू,, चलो ना उधर टीले के पीछे एक वाटरफॉल है,,, वहां नहाते हैं और मस्त सेल्फी लेते हैं,,,
लड़की- हां,, बट यार सेफ है वो जगह,,,,, मुझे जंगल में बहुत डर लगता है,,
लड़का- बिल्कुल सेफ है और उधर ज्यादा लोग जाते भी नहीं है,,, सिर्फ कपल्स ही मिलेंगे उधर,,,
लड़की- ठीक है चलो यार झरने के पानी में नहाने का मजा ही अलग है,,
ये सब सुन कर मेरे दिमाग में तुरंत आईडिया आया कि क्यों ना हम लोग भी वहां जाकर झरने के पानी में नहाने का आनंद लें और मैंने शालिनी से कहा..
मैं- बेबी,,, क्या हम लोग भी चलें,,, मजा आ जायेगा वाटर फाल में,,, मेरा तो मन कर रहा है,,,
शालिनी- हां, चल सकते हैं अभी तो टाईम भी बहुत है,,, थोड़ी देर रुक कर घर के लिए निकलेंगे,,, बट मुझे नहाना नहीं है,,, तुम नहाना,,,
और मैंने भी अपनी बाइक उस लड़के की बाइक के पीछे लगा दी,,, कुछ दूर हाईवे पर चलने के बाद एक कच्चे रास्ते पर उसने बाइक मोड़ दी और भी उनके पीछे चलता रहा,,,,।।
मैं ये सोचते हुए बाइक चला रहा था कि शालिनी का नजरिया भी धीरे धीरे मेरे प्रति थोड़ा बदल सा गया है। आज सुबह से मैं उसे दो बार अपना लंड दिखा चुका था और पेशाब करते हुए मेरा लंड देख कर शालिनी खुद हवस की आग में जली होगी और मेरे उकसाने पर उसने खुद अपनी चूत की आग को शांत करने के लिए पहले भी उंगलिओ से हस्तमैथुन किया था , क्या अभी अगर मैं फिर से कोशिश करूं तो बात कुछ और आगे बढ़ जाये शायद ,,,
उधर शालिनी भी उस पल को नहीं भुला पा रही थी जब बाथरूम में उसने पहली बार अपनी ब्रा पर लगे मेरे लंड से निकले कामरस को उंगलिओ से लेकर चाटा था हालाँकि उसे तब तक ये पता नहीं था की वो मेरा वीर्य है लेकिन कहीं न कहीं मेरे प्रति उसका रवैया और नजरिया बदला था और धीरे धीरे हम लोगों में और अधिक खुलकर बातें और छेड़छाड़ होने लगी थी,,,,
शालिनी शायद अब भी रिश्ते की मर्यादा को लांघना नहीं चाहती थी इसलिए स्वयं ही अपने मन को स्थिर करती है ।*
इधर मेरा भी शालिनी के प्रति लगाव बढ़ता जा रहा था और अब मेरी हवस में प्यार भी आ गया था । हमदोनों शांत बैठे थे बाइक पर और चलते जा रहे थे,,,तभी शालिनी बोलती है
शालिनी- वाऊ ,,, भाई कितना मस्त नजारा है,,, हमारे घर के इतने करीब है ये और हम लोगों को इसके बारे में अब तक पता नहीं था,,,
मैं- हां,,, मुझे भी पता नहीं था जबकि मैं तो बाइक से ही इस रास्ते से कई बार घर जा चुका हूं,,, कोई नहीं शायद इस हसीन नज़ारे को देखना एक हसीना के साथ ही लिखा था इसलिए आज से पहले यहां आना नहीं हुआ,,,,
शालिनी- अच्छा तो सामने वाली बाइक पर सवार हसीना का शुक्रिया अदा हो रहा है,,
मैं- नहीं तो,,, मैं तो अपनी बाइक पर बैठी हसीना की बात कर रहा हूं बेबी,,
और शालिनी हंसते हुए बोली
शालिनी- तुम बाज नहीं आओगे,,,
तभी बातें करते करते झरने वाली जगह आ जाती है और वो कपल अपनी गाड़ी पहाड़ के बीच बने रास्ते पर ले जाता है और बड़े बड़े पहाड़ो के बीच गाडी रोक देता है । हमने भी अपनी बाइक वही पास में खड़ी कर दी और जैसे ही गाड़ी से आगे निकलते हैं वहां का सुन्दर वातावरण देख कर खुश हो जाते हैं ।
दो छोटे-छोटे पहाड़ो के बीच विशाल नदी जिसका पानी ऊँचे पहाड़ की चट्टान से गिर रहा था*,,,,
जगह इतनी सुन्दर और शांत थी की घंटो बैठकर उस जगह का आनंद लिया जा सकता है । शालिनी तो उस झरने को देख कर बहुत ज्यादा खुश हो गई और तुरंत छोटे छोटे पहाड़ो पर चढ़कर उस झरने के पास जाकर देखती है ।
वहां पर आने पर पता चला कि यहां छोटे छोटे काफी झरने हैं,,
झरने का पानी जैसे ही नीचे गिरता उसकी बौछार शालिनी के ऊपर आती है। हम दोनों उस सुन्दर वातावरण को देखने लगते हैं ।
दो चार प्रेमी प्रेमिका भी आए हुए थे जो उस झरने का आनंद ले रहे थे और नदी के बहते पानी में नहा रहे थे । एक प्रकार का पर्यटन स्थल था ये झरना जहां पर सिर्फ प्रेमी प्रेमिका आकर मौज मस्ती किया करते थे शहर और गांव के कोलाहल से दूर,,,,
झरने के नीचे नहाते लोगों को देख कर शायद शालिनी का बहुत मन कर रहा था नहाने का लेकिन वो तो पहले ही मना कर चुकी थी नहाने के लिए,,,,
हम दोनों हाथों में हाथ डाल कर कुछ देर तक इधर-उधर घूमते रहे,,, और थोड़ा आगे जाने पर एक जगह दो लड़कियां ऐसे नहा रही थी कि उन्हें देख कर शालिनी के साथ साथ मैं भी थोड़ा सा आश्चर्यचकित हो गया वो दोनों लड़कियां उपर से बिल्कुल नंगी थी और एक दूसरे पर पानी उछाल उछाल कर मज़े ले रही थी और उन्हें हम दोनों के या किसी और के देखने से बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा और तभी उनमें से एक लड़की ने अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को अपने ही हाथों से दबाने लगी और साथ ही मोबाइल से सेल्फी पोज भी लेने लगी,,,,
शालिनी ये सब देखकर मेरे हाथ को पकड़े हुए ही आगे चलने लगी और मेरी तरफ देख कर हल्का सा मुस्कुरा दी,,,मेरा लन्ड उन दोनों लड़कियों को देखकर उत्तेजित हो गया था और मैं जल्दी से पानी में उतर कर अपने आप को ठंडा करना चाहता था,,,
कुछ दूर निकल कर आने के बाद
मैं- चलो नहाते हैं यहां,,, इधर इस पास भी कोई नहीं है,,,
शालिनी- नहीं,,, मुझे नहीं नहाना,, तुम नहाओ,,, वैसे भी तुम आंखें सेककर गर्म हो गए होगे,,, है ना भाई,,, हा हा हा
मैं- ठीक है तुम इधर ही बैठो चट्टान पर,,, मैं तो चला इस ठंडे ठंडे पानी का मजा लेने,,,
और शालिनी ने अपनी पीठ से बैग उतार कर नीचे चट्टान पर रख दिया और मैं भी अपने कपड़े उतारने लगा,, मैंने सिर्फ चड्डी नहीं उतारी और शालिनी की ओर देखते हुए पानी में छलांग लगा दी,,, वो वहीं से बैठकर मुझे पानी में मस्ती करते हुए देखती रही और मोबाइल से फोटो भी लेती रही,,, पानी ज्यादा गहरा नहीं था और मैं दूर तक तैर कर जाता फिर शालिनी के पास चट्टान के पास आकर उसके ऊपर पानी की छींटे मारकर भाग जाता,,,,
ये बोलकर मैं शालिनी का हाथ पकड़ कर ऊपर की ओर ढलान पर चढ़ने लगा,,,
शालिनी- हूं,, (धीरे से चलते हुए) तो अभी तुम एक्साइट कैसे हो गए,,,?
मैं- (झूठ बोलते हुए) मैं कहां एक्साइट हूं,,,,
शालिनी- झुट्ठे कहीं के,,, क्या मैंने देखा नहीं अभी,,, जब तुमने उसे बाहर निकाला तब तो छोटा सा था और सु सू करते करते वो कितना बड़ा हो गया और और वो अंदर भी नहीं जा रहा था,,,
हम दोनों बाइक के पास आ गये और शालिनी ने बैग से पानी की बोतल निकाली हम दोनों ने हाथ धुले और,,, शालिनी ने बैग अपनी पीठ पर टांग लिया और हम दोनों बाइक पर सवार होकर आगे चल दिए,,,,,
अभी हम लोग आधे रास्ते में ही थे और हल्के हल्के से ऊंचे नीचे टीले जैसे पहाड़ी रास्ते पर चल रहे थे,,, कुछ दूर बाद एक बड़ी नदी आने वाली थी,,,,
नदी का पुल काफी लम्बा था और कुछ लोग वहां पुल पर खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे तो मैंने भी बाइक बीच पुल पर रोक दी,,
हम दोनों भी सेल्फी पोज लेने लगे,,, काफी अच्छा नजारा था आसपास,,, यहां ठंडी हवाओं के कारण थोड़ी गर्मी भी कम लग रही थी,,,
हमारे पास में ही एक कपल सेल्फी ले रहे थे और आपस में बात कर रहे थे
लड़का- जानू,, चलो ना उधर टीले के पीछे एक वाटरफॉल है,,, वहां नहाते हैं और मस्त सेल्फी लेते हैं,,,
लड़की- हां,, बट यार सेफ है वो जगह,,,,, मुझे जंगल में बहुत डर लगता है,,
लड़का- बिल्कुल सेफ है और उधर ज्यादा लोग जाते भी नहीं है,,, सिर्फ कपल्स ही मिलेंगे उधर,,,
लड़की- ठीक है चलो यार झरने के पानी में नहाने का मजा ही अलग है,,
ये सब सुन कर मेरे दिमाग में तुरंत आईडिया आया कि क्यों ना हम लोग भी वहां जाकर झरने के पानी में नहाने का आनंद लें और मैंने शालिनी से कहा..
मैं- बेबी,,, क्या हम लोग भी चलें,,, मजा आ जायेगा वाटर फाल में,,, मेरा तो मन कर रहा है,,,
शालिनी- हां, चल सकते हैं अभी तो टाईम भी बहुत है,,, थोड़ी देर रुक कर घर के लिए निकलेंगे,,, बट मुझे नहाना नहीं है,,, तुम नहाना,,,
और मैंने भी अपनी बाइक उस लड़के की बाइक के पीछे लगा दी,,, कुछ दूर हाईवे पर चलने के बाद एक कच्चे रास्ते पर उसने बाइक मोड़ दी और भी उनके पीछे चलता रहा,,,,।।
मैं ये सोचते हुए बाइक चला रहा था कि शालिनी का नजरिया भी धीरे धीरे मेरे प्रति थोड़ा बदल सा गया है। आज सुबह से मैं उसे दो बार अपना लंड दिखा चुका था और पेशाब करते हुए मेरा लंड देख कर शालिनी खुद हवस की आग में जली होगी और मेरे उकसाने पर उसने खुद अपनी चूत की आग को शांत करने के लिए पहले भी उंगलिओ से हस्तमैथुन किया था , क्या अभी अगर मैं फिर से कोशिश करूं तो बात कुछ और आगे बढ़ जाये शायद ,,,
उधर शालिनी भी उस पल को नहीं भुला पा रही थी जब बाथरूम में उसने पहली बार अपनी ब्रा पर लगे मेरे लंड से निकले कामरस को उंगलिओ से लेकर चाटा था हालाँकि उसे तब तक ये पता नहीं था की वो मेरा वीर्य है लेकिन कहीं न कहीं मेरे प्रति उसका रवैया और नजरिया बदला था और धीरे धीरे हम लोगों में और अधिक खुलकर बातें और छेड़छाड़ होने लगी थी,,,,
शालिनी शायद अब भी रिश्ते की मर्यादा को लांघना नहीं चाहती थी इसलिए स्वयं ही अपने मन को स्थिर करती है ।*
इधर मेरा भी शालिनी के प्रति लगाव बढ़ता जा रहा था और अब मेरी हवस में प्यार भी आ गया था । हमदोनों शांत बैठे थे बाइक पर और चलते जा रहे थे,,,तभी शालिनी बोलती है
शालिनी- वाऊ ,,, भाई कितना मस्त नजारा है,,, हमारे घर के इतने करीब है ये और हम लोगों को इसके बारे में अब तक पता नहीं था,,,
मैं- हां,,, मुझे भी पता नहीं था जबकि मैं तो बाइक से ही इस रास्ते से कई बार घर जा चुका हूं,,, कोई नहीं शायद इस हसीन नज़ारे को देखना एक हसीना के साथ ही लिखा था इसलिए आज से पहले यहां आना नहीं हुआ,,,,
शालिनी- अच्छा तो सामने वाली बाइक पर सवार हसीना का शुक्रिया अदा हो रहा है,,
मैं- नहीं तो,,, मैं तो अपनी बाइक पर बैठी हसीना की बात कर रहा हूं बेबी,,
और शालिनी हंसते हुए बोली
शालिनी- तुम बाज नहीं आओगे,,,
तभी बातें करते करते झरने वाली जगह आ जाती है और वो कपल अपनी गाड़ी पहाड़ के बीच बने रास्ते पर ले जाता है और बड़े बड़े पहाड़ो के बीच गाडी रोक देता है । हमने भी अपनी बाइक वही पास में खड़ी कर दी और जैसे ही गाड़ी से आगे निकलते हैं वहां का सुन्दर वातावरण देख कर खुश हो जाते हैं ।
दो छोटे-छोटे पहाड़ो के बीच विशाल नदी जिसका पानी ऊँचे पहाड़ की चट्टान से गिर रहा था*,,,,
जगह इतनी सुन्दर और शांत थी की घंटो बैठकर उस जगह का आनंद लिया जा सकता है । शालिनी तो उस झरने को देख कर बहुत ज्यादा खुश हो गई और तुरंत छोटे छोटे पहाड़ो पर चढ़कर उस झरने के पास जाकर देखती है ।
वहां पर आने पर पता चला कि यहां छोटे छोटे काफी झरने हैं,,
झरने का पानी जैसे ही नीचे गिरता उसकी बौछार शालिनी के ऊपर आती है। हम दोनों उस सुन्दर वातावरण को देखने लगते हैं ।
दो चार प्रेमी प्रेमिका भी आए हुए थे जो उस झरने का आनंद ले रहे थे और नदी के बहते पानी में नहा रहे थे । एक प्रकार का पर्यटन स्थल था ये झरना जहां पर सिर्फ प्रेमी प्रेमिका आकर मौज मस्ती किया करते थे शहर और गांव के कोलाहल से दूर,,,,
झरने के नीचे नहाते लोगों को देख कर शायद शालिनी का बहुत मन कर रहा था नहाने का लेकिन वो तो पहले ही मना कर चुकी थी नहाने के लिए,,,,
हम दोनों हाथों में हाथ डाल कर कुछ देर तक इधर-उधर घूमते रहे,,, और थोड़ा आगे जाने पर एक जगह दो लड़कियां ऐसे नहा रही थी कि उन्हें देख कर शालिनी के साथ साथ मैं भी थोड़ा सा आश्चर्यचकित हो गया वो दोनों लड़कियां उपर से बिल्कुल नंगी थी और एक दूसरे पर पानी उछाल उछाल कर मज़े ले रही थी और उन्हें हम दोनों के या किसी और के देखने से बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा और तभी उनमें से एक लड़की ने अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को अपने ही हाथों से दबाने लगी और साथ ही मोबाइल से सेल्फी पोज भी लेने लगी,,,,
शालिनी ये सब देखकर मेरे हाथ को पकड़े हुए ही आगे चलने लगी और मेरी तरफ देख कर हल्का सा मुस्कुरा दी,,,मेरा लन्ड उन दोनों लड़कियों को देखकर उत्तेजित हो गया था और मैं जल्दी से पानी में उतर कर अपने आप को ठंडा करना चाहता था,,,
कुछ दूर निकल कर आने के बाद
मैं- चलो नहाते हैं यहां,,, इधर इस पास भी कोई नहीं है,,,
शालिनी- नहीं,,, मुझे नहीं नहाना,, तुम नहाओ,,, वैसे भी तुम आंखें सेककर गर्म हो गए होगे,,, है ना भाई,,, हा हा हा
मैं- ठीक है तुम इधर ही बैठो चट्टान पर,,, मैं तो चला इस ठंडे ठंडे पानी का मजा लेने,,,
और शालिनी ने अपनी पीठ से बैग उतार कर नीचे चट्टान पर रख दिया और मैं भी अपने कपड़े उतारने लगा,, मैंने सिर्फ चड्डी नहीं उतारी और शालिनी की ओर देखते हुए पानी में छलांग लगा दी,,, वो वहीं से बैठकर मुझे पानी में मस्ती करते हुए देखती रही और मोबाइल से फोटो भी लेती रही,,, पानी ज्यादा गहरा नहीं था और मैं दूर तक तैर कर जाता फिर शालिनी के पास चट्टान के पास आकर उसके ऊपर पानी की छींटे मारकर भाग जाता,,,,