bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा - Page 8 - SexBaba
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bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा

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मैं- बेबी,, इसमें कोई हड्डी नहीं होती है,,, एक्साइट होने पर इसकी मसल्स टाईट हो जाती हैं और ये बड़ा और कड़क हो जाता है,
ये बोलकर मैं शालिनी का हाथ पकड़ कर ऊपर की ओर ढलान पर चढ़ने लगा,,,

शालिनी- हूं,, (धीरे से चलते हुए) तो अभी तुम एक्साइट कैसे हो गए,,,?

मैं- (झूठ बोलते हुए) मैं कहां एक्साइट हूं,,,,
शालिनी- झुट्ठे कहीं के,,, क्या मैंने देखा नहीं अभी,,, जब तुमने उसे बाहर निकाला तब तो छोटा सा था और सु सू करते करते वो कितना बड़ा हो गया और और वो अंदर भी नहीं जा रहा था,,,

हम दोनों बाइक के पास आ गये और शालिनी ने बैग से पानी की बोतल निकाली हम दोनों ने हाथ धुले और,,, शालिनी ने बैग अपनी पीठ पर टांग लिया और हम दोनों बाइक पर सवार होकर आगे चल दिए,,,,,

अभी हम लोग आधे रास्ते में ही थे और हल्के हल्के से ऊंचे नीचे टीले जैसे पहाड़ी रास्ते पर चल रहे थे,,, कुछ दूर बाद एक बड़ी नदी आने वाली थी,,,,
नदी का पुल काफी लम्बा था और कुछ लोग वहां पुल पर खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे तो मैंने भी बाइक बीच पुल पर रोक दी,,
हम दोनों भी सेल्फी पोज लेने लगे,,, काफी अच्छा नजारा था आसपास,,, यहां ठंडी हवाओं के कारण थोड़ी गर्मी भी कम लग रही थी,,,
हमारे पास में ही एक कपल सेल्फी ले रहे थे और आपस में बात कर रहे थे

लड़का- जानू,, चलो ना उधर टीले के पीछे एक वाटरफॉल है,,, वहां नहाते हैं और मस्त सेल्फी लेते हैं,,,

लड़की- हां,, बट यार सेफ है वो जगह,,,,, मुझे जंगल में बहुत डर लगता है,,
लड़का- बिल्कुल सेफ है और उधर ज्यादा लोग जाते भी नहीं है,,, सिर्फ कपल्स ही मिलेंगे उधर,,,

लड़की- ठीक है चलो यार झरने के पानी में नहाने का मजा ही अलग है,,

ये सब सुन कर मेरे दिमाग में तुरंत आईडिया आया कि क्यों ना हम लोग भी वहां जाकर झरने के पानी में नहाने का आनंद लें और मैंने शालिनी से कहा..

मैं- बेबी,,, क्या हम लोग भी चलें,,, मजा आ जायेगा वाटर फाल में,,, मेरा तो मन कर रहा है,,,

शालिनी- हां, चल सकते हैं अभी तो टाईम भी बहुत है,,, थोड़ी देर रुक कर घर के लिए निकलेंगे,,, बट मुझे नहाना नहीं है,,, तुम नहाना,,,
और मैंने भी अपनी बाइक उस लड़के की बाइक के पीछे लगा दी,,, कुछ दूर हाईवे पर चलने के बाद एक कच्चे रास्ते पर उसने बाइक मोड़ दी और भी उनके पीछे चलता रहा,,,,।।


मैं ये सोचते हुए बाइक चला रहा था कि शालिनी का नजरिया भी धीरे धीरे मेरे प्रति थोड़ा बदल सा गया है। आज सुबह से मैं उसे दो बार अपना लंड दिखा चुका था और पेशाब करते हुए मेरा लंड देख कर शालिनी खुद हवस की आग में जली होगी और मेरे उकसाने पर उसने खुद अपनी चूत की आग को शांत करने के लिए पहले भी उंगलिओ से हस्तमैथुन किया था , क्या अभी अगर मैं फिर से कोशिश करूं तो बात कुछ और आगे बढ़ जाये शायद ,,,

उधर शालिनी भी उस पल को नहीं भुला पा रही थी जब बाथरूम में उसने पहली बार अपनी ब्रा पर लगे मेरे लंड से निकले कामरस को उंगलिओ से लेकर चाटा था हालाँकि उसे तब तक ये पता नहीं था की वो मेरा वीर्य है लेकिन कहीं न कहीं मेरे प्रति उसका रवैया और नजरिया बदला था और धीरे धीरे हम लोगों में और अधिक खुलकर बातें और छेड़छाड़ होने लगी थी,,,,

शालिनी शायद अब भी रिश्ते की मर्यादा को लांघना नहीं चाहती थी इसलिए स्वयं ही अपने मन को स्थिर करती है ।*
इधर मेरा भी शालिनी के प्रति लगाव बढ़ता जा रहा था और अब मेरी हवस में प्यार भी आ गया था । हमदोनों शांत बैठे थे बाइक पर और चलते जा रहे थे,,,तभी शालिनी बोलती है

शालिनी- वाऊ ,,, भाई कितना मस्त नजारा है,,, हमारे घर के इतने करीब है ये और हम लोगों को इसके बारे में अब तक पता नहीं था,,,

मैं- हां,,, मुझे भी पता नहीं था जबकि मैं तो बाइक से ही इस रास्ते से कई बार घर जा चुका हूं,,, कोई नहीं शायद इस हसीन नज़ारे को देखना एक हसीना के साथ ही लिखा था इसलिए आज से पहले यहां आना नहीं हुआ,,,,

शालिनी- अच्छा तो सामने वाली बाइक पर सवार हसीना का शुक्रिया अदा हो रहा है,,

मैं- नहीं तो,,, मैं तो अपनी बाइक पर बैठी हसीना की बात कर रहा हूं बेबी,,
और शालिनी हंसते हुए बोली

शालिनी- तुम बाज नहीं आओगे,,,

तभी बातें करते करते झरने वाली जगह आ जाती है और वो कपल अपनी गाड़ी पहाड़ के बीच बने रास्ते पर ले जाता है और बड़े बड़े पहाड़ो के बीच गाडी रोक देता है । हमने भी अपनी बाइक वही पास में खड़ी कर दी और जैसे ही गाड़ी से आगे निकलते हैं वहां का सुन्दर वातावरण देख कर खुश हो जाते हैं ।

दो छोटे-छोटे पहाड़ो के बीच विशाल नदी जिसका पानी ऊँचे पहाड़ की चट्टान से गिर रहा था*,,,,
जगह इतनी सुन्दर और शांत थी की घंटो बैठकर उस जगह का आनंद लिया जा सकता है । शालिनी तो उस झरने को देख कर बहुत ज्यादा खुश हो गई और तुरंत छोटे छोटे पहाड़ो पर चढ़कर उस झरने के पास जाकर देखती है ।
वहां पर आने पर पता चला कि यहां छोटे छोटे काफी झरने हैं,,
झरने का पानी जैसे ही नीचे गिरता उसकी बौछार शालिनी के ऊपर आती है। हम दोनों उस सुन्दर वातावरण को देखने लगते हैं ।
दो चार प्रेमी प्रेमिका भी आए हुए थे जो उस झरने का आनंद ले रहे थे और नदी के बहते पानी में नहा रहे थे । एक प्रकार का पर्यटन स्थल था ये झरना जहां पर सिर्फ प्रेमी प्रेमिका आकर मौज मस्ती किया करते थे शहर और गांव के कोलाहल से दूर,,,,

झरने के नीचे नहाते लोगों को देख कर शायद शालिनी का बहुत मन कर रहा था नहाने का लेकिन वो तो पहले ही मना कर चुकी थी नहाने के लिए,,,,

हम दोनों हाथों में हाथ डाल कर कुछ देर तक इधर-उधर घूमते रहे,,, और थोड़ा आगे जाने पर एक जगह दो लड़कियां ऐसे नहा रही थी कि उन्हें देख कर शालिनी के साथ साथ मैं भी थोड़ा सा आश्चर्यचकित हो गया वो दोनों लड़कियां उपर से बिल्कुल नंगी थी और एक दूसरे पर पानी उछाल उछाल कर मज़े ले रही थी और उन्हें हम दोनों के या किसी और के देखने से बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा और तभी उनमें से एक लड़की ने अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को अपने ही हाथों से दबाने लगी और साथ ही मोबाइल से सेल्फी पोज भी लेने लगी,,,,




शालिनी ये सब देखकर मेरे हाथ को पकड़े हुए ही आगे चलने लगी और मेरी तरफ देख कर हल्का सा मुस्कुरा दी,,,मेरा लन्ड उन दोनों लड़कियों को देखकर उत्तेजित हो गया था और मैं जल्दी से पानी में उतर कर अपने आप को ठंडा करना चाहता था,,,
कुछ दूर निकल कर आने के बाद

मैं- चलो नहाते हैं यहां,,, इधर इस पास भी कोई नहीं है,,,

शालिनी- नहीं,,, मुझे नहीं नहाना,, तुम नहाओ,,, वैसे भी तुम आंखें सेककर गर्म हो गए होगे,,, है ना भाई,,, हा हा हा

मैं- ठीक है तुम इधर ही बैठो चट्टान पर,,, मैं तो चला इस ठंडे ठंडे पानी का मजा लेने,,,

और शालिनी ने अपनी पीठ से बैग उतार कर नीचे चट्टान पर रख दिया और मैं भी अपने कपड़े उतारने लगा,, मैंने सिर्फ चड्डी नहीं उतारी और शालिनी की ओर देखते हुए पानी में छलांग लगा दी,,, वो वहीं से बैठकर मुझे पानी में मस्ती करते हुए देखती रही और मोबाइल से फोटो भी लेती रही,,, पानी ज्यादा गहरा नहीं था और मैं दूर तक तैर कर जाता फिर शालिनी के पास चट्टान के पास आकर उसके ऊपर पानी की छींटे मारकर भाग जाता,,,,
 
ऐसा मैंने कई बार किया और शालिनी भी थोड़ा किनारे पर आकर मेरे उपर पानी फेंकने लगी,,, मेरे पानी फेंकने से उसकी टी-शर्ट काफी ज्यादा भीग गई थी और उसकी ब्रा की रूपरेखा नजर आने लगी थी,,,,

मैंने कई बार उससे कहा कि आ जाओ बहुत मजा आ रहा है ठंडे ठंडे पानी में,,,तरो ताजा हो जाओगी,,,, मगर वो अभी भी संकोच कर रही थी शायद मेरे साथ इस खुली हुई जगह पर नहाने में,,,,,,,,

इस बार जैसे ही उसी चट्टान पर नीचे हो कर शालिनी मुझ पर पानी फेंकने की कोशिश करती है तो उसका पैर फिसल जाता है और झरने के बहते पानी में वो गिर जाती है , खैर उसे तैरना आता था,,, मगर जैसे ही कुछ गिरने की आवाज़ सुनी मैंने तो देखा कि शालिनी पानी में गिर गई है । नदी ज्यादा गहरी नहीं थी शालिनी की चूचियों तक पानी था । मैं जल्दी से तैरता हुआ उसके पास आया और उसे अपनी बांहों में भर कर सम्हालने लगा,,, और उसके शरीर को जोर से भींच कर मैंने उसके पेट को दबाया तो शालिनी को*एक तेज धार के साथ उल्टी हुई और सारा पानी उसके मुँह से निकल गया,, थोड़ी देर में वो सामान्य हो गई।



मैं अभी भी उसको बाहों में थामे हुए था, वो मेरे उपर से नंगे जिस्म और मजबूत बाँहों में अभी तक चिपटी हुई थी । वो महसूसबार किसी पुरुष के जिस्म को इस तरह भीगे बदन महसूस कर रही थी वो भी उसका भाई । शालिनी की सांसें तेज हो गई और दिल तेजी से धड़कने लगा,, शायद उसकी चूत से पानी में पानी रिसने लगा था और उसे इसका एहसास हुआ तो वह मुझसे थोड़ा सा अपने बदन को दूर कर ली,,,, मैं तो आज सुबह से ही शालिनी और मेरे बीच की बातें सुनकर और रास्ते में मूतने के बहाने उसे अपना लौड़ा दिखाने से गर्म हो रहा था मेरा लंड अभी भी अकड़ा हुआ था । शालिनी के कामुक जिस्म को छूकर मेरा लंड कब खड़ा हो जाता है मुझे पता भी नहीं चलता है,,, इतनी सेक्सी लड़की के खयाल से ही लौड़े झटके लेने लगते हैं हम जैसे कुंवारे लड़कों के,,,

जब शालिनी मुझसे अलग हुई तब मैंने अपने लंड की अकड़न को महसूस किया जो फ्रेन्ची से बाहर आने को बेताब हो रहा था ,,,, मैं अपने मन को नियंत्रित करते हुए

मैं- चोट तो नहीं आई?*

शालिनी- चोट तो नहीं आई है भैय्या लेकिन मेरे सारे कपडे भीग गए, अब में भीगे कपड़े पहन कर घर कैसे जाउंगी,, वो चिंतित होती हुई बोली*



मैं- पहले तुम नहा लो अब भीग तो गई ही हो और बैग में जो कपड़े हैं उसमें से निकाल कर पहन लेना,,, सो सिम्पल,,

शालिनी- वो तो ठीक है लेकिन घर पर भीगे हुए कपड़े मम्मी ने देख लिया तो उनको क्या बताएंगे,,,

मैं- हर प्राब्लम का सोल्यूशन है बेबी,,, अरे यार कुछ भी बता देना या फिर ऐसा क्यों नहीं करती तुम,,, ये कपड़े उतार कर उस चट्टान पर डाल दो और जब तक ये थोड़ा सूख जाए तब तक हम लोग नहाते हैं,, कम आन यार,,, इतना मस्त नजारा है,,,

शालिनी- कपड़े सूखने में 2 घंटे लगेंगे तब तक में क्या पहन कर रहूंगी,

मैं- तब तक तुम पानी में नहाओ, 2 घंटे तक पानी के अंदर ही रहो,, कुछ मत पहनो और क्या ,,,

शालिनी- ओह्हो भाई इतने ठन्डे पानी में 2 घंटे तक रहूं,, और बिना कपड़ों के,, पागल मैं नंगी नहीं हो सकती यहां,, यार समझा करो,,,

मैं- क्या बेबो,,, अभी देखा नहीं पीछे उधर वो दोनों लड़कियां भी तो बिना कपड़ों के मजे कर रही थी,,

शालिनी- नहीं भाई,, मुझसे नहीं होगा और उन बेशरम लड़कियों की तो तुम बात ही मत करो,, खैर,,उन्होंने भी कम से कम पैंटी तो पहन ही रखी है,,

मैं- ओह बेबी,, अब यार यहां कोई भी कपड़े पहन कर तो नहीं नहा रहा है और सब एक जैसे ही है,, कोई किसी को डिस्टर्ब नहीं कर रहा,,

मैंने काफी समझाया उसे कि यहां इस तरफ कोई हमें देख नहीं रहा है और मैं तो तुम्हें पहले भी देख ही चुका हूं हर तरह से.... ब्रा पैंटी में और बिना ब्रा के भी,,,तो मुझसे कैसी शरम ,,,

आखिर कार मेरी बहस में जीत हुई और शालिनी अपनी जींस और टी-शर्ट उतार कर सिर्फ ब्रा पैंटी में नहाने के लिए तैयार हो ही गई,,,,,
और वो धीरे धीरे पानी से बाहर निकल कर सामने की बड़ी चट्टान के पास गई और एक बार फिर से आस पास देखने के बाद बैठकर अपनी जींस निकाल दी,,,,, मैं भी किनारे पर आकर उसके आने का वेट करने लगा

तभी शालिनी खड़ी हुई और उसकी गोरी गोरी टांगें धूप में अलग ही चमक बिखेर रही थी उपर की टी-शर्ट उसने अब तक उतारी नहीं थी,,,
उसने मेरी तरफ देखते हुए अपनी उंगली से सु-सू करने का इशारा किया और वो बड़ी चट्टान से आगे चलकर पेशाब करने के लिए लहराते हुए कदमों से जाने लगी,,,, उसका ये रूप और भी कातिलाना अंदाज दिखा रहा था,,, शायद इसीलिए जानकर कहते हैं कि लड़कियों के कपड़े एक एक करके उतरने/उतारने का मजा ही कुछ और है,,, उसके चलने से उसके दोनों चूतड़ों की आपसी रगड़ और थिरकन को उसकी छोटी सी पैंटी कहां छुपा पाती,,,,

मैं वहीं किनारे पर पानी में बिल्कुल किनारे लेटे जैसे था कि तभी सामने से शालिनी मुझे हाथ के इशारे से अपनी ओर बुला रही थी और साथ ही उसने दूसरे हाथ की एक उंगली अपने होंठों के उपर रख रखी थी जैसे वो कह रही हो कि भाई जल्दी से मेरे पास आ जाओ मगर बिना आवाज किए...

मुझे लगा कि वो मुझे कुछ दिखाना चाहती है और मैं चुपचाप पानी से निकलकर दबे पांव शालिनी के पास पहुंच गया,,,

मैंने उसे इशारे से पूछा कि क्या है पर वो बोली कुछ नहीं और दबे पांव आगे बढ़ी मैं भी उसके पीछे पीछे चल दिया,,,, करीब पंद्रह कदम चलकर वो रुक गई और मेरे हाथ को पकड़ कर सामने पड़े हुए दो बड़े पत्थरों के बीच की झिरी में देखने का इशारा किया.....
मैंने एक कदम आगे बढ़ा कर शालिनी से सटकर खड़े होकर उस झिरी में देखा तो दोनों पत्थरों के उस पार दो जवान जिस्म एक दूसरे में ऐसे समाये हुए थे जैसे जन्मों के प्यासे हों और एक दूसरे में समा जाना चाहते हों,,,, उनके सारे कपड़े वही पास में बिखरे पड़े हुए थे और वो दोनों आराम से बातें करते हुए एक दूसरे के अंगों को चूम रहे थे और चाट रहे थे,,, ऐसा लग रहा था जैसे उन्हें किसी के देखने का जरा भी डर ना हो,,,

खैर, वैसे तो मैं बहुत ज्ञानी बनता था शालिनी के सामने सेक्स संबंधित बातों में,,, मगर इस बार सच में मेरी भी घिग्घी बंध गई थी,,, मैंने कभी किसी को असलियत में इस तरह नंग धड़ंग चुदाई की तैयारी करते हुए नहीं देखा था अब तक,,, मेरा सारा ज्ञान वीडियो क्लिप तक ही सीमित था,,, लाईव वीडियो का मेरा भी यह पहला मौका था और शालिनी का भी,,

हम दोनों ने एक साथ एक दूसरे की नजरों में देखा और इस बार हम दोनों को थोड़ी सी झेंप लगी और हम एक-दूसरे की आंखों में देखने की बजाय फिर से झिरी में देखने लगे,,, उधर अब तक एंगल बदल चुका था,,,
 
हम दोनों ने एक साथ एक दूसरे की नजरों में देखा और इस बार हम दोनों को थोड़ी सी झेंप लगी और हम एक-दूसरे की आंखों में देखने की बजाय फिर से झिरी में देखने लगे,,, उधर अब तक एंगल बदल चुका था,,,



हम दोनों से कुछ फिट की दूरी पर दो नंगे बदन चुदाई की शुरुआत करने वाले थे और हम-दोनों भाई बहन उनके लाईव वीडियो को देख रहे थे ऐसी हालत में कोई आखिर कैसे अपने आप पर कंट्रोल रखें,,, सामने वाले जोड़े में लड़की ज्यादा उत्तेजित लग रही थी और लड़के के लंड को अपने हाथों में लेकर उसे बड़ी तेजी से आगे पीछे कर के मसल रही थी और तभी लड़का बोला,,,

लड़का- आह सोनिया रुक जा ,,, नहीं तो मेरा माल तेरे हाथों में ही निकल जायेगा,,

लड़की- तो झड़ जाओ ना मेरे बहन चोद राहुल भैय्या,, मैं अपने लूडो को फिर से खड़ा कर लूंगी,,

लड़का- हां हां,, मेरी रानी बहना,, तू तो चूस चूस कर अपने लूडो को खड़ा कर ही लेगी,, बट एक राउंड पहले अपनी चूत में झड़ने दे,,, आज पूरे पांच दिन हो गए हैं तेरी ओखली में मूसल डाले हुए,,
और वो लड़का उस लड़की को लिटा देता है,, लड़की गजब की सुंदरता पायी थी और साथ ही उसकी चूंचियां भी मस्त थीं,,,

लड़की- राहुल भैय्या मैंने क्या रोका था तुम्हें,,, मेरी ओखली में मूसल डालने से,,,वो तो घर में तुम्हारी ख़ुद ही गांड़ फटती रहती है,,, अब पूरी कर लो अपनी इच्छा,,, खुले आसमान के नीचे चुदाई की,,,

लड़का धीरे-धीरे अपने लौड़े को सहलाते हुए लड़की के उपर लेट जाता है और उसकी चूत के मुहाने पर अपना लौड़ा टिका कर

लड़का- डालूं,,,, अच्छा आज रहने दो,, फिर कभी करूंगा,,

लडक़ी- बहन चोद मुझे गरम करके मज़े ले रहे हो,,, तुम्हारी देरी के चक्कर में ही मैं उस कमीने सौरभ के झांसे में आ गई थी,,,

राहुल- वो तो अच्छा हुआ मुझे पता चल गया कि तू चुदासी हो गई है और सौरभ से किसी भी दिन चुदवाने वाली है,,,, तभी मैंने तुझसे बात की और उस कमीने भोंसड़ी वाले सौरभ के जाल से तुझे निकाला,,,,

सोनिया- हां भाई तूने मुझे बचा लिया नहीं तो वो कमीना मुझे अपने सारे दोस्तों के आगे नंगी घुमाता ,,,,

और नीचे से अपने चूतड़ों को उछाल कर लन्ड को अपनी चूत में समाहित कर लिया और साथ ही नीचे से धक्के लगाने लगी,,,
वो दोनों हंस रहे थे और अब दोनों ने चुदाई में रफ्तार पकड़ ली थी,,,

अब तक हम दोनों को यह पता चल गया था कि ये जोड़ी भी हमारी तरह भाई-बहन हैं और यहां पर खुले आसमान तले चुदाई का आनन्द लेने आये हैं,,,

मैं अब चोर नज़रों से शालिनी को भी देख रहा था और साथ ही सामने हो रही लाइव चुदाई भी,, उसके चेहरे पर गरमाहट की ऐसी वाली छाई थी जैसे अभी उसके गालों से खून बाहर निकल आयेगा और गर्दन से नीचे उसकी तेज चलती हुई सांसों के साथ उसकी ब्रा और भीगी टी-शर्ट में कैद चूचियां बदस्तूर उपर नीचे हो रही थी,,, बहुत ही कामुक नजारा था और अब मेरे खाली हाथों को भी अपने आप ही काम सूझ गया और मेरा बायां हाथ मेरी फ्रेन्ची के अंदर पहुंच गया और मैंने अपने लौड़े को पकड़ कर दबाया तो उत्तेजना में मेरे मुंह से हल्की सी सिसकारी निकल गई और शालिनी ने मेरी ओर देखा,,,
और आंखों ही आंखों में इशारा किया कि आवाज ना करो भैय्या नहीं तो हम लोगों की पहली लाईव चुदाई देखने में बाधा पड़ सकती है,,,,, और उसने जब अपनी नजरें नीचे की ओर की तो उसने मेरे हाथ को अपने खड़े लन्ड को मुठियाते हुए देखा जो अब मेरी फ्रेन्ची से बाहर निकल चुका था और अपने पूरे सात इंची लम्बाई को अख्तियार कर चुका था,,,

हम दोनों की नजरें आपस में टकराईं और हम दोनों एक साथ सामने झिरी में फिर से देखने लगे,,, उधर अब तक एंगल बदल चुका था और लड़की सोनिया घोड़ी बन गई थी और उसका भाई राहुल उसके भारी चूतड़ों को पकड़ कर ताबड़तोड़ धक्के लगा रहा था और वो लड़की सोनिया भी तेज तेज आवाज में बोल बोल कर मस्त हो कर चुदवा रही थी,,,,

सोनिया- राहुल मेरी जान फ़ाड़ दे आज मेरी भोंसड़ी को,,, आह और अंदर पेल ना,,, घर पर हर समय चुदासे रहते हो,,, अब चोद मेरे भाई,, मेरी जान,, आह ,,, तेज,,, पेल ना,,, मैं अब आने वाली हूं,,,

राहुल- आह ,,, सोनिया मेरी जान,,, चोद तो रहा हूं,,, और कितना अंदर चाहिए तुझे,,,मेरा पूरा लन्ड तो अंदर जा रहा है,,,तेरी चूत में आग कुछ ज्यादा ही लगी हुई है,,, ले मेरी बहना,,, और वो और तेज धक्के मारने लगा

राहुल- मेरा लौड़ा शायद अब तेरी भोंसड़ी के लिए छोटा पड़ रहा है,,, है ना,,
चल अब मेरे उपर आ जा मेरी जान,,,,
और उन दोनों ने तुरंत ही चुदाई का एंगल बदल लिया और राहुल नीचे लेट गया और सोनिया उसके उपर बैठ कर लन्ड पर उछलने लगी और उसकी मस्त गोल गोल गोरी चुचियां उसके हर धक्के के साथ जबरदस्त उछाल मार रही थी,,,

मेरी और शालिनी दोनों की सांसें तेज हो गई थी और मैं अब अपने लन्ड के सुपाड़े की चमड़ी को पीछे तक खींचते हुए अपने आप को हस्तमैथुन की क्रिया में लीन कर चुका था,,, मुझे जरा भी डर या शर्म नहीं आ रही थी कि शालिनी मेरे से कुछ इंच की दूरी बना कर खड़ी हुई है,,,,,,,
तभी शालिनी ने मेरे लौड़े की तरफ देखा और मुझे अपने लौड़े को इस तेजी से मुठियाते हुए देखकर ना चाहते हुए भी उसके उत्तेजित चेहरे पर मुस्कान फैल गई और वो मेरे हाथ के पीछे जाने के साथ मेरे खुलते बंद होते लाल लाल सुपाड़े को बड़े ही गौर से देखने लगी,,,,

मेरे रोमांच की कोई सीमा नहीं थी और मैं कभी शालिनी को और कभी राहुल और सोनिया की चुदाई को देखकर अपने हाथों को रफ्तार दे रहा था,,,

कोई यूं ही एक दो मिनट हो गए मगर शालिनी ने झिरी के उस पार हो रही भाई बहन की घमासान चुदाई को देखने के बजाय अपने भाई के लन्ड को देखना ज्यादा पसंद किया और टकटकी लगाए रही,,,, तभी मैंने उत्तेजना में यंत्र वत होकर पता नहीं कैसे अपने दाहिने हाथ को शालिनी के उभरे हुए चूतड़ों पर रख दिया और दूसरे हाथ से मेरा लन्ड मुठियाना जारी रहा,,,

एक बार फिर से हम दोनों की नजरें टकराईं और मैंने उत्तेजना में उसे भी आंखों से इशारा किया कि तुम भी उंगली डाल कर अपने गर्म बदन की भट्ठी को शांत कर लो मेरी बहन,,

शालिनी ने भी अपनी लाल डोरे तैरती हुई बड़ी बड़ी आंखों से इशारे में ही मना किया कि मुझे नहीं करना,,,
 
मगर इस बीच उसने अपने गुदाज चूतड़ों पर रखे हुए मेरे हाथ को नहीं हटाया तो मैंने भी अपने हाथों का दबाव थोड़ा सा बढ़ाया तो उसकी पैंटी का सिल्की कपड़ा मेरे हाथों को महसूस हुआ,,,,, मेरा दूसरा हाथ मेरे लंड की गर्मी को ठंडा करने में लगा हुआ था,,,

उधर झिरी के पार
चुदाई खत्म हो गई थी और दोनों एक दूसरे के उपर लेट कर एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे,,, तभी सोनिया उठी और हमारी साइड आकर उसने कोने से कुछ उठाया और वापस वैसे ही मदमाती हुई अपने खूबसूरत भरपूर भरे हुए पसीने से लथपथ बदन की नुमाइश करते हुए राहुल के पास आकर नंगे बदन ही बैठ गई और वो सोनिया के हाथ में पकड़े हुए कैमरे में देखने लगे,,,

और इधर अब मेरे अंदर का ज्वालामुखी फटने को तैयार था और मैंने अपने हाथों की रफ्तार को और तेज कर दिया,,, और मेरे लन्ड ने वीर्य की पहली पिचकारी मारी जो सामने वाले पत्थर पर पड़ी,,, मेरे लन्ड से पिचकारी छूटते समय मेरे हाथ का दबाव अपने आप ही शालिनी के हिप्स पर बढ़ गया और मैंने तेज चलती सांसों के साथ ही अपने लौड़े को हिलाते हुए अपने वीर्य की आखिरी बूंदें टपकाई और नजरें उठाते ही शालिनी की नजरों से जब मेरी नज़र मिली तो वो एकटक मेरे झटके खाते हुए लन्ड को ही देख रही थी और उत्तेजना मिश्रित मुस्कान उसके चेहरे पर छाई हुई थी,,,,,
मैंने अपने लौड़े को दबाकर फ्रेन्ची के अंदर दबा दिया और एकदम अच्छे बच्चे के जैसे सामने देखने लगा....
और शालिनी भी अंदर की ओर देखने लगी,,,,,,,,

ओह तेरी तो,,, ये दोनों तो बहुत बड़े वाले खिलाड़ी निकले चुदाई के खेल के,, मतलब ये दोनों भाई बहन अपनी चुदाई की वीडियो रिकार्डिंग कर रहे थे और अब देख रहे हैं कि वीडियो अच्छी बनी हुई है या नहीं,,,

सोनिया- ( हंसते हुए) चलो भय्या ,, अब जगह बदल कर एक राउंड हो जाए,,,,,,,, एक वीडियो देखा था पानी में जबरदस्त चुदाई का,,, पानी में चोदोगे मुझे ,,,,

राहुल- हा हा हा,, मेरी चुदासी बहना,, कितनी जगह बदल बदल कर चुदवा चुकी हो,, शुरू बेडरूम से हुआ और फिर किचन, बाथरूम, आंगन, बरामदा, खेत में, जंगल में, और आज पहाड़ी झरने के पास,,, अब पानी में,,,,,

और वो दोनों अपने तन ढकने भर के कपड़े पहनने लगे,,,

हम दोनों में अब तक कोई बात नहीं हुई थी सिर्फ आंखों ही आंखों में इशारे से काम हो रहा था,,

सोनिया- ऐसा करते हैं भाई उधर जो छोटा झरना है वहां चलते हैं,,
और वो दोनों दूसरी तरफ जाने लगे,,,

मैं- चलें,, उधर,, लाईव शो देखने,,

शालिनी- नहीं,, इतना काफी है,, अब मैं नहीं देख पाऊंगी,,,
उसकी आवाज में कंपकपी महसूस हो रही थी,,,,

और मैंने उसके हाथ को अपने हाथ में पकड़ा और हम लोग वापस पानी की ओर चलने लगे,, जहां पर हम लोगों के कपड़े और बैग वगैरह रखें हुए थे,, हम दोनों में अब भी कोई बात नहीं हो रही थी,,,
मैं झरने के किनारे आकर बिना बोले पानी में उतरने लगा और शालिनी की ओर देखा तो वो भी अपनी टी शर्ट पहने हुए ही पानी में उतरने लगी,,,, नीचे से उसकी नंगी टांगें और जांघों के बीच सिर्फ एक छोटी सी पैंटी,,

मैं- शालिनी तुम भी टी-शर्ट उतार कर उधर पत्थर पर डाल दो तो हम लोगों के निकलने तक सूख जायेगी,,,

शालिनी- प्लीज़ भैया,,
और वो बिना टी-शर्ट उतारे पानी में मेरे पास आ गई,,
मैंने अब उससे ज्यादा जबरदस्ती करना ठीक नहीं समझा और हम ऐसे ही पानी में मजे लेकर नहाने लगे,, शालिनी भी पानी में तैरने लगी और कुछ मिनटों बाद उसके चेहरे पर सामान्य मुस्कान फैल गई और अब शायद वो थोड़ा सा रिलैक्स फील कर रही थी,, अभी अभी की सजीव प्रसारण वाली भाई बहन की चुदाई लीला देखने के बाद,,,

अब मैं भी शालिनी के पानी में तैरते हुए सेक्सी बदन को टी-शर्ट और पैंटी में कैद हुए ही निहारने लगा और कुछ एक मिनट बाद मेरा लन्ड फिर से खड़ा होने लगा,,,,,,
शालिनी तैरते हुए मेरे पास आई और बोली

शालिनी- भाई,, चलो अब झरने के नीचे नहाते हैं,,

और मैं उसके साथ तैरते हुए पास के पत्थर को पकड़ कर ऊपर झरने की तरफ चल दिया,, शालिनी भी मेरे पीछे आ कर खड़ी हो गई और हम दोनों उपर से गिरते हुए ठंडे पानी में अपने बदन की गर्मी को शांत करने लगे,,,
खैर, मेरी गर्मी तो निकल चुकी थी मगर शालिनी की बुर की गर्मी अभी तक नहीं निकली थी,,, तभी मेरे दिमाग में आया कि बिना उकसाये शालिनी अपनी बुर में उंगली डालेगी नहीं और अगर यहां आज वो अपनी बुर में उंगली करने लगी तो शायद मैं भी उसको हस्तमैथुन करते हुए देख पाऊं जैसे उसने आज मुझे पहली बार हस्तमैथुन करते हुए देखा है,, यही सब सोचते हुए,,,

मैं- जी भर के नहा लो बहना,, बाद में मत कहना कि गर्मी लग रही है,,

शालिनी- हां भाई,,आप भी

मैं- अरे,, यार, मुझे तो अब ठंड लग रही है,, मेरी गर्मी तो निकल चुकी है,,उस पत्थर पर पड़ी है,, हा हा हा,, तुम्हारी बाकी है,,

शालिनी- (हंसते हुए) नहीं ऐसा कुछ नहीं है,,

और हम दोनों एक दूसरे पर पानी फेंकते हुए हंस हंस कर खेल रहे थे

मैं- हां, अभी तो कह रही हो ऐसा कुछ नहीं है और जब रास्ते में बाइक पर गीला गीला लगेगा तब क्या करोगी,,

शालिनी- छोड़ो ना भाई,, कुछ और बात करो ना,,

मैं- हां,, तो और बात क्या करें,, आई लाईक करेंट अफेयर्स,, सो करेंट अफेयर में आज का टापिक है... राहुल और सोनिया का रोमांस,, कैसा लगा??

और मैं उसके एकदम पास आकर हंसते हुए उसके पेट में भीगी हुई टी-शर्ट के उपर से गुदगुदी करने लगा और शालिनी हंसते हुए अपने आप को पानी में सम्हालने के चक्कर में हल्का सा फिसली और मैंने उसे अपनी बाहों में भर कर थाम लिया,,,,, ये सब कुछ एकदम फिल्मी लग रहा था,,, पानी में भीगती हुई एक शोख हसीना और उसके भीगे बदन में चूचियों की उठान,, ,,
 
शालिनी- तुम्हें तो बस मौका चाहिए मुझे चिढ़ाने का,,, वो दोनों भी पागल थे तुम्हारी तरह,,,

मैं- अच्छा पागल ही सही,,, मगर दोनों में प्यार बहुत जबरदस्त है,, एक दूसरे पर मरते हैं दोनों,,

शालिनी ने पानी में ही मेरी बाहों के घेरे से आजाद होते हुए नीचे की तरफ पानी में छलांग लगा दी और नीचे पानी में तैरते हुए मेरी तरफ देख कर बोली,,,

शालिनी- वो एक दूसरे पर मरते नहीं हैं गुरु जी,,,, मारते हैं एक दूसरे को,,, हा हा हा हा हा

मैं भी अब तक छलांग लगाकर शालिनी के पास आया,,, पानी हम दोनों के गर्दन की उंचाई तक ही था यहां पर ,,, मैं भी उसके डबल मीनिंग बोली को समझकर जवाब में उसकी आंखों में आंखें डालकर बोला,,,

मैं- क्या मारते हैं ?

शालिनी- बदमाश,, तुम्हें पता तो है , फिर भी,,,, बेशरम ,,,

और वो तैर कर मुझसे दूर जाने लगी,,
मैंने उसे पानी में ही पीछे से पकड़ लिया और पानी के अंदर उसकी चिकनी जांघों से लेकर नीचे पैर तक अपने पैरों से सहलाते हुए,,

मैं- मुझे तो ये भी पता है कि राहुल और सोनिया दोनों इस समय पानी में धक्का-पेल मचाए हुए होंगे,,,

शालिनी- ओह स्वारी ,,,आपका शो मिस हो गया,,,

मैं- और क्या मस्त शो चल रहा होगा उधर तो,,,

शालिनी- सच में दोनों कितने हद दर्जे के बेशरम है,, वो सोनिया तो करते हुए भी भैय्या भैय्या बोल रही थी,,, पागल,,,

मैं- और यहां कुछ लोगों को उंगली करने में भी शर्म आती है,,,,

शालिनी- तुम ना,, भाई,,, क्या कुछ भी,,, मतलब कहीं भी,,, मैं ना तुम्हारी तरह बेशरम नहीं हो पाउंगी,, ओह गाड कैसे तुम वहीं शुरू हो गए थे,,,

मैं- हां हां,, मैं तो बेशरम ही ठीक हूं,,, जो करता हूं,, खुल्लमखुल्ला,, चोरी चोरी उंगली नहीं करता...

शालिनी- धत् पागल,, और मेरे सीने में मुक्का मारते हुए,,, मुझसे नहीं होगा ऐसी जगह,,

मैं- हूं,,,, तुमसे नहीं होगा तो मैं कर देता हूं,,, और मैंने उसे पानी से बाहर अपनी बीच वाली उंगली निकाल कर इशारा किया तो वो झेंप गई और अपनी आंखें नचा करके आगे की ओर तैरते हुए बोली

शालिनी- भाई,,, मैं जब इस सब से अपना दिमाग हटाती हूं वैसे ही तुम ना फिर से मुझे,,,

मैं- अच्छा जी,, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे,, किसने बुलाया था लाईव शो देखने के लिए,, हा हा हा हा

शालिनी- मुझे लगा कि वो लड़का कहीं उस लड़की के साथ कुछ ग़लत करने वाला है,,,,

मैं- तो वो ग़लत काम कर रहा था कि सही??

शालिनी- अब यह तो वो लोग जानें,,,, तुम्हें तो खूब मज़ा आया ना,,, हिला हिला कर ,,,, आज तो तुम अपने सु-सु की जान ही निकाल देने वाले थे,,,,

मैं- यार,, अब ऐसा लाइव शो देखने के बाद कैसे कंट्रोल होता मुझे,,, तो मैंने कर लिया,,, तुम्हें तो शर्म आती है भाई,, वैसे तुम कैसे कंट्रोल कर लेती हो ,,

शालिनी- बस हो जाता है कभी कभी नहीं भी होता,, बट,,

मैं- बट,, अभी मन कर रहा है रिलैक्स होने का,,

शालिनी- (धीरे से) यहां कैसे,, इट्स टू रिस्की भैय्या,, यहां खुले में,,

अब मैं समझ गया कि शालिनी भी अपनी बुर में उंगली डाल कर अपनी गर्मी शांत करना चाहती है मगर यहां खुले में और मेरे सामने उसे अब भी शर्म आ रही है,, तो मैंने मौका देख कर पानी में ही उसके एकदम पास आकर उसके भीगे बदन को पानी में देखते हुए बोला,,

मैं- क्या बेबो,, इधर हम दोनों के सिवा आसपास कोई और नहीं है,, और तुम्हें बाहर खुले में नंगे होकर उंगली करने में डर लगता है तो पानी के अंदर ही कर लो,, किसी को पता भी नहीं चलेगा,, अगर कोई आ भी जाए तो,,

शालिनी- हूं,,, पानी में कैसे,,

मैं- उधर किनारे पर घुटनों तक पानी है बस कमर तक पानी में खड़े हो कर कर लो,,

शालिनी- अरे,, ऐसे थोड़े हो पायेंगा,,

मैं- तुम उधर चलो तो मैं बताता हूं,,,, आराम से हो जाएगा और पानी में उंगली करने का मजा भी अलग ही आयेगा,,, तुम्हें बहुत अच्छा फील होगा,,,,,

और मैंने उसके हाथ को पकड़ कर साथ में तैरते हुए थोड़ा सा किनारे पर आकर उसके सामने कमर तक पानी में खड़े हो कर उसकी उत्तेजना में टी-शर्ट में कैद चूचियां बदस्तूर उपर नीचे हो रही थी और मैं उसे देखते हुए बोला,,,

मैं- पैंटी उतार दो और थोड़ा सा पैर फैला कर कर लो,,,

शालिनी- मैं पानी में ऐसे ही नंगी,, नहीं भाई,, सब दिख रहा है,,साफ पानी में,,,

मैं- बाहर से थोड़े ना दिखेगा और मैं उधर मुंह कर लेता हूं,, बस,,,,, या फिर बोलो,,, मैं तुम्हें रिलैक्स कर दूं,,,,

और उसे अपनी बीच वाली उंगली दिखाई,,,

शालिनी- तुम ना,,, तुम दूर ही रहो,,, मैं कर लूंगी,,, अब उधर घूमो,,,

और मैं उल्टा हो गया और मुझे लगा कि शालिनी ने मेरे पीछे झुककर पानी में अपनी पैंटी निकाल दी और मैं बस उसकी बुर की कल्पना में खोने लगा,,,

अजब मंजर था मेरे बिल्कुल पीछे कमर तक पानी में मेरी सगी बहन घुटनों से नीचे पूरी नंगी खड़ी थी और अपनी बुर में उंगली डाल कर अपनी कामवासना को शांत करने की तैयारी में,,, एक बार मेरे मन में आया कि पीछे घूम कर देखूं कि कैसे शालिनी ने अपनी चूत में उंगली डाली है,,, और उसकी बुर कैसी है,,,, पानी काफी साफ़ था और उसमें गौर से देखने पर सबकुछ साफ दिखाई दे रहा था और यही सब सोचते हुए मेरे लन्ड में फिर से तनाव आने लगा,,,
तभी मेरे हाथ में शालिनी का हाथ आया पीछे से और उसने मुझे अपनी पैंटी पकड़ा दी,,,,,
 
शालिनी- भाई,, इसे पकड़ लो नहीं तो पानी में बह जाएगी,,,

मैं- ठीक है,,, आराम से करो,,,, मैं हेल्प करूं,,,,,,

शालिनी- (थोड़ा सा हंसते हुए) तुम बस उधर देखो,, मुड़ना नहीं,,,

मैं- मेरा तो देख लिया ,,,अब अपने टाईम बड़ी शरम आ रही है,, करो,, करो,,,, मैं चोरी से नहीं देखता,,, जब दिखाओगी तभी देखूंगा,,,,

शालिनी- अब तुम चुप भी हो जाओ,,,आह,,,स,,सा,,,सी,,,,,

अब मुझे पानी की आवाज के अलावा भी आवाजें आने लगीं और उनमें से शालिनी की हल्की हल्की सिसकियां भी शामिल थीं,,
मैं बिल्कुल इमानदारी से खड़ा रहा और अपने पीछे देखने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं किया,,,,

पीछे मुझे महसूस हो रहा था कि शालिनी ने अपनी बुर में उंगली डाल दी है और अब वो भी मदहोशी की ओर बढ़ रही होगी,,,, कुछ देर तक खामोश हो कर मैं भी आस पास के मनोरम वातावरण को देखकर उत्तेजित अवस्था में शांति से खड़ा रहा जिससे मेरी बहन के हस्तमैथुन करने में कोई व्यवधान उत्पन्न ना हो,,,,,

मेरे हाथों में उसकी सिल्की कपड़े वाली पैंटी थी और मैं उसे अपने चेहरे के पास लाकर उसे सूंघने लगा,,,, और कुछ एक मिनट के बाद मुझे ऐसा लगा कि शालिनी के हाथों की रफ्तार कुछ तेज़ हो गई है एक तेज आवाज के साथ उसने मेरे कंधे पर पीछे से हाथ रख दिया और,,,

शालिनी- भाई ईईईई,,, मेरी पैंटी,,,,

मैंने बिना मुड़े उसकी पैंटी को उसके हाथ में दे दिया और उससे पूछा,,,

मैं- हो गया,,,

शालिनी- ह हां,, ,,,, मैं पैंटी पहन नहीं पाऊंगी,,, पानी में,,,

मैं- बाहर निकल कर पहन लो,,,

और तभी शालिनी के पानी से बाहर की तरफ निकलने की आवाज आई और साथ ही मैं भी घूम गया और पानी से बाहर निकलती हुई एक मदमस्त हसीना के पिछवाड़े को देखकर उत्तेजित हो कर अपने आप मेरा हाथ मेरे लन्ड को मसलने लगा फ्रेन्ची के उपर से ही,,, मैं पहली बार इस तरह किसी जवान बदन के नंगे चूतड़ों को आपस में रगड़ते हुए देख रहा था,,,,


शालिनी ने किनारे पर जाकर एक टीले पर बैठ कर अपनी पैंटी पहनी और फिर से पानी में मेरे पास आ गई,,,

मैं- रिलैक्स होने के बाद चेहरा और खिल जाता है,, है ना,,, ब्यूटी क्वीन,,,

मैं उसके चेहरे पर पड़ती हुईं धूप में खिले हुए उसके गोरे गोरे मुखड़े को देखकर बोला,,,

शालिनी- क्यों क्या पहले मेरा चेहरा मुरझाया हुआ था,,

मैं- नहीं यार,,, डिस्चार्ज होने के बाद एक अलग ही निखार आता है,,,

शालिनी- हूं,,, तभी तुम्हारे चेहरे पे ज्यादा ही निखार रहता है आजकल,,, हा हा हा हा हा,,,,

मैं- ज्यादा कैसे,,

शालिनी- तुम तो दिन भर में जाने कितनी बार डिस्चार्ज होते हो,,, अभी अभी किया था और देखो तो तुम्हारा छुन्नू फिर से मचल रहा है,, हा हा हा हा

उसने मेरी फ्रेन्ची में भीगने से खड़े लंड को पानी के अंदर भी देख लिया था और उसी की ओर इशारा करते हुए बोली थी,,,

मैं- वैसे पानी में मैंने कभी किया नहीं,,कैसा लगा,,,, कुछ अलग मजा आया क्या ?

शालिनी- ठीक लगता है पानी में ,,,बट खड़े होकर बैलेंस नहीं बनता,,, तुम लोगों के मजे हैं,, चाहे जैसे करो,,,

मैं- हां,, ज्यादा मजे के चक्कर में ही तो राहुल और सोनिया उधर पानी में गये हैं,,,

शालिनी- हां,, तुम्हारा मन अभी भी नहीं भरा है शायद,,,
बट भाई अब बहुत मस्ती हो गयी है ,, हम लोगों को चलना चाहिए,, नहीं तो घर पहुंचने में अंधेरा हो जायेगा,,,

हम लोगों को इस हसीन वादी में घूमते, नहाते और चुदाई देखते हुए हस्तमैथुन करने में काफी मजा आ चुका था और ज्यादा मजे के चक्कर में कहीं कुछ गड़बड़ी ना हो जाए,,,

हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही पानी में और मस्ती करते हुए पानी से बाहर निकल कर अपने बैग के पास आगये और शालिनी ने बैग से अपने पहनने के लिए कपड़े निकाल लिए और मेरी तरफ देख कर बोली

शालिनी- भाई, मैं चेंज कर के आती हूं,,,, और वो पत्थर के पीछे चली गई,,,

मैंने भी अपनी गीली फ्रेन्ची निकाल कर बिना अंडरवियर के ही जींस पहनी और शालिनी का वेट करने लगा,,,,,



तभी शालिनी पत्थर के पीछे से निकल कर आई और मैं अपलक उसे देखता ही रह गया,, उसने टी-शर्ट और पैंटी पहनी थी,,, पैंटी उसकी निक्कर टाईप की थी और उसकी जांघों को और आकर्षक बना रही थी,,, और उसने अपनी दूसरी जींस बैग से निकाल ली,,, और,,,


शालिनी- भैय्या,,, ये वाली जींस अभी हल्की सी गीली ही है,, दूसरी ही पहन लेती हूं,,,
और उसने वहीं पत्थर पर टेक लगाकर जींस पहनी,,, और हम दोनों एक-दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर अपनी बाइक की ओर चल दिए,,,,

बाइक स्टार्ट करके हम लोग घर की ओर चल पड़े,,, शालिनी की सबसे अच्छी बात यह है कि वो सबकुछ करने और देखने के बाद ज्यादा बात नहीं करती है,, सेक्स सम्बन्धी बातों के बारे में,,, अभी अभी हम दोनों ने साथ में एक भाई बहन की चुदाई देखी,,, मैंने उसके साथ खड़े होकर मुठ मारी और उसने मेरे पीछे खड़े होकर पानी में अपनी चूत में उंगली डाली, मगर अब भी हम दोनों ने एक-दूसरे के किसी भी अंग को नाजायज तरीके से छुआ तक नहीं था,,, शालिनी का बचपना अभी तक बरकरार था और मेरी चुहलबाज़ी बढ़ती जा रही थी दिन प्रतिदिन,,,,,



रास्ते में बाइक पर मैं बराबर शालिनी से हल्की फुल्की छेड़छाड़ वाली बातें करते हुए मज़े के साथ ड्राइविंग करते हुए घर के करीब पहुंचने वाला था तो मैंने शालिनी से कहा कि हम लोग सीधे घर ही चलते हैं तो उसने भी कहा,, हां,, सीधे घर चलो,,, और मैंने हाइवे से बाइक अपने घर की ओर बढ़ा दी,, शाम हो चुकी थी और आसपास घरों में लाइट जल रही थी,,,,
 
हम दोनों घर पहुंचे और माम हम लोगों को देखकर आश्चर्यचकित हो गई और गले लगाकर बोली,,

सरोजिनी- मेरे बच्चों तुम लोगों ने ऐसे अचानक आकर मुझे सरप्राइज दिया है,,, बहुत याद आती है तुम लोगों की,,,

शालिनी- माम हम लोग भी आपको बहुत मिस करते हैं,,,, काश हम सब साथ में ही रहें,,,,

मैं- हां,, माम कुछ करो और अपना ट्रांसफर शहर में ही करवा लो,,,, फिर हम सब साथ में रहेंगे,,

शालिनी- हां,,, माम कितना अच्छा होगा,,हम सब साथ रहेंगे,,

सरोजिनी- अच्छा मेरे बच्चों,,, कुछ समय बाद देखते हैं,,, अभी तो मुश्किल है मेरा ट्रांसफर,,, अच्छा अब मुझे छोड़ो,,, कुछ खाना पीना है,,, थक भी गये होंगे तुम लोग,,,

और हम दोनों ने अपनी बाहों के घेरे से माम को आजाद किया और माम किचन में चली गई,,, उनके पीछे पीछे शालिनी भी किचन में पहुंच गई,,,,
मैं भी अपने कमरे में जाकर कपड़े बदल कर किचन के बाहर खड़े हो कर माम से बात करने लगा और शालिनी किचन से निकल कर अपने कमरे में बैग लेकर चली गई,,,,

वो कुछ मिनट बाद बाहर आई कपड़े बदल कर और उसने टी-शर्ट कैप्री पहनी हुई थी,,, हम तीनों साथ में बैठ गए और चाय नाश्ता करने लगे,,,,

सरोजिनी माम- थैंक्स बेटा,,, तुमने शालिनी के लिए अच्छे कपड़े सेलेक्ट किए हैं,,, अब मेरी बेटी और भी सुंदर लग रही है,,,
माम शालिनी की ओर देखते हुए बोली

मैं- ओहो माम,,, तो आप का मतलब है मेरी बहना पहले सुंदर नहीं थी,,,,

शालिनी- हूं,,, अब आप दोनों लोग मिलकर मेरी टांग खिंचाई करने लगे,,, वैसे माम ये वाले कपड़े मेरी ही पसंद के हैं,,,

सरोजिनी माम - अरे मेरे बच्चों,,, कोई किसी की खिंचाई नहीं कर रहा है,,, बस काफी दिनों बाद देखा है ना तुम दोनों को,,, तो अच्छा लग रहा है,,, बस तुम दोनों ऐसे ही प्यार से रहो,,,

मैं- माम ,,, आप बिल्कुल भी परेशान ना हुआ करें हम दोनों के लिए,,, हम अच्छे दोस्त बन गए हैं और साथ में खूब मस्ती करते हैं,,, कोई लड़ाई झगड़ा नाराजगी नहीं होती,,,, और अब तो शालिनी मुझे खिला खिला कर मोटा कर दे रही है,,,

मैं अपने डोले माम और शालिनी को दिखाते हुए बोला

शालिनी- (हंसते हुए) हां हां हां,,, अब मैं खाना बना लेती हूं,,, और भाई को बाहर का नहीं खाना पड़ता,,, वैसे माम,,, भैय्या अभी मोटे बिल्कुल नहीं है,,, बिल्कुल जान अब्राहम जैसे फिट और स्मार्ट,,,, हीर है मेरा भाई,,,

मैं- हां माम ,, मुझे तो वैसे भी बाहर की कोई चीज पसंद नहीं,,, घर में अगर सब कुछ मिल जाए तो वो ठीक रहता है और सेफ भी ,,,
मेरे चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान शालिनी को देखते हुए फैल गई

सरोजिनी माम - हां हां,, मेरे दोनों बच्चों में कोई भी मोटा नहीं है,,, तुम दोनों फिट हो,,, हां मैं जरूर मोटी हो रही हूं आज कल,,,

हम दोनों की चाय खत्म हो गई थी और हम दोनों एक साथ उठकर माम के पीछे से आकर कुर्सी के दोनों तरफ से उनके गले लग गये और एक साथ बोले - आप बिल्कुल भी मोटी नहीं हैं और उल्टे अकेले रहकर आप शायद आज कल अपने खाने का ध्यान नहीं रखतीं हैं,,,

और ऐसे ही हम सब बातें करते रहे और कुछ देर बाद शालिनी से मिलने पड़ोसी सहेली आ गई और वो उसके साथ बातें करने लगी,,,,, मैं भी घर के आसपास के लोगों से मिला और रात के नौ बजे तक घर वापस आ गया,,,,

मैं घर में घुसा तो सामने माम बैठी टीवी देख रही थी और मुझे देख कर शालिनी उनके पास से उठते हुए बोली,,,

शालिनी- मैं नहाने जा रही हूं माम फिर खाना खाते हैं,,

वो कमरे में कपड़े लेने के लिए गई और पीछे पीछे मै भी पहुंच गया और वो अपने कपड़े निकाल रही थी बैग से,,,, उसने एक बार मेरी तरफ देखा और हाथ में कपड़े लेकर बाहर जाने लगी,, तभी मैं बोला,,,

मैं- मैं भी चलू क्या"

शालिनी- चुप करो तुम अब,,

मैं - क्यों,,, हम दोनों ने तो वैसे भी एक दूसरे को नहाते हुए देखा है,,

शालिनी- नहीं यार,, हम हैं कहां,,, तुम्हें कुछ होश है,,,

मैं -"क्यों "

शालिनी- पागल,,, हम घर में हैं,,, माम के साथ,,

और वो रूम से चली गयी मैं सोचने लगा की शालिनी मेरे साथ थोड़ा थोड़ा खुलने तो लग गयी है लेकिन उसे शर्म आ रही है,,, या फिर माम की मौजूदगी से उसने मना किया है,,,, ओह तेरी तो,,,, मतलब अगर हम दोनों अकेले होते तो शालिनी को मेरे साथ घर के बाथरूम में नहाने में शायद कोई इंकार नहीं था,,,,, चलो कोई नहीं,,, दो दिनों के बाद हम दोनों फिर से अपने शहर के मकान में अकेले हो ही जायेंगे,,,,,,,

मैं वहीँ बैठ गया और सोचने लगा की आगे क्या किया जाए थोड़ी देर बाद शालिनी नहा के आई ,, माम अब किचन में जा चुकी थीं,,, उसको देखते ही मैं पागल हो गया नहा के उसने वी नेक का टॉप और कैप्री पहनी थी वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी गीले गीले ढीले से बाल जिन्हें उसने क्लिप से बांध रखा था गले में पतली सी चेन कान में छोटे छोटे टोप्स उसका टॉप जो उसके बदन से चिपका हुआ था उसके चिपके हुए टॉप में से उसके मोटे मोटे नरम स्तन बाहर की तरफ निकलते हुए बहुत सेक्सी शेप बना रहे थे उसके गोरे चिकने चमकते हाथ उसके नीचे उसकी कैप्री,,, वो मेरे सामने घूम रही थी तो उसे देख देख के मैं पागल हुए जा रहा था फिर वो बॉडी लोशन की बोतल लेके मेरे सामने बैठ गयी और अपने हाथ में लोशन लेके अपने हाथों पे लगाने लगी मैं उसे लोशन लगाते हुए देख रहा था और उसकी खूबसूरती को निहार रहा था और वो भी बीच बीच में मुझे मुस्कुराते हुए देख रही थी*

हाथों पे लोशन लगाने के बाद वो पैरों पे लोशन लगाने के लिए झुकी और उसके टॉप के गले में से मुझे अंदर की एक झलक दिखी शालिनी ने टॉप के अंदर वाइट कलर की शमीज और उसके अंदर वाइट कलर की ब्रा पहन रखी थी पूरे रूम में उसके बदन की डियो की और लोशन की खुशबू महक रही थी फिर लोशन लगा के उन्ने बोतल साइड में रखी और मुस्कुराते हुए अपनी आईब्रो ऊपर करके मुझे इशारा किया,,, जैसे कह रही हो क्या देख रहे हो मेरे चुदासे भैय्या,,,

मैं शालिनी के शरीर के हर कोने और कटाव को ना जाने कितने एंगल से देख चुका था और छू भी चुका था मगर आज दिन भर के सेक्सी वाकये से भरपूर सफर के दौरान मेरी भूख और बढ़ गई थी और मुझे थोड़ा सा ज्यादा मज़ा इसलिए भी आ रहा था कि यहां माम की मौजूदगी में शालिनी से छेड़छाड़ का दुगुना मजा आ रहा था,,, शालिनी ने आज रात के समय सोने के लिए भी ब्रा और समीज पहनी हुई है,,, माम के साथ होने से,,,, और मैंने मौका देखते हुए तीर चलाया...

मैं- बहुत सेक्सी लग रही हो यार,,,

शालिनी (हंसते हुए)- अच्छा मुझे तो पता ही नहीं था ,,,
और हंसने लगी हम दोनों मुस्कुराते हुए एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे तभी मम्मी आई और

सरोजिनी माम- नहा लिया शालिनी,,

शालिनी- हाँ मम्मी

सरोजिनी माम- चलो तुम दोनों खाना खा लो,,,,,

मैं- माम दो मिनट,,, मैं भी नहा लूं,,,
 
सरोजिनी माम- बेटा,,, ऐसा करो,, खाना खा लो फिर बाद में नहाकर सो जाना,,, मैं भी बाद में ही नहाऊंगी ,,,,, नींद अच्छी आएगी,,

मैं- ठीक है,,,

और हम लोग डाइनिंग टेबल पर आकर खाना खाने के लिए बैठ गए,,,,

सरोजिनी माम- तुम दोनों आज बाइक से इतनी दूर आये हो,,, बहुत थक गए होंगे,,,

मैं- नहीं तो,, मैं तो नहीं थका,, उल्टे मुझे तो बाइक से सफर में बहुत मज़ा आया,,, शालिनी शायद थक गई है,,,
और मैंने शालिनी की ओर देखते हुए आंख मार दी ,,,

शालिनी- (हड़बड़ी में) नहीं माम ,,, थकान नहीं है और रास्ते में सच्ची में बहुत मज़ा आया,,, है ना भैय्या,,,
और उसने मुझे देखते हुए मेरी ही तरह आंख मारी,,,

सरोजिनी माम- हां बाइक से अपनी मर्जी रहती है जहां चाहें रुक सकते हैं,,,

शालिनी- हां माम,,, हम लोग रास्ते में,,,,

इतना कहकर ही शालिनी रुक गई मुझे एक पल को लगा कहीं झटके में शालिनी हम दोनों के झरने वाली जगह रुकने के बारे में ना बोल पड़े,, मगर उसने अपने आप को सम्हाला,,,

सरोजिनी माम - हां,, क्या हुआ था रास्ते में,,,

मैंने बात को सम्हालते हुए कहा

मैं- अरे माम,,, कुछ नहीं रास्ते में शालिनी को बहुत जोर की सु सू लगी थी और ये बोलने में शर्मा रही थी,,,, बस में होती तो ,,,,, हा हा हा

सरोजिनी माम- (हंसते हुए) हां,,, तो कर लेती ,,,,, शर्म में कपड़ों में करने से तो अच्छा है,,, फिर क्या किया,,

मैं- वो तो जब मुझे सु सू लगी तो मैंने बाइक रोकी तो मैडम का गाल ब्लैडर बस फटने ही वाला था,,,हा हा हा,,,

शालिनी- हां हां,, तुम लोगों का क्या ,,,कहीं भी खड़े हो गए,,,,, माम आप ही बताइए,,, हाइवे किनारे खुले में टायलेट करने में,,,, हम लेडीज को कितना अजीब लगता है,,,

सरोजिनी माम- हां भाई,, लड़कों को तो ये आराम रहता है ,,और हम लेडीज को थोड़ा ध्यान रखना पड़ता है,,, बट ऐसी कंडीशन में करना पड़ता है,,,,, और वैसे भी तुम अकेले तो थी नहीं,,, तुम्हारा भाई तो था ही साथ में,,, तो हाइवे किनारे भी क्या डरना,,,

इसका मतलब माम की तरफ से भी इतनी इजाजत तो थी ही,,, मगर उन्हें क्या पता था कि उनके दोनों बच्चों में भाई बहन के प्यार के जुनून में धीरे धीरे प्रेमी-प्रेमिका वाला प्यार पनपने लगा है और अब तक तो उनका बेटा ही अपनी सगी बहन के बदन को भोगना चाहता था मगर शायद अब उनकी मासूम बेटी शालिनी भी धीरे धीरे बहन से प्रेमिका बनने की राह पर चल पड़ी है,,,, मेरी छेड़छाड़ भरी बातों में उसे भी मजा आने लगा है और ऐसा लगता है कि जल्द ही वो मेरी सारी काम वासनाओं की पूर्ति करने वाली है,,, उसके साथ खड़े होकर हस्तमैथुन करते हुए सगे भाई बहन की घमासान चुदाई देखने के बाद तो अब हमारे बीच एक और पर्दा हट चुका था,,,

हम लोगों ने खाना खाने के बाद कुछ और देर तक वहीं डाइनिंग टेबल पर ही हंसी-मजाक किया और फिर माम और शालिनी किचन में बर्तन लेकर चली गई और मैं नहाने के लिए बाथरूम में,,,,,,,,,,,,,

अंदर बाथरूम में जाकर मैंने लाइट जलाई और अपनी टावेल को हैंगर पर टांगने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो वैसे ही मेरी नजर हैंगर पर पहले से टंगी हुई एक ब्लैक ब्रा पर पड़ी और साथ ही एक ब्लैक पैंटी भी थी,,,,,

मुझे याद आया कि ये ब्रा और पैंटी शालिनी की तो है नहीं तो इसका मतलब है यह माम की है और पता नहीं कैसे मेरे शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गई,,, मुझे ठीक से याद नहीं कि आज से पहले मैंने कभी अपनी माम की ब्रा और पैंटी को इस तरह देखा हो और मेरे शरीर के रोएं खड़े हो गए हों,,, ऐसा पहली बार हुआ था,, मैंने एक बार अपने आप को समझाया कि मैं यह क्या कर रहा हूं अभी तक तो मैं अपनी बहन के बदन को देख कर उत्तेजित हो जाता हूं और अब आज माम के अंत: वस्त्र देखकर उत्तेजना,,,,, ये सब हो क्या रहा है,,,
मैंने शावर चालू कर दिया और,, ब्रा को हाथ में लेकर उसकी पट्टी पर हुक के पास लिखे नम्बर को देखने लगा,,,, माम की ब्रा का साइज़ 36 था,,, मतलब शालिनी से कुछ बड़ी चूचियां हैं,, खैर वो तो उन दोनों की उम्र का अंतर था ही,,, और शालिनी की चूचियां अभी तक एक तरह से अनछुई ही थी,,, हल्का हल्का फुल्का सहलायी गयी थी मेरे हाथों से,,, जबकि माम तो हम दोनों को दूध पिलाने के बाद भी ऐसा गजब फिगर बना के रखी हैं,,,

मेरी मॉम सरोजिनी बहुत ही आकर्षक महिला हे जो अपने शरीर का पूरा धयान रखती हैं। सुबह उठते ही वो योग और प्राणायाम करती हे ,४० साल पार की उम्र होने के बाद भी कोई उन्हें देखता है तो वो उन्हें हमारी मॉम कम शालिनी की बड़ी बहन और मेरी दीदी ज्यादा समझता है,, यही नही मॉम घर में हमेशा साड़ी या सूट में ही रहती हे , मैंने उन्हें कभी गाउन वगैरह में हमारे सामने आते नही देखा चाहे वो अकेले में कैसे भी रहती हो। अभी भी मॉम ने एक शानदार सूट पहन रखा था जो उनपे बहुत फब रहा था। न जाने आज क्यू मेरा मन बार बार मॉम को एक आकर्षक महिला के जैसे देखने को लालायित हो रहा था और ना चाहते हुए भी मैं शालिनी और माम के बदन में अंतर और समानताएं ढूंढने लगा और साबुन लगाते हुए मेरे हाथ जैसे ही मेरे लौड़े पर पहुंचे तो वो झटके लेने लगा और मेरे हाथ लन्ड पर आगे पीछे होने लगे,,,,, मैं उत्तेजित हो गया और हाथ बदल बदल कर बड़ी ही तेजी से हस्तमैथुन करते हुए शालिनी एवं माम के खूबसूरत बदन की कल्पनाओं में गोते लगाते हुए झड़ गया,,, झड़ने के बाद मुझे बड़ी आत्मग्लानि हुई कि मैं अपनी माम के लिए कैसे इस तरह सोचने लगा,,,,

मैं नहाने के बाद बाथरूम की फर्श पर फैले अपने वीर्य को पानी से अच्छी तरह साफ करने के बाद बाहर निकल आया और टावेल लपेट कर,,, और अपने कमरे में जाकर चढ्ढी और लोअर पहन लिया,,,, तभी शालिनी आई और बोली

शालिनी- भाई जी,, मैं तो माम के साथ ही सोऊंगी,, आप भी आ जाओ,,, माम नहाने गई हैं,,

मैं- हां,,, चलो मैं भी माम के साथ ही सोऊंगा,,, वैसे भी मुझे अकेले अब शायद नींद भी ना आए,,,

और मैंने शालिनी को देखते हुए उसे आंखों ही आंखों में इशारा किया,,, उसने भी आंखों ही आंखों में कहा,,, चल हट बदमाश,,,
और वो माम के कमरे में चली गई,,, कुछ देर बाद मैं भी माम के कमरे में आ गया माम भी कुछ देर बाद आ गई ,, उन्होंने सलवार सूट पहन रखा था,,,और बीच में माम लेटी,,, हम दोनों ने उनके दोनों तरफ लेटते हुए ही उन्हें प्यार से अपनी अपनी बाहों में भर लिया और

मैं- आज कितने दिनों बाद मुझे माम के साथ लेटने को मिला है,,,
और मैंने उन्हें अपनी बाहों में और कस लिया,,,, उनके बदन और चेहरे पर पानी की हल्की हल्की सी बूंदें इधर उधर पड़ी हुई थी और जैसी महक शालिनी के नहाए हुए बदन से आती थी ठीक वैसी ही खुशबू माम के बदन से भी आ रही थी,,, मेरे हाथ माम के सीने पर थे और अब मुझे उनकी गोलाईयों की नरमी और गुदाजपन का एहसास हुआ,, माम ने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी,, तो मैंने अपनी पकड़ ढीली कर दी और वैसे ही शालिनी ने माम को बिल्कुल मेरी तरह अपनी बाहों में माम को कस लिया,,, और प्यार से माम के गाल पर एक पप्पी ले ली,,, और बोली

शालिनी- लव यू हमेशा माम,,,

सरोजिनी माम- लव यू टू बेबी,,,

और उन्होंने भी शालिनी के माथे और गाल पर पप्पी ली,,,

मैं- सारा प्यार बेबी के लिए और मेरा क्या??
मैं झूठी नाराजगी दिखाते हुए बोला

और माम ने पलटकर मुझे भी गाल पर एक पप्पी ली और बोली

सरोजिनी माम- मेरे बच्चों,, मेरा प्यार तुम दोनों के लिए है और बराबर ,,,, ना किसी को कम और ना किसी को ज्यादा ,,,

और हम दोनों को अपने दोनों तरफ की बड़ी बड़ी चूचियों के साथ चिपका लिया और गुडनाईट बोलकर हम दोनों के बालों को सहलाने लगी,,, पता नहीं कब हम दोनों सो गए और ......

#कहानी जारी रहेगी
क्रमशः .....................
 
कल दिन भर की लम्बी बाइक ड्राइविंग और सुबह सवेरे शहर से चलते हुए रास्ते में हुए मजेदार वाकये ने मुझे और भी कामुक बना दिया था और कल रात में ना चाहते हुए भी मेरा मन अपनी बहन के साथ साथ माम के बदन को भी देख देख कर कुछ ऐसा वैसा हो रहा था,,,, इससे बचने का एक ही उपाय था कि मुझे जल्द से जल्द कोई असली सेक्स पार्टनर मिल जाए और मैं अपनी कामवासना को उसके बदन के अंदर उड़ेल दूं,,, नहीं तो मेरे ये कामुक विचार और आगे बढ़ते ही जाएंगे और आज जो भूख शालिनी के बदन को भोगने के लिए मुझसे जो कुछ करवा रही है,,, मैं वही सब कहीं किसी और के साथ ना कर बैठूं,,, माम के लिए मैंने निश्चय किया कि अब कुछ भी हो जाए मगर मैं उनको सेक्सुअल होकर नहीं देखूंगा,,,,, यही सब सोचते हुए मैं रात में बड़े ही प्यार से चिपक कर माम और शालिनी के साथ सोया हुआ था और सुबह जब मेरी आंख खुली तो बेड पर सिर्फ मैं और शालिनी ही थे,,, माम उठकर जा चुकी थी,,,,




हम दोनों करवट लेटे हुए थे और पिछले काफी दिनों से सोकर उठने के बाद हम दोनों का पहला काम एक दूसरे को चूमते हुए गुड मार्निंग बोलने का होता था,,,,
मैं इसी उधेड़बुन में था कि यहां घर पर माम की मौजूदगी में शायद शालिनी को ठीक ना लगे,,,, वैसे भी वो बातों ही बातों में या कभी कभी इशारे से कह ही देती है कि उसे हमारे बदलते हुए रिश्ते में हो रही छेड़छाड़ से कोई परेशानी नहीं हो रही है मगर ये सब कुछ हम दोनों के बीच रहे और सार्वजनिक ना हो तो अच्छा है,,,,

खैर मेरी उलझन को जल्दी ही विराम मिल गया और शालिनी ने बेड से उठ कर दरवाजे के बाहर देखते हुए दरवाजे को फिर से ढलका दिया और पलटकर उसने मुझे पकड़ा और मुझे किस करने लगी मैं भी उसके होंठ चूसने लगा ,,, मैं सीधा लेटा हुआ था और शालिनी झुककर मुझे होंठों पर गुड मार्निंग किस्सी दे रही थी,,,,,,वो आज कुछ ज्यादा ही जोश में पागलों की तरह मेरे होंठ चूस रही थी और मैं उसके होंठ चूस रहा था,,,,,, ये हर रोज कुछ सेकंड होता था सुबह सवेरे मगर आज जब वो अलग होने लगी तो मैंने फिर उसे अपनी तरफ खींचा और किस करते हुए मैंने कमर के पास उसकी टी शर्ट के अंदर हाथ डाल दिया और उसके चिकने नंगे पेट पर अपनी उंगलियों को फिराने लगा,,,,, हम दोनों की नजरें आपस में टकराईं और शालिनी ने आंखों ही आंखों में इशारे से उसे छोड़ने को कहा,,,,



मेरे हाथ की गुदगुदी से शालिनी थोड़ा सा असहज हुई और हम दोनों बेड पे गिर गए, मैं अभी भी होंठ चूस रहा था फिर मैंने अपना हाथ बाहर निकाला और उसे किस करते हुए उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगा,,,,

हम लगातार एक दुसरे को किस कर रहे थे ,,, आज मुझे ऐसा लगा कि शालिनी भी सिर्फ गुड मार्निंग बोलने वाला किस नहीं कर रही है बल्कि एक प्रेमिका सबकी नजरों से बचाकर अपने प्रेमी को सुप्रभात कह रही है,,,,,, अब तक का ये सबसे लम्बा चलने वाला किस था हम दोनों के लिए,,,,,,
तभी माम ने आवाज लगाई और हम दोनों अलग हुए हम दोनों ने एक दुसरे को देखा मुझे बहुत नशीला सा लग रहा था मेरा सर हल्का हल्का घुमने लगा था,,,,,

एक दूसरे से अलग होकर बिस्तर से उठने के बाद हम दोनों ने हंसते हुए कहा,,,, गुड मार्निंग,,,,,

शालिनी- आज आपने रोज़ की तरह पहले गुड मार्निंग नहीं बोला,,,

मैं- मैंने सोचा आज तुम्हें मौका देता हूं पहल करने का,,, क्या रोज़ रोज़ मैं ही करूं ,,,

शालिनी- (मुस्कुराते हुए) थैंक्स,,, भाई,,, वैसे अब जो पहले जगेगा वहीं तो गुड मार्निंग पहले बोलेगा,,,

मैं- थैंक यू मत बोलो शालिनी,,, वो जरा उस तरह बोलो ना,,, क्या कहती हो तुम,,, लव यू हमेशा ,,,,बोलो ,,

शालिनी- (मुस्कुराते हुए) "धत ..... और वो दरवाजे को खोलकर बाहर निकलने के लिए बढ़ी मगर मैंने आज उसके मूड को देखते हुए फिर से उसे अपनी ओर खींच लिया और मैं अपने होंठ उसके पास ले जाने लगा तो उसने बोला

शालिनी- भैया ,,,हटो ना यार,,,नहीं तो मम्मी आ जाएगी ,,,



मैं दूर हो गया मम्मी की वापस आवाज आई और शालिनी बलखाती हुई मम्मी के पास चली गई शायद नाश्ता बनवाने,,,,,,

मैं बहुत खुश था क्योंकि शालिनी भी अब मुझसे प्यार करने लग गई थी उसके पास होने से उसको छूने से उसके बदन की खुशबू से ही मुझे कुछ होने लग जाता था तभी मैं फ्रेश होकर वाशरूम से बाहर निकला तो सामने किचन में शालिनी अकेले खड़ी थी,,,,, मैं अपने कमरे की तरफ बढ़ा तो शालिनी ने मुझे किचन से आवाज दी मैं अंदर गया तो शालिनी परांठे बनाने के लिए आटा गूंथ रही थी और मम्मी बाहर गई थी मैंने पीछे से शालिनी को देखा*

शालिनी- भाई,, ये डब्बा उपर से उतार दो,,,

मैंने डब्बा उतार के रख दिया और शालिनी को छेड़ने के लिए उसकी कमर में गुदगुदी कर दी और साथ ही उसको पीछे से पकड़ के उसके कान के पास धीरे से बोलते हुए किस किया और

मैं- एक किस दो ना स्वीटू ,,,

शालिनी- "पागल हो क्या मम्मी आ जाएंगी" ,, बाहर ही हैं घर के,,,

मैं - वो तो बाहर हैं प्लीज दो ना"
और ये कहते हुए मैंने उसको पीछे से टाइट पकड़ लिया ,, कमर के पास से और उससे चिपक गया ,,,

शालिनी- "छोड़ो ना भैया " (हंसते हुए) तुम ना आज बहुत बेसबरे हो रहे हो,,,

लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा*

मैंने पीछे से पकड़े हुए ही उसकी कमर के पास टी-शर्ट उठा कर अपनी उंगलियों को काम पर लगा दिया और कहा

मैं- पहले किस दो,, छोटी सी,,

शालिनी- अभी तो दी थी रूम में,,

मैं- एक और दो ना तुम्हारे होंठ है ही इतने मीठे,, एक से मेरा क्या होगा,,,

वो मुस्कुराते हुए पीछे मुड़ कर बोली

शालिनी- अरे साइड में तो आओ मुंह पीछे कैसे घुमाऊं भैया ,, तुम मानने वाले तो हो नहीं ऐसे,, जल्दी से कर लो,,

" मैंने उसे घुमा लिया और अपने होंठ उसके होंठो पे रख दिए ,,, शालिनी भी मुझे किस करने लगी और मैं भी उसके नरम मुलायम होंठो को चूसने लगा उसके होंठ चूसते चूसते मैं उसकी टी शर्ट के ऊपर से उसकी पीठ को सहलाने लगा उसे दबाने लगा तभी उसने मेरे होंठ छोड़ दिए और बोली

शालिनी- बस अब हो गया,,,

मैं- क्या ,,,बस इतना सा

वो मुस्कुराते हुए बोली

शालिनी- हाँ इतना सा ,,, जाओ अब यहाँ से भैय्या,,,

और मैं भी मुस्कुराते हुए बाहर आ गया थोड़ी देर बाद मम्मी अंदर आई ,, जो काम मुझसे अकेले रहते हुए नहीं हुआ था वो आज यहां माम की मौजूदगी में हो गया,, जाने कैसे मेरे अंदर हिम्मत आई और मैंने पहली बार शालिनी से खुलकर उसको किस करने की इच्छा जताई और उसने भी अपने भाई की इच्छा को पूरा करने में कोई कसर नहीं रखी,,,, गुड मार्निंग के बहाने से लिए किस और एक आन डिमांड किस में बड़ा फर्क होता है,,, आज पहली बार ही मैंने किस करते हुए अपने हाथ को उसकी टी-शर्ट के अन्दर घुसाया था,,, इसके पहले शालिनी की जानकारी में मैंने कभी उसकी टी-शर्ट के अन्दर उसके मखमली बदन को सहलाया नहीं था,,, वो अलग बात थी कि उसके सोने के बाद मैं जितना सम्भव हो उतना उसके बदन को सहला लेता था,,,,,,

सरोजिनी माम- अरे शालिनी ये ड्रेस तो चेंज कर ले इसी में काम कर रही है क्या??

शालिनी- हाँ मम्मी नहाउंगी अभी तो चेंज कर लूंगी ,,,

मैं उनकी बात सुनके सोचने लगा शालिनी नहाने वाली है मैं उसको नंगी नहाते हुए देखूं या उसके साथ ही मैं भी नहा लूं ,,,, आह,, ये सब सम्भव भी है और नहीं भी,,, अंगूर अभी तक खट्टे ही है,,,
मैं यही सब सोच रहा था इतने में शालिनी मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली

शालिनी- क्या सोचरहे हो भैया

मैंने धीरे से कहा
मैं- नहाने की सोच रहा हूं,,ओय चल तेरे साथ ही नहा लेता हूँ ,,,और क्या??

शालिनी- रहने दो कोई जरुरत नहीं है,,, पागल यहां माम के घर में होते हुए,,

मै- क्यों बेबी,,, माम से मैं बोल दूं क्या कि मेरी पीठ पर मैल लगा है और,,,

तो वो मुस्कुराते हुए धीरे से बोली

शालिनी- तुम भी ना भैया,,,मुझे नहलाते नहलाते आप कुछ और ही करने लग जाओगे

मैं- क्या करने लग जाऊंगा

शालिनी- चुप रहो आप ,, जैसे तुम्हें कुछ पता नहीं है,,,

मुझे शालिनी से ऐसी बातें करने में बहुत मजा आ रहा था,, शहर में जब सिर्फ हम दोनों होते हैं तो छेड़छाड़ में उतना मजा नहीं आता जितना यहां माम की मौजूदगी में शालिनी को उकसाने में आता है,, चोरी चोरी प्यार का मजा ही कुछ और है,,, उस से ऐसी बातें करते हुए मेरा लंड टाइट खड़ा हुआ था इतने में मम्मी का फोन बजा मम्मी फोन उठाने बेडरूम में गयी*,, हमारे सामने से निकलते हुए,,,

और मैंने शालिनी को अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चूमने लगा ,,,, शालिनी मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी,,,इस तरह मैंने आज तक उसे अचानक कभी नहीं पकड़ा था,,, लेकिन मैं उसे चूमता रहा,,,,, इधर उधर उसके गालों पर चूम लिया और उसके नरम होंठ चूसता रहा तभी मम्मी की बात करने की आवाज आने लगी और मैंने जल्दी से शालिनी को छोड़ दिया जैसे ही मैंने उसे छोड़ा वो बोली

शालिनी- ओए पागल हो गये हो क्या भैया आप,,, अगर मम्मी देख लेती तो, बस मौका ही ढूंढते रहते हो मुझे परेशान करने का,,,,,, मैंने तुम्हारी सुबह सवेरे वाली डोज इसीलिए ज्यादा ही दी थी,,, मगर तुम ना,, पेट ही नहीं भरता तुम्हारा,,,,,कभी फंस जाएँगे हम लोग,,

मैं- तुम कम्पलीट किस देती ही नहीं हो कभी,,

शालिनी- लालची इन्सान ज्यादा लालच मत किया करो कभी मम्मी ने पकड़ लिया ना तो दोनों फंस जाएँगे बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी,,, बड़े आये कम्पलीट किस वाले,,,

मैं उसकी बात सुनके हँसने लगा फिर वो उठ कर जाने लगी तो मैंने पूछा

मैं- "कहा जा रही हो बेबी

शालिनी- नहाने जा रही हूँ,,,, और क्या

मैं- मैं भी चलू क्या"

शालिनी- चुप करो बदमाश,,

मैं- प्लीज ,, अच्छा एक काम करते हैं,,, आज हम दोनों लोग अपने खेत वाले ट्यूबवेल पर चलते हैं और वहीं नहाते हैं,,,,,

शालिनी उठकर खड़ी हुई और जाते हुए बोली,,,
शालिनी- अच्छा अभी नहाने दो मुझे,,,,, वैसे अपने शहर के मकान वाला शावर ज्यादा अच्छा है,,,,,, बहुत अच्छी फुहारें निकलती हैं उसमें,,, है ना भैया,,,

और वो मेरे सामने से बलखाती हुई अपने कमरे में चली गई
और मैं अभी अभी उसके बोले शब्दों का मतलब निकालने लगा तो सोच कर ही मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा,,,,,,
शालिनी इशारे इशारे में कह गई थी कि वो मेरे साथ हमारे शहर के मकान में अकेले रहते हुए साथ में नहाने की मेरी इच्छा पूरी कर सकती है मगर यहां नहीं,,,,,, मुझे अपनी बेवकूफी भरे उतावलेपन पर हंसी आई और साथ ही शालिनी की समझदारी पर फक्र भी हुआ कि वो रिश्तों की मर्यादा की दहलीज पार करने में कोई जल्दबाजी नहीं कर रही थी ,,, मगर एक बात काबिले गौर थी कि यहां माम की मौजूदगी की वजह से शालिनी का कान्फीडेन्स कुछ अलग ही दिखाई दे रहा था,,, उसकी बात चीत में हम दोनों के नये बनते हुए रिश्ते को छुपाने की कोशिश भी रहती है और वो बातों ही बातों में माम को ये भी बताती है कि मैं उसका कितना ख्याल रखता हूं और उसकी हर जरूरत को पूरा करता हूं,,,,,!!
 
मैं अपने कमरे में बेड पर लेटे हुए मोबाइल पर पॉर्न साइट्स सर्फ़ करने लगा, और लण्ड हिलाते हुए सोचने लगा कि पता नहीं जिंदगी में पहली बार किसी चूत में लण्ड घुसाने का मौका जाने कब और कहां मिल जाये, जिससे मैं अपना कौमार्य खो सकूँ।*

उसी समय डोरबैल बजी, मैंने तुरंत मोबाइल बंद किया और अन्डर्वियर और शॉर्टस को ऊपर कर लिया, और अपने खड़े लण्ड को शॉर्ट्स में एड्जस्ट करते हुए मेन डोर खोल कर अपने घर में आने वाले आगंतुक का स्वागत करने को बढ़ चला।*शालिनी अपने कमरे में थी और माम पड़ोस वाले घर में अभी अभी गई थी,,,

जैसे ही मैंने मेन डोर खोला तो सामने नीलम को मुस्कुराते हुए खड़ा पाया, उसके एक हाथ में बुक थी। मैंने उसको ऊपर से नीचे तक देखा, नीलम ने टाँगों से चिपकी हुई लैगिंग पहनी हुई थी और ऊपर टाईट कुर्ता। कुर्ते में से उसके टाईट खड़े हुए निप्पल साफ़ नजर आ रहे थे, शायद कुर्ते के नीचे नीलम ने ब्रा नहीं पहनी थी। जब मैंने उसकी आँखों की तरफ़ देखा तो पाया कि उसकी नजर भी मेरे शॉर्ट में खड़े लण्ड के उभार पर थी। जैसे ही हमारी आँखें मिलीं हम दोनों एक दूसरे को देख कर हँस पड़े ये सोच कर कि हम दोनों एक दूसरे के बदन के किस हिस्से को निहार रहे थे।*

नीलम- भाई जी,, शालिनी,,,
नीलम ने चुप्पी तोड़कर अंदर आते हुए कहा।*

मैं- हाँ ,,, है घर पर ही,,,,
मैंने जवाब दिया।

नीलम ने अपने चप्पल उतार कर शू-रैक पर रख दिये और फ़िर नंगे पैर ही अंदर आ गयी। ड्रॉईंग रूम में उसके पीछे चलते हुए मैं अपनी पड़ोसन और शालिनी की सबसे अच्छी सहेली नीलम की मोटी सुडौल गाँड़, पतली कमर और लगभग शालिनी के बराबर साइज़ की चूचियों को एवं उसके जिस्म के हर उभार को निहार रहा था।*



नीलम- शालिनी कहाँ है?
नीलम ने घूम कर मुझसे पूछा और मेरी कामुक निगाहों को भी उसने अपने बदन पर रेंगते हुए महसूस कर लिया शायद,,

मैं- हां,, वो अभी नहाकर अपने रूम में गई है,,

और नीलम अपनी चौड़ी गांड़ को ठुमकाते हुए शालिनी के कमरे की ओर बढ़ गई,,, उसने दरवाजा खोला और दोनों सहेलियां काफी समय बाद मिलने पर चिल्लाती हुई गले लग गई एक दूसरे के और फिर कमरे का दरवाजा बंद हो गया,,,

मैं पिछले कई सालों से यहां नहीं रहता था इसलिए आस पास और गांव के सेक्सी आइटम्स पर कभी नजर नहीं पड़ी थी,, असल गुदाज अल्हड़ जवानियां तो गांव में ही मिलती हैं,, शहरों में तो कोई भी पार्लर और अच्छे कपड़ों से अपने आप को सेक्सी बना लेता है और कपड़े हटाते ही गोल गोल खरबूजे जैसी दिखने वाली चूचियां लम्बी लौकी जैसे लटकती हुई मिलती हैं,,, नीलम शालिनी से उमर में कुछ बड़ी थी और उसी तरह उसका सबकुछ शालिनी से बड़ा ही था,,,,,,, मैं वैसे भी घर में अकेले बोर होता तो मैंने सोचा क्यों ना छुपकर इन दोनों सहेलियों की बातें सुनी जाए और मैं शालिनी के कमरे के बाहर खिड़की के पास खड़ा हो गया और अंदर की बातें सुनने की कोशिश करने लगा,,, यहां से दिखाई कुछ नहीं दे रहा था मगर उनकी आवाज साफ सुनाई दे रही थी,,,,,,,,,

नीलम- इस कुर्ते का कपड़ा बहुत पतला है क्या ??

शालिनी- हां,,, ये,, ये तो सचमुच बहुत हल्का है,,

नीलम- मुझे कॉटन के हल्के कपड़े ही पसंद हैं, पता ही नहीं चलता कि कुछ पहन भी रखा है,

शालिनी- वैसे ये नया तो है नहीं तो अब क्यों पूछ रही है हल्का है या मोटा,,, आज ही पता चला क्या ??

नीलम- हां,, पहन तो काफी दिनों से रही हूं मगर इसके हल्के होने का पता आज चला,,, अभी अभी,,,

शालिनी- क्या यार,, तुम जलेबी मत बनाओ बातों की,,, अभी अभी कैसे पता चला ??

नीलम- कुछ नहीं यार,, तू तो देख ही रही है मैंने आज ब्रा भी नहीं पहनी और तुझसे मिलने आ गई,, मुझे क्या पता था कि,,,

शालिनी- हां,,ब्रा नहीं पहनी तो ऐसा कौन सा पहाड़ टूट गया मैडम,,,,

नीलम- पहाड़ तो कोई नहीं टूटा,,, मगर मेरी इन पहाड़ियों को तुम्हारे भैया ने आंखों ही आंखों में मसल डाला आज,,हाय,,, कैसे घूर रहे थे,,

शालिनी- क्या हुआ नीलम,,,, भाई के बारे में सोच समझ कर कुछ बोल,,, कुछ भी कहती रहती है,,,

नीलम- अरे,, तुझे क्या पता मेरी मोम की गुड़िया,,, तू कब समझेगी,, यार सब मर्द एक जैसे होते है ,,,,,,और जब मैं साइकिल चलाती हूँ तो मुझे ओवर टेक करने के बाद जब लड़के पलट पलट कर मुझे देखते हैं, तो मुझे बहुत मजा आता है,,,

शालिनी- उन बेचारे लड़कों की क्या गलती, तेरे इस कुर्ते में से साफ़ उभरते दूध के निप्पल और मस्त हिप्स देखकर कोई भी पागल हो जायेगा,,,

नीलम- आय हाय मेरी जान,,, यही तो मैं कह रही हूं कि आज तो मुझे लगा कि भैय्या कहीं मुझे दबोच ना लें,,, अपनी मजबूत बांहों में,,,, हाय कितना अच्छा होता कि,,,,

शालिनी- अब तू इतने दिन बाद मिली है और फिर से तेरी सुई इन्हीं सब बातों में अटकी है,,, और तू ना अब किसी को अपना ब्वायफ्रेन्ड बना लें,,,,, तुझसे अब सब्र नहीं हो रहा,,, हा हा हा हा

नीलम- सच में यार,सेक्स करने में बहुत मजा आता होगा ना,,,
नीलम की बातों से एक बात तो पक्की थी कि दोनों पक्की सहेलियां हैं और एक-दूसरे से सारी बातें शेयर करती हैं,,, शालिनी ने जहां अब तक अपने आप को प्यार और रोमांस के खेल से खुद को दूर ही रखा था वहीं नीलम तेज तर्रार और चालू किस्म की लड़की थी जो अब तक थी तो अनछुई और अनचुदी, मगर उसे शायद अब जब भी मौका मिले तो वो अपना कौमार्य लुटाने को तैयार बैठी है,, मुझे उनकी बातों को सुनकर बहुत मज़ा आ रहा था और मैं यह सुनकर और भी ज्यादा खुश हुआ कि शालिनी को मेरे चरित्र के बारे में कोई भी टिप्पणी पसंद नहीं चाहे वो उसकी सबसे अच्छी सहेली ने ही कही हो,,,,
नीलम ने जो पूछा था शालिनी से वो बात अपने किसी करीबी जिस के साथ वो ऐसी खुली बात कर सकती थी, उसी से पूछ सकती थी,,, आखिर इस बेचारी को भी अपने बदन की गर्मी सताती ही होगी तो इतने दिनों बाद शहर से लौटी हुई अपनी सहेली से उसको अपनी जिज्ञासा शांत करने में बहुत मजा आ रहा था ,,,

शालिनी- हाँ नीलम,,,, मुझे तो बहुत मजा आता है,,,
शालिनी ने हँसते हुए कहा,,,

नीलम- हां यह,,, तूने कब कर लिया मेरी बन्नो,, मतलब तुम्हारा भी कोई बॉयफ़्रेंड बन गया है,, हाय मेरी जान,, वैसे भी इतनी हॉट बॉडी के तो बहुत से लड़के दीवाने होंगे तेरे कालेज में,,,,

शालिनी- हुंह, पागल,, सब के सब लड़के लफंगे होते हैं किसी के साथ भी थोड़ा बहुत आगे बढ़ने से पहले अपने भविष्य के बारे में भी सोच लेना चाहिए,,

नीलम- तो क्या सचमुच तेरा कोई बॉयफ़्रेंड नहीं बना है शालिनी रानी,,,, तो फिर तूने सेक्स,,,??

शालिनी- हाल फ़िलहाल तो कोई नहीं है,,,ना होने वाला है,, और जब तुझे पता है पहले से कि मुझे इन सब बातों में कोई इंटरेस्ट नहीं है तो फिर तू मुझसे क्यों पूछ रही थी कि सेक्स में मजा कितना आता है,,,,,, तूने पूछा तो मैंने कहा हां,, आता है मजा,,,, तुझे क्या लगा ??

नीलम- यार तेरी यही सब बातें करने से मैं भी अब तक कुंवारी ही घूम रही हूं,,, एक आध बार जब किसी लड़के ने ट्राई भी मारी स्कूल टाइम में तो तू हमेशा मुझे इज्जत, मान मर्यादा का डर दिखा देती थी,,,, यार लेकिन अब कई बार तो चुदाई करवाने का इतना ज्यादा मन करता है ना कि मैं बता नहीं सकती शालिनी,,, मन करता है कि क्या ना घुसा लूँ अपनी चूत में ,,,,,
नीलम ने हँसते हुए कहा,,,

शालिनी- अब अगर तुझे सच में बर्दाश्त नहीं हो रहा है तो तू शादी तक का इंतजार कर या फिर कोई लड़का पटा ले,,,,,

नीलम- अभी तो पहले पूनम दीदी की शादी होगी, फिर विकास भाईजी की और मेरी शादी होने में तो अभी चार-पांच साल लग जायेंगे,,,, मुझे लगता है तब तक चुदाई का कोई तो जुगाड़ जल्दी ही ढूँढना पड़ेगा,,

शालिनी- चल चुप कर बेशरम,,,चुदाई का जुगाड़? कितना गन्दा बोलने लगी है तू आज कल,,,

नीलम- हाँ, कोई ऐसा दोस्त, जिसके साथ चुदाई कर के अपने जिस्म की आग तो बुझा लो, लेकिन वो बेवजह गले ना पड़े,,, बदनाम भी ना होने दें,,,

शालिनी- तू थोड़ा सा अपनी पढ़ाई पूरी करने पर भी ध्यान दे ,,,, और प्लीज यार,, मुझसे ये सब बातें मत किया कर,,,,, और तू ना कोई सेफ लड़का ढूंढ ले,,, जो तेरी इच्छा पूरी कर दे,,, और किसी को पता भी ना चले,,,

नीलम- हां हां,,,, तो अपने भैय्या से मेरा जुगाड़ करवा दे,,,,सेफ भी रहेगा और,,,,,,,गांव का सबसे स्मार्ट लड़का मेरा ब्वायफ्रेन्ड भी बन जाएगा,,,
नीलम शालिनी से रिक्वेस्ट करते हुए बोली,,, और शायद शालिनी ने गुस्से में उसे जवाब दिया,,,

शालिनी- नीलम,,,,, तू ना मेरे भैय्या के बारे में कुछ भी उल्टा सीधा मत सोच,,, और,,, और वो जैसे मेरे भाई हैं वैसे ही तू भी उन्हें बचपन से ही भैय्या बोलती आ रही है,,,,, तू कैसे उनके बारे में,,, छींछी,,,,

नीलम- अरे यार तुम नाराज़ ना हो,,,, वो तो आज जब भैय्या ने दरवाजे पर मेरी चूचियों को घूरा तो मुझे लगा कि उनके मन में भी,,,,,

शालिनी- जब तू बिना अंडरगार्मेंट ऐसे ही घूमेगी बडी बड़ी लेकर,,,तो लड़के देखेंगे ही,,,, और भाई की नजर कहीं पड़ गई होगी तेरे सीने पर ऐसे ही,,,,,,, बस तू सपने देखने लगी,,,

नीलम- ऐसे ही पड़ी नजर और घूर घूर कर इनका रस पीने वाली नजर,,, दोनों में बहुत फर्क होता है,,,, वैसे तू परेशान ना हो,,, तेरे भैया को ब्वायफ्रेन्ड बना कर भी क्या फायदा,,, महीने दो महीने में ही मुलाकात हो पायेगी,,,

शालिनी- बड़ी नजरें पहचानने लगी है तू आज कल,,,,, तुझे अब भाई की नजर में भी,,,

नीलम- तू ना शालिनी,, पढ़ाई लिखाई चाहे जितनी कर लें,,, अब तो शहर में रहने भी लगी है और कपड़े वगैरह पहनने का तरीका भी बदल लिया है,,, मगर तू रहेगी बुद्धू की बुद्धू ही,,, अरे मर्द आखिर मर्द होता है,,,,, उसके सामने अगर सुंदर शरीर के दर्शन हो रहे हैं तो वो करेगा ही ,,,

शालिनी- हां,, मरद वरद छोड़,,, तो मैडम नीलम के लाजिक से तो तुम्हें इस हालत में तुम्हारे विकास भैय्या भी देखकर आंखें सेंकते होंगे ,,, है ना सेक्स गुरु,,,,,

नीलम- तू ना बहनजी ही बने रहना,,, हां मैंने कई बार गौर किया है कि विकास भैय्या भी मौका मिलने पर मेरे शरीर को देखते हैं,,,अब है तो वो भी आखिर मरद ही ना ,,,,, मैं भी दिखा देती हूं जानबूझकर कभी कभी अपनी चूचियों की झलक,, बेचारे झेंप जाते हैं पकड़े जाने पर,,,

शालिनी- हुंह तो बात यहां तक बढ़ चुकी है,,, पहले तो तूने कभी नहीं बताया विकास भैय्या के बारे में कि वो तुझे इस तरह देखते हैं और तू दिखाती भी है,,,ये सब कबसे शुरू हुआ,,, मुझे यहां से गये हुए तो अभी ज्यादा टाइम भी नहीं हुआ,,, तू साफ साफ बोल ना,,, बात क्या है यार,,,

नीलम- यार शालिनी,,, मैं ना ,,,,, वो कुछ दिनों से भैय्या के मोबाइल पर सेक्सी कहानियां और वीडियो देखने लगी हूं,,,बस वो सब देख कर अब रहा नहीं जाता,,,, और किसी के साथ कुछ करने में डर भी बहुत लगता है,,, और कहानियां पढ़कर तो उत्तेजना चरम पर पहुंच जाती है,,, तू भी देख लेगी तो अपने आप को रोक नहीं पायेगी,,,

शालिनी- तो तुम अपने विकास भैय्या के मोबाइल फोन पर ही सेक्स वीडियो देखती हो,,, उनके सामने,,,, और ये कहानियों का क्या चक्कर है ??

शालिनी वीडियो क्लिप और लाइव चुदाई शो तो देख ही चुकी थी मेरे सौजन्य से,,,,,, नीलम को नहीं पता था कि इन दिनों शालिनी भी सेक्स के बारे में काफी कुछ जान और सीख चुकी थी,,,,, मगर ये कहानियों वाली बात उसके लिए भी नई थी और वो नीलम से इसके बारे में जानना चाहती थी,,,
 
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