aamirhydkhan
New member
- Joined
- Feb 10, 2021
- Messages
- 636
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]शक का अंजाम[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]PART 3[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]UPDATE 6[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास है कहानी वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने की । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा, इस कहानी को और आगे ले कर जाने का . लीजिये पेश है भाग 3 Update 42. ) ( New-6) [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज मन ही मन खुश हो रहा था और सोचता है कि प्रशांत अब तू शायद अब नीरू को फोन भी न करें। और करेगा भी तो तेरा फोन लगेगा भी नहीं। क्योंकि अब नीरू का ये नम्बर हमेशा मेरा पास ही रहेगा। दूसरी ओर प्रशांत जो आफिस जाने की तैयारी कर रहा था उसका मूढ खराब हो चुका था। वो समझ गया था कि अब नीरू का उसकी जिंदगी में आना बहुत मुश्किल है। और यदि नीरज की बात मानकर वो नीरू को अपना भी ले तो भी नीरू उसकी नहीं नीरज की होकर रहेगी। दूसरी ओर सुबह नीरज अपने घर पहुंचता है और ऋतु को फोन दे देता है। लेकिन फोन में एक खराब सिम कार्ड उसमें लगा नीरू का सिम कार्ड बदल देता है ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऋतु : अरे ये फोन आप मुझे क्यो दे रहे हैं नीरू को ही पहुंचा दें।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज: ठीक है उसके ऑफिस ही पहुंचा दूंगा और फिर नीरज कुछ देर आराम करता है और फिर करीब 11 बजे वो घर से निकल जाता है और सीधा नीरू के आफिस पहुंचता है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : ये लो नीरू तुम्हारा फोन ठीक हो गया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : थैक्स जीजाजी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : अच्छा अब मैं चलता है लेकिन एक बार तुम फोन चैक कर लो।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : फोन देखती है उसे सभी फंक्शन सही करती से काम करते हुए दिखाई देते हैं। वो कहती है जीजाजी फोन ठीक तरह से काम कर रहा है। इसके बाद नीरज वहां से चला जाता है। करीब तीन घंटे बाद नीरू का फोन नीरज के पास आता है नया नम्बर था इसलिए पहले नीरज समझ नहीं पाया किसका फोन है। लेकिन आठ दस घंटी बजने के बाद वो फोन उठता है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : हैलो कौन[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : जीजाजी वो फोन सिम काम नहीं कर रही है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : क्या सिम निकाल कर दुबारा इसर्ट करके देखा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : जीजाजी लगता है सिम में दिक्कत है क्योंकि मैंने अपनी दोस्त की सिम इस्तेमाल की तो वो फोन में काम कर रही है लेकिन मेरी सिम काम नहीं कर रही।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : लगता है सिम में ही कोई दिक्कत होगी एक काम कीजिए आपके घर के पास में ही कोई शॉप होगी आप वहां से सिम चेंज करवा लें।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : ठीक है देखती हूं और नीरू सिम चेंज करवाने के लिए पास में ही बने कंपनी के सर्विस सेंटर पर जाती है.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सेल्समैंन : मैडम ये सिम तो खराब है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : जी ये फोन मेंं काम नहीं कर रहा है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सेल्समैन : मैडम आपको अपना आईडी देना होगा। वैसे इस सिम पर लिखा कोड भी नहीं दिख रहा है आप इसका नम्बर बताएंगी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : जी इसका नम्बर है 9XXXXX....[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सेल्समैन अपने सिस्टम में चैक करता है और कहता है कि मैडम ये नम्बर तो कोई प्रशांत के नाम से है। उनका ही आईडी कार्ड देना होगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : जी वो तो अभी मेरे पास में नहीं है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सेल्समैन : सॉरी मैम आपको ऐसे ये सिम नहीं मिल पाएगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू वहां से वापस आती है और नीरज को अपनी प्रोब्लम बताती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : एक काम करो अभी कोई दूसरा नम्बर शुरू करवा लो में इस नम्बर की कोई जुगाड लगाता हूं।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू तो नीरज से बात ही नहीं करना चाहती थी लेकिन मजबूरी में कभी कभी उसे बात करना पड़ रही थी। और नीरज इसका फायदा उठाने की सोच रहा था। लेकिन उसे मालूम था कि नीरू अब इतनी आसानी से उसके हाथ नहीं आएगी। नीरू नया नम्बर एक्टीवेट करवा लेती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज अपनी साजिश में कामयाब हो चूका है, अब प्रशांत के लिए नीरू से बात करना भी बेहद मुश्किल हो गया था। पहला तो वो उस दिन फ़ोन ार हुई बात से ये मान चुका था कि नीरू और नीरज के सेक्स सम्बंध बन चुके हैं। दूसरा नीरू का नम्बर अब बदल गया था जो प्रशांत के पास नहीं था। इसका फायदा नीरज उठता भी है उसने नीरू का पुराना नम्बर बंद नहीं किया था बल्कि एक नया फोन लेकर उसमें उस सिम को चालू रखा था। और अब ज्यादातर नीरज उसी नम्बर से प्रशांत से बात करता था और बात करने के बाद फोन स्विच आफ कर देता था। जिससे प्रशांत के मन में नीरज और नीरू को लेकर शक और मजबूत होता चला जाता है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वक्त बीतता जा रहा था। कनाडा में प्रशांत परेशान था जिस कारण अब वो शाम को रोज शराब पीने लगा था। दूसरी ओर नीरज की तमाम कोशिशों के बावजूद नीरू उससे ज्यादा बात करने को तैयार नहीं होती थी। सिर्फ काम की ही बात करती थी। बाकी का नीरज के सवालों का जवाब हां और ना में ही देती थी। नीरू की डिलेवरी का समय धीरे धीरे नजदीक आता जा रहा था। दूसरी ओर ऋतु परेशान थी कि इस बात को लेकर कि प्रशांत को पता है कि नीरू की डिलेवरी का समय आ चुका है वो न तो मिलने के लिए आ रहा है और ना ही फोन कर रहा है। फोन करता भी है तो नीरू के चरित्र पर शक ही करता है। जबकि नीरू उस घटना के बाद से खुद को भी कसूरवार मानने लगी थी। तय वक्त पर नीरू को अस्पताल में एडमिट होना पड़ता है और वो एक लडके को जन्म देती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऋतु : मुबारक हो नीरू लडका हुआ है और इसकी शक्ल बिल्कुल प्रशांत से मिलती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : फीकी मुस्कान से थैक्स दीदी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऋतु : वैसे प्रशांत को पता है कि तुम कभी भी मां बन सकती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : पता नहीं दीदी ढाई महीने से तो उसका फोन भी नहीं आया है और न ही वो कभी मिलने के लिए आया। आफिस के पास जो घटना घटी थी उसके बाद मैंने प्रशांत को फिर कभी अपने आफिस के इर्दगिर्द नहीं देखा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऋत : हां वैसे उस दिन प्रशांत के साथ गलत हुआ था किसी को उस पर हाथ उठाने का क्या अधिकार था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : दीदी मैं भी नहीं चाहती थी कि बात इतनी आगे बढ़े मैं तो खुद सन्न रह गई थी। मैं समझ ही नहीं पाई थी कि हुआ क्या है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऋतु : चलो अब पुरानी बातें भूलों और अपने बच्चे को अपनी गोद में लो।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू बच्चों को देखती है और उसकी में खो जाती हैं। नीरू आफिस के बाद अब अपने बच्चे में ही डूबी रहती थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दूसरी ओर प्रशांत को कनाडा गए अब एक साल हो चुका था। प्रशांत के चेहरे में इन एक साल में बहुत बदलाव आ गया था। हमेशा क्लीन सेव रहने वाले प्रशांत के चेहरे पर घनी और बडी दाढ़ी और मूछे उग आई थी। आंखों में चश्मा भी लग गया था। लगातार जिम जाने से उसकी बॉडी भी अच्छी बन गई थी। वो किसी बॉडी बिल्डर जैसा दिखाई देने लगा था। कोई यदि उसे देखे तो पहली नजर में पहचान भी न सके।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत ने कई बार नीरू को फोन लगाया था। लेकिन हमेशा नीरू का फोन स्विच ऑफ ही मिलता था। उसका मन बैचेन हो रहा था। उसे पता था कि नीरू अब उसके बच्चे की मां बन चुकी होगी। लेकिन क्या नीरज और नीरू के बीच में अब संबंध पूरी तरह से बन चुके होंगे। ये वो सवाल था जो प्रशांत को बेचैन किए हुए था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत ने एक बार नीरू को फोन लगाया तो नीरज ने ही उठाया क्योंकि नंबर उसे के पास ही था और उसे बताया नीरू को बेटा हुआ है और नीरज ने प्रशांत को बेटा होने पर बधाई दी. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : प्रशांत बधाई हो तुम्हे बेटा हुआ है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : थैंक यू जीजा जी ओह ! सॉरी नीरज जी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज: कोई बात नहीं और बोलो कैसे फ़ोन किया आज बहुत दिनों बाद[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : नहीं मैंने तो बहुत बार फ़ोन लगाया था पर लगता ही नहीं है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : हाँ पीछे फ़ोन ख़राब हो गया था नीरू का .. और फिर उसे फ़ोन की कोई ख़ास जरूरत भी नहीं थी सो उसने ठीक भी नहीं करवाया क्योंकि अब वो हमारे ही पास रहती है और ऑफिस से भी प्रेगनेंसी की छुट्टी ले रखी है ,,[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : अरे नीरज जी वो बेटा कब हुआ मुझे अंदाजा है अब वो महीने से ऊपर का हो गया होगा[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : बिलकुल ठीक अंदाजा है तुम्हारा एक महीने से ऊपर लगभग 40 दिन का हो गया है .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और फिर नीरज प्रशांत को बच्चे के जन्म की सही डेट बता देता है, प्रशांत सोचता है आज अच्छा मौका है वो नीरू से बात कर माफ़ी भी मांग लेगा और शायद नीरू ख़ुशी के इस मौके पर उसे माफ़ भी कर दे.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : नीरज जी नीरू से बात हो सकती है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : एक तो नीरू तुम से बात नहीं करना चाहती दूसरा आज वो इस समय घर पर नहीं है और ऋतू के साथ डॉक्टर के पास गयी है बच्चे को टीके लगवाने है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : अच्छा ये तो बता दीजिये बेटे का क्या नाम रखा है नीरू ने[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : उसका नाम तो निशंक रखा है वैसे उसे सब छोटू कह कर बुलाते है .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : प्लीज जीजा जी उसकी फोटो ही भेज दीजिये[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : नहीं भेज सकता .. नीरू ने साफ़ मना किया है. नीरज प्रशांत को और तड़पाना चाहता है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : अच्छा ये ही बता दीजिये कैसा दीखता है ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : झूठ बोलते हुए बिलकुल नीरू जैसा गोरा और सुन्दर है .. और नीरू बोलती है .. अच्छा है इसकी शक्ल प्रशांत पर नहीं गयी नहीं तो मुझे उसकी याद दिलाता .. अब मुझे प्रशांत से नफरत हो गयी है .. भगवान करे इसकी आदते भी प्रशांत जैसी न हो और शक करने की आदत तो बिलकुल न ही हो .. इसीलिए उसका नाम निशंक रखा है .. जानते हो इसका मतलब होता है जिसे किसी प्रकार की शंका या डर न हो.. उसे अब तुमसे इतनी नफरत है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : अच्छा जीजा जी एक काम कर दीजियेगा .. कुछ सामान भेज दूंगा निशंक के लिए प्लीज आप उसे दे देना ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : नहीं दे सकता ..अगर उसे पता चाहेगा तुमने भेजा है तो वो मुझे भी सामान के साथ बाहर निकाल देगी और हमे भी छोड़ कर चली जायेगी ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : अच्छा फिर आप कुछ और कह कर दे देना .. आपके किसी दोस्त ने भेजा है .. और जीजा जी अगर कभी उसका मूड ठीक हो तो उससे प्लीज मेरी बात करवा देना और मेरी तरफ से बधाई दे देना[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : ठीक है कोशिश करूँगा अच्छा बंद करो लगता है नीरू और ऋतू वापिस आ रहे है अगर उन्हें पता लगा की मैं तुमसे बात कर रहा था तो मुझ पर नीरू गुस्सा हो जायेगी ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद नीरज फ़ोन काट देता है ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]PART 3[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]UPDATE 6[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास है कहानी वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने की । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा, इस कहानी को और आगे ले कर जाने का . लीजिये पेश है भाग 3 Update 42. ) ( New-6) [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज मन ही मन खुश हो रहा था और सोचता है कि प्रशांत अब तू शायद अब नीरू को फोन भी न करें। और करेगा भी तो तेरा फोन लगेगा भी नहीं। क्योंकि अब नीरू का ये नम्बर हमेशा मेरा पास ही रहेगा। दूसरी ओर प्रशांत जो आफिस जाने की तैयारी कर रहा था उसका मूढ खराब हो चुका था। वो समझ गया था कि अब नीरू का उसकी जिंदगी में आना बहुत मुश्किल है। और यदि नीरज की बात मानकर वो नीरू को अपना भी ले तो भी नीरू उसकी नहीं नीरज की होकर रहेगी। दूसरी ओर सुबह नीरज अपने घर पहुंचता है और ऋतु को फोन दे देता है। लेकिन फोन में एक खराब सिम कार्ड उसमें लगा नीरू का सिम कार्ड बदल देता है ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऋतु : अरे ये फोन आप मुझे क्यो दे रहे हैं नीरू को ही पहुंचा दें।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज: ठीक है उसके ऑफिस ही पहुंचा दूंगा और फिर नीरज कुछ देर आराम करता है और फिर करीब 11 बजे वो घर से निकल जाता है और सीधा नीरू के आफिस पहुंचता है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : ये लो नीरू तुम्हारा फोन ठीक हो गया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : थैक्स जीजाजी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : अच्छा अब मैं चलता है लेकिन एक बार तुम फोन चैक कर लो।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : फोन देखती है उसे सभी फंक्शन सही करती से काम करते हुए दिखाई देते हैं। वो कहती है जीजाजी फोन ठीक तरह से काम कर रहा है। इसके बाद नीरज वहां से चला जाता है। करीब तीन घंटे बाद नीरू का फोन नीरज के पास आता है नया नम्बर था इसलिए पहले नीरज समझ नहीं पाया किसका फोन है। लेकिन आठ दस घंटी बजने के बाद वो फोन उठता है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : हैलो कौन[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : जीजाजी वो फोन सिम काम नहीं कर रही है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : क्या सिम निकाल कर दुबारा इसर्ट करके देखा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : जीजाजी लगता है सिम में दिक्कत है क्योंकि मैंने अपनी दोस्त की सिम इस्तेमाल की तो वो फोन में काम कर रही है लेकिन मेरी सिम काम नहीं कर रही।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : लगता है सिम में ही कोई दिक्कत होगी एक काम कीजिए आपके घर के पास में ही कोई शॉप होगी आप वहां से सिम चेंज करवा लें।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : ठीक है देखती हूं और नीरू सिम चेंज करवाने के लिए पास में ही बने कंपनी के सर्विस सेंटर पर जाती है.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सेल्समैंन : मैडम ये सिम तो खराब है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : जी ये फोन मेंं काम नहीं कर रहा है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सेल्समैन : मैडम आपको अपना आईडी देना होगा। वैसे इस सिम पर लिखा कोड भी नहीं दिख रहा है आप इसका नम्बर बताएंगी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : जी इसका नम्बर है 9XXXXX....[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सेल्समैन अपने सिस्टम में चैक करता है और कहता है कि मैडम ये नम्बर तो कोई प्रशांत के नाम से है। उनका ही आईडी कार्ड देना होगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : जी वो तो अभी मेरे पास में नहीं है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सेल्समैन : सॉरी मैम आपको ऐसे ये सिम नहीं मिल पाएगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू वहां से वापस आती है और नीरज को अपनी प्रोब्लम बताती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : एक काम करो अभी कोई दूसरा नम्बर शुरू करवा लो में इस नम्बर की कोई जुगाड लगाता हूं।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू तो नीरज से बात ही नहीं करना चाहती थी लेकिन मजबूरी में कभी कभी उसे बात करना पड़ रही थी। और नीरज इसका फायदा उठाने की सोच रहा था। लेकिन उसे मालूम था कि नीरू अब इतनी आसानी से उसके हाथ नहीं आएगी। नीरू नया नम्बर एक्टीवेट करवा लेती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज अपनी साजिश में कामयाब हो चूका है, अब प्रशांत के लिए नीरू से बात करना भी बेहद मुश्किल हो गया था। पहला तो वो उस दिन फ़ोन ार हुई बात से ये मान चुका था कि नीरू और नीरज के सेक्स सम्बंध बन चुके हैं। दूसरा नीरू का नम्बर अब बदल गया था जो प्रशांत के पास नहीं था। इसका फायदा नीरज उठता भी है उसने नीरू का पुराना नम्बर बंद नहीं किया था बल्कि एक नया फोन लेकर उसमें उस सिम को चालू रखा था। और अब ज्यादातर नीरज उसी नम्बर से प्रशांत से बात करता था और बात करने के बाद फोन स्विच आफ कर देता था। जिससे प्रशांत के मन में नीरज और नीरू को लेकर शक और मजबूत होता चला जाता है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वक्त बीतता जा रहा था। कनाडा में प्रशांत परेशान था जिस कारण अब वो शाम को रोज शराब पीने लगा था। दूसरी ओर नीरज की तमाम कोशिशों के बावजूद नीरू उससे ज्यादा बात करने को तैयार नहीं होती थी। सिर्फ काम की ही बात करती थी। बाकी का नीरज के सवालों का जवाब हां और ना में ही देती थी। नीरू की डिलेवरी का समय धीरे धीरे नजदीक आता जा रहा था। दूसरी ओर ऋतु परेशान थी कि इस बात को लेकर कि प्रशांत को पता है कि नीरू की डिलेवरी का समय आ चुका है वो न तो मिलने के लिए आ रहा है और ना ही फोन कर रहा है। फोन करता भी है तो नीरू के चरित्र पर शक ही करता है। जबकि नीरू उस घटना के बाद से खुद को भी कसूरवार मानने लगी थी। तय वक्त पर नीरू को अस्पताल में एडमिट होना पड़ता है और वो एक लडके को जन्म देती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऋतु : मुबारक हो नीरू लडका हुआ है और इसकी शक्ल बिल्कुल प्रशांत से मिलती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : फीकी मुस्कान से थैक्स दीदी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऋतु : वैसे प्रशांत को पता है कि तुम कभी भी मां बन सकती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : पता नहीं दीदी ढाई महीने से तो उसका फोन भी नहीं आया है और न ही वो कभी मिलने के लिए आया। आफिस के पास जो घटना घटी थी उसके बाद मैंने प्रशांत को फिर कभी अपने आफिस के इर्दगिर्द नहीं देखा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऋत : हां वैसे उस दिन प्रशांत के साथ गलत हुआ था किसी को उस पर हाथ उठाने का क्या अधिकार था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू : दीदी मैं भी नहीं चाहती थी कि बात इतनी आगे बढ़े मैं तो खुद सन्न रह गई थी। मैं समझ ही नहीं पाई थी कि हुआ क्या है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऋतु : चलो अब पुरानी बातें भूलों और अपने बच्चे को अपनी गोद में लो।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरू बच्चों को देखती है और उसकी में खो जाती हैं। नीरू आफिस के बाद अब अपने बच्चे में ही डूबी रहती थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दूसरी ओर प्रशांत को कनाडा गए अब एक साल हो चुका था। प्रशांत के चेहरे में इन एक साल में बहुत बदलाव आ गया था। हमेशा क्लीन सेव रहने वाले प्रशांत के चेहरे पर घनी और बडी दाढ़ी और मूछे उग आई थी। आंखों में चश्मा भी लग गया था। लगातार जिम जाने से उसकी बॉडी भी अच्छी बन गई थी। वो किसी बॉडी बिल्डर जैसा दिखाई देने लगा था। कोई यदि उसे देखे तो पहली नजर में पहचान भी न सके।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत ने कई बार नीरू को फोन लगाया था। लेकिन हमेशा नीरू का फोन स्विच ऑफ ही मिलता था। उसका मन बैचेन हो रहा था। उसे पता था कि नीरू अब उसके बच्चे की मां बन चुकी होगी। लेकिन क्या नीरज और नीरू के बीच में अब संबंध पूरी तरह से बन चुके होंगे। ये वो सवाल था जो प्रशांत को बेचैन किए हुए था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत ने एक बार नीरू को फोन लगाया तो नीरज ने ही उठाया क्योंकि नंबर उसे के पास ही था और उसे बताया नीरू को बेटा हुआ है और नीरज ने प्रशांत को बेटा होने पर बधाई दी. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : प्रशांत बधाई हो तुम्हे बेटा हुआ है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : थैंक यू जीजा जी ओह ! सॉरी नीरज जी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज: कोई बात नहीं और बोलो कैसे फ़ोन किया आज बहुत दिनों बाद[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : नहीं मैंने तो बहुत बार फ़ोन लगाया था पर लगता ही नहीं है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : हाँ पीछे फ़ोन ख़राब हो गया था नीरू का .. और फिर उसे फ़ोन की कोई ख़ास जरूरत भी नहीं थी सो उसने ठीक भी नहीं करवाया क्योंकि अब वो हमारे ही पास रहती है और ऑफिस से भी प्रेगनेंसी की छुट्टी ले रखी है ,,[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : अरे नीरज जी वो बेटा कब हुआ मुझे अंदाजा है अब वो महीने से ऊपर का हो गया होगा[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : बिलकुल ठीक अंदाजा है तुम्हारा एक महीने से ऊपर लगभग 40 दिन का हो गया है .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और फिर नीरज प्रशांत को बच्चे के जन्म की सही डेट बता देता है, प्रशांत सोचता है आज अच्छा मौका है वो नीरू से बात कर माफ़ी भी मांग लेगा और शायद नीरू ख़ुशी के इस मौके पर उसे माफ़ भी कर दे.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : नीरज जी नीरू से बात हो सकती है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : एक तो नीरू तुम से बात नहीं करना चाहती दूसरा आज वो इस समय घर पर नहीं है और ऋतू के साथ डॉक्टर के पास गयी है बच्चे को टीके लगवाने है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : अच्छा ये तो बता दीजिये बेटे का क्या नाम रखा है नीरू ने[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : उसका नाम तो निशंक रखा है वैसे उसे सब छोटू कह कर बुलाते है .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : प्लीज जीजा जी उसकी फोटो ही भेज दीजिये[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : नहीं भेज सकता .. नीरू ने साफ़ मना किया है. नीरज प्रशांत को और तड़पाना चाहता है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : अच्छा ये ही बता दीजिये कैसा दीखता है ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : झूठ बोलते हुए बिलकुल नीरू जैसा गोरा और सुन्दर है .. और नीरू बोलती है .. अच्छा है इसकी शक्ल प्रशांत पर नहीं गयी नहीं तो मुझे उसकी याद दिलाता .. अब मुझे प्रशांत से नफरत हो गयी है .. भगवान करे इसकी आदते भी प्रशांत जैसी न हो और शक करने की आदत तो बिलकुल न ही हो .. इसीलिए उसका नाम निशंक रखा है .. जानते हो इसका मतलब होता है जिसे किसी प्रकार की शंका या डर न हो.. उसे अब तुमसे इतनी नफरत है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : अच्छा जीजा जी एक काम कर दीजियेगा .. कुछ सामान भेज दूंगा निशंक के लिए प्लीज आप उसे दे देना ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : नहीं दे सकता ..अगर उसे पता चाहेगा तुमने भेजा है तो वो मुझे भी सामान के साथ बाहर निकाल देगी और हमे भी छोड़ कर चली जायेगी ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्रशांत : अच्छा फिर आप कुछ और कह कर दे देना .. आपके किसी दोस्त ने भेजा है .. और जीजा जी अगर कभी उसका मूड ठीक हो तो उससे प्लीज मेरी बात करवा देना और मेरी तरफ से बधाई दे देना[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीरज : ठीक है कोशिश करूँगा अच्छा बंद करो लगता है नीरू और ऋतू वापिस आ रहे है अगर उन्हें पता लगा की मैं तुमसे बात कर रहा था तो मुझ पर नीरू गुस्सा हो जायेगी ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद नीरज फ़ोन काट देता है ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी[/font]